मैं मर्दों को नंगा रखती हूँ .
यार मुझे मर्द हमेशा नंगे नंगे ही अच्छे लगते है . मैं बड़ा एन्जॉय करती हूँ जब मैं नंगे मर्दों को देखती हूँ . उनका जिस्म देखती हूँ . उनकी छाती देखती हूँ . उनकी तंदुरस्ती देखती हूँ . उनके लण्ड देखती हूँ . लण्ड का सुपाडा देखती हूँ .पेल्हड़ देखती हूँ . झांटे देखती हूँ . उनकी गांड भी देखती हूँ . ये सब तो मुझे दूर से दिखाई पड़ जाते है . पर जब मैं नजदीक से देखती हूँ तो पूरे जिस्म पर हाथ फेर कर देखती हूँ . छाती के बालों पर ऊँगलियाँ फिराती हूँ . झांटों पर ऊँगलियाँ फिराती हूँ . चूतडों पर गांड पे हाथ फेरी हूँ . जाँघों पर हाथ रगडती हूँ . गाल चूमती हूँ . होठ चोमती हूँ . लण्ड पर तो सबसे ज्यादा ध्यान देती हूँ . लण्ड पकड़ पकड़ कर देखती हूँ तो मज़ा आता है . हिला हिला कर देखती हूँ . चारों तरफ से घुमा घुमा कर कर देखती हूँ . पेल्हड़ भी सहला सहला कर मज़ा लेती हूँ . लण्ड चूमती हूँ पेल्हड़ चूमती हूँ . मैं वाकई बड़ी मस्ती करती हूँ मर्दों के साथ .
मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है खड़ा लण्ड पकड़ना ? मेरे सामने अगर कोई टन टनाता हुआ लण्ड खड़ा हो , तो फिर मैं सारी दुनिया भूल जाती हूँ और उसे पकड़ कर प्यार करने लगती हूँ . उसको पुचकारती हूँ . उसकी खूब चुम्मी लेती हूँ . उसे अपने पूरे चेहरे पर घुमाती हूँ . अपनी मस्त चूंचियों की शैर कराती हूँ . और फिर चुपके चुपके अपनी चूत तक ले जाती हूँ .
मर्दों के साथ मैं भी नंगी रहती हूँ . मैं घर में न किसी मर्द को कपडे पहनने देती हूँ और न खुद पहनती हूँ . मेरे कॉलेज के जितने लड़के मेरे घर आते है मैं पहले उन्हें नंगा करती हूँ . उनके लण्ड पकड़ती हूँ फिर उनकी बात सुनती हूँ . मुझे लण्ड पकडे पकडे बात चीत करना बड़ा अच्छा लगता है . आप जब मेरे घर आयेंगे तो मैं आपका भी लण्ड पकड़ कर आप से बात करूंगी .
एक दिन मेरे घर में स्टीफेन नाम का एक लड़का आ गया . इसने अभी इसी साल एम् बी ए में एड्मीसन लिया है . लड़का बड़ा स्मार्ट है और सेक्सी भी लगता है . आते ही बोला मेम मुझे आपसे कुछ कहना है . मैंने कहा ठीक है पहले अपने कपडे उतारो ? वह मेरी नियत को समझ नहीं पाया और अपनी कमीज उतार दी . मैंने कहा पैन्ट भी उतारो . पहले तो वह थोड़ा झिझका फिर मेरे कहने पर उतार दिया . मैं उसे सामने सोफे पर बैठी थी . उसकी चड्ढी के ऊपर से उसके लण्ड का उभार मैं बड़े मन से देखने लगी . उस पर अपना हाथ फेरा तो वह थोड़ा सकपका गया . मैंने कहा डरो नहीं यार मैं तुम्हे प्यार करती हूँ . मैं तुम्हारा सब काम कर दूँगी पर मुझे पहले अपना काम करने दो . मैंने अपनी दोनों चूंचियाँ खोल दी . फिर धीरे से अपना पेटीकोट भी खोल दिया . वह मेरी चूंची के अलावा मेरी चूत भी देखने लगा . फिर मैंने झट्ट से उसकी चड्ढी नीचे घसीट दी . उसका लौड़ा टन टना कर मेरे सामने आ गया .
मैंने उसे पकड़ा और बोली वाओ, कितना शैतान है तेरा लौड़ा ? कितना मस्त है तेरा लण्ड ? यार इतना बढ़िया लण्ड तुम अभी तक मुझसे छुपा कर बैठे थे . मैंने लण्ड चूमा और बोली हां अब कहो तुम क्या कहना चाहते हो . मैंने उसे अपने बगल में बैठाया और उसका लण्ड सहलाते हुए बात करने लगी . वह भी मेरी चूंचियाँ दबाते हुए बतलाने लगा .
वह बोला :- मेम मैं आपसे इंग्लिश पढ़ना चाहता हूँ . मेरी अंग्रेजी बहुत कमजोर है .
मैंने कहा :- ठीक है शाम को आया करो मैं पढ़ा दिया करूंगी . पर तुम्हे नंगे नंगे ही पढना पड़ेगा . और मैं भी नंगी नंगी ही पढ़ाऊंगी .
उसने हां कर दी . मुझे मस्ती आने लगी . मैंने लौड़ा मुह में लिया और चपर चपर चाटने लगी . चूसने लगी . बार बार सुपाडा मुह में लेती और बाहर निकालती . स्टीफेन थोड़ा सिस्याने लगा . मैं समझ गयी की इसे भी मज़ा आ रहा है .मैं फिर लण्ड का सडका लगाने लगी . मुझे मुठ्ठ मारने में बड़ा मज़ा आता है . मैं गचागच लण्ड को ऊपर नीचे करने लगी और गाली बकने लगी ., साले तेरी माँ की चूत ? मैं बहन चोद तेरा निकाल लूंगी तेल ? मैं मारूंगी तेरी गांड भोषडी के ? अब तुम रोज़ रोज़ आना और मेरी चूत की शैर करना ? आज तो मैं तेरा मक्खन खा कर रहूंगी साले माँ के लौड़े ? और जब वह झड़ने लगा तो मैं मुह फैलाकर सारा मक्खन खा गयी . मुझे लण्ड का स्वाद लाजबाब लगा .
उसके बाद वह आने लगा और मैं हर दिन उसका लण्ड पकड़ने लगी .
मित्रों, मैं शिवानी हूँ, २६ साल की एक मस्त हट्टी कट्टी खूबसूरत और सेक्सी बंगाली लड़की .
मेरे बूब्स बड़े बड़े है . मेरे चूतड़ बड़े बड़े है और गांड तो मेरी मटकती है जब मैं चलती हूँ . आगे से चूंचियाँ हिला हिला कर चलती हूँ तो लडको के लण्ड खड़े होने लगते है . मैं मुबई की पढ़ी हुई हूँ और अपने स्टूडेंट - लाईफ में बहुत एन्जॉय किया है . बहुत शराब पिया है सिगरट पिया है और लण्ड पिया है . ये सब मैं आज भी पीती हूँ . कोई ऐसा लड़का नहीं था जिसका लण्ड मैंने पकड़ा न हो ? तभी से मेरी आदत लण्ड पकड़ने की हो गयी है . मैं मन ही मन सोच रही थी की मुझे कोई ऐसी नौकरी मिले जिसमे मुझे लण्ड पकड़ने का खूब मौका हो ? तब मेरे दिमाग में आया की मैं कॉलेज की टीचर हो जाती हूँ . मुझे तभी लडको के लण्ड पकड़ने का मौका मिलता रहेगा . हर साल नये नये लण्ड ? कितना मज़ा आया करेगा ? और मैने इसी तरफ कोशिश की . आज मैं कामयाब हूँ . असली बात यह है की मैं चुदवाती कम हूँ लण्ड का सड़का ज्यादा लगाती हूँ .
चुदवाने में समय भी ज्यादा लगता है और एकांत जगह की भी ज्यादा जरुरत पड़ती है . मुठ्ठ मारने में न तो ज्यादा समय लगता है और न ही किसी खास जगह की जरुरत पड़ती है .
बस पैन्ट की जिप खोली और घुसेड दिया हाथ पकड़ लिया लण्ड ? धीरे धीरे हिलाने सहलाने लगी . जब खड़ा हो गया लण्ड तो मार दिया फ़चाफ़च सड़का और चाट लिया बहन चोद का सारा मक्खन ?
मैं कभी कभी क्लास में बैठे बैठे लड़कों के लण्ड पकड़ लेती थी . इसीलिए मेरे क्लास के लड़के पैन्ट के नीचे कुछ नहीं पहनते थे . मुझे लण्ड पकडाने के लिए मेरे अगल बगल ही बैठा करते थे . कभी कभी तो मैं दोनों हाथ में लण्ड लेकर मज़ा करती थी . मुझे नंगे लड़के तभी से बहुत अच्छे लगने लगे ?
मेरी कॉलोनी में एक रमजान अंकल रहते है . मैं उन्हें अच्छी तरह जानती हूँ . उनसे खूब बोलती हूँ और कभी कभी हंसी मजाक भी कर लेती हूँ . मैं तो बिलकुल नंगी थी घर में . मैंने जल्दी से एक पेटीकोट पहन लिया . एक दुपट्टा गले में माला की तरह डाल कर दरवाजा खोल दिया . मेरी चूंचियाँ बिलकुल आज़ाद थी. आते ही बोले शिवानी मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ . मैंने कहा बैठो मैं अभी करती हूँ .मैं भी बगल के सोफे पर बैठ गयी . मैंने कहा :- अंकल अपनी पैन्ट खोलो ?
वह बोला :- कैसी बातें कर रही हो शिवानी ?
मैंने कहा :- अंकल बातें तो मैं बाद में करूंगी . पहले अपनी पैन्ट खोलो कमीज खोलो .
खैर मेरे कहने पर उसने खोल दी .
मैं आगे बढ़ी और उसके लण्ड को ऊपर से दबा कर बोली :- अब इस भोषडी वाले लण्ड को भी खोलो ?
वह बोला :- अरे शिवानी क्या हो गया है तुम्हे ?
मैंने कहा :- मुझे नहीं अंकल मेरी जवानी को कुछ हो गया है . मैं मर्दों को नंगा करके उनसे बात करती हूँ . मैं मर्दों के लण्ड पकड़ कर उनसे बात करती हूँ . अगर तुम्हे मुझसे बात करना है तो मैं तुम्हारा लण्ड पकड़ कर ही तुमसे बात करूंगी .
वह मान गया . मैंने जब उसका लौड़ा देखा तो मेरी आँखे खुल गयी .
इतना बड़ा लण्ड मैं पहली बार देख रही थी . मेरे मुह से निकला :- बाप रे बाप, अंकल तेरा बहन चोद इतना बड़ा लण्ड है ? इतना मोटा ताज़ा लौड़ा ? ये तो किसी का भोषडा फाड़ देगा ?
मेरे पकड़ते ही और मेरी सेक्सी बातें सुनकर लण्ड बढ़ने लगा . झांटे थी नहीं ? उसका सुपाड़ा ही मादर चोद ४" का था . मेरी एक मुठठी में लण्ड आ ही नहीं रहा था . मैंने उसे दोनों हाथों से पकड़ा उसे चूमा और बोली हां अंकल अब बताओ क्या कहना चाहते हो ? वो बोला मेरा एक किरायेदार है आरिफ उसे तुम्हारे कॉलेज में दाखिला चाहिए . तुम उसे सारे डाकुमेंट्स देख लो और उसको एडमिट कर लो . मैंने कहा इतवार को उसे मेरे पास भेज देना मैं देख कर उसका काम कर दूँगी .
इतने में अंकल ने मेरा पेटीकोट खोल डाला मैं एकदम नंगी हो गयी . मैं उसे बेड रूम ले गयी और पटक दिया उसे बिस्तर पर . चढ़ बैठी मैं उसके ऊपर . उसका लौड़ा हिला हिला कर उसे मस्त करने लगी . मैंने लण्ड अपनी दोनों गदेलियों के बीच रखा और मथानी की तरह मथने लगी . लण्ड बहन चोद हिनहिनाने लगा . मुझे जोश आ गया और मैं लण्ड पर चढ़ बैठी . मैं कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी . मैंने कहा माँ के लौड़े भोषडी के अंकल आज मैं तेरी माँ चोदूंगी . बहुत दिनों के बाद मुझे एक मरदाना लौड़ा मिला है . आज तो मैं अपनी बुर फड़वा कर ही तुझे जाने दूँगी . वह बोला हां हां शिवानी आज मैं तेरी बुर के चीथड़े उडा दूंगा . मैं तो बहुत दिनों से तुझे चोदने की सोच रहा था . मैं जब जब तेरी चूंचियाँ देखता था तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था . आज मैं इस मादर चोद चूंची की माँ चोदूंगा ? थोड़ी देर में मैंने कहा अब बहन के लौड़े अंकल मुझे पीछे से चोदो . मुझे कुतिया की तरह चोदो ? मुझे घोड़ी की तरह चोदो ? मुझे गधी की तरह चोदो ? पर चोदो भकाभक ? मैं चुदवाये चली जा रही थी . उस दिन मुझे मालूम हुआ की मुस्लिम लण्ड चोदने में कितना अच्छा होता है और कितना मज़ा देता है . हां मुस्लिम लण्ड का मुठ्ठ मारने में थोड़ी दिक्कत होती है क्योंकि उसकी ऊपर की खाल नहीं होती ? मेरी चूत मुस्लिम लण्ड की दीवानी होती जा रही थी . आखिर में जब लण्ड झड़ने को आया तो मैंने मुह फैला दिया . क्या बात है इतना सारा मक्खन ? मेरे मुह में, मेरी चूंची पर, मेरी चूत पर ?
इतवार को आरिफ आ गया . मैंने उसे अन्दर किया और उसके सामने अपनी चूंची खोले हुए बैठ गई .
वह बोला :- मेम मैं सब डाकुमेंट्स ले आया हूँ . आप देख लीजिये ?
मैंने कहा :- मुझे अपने डाकुमेंट्स नहीं अपना लौड़ा दिखाओ ?
वह बोला :- अरे मेम ये आप क्या कह रही है ?
मैंने कहा :- मैं जो कह रही हूँ वो करो . मैं तेरा लण्ड देख कर तुझे एड्मिसन दूँगी . तुम तो मेरी चूंची देख रहे हो न और मुझे अपना लौड़ा दिखाने में तेरी गांड फट रही है . अच्छा लो मेरी चूत भी देख लो .
मैंने अपना पेटीकोट उसके सामने खोल कर फेंक दिया .
अब वह कपडे खोलने लगा . जब उसका लौड़ा बाहर आया तो मेरा हाथ अपने आप आगे बढा और लण्ड पकड़ लिया ? लण्ड खड़ा होने लगा ? मैंने आवाज़ दी शीला यहाँ आओ ? शीला नंगी नंगी आ गयी . उसे देख कर आरिफ का लौड़ा टन टना उठा ?
मैंने कहा :- ज़रा शेखर रोहित और ज़मील तीनो को बुलाओ ?
वे तीनो लड़के नंगे नंगे ही मेरे सामने आ गये . उन्हें देख कर मैंने कहा :- देखो आरिफ इन तीनो लडको को आज ही मैंने एडमिशन दिया है क्योंकि इनके लण्ड मुझे पसंद आ गये है .
मैं फिर बोली :- और तेरा लौड़ा भी मुझे पसंद है ? तूने कभी किसी की बुर चोदी है ?
वह बोला :- हां अपनी भाभी की बुर चोदी है .
मैंने फिर पूंछा :- और किस किस की चोदी है बुर ?
वह बोला :- अपनों खाला का भोषडा चोदा है, मेम ?
मैंने कहा :- इसका मतलब तुम चोदना जानते हो ? ठीक है पर आज मैं ज्यादा मारती हूँ चुदवाती कम हूँ . सड़का मारती हूँ . किसी और दिन तुमसे चुदवाऊँगी ? आज से जब भी मेरे घर आना तो फ़ौरन कपडे उतार कर नंगे हो जाना और नंगे नंगे ही घर में घूमना जैसे ये मादर चोद तीनो घूम रहे है . जाओ तुम भी उनमे शामिल हो जाओ . सबको ठीक से अपना लण्ड दिखाओ और सबके देखो .
शाम को मेरी कुलीग मिस रीता आ गयी . रीता भी मेरे कॉलेज में मेरे साथ पढ़ाती है . उसने आरिफ को नंगा देखा . दो तीन और लडको को नंगा देखा . वह समझ नहीं पायी की ये क्या हो रहा है ?
वह बोली :- यार शिवानी ये लोग नंगे क्यों है ?
मैंने कहा :- यार मुझे नंगे नंगे लोग बड़े पसंद है . मैं उनके लण्ड देखती हूँ तो मुझे बड़ा मज़ा आता है .
वह बोली :- तो फिर इनसे चुद्वाती भी होगी ?
मैंने कहा :- हां बिलकुल तो इसमें हर्ज़ ही क्या है ? हां मैं लण्ड पीती ज्यादा हूँ . मुठ्ठ ज्यादा मारती हूँ चुदवाती कम हूँ .
वह बोली :- यार लण्ड तो मुझे भी बहुत अच्छे लगते है . पर मैं चुदवाती ज्यादा हूँ मुठ्ठ कम मारती हूँ .
मैंने कहा :- तो तुम कब और कहाँ चुदवाती हो ?
वह बोली :- अपने कॉलेज के टीचरों से और सीनियर लडको से अपने घर में ही चुदवाती हूँ .
मैंने कहा :- यार मैं तो मर्दों को अपने घर में नंगा ही रखती हूँ . जब चाहती हूँ, चुदवा लेती हूँ नहीं तो सड़का मार देती हूँ .
रीता बोली :- हां यही तो मैं भी करती हूँ . मैं अभी अभी राबर्ट सर और विक्रांत सर से चुदवा कर आ रही हूँ . दोनों बड़ा मस्त चोदते है ?
मैंने कहा :- हां विक्रांत का लौड़ा थोडा टेढ़ा है न उससे चूत को खूब मज़ा आता है .
वह बोली :- तो तुम भी उससे चुदवाती हो ?
मैंने कहा :- मैं तो बहन चोद प्रिंसिपल से भी चुदवाती हूँ . उसका लण्ड छोटा है मगर मोटा सबसे ज्यादा है ? इतना मोटा लण्ड न किसी लड़के का है और न ही किसी टीचर का ?
रीता बोली :- तू तो भोषडी वाली मुझसे ज्यादा चालू निकली .
मैंने कहा :- सबसे ज्यादा चालू तो मेरी चूत है माँ की लौड़ी ? न खुद चैन से कभी बैठती है और न मुझे बैठने नहीं देती है ? उसे तो हर रोज़ कोई न कोई नया लण्ड चाहिए ?
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है खड़ा लण्ड पकड़ना ? मेरे सामने अगर कोई टन टनाता हुआ लण्ड खड़ा हो , तो फिर मैं सारी दुनिया भूल जाती हूँ और उसे पकड़ कर प्यार करने लगती हूँ . उसको पुचकारती हूँ . उसकी खूब चुम्मी लेती हूँ . उसे अपने पूरे चेहरे पर घुमाती हूँ . अपनी मस्त चूंचियों की शैर कराती हूँ . और फिर चुपके चुपके अपनी चूत तक ले जाती हूँ .
मर्दों के साथ मैं भी नंगी रहती हूँ . मैं घर में न किसी मर्द को कपडे पहनने देती हूँ और न खुद पहनती हूँ . मेरे कॉलेज के जितने लड़के मेरे घर आते है मैं पहले उन्हें नंगा करती हूँ . उनके लण्ड पकड़ती हूँ फिर उनकी बात सुनती हूँ . मुझे लण्ड पकडे पकडे बात चीत करना बड़ा अच्छा लगता है . आप जब मेरे घर आयेंगे तो मैं आपका भी लण्ड पकड़ कर आप से बात करूंगी .
एक दिन मेरे घर में स्टीफेन नाम का एक लड़का आ गया . इसने अभी इसी साल एम् बी ए में एड्मीसन लिया है . लड़का बड़ा स्मार्ट है और सेक्सी भी लगता है . आते ही बोला मेम मुझे आपसे कुछ कहना है . मैंने कहा ठीक है पहले अपने कपडे उतारो ? वह मेरी नियत को समझ नहीं पाया और अपनी कमीज उतार दी . मैंने कहा पैन्ट भी उतारो . पहले तो वह थोड़ा झिझका फिर मेरे कहने पर उतार दिया . मैं उसे सामने सोफे पर बैठी थी . उसकी चड्ढी के ऊपर से उसके लण्ड का उभार मैं बड़े मन से देखने लगी . उस पर अपना हाथ फेरा तो वह थोड़ा सकपका गया . मैंने कहा डरो नहीं यार मैं तुम्हे प्यार करती हूँ . मैं तुम्हारा सब काम कर दूँगी पर मुझे पहले अपना काम करने दो . मैंने अपनी दोनों चूंचियाँ खोल दी . फिर धीरे से अपना पेटीकोट भी खोल दिया . वह मेरी चूंची के अलावा मेरी चूत भी देखने लगा . फिर मैंने झट्ट से उसकी चड्ढी नीचे घसीट दी . उसका लौड़ा टन टना कर मेरे सामने आ गया .
मैंने उसे पकड़ा और बोली वाओ, कितना शैतान है तेरा लौड़ा ? कितना मस्त है तेरा लण्ड ? यार इतना बढ़िया लण्ड तुम अभी तक मुझसे छुपा कर बैठे थे . मैंने लण्ड चूमा और बोली हां अब कहो तुम क्या कहना चाहते हो . मैंने उसे अपने बगल में बैठाया और उसका लण्ड सहलाते हुए बात करने लगी . वह भी मेरी चूंचियाँ दबाते हुए बतलाने लगा .
वह बोला :- मेम मैं आपसे इंग्लिश पढ़ना चाहता हूँ . मेरी अंग्रेजी बहुत कमजोर है .
मैंने कहा :- ठीक है शाम को आया करो मैं पढ़ा दिया करूंगी . पर तुम्हे नंगे नंगे ही पढना पड़ेगा . और मैं भी नंगी नंगी ही पढ़ाऊंगी .
उसने हां कर दी . मुझे मस्ती आने लगी . मैंने लौड़ा मुह में लिया और चपर चपर चाटने लगी . चूसने लगी . बार बार सुपाडा मुह में लेती और बाहर निकालती . स्टीफेन थोड़ा सिस्याने लगा . मैं समझ गयी की इसे भी मज़ा आ रहा है .मैं फिर लण्ड का सडका लगाने लगी . मुझे मुठ्ठ मारने में बड़ा मज़ा आता है . मैं गचागच लण्ड को ऊपर नीचे करने लगी और गाली बकने लगी ., साले तेरी माँ की चूत ? मैं बहन चोद तेरा निकाल लूंगी तेल ? मैं मारूंगी तेरी गांड भोषडी के ? अब तुम रोज़ रोज़ आना और मेरी चूत की शैर करना ? आज तो मैं तेरा मक्खन खा कर रहूंगी साले माँ के लौड़े ? और जब वह झड़ने लगा तो मैं मुह फैलाकर सारा मक्खन खा गयी . मुझे लण्ड का स्वाद लाजबाब लगा .
उसके बाद वह आने लगा और मैं हर दिन उसका लण्ड पकड़ने लगी .
मित्रों, मैं शिवानी हूँ, २६ साल की एक मस्त हट्टी कट्टी खूबसूरत और सेक्सी बंगाली लड़की .
मेरे बूब्स बड़े बड़े है . मेरे चूतड़ बड़े बड़े है और गांड तो मेरी मटकती है जब मैं चलती हूँ . आगे से चूंचियाँ हिला हिला कर चलती हूँ तो लडको के लण्ड खड़े होने लगते है . मैं मुबई की पढ़ी हुई हूँ और अपने स्टूडेंट - लाईफ में बहुत एन्जॉय किया है . बहुत शराब पिया है सिगरट पिया है और लण्ड पिया है . ये सब मैं आज भी पीती हूँ . कोई ऐसा लड़का नहीं था जिसका लण्ड मैंने पकड़ा न हो ? तभी से मेरी आदत लण्ड पकड़ने की हो गयी है . मैं मन ही मन सोच रही थी की मुझे कोई ऐसी नौकरी मिले जिसमे मुझे लण्ड पकड़ने का खूब मौका हो ? तब मेरे दिमाग में आया की मैं कॉलेज की टीचर हो जाती हूँ . मुझे तभी लडको के लण्ड पकड़ने का मौका मिलता रहेगा . हर साल नये नये लण्ड ? कितना मज़ा आया करेगा ? और मैने इसी तरफ कोशिश की . आज मैं कामयाब हूँ . असली बात यह है की मैं चुदवाती कम हूँ लण्ड का सड़का ज्यादा लगाती हूँ .
चुदवाने में समय भी ज्यादा लगता है और एकांत जगह की भी ज्यादा जरुरत पड़ती है . मुठ्ठ मारने में न तो ज्यादा समय लगता है और न ही किसी खास जगह की जरुरत पड़ती है .
बस पैन्ट की जिप खोली और घुसेड दिया हाथ पकड़ लिया लण्ड ? धीरे धीरे हिलाने सहलाने लगी . जब खड़ा हो गया लण्ड तो मार दिया फ़चाफ़च सड़का और चाट लिया बहन चोद का सारा मक्खन ?
मैं कभी कभी क्लास में बैठे बैठे लड़कों के लण्ड पकड़ लेती थी . इसीलिए मेरे क्लास के लड़के पैन्ट के नीचे कुछ नहीं पहनते थे . मुझे लण्ड पकडाने के लिए मेरे अगल बगल ही बैठा करते थे . कभी कभी तो मैं दोनों हाथ में लण्ड लेकर मज़ा करती थी . मुझे नंगे लड़के तभी से बहुत अच्छे लगने लगे ?
मेरी कॉलोनी में एक रमजान अंकल रहते है . मैं उन्हें अच्छी तरह जानती हूँ . उनसे खूब बोलती हूँ और कभी कभी हंसी मजाक भी कर लेती हूँ . मैं तो बिलकुल नंगी थी घर में . मैंने जल्दी से एक पेटीकोट पहन लिया . एक दुपट्टा गले में माला की तरह डाल कर दरवाजा खोल दिया . मेरी चूंचियाँ बिलकुल आज़ाद थी. आते ही बोले शिवानी मैं तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ . मैंने कहा बैठो मैं अभी करती हूँ .मैं भी बगल के सोफे पर बैठ गयी . मैंने कहा :- अंकल अपनी पैन्ट खोलो ?
वह बोला :- कैसी बातें कर रही हो शिवानी ?
मैंने कहा :- अंकल बातें तो मैं बाद में करूंगी . पहले अपनी पैन्ट खोलो कमीज खोलो .
खैर मेरे कहने पर उसने खोल दी .
मैं आगे बढ़ी और उसके लण्ड को ऊपर से दबा कर बोली :- अब इस भोषडी वाले लण्ड को भी खोलो ?
वह बोला :- अरे शिवानी क्या हो गया है तुम्हे ?
मैंने कहा :- मुझे नहीं अंकल मेरी जवानी को कुछ हो गया है . मैं मर्दों को नंगा करके उनसे बात करती हूँ . मैं मर्दों के लण्ड पकड़ कर उनसे बात करती हूँ . अगर तुम्हे मुझसे बात करना है तो मैं तुम्हारा लण्ड पकड़ कर ही तुमसे बात करूंगी .
वह मान गया . मैंने जब उसका लौड़ा देखा तो मेरी आँखे खुल गयी .
इतना बड़ा लण्ड मैं पहली बार देख रही थी . मेरे मुह से निकला :- बाप रे बाप, अंकल तेरा बहन चोद इतना बड़ा लण्ड है ? इतना मोटा ताज़ा लौड़ा ? ये तो किसी का भोषडा फाड़ देगा ?
मेरे पकड़ते ही और मेरी सेक्सी बातें सुनकर लण्ड बढ़ने लगा . झांटे थी नहीं ? उसका सुपाड़ा ही मादर चोद ४" का था . मेरी एक मुठठी में लण्ड आ ही नहीं रहा था . मैंने उसे दोनों हाथों से पकड़ा उसे चूमा और बोली हां अंकल अब बताओ क्या कहना चाहते हो ? वो बोला मेरा एक किरायेदार है आरिफ उसे तुम्हारे कॉलेज में दाखिला चाहिए . तुम उसे सारे डाकुमेंट्स देख लो और उसको एडमिट कर लो . मैंने कहा इतवार को उसे मेरे पास भेज देना मैं देख कर उसका काम कर दूँगी .
इतने में अंकल ने मेरा पेटीकोट खोल डाला मैं एकदम नंगी हो गयी . मैं उसे बेड रूम ले गयी और पटक दिया उसे बिस्तर पर . चढ़ बैठी मैं उसके ऊपर . उसका लौड़ा हिला हिला कर उसे मस्त करने लगी . मैंने लण्ड अपनी दोनों गदेलियों के बीच रखा और मथानी की तरह मथने लगी . लण्ड बहन चोद हिनहिनाने लगा . मुझे जोश आ गया और मैं लण्ड पर चढ़ बैठी . मैं कूद कूद कर लण्ड चोदने लगी . मैंने कहा माँ के लौड़े भोषडी के अंकल आज मैं तेरी माँ चोदूंगी . बहुत दिनों के बाद मुझे एक मरदाना लौड़ा मिला है . आज तो मैं अपनी बुर फड़वा कर ही तुझे जाने दूँगी . वह बोला हां हां शिवानी आज मैं तेरी बुर के चीथड़े उडा दूंगा . मैं तो बहुत दिनों से तुझे चोदने की सोच रहा था . मैं जब जब तेरी चूंचियाँ देखता था तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था . आज मैं इस मादर चोद चूंची की माँ चोदूंगा ? थोड़ी देर में मैंने कहा अब बहन के लौड़े अंकल मुझे पीछे से चोदो . मुझे कुतिया की तरह चोदो ? मुझे घोड़ी की तरह चोदो ? मुझे गधी की तरह चोदो ? पर चोदो भकाभक ? मैं चुदवाये चली जा रही थी . उस दिन मुझे मालूम हुआ की मुस्लिम लण्ड चोदने में कितना अच्छा होता है और कितना मज़ा देता है . हां मुस्लिम लण्ड का मुठ्ठ मारने में थोड़ी दिक्कत होती है क्योंकि उसकी ऊपर की खाल नहीं होती ? मेरी चूत मुस्लिम लण्ड की दीवानी होती जा रही थी . आखिर में जब लण्ड झड़ने को आया तो मैंने मुह फैला दिया . क्या बात है इतना सारा मक्खन ? मेरे मुह में, मेरी चूंची पर, मेरी चूत पर ?
इतवार को आरिफ आ गया . मैंने उसे अन्दर किया और उसके सामने अपनी चूंची खोले हुए बैठ गई .
वह बोला :- मेम मैं सब डाकुमेंट्स ले आया हूँ . आप देख लीजिये ?
मैंने कहा :- मुझे अपने डाकुमेंट्स नहीं अपना लौड़ा दिखाओ ?
वह बोला :- अरे मेम ये आप क्या कह रही है ?
मैंने कहा :- मैं जो कह रही हूँ वो करो . मैं तेरा लण्ड देख कर तुझे एड्मिसन दूँगी . तुम तो मेरी चूंची देख रहे हो न और मुझे अपना लौड़ा दिखाने में तेरी गांड फट रही है . अच्छा लो मेरी चूत भी देख लो .
मैंने अपना पेटीकोट उसके सामने खोल कर फेंक दिया .
अब वह कपडे खोलने लगा . जब उसका लौड़ा बाहर आया तो मेरा हाथ अपने आप आगे बढा और लण्ड पकड़ लिया ? लण्ड खड़ा होने लगा ? मैंने आवाज़ दी शीला यहाँ आओ ? शीला नंगी नंगी आ गयी . उसे देख कर आरिफ का लौड़ा टन टना उठा ?
मैंने कहा :- ज़रा शेखर रोहित और ज़मील तीनो को बुलाओ ?
वे तीनो लड़के नंगे नंगे ही मेरे सामने आ गये . उन्हें देख कर मैंने कहा :- देखो आरिफ इन तीनो लडको को आज ही मैंने एडमिशन दिया है क्योंकि इनके लण्ड मुझे पसंद आ गये है .
मैं फिर बोली :- और तेरा लौड़ा भी मुझे पसंद है ? तूने कभी किसी की बुर चोदी है ?
वह बोला :- हां अपनी भाभी की बुर चोदी है .
मैंने फिर पूंछा :- और किस किस की चोदी है बुर ?
वह बोला :- अपनों खाला का भोषडा चोदा है, मेम ?
मैंने कहा :- इसका मतलब तुम चोदना जानते हो ? ठीक है पर आज मैं ज्यादा मारती हूँ चुदवाती कम हूँ . सड़का मारती हूँ . किसी और दिन तुमसे चुदवाऊँगी ? आज से जब भी मेरे घर आना तो फ़ौरन कपडे उतार कर नंगे हो जाना और नंगे नंगे ही घर में घूमना जैसे ये मादर चोद तीनो घूम रहे है . जाओ तुम भी उनमे शामिल हो जाओ . सबको ठीक से अपना लण्ड दिखाओ और सबके देखो .
शाम को मेरी कुलीग मिस रीता आ गयी . रीता भी मेरे कॉलेज में मेरे साथ पढ़ाती है . उसने आरिफ को नंगा देखा . दो तीन और लडको को नंगा देखा . वह समझ नहीं पायी की ये क्या हो रहा है ?
वह बोली :- यार शिवानी ये लोग नंगे क्यों है ?
मैंने कहा :- यार मुझे नंगे नंगे लोग बड़े पसंद है . मैं उनके लण्ड देखती हूँ तो मुझे बड़ा मज़ा आता है .
वह बोली :- तो फिर इनसे चुद्वाती भी होगी ?
मैंने कहा :- हां बिलकुल तो इसमें हर्ज़ ही क्या है ? हां मैं लण्ड पीती ज्यादा हूँ . मुठ्ठ ज्यादा मारती हूँ चुदवाती कम हूँ .
वह बोली :- यार लण्ड तो मुझे भी बहुत अच्छे लगते है . पर मैं चुदवाती ज्यादा हूँ मुठ्ठ कम मारती हूँ .
मैंने कहा :- तो तुम कब और कहाँ चुदवाती हो ?
वह बोली :- अपने कॉलेज के टीचरों से और सीनियर लडको से अपने घर में ही चुदवाती हूँ .
मैंने कहा :- यार मैं तो मर्दों को अपने घर में नंगा ही रखती हूँ . जब चाहती हूँ, चुदवा लेती हूँ नहीं तो सड़का मार देती हूँ .
रीता बोली :- हां यही तो मैं भी करती हूँ . मैं अभी अभी राबर्ट सर और विक्रांत सर से चुदवा कर आ रही हूँ . दोनों बड़ा मस्त चोदते है ?
मैंने कहा :- हां विक्रांत का लौड़ा थोडा टेढ़ा है न उससे चूत को खूब मज़ा आता है .
वह बोली :- तो तुम भी उससे चुदवाती हो ?
मैंने कहा :- मैं तो बहन चोद प्रिंसिपल से भी चुदवाती हूँ . उसका लण्ड छोटा है मगर मोटा सबसे ज्यादा है ? इतना मोटा लण्ड न किसी लड़के का है और न ही किसी टीचर का ?
रीता बोली :- तू तो भोषडी वाली मुझसे ज्यादा चालू निकली .
मैंने कहा :- सबसे ज्यादा चालू तो मेरी चूत है माँ की लौड़ी ? न खुद चैन से कभी बैठती है और न मुझे बैठने नहीं देती है ? उसे तो हर रोज़ कोई न कोई नया लण्ड चाहिए ?
०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०=०= समाप्त
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