मैं इस लण्ड से चुदूँगी-1
रोमा शर्मा
एक बार फिर मैं आप के सामने अपनी एक बहुत ही हसीन आपबीती लेकर उपस्थित हुई हूँ। आशा करती हूँ, आप लोगों को पसंद आएगी।
आप सबने मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ी और उन कहानियों को आप लोगों ने बहुत पसंद किया, मुझे बहुत अच्छा लगा, उसके लिए मैं आप सभी का आभार प्रकट करती हूँ।
मेरी कहानियाँ पढ़ मुझे आप पाठकों के बहुत मेल आये, मुझे अच्छा लगा लेकिन एक मेल ऐसा था जिसने मुझे बहुत प्रभावित किया वो मेल था अनुराग शर्मा का।
उसने मेल में मेरी बहुत तारीफ की और मुझे से मिलने की अपनी इच्छा प्रकट की पर मैंने उसे मेल कर के साफ साफ मना कर दिया। पर उसके मेल आते रहें, वो अपने हर मेल में मेरी तारीफ करता और मिलने को कहता।
उस यूँ मेरी तारीफ करना बहुत अच्छा लगने लगा और हम रोज घंटों चैट पर बात करने लगे।
वो मुझसे चैट में सेक्सी बातें करता !
पता नहीं उसकी बातों में एक अलग ही नशा था जो मुझे उसकी तरफ खींचता था।
एक दिन उसने मुझे कुछ अपनी और अपने लंड की फोटो भेजी। मैंने उसकी फोटो देखी तो वो दिखने में तो थोड़ा सांवला सा था और थोड़ा मोटा था पर उसका लंड देख कर मैं हैरान रह गई, उसका लंड काफी मोटा और लम्बा था।
मैंने उसे मेल कर के पूछा- क्या सच में यह तुम्हारी ही फोटो है? मुझे यकीन नहीं है कि यह तुम्हारी ही फोटो है।
तब उसने मुझे अपने फेस के साथ कुछ और फोटो मेल की, तब जाकर मुझे यकीन हुआ कि यह उसी की फोटो है, सच में उसका लंड देखकर तो मैं उसकी दीवानी हो गई, मन तो कर रहा था कि अभी उसे अपनी चूत में घुसवा लूँ।
उसका लंड देख कर अब मेरी इच्छा उससे चुदने की करने लगी थी।
मैंने भी अब मन बना लिया, मैं इस लण्ड से चुदूँगी।
तब उसका एक और मेल आया- प्लीज़ रोमा, मुझसे एक बार मिल लो।
उसने मुझे बहुत रिक्वेस्ट की तो मैंने भी उससे मिलने के लिए हाँ कर दी।
फिर उसने मुझे से मेरा मोबाइल नम्बर लिया और हमने फ़ोन पर सब तय किया कि कहाँ, कैसे और कब मिलना है।
उसने मेरे शहर के सबसे बड़े होटल में एक कमरा बुक किया हुआ था।
मैं यहाँ अपने शहर और होटल का नाम नहीं बता सकती।
उसने मुझसे कहा- रोमा, तुम्हें मेरे साथ एक रात रुकना होगा, उसके बदले तुम जो कहोगी, मैं तुम्हारे लिए करूँगा।
मैंने उसे कहा- नहीं, मैं रात में तुम्हारे साथ रुक सकती ! घर में क्या कहूँगी?
पर वो बार बार कहने लगा- नहीं, तुम्हें रात भर रुकना होगा, तुम घर में कोई भी बहाना बना देना कि तुम्हें किसी फ्रेंड के घर जाना है।
थोड़े नखरे करने के बाद मैंने उसे इसके लिए भी हाँ कर दी।
हमने जो दिन तय किये थे मिलने का उस दिन करीब शाम 4 बजे उसका फ़ोन आया, उसने मुझसे कहा- रोमा, मैं होटल पहुँच गया हूँ, तुम कब मुझसे मिलने आओगी?
तब मैंने उससे कहा- मैं अभी 1 घंटे में होटल पहुँचती हूँ।
फिर मैं तैयार हुई और घर में मम्मी को कहा- मम्मी, आज मुझे कॉलेज का एक असाइनमेंट बनाना है तो आज रात मैं अपनी फ्रेंड के घर ही रहूंगी।
और मैं घर से निकल गई।
होटल पहुँच कर मैंने अनुराग को फ़ोन किया, बताया कि मैं होटल आ गई हूँ।
उसने मुझसे कहा- तुम बाहर ही रुको, मैं आता हूँ।
फिर वो आया और हम होटल के कमरे में गए, कमरे में जाते ही उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और अचानक अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर बेतहाशा चूसने लगा।
उसके अचानक यूँ चूमने से में थोड़ी घबरा गई और मैं उसके बदन को अपने हाथ से दूर हटाने लगी पर मैं अनुराग की मजबूत बाँहों में कसती जा रही थी, मैं अपने आपको छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
अब तक उसका हाथ मेरे मम्मों तक पहुँच चुका था।
‘ओह्ह… अनुराग मेरे मम्मे ऐसे मसल रहा है जैसे मैं इसकी बीवी हूँ।’
मैंने उसे धक्का मारा और मेरे मुँह से आवाज निकली- छोड़ो मुझे… क्या कर रहे हो?
तब उसने मुझे छोड़ दिया।
मैंने उसे कहा- थोड़ा तो सब्र करो, मैं रात भर तुम्हारे साथ रहूँगी, इतने उतावले क्यूँ हो रहे हो?
मैंने उससे कहा- चलो कहीं बाहर चलते हैं।
तो फिर हम मॉल गए, वहाँ अनुराग ने मुझे कुछ शॉपिंग कराई, फिर अनुराग मुझे कहने लगा- रोमा, चलो अब होटल चलते हैं, मुझसे अब सब्र नहीं होता। और तुम्हारे लिए एक सप्राइज़ भी है।
तब मैंने उससे कहा- मुझे बहुत भूख लग रही है, पहले हम खाना खा लेते हैं। फिर रात भर तो मैं तुम्हारे ही साथ हूँ।
हम होटल पहुँचे और होटल के ही रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए गए।
खाना खाने के बाद रूम में जाकर मैंने अनुराग से पूछा- क्या सप्राइज़ है?
तब उसने अपना बैग खोला और उसमें से लाल रंग की एक साड़ी निकाल कर मेरे हाथों में दी और कहने लगा- रोमा, मैं तुम्हें इस साड़ी में देखना चाहता हूँ, मैं तुम्हारे साथ सुहागरात मनाना चाहता हूँ। तुम मेरा यह सपना पूरा कर दो।
साड़ी के साथ उसने मुझे लाल रंग की ब्रा-पेन्टी भी दी तो मैंने उसे कहा- ठीक है, मैं तैयार हो जाती हूँ पर तुम्हें इसके लिए कुछ देर के लिए रूम के बाहर जाना होगा, मैं जब तैयार हो जाऊँगी तो मैं तुम्हें फ़ोन कर दूँगी, तो तुम आ जाना।
तैयार होने के बाद मैंने अनुराग को फ़ोन किया तो वो भागा भागा आया।
मैंने रूम का दरवाजा खुला ही छोड़ रखा था, मैं बिस्तर पर बैठी हुई थी, वो रूम के अंदर आया और दरवाजे को लॉक कर दिया।
फिर मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा- रोमा, तुम बहुत सुन्दर लग रही हो।
फिर अनुराग ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे होंटों पर अपने होंठ रख कर उन्हें चूमने लगा।
उसके इस तरह मुझे चूमने से में भी अब गर्म होने लगी थी और उसका साथ देने लगी।
अब अनुराग के हाथ धीरे धीरे मेरे बूब्स को सहलाने लगे थे। कुछ देर बूब्स सहलाने का बाद अनुराग से रहा नहीं गया तो उसने मेरी साड़ी का पल्लू हटाया और मेरे ब्लाउज़ को खोल दिया और कहने लगा- रोमा, तेरे बूब्स तो एकदम तने हुए टाइट और मस्के की तरह मुलायम हैं।
मेरे बूब्स के निप्पल टाइट हो गए थे।
अनुराग जोर जोर से मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, चूमने लगा और कहने लगा- साली, क्या बूब्स है तेरे… बहुत मजा आ रहा है इन्हें दबाने में !
मैं अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और मैंने अनुराग की पैंट की ज़िप खोली और उसका लंड बाहर निकाल कर जोर जोर से हिलाने लगी।
उसका लंड काफी गर्म था, मैंने आपको पहले ही बताया था कि उसका लंड कहीं मोटा और लम्बा है। मैं उसका लंड देख नहीं पा रही थी पर महसूस कर रही थी।
कुछ देर बाद मैंने उसे अपने से अलग किया, कहा- तुम अपने कपड़े उतार दो।
तो अनुराग कहने लगा- रोमा तुम खुद ही उतार दो मेरे कपड़े!
तो मैंने उसकी शर्ट उतार दी और नीचे बैठ कर मैंने उसकी पैंट और अंडरवीअर और एक ही झटके में निकाल दी।
जैसे ही मैंने पैंट और अंडरवीअर उतारी, उसका फड़कता हुआ लंड मेरे चेहरे पर आकर लगा।
इससे पहले कि अनुराग कुछ कहे, मैंने उसके लंड को पकड़ ली और उसे हिलाना शुरू कर दिया।
फिर अनुराग से रहा नहीं गया तो उसने मुझे लंड चूसने को कहा।
मैं भी देर न करते हुए उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
अब अनुराग के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी, वो कहने लगा- कितना मज़ा आ रहा है !
मैं लंड चूस रही थी और वो कहे जा रहा था- जोर से चूसो रोमा… जोर जोर से चूसो!
मैं इतनी मस्त चुसाई कर रही थी कि अनुराग कहने लगा- रोमा, मैं झड़ने वाला हूँ।
तो मैंने उसे कहा- मेरे मुँह में ही अपना सारा रस निकाल दो !
उसने मेरे मुँह कस कर पकड़ लिया और पूरे जोश के साथ अपना सारा रस मेरे मुँह डाल दिया, कुछ बूँदें उसने मेरे चेहरे पर भी गिराई।
मैं बड़े प्यार से उसके रस पी गई और मैंने कहा- अनुराग, मैंने आज तक ऐसा रस नहीं पिया है।
मैं बाथरूम जाने के लिए खड़ी हुई तो..
कहानी जारी रहेगी..
Main Is Lund Se Chudungi-1
अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार।एक बार फिर मैं आप के सामने अपनी एक बहुत ही हसीन आपबीती लेकर उपस्थित हुई हूँ। आशा करती हूँ, आप लोगों को पसंद आएगी।
आप सबने मेरी पिछली कहानियाँ पढ़ी और उन कहानियों को आप लोगों ने बहुत पसंद किया, मुझे बहुत अच्छा लगा, उसके लिए मैं आप सभी का आभार प्रकट करती हूँ।
मेरी कहानियाँ पढ़ मुझे आप पाठकों के बहुत मेल आये, मुझे अच्छा लगा लेकिन एक मेल ऐसा था जिसने मुझे बहुत प्रभावित किया वो मेल था अनुराग शर्मा का।
उसने मेल में मेरी बहुत तारीफ की और मुझे से मिलने की अपनी इच्छा प्रकट की पर मैंने उसे मेल कर के साफ साफ मना कर दिया। पर उसके मेल आते रहें, वो अपने हर मेल में मेरी तारीफ करता और मिलने को कहता।
उस यूँ मेरी तारीफ करना बहुत अच्छा लगने लगा और हम रोज घंटों चैट पर बात करने लगे।
वो मुझसे चैट में सेक्सी बातें करता !
पता नहीं उसकी बातों में एक अलग ही नशा था जो मुझे उसकी तरफ खींचता था।
एक दिन उसने मुझे कुछ अपनी और अपने लंड की फोटो भेजी। मैंने उसकी फोटो देखी तो वो दिखने में तो थोड़ा सांवला सा था और थोड़ा मोटा था पर उसका लंड देख कर मैं हैरान रह गई, उसका लंड काफी मोटा और लम्बा था।
मैंने उसे मेल कर के पूछा- क्या सच में यह तुम्हारी ही फोटो है? मुझे यकीन नहीं है कि यह तुम्हारी ही फोटो है।
तब उसने मुझे अपने फेस के साथ कुछ और फोटो मेल की, तब जाकर मुझे यकीन हुआ कि यह उसी की फोटो है, सच में उसका लंड देखकर तो मैं उसकी दीवानी हो गई, मन तो कर रहा था कि अभी उसे अपनी चूत में घुसवा लूँ।
उसका लंड देख कर अब मेरी इच्छा उससे चुदने की करने लगी थी।
मैंने भी अब मन बना लिया, मैं इस लण्ड से चुदूँगी।
तब उसका एक और मेल आया- प्लीज़ रोमा, मुझसे एक बार मिल लो।
उसने मुझे बहुत रिक्वेस्ट की तो मैंने भी उससे मिलने के लिए हाँ कर दी।
फिर उसने मुझे से मेरा मोबाइल नम्बर लिया और हमने फ़ोन पर सब तय किया कि कहाँ, कैसे और कब मिलना है।
उसने मेरे शहर के सबसे बड़े होटल में एक कमरा बुक किया हुआ था।
मैं यहाँ अपने शहर और होटल का नाम नहीं बता सकती।
उसने मुझसे कहा- रोमा, तुम्हें मेरे साथ एक रात रुकना होगा, उसके बदले तुम जो कहोगी, मैं तुम्हारे लिए करूँगा।
मैंने उसे कहा- नहीं, मैं रात में तुम्हारे साथ रुक सकती ! घर में क्या कहूँगी?
पर वो बार बार कहने लगा- नहीं, तुम्हें रात भर रुकना होगा, तुम घर में कोई भी बहाना बना देना कि तुम्हें किसी फ्रेंड के घर जाना है।
थोड़े नखरे करने के बाद मैंने उसे इसके लिए भी हाँ कर दी।
हमने जो दिन तय किये थे मिलने का उस दिन करीब शाम 4 बजे उसका फ़ोन आया, उसने मुझसे कहा- रोमा, मैं होटल पहुँच गया हूँ, तुम कब मुझसे मिलने आओगी?
तब मैंने उससे कहा- मैं अभी 1 घंटे में होटल पहुँचती हूँ।
फिर मैं तैयार हुई और घर में मम्मी को कहा- मम्मी, आज मुझे कॉलेज का एक असाइनमेंट बनाना है तो आज रात मैं अपनी फ्रेंड के घर ही रहूंगी।
और मैं घर से निकल गई।
होटल पहुँच कर मैंने अनुराग को फ़ोन किया, बताया कि मैं होटल आ गई हूँ।
उसने मुझसे कहा- तुम बाहर ही रुको, मैं आता हूँ।
फिर वो आया और हम होटल के कमरे में गए, कमरे में जाते ही उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और अचानक अपने होंठों को मेरे होंठों पर रख कर बेतहाशा चूसने लगा।
उसके अचानक यूँ चूमने से में थोड़ी घबरा गई और मैं उसके बदन को अपने हाथ से दूर हटाने लगी पर मैं अनुराग की मजबूत बाँहों में कसती जा रही थी, मैं अपने आपको छुड़ाने की कोशिश कर रही थी।
अब तक उसका हाथ मेरे मम्मों तक पहुँच चुका था।
‘ओह्ह… अनुराग मेरे मम्मे ऐसे मसल रहा है जैसे मैं इसकी बीवी हूँ।’
मैंने उसे धक्का मारा और मेरे मुँह से आवाज निकली- छोड़ो मुझे… क्या कर रहे हो?
तब उसने मुझे छोड़ दिया।
मैंने उसे कहा- थोड़ा तो सब्र करो, मैं रात भर तुम्हारे साथ रहूँगी, इतने उतावले क्यूँ हो रहे हो?
मैंने उससे कहा- चलो कहीं बाहर चलते हैं।
तो फिर हम मॉल गए, वहाँ अनुराग ने मुझे कुछ शॉपिंग कराई, फिर अनुराग मुझे कहने लगा- रोमा, चलो अब होटल चलते हैं, मुझसे अब सब्र नहीं होता। और तुम्हारे लिए एक सप्राइज़ भी है।
तब मैंने उससे कहा- मुझे बहुत भूख लग रही है, पहले हम खाना खा लेते हैं। फिर रात भर तो मैं तुम्हारे ही साथ हूँ।
हम होटल पहुँचे और होटल के ही रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए गए।
खाना खाने के बाद रूम में जाकर मैंने अनुराग से पूछा- क्या सप्राइज़ है?
तब उसने अपना बैग खोला और उसमें से लाल रंग की एक साड़ी निकाल कर मेरे हाथों में दी और कहने लगा- रोमा, मैं तुम्हें इस साड़ी में देखना चाहता हूँ, मैं तुम्हारे साथ सुहागरात मनाना चाहता हूँ। तुम मेरा यह सपना पूरा कर दो।
साड़ी के साथ उसने मुझे लाल रंग की ब्रा-पेन्टी भी दी तो मैंने उसे कहा- ठीक है, मैं तैयार हो जाती हूँ पर तुम्हें इसके लिए कुछ देर के लिए रूम के बाहर जाना होगा, मैं जब तैयार हो जाऊँगी तो मैं तुम्हें फ़ोन कर दूँगी, तो तुम आ जाना।
तैयार होने के बाद मैंने अनुराग को फ़ोन किया तो वो भागा भागा आया।
मैंने रूम का दरवाजा खुला ही छोड़ रखा था, मैं बिस्तर पर बैठी हुई थी, वो रूम के अंदर आया और दरवाजे को लॉक कर दिया।
फिर मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा- रोमा, तुम बहुत सुन्दर लग रही हो।
फिर अनुराग ने मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरे होंटों पर अपने होंठ रख कर उन्हें चूमने लगा।
उसके इस तरह मुझे चूमने से में भी अब गर्म होने लगी थी और उसका साथ देने लगी।
अब अनुराग के हाथ धीरे धीरे मेरे बूब्स को सहलाने लगे थे। कुछ देर बूब्स सहलाने का बाद अनुराग से रहा नहीं गया तो उसने मेरी साड़ी का पल्लू हटाया और मेरे ब्लाउज़ को खोल दिया और कहने लगा- रोमा, तेरे बूब्स तो एकदम तने हुए टाइट और मस्के की तरह मुलायम हैं।
मेरे बूब्स के निप्पल टाइट हो गए थे।
अनुराग जोर जोर से मेरे बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा, चूमने लगा और कहने लगा- साली, क्या बूब्स है तेरे… बहुत मजा आ रहा है इन्हें दबाने में !
मैं अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी और मैंने अनुराग की पैंट की ज़िप खोली और उसका लंड बाहर निकाल कर जोर जोर से हिलाने लगी।
उसका लंड काफी गर्म था, मैंने आपको पहले ही बताया था कि उसका लंड कहीं मोटा और लम्बा है। मैं उसका लंड देख नहीं पा रही थी पर महसूस कर रही थी।
कुछ देर बाद मैंने उसे अपने से अलग किया, कहा- तुम अपने कपड़े उतार दो।
तो अनुराग कहने लगा- रोमा तुम खुद ही उतार दो मेरे कपड़े!
तो मैंने उसकी शर्ट उतार दी और नीचे बैठ कर मैंने उसकी पैंट और अंडरवीअर और एक ही झटके में निकाल दी।
जैसे ही मैंने पैंट और अंडरवीअर उतारी, उसका फड़कता हुआ लंड मेरे चेहरे पर आकर लगा।
इससे पहले कि अनुराग कुछ कहे, मैंने उसके लंड को पकड़ ली और उसे हिलाना शुरू कर दिया।
फिर अनुराग से रहा नहीं गया तो उसने मुझे लंड चूसने को कहा।
मैं भी देर न करते हुए उसके लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
अब अनुराग के मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी, वो कहने लगा- कितना मज़ा आ रहा है !
मैं लंड चूस रही थी और वो कहे जा रहा था- जोर से चूसो रोमा… जोर जोर से चूसो!
मैं इतनी मस्त चुसाई कर रही थी कि अनुराग कहने लगा- रोमा, मैं झड़ने वाला हूँ।
तो मैंने उसे कहा- मेरे मुँह में ही अपना सारा रस निकाल दो !
उसने मेरे मुँह कस कर पकड़ लिया और पूरे जोश के साथ अपना सारा रस मेरे मुँह डाल दिया, कुछ बूँदें उसने मेरे चेहरे पर भी गिराई।
मैं बड़े प्यार से उसके रस पी गई और मैंने कहा- अनुराग, मैंने आज तक ऐसा रस नहीं पिया है।
मैं बाथरूम जाने के लिए खड़ी हुई तो..
कहानी जारी रहेगी..
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