राँग नम्बर से गांड मारी
यह मेरे जीवन की सच्ची घटना है। मेरा नाम राजहै, मैं मुंबई में रहता हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मेरी उम्र 30 साल है, मैं मुंबई में एक कम्पनी में जॉब करता हूँ। अपने बिजनेस के सिलसिले मे राजस्थान, गुजरात, भोपाल ,पुणे जॉता रहता हूँ ,मैं सेक्स का आदी हूँ। मेरा लन्ड 8″ का है जो महिलाओं को बहुत पसन्द है।
अब मैं अपनी हकीकत कहानी में आता हूँ। हाल ही में मेरे साथ यह घटना हुई।
एक दिन मेरे पास एक राँग नम्बर फ़ोन आया और मैं धीरे-धीरे उनसे बातें करने लगा। फ़िर पता चला कि उनका नाम कोमल है और उनकी उम्र लगभग 35 साल है। फ़िर उससे बातें करते करते 10 दिन निकल गये। फिर तो बातों का सिलसिला शुरू हो गया वो खुलने लगी।
फिर एक दिन मेरे लंड का साइज पूछा तो मैंने बता दिया। फिर मेरे चुदाई के स्टेमिना के बारे में पूछा तो मैंने बता दिया।
एक दिन उसने पूछा- फोन-सेक्स करोगे?
तो मैंने भी सहमति दे दी। फिर तो हम लोगों ने कई बार फोन-सेक्स किया। क्या लाजवाब बातें वो करती है। फोन पर ही रीयल सेक्स का मजा देती है। उसके आह-उह से वाकई ऐसा महसूस होता था कि मेरा लंड उसकी चूत में धीरे-धीरे अंदर जा रहा है और उसे भरपूर मजा आ रहा है।
फोन करते-करते उधर वो भी झड़ जाती थी इधर मैं भी झड़ जाता था। उसे फोन-सेक्स में महारत हासिल थी। जब लंड चूसने बात करती तो लगता कि सही में कोई मेरा लंड अपने मुँह में लेकर गपागप चूस रही है और मैं उसके मुँह में ही अपनी पिचकारी छोड़ रहा हूँ।
एक दिन उसने अनुनय किया कि कब तक हम लोग फोन से ही संतुष्ट होंगे, अब तो वास्तविक चुदाई भी होनी चाहिए।
मेरे मन में भी यह ख्वाहिश थी। लेकिन कहाँ मैं मुंबई में और कहाँ वो राजस्थान में!
फिर अचानक अपने बिजनेस के सिलसिले में राजस्थान का प्रोग्राम बना, तो मैंने सोचा कि एक दिन तो कोमल के लिए समय निकाला जा सकता है। मैंने उसे बताया तो वो खुश हो गई और उसने अपना पता दिया।
दो दिन बाद सुबह के सात बजे मैं उसके कस्बे में पहुँचा। वो बस-स्टैंड पर मुझे लेने आई। उसने मुझे पहले ही बता दिया था कि वो फिरोजी रंग के सूट में आएगी। बस-स्टैंड पर उसे देखकर मैं हैरान रह गया। हवा में लहराते हुए बाल, बगैर दुपट्टे के सूट में, साइज का तो पता नहीं पर करीब डेढ़-डेढ़ किलो के चूचे स्लीवलेस कुर्ते से निकली उसकी बाहें, साफ़ चिकनी बगलें,बड़ी-बड़ी आँखें, सुतवां नाक, रंग जैसे मक्खन में थोड़ा सा सिंदूर मिला दिया हो ! मैं तो जैसे उसकी सुंदरता में खो गया।
फिर वो पास आई और कहा कि इस कस्बे में उसे बहुत लोग जानते हैं तो बदनामी हो सकती है। मैं उसे लेकर करीब दस किलोमीटर दूर एक छोटे से मार्केट में ले गया।
वहाँ एक होटल में एक कमरा लिया। कमरा बहुत ही साधारण था पर साफ़ सुथरा था।
कमरे में जाते ही उसने मुझे बाहों में जकड़ लिया। फिर हम लोगों के होंठ मिले और लगभग दस मिनट तक एक दूसरे को चूमते-चूसते रहे। और फिर उसी अवस्था में मेरा हाथ उसकी चूची पर चला गया। मैंने उसे कपड़ों के ऊपर से ही दबाना शुरू किया।
कोमल मचलने लगी। उसने भी मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और मसलने लगी। मेरा लंड तो तनकर बम्बू बन गया। उसने मेरा टी-शर्ट उठाना शुरू किया तो मैं समझ गया कि वो अब चुदना चाहती है। अगले दो मिनट में हम दोनों ही वस्त्रविहीन थे।
उसके फिगर को देख कर तो मैं पागल हो गया। अप्सरा को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यदि वाकई में अप्सरा होती है तो वो भी इससे सुन्दर नहीं होती होगी। इसकी काया को देखकर क्या ॠषि और क्या मुनि, शायद ऐसा कोई नहीं होगा जिसका लंड खड़ा ना हो।मेरे लंड में तो जैसे लग रहा था कि अब वो फट जाएगा। करीब दस मिनट तक हम दोनों ही एक-दूसरे के शरीर को सिर्फ सहलाते रहे और एक-दूसरे के सौंदर्य को महसूस करते रहे।
अचानक वो नीचे बैठ गई और मेरे लंड को गपाक से मुँह में ले लिया और चप-चप करके चूसने लगी। मैंने भी उसे जमीं पर ही लिटा कर बगैर अपना लंड उसके मुँह से निकाले घूमकर अपना मुँह उसकी चूत के पास ले गया और चाटने लगा।
वो सिसकारने लगी।
मैं चाटते-चाटते अपनी जीभ उसके चूत के दरार में घुसकर चोदने लगा। अधिक उत्तेजना के कारण लगभग एक ही साथ उसकी चूत ने भी और मेरे लंड ने भी अपना माल झाड़ दिया। हम लोगों ने एक-दूसरे के अंगों को चाट-चाट कर साफ कर दिया।
फिर हम लोग एक-दूसरे से लिपट कर बिस्तर पर आ गए और एक-दूसरे के अंगों को सहलाने लगे। थोड़ी ही देर में मेरे लंड में फिर से उफान आ गया। मेरे लंड के रूप को देखकर वो मुस्कुराने लगी और लंड पकड़ कर अपने चूत पर रगड़ने लगी। उसकी चूत तो चिपचिपी हो ही रही थी। मैंने थोड़ा सा दवाब दिया तो फक से मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया।
वो मचल गई।
और उसने अपने पैरों का घेरा मेरे कमर के इर्द-गिर्द लपेट कर अपने चूत की ओर दवाब बढ़ाया। मैंने उसी अवस्था में उसे नीचे करके सही पोजीशन में आया और एक जोरदार धक्का दिया। मेरा पूरा का पूरा लंड एक बार में ही उसकी चूत में अंदर तक घुप गया। उसके चेहरे पर कुछ पीड़ा सी झलकी पर फिर भी वो खुश थी।
मैंने चूत में लंड घुसेड़े ही गोल-गोल घुमाने लगा। वो आह….आह…उह….उह…. करने लगी। उसने कहा कि उसका बॉय-फ्रेंड तो उसे इस तरीके से नहीं चोदता है। उसे चुदाई का एक नया अनुभव प्राप्त हो रहा है। करीब दस मिनट तक उसी तरह घुमाता रहा। फिर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब उसकी चूत और मुलायम हो गई। अब मैंने धक्के लगाना शुरू किया। वो भी हरेक धक्के का जवाब धक्के से देने लगी, पूरे कमरे में फच-फच और थप-थप की आवाज गूंजने लगी।
आप सोचेंगे की थप-थप की आवाज कहाँ से? दोस्तों मेरे अंडकोष उसके चूतड़ों से टकरा रहे थे और थप-थप की आवाज निकल रही थी। करीब बीस मिनट तक मैं धक्के मारता रहा और चोदता रहा।
और कोमल भी- कस के चोदो… फाड़ दो चूत… जोर से… और जोर से… रगड़ के चोदो… और भी ना जाने क्या क्या कहती रही और मजे ले ले कर चुदवाती रही। इस बीच उसकी चूत ने दो बार पानी छोड़ा।
चूंकि मेरा माल एक बार निकल चुका था इसलिए मेरे लंड में अभी भी पूरा तनाव था। अब वो थक चुकी थी और कई बार उसकी चूत से पानी भी निकल चुका था, वो पूरी तरह पस्त हो गई।
कोमल ने कहा- मेरा तो हो गया पर तुम चोदते रहो जब तक तुम्हारा मन नहीं भरे, क्योंकि तुम बहुत दूर से सिर्फ मेरे लिए आए हो !यह सुनकर मेरा मन भाव-विभोर हो गया और मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा। पन्द्रह-बीस धक्के के बाद मेरे लंड में तनाव और बढ़ गया और अगले छोड़ पर फूलकर थोड़ा और मोटा हो गया।
मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- चूत में ही निकालो, मैं तुम्हारी पिचकारी को महसूस करना चाहती हूँ !
और फिर मैं पिचकारी छोड़ने लगा। उसने कसकर मुझे पकड़ लिया और प्रत्येक पिचकारी पर उसका दवाब बढ़ता गया। फिर हम लोग निढाल हो गए। मेरा लंड उसकी चूत में ही रह गया।
करीब पन्द्रह मिनट के बाद हम लोग अलग हुए तो उसने मेरे बालों भरी छाती पर चूम लिया और कहा- इतना मजा तो मेरा बॉय-फ्रेंड से कभी नहीं मिला, मैं तो डर रही थी कि मुझे मजा दे पाओगे या नहीं, पर तुम तो जबरदस्त मर्द निकले !
फिर हम लोग साथ-साथ बाथरूम में गए और एक-दूसरे को नहलाया। फिर बाहर निकल कर मैंने खाने का ऑर्डर दिया। कुछ देर तक टी.वी. देखने के बाद खाना आ गया और हमने खाना खाया।
फिर उसने अपनी आँखों से शरारती इशारा किया जैसे पूछ रही हो कि अब दूसरा राउंड हो जाए।
मैंने उसे अपने बाहों में कस लिया। फिर थोड़ी ही देर में हम दोनों नंगे हो गए और फिर एक दौर शुरू हो गया। शाम तक चार बार हम लोगों ने चुदाई की, कभी घोड़ी बना कर तो कभी किसी और पोज में ! एक बार उसकी गांड भी मारी। हालाँकि गाण्ड मारते समय उसकी गांड से खून भी निकल आया क्योंकि उसने गांड पहली बार मरवाई थी पर उसे बहुत मजा आया।
फिर शाम में जब मैं वापस लौटने लगा तो वो रोने लगी, उसने कहा- तुमने मुझे बहुत मजा दिया, तुम्हारे साथ यह चुदाई मैं जीवन भर नहीं भूलूँगी, पता नहीं फिर तुमसे मुलाकात होगी या नहीं !
मैंने भी भारी मन से उससे विदा ली और स्टेशन की ओर निकल पड़ा।
मेरी कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताना।
अब मैं अपनी हकीकत कहानी में आता हूँ। हाल ही में मेरे साथ यह घटना हुई।
एक दिन मेरे पास एक राँग नम्बर फ़ोन आया और मैं धीरे-धीरे उनसे बातें करने लगा। फ़िर पता चला कि उनका नाम कोमल है और उनकी उम्र लगभग 35 साल है। फ़िर उससे बातें करते करते 10 दिन निकल गये। फिर तो बातों का सिलसिला शुरू हो गया वो खुलने लगी।
फिर एक दिन मेरे लंड का साइज पूछा तो मैंने बता दिया। फिर मेरे चुदाई के स्टेमिना के बारे में पूछा तो मैंने बता दिया।
एक दिन उसने पूछा- फोन-सेक्स करोगे?
तो मैंने भी सहमति दे दी। फिर तो हम लोगों ने कई बार फोन-सेक्स किया। क्या लाजवाब बातें वो करती है। फोन पर ही रीयल सेक्स का मजा देती है। उसके आह-उह से वाकई ऐसा महसूस होता था कि मेरा लंड उसकी चूत में धीरे-धीरे अंदर जा रहा है और उसे भरपूर मजा आ रहा है।
फोन करते-करते उधर वो भी झड़ जाती थी इधर मैं भी झड़ जाता था। उसे फोन-सेक्स में महारत हासिल थी। जब लंड चूसने बात करती तो लगता कि सही में कोई मेरा लंड अपने मुँह में लेकर गपागप चूस रही है और मैं उसके मुँह में ही अपनी पिचकारी छोड़ रहा हूँ।
एक दिन उसने अनुनय किया कि कब तक हम लोग फोन से ही संतुष्ट होंगे, अब तो वास्तविक चुदाई भी होनी चाहिए।
मेरे मन में भी यह ख्वाहिश थी। लेकिन कहाँ मैं मुंबई में और कहाँ वो राजस्थान में!
फिर अचानक अपने बिजनेस के सिलसिले में राजस्थान का प्रोग्राम बना, तो मैंने सोचा कि एक दिन तो कोमल के लिए समय निकाला जा सकता है। मैंने उसे बताया तो वो खुश हो गई और उसने अपना पता दिया।
दो दिन बाद सुबह के सात बजे मैं उसके कस्बे में पहुँचा। वो बस-स्टैंड पर मुझे लेने आई। उसने मुझे पहले ही बता दिया था कि वो फिरोजी रंग के सूट में आएगी। बस-स्टैंड पर उसे देखकर मैं हैरान रह गया। हवा में लहराते हुए बाल, बगैर दुपट्टे के सूट में, साइज का तो पता नहीं पर करीब डेढ़-डेढ़ किलो के चूचे स्लीवलेस कुर्ते से निकली उसकी बाहें, साफ़ चिकनी बगलें,बड़ी-बड़ी आँखें, सुतवां नाक, रंग जैसे मक्खन में थोड़ा सा सिंदूर मिला दिया हो ! मैं तो जैसे उसकी सुंदरता में खो गया।
फिर वो पास आई और कहा कि इस कस्बे में उसे बहुत लोग जानते हैं तो बदनामी हो सकती है। मैं उसे लेकर करीब दस किलोमीटर दूर एक छोटे से मार्केट में ले गया।
वहाँ एक होटल में एक कमरा लिया। कमरा बहुत ही साधारण था पर साफ़ सुथरा था।
कमरे में जाते ही उसने मुझे बाहों में जकड़ लिया। फिर हम लोगों के होंठ मिले और लगभग दस मिनट तक एक दूसरे को चूमते-चूसते रहे। और फिर उसी अवस्था में मेरा हाथ उसकी चूची पर चला गया। मैंने उसे कपड़ों के ऊपर से ही दबाना शुरू किया।
कोमल मचलने लगी। उसने भी मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया और मसलने लगी। मेरा लंड तो तनकर बम्बू बन गया। उसने मेरा टी-शर्ट उठाना शुरू किया तो मैं समझ गया कि वो अब चुदना चाहती है। अगले दो मिनट में हम दोनों ही वस्त्रविहीन थे।
उसके फिगर को देख कर तो मैं पागल हो गया। अप्सरा को तो मैंने कभी देखा नहीं, पर यदि वाकई में अप्सरा होती है तो वो भी इससे सुन्दर नहीं होती होगी। इसकी काया को देखकर क्या ॠषि और क्या मुनि, शायद ऐसा कोई नहीं होगा जिसका लंड खड़ा ना हो।मेरे लंड में तो जैसे लग रहा था कि अब वो फट जाएगा। करीब दस मिनट तक हम दोनों ही एक-दूसरे के शरीर को सिर्फ सहलाते रहे और एक-दूसरे के सौंदर्य को महसूस करते रहे।
अचानक वो नीचे बैठ गई और मेरे लंड को गपाक से मुँह में ले लिया और चप-चप करके चूसने लगी। मैंने भी उसे जमीं पर ही लिटा कर बगैर अपना लंड उसके मुँह से निकाले घूमकर अपना मुँह उसकी चूत के पास ले गया और चाटने लगा।
वो सिसकारने लगी।
मैं चाटते-चाटते अपनी जीभ उसके चूत के दरार में घुसकर चोदने लगा। अधिक उत्तेजना के कारण लगभग एक ही साथ उसकी चूत ने भी और मेरे लंड ने भी अपना माल झाड़ दिया। हम लोगों ने एक-दूसरे के अंगों को चाट-चाट कर साफ कर दिया।
फिर हम लोग एक-दूसरे से लिपट कर बिस्तर पर आ गए और एक-दूसरे के अंगों को सहलाने लगे। थोड़ी ही देर में मेरे लंड में फिर से उफान आ गया। मेरे लंड के रूप को देखकर वो मुस्कुराने लगी और लंड पकड़ कर अपने चूत पर रगड़ने लगी। उसकी चूत तो चिपचिपी हो ही रही थी। मैंने थोड़ा सा दवाब दिया तो फक से मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया।
वो मचल गई।
और उसने अपने पैरों का घेरा मेरे कमर के इर्द-गिर्द लपेट कर अपने चूत की ओर दवाब बढ़ाया। मैंने उसी अवस्था में उसे नीचे करके सही पोजीशन में आया और एक जोरदार धक्का दिया। मेरा पूरा का पूरा लंड एक बार में ही उसकी चूत में अंदर तक घुप गया। उसके चेहरे पर कुछ पीड़ा सी झलकी पर फिर भी वो खुश थी।
मैंने चूत में लंड घुसेड़े ही गोल-गोल घुमाने लगा। वो आह….आह…उह….उह…. करने लगी। उसने कहा कि उसका बॉय-फ्रेंड तो उसे इस तरीके से नहीं चोदता है। उसे चुदाई का एक नया अनुभव प्राप्त हो रहा है। करीब दस मिनट तक उसी तरह घुमाता रहा। फिर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
अब उसकी चूत और मुलायम हो गई। अब मैंने धक्के लगाना शुरू किया। वो भी हरेक धक्के का जवाब धक्के से देने लगी, पूरे कमरे में फच-फच और थप-थप की आवाज गूंजने लगी।
आप सोचेंगे की थप-थप की आवाज कहाँ से? दोस्तों मेरे अंडकोष उसके चूतड़ों से टकरा रहे थे और थप-थप की आवाज निकल रही थी। करीब बीस मिनट तक मैं धक्के मारता रहा और चोदता रहा।
और कोमल भी- कस के चोदो… फाड़ दो चूत… जोर से… और जोर से… रगड़ के चोदो… और भी ना जाने क्या क्या कहती रही और मजे ले ले कर चुदवाती रही। इस बीच उसकी चूत ने दो बार पानी छोड़ा।
चूंकि मेरा माल एक बार निकल चुका था इसलिए मेरे लंड में अभी भी पूरा तनाव था। अब वो थक चुकी थी और कई बार उसकी चूत से पानी भी निकल चुका था, वो पूरी तरह पस्त हो गई।
कोमल ने कहा- मेरा तो हो गया पर तुम चोदते रहो जब तक तुम्हारा मन नहीं भरे, क्योंकि तुम बहुत दूर से सिर्फ मेरे लिए आए हो !यह सुनकर मेरा मन भाव-विभोर हो गया और मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा। पन्द्रह-बीस धक्के के बाद मेरे लंड में तनाव और बढ़ गया और अगले छोड़ पर फूलकर थोड़ा और मोटा हो गया।
मैंने उससे पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो उसने कहा- चूत में ही निकालो, मैं तुम्हारी पिचकारी को महसूस करना चाहती हूँ !
और फिर मैं पिचकारी छोड़ने लगा। उसने कसकर मुझे पकड़ लिया और प्रत्येक पिचकारी पर उसका दवाब बढ़ता गया। फिर हम लोग निढाल हो गए। मेरा लंड उसकी चूत में ही रह गया।
करीब पन्द्रह मिनट के बाद हम लोग अलग हुए तो उसने मेरे बालों भरी छाती पर चूम लिया और कहा- इतना मजा तो मेरा बॉय-फ्रेंड से कभी नहीं मिला, मैं तो डर रही थी कि मुझे मजा दे पाओगे या नहीं, पर तुम तो जबरदस्त मर्द निकले !
फिर हम लोग साथ-साथ बाथरूम में गए और एक-दूसरे को नहलाया। फिर बाहर निकल कर मैंने खाने का ऑर्डर दिया। कुछ देर तक टी.वी. देखने के बाद खाना आ गया और हमने खाना खाया।
फिर उसने अपनी आँखों से शरारती इशारा किया जैसे पूछ रही हो कि अब दूसरा राउंड हो जाए।
मैंने उसे अपने बाहों में कस लिया। फिर थोड़ी ही देर में हम दोनों नंगे हो गए और फिर एक दौर शुरू हो गया। शाम तक चार बार हम लोगों ने चुदाई की, कभी घोड़ी बना कर तो कभी किसी और पोज में ! एक बार उसकी गांड भी मारी। हालाँकि गाण्ड मारते समय उसकी गांड से खून भी निकल आया क्योंकि उसने गांड पहली बार मरवाई थी पर उसे बहुत मजा आया।
फिर शाम में जब मैं वापस लौटने लगा तो वो रोने लगी, उसने कहा- तुमने मुझे बहुत मजा दिया, तुम्हारे साथ यह चुदाई मैं जीवन भर नहीं भूलूँगी, पता नहीं फिर तुमसे मुलाकात होगी या नहीं !
मैंने भी भारी मन से उससे विदा ली और स्टेशन की ओर निकल पड़ा।
मेरी कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताना।
...
Tags
Chudai Kahani
- लड़कियों के नंबर की लिस्ट चाहिए बात करने के लिए - Ladki Ke Mobile Number
- Randi ka mobile whatsapp number - रण्डी मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर
- Sex video download karne ka tarika - सेक्स वीडियो डाउनलोड कैसे करें
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Amir ghar ki ladkiyon ke mobile number
- किन्नर के जननांग या गुप्तांग कैसे दिखते हैं - Kinner ke gupt ang kaise hote hai hindi jankari
- कॉल गर्ल लिस्ट, सेक्सी लड़कियों के नंबर - Call girls mobile whatsapp phone numbers
- लड़कियों के नंबर गर्ल का whatsapp नंबर - Real Girls Mobile Whatsapp Contact Phone List