Suman Ki Chut Chod Kar Banaya Sanam
कहानी : सुमन की चूत चोद कर बनाया सनम
सभी अंतराग्नि पाठकों को मेरा खड़े लण्ड से नमस्कार। मैं अंतराग्नि की कहानियाँ कई सालों से पढ़ रहा हूँ। मैं भी सोचता था कि मेरी भी कोई कहानी अंतराग्नि पर प्रकाशित हो.. परंतु कभी लिखने की हिम्मत ही नहीं हुई.. पर आज लिख रहा हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है.. आशा करता हूँ.. आप सभी को पसंद आएगी।
मेरा नाम अंकुर (बदला हुआ नाम) है। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 साल है.. मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लण्ड का आकार 6.5 इन्च का है।
बात उन दिनों की है.. जब मैं इस शहर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए नया-नया आया था। शहर के एक निजी कॉलेज में दाखिला लिया, कुछ दिन कॉलेज जाने के बाद आख़िर वो दिन भी आ ही गया.. जब कॉलेज में मेरे सपनों की रानी आई, उसका नाम सुमन (बदला हुआ नाम) था, वो जरा सांवली सी थी.. पर दोस्तों.. उसका फिगर एकदम रानी मुखर्जी जैसा था।
जैसे ही वो क्लास में दाखिल हुई.. मेरा लौड़ा उसे देख कर ही खड़ा हो गया और मैं सोचने लगा था कि इसे कैसे चोदा जाए।
धीरे-धीरे किसी बहाने से मैंने उससे बात शुरू की.. और कुछ ही दिनों में हम अच्छे दोस्त बन गए। वो सारी बातें मुझे बताती.. और मैं उसे अपने दिल की बातें कहने लगा था।
एक दिन मैंने फ़ोन पर बात करते-करते उसे I Love You’आई लव यू’ बोल दिया। उसने तुरंत ही फ़ोन काट दिया.. मेरी तो गाण्ड फट गई।
मुझे लगा अच्छी ख़ासी चूत हाथ से निकल गई।
दूसरे दिन सुबह-सुबह कॉलेज पहुँचा.. तो उसे सामने देख कर मैं शर्मा गया.. और सिर झुका कर उसके बगल से जाने लगा।
उसने हाथ पकड़ कर कहा- मेरा जवाब नहीं सुनोगे?
उसके बाद उसने जो कहा.. उसे सुनकर तो मैं जैसे निहाल ही हो गया.. अगले ही पल मैंने उसे गले से लगा लिया और उसके होंठों पर लंबा चुंबन दे दिया।
वो इसके लिए तैयार नहीं थी.. तो उसने मुझे धकेल दिया और शर्मा कर क्लास में चली गई।
मैं पीछे से उसके हिलते हुए चूतड़ों को देखता रहा था।
कुछ दिन हम ऐसे ही मिलते और मैं उसके मम्मों को मसलता रहता और वो मेरे लण्ड को सहलाती रहती।
एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुझे चोदना चाहता हूँ।
तो उसने भी कहा कि वो भी मेरे लण्ड को अपने अन्दर महसूस करना चाहती है।
मैंने अपने दोस्त से उसका कमरा एक दिन के लिए माँग लिया और मैं उस दिन का इंतज़ार करने लगा।
कुछ दिनों बाद आख़िर वो दिन भी आ ही गया.. जब मुझे पहली बार किसी को चोदने को मिल रहा था। मैं उसे लेने उसके होस्टल गया और उसे लेकर अपने दोस्त के कमरे पर आ गया। मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और उसे गले से लगा लिया। वो भी तड़प रही थी.. उसने भी मेरा पूरा साथ दिया।
यह कहानी आप अंतराग्नि डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं लगातार उसके होंठों को चूस रहा था और वो मेरे होंठों को जी भर कर चूसने में लगी थी। मैंने उसकी कुरती में हाथ डाल कर उसके एक मम्मे को दबा दिया.. उसके मुँह से हल्की सी ‘आहह’ की सिसकारी निकली।
मेरा लण्ड खड़ा हो गया और पैन्ट फाड़ कर बाहर आना चाहता था। मैंने उसकी कुरती उतार दी और उसके दोनों मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा।
सुमन- आहहह उऊहहा.. और ज़ोर से दबाओ मेरे जानू.. आहह.. मसल डालो इन्हें..
मैं उसकी सिसकारियाँ सुन कर और उत्तेजित हो गया। मैं और ज़ोर से उसके दूध दबाने लगा। वो भी बहुत उत्तेजित थी.. वो मेरे पैन्ट के हुक खोल कर लण्ड को मसलने लगी.. मुझे दर्द हो रहा था.. पर मैं उसे मना ना कर सका।
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब वो जन्नत की परी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मैं भूखे कुत्ते की तरह उस पर टूट पड़ा उसने भी मेरा स्वागत किया और मुझसे लिपट गई।
मैं एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था और एक हाथ से उसके मम्मों को मसल रहा था। मैं उसकी चूत मे उंगली करने लगा.. कुछ देर बाद वो अकड़ गई और निढाल हो कर मेरे ऊपर ही लेट गई।
मैंने उसको होंठों को चूसना और मम्मों को दबाना चालू रखा। अब मैंने अपना लण्ड उसके मुँह के सामने रखा और वो तुरंत ही मेरे लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और मैं उसकी चूत के दाने को मसलता रहा।
कुछ देर बाद उसने कहा- अब और नहीं सहा जाता.. जल्दी से डाल दो.. अपने लण्ड को मेरी चूत में..
मैंने उसके चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और उसकी चूत का द्वार बिल्कुल मेरे सामने आ गया।
मैंने अपने लण्ड पर थोड़ी सी क्रीम लगाई और थडी सी उसकी चूत पर लगा कर लौड़े को एक धक्का दिया.. मेरा लण्ड निशाने से फिसल गया।
दूसरी बार फिर से लगा कर धक्का मारा तो लण्ड का सुपाड़ा अन्दर चला गया और वो दर्द से कराहने लगी। मैं थोड़ा रुका ओर उसके होंठों और मम्मों को चूसने लगा।
कुछ देर बाद वो सामान्य हुई.. तो मैंने एक ही झटके में पूरा लण्ड जड़ तक अन्दर कर दिया, वो दर्द से छटपटाने लगी।
मैंने उसकी एक ना सुनी और अपना लण्ड अन्दर-बाहर करता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा.. वो सिसकारियाँ लेने लगी।
‘आआहह.. म्म्म.हह.. और ज़ोर से.. ओर तेज और तेज.. चोदो राजा..’
वो चूतड़ों को उछाल-उछाल कर मेरा लण्ड पूरा अन्दर लेने की कोशिश करने लगी।
करीब बीस मिनट तक मैं उसकी चूत का भुर्ता बनाता रहा और फिर उसकी चूत में ही मैंने अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी।
झड़ने के बाद मैं उसके ऊपर ही ढेर हो गया। फिर कब आँख लग गई मालूम ही न हुआ.. लगभग 2 घंटे बाद मैं उठा और बाथरूम में खुद को साफ किया और सुमन को भी नहलाया।
बाथरूम में नहाते हुए भी उसको एक बार चोदा।
इसके बाद हम कई बार मिले और मैंने उसे खूब चोदा।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. बताइएगा ज़रूर..
ankur.jain8895@gmail.com
सभी अंतराग्नि पाठकों को मेरा खड़े लण्ड से नमस्कार। मैं अंतराग्नि की कहानियाँ कई सालों से पढ़ रहा हूँ। मैं भी सोचता था कि मेरी भी कोई कहानी अंतराग्नि पर प्रकाशित हो.. परंतु कभी लिखने की हिम्मत ही नहीं हुई.. पर आज लिख रहा हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है.. आशा करता हूँ.. आप सभी को पसंद आएगी।
मेरा नाम अंकुर (बदला हुआ नाम) है। मैं भोपाल का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 साल है.. मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लण्ड का आकार 6.5 इन्च का है।
बात उन दिनों की है.. जब मैं इस शहर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए नया-नया आया था। शहर के एक निजी कॉलेज में दाखिला लिया, कुछ दिन कॉलेज जाने के बाद आख़िर वो दिन भी आ ही गया.. जब कॉलेज में मेरे सपनों की रानी आई, उसका नाम सुमन (बदला हुआ नाम) था, वो जरा सांवली सी थी.. पर दोस्तों.. उसका फिगर एकदम रानी मुखर्जी जैसा था।
जैसे ही वो क्लास में दाखिल हुई.. मेरा लौड़ा उसे देख कर ही खड़ा हो गया और मैं सोचने लगा था कि इसे कैसे चोदा जाए।
धीरे-धीरे किसी बहाने से मैंने उससे बात शुरू की.. और कुछ ही दिनों में हम अच्छे दोस्त बन गए। वो सारी बातें मुझे बताती.. और मैं उसे अपने दिल की बातें कहने लगा था।
एक दिन मैंने फ़ोन पर बात करते-करते उसे I Love You’आई लव यू’ बोल दिया। उसने तुरंत ही फ़ोन काट दिया.. मेरी तो गाण्ड फट गई।
मुझे लगा अच्छी ख़ासी चूत हाथ से निकल गई।
दूसरे दिन सुबह-सुबह कॉलेज पहुँचा.. तो उसे सामने देख कर मैं शर्मा गया.. और सिर झुका कर उसके बगल से जाने लगा।
उसने हाथ पकड़ कर कहा- मेरा जवाब नहीं सुनोगे?
उसके बाद उसने जो कहा.. उसे सुनकर तो मैं जैसे निहाल ही हो गया.. अगले ही पल मैंने उसे गले से लगा लिया और उसके होंठों पर लंबा चुंबन दे दिया।
वो इसके लिए तैयार नहीं थी.. तो उसने मुझे धकेल दिया और शर्मा कर क्लास में चली गई।
मैं पीछे से उसके हिलते हुए चूतड़ों को देखता रहा था।
कुछ दिन हम ऐसे ही मिलते और मैं उसके मम्मों को मसलता रहता और वो मेरे लण्ड को सहलाती रहती।
एक दिन मैंने उससे कहा- मैं तुझे चोदना चाहता हूँ।
तो उसने भी कहा कि वो भी मेरे लण्ड को अपने अन्दर महसूस करना चाहती है।
मैंने अपने दोस्त से उसका कमरा एक दिन के लिए माँग लिया और मैं उस दिन का इंतज़ार करने लगा।
कुछ दिनों बाद आख़िर वो दिन भी आ ही गया.. जब मुझे पहली बार किसी को चोदने को मिल रहा था। मैं उसे लेने उसके होस्टल गया और उसे लेकर अपने दोस्त के कमरे पर आ गया। मैंने कमरे का दरवाजा बंद किया और उसे गले से लगा लिया। वो भी तड़प रही थी.. उसने भी मेरा पूरा साथ दिया।
यह कहानी आप अंतराग्नि डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैं लगातार उसके होंठों को चूस रहा था और वो मेरे होंठों को जी भर कर चूसने में लगी थी। मैंने उसकी कुरती में हाथ डाल कर उसके एक मम्मे को दबा दिया.. उसके मुँह से हल्की सी ‘आहह’ की सिसकारी निकली।
मेरा लण्ड खड़ा हो गया और पैन्ट फाड़ कर बाहर आना चाहता था। मैंने उसकी कुरती उतार दी और उसके दोनों मम्मों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा।
सुमन- आहहह उऊहहा.. और ज़ोर से दबाओ मेरे जानू.. आहह.. मसल डालो इन्हें..
मैं उसकी सिसकारियाँ सुन कर और उत्तेजित हो गया। मैं और ज़ोर से उसके दूध दबाने लगा। वो भी बहुत उत्तेजित थी.. वो मेरे पैन्ट के हुक खोल कर लण्ड को मसलने लगी.. मुझे दर्द हो रहा था.. पर मैं उसे मना ना कर सका।
मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और अब वो जन्नत की परी मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मैं भूखे कुत्ते की तरह उस पर टूट पड़ा उसने भी मेरा स्वागत किया और मुझसे लिपट गई।
मैं एक हाथ से उसकी चूत सहला रहा था और एक हाथ से उसके मम्मों को मसल रहा था। मैं उसकी चूत मे उंगली करने लगा.. कुछ देर बाद वो अकड़ गई और निढाल हो कर मेरे ऊपर ही लेट गई।
मैंने उसको होंठों को चूसना और मम्मों को दबाना चालू रखा। अब मैंने अपना लण्ड उसके मुँह के सामने रखा और वो तुरंत ही मेरे लण्ड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और मैं उसकी चूत के दाने को मसलता रहा।
कुछ देर बाद उसने कहा- अब और नहीं सहा जाता.. जल्दी से डाल दो.. अपने लण्ड को मेरी चूत में..
मैंने उसके चूतड़ों के नीचे तकिया लगाया और उसकी चूत का द्वार बिल्कुल मेरे सामने आ गया।
मैंने अपने लण्ड पर थोड़ी सी क्रीम लगाई और थडी सी उसकी चूत पर लगा कर लौड़े को एक धक्का दिया.. मेरा लण्ड निशाने से फिसल गया।
दूसरी बार फिर से लगा कर धक्का मारा तो लण्ड का सुपाड़ा अन्दर चला गया और वो दर्द से कराहने लगी। मैं थोड़ा रुका ओर उसके होंठों और मम्मों को चूसने लगा।
कुछ देर बाद वो सामान्य हुई.. तो मैंने एक ही झटके में पूरा लण्ड जड़ तक अन्दर कर दिया, वो दर्द से छटपटाने लगी।
मैंने उसकी एक ना सुनी और अपना लण्ड अन्दर-बाहर करता रहा। कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा.. वो सिसकारियाँ लेने लगी।
‘आआहह.. म्म्म.हह.. और ज़ोर से.. ओर तेज और तेज.. चोदो राजा..’
वो चूतड़ों को उछाल-उछाल कर मेरा लण्ड पूरा अन्दर लेने की कोशिश करने लगी।
करीब बीस मिनट तक मैं उसकी चूत का भुर्ता बनाता रहा और फिर उसकी चूत में ही मैंने अपने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी।
झड़ने के बाद मैं उसके ऊपर ही ढेर हो गया। फिर कब आँख लग गई मालूम ही न हुआ.. लगभग 2 घंटे बाद मैं उठा और बाथरूम में खुद को साफ किया और सुमन को भी नहलाया।
बाथरूम में नहाते हुए भी उसको एक बार चोदा।
इसके बाद हम कई बार मिले और मैंने उसे खूब चोदा।
दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. बताइएगा ज़रूर..
ankur.jain8895@gmail.com
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