भाभी को चोदा सुबह चार बजे - Subah ke 4 baje bhabhi ki chut gand ki chudai khub choda
भाभी को चोदा सुबह चार बजे - Subah ke 4 baje bhabhi ki chut gand ki chudai khub choda, अन्तर्वासना सेक्स वाली चुदाई की कहानी, इंडियन देसी सेक्स स्टोरी, बड़ी गांड मोटा लम्बा लंड चौड़ी बुर प्यासी गहरी चुत की मजेदार सेक्स स्टोरी, लौड़ा चूसने की दास्तान, वीर्य पिने का नजारा, हिंदी में पढ़िए रोजाना नई नई.
हैल्लो दोस्तों, में अपनी स्टोरी आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ। मेरा नाम ऋषि है और में आपको अपने पहले सेक्स की स्टोरी बताने जा रहा हूँ जो कि मैंने अपनी भाभी के साथ किया और यक़ीनन ये आपको पसंद आयेगी और ये मेरी रियल स्टोरी है। मेरी उम्र अभी 25 साल की है और मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है। में अभी दिल्ली में जॉब करता हूँ और में पहले अपनी फेमिली के साथ चंडीगढ़ में रहता था और मेरे मामा जी के बड़े बेटे और भाभी भी हमारे पास में ही रहते थे। हमारे पास 2 BHK का फ्लेट था तो वो हमारे पास वाले फ्लेट में ही रहते थे। उनके एक छोटा बेटा भी था। मेरे भाई की उम्र 30 साल की थी और मेरी भाभी की उम्र तब 26 साल थी और तब में 19 साल का था और मेरी भाभी का फिगर 34-30-34 साईज का था वो दिखने में बहुत सुंदर है।
ये बात गर्मियों की है तब मेरे मामा जी का छोटा लड़का भी चंडीगढ़ में जॉब करने आया था। वो भी भैया और भाभी के साथ रहता था। मेरी कभी भाभी की तरफ नियत खराब नहीं हुई, लेकिन एक रात जब बहुत ज्यादा गर्मी थी और उस दिन हमारा ए.सी खराब हो गया था तो मेरी फेमिली के लोग घर के बाहर की खुली जगह में सोने लगे और में भाभी के कमरे में सोने चला गया क्योंकि उनका कूलर चल रहा था और वो कमरा ज्यादा ठंडा कर देता था तो में उनके कमरे में चला गया। उस दिन भैया किसी काम से बाहर गये हुए थे और वो 3 दिन के बाद आने वाले थे और दूसरा भाई नीचे गद्दा डालकर सो रहा था और डबल बेड पर भाभी और उनका छोटा बेटा सो रहे थे और सामने की जगह खाली थी जो कूलर के सामने थी। अब में वहां लेट गया और सोने लगा। हम जल्दी सो जाते थे तो हम 9 बजे सोने लगे।
फिर करीब 12 बजे मेरी आँख खुली और मुझे सेक्स चढ़ने लगा और मुझे मुठ मारने का मन हुआ, क्योंकि में हफ्ते में 3 या 4 बार मुठ मार ही लेता था और मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी तो मैंने कभी किसी के साथ सेक्स भी नहीं किया था। में मुठ से ही काम चलाता था, लेकिन मैंने मुठ मारने से पहले उठकर देखा कि सब सो रहे है या नहीं, तो नीचे भैया सो रहे थे क्योंकि उन्हें सुबह 5 बजे ऑफिस के लिए निकलना होता था। उनकी शिफ्ट 6 बजे स्टार्ट होती थी तो वो घोड़े बेचकर सो रहे थे और मेरा भतीजा भी सो रहा था और भाभी भी सो रही थी, लेकिन मैंने देखा कि सोते हुए भाभी की आधी चूची बाहर की तरफ निकली हुई है तो मेरा मूड खराब हो गया और में लेट गया और थोड़ी देर तक सोचता रहा और फिर मेरा मन उन्हें टच करने का हुआ।
फिर मैंने भी काफ़ी सोचकर अपना डर दूर किया और धीरे-धीरे हाथ आगे बढ़ाया। मैंने पहले अपने भतीजे के ऊपर हाथ रखा और धीरे-धीरे दूसरी तरफ ले गया जहाँ भाभी सोई हुई थी। फिर मेरा हाथ उनके पैर पर टच हुआ और में वहीं रुक गया और 1 मिनट के बाद मैंने अपना हाथ और आगे बढ़ाया और मेरा हाथ उसके कंधो तक पहुँच गया। अब में फिर से रुक गया, ताकि अगर भाभी जाग भी गई तो उन्हें ऐसा लगे कि मेरा हाथ नींद में उनके ऊपर आ गया हो। फिर थोड़ी देर के बाद जहाँ से उनके बूब्स दिख रहे थे, मैंने सीधा अपना हाथ उनके अंदर डाल दिया और जब भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी। उस वजह से मेरा हाथ सीधा उनके बूब्स पर चला गया। तभी भाभी ने हल्की सी हरकत की तो मैंने अपना हाथ वैसे ही रखा और नॉर्मल ऐसे ही लेटा रहा। फिर 5 मिनिट के बाद जब मुझे लगा कि सब नॉर्मल है तो में अपने हाथ से धीरे-धीरे उनके बूब्स को सहलाने लगा। फिर जब मैंने देखा कि भाभी भी नींद में है तो मुझमे और हिम्मत आ गई।
फिर मैंने अपना हाथ वहाँ से निकाल कर भाभी की सलवार के ऊपर रख दिया। फिर मैंने अपनी उंगली सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत पर लगाने की कोशिश के लिए हाथ आगे बढ़ाया और उनकी चूत को अपनी उंगली से ढूँढने लगा। उनकी सलवार एक जगह इकट्ठी हो रही थी तो चूत का छेद ढूँढने में मुझे 1 मिनट लगा। फिर मैंने अपनी उंगली जैसे ही हल्की-हल्की उनकी चूत पर फेरी। भाभी ने एकदम से अपनी टांगे खोल दी और मुझे लगा कि कही भाभी उठकर मुझे मारने ना लग जाए और में आज फंस गया, लेकिन भाभी मेरा हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचने लगी। फिर में समझ गया कि भाभी जगी हुई है और वो इतनी देर से मज़े ले रही थी। फिर में धीरे से उठकर भाभी वाली साईड में चला गया और उन्हें हग और किस करने लगा। अब भाभी तो एकदम गर्म हो रही थी और ज़ोर-ज़ोर से साँसे ले रही थी।
जब मैंने पजामा पहना हुआ था। अब उन्होंने मेरे पजामे को नीचे करके मेरे लंड को बाहर निकालकर पकड़ लिया और उसे हल्के-हल्के हिलाने लगी। फिर मैंने भी उनकी सलवार का नाडा खोलकर उनकी चूत में उंगली करने लगा। अब वो मेरी उंगली नहीं मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी, लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योंकि भैया जो नीचे सोए थे। अब वो दूसरी तरफ होकर लेट गई और अपनी गांड मेरी तरफ कर दी, ताकि में उसको पीछे से चोद सकूँ और अपना लंड उनकी चूत में डाल दूँ, लेकिन मैंने सोचा अगर अभी डाल दिया तो पूरे कमरे में आवाज़ हो जायेगी और भैया जाग जायेगे। फिर मैंने मोबाईल में टाईम चेक किया तो 3 बज रहे थे। फिर मैंने सोचा कि थोड़ी देर इंतजार कर लेता हूँ, भैया जब जायेगें उसके बाद भी तो कर सकते हैं। मेरे पास आज का ही दिन तो नहीं है और भाभी तो पट ही गई है तो में कभी भी उन्हें चोद सकता हूँ, मुझे इतनी जल्दी नहीं करनी चाहिए।
फिर में दूसरी तरफ जाकर लेट गया और भाभी मुझे चोदने के लिए खींचने लगी। मैंने भाभी को धीमी सी आवाज़ में समझाया तो उसके बाद वो मान गई और मुझे उसके बाद कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला, लेकिन जब सुबह भैया गये और भाभी ने दरवाजा लॉक किया और मेरे पास आकर मुझे जगाने लगी तो मेरी आँख खुली और उन्हें देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। में तो चैन की नींद सो गया था, लेकिन भाभी उसके बाद नहीं सो पाई थी। उन्हें तो बस सुबह का इंतज़ार हो रहा था कि कब वो जाए? और में उन्हें चोदूं। फिर मैंने भाभी की सलवार खोली और अपना पजामा भी निकाल दिया, लेकिन मेरे पास जब कंडोम नहीं था। मैंने भाभी से बोला कि कंडोम है क्या? तो उन्होंने जल्दी से अलमारी से कंडोम निकाला और फिर मैंने जल्दी से लंड पर कंडोम चढ़ाया तो भाभी मेरे लंड को बड़े गौर से देख रही थी। शायद मेरा लंड भैया से लंबा था और जैसे ही भाभी टाँगे चौड़ी करके लेटी तो में उनके ऊपर चढ़ गया। मैंने अपना लंड उनकी चूत में पहले आधा डाला और फिर ज़ोर से पूरा डाल दिया, तो भाभी की हल्की सी चीख निकल गई और उन्होंने मुझे ज़ोर से पीछे धकेल दिया।
फिर मैंने पूछा क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कुछ नहीं। फिर मुझे लगा कि धीरे-धीरे करने में ही भलाई है अगर ज़ोर से चीख निकल जाती तो बाहर सभी उठ जाते। फिर मैंने उनकी धीरे-धीरे चुदाई करना चालू कर दिया और फिर ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने शुरू कर दिए। अब भाभी भी अपनी चूत उठा उठाकर आगे पीछे होने लग गई थी। अब भाभी को भी पूरा जोश आ गया था। उसके बाद भाभी मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में उछल-उछल कर लेने लगी और अब में उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था। फिर एकदम से भाभी का शरीर अकड़ने लग गया और उनकी चूत एकदम गर्म हो गई। अब उस गर्मी से मेरे लंड से भी मेरा माल निकलने लगा और मेरा पानी छूट गया। अब भाभी भी एकदम शांत हो गई, फिर भाभी मेरे लंड से उठी और मुझे किस करती रही, फिर मैंने एकदम से कंडोम निकाला और उनके कचरे के डब्बे में डाला और अपनी अंडरवेयर और पजामा पहनकर सोने लगा। फिर भाभी ने भी अपने कपड़े पहने और वो भी नहाने के लिए चली गई। उसके बाद भी मैंने भाभी के साथ तीन बार सेक्स किया ।।
धन्यवाद...
हैल्लो दोस्तों, में अपनी स्टोरी आपके साथ शेयर करना चाहता हूँ। मेरा नाम ऋषि है और में आपको अपने पहले सेक्स की स्टोरी बताने जा रहा हूँ जो कि मैंने अपनी भाभी के साथ किया और यक़ीनन ये आपको पसंद आयेगी और ये मेरी रियल स्टोरी है। मेरी उम्र अभी 25 साल की है और मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है। में अभी दिल्ली में जॉब करता हूँ और में पहले अपनी फेमिली के साथ चंडीगढ़ में रहता था और मेरे मामा जी के बड़े बेटे और भाभी भी हमारे पास में ही रहते थे। हमारे पास 2 BHK का फ्लेट था तो वो हमारे पास वाले फ्लेट में ही रहते थे। उनके एक छोटा बेटा भी था। मेरे भाई की उम्र 30 साल की थी और मेरी भाभी की उम्र तब 26 साल थी और तब में 19 साल का था और मेरी भाभी का फिगर 34-30-34 साईज का था वो दिखने में बहुत सुंदर है।
ये बात गर्मियों की है तब मेरे मामा जी का छोटा लड़का भी चंडीगढ़ में जॉब करने आया था। वो भी भैया और भाभी के साथ रहता था। मेरी कभी भाभी की तरफ नियत खराब नहीं हुई, लेकिन एक रात जब बहुत ज्यादा गर्मी थी और उस दिन हमारा ए.सी खराब हो गया था तो मेरी फेमिली के लोग घर के बाहर की खुली जगह में सोने लगे और में भाभी के कमरे में सोने चला गया क्योंकि उनका कूलर चल रहा था और वो कमरा ज्यादा ठंडा कर देता था तो में उनके कमरे में चला गया। उस दिन भैया किसी काम से बाहर गये हुए थे और वो 3 दिन के बाद आने वाले थे और दूसरा भाई नीचे गद्दा डालकर सो रहा था और डबल बेड पर भाभी और उनका छोटा बेटा सो रहे थे और सामने की जगह खाली थी जो कूलर के सामने थी। अब में वहां लेट गया और सोने लगा। हम जल्दी सो जाते थे तो हम 9 बजे सोने लगे।
फिर करीब 12 बजे मेरी आँख खुली और मुझे सेक्स चढ़ने लगा और मुझे मुठ मारने का मन हुआ, क्योंकि में हफ्ते में 3 या 4 बार मुठ मार ही लेता था और मेरी कोई गर्लफ्रेंड भी नहीं थी तो मैंने कभी किसी के साथ सेक्स भी नहीं किया था। में मुठ से ही काम चलाता था, लेकिन मैंने मुठ मारने से पहले उठकर देखा कि सब सो रहे है या नहीं, तो नीचे भैया सो रहे थे क्योंकि उन्हें सुबह 5 बजे ऑफिस के लिए निकलना होता था। उनकी शिफ्ट 6 बजे स्टार्ट होती थी तो वो घोड़े बेचकर सो रहे थे और मेरा भतीजा भी सो रहा था और भाभी भी सो रही थी, लेकिन मैंने देखा कि सोते हुए भाभी की आधी चूची बाहर की तरफ निकली हुई है तो मेरा मूड खराब हो गया और में लेट गया और थोड़ी देर तक सोचता रहा और फिर मेरा मन उन्हें टच करने का हुआ।
फिर मैंने भी काफ़ी सोचकर अपना डर दूर किया और धीरे-धीरे हाथ आगे बढ़ाया। मैंने पहले अपने भतीजे के ऊपर हाथ रखा और धीरे-धीरे दूसरी तरफ ले गया जहाँ भाभी सोई हुई थी। फिर मेरा हाथ उनके पैर पर टच हुआ और में वहीं रुक गया और 1 मिनट के बाद मैंने अपना हाथ और आगे बढ़ाया और मेरा हाथ उसके कंधो तक पहुँच गया। अब में फिर से रुक गया, ताकि अगर भाभी जाग भी गई तो उन्हें ऐसा लगे कि मेरा हाथ नींद में उनके ऊपर आ गया हो। फिर थोड़ी देर के बाद जहाँ से उनके बूब्स दिख रहे थे, मैंने सीधा अपना हाथ उनके अंदर डाल दिया और जब भाभी ने ब्रा नहीं पहनी थी। उस वजह से मेरा हाथ सीधा उनके बूब्स पर चला गया। तभी भाभी ने हल्की सी हरकत की तो मैंने अपना हाथ वैसे ही रखा और नॉर्मल ऐसे ही लेटा रहा। फिर 5 मिनिट के बाद जब मुझे लगा कि सब नॉर्मल है तो में अपने हाथ से धीरे-धीरे उनके बूब्स को सहलाने लगा। फिर जब मैंने देखा कि भाभी भी नींद में है तो मुझमे और हिम्मत आ गई।
फिर मैंने अपना हाथ वहाँ से निकाल कर भाभी की सलवार के ऊपर रख दिया। फिर मैंने अपनी उंगली सलवार के ऊपर से ही उनकी चूत पर लगाने की कोशिश के लिए हाथ आगे बढ़ाया और उनकी चूत को अपनी उंगली से ढूँढने लगा। उनकी सलवार एक जगह इकट्ठी हो रही थी तो चूत का छेद ढूँढने में मुझे 1 मिनट लगा। फिर मैंने अपनी उंगली जैसे ही हल्की-हल्की उनकी चूत पर फेरी। भाभी ने एकदम से अपनी टांगे खोल दी और मुझे लगा कि कही भाभी उठकर मुझे मारने ना लग जाए और में आज फंस गया, लेकिन भाभी मेरा हाथ पकड़कर अपनी तरफ खींचने लगी। फिर में समझ गया कि भाभी जगी हुई है और वो इतनी देर से मज़े ले रही थी। फिर में धीरे से उठकर भाभी वाली साईड में चला गया और उन्हें हग और किस करने लगा। अब भाभी तो एकदम गर्म हो रही थी और ज़ोर-ज़ोर से साँसे ले रही थी।
जब मैंने पजामा पहना हुआ था। अब उन्होंने मेरे पजामे को नीचे करके मेरे लंड को बाहर निकालकर पकड़ लिया और उसे हल्के-हल्के हिलाने लगी। फिर मैंने भी उनकी सलवार का नाडा खोलकर उनकी चूत में उंगली करने लगा। अब वो मेरी उंगली नहीं मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती थी, लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रही थी क्योंकि भैया जो नीचे सोए थे। अब वो दूसरी तरफ होकर लेट गई और अपनी गांड मेरी तरफ कर दी, ताकि में उसको पीछे से चोद सकूँ और अपना लंड उनकी चूत में डाल दूँ, लेकिन मैंने सोचा अगर अभी डाल दिया तो पूरे कमरे में आवाज़ हो जायेगी और भैया जाग जायेगे। फिर मैंने मोबाईल में टाईम चेक किया तो 3 बज रहे थे। फिर मैंने सोचा कि थोड़ी देर इंतजार कर लेता हूँ, भैया जब जायेगें उसके बाद भी तो कर सकते हैं। मेरे पास आज का ही दिन तो नहीं है और भाभी तो पट ही गई है तो में कभी भी उन्हें चोद सकता हूँ, मुझे इतनी जल्दी नहीं करनी चाहिए।
फिर में दूसरी तरफ जाकर लेट गया और भाभी मुझे चोदने के लिए खींचने लगी। मैंने भाभी को धीमी सी आवाज़ में समझाया तो उसके बाद वो मान गई और मुझे उसके बाद कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला, लेकिन जब सुबह भैया गये और भाभी ने दरवाजा लॉक किया और मेरे पास आकर मुझे जगाने लगी तो मेरी आँख खुली और उन्हें देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। में तो चैन की नींद सो गया था, लेकिन भाभी उसके बाद नहीं सो पाई थी। उन्हें तो बस सुबह का इंतज़ार हो रहा था कि कब वो जाए? और में उन्हें चोदूं। फिर मैंने भाभी की सलवार खोली और अपना पजामा भी निकाल दिया, लेकिन मेरे पास जब कंडोम नहीं था। मैंने भाभी से बोला कि कंडोम है क्या? तो उन्होंने जल्दी से अलमारी से कंडोम निकाला और फिर मैंने जल्दी से लंड पर कंडोम चढ़ाया तो भाभी मेरे लंड को बड़े गौर से देख रही थी। शायद मेरा लंड भैया से लंबा था और जैसे ही भाभी टाँगे चौड़ी करके लेटी तो में उनके ऊपर चढ़ गया। मैंने अपना लंड उनकी चूत में पहले आधा डाला और फिर ज़ोर से पूरा डाल दिया, तो भाभी की हल्की सी चीख निकल गई और उन्होंने मुझे ज़ोर से पीछे धकेल दिया।
फिर मैंने पूछा क्या हुआ? तो उन्होंने कहा कुछ नहीं। फिर मुझे लगा कि धीरे-धीरे करने में ही भलाई है अगर ज़ोर से चीख निकल जाती तो बाहर सभी उठ जाते। फिर मैंने उनकी धीरे-धीरे चुदाई करना चालू कर दिया और फिर ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने शुरू कर दिए। अब भाभी भी अपनी चूत उठा उठाकर आगे पीछे होने लग गई थी। अब भाभी को भी पूरा जोश आ गया था। उसके बाद भाभी मेरे ऊपर आ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में उछल-उछल कर लेने लगी और अब में उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबा रहा था। फिर एकदम से भाभी का शरीर अकड़ने लग गया और उनकी चूत एकदम गर्म हो गई। अब उस गर्मी से मेरे लंड से भी मेरा माल निकलने लगा और मेरा पानी छूट गया। अब भाभी भी एकदम शांत हो गई, फिर भाभी मेरे लंड से उठी और मुझे किस करती रही, फिर मैंने एकदम से कंडोम निकाला और उनके कचरे के डब्बे में डाला और अपनी अंडरवेयर और पजामा पहनकर सोने लगा। फिर भाभी ने भी अपने कपड़े पहने और वो भी नहाने के लिए चली गई। उसके बाद भी मैंने भाभी के साथ तीन बार सेक्स किया ।।
धन्यवाद...
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