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प्यासी दीदी को लंड का सुख दिया pyasi didi ko lund ka sukh diya
प्यासी दीदी को लंड का सुख दिया pyasi didi ko lund ka sukh diya, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
मेरे जीजा की उम्र 45 साल की हे शायद इसी वजह से वो मेरी दीदी को बिस्तर में खुश नहीं कर पाते हे. दीदी की सास रोज मेरी दीदी को बांज कह के ताने मारती थी. पिछले महीने मेरे जीजा ने दीदी को धक्के मार के घर से बहार निकाल दिया और वो मेरे पास आ गई. मैं घर में अकेला ही रहता हूँ इसलिए मुझे कोई तकलीफ नहीं हे की मेरी दीदी मेरे साथ में रहे. दीदी इम्रे घर का सारा काम काज संभालने लगी. उधर जीजा जी ने डिवोर्स के लिए मुकदमा दायर कर दिया और दीदी को डिवोर्स दे दिया. दीदी बहुत ही उदास रहने लगी थी. एक दिन मेरे दोस्तों ने होटल में पार्टी करने का प्रोग्राम बनाया जिसमे कुछ लड़कियों को भी बुलायाँ ताकि हम चुदाई भी कर सकें.
मैं शाम को रेडी हो कर जाने लगा तभी मेरे फोन की घंटी बजी. मेरे दोस्त अशोक का फोन था. उसने बताया की एक दोस्त के पापा का एक्सीडेंट हो गया हे इसलिए आज की पार्टी केंसल कर दी हे. मैंने ओके कह के फोन तो रख दिया लेकिन मुझे बहुत गुस्सा आया. मैं शाम से अपने लोडे को कडक कर चूका था उसे बड़े बड़े सपने दिखा के. मैं बोल उठा सालों ने खड़े लंड के ऊपर धोखा कर दिया! मुझे पता नहीं था की मेरी दीदी पीछे ही खड़ी थी और उसने मेरे मुहं से ये सुन लिया!
मैं उदास हो कर कुर्सी में बैठ गया और दीदी को बोला, दीदी अगर मैं घर पर शराब पिउ तो आप को कोई ऐतराज़ तो नहीं हे ना! मेरा मूड आज बहुत ही खराब हे. मेरी पार्टी केंसल हो गई हे इसलिए.
दीदी ने स्माइल के साथ कहा मुझे क्या प्रॉब्लम हो सकती हे भाई, हो सके तो घूंट मुझे भी पिला दो मेरा मन भी बड़ा उदास हे. जब से तेरे जीजा ने मेरे खिलाफ जूठे आरोप लगाये हे. फिर वो बोली, मेरा मन तो कतय हे की उसको जान से मार दूँ और सारे जहां को असलियत बता दूँ, साला खुद तो नामर्द हे और मुझे बांझ बता कर डिवोर्स देता हे.
फीर वो एक सांस ले के बोली, और साली उसकी माँ अपने नोकर के साथ चक्कर चला के गंदे काम करती हे उसके साथ और दुनिया के सामने सती सावित्री बनी फिरती हे. चल भाई मैं ग्लास लेकर आती हूँ. और फिर हम दोनों भाई बहन साथ में ही पेग लगाते हे. तुझे कोई ऐतराज़ तो नहीं हे ना मेरे साथ पीने में? आज पहली बार अपनी दीदी के मुहं से गाली सुन के मुझे ओड लग रहा था.
मेरा मन कई सवाल उठा रहा था. क्या जीजा जी असल में नामर्द हे? क्या दीदी बाँझ हे? मेरी नजर दीदी के बदन के ऊपर चली गई. दीदी का जिस्म पूरी तरह से गदराया हुआ रहा उसके चूतड़ मस्त हे. जब वो चलती हे तो ठुमक ठुमक करते हे और मेरे लंड को फोरन से खड़ा करने लगे. उनकी चूची और भी मस्त थी. उनका ब्लाउज इतना छोटा था और गला इतने निचे तक कट था के उनकी चूची के आधे से ज्यादा भाग मेरी नजर के सामने मुझे अपनी तरफ आकर्षित कर रहा था.
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मैंने दीदी का हाथ अपने हाथ में ले लिया और अपने पास बिठा लिया. मैंने दीदी से पूछा की क्या जीजा वाकई में नामर्द हे? अगर ऐसा हे तो तुमने अपनी ससुराल में इतने साल से रहने की गलती क्यूँ की? मेरे पास पहले से क्यूँ नहीं आ गई? अब मैं पानी प्यारी दीदी को कहीं भी जाने नहीं दूंगा. तुम यही बैठों मैं हम दोनों के लिए पेग बनाकर ले के आता हूँ.
मैं दो ग्लास निकाले उन्के अन्दर जोहनी वॉकर शराब के पेग डाले, सोडा डाला, बर्फ डाली और एक को दीदी को दिया और दूसरा अपने पास रख लिया. टेबल पर तले हुए काजू रखे हुए थे. हमने शराब की चुस्की लेते हुए काजू खाए. थोड़ी देर के अंदर नशा छाने लगा और मेरा मन भी उत्तेजित होने लगा था. मेरा हाथ दीदी के कंधे के ऊपर चला गया और फिर मैंने पूछा, दीदी क्या जीजा जी असल में नामर्द हे?
दीदी ने मेरी तरफ देखा और उसकी नजर मेरे पेंट के अन्दर बने हुए तम्बू के ऊपर पड़ी. उसने मेरी जांघ पर हाथ रखते हुए कहा और नहीं तो क्या उसका लंड कभी खड़ा ही नहीं होता था वो मेरी जवानी का घूंट पिने के काबिल ही नहीं था. मैं तडपती रही इतने सालों तक लेकिन तेरा जीजा कभी मुझे बिस्तर में शांत ही नहीं कर पाया. साला अपना ढीला सा लंड लेकर मेरे जिस्म से खेलता था और जब मैं गरम हो जाती तो बहनचोद पिचकारी मेरे शरीर के ऊपर छोड देता. 6 साल से लंड के लिए तड़प रही हूँ मेरे भैया!
और तेरा जीजा मादरचोद मेरी आग को भड़का देता था पर शांत नहीं कर पाता था. मैं आज भी तडप रही हूँ, मेरी चूत आज भी काम की आग में दाहक रही हे. दीदी ये कह के अपनी चूत को अपने हाथ से सहलाने लगी. मेरे अन्दर की आग भी भड़क उठी थी. मैंने पेग ख़तम किया, दूसरा बनाया और दीदी के चहरे को अपनी तरफ खिंच लिया. दीदी के जिस्म से बहुत ही मस्त खुसबू आ रही थी. मैंने दीदी को बाहों में भर लिया और अपने होंठो को उसके मस्त होंठो के ऊपर रख दिए. दीदी मेरे जिस्म से ऐसे चिपक गई जैसे पेड़ के साथ लता लिपट जाती हे. मैंने दीदी के चुम्बन लेने शरु कर दिए और दीदी ने मेरे चुम्बन का जवाब चुम्बन से देना शरु कर दिया. मेरे हाथ दीदी की चूची रगड़ने लगे. मेरा लंड फुंफाड उठा. दीदी ने जब मेरे लंड को सर उठाते हुए महसूस किया तो उसकी साँसे तेजी से चलने लगी और उसका हाथ मेरे लंड को टटोलने लगा. मैंने उसके नीपल्स को छेड़ना चालू रखा और मेरी जीभ दीदी के मुहं में दाखिल हो चुकी थी.
हम चुदाई की हवस में आग की तरह जल रहे थे. उधर शराब अपने रंग दिखा रही थी. दीदी को मैंने कहा क्या मैं तुम्हारी प्यास को बुझा दूँ! देखो हम दोनों भाई बहन के साथ साथ मर्द औरत भी हे. दीदी मैं अब तेरी आग और नहीं बर्दाश्त कर सकता मेरा लंड तेरी चूत में घुसने को बेताब हे. मेरी प्यारी दीदी कसम से आज मुझे तेरी चूत को चोदने से मत रोकना. तेरी जवानी के लिए मैं बहनचोद भी बन जाने को तैयार हूँ. फिर मैंने दीदी के हाथ अपने लंड पर रख के कहा. मेरी सेक्सी दीदी देख तेरे भाई का लंड तेरे अन्दर घुसने के लिए कितना बेताब हे तेरी चूत भी पूरी तरह से गरम हो चुकी हे. देख कैसे फूली हुई नजर आ रही हे जलेबी के जैसे. इसकी गर्मी तो लंड से ही शांत होगी ना.
दीदी ने एक लम्बी सांस ले के मेरे लंड को दबाया. उसके गले के मसल ऊपर निचे हो रहे थे. मैंने गले के ऊपर प्यार से हाथ फेर के कहा, दीदी आप मेरी बीवी बन जाओ. दीदी क्या ख्याल हे मुझे ना मत कहना! दीदी का जिस्म भी हवस की आग में झुलस चूका था और वो लम्बी लम्बी साँसे ले के मेरे लंड को हिला रही थी. उसने अभी तक कुछ मुहं से नहीं कहा था पर उसके हाथ ने तो हां कह ही दिया था.
वो भी अपने आप पर काबू नहीं रख पा रही थी और बहकते हुए बोली, भैया तेरी दीदी आज से तेरी गुलाम हो जायेगी अगर तुमे मेरी चूत की आग को बुझा दिया. तू कहे तो मैं तेरी बीवी और तू कहे तो मैं तेरी रखेल भी बन जाउंगी. पर प्लीज मेरी चूत को ठंडी कर दो मैं बरसो से तडप रही ही. मेरी चूची को ऐसे ही जोर जोर से भींच तो मेरे राजा भैया, मैं पूरी की पूरी तुम्हारी ही हूँ, चोद दो अपनी दीदी को. उसकी चूत की सिल तेरे लिए ही बची हुई हे आज तक मेरे राजा. नंगी कर डालो अपनी बहन को बना लो अपनी बहन को अपनी चुदाई की दासी.
फिर दीदी मेरा लोडा मसलते हुए बोली, तेरा लंड तो बड़ा ही धांसू हे भाई लगता हे मेरी चूत को फाड़ देगा ये साला. जल्दी से डाल दो उस जालिम गिरगिट जैसे मोटे लोडे को मेरी प्यासी मुनिया के अन्दर और उसकी ताकत दिखाओ मुझे.
मैं ये सब सुन के पागल हो गया और अपनी बहन की साडी और ब्लाउज को उतार फेंका. दीदी अब पेटीकोट और ब्रा में थी. मेरा हाथ उसके ब्रा को खोलने लगा और दीदी ने मेरी पेंट और शर्ट उतार दी. कच्छे के ऊपर से वो मेरे लंड को हिला के जैसे मुठ मार रही थी.
फिर मैने दीदी की कच्छी और पेटीकोट भी उतार दिया. दीदी का गोरा मस्त जिस्म मेरी आँखों के सामने नंगा था. और उसने झांट साफ़ कर रखी थी और उसकी चूत पाँवरोटी के जैसी फूली हुई थी. मैंने दो ऊँगली दीदी की चूत में डाली और ऊँगली से ही उसे चोदने लगा. दीदी ने अपना मुहं निचे किया और वो मेरे लंड के सुपाडे को चूसने लगी. उसके हाथ मेरे टट्टे सहला रहे थे. मैंने दीदी के सर को अपने लंड की तरफ खिंचा और उसके मुहं को चूत की तरह चोदने लगा. मेरा लंड दीदी के गले के अन्दर तक जा रहा था और उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. लेकिन उसने लंड चुसना जरा भी बंद नहीं किया.
अब मैंने भी अपने मुहं को दीदी की चूत के ऊपर टिका दिया. उसकी चूत से मस्त महक आ रही थी. चूत रस से भरी हुई थी. मैंने जीभ से दीदी का रस चाट लिया और दीदी के मुहं से आह आह निकल गई. मैंने जीभ दीदी की चूत की गहराई तक डाली और चूत के रस को चाटने लगा. हम दोनों ने 69 पोजीशन बनाई हुई थी. दीदी की जांघे मेरी गर्दन के ऊपर कसी हुई थी. मैंने दीदी के क्लाइटोरिस को अपने होंठो के बीचोंबीच लेकर चुसना चालू कर दिया.
ओह्ह्ह भैया चाट लो मेरी चूत का रस, मैं झड़ रही हूँ! अब अपनी जीभ को निकाल के ये बड़ा लंड एमरी चूत में डाल दो. मेरी चुदाई कर मुझे पूरी औरत बना डालो मेरे भाई. मुझे तुम ही औरत का सुख दे सकते हो मेरे राजा भाई, चोदो मुहे जल्दी से प्लीज़, मेरी दीदी अपने मुहं से ये सब कह रही थी
मैंने दीदी को पलंग पर लिटा दिया और उसकी जांघे पूरी तरह से फैला दी. चूत के पानी को टपकते हुए देखा. अपना सुपाड़ा मैंने दीदी की चूत के मुह में रख दिया. दीदी को लगा जैसे कोई जलता हुआ अंगारा उसकी चूत पर रख दिया हो. फिर मैंने धीरे से लंड को अन्दर धकेल दिया. लंड मलाई की तरह दीदी की चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर प्रवेश कर गया. ओह्ह्ह ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह माँ मैं तो मर गई, बहनचोद, धीरे से चोद भैया, ये मेरी पहली चुदाई हे और तेरा लंड तो बला का बड़ा हे!
वो बहुत सब कुछ बोल रही थी इसलिए मैंने अपने होंठो को उसके नर्म होंठो के ऊपर लगा दिया. वो जीभ मेरे मुहं में डाल के मेरा थूंक चाटने लगी और मैं उसके थूंक को. मेरे हाथ दीदी के बूब्स को मसल रहे थे और निचे मैंने अपने लंड को धीरे धीरे अन्दर बहार करना चालू कर दिया था. दीदी की साँसे तेज हो गई थी और वो अह्ह्ह अह्ह्ह ओह ओह कर रही थी.
मेरे टट्टे दीदी की गांड से टकरा रहे थे. कमरे से फच फच की आवाजे आने लगी. पलंग भी चरमरा रहा था. मेरा लोडा दीदी की चूत की गर्म गुफा में उछल कूद कर रहा तजा. ऐसा आनंद मुझे कभी पहले नहीं मिला था. मुझे लगा की मैं थोड़ी देर में ही झड़ने वाला हूँ. मैंने धक्को की रफ़्तार को और भी तेज कर दिया और दीदी को गांड को जकड़ कर जोर जोर से चोदने लगा. दीदी भी अपनी मंजिल के करीब में ही थी. मैंने उत्तेजित हो के दीदी से बोला, दीदी मैं ज्यादा देर तक नहीं टिक पाऊंगा, मेरा लंड झ्द्नेवाला हे तो बोलो मेरी बहन कहा निकालू अपने लंड के पेशाब को!
दीदी ने गांड उठा के हिला दी और बोली, अपनी बहन की चूत की गर्मी वीर्य के फवारे से शांत कर दो मेरे राजा भैया.
मैंने उसके बूब्स दबाते हुए कहा, फिर तो तुम मेरे बच्चे की माँ बन जाओगी!
दीदी ने कहा अब तुम ही मेरे पति हो भाई.
मैंने कहा दीदी तू अपनी गांड उछाल कर मेरे साथ दो, ले लो मेरा पूरा लंड अपनी गरम चूत में. आज मैं बहनचोद बन चूका हु. चल मेरी चुदासी दीदी छोड़ दे अपने पानी को मैं भी अपना माल निकालता हूँ.
इसके साथ ही मैंने अपना पानी दीदी की चूत में छोड़ा और वो भी मेरे साथ में ही झड़ गई. हम दोनों के पानी का संगम हो गया और हम दोनों एक दुसरे को जोर से लिपट के किसिंग करने लगे. और मुझे नींद भी आ गई ऐसे ही चूत में लंड के साथ ही. जब मेरी आँख खिली तो देखा की दीदी पहले से ही उठ चुकी थी. वो नाहा कर रेडी भी हो गई थी.
दीदी को चोदना फिर तो रेगुलर हो गया. उसकी आँखों के निचे ब्लेक मार्क्स दो हफ्तों में चले गए. वो पहले से मोटी भी हो गई लंड की विटामिन्स ले ले के. फिर दो महीने के बाद दीदी ने एक दिन मेरा हाथ ले के अपने पेट पर रख के कहा, भाई आप का वीर्य काम कर गया हे अपना.
मैं ख़ुशी से उछल पड़ा और दीदी को गले से लगा लिया.
वो भी बहुत खुश थी.
फिर मैं लोगों की नजरो से बचाने के लिए अपनी दीदी को ले के दुसरे स्टेट में आ गया. पुराना घर, दूकान सब बेच के मैंने यहाँ नया बिजनेश सेट कर लिया. अब हम दोनों ने एफिडेविट कर के नाम भी बदल लिए थे. वो मेरी बीवी और मैं उसका पति. रोज लंड लेती हे आज के दिन भी वो.
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