Home
» bhabhi ki chudai
» ससुराल में आकर मिट गई भाभी की चूत की गर्मी Sasural me aakar mit gayi bhabhi ki chut ki garmi
ससुराल में आकर मिट गई भाभी की चूत की गर्मी Sasural me aakar mit gayi bhabhi ki chut ki garmi
ससुराल में आकर मिट गई भाभी की चूत की गर्मी Sasural me aakar mit gayi bhabhi ki chut ki garmi, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
दोस्तों मैं ट्रेन से जा रही थी. मैं ट्रेन में अकेली थी. ट्रेन में एक लड़के की हरकतों ने मुझे इतना एक्साइट कर दिया की मुझसे कण्ट्रोल ही नहीं हो रहा था. असल में मैंने साड़ी पहनी थी पर उसका पल्लू थोडा ढीला पहना था क्योंकि गर्मी बहुत थी और मुझे अपने ससुराल से अलग रहने की वजह से साड़ी पहनने की आदत छुट गयी थी. और वो लड़का मेरी सीट के सामने बैठा था. मेरा बैग सीट के निचे था. जब मैं अपना कुछ सामान लेने झुकी तो उसको मेरा पल्ला ढीला होने की वजह से मेरा पूरा क्लीवेज दिख गया और वो शायद एक्साइट हो गया था.
फिर उसने मुझ से बाते शुरू की और क्यूंकि हमारा केबिन एक ही था कई बार हमारा हाथ टकराया और कई बार हम टकराए. तभी अचानक मैं भी उठी और वो भी और उसके हाथ मेरे बूब्स पर आ गए. उसने सॉरी बोला और मैंने भी बोला कोई बात नहीं. पर इसके बाद उसकी हरकते बढ़ गयी और मैं भी एक्साइट होने लगी. कभी वो मेरे पेरो को अपने पेरो से टच करता और सॉरी बोल देता. मैं भी स्माइल कर देती और कभी मैं खड़ी होती तो मेरी गांड को टच कर देता. पर उसकी इन् हरकतों से मैं भी एक्साइट हो रही थी. मैं पूरी कोशिश करती रही पुरे रास्ते. सीट पर बैठे बैठे कभी अपने पाँव आपस में रगड़ती तो कभी अपने गले पर धीरे धीरे हाथ फेरती, पर इन सब से प्यास बढती ही चली जा रही थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैं जैसे तैसे अपने अरमानो को काबू कर, अपनी मंजिल पर पहुँच गई. बस स्टेंड पर मेरे हस्बैंड के कजिन यानी की मेरे कजिन देवर लेने आये थे और उनके साथ एक फ्रेंड भी था. मेरे देवर ने मुझे अपने फ्रेंड से मिलवाया और बताया की वह उनका सब से क्लोज फ्रेंड है और शादी के कामकाज में उनकी बहुत मदद कर रहा है.
मेरे दोस्त के देवर ने मेरी नमस्ते की और मैंने भी उसे स्माइल दी. फिर वो थोडा आगे आया और मेरा सामान उठाने के लिए थोडा झुका और स्ट्रोलर का हैंडल पकड़ने लगा. मैंने भी एकदम से ना करने ले लिए अपना हाथ स्ट्रोलर के हैंडल की और बढाया और थोडा झुकने लगी. मैंने पिंक कलर की बहुत ल्यूज साड़ी पहनी थी गर्मी की वजह से. झुकते ही मेरा पल्लू एक दम से निचे गिर गया और मेरा क्लीवेज उसके सामने आ गया.
उसने मेरे क्लीवेज को देखा और एक दम से आँखे बंद कर के उसने अपना फेस दूसरी तरफ टर्न किया. उसी वक़्त मेरा देवर आया और मेरा बैग पकड़ कर बोला “अरे आप लोग परेशान मत हो, मैं हूँ ना.” और हम तीनो ने एक दुसरे को स्माइल दी और प्लेटफ़ोर्म से जाने लगे. प्लेटफार्म से गाडी तक जाने तक मैं यही सोचती रही की कैसे इस लड़के ने अपना फेस साइड में कर लिया मेरा क्लीवेज देखते ही. आजकल की दुनिया में जहाँ लोग ज़बरदस्ती औरतो का पल्लू गिरा कर क्लीवेज देखना चाहते है. वही इसने कैसे अपना फेस हटाया मेरे क्लीवेज को देख कर. उसकी यह बात मुझे बहुत अच्छी लगी. और मुझे वो पेर्सोनली बहुत अच्छा लगने लगा. इसके बाद मैं उसे शर्मीला कहने लगी.
मैं अपने ससुराल आ गयी और बहू होने के नाते मुझे सबके चरण स्पर्श करने थे. पर साडी बहुत ल्यूज थी. तो मुझे संकोच भी था कि मैं कैसे झुकू. खुद की इज्ज़त झुपाने के लिए मैंने अपना पल्लू अच्छे से अपने ऊपर लपेट लिया ताकि झुकने पर किसी को कुछ न दिखे. मेरे ऐसे साड़ी पहनने से घर के सारे बुजुर्ग बहुत इम्प्रेस हुए और मुझे आशीर्वाद दिया.
तभी मेरे ससुर जी बोले बहु बहुत थक गई होगी अपने रूम में जाओ और आराम करो. मैंने मन ही मन कहा कि ससुर जी थक तो गई ट्रेन में, एक लड़के ने मुझे बहुत एक्साइट किया. मैं मन ही मन मुस्काई और शर्मीले ने मेरा सामान फिर से उठा लिया और बोला - चलो भाभी आपको आपका रूम दिखा देता हूँ.
मैंने कहा “ हाँ ठीक है” और हम फर्स्ट फ्लोर के रूम में चले गए. रूम में एन्टर होते ही शर्मीले ने पंखा ओन कर दिया और बोला भाभी कुछ जरुरत हो तो बता देना. मैंने कहा ठीक है शर्मीले तुम टेंशन न लो, यह मेरा ही तो घर है, में मैनेज कर लुंगी.
उसने कहा, “ हाँ भाभी, घर तो आप का ही है, पर अभी शादी की तैयारी की ज़िम्मेदारी मेरी है इसलिए भाभी की ज़िम्मेदारी भी तो मेरी हुई.
मुझे उसकी सिंसेरिटी देख कर बहुत अच्छा लगा और मैंने उसे प्यारी सी स्माइल दी और वो भी एक स्माइल देकर गेट बंद कर के चला गया.
मैंने एक पर्पल साड़ी निकाली और उसके मैचिंग के अंडर गारमेंट्स निकाले, फिर मैंने अपनी मेक- उप किट निकली और तोवेल ढूंढने लगी.
तोवेल बैग में न मिलने के कारन मैं थोडा परेशान हो गई. और अपने घुटनों पर बैग में अच्छे से ढूढने लगी.
मेरा पल्लू झुकने के कारण गिर गया. मैं सीधी हुई और अपना पल्लू ठीक कर के फिर से तोवेल ढूढने लगी. मैं बैग के दूसरी तरफ ढूढने के लिए थोडा शिफ्ट हुई तो मेरा फेस दरवाज़े की तरफ हो गया था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैं तोवेल ढूढते हुए फिर झुकी तो मेरा पल्ला फिर से गिर गया. मैंने इस बार उसे गिरा ही रहने दिया यह सोच कर की मैं रूम में अकेली हूँ और ढूढने में तो और भी कई बार गिरेगा तो कब तक संभाल कर रख पाऊँगी. मैं ढूढ ही रही थी की अचानक से गेट ओपन हुआ और मैं शॉक हो गई. पूरी तरह से झुके होने के कारण मेरे बूब्स थोड़े बहार आ गए थे और बहुत सेक्सी लग रहे थे.
मेरे क्लीवेज का नज़ारा और मेरे सामने से गिरते हुए बाल मुझे और भी सेक्सी बना रहे थे. गेट एक दम से ओपन हुआ और शर्मीला कुछ बोलते हुए एक दम से अन्दर आ गया - “भाभी जी आज शाम्म्मम्म… हम्म्म्म…
जैसे ही उसने मेरे बूब्स की तरफ देखा तो उसकी ज़बान अटक गयी और आँखे खुली की खुली रह गई. मेरे दोनों बूब्स उसके सामने थे. ब्लाउज में बूब्स बंद होने के कारण दोनों आपस में टकरा रहे थे, उन्हें देख कर वो शायद सब कुछ भूल गया था. मैं एक दम से होश में आई और घुटनों पर बैठ कर पल्लू ठीक करने लगी. उसने कहा, “सॉरी भाभी, मुझे गेट नॉक कर के आना चाहिए थथा” और गेट फिर से बंद कर दिया.
मैंने एक दम से कहा,” शर्मीले !”
उसने फिर से गेट ओपन किया और कहा “जी भाभी”.
मैंने कहा तुम कुछ कह रहे थे उस टाइम, किस काम से आना हुआ?
उसने कहा - कुछ खास नहीं भाभी, मैं आपको बताने आया था की हम आज शाम को घुमने जायेंगे सभी गेस्ट को लेकर तो आप चाहो तो आप भी आ सकती हो.
मैंने कहा नहीं शर्मीले, मेरे लिए पॉसिबल नहीं होगा क्यूंकि में यहाँ बहु हूँ और मुझे कुछ फॉर्मेलिटी करनी पड़ेगी, घर के काम करने की.
उसने कहा जैसा आप ठीक समझे भाभी और गेट बंद कर के जाने लगा.
मुझे याद आया कि क्यों न मैं शर्मीले से ही तोवेल मंगवा लू.
मैं एक दम से खड़ी होने लगी और आवाज़ दी “ शर्मीले ”!!
मैंने उठने के लिए दोनों हाथ ज़मीन पर लगाये और उठने लगी की तभी मेरा पल्लू फिर गिर गया और उस्सी वक़्त शर्मीला फिर से दरवाज़ा ओपन कर के अंदर आ गया मुझे देखने लगा. इस बार फिर उसने मेरा पल्लू गिरा हुआ देखा पर इस बार मेरे बूब्स नहीं बस मेरा क्लीवेज ही उसे दिखा.
वो क्लीवेज ही उसके लिए शायद बहुत था क्यूंकि उसके एक्सप्रेशन से मुझे लगा की उसने अपनी लाइफ में उस समय किसी के भी क्लीवेज नहीं देखे होंगे. मैं मन ही मन सोच रही थी की यह क्या हो रहा है आज 40 - 50 मिनट में ही मैंने शर्मीले को 3 बार अपनी छाती के दर्शन दे दिए. पता नही वो मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा. मैंने अपना पल्लू ठीक किया और कहा की शर्मीले मैं अपना तोवेल लाना भूल गई हूँ, क्या तुम एक तोवेल लेकर आ सकते हो.
उसने कहा क्यों नहीं भाभी, बस 5 मिनट दीजिये.
मैंने उसे स्माइल दी और कहा की तोवेल गेट पर टांग देना मैं ले लुंगी.
उसने स्माइल दी और गेट बंद कर के चला गया. उसके गेट बंद करते ही मैं सोचने लगी की कैसे उस ट्रेन वाले लड़के ने मेरे बूब्स दबाये और शर्मीले ने घर पर मेरे बूब्स देखे वो भी 3 बार.
यह सब कुछ सोच कर मैं फिर से एक्साइट हो गई और धीरे धीरे करते हुए मैं अपने सारे कपडे उतारने लगी. सब से पहले मैंने अपना पल्लू निचे फेंक दिया और अपने क्लीवेज को देख कर शर्मीले और ट्रेन वाले लड़के को याद करने लगी. उनकी याद में ही मैंने अपने ब्लाउज के हुक खोल दिए और फिर ब्लाउज भी उतार कर फेंक दिया.
फिर मैंने अपनी साड़ी की कमर से पिन निकाल दी और साड़ी उतार कर बेड पर रख दी. अब मैं सिर्फ येलो ब्रा और पेंटी में थी. मैं आईने के सामने गई और अपने आप को येलो और पिंक और वाइट पेंटी में देखने लगी. खुद को मिरर में इस हाल में देखने से मेरी प्यास जागने लगी और अपने आप ही मेरी सांस गहरी होती चली गयी.
शर्मीला तावल लेकर आया और बाहर ही रखते हुए बोला - भाभी मैंने तावल बाहर रख दिया है इसे ले लेना. मैं उस ख्यालों में थी और अचानक मेरे मुंह से निकल गया अंदर ले आओ. शर्मीले ने दरवाजा खोला और देखा की मैं लगभग पूरी नंगी ही खड़ी थी. शर्मीला एकदम से सहम गया और उसकी आँखे खुली की खुली रह गई. मैं भी एकदम ख्यालों की दुनियां से बाहर आ गई. मैंने अपने सारे कपडे निकाल कर दूर फेंक रखें थे अब मेरे पास शरीर को ढकने के लिए कुछ नहीं था इसलिए मैं एक भी सहम गई और मेरा मुंह खुला का खुला रह गया.
शर्मिला बोला - भाभी आपको क्या हो गया है. आप कितनी बार गलतियाँ कर चुकी है.
मैंने कहा- नहीं शर्मीले यह सब अपने आप हो रहा है.
मैं अब अपने आप पर नियंत्रण नहीं कर पा रही थी. अचानक ही मैं शर्मीले की तरफ जाने लगी. मैं उसके बिलकुल नजदीक गई और उसकी आँखों में आँखें डालकर देखने लगी. शर्मीला घबराने लगा. मैंने उससे कहा कि डरो मत. यह कहते ही मैं शर्मीले से चिपक गई और उसे पागलों की तरह चूमने लगी. शर्मीला एक पेड़ की तरह खड़ा रहा. कुछ देर उसे चूमने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और शर्मीले का हाथ पकड़ कर उसे बैड पर बैठा लिया और उसके हाथ को अपनी चुच्ची पर रखते हुए दोनों बूब्स को दबाने का इशारा किया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
शर्मिला ना चाहते हुए भी ऐसा करने लगा. मैंने शर्मीले के कपड़े उतारने शुरू कर दिए और उसे पूरा नंगा कर दिया और उसके लंड को चूसने लगी. अब शर्मीले को भी मजा आने लगा और उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. उस दिन उसने मेरे बूब्स खूब दबाएँ, कई देर तक मेरे होठों को चूसा, मेरी चूत और गांड को भी चाटा और अंत में मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे चोदने लगा. उसने 4 बार मेरी चूत की चुदाई की और 2 बार मेरी गांड को सन्तुष्ट किया. इतना करने के बाद मैं होश में आई. मैंने शर्मीले से माफ़ी मांगी और यह बात किसी को न बताने के लिए भी कहा. लेकिन एक बात मैं आपसे जरुर कहूँगी की जितना आनन्द मुझे उस दिन आया उतना आनंद मुझे कभी ना तो पहले आया था और ना ही उसके बाद आया है.
शर्मीला तावल लेकर आया और बाहर ही रखते हुए बोला - भाभी मैंने तावल बाहर रख दिया है इसे ले लेना. मैं उस ख्यालों में थी और अचानक मेरे मुंह से निकल गया अंदर ले आओ. शर्मीले ने दरवाजा खोला और देखा की मैं लगभग पूरी नंगी ही खड़ी थी. शर्मीला एकदम से सहम गया और उसकी आँखे खुली की खुली रह गई. मैं भी एकदम ख्यालों की दुनियां से बाहर आ गई. मैंने अपने सारे कपडे निकाल कर दूर फेंक रखें थे अब मेरे पास शरीर को ढकने के लिए कुछ नहीं था इसलिए मैं एक भी सहम गई और मेरा मुंह खुला का खुला रह गया.
शर्मिला बोला - भाभी आपको क्या हो गया है. आप कितनी बार गलतियाँ कर चुकी है.
मैंने कहा- नहीं शर्मीले यह सब अपने आप हो रहा है.
मैं अब अपने आप पर नियंत्रण नहीं कर पा रही थी. अचानक ही मैं शर्मीले की तरफ जाने लगी. मैं उसके बिलकुल नजदीक गई और उसकी आँखों में आँखें डालकर देखने लगी. शर्मीला घबराने लगा. मैंने उससे कहा कि डरो मत. यह कहते ही मैं शर्मीले से चिपक गई और उसे पागलों की तरह चूमने लगी. शर्मीला एक पेड़ की तरह खड़ा रहा. कुछ देर उसे चूमने के बाद मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और शर्मीले का हाथ पकड़ कर उसे बैड पर बैठा लिया और उसके हाथ को अपनी चुच्ची पर रखते हुए दोनों बूब्स को दबाने का इशारा किया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
शर्मिला ना चाहते हुए भी ऐसा करने लगा. मैंने शर्मीले के कपड़े उतारने शुरू कर दिए और उसे पूरा नंगा कर दिया और उसके लंड को चूसने लगी. अब शर्मीले को भी मजा आने लगा और उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया. उस दिन उसने मेरे बूब्स खूब दबाएँ, कई देर तक मेरे होठों को चूसा, मेरी चूत और गांड को भी चाटा और अंत में मेरी चूत में अपना लंड डालकर मुझे चोदने लगा. उसने 4 बार मेरी चूत की चुदाई की और 2 बार मेरी गांड को सन्तुष्ट किया. इतना करने के बाद मैं होश में आई. मैंने शर्मीले से माफ़ी मांगी और यह बात किसी को न बताने के लिए भी कहा. लेकिन एक बात मैं आपसे जरुर कहूँगी की जितना आनन्द मुझे उस दिन आया उतना आनंद मुझे कभी ना तो पहले आया था और ना ही उसके बाद आया है.
...
Tags
bhabhi ki chudai
- लड़कियों के नंबर की लिस्ट चाहिए बात करने के लिए - Ladki Ke Mobile Number
- Randi ka mobile whatsapp number - रण्डी मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर
- Sex video download karne ka tarika - सेक्स वीडियो डाउनलोड कैसे करें
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Amir ghar ki ladkiyon ke mobile number
- किन्नर के जननांग या गुप्तांग कैसे दिखते हैं - Kinner ke gupt ang kaise hote hai hindi jankari
- कॉल गर्ल लिस्ट, सेक्सी लड़कियों के नंबर - Call girls mobile whatsapp phone numbers
- लड़कियों के नंबर गर्ल का whatsapp नंबर - Real Girls Mobile Whatsapp Contact Phone List