भतीजे की बहु को अपनी बनाकर चोदा Bhatije ki bahu ko apni banakar choda
भतीजे की बहु को अपनी बनाकर चोदा, Bhatije ki bahu ko apni banakar choda, भतीजे की पत्नी की चुदाई, भतीजे की वाइफ चुद गई, भतीजे की धर्मपत्नी को चोद दिया, भतीजे की बीवी की कामवासना, चुद्क्कड़ भतीजे की घरवाली और सेक्सी भी, भतीजे की पत्नी की चूत में लंड दिया, भतीजे की वाइफ की चूत की प्यास बुझाई. चूत में लंड डालकर भतीजे की बहु को किया शांत, बड़े लंड से भतीजे की बीवी की चूत को चोदा.
हैल्लो दोस्तों, मैं निरिश आपका स्वागत करता हूँ. दोस्तों जब मैं अपने घर गया था तो मैंने दिल्ली से ही दारू की 3 बोतल ले ली थी क्योंकि वहाँ दारू महँगी भी थी और उसका टेस्ट भी अच्छा नहीं लगता था जो दारू पीते है वो समझ जायेंगे दिल्ली और उत्तरप्रदेश की दारू में फर्क है. फिर मैंने न्यू दिल्ली रेल्वे स्टेशन से ट्रेन पकड़ी और रात को 9 बजे अपने गावं पहुँच गया, फिर मैं वहाँ से ऑटो करके मौसी के घर पहुंचा. वहाँ मेरी मौसी, मेरी मौसी के बेटे का लड़का (मेरा भतीजा) और उसकी बीवी रहते थे. अब वहाँ पहुँच कर मैंने अपना सामान बाहर एक कमरा बना था जहाँ मैं हमेशा रुकता था वहाँ रखा और भतीजे के साथ दारू पी, खाना खाया और सो गया. अब सुबह मेरा भतीजा जॉब पर जल्दी चला जाता था और मैं लेट उठा तो जैसे ही मेरी आँख खुली तो बहु पोछा लगा रही थी.
हैल्लो दोस्तों, मैं निरिश आपका स्वागत करता हूँ. दोस्तों जब मैं अपने घर गया था तो मैंने दिल्ली से ही दारू की 3 बोतल ले ली थी क्योंकि वहाँ दारू महँगी भी थी और उसका टेस्ट भी अच्छा नहीं लगता था जो दारू पीते है वो समझ जायेंगे दिल्ली और उत्तरप्रदेश की दारू में फर्क है. फिर मैंने न्यू दिल्ली रेल्वे स्टेशन से ट्रेन पकड़ी और रात को 9 बजे अपने गावं पहुँच गया, फिर मैं वहाँ से ऑटो करके मौसी के घर पहुंचा. वहाँ मेरी मौसी, मेरी मौसी के बेटे का लड़का (मेरा भतीजा) और उसकी बीवी रहते थे. अब वहाँ पहुँच कर मैंने अपना सामान बाहर एक कमरा बना था जहाँ मैं हमेशा रुकता था वहाँ रखा और भतीजे के साथ दारू पी, खाना खाया और सो गया. अब सुबह मेरा भतीजा जॉब पर जल्दी चला जाता था और मैं लेट उठा तो जैसे ही मेरी आँख खुली तो बहु पोछा लगा रही थी.
अब मेरी नज़र सीधा उसके बूब्स पर पड़ी तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी, क्या गोरे-गोरे और बड़े-बड़े बूब्स थे? अब मेरा लंड उसी समय खड़ा हो गया और अब उसने भी मुझे उसके बूब्स को देखते हुए देख लिया था. फिर वो चली गयी और अब मैंने नहाकर नाश्ता किया और फिर बाहर वाले कमरे में आ गया. फिर 1 बजे करीब वो मेरे कमरे में पूछने आई कि आप लंच में क्या खायेंगे? तो मैंने कहा कि जो मर्ज़ी हो बना लो. फिर उसने लंच बनाया तो फिर मैं लंच करने गया, वो रोटी बनाकर दे रही थी तब मैंने उसकी गांड देखी, क्या गांड थी? मेक्सी में साफ चमक रही थी, फिर ऐसे ही वो दिन निकल गया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर अगले दिन फिर सुबह वो पोछा लगाने आई, मैं जाग चुका था. फिर वो झुकी और फिर मुझे बूब्स के दर्शन हो गये, अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. उसने इस बार भी मुझे देख लिया था, फिर मैंने नहाकर नाश्ता किया और अपने कमरे में आ गया. अब मैं लेटकर उसके बारे में सोच रहा था और लंड हिला रहा था तो मुझे याद आया कि वो आज भी पूछने आयेगी कि क्या लंच करोगे? फिर 1 बजे उसके आने की आहट हुई. मैंने दरवाजे के होल से देखा वो मेरे कमरे की तरफ आ रही थी. मैं खड़ा होकर मुठ मारने लगा और उसका इंतज़ार करने लगा. फिर वो आई तो उसने दरवाज़ा खोला तो सामने मैं अपना लंड हाथ में लिए खड़ा था तो वो देखकर दंग रह गयी और वहीं खड़ी रही. अब मैं ऐसे ही उसके पास गया और बोलने लगा कि प्लीज किसी को मत बताना, यह बात मौसी को मत बोलना तो वो कहने लगी कि नहीं बोलूँगी. उस समय मैं उसके बिल्कुल पास खड़ा था, ऊपर टी-शर्ट थी, लेकिन नीचे कुछ नहीं था और मैंने उसके हाथ पकड़े हुए थे. फिर वो चली गयी, अब मुझे लगा कि वो सबको बता देगी, लेकिन उसने यह बात किसी से भी नहीं बोली.
फिर अगले दिन फिर सुबह वो पोछा लगाने आई, मैं जाग चुका था. फिर वो झुकी और फिर मुझे बूब्स के दर्शन हो गये, अब मेरा लंड खड़ा हो गया था. उसने इस बार भी मुझे देख लिया था, फिर मैंने नहाकर नाश्ता किया और अपने कमरे में आ गया. अब मैं लेटकर उसके बारे में सोच रहा था और लंड हिला रहा था तो मुझे याद आया कि वो आज भी पूछने आयेगी कि क्या लंच करोगे? फिर 1 बजे उसके आने की आहट हुई. मैंने दरवाजे के होल से देखा वो मेरे कमरे की तरफ आ रही थी. मैं खड़ा होकर मुठ मारने लगा और उसका इंतज़ार करने लगा. फिर वो आई तो उसने दरवाज़ा खोला तो सामने मैं अपना लंड हाथ में लिए खड़ा था तो वो देखकर दंग रह गयी और वहीं खड़ी रही. अब मैं ऐसे ही उसके पास गया और बोलने लगा कि प्लीज किसी को मत बताना, यह बात मौसी को मत बोलना तो वो कहने लगी कि नहीं बोलूँगी. उस समय मैं उसके बिल्कुल पास खड़ा था, ऊपर टी-शर्ट थी, लेकिन नीचे कुछ नहीं था और मैंने उसके हाथ पकड़े हुए थे. फिर वो चली गयी, अब मुझे लगा कि वो सबको बता देगी, लेकिन उसने यह बात किसी से भी नहीं बोली.
अगले दिन फिर वो सुबह आई तो मैं उसके बूब्स देख रहा था और मेरा एक हाथ मेरे कच्छे में था. उसने यह देख लिया और वो जानबूझ कर अपने बूब्स और ज्यादा झुककर दिखाने लगी, फिर बोली - चाचा जी आप तो बहुत गंदी हरकते करते हो, चाची आपको देती नहीं है क्या? तो मैंने कहा नहीं वो अभी उसका ईलाज चल रहा है. फिर मैंने उससे कहा कि तुम एक बार मुझे अपने बूब्स दिखा दो तो मैं अपने आपको शांत कर लूँगा. फिर वो कहने लगी कि रोज़ तो देखते हो शांति नहीं मिलती क्या? फिर उसी समय मैं बेड से उठा और उसके पास जाकर उसे गले लगाने लगा. तो वो कहने लगी कि चाचा जी यह ठीक नहीं है और जैसे ही उसने बोला कि कोई आ जायेगा, बस फिर क्या था? मैं उसके होंठो को मेरे होंठो में लेकर चूसने लगा, फिर थोड़ी देर तक वो छटपटाई, फिर वो भी मेरा साथ देने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने उसकी मेक्सी ऊपर की और उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. अब वो कहने लगी कि आअहह चाचा जी जान निकालोगे क्या? तो मैंने कहा कि हाँ मैं बहुत दिनों से भूखा हूँ और आज तो तेरी जान ही निकालूँगा. फिर मैं धीरे-धीरे उसके पेट, नाभि, उसकी जांघे चूमता हुआ उसकी चूत पर पहुँचा, तो अब वो मछली की तरह छटपटा रही थी. फिर मैंने अपने होंठो को उसकी चूत पर रख दिया और अब वो तो जैसे पागल ही हो गयी. फिर मैं उठा और जल्दी से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, अब वो 10 मिनट में कई बार झड़ गयी थी. फिर वो जल्दी से उठी और मेक्सी पहनकर बाहर भाग गयी. मैं भूखा ही रह गया, क्योंकि मेरा नहीं झड़ा नहीं था. फिर मैंने उसको पकड़ा तो उसने कहा कि कोई आ जाता इसलिए मैं बाद में टाईम निकाल कर आऊँगी. फिर ऐसे ही करते-करते 2 दिन निकल गये, अब वो आती और कभी हाथ से हिला जाती तो कभी बूब्स दिखाकर बोलती कि आप हिला लो.
फिर अचानक से मौसी को मामा के यहाँ दो दिन के लिए जाना पड़ा. फिर उसी रात मैंने भतीजे को अपने साथ दारू पिला दी और अपने छोटे पैग बनाये और उसके बड़े पैग बनाये, वो ज़्यादा नहीं पीता था तो उसे नशा चढ़ गया और मेरे कमरे में ही सो गया. फिर मैंने उसे रात को उठाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं उठा. फिर मैं उठा और जहाँ उसकी बीवी सोती थी वहाँ जाकर उसकी बीवी के साथ लेट गया और चुम्मा चाटी करने लगा. फिर वो उठी और डर गयी, वो कहने लगी कि वो आ जायेंगे तो मैंने उसे बताया कि वो नशे में सो रहा है, नहीं उठेगा.
फिर वो टायलेट करने के बहाने उसे चैक करने गयी और वापस आकर मेरे साथ लेट गयी. अब मैं उसे ऊपर से चूमने लगा, वो सिस्कारियां लेकर मुझसे चिपक गई. फिर मैं धीरे-धीरे नीचे जाने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा. वो आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ की आवाजें निकलने लगी. फिर अपना लंड उसके मुँह पर रगड़ने लगा. अब वो इतने मज़े में आ गयी कि वो मेरा लंड पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी. उसे देखकर ऐसा लग रहा था की उसे लंड देखें ही काफी ज्यादा समय गुजर चूका हो. फिर मैं उठा और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा तो वो कहने लगी कि प्लीज अब डाल दो और इंतज़ार ना करवाओ. मुझे ज्यादा मत तड़पाओ. फिर मैंने झट से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो चिल्ला पड़ी, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. वो ऊईईईईईईईम्मम्मम्म माँ म्म्ममरररर ग्ग्गग्गईईईईईई की आवाज करते हुए मुझसे चिपक गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने उससे कहा कि ऐसे चिल्ला रही है जैसे पहली बार चुद रही हो, तब उसने बताया कि उसके पति का लंड छोटा है और मेरा बहुत बड़ा है इसलिए उसकी चूत पूरी खुली हुई नहीं थी. अब मैं धीरे-धीरे उसे चोदने लगा और अब वो भी मज़े लेने लगी थी. य्य्य्याआअ फ़्फ़्फ़्फ़ूउक्क्क फक मीईईए कहने लगी. अब वो मुझे बाहों में जकड़ कर कहने लगी कि ऐसे ही चोदते रहो और अपना लंड अंदर ही रहने दो, बाहर मत निकालो, बहुत मज़ा आ रहा है. अब वो कहने लगी कि उसका पति तो अब तक झड़कर भी सो जाता. अब हमें 45 मिनट हो चुके थे और दारू के नशे में मेरा भी लेट हो रहा था, वो मेरे होठ चूसने लगी और एक दम से उसने मेरे होठ पर अपने दांत गाड़ दिये और आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की धीमी सी आवाज के साथ झड़ गई. तभी मैं भी उसके साथ झड़ने लगा. तो वो कहने लगी कि अंदर ही झाड़ दो, बाहर मत निकालो. फिर कुछ देर बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और हम कपड़े पहनकर सो गये. कुछ दिन वहां रहकर उसे चोदता रहा और फिर अपने घर आ गया. आज भी वह जब भी फोन करती है, मुझे एक मौका और लगाने के लिए कहती है. मैं भी उसके लिए बैचेन हूँ और जल्द ही उसके लिए समय निकालूँगा.
फिर मैंने उसकी मेक्सी ऊपर की और उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया. अब वो कहने लगी कि आअहह चाचा जी जान निकालोगे क्या? तो मैंने कहा कि हाँ मैं बहुत दिनों से भूखा हूँ और आज तो तेरी जान ही निकालूँगा. फिर मैं धीरे-धीरे उसके पेट, नाभि, उसकी जांघे चूमता हुआ उसकी चूत पर पहुँचा, तो अब वो मछली की तरह छटपटा रही थी. फिर मैंने अपने होंठो को उसकी चूत पर रख दिया और अब वो तो जैसे पागल ही हो गयी. फिर मैं उठा और जल्दी से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया, अब वो 10 मिनट में कई बार झड़ गयी थी. फिर वो जल्दी से उठी और मेक्सी पहनकर बाहर भाग गयी. मैं भूखा ही रह गया, क्योंकि मेरा नहीं झड़ा नहीं था. फिर मैंने उसको पकड़ा तो उसने कहा कि कोई आ जाता इसलिए मैं बाद में टाईम निकाल कर आऊँगी. फिर ऐसे ही करते-करते 2 दिन निकल गये, अब वो आती और कभी हाथ से हिला जाती तो कभी बूब्स दिखाकर बोलती कि आप हिला लो.
फिर अचानक से मौसी को मामा के यहाँ दो दिन के लिए जाना पड़ा. फिर उसी रात मैंने भतीजे को अपने साथ दारू पिला दी और अपने छोटे पैग बनाये और उसके बड़े पैग बनाये, वो ज़्यादा नहीं पीता था तो उसे नशा चढ़ गया और मेरे कमरे में ही सो गया. फिर मैंने उसे रात को उठाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं उठा. फिर मैं उठा और जहाँ उसकी बीवी सोती थी वहाँ जाकर उसकी बीवी के साथ लेट गया और चुम्मा चाटी करने लगा. फिर वो उठी और डर गयी, वो कहने लगी कि वो आ जायेंगे तो मैंने उसे बताया कि वो नशे में सो रहा है, नहीं उठेगा.
फिर वो टायलेट करने के बहाने उसे चैक करने गयी और वापस आकर मेरे साथ लेट गयी. अब मैं उसे ऊपर से चूमने लगा, वो सिस्कारियां लेकर मुझसे चिपक गई. फिर मैं धीरे-धीरे नीचे जाने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा. वो आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ की आवाजें निकलने लगी. फिर अपना लंड उसके मुँह पर रगड़ने लगा. अब वो इतने मज़े में आ गयी कि वो मेरा लंड पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी. उसे देखकर ऐसा लग रहा था की उसे लंड देखें ही काफी ज्यादा समय गुजर चूका हो. फिर मैं उठा और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा तो वो कहने लगी कि प्लीज अब डाल दो और इंतज़ार ना करवाओ. मुझे ज्यादा मत तड़पाओ. फिर मैंने झट से अपना लंड उसकी चूत में डाला तो वो चिल्ला पड़ी, क्योंकि उसकी चूत बहुत टाईट थी. वो ऊईईईईईईईम्मम्मम्म माँ म्म्ममरररर ग्ग्गग्गईईईईईई की आवाज करते हुए मुझसे चिपक गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
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