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चपरासी ने मेरी प्यारी चूत की सील तोड़ी Chapdasi ne meri pyari chut ki seel todi
चपरासी ने मेरी प्यारी चूत की सील तोड़ी Chapdasi ne meri pyari chut ki seel todi, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
हैल्लो दोस्तों मेरा नाम देविका है और मैं 21 साल की हूँ. दोस्तों वैसे तो आम तौर पर सभी लड़कियाँ अपनी कहानी बताते हुए शरमाती है, लेकिन इसमे कैसी शर्म? दोस्तों मैं और लड़कियों जितनी सुंदर तो नहीं हूँ, लेकिन मेरा बदन बहुत सुंदर है और इसकी वजह से मैं कुछ लोगों के लिए अच्छी हूँ. मेरी लम्बाई भी कुछ ज़्यादा नहीं है मैं 5.2 लम्बाई की हूँ, लेकिन मेरा शरीर भरा हुआ है और मेरी छाती भी अच्छी है. मेरे कूल्हे भी बाहर निकले हुए है जिसकी वजह से हर कोई लड़का मेरी तरफ आकर्षित हो जाता है. दोस्तों यह बात पांच महीने पहले की है जब मैं पढ़ाई करती थी और मेरी सभी दोस्त के बॉयफ्रेंड थे, लेकिन मेरा कोई भी नहीं था और इसी कारण से मैं लड़को को अपनी तरफ आकर्षित करने की कोशिश किया करती थी. मैं बहुत तरीके काम में लिया करती जैसे लड़को से हंसी मजाक, बातें करना और अपने बूब्स का आकार दिखाना, अपनी मटकती हुई गांड को दिखाना और इससे बहुत बार कई लड़के मेरी तरफ आकर्षित तो होते थे और मेरे जिस्म को घूर घूरकर देखते तो थे, लेकिन मुझे प्यार कोई नहीं करना चाहता था.
अब मैं भी इस बात से परेशान आ गई थी, क्योंकि आख़िर मैं भी तो एक लड़की ही थी और मेरे सिर पर तो बस किसी का साथ पाने का भूत सवार था और इस कारण से मैं कई लोगों के साथ सो चुकी हूँ. पहले तो मुझे यह सब बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, क्योंकि जो मुझे चाहिए था वो अब तक मुझे मिला ही नहीं था, लेकिन अब मुझे अच्छा लगता है तो हुआ यह कि साथ पाने के लिए मैं बहुत बैचेन हो गई थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
दोस्तों मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इसका नतीजा कैसा होगा और हमारे स्कूल के एक चपरासी की आँख मुझ पर थी, क्योंकि उसे तो बस मज़े करने के लिए एक खिलोना चाहिए था. उसकी उम्र करीब 40-42 साल थी और वो बिहार का रहने वाला था, लेकिन उसका शरीर बहुत गठीला था और वो थोड़ा मोटा भी था. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि वो मेरी इन सब हरकतो पर गौर किया करता है और उसे पता था कि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा और इसी बात का उसने फायदा उठाया.
एक दिन जब मैं स्कूल से छुट्टी के वक़्त निकली तो उसने मुझसे कहा कि उसे मुझसे कुछ बात करनी है और मैं उसकी वो बात सुनने के लिए रुक गई, उस समय वहाँ पर कोई भी नहीं था और उसने मुझसे कहा कि उसे मालूम है कि मैं सच्चे प्यार की तलाश कर रही हूँ. उसके मुहं से यह बात सुनकर मैं एकदम से हैरान हो गई, लेकिन मैं उससे इसके आगे क्या कहती. फिर वो आगे बोला कि एक लड़का तुझे बहुत पसंद करता है और वो तुझसे मिलना चाहता है.
दोस्तों मेरी तो जैसे खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और मुझे लगा कि मुझे अब सब कुछ मिल गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि यह चपरासी मुझे चोदना चाहता है और मेरी खुशी देखकर वो समझ गया कि मैं उसके शिकंजे में फंस गई हूँ. फिर उसने मुझसे कहा कि वो लड़का मुझसे मिलना चाहता है, मैंने पूछा कि कब? तो उसने कहा कि जब तुम्हे ठीक लगे.
फिर मैंने कहा कि मैं शाम को ट्यूशन के लिए घर से बाहर जाती हूँ और आज मैं तुम्हारे पास आ जाउंगी, तब तुम मुझे उससे मिलवा देना. उसने कहा कि ठीक है और फिर मैं वहाँ से चली गई और उसी शाम को अपने घर से ट्यूशन के लिए निकल गई और अब स्कूल में चपरासी के घर पर उसके पास चली गई. फिर उसने मुझे अपने कमरे में बुला लिया उस समय वहां पर कोई भी नहीं था और वैसे वो शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चे बिहार में ही रहते थे और इसलिए उसका कमरा बिल्कुल खाली था, बस वहां पर एक चारपाई और कुछ कपड़े थे. तभी उसने मुझे बैठने को कहा और मैं ठीक उसके सामने बैठ गई, अब वो मुझे बहुत ध्यान से देखने लगा, उसकी नजरे मेरे जिस्म को खा जाने वाली थी और वो मुझे लगातार घूर रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि वो लड़का कहाँ है? उसने मुझसे कहा कि वो अभी आने वाला है. थोड़ी देर में ही स्कुल में कई लड़के आ गए वो लड़के वहां खेलने के लिए आया करते थे. कहीं कोई मुझे देख ना लें इसलिए मैं दरवाजे से हटकर छिपकर बैठ गई. चपड़ासी ने कहा कि वो मुझे आज एक सच बताना चाहता है और फिर उसने कहा कि कोई लड़का नहीं है, लेकिन वो खुद ही मुझे बहुत पसंद किया करता है.
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी साँसे एकदम से रुक गई और मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं अब क्या करूं और मैं बिल्कुल चुप रही. वो मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और तुम भी मेरे साथ बहुत खुश रहोगी. तभी मैंने उससे गुस्से में आकर साफ मना कर दिया और फिर मैं उठकर वहां से जाने लगी.
फिर उसने कहा कि यहाँ से निकलते ही बाहर खेल रहे लड़को की नजर तुम पर पड़ेगी और तुम बहुत बदनाम हो जाओगी, तभी उसकी बात को सोचकर मैं वहीं पर रुक गई और बहुत डर गई और मैंने उससे कहा कि अब मैं क्या करूं?
उसने कहा कि अगर तुम मेरा साथ दो तो मैं तुम्हे चुपके से यहाँ से निकाल दूँगा और फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन इसके लिए मुझे क्या करना होगा? तो वो बोला कि मैं तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूँ और अपनी बीवी बनाना चाहता हूँ और तुम्हारे साथ वो सब करना चाहता हूँ जो सभी लोग अपनी बीवी के साथ करते है. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सभी लोगों का कुछ करने का क्या मतलब है? तो मैंने उससे बिना सोचे समझे कहा कि ठीक है, लेकिन प्लीज मुझे यहाँ से बाहर निकालो.
फिर वो मेरे पास आया और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया मैं कुछ बोलती उससे पहले ही उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और अब मेरा मुँह बंद हो गया और वो मेरे बूब्स को मसलने लगा. मैंने उससे छूटने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन वो बहुत मजबूत था. फिर उसने मुझे छोड़ा और कहने लगा कि तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा एक बार मेरे साथ करो तो सही. फिर उसकी बातें सुनकर अब मेरा भी दिल उसके साथ कुछ करने का कर रहा था और मैंने भी उसे एक किस किया और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगा.
फिर उसने मुझसे कहा कि अभी और भी बहुत सारे काम करने बाकी है, तुम अब जल्दी से अपने कपड़े उतार दो और उसने भी अब अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और जब मैंने पहली बार उसका लंड देखा तो मैं डर गई और उसे धीरे धीरे खड़ा होते हुए और अपना आकार बदलते हुए देखकर मैं बहुत हैरान रह गई, लेकिन वो अभी भी पूरी तरह खड़ा भी नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी 6 इंच का था और मैंने उससे कहा कि क्यों तुम्हारा लंड इतना बड़ा है? और यह तो अभी पूरी तरह से खड़ा भी नहीं हुआ है.
तभी उसने मुझसे कहा कि अब इसे खड़ा तो तू ही करेगी, मैंने पूछा कि वो कैसे? तो उसने कहा कि इसे अपने मुँह में लेकर, तभी मैंने कहा कि मैं कभी भी ऐसा नहीं करूँगी. तो उसने कहा कि अब कोई फायदा नहीं है तू तेरी जो मर्ज़ी पड़े कर ले, लेकिन तेरी बदनामी हो जाएगी. अब मैं बहुत डर गई थी और मुझे अब अच्छा भी लग रहा था और फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरा कामुक बदन देखकर वो तो पागल हो गया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया. फिर उसने मुझसे कहा कि अगर मैं उसका पूरा साथ दूँगी तो सब कुछ एकदम ठीक रहेगा. फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, लेकिन अब मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था और मुझे भी धीरे धीरे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था और मैं उसके लंड को धीरे से मुहं में लेकर चूसने लगी और अपनी जीभ से लोलीपोप की तरह चाटने लगी. मेरे तो मुँह में वो पूरी तरह से आ ही नहीं रहा था और मुझे अपना पूरा मुहं जबरदस्ती खोलना पड़ रहा था.
अब वो कुछ देर बाद और भी बड़ा हो गया, लेकिन उस चपरासी ने ज़बरदस्ती मेरे मुँह में अपना पूरा का पूरा लंड डाल दिया, लेकिन तभी उसने देखा कि मेरे मुँह में उसका लंड नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से मेरी सांसे रुकने लगी थी और मेरी आंख से आंसू बाहर आने लगे थे. फिर उसने कुछ ही देर बाद मुझसे कहा कि चलो तुम अब रहने दे. फिर उसने मुझे बिस्तर पर जाने को कहा और मैं वहाँ पर चली गई. फिर वो तेल ले आया और उसने थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर लगाया और बहुत अच्छी तरह मालिश करने लगा और फिर उसने अपनी एक उंगली को चूत में अंदर डाल दिया जिसकी वजह से तेल मेरी चूत के अंदर चला गया और मुझे ऐसा लगा कि कोई गरम गरम चीज़ मेरी चूत के अंदर चली गई हो, मुझे थोड़ा सा दर्द भी हुआ, लेकिन अब थोड़ी देर बाद मुझे उसके ऐसा करने से बहुत मज़ा आने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर उसने अपनी दूसरी उंगली और फिर उसने अपनी तीसरी उंगली को भी अंदर डाल दिया. मुझे उसकी वजह से दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन कुछ देर बाद में वो दर्द मज़ा बन गया था और उसने अभी तक मेरी सील नहीं तोड़ी थी, शायद वो उसे अपने लंड के साथ ही तोड़ना चाहता था. फिर उसने मेरा सारा बदन अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर दिया और अब उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड का टोपा मेरी चूत पर लगा दिया.
मैंने उससे कहा कि यह अंदर नहीं जाएगा तो वो बोला कि चला जाएगा. फिर मैंने उससे कहा कि अगर मुझे कुछ हो गया तो? वो बोला कि तुम चिंता मत करो तुम्हे कुछ नहीं होगा, बस तुम थोड़ा धीरज रखो और अब मैं बिल्कुल चुप हो गई. फिर उसने अपना लंड अंदर डालना शुरू किया. अभी उसके लंड का सिर्फ टोपा ही थोड़ा अंदर गया था कि मुझे बहुत दर्द होने लगा मैं ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी सीईईईई अह्ह्ह्हह आईईईईइ प्लीज बाहर निकालो इसे उह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
फिर उसने मेरा मुँह अपने होठों से बिल्कुल बंद कर दिया और थोड़ी देर बाद मुझे थोड़ा सा आराम मिला, मैंने सोचा कि शायद अब लंड अंदर चला गया है और अब मज़ा आएगा? लेकिन जब मैंने अपना सर उठाकर नीचे की तरफ देखा तो मैं चौंक गई, क्योंकि अभी तक तो उसका पूरा लंड बाहर ही था तो मैंने उससे बहुत चकित होते हुए पूछा कि यह कब अंदर जाएगा? तो उसने एक और धक्का मारा और दो इंच लंड अंदर चला गया और अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत की सील टूट गई है और मैं दर्द के मारे बेहोश हो गई थी.
मैं उस दर्द से छटपटाने लगी थी और जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो बहुत मस्ती से मेरे निप्पल को चूस रहा था. मैंने उससे दर्द से कराहते हुए कहा कि प्लीज अब इसे मेरी चूत से बाहर निकाल लो वरना मैं इसके दर्द से मर ही जाउंगी. फिर वो कहने लगा कि मेरी रानी आज अगर मैंने इसे अधूरे में बाहर निकाल लिया तो फिर कभी ऐसा मज़ा नहीं ले पाएगी और अगर आज ले लिया तो पूरी जिन्दगी बहुत मज़े करेगी, बस थोड़ा सा दर्द और होगा.
फिर मैंने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली और उसने फिर से अपने लंड को मेरी चूत पर ज़ोर से दबाव बनाना शुरू कर दिया और अब धीरे धीरे उसका लंड सरकता हुआ अंदर जा रहा था. फिर मैंने महसूस किया कि कुछ ही सेकिंड में उसका लंड फिसलता हुआ करीब दो इंच और अंदर चला गया और अब उसका आधा लंड मेरी चूत के अंदर था और मैं तो दर्द के मारे तड़प रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि मैं तो आपकी बेटी जैसी हूँ अह्ह्ह्हह्ह प्लीज अब इसे बाहर उह्ह्ह्ह निकालो छोड़ दो मुझे. फिर उसने कहा कि अब तो तू मेरी पत्नी जैसी है और मेरे होने वाले बच्चे की माँ भी बनेगी और यह बात कहकर वो मुझे किस करने लगा और धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगा. वो मेरे दर्द की वजह से बहुत धीरे धीरे झटके मार रहा था.
फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो वरना मैं मर जाउंगी. उसने कहा कि तुम्हे कुछ नहीं होगा तुम बस थोड़ा सबर रखो और फिर उसने मुझे बिस्तर से उठाया, लेकिन मेरी चूत से लंड को बाहर नहीं निकाला और वो खुद बिस्तर पर लेट गया. अब मैं उसके ऊपर आ गई थी और उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाने लगा. दोस्तों मुझे अब दर्द के साथ साथ मज़ा भी आ रहा था वो ऐसा लगातार करता रहा और कुछ देर बाद मैंने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन वो अभी तक मेरी चूत में अपना लंड हिला रहा था.
फिर उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ा और एक ज़ोर का झटका मारा तो मुझे लगा कि जैसे उसका लंड अब मेरे गले तक पहुंच गया और मैं फिर से बैहोश हो गई. फिर थोड़ी देर बाद बाद जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो मुझे चूम रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था, लेकिन अब भी मुझे चूत में बहुत दर्द हो रहा था और मेरी चूत से खून भी बहुत निकल रहा था, लेकिन मैं अब खुश भी थी कि मैंने अपनी चूत में सबसे बड़ा लंड लिया है फिर चाहे वो किसी भी मर्द का था और जो उम्र में मेरे बाप के बराबर ही क्यों ना हो और अब मुझे भी उससे प्यार हो गया था और मुझे लगा कि सच में ही यह मेरा पति है.
फिर उसने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया वो थोड़ा सा लंड बाहर निकालता और फिर धीरे से अंदर डाल देता अब मुझे ज़्यादा तकलीफ़ नहीं हो रही थी और मज़ा भी बहुत आ रहा था. फिर जब उसे लगा कि मैं उसके लंड को सहन कर रही हूँ तो वो और ज़्यादा लंड को बाहर निकालता और पूरे ज़ोर से अंदर डाल देता. उसके ऐसा करने से मैं तो बहुत मज़ा ले रही थी और धीरे धीरे उसने अपना सारा लंड बाहर निकालना शुरू कर दिया. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब तो मैं भी उसे किस कर रही थी और मैं इस बीच करीब दो बार और झड़ चुकी थी, लेकिन वो नहीं.
फिर उसने मुझे चारपाई पर लेटा दिया और अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा अब वो मेरे निप्पल चूस रहा था जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे आज वो अपने मन की सारी हसरत पूरी करना चाहता हो, लेकिन मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि उसके बाद मेरी चूत का क्या हाल हुआ होगा? मुझे तो बस चुदवाने का जोश आ रहा था कि मैं इतनी ज्यादा उम्र के आदमी से इतनी छोटी उम्र में चुद रहीं हूँ और हम दोनों पसीने से एकदम भीग गये थे, लेकिन मैं पूरे जोश में थी. तभी उसने मुझसे कहा कि वो मुझे अब कुतिया बनाकर चोदना चाहता है. दोस्तों मैंने पहले से ही ब्लू फिल्म में वो सारी पोजीशन देख रखी थी और मैं तभी अपने दोनों घुटनो पर हो गई. फिर उसने पीछे से लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और मुझे उससे चुदने के बाद ऐसा लगा कि जैसे आज मैं पूरी हो गई हूँ. अब वो ज़ोर ज़ोर के धक्के मार रहा था और फिर उसने कहा कि वो अब झड़ने वाला है और उसने कहा कि वो मेरी चूत में ही झड़ना चाहता है ताकि उसका बच्चा मेरे पेट से जन्म ले.
फिर मैंने कहा कि नहीं, इससे मेरी बदनामी हो जाएगी और अभी ठीक सही समय नहीं है और फिर उसने यह बात सुनकर अपना लंड बाहर निकालकर मेरे मुँह में डाल दिया और अपना सारा वीर्य मेरे मुँह में डाल दिया और मैं एक आज्ञाकारी पत्नी की तरह उसका सारा वीर्य पी गई. जब मैंने अपनी चूत को देखा तो मैं एकदम से चौंक गई क्योंकि वो बिल्कुल फट गई थी और मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन उसने मुझसे कहा कि तू चिंता मतकर यह अपने आप ठीक हो जाएगी और फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरी चूत से अभी भी थोड़ा थोड़ा खून आ रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर उसने मुझे एक सफेद रंग की कोई चीज़ दी और मुझसे अपनी चूत पर लगाने को कहा तो उससे मेरी चूत का दर्द बिल्कुल कम हो गया और उसने कहा कि इससे सब ठीक हो जाएगा और फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे घर पर जाना है और दोबारा मिलने का वादा लेकर उसने मुझे अपने कमरे पिछले दरवाजे से चोरी से बाहर निकाल दिया और उसकी दी हुई दवाई की वजह से मेरा दर्द अब ठीक था, लेकिन फिर भी मुझे थोड़ी सी तकलीफ़ थी और मैं अपने घर पर आकर खाना खाकर चुपचाप सो गई और सुबह उठकर जब स्कूल गई तो चपरासी दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था, उसने मुझसे मेरा हाल पूछा तो मैंने कहा कि मैं एकदम ठीक हूँ और उसने कहा कि हम जल्द ही मिलेंगे और मैं एक मुस्कुराहट के साथ अपनी क्लास में चली गई.
दोस्तों मुझे बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि इसका नतीजा कैसा होगा और हमारे स्कूल के एक चपरासी की आँख मुझ पर थी, क्योंकि उसे तो बस मज़े करने के लिए एक खिलोना चाहिए था. उसकी उम्र करीब 40-42 साल थी और वो बिहार का रहने वाला था, लेकिन उसका शरीर बहुत गठीला था और वो थोड़ा मोटा भी था. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि वो मेरी इन सब हरकतो पर गौर किया करता है और उसे पता था कि मुझसे अब रहा नहीं जा रहा और इसी बात का उसने फायदा उठाया.
एक दिन जब मैं स्कूल से छुट्टी के वक़्त निकली तो उसने मुझसे कहा कि उसे मुझसे कुछ बात करनी है और मैं उसकी वो बात सुनने के लिए रुक गई, उस समय वहाँ पर कोई भी नहीं था और उसने मुझसे कहा कि उसे मालूम है कि मैं सच्चे प्यार की तलाश कर रही हूँ. उसके मुहं से यह बात सुनकर मैं एकदम से हैरान हो गई, लेकिन मैं उससे इसके आगे क्या कहती. फिर वो आगे बोला कि एक लड़का तुझे बहुत पसंद करता है और वो तुझसे मिलना चाहता है.
दोस्तों मेरी तो जैसे खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं रहा और मुझे लगा कि मुझे अब सब कुछ मिल गया, लेकिन मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि यह चपरासी मुझे चोदना चाहता है और मेरी खुशी देखकर वो समझ गया कि मैं उसके शिकंजे में फंस गई हूँ. फिर उसने मुझसे कहा कि वो लड़का मुझसे मिलना चाहता है, मैंने पूछा कि कब? तो उसने कहा कि जब तुम्हे ठीक लगे.
फिर मैंने कहा कि मैं शाम को ट्यूशन के लिए घर से बाहर जाती हूँ और आज मैं तुम्हारे पास आ जाउंगी, तब तुम मुझे उससे मिलवा देना. उसने कहा कि ठीक है और फिर मैं वहाँ से चली गई और उसी शाम को अपने घर से ट्यूशन के लिए निकल गई और अब स्कूल में चपरासी के घर पर उसके पास चली गई. फिर उसने मुझे अपने कमरे में बुला लिया उस समय वहां पर कोई भी नहीं था और वैसे वो शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी और बच्चे बिहार में ही रहते थे और इसलिए उसका कमरा बिल्कुल खाली था, बस वहां पर एक चारपाई और कुछ कपड़े थे. तभी उसने मुझे बैठने को कहा और मैं ठीक उसके सामने बैठ गई, अब वो मुझे बहुत ध्यान से देखने लगा, उसकी नजरे मेरे जिस्म को खा जाने वाली थी और वो मुझे लगातार घूर रहा था. फिर मैंने उससे पूछा कि वो लड़का कहाँ है? उसने मुझसे कहा कि वो अभी आने वाला है. थोड़ी देर में ही स्कुल में कई लड़के आ गए वो लड़के वहां खेलने के लिए आया करते थे. कहीं कोई मुझे देख ना लें इसलिए मैं दरवाजे से हटकर छिपकर बैठ गई. चपड़ासी ने कहा कि वो मुझे आज एक सच बताना चाहता है और फिर उसने कहा कि कोई लड़का नहीं है, लेकिन वो खुद ही मुझे बहुत पसंद किया करता है.
दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मेरी साँसे एकदम से रुक गई और मुझे बिल्कुल भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं अब क्या करूं और मैं बिल्कुल चुप रही. वो मेरे पास आया और मुझसे कहने लगा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो और किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा और तुम भी मेरे साथ बहुत खुश रहोगी. तभी मैंने उससे गुस्से में आकर साफ मना कर दिया और फिर मैं उठकर वहां से जाने लगी.
फिर उसने कहा कि यहाँ से निकलते ही बाहर खेल रहे लड़को की नजर तुम पर पड़ेगी और तुम बहुत बदनाम हो जाओगी, तभी उसकी बात को सोचकर मैं वहीं पर रुक गई और बहुत डर गई और मैंने उससे कहा कि अब मैं क्या करूं?
उसने कहा कि अगर तुम मेरा साथ दो तो मैं तुम्हे चुपके से यहाँ से निकाल दूँगा और फिर मैंने उससे कहा कि ठीक है, लेकिन इसके लिए मुझे क्या करना होगा? तो वो बोला कि मैं तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूँ और अपनी बीवी बनाना चाहता हूँ और तुम्हारे साथ वो सब करना चाहता हूँ जो सभी लोग अपनी बीवी के साथ करते है. दोस्तों मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि सभी लोगों का कुछ करने का क्या मतलब है? तो मैंने उससे बिना सोचे समझे कहा कि ठीक है, लेकिन प्लीज मुझे यहाँ से बाहर निकालो.
फिर वो मेरे पास आया और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया मैं कुछ बोलती उससे पहले ही उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया और अब मेरा मुँह बंद हो गया और वो मेरे बूब्स को मसलने लगा. मैंने उससे छूटने की बहुत नाकाम कोशिश की, लेकिन वो बहुत मजबूत था. फिर उसने मुझे छोड़ा और कहने लगा कि तुम्हे भी बहुत मज़ा आएगा एक बार मेरे साथ करो तो सही. फिर उसकी बातें सुनकर अब मेरा भी दिल उसके साथ कुछ करने का कर रहा था और मैंने भी उसे एक किस किया और मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लगा.
फिर उसने मुझसे कहा कि अभी और भी बहुत सारे काम करने बाकी है, तुम अब जल्दी से अपने कपड़े उतार दो और उसने भी अब अपने सारे कपड़े उतार दिए थे और जब मैंने पहली बार उसका लंड देखा तो मैं डर गई और उसे धीरे धीरे खड़ा होते हुए और अपना आकार बदलते हुए देखकर मैं बहुत हैरान रह गई, लेकिन वो अभी भी पूरी तरह खड़ा भी नहीं हुआ था, लेकिन फिर भी 6 इंच का था और मैंने उससे कहा कि क्यों तुम्हारा लंड इतना बड़ा है? और यह तो अभी पूरी तरह से खड़ा भी नहीं हुआ है.
तभी उसने मुझसे कहा कि अब इसे खड़ा तो तू ही करेगी, मैंने पूछा कि वो कैसे? तो उसने कहा कि इसे अपने मुँह में लेकर, तभी मैंने कहा कि मैं कभी भी ऐसा नहीं करूँगी. तो उसने कहा कि अब कोई फायदा नहीं है तू तेरी जो मर्ज़ी पड़े कर ले, लेकिन तेरी बदनामी हो जाएगी. अब मैं बहुत डर गई थी और मुझे अब अच्छा भी लग रहा था और फिर उसने मेरे कपड़े उतारे और मेरा कामुक बदन देखकर वो तो पागल हो गया और उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया. फिर उसने मुझसे कहा कि अगर मैं उसका पूरा साथ दूँगी तो सब कुछ एकदम ठीक रहेगा. फिर उसने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया, लेकिन अब मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था और मुझे भी धीरे धीरे ऐसा करने में मज़ा आ रहा था और मैं उसके लंड को धीरे से मुहं में लेकर चूसने लगी और अपनी जीभ से लोलीपोप की तरह चाटने लगी. मेरे तो मुँह में वो पूरी तरह से आ ही नहीं रहा था और मुझे अपना पूरा मुहं जबरदस्ती खोलना पड़ रहा था.
अब वो कुछ देर बाद और भी बड़ा हो गया, लेकिन उस चपरासी ने ज़बरदस्ती मेरे मुँह में अपना पूरा का पूरा लंड डाल दिया, लेकिन तभी उसने देखा कि मेरे मुँह में उसका लंड नहीं आ रहा है, जिसकी वजह से मेरी सांसे रुकने लगी थी और मेरी आंख से आंसू बाहर आने लगे थे. फिर उसने कुछ ही देर बाद मुझसे कहा कि चलो तुम अब रहने दे. फिर उसने मुझे बिस्तर पर जाने को कहा और मैं वहाँ पर चली गई. फिर वो तेल ले आया और उसने थोड़ा सा तेल मेरी चूत पर लगाया और बहुत अच्छी तरह मालिश करने लगा और फिर उसने अपनी एक उंगली को चूत में अंदर डाल दिया जिसकी वजह से तेल मेरी चूत के अंदर चला गया और मुझे ऐसा लगा कि कोई गरम गरम चीज़ मेरी चूत के अंदर चली गई हो, मुझे थोड़ा सा दर्द भी हुआ, लेकिन अब थोड़ी देर बाद मुझे उसके ऐसा करने से बहुत मज़ा आने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर उसने अपनी दूसरी उंगली और फिर उसने अपनी तीसरी उंगली को भी अंदर डाल दिया. मुझे उसकी वजह से दर्द तो बहुत हुआ, लेकिन कुछ देर बाद में वो दर्द मज़ा बन गया था और उसने अभी तक मेरी सील नहीं तोड़ी थी, शायद वो उसे अपने लंड के साथ ही तोड़ना चाहता था. फिर उसने मेरा सारा बदन अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर दिया और अब उसने मेरे दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया और अपने लंड का टोपा मेरी चूत पर लगा दिया.
मैंने उससे कहा कि यह अंदर नहीं जाएगा तो वो बोला कि चला जाएगा. फिर मैंने उससे कहा कि अगर मुझे कुछ हो गया तो? वो बोला कि तुम चिंता मत करो तुम्हे कुछ नहीं होगा, बस तुम थोड़ा धीरज रखो और अब मैं बिल्कुल चुप हो गई. फिर उसने अपना लंड अंदर डालना शुरू किया. अभी उसके लंड का सिर्फ टोपा ही थोड़ा अंदर गया था कि मुझे बहुत दर्द होने लगा मैं ज़ोर ज़ोर से चीखने, चिल्लाने लगी सीईईईई अह्ह्ह्हह आईईईईइ प्लीज बाहर निकालो इसे उह्ह्ह्हह्ह मुझे बहुत दर्द हो रहा है.
फिर उसने मेरा मुँह अपने होठों से बिल्कुल बंद कर दिया और थोड़ी देर बाद मुझे थोड़ा सा आराम मिला, मैंने सोचा कि शायद अब लंड अंदर चला गया है और अब मज़ा आएगा? लेकिन जब मैंने अपना सर उठाकर नीचे की तरफ देखा तो मैं चौंक गई, क्योंकि अभी तक तो उसका पूरा लंड बाहर ही था तो मैंने उससे बहुत चकित होते हुए पूछा कि यह कब अंदर जाएगा? तो उसने एक और धक्का मारा और दो इंच लंड अंदर चला गया और अब मैंने महसूस किया कि मेरी चूत की सील टूट गई है और मैं दर्द के मारे बेहोश हो गई थी.
मैं उस दर्द से छटपटाने लगी थी और जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो बहुत मस्ती से मेरे निप्पल को चूस रहा था. मैंने उससे दर्द से कराहते हुए कहा कि प्लीज अब इसे मेरी चूत से बाहर निकाल लो वरना मैं इसके दर्द से मर ही जाउंगी. फिर वो कहने लगा कि मेरी रानी आज अगर मैंने इसे अधूरे में बाहर निकाल लिया तो फिर कभी ऐसा मज़ा नहीं ले पाएगी और अगर आज ले लिया तो पूरी जिन्दगी बहुत मज़े करेगी, बस थोड़ा सा दर्द और होगा.
फिर मैंने अपनी दोनों आँखें बंद कर ली और उसने फिर से अपने लंड को मेरी चूत पर ज़ोर से दबाव बनाना शुरू कर दिया और अब धीरे धीरे उसका लंड सरकता हुआ अंदर जा रहा था. फिर मैंने महसूस किया कि कुछ ही सेकिंड में उसका लंड फिसलता हुआ करीब दो इंच और अंदर चला गया और अब उसका आधा लंड मेरी चूत के अंदर था और मैं तो दर्द के मारे तड़प रही थी. फिर मैंने उससे कहा कि मैं तो आपकी बेटी जैसी हूँ अह्ह्ह्हह्ह प्लीज अब इसे बाहर उह्ह्ह्ह निकालो छोड़ दो मुझे. फिर उसने कहा कि अब तो तू मेरी पत्नी जैसी है और मेरे होने वाले बच्चे की माँ भी बनेगी और यह बात कहकर वो मुझे किस करने लगा और धीरे धीरे अपनी कमर हिलाने लगा. वो मेरे दर्द की वजह से बहुत धीरे धीरे झटके मार रहा था.
फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मुझे अब छोड़ दो वरना मैं मर जाउंगी. उसने कहा कि तुम्हे कुछ नहीं होगा तुम बस थोड़ा सबर रखो और फिर उसने मुझे बिस्तर से उठाया, लेकिन मेरी चूत से लंड को बाहर नहीं निकाला और वो खुद बिस्तर पर लेट गया. अब मैं उसके ऊपर आ गई थी और उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और अपनी कमर को हिलाने लगा. दोस्तों मुझे अब दर्द के साथ साथ मज़ा भी आ रहा था वो ऐसा लगातार करता रहा और कुछ देर बाद मैंने अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन वो अभी तक मेरी चूत में अपना लंड हिला रहा था.
फिर उसने मुझे अपनी बाहों में ज़ोर से जकड़ा और एक ज़ोर का झटका मारा तो मुझे लगा कि जैसे उसका लंड अब मेरे गले तक पहुंच गया और मैं फिर से बैहोश हो गई. फिर थोड़ी देर बाद बाद जब मुझे होश आया तो मैंने देखा कि वो मुझे चूम रहा था और मेरे बूब्स को दबा रहा था, लेकिन अब भी मुझे चूत में बहुत दर्द हो रहा था और मेरी चूत से खून भी बहुत निकल रहा था, लेकिन मैं अब खुश भी थी कि मैंने अपनी चूत में सबसे बड़ा लंड लिया है फिर चाहे वो किसी भी मर्द का था और जो उम्र में मेरे बाप के बराबर ही क्यों ना हो और अब मुझे भी उससे प्यार हो गया था और मुझे लगा कि सच में ही यह मेरा पति है.
फिर उसने धीरे धीरे अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया वो थोड़ा सा लंड बाहर निकालता और फिर धीरे से अंदर डाल देता अब मुझे ज़्यादा तकलीफ़ नहीं हो रही थी और मज़ा भी बहुत आ रहा था. फिर जब उसे लगा कि मैं उसके लंड को सहन कर रही हूँ तो वो और ज़्यादा लंड को बाहर निकालता और पूरे ज़ोर से अंदर डाल देता. उसके ऐसा करने से मैं तो बहुत मज़ा ले रही थी और धीरे धीरे उसने अपना सारा लंड बाहर निकालना शुरू कर दिया. अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब तो मैं भी उसे किस कर रही थी और मैं इस बीच करीब दो बार और झड़ चुकी थी, लेकिन वो नहीं.
फिर उसने मुझे चारपाई पर लेटा दिया और अपना लंड मेरी चूत में डालने लगा अब वो मेरे निप्पल चूस रहा था जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे आज वो अपने मन की सारी हसरत पूरी करना चाहता हो, लेकिन मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं था कि उसके बाद मेरी चूत का क्या हाल हुआ होगा? मुझे तो बस चुदवाने का जोश आ रहा था कि मैं इतनी ज्यादा उम्र के आदमी से इतनी छोटी उम्र में चुद रहीं हूँ और हम दोनों पसीने से एकदम भीग गये थे, लेकिन मैं पूरे जोश में थी. तभी उसने मुझसे कहा कि वो मुझे अब कुतिया बनाकर चोदना चाहता है. दोस्तों मैंने पहले से ही ब्लू फिल्म में वो सारी पोजीशन देख रखी थी और मैं तभी अपने दोनों घुटनो पर हो गई. फिर उसने पीछे से लंड को मेरी चूत के अंदर डाल दिया और मुझे उससे चुदने के बाद ऐसा लगा कि जैसे आज मैं पूरी हो गई हूँ. अब वो ज़ोर ज़ोर के धक्के मार रहा था और फिर उसने कहा कि वो अब झड़ने वाला है और उसने कहा कि वो मेरी चूत में ही झड़ना चाहता है ताकि उसका बच्चा मेरे पेट से जन्म ले.
फिर मैंने कहा कि नहीं, इससे मेरी बदनामी हो जाएगी और अभी ठीक सही समय नहीं है और फिर उसने यह बात सुनकर अपना लंड बाहर निकालकर मेरे मुँह में डाल दिया और अपना सारा वीर्य मेरे मुँह में डाल दिया और मैं एक आज्ञाकारी पत्नी की तरह उसका सारा वीर्य पी गई. जब मैंने अपनी चूत को देखा तो मैं एकदम से चौंक गई क्योंकि वो बिल्कुल फट गई थी और मुझे बहुत बुरा लगा, लेकिन उसने मुझसे कहा कि तू चिंता मतकर यह अपने आप ठीक हो जाएगी और फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और मेरी चूत से अभी भी थोड़ा थोड़ा खून आ रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर उसने मुझे एक सफेद रंग की कोई चीज़ दी और मुझसे अपनी चूत पर लगाने को कहा तो उससे मेरी चूत का दर्द बिल्कुल कम हो गया और उसने कहा कि इससे सब ठीक हो जाएगा और फिर मैंने उससे कहा कि अब मुझे घर पर जाना है और दोबारा मिलने का वादा लेकर उसने मुझे अपने कमरे पिछले दरवाजे से चोरी से बाहर निकाल दिया और उसकी दी हुई दवाई की वजह से मेरा दर्द अब ठीक था, लेकिन फिर भी मुझे थोड़ी सी तकलीफ़ थी और मैं अपने घर पर आकर खाना खाकर चुपचाप सो गई और सुबह उठकर जब स्कूल गई तो चपरासी दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था, उसने मुझसे मेरा हाल पूछा तो मैंने कहा कि मैं एकदम ठीक हूँ और उसने कहा कि हम जल्द ही मिलेंगे और मैं एक मुस्कुराहट के साथ अपनी क्लास में चली गई.
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