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दोस्त की मामी को चोदकर अपनी जान बनाया Dost ki mami ko chodkar apni jaan banaya
दोस्त की मामी को चोदकर अपनी जान बनाया Dost ki mami ko chodkar apni jaan banaya, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.
हेलो दोस्तों, मेरे दोस्त की मामी बहुत अच्छी हैं और देखने में बहुत सुंदर हैं। उनका साईज़ है 36-25-34 और उनकी उम्र 28 साल की है। मैं बचपन से ही मेरे दोस्त के साथ उसके मामा के यहाँ जाता रहता था और मैं भी मेरे दोस्त के मामा को मामा ही कहता था। मेरे दोस्त की मामी शादी के वक़्त जब पहली बार ससुराल आई तभी से मैंने उनसे दोस्ती कर ली थी वैसे भी आप जानते हैं कि जब नई दुल्हन आती है तो उसका ख़ास ध्यान रखा जाता है..
यहाँ भी वही होने लगा था। फिर मैं भी इस काम में सभी का साथ देता था क्योंकि मुझे मेरे दोस्त मामी के साथ वक़्त बिताने का मौका मिलता था और वो भी मुझसे बातें करके पूरे दिन टाईम पास कर लेती थी। फिर ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गयी और हम लोग खाना भी साथ खाने पीने लगे। फिर बाद में क्योंकि मेरे और मेरे दोस्त की कॉलेज की पढ़ाई का चक्कर था तो हम दोनों को एक सप्ताह के बाद वहाँ से दिल्ली वापस आना पड़ा। मेरी फेमिली यहीं दिल्ली में ही है और दोस्त के मामा जी का घर कानपुर में है। फिर यहाँ से मैं मामी जी से अक्सर फोन पर बातें किया करता था और फिर धीरे धीरे मैंने उनसे एक अच्छे दोस्त का रिश्ता बना लिया था। फिर उनकी शादी में मुझे उनकी एक दोस्त भी बहुत पसंद आई और मैं अक्सर मामी से कहता था कि प्लीज मेरी उससे शादी करा दो। तभी वो भी कहती थी कि हाँ करा देंगे जब सही समय आएगा। तभी इन सब बातों को करते करते हम बहुत अच्छे दोस्त हो गये थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैं अक्सर उनकी शादीशुदा लाईफ की फेमिली प्लानिंग के बारे में भी बातें कर लिया करता था। उन बातों पर कभी वो शरमाती तो कभी सीधा सा जवाब देती और मजाक़ में कहती थी कि तुम्हारी शादी होने दो.. फिर देखेंगे तुम क्या क्या प्लानिंग करते हो। फिर ऐसे ही वक़्त गुज़रता गया और फिर करीब 8-10 महीने के बाद मैंने छुट्टियों पर एक प्लान बनाया और फिर मामा जी के घर पर पहुँच गया। इस बार मेरे पास बहुत टाईम था वहाँ पर रुकने और उनसे बातें करने का और फिर घर पहुँच कर सभी फेमिली सदस्य से मिला, इस बार मेरा दोस्त मेरे साथ नहीं गया था क्योंकि उसे घर पर ही जरुरी काम था।
नानी, मामा, कज़िन्स, सभी बहुत खुश हुए मुझे अचानक देखकर और मैं भी लेकिन मुझे ज़्यादा खुशी थी मामी जी से मिलने की और उनके साथ वक़्त बिताने की। मेरे मामा स्कूल टीचर हैं। तो वो सुबह जल्दी जाते और शाम को आते और जब खाली समय मिलता तो कभी खेती बाड़ी में भी टाईम दिया करते थे। फिर मामा मामी की शादीशुदा लाईफ बहुत अच्छी चल रही थी और वो दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे और आज भी हैं नानी, मौसी और सभी फेमिली सदस्य वहीं पर एक ही मकान में रहते थे और खेती के काम में लगे रहते थे और गावं में वैसे भी कोई ना कोई काम रहता ही है.. मामी भी घर के काम करती हैं लेकिन ज़्यादा नहीं.. वो सीधे काम करती थी। फिर वो अक्सर अपने रूम में ही समय बिताती हैं और मैं भी ऐसे ही समय का इंतज़ार करता था कभी किचन में उनके साथ बातें करता जब वो खाना बना रही होती या फिर बाद मैं उनके रूम के आस पास मंडराता रहता और इसी बीच वो मुझसे बातें करने के लिए रूम में बुला लेती।
फिर कभी कभी तो लंच हम साथ में ही करते थे और वो भी एक पड़ी लिखी लड़की हैं और मैं भी ठीक ठाक हूँ तो अन्य लोगों की तुलना में हमारी बहुत अच्छी बनती थी। फिर हम उनके बेड पर ही बैठकर लंच करते थे और कई बार उन्होंने मुझे अपने हाथों से खाना भी खिलाया हैं और मुझे बहुत मज़ा आता था। फिर ऐसे ही एक दिन लंच टाईम में मामी नहाने के बाद तैयार हुई.. वही डेली की तरह तैयार होना। उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहनी.. बाल खुले हुए जिनसे हल्का हल्का पानी टपक रहा था.. ब्लाउज जो ठीक ठाक ही था लेकिन इनकी हेल्थ बहुत अच्छी होने की वजह से और चार चाँद लगा रहा था.. उनका गोरा और चिकना पेट देखकर मेरे मन में हलचल मच गयी।
फिर मैं भी नहाकर आया और मामी के कमरे में ही ड्रेसिंग टेबल के सामने तैयार हो रहा था। तभी उस समय मामी किचन में थी और मैं तैयार होते समय अकेला रहना पसंद करता हूँ ये बात मामी जानती है लेकिन उसी समय वो रूम में आ गयी और मुझे अपनी ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की कीट में से क्रीम और कोई भी समान जो मुझे चाहिए हो.. ऑफर किया। तभी मैंने कहा कि मामी मैं तो सांवला हूँ मुझ पर इन ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का कोई असर नहीं होता ये तो आप जैसी गोरी और सुंदर लडकियों के लिए बहुत अच्छी है। तभी वो बोली तुम किससे बुरे हो.. गोरा रंग ही सब कुछ नहीं होता बातचीत का भी तो फर्क होता है और तुम्हारी सोच बहुत अच्छी हैं। फिर मैंने उन्हे मुस्कुराते हुए थेंक्स कहा।
फिर उन्होंने कहा कि तुम तैयार हो जाओ फिर हम साथ में लंच करेंगे। फिर लंच करते हुए वो मेरे सामने ही बेड पर बैठी थी उनकी साड़ी, लिपस्टिक, ब्लाउज के अंदर बूब्स, और चिकना पेट देखकर मेरी भूख तो वैसे ही खत्म हो जाती थी और मेरा तो दिल कर रहा था की इन्हें ही खा जाऊं। फिर मुझे ठीक से खाना ना खाते देख उन्होंने पूछा कि क्या हुआ? बताओ ना खाना क्यों नहीं खा रहे? आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तभी मैंने कहा कि मन नहीं है। फिर उन्होंने मुझे बहुत पूछा लेकिन मैं उन्हे क्या बता सकता था? फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे अपने हाथ से खिलाना शुरू किया। फिर उनके मुलायम हाथों से खाने में बहुत अच्छा लग रहा था.. कई बार तो मैंने उनकी उंगलियों को भी होंठो के बीच में दबा लिया और वो मुस्कुराती हुई कहती ऑश.. बदमाश खाना खाओ मेरी उंगलियाँ नहीं।
मैं : खाना तो मुझे खाना नहीं.. बस आपकी उंगलियों की वजह से ही में खाने की इच्छा जगा रहा हूँ।
मामी : अच्छा जी तो खाने में नहीं.. तुम्हारी रूचि इन उंगलियों में है।
मैं : मुझे तो आपकी हर बात में रूचि है.. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। मैं तो आपको भी खा सकता हूँ लेकिन खाना नहीं।
मामी : ओह हो तो ये बात है इतनी हिम्मत है.. लगता है अब तो जल्दी ही एक अच्छी लड़की ढूंढकर तुम्हारी शादी करवानी ही पड़ेगी।
मैं : मैं तो कब से कह रहा हूँ लेकिन आप बात ही आगे नहीं बढाती।
फिर इस बात पर मामी मुस्कुराई और खाना ख़त्म किया। फिर मुझे पानी पीना था.. तभी मैंने मामी के बालों से टपकते हुए पानी को देखा जो उनके ब्लाउज के ऊपर गिर रहा था। तभी मैंने कहा कि मामी पानी.. फिर वो ग्लास लेने लगी। फिर मैंने ब्लाउज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ग्लास से नहीं वहाँ से पीना है। फिर उन्होंने मुझे मजाक में आकर मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ मारा और कहा सुधर जाओ वरना मार पड़ेगी। फिर बाद में हम लोग वहीं बेड पर ही लेट गये और दोपहर का टाईम था तो वहीँ हल्की नींद लेने का प्लान था लेकिन हम अभी बातों में ही व्यस्त थे।
फिर बातें करते करते मैं उनका पेट देख रहा था और पेट पर गहरी नाभि थी क्या कमाल लग रही थी मुझे गहरी नाभि बहुत पसंद हैं। फिर बातों के समय ही मैं उनके और करीब चला गया और फिर उनके भीगे बालों को छूने लगा। फिर मामी के लाल होंठ मुझे न्योता दे रहे थे और जब वो हँसती तो मन करता कि उनके होंठो को चूम लूँ। फिर इसके बाद मैंने अपना एक हाथ मामी के हाथ पर रखा और हल्के से सहलाया मामी ने मेरी तरफ देखा और फिर मैंने उनकी तरफ.. मेरी साँसें भारी हो रही थी और फिर इतने में हिम्मत करके मैंने उनके पेट पर एक हाथ रखा और उसे सहलाया तो मामी मना करने लगी।
फिर उन्होंने कहा कि हम दोस्त हैं लेकिन ऐसा मत करो ये सब ठीक नहीं.. लेकिन मैं कामुक हो गया और फिर उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया.. उनके बदन की खुश्बू और टच ने मेरे पहले से तने हुए लंड को और खड़ा कर दिया और मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और फिर बेड पर एक दूसरे से लिपटे हुए ही बेड के एक हस्से से दूसरे हिस्से पर रोल होने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मामी मुझे प्यार से सहला रही थी और मेरा साथ दे रही थी। तभी मैं उठा और मामी को सीधा करते हुए उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए ओह वाह क्या अहसास था। फिर मैंने उन्हें तब तक चूसा जब तक कि उनकी लिपस्टिक साफ नहीं हो गयी। तभी मामी मुस्कुराते हुई बोली बदमाश किस तो ज़बरदस्त करता है इससे पहले कितनों को कर चुके हो? तभी मैं मुस्कुराया और कहा कि आगे- आगे देखिए मैं क्या- क्या करता हूँ। फिर मैंने उन्हें लेटाया और उनका ब्लाउज अपने हाथों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को बहुत चाटा।
फिर ब्रा खुलने के बाद उनके शरीर के ऊपर का हिस्सा देखकर मैं सिहर उठा सारे बदन में एक अहसास जाग उठा.. ऐसा लगा जैसे मेरे सामने स्वर्ग का दरवाजा खुल गया हो। फिर उनके निप्पल को बहुत चूसा और चाटा मामी गरम होने की वजह से बड़बड़ा रही थी उह्ह अहह देव तुम कितने अच्छे हो आहह मजा आ गया और करो अहहउ। फिर इसके बाद में पेट की तरफ बढ़ा.. चिकने पेट पर मेरी नियत कब से खराब थी.. उस पर पहले तो जी भरकर हाथ फिराया और फिर उसे चूमा मैंने अपनी जीभ से उसे चाट चाटकर लाल कर दिया और साथ ही साथ मैंने उनका पेटिकोट भी खोल दिया और अब बारी थी गहरी नाभि की.. वाह क्या गजब चीज़ थी। फिर मैंने वहीं पास से पानी लिया और पानी नाभि में भरा और फिर उसे पिया मामी सिसकीयाँ भर रही थी उन्हें जैसे जन्नत के मिल गई हो..
वो कहने लगी है देव तुमने कैसा नशा घोल दिया है मुझे गुदगुदी हो रही है ऑफ उहह। फिर वो मेरे बालों पर उंगलियाँ घुमा रही थी और मुझे अपने पेट पर कसकर जकड़े हुए थीफिर मैंने अपनी शर्ट खोल दी और लोवर अलग फेंक दिया इतने में मामी बोली, ओह देव प्लीज़ अंडरवियर मुझे उतारने दो और मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे अंडरवियर को धीरे धीरे उतारने लगी बहुत ही धीरे धीरे आराम से उतार रही थी। फिर जैसे ही मेरे लंड के दर्शन हुए तो उन्होंने एकदम से अंडरवियर उतार फेंका और लंड हाथ में लेकर उसे किस करने लगी और मैं सातवें आसमान पर था। फिर मैंने उनकी पानी से भीगी हुई चूत में साईड से हाथ डालते हुए उनकी टाँगों को फैला दिया.. एकदम शेव्ड चूत थी।
फिर उनके पेट और चूत का रंग एक जैसा था एकदम गोरा लेकिन मेरा लंड मेरी तरह सांवला है और 6 इंच लम्बा है। फिर मैं मामी की चूत में ऊँगली डाल रहा था और मामी मेरे लंड को किस कर रही थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर आँखों में ही इशारा करते हुए सीधे लेट गये। फिर मामी बहुत गीली हो चुकी थी और फिर मैंने अपनी जीभ से एक बार जैसे ही चूत को छुआ मानो उसे एक करंट का झटका लगा वो पूरी की पूरी हिल गई। फिर मैंने करीब दस मिनट जीभ से चूत की चुदाई की और फिर मैंने अपना लंड चूत के मुहं पर रख कर सेट किया और एक जोर के झटके में आधा लंड चूत में डाल दिया। तभी मामी बोल उठी.. शईईई डियर अह्ह्ह मज़ा आ गया।
फिर मैंने इसके बाद दूसरे झटके में पूरा का पूरा लंड चूत की गहराइयों में डाल दिया और फिर थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा.. साथ ही साथ मामी के होठों को चूसता रहा और कभी उनके बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबाता। फिर जब मामी ने नीचे से झटके देना शुरू किया तब मैंने स्पीड बढ़ाई और फिर ताबड़तोड़ झटको के साथ लंड को अंदर- बाहर करने लगा और मामी भी नीचे से अपनी गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और वो कहे जा रही थी - वाह जानू मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और अंदर घुसाओ ना अपनी मामी को खा जाओ उईईई उह्ह्ह अहह चोद दो आज अपनी मामी को और जोर से चोदो। फिर बीच बीच में मैं कभी नाभि को चाटता, कभी बूब्स, कभी होंठ। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी कमर को पकड़कर पूरे जोश के साथ धक्के देंने शुरू किये। ऐसा करते करते 10-15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये। मैंने मामी की चूत में पूरा वीर्य जोरदार धक्को के साथ डाल दिया और फिर हम थक कर उसी पोज़िशन में बहुत देर पड़े रहे। फिर उसके बाद मामी ने मुझे बहुत किस किया और प्यार किया। फिर कुछ देर बाद मैंने ही मामी को सारे कपड़े पहनाए और ऐसा करते हुए उनका चिकना पेट मैंने बहुत चाटा। मुझे उनका चिकना पेट बहुत अच्छा लगता था। मैं उनकी नाभि में कभी शहद भरकर चाटता हूँ तो कभी दूध और आईसक्रीम। मामी मुझे बहुत प्यार करती है और वो मामा से भी अपना रिश्ता बखूबी निभा रही है। कहीं कोई समस्या नहीं है.. सब जगह प्यार ही प्यार है। मैंने ये सब मेरे दोस्त को भी बता दिया तो उसने कहा यार मजे लो, यहीं तो जिन्दगी है।
यहाँ भी वही होने लगा था। फिर मैं भी इस काम में सभी का साथ देता था क्योंकि मुझे मेरे दोस्त मामी के साथ वक़्त बिताने का मौका मिलता था और वो भी मुझसे बातें करके पूरे दिन टाईम पास कर लेती थी। फिर ऐसे ही हमारी दोस्ती हो गयी और हम लोग खाना भी साथ खाने पीने लगे। फिर बाद में क्योंकि मेरे और मेरे दोस्त की कॉलेज की पढ़ाई का चक्कर था तो हम दोनों को एक सप्ताह के बाद वहाँ से दिल्ली वापस आना पड़ा। मेरी फेमिली यहीं दिल्ली में ही है और दोस्त के मामा जी का घर कानपुर में है। फिर यहाँ से मैं मामी जी से अक्सर फोन पर बातें किया करता था और फिर धीरे धीरे मैंने उनसे एक अच्छे दोस्त का रिश्ता बना लिया था। फिर उनकी शादी में मुझे उनकी एक दोस्त भी बहुत पसंद आई और मैं अक्सर मामी से कहता था कि प्लीज मेरी उससे शादी करा दो। तभी वो भी कहती थी कि हाँ करा देंगे जब सही समय आएगा। तभी इन सब बातों को करते करते हम बहुत अच्छे दोस्त हो गये थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैं अक्सर उनकी शादीशुदा लाईफ की फेमिली प्लानिंग के बारे में भी बातें कर लिया करता था। उन बातों पर कभी वो शरमाती तो कभी सीधा सा जवाब देती और मजाक़ में कहती थी कि तुम्हारी शादी होने दो.. फिर देखेंगे तुम क्या क्या प्लानिंग करते हो। फिर ऐसे ही वक़्त गुज़रता गया और फिर करीब 8-10 महीने के बाद मैंने छुट्टियों पर एक प्लान बनाया और फिर मामा जी के घर पर पहुँच गया। इस बार मेरे पास बहुत टाईम था वहाँ पर रुकने और उनसे बातें करने का और फिर घर पहुँच कर सभी फेमिली सदस्य से मिला, इस बार मेरा दोस्त मेरे साथ नहीं गया था क्योंकि उसे घर पर ही जरुरी काम था।
नानी, मामा, कज़िन्स, सभी बहुत खुश हुए मुझे अचानक देखकर और मैं भी लेकिन मुझे ज़्यादा खुशी थी मामी जी से मिलने की और उनके साथ वक़्त बिताने की। मेरे मामा स्कूल टीचर हैं। तो वो सुबह जल्दी जाते और शाम को आते और जब खाली समय मिलता तो कभी खेती बाड़ी में भी टाईम दिया करते थे। फिर मामा मामी की शादीशुदा लाईफ बहुत अच्छी चल रही थी और वो दोनों एक दूसरे के साथ खुश थे और आज भी हैं नानी, मौसी और सभी फेमिली सदस्य वहीं पर एक ही मकान में रहते थे और खेती के काम में लगे रहते थे और गावं में वैसे भी कोई ना कोई काम रहता ही है.. मामी भी घर के काम करती हैं लेकिन ज़्यादा नहीं.. वो सीधे काम करती थी। फिर वो अक्सर अपने रूम में ही समय बिताती हैं और मैं भी ऐसे ही समय का इंतज़ार करता था कभी किचन में उनके साथ बातें करता जब वो खाना बना रही होती या फिर बाद मैं उनके रूम के आस पास मंडराता रहता और इसी बीच वो मुझसे बातें करने के लिए रूम में बुला लेती।
फिर कभी कभी तो लंच हम साथ में ही करते थे और वो भी एक पड़ी लिखी लड़की हैं और मैं भी ठीक ठाक हूँ तो अन्य लोगों की तुलना में हमारी बहुत अच्छी बनती थी। फिर हम उनके बेड पर ही बैठकर लंच करते थे और कई बार उन्होंने मुझे अपने हाथों से खाना भी खिलाया हैं और मुझे बहुत मज़ा आता था। फिर ऐसे ही एक दिन लंच टाईम में मामी नहाने के बाद तैयार हुई.. वही डेली की तरह तैयार होना। उन्होंने हरे रंग की साड़ी पहनी.. बाल खुले हुए जिनसे हल्का हल्का पानी टपक रहा था.. ब्लाउज जो ठीक ठाक ही था लेकिन इनकी हेल्थ बहुत अच्छी होने की वजह से और चार चाँद लगा रहा था.. उनका गोरा और चिकना पेट देखकर मेरे मन में हलचल मच गयी।
फिर मैं भी नहाकर आया और मामी के कमरे में ही ड्रेसिंग टेबल के सामने तैयार हो रहा था। तभी उस समय मामी किचन में थी और मैं तैयार होते समय अकेला रहना पसंद करता हूँ ये बात मामी जानती है लेकिन उसी समय वो रूम में आ गयी और मुझे अपनी ब्यूटी प्रॉडक्ट्स की कीट में से क्रीम और कोई भी समान जो मुझे चाहिए हो.. ऑफर किया। तभी मैंने कहा कि मामी मैं तो सांवला हूँ मुझ पर इन ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का कोई असर नहीं होता ये तो आप जैसी गोरी और सुंदर लडकियों के लिए बहुत अच्छी है। तभी वो बोली तुम किससे बुरे हो.. गोरा रंग ही सब कुछ नहीं होता बातचीत का भी तो फर्क होता है और तुम्हारी सोच बहुत अच्छी हैं। फिर मैंने उन्हे मुस्कुराते हुए थेंक्स कहा।
फिर उन्होंने कहा कि तुम तैयार हो जाओ फिर हम साथ में लंच करेंगे। फिर लंच करते हुए वो मेरे सामने ही बेड पर बैठी थी उनकी साड़ी, लिपस्टिक, ब्लाउज के अंदर बूब्स, और चिकना पेट देखकर मेरी भूख तो वैसे ही खत्म हो जाती थी और मेरा तो दिल कर रहा था की इन्हें ही खा जाऊं। फिर मुझे ठीक से खाना ना खाते देख उन्होंने पूछा कि क्या हुआ? बताओ ना खाना क्यों नहीं खा रहे? आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तभी मैंने कहा कि मन नहीं है। फिर उन्होंने मुझे बहुत पूछा लेकिन मैं उन्हे क्या बता सकता था? फिर थोड़ी देर के बाद उन्होंने मुझे अपने हाथ से खिलाना शुरू किया। फिर उनके मुलायम हाथों से खाने में बहुत अच्छा लग रहा था.. कई बार तो मैंने उनकी उंगलियों को भी होंठो के बीच में दबा लिया और वो मुस्कुराती हुई कहती ऑश.. बदमाश खाना खाओ मेरी उंगलियाँ नहीं।
मैं : खाना तो मुझे खाना नहीं.. बस आपकी उंगलियों की वजह से ही में खाने की इच्छा जगा रहा हूँ।
मामी : अच्छा जी तो खाने में नहीं.. तुम्हारी रूचि इन उंगलियों में है।
मैं : मुझे तो आपकी हर बात में रूचि है.. आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। मैं तो आपको भी खा सकता हूँ लेकिन खाना नहीं।
मामी : ओह हो तो ये बात है इतनी हिम्मत है.. लगता है अब तो जल्दी ही एक अच्छी लड़की ढूंढकर तुम्हारी शादी करवानी ही पड़ेगी।
मैं : मैं तो कब से कह रहा हूँ लेकिन आप बात ही आगे नहीं बढाती।
फिर इस बात पर मामी मुस्कुराई और खाना ख़त्म किया। फिर मुझे पानी पीना था.. तभी मैंने मामी के बालों से टपकते हुए पानी को देखा जो उनके ब्लाउज के ऊपर गिर रहा था। तभी मैंने कहा कि मामी पानी.. फिर वो ग्लास लेने लगी। फिर मैंने ब्लाउज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ग्लास से नहीं वहाँ से पीना है। फिर उन्होंने मुझे मजाक में आकर मेरे गाल पर हल्का सा थप्पड़ मारा और कहा सुधर जाओ वरना मार पड़ेगी। फिर बाद में हम लोग वहीं बेड पर ही लेट गये और दोपहर का टाईम था तो वहीँ हल्की नींद लेने का प्लान था लेकिन हम अभी बातों में ही व्यस्त थे।
फिर बातें करते करते मैं उनका पेट देख रहा था और पेट पर गहरी नाभि थी क्या कमाल लग रही थी मुझे गहरी नाभि बहुत पसंद हैं। फिर बातों के समय ही मैं उनके और करीब चला गया और फिर उनके भीगे बालों को छूने लगा। फिर मामी के लाल होंठ मुझे न्योता दे रहे थे और जब वो हँसती तो मन करता कि उनके होंठो को चूम लूँ। फिर इसके बाद मैंने अपना एक हाथ मामी के हाथ पर रखा और हल्के से सहलाया मामी ने मेरी तरफ देखा और फिर मैंने उनकी तरफ.. मेरी साँसें भारी हो रही थी और फिर इतने में हिम्मत करके मैंने उनके पेट पर एक हाथ रखा और उसे सहलाया तो मामी मना करने लगी।
फिर उन्होंने कहा कि हम दोस्त हैं लेकिन ऐसा मत करो ये सब ठीक नहीं.. लेकिन मैं कामुक हो गया और फिर उन्होंने मुझे सीने से लगा लिया.. उनके बदन की खुश्बू और टच ने मेरे पहले से तने हुए लंड को और खड़ा कर दिया और मैंने उन्हें बाहों में भर लिया और फिर बेड पर एक दूसरे से लिपटे हुए ही बेड के एक हस्से से दूसरे हिस्से पर रोल होने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मामी मुझे प्यार से सहला रही थी और मेरा साथ दे रही थी। तभी मैं उठा और मामी को सीधा करते हुए उनके होंठो पर अपने होंठ रख दिए ओह वाह क्या अहसास था। फिर मैंने उन्हें तब तक चूसा जब तक कि उनकी लिपस्टिक साफ नहीं हो गयी। तभी मामी मुस्कुराते हुई बोली बदमाश किस तो ज़बरदस्त करता है इससे पहले कितनों को कर चुके हो? तभी मैं मुस्कुराया और कहा कि आगे- आगे देखिए मैं क्या- क्या करता हूँ। फिर मैंने उन्हें लेटाया और उनका ब्लाउज अपने हाथों से खोला और ब्रा खोलने से पहले मैंने उनकी चिकनी पीठ को बहुत चाटा।
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वो कहने लगी है देव तुमने कैसा नशा घोल दिया है मुझे गुदगुदी हो रही है ऑफ उहह। फिर वो मेरे बालों पर उंगलियाँ घुमा रही थी और मुझे अपने पेट पर कसकर जकड़े हुए थीफिर मैंने अपनी शर्ट खोल दी और लोवर अलग फेंक दिया इतने में मामी बोली, ओह देव प्लीज़ अंडरवियर मुझे उतारने दो और मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे अंडरवियर को धीरे धीरे उतारने लगी बहुत ही धीरे धीरे आराम से उतार रही थी। फिर जैसे ही मेरे लंड के दर्शन हुए तो उन्होंने एकदम से अंडरवियर उतार फेंका और लंड हाथ में लेकर उसे किस करने लगी और मैं सातवें आसमान पर था। फिर मैंने उनकी पानी से भीगी हुई चूत में साईड से हाथ डालते हुए उनकी टाँगों को फैला दिया.. एकदम शेव्ड चूत थी।
फिर उनके पेट और चूत का रंग एक जैसा था एकदम गोरा लेकिन मेरा लंड मेरी तरह सांवला है और 6 इंच लम्बा है। फिर मैं मामी की चूत में ऊँगली डाल रहा था और मामी मेरे लंड को किस कर रही थी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर आँखों में ही इशारा करते हुए सीधे लेट गये। फिर मामी बहुत गीली हो चुकी थी और फिर मैंने अपनी जीभ से एक बार जैसे ही चूत को छुआ मानो उसे एक करंट का झटका लगा वो पूरी की पूरी हिल गई। फिर मैंने करीब दस मिनट जीभ से चूत की चुदाई की और फिर मैंने अपना लंड चूत के मुहं पर रख कर सेट किया और एक जोर के झटके में आधा लंड चूत में डाल दिया। तभी मामी बोल उठी.. शईईई डियर अह्ह्ह मज़ा आ गया।
फिर मैंने इसके बाद दूसरे झटके में पूरा का पूरा लंड चूत की गहराइयों में डाल दिया और फिर थोड़ी देर वैसे ही पड़ा रहा.. साथ ही साथ मामी के होठों को चूसता रहा और कभी उनके बूब्स को अपने दोनों हाथों से दबाता। फिर जब मामी ने नीचे से झटके देना शुरू किया तब मैंने स्पीड बढ़ाई और फिर ताबड़तोड़ झटको के साथ लंड को अंदर- बाहर करने लगा और मामी भी नीचे से अपनी गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और वो कहे जा रही थी - वाह जानू मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो और अंदर घुसाओ ना अपनी मामी को खा जाओ उईईई उह्ह्ह अहह चोद दो आज अपनी मामी को और जोर से चोदो। फिर बीच बीच में मैं कभी नाभि को चाटता, कभी बूब्स, कभी होंठ। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उनकी कमर को पकड़कर पूरे जोश के साथ धक्के देंने शुरू किये। ऐसा करते करते 10-15 मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये। मैंने मामी की चूत में पूरा वीर्य जोरदार धक्को के साथ डाल दिया और फिर हम थक कर उसी पोज़िशन में बहुत देर पड़े रहे। फिर उसके बाद मामी ने मुझे बहुत किस किया और प्यार किया। फिर कुछ देर बाद मैंने ही मामी को सारे कपड़े पहनाए और ऐसा करते हुए उनका चिकना पेट मैंने बहुत चाटा। मुझे उनका चिकना पेट बहुत अच्छा लगता था। मैं उनकी नाभि में कभी शहद भरकर चाटता हूँ तो कभी दूध और आईसक्रीम। मामी मुझे बहुत प्यार करती है और वो मामा से भी अपना रिश्ता बखूबी निभा रही है। कहीं कोई समस्या नहीं है.. सब जगह प्यार ही प्यार है। मैंने ये सब मेरे दोस्त को भी बता दिया तो उसने कहा यार मजे लो, यहीं तो जिन्दगी है।
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