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साली की दो खुबसूरत बेटियों की चुदाई Sali ki 2 khubsurat betiyon ki chudai ek sath
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हाय रीडर्स मेरा नाम रमुक है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 28 साल है आज मैं आपको अपनी एक स्टोरी के बारे मैं बताता हूँ ये मेरी रियल स्टोरी है. मेरी बड़ी साली दिल्ली में रहती हैं उनकी 2 बड़ी लड़कियाँ हैं और एक छोटा लड़का है दोनो बड़ी लड़कियों रमणी और अंदली की उम्र 20 और 18 साल है और उसके लड़के प्रवीण की उम्र 16 साल है. वैसे तो दोनो ही लड़कियां बहुत सुंदर हैं लेकिन अंदली कुछ ज़्यादा ही खूबसूरत है. मैं किसी काम से दिल्ली गया हुआ था और मैं अपनी साली से मिलने उनके घर चला गया. मेरी साली ने मुझसे कहा कि उन्हें किसी काम से दिल्ली से बाहर जाना है और उन्हें वापिस आने में 3 दिन लग जाएँगे, यदि तुम इन दिनों में हमारे घर रह सकों तो आपकी बहुत मेहरबानी होगी. यदि आप यहाँ रहेंगे तो हमें बच्चों की चिंता नहीं रहेगी.
हाय रीडर्स मेरा नाम रमुक है मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 28 साल है आज मैं आपको अपनी एक स्टोरी के बारे मैं बताता हूँ ये मेरी रियल स्टोरी है. मेरी बड़ी साली दिल्ली में रहती हैं उनकी 2 बड़ी लड़कियाँ हैं और एक छोटा लड़का है दोनो बड़ी लड़कियों रमणी और अंदली की उम्र 20 और 18 साल है और उसके लड़के प्रवीण की उम्र 16 साल है. वैसे तो दोनो ही लड़कियां बहुत सुंदर हैं लेकिन अंदली कुछ ज़्यादा ही खूबसूरत है. मैं किसी काम से दिल्ली गया हुआ था और मैं अपनी साली से मिलने उनके घर चला गया. मेरी साली ने मुझसे कहा कि उन्हें किसी काम से दिल्ली से बाहर जाना है और उन्हें वापिस आने में 3 दिन लग जाएँगे, यदि तुम इन दिनों में हमारे घर रह सकों तो आपकी बहुत मेहरबानी होगी. यदि आप यहाँ रहेंगे तो हमें बच्चों की चिंता नहीं रहेगी.
मैं भी फ्री ही था इसलिए मैने कहा ठीक है साली साहिबा जब तक आप नहीं जाते मैं यहीं रहूँगा. आप जब चाहे जा सकते हो. वो लोग अगले दिन सुबह चले गये मेरे दिमाग़ में अपनी साली की लड़कियों को चोदने का विचार आने लगा. मैं 2 सेक्सी कहानियों की किताब ले आया जिसमें ज़्यादातर रिश्ते में चुदाई वाली स्टोरी थी. मैंने दोनो किताबे मेरे कपड़ों वाले बैग की जेब में डाल दी. रमणी ने मेरे लिए चाय बनाई और हम दोनो ने साथ बैठकर चाय पी. मुझे अंदली के बारे मैं पता था की वो पढ़ने गयी है और रमणी अक्सर घर पर ही रहती है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर भी मैने जानबुझ कर उससे पूछा कि अंदली कहाँ है तो उसने कहा अंकल अंदली अभी पढ़कर नही आई है वो तो 7 बजे तक कोचिंग से आती है मैने कहा तुम्हारा क्या है तुम नही जाती. तो उसने कहा - अंकल मैं एम.बी.ए कर रही हूँ उसमें कभी कभी क्लास होती है थोड़ी देर हम दोनो इधर उधर की बातें करते रहे और थोड़ी देर बाद मैं अपने प्लान के अनुसार बोला रमणी मेरे बैग की पॉकेट में मेरे फोन का चार्जर रखा होगा ज़रा निकाल कर ले आना थोड़ा फोन चार्ज करूँगा वो बोली कि ठीक है अंकल लेकर आती हूँ वो जैसे ही अंदर वाले कमरे में बैग से चार्जर लेने गई मैं भी उसके पीछे पीछे गया और उसको पर्दे के पीछे से छुपकर देखने लगा जैसे ही उसने बैग की आगे वाली पॉकेट की चैन खोली उसने उसमें सेक्सी कहानियों की बुक देखी और उसको देखकर जल्दी जल्दी से उसको पलटकर देखने लगी.
मैं वापस अपने उसी रूम में आ गया कुछ देर बाद वो मेरे पास आई और बोली - अंकल मैने पॉकेट चेक की मुझे तो चार्जर नही मिला मैने कहा कि हो सकता है कपड़ों में रख दिया हो कपड़ों के अंदर देख लो वो दोबारा गई और चार्जर लेकर आई. मैने फोन को चार्जिंग पर लगाया और उसे कहा रमणी मैं थोड़ा थक सा गया हूँ थोड़ा आराम कर लेता हूँ वो बोली - ठीक है, मैं अपनी आँखों पर अपना हाथ रखकर सोने का बहाना करके उसे पड़ा देखता रहा और वो वहीं टी.वी देखती रही कुछ देर बाद उसने आवाज़ लगाई अंकल सो गये क्या मैं कुछ नही बोला. वो टी.वी बंद करके चली गयी मैने देखा कि वो उसी कमरे मैं गयी है जिसमें मेरा बैग रखा है मैं भी 5 मिनट बाद उस कमरे में गया और पर्दे से छुपकर देखा तो वो उसी बुक को पढ़ रही थी उसका एक हाथ उसकी पेंटी में था मैं समझ गया की उसको बुक पढ़ने में मज़ा आ रहा है मैं दबे कदम उसके पास पहुँच गया लेकिन उसको पता भी नही चला जैसे ही उसने मुझे अपने पास देखा वो बुरी तरह से डर गयी मुझे ऐसे लगा जैसे उसको 440 वोल्ट्स का करंट का झटका लगा हो.
मैने कहा क्या पढ़ रही हो रमणी उसने कहा अंकल कुछ नही मैने कहा फिर डर क्यों गयी थी दिखाओ क्या है उसने डरते हुए बुक मुझे दी और कहा आपके बैग से निकाली थी तो मैने अंजान बनते हुए कहा मेरे बैग से? ये बुक्स शायद मेरे फ्रेंड की होंगी जिससे मैने ये बैग लिया था क्योकी मेरे पास कोई छोटा बैग नही था कपड़े रखने के लिए और मैने फिर बुक को खोलकर देखा तो ऐसे नाटक करते हुए मुस्कुराते हुए बोला ये तो सेक्स स्टोरी की किताब है अच्छा तो ये पढ़ रही हो छुप छुपकर वो बोली अंकल सॉरी मैने कहा सॉरी किसलिए पढ़ो कोई बात नही और उसको बुक्स लौटाने लगा वो बोली अंकल ये गंदी बुक है मुझको नही पढ़ना. मैने मुस्कुराते हुए कहा अगर गंदी है तो फिर तुम्हारा एक हाथ पेंटी के अंदर क्यों था बोलो…..वो भी मुस्कुरा दी और अपनी नज़रें नीचे कर ली. मै अपना हाथ उसकी ठोढ़ी पर हाथ लगाते हुए मुस्कुराकर बोला………बोलो……..बोलो….गंदी है तो क्यों पढ़ रही थी?
मैने उसकी मुस्कुराहट का फ़ायदा उठाया और उसको जल्दी से लिप्स पर एक किस कर दिया वो ये देखकर हैरान रह गयी और बोली अंकल आप ये क्या कर रहे हो. मैं आपकी बेटी जैसी हूँ मैने कहा जब गंदी बुक पढ़ती हो तो ये सब याद नही रहता है की इस बुक में जो स्टोरी हैं वो सब भी तो किसी ना किसी रिश्ते में हुई चुदाई की ही हैं उन्हे पढ़कर बड़ा मजा ले सकती हो लेकिन वास्तव में क्यों शर्म करती हो चलो शर्म छोड़ो चलो हम लोग साथ साथ पढ़ते हैं और मैं उसके पास आकर बैठ गया वो बोली अंकल नही ये गंदी बुक है इसको हम एक साथ कैसे पढ़ सकते हैं. मैने कहा ये समझो मैं यहाँ नही हूँ थोड़ी देर पहले तो पढ़ रही थी अब क्या हुआ और ये कहते कहते मैने उसके सामने किताब खोलकर उसके हाथ मैं पकड़ा दी वो बोली अंकल रहने दो ना प्लीज़ तो मैं बोला अच्छा ठीक है 3-4 स्टोरी मन ही मन में चुपचाप पढ़कर रख देंगे. वो बोली नही अंकल केवल 1 स्टोरी. मैने कहा - ओके ठीक है लेकिन स्टोरी मैं पसंद करूँगा. वो बोली ठीक है मैने उसमें से एक लंबी सी स्टोरी निकाली जो की अंकल से चुदाई की ही थी और मेरी स्टोरी से मिलती जुलती थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हम दोनो एक दूसरे के आजू बाजू बैठ गये और मन ही मन में पढ़ना शुरू किया मुझे पढ़ने में थोड़ी परेशानी हो रही है ये कहकर मैं उसके पीछे पैर लंबे करके बैठ गया और उसकी गर्दन की तरफ से देख कर पढ़ने लगा मैने पढ़ते पढ़ते उसकी गर्दन पर सिर रख दिया तो वो बोली अंकल सीधे बैठे जाओ प्लीज. मैने कहा यार रमणी मेरी गर्दन दर्द करने लगी है इसलिये सिर रखा है धीरे धीरे मैं उसके कान में अपने मुँह और नाक से लंबी लंबी साँसे लेकर गर्म करने लगा बुक पढ़ते पढ़ते उसके हाथ और शरीर का कंपन मुझे साफ दिख रहा था वो भी अब गर्म हो चुकी थी मैने अपना एक हाथ बड़ी तेज़ी के साथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया. उसने गुस्सा दिखाते हुए बुक रख दी और बोली अंकल ये क्या है हाथ बाहर निकालो. मैने कहा कुछ देर पहले तो अपना हाथ डाल रखा था मेरे हाथ में क्या काँटे लगे हैं, देखना मेरे हाथ से बहुत मज़ा आयेगा. वो अपने आप को इधर उधर हिलाकर उठकर जाने का प्रयास करने लगी और मैने अपना दूसरा हाथ उसकी चूची पर रखकर उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया.
वो बोली आप मान जाओ अंकल। मैने कहा मान जाऊंगा लेकिन स्टोरी पूरी पढ़ने के बाद. वो बोली ठीक है इससे ज़्यादा कुछ हरकत मत करना वरना देख लेना. फिर मैने हँसते हुए कहा दिखाओंगी तो देख भी लूँगा वो बोली अंकल आप बहुत गंदे हो, आपके बारे मैं मैने कभी ऐसा नही सोचा था। और तभी मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया. अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर. उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए मैने रमणी को कहा रमणी तुम बहुत सुंदर हो मैं आज तुमको जी भरकर प्यार करना चाहता हूँ। उसका मन भी कर रहा था लेकिन वो शर्म से बोल नही पा रही थी इसलिए वो बोली ठीक है लेकिन उपर उपर से करना अंदर मत डालना वरना मैं प्रेंग्नेंट हो जाउंगी मैने कहा मैं तुमको प्रेंग्नेंट नही होने दूँगा मैं कन्डोम से कर लूँगा. वो बोली अभी रहने दो अंदली का आने का टाइम भी हो रहा है शाम का खाना भी बनाना है रात को करेंगे मैं बोला ठीक है और हम दोनो खड़े हो गये वो शाम के खाने की तैयारी करती रही.
अंदली 30 - 40 मिनट के बाद आई. लेकिन मैं तब तक रमणी के पीछे लगा रहा और उसको कभी किस करता कभी उसकी चूचीयों को दबाता उसके हिप्स पर हाथ फेरता और वो इसका जवाब मुस्कुराकर देती वो भी चुदने के लिए बड़ी उतावली हो रही थी अंदली जब घर आई तो उसने मुझे नमस्ते अंकल बोला मैने उसको नमस्ते कहा और मैं उसको देखकर बिल्कुल दंग रह गया वो गजब की सुंदर हो गयी थी 18 साल की जो हो गयी थी तो मेरा दिल उसको देखकर ललचाने लगा मैने सोचा की काश रमणी के साथ - साथ इसकी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये. अंदली मुझे देखकर बोली अंकल क्या सोचने लगे मैने उसके बूब्स की तरफ देखकर बोल ही दिया अंदली तुम तो काफ़ी बड़ी हो गयी हो और पहले से काफ़ी सुंदर भी वो भी मुस्कुराकर बोली अंकल आप काफ़ी दिनो बाद हमसे मिले हो शायद इसलिये आपको ऐसा लग रहा है रमणी और अंदली दोनो नाइट में एक बेड पर सोने लगी और उन्होने मुझसे कहा कि अंकल आप इसी कमरे मैं सोना चाहते हो तो इसमें एक चारपाई डाल दूँ या दूसरे कमरे में बेड पर सो जाओ.
मैं तो अलग कमरे में सोना चाहता था। इसलिये मैने कहा नही मैं दूसरे कमरे में सो जाऊंगा और मैं रमणी को उस कमरे में आने का इशारा करके दूसरे कमरे में चला गया रमणी, अंदली के सोने के बाद करीब 10 बजे मेरे पास आई उसकी नज़रें झुकी हुई थी चेहरा शर्म से लाल हो रहा था लेकिन वो आज मज़ा लेना चाहती थी. मैं बेड से उठा और उसके पास जाकर उसको बाहों में भर लिया और उसको बिस्तर पर लेटा दिया मैने उसके चेहरे पर अपने होठो से किस की बारिश सी कर दी उसने भी जवाब मैं मुझको 3 - 4 किस किए. अभी भी वो शर्मा रही थी। मैने रूम की लाइट बंद की और नाइट लेम्प ऑन किया। मैने पहले उसकी टी-शर्ट उतारी और उसके बाद उसकी लोवर अब वो सिर्फ़ अंडरगारमेंट्स में थी, गुलाबी ब्रा से उसके 36 साइज की चूचीयाँ निकलने को बेताब हो रही थी मैने उसकी ब्रा को भी खोल दिया, उसकी चूचीयाँ बड़ी मस्त थी मैने पहले उनको किस किया और फिर धीरे धीरे से कभी उनको सहलाता और कभी उनको चूसता. मैं कुछ मिनिट तक सिर्फ़ उसकी चूचीयों को ही प्यार करता रहा उसके बाद मैने उसकी पेंटी भी उतार दी, उसने शाम को ही उसको साफ किया था एकदम चिकनी होकर आई थी वो चुदवाने के लिए.
मैने उससे पूछ ही लिया रमणी दोपहर में तो चिकनी नही थी तुम्हारी पेंटी कब चिकनी हो गई? तो वो बोली अंकल शाम को खाना बनाने के बाद. अब मैं उसकी जांघों के नीचे बैठ गया और उसकी चूत को काफ़ी देर तक चूसा वो भी मस्त होकर अपने चूतडो को उठा उठा कर ये बता रही थी की उसको खूब मज़ा आ रहा है इसके बाद मैं उसके उपर चढ़ गया और जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो बोली अंकल कन्डोम लगाया क्या? तो मैं बोला नही तो वो बोली अंकल कुछ गड़बड़ ना हो जाए तो मैने कहा मैं अपना वीर्य बाहर निकाल दूँगा तुम चिंता मत करो वो बोली ठीक है मैने पहले उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया और उसकी चूत पर अपना लंड रखकर एक ज़ोर का झटका दिया लगभग सारा लंड उसकी चूत में घुस गया वो ज़ोर से चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैने उसका मुँह दबा दिया उसकी चीख वही दबकर रह गयी.
वो बोली अंकल बहुत दर्द हो रहा है थोड़ी देर के लिए बाहर निकालो. मैने कहा ऐसे ही रहने दो थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा. थोड़ी देर मैने कोई हरकत नही की मैने उसका ध्यान इधर उधर करने के लिए होठो पर किस किया और जब वो नॉर्मल हो गई तो मैने अपनी स्पीड बड़ा दी, कुछ देर बाद हम दोनो ही झड़ गये जब मैं उसके उपर से उठा तो देखा बेड शीट पर काफ़ी खून और वीर्य पड़ा है मै रमणी से बोला की इसको सुबह अंदली के उठने से पहले साफ कर देना वो बोली ठीक है. उस रात मैने रमणी को 2 बार आगे से और एक बार पीछे से चोदा. फिर मैं पेशाब करने के बाथरूम की तरफ जाने लगा तो मैंने देखा की अंदली मेरे कमरे की तरफ से अपने कमरे की तरफ जा रही है. मैं समझ गया कि अंदली हमें चुदाई करते हुए देख चुकी है.
मैं जल्दी से पेशाब करके अंदली के कमरे में गया तो मैंने देखा की अंदली सोने का बहाना कर रही थी. मैं चुपके से उसके पास लेट गया और उसके होठों को चूमने लगा. वह हमारी चुदाई देखकर उत्तेजित तो हो ही चुकी थी इसलिए एक दम से मुझसे चिपक गई और किस करने में मेरा साथ देने लगी. मैंने अब उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए. वो कुछ नहीं बोली और बिलकुल नंगी हो गई. मैंने उसके बूब्स को चूसते हुए अपना लंड उसकी चूत पर टिका दिया और एक जोरदार झटका लगाया. आधा लंड उसके अंदर चला गया. वो मेरे लंड को निकालने की कोशिश करने में इधर - उधर होने लगी, लेकिन मेरी ताकत के आगे कुछ नहीं कर पाई, मैंने दो झटके और लगाए और पूरा लंड उसकी चूत में ठोक दिया. थोड़ी देर तक मैं बिना धक्के लगाए उसके ऊपर ही लेटा रहा. अब उसे भी मजा आने लगा. मैंने थोड़ी देर तक हलके धक्के लगाए और फिर पूरी तेजी से धक्के लगाने लगा. वो जोर - जोर से आआह्हह्हह्हह्ह यायायायायाया ओए ओए ओएहुहुहुहू की आवाजे करने लगी. उसकी आवाज सुनकर रमणी भी वहां आ गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने रमणी को आते हुए देख लिया और उसे चुपचाप बैठने का इशारा किया. रमणी एक तरफ चुपचाप बैठ गई. लगातार 20 - 25 मिनट की चुदाई में अंदली 2 बार झड़ चुकी थी और मैं एक बार झड़ गया था. अब अंदली ने भी रमणी को देख लिया और वह शर्माने लगी. मैंने दोनों को आपस में किस करने के लिए कहा तो थोड़ा इंकार करने के बाद वो मान गई और एक दुसरी को किस करने लगी, फिर एक दुसरी की चुच्चियाँ चुसी. एक दूसरी की चूत को चाटा और बीच - बीच में मेरा लंड भी चूसती रही. इस तरह पूरी रात चुदाई में ही बीत गई. हम सभी पूरा दिन घर में ही सोते रहे.
मैं वापस अपने उसी रूम में आ गया कुछ देर बाद वो मेरे पास आई और बोली - अंकल मैने पॉकेट चेक की मुझे तो चार्जर नही मिला मैने कहा कि हो सकता है कपड़ों में रख दिया हो कपड़ों के अंदर देख लो वो दोबारा गई और चार्जर लेकर आई. मैने फोन को चार्जिंग पर लगाया और उसे कहा रमणी मैं थोड़ा थक सा गया हूँ थोड़ा आराम कर लेता हूँ वो बोली - ठीक है, मैं अपनी आँखों पर अपना हाथ रखकर सोने का बहाना करके उसे पड़ा देखता रहा और वो वहीं टी.वी देखती रही कुछ देर बाद उसने आवाज़ लगाई अंकल सो गये क्या मैं कुछ नही बोला. वो टी.वी बंद करके चली गयी मैने देखा कि वो उसी कमरे मैं गयी है जिसमें मेरा बैग रखा है मैं भी 5 मिनट बाद उस कमरे में गया और पर्दे से छुपकर देखा तो वो उसी बुक को पढ़ रही थी उसका एक हाथ उसकी पेंटी में था मैं समझ गया की उसको बुक पढ़ने में मज़ा आ रहा है मैं दबे कदम उसके पास पहुँच गया लेकिन उसको पता भी नही चला जैसे ही उसने मुझे अपने पास देखा वो बुरी तरह से डर गयी मुझे ऐसे लगा जैसे उसको 440 वोल्ट्स का करंट का झटका लगा हो.
मैने कहा क्या पढ़ रही हो रमणी उसने कहा अंकल कुछ नही मैने कहा फिर डर क्यों गयी थी दिखाओ क्या है उसने डरते हुए बुक मुझे दी और कहा आपके बैग से निकाली थी तो मैने अंजान बनते हुए कहा मेरे बैग से? ये बुक्स शायद मेरे फ्रेंड की होंगी जिससे मैने ये बैग लिया था क्योकी मेरे पास कोई छोटा बैग नही था कपड़े रखने के लिए और मैने फिर बुक को खोलकर देखा तो ऐसे नाटक करते हुए मुस्कुराते हुए बोला ये तो सेक्स स्टोरी की किताब है अच्छा तो ये पढ़ रही हो छुप छुपकर वो बोली अंकल सॉरी मैने कहा सॉरी किसलिए पढ़ो कोई बात नही और उसको बुक्स लौटाने लगा वो बोली अंकल ये गंदी बुक है मुझको नही पढ़ना. मैने मुस्कुराते हुए कहा अगर गंदी है तो फिर तुम्हारा एक हाथ पेंटी के अंदर क्यों था बोलो…..वो भी मुस्कुरा दी और अपनी नज़रें नीचे कर ली. मै अपना हाथ उसकी ठोढ़ी पर हाथ लगाते हुए मुस्कुराकर बोला………बोलो……..बोलो….गंदी है तो क्यों पढ़ रही थी?
मैने उसकी मुस्कुराहट का फ़ायदा उठाया और उसको जल्दी से लिप्स पर एक किस कर दिया वो ये देखकर हैरान रह गयी और बोली अंकल आप ये क्या कर रहे हो. मैं आपकी बेटी जैसी हूँ मैने कहा जब गंदी बुक पढ़ती हो तो ये सब याद नही रहता है की इस बुक में जो स्टोरी हैं वो सब भी तो किसी ना किसी रिश्ते में हुई चुदाई की ही हैं उन्हे पढ़कर बड़ा मजा ले सकती हो लेकिन वास्तव में क्यों शर्म करती हो चलो शर्म छोड़ो चलो हम लोग साथ साथ पढ़ते हैं और मैं उसके पास आकर बैठ गया वो बोली अंकल नही ये गंदी बुक है इसको हम एक साथ कैसे पढ़ सकते हैं. मैने कहा ये समझो मैं यहाँ नही हूँ थोड़ी देर पहले तो पढ़ रही थी अब क्या हुआ और ये कहते कहते मैने उसके सामने किताब खोलकर उसके हाथ मैं पकड़ा दी वो बोली अंकल रहने दो ना प्लीज़ तो मैं बोला अच्छा ठीक है 3-4 स्टोरी मन ही मन में चुपचाप पढ़कर रख देंगे. वो बोली नही अंकल केवल 1 स्टोरी. मैने कहा - ओके ठीक है लेकिन स्टोरी मैं पसंद करूँगा. वो बोली ठीक है मैने उसमें से एक लंबी सी स्टोरी निकाली जो की अंकल से चुदाई की ही थी और मेरी स्टोरी से मिलती जुलती थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
हम दोनो एक दूसरे के आजू बाजू बैठ गये और मन ही मन में पढ़ना शुरू किया मुझे पढ़ने में थोड़ी परेशानी हो रही है ये कहकर मैं उसके पीछे पैर लंबे करके बैठ गया और उसकी गर्दन की तरफ से देख कर पढ़ने लगा मैने पढ़ते पढ़ते उसकी गर्दन पर सिर रख दिया तो वो बोली अंकल सीधे बैठे जाओ प्लीज. मैने कहा यार रमणी मेरी गर्दन दर्द करने लगी है इसलिये सिर रखा है धीरे धीरे मैं उसके कान में अपने मुँह और नाक से लंबी लंबी साँसे लेकर गर्म करने लगा बुक पढ़ते पढ़ते उसके हाथ और शरीर का कंपन मुझे साफ दिख रहा था वो भी अब गर्म हो चुकी थी मैने अपना एक हाथ बड़ी तेज़ी के साथ उसकी पेंटी के अंदर डाल दिया. उसने गुस्सा दिखाते हुए बुक रख दी और बोली अंकल ये क्या है हाथ बाहर निकालो. मैने कहा कुछ देर पहले तो अपना हाथ डाल रखा था मेरे हाथ में क्या काँटे लगे हैं, देखना मेरे हाथ से बहुत मज़ा आयेगा. वो अपने आप को इधर उधर हिलाकर उठकर जाने का प्रयास करने लगी और मैने अपना दूसरा हाथ उसकी चूची पर रखकर उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया.
वो बोली आप मान जाओ अंकल। मैने कहा मान जाऊंगा लेकिन स्टोरी पूरी पढ़ने के बाद. वो बोली ठीक है इससे ज़्यादा कुछ हरकत मत करना वरना देख लेना. फिर मैने हँसते हुए कहा दिखाओंगी तो देख भी लूँगा वो बोली अंकल आप बहुत गंदे हो, आपके बारे मैं मैने कभी ऐसा नही सोचा था। और तभी मैने अपना हाथ उसकी पेंटी से बाहर निकालकर उसको पीछे से जकड़ कर एक झटका अपनी लेफ्ट साइड दिया जिससे मैं उसकी पीठ पर लेट गया. अब वो मेरे नीचे थी और मैं उसके उपर. उसके दोनो बूब्स को जकड़े हुए मैने रमणी को कहा रमणी तुम बहुत सुंदर हो मैं आज तुमको जी भरकर प्यार करना चाहता हूँ। उसका मन भी कर रहा था लेकिन वो शर्म से बोल नही पा रही थी इसलिए वो बोली ठीक है लेकिन उपर उपर से करना अंदर मत डालना वरना मैं प्रेंग्नेंट हो जाउंगी मैने कहा मैं तुमको प्रेंग्नेंट नही होने दूँगा मैं कन्डोम से कर लूँगा. वो बोली अभी रहने दो अंदली का आने का टाइम भी हो रहा है शाम का खाना भी बनाना है रात को करेंगे मैं बोला ठीक है और हम दोनो खड़े हो गये वो शाम के खाने की तैयारी करती रही.
अंदली 30 - 40 मिनट के बाद आई. लेकिन मैं तब तक रमणी के पीछे लगा रहा और उसको कभी किस करता कभी उसकी चूचीयों को दबाता उसके हिप्स पर हाथ फेरता और वो इसका जवाब मुस्कुराकर देती वो भी चुदने के लिए बड़ी उतावली हो रही थी अंदली जब घर आई तो उसने मुझे नमस्ते अंकल बोला मैने उसको नमस्ते कहा और मैं उसको देखकर बिल्कुल दंग रह गया वो गजब की सुंदर हो गयी थी 18 साल की जो हो गयी थी तो मेरा दिल उसको देखकर ललचाने लगा मैने सोचा की काश रमणी के साथ - साथ इसकी भी मिल जाये तो मज़ा आ जाये. अंदली मुझे देखकर बोली अंकल क्या सोचने लगे मैने उसके बूब्स की तरफ देखकर बोल ही दिया अंदली तुम तो काफ़ी बड़ी हो गयी हो और पहले से काफ़ी सुंदर भी वो भी मुस्कुराकर बोली अंकल आप काफ़ी दिनो बाद हमसे मिले हो शायद इसलिये आपको ऐसा लग रहा है रमणी और अंदली दोनो नाइट में एक बेड पर सोने लगी और उन्होने मुझसे कहा कि अंकल आप इसी कमरे मैं सोना चाहते हो तो इसमें एक चारपाई डाल दूँ या दूसरे कमरे में बेड पर सो जाओ.
मैं तो अलग कमरे में सोना चाहता था। इसलिये मैने कहा नही मैं दूसरे कमरे में सो जाऊंगा और मैं रमणी को उस कमरे में आने का इशारा करके दूसरे कमरे में चला गया रमणी, अंदली के सोने के बाद करीब 10 बजे मेरे पास आई उसकी नज़रें झुकी हुई थी चेहरा शर्म से लाल हो रहा था लेकिन वो आज मज़ा लेना चाहती थी. मैं बेड से उठा और उसके पास जाकर उसको बाहों में भर लिया और उसको बिस्तर पर लेटा दिया मैने उसके चेहरे पर अपने होठो से किस की बारिश सी कर दी उसने भी जवाब मैं मुझको 3 - 4 किस किए. अभी भी वो शर्मा रही थी। मैने रूम की लाइट बंद की और नाइट लेम्प ऑन किया। मैने पहले उसकी टी-शर्ट उतारी और उसके बाद उसकी लोवर अब वो सिर्फ़ अंडरगारमेंट्स में थी, गुलाबी ब्रा से उसके 36 साइज की चूचीयाँ निकलने को बेताब हो रही थी मैने उसकी ब्रा को भी खोल दिया, उसकी चूचीयाँ बड़ी मस्त थी मैने पहले उनको किस किया और फिर धीरे धीरे से कभी उनको सहलाता और कभी उनको चूसता. मैं कुछ मिनिट तक सिर्फ़ उसकी चूचीयों को ही प्यार करता रहा उसके बाद मैने उसकी पेंटी भी उतार दी, उसने शाम को ही उसको साफ किया था एकदम चिकनी होकर आई थी वो चुदवाने के लिए.
मैने उससे पूछ ही लिया रमणी दोपहर में तो चिकनी नही थी तुम्हारी पेंटी कब चिकनी हो गई? तो वो बोली अंकल शाम को खाना बनाने के बाद. अब मैं उसकी जांघों के नीचे बैठ गया और उसकी चूत को काफ़ी देर तक चूसा वो भी मस्त होकर अपने चूतडो को उठा उठा कर ये बता रही थी की उसको खूब मज़ा आ रहा है इसके बाद मैं उसके उपर चढ़ गया और जैसे ही उसकी चूत पर अपना लंड रखा तो वो बोली अंकल कन्डोम लगाया क्या? तो मैं बोला नही तो वो बोली अंकल कुछ गड़बड़ ना हो जाए तो मैने कहा मैं अपना वीर्य बाहर निकाल दूँगा तुम चिंता मत करो वो बोली ठीक है मैने पहले उसको अच्छी तरह से जकड़ लिया और उसकी चूत पर अपना लंड रखकर एक ज़ोर का झटका दिया लगभग सारा लंड उसकी चूत में घुस गया वो ज़ोर से चिल्लाना चाहती थी लेकिन मैने उसका मुँह दबा दिया उसकी चीख वही दबकर रह गयी.
वो बोली अंकल बहुत दर्द हो रहा है थोड़ी देर के लिए बाहर निकालो. मैने कहा ऐसे ही रहने दो थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा. थोड़ी देर मैने कोई हरकत नही की मैने उसका ध्यान इधर उधर करने के लिए होठो पर किस किया और जब वो नॉर्मल हो गई तो मैने अपनी स्पीड बड़ा दी, कुछ देर बाद हम दोनो ही झड़ गये जब मैं उसके उपर से उठा तो देखा बेड शीट पर काफ़ी खून और वीर्य पड़ा है मै रमणी से बोला की इसको सुबह अंदली के उठने से पहले साफ कर देना वो बोली ठीक है. उस रात मैने रमणी को 2 बार आगे से और एक बार पीछे से चोदा. फिर मैं पेशाब करने के बाथरूम की तरफ जाने लगा तो मैंने देखा की अंदली मेरे कमरे की तरफ से अपने कमरे की तरफ जा रही है. मैं समझ गया कि अंदली हमें चुदाई करते हुए देख चुकी है.
मैं जल्दी से पेशाब करके अंदली के कमरे में गया तो मैंने देखा की अंदली सोने का बहाना कर रही थी. मैं चुपके से उसके पास लेट गया और उसके होठों को चूमने लगा. वह हमारी चुदाई देखकर उत्तेजित तो हो ही चुकी थी इसलिए एक दम से मुझसे चिपक गई और किस करने में मेरा साथ देने लगी. मैंने अब उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए. वो कुछ नहीं बोली और बिलकुल नंगी हो गई. मैंने उसके बूब्स को चूसते हुए अपना लंड उसकी चूत पर टिका दिया और एक जोरदार झटका लगाया. आधा लंड उसके अंदर चला गया. वो मेरे लंड को निकालने की कोशिश करने में इधर - उधर होने लगी, लेकिन मेरी ताकत के आगे कुछ नहीं कर पाई, मैंने दो झटके और लगाए और पूरा लंड उसकी चूत में ठोक दिया. थोड़ी देर तक मैं बिना धक्के लगाए उसके ऊपर ही लेटा रहा. अब उसे भी मजा आने लगा. मैंने थोड़ी देर तक हलके धक्के लगाए और फिर पूरी तेजी से धक्के लगाने लगा. वो जोर - जोर से आआह्हह्हह्हह्ह यायायायायाया ओए ओए ओएहुहुहुहू की आवाजे करने लगी. उसकी आवाज सुनकर रमणी भी वहां आ गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने रमणी को आते हुए देख लिया और उसे चुपचाप बैठने का इशारा किया. रमणी एक तरफ चुपचाप बैठ गई. लगातार 20 - 25 मिनट की चुदाई में अंदली 2 बार झड़ चुकी थी और मैं एक बार झड़ गया था. अब अंदली ने भी रमणी को देख लिया और वह शर्माने लगी. मैंने दोनों को आपस में किस करने के लिए कहा तो थोड़ा इंकार करने के बाद वो मान गई और एक दुसरी को किस करने लगी, फिर एक दुसरी की चुच्चियाँ चुसी. एक दूसरी की चूत को चाटा और बीच - बीच में मेरा लंड भी चूसती रही. इस तरह पूरी रात चुदाई में ही बीत गई. हम सभी पूरा दिन घर में ही सोते रहे.
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