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भाई के लंड से खेलकर चूत की प्यास बुझाई Bhai ke lund se khelkar chut ki pyas bujhai
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मेरा नाम विशाखा है. मैं सूरत की रहने वाली एक पटाका गुजराती लड़की हु, मुझे नहीं मालूम, कि आप लोगो ने कभी किसी गुजराती लड़की को नंगा देखा है या उसकी sexy चूत को सुंघा है या नहीं. आमतौर पर गुजराती लडकियों का रंग गोरा, साइज़ एक दम परफेक्ट, चिकना जिस्म और चूत से मीठी सी खुशबु आती है. मैं भी कुछ ऐसी ही थी. जब मैं जवान हु, तो कॉलेज में संगत ने मुझे सेक्स के बारे में सब कुछ सिखा दिया और मुझे सेक्स कहानिया पढ़ने और पोर्न देखने चस्का लग गया. मेरा एक बॉयफ्रेंड बना था, नवरात्री में गरबा के दौरान और पुरे फेस्टिवल में उसने मुझे कई बार चोदा. उसके बाद वो तो वापस चले गया, लेकिन मुझे चुदाई का चस्का लगा गया. मैंने बाहर, कॉलेज में चुदाई करवाने से डरती थी, क्योंकि मुझे डर था कि मेरे घर वालो को ना पता चल जाए. फिर २-३ साल निकल गये और मैं २१ की हो गयी और मैं काफी समय से अपनी ऊँगली और गज़र – मुली से काम चला रही थी. लेकिन अब मैं वास्तव में चुदवाना चाहती थी.
मेरा नाम विशाखा है. मैं सूरत की रहने वाली एक पटाका गुजराती लड़की हु, मुझे नहीं मालूम, कि आप लोगो ने कभी किसी गुजराती लड़की को नंगा देखा है या उसकी sexy चूत को सुंघा है या नहीं. आमतौर पर गुजराती लडकियों का रंग गोरा, साइज़ एक दम परफेक्ट, चिकना जिस्म और चूत से मीठी सी खुशबु आती है. मैं भी कुछ ऐसी ही थी. जब मैं जवान हु, तो कॉलेज में संगत ने मुझे सेक्स के बारे में सब कुछ सिखा दिया और मुझे सेक्स कहानिया पढ़ने और पोर्न देखने चस्का लग गया. मेरा एक बॉयफ्रेंड बना था, नवरात्री में गरबा के दौरान और पुरे फेस्टिवल में उसने मुझे कई बार चोदा. उसके बाद वो तो वापस चले गया, लेकिन मुझे चुदाई का चस्का लगा गया. मैंने बाहर, कॉलेज में चुदाई करवाने से डरती थी, क्योंकि मुझे डर था कि मेरे घर वालो को ना पता चल जाए. फिर २-३ साल निकल गये और मैं २१ की हो गयी और मैं काफी समय से अपनी ऊँगली और गज़र – मुली से काम चला रही थी. लेकिन अब मैं वास्तव में चुदवाना चाहती थी.
दोस्तों, माफ़ करना मैंने आपको अपने बारे में कुछ नहीं बताया. मेरी हाइट ५.५ है और मैं एक मस्त स्लिम लड़की हु. मेरे चुचे ३२ के है और एकदम गोरे है और उन पर गुलाबी निप्पल एकदम सीधे पॉइंट वाले है. मेरी गांड थोड़ी पीछे से हुई और एकदम गोल है ३६ की है. मैं ज्यादाटार टॉप और जीन्स में रहती हु. मेरा एक छोटा भाई है, जो कम ही कॉलेज गया है और पापा के बिज़नस में हेल्प करता है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो १८ का हो चूका है. गुजराती लोग पढाई से ज्यादा बिज़नस को महत्व देते है और मेरा भाई भी एकदम कमाल का बिज़नसमेन बन गया था और ज्यादातर बिजी रहता था. मेरे हिसाब से उसको सेक्स के मारे में ज्यादा कुछ नहीं मालूम था, उसके दोस्त भी ना के बराबर ही थे. मैं और वो अभी एक ही रूम में सोते थे. रूम एक ही था, लेकिन बीच में एक लकड़ी का पार्टीशन था. एकदिन मुझे नीद नहीं आ रही थी और मैंने अपने भाई को आवाज़ लगायी, राजू. पर वो नहीं उठा. बहुत गहरी नीद में था.
फिर मैंने पार्टीशन के ऊपर से झांक कर देखा, तो मैं एकदम से भौचक्की रह गयी. वो सोया हुआ था और उसके चेहरे में एक मस्त स्माइल थी और उसका लंड का तम्बू बना हुआ था. तम्बू की हाइट देख कर मुझे अंदाज़ा लग गया, कि उसका लंड बहुत बड़ा होगा. मेरे शरीर में तो एकदम से सिहरन दौड़ गयी और अचानक से मेरी चूत की खुजली भी बढ़ गयी. मैंने बहुत बैचेन हो गयी और फिर मैं चुपचाप दूसरी तरफ गयी और हलके हाथ से उसके लंड को छु कर देखने लगी. हवस का नशा इतना चढ़ चूका था, कि मुझे याद नहीं रहा, कि वो मेरा छोटा भाई था. मैंने उसके लंड को छुआ और महसूस किया और फिर बाथरूम में भाग गयी. वहां मैंने कमोड पर बैठ कर, अपनी चूत में ऊँगली करके अपना पानी निकाला और तब जाकर कहीं शांत हुई. अब मेरा अपनी भाई के प्रति बिहेव बदल गया था. मैं उसको अपने शरीर को दिख कर उसको रिझाती और उसकी स्माइल पास करती. मैंने उसके शरीर को पकड़ लेती.
कभी मैं उसके लंड को छु लेती और कभी उसकी गांड दबा देती. वो हलकी सी सिसकारी लेकर रह जाता. एक सन्डे को मम्मी पापा को समाज के कुछ फंशन में जाना था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। हम दोनों घर पर अकेले ही थे. वो कमरे में था और मैं बाथरूम में. मैंने एकदम से उसे आवाज़ लगायी, राजू इधर तो आना. मेरी हेल्प करना. वो बाथरूम में घुसा और देखा, कि मैं केवल ब्रा और पेंटी में थी और अपनी ब्रा का हुक लगाने की कोशिश कर रही थी, पर वो लग ही नहीं रहा था. वो मुझे देख कर दरवाजे पर ही रुक गया. मैंने देखा, कि मेरी जांघो को घुर रहा था. मैंने जानबूझ कर एकदम से अपनी ब्रा नीचे नीचे गिरा दी और मेरे बूब्स एकदम आजाद हो गये और नंगे लटकने लगे. राजू का दिल तो धक से रह गया होगा और उसका लंड एकदम से खड़ा हो गया. वो अपने लंड को अपने हाथो से ढकने की कोशिश कर रहा था. उसे देख कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी और मैं उसके पास गयी और मैंने उसको बोला.. अरे – अरे ये क्या हुआ? लगता है कुछ सूज गया है. वो नहीं – नहीं कहते हुए पीछे हट रहा था. लेकिन उसकी नज़रे अभी भी मेरे चूचो पर थी.
मैंने उसके हाथ हटाया और उसके लोअर को एकदम से नीचे कर दिया. उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था और उसका तना लंड एकदम से मेरे सामने आ गया. बाप रे.. इतना बड़ा.. मेरे मुह से निकला और वो शरमा गया और पीछे मुड़ने लगा. मुझे लगा, कि कहीं मौका हाथ से ना निकल जाए. मैंने एकदम से उसके लंड को पकड़ कर खीच लिया और उसको अपने से चिपका लिया. मेरा शरीर एकदम से गरम था और मेरे शरीर की गरमी से उसके लंड का गरमी बड गयी और वो झटके लगाने लगा. वो अपने आप को संभाल नहीं पा रहा था और मुझे समझ आ गया, कि उसे कुछ नहीं आता है और वो सेक्स की भाषा से अनजान है. मैंने उसको अपने से अलग किया और उसके कपड़े उतारे और उसके हाथो को अपने बूब्स पर रख दिया और उसको दबाने को बोला. उसने मेरे बूब्स पर हाथ लगाते ही, हटा लिए और बोला – ये तो बहुत गरम है. मैंने अपनी पेंटी भी उतार दी और फिर उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ने लगी.
वो एक से पागल हो गया और मैं भी. मैं बहुत समय बाद लंड का स्वाद ले रही थी और फिर मुझे बहुत बैचेनी थी. मैंने उसको एकदम से जमीन पर लिटाया और उसके लंड को अपने मुह में भर लिया. उसके शरीर काँप रहा था. मैं उसके लंड को मस्ती में चूस रही थी और फिर मुझसे रुका नहीं गया. तो मैंने उठी और उसके लंड पर एकदम से बैठ और अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर में उसकी गांड ने हिलाना शुरू कर दिया और एक झटके साथ, उसका शुरू शांत हो गया. वो झड़ गया था और मुझे अपनी चूत पर उसके रस की चिपचिप महसूस हो रही थी. मैंने अपनी चूत को रगड़ना नहीं छोड़ा और अगले ५ मिनट में, मैंने भी झड़ गयी. उस दिन, मेरा बहुत सारा निकला था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरा और उसका वीर्य मिक्स हो गया था और वो हम दोनों के शरीर को चिपचिपा कर रहा था.
फिर हम दोनों साथ में नहाये और मैंने उसकी मुठ मार कर उसको एक बार और तैयार किया और उसके ऊपर बैठ कर अपनी चूत को चुदवाया. बहुत मज़ा आया, मुझे उसके साथ. हम दोनों नहाकर तैयार हो गये, क्योंकि मम्मी – पापा के आने का समय हो गया था. बाद में मैंने उसे अपने मोबाइल में बहुत सारी ब्लूफिल्म दिखाई और उसको मज़ा चुदाई का एक्सपर्ट बना दिया.
फिर मैंने पार्टीशन के ऊपर से झांक कर देखा, तो मैं एकदम से भौचक्की रह गयी. वो सोया हुआ था और उसके चेहरे में एक मस्त स्माइल थी और उसका लंड का तम्बू बना हुआ था. तम्बू की हाइट देख कर मुझे अंदाज़ा लग गया, कि उसका लंड बहुत बड़ा होगा. मेरे शरीर में तो एकदम से सिहरन दौड़ गयी और अचानक से मेरी चूत की खुजली भी बढ़ गयी. मैंने बहुत बैचेन हो गयी और फिर मैं चुपचाप दूसरी तरफ गयी और हलके हाथ से उसके लंड को छु कर देखने लगी. हवस का नशा इतना चढ़ चूका था, कि मुझे याद नहीं रहा, कि वो मेरा छोटा भाई था. मैंने उसके लंड को छुआ और महसूस किया और फिर बाथरूम में भाग गयी. वहां मैंने कमोड पर बैठ कर, अपनी चूत में ऊँगली करके अपना पानी निकाला और तब जाकर कहीं शांत हुई. अब मेरा अपनी भाई के प्रति बिहेव बदल गया था. मैं उसको अपने शरीर को दिख कर उसको रिझाती और उसकी स्माइल पास करती. मैंने उसके शरीर को पकड़ लेती.
कभी मैं उसके लंड को छु लेती और कभी उसकी गांड दबा देती. वो हलकी सी सिसकारी लेकर रह जाता. एक सन्डे को मम्मी पापा को समाज के कुछ फंशन में जाना था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। हम दोनों घर पर अकेले ही थे. वो कमरे में था और मैं बाथरूम में. मैंने एकदम से उसे आवाज़ लगायी, राजू इधर तो आना. मेरी हेल्प करना. वो बाथरूम में घुसा और देखा, कि मैं केवल ब्रा और पेंटी में थी और अपनी ब्रा का हुक लगाने की कोशिश कर रही थी, पर वो लग ही नहीं रहा था. वो मुझे देख कर दरवाजे पर ही रुक गया. मैंने देखा, कि मेरी जांघो को घुर रहा था. मैंने जानबूझ कर एकदम से अपनी ब्रा नीचे नीचे गिरा दी और मेरे बूब्स एकदम आजाद हो गये और नंगे लटकने लगे. राजू का दिल तो धक से रह गया होगा और उसका लंड एकदम से खड़ा हो गया. वो अपने लंड को अपने हाथो से ढकने की कोशिश कर रहा था. उसे देख कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी और मैं उसके पास गयी और मैंने उसको बोला.. अरे – अरे ये क्या हुआ? लगता है कुछ सूज गया है. वो नहीं – नहीं कहते हुए पीछे हट रहा था. लेकिन उसकी नज़रे अभी भी मेरे चूचो पर थी.
मैंने उसके हाथ हटाया और उसके लोअर को एकदम से नीचे कर दिया. उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था और उसका तना लंड एकदम से मेरे सामने आ गया. बाप रे.. इतना बड़ा.. मेरे मुह से निकला और वो शरमा गया और पीछे मुड़ने लगा. मुझे लगा, कि कहीं मौका हाथ से ना निकल जाए. मैंने एकदम से उसके लंड को पकड़ कर खीच लिया और उसको अपने से चिपका लिया. मेरा शरीर एकदम से गरम था और मेरे शरीर की गरमी से उसके लंड का गरमी बड गयी और वो झटके लगाने लगा. वो अपने आप को संभाल नहीं पा रहा था और मुझे समझ आ गया, कि उसे कुछ नहीं आता है और वो सेक्स की भाषा से अनजान है. मैंने उसको अपने से अलग किया और उसके कपड़े उतारे और उसके हाथो को अपने बूब्स पर रख दिया और उसको दबाने को बोला. उसने मेरे बूब्स पर हाथ लगाते ही, हटा लिए और बोला – ये तो बहुत गरम है. मैंने अपनी पेंटी भी उतार दी और फिर उसके लंड को पकड़ कर अपनी चूत से रगड़ने लगी.
वो एक से पागल हो गया और मैं भी. मैं बहुत समय बाद लंड का स्वाद ले रही थी और फिर मुझे बहुत बैचेनी थी. मैंने उसको एकदम से जमीन पर लिटाया और उसके लंड को अपने मुह में भर लिया. उसके शरीर काँप रहा था. मैं उसके लंड को मस्ती में चूस रही थी और फिर मुझसे रुका नहीं गया. तो मैंने उठी और उसके लंड पर एकदम से बैठ और अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. कुछ देर में उसकी गांड ने हिलाना शुरू कर दिया और एक झटके साथ, उसका शुरू शांत हो गया. वो झड़ गया था और मुझे अपनी चूत पर उसके रस की चिपचिप महसूस हो रही थी. मैंने अपनी चूत को रगड़ना नहीं छोड़ा और अगले ५ मिनट में, मैंने भी झड़ गयी. उस दिन, मेरा बहुत सारा निकला था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरा और उसका वीर्य मिक्स हो गया था और वो हम दोनों के शरीर को चिपचिपा कर रहा था.
फिर हम दोनों साथ में नहाये और मैंने उसकी मुठ मार कर उसको एक बार और तैयार किया और उसके ऊपर बैठ कर अपनी चूत को चुदवाया. बहुत मज़ा आया, मुझे उसके साथ. हम दोनों नहाकर तैयार हो गये, क्योंकि मम्मी – पापा के आने का समय हो गया था. बाद में मैंने उसे अपने मोबाइल में बहुत सारी ब्लूफिल्म दिखाई और उसको मज़ा चुदाई का एक्सपर्ट बना दिया.
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