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गांड मारने की शर्त विधवा भाभी बनी दुल्हन Gand marne ki shart vidhva bhabhi bani dulhan
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मेरा नाम राजेश है। मेरी उमर इस समय 24 साल की है। शादी के 3 साल बाद ही एक रोड दुर्घटना में भैया का स्वर्गवास हो गया था। मैं भाभी के साथ अकेला ही रहता था। मेरी भाभी का नाम ॠतू है। हमारा अपना खुद का बिजनेस था। भैया के स्वर्गवास होने के बाद मैं ही बिजनेस की देखभाल करता था। भाभी बहुत ही खूबसूरत थी। वो मुझे राज कह कर ही बुलाती थी। पापा और मम्मी का स्वर्गवास बहुत पहले ही हो चुका था। मैं एक दम हट्टा कट्टा नौजवान था और बहुत ही ताकतवर भी था। भाभी उमर में मुझसे 1 साल की छोटी थी। वो मुझे बहुत प्यार करती थी। भैया के गुजर जाने के बाद मैं भाभी की पूरी देखभाल करता था और वो भी मेरा बहुत ख्याल रखती थी। मैं सुबह 10 बजे ही घर से चला जाता था और फिर रात के 8 बजे ही घर वापस आता था।
ये उस समय की बात है जब भैया को गुजरे हुये 6 महीने ही हुये थे। एक दिन मेरी तबियत खराब हो गयी तो मैने मेनेजर से ऑफिस सम्भालने को कहा और दोपहर के 1 बजे ही घर वापस आ गया।
भाभी ने पूछा: क्या हुआ राज?
मैने कहा, मेरा सारा बदन दुख रहा है और लग रहा है की कुछ फ़ीवर भी है।
मेरी बात सुनकर वो परेशान हो गयी। उन्होने मुझसे कहा, तुम मेरे साथ डॉक्टर के पास चलो। मैने कहा कि मैने मेडीकल स्टोर से कुछ मेडीसीन ले ली है। मुझे थोड़ा आराम कर लेने दो। वो बोली कि ठीक है, तुम आराम करो। मैं तुम्हारे बदन पर तेल लगा कर मालिश कर देती हूं। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैने कहा कि नहीं, रहने दो, मैं ऐसे ही ठीक हूं। वो बोली कि चुपचाप अपने कमरे में जा कर लेट जाओ। मैं अभी तेल ले कर आती हूं। मैं कभी भी भाभी की बात से इन्कार नहीं करता था। मैं अपने कमरे में आ गया। मैने अपनी शर्ट और पेन्ट उतार दी और केवल बनियान और निकर पहने हुये ही लेट गया। मेरा निकर एक दम ढीला था और थोड़ा छोटा भी था।
भाभी तेल लेकर आयी। उन्होने मेरे सिर पर तेल लगाया और मेरा सिर दबाने लगी। उसके बाद उन्होने मेरे हाथ, सीने और पीठ पर भी तेल लगा कर मालिश किया। आखिर में वो मेरे पैर पर तेल लगा कर मालिश करने लगी। आखिर मैं भी आदमी ही था। उनके हाथ लगने से मुझे जोश आने लगा। जोश के मारे मेरा लण्ड खड़ा होने लगा और मेरा नेकर तम्बू की तरह से उपर उठने लगा। धीरे धीरे मेरा लण्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया और मेरा नेकर एक दम तम्बू की तरह हो गया। मैं जानता था की नेकर के छोटा होने की वजह से भाभी को मेरा लण्ड थोड़ा सा दिखायी दे रहा होगा। वो मेरे पैरों की मालिश करते हुये मेरे लण्ड को भी देख रही थी और उनकी आंखे थोड़ा गुलाबी सी होने लगी थी। उनके चेहरे पर हलकी सी मुस्कान भी थी। मालिश करने के बाद वो चली गयी। उसके बाद मैं सो गया।
शाम के 6 बजे मेरी नींद खुली और मैं उठ गया। भाभी चाय लेकर आयी। मैने चाय पी। उसके बाद मैं बाथरूम चला गया। बाथरूम से जब मैं वापस आया तो भाभी ने कहा, अब लेट जाओ, मैं तुम्हारे बदन की फिर से मालिश कर देती हूं।
मैने कहा - अब रहने दो ना, भाभी।
वो बोली - क्या मालिश करने से कुछ आराम नहीं मिला।
मैने कहा - बहुत आराम मिला है।
वो बोली - फिर क्यों मना कर रहे हो।
मैने कहा - ठीक है, तुम केवल मेरे पैर की ही मालिश कर दो।
वो खुश हो गयी। उन्होने मेरे पैर की मालिश शुरु कर दी। मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया। इस बार मेरा निकर थोड़ा पीछे की तरफ़ खिसक गया था जिस से भाभी को मेरा लण्ड इस बार कुछ ज्यादा ही दिखायी दे रहा था। भाभी मेरे लण्ड को देखते हुये मेरे पैरों की मालिश करती रही। मुझे साफ़ पता चल रहा था कि मेरे लण्ड को देख कर वो भी जोश मे आने लगी थी। थोड़ी देर बाद वो बोली, मैं जब तेरे पैर की मालिश करती हूं तो तुझे क्या हो जाता है। मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं हुआ है मुझे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उन्होने मेरे लण्ड पर हलकी सी चपत लगाते हुये कहा कि फिर ये क्या है?
मैने कहा - जब तुम मालिश करती हो तो मुझे गुदगुदी सी होने लगती है, इसलिये तो मैं मना कर रहा था।
उन्होने जोश मे भर कर मेरे लण्ड पर फिर से चपत लगाते हुये कहा - इसे काबू में रखा कर।
मैने कहा - जब तुम मालिश करती हो तो ये मेरे काबू में नहीं रहता।
वो बोली - तुम भी अपने भैया की तरह ही हो। मैं जब उनके पैर की मालिश करती थी तो वो भी इसे काबू में नहीं रख पाते थे।
मैने मजाक करते हुये कहा - फिर वो क्या करते थे।
वो बोली - बदमाश कहीं का।
मैने कहा - बताओ ना भाभी, फिर वो क्या करते थे।
भाभी शरमाते हुये बोली - वही जो सभी मर्द अपनी बीवी के साथ करते हैं।
मैने कहा - तब तो तुम्हें भैया के पैरों की मालिश नहीं करनी चाहिये थी।
उन्होने पूछा - क्यों?
मैने कहा - आखिर बाद में परेशानी भी तुम्हें ही उठानी पड़ती थी।
वो बोली - परेशानी किस बात की, आखिर मेरा मन भी तो करता था।
मैने कहा - मेरा मन भी काबू में नहीं है, अब तुम ही बताओ कि मैं क्या करूं।
वो बोली - शादी कर लो।
मैने कहा - मैं अभी शादी नहीं करना चाहता।
उन्होने मुस्कराते हुये कहा - फिर बाथरूम में जा कर मुठ मार लो।
मैने अनजान बनते हुये पूछा - वो क्या होता है?
वो बोली - क्या सच में तुझे नहीं मालूम है कि मुठ मारना किसे कहते हैं।
मैने कहा - नहीं।
उन्होने मेरे लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुये कहा, इसे अपने हाथ में पकड़ कर अपना हाथ तेजी से आगे पीछे करना। थोड़ी ही देर में इस में से ज्यूस निकल जायेगा और ये शान्त हो जायेगा।
मैने कहा - तुम मुझे थोड़ा सा कर के बता दो।
भाभी जोश में तो आ ही चुकी थी। वो बोली, तू बहुत ही बदमाश है। अपने लण्ड को बाहर निकाल, मैं बता देती हूं की कैसे करना है? मैने कहा कि तुम खुद ही लण्ड को बाहर निकाल कर बताओ की कैसे करना है। उन्होने शरमाते हुये मेरे लण्ड को पकड़ कर निकर से बाहर निकाल लिया। जैसे ही मेरा 9″ लम्बा लण्ड बाहर आया तो वो बोली, बाप रे, तेरा तो बहुत ही लम्बा है और मोटा भी।
मैने पूछा, अच्छा नहीं है क्या?
वो शरमाते हुये बोली, बहुत ही अच्छा है। मैने पूछा, भैया का कैसा था। वो बोली, उनका भी अच्छा था लेकिन तेरे जैसा लम्बा और मोटा नहीं था। मैने कहा, अब बताओ की कैसे करना है? उन्होने मेरे लण्ड को पकड़ कर अपना हाथ आगे पीछे करना शुरु कर दिया। मुझे बहुत मज़ा आने लगा। वो भी जोश में आने लगी। 2 मिनट मुठ मारने के बाद वो बोली, ऐसे ही कर लेना। अब जा बाथरूम में। मैने कहा कि बाथरूम में क्यों, अगर मैं यहीं कर लेता हूं तो इसमें क्या बुराई है।
वो बोली - तेरा ज्यूस यहां गिरेगा और मुझे ही साफ़ करना पड़ेगा।
मैने कहा - मैं ही साफ़ कर दूंगा।
वो बोली - ठीक है, यहीं कर ले। मैं जाती हूं।
मैने उनका हाथ पकड़ कर कहा - तुम यहीं बैठो ना।
वो बोली - तेरे लण्ड पर हाथ लगने से मुझे पहले ही थोड़ा सा जोश आ चुका है। अगर मैं तुझे मुठ मारते हुये देखूंगी तो मुझे और ज्यादा जोश आ जायेगा। फिर मेरे लिये बरदाश्त करना मुश्किल हो जायेगा। आखिर मैं भी तो औरत हूं और अभी जवान भी हूं।
मैने कहा - मुझ पर भरोसा रखो, मैं तुम्हारे साथ कुछ भी नहीं करुंगा।
वो बोली - मुझे पूरा भरोसा है तभी तो मैने तेरे लण्ड को पकड़ कर तुझे मुठ मारना बताया है।
मैने पूछा - निकर उतार दूँ या ऐसे ही मुठ मार लूं।
वो बोली - क्या निकर भी खराब करेगा। उतार दे इसे।
मैने अपना निकर उतार दिया और मुठ मारने लगा। भाभी मुझे मुठ मारते हुये देखती रही। मैं भाभी को देखता हुआ मुठ मार रहा था। धीरे धीरे वो और ज्यादा जोश में आ गयी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। जोश के मारे मेरे मुह से आह… ऊह… की आवाज़ निकाल रही थी। वो मुझे और कभी मेरे लण्ड को देख रही थी। उन्होने अपना एक हाथ अपनी चूत पर रख लिया और सहलाने लगी।
मैने पूछा - क्या हुआ?
वो बोली - तू मुझे एक दम पागल कर देगा। मैं जा रही हूं।
मैने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा - बैठो ना मेरे पास।
वो चुप चाप बैठ गयी। मैं मुठ मारता रहा। भाभी जोश के मारे पागल सी हो चुकी थी। थोड़ी ही देर में उन्होने मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली, अब रहने दे, अब मुझसे बरदाश्त नहीं हो रहा है।
मैने पूछा - क्या हुआ?
उन्होने अपना पेटीकोट उपर कर दिया और बोली - देख मेरी चूत भी एक दम गीली हो गयी। तूने तो मुझे पागल सा कर दिया है। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है, तू मेरी चूत को सहला दे, मैं तेरा लण्ड सहला देती हूं। मैने कहा - केवल सहलाना ही है या कुछ और करना है।
वो बोली - अगर तेरा मन करे तो मेरी चूत को थोड़ा सा चाट ले जिस से मुझे भी थोड़ा आराम मिल जायेगा।
मैने कहा - कपड़े तो उतार दो।
वो बोली - तू खुद ही उतार दे।
मैने भाभी के कपड़े उतार दीए। अब वो एक दम नंगी हो गयी। उनकी चूत एक दम साफ़ थी।
मैने कहा - तुम्हारी चूत तो एक दम साफ़ है।
वो बोली - मुझे चूत पर बाल बिलकुल भी पसन्द नहीं हैं इसलिये मैं इसे हमेशा ही साफ़ रखती हूं। तेरा भी तो एक दम साफ़ है।
मैने कहा - मुझे भी बाल पसन्द नहीं हैं। वो लेट गयी तो मैने उनकी चूत पर अपनी जीभ फिरानी शुरु कर दी। वो बोली, ऐसे नहीं। मैने कहा, फिर कैसे। वो बोली, मुझे भी तो तेरा चूसना है। तू मेरे उपर उल्टा लेट जा और अपना लण्ड मेरे मुह के पास कर दे फिर चाट मेरी चूत को।
मैं भाभी के उपर 69 की पोजीशन में लेट गया। मैने उनकी चूत पर जीभ फिरना शुरु किया तो उन्होने मेरे लण्ड का सुपाड़ा अपने मुह में ले लिया और चूसने लगी। मुझे खूब मज़ा आने लगा। भाभी भी जोश के मारे सिसकारियां भरने लगी। मैने उनकी चूत की दरार को अपने होंठो से दबाना शुरु कर दिया तो उन्होने जोर की सिसकारी ली।
मैने पूछा - क्या हुआ।
वो बोली - बहुत मज़ा आ रहा है, और जोर जोर से दबा।
मैने उनकी चूत की दरार को और ज्यादा जोर से दबाना शुरु कर दिया तो उन्होने मेरा लण्ड अपने मुह में और ज्यादा अन्दर ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी। मैने एक अंगुली उनकी चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा। थोड़ी ही देर में भाभी की चूत से ज्यूस निकाल आया।
वो बोली - चाट ले इसे। मैने उनकी चूत का सारा ज्यूस चाट लिया। थोड़ी ही देर में मेरे लण्ड का ज्यूस भी निकालने लगा तो भाभी सारा का सारा ज्यूस निगल गयी। उसके बाद मैं हट गया और उनके बगल में लेट गया।
भाभी मेरा लण्ड सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद वो बोली - आज तो वो हो गया जो कि नहीं होना चाहिये था।
मैने कहा - मैने ऐसा क्या कर दिया।
वो बोली - तूने मुझे अपना लण्ड दिखा कर आज मुझे पागल सा कर दिया।
मैने कहा - मैने तो नहीं दिखाया था।
वो बोली - तेरा निकर ही इतना छोटा और ढीला था की मुझे तेरा लण्ड दिखायी दे गया। मैं अपने आप को काबू में नहीं रख पायी, इसलिये मैने तुझसे पैर की दोबारा मालिश करने के लिए कहा था। मैं तेरा लण्ड देखना चाह्ती थी क्यों की मुझे तेरा लण्ड बहुत ही लम्बा और मोटा दिख रहा था।
मैने कहा - अब तो देख लिया ना।
वो बोली - हा, देख भी लिया और पसन्द भी कर लिया।
मैने कहा - अब क्या इरादा है।
वो बोली, तू भी वही कर जो तेरे भैया मेरे साथ करते थे।
मैने कहा, ये ठीक नहीं है।
वो बोली - क्या ठीक है क्या नहीं, मैं कुछ नहीं जानती। अगर तू मेरे साथ नहीं करेगा तो मैं मर जाऊगी।
मैने पूछा - मैं तुम्हारे साथ क्या करूं।
वो बोली - जो तेरे भैया मेरे साथ करते थे।
मैने कहा - मैने तो कभी देखा ही नहीं की भैया तुम्हारे साथ क्या करते थे।
भाभी ने मेरे गालो को जोर से काट लिया और बोली - अब चोद दे मुझे।
मैने कहा - दर्द होगा।
वो बोली - तो मैं क्या करूं, होने दे। जो होगा देखा जायेगा।
मैने कहा - तुम मेरी भाभी हो, मैं तुम्हें कैसे चोद सकता हूं।
भाभी का तो जोश के मारे बुरा हाल था।
वो बोली - तू मुझे नहीं चोदेगा लेकीन मैं तो तुझे चोद सकती हूं। मैने कहा - फिर तुम ही चोदो।
मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो चुका था। भाभी मेरे उपर आ गयी। उन्होने मेरे लण्ड के सुपाड़े को अपनी चूत के बीच रखा और दबाने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उनके चेहरे पर दर्द की झलक साफ़ दीख रही थी फिर भी वो रुकी नहीं। मेरा लण्ड धीरे धीरे उनकी चूत में घुसता ही जा रहा था। उनकी चूत बहुत ही टाईट थी। उन्होने दबाना जारी रखा तो थोड़ी ही देर में उनकी आंखो में आंसू भी आ गये।
मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो चुका था। भाभी मेरे उपर आ गयी। उन्होने मेरे लण्ड के सुपाड़े को अपनी चूत के बीच रखा और दबाने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उनके चेहरे पर दर्द की झलक साफ़ दीख रही थी फिर भी वो रुकी नहीं। मेरा लण्ड धीरे धीरे उनकी चूत में घुसता ही जा रहा था। उनकी चूत बहुत ही टाईट थी। उन्होने दबाना जारी रखा तो थोड़ी ही देर में उनकी आंखो में आंसू भी आ गये।
मैने पूछा - क्या हुआ।
वो बोली - दर्द बहुत हो रहा है।
मैने कहा - फिर रुक जाओ ना, क्यों इतना दर्द बर्दाश्त कर रही हो।
मैने कहा - फिर रुक जाओ ना, क्यों इतना दर्द बर्दाश्त कर रही हो।
वो बोली - मैं पागल हो गयी हूं।
अब तक मेरा लण्ड भाभी की चूत में 7″ तक घुस चुका था। दर्द के मारे भाभी का बुरा हाल हो रहा था। तभी वो अपने बदन का सारा जोर देते हुये अचनक मेरे लण्ड पर बैठ गयी। मेरा पूरा का पूरा लण्ड उनकी चूत में समा गया। उनके मुह से जोर की चीख निकाली। उनका सारा बदन थर थर कांपने लगा। उनके चेहरे पर पसीना आ गया। उनकी सांसे बहुत तेज चल रही थी। वो मेरे उपर लेट गयी और मेरे होंठो को चूमने लगी। मैं उनकी कमर और चूतड़ को सहलने लगा। तभी मुझे बदमाशी सूझी। मैने उनकी गाण्ड के छेद पर अपनी अंगुली फिरानी शुरु कर दी तो उन्हें मज़ा आने लगा। अचानक मैने अपनी अंगुली उनकी गाण्ड में डाल दी तो उन्होने जोर की सिसकारी ली और बोली - बदमाश कहीं का। पहले तो कह रहा था की तुम मेरी भाभी हो, मैं तुम्हें कैसे चोद सकता हूं। अब मेरी गाण्ड में अंगुली डाल रहा है। क्या मैं अब तेरी भाभी नहीं रह गयी।
मैने कहा - बिलकुल नहीं, अब तो तुमने मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल लिया है। अब तुम मेरी भाभी नहीं रह गयी हो।
मैने कहा - बिलकुल नहीं, अब तो तुमने मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल लिया है। अब तुम मेरी भाभी नहीं रह गयी हो।
वो बोली - फिर मैं अब तेरी क्या लगती हूं।
मैने कहा - बीवी।
वो बोली - फिर चोद दे ना अपनी बीवी को। क्यों तरसा रहा है मुझे। अब तो मैने तेरा पूरा का पूरा लण्ड अपनी चूत के अन्दर ले लिया है।
मेरी अंगुली अभी भी भाभी की गाण्ड में थी। मैने फिर शरारत की और कहा कि मैं तुम्हें एक ही शर्त पर चोद सकता हूं।
वो बोली - कैसी शर्त?
मैने कहा - मैं तुम्हारी गाण्ड भी मारुंगा।
वो बोली - कैसी शर्त?
मैने कहा - मैं तुम्हारी गाण्ड भी मारुंगा।
वो बोली - अपनी बीवी से भी पूछना पड़ता है क्या।
मैने कहा - मुझे नहीं मालूम।
वो बोली - तेरे भैया ने तो मुझसे कभी नहीं पूछा, जब भी उनका मन किया उन्होने मेरी चुदायी की और जब उनका मन हुआ तो उन्होने मेरी गाण्ड भी मारी। मैने कहा - इसका मतलब तुम भैया से गाण्ड भी मरवा चुकी हो।
वो बोली - तेरे भैया ने तो मुझसे कभी नहीं पूछा, जब भी उनका मन किया उन्होने मेरी चुदायी की और जब उनका मन हुआ तो उन्होने मेरी गाण्ड भी मारी। मैने कहा - इसका मतलब तुम भैया से गाण्ड भी मरवा चुकी हो।
वो बोली - तो क्या हुआ, मज़ा तो दोनो में ही आता है। अब मुझे ज्यादा मत परेशान कर, चोद दे ना।
मैने कहा - थोड़ा सा तुम चोदो फिर थोड़ा सा मैं चोदुंगा।
वो बोली - ठीक है, बाबा।
भाभी ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरु कर दिये तो उनके मुह से चीख निकलने लगी।
मैने पूछा - अब क्या हुआ।
भाभी ने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरु कर दिये तो उनके मुह से चीख निकलने लगी।
मैने पूछा - अब क्या हुआ।
वो बोली - दर्द हो रहा है।
मैने पूछा - क्यों, अब तो पूरा अन्दर ले चुकी हो।
वो बोली - अन्दर लेने से क्या होता है। मेरी चूत अभी तेरे लण्ड के साईज की थोड़े ही हुयी है।
वो बोली - अन्दर लेने से क्या होता है। मेरी चूत अभी तेरे लण्ड के साईज की थोड़े ही हुयी है।
मैने पूछा - मेरे लण्ड की साईज की कैसे होगी।
वो बोली - जब तू मुझे कई बार चोद देगा तब।
वो धीरे धीरे धक्के लगाती रही।
मैने पूछा - तुम्हारी चूत को चौड़ा करने के लिये मुझे कितनी बार चोदना पड़ेगा।
वो बोली - ये तो तेरे उपर है की तू किस तरह से मेरी चुदायी करता है।
मैने पूछा - क्या एक बार में भी हो सकता है। वो बोली - बिलकुल हो सकता है, अगर तू मुझे पहली बार में ही कम से कम 1 घन्टे तक चोद सके तो। लेकीन मैं जानती हूं की तू ऐसा नहीं कर पाएगा।
मैने पूछा - क्यों।
वो बोली - तूने कभी किसी को पहले चोदा है।
मैने कहा - नहीं।
वो बोली - तो फिर तू 10 मिनट से ज्यादा रुकेगा ही नहीं।
मैने कहा - रुकुनगा क्यों नहीं।
वो बोली - तुझे मेरी चुदायी करने में जोश ज्यादा आ जायेगा इसलिये।
भाभी को धक्के लगते हुये लगभग 10 मिनट हो चुके थे और वो इस दौरन 1 बार झड़ भी चुकी थी। तभी मेरे लण्ड का ज्यूस निकल पड़ा और साथ ही साथ वो भी फिर से झड़ गयी।
वो मुस्कराते हुये बोली - क्या हुआ पहलवान।
भाभी को धक्के लगते हुये लगभग 10 मिनट हो चुके थे और वो इस दौरन 1 बार झड़ भी चुकी थी। तभी मेरे लण्ड का ज्यूस निकल पड़ा और साथ ही साथ वो भी फिर से झड़ गयी।
वो मुस्कराते हुये बोली - क्या हुआ पहलवान।
मैने कहा - वही हुआ जो तुम कह रही थी।
वो बोली - मेरी चूत ढीली करने के लिये तुझे कम से कम 1 घन्टे तक मेरी चुदायी करनी पड़ेगी। मैं ये भी जानती हूं की अगली बार तू ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट ही मुझे चोद पाएगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। इस तरह जब तू 3-4 बार मेरी चुदायी कर देगा तब कुल मिलकर 1 घन्टा हो जाएगा और मेरी चूत ढीली हो जायेगी और तेरे लण्ड के साईज की हो जायेगी, समझ गये बच्चु।
मैने कहा - बिलकुल समझ गया, मेडम।
भाभी ने मेरे लण्ड को अपनी चूत के अन्दर ही रखा और मेरे उपर लेट गयी। वो मेरे होंठो को चूमती रही और मैं उनकी चूंचियो को मसलता रहा। 10 मिनट के बाद मेरा लण्ड उनकी चूत में ही फिर से खड़ा होने लगा।
भाभी ने मेरे लण्ड को अपनी चूत के अन्दर ही रखा और मेरे उपर लेट गयी। वो मेरे होंठो को चूमती रही और मैं उनकी चूंचियो को मसलता रहा। 10 मिनट के बाद मेरा लण्ड उनकी चूत में ही फिर से खड़ा होने लगा।
वो बोली - अब तुम मुझे चोदो।
मैने कहा - जैसी आप की मरजी।
वो मुस्कराते हुये मेरे उपर से हट गयी और लेट गयी। मैं उनके उपर आ गया। मैने उनकी चुदायी शुरु कर दी। मैं पूरे जोश में था और जोर जोर के धक्के लगाते हुये उनको चोद रहा था।
वो बोली - शाबाश बहादुर, बहुत ही अच्छी तरह से चोद रहे हो, चोदते रहो, रुकना मत, थोड़ा और जोर के धक्के लगाओ।
वो बोली - शाबाश बहादुर, बहुत ही अच्छी तरह से चोद रहे हो, चोदते रहो, रुकना मत, थोड़ा और जोर के धक्के लगाओ।
मैने और ज्यादा तेजी के साथ धक्के लगने शुरु कर दिये। लगभग 15 मिनट की चुदायी के बाद मैं झड़ गया। भाभी भी इस चुदायी के दौरान 2 बार झड़ चुकी थी। मैने उन्हें सारी रात खूब जम कर चोदा। वो भी पूरी तरह से मस्त हो गयी थी और मैं भी। सुबह तक मैं उसे 6 बार चोद चुका था।
सुबह को मैने पूछा - तुम्हारी चूत मेरे लण्ड की साईज की हो गयी या नहीं।
वो बोली - जब तुमने मेरी 4 बार चुदायी कर दी फिर उसके बाद मैं चिल्लायी क्या।
वो बोली - जब तुमने मेरी 4 बार चुदायी कर दी फिर उसके बाद मैं चिल्लायी क्या।
मैने कहा - बिलकुल नहीं।
वो बोली - फिर समझ लो की मेरी चूत तुम्हारे लण्ड की साईज की हो गयी।
थोड़ी देर बाद वो बोली - मैं एक बात तुमसे कहना चाहती हूं।
मैने पूछा - अब क्या है। वो बोली - मुझे तो तुम्हारा लण्ड बहुत पसन्द आ गया है। अगर तुम्हें मेरी चूत भी पसन्द आ गयी हो तो तुम मुझसे शादी कर लो। मैं तुमसे 1 साल छोटी भी हूं और जवान भी। मैं तुम्हें पूरा मज़ा दूंगी और एक दम खुश रखूगी। अगर तुम मुझसे शादी नहीं करोगे तो मैं तो तुम्हारी रखैल बन कर रह जाऊगी। जब तुम्हारी शादी हो जायेगी तो मुझे कौन चोदेगा। भाभी खूबसुरत थी ही। मैं उन्हें बहुत प्यार भी करता था और वो भी मुझसे बहुत प्यार करती थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उनकी बात सही भी थी क्योंकि मुहल्ले के लोग बाद में उन्हें मेरी रखैल ही कहते।
मैने मजाक किया, अगर तुम मुझसे शादी करना चाहती हो तुम्हें एक काम करना पड़ेगा।
थोड़ी देर बाद वो बोली - मैं एक बात तुमसे कहना चाहती हूं।
मैने पूछा - अब क्या है। वो बोली - मुझे तो तुम्हारा लण्ड बहुत पसन्द आ गया है। अगर तुम्हें मेरी चूत भी पसन्द आ गयी हो तो तुम मुझसे शादी कर लो। मैं तुमसे 1 साल छोटी भी हूं और जवान भी। मैं तुम्हें पूरा मज़ा दूंगी और एक दम खुश रखूगी। अगर तुम मुझसे शादी नहीं करोगे तो मैं तो तुम्हारी रखैल बन कर रह जाऊगी। जब तुम्हारी शादी हो जायेगी तो मुझे कौन चोदेगा। भाभी खूबसुरत थी ही। मैं उन्हें बहुत प्यार भी करता था और वो भी मुझसे बहुत प्यार करती थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उनकी बात सही भी थी क्योंकि मुहल्ले के लोग बाद में उन्हें मेरी रखैल ही कहते।
मैने मजाक किया, अगर तुम मुझसे शादी करना चाहती हो तुम्हें एक काम करना पड़ेगा।
वो बोली - मैं सब कुछ करने के लिये तैयार हूं।
मैने कहा - तुमने उस पागल को देखा है ना जो हमारे मुहल्ले में घूमता रहता है।
वो बोली - हां देखा है।
मैने कहा - तुमने उसका लण्ड भी देखा होगा।
वो बोली - देखा है।
मैने पूछा - उसका लण्ड कैसा है।
वो बोली - उसका तो तुमसे भी ज्यादा लम्बा और मोटा लगता है।
मैने कहा - मैं उसे एक दिन घर ले आता हूं, तुम उस से चुदवा लो।
वो बोली - ठीक है, ले आना। मैं तुमसे शादी करने के लिये कुछ भी कर सकती हूं। मैं उस पागल से भी चुदवा लूंगी।
मैने कहा - मैं तो मजाक कर रहा था।
वो बोली - तो क्या तुम समझे कि मैं सच में ही उस पागल से चुदवा लूंगी।
मैने कहा - मैं तुमसे एक ही शर्त पर शादी करुंगा।
वो बोली - मैने कहा ना कि मुझे तुम्हारी हर शर्त मनज़ूर है।
मैने कहा - सुन तो लो।
मैने कहा - मैं उसे एक दिन घर ले आता हूं, तुम उस से चुदवा लो।
वो बोली - ठीक है, ले आना। मैं तुमसे शादी करने के लिये कुछ भी कर सकती हूं। मैं उस पागल से भी चुदवा लूंगी।
मैने कहा - मैं तो मजाक कर रहा था।
वो बोली - तो क्या तुम समझे कि मैं सच में ही उस पागल से चुदवा लूंगी।
मैने कहा - मैं तुमसे एक ही शर्त पर शादी करुंगा।
वो बोली - मैने कहा ना कि मुझे तुम्हारी हर शर्त मनज़ूर है।
मैने कहा - सुन तो लो।
वो बोली - फिर सुना ही दो।
मैने कहा - मैं तुम्हारी गाण्ड मारुंगा तब ही तुमसे शादी करुंगा।
वो बोली - जब मैने तुम्हारा लण्ड अपनी चूत के अन्दर लिया तब ही मैं तुम्हारी बीवी बन गयी थी, भले ही हमारी शादी नहीं हुयी थी। अपनी बीवी से ये बात पूछी नहीं जाती। अभी मार लो मेरी गाण्ड।
मैने कहा - फिर सुहागरात के दिन मैं क्या करुंगा।
वो बोली - फिर रहने दो, सुहागरात के दिन तुम मेरी गाण्ड चोद लेना।
मैने कहा - एक दिक्कत और है।
वो बोली- अब क्या है।
मैने कहा - तुमसे शादी करने के बाद मैं सारी जिन्दगी किसी कुवांरी चूत को नहीं चोद पाऊगा।
वो बोली - मैं तुम्हारे लिये कुंवारी चूत का इंतजाम भी कर दूंगी।
वो बोली - जब मैने तुम्हारा लण्ड अपनी चूत के अन्दर लिया तब ही मैं तुम्हारी बीवी बन गयी थी, भले ही हमारी शादी नहीं हुयी थी। अपनी बीवी से ये बात पूछी नहीं जाती। अभी मार लो मेरी गाण्ड।
मैने कहा - फिर सुहागरात के दिन मैं क्या करुंगा।
वो बोली - फिर रहने दो, सुहागरात के दिन तुम मेरी गाण्ड चोद लेना।
मैने कहा - एक दिक्कत और है।
वो बोली- अब क्या है।
मैने कहा - तुमसे शादी करने के बाद मैं सारी जिन्दगी किसी कुवांरी चूत को नहीं चोद पाऊगा।
वो बोली - मैं तुम्हारे लिये कुंवारी चूत का इंतजाम भी कर दूंगी।
मैने पूछा - वो कैसे।
वो बोली - ये मुझ पर छोड़ दो।
मैने कहा - फिर मैं पण्डित से पूछ लेता हूं की हमें शादी कब करनी चाहिये।
वो बोली - पूछ लेना।
मैने पण्डित से बात की तो उसने 3 दिन बाद का मुहुरत बताया। 3 दिनो तक उनकी खूब जम कर चुदायी की। अब उसे और ज्यादा मज़ा आने लगा था। तीसरे दिन हम दोनो ने मन्दिर में शादी कर ली। रात में मैने उसकी गाण्ड मारी। वो बहुत चीखी और चिल्लायी लेकिन उसने एक बार भी मुझे रोका नहीं। उसकी गाण्ड कई जगह से कट फ़ट गयी थी और उसकी गाण्ड की हालत एक दम खराब हो गयी थी। वो 2 दिनो तक ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैने पूछा - मैं जब तुम्हारी गाण्ड मार रहा था और तुम्हें इतनी ज्यादा तकलीफ़ हो रही थी तो तुमने मुझे रोका क्यों नहीं। वो बोली - मैं अपने पति को कैसे मना करती। आखिर बाद में मुझे भी तो गाण्ड मरवाने में मज़ा आया।
मैने पूछा - मैं जब तुम्हारी गाण्ड मार रहा था और तुम्हें इतनी ज्यादा तकलीफ़ हो रही थी तो तुमने मुझे रोका क्यों नहीं। वो बोली - मैं अपने पति को कैसे मना करती। आखिर बाद में मुझे भी तो गाण्ड मरवाने में मज़ा आया।
मैने कहा - वो तो आना ही था। अब मेरे लिये कुंवारी चूत का इंतजाम कब करोगी।
वो बोली - बस जल्दी ही हो जायेगा।
इसके बाद उसने मेरे लिए कुवारी चूत का इंतजाम कर दिया, ये सब जानने के लिए अगली कहानी पढ़ना ना भूलें........
इसके बाद उसने मेरे लिए कुवारी चूत का इंतजाम कर दिया, ये सब जानने के लिए अगली कहानी पढ़ना ना भूलें........
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