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पढ़ने में रददी मगर चुदाई में हुई सबसे टॉप Padhne me raddi magar chudai me huyi sabse top
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हैलो फ्रेंड्स.. मेरा नाम सूरज है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ. मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता हूँ. दोस्तों.. मैं बहुत समय से सेक्सी स्टोरी पढ़ रहा हूँ और फिर मेरी भी इच्छा हुई कि मैं भी मेरी एक सच्ची कहानी पोस्ट करूं. दोस्तों मैं दिखने मैं ठीक ठाक और गोरा हूँ.. मेरी हाईट 5’10 इंच है और मेरी उम्र 18 साल है. अब आप लोगों का ज्यादा समय ना लेते हुए मैं अपनी स्टोरी पर आता हूँ. यह बात पिछली साल की है जब मैं 11वीं कक्षा में पढ़ता था. रिचा मेरी क्लासमेट है. हम दोनों पहली कक्षा से ही एक साथ पढ़ रहे है. उसकी उमर भी 18 साल है और उसकी हाईट 5’4” इंच है.
रिचा शुरू से ही पढाई में कमजोर है. वह हर साल पास तो हो जाती है लेकिन मार्क्स हमेशा कम ही आते है. मैं पढाई में सबसे टॉप रहता हूँ. दोस्तों मुझे रिचा में पहले कोई इंटरेस्ट नहीं था. लेकिन जब हम ग्यारहवीं कक्षा में हुए तो अचानक उसके शरीर में कई बदलाव आने लगे. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसका शरीर भरा - भरा सा दिखने लगा. अब वो मुझे फिगर के हिसाब से सभी लड़कियों से सुंदर लगने लगी. हालाँकि आज भी वो पढाई में कमजोर ही थी लेकिन यदि सुन्दरता की प्रतियोगिता करवाई जाती तो शायद सबसे बड़ा इनाम उसी को मिलता. उसका फिगर करीब 32-28-34 होगा.
वो मेरे शुरू से ही बहुत करीब है और वो मुझसे भी हमेशा से ही बहुत खुलकर बातें करती थी. लेकिन एक दिन तो उसने हद ही कर दी जब उसने मुझे कक्षा में अकेला देखकर मेरा हाथ पकड़ लिया और I Love You बोल दिया. उस समय तो मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया लेकिन घर आने के बाद रात को सोने से पहले मुझे उसके बारे में ख्याल आने लगे, मुझे लगा कि मुझे उसके प्यार को अपना लेना चाहिए था. अगले दिन जब मैं उससे मिला तो उसने मेरी तरफ प्यार भरी नजरों से देखा. शायद वो मेरे जवाब का इन्तजार बेसब्री से कर रही थी. लेकिन मुझे लगा कि मैं उसके प्यार को स्वीकार तो करूँ लेकिन उसे पूरा इन्तजार करवाने और तड़पाने के बाद.
जब पूरी छुट्टी हुयी और सब अपने घरों की तरफ चल दिए तो उसने मुझे एक लैटर दिया और कमरे में चली गई. मैंने लैटर पढ़ा उसमे लिखा था - "क्या आपको मेरा प्यार कबूल नहीं है? यदि आज आपने इसका जवाब नहीं दिया तो शायद मैं कल......". अधुरा पत्र पढ़ने के बाद मेरे मन में कई सवाल आने लगे और मुझे लगा कि कहीं वो कोई गलत कदम ना उठा लें इसलिए मैं उसके पास कमरे में चला गया. वो मुझे देखकर मुस्कुराई और मेरी तरफ बढ़ी. मैंने भी अपनी बाहें खोल दी, वो मेरी बाँहों में आ गयी. मैंने उसे धीरे से कहा - I Love You.
उसे लगा कि जैसे उसकी कोई खोई हुई कीमती चीज उसे मिल गई है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मुझे लगा की शायद यही अच्छा मौका है और फिर मैंने रिचा से कहा कि मैं प्यार - व्यार के चक्कर में ज्यादा नहीं पड़ना चाहता हूँ और हम दोनों एक ही गाँव के है इसलिए शादी तो नामुमकिन है और हमें जो कुछ भी करना है सबसे छिपके करना पड़ेगा, बोलो तुम्हें मंजूर है या नहीं. उसने तुरंत हाँ भर दी और कहा कि तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो. यह कहकर वो स्माईल करने लगी और मैंने अपना हाथ उसके कूल्हों पर रख दिया. फिर थोड़ी देर बाद हम भी घर चले गए. मैंने मेरे एक दोस्त जो शहर में रहता है से पूछा कि क्या वो मुझे कुछ समय तक अपना रूम दे सकता है तो उसने भी हाँ कर दी.
अगले दिन शनिवार था मैंने रिचा से कहा कि क्या वो रविवार को शहर जाने का प्रोग्राम बना सकती है तो उसने इस पर भी हाँ में जवाब दिया. अगले दिन रविवार था और हमें शहर जाना था मैं भी जल्दी से तैयार हुआ और बस स्टेंड पर पहुँच गया, रिचा पहले से ही मेरा बस स्टेंड पर इन्तजार कर रही थी. थोड़ी देर में ही बस आ गयी और हम दोनों बस में चढ़ गए और अलग - अलग सीटों पर बैठ गए ताकि किसी को कोई शक ना हो. शहर पहुचने के बाद मैं अपने दोस्त के रूम की तरफ चल दिया, वो भी थोड़े अंतर से मेरे पीछे आने लगी. रूम बस स्टेंड से ज्यादा दूर नहीं था इसलिए हम जल्दी ही वहां पहुँच गए. मेरा दोस्त उस समय रूम पर ही था उसने हम दोनों का स्वागत किया, चाय पिलाई और यह कहकर - "वो दो घंटे बाद आएगा" वहां से चला गया.
रिचा ने मुझे ज़ोर से धक्का दे दिया और मस्ती में हँसने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मुझे भी थोड़ा जोश आया और मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसे कसकर हग कर लिया.. लेकिन रिचा अभी भी हंस रही थी और यह देख मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और फिर से उसको कसकर किस कर लिया.. तभी रिचा की हँसी एकदम से रुक गई और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी और हम थोड़ी देर इसी पोज़िशन में रहे और उसके बाद मैंने रिचा के होंठो पर धीरे धीरे किस करना शुरू किया और फिर रिचा भी बहुत अच्छे से मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी जांघ पर रखा और उसको सहलाने लगा.
रिचा की जांघे बहुत ही चिकनी, मुलायम और गोरी थी. उसने ढीली सी स्कर्ट पहन रखी थी जिसके कारण मुझे आराम से पूरा मस्ती भरा अहसास मिल रहा था और मैं उसकी जांघो पर ऊपर से नीचे तक अपना हाथ घुमा रहा था और लगातार किस की स्पीड भी बढ़ती जा रही थी. तो इतने में, मैंने अपना दूसरा हाथ रिचा के टॉप में डाल दिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा तभी मैं बहुत चकित हुआ क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी. यह बात जानकर मुझे और जोश आ गया और अब मेरा लंड पूरा कड़क हो चुका था और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. तो मैंने रिचा का हाथ अपने लंड पर रख दिया और उससे लंड को सहलाने को बोला.. लेकिन वो एकदम से शरमा गई और मुझसे और कसकर चिपक गई.. लेकिन उसका हाथ मेरे लंड से नहीं हटा. फिर मैंने उसके टॉप को धीरे से थोड़ा ऊपर किया और उसके बूब्स देखे.. सच बोलूं वो अंदर से बहुत सुंदर और गोरे थे.. एकदम सही गोलाई के बूब्स और साथ में हल्के गुलाबी निप्पल. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट भी ऊपर कर दी.. फिर मैं और रिचा कसकर चिपक गए और जैसे ही उसके नंगे बूब्स मेरी नंगी छाती पर चिपके वैसे ही मुझे एक बहुत ही अच्छा अहसास हुआ. तभी मैंने रिचा के होंठ अपने होंठ में भर लिए और उनको कसकर चूसने लगा. हम बहुत कामुक होते जा रहे थे.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने उसका टॉप उतारकर फेंक दिया और अपनी टी-शर्ट भी उतार दी. अपने होंठ उसके बूब्स पर ले गया और उनको अच्छे से सक करने लगा और एक हाथ रिचा की जांघ से कूल्हों के साईड में डाल दिया. रिचा के कुल्हे बहुत ही मुलायम थे.
मैं अपने दोनों हाथ से उसको अच्छे से मसाज और सहला रहा था. तो रिचा मेरे लंड को कसकर पकड़े हुई थी.. वो शायद मस्ती में सब कुछ भूल गई और बस ऊहह आआहहह कर रही थी. मैंने रिचा को स्कर्ट उतारने को बोला.. तो उसने मना कर दिया और बोली कि आज के लिए बस इतना बहुत है.. लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था. मैं अपना एक हाथ कूल्हों से सीधा उसकी चूत पर ले गया जो पूरी तहर गरम थी और मैंने अपनी एक ऊँगली उस पर जैसे ही रखी रिचा के मुहं से आआहह निकल पड़ी और उसने बोला कि प्लीज अपना हाथ चूत से हटा लो.. तभी यह सुनकर मेरा जोश और बढ़ा और मैंने रिचा की स्कर्ट पीछे से सरकानी शुरू की और फिर उसने एकदम से अपनी स्कर्ट पकड़ ली और "नहीं" बोलने लगी और मैंने धीरे से एक ऊँगली उसकी चूत में डालनी शुरू की और अपने अंगूठे से चूत के दाने को सहलाने लगा.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। रिचा अपने हाथ स्कर्ट से हटाकर सीधे मुझसे चिपक गई और बोलने लगी कि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ आप वाकई में बहुत कमाल के हो.
मैंने कहा कि हाँ ऐसा ही हूँ और मैंने उसकी स्कर्ट को खींचकर फेक दिया और अपनी भी पेंट को उतार दिया. रिचा अभी तक मेरा लंड अंडरवियर के अंदर हाथ डालकर पकड़ें हुई थी और जैसे ही उसने मेरे 6.5 इंच के लंड को देखा तो वो थोड़ा सहम गई और बोली कि यह मेरी चूत के अंदर नहीं जाएगा? और प्लीज आप ट्राई भी मत करना. तो मैंने रिचा से बोला कि तुम इसकी टेंशन मत लो अभी बस मजे करो और मैंने रिचा को वहीं धक्का दे दिया और उसके पैर फैला दिए.. क्या नज़ारा था उसकी मक्खन जैसी जांघे और उसके बीच की गहराई में गुलाबी चूत एकदम कामुक और साफ दिख रही थी. फिर मैंने अपने दोनों हाथ रिचा के बूब्स पर रखे और उसकी जांघो को किस करना शुरू किया और धीरे धीरे उसकी चूत के पास पहुंच गया. फिर मैं उसकी चूत के चारो और किस करने लगा और रिचा छटपटाने लगी और फिर मैंने अपने पूरे होंठ उसकी चूत के होंठ पर रख दिए और अपनी जीभ उसकी चूत पर और मैं उसकी चूत चाटने लगा और उसके बाद अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में डालनी शुरू की और साथ ही मैं अपनी जीभ से उसके क्लिटोरिस को चाट रहा था.
रिचा तेज़ तेज़ साँसे ले रही थी और चिल्ला रही थी. उसके बाद मैंने अपनी ऊँगली को बाहर निकाला और उसकी चूत का सारा रस अपने लंड पर लगा दिया. फिर अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रख दिया और एक हल्का सा धक्का दिया और रिचा ने मुझे कसकर पकड़ लिया और वो बोली कि प्लीज थोड़ा आराम से और फिर मैंने भी इस बात का ध्यान रखा और फिर धीरे से दूसरा धक्का दिया. रिचा ज़ोर से चिल्ला उठी और मुझे उसकी चूत में खून दिखने लगा.. शायद उसकी सील टूट चुकी थी. फिर मैंने तीसरे जोरदार धक्के में अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.. तो वो बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी और मुझे लंड को बाहर निकालने के लिए बोलने लगी. वो ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी.
फिर मैंने रिचा को धक्के देना बंद किया और उसके होंठ पर प्यार से किस करने लगा और मैंने उसको बोला कि पहली चुदाई में थोड़ा दर्द होता है. दो मिनट के बाद वो कुछ ठीक हुई और फिर मैंने अपना लंड आगे पीछे करना शुरू किया कुछ देर में रिचा को भी मज़ा आने लगा और वो मेरा पूरा साथ देने लगी.. लेकिन थोड़ा थोड़ा उसको दर्द भी हो रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने भी अपना आधा ही लंड अंदर डाला था जिससे उसको ज्यादा दर्द ना हो. फिर हम दोनों 10-15 मिनट सेक्स करते रहे और फिर मैंने झड़ने के टाईम अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और सारा वीर्य उसकी नाभि पर गिरा दिया.
मैंने अपना लंड चूत से निकाला और उसके मुंह में डाल दिया. वो मेरे कहने पर मेरे लंड को चूसने लगी. थोड़ी देर में ही लंड फिर से जंग करने को तैयार हो गया. मैंने रिचा को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड को उसकी चूत में डाल दिया. वो कुछ देर तो चिल्लाई मगर फिर शांत होकर और मजा लेकर चुदने लगी लगभग 20 मिनट बाद मैं झड़ गया. फिर हम दोनों ने पेशाब किया और 20 - 25 मिनट तक एक दुसरे से चिपके पड़े रहे. मैंने रिचा से कहा कि मैं एक बार और उसे चोदना चाहता हूँ, तो वो इंकार करने लगी और कहा कि मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उसे कहा कि इस बार मैं उसकी चूत नहीं बल्कि गांड मारूंगा.
वो मना कर रही थी लेकिन मैंने धक्के से अपना लंड फिर से उसके मुंह में डाल दिया और 5 मिनट तक चुसवाया. फिर मैंने उसे कुतियाँ बनाया और लंड उसकी गांड के मुंह पर लगाकर तेज धक्का लगाया. आधा लंड गांड में घुस गया, रिचा छटपटाने लगी और छुड़वाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसे कसकर पकड़ रखा था इसलिए उसकी हर कोशिश नाकामयाब रही. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने एक और जोर का धक्का लगाया जिससे पूरा लंड गांड के अंदर प्रवेश कर गया. मैं कुछ देर तक बिना धक्के लगाए ही रिचा से चिपका रहा लेकिन जब उसके दर्द में कमी आई तो मैंने धीरे - धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और 30 मिनट तक उसकी गांड मारता रहा. जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लंड उसकी गांड मे से निकाला और सारा वीर्य उसकी पीठ पर डाल दिया.
वो मेरे शुरू से ही बहुत करीब है और वो मुझसे भी हमेशा से ही बहुत खुलकर बातें करती थी. लेकिन एक दिन तो उसने हद ही कर दी जब उसने मुझे कक्षा में अकेला देखकर मेरा हाथ पकड़ लिया और I Love You बोल दिया. उस समय तो मैंने उसे कोई जवाब नहीं दिया लेकिन घर आने के बाद रात को सोने से पहले मुझे उसके बारे में ख्याल आने लगे, मुझे लगा कि मुझे उसके प्यार को अपना लेना चाहिए था. अगले दिन जब मैं उससे मिला तो उसने मेरी तरफ प्यार भरी नजरों से देखा. शायद वो मेरे जवाब का इन्तजार बेसब्री से कर रही थी. लेकिन मुझे लगा कि मैं उसके प्यार को स्वीकार तो करूँ लेकिन उसे पूरा इन्तजार करवाने और तड़पाने के बाद.
जब पूरी छुट्टी हुयी और सब अपने घरों की तरफ चल दिए तो उसने मुझे एक लैटर दिया और कमरे में चली गई. मैंने लैटर पढ़ा उसमे लिखा था - "क्या आपको मेरा प्यार कबूल नहीं है? यदि आज आपने इसका जवाब नहीं दिया तो शायद मैं कल......". अधुरा पत्र पढ़ने के बाद मेरे मन में कई सवाल आने लगे और मुझे लगा कि कहीं वो कोई गलत कदम ना उठा लें इसलिए मैं उसके पास कमरे में चला गया. वो मुझे देखकर मुस्कुराई और मेरी तरफ बढ़ी. मैंने भी अपनी बाहें खोल दी, वो मेरी बाँहों में आ गयी. मैंने उसे धीरे से कहा - I Love You.
उसे लगा कि जैसे उसकी कोई खोई हुई कीमती चीज उसे मिल गई है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मुझे लगा की शायद यही अच्छा मौका है और फिर मैंने रिचा से कहा कि मैं प्यार - व्यार के चक्कर में ज्यादा नहीं पड़ना चाहता हूँ और हम दोनों एक ही गाँव के है इसलिए शादी तो नामुमकिन है और हमें जो कुछ भी करना है सबसे छिपके करना पड़ेगा, बोलो तुम्हें मंजूर है या नहीं. उसने तुरंत हाँ भर दी और कहा कि तुम जो चाहो मेरे साथ कर सकते हो. यह कहकर वो स्माईल करने लगी और मैंने अपना हाथ उसके कूल्हों पर रख दिया. फिर थोड़ी देर बाद हम भी घर चले गए. मैंने मेरे एक दोस्त जो शहर में रहता है से पूछा कि क्या वो मुझे कुछ समय तक अपना रूम दे सकता है तो उसने भी हाँ कर दी.
अगले दिन शनिवार था मैंने रिचा से कहा कि क्या वो रविवार को शहर जाने का प्रोग्राम बना सकती है तो उसने इस पर भी हाँ में जवाब दिया. अगले दिन रविवार था और हमें शहर जाना था मैं भी जल्दी से तैयार हुआ और बस स्टेंड पर पहुँच गया, रिचा पहले से ही मेरा बस स्टेंड पर इन्तजार कर रही थी. थोड़ी देर में ही बस आ गयी और हम दोनों बस में चढ़ गए और अलग - अलग सीटों पर बैठ गए ताकि किसी को कोई शक ना हो. शहर पहुचने के बाद मैं अपने दोस्त के रूम की तरफ चल दिया, वो भी थोड़े अंतर से मेरे पीछे आने लगी. रूम बस स्टेंड से ज्यादा दूर नहीं था इसलिए हम जल्दी ही वहां पहुँच गए. मेरा दोस्त उस समय रूम पर ही था उसने हम दोनों का स्वागत किया, चाय पिलाई और यह कहकर - "वो दो घंटे बाद आएगा" वहां से चला गया.
रिचा ने मुझे ज़ोर से धक्का दे दिया और मस्ती में हँसने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मुझे भी थोड़ा जोश आया और मैंने उसे अपने ऊपर खींच लिया और उसे कसकर हग कर लिया.. लेकिन रिचा अभी भी हंस रही थी और यह देख मैंने अपने होंठ उसके होंठ पर रख दिए और फिर से उसको कसकर किस कर लिया.. तभी रिचा की हँसी एकदम से रुक गई और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी और हम थोड़ी देर इसी पोज़िशन में रहे और उसके बाद मैंने रिचा के होंठो पर धीरे धीरे किस करना शुरू किया और फिर रिचा भी बहुत अच्छे से मेरा साथ दे रही थी. फिर मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी जांघ पर रखा और उसको सहलाने लगा.
रिचा की जांघे बहुत ही चिकनी, मुलायम और गोरी थी. उसने ढीली सी स्कर्ट पहन रखी थी जिसके कारण मुझे आराम से पूरा मस्ती भरा अहसास मिल रहा था और मैं उसकी जांघो पर ऊपर से नीचे तक अपना हाथ घुमा रहा था और लगातार किस की स्पीड भी बढ़ती जा रही थी. तो इतने में, मैंने अपना दूसरा हाथ रिचा के टॉप में डाल दिया और उसकी पीठ को सहलाने लगा तभी मैं बहुत चकित हुआ क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी. यह बात जानकर मुझे और जोश आ गया और अब मेरा लंड पूरा कड़क हो चुका था और अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. तो मैंने रिचा का हाथ अपने लंड पर रख दिया और उससे लंड को सहलाने को बोला.. लेकिन वो एकदम से शरमा गई और मुझसे और कसकर चिपक गई.. लेकिन उसका हाथ मेरे लंड से नहीं हटा. फिर मैंने उसके टॉप को धीरे से थोड़ा ऊपर किया और उसके बूब्स देखे.. सच बोलूं वो अंदर से बहुत सुंदर और गोरे थे.. एकदम सही गोलाई के बूब्स और साथ में हल्के गुलाबी निप्पल. फिर मैंने अपनी टी-शर्ट भी ऊपर कर दी.. फिर मैं और रिचा कसकर चिपक गए और जैसे ही उसके नंगे बूब्स मेरी नंगी छाती पर चिपके वैसे ही मुझे एक बहुत ही अच्छा अहसास हुआ. तभी मैंने रिचा के होंठ अपने होंठ में भर लिए और उनको कसकर चूसने लगा. हम बहुत कामुक होते जा रहे थे.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने उसका टॉप उतारकर फेंक दिया और अपनी टी-शर्ट भी उतार दी. अपने होंठ उसके बूब्स पर ले गया और उनको अच्छे से सक करने लगा और एक हाथ रिचा की जांघ से कूल्हों के साईड में डाल दिया. रिचा के कुल्हे बहुत ही मुलायम थे.
मैं अपने दोनों हाथ से उसको अच्छे से मसाज और सहला रहा था. तो रिचा मेरे लंड को कसकर पकड़े हुई थी.. वो शायद मस्ती में सब कुछ भूल गई और बस ऊहह आआहहह कर रही थी. मैंने रिचा को स्कर्ट उतारने को बोला.. तो उसने मना कर दिया और बोली कि आज के लिए बस इतना बहुत है.. लेकिन मैं कहाँ रुकने वाला था. मैं अपना एक हाथ कूल्हों से सीधा उसकी चूत पर ले गया जो पूरी तहर गरम थी और मैंने अपनी एक ऊँगली उस पर जैसे ही रखी रिचा के मुहं से आआहह निकल पड़ी और उसने बोला कि प्लीज अपना हाथ चूत से हटा लो.. तभी यह सुनकर मेरा जोश और बढ़ा और मैंने रिचा की स्कर्ट पीछे से सरकानी शुरू की और फिर उसने एकदम से अपनी स्कर्ट पकड़ ली और "नहीं" बोलने लगी और मैंने धीरे से एक ऊँगली उसकी चूत में डालनी शुरू की और अपने अंगूठे से चूत के दाने को सहलाने लगा.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। रिचा अपने हाथ स्कर्ट से हटाकर सीधे मुझसे चिपक गई और बोलने लगी कि मैं आपसे बहुत प्यार करती हूँ आप वाकई में बहुत कमाल के हो.
मैंने कहा कि हाँ ऐसा ही हूँ और मैंने उसकी स्कर्ट को खींचकर फेक दिया और अपनी भी पेंट को उतार दिया. रिचा अभी तक मेरा लंड अंडरवियर के अंदर हाथ डालकर पकड़ें हुई थी और जैसे ही उसने मेरे 6.5 इंच के लंड को देखा तो वो थोड़ा सहम गई और बोली कि यह मेरी चूत के अंदर नहीं जाएगा? और प्लीज आप ट्राई भी मत करना. तो मैंने रिचा से बोला कि तुम इसकी टेंशन मत लो अभी बस मजे करो और मैंने रिचा को वहीं धक्का दे दिया और उसके पैर फैला दिए.. क्या नज़ारा था उसकी मक्खन जैसी जांघे और उसके बीच की गहराई में गुलाबी चूत एकदम कामुक और साफ दिख रही थी. फिर मैंने अपने दोनों हाथ रिचा के बूब्स पर रखे और उसकी जांघो को किस करना शुरू किया और धीरे धीरे उसकी चूत के पास पहुंच गया. फिर मैं उसकी चूत के चारो और किस करने लगा और रिचा छटपटाने लगी और फिर मैंने अपने पूरे होंठ उसकी चूत के होंठ पर रख दिए और अपनी जीभ उसकी चूत पर और मैं उसकी चूत चाटने लगा और उसके बाद अपनी एक ऊँगली उसकी चूत में डालनी शुरू की और साथ ही मैं अपनी जीभ से उसके क्लिटोरिस को चाट रहा था.
रिचा तेज़ तेज़ साँसे ले रही थी और चिल्ला रही थी. उसके बाद मैंने अपनी ऊँगली को बाहर निकाला और उसकी चूत का सारा रस अपने लंड पर लगा दिया. फिर अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रख दिया और एक हल्का सा धक्का दिया और रिचा ने मुझे कसकर पकड़ लिया और वो बोली कि प्लीज थोड़ा आराम से और फिर मैंने भी इस बात का ध्यान रखा और फिर धीरे से दूसरा धक्का दिया. रिचा ज़ोर से चिल्ला उठी और मुझे उसकी चूत में खून दिखने लगा.. शायद उसकी सील टूट चुकी थी. फिर मैंने तीसरे जोरदार धक्के में अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.. तो वो बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी और मुझे लंड को बाहर निकालने के लिए बोलने लगी. वो ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी.
फिर मैंने रिचा को धक्के देना बंद किया और उसके होंठ पर प्यार से किस करने लगा और मैंने उसको बोला कि पहली चुदाई में थोड़ा दर्द होता है. दो मिनट के बाद वो कुछ ठीक हुई और फिर मैंने अपना लंड आगे पीछे करना शुरू किया कुछ देर में रिचा को भी मज़ा आने लगा और वो मेरा पूरा साथ देने लगी.. लेकिन थोड़ा थोड़ा उसको दर्द भी हो रहा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने भी अपना आधा ही लंड अंदर डाला था जिससे उसको ज्यादा दर्द ना हो. फिर हम दोनों 10-15 मिनट सेक्स करते रहे और फिर मैंने झड़ने के टाईम अपना लंड चूत से बाहर निकाल लिया और सारा वीर्य उसकी नाभि पर गिरा दिया.
मैंने अपना लंड चूत से निकाला और उसके मुंह में डाल दिया. वो मेरे कहने पर मेरे लंड को चूसने लगी. थोड़ी देर में ही लंड फिर से जंग करने को तैयार हो गया. मैंने रिचा को घोड़ी बनाया और पीछे से लंड को उसकी चूत में डाल दिया. वो कुछ देर तो चिल्लाई मगर फिर शांत होकर और मजा लेकर चुदने लगी लगभग 20 मिनट बाद मैं झड़ गया. फिर हम दोनों ने पेशाब किया और 20 - 25 मिनट तक एक दुसरे से चिपके पड़े रहे. मैंने रिचा से कहा कि मैं एक बार और उसे चोदना चाहता हूँ, तो वो इंकार करने लगी और कहा कि मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा है. मैंने उसे कहा कि इस बार मैं उसकी चूत नहीं बल्कि गांड मारूंगा.
वो मना कर रही थी लेकिन मैंने धक्के से अपना लंड फिर से उसके मुंह में डाल दिया और 5 मिनट तक चुसवाया. फिर मैंने उसे कुतियाँ बनाया और लंड उसकी गांड के मुंह पर लगाकर तेज धक्का लगाया. आधा लंड गांड में घुस गया, रिचा छटपटाने लगी और छुड़वाने की कोशिश करने लगी लेकिन मैंने उसे कसकर पकड़ रखा था इसलिए उसकी हर कोशिश नाकामयाब रही. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने एक और जोर का धक्का लगाया जिससे पूरा लंड गांड के अंदर प्रवेश कर गया. मैं कुछ देर तक बिना धक्के लगाए ही रिचा से चिपका रहा लेकिन जब उसके दर्द में कमी आई तो मैंने धीरे - धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए और 30 मिनट तक उसकी गांड मारता रहा. जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना लंड उसकी गांड मे से निकाला और सारा वीर्य उसकी पीठ पर डाल दिया.
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