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उसकी लम्बी काली झान्ठों में खो गया मेरा लंड Uski lambi kali jhanthon me kho gayaa mera lund
उसकी लम्बी काली झान्ठों में खो गया मेरा लंड Uski lambi kali jhanthon me kho gayaa mera lund, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राज है और में भोपाल का रहने वाला हूँ, लेकिन में अभी बंगलोर में एक प्राईवेट कम्पनी में नौकरी करता हूँ. मेरी उम्र 30 साल, कद 6.2 है. दोस्तों यह कहानी जो में आज आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ यह बिल्कुल सच्ची है और यह तब की है जब में 12th में पढ़ता था. उस समय मेरी उम्र 18 साल के करीब रही होगी.
दोस्तों हमारा और मेरी बुआ का घर एक ही कॉलोनी में था. उस समय बुआ की उम्र करीब 22 साल होगी और बुआ का एक छोटा भाई और मम्मी, पापा उनके साथ में रहते थे और मेरा बुआ के घर पर बहुत आना जाना लगा रहता था और में हर दिन स्कूल से आकर सीधा बुआ के घर पर ही चला जाता था और फिर खाना भी वहीं पर ख़ाता था. दोस्तों उस समय बुआ के घर में खाना बनाना के लिए मिटटी का चूल्हा था और उन्हें उस चूल्हे में आग लगाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है और बुआ का रोज का यही काम था. वो आग जलाने के लिए बहुत परेशान रहती थी.
दोस्तों बुआ हर दिन सूखी लकड़ियाँ लेकर आती फिर बैठकर उस लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े करती और फिर चूल्हे में रखकर उसमें आग लगाने की कोशिश किया करती थी. में इन सब कामों में अपनी बुआ की मदद करने पहुंच जाता था. दोस्तों पूछिए ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि आग जलाते समय बुआ अपनी चुन्नी को अपने जिस्म से हटाकर दूर फेंक देती थी और चूल्हे की आग को जलाने के लिए नीचे झुककर बहुत देर तक चूल्हे में हवा करनी पड़ती है और मुझे वहाँ जो नज़ारा देखने को मिलता था वो आप लोग अच्छी तरह से समझ सकते है.
बुआ जैसे ही नीचे झुकती तो बुआ के बड़े बड़े बूब्स उनके कपड़े फाड़कर बाहर आने को तैयार रहते थे और मेरा मन करता कि पास जाकर बुआ के दोनों बूब्स को मसल दूँ और मुहं में डालकर चूस चूसकर नीबूं बना दूँ, लेकिन मेरी ऐसी किस्मत कहाँ? में बस मन ही मन में वो जन्नत का नज़ारा लिए बुआ के बाथरूम में तुरंत जाकर मुठ मार लेता था. फिर एक दिन की बात है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। बुआ के उस समय एग्जाम थे और में बुआ के घर पर पहुंचा और एक बार फिर से वही आग देखने के लिए तो मुझे पता चला कि बुआ अगले बीस दिन तक खाना नहीं बनाएगी. यह बात सुनकर में बहुत उदास हुआ और तुरंत बाहर का रास्ता पकड़ा और बाहर जाने लगा.
तभी मुझे पीठ पीछे से एक मधुर सी आवाज़ सुनाई दी, क्यों क्या आज तुझे देखना नहीं है? दोस्तों मुझे तो यह बात सुनकर जैसे करंट का झटका सा लग गया था. मैंने जब पीछे पलटकर देखा तो बुआ मुझे देखकर ज़ोर ज़ोर से हंस रही थी और उसने मुझे अपनी बड़ी निगाहों से अपनी तरफ बुला लिया. में भी तुरंत भंवरे की तरह उसकी तरफ खींचा हुआ चल दिया और मन ही मन सोचने लगा कि जैसे आज तो शायद मेरी लॉटरी ही लग गई, लेकिन में जैसे ही बुआ के पास गया तो उसने मेरे साथ ऐसा व्यहवार किया जैसे उसने मुझसे कुछ कहा ही नहीं और कुछ देर खड़े रहने के बाद मुझे अपने गले से लगा लिया और अपने दूध से चिपका लिया. दोस्तों अब मेरा चेहरा बिल्कुल बुआ के दोनों दूध के बीच में ज़ोर से दबा हुआ था और में उसी में खुश था और जन्नत का आनन्द ले रहा था.
मैंने अपना चेहरा पूरी तरह से बुआ के दूध में घुसा दिया था और बुआ को कमर से कसकर पकड़ कर रखा था. बुआ बस मेरे बाल सहला रही थी और धीरे धीरे मेरा चेहरा अपने दूध पर दबा रही थी, लेकिन ऐसे जैसे उसको कुछ पता ही ना हो कि क्या हो रहा है? मुझे मेरे चेहरे पर बुआ की ब्रा का एहसास हो रहा था और बुआ के निप्पल कभी मेरी आँख में तो कभी मेरी गालों पर चुभ रहे थे और में फिर जन्नत में था. मुझे बस ऐसा लग रहा था कि में बुआ को गोद में उठा लूँ और उनका पूरा कुर्ता फाड़कर पूरे दूध अपने मुहं में डालकर खा जाऊँ, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं था क्योंकि यह सब काम करीब 10-15 मिनट तक चलता रहा और थोड़ी देर में बुआ के भाई की आवाज़ आने पर में अपने घर चला गया और फिर से वहीं अपने हाथ जगन्नाथ.
दूसरे दिन में फिर से बुआ के घर पर पहुंचा. मैंने बहुत देर तक दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो में उदास होकर जाने लगा, लेकिन तभी बुआ की आवाज़ आई कौन है? तो मैंने तुरंत खुश होकर जवाब दिया और फिर बुआ ने दरवाजा खोल दिया. दोस्तों उस समय बुआ अपने बूब्स के ऊपर केवल टावल लपेटकर सीधा बाथरूम से बाहर आई थी. शायद वो नहाने जा रही थी, लेकिन मेरी वजह से बीच में ही बाहर आ गई थी और अब उनका गोरा बदन मुझे उनकी तरफ आकर्षित कर रहा था. तो में अंदर आ गया और मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. बुआ नहाने बाथरूम में चली गयी और में टीवी देखने लगा और थोड़ी देर में मेरा मन सोचने लगा कि मुझे बाथरूम में झाँकने का मौका मिल जाए तो मुझे मज़ा आ जाएगा.
मैंने उठकर एक कोशिश की और मुझे दरवाजे पर अंदर झाँकने के लिए बहुत सारे छेद मिल गये. अब में वहीं पर खड़ा होकर बुआ के गोरे बदन को निहारने लगा. वाह क्या चीज़ थी मुझे मज़ा आ गया, तने हुए बूब्स, चाटने लायक चमड़ी, मखमली बदन, करारी गांड और बड़े बड़े झांट के बाल और ऊपर से वो पानी मेरे लंड में आग लगा रहा था. अब में वहीं पर बाथरूम के बाहर बुआ को नहाते हुए देखकर मुठ मारने लगा और पांच मिनट के बाद खड़े खड़े पैरों में दर्द होने लगा तो में थोड़ा आराम करने के लिए दरवाजे का सहारा लेकर नीचे बैठ गया और ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और करीब दस सेकण्ड के बाद बाथरूम का दरवाजा अंदर की तरफ खुल गया और में अपनी नंगी बुआ के सामने अपना लंड पकड़कर नीचे बैठा हुआ था और अब में तो शरम के मारे बुआ से आँख भी नहीं मिला पा रहा था.
मैंने तुरंत वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन बुआ ने झट से मेरा हाथ पकड़ लिया. मुझे लगा कि आज तो में काम से गया, लेकिन उसके बाद जो मुझे उनके मुहं से सुनाई दिया उस पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ. उन्होंने मुझसे कहा कि क्यों चोदोगे मुझे? मैंने बिना कुछ सोचे समझे और बिना कुछ बोले बुआ के दोनों बूब्स पकड़ लिया और बाथरूम के अंदर बुआ के बूब्स से रस चूसने लगा और एक हाथ से बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था और दूसरे हाथ से दूसरे बूब्स को पकड़कर ज़ोर से दबाकर चूस रहा था. बुआ भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और सिसकियाँ भर रही थी उउम्म्मह आह्ह्हहह आईईईईई और मुझे ज़ोर से अपनी तरफ दबा रही थी. में तो पागल हो गया था और कुत्ते की तरह बूब्स को चूस रहा था. फिर मैंने अचानक से बुआ की चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और फिर बुआ के मुहं से एक जोरदार चीखने की आवाज़ बाहर आई. अब वो एकदम से पूरे जोश में आकर मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब जल्दी से चोद दो मुझे आईईईई और मत तरसाओ.
दोस्तों मुझसे भी अब रहा नहीं जा रहा था और मैंने बुआ को तुरंत ज़मीन पर लेटा दिया और उनके दोनों पैर फैला दिये. अब में बूब्स को चूसते चूसते नीचे की तरफ आया और बूब्स के नीचे वाला हिस्सा चूसने लगा. बुआ लगातार सिसकियाँ भर रही थी और उसकी अब साँसें बहुत तेज हो गयी थी. में फिर से पेट की तरफ आया और पूरे पेट पर अपनी जीभ घुमाने लगा.
फिर नाभि के चारों तरफ जीभ घुमाई तो मैंने महसूस किया कि बुआ की साँसे और तेज हो गयी और फिर में पेट के कोने में चूसने लगा और अब बुआ बहुत गरम हो चुकी थी. मैंने उनकी झांट के बाल पकड़कर ज़ोर से मुट्ठी में भर लिए और खींचा तो बुआ चिल्ला पड़ी, छोड़ो प्लीज़ छोड़ो. फिर मैंने तुरंत अपनी जीभ को बुआ की चूत में लगा दिया और अब में उसकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा. वाह मुझे क्या मज़ा आ रहा था. में बता नहीं सकता और फिर में पूरी चूत को मुहं में लेकर चूसने लगा.
बुआ की तो जान ही निकल रही थी उसने अपने दोनों पैरों को मेरी गर्दन में डाल दिया और ज़ोर से अपनी चूत की तरफ दबाने लगी और लगातार अपनी कमर को उठाकर मुझे चुदाई करने का इशारा दे रही थी. ज़ोर से और ज़ोर से चूसो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्हह्ह माँ प्लीज आआअससस्सीईई.
दोस्तों अब मुझसे भी नहीं रहा गया और मैंने भी अपनी पेंट को पूरा उतार दिया और में अंडरवियर में आ गया. बुआ ने तुरंत मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया और मेरा लंड अपने मुहं में लेकर चूसने लगी. दोस्तों में बस आँख बंद करके बुआ के मुहं को ही धीरे धीरे धक्के देकर चोदने लगा. लगातार पांच मिनट चोदने के बाद में झड़ गया और बुआ ने मेरा पूरा माल पी लिया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर भी बुआ ने मेरा लंड चूसना नहीं छोड़ा और लंड फिर से दो मिनट के बाद एक बार फिर से चोदने के लिए एकदम तैयार था. हम दोनों बेड रूम में आ गए और मैंने बुआ को बिस्तर पर लेटा दिया और दोनों पैरों को फैलाकर उसकी चूत में लंड को डालने की कोशिश की.
थोड़ी देर के बाद लंड अंदर गया तो मैंने एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा पूरा का पूरा लंड बुआ की चूत के अंदर था. बुआ अपनी दोनों आँख बंद करके बोली कि आईईईईई माँ आआआअहह थोड़ा धीरे कर, ज्यादा बेरहम मत बन, थोड़ा आराम से कर, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ. फिर मैंने कुछ देर धीरे से धक्के देने के बाद अपनी स्पीड को बढ़ाया और अब ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा. फच फच फच की आवाज़ ज़ोर ज़ोर से पूरे कमरे में गूँज रही थी और बुआ भी अपनी कमर को उठा उठाकर अपनी चुदाई के मज़े ले रही थी और लगातार आहें भर रही थी आहह माँ आह्ह्ह्ह प्लीज़ और ज़ोर ज़ोर से चोदो, हाँ और ज़ोर से चोदो, आज फाड़ डालो मेरी चूत को, फाड़ डालो आआहह माँममआ… करीब पांच दस मिनट तक यह ताबड़तोड़ चुदाई चली और फिर बुआ झड़ गई और मैंने भी अपना पूरा माल बुआ की चूत में ही डाल दिया. दूसरे दिन मैंने बुआ को आई-पिल लाकर दी. दोस्तों यह थी मेरी बुआ की चुदाई की कहानी.
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