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माँ ने मुझको दिखाया औरत की मस्ती का बटन Maa ne mujhko dikhaya aurat ki masti ka button
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हैल्लो दोस्तों, आप सभी ने भी बहुत कहानियाँ पढ़ी होगी, लेकिन ऐसी नहीं पढ़ी होगी. दोस्तों एक दिन की बात है, में उस दिन अपने कमरे में बैठकर किताब पढ़ रहा था कि तभी अचानक से कुछ गिरने की बहुत ज़ोर से आवाज़ आई. मैंने अपने कमरे से बाहर निकलकर देखा तो मेरी माँ के हाथ से दूध नीचे गिर पड़ा, क्योंकि उनका पैर फिसल गया था, लेकिन वो नहीं गिरी थी और उसके बाद वो उसे साफ करने लगी, तो मैंने उनसे कहा कि लाओ में इसको साफ कर देता हूँ, वो बोली कि नहीं में सब साफ कर दूँगी और जब वो साफ करने लगी तो मैंने देखा कि जो उनके बूब्स है वो उनके घुटनों से दबकर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हे ब्लाउज के अंदर के ब्रा ने पकड़ रखा था और वो बैठी हुई जो दूध गिर गया था उसको साफ कर रही थी. में वो सब देखकर पागल सा हो गया था और जैसे ही मैंने उनके उठे हुए बूब्स देखे, तो मेरे मन में जाने कैसे कैसे विचार आने लगे.
हैल्लो दोस्तों, आप सभी ने भी बहुत कहानियाँ पढ़ी होगी, लेकिन ऐसी नहीं पढ़ी होगी. दोस्तों एक दिन की बात है, में उस दिन अपने कमरे में बैठकर किताब पढ़ रहा था कि तभी अचानक से कुछ गिरने की बहुत ज़ोर से आवाज़ आई. मैंने अपने कमरे से बाहर निकलकर देखा तो मेरी माँ के हाथ से दूध नीचे गिर पड़ा, क्योंकि उनका पैर फिसल गया था, लेकिन वो नहीं गिरी थी और उसके बाद वो उसे साफ करने लगी, तो मैंने उनसे कहा कि लाओ में इसको साफ कर देता हूँ, वो बोली कि नहीं में सब साफ कर दूँगी और जब वो साफ करने लगी तो मैंने देखा कि जो उनके बूब्स है वो उनके घुटनों से दबकर बाहर आने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हे ब्लाउज के अंदर के ब्रा ने पकड़ रखा था और वो बैठी हुई जो दूध गिर गया था उसको साफ कर रही थी. में वो सब देखकर पागल सा हो गया था और जैसे ही मैंने उनके उठे हुए बूब्स देखे, तो मेरे मन में जाने कैसे कैसे विचार आने लगे.
मेरी माँ की लम्बाई 5.6 और उनके बूब्स का आकार 38 था और बाकी का आकार आप अपने आप सोच सकते है. मेरी माँ दिखने में बिल्कुल अच्छी, लेकिन थोड़ी सी मोटी जरुर थी. फिर जिस दिन से मैंने माँ को उस हालत में देखा में अब उनका दूध पीना चाहता था और मुझे एक दिन वो सही मौका मिल ही गया, जिसका मुझे बहुत इंतजार था. एक दिन मेरी माँ बाथरूम में कपड़े धो रही थी, वो दोपहर का समय था और में उस समय अपनी पढ़ाई कर रहा था.
फिर इतने में माँ ने मुझे आवाज़ लगाई तो में तुरंत उठकर उनके पास चला गया और वो मुझसे कहने लगी कि तुम बाजार जाकर कुछ समान ले आओ और जैसे ही में उनके कहने पर बाजार की तरफ गया तो कुछ दूर जाकर मैंने देखा कि मेरी जेब में तो पैसे ही नहीं थे और ना ही पर्स था, इसलिए में वहीं से अपने घर के लिए वापस मुड़ गया और फिर अपने घर पर पहुंच गया.
अब मैंने दरवाजे पर लगी घंटी बजाई, लेकिन उसका कुछ असर नहीं हुआ और तभी बाहर खड़े हुए मैंने मन ही मन में सोचा कि दाल में कुछ काला ज़रूर है, इसलिए मैंने अपनी जेब से दूसरी चाबी निकालकर दरवाजा खोल लिया और जैसे ही मैंने दरवाज़ खोला तो देखा कि मेरी मम्मी उस समय बाथरूम में नहा रही है.
फिर मैंने बाथरूम के बाहर से आवाज़ देकर उनसे पूछा कि पैसे कहाँ है? तो वो बोली कि अलमारी से ले लो. मैंने उनकी बात पर तुरंत हाँ भर दी, लेकिन फिर में बाथरूम के ज्यादा पास चला गया और जो मैंने उस समय देखा तो में देखता ही रह गया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरी मम्मी के शरीर पर केवल ब्लाउज और ब्रा ही थी. उनकी साड़ी और पेटीकोट एक तरफ उतरे हुए रखे थे और उस समय मेरी माँ अपनी चूत पर मालिश कर रही थी, क्योंकि उन्होंने अभी अभी नहाते समय अपनी चूत के बाल साफ किये थे.
यह सब देखकर मेरा 6 इंच का लंड खड़ा हो गया और पेंट से बाहर आने लगा. में वहां से कुछ देर बाद चला गया, क्योंकि मेरे दिमाग़ ने वो सब देखकर अब बिल्कुल काम करना बंद कर दिया था. फिर जब में सामान लाकर अपने घर पर पहुंचा तो में तुरंत बाथरूम में पेशाब करने चला गया और अब रह रहकर मुझे वो द्रश्य याद आ रहे थे जिनकी वजह से में पागल हो रहा था. फिर जैसे ही में कमरे में पहुंचा तो माँ मुझसे कहने लगी कि क्या बात है तुम आज बहुत परेशान से नजर आ रहे हो? तो मैंने कहा कि कुछ नहीं वैसे ही.
दोस्तों में अपनी माँ को कैसे बताता कि मेरे मन में क्या बात है? माँ बोली कि चल में तुझे सर में तेल लगाकर मालिश कर देती हूँ जिससे तेरी थकान दूर हो जाएगी. फिर मैंने कहा कि ठीक है और मैंने झट से जाकर उनकी गोद में जाकर अपना सर रख दिया और लेट गया. मुझे उनके बूब्स बहुत अच्छे लग रहे थे और वो मेरी मालिश करती रही और कुछ देर बाद माँ ने मुझसे कहा कि मेरे पैर बहुत दर्द कर रहे है, लेकिन मेरे पैरों में तेल कौन लगाएगा?
मैंने कहा कि आप मुझे दो में लगा देता हूँ, वो बोली कि नहीं में खुद लगा लूँगी और अब उनका हाथ मेरे सर पर बड़े प्यार से धीरे धीरे मालिश कर रहा था कि तभी अचानक से वो कुछ लेने के लिए नीचे झुकी तो उनके बूब्स मेरे मुहं में आ गए. मैंने उन पर अपनी जीभ को लगा दिया और मेरी यह हरकत मेरी माँ को पता चल गई.
फिर में थोड़ा सा घबरा गया, तो वो मुझसे पूछने लगी कि तूने यह क्या किया? मैंने कहा कि कुछ नहीं, लेकिन माँ को कुछ और ही मंजूर था. शायाद वो मेरे मुहं से कुछ सुनना चाहती थी और उनकी शरारती मुस्कान को देखकर मुझे कुछ हिम्मत आई में टीवी देख रहा था कि उसमे कुछ देर बाद अचानक से एक स्मूच करने का द्रश्य आ गया.
मेरी माँ भी पहले से गरम थी, क्योंकि उन्होंने अभी अभी अपनी चूत के बाल साफ किए थे और उसके साथ वो अपनी चूत को पहले ही रगड़कर गरम कर चुकी थी. अब वो मुझसे बोली कि क्या तू अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कहीं बाहर घूमने नहीं जाता? तो मैंने कहा कि वो एक महीने से बाहर गयी है, अब वो हंसते हुए बोली कि तेरी बात कहाँ तक पहुँची?
मैंने कहा कि कहीं नहीं मतलब वो कुछ करने से बहुत ज्यादा डरती है. फिर माँ बोली कि ठीक बात है, लेकिन अगर ग़लती से कुछ हो गया तो? तभी मैंने तुरंत उनसे पूछ लिया कि क्या? दोस्तों में अपनी माँ की शर्म को पूरी तरह से खत्म कर देना चाहता था. अब वो मुझसे बोली कि तू अब ज्यादा भोला मत बन, मुझे सब पता है कि तू मेरी कही सभी बातें अच्छी तरह से समझ चुका है.
तभी मैंने डरते हुए उनसे एक बात बोली कि माँ में अपने मन की एक सच्ची बात बताऊं? कि तुम मुझे बहुत ज्यादा अच्छी लगती हो और फिर मेरी बात को सुनकर माँ बोली कि धत तू बिल्कुल पागल जैसी बातें क्यों करता है? तो मैंने बोला कि नहीं में सब सच कह रहा हूँ, वो भी अब गरम होने लगी थी और वो बोली कि तुझे मुझमें क्या क्या अच्छा लगता है? मैंने कहा कि आपकी आँखे और स्माइल, वो दोबारा पूछने लगी कि चल अब सही बता झूठ क्यों बोलता है?
फिर मैंने बोला कि में आपको एक बात बताऊं? अभी कुछ देर पहले मैंने आपको बाथरूम में अपनी आखों से देखा था कि आप क्या कर रही थी? अब वो मुझसे झूठ बोलती हुई बोली कि नहीं तू झूठ बोलता है, चल बता में क्या कर रही थी?
मैंने कहा कि आप उस समय बाथरूम में खड़ी हुई थी और नीचे से पूरी नंगी थी और आपने अपनी चूत के बाल साफ किये थे और उसके बाद आप चूत की मालिश कर रही थी. दोस्तों वो मेरी यह पूरी बात को सुनकर एकदम डर गयी और अब वो मेरे ऊपर झूठा गुस्सा करने लगी. फिर मैंने उनसे कहा कि जब मैंने आपको उस हालत में देख ही लिया तो अब किस बात का गुस्सा?
फिर वो मेरी बात सुनकर थोड़ा सा शांत हो गयी और फिर मैंने सही मौका देखकर तुरंत उनसे कहा कि मुझे अब आपका ऊपर का हिस्सा भी देखना है और उसके साथ में नीचे का भी, वो मेरी इस बात को सुनकर एक बार फिर से आग बबूला हो गई और अब वो उठने लगी तो मैंने उन्हे पकड़ते हुए बिस्तर पर लेटा दिया और अब में उनके ऊपर बैठ गया.
वो कहने लगी कि तुझे पता है कि यह सब क्या कर रहा है? तो मैंने कहा कि मुझे बस आप एक बार दिखा दो में कभी कुछ नहीं मांगूगा. दोस्तों वो मेरी बात से बहुत नाराज़ होने लगी, लेकिन शायद वो कुछ देर बाद धीरे धीरे ठंडी भी होने लगी थी. पहले तो वो कुछ नहीं बोली, लेकिन फिर उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन में जैसा कहूँगी तू वैसा ही करेगा?
मैंने तुरंत कहा कि हाँ ठीक है और फिर उन्होंने कहा कि जब तक में ना कहूँ तू मुझे कहीं भी हाथ नहीं लगाएगा, मैंने बोला कि हाँ ठीक है और सबसे पहले उन्होंने मुझसे कहा कि तू अब पेटीकोट उतार तभी मैंने बहुत खुश होकर मन ही मन सोचा कि शायद आज सारा काम मुझे ही करना पड़ेगा और मैंने जैसे ही उनका ब्लाउज उतारकर अपनी चकित नजरों से देखा तो उनके बूब्स उनकी ब्रा को फाड़कर बाहर आने के लिए तड़पने लगे और में बाहर की तरफ झूलते हुए गोरे गोरे बूब्स को लगातार घूर घूरकर देखने लगा.
तभी माँ बोली कि चल अब तू जल्दी से मेरी ब्रा को भी उतार दे और मैंने जैसे ही उनकी ब्रा को उतारा तो उनके बूब्स झट से कूदते हुये बाहर आ गए और यह देखकर में तो पागल हो गया और में अब उन पर टूट पड़ा और उन्हे दबाने लगा.
अब माँ मेरी उस हरकत की वजह से नाराज़ हो गयी और उठने लगी, लेकिन मेरे वजन और दबाने की वजह से वो निकल ना पाई और वो दोबारा बिस्तर पर गिर गयी. फिर कुछ देर बाद उन्हे भी मज़ा आने लगा था, पहले तो में बूब्स को दबाता ही रहा, लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी हिम्मत बढ़ने लगी तो मैंने जल्दी से एक बूब्स की निप्पल को अपने मुहं में पूरा भर लिया और अब में बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए चूसने निचोड़ने लगा, जिसकी वजह से उन्हे अब और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था और वो अब धीरे धीरे गरम होने लगी थी.
फिर मैंने सही मौका देखकर अब में अपने एक हाथ से उनकी चूत को छूने लगा और उन्होंने मेरा थोड़ा सा विरोध किया, लेकिन कुछ देर बाद वो ज़ोर से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ करने लगी और में उनकी गोरी चिकनी कामुक चूत को लगातार सहलाता रहा और उसमे अपनी एक ऊँगली डालकर चूत की गरमी को महसूस करने लगा था, जिसकी वजह से वो बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी.
फिर मैंने मौका देखकर उनसे कहा कि मुझे अब कुछ और भी चाहिए, तो वो कहने लगी कि अब तो मैंने तुम्हे अपना सब कुछ दे दिया है, तुम्हे मुझसे अब क्या चाहिए? दोस्तों शायद वो सब कुछ मेरे मुँह से कहलवाना चाहती थी, इसलिए मैंने भी कहा कि जिसके आपने बाल साफ किया है वो. फिर वो कहने लगी कि अब यह सब तेरा ही है, जो तुझे चाहिए वो सब ले ले.
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मैंने सबसे पहले उनकी साड़ी को खोल दिया, लेकिन एक अजीब सी बात यह थी कि मैंने महसूस किया कि उन्होंने अपना पेटीकोट ठीक तरह से नहीं बांधा था, क्योंकि वो भी मेरे हल्का से खीचने पर ही तुरंत निकल पड़ा, शायद वो भी पहले से सेक्स के लिए तैयार होकर आई थी.
फिर मैंने कुछ देर उनकी चूत को चूसा उसके बाद चूत पर थोड़ी सी क्रीम लगाई तो वो बोली कि अभी इसे इसकी ज़रूरत नहीं है और वो इतना कहकर खड़ी हो गई और अपने घुटनों के बल बैठ गयी. उसके बाद मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर पहले कुछ देर हिलाती रही और उसके बाद चूसने लगी.
में फिर से अपनी माँ की चूत और बूब्स का नज़ारा देखने लगा और फिर मैंने धीरे से अपनी माँ की गोरी चमकीली चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से माँ को मस्ती चड़ने लगी और वो मुझसे बोली कि राजू प्लीज़ पहले अपना वो काम पूरा करो उफ्फ्फ्फ़ नहीं तो में पहले ही गीली हो जाउंगी आह्ह्हह्ह मुझसे अब ज्यादा देर नहीं रुका जाएगा और माँ ने यह बात कहकर अपनी दोनों आँखें बंद कर ली. फिर मैंने शावर को माँ चूत के ऊपर वाले हिस्से पर ले जाकर स्विच को चालू कर दिया और माँ बोली कि राजू शावर को धीरे धीरे रोक रोक कर चलाओ, तुम्हारे हाथ से मुझे बड़ी गुदगुदी हो रही है.
फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और 6-7 बार शावर को उनकी चूत पर घुमाने पर चूत का पूरा मैदान पहले भी ज्यादा साफ हो गया माँ बहुत ही गरम हो गई थी और उस वजह से मुझको मेरा काम बीच में रोकना पड़ा. फिर मैंने देखा कि माँ की गांड और चूत के बीच के हिस्से में कुछ बाल रह गये थे और वो बाल थोड़े लंबे भी थे, तो मैंने माँ से बोला कि आप अपने पैरों को ऊपर छत की तरफ करो. फिर उन्होंने ठीक वैसा ही किया और अब मैंने उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर मैंने उनकी चूत और गांड के बीच के हिस्से के बाल भी एकदम अच्छी तरह से साफ कर दिए.
अब जब साफ सफाई का काम खत्म हो गया तो माँ मुझे देखने लगी और वो पूछने लगी क्यों इसके आगे क्या इरादा है, चल अब ज़रा नज़दीक आ जा और माँ ने मेरे लंड को पकड़ लिया.
अब मेरा लंड खड़ा होने लगा था, लेकिन माँ बोली कि यह ऐसे खड़ा नहीं होगा, इसको सहारे की ज़रूरत है में माँ का मतलब नहीं समझ सका था और में उनको देखने लगा थी वो बोली कि अरे मुझे भी पता है कि टेड़े लंड को कैसे सीधा किया जाता है और जब लंड सीधा नहीं जाता तो उसको टेढ़ा कैसे चूत में लिया जाता है? वो बोली कि राजू डार्लिंग में तुम्हारी समस्या को बहुत अच्छी तरह से समझ गई हूँ, तुम बस सीधे लेट जाओ और अब में उनके कहने पर बेड पर एकदम सीधा लेट गया और उन्होंने अपना मुहं मेरी झाटों के पास में ले जाकर जीभ से चाटना शुरू कर दिया, जिसकी वजह से अब मेरी जोश ज्यादा बढ़ गया था और मेरा लंड भी आकार में ज्यादा बड़ा होने लगा.
फिर कभी वो बीच बीच में मेरे लंड पर भी अपनी जीभ घुमा देती और कहती कि अरे यह खंबा ही तो मुझे पार ले जाएगा यही तो पुलिस का जवान है जो हमको आज जंग के मैदान तक ले जाएगा और उसके बाद उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपने मुहं में ले लिया और किस करने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब तो मेरा लंड फनफनाने लगा था और उन्होंने मेरे लंड को अपने मुहं में ले लिया और और चूसने लगी, लेकिन वो बहुत धीरे से आराम से यह सब काम कर रही थी.
फिर कुछ देर बाद उन्होंने मुझसे कहा कि तुझे में आज चुदाई से पहले का अनुभव देती हूँ, तू में जैसा कहूँ ठीक वैसा करना इससे तुझको चुदाई करने में आसानी होगी, वैसे तुझे पहले से पता तो होगा कि जब तक औरत भी अंदर ना ले तब तक चूत में लंड आसानी से नहीं जाता है, लेकिन इस स्टाइल में तुझको ऐसा मज़ा आएगा जैसे किसी ढीली चूत वाली रंडी की चुदाई कर रहा हो. फिर मैंने कहा कि हाँ मेरे दोस्तों ने मुझे ऐसा बताया था कि पहली बार में ज़ोर लगाना पड़ता है, लेकिन ब्लूफिल्मों में तो एक चूत में दो दो लंड घुस जाते है.
दोस्तों अब मेरी झिझक एकदम दूर हो गयी थी और में चुदाई करने के लिए एकदम तैयार हो गया था और अब में संध्या को अपनी माँ नहीं एक रंडी की तरह ही देख रहा था, वो बोली कि तू ऐसा कर सीधा खड़ा हो जा और बाकी सब कुछ में देख लूँगी. अब में खड़ा हो गया तो मेरा लंड एकदम सीधा तनकर खड़ा हो गया, उन्होंने तुरंत नीचे बैठकर मेरे आधे लंड को अपने मुहं में ले लिया और फिर मुहं बाहर निकालकर बोली कि अब जब तेरा लंड मेरे मुहं में होगा तू यह सोचना जैसे मेरा मुहं मेरी चूत है और तू मुझे चोद रहा है. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है संध्या डार्लिंग उन्होंने मेरे तरफ देखकर मुस्कुरा दिया और एक हल्का सा किस मेरे लंड के टोपे पर ले लिया.
फिर वो बोली कि चल अपनी पहली चुदाई के लिए तैयार हो जा और उन्होंने मेरे लंड के टोपे को अपने होंठों के बीच दबा लिया. अब मेरा लंड पूरे जोश में था और मैंने धीरे से अपना लंड उनके मुहं के अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से वो एम्म्म उफफ्फ्फ्फ़ की आवाज़ करने लगी.
फिर मैंने लंड को पीछे किया और इस बार मैंने ज़रा ज़ोर से आगे को धक्का दे दिया तो वो मुझे पीछे की तरफ धकेलने लगी, इससे मुझे पूरा मज़ा नहीं आया और मैंने उनके सर को बालों के साथ पीछे से पकड़ लिया और चुदाई वाली स्टाइल में ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चुदाई करना शुरू कर दिया.
अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा और फिर में समझ गया कि अगर में किसी ढीली चूत वाली रंडी को चोद रहा होता तो मुझे कैसा मज़ा आता. फिर करीब एक मिनट बाद उन्होंने मेरा लंड पकड़कर एक झटका देकर अपने मुहं से बाहर निकाल दिया और वो हाफते हुए बोली कि बस अब और नहीं, नहीं तो तेरा पूरा वीर्य मेरे मुहं में आ जाएगा और अब वैसे मेरी चूत भी गीली होने को है.
फिर में बहुत जोश में होने की वजह से बड़ा परेशन सा हो गया और चुदाई की मस्ती बीच में रुकने की वजह मेरे लंड का सारा वीर्य लंड से बाहर आ गया और में अपने लंड को कंट्रोल नहीं कर पाया. फिर वो हंसने लगी और बोली कि राजू वैसे तो मुझे इसे अपने मुहं में लेना था, लेकिन डार्लिंग मुझे यह पसंद नहीं है, में सीधी-साधी चुदाई में ही हमेशा खुश रहती हूँ और तेरे पापा को भी सेक्स का यह तरीका बिल्कुल भी पसंद नहीं है, तू भी मुझको रंडी मत समझना, मैंने केवल आज तक बस तेरे पापा से ही अपनी चुदाई करवाई है और उनके अलावा बाहर और किसी से नहीं.
फिर उसके बाद में उन्होंने मुझसे कहा कि अरे तेरा लंड तो फिर से ढीला हो गया और अब उन्होंने फिर से अपने हाथों, मुहं और होंठो के जादू से उसको दो तीन मिनट में फिर से तैयार कर दिया और मैंने भी अब पूरी तरह से किला फ़तह करने की इच्छा से उनके शरीर को नापना शुरू कर दिया. मैंने उनके पैरों पर भी हाथ फेरना शुरू कर दिया और उनके पैर बड़े ही मुलायम और चिकने थे.
मुझे लगता है कि वो अपने पूरे बदन का बहुत ख्याल रखती है और मैंने अब तक अंदर जाने वाले दरवाजे पर दस्तक नहीं दी थी और में आज उनको पूरा मस्त कर देना चाहता था और मैंने अपने लंड को पूरे कंट्रोल में रखा और में उनके शरीर को अभी भी अपने होंठो, उंगलियों और हाथों से ही सहला रगड़ रहा था, जिसकी वजह से वो थोड़ा थोड़ा गरम होने लगी थी और फिर वो बोली कि राजू अब आ भी जा यार प्लीज़ मत तड़पा जालिम, जल्दी से मेरे ऊपर आ जा प्लीज आह्ह्ह्ह.
फिर मैंने कहा कि बस थोड़ा सा और इतंजार करो, में तैयार हो रहा हूँ बस एक मिनट रुक जाओ में भी आता हूँ और फिर मैंने उनकी चूत पर अपना हाथ रखकर कहा कि संध्या यह क्या है? तो वो बोली कि इसे औरत का लंड कहते है यह औरत की मस्ती का बटन है, अगर तुझे किसी औरत को चोदना है और वो तैयार ना हो तो बस इस बटन पर हाथ फेर दे, वो तुझसे चुदवाए बगैर नहीं मानेगी.
फिर मैंने कहा कि ठीक है, लेकिन आज में तुम्हारा बटन ऐसा दबाऊँगा कि सारे फ्यूज़ उड़ जाएँगे, वो मेरी बातें सुनकर मस्ती में आकर हंसने और चिल्लाने लगी. मैंने उनके दोनों पैरों को दूर करते हुए उनकी जांघो को अपनी कमर की तरफ़ किया और दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया और उनके चूतड़ को दोंनो हाथों से धकेलते हुए अपना लंड उनकी चूत के पास ले गया और पूरे ज़ोर का धक्का दे दिया, जिसकी वजह से मेरा आधा लंड उनकी चूत में समा गया और मेरी तो चीख निकल गयी, लेकिन उनको कुछ तसल्ली हुई और वो मेरे अगले धक्के का इंतज़ार करने लगी.
फिर मैंने एक और ज़ोरदार धक्का लगाया तो मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया. अब मैंने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया, जिसकी वजह से वो तो पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मेरे साथ अपनी चुदाई का मज़ा ले रही थी. में तो सातवें आसमान पर था, लेकिन उनका पूरा ध्यान इस बात पर था कि कहीं मेरा माल बीच में ही नहीं निकल जाए, वो शुरू से ही चुदाई को लंबा करना चाह रही थी.
फिर वो बोली कि पूरा अंदर तक डाल दे अपना लंड, हाँ ज़ोर ज़ोर से धक्के मार मुझे बहुत मज़ा आता है, उसकी आवाज़ मुझे अच्छी लगती है. अब वो भी ज़ोर ज़ोर से अपने पेट और चूत बीच के हिस्से पर मस्ती में ज़ोर ज़ोर से धक्के देती, तो में भी ज़ोर ज़ोर से अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा वो बोली कि अच्छा, तुझे भी अब बहुत मस्ती आ रही है? वाह मुझे भी मज़ा आ गया. आज बहुत दिन बाद जवानी का मज़ा पाया है, कसम से आज तूने मुझे अपनी जवानी के दिन याद दिला दिए आईईईईईईईई सस्स्स्स्सस्स उह्ह्हह्ह. अब में भी बहुत जोश के साथ धक्के देकर चुदाई कर रहा था और मैंने कहा कि में आज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूँगा, अब तू पापा से चुदाई करवाना भूल जाएगी, हर वक़्त वो मेरा ही लंड अपनी चूत में डलवाने को तड़पा करेगी.
फिर वो आह्ह्हहह ऊईईईईईईई वाह क्या मज़ा आ रहा है चोद मुझे और ज़ोर से आउउउ ज़ोर से और तेज, में भी बोला हाँ मेरी जान.
फिर वो बोली कि राजू मुझे चुदाई का तो मज़ा लेते हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन मैंने आज तुमको जोश में करके जो तुमसे अपनी चुदाई करवाई, ऐसा पहली बार हुआ है. में अब तक यह जानती थी कि आदमी ही गरम करते है, लेकिन मैंने पहली बार किसी मर्द को शुरू से गरम करके अपनी चुदाई करवाई है और वो चिल्ला रही थी वाह बहुत अच्छा राजू मज़ा आ गया उऊम्म्म्मम आआअहहउहह म्म्म्ममम.
फिर अचानक जब मुझे लंड पर कुछ तरल का फील होने लगा वो बोली कि राजू अब धीरे कर दे, तूने मेरा तो पानी निकाल दिया. अब मैंने अपनी स्पीड को थोड़ा सा कम कर दिया और अब में थकने भी लगा था. अब अचानक मेरा सारा दबाव मेरे लंड के रास्ते उनकी चूत की घाटी में समा गया और में एकदम से सुस्त हो गया और मेरा लंड भी शांत हो गया.
फिर वो और में एक दूसरे के ऊपर लेट गये. फिर कुछ देर बाद मैंने अपना लंड संध्या की चूत से बाहर निकाल लिया और देखा तो वो एकदम मूँगफली की तरह सिकुड़ गया था और माँ उसे देखकर हंसने लगी और वो बोली कि देख मैंने तेरे लंड का क्या हाल कर दिया राजू.
अब मैंने माँ से कहा कि मेरी बड़ी इच्छा हो रही है कि एक बार आपकी गांड मारूं, अगर तुम बुरा ना मानो तो शुरू कर दूँ?
माँ बोली कि अबे कहाँ तो तुझसे चुदवाने के लिए मुझे तुझको कितना तैयार करना पड़ा और कहाँ तू अब मेरी गांड मारने की भी सोचने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अबे सारा काम एक दिन में ही कर देगा और फिर टाइम देख क्या हो गया है? सुबह के 5.00 बज रहे है और अगर तेरी ज्यादा ही इच्छा है तो में तुझको पूर्वाभ्यास करवा देती हूँ और इतना कहकर वो उल्टा होकर लेट गयी और उनके बड़े बड़े कुल्हे के बीच उनकी गांड का छेद मुझे नज़र नहीं आया, लेकिन उनके कुल्हे बड़े मस्त थे.
जब वो पूरी तरह से गरम हो गयी तो बोली कि चल अब शुरू हो जा, तो वो ऊपर आई और मैंने उनके दोनों पैर फैलाए और अपना 6 इंच का लंबा लंड उनकी गांड पर रख दिया और हल्का सा दबाया तो वो करहाने लगी. फिर मैंने हल्की सी स्पीड बढाई तो वो कहने लगी कि आस्स्स्स्सस्स साले तेरा तो ओह्ह्ह्ह बड़ा जबरदस्त लंड है, तूने तो अपने बाप को पीछे कर दिया.
फिर मैंने कहा कि अगर कहो तो में तुम्हे रोज इस तरह खुश कर दूंगा, तो वो बोली कि में तेरी माँ हूँ, पहले अब जल्दी से तू मुझे शांत कर दे. फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है और यह कहकर अपनी धक्को की स्पीड को तेज कर दिया, वो मज़े की वजह से चिल्लाने लगी और हम दस मिनट तक यह बातें करने लगे और जब में शांत हुआ तो वो उठकर सीधा बाथरूम में चली गयी और नल को खोलकर नहाने से टब में नीचे बैठ गयी और मुझे आवाज़ दी. में गया तो देखा कि वो टब में बैठी हुई है और मेरी तरफ हाथ बढ़ा रही है, तो में भी उसमे जाकर समा गया और हमने वहां पर भी बहुत मस्ती की.
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