Home
» ajab Gajab chudai
» जब मैं उसकी मस्त चुच्चियाँ दबा रहा था Jab main uski mast chuchchiyan dabaa rahaa tha
जब मैं उसकी मस्त चुच्चियाँ दबा रहा था Jab main uski mast chuchchiyan dabaa rahaa tha
जब मैं उसकी मस्त चुच्चियाँ दबा रहा था Jab main uski mast chuchchiyan dabaa rahaa tha, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.
बात बीते वर्ष दिसम्बर की है, मैं अपनी बुआ जी के बेटे की शादी में गया हुआ था। मैं शादी से एक हफ्ते पहले ही पहुँच गया था। अतः मेहमानों के रहने व खाने पीने का बंदोबस्त मुझे ही करना था और मैं अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहा था। पर शादी वाली रात को शायद किस्मत मुझ पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान थी। शादी से एक दिन पहले वो हसीना बुआ जी के घर आई जिसे मैं एक बार देखा तो अपलक देखता ही रह गया। लम्बाई 5’2″, कमर तक लंबे बाल, 34-28-34 की मस्त फिगर, किसी बूढ़े की पानी निकल देने को काफी था। उसका नाम सोनी था।
मैंने अपने बुआ जी की बेटी और अपने मामा जी की बेटी से उसके बारे में जरुरत लायक जानकारी मालूम की, और फिर मामा की बेटी से कहा की किसी भी तरह से मेरी उस से दोस्ती करवा दो। इस पर मामा की बेटी मुझसे गुस्सा होते हुए बोली- हाँ हाँ, जाओ न उसी से दोस्ती करो, मुझसे तो मन भर गया है न अब? मैंने उसे मनाते हुए कहा- नहीं मेरी जान, तुमसे मेरा मन कभी नहीं भर सकता। वो तो बस हव भाव से थोड़ी अच्छी लगी, इसीलिए कहा कि उससे दोस्ती करवा दो। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
कुछ देर तक मान मनौवल करने के बाद वो राजी हो गई और मेरी सोनी से मुलाकात करवा के दोस्ती भी करवा दी। अब तो मेरी खुशी का ठिकाना ना था। मैं हर पल सोनी के आसपास रहने की कोशिश में रहने लगा, वो भी मेरे ही आसपास रहने की कोशिश करने लगी। उसकी आँखों में एक अजब सी चाहत झलक रही थी, जैसे वो कुछ कहना चाह रही हो। रात बीतने पर जब ज्यादातर लोग सोने चले गए तो मैंने मामा की बेटी से आँख बचा के सोनी को छत पर आने का इशारा करके ऊपर चला आया। कुछ मिनटों में ही सोनी भी मेरे पास थी। जैसे ही वो मेरे पास आई, पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैं बोल पड़ा- आई लव यू! I Love You… पर इसके बाद तो मेरी सिट्टीपिट्टी गुम हो गई कि यह मैंने क्या कह दिया, कहीं उसने शोर मचा दिया या किसी को कह दिया तो मेरी इज्ज़त की वाट लग जायेगी। डर के मारे मैं उसकी तरफ पीठ कर के खड़ा हो गया, तभी अचानक वो हुआ जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी, वो मेरे पीठ से लिपट गई और कहने लगी- विराज, मैं भी तुम्हें चाहने लगी हूँ, जब से तुम्हें देखा है, तब से मेरा मन किसी काम में नहीं लग रहा है।
मैं भी उस से लिपट गया और उसके माथे को चूमते हुए बोला- पगली, फिर बताया क्यों नहीं?
और मैं उसके होठों पर अपने होंठ टिका दिए पर उसने मुझे रोक दिया- अभी नहीं, कोई आ जायेगा।
सोनी बोली। मैं बोला- कोई नहीं आएगा इतनी ठण्ड में ऊपर, प्लीज! और उसके होठों और चेहरे को चूमना शुरू कर दिया। वो भी मुझसे कस कर लिपट गई और मेरा साथ देने लगी। मैं उसकी पीठ सहला रहा था और धीरे धीरे अपने हाथ को सरकते हुए उसके बूब्स पर टिका दिए। जैसे ही मैंने उसके बूब्स को छुआ, उसके और मेरे शरीर में एक करेंट सा दौड़ गया। उसका विरोध ना पाकर मैं उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से सहलाने और दबाने लगा। अब तक वो भी सामान्य हो चुकी थी और मेरा साथ देने लगी थी। थोड़ी देर तक चुम्मा-चाटी करने के बाद उसने मुझे रोक दिया और कहा- ठण्ड लग रही है, चलो नीचे चलते हैं।
हम दोनों नीचे आ गए और वो अपनी माँ के पास सोने चली गई। दुबारा उससे मिलने का कोई उपाय न देख मैं भी सोने चला गया। अगले दिन शाम तक मैं व्यस्त रहा। बारात की तैयारियाँ, सारे विधि व्यव्हार सम्पन्न होते होते शाम हो गई पर तब तक सोनी मुझे एक बार भी नज़र नहीं आई। मैं थोड़ा परेशान हो गया की कहीं किसी को रात के बारे में कुछ पता तो नहीं चल गया। टेंशन में इतनी ठण्ड में भी मेरे पसीने छूटने लगे। तभी मेरी बुआ जी ने कहा- अब बारात निकलने ही वाली है, जल्दी जा के तैयार हो आओ। मैं तैयार होने कमरे में चला आया तभी मेरी बुआ जी भी मेरे पीछे कमरे में आई और बोली- बेटा ऐसा कर, फूफा जी से बाईक की चाभी ले ले और सोनी को अपने साथ ले आइयो। सोनी का नाम सुन कर मैं उनसे झट से पूछा- क्या हुआ उसे, वो ठीक तो है ना?
बुआ बोलीं- नहीं, उसके पेट में थोड़ा दर्द है, हो सकता है कि वो ना जा पाए, अगर वो आने से मना कर दे तो उसका ख्याल रखने के लिए तू रुक जाना। ‘आप बिल्कुल भी चिंता न कीजिये बुआ जी!’ मैं बोला- मैं हूँ ना, सब संभाल लूँगा। वैसे अभी वो है कहाँ? ‘वो अपने कमरे में ही है, जा एक बार उस से मिल ले, वो जा पायेगी या नहीं यह भी पूछ लेना!’ कह कर बुआ जी चली गईं। मैं सोनी को ढूंढते हुए उसके कमरे में पहुँचा, देखा कि वो बिस्तर पर लेटी है, रजाई ओढ़ रखी है। मैं दौड़ कर उसके पास पहुंचा और उसकी तबियत के बारे में पूछने लगा, तभी उसने एक थप्पड़ मुझे खींच के लगाया और रोने लगी- तुम्हें मेरा जरा भी ख्याल है, बस बोल दिया ‘आई लव यू’ और हो गया। मतलब निकल गया और गायब हो गए। सुबह से ढूंढ रही हूँ पर एक बार भी दिखाई नहीं दिए। सोनी रोते रोते मुझसे लिपट गई- तुम्हें पता भी है, मैं कितना परेशान हो गई थी, कहाँ हो? आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने उसे प्यार से चुप करते हुए सारी बातें बताई कि मैं तैयारियों में व्यस्त था, तब जा कर कहीं वो मानी। फिर मैं उससे नाराज होते हुए बोला- तुम भी तो एक बार भी नहीं आई देखने कि मैं किस हाल में हूँ। वो बोली- हाय मेरे राजा, तेरी तो नाराजगी में भी प्यार झलकता है। मैं तो सुबह से तुम्हें ढूंढ रही थी पर जब तुम नहीं दिखे तो पेट दर्द का बहाना बना कर बिस्तर पकड़ लिया। ‘क्या?’ मैं आश्चर्यचकित रह गया- तुमने बहाना बनाया था कि तुम्हारे पेट में दर्द है और तुम बारात नहीं जाओगी? ‘प्लीज तुम भी किसी तरह कोई भी बहाना बनाकर रुक जाओ।’ वो रुआंसी होते हुए बोली- कल तो मैं चली ही जाऊँगी, तो जाने से पहले तक मैं अपना सारा समय तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ। ‘ठीक है…’ मैं बोला- बस तुम एक काम करो, अगर तुमसे बुआ जी या कोई भी पूछे तो कह देना कि तुम बारात नहीं जाओगी। पेट दर्द अभी तक ठीक नहीं हुआ है। बाकी मैं संभाल लूँगा। ‘ठीक है!’ वो बोली और मेरे होठों पर एक प्यार भरा चुम्बन दिया। फिर मैं उसके कमरे से निकल बुआ जी के पास गया और उन्हें बताया कि सोनी की तबियत ठीक नहीं हुई है और वो बारात नहीं जा पायेगी।
बुआ जी बोलीं- तो बेटा, तू उसके साथ घर पर ही रुक जा! मैं झट से तैयार हो गया और कहा- आप बेफिक्र रहिये। और मैं खुशी में झूमता हुआ कमरे से बाहर निकला कि सामने मामा की बेटी को देख कर चौंक गया।
शायद उसने मेरी और बुआ की बाते सुनी थी…बुआ जी बोलीं- तो बेटा, तू उसके साथ घर पर ही रुक जा! मैं झट से तैयार हो गया और कहा- आप बेफिक्र रहिये। और मैं खुशी में झूमता हुआ कमरे से बाहर निकला कि सामने मामा की बेटी को देख कर चौंक गया। शायद उसने मेरी और बुआ की बाते सुनी थी…उसने पूछा- तो क्या तुम बारात नहीं चल रहे हो? ‘नहीं!’ मैंने कहा- और कोई उपाय भी नहीं है। और बुआ जी ने भी कहा है तो मैं उनकी बात को कैसे टाल सकता हूँ। वो उदास हो गई और बिना कुछ कहे वहाँ से चली गई। मैं भी थोड़ा उदास हो गया पर रात में सोनी के साथ होने वाली मस्ती के बारे में सोच कर मेरे होठों पर एक मुस्कान तैर गई। मैं अपने काम में लग गया।
थोड़ी देर में ही बारात भी जाने लगी। जब सब लोग चले गए तो घर में मेरे और सोनी के अलावा इक्का-दुक्के लोग ही बचे जो खाना पीना खा कर सोने की तैयारी में लग गए। मैं सोनी के पास गया, उसे खाना खिलाया। वो भी मुझे अपने हाथों से खाना खिला रही थी, साथ ही चुम्बन का भी आदान प्रदान हो रहा था। सभी कामों से बेफिक्र होकर मैं फिर से सोनी के पास पहुँचा और उससे पूछा- अब तो सोने की तैयारी करनी है न सोनी जी? वो आँख तरेरते हुए बोली- क्या सोने के लिए ही बारात ना जाने का बहाना बनाया है? आज की रात मैं अपनी जिंदगी की सबसे हसीं रात बनाना चाहती हूँ। उसने इतना कहा और मेरा कालर पकड़ के मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैंने उसे किसी तरह रोका और जाकर किवाड़ लगा आया और उसे बेतहाशा चूमने लगा।
वो भी मेरा साथ दे रही थी और जोरों से सिस्कार भी रही थी। मैंने अपने हाथों से उसके पीठ सहलाते हुए उसके बूब्स पर ले आया उसे मसलने लगा। वो कराहने लगी और बोली- जान धीरे करो, दुखता है। पर मुझसे तो सब्र ही नहीं हो रहा था। कुछ ही पलों में उसकी सीत्कार बढ़ने लगी और वो जोरों से कांपने लगी। मैंने उसे अलग किया और बेड पर लिटा दिया। वो एकटक मुझे ही देखे जा रही थी, उसकी आँखों में वासना के लाल डोरे साफ़ साफ़ दिख रहे थे, मैंने पूछा- क्या इरादा है?
‘मैं तुममे समाना चाहती हूँ, तुम्हारा होना चाहती हूँ, हमेशा के लिए!’ ‘क्या तुम्हें मुझपे भरोसा है? मुझे तुमने कल ही देखा और आज हम लोग यहाँ तक पहुँच गए हैं, कहीं मैं तुम्हें भोग कर दूर चला गया तो?” मैंने उससे पूछा। ‘मैं मर ही जाऊँगी।’ सोनी बोली- तुम पर भरोसा किया तभी खुद को तुम्हें सौंप रही हूँ। मैं तुम्हारे साथ जिंदगी तो नहीं बिता सकती पर जितने भी लम्हे संभव हो, मैं तुम्हारे साथ ही बिताना चाहूँगी। कहते हुए उसकी आँखे भर आई, मैंने उसकी आँखों को प्यार से चूमा और उसके होठों को जोर से चूसने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं उसके बदन को सहलाते हुए उसकी समीज को धीरे धीरे ऊपर करने लगा जिसे उतारने में उसने मेरा पूरा साथ दिया और समीज उतारने में मेरी मदद की। उसकी गर्दन पर चूमते हुए मैं नीचे की तरफ सरकने लगा, उसके बदन में कंपकंपाहट हो रही थी, उसके हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे। फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी जिसमें उसने जरा भी विरोध नहीं किया। अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
उफ्फ्फ… क्या शानदार जिस्म था उसका! मैं तो उसे एकटक बिना पलक झपकाए देखता रह गया।
वो शर्मा रही थी, मुझे इस तरह से देखते हुए उसने मुझे पूछा- क्या देख रहे हो? मैं बोला- तुम कितनी सुन्दर हो, जी कर रहा है बस देखता ही रहूँ। उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया और मुझे फिर से चूमने लगी। मैं उसे चूमते हुए उसके बूब्स मसल रहा था और एक हाथ से उसके नितंबों को सहला रहा था। धीरे धीरे मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला और उसके नंगे चूतड़ पर हाथ फिराने लगा। वो मस्त हुई जा रही थी, उसने धीरे से अपनी ब्रा खुद ही उतार दी तभी मैंने उसकी पैंटी नीचे खींच उसकी चूत पर होंठ रख दिए। वो अचानक से उछल पड़ी और अपनी जांघों को मोड़ने की असंभव कोशिश करने लगी। मैं अभी भी एक हाथ से उसके बूब्स सहला रहा था और उसके भगनासा को अपने जीभ से सहला रहा था। वो और जोर से सीत्कारने लगी और अपना सर पटकने लगी। मेरा लिंग भी पूरी तरह से तन के पैंट में तम्बू की तरह खड़ा था। काफी देर से आजाद ना होने की वजह से मेरा लिंग दर्द करने लगा था। मैं उठ खड़ा हुआ तो उसने आँखें खोली और मेरे आँखों में देखने लगी, मानो कह रही हो- रुक क्यूँ गए? आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने अपनी टी-शर्ट और लोअर को झट से उतारा और अपने बनियान और जांघिये को भी उतार फेंका।
वो मेरे लिंग को आश्चर्य से देखने लगी हो जैसे कभी देखा ही ना हो। ‘क्या तुमने कभी लिंग नहीं देखा है जो इस तरह से देख रही हो?’ मैंने पूछा। वो बोली- बच्चों का देखा है पर बड़ों का इतना बड़ा होता होगा मुझे नहीं पता था। इसके बाद चुदाई का दौर शुरू हो गया।
कुछ देर तक मान मनौवल करने के बाद वो राजी हो गई और मेरी सोनी से मुलाकात करवा के दोस्ती भी करवा दी। अब तो मेरी खुशी का ठिकाना ना था। मैं हर पल सोनी के आसपास रहने की कोशिश में रहने लगा, वो भी मेरे ही आसपास रहने की कोशिश करने लगी। उसकी आँखों में एक अजब सी चाहत झलक रही थी, जैसे वो कुछ कहना चाह रही हो। रात बीतने पर जब ज्यादातर लोग सोने चले गए तो मैंने मामा की बेटी से आँख बचा के सोनी को छत पर आने का इशारा करके ऊपर चला आया। कुछ मिनटों में ही सोनी भी मेरे पास थी। जैसे ही वो मेरे पास आई, पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैं बोल पड़ा- आई लव यू! I Love You… पर इसके बाद तो मेरी सिट्टीपिट्टी गुम हो गई कि यह मैंने क्या कह दिया, कहीं उसने शोर मचा दिया या किसी को कह दिया तो मेरी इज्ज़त की वाट लग जायेगी। डर के मारे मैं उसकी तरफ पीठ कर के खड़ा हो गया, तभी अचानक वो हुआ जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी, वो मेरे पीठ से लिपट गई और कहने लगी- विराज, मैं भी तुम्हें चाहने लगी हूँ, जब से तुम्हें देखा है, तब से मेरा मन किसी काम में नहीं लग रहा है।
मैं भी उस से लिपट गया और उसके माथे को चूमते हुए बोला- पगली, फिर बताया क्यों नहीं?
और मैं उसके होठों पर अपने होंठ टिका दिए पर उसने मुझे रोक दिया- अभी नहीं, कोई आ जायेगा।
सोनी बोली। मैं बोला- कोई नहीं आएगा इतनी ठण्ड में ऊपर, प्लीज! और उसके होठों और चेहरे को चूमना शुरू कर दिया। वो भी मुझसे कस कर लिपट गई और मेरा साथ देने लगी। मैं उसकी पीठ सहला रहा था और धीरे धीरे अपने हाथ को सरकते हुए उसके बूब्स पर टिका दिए। जैसे ही मैंने उसके बूब्स को छुआ, उसके और मेरे शरीर में एक करेंट सा दौड़ गया। उसका विरोध ना पाकर मैं उसके दोनों बूब्स को बारी बारी से सहलाने और दबाने लगा। अब तक वो भी सामान्य हो चुकी थी और मेरा साथ देने लगी थी। थोड़ी देर तक चुम्मा-चाटी करने के बाद उसने मुझे रोक दिया और कहा- ठण्ड लग रही है, चलो नीचे चलते हैं।
हम दोनों नीचे आ गए और वो अपनी माँ के पास सोने चली गई। दुबारा उससे मिलने का कोई उपाय न देख मैं भी सोने चला गया। अगले दिन शाम तक मैं व्यस्त रहा। बारात की तैयारियाँ, सारे विधि व्यव्हार सम्पन्न होते होते शाम हो गई पर तब तक सोनी मुझे एक बार भी नज़र नहीं आई। मैं थोड़ा परेशान हो गया की कहीं किसी को रात के बारे में कुछ पता तो नहीं चल गया। टेंशन में इतनी ठण्ड में भी मेरे पसीने छूटने लगे। तभी मेरी बुआ जी ने कहा- अब बारात निकलने ही वाली है, जल्दी जा के तैयार हो आओ। मैं तैयार होने कमरे में चला आया तभी मेरी बुआ जी भी मेरे पीछे कमरे में आई और बोली- बेटा ऐसा कर, फूफा जी से बाईक की चाभी ले ले और सोनी को अपने साथ ले आइयो। सोनी का नाम सुन कर मैं उनसे झट से पूछा- क्या हुआ उसे, वो ठीक तो है ना?
बुआ बोलीं- नहीं, उसके पेट में थोड़ा दर्द है, हो सकता है कि वो ना जा पाए, अगर वो आने से मना कर दे तो उसका ख्याल रखने के लिए तू रुक जाना। ‘आप बिल्कुल भी चिंता न कीजिये बुआ जी!’ मैं बोला- मैं हूँ ना, सब संभाल लूँगा। वैसे अभी वो है कहाँ? ‘वो अपने कमरे में ही है, जा एक बार उस से मिल ले, वो जा पायेगी या नहीं यह भी पूछ लेना!’ कह कर बुआ जी चली गईं। मैं सोनी को ढूंढते हुए उसके कमरे में पहुँचा, देखा कि वो बिस्तर पर लेटी है, रजाई ओढ़ रखी है। मैं दौड़ कर उसके पास पहुंचा और उसकी तबियत के बारे में पूछने लगा, तभी उसने एक थप्पड़ मुझे खींच के लगाया और रोने लगी- तुम्हें मेरा जरा भी ख्याल है, बस बोल दिया ‘आई लव यू’ और हो गया। मतलब निकल गया और गायब हो गए। सुबह से ढूंढ रही हूँ पर एक बार भी दिखाई नहीं दिए। सोनी रोते रोते मुझसे लिपट गई- तुम्हें पता भी है, मैं कितना परेशान हो गई थी, कहाँ हो? आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने उसे प्यार से चुप करते हुए सारी बातें बताई कि मैं तैयारियों में व्यस्त था, तब जा कर कहीं वो मानी। फिर मैं उससे नाराज होते हुए बोला- तुम भी तो एक बार भी नहीं आई देखने कि मैं किस हाल में हूँ। वो बोली- हाय मेरे राजा, तेरी तो नाराजगी में भी प्यार झलकता है। मैं तो सुबह से तुम्हें ढूंढ रही थी पर जब तुम नहीं दिखे तो पेट दर्द का बहाना बना कर बिस्तर पकड़ लिया। ‘क्या?’ मैं आश्चर्यचकित रह गया- तुमने बहाना बनाया था कि तुम्हारे पेट में दर्द है और तुम बारात नहीं जाओगी? ‘प्लीज तुम भी किसी तरह कोई भी बहाना बनाकर रुक जाओ।’ वो रुआंसी होते हुए बोली- कल तो मैं चली ही जाऊँगी, तो जाने से पहले तक मैं अपना सारा समय तुम्हारे साथ बिताना चाहती हूँ। ‘ठीक है…’ मैं बोला- बस तुम एक काम करो, अगर तुमसे बुआ जी या कोई भी पूछे तो कह देना कि तुम बारात नहीं जाओगी। पेट दर्द अभी तक ठीक नहीं हुआ है। बाकी मैं संभाल लूँगा। ‘ठीक है!’ वो बोली और मेरे होठों पर एक प्यार भरा चुम्बन दिया। फिर मैं उसके कमरे से निकल बुआ जी के पास गया और उन्हें बताया कि सोनी की तबियत ठीक नहीं हुई है और वो बारात नहीं जा पायेगी।
बुआ जी बोलीं- तो बेटा, तू उसके साथ घर पर ही रुक जा! मैं झट से तैयार हो गया और कहा- आप बेफिक्र रहिये। और मैं खुशी में झूमता हुआ कमरे से बाहर निकला कि सामने मामा की बेटी को देख कर चौंक गया।
शायद उसने मेरी और बुआ की बाते सुनी थी…बुआ जी बोलीं- तो बेटा, तू उसके साथ घर पर ही रुक जा! मैं झट से तैयार हो गया और कहा- आप बेफिक्र रहिये। और मैं खुशी में झूमता हुआ कमरे से बाहर निकला कि सामने मामा की बेटी को देख कर चौंक गया। शायद उसने मेरी और बुआ की बाते सुनी थी…उसने पूछा- तो क्या तुम बारात नहीं चल रहे हो? ‘नहीं!’ मैंने कहा- और कोई उपाय भी नहीं है। और बुआ जी ने भी कहा है तो मैं उनकी बात को कैसे टाल सकता हूँ। वो उदास हो गई और बिना कुछ कहे वहाँ से चली गई। मैं भी थोड़ा उदास हो गया पर रात में सोनी के साथ होने वाली मस्ती के बारे में सोच कर मेरे होठों पर एक मुस्कान तैर गई। मैं अपने काम में लग गया।
थोड़ी देर में ही बारात भी जाने लगी। जब सब लोग चले गए तो घर में मेरे और सोनी के अलावा इक्का-दुक्के लोग ही बचे जो खाना पीना खा कर सोने की तैयारी में लग गए। मैं सोनी के पास गया, उसे खाना खिलाया। वो भी मुझे अपने हाथों से खाना खिला रही थी, साथ ही चुम्बन का भी आदान प्रदान हो रहा था। सभी कामों से बेफिक्र होकर मैं फिर से सोनी के पास पहुँचा और उससे पूछा- अब तो सोने की तैयारी करनी है न सोनी जी? वो आँख तरेरते हुए बोली- क्या सोने के लिए ही बारात ना जाने का बहाना बनाया है? आज की रात मैं अपनी जिंदगी की सबसे हसीं रात बनाना चाहती हूँ। उसने इतना कहा और मेरा कालर पकड़ के मुझे चूमना शुरू कर दिया। मैंने उसे किसी तरह रोका और जाकर किवाड़ लगा आया और उसे बेतहाशा चूमने लगा।
वो भी मेरा साथ दे रही थी और जोरों से सिस्कार भी रही थी। मैंने अपने हाथों से उसके पीठ सहलाते हुए उसके बूब्स पर ले आया उसे मसलने लगा। वो कराहने लगी और बोली- जान धीरे करो, दुखता है। पर मुझसे तो सब्र ही नहीं हो रहा था। कुछ ही पलों में उसकी सीत्कार बढ़ने लगी और वो जोरों से कांपने लगी। मैंने उसे अलग किया और बेड पर लिटा दिया। वो एकटक मुझे ही देखे जा रही थी, उसकी आँखों में वासना के लाल डोरे साफ़ साफ़ दिख रहे थे, मैंने पूछा- क्या इरादा है?
‘मैं तुममे समाना चाहती हूँ, तुम्हारा होना चाहती हूँ, हमेशा के लिए!’ ‘क्या तुम्हें मुझपे भरोसा है? मुझे तुमने कल ही देखा और आज हम लोग यहाँ तक पहुँच गए हैं, कहीं मैं तुम्हें भोग कर दूर चला गया तो?” मैंने उससे पूछा। ‘मैं मर ही जाऊँगी।’ सोनी बोली- तुम पर भरोसा किया तभी खुद को तुम्हें सौंप रही हूँ। मैं तुम्हारे साथ जिंदगी तो नहीं बिता सकती पर जितने भी लम्हे संभव हो, मैं तुम्हारे साथ ही बिताना चाहूँगी। कहते हुए उसकी आँखे भर आई, मैंने उसकी आँखों को प्यार से चूमा और उसके होठों को जोर से चूसने लगा। वो भी मेरा साथ देने लगी। मैं उसके बदन को सहलाते हुए उसकी समीज को धीरे धीरे ऊपर करने लगा जिसे उतारने में उसने मेरा पूरा साथ दिया और समीज उतारने में मेरी मदद की। उसकी गर्दन पर चूमते हुए मैं नीचे की तरफ सरकने लगा, उसके बदन में कंपकंपाहट हो रही थी, उसके हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे। फिर मैंने उसकी सलवार भी उतार दी जिसमें उसने जरा भी विरोध नहीं किया। अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।
उफ्फ्फ… क्या शानदार जिस्म था उसका! मैं तो उसे एकटक बिना पलक झपकाए देखता रह गया।
वो शर्मा रही थी, मुझे इस तरह से देखते हुए उसने मुझे पूछा- क्या देख रहे हो? मैं बोला- तुम कितनी सुन्दर हो, जी कर रहा है बस देखता ही रहूँ। उसने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींच कर अपने ऊपर गिरा लिया और मुझे फिर से चूमने लगी। मैं उसे चूमते हुए उसके बूब्स मसल रहा था और एक हाथ से उसके नितंबों को सहला रहा था। धीरे धीरे मैंने उसकी पैंटी में हाथ डाला और उसके नंगे चूतड़ पर हाथ फिराने लगा। वो मस्त हुई जा रही थी, उसने धीरे से अपनी ब्रा खुद ही उतार दी तभी मैंने उसकी पैंटी नीचे खींच उसकी चूत पर होंठ रख दिए। वो अचानक से उछल पड़ी और अपनी जांघों को मोड़ने की असंभव कोशिश करने लगी। मैं अभी भी एक हाथ से उसके बूब्स सहला रहा था और उसके भगनासा को अपने जीभ से सहला रहा था। वो और जोर से सीत्कारने लगी और अपना सर पटकने लगी। मेरा लिंग भी पूरी तरह से तन के पैंट में तम्बू की तरह खड़ा था। काफी देर से आजाद ना होने की वजह से मेरा लिंग दर्द करने लगा था। मैं उठ खड़ा हुआ तो उसने आँखें खोली और मेरे आँखों में देखने लगी, मानो कह रही हो- रुक क्यूँ गए? आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैंने अपनी टी-शर्ट और लोअर को झट से उतारा और अपने बनियान और जांघिये को भी उतार फेंका।
वो मेरे लिंग को आश्चर्य से देखने लगी हो जैसे कभी देखा ही ना हो। ‘क्या तुमने कभी लिंग नहीं देखा है जो इस तरह से देख रही हो?’ मैंने पूछा। वो बोली- बच्चों का देखा है पर बड़ों का इतना बड़ा होता होगा मुझे नहीं पता था। इसके बाद चुदाई का दौर शुरू हो गया।
...
Tags
ajab Gajab chudai
- लड़कियों के नंबर की लिस्ट चाहिए बात करने के लिए - Ladki Ke Mobile Number
- Randi ka mobile whatsapp number - रण्डी मोबाइल व्हाट्सअप्प कांटेक्ट नंबर
- Sex video download karne ka tarika - सेक्स वीडियो डाउनलोड कैसे करें
- धंधे वाली का मोबाइल नंबर चाहिए - Dhandha karne wali ladkiyon ke number chahiye
- किन्नर व्हाट्सप्प मोबाइल नंबर फोन चाहिए - Kinner whatsapp mobile phone number
- सेक्स करने के लिए लड़की चाहिए - Sex karne ke liye sunder ladki chahiye
- अमीर घर की औरतों के मोबाइल नंबर - Amir ghar ki ladkiyon ke mobile number
- किन्नर के जननांग या गुप्तांग कैसे दिखते हैं - Kinner ke gupt ang kaise hote hai hindi jankari
- कॉल गर्ल लिस्ट, सेक्सी लड़कियों के नंबर - Call girls mobile whatsapp phone numbers
- लड़कियों के नंबर गर्ल का whatsapp नंबर - Real Girls Mobile Whatsapp Contact Phone List