दो चूतों को चोदने का सुख - 2 Do Chooton Ko Chodne Ka Sukh
दो चूतों को चोदने का सुख - 2 Do Chooton Ko Chodne Ka Sukh, लड़की को चरम सुख तक पहुचाने के लिए चोदा, फटी निक्कर से मिला चोदने का मौका Fati nikkar se mila chodne ka mauka.
मैं भी अपना मूसल लण्ड गुलाबो के चूतड़ों के बीच में जोर-जोर से घिसने लगा।
साली थी तो बड़ी मस्त माल.. साली के चूतड़.. मेरे लण्ड को अन्दर तक ले रहे थे। ऊपर कमली मेरे होंठों को चूस रही थी!
दो फूल मेरे पास थे और उनका एक माली उन दोनों पौधों को सींच रहा था।
आज तो मेरा दिन मस्त बीतने वाला था.. पर पता नहीं क्यों मुझे कोई खटका सा लग रहा था।
अब आगे..
इसकी आगे की कहानी के पहले मैं आपको गुलाबो के विषय में लिखना चाहता हूँ कि मैं इसको अपने लौड़े के नीचे कैसे लाया।
हुआ ये कि एक दिन मैंने कमली से पूछा- अरे कमली मेरे लण्ड में तूने ऐसा क्या देखा कि तू मेरे लण्ड की दीवानी हो गई?
तो उसने जो कहा.. वो मेरे ध्यान में आ गया। उसने कहा- साहब चोदता तो मेरा मर्द भी है.. लेकिन चूत की शांति तुम्हीं करते हो साहब.. क्या मस्त चोदते और चाटते-चूसते हो.. अपना हथियार चुसवाते हो.. कि कोई भी औरत पानी-पानी हो जाए.. और फिर जो लौड़ा डाल कर धकापेल करते हो.. तो बदन का रेशा-रेशा तार-तार हो जाता है.. बदन टूटने लगता है। भगवान करे आपके जैसा लण्ड सबको मिले.. साला मेरा मरद तो पांच मिनट में सुस्त पड़ जाता है। क्या चोदते हो साहब.. वाह..वाह.. मेरी चूत तो साली पानी मांगने लगती है। गले में ठंडक पहुँचती है।
इसके बाद उस दिन कमली को मैंने जो चोदा.. वो ‘धक्कमपेल’ की.. कि साली आधा घंटा तक सुस्त पड़ी रही।
फिर उसने उठकर मुझे बाँहों में लिया। मैं सोया था.. उसने मेरे लण्ड को चूमकर अपने होंठों में भर लिया।
‘साली चुदक्कड़.. रांड.. छिनाल..’ कहकर मैंने उसके मम्मों को हाथों से दबाते हुए उसके बाल पकड़ कर अपना लण्ड उसके मुँह में पूरा डाल दिया।
साली क्या मस्त माल थी.. चुदने को तैयार और चुदाने में पहला नंबर.. मेरी बीवी तो कुछ भी नहीं थी उसके सामने।
सामने आती तो कपड़े निकाल कर लाश की तरह बेड पर गिर जाती और पैर उठा कर लण्ड अन्दर ले लेती।
ना कोई पहल.. ना कोई शुरआत.. सिर्फ डालो और निकालो..
इसका तो रंग ही अलग था.. अब तो इसके साथ गुलाबो भी थी.. एक पका हुआ सेब था.. तो दूसरा एक अभी अभी खिला हुआ ताजा गुलाब! उसकी शादी को सिर्फ दो साल हुए थे.. लेकिन उसके मर्द ने सिर्फ दो-चार बार ही चोदा था।
कमली बता रही थी कि-
यह रोज रात उदास होती हुई कमरे में जाती, एक बार उससे पूछ ही लिया- क्यों रज्जो क्या हुआ.. कुछ करता नहीं क्या.. तेरा चोदू?
तो उसने उदास होकर कहा- क्या दीदी तुम भी.. मैं तो पहले ही परेशान हूँ।
‘क्यों री.. क्या हुआ..?’ कमली ने उससे पूछा तो कहने लगी- क्या बताऊँ दीदी रात भर चाटते रहते हैं.. चूचियाँ चूसते रहते हैं.. पर करते कुछ नहीं हैं.. उनका तो सिर्फ तीन इन्च का ही है।
मेरी समझ में सब आ गया, उसका मरद शायद पूरा नहीं पड़ रहा था। तभी मेरे दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों न अपने साहब से मतलब आपसे इसे चुदवा दूँ। तो मैंने उससे बात की.. पहले तो बड़ी नानुकर कर रही थी छिनाल.. फिर जब मैंने उसको आपके लण्ड का का जादू बताया.. तो तैयार हो गई। फिर मैं आज आपके लिए तैयार कर लाई हूँ। अब पेलो न साहब.. आपका जी चाहे तब तक चोदो। ये तो पहले से ही चुदासी है उस पर लण्डका चस्का लगाना है रांड को..।
मैंने देखा कि पहले तो गुलाबो बिदक-बिदक कर मुँह में ले रही थी.. लेकिन जैसे कमली ने पीछे से उसकी चूत में अपनी उंगली डाली.. ऊपर हो कर पूरा का पूरा लण्ड उसने मुँह में ले लिया। जब मेरा लण्ड उसके गले में जाकर वापस आया.. तो वो खांसी- बाप रे.. मेरी तो साँस ही अटक गई थी।
कमली ने गुलाबो को गाली दी- साली रांड.. चुदाने आती है और नखरे जमाने के दिखाती है। मैं देख.. कैसे पूरा लेती हूँ साहब का..
मैं हँस दिया।
‘चोदो.. मुझे चोदो.. मेरी साली चूत बहुत चुदासी हो रही है साहब.. मेरी इस परपरी चूत को फाड़ दो साहब.. क्या बात है तुम्हारे लण्ड ने मेरी सारी गर्मी निकाल कर मुझे तो तुम्हारे लण्ड का दीवाना बना दिया है जानू।’
‘क्यों रांड.. अब तेरी चूत में खुजली हो रही है क्या.. मेरे लण्ड के सिवाय?’
‘हाय मेरे राजा.. चल आज मैं सोई तेरे सामने.. तू मेरे ऊपर सो जा..’
‘कमली तू तो हरदम मेरे लण्ड से चुदाती रहती है.. आज इसको मेरे लण्ड का प्रसाद दे दूँ क्या?’
‘चलो साहब.. आप भी क्या याद करोगे.. किस चुदक्कड़ से पाला पड़ा है.. चोद दो साली को.. उसकी गाण्ड भी मारो ना.. तो भी वो नानुकुर नहीं करेगी।’
‘क्या बात करती हो.. क्या इतनी चुदासी हो गई है ये.. कि मेरे लण्ड का प्रोग्राम करे?’
‘हाँ साहब जी.. आप शुरू तो करो.. फिर देखो क्या होता है..’
मैंने उसकी गाण्ड के छेद पर थोड़ा सा थूका और अपना लण्ड उसके गाण्ड के छेद पर लगाया.. मेरा सुपाड़ा जैसे ही अन्दर किया.. उसने ‘स्स्स्स्स्स्स.. हा.. आराम से..’ कह कर मुझे पीछे धकेलने की कोशिश की।
मैंने उसके बाल पकड़ लिए और फिर एक झटका मार दिया, मेरा आधा लण्ड उसकी गाण्ड के छेद में घुस गया, उसकी आँखों से आँसू आ गए लेकिन साली कुछ बोली नहीं.. उसने जैसे-तैसे सहन किया, फिर अपनी गाण्ड मेरी तरफ धकेली।
‘खप्प..’ से मेरा पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में लैंड कर गया।
‘आआआअह.. साले.. पूरा डाल दिया क्या.. मादरचोद.. फाड़ दे साली को.. बड़ी खुजाती है.. मादरचोद.. तेरी माँ की चूत में लण्ड..’
‘साली.. गाली देती है.. आज मैं तेरी गाण्ड फाड़ ही डालता हूँ।’
ऐसा कहते हुए मैंने जैसे उसको पूरी खुन्नस से चोदना शुरू किया।
‘स्स्स्सस्स्स्स.. हाय बाप रे..’
उसकी गाण्ड तो जैसे एक ब्लॉक बन गई थी.. मेरा पिस्टन अन्दर ऐसे आ-जा रहा था कि वो कुनमुनाई.. फिर चिल्लाने लगी।
‘बाप रे.. मादरचोद.. साले.. लौड़े.. क्या बीवी समझ लिया है क्या रे.. मेरे को?’
कमली ने उसके मुँह में अपना स्तन दिया.. तो उसने उसके थन को काट लिया।
कमली चिल्लाई, ‘साली रांड.. क्या गाण्ड चुदा रही है.. और मुझे काट रही है.. तेरी माँ की चूत में लौड़ा.. साली छिनाल.. तेरी लण्ड खाऊ चूत में मेरे साहब का पूरा लौड़ा।’
करीबन आधा घंटा हुआ था तभी अचानक डोर बेल बजी।
मैं घबराया.. मुझे लगा कि मेरी घर वाली आ गई शायद? वैसे ही कपड़े ठीक करते हुए मैं दरवाजे पर भाग कर पहुँचा। दरवाजा खोला तो देखा सुनील मेरा जिगरी दोस्त था।
मेरे मन में विचार आया कि इस साले को अभी ही आना था.. अभी तो मजा आ रहा था।
वैसे सुनील मेरा हमराज भी था, हम दोनों ने मिलकर कई लड़कियों को ‘थ्रीसम’ करते हुए.. चोदा था।
सुनील मेरे कपड़े देखकर कुछ-कुछ समझ गया।
बोला- साले मलाई चाटी जा रही है.. अकेले-अकेले?
उसने मजाक में कहा।
‘यार कमली है.. मेरी काम वाली.. बीवी घर पर नहीं है.. तो कमली से ही काम चला रहा हूँ।’
‘अच्छा.. चल मुझे बता..’
मुझे तो जैसे काटो तो खून नहीं.. अब इसको सारे बातें बतानी पड़ेगीं.. या फिर शेयरिंग करनी पड़ेगी।
हाय यह क्या हुआ.. अब मैं इस परिस्थिति की सामने बेबस सा हो गया क्योंकि कोई चारा ही नहीं था। सुनील मेरे जमाने का खाया खिलाया खिलाड़ी था, उसे मेरी आदत मालूम थी कि मैं चूत का कितना बड़ा रसिया हूँ। यह बात तो हम दोनों में कोई छुपी नहीं थी।
कमली ने उसका लण्ड भी खाया था… आज साला आया था तो मुझे मिलने.. लेकिन आज उसकी तो निकल पड़ी थी। आज कुछ नया करने की सोच कर हम दोनों अन्दर बेडरूम में गए तो वहाँ कमली और गुलाबो चूत सिकोड़ कर खड़ी थीं।
कमली ने जैसे ही सुनील को देखा.. तो उसकी बांछें खिल गईं, उसने तपाक से गुलाबो से कहा- अरे आज तो तेरी निकल पड़ी साली.. आई थी एक लण्ड का मजा लेने.. अब तो दो-दो खाने मिलेंगे..
सुनील बोला- कमली तू तो खाई खिलाई है.. आज तेरे साथ वाली को मजा देता हूँ। यार, तू एक काम तो करना.. जरा फ़्रिज से बर्फ लेकर आना..
मैंने पूछा- क्यों?
तो उसने कहा- अभी नई है.. तो जरा अलग तरीके से मजा देंगे।
मैंने फ़्रिज में से बर्फ निकाली और बेडरूम में आया.. तो देखा कि सुनील दोनों को नंगी कर रहा था।
यह देख कर मेरे लण्ड में भी हलचल होने लगी।
साली ये दोनों थीं भी बड़ी सेक्सी.. दोनों के पिछवाड़े जैसे बड़े गागर हों।
सुनील ने बरफ का एक टुकड़ा लिया। गुलाबो को बेड पर लिटाया। उसके पेट के बल लिटाकर उसने उसके पिछवाड़े में अपनी उंगली डाली।
मेरी उंगली से उसकी उंगली बड़ी थी।
तेल लगाकर उसने जो गुलाबो की गाण्ड में उंगली की.. तो गुलाबो सिसियाई, उसने गाण्ड हिलाई.. तो सुनील की पूरी उंगली गुलाबो की गाण्ड के छेद में घुसती चली गई।
‘हाय मादरचोद.. साले.. लौड़े के बाल.. तेरी माँ की चूत.. साले.. धीरे-धीरे कर ना भोसड़ी के.. जान लेगा क्या मेरी?’
उसकी ये गालियाँ सुनकर सुनील को गुस्सा आया.. उसने आव देखा न ताव अपना लौड़ा गुलाबो की गाण्ड के छेद पर लगाया और जोर का धक्का मारा.. तो सुनील का पूरा लण्ड गुलाबो की गाण्ड में घुस गया।
गुलाबो की आँखों में पानी उतर आया.. वो जोर से चिल्लाई.. तो मैंने सामने से उसके मुँह में अपना लौड़ा दे दिया।
‘ले छिनाल.. तेरी चूत तो तेरा घरवाला भी मारता होगा.. मैं तेरी गाण्ड फाड़ता हूँ आज..’
गुलाबो ने तुनक कर कहा- ए बाबू छिनाल न कह.. तेरे लण्ड को ले रही हूँ मैं रांड जरूर हूँ.. तुम दोनों तो मेरी फाड़ने पर तुले हो।
‘लेकिन इधर छिनाल तो हरेक लण्ड अपनी चूत में लैंड करवाती है।’
‘मैंने तो मेरे घरवाले के सिवा तुम दोनों का ही लण्ड अपने चूत में लिया है। दबा दबा के मार मेरी गाण्ड भड़वे.. तेरे लण्ड में कितना दम है.. मैं भी देखती हूँ मादरचोद..’
गालियाँ देती गुलाबो मस्त गाण्ड मरवा रही थी, उसकी गाण्ड मरवाने का सीन देख कर कमली भी गरमा गई थी, उसने मेरे लण्ड को अपनी ओर खींचा और अपने मुँह में पकड़ कर जोर से चूसने लगी।
मैंने जैसे ही उसके दूध के लोटे दबाते हुए उसको कुतिया के पोज में किया तो वह खुद ही समझ गई कि अब क्या होने वाला है। उधर गुलाबो गाण्ड मरवा कर मस्त हो रही थी.. साथ में गालियों का आदान-प्रदान भी हो रहा था।
काफ़ी देर बाद हम दोनों का पानी गिरा तो गुलाबो ने अपनी गाण्ड में ही पानी लिया और उसकी गाण्ड के पानी को कमली ने मस्त होकर चाटा।
यह थी हमारे चोदने और गुलाबो व कमली के चुदने की कहानी।
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