दूकान पर आई खूबसूरत लड़की की चूत चांदनी रात में चोदी dukan par aai khubsurat ladki ki chut chandani rat me chodi

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हेल्लो दोस्तों,मेरा नाम अर्जीत सिंह है। कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इस वेबसाइट के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढता हूँ और मजे लेता हूँ। मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढने को कहता हूँ। पर दोस्तों, आज मैं नॉन वेज स्टोरी पर स्टोरी पढ़ने नही, स्टोरी सुनाने हाजिरहुआ हूँ। आशा करता हूँ की यह कहानी सभी पाठकों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी सच्ची कहानी है।
मैं बुलंदशहर का रहने वाला हूँ। मेरी किराना की एक दूकान थी जिसमे मैं टाफी, बिस्कुट से लेकर गेंहू चावल सब कुछ बेचा करता था। कभी कभी दुकान पर बोरियत भी होती थी जब कोई कस्टमर नही आता था। मैं खाली वक़्त में सेक्सी स्टोरीज की किताब पढ़ता था वक़्त काटने के लिए और अपने फोन में चुदाई वाली ब्लू फिल्म देख लिया करता था। दोस्तों मैं अभी २४ साल का था और मेरी शादी नही हुई थी। फिलहाल तो मैं मुठ मारके ही काम चला लेता था। एक दिन मेरी दूकान में एक बड़ी खूबसूरत लड़की सामान लेने आई थी। उसका नाम सुमित्रा था। वो लड़की बड़ी मस्त माल थी। उसे देखते ही मेरा उसे चोदने का मन करने लगा। वो बहुत सुंदर लड़की थी। क्या जक्कास माल थी। ५ फुट का मस्त उपर से नीचे तक भरा हुआ कद रहा होगा। उसे पहली बार देखते ही मेरा मन उसे चोदने का कर रहा था। उसका जिस्म भरा हुआ था। रंग साफ़ था और उसकी आँखें बड़ी चंचल थी। मुझे पहली नजर में वो भा गयी थी। मैं उससे बात करना चाहता था। वो मुझे मस्त माल लग रही थी।
“आपको कभी मैंने देखा नही है!!” मैंने उससे कहा
“हाँ मैं पहले गाँव में रहती थी। मैं अपने मामा के यहाँ पर रहने आई हूँ। अब मैं बुलंदशहर में ही रहूंगी और ssc की तैयारी करूंगी। मेरा घर पराग देरी के पास है” सुमीत्रा बोली। मैंने उसका नाम भी पूछ लिया था। उसने मैगी, बिस्किट के कुछ पैकेट, ब्रेड और एक किलो मैदा लिया। वो हंस हंसकर बात कर रही थी। मैं भी हंसने लगा। फिर सामान खरीदकर वो चली गयी। उसकी खूबसूरती और मन मोहनी छवि मेरे दिल में बस गयी थी। उसके जाने के बाद मैंने दुकान के गोदाम में जाकर मुठ मार ली थी। मैं रोज उसकी राह देखने लगा। काश सुमित्रा आ जाए….काश वो आ जाए। मैं यही दुआ करता। कुछ दिन बाद मुझे सुमित्रा के दर्शन फिर से हो गये।
“अरे सुमित्रा बड़े दिनों बाद तुम दिखाई दी???” मैंने हंसकर पूछा
“हाँ मेरा एक एक्साम था। वही देने मैंने नोयडा चली गयी थी” सुमित्रा बोली
हम हँसकर बात करने लगे। जो जो सामान उसने माँगा मैंने एक पन्नी में बांध दिया। साथ ही मैंने अपना मोबाइल नं एक कागज में लिखकर पन्नी में रख दिया। शाम को सुमित्रा ने मुझे काल किया। शायद वो भी मुझे पसंद करने लगी थी। धीरे धीरे हम दोनों की फोन पर बात होने लगी। वो लड़की मुझसे पट गयी थी। सुमित्रा हमेशा हंस हंसकर बात करती थी। अब हमारी बाते होते होते १ महिना हो गया था। मेरा उसे चोदने का बहुत मन था। रात को मैंने उसे काल किया।
“हाय सुमित्रा कैसी हो???” मैंने प्यार भरे अंदाज में पूछा
“अच्छी हूँ, तुम कैसे हो??” उसने पूछा
“मैं भी ठीक हूँ। मेरा तो चुदाई करने का बड़ा मन कर रहा है। क्या तुमने कभी चुदाई की है” मैंने पूछा
सुमित्रा झेंप गयी।
“नही मैंने कभी चुदाई नही की है” वो बोली
“करोगी जान!!” मैंने पूछा
कुछ सेकेंड था वो खामोश रही और कुछ नही बोली।
“बोलो तुम्हारे घर की छत पर आ जाऊं” मैंने पूछा
वो कुछ नही बोली। मैंने इसे उसकी हाँ समझ ली।
“ठीक है आज मैं तुम्हारे घर की छत पर आ जाऊंगा। तुम आ जाना” मैंने कहा और फोन कर दिया। दोस्तों शाम को मैंने ८ बजे दुकान बंद कर दी। सुमित्रा का घर पराग डेरी के ठीक बगल में था। मैं पराग डेरी में चला गया और उसकी छत पर चढ़ गया, फिर मैं वहीँ से सुमित्रा के घर की छत पर चढ़ गया। कुछ देर इंतजार करने पर मेरी चिड़िया आ गयी। सुमित्रा के आते ही मैंने उसे बाहों में कस लिया और किस करने लगा। वो भी चुदने के मूड में थी तभी तो टाइम पर आ गयी थी। उसने सलवार कुरता पहन रखा था। वो जादातर भारतीय कपड़े ही पहनती थी। उसका फिगर तो बहुत मस्त था। उसके भरे पुरे जिस्म को देखकर ही तो मुझे उससे प्यार हुआ था।
मैंने अपने होठ उसके होठो पर रख दिए और किस करने लगा। वो भी मेरा गर्मा गर्म चुम्बन लेने लगी। कुछ ही देर में हम दोनों गरमा गए थे। मैंने जी भरकर उसके रसीले होठ चूसे। इस समय रात के ९ बजे थे और आज पूर्णमासी थी इसलिये चाँद चमक रहा था। दोस्तों श्वेत चांदनी चारो और फैली हुई थी जो बहुत रोमांटिक मौसम बना रही थी। साथ ही ठंडी हवा भी चल रही थी। मेरा लंड तो वैसे ही खड़ा हो गया था। मैं सुमित्रा को चोदने के लिए बिलकुल मरा जा रहा था। हम दोनों खड़े होकर बड़ी देर तक एक दूसरे के होठ चूसते रहे। बहुत मजा आया। फिर मैंने उसके दुपट्टे को लेकर छत पर बिछा दिया। और सुमित्रा के सलवार कमीज को मैंने निकाल दिया। अपनी टी शर्ट जींस भी मैंने निकाल दी। फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी भी खोल दी। अब मेरी मस्त चुदक्कड माल सुमित्रा ठीक मेरे सामने थी। उसकी आँखें बड़ी बड़ी बहुत चंचल थी। मैंने कुछ देर तक उसकी आँखों पर किस किया। दोस्तों चांदनी रात में नंगी और बिना कपड़ों में सुमित्रा बिलकुल कैटरीना कैफ लग रही थी। मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसकी खूबसूरती को मैं अपनी आँखों से पी रहा था। एक बार मैंने से मैं नंगा होकर उसपर चढ़ गया और उसके होठ चूसने लगा। वो भी मेरे होठ चूस रही थी। आजतक ना ही उसने और ना ही मैंने चुदाई की थी। हम दोनों का ये फर्स्ट टाइम था। सुमित्रा का फिगर 36 34 30 का था। वो बहुत भरे हुए जिस्म वालिया लौंडिया थी। उसके अंग अंग में सिर्फ गोश ही गोश था।
फिर मैंने अपने हाथ उसके नंगे बूब्स पर रख दिए तो वो मचल गयी और “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” चिल्लाने लगी। मुझे उसकी आवाजे अच्छी लग रही थी। उसके बूब्स तो बहुत बड़े बड़े गोल गोल शंख के आकार के थे। मैंने अपने हाथ से उसके बूब्स दबाने लगा और सहलाने लगा। दोस्तों रोज सुमित्रा के बूब्स मैं उसकी कमीज के उपर से देखता था। तब भी मुझे बहुत मजा आता है पर आज तो मैं उसके नंगे बूब्स को अपने हाथ से सहला रहा था। लग रहा था की जैसे दुनिया की बेशकीमती चीज मेरे हाथों में हो। मैं बहुत जादा यौन उत्तेजित हो गया था। मेरे हाथ सुमित्रा के चंचल मम्मो को सहला रहे थे। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर मैंने बड़ी तेज तेज उसके बूब्स को हाथ से दबाने लगा। वो “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” कहने लगी। फिर मैं उसके उपर लेट गया और खूबसूरत जवान लड़की सुमित्रा के बूब्स पीने लगा। दोस्तों उसकी चूचियां बहुत खूबसूरत, बहुत गुलाबी और सुंदर थी। इतनी मुलायम चूचियां मैंने कभी अपने हाथ में नही ली थी। मैं मुंह लगाकर सुमित्रा की चूचियों को पीने लगा। मुझे तो जन्नत का मजा मिल रहा था। उसकी चूचियां ३६ इंच की बड़ी बड़ी थी जो बहुत सुंदर लग रही थी। उनकी निपल्स के चारो ओर बड़े बड़े काले रंग के घेरे थे जो बहुत जंच रहे थे। मैं तो अपनी जीभ से उसके काले घेरो को चूस और चाट रहा था।
सुमित्रा को मैंने पटा लिया था। आज उसकी चूत मुझे चोदने को मिलने वाली थी। मेरा हाथ खुद ही उसकी नंगी टांगो और कमर पर जाने लगे। वो बहुत चिकनी माल थी। मैं उसके गोल गोल पुट्ठों को सहला रहा था। उसके दूध को मैं बड़ी देर तक चूसता रहा। किसी बच्चे की तरह मैं उसकी दोनों छातियों को पी रहा था जैसे बकरी के बच्चे उसके थन पीते है ठीक उसी अंदाज में मैं पी रहा था। फिर मैंने अपना ८” लम्बा और २ इंच मोटा लंड उसके हाथ में दे दिया। वो मेरे लौड़े को फेटने लगी। मुझे उतेज्जना होने लगी। फिर सुमित्रा ने बैठ पर मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी। आज हम दोनों का फर्स्ट टाइम था। मैं भी कुवारा था। वो भी कुवारी थी। हम दोनों आज पहली बार चुदाई का मजा लेने जा रहे थे। वो जल्दी जल्दी मेरे लंड को चूसने लगी तो मैं अअअअअ आआआआ… सी सी करने लगा। कुछ देर बाद तो मेरा लंड तन गया और बहुत कसा हो गया था। सुमित्रा के खूबसूरत ओंठ जब मेरे लौड़े को जल्दी जल्दी चूसने लगे टी मैं सीधा इंद्र लोक ही पहुच गया था।
वो मेरे सुपाडे को जीभ से चाट रही थी। फिर वो मेरे मोटे लौड़े को मुंह में अंदर गले तक लेकर चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। लग रहा था की कहीं मेरा माल निकल गया तो मैं आज इस सुंदर चादनी रात में अपनी माल को चोद नही पाऊंगा। पर उपरवाले से साथ दिया और मेरा माल नही निकला। जबकि २ बार बूंद मेरे लंड से बाहर निकल आई थी। सुमित्रा उसे चूसा रही थी। उसने ३० मिनट मेरा लंड चांदनी रात में चूसा। फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसके पैर खोल दिए। चांदनी रात में उसकी चूत बड़ी खूबसूरत लग रही थी। मैंने काफी देर तक उसके मम्मे पीये थे इसलिए उसकी चूत गीली हो गयी थी और चिकनाई निकल आई थी। ये देखकर मैं और रोमांचित हो गया और जीभ लगाकर अपनी गर्लफ्रेंड की चूत पीने लगा। सुमित्रा “आई…..आई….. अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” कहने लगी। साफ था की उसे भी भरपूर मजा मिल रहा था। मैं जल्दी जल्दी उसकी चूत को पी रहा था। वो कुवारी लड़की थी। उसकी सील बंद थी और किसी ने उसे आजतक नही चोदा था।
मैंने उसके पैर और जादा खोल दिए और जल्दी जल्दी उसकी बुर चाटने लगा। उसके चूत के दाने को मैं जीभ से हिला देता था। वो अपनी गांड उठाने लग जाती थी। मैंने कुछ देर तक उसकी चूत को पीकर और जादा रसीला बना दिया था। फिर मैंने उसकी चूत में थूक दिया और अपने ८” के लौड़े पर थूक मल लिया और उसकी चूत के छेद पर मैंने अपना लौड़ा रख दिया और जोर का धक्का मारा। ““आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” सुमित्रा चिल्लाई। मैंने नीचे देखा तो उसकी सील टूट गयी थी। मेरे लौड़े से उसकी कमसिन चूत का शिकार कर दिया था। मेरे लंड ने किसी तलवार की तरह उसकी चूत की सिटी को खोल दिया था। मेरे लंड पर उसका खून लगा हुआ था। सुमित्रा को दर्द हो रहा था। धीरे धीरे मैं अपने लंड को उसकी फुद्दी में चलाने लगा। वो चुदने लगी और उसने मुझे कसके पकड़ लिया।
काश ऐसा ही होता रहे की हर महिना मुझे नई नई लड़की की सील तोड़ने को मिलती रहे। धीरे धीरे मैं सुमित्रा को चोदने लगा। वो “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” कर रही थी क्यूंकि उसे दर्द हो रहा था। मैं नही रुका और उसे पेलने लगा। उसने मेरे हाथ को कसके पकड़ लिया। मैं उसे झुककर उसके माथे पर किस कर लिया। मैं धीरे धीरे चुदाई शुरू कर दी। कुछ देर बाद मेरे मोटा जालिम लंड अच्छे से उसकी बुर को चोदने लगा। धीरे धीरे उसे भी मजा आ रहा था। मैं उसे बजाने लगा और कुछ देर बाद उसका दर्द कम हो गया था। अब उसे कम दर्द हो रहा था। मैं जल्दी जल्दी उसकी चूत लेने लगा। बहुत मजा आ रहा था दोस्तों।
आज मेरा भी फर्स्ट टाइम था। जैसे ही मेरा लंड सुमित्रा की चूत में जाता तो अपना मुंह खोल देती। उसकी आँखें तो टंग गयी थी। मैंने उसे गाल और ओठो पर किस करते हुए ठोंक रहा था। मेरी कमर नाचने लगी और उसकी चूत चोदने लगी। २० मिनट होने पर अब मैं बहुत जल्दी जल्दी अपनी गर्लफ्रेंड से सम्भोग कर पा रहा था। वो बार बार अपनी पतली सेक्सी कमर को उठा देती थी। मैं ये देखकर पर रोमांचित हो जाता था। फिर मैं उसके पेट और नाभि को अपने हाथ से छूने और सहलाने लगा। वो सिस्कारियां लेने लगी। मैं उसे जल्दी जल्दी ठोंकने लगा। फिर मैं झुक गया और उसके दूध को मैंने मुंह में भर लिया और चूसने लगा। कुछ देर बाद मैंने सुमित्रा की ठुकाई फिर से शुरू कर दी।
मेरी नजरों में सुमित्रा ने अपनी नजरें डाल दी। छिनाल को मैं घूरते घूरते ताड़ते ताड़ते पेलने लगा। मैं जोर जोर से अपनी कमर चला चलाकर उसे चोद रहा था। सुमित्रा को इस तरह आँखों में आँखें डालकर खाने में विशेष मजा और सुख मिल रहा था। मेरा लौड़ा किसी ट्रेन की तरह उसकी चूत की दरार में फिसल रहा था। बहुत अच्छे से चूत मार रहा था। फिर मुझे बड़ी जोर की चुदास चढ़ी। बिजली की तरह मैं सुमित्रा को खाने लगा। इतनी जोर जोर से उसे चोदने लगा की एक समय लगा की कहीं उसकी बुर ही ना फट जाए। मेरे खटर खटर के धक्कों से मेरी गर्लफ्रेंड का पूरा जिस्म काँप गया। उसके चुचे हिलकर थरथराने लगे। मैं बिजली की तरह सुमित्रा को पेलने लगा। मुझे लगा रहा था की झड़ने वाला हूँ। पर ऐसा नही हुआ। मेरा मोटा सा लौड़ा मेरी सामान के भोसडे में झड़ने का नाम नही ले रहा था।
मैं बहुत देर तक सुमित्रा को चोदता रहा पर फिर भी नहीं झडा। मैंने लौड़ा झटके से निकाल लिया और उसकी गर्म गर्म जलती चूत को पीने लगा। वाकई ये एक शानदार अनुभव था। कुछ देर बाद सुमित्रा की चूत ठंडी पड़ गयी थी। मेरे लौड़े की खाल पीछे को सरक आई थी। गोल गोल मुड़कर मेरे लौड़े की खाल पीछे आ गयी। मेरा सुपाडा अब गहरे गुलाबी रंग का हो गया था। मेरे लौड़े का रूप ही बदल गया था सुमित्रा की बुर चोदकर। अब मेरा लौड़ा किसी बड़े उम्र के आदमी वाला लौड़ा दिख रहा था। मैं कुछ देर तक अपना लौड़ा देखता रहा फिर मैंने सुमित्रा की छोटी सी चूत में डाल दिया। फिर से मैं उसे चोदने लगा। इस बार मैंने बिना रुके उसे कई मिनट तक चोदा क्यूंकि एक बार भी मैं रुकता या आराम करता तो माल उसके भोसड़े में नही गिरता। अनेक अनगिनत धक्को के बीच चट चट की मीठी आवाज के साथ मैं अपनी गर्लफ्रेंड की चूत में शहीद हो गयी। उसके बाद हम दोनों लेटकर किस करने लगे और प्यार करने लगे।

पहली बार जब चूत में ऊँगली की pahli bar jab chut me ungali ki

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हेलो दोस्तो, मेरा नाम मंजू देवी है, और मैं हरियाणा में रहती हूं, आप सब के सामने यह मेरी पहली हिंदी सेक्स स्टोरी है जो मेरे साथ सच में हुई उस रात. उस रात से मेरी जिंदगी ही बदल गई, इसलिए यह मेरी सच्ची कहानी है जो आप सब को बताने जा रही हु, तो चलिए शुरू करते हैं.
पहले दोस्तों में आप को अपनी फैमिली के बारे में बता दू, मेरी फैमिली में मेरी मम्मी डैडी और मेरे भैया भाभी रहते हैं, मेरे घर में तीन कमरे हैं. दो रूम नीचे और जिसके साथ बाथरूम अटेच हे, और एक रूम विथ अटेच बाथरूम उपर है, उस में मेरे भैया भाभी रहते हैं, और एक रूम में मम्मी डैडी और एक रूम में में. मेरे डैडी रेलवे में जॉब करते हैं और मेरे भैया आर्मी में हे इसलिए मेरे भैया घर पर सिर्फ २ या ३ महीने के लिए ही आते हैं.
इसलिए मैं अपनी भाभी के साथ ज्यादा रहती हूं, जब भैया आर्मी मैं चले जाते हैं तो मैं और भाभी एक साथ उनके रुम में सोते हैं, मैंने अपना सारा स्टडी का सामान उन के रूम में ही सेट किया हुआ है, हम रात को ११ बजे तक सोते थे, क्योंकि में १०:३० बजे तक स्टडी करती थी और ३० मिनट भाभी से बातें करती थी, और हम दोनों बातें करते करते कब सो जाते थे पता ही नहीं चलता था. में मेरे भाभी को अपनी सहेली समझती थी, इसलिए उनसे मेरी इतनी अच्छी बनी हुई थी हम दोनों अपनी सारी बातें शेयर करते थे.
ऐसी ही टाइम निकलता रहा और एक दिन हम हर रोज की तरह मैं और भाभी ११ बजे तक सो गए थे पर उस रात करीब १ बजे मेरी आंख खुली और मुझे भाभी की आवाजें सुनाई दे रही थी, मुझे लगा भाभी कुछ कर रही है, इसलिए मैंने कंबल से चुपके से भाभी को देखा.
भाभी को देख कर मेरे होश उड़ गए मैंने देखा कि भाभी पूरी नंगी मेरे भैया के नीचे लेटी हुई थी और भैया उनके ऊपर लेटकर अपनी पूरी कमर हिला रहे थे, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है? मैंने ऐसा कुछ अपनी क्लास की फ्रेंड से तो सुना था पर रियलिटी में अभी तक नहीं देखा था.
मेरे भैया मेरी भाभी को जोर जोर से चोद रहे थे और भाभी के बूब्स अपने मुंह में ले कर चूस रहे थे, मेरी भाभी आवाजें निकाल रही थी, और उन की साँस भी बीच बीच में अटक जाती थी, पर भैया लगातार भाभी को चोद रहे थे, यह प्रोग्राम १५ मिनट और चला और यह सब देख कर मेरी हालत भी ख़राब हो रही थी, पर भैया ने अचानक से अपनी स्पीड तेज कर ली जिसकी वजह से पूरा बेड हिलने लगा था, वह भूल गये थे कि मैं भी उनके साथ ही लेटी हुई हूं और थोड़ी देर बाद भैया रुक गए और भाभी के ऊपर से उठ कर खड़े हो गए.
यह सब मैं छुप कर देख रही थी. मैंने भैया का लंड देखा वह बहुत बड़ा था, मैंने आज पहली बार लंड देखा था. फिर भैया भाभी ने अपने कपड़े डाले और सो गये, कुछ टाइम बाद वह दोनों गहरी नींद में सो गए थे पर उन्होंने मेरी नींद उड़ा दी थी, क्योंकि यह सब देख कर मेरी हालत खराब हो गई थी, मुझे कुछ होने लग गया था मेरी बॉडी का टेंपरेचर बहुत ज्यादा हो गया था, मेरे दिल की धड़कन भी तेज होने लग गई थी.
मेरा हाथ मेरी सलवार के पास गया तो मुझे कुछ गीला गीला सा लग रहा था, फिर मैंने अपनी पेंटी चेक करी तो बहुत गीली हो गई थी. मैंने अब अपनी चूत पर हाथ लगाया तो वह पूरी गीली हो रही थी, मैंने उस पानी को स्मेल किया उस में एक से अजीब सी खुशबू आ रही थी, तो फिर मैंने अपनी पैंटी उतार दी और अपना एक हाथ अपनी चूत के पास ले गई, वह धीरे धीरे पानी से अपनी चूत की मालिश करने लगी वह पानी थोड़ा चिपचिपा था इसलिए मुझे थोड़ा मजा आने लगा.
फिर मैंने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाली और मेरी पूरी बॉडी में करंट फेल गया. मैं पूरी की पूरी कांप गयी यह मेरे साथ पहली बार हुआ था इसलिए मुझे कुछ समझ नहीं आया, उसे जो मुझे मजा मिला उससे मुझे एक अलग सी खुशी हुई, अब मैं दोबारा से उंगली अंदर डाली और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगी, मुझे बहुत ज्यादा मजा आने लगा. मेरी आंखें अपने आप बंद हो गई थी और मैं भाभी की तरह आह्ह औऊ अह्ह्ह हहह करने लगी थी.
फिर मैंने अपनी स्पीड तेज कर ली और मुझे ज्यादा मजा आने लगा, थोड़ी देर बाद मेरी पूरी बॉडी अकड गई और मेरी चूत पूरी गर्म होने लगी, मुझे नहीं पता था कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है? तभी मेरी चूत से पानी की नदी बाहर निकल गई, वह बहुत सारा पानी था और पहले वाले पानी से बहुत चिपचिपा था, और उसकी खुशबू भी अच्छी थी. जब मैंने अपने हाथ अपनी पैंटी से साफ किया और अपनी सलवार सेट कर के सो गई, उस रात मुझे बहुत अच्छी नींद आई और मैं सुबह लेट उठी जिसकी वजह से मैं अपने कॉलेज भी नहीं जा सकी.
तब मैंने उठ कर भाभी से पूछा भैया कहां है? वह रात को आए थे? तो भाभी ने कहा कि वह तो यहां रात को किसी के काम से आए हुए थे, इसलिए रात को घर आए थे, वह ५ बजे चले गये. अब मैं बाथरुम में नहाने के लिए गई तो मैंने अपनी चूत को देखा वह पूरी गुलाबी लग रही थी, मेरी चूत पर बाल नहीं आए थे इसलिए और भी ज्यादा सुंदर लग रही थी. मेरी चूत पूरी गोरी है जेसे दो डबलरोटी हो. मैं यह देख कर खुद ही शरमा गई.
मेरे गाल लाल हो गए जब मैंने अपनी चूत पर वाइट दाग देखा मुझे समझ आ गया था कि यह रात का पानी का है, फिर मैंने अपनी पैंटी देखि उस पर भी दाग था और वह अब वह हार्ड हो चुका था, तो मैंने नहा लीया और एक बार फिर से अपना पानी निकाला.
अब मुझे समझ आ गया था कि लड़के हम लड़कियों में क्या देखते हैं? इसलिए अब मैं अपने आपको अच्छे से तैयार करती थी, करीब घंटा नहाने में और घंटा तैयार होने में लगाने लगी. मैं शीशे के सामने खड़ी होकर खुद को ही देखती रहती थी. सोचती की भाभी में ऐसा क्या है जो मुझ में नहीं है? मैं अपने लिप्स और अपने बालों को बहुत तारीफ करती थी, क्योंकि मेरे लिप्स बहुत अच्छे हैं मेरे लिप्स पतले पतले और पूरे डार्क गुलाबी कलर के हैं, और बहुत सॉफ्ट है, मेरे बाल काफी लंबे हे और ओवरऑल में बहुत सेक्सी और खूबसूरत हु.
अब मेरा जब मन करता था तो मैं अपनी चूत को उंगली से शांत कर लेती थी और अपने बूब्स और गांड की उस पानी से मालिश करती थी, जिससे कि उस की और ज्यादा शेप आने लगी थी, दोस्तों यह सब कमाल उस रात का लगता है उस रात से मेरी लाइफ चेंज हो गई है.

चोदने गया बेटी को और चुद गयी उसकी चुदक्कड़ माँ chodne gaya beti ko or chud gai uski chudkkad maa

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मैं सोनू दिल्ली से इंजिनियरिंग कर रहा हूँ। मैं 5’5″ का एक लम्बे हथियार का मालिक हूँ! जो किसी को भी पूरी संतुष्टि देने की ताक़त रखता है।
अब मैं अपने कहानी पर आता हूँ! बात उस समय की है! जब मैं 10वीं पास करके हॉस्टिल से बाहर एक किराए के कमरे में रहने आया था। मैं हमेशा अकेला रहना ज़्यादा पसंद करता हूँ!
मैंने एक अकेला कमरा, किराए पर ढूँढ कर ले लिया। मकान मालिक थोड़ा पैसों के लालची थे! उन्होंने मुझसे कमरे का किराया 2गुना लिया! हालांकि! कमरा बहुत छोटा था और मुझे जरुरी थी।
उनके परिवार में 2 बेटे और 2 बेटियाँ थी। बड़ी बेटी दिखने में कोई खास नहीं थी, लेकिन छोटी वाली तो गजब की लगती थी! मासूम चेहरा! फिगर भी मस्त था!
एक दिन! मैंने उसे जब देखा! तो ख्याल आया! कि क्यों ना! इसी से किराया वसूल किया जाए। अब मैं उसे पाटने में लग गया। धीरे धीरे! बात शुरू हुई।

मुझे पता लगा! उसका अभी कोई आशिक नहीं था। मैं डोरे डालने लगा! वो भी, अब धीरे धीरे! मेरी तरफ आकर्षित होने लगी!
होंठों का चुम्बन और लण्ड चुसाई
एक दिन! उसका जन्मदिन था, तो वो एक मिठाई का डब्बा और आईसक्रीम ले कर मेरे कमरे में आ गई। मैंने तो सोचा! कि लगता है, अब बात बन जाएगी!
मैंने उसे जन्मदिन की बधाई दी और फिर साधारण सी बात हुई। एकाएक! मैं उसके होंठों से अपने होंठ को लागाकर चूमने लगा!
अचानक! वो भी हैरान हो गई! लेकिन! फिर उसने भी मेरा साथ दिया। हम 10 मिनट तक! ऐसे ही चिपके रहे! ऐसा लग रहा था! जैसे मुझसे ज़्यादा उसे ही जल्दी हो चुदवाने की!
अब उसने मेरा जीन्स खोलकर! मेरा लण्ड बाहर निकल लिया, और लोलीपॉप की तरह चूसने लगी! ऐसा लग रहा था! जैसे लण्ड चूसने में उसने पीएचडी किया हुआ है!
आंटी की मस्त चूचे देख पागल हुआ
अचानक! उसकी दीदी का फोन आया! कि मम्मी को शक हो गया है! वो अब जाने वाली है कमरे में, भागो वहाँ से! वो जल्दी से चली गई! और फिर आंटी आई, क्या मस्त! बूब्स थे उनके।
उन्होंने शक की नज़रों से, मेरे कमरे में इधर उधर देखा! लेकिन कुछ नही मिला। वो जाने लगी, मैं उनकी गांड देखकर पागल हो गया!
कुछ दिन! ऐसे ही गुजर गए, मुझे मूठ मार कर ही काम चलाना पड़ता था!
खैर! एक दिन किस्मत ने भी मेरा साथ दिया। उसके मकान से एक कमरा जुड़ा हुआ था और वो कमरा खाली हो गया। मुझे उस कमरे में जाना पड़ा।
उस कमरे का एक दरवाजा उसके मकान में जाता था। मैंने उसे अन्दर से बंद कर दिया! ताकि उनलोगों को कभी शक नही हो!
भूखी शेरनी जैसी मुझ पर टूट पड़ी
एक दिन! मैं लेटा हुआ था! कि अचानक! किसी ने दरवाजा ठोका! मैंने झट से खोल दिया, और वो जल्दी से मेरे कमरे में आ गई।
जब मैंने देखा! वो आंटी थी! और उन्होंने मुझे कुछ सोचने का मौका भी नहीं दिया। अचानक! मेरे ऊपर चढ़ गई!
मेरे शरीर पर हर जगह चूमने लगी! जैसे जन्मों की प्यासी हो! कुछ देर बाद! वो शांत हुई, तो मैंने पूछा- यह क्या कर रही हैं आप?
उसने कहा- आज! कुछ मत बोलो! बस होने दो जो भी हो रहा है! मैं बहुत प्यासी हूँ! मेरे पति शराब के नशे में डूबे रहते है! इस वजह से अब उनमें वो दम नही रह गया है!
खैर! मुझे क्या फ़र्क पड़ता? कोई भी हो! अब मैं भी लग गया उनकी सेवा में! हम दोनों एक दूसरे के होंठ को खा जाना चाहते थे!
उन्होंने मुझे और खुद नंगी को गई
उनकी साँसे बहुत फूल रही थी, और सिसकारियाँ लिए जा रही थी! उसके बाद, मैंने धीरे धीरे! उनका कपड़ा उतारना शुरू किया! और उन्होंने मेरा कपड़ा उतारा!
अब हम दोनों नंगे हो गए! उन्होंने जैसे ही! मेरे लण्ड को देखा! तो खुशी से पागल हो गई!
वो कहने लगी- हाय! इतना मोटा लण्ड है आपका! मेरी बेटी को चोदते, तो वो मार ही जाती!
मुझे अचानक से झटका लगा! कि यह क्या बोल रही है? चूँकि! वो अपने आपे में नही थी! वो ज्यादा बहुत चुदासी थी!
वो अब मेरे लण्ड को लेकर चूसने लगी! 10 मिनट तक! चूसते हुए मुझे लगा! कि मैं झड़ने वाला हूँ! अब मैंने अपना लण्ड! उनके मुँह से निकाल लिया, और उनको बेड पर पटक दिया।
चिकनी चूत चटाई और दमदार चुदाई
अब मैंने उनकी चूत चाटनी शुरू की! क्या मस्त चूत थी! एकदम कसी हुई! और एक भी बाल नही थी चूत पर!
ऐसा लगता है! जैसे पूरी तैयारी के साथ मुझसे चुदवाने आई थी! मैं उनके दोनों चूचियों को बारी बारी से चूसने लगा! क्या रसीले चूचियाँ थीं उनकी! मज़ा आ गया!
अब वो कहने लगी- चोदो मुझे! भोसड़ा बना दो! मेरी चूत का! फाड़ दो इसे! बहुत दिनों से परेशान किए जा रही थी! आज इसकी पूरी गर्मी निकाल दो!
मैंने भी उसे अब घोड़ी बना दिया! और अपना लण्ड उनके चूत पर रखकर धक्का मारा! लण्ड फिसल गया! क्योंकि चूत बहुत कसी थी! बहुत दिनों से नहीं चुदवाने की वजह से!
मैंने लण्ड को फिर से चूत में रखा! और धक्का मारा! इस बार लण्ड चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया। उनके मुँह से आवाज़ निकली! लेकिन मैंने अपने होंठों से उसके होंठ दबा दिया!
वरना! क़यामत आ जाती! मैं उनको ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा! और वो भी मेरे हर धक्के का जवाब! अपनी गांड उठा उठा कर दिए जा रही थी।
आंटी ने फिर से चुदने का वादा लिया
करीब 30 मिनट तक! धक्कम पेल चुदाई! चलने के बाद! मेरा अब गिरने वाला था। तब तक वो 2 बार गिर चुकी थी! मैंने धक्के और तेज कर दिए! और 5 मिनट के बाद! हम दोनों एक साथ झड़ गए।
हम दोनों थककर एक दूसरे के बाँहों में लिपटकर सो गए। कुछ देर बाद! हम दोनों उठे, और बाथरूम गए एक दूसरे को साफ करने के लिए! उसने कपड़े पहने, और लण्ड पर चूमने लगी!
उसने मुझसे कहा- अब अगली बार! पूरी तैयारी के साथ आऊँगी! मैं कुछ समझा नहीं! चूँकि! मैं पूरा थक चुका था, तो मुझे भी नींद आ गई!
दोस्तो, अब अगली कहानी में बताऊँगा! क्या थी वो तैयारी? फिर कैसे मौका मिला? मीनू को भी चोदने का! कैसे जमकर मसला दोनों माँ बेटी को! तब तक के लिए अलविदा!

मेरी बीवी अपने बॉस से चुदी meri biwi apne boss se chudi

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मेरा नाम रवि, मेरी उम्र 24 है। मैं एक सरकारी नौकरी करता हूँ। मेरी पत्नी का नाम सुनयना है। उसकी उम्र भी 23 साल है। वह एक निजी कम्पनी में काम करती है। उसने एम बी ए कर रखी है। वो बहुत सुन्दर है। उसकी फ़िगर 32-28-32 और उसका कद 5’4″ है। उसके चुची गोल गोल और गोरी गोरी है। हमारी लव मैरिज हुई थी। पर हम दोनों काम के कारण दूर-दूर रहते हैं। उसे मुझसे चुदना बहुत पसन्द है। जब भी हम मिलते हैं तो वो रात भर चुदती है। मैं कई बार झड़ ज़ाता हूँ पर वो एक बार भी नहीं झड़ती। वो काफी गरम है।
यह उस समय की बात है जब मैं उससे मिलने गया। उसके फ़्लैट की एक चाबी मेरे पास रहती है। मैं घर के अन्दर चला गया। सुनयना वहां नहीं थी। मैं उसे सरप्राइज़ देना चाहता था। पर मुझे क्या पता था मुझे सरप्राइज़ मिलेगा। दोस्तों यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
वहाँ पर मैंने जो देखा उसे देख कर मैं दंग रह गया। वहाँ पर शराब की बोतलें थी हर जगह। जब मैंने उसकी अलमारी खोली तो वहाँ ब्लू फ़िल्म की सीडी और काफ़ी कन्डोम थे। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह सब सामान यहाँ क्यों है।
मैं सुनयना पर बड़ा विश्वास करता था। पर मुझे गड़बड़ लगी। मैं सुनयना का इन्तज़ार करने लगा। तभी बाहर गाड़ी की आवाज सुनाई दी। मैंने सोचा कि सुनयना आ गई। जब मैंने शीशे से बाहर देखा तो मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ। उसके साथ काई आदमी था, 45 साल का होगा। मैं तुरंत परदे के पीछे छिप गया। तभी दोनों अन्दर आ गये।
सुनयना ने सफ़ेद रंग की कमीज़ और काले रंग की स्कर्ट पहनी थी। उसके बाल खुले थे। सुनयना और उसका बॉस दोनों बातें करने लगे। सुनयना 4 गिलास और शराब की बोतल ले आई। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करुँ। मैं सोचने लगा कि सुनयना ऐसा कैसे कर सकती है। सुनयना ने 4 ग्लास ड्रिन्क बना दिये। तभी बेल बजी, सुनयना ने दरवाज़ा खोला तो दो और आदमी अन्दर आ अये। सभी उसके बॉस लग रहे थे। एक ने अन्दर आते ही उसे चूम लिया और उसे उठा के ले आया। सभी ने ड्रिन्क उठा ली। उस समय मुझे इतना गुस्सा आ रहा था कि उसे मार दूँ। मेरे साथ इतना बड़ा धोखा किया मेरे प्यार ने।
तब उसके एक बॉस उसके पास जा के बैठ गया और उसके वक्ष पे हाथ फ़ेरने लगा। उसने सुनयना की शर्ट उतार दी, उसने काले रंग की ब्रा पहन रखी थी। तब सभी उसके पास आ गये और उसकी शरीर पे हाथ फ़ेरने लगे। वो अब गर्म होने लगी थी। एक बॉस ने उसकी स्कर्ट के अंदर हाथ डाल दिया और उसे उठा के बेड पे ले गए। उन्होंने उसकी स्कर्ट उतार दी, उसने काले रंग की पैन्टी पहनी थी। एक ने उसकी ब्रा उतार दी और पैन्टी भी। दोस्तों यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
वो अब बिल्कुल नंगी होकर एक रन्डी की तरह बेड पड़ी थी। एक बॉस उसके स्तन दबा रहा था और एक उसकी चूत में उन्गली डाल रहा था और एक उसको देख कर मुठ मार रहा था। वो इस सब का काफी मज़ा ले रही थी। मैंने देखा कि मेरा लन्ड भी खड़ा हो गया है। मैं भी उसे देख कर मुठ मारने लगा। तब एक ने सुनयना के मुँह में लण्ड डाल दिया। वह भी पूरा लण्ड मज़े से चूसने लगी। उसने कभी इस तरह मेरा लण्ड नहीं चूसा होगा। एक उसके स्तनों को जोर जोर से दबा रहा था, उसके मुँह से अहऽऽ अहऽ अहऽऽऽ की आवाज निकल रही थी। तभी एक ने उसकी चूत में पूरा लण्ड डाल दिया। वो पूरे मजे में चुद रही थी। तब एक ने उसकी गाण्ड में लण्ड डाल दिया। वो मेरे आँखों के सामने दो लण्ड ले रही थी और एक का लौड़ा अपने मुँह में ले रखा था। क्या दृश्य था ! मेरे सामने ब्लू फ़िल्म लगी थी जैसे।
फ़िर एक बॉस का पूरा लण्ड अपने मुँह में भर लिया और अन्दर-बाहर करते हुए अपने मुँह की चुदाई कराने लगी।
सर, मुझे लण्ड चूसने में मज़ा आ रहा है !
“आह…ये…या. यस…वाह…मेरी…जान…चूस…चूस ले..ले… और अन्दर … और अंदर ले … भोसड़ी … की.. और जोर .. से.. ले..और ले.. ले… वाह…” अब उसने सुनयना के मुँह में धक्के मारना चालू कर दिया था।
लेकिन अचानक बॉस ने सुनयना के मुँह में धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और सर पकड़ कर पूरा लण्ड मुँह में अन्दर बाहर करते हुए ज़ोर से चिल्लाने लगा “आ…..ह…. .ह…. आ…ले… कॉम…ओं…न ….मेरी…जान…ले..पीले…पूरा.. पी..ले.. माँ..चोद. चूस.. चूस… पी…ले..पी..”
अचानक उसके मुँह में पिचकारी चल गई। एक बॉस सुनयना के मुँह में अपना पानी डाल चुका था और उसने उसका पूरा रस पी लिया। सुनयना ने उसका लण्ड चाट चाट कर साफ़ कर दिया, शायद उसके रस का स्वाद अच्छा था..
झड़ने के बाद उसने अपने लण्ड बाहर निकाल लिया और हंसने लगा। दोस्तों यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है
उधर शायद दूसरा बॉस भी चूत चोद कर थक गया था इसलिए वो भी उठ कर खड़ा हो गया और सुनयना के मुँह के पास लण्ड ला कर बोला,”प्लीज़ जान मेरा भी तो चूसो..” आप पढ़ रहे है मेरी बीवी अपने बॉस से चुदी
उसने हँसते हुए उससे कहा,”तुम तीनों अगर मेरे मुँह में ही उलटी करके चले जाओगे तो मैं क्या करूंगी..!”
“नहीं मेरी जान, मैं तो तुम्हारी चूत में ही पानी डालूँगा चिंता मत करो !” एक बॉस ने जवाब दिया।
सुनयना ने एक बॉस का लण्ड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तक उसका लण्ड चूसने के बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह में से निकाल लिया और उससे बोला,”चल.. मेरी रानी.. अब कुतिया बन जा… आज तेरी चूत का बाजा बजाऊंगा !” उसने फ़ौरन उसका आदेश माना और उलटी होकर चूत को उसकी तरफ़ कर दिया। उसने भी आसन लगा कर चूत की छेद पर लण्ड लगाया और एक करारा धक्का दिया।
“आ.इ.ई.गई….आ..आ गया…आ. गया..मेरे राजा..पूरा..अन्दर..आ..गया..” सुनयना चिल्लाने लगी।
फिर तीनों ने उसे बारी बारी चोदा। कोई उसकी चूत मारता तो कोई गाण्ड तो कोई उसके स्तन चूसता। मैं अब भी पर्दे के पिछे छिपा था। अपनी सुनयना की इस चुदाई को देख मुझे रोना आ रहा था कि मेरे प्यार ने मुझे कहीं का नहीं छोड़ा। वो सब अब थक चुके थे अब वे सुनयना के स्तन और चूत को ही चूसे जा रहे थे।
तभी मैंने सुनयना को मोबाइल से संदेश भेजा कि वह क्या कर रही है।
मैं उसका उत्तर देखना चाहता था।
उसने लिखा- जान मैं नंगी हो कर बेड पे लेटी हूँ और तुम्हें सपने में प्यार कर रही हूँ।
वो सव साथ में सो गए। सुनयना रन्डी की तरह उनके बीच लेटी थी। उसका एक बॉस अभी भी उसकी चूत चूस रहा था और स्तन दबा रहा था। बाकी सब सो चुके थे और वो अभी भी उसे चूस रहा था।
उसके सभी बॉस उससे लगभग दस साल बड़े होंगे। तब मुझे लगा कि मैं उसे कभी सेक्स का मज़ा नहीं दे पाया। तब मुझे लगा कि प्यार से ज्यादा सेक्स की भूख होती है जो मैंने अपनी सुनयना में देखी।

मैं अकेली और चोदने बाले तीन जम कर चोदा me akeli or chodne wale tin jam kar chauda

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मेरा नाम ऋचा है मैं मैं अभी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही हु, . मेरी दो फ्रेंड्स की नोकारी लग गई और एक की तो शादी भी हो गई. हमारा एक कामन फ्रेंड है साहिल जो 21 साल का लंबा और पतला सा स्मार्ट लड़का है. वो भले ही टॅक्सी ड्राइवर है लेकिन उसने 9 महीने पहले हम तीनो को पहली बार चोदा था तब से मे उसे राज़ा ही बोलती हू. अब मे उस से शादी करना चाहती हू लेकिन मेरे घर बाले टॅक्सी ड्राइवर से शादी नही करेंगे इस बात का मुझे पूरा पता है क्यूकी मेरे पापा की गाव मे इज़्ज़त है.
तो मेने डिसाइड किया की मे मेरे साहिल राज़ा क साथ ऐसे ही मज़े लेती रहूगी. कॉंपिटेशन क सिलसिले मे मेने पास के शहर मे रूम ले लिया था और वह मे अकेली ही रहती हू. मोका पाकर मे साहिल से मिल लेती हू और साहिल की हर बात को मे मनती थी क्यूकी उसने ही मुझे पहली बार आज से 9 महीने पहले चोदा था और मेरी कुवारि चूत और गांड को फाड़ा था. साहिल ने कुछ दिन पहले मुझे कहा की जैसे तुम तीनो लड़कियो ने 9 महीने पहले मेरे से चूत और गांड मरवाई थी वैसे ही मे और मेरे दो दोस्त मिलकर तेरी चूत और गांड मारेंगे तो मेने हंस कर टाल दिया और साहिल को कहा की तो तू बदला लेगा मेरी चूत और गांड से.
वो भी हसने लगा लेकिन मेरे मन से ये बात निकली नही थी. मुझे साहिल क अलावा आज तक किसी ने नही चोदा . साहिल क लंड मे कितना दूं है वो मेरी चूत और गांड क अलावा कोई नही जान सकता. साहिल ने भी जितना मज़ा मेरी चूत और गांड का लिया उतना किसी का नही लिया. साहिल जब भी मुझे चोदता तो लंड क टोपे को चूत और गांड की स्किन मे फसा कर मुझे बहुत एग्ज़ाइटेड करता था. उसके सपाट लंड की साइज़ 9.25″ लंबा और 3.25″ मोटा था और लंड का टोपा 3.75″ मोटा और पिंकिश-रेड कलर का था. अब मेरी चूत और गांड खुल चुकी थी लेकिन इसका मतलब ये तो नही की 3-3 लड़के एक साथ चोदे तो कोई फ़र्क नही पड़े.
आख़िर वो टाइम भी आ गया जब साहिल का प्लान पूरा होने वाला था. उसने मुझे कॉल किया की आज रिचा ही रहेगी या गाव जाएगी तो मेने बोला की मे तो यही रहूगी और मेने उसको कहा की राज़ा मिस उ तुम आ जाओ ना. तो वो फोन पर बोलने लगा की रानी मे अवँगा भी और आज नाइट मे तुझे बहुत कुच्छ दूंगा . साहिल क साथ मेने नाइट मे कभी सेक्स नही किया था उसके साथ जब भी सेक्स किया वो दिन मे ही किया था क्यूकी नाइट मे चुदाई का सिस्टम बैठा ही नही. मेने मेरी चूत क बाल मेरे राज़ा क लिए सॉफ कर लिए और ब्यूटी पार्लर जाकर अच्छे से तैयार हो गई. मार्केट से पिंक कलर की न्यू ब्रा और पनटी जाली वाली ट्राणस्परांट ले आई क्यूकी ये कलर साहिल को अच्छा लगता था. चुदाई क आइटम क्रीम और आयिल मेरे पास पहले से थे – ये मेरी फ्रेंड माया सिंग जो नर्स है उसने लाकर दिए थे.
मे राज़ा क लिए तैयार होकर इंतज़ार करने लगी इतने मे किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मेने दरवाजे क च्छेद मे से देखा तो साहिल नज़र आया और उसके साथ 18-19 साल क दो लड़के और वो दोनो भी स्मार्ट और फिज़िकली फिट लग रहे थे. मे साहिल के साथ 2 और लड़के देखकर घबरा गई लेकिन मेने मेरे साहिल राज़ा क लिए दरवाजा खोल दिया तो तीनो रूम मे आ गये और मेने तीनो को पानी पिलाया. रात को 10 बाज चुके थे. साहिल की तरह ही उनकी भी बॉडी सॉफ थी. साहिल ने उनसे मेरा इंट्रोडक्षन करवाया और उनके बारे मे बताया. एक का नामे इरफ़ान था और सिटी क सिनिमा हॉल मे जॉब करता है. दूसरे का नामे शाहिद था और वो कभी कभी साहिल की टॅक्सी चला लेता था.

मेरा रूम इतना सेफ है की वाहा किसी की नज़र नही पड़ती की कों आ रहा है और कों जा रहा है. अब हम चारो एक दूसरे को चुपचाप देख रहे थे. मेने महसूस किया की इरफ़ान और शाहिद को साहिल धोखे से मेरे रूम पर लेकर आया था इसलिए वो मेरे ट्राणस्परांट स्कर्ट जिसमे से मेरी पनटी नज़र आ रही थी को देखकर अबनॉर्मल लग रहे थे. साहिल ने मुझे आँख मार कर इशारा कर दिया की आज हम तीनो तेरी प्यास डोर करेंगे.
तो मेने ज़्यादा टाइम खराब नही करते हुए साहिल क प्लान को अंजाम तक पहुचने की शुरुआत कर दी क्यूकी मे साहिल की हर बात का रेस्पेक्ट करती थी. साहिल की वजह से मुझे उन दोनो से भी कोई दर नही था. मे बातरूम मे जाकर मेरे स्कर्ट क हुक को ऐसे लगाया की अगर मे हल्की सी भी झूकू तो स्कर्ट नीचे गिर जाए. बातरूम से बाहर आकर मे पानी का ग्लास उठाने क लिए झुकी तो मेरी स्कर्ट गिर गयी और मेरे चूतड़ शाहिद की तरफ थे. मे वापिस बातरूम मे भागने का नाटक करते हुए लड़कड़कर साहिल और इरफ़ान क बीच गिर गई तो इरफ़ान क पंत मे लंड की जगह मेरा रिघ्त हॅंड आ गया. अब मे चोरी नज़र से देख रही थी की साहिल क साथ साथ उन दोनो लोंडो का लंड भी जीन्स पंत क अंडर ही अंडर हरकत करने लगा.
और इसी क साथ तीनो लोंडे मुझ पर टूट पड़े. साहिल मेरे माममे दबा रहा था तो इरफ़ान मेरी चूत पर हाथ रग़ाद रहा था और शाहिद मेरे चूतड़ दबा रहा था. साहिल ने मेरी ब्रा तो इरफ़ान ने मेरी पनटी उतार दी. उसमे उतरना क्यट हा वो तो वैसे ही ट्रॅन्स्परेंट थी लेकिन आयेज क इरादे और प्लान क अनुसार चूत और गांड की चुदाई क लिए ये उतरना ज़रूरी भी था. इरफ़ान तो साला सबसे तेज लग रहा था तो शाहिद भी साहिल से कम नही था. साहिल राज़ा को तो मेने आजमाया हुआ था या यू कहे की मेरे से ज़्यादा तो मेरी चुड और गांड ने उसके लंड और लंड क टोपे को अच्छे से आजमाया हुआ था.
मे बिल्कुल न्यूड थी और उन तीनो मदारचोड़ो ने अभी तक तो उपर क कपड़े भी नही उतरे थे तो मेरे इरफ़ान की त-शर्ट उतार दी और उसकी जीन्स खोलने क लिए हुक निकल दिया. पता नही क्यू आज मे इरफ़ान की तरफ कुछ ज़्यादा ही अट्रॅक्ट हो रही थी और मेने उसकी पंत भी उतार दी तो उसकी हाथ और पैर और थाइस एकद्ूम टाइट और मस्त लग रही थी. फिर मेने साहिल का शर्ट और पंत उतार दी और पीछे पलट कर मेरे चूतड़ को दबा रहे शाहिद क त-शर्ट और पंत उतार दी तो शाहिद तो बिल्कुल न्यूड हो गया क्यूकी उसने अंडरगार्मेंट्स नही पहने हुए थे तो मेने उसके लंड को छेड़ा और कहा नौज्ी अंडरगार्मेंट्स नही पहनता तो वो बोला क्या करू यार मेरा एक फ्रेंड और एक गर्लफ्रेंड माना करते है. शाहिद का लंड भी साहिल जैसा ही था और उसका टोपा पिंकिश नही होकर बिल्कुल रेड था ऐसे लग रहा था की जैसे ब्लड निकालने वाला है. उसकी थाइस एकद्ूम से स्लिम थी लेकिन देखते ही उसमे दूं लग रहा था क्यूकी वो अभी अभी तो जवान हुआ था.
मेने साहिल की अंडरवेर और बनियान भी उतार – उसको ये मेने ही उसके बर्तडे पर गिफ्ट की ही. मेने साहिल क लंड को किस किया और उसकी बॉल्स को मूह मे लेकर चूसा तो शाहिद अपने लंड से मेरी गांड की दोनो दीवारो क बीच हरकत करने लगा तो मेने उसको कहा शाहिद बेटा तस्सली रख अभी तो मेने तेरे लंड को चूसा ही नही तो मेरी गांड का नंबर नही आ सकता तो वो मेरे माममे दबाने लगा और इरफ़ान ने मेरे चूतड़ दबाने शुरू कर दिए और इरफ़ान का लंड उसकी व-शेप अंडरवेर से एक तरफ से बाहर निकल रहा था तो मेने उसकी अंडरवेर उतारकर उसको भी पूरा नंगा कर दिया तो उसके फंफंते हुए नाग ने मेरे चूतड़ पर ज़ोर से मारी मुझे ऐसे लगा जैसे उसने किसी डंडे की मारी हो.
आप विश्वास नही करोगे उसका लंड तो तीनो मे सबसे मोटा और लंबा और सुडोल और स्पॅट था और उसके लंड पर स्किन तो थी ही नही जो बिल्कुल रेड कलर का था और आगे का टोपा 4” का था और टोपे का शेप मशरूम जैसा था जो चूत या गांड मे घुस जाए तो बाहर निकलते टाइम अंडर का सब कुछ बाहर निकल दे और इतने भयंकर टोपे क साथ ही लंड की लेंग्थ 10” और विड्त टोपे से कुछ कम यानी 3.50” थी. इरफ़ान क लंड और टोपे की विड्त मे 0.50” क डिफरेन्स ने मुझे पागल कर दिया. मेने ज़ोर से सिसकारी भारी और लंड को चूसने लगी और मे पागल हो चुकी थी की 18 साल का लोंदा और उसका ये लंड. मेरे मान की आवाज़ सुनकर इरफ़ान ने धीरे से बोला पगली मे डेली 10 केयेम ऋण लगता हू और 1 घंटे फुटबॉल खेलता हू और जिम भी करता हू और मेरे नाग की भी सांड़े क आयिल से रेग्युलर मसाज करता हू तो उसकी ये बात सुनकर तो मे और भी जोश मे आ गयी और उसके लंड को काट दिया तो उसने रोका लेकिन वो था असली मर्द.
मेने इरफ़ान का लंड चूसा और जीभ से उसकी गांड को भी चटा और उसकी गांड क च्छेद मे मेरी जीभ फसाने की कोशिश की तो बहुत मज़ा आया और वो भी 69 पोज़िशन मे आकर मेरी चूत और गांड को बरी बरी से चाटने लगा वो मेरी चूत क पॉइंट को भी छत रहा था. शाहिद मेरे चूतड़ और साहिल निपल्स दबा रहा था. मे इरफ़ान की गांड पर और इरफ़ान मेरी गांड पर मार रहा था जिस से मेरी गांड पर उसके हाथो क निशान रेड-रेड बन गये थे और हम दोनो को बहुत जोश आ रहा था इतने मे 30-35 मिनिट बाद मे हम दोनो अकड़ कर झाड़ गये और इरफ़ान क लंड का गरम गरम लावा मेरे मूह मे पिचकारी की तरह च्छुत गया और मे उसके लंड क पानी की प्यासी पोरा जूस पी गयी और मेरा पानी मेरी चूत से भहर बहने लगा जो इरफ़ान पी कर शांत हो गया और इरफ़ान वही लेट गया और मे शम्भालने लगी तो साहिल और शाहिद मुझ पर टूट पड़े.
शाहिद और साहिल ने मेरी चूत और गांड को चटा और उनके लंड का जूस बरी बरी से मे पी गई और जैसे ही मे झड़ी तो मेरा जूस भी वो दोनो आधा आधा बाँटकर पी गये. मे दो बार झाड़ चुकी थी और लोंडे एके क बार और अब हुँने 10 मिनिट रेस्ट की और सभी ने कॉफी पी लेकिन सभी न्यूड ही थे. नाइट मे 12.30 बाज चुके थे लेकिन मेरी चूत और गांड की चुदाई नही हुई थी. उन लोंडो ने मिलकर मुझे डॉग्गी स्टाइल मे करके पैरो तो बेड पर रख दिए और आयेज की बॉडी चेर पर पिल्लो रखकर ऐसी पोज़िशन बनाई की ये तीनो लोंडे एक साथ मेरी चूत और गांड और मौत की चुदाई कर सके और साथ ही साथ मेरे निपल्स और चूतड़ और थाइस एक साथ दबा दबा कर मसाज भी कर सके.
मुझे इसी पोज़िशन मे तैयार करके उन्होने आयिल और क्रीम से मेरी पूरी बॉडी की मसाज की और आयिल और क्रीम मेरी गांड और चूत पर कुछ ज़्यादा ही लगा रहे थे और मुझे अंडर से ठंडक महसूस हो रही थी और गुदगुदी भी हो रही थी. कुल मिलक्र् ये आयिल और क्रीम क साथ मसाज की जो भी तैयारिया हो रही थी वो सब मेरी चूत और स्पेशली मेरी गांड मे इरफ़ान क लंड क 4” मोटे टोपे को घुसाड़ने की तैयारिया थी – ये मे साँझ चुकी थी और मुझे तो केवल और केवल इरफ़ान क लंड का बिना स्किन का रेड कलर का 4” मोटा टोपा ही नज़र आ रहा था और ये सोच सोच कर मे बहुत ज़्यादा जोश मे आ रही थी. मुझे मेरी चूत की ज़्यादा टेन्षन नही थी क्यूकी नॉर्मली हर चूत मे इलॅस्टिसिटी और फ्लेक्सिबिलिटी वैसे भी ज़्यादा होती है और उपर से साहिल 9 महीने से मेरी गड्रई हुई चूत का चबूतरा नही तो भी भोसड़ा बनाने की शुरुआत तो कर ही चक्का था. मे मेरी तरफ से कुछ भी नही कर रही थी क्यूकी मुझे साहिल ने माना कर दिया था तुम तो इसी पोज़िशन मे रहो अब जो भी करेंगे हम ही करेंगे और मे मेरे राज़ा की बात मानकर चुपचाप मज़े लिए जा रही थी.
अब साहिल ने अपना लंड मेरे मूह मे दे दिया और इरफ़ान ने नीचे जाकर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया जो बार बार गांड क च्छेद की ट्राफ् जर रहा था और शाहिद ने मेरे उपर पोज़िशन बनाकर मेरी गांड की दोनो दीवारो क बीच क्रीम क साथ अपने लंड को स्पीड से रगड़ना शुरू किया जो स्लिप होकर या यू कहे की अपना रास्ता भटक कर चूत की तरफ जा रहा था. शाहिद क लंड का टोपा तो फिर भी चूत और गांड क च्छेद पर कुछ अटक रहा था जबकि इरफ़ान क लंड का टोपा तो ऐसे फिसल रहा था जैसे मार्बल क फ्लोर पर पानी मे पैर फिसल रहे हो. 10 मिनिट बाद सभी ने अपनी पोज़िशन चेंज की और साहिल मेरे नीचे और शाहिद मेरे उपर तो इरफ़ान मेरे मूह की तरफ आकर अपने अपने काम मे लग गये लेकिन मूह क अलावा चूत और गांड मे लंड अंदर नही जा रहे थे और साहिल जानबूझकर लंड नही घुसा रह था क्यूकी वो आज मुझे नये लोंडो से छुड़वाना चाहता था
लेकिन फिर भी साहिल ने मेरी गांड पर लंड का टोपा रखकर ज़ोर का धक्का मारा तो वो गांड मे फस गया और उसने क्रीम लगाकर धीरे धीरे मेरी गांड को 5-6 धक्को से उन दोनो लोंडो क लिए खोल दिया. 10 मिनिट बाद फिर से उन्होने अपनी पोज़िशन चेंज कर ली और इरफ़ान मेरी गांड पर अपना टोपा रख कर ज़ोर लगने लगा लेकिन टाइट गांड मे टाइट लंड भी नही जा सका इसी बीच साहिल ने मेरी चूत मे लंड डालकर 5-6 बार रग़ाद कर बाहर निकल दिया ताकि नये लोंडो क लिए चूत का मूह कुछ खुल जाए. एक बात क्लियर कर डू की साहिल ने मेरी गांड और चूत मे जो 5-6 स्ट्रोक लगाए थे वो छोड़ने क इरादे से नही लेकिन उन दोनो लोंडो क लिए गांड और चूत का रास्ता तैयार करने क लिए लगाए थे.
अब दोनो लोंडे मुझे पालने क लिए बिल्कुल तैयार पोज़िशन मे थे और इतने मे शाहिद ने मोका पाकर लंड का टोपा धक्के क साथ मेरी गांड मे डाल दिया तो मुझे दर्द हुआ क्यूकी वो अनाड़ी की तरह कर रहा था और वो मेरी गांड का सत्यनसशह करने पर तुला था तो नीचे से साहिल चूत को छोड़ रहा था जिस से दर्द कम हो गया तो फिर से अनाड़ी शाहिद ने मेरी गांड मे जड़ तक पूरा का पूरा लंड 3-4 धक्को क साथ घुसा दिया और दनादन छोड़ने लगा और उसका लंड सेम साहिल जैसा था तो मुझे गांड मरवाने मे कोई परेशानी नही हुई. अब साहिल मेरे मूह क पास चला गया और मेरा ड्रीम-बॉय इरफ़ान मेरे नीचे आकर चूत को छोड़ने लगा
तो मेरी चूत मे उसका टोपा नही गया तो साहिल ने मेरी पोज़िशन चेंज करवाई क्यूकी उसको पता था की लड़की कैसे चुड्ती है और उसने मुझे सीधा लिटाकर मेरी गांड क नीचे पिल्लो रखा और शाहिद और साहिल ने मेरी दोनो टाँगे उपर कर के साइड मे फैला दी मे स्कूल टाइम से जाइमनॅस्टिक मे रही हू तो मेरी टाँगे 180 डिग्री तक फैल गई तो अब मेरी चूत पूरी खुल गई थी और इरफ़ान अपना लंड लेकर मेरी चूत पर आ गया और लंड का टोपा मेरी चूत पर रगड़ा तो पहली बार लंड मेरी चूत क च्छेद पर जाकर रुका और उसने ज़ोर से धक्का मारा तो मेरी चूत जो की साहिल 9 महीने पहले फाड़ चक्का था
फिर से फट गई और दर्द क साथ उसका टोपा मेरी चूत मे फस गया मे तड़फ़ रही थी लेकिन कुत्तों ने मुझे पकड़ रखा था और तोड़ा रुक कर इरफैबन मुझे फिर से पालने लग गया और सीपड़ बड़ा दी तो मुझे मज़ा आने लगा मोका पाकर इरफ़ान मुझे लेकर खड़ा हो गया और मेने उसकी गर्दन पर हाआत डालकर उस से लटक लटक कर मज़े लेने लगी और फिर वो उसी पोज़िशन मे मेरे से नीचे आ गया और मे उल्टी हो गई तो उपर से मेरी गांड भी खुल गयी थी तो मोका पाकर शाहिद मेरी गांड मरने लगा और अब मेरी दोनो तरफ से भयंकर चुदाई हो रही थी मेने भी साहिल का लंड मूह मे ले लिया 15-20 मिनिट तक चुदाई चलती रही और मे पागल और बेसूध हो गई थी और अचानक मुझे लगा की मे झड़ने वाली हू तो तीनो लोंडो ने भी अपनी स्पीड और बढ़ा ली उनके लंड पुर अंदर तक जा रहे थे और इरफ़ान क स्ट्रोक सबसे ज़्यादा ख़तरनाक लग रहे थे तो तीनो लोंडो का एक साथ लंड का पानी निकल गया और मेरी चूत और गांड और मूह एक साथ लंड क लावे क सैलाब से भर गये.
साहिल का पानी मे पी गई और शाहिद का पानी मेरी गांड मे भर कर अच्छा लग रहा था तो सबसे मस्त तो मेरी चूत हो रही थी और उसी मस्ती मे चूत ने भी पानी निकल दिया जो इरफ़ान क लंड क टोपे क वजह से अंडर ही रुका हुआ था और हम सभी 5 मिनिट तक इसी पोज़िशन मे रहे और जैसे ही अलग हुए तो इरफ़ान क टोपे क मेरी चूत से बाहर निकलते ही मेरी चूत से मेरी चूत क जूस और इरफ़ान क लंड क पानी का मिक्स्ड लावा बाहर निकाने लगा और इसी त्राह से गांड से भी शाहिद क लंड क पानी का लावा बाहर निकल गया तो शाहिद ने चूत का मलबा तो इरफ़ान ने गांड का मलबा इस उमीद क साथ चाटना शुरू कर दिया की अब दोनो चूत का बाद गांड और गांड क बाद चूत का स्वाद उनके लंड को भी मिलेगा. मेने संभाल कर साहिल, शाहिद और इरफ़ान क लंड को चटकार सॉफ किया और फिर नाइट क 2.45 हो चुके थे और ताबड़तोड़ चुदाई से मे भी तक चुकी थी तो 30 मिनिट तक रेस्ट कर ली.
साहिल ने सबके लिए चाय बनाई तब तक इरफ़ान मेरे सिर को गोद मे लेकर सहलाता रहा और शाहिद भी केर्फुली सॉफ्ट हाथो से मुझे सहला रहा था तो लग रहा था की उनको मेरे से अटॅचमेंट हो गया है. इरफ़ान तो कुछ ज़्याड्डा ही सेंटिमेंटल हो रहा था लेकिन हुमारे पास आज की चुदाई क लिए 5 बजे तक का ही टाइन था तो चाय पीकेर फिर से एक चुदाई होने वाली थी. मे इतने लंड लेकर भी भूखी शेरनी कीट रह इनके लंड फिर से लेने क लिए बैतब थी तो वो लोंडे भी इसी फिराक मे थे क्यूकी शाहिद को मेरी चूत लेनी थी तो इरफ़ान को मेरी गांड लेनी थी. ह्यूम आयिल और क्रीम से एक दूसरे की मसाज करनी शुरू की तो लोंडे मेरी गांड और चूत मे क्रीम और आयिल से उंगली कर रहे थे और ये सब देखकर मेने भी क्रीम और आयिल से लोंडो की भी गांड मे उंगली डाली तो साहिल और इरफ़ान की गांड तो टाइट थी लेकिन शाहिद की गांड मे उंगली ईज़िली चली गयी और उसको मज़ा भी आने लगा तो मुझे ऐसा लगा की वो गांड भी मरवाता है. एनिहाउ मुझे क्या करना ये उसकी गांड थी जो करे वो करे और मे भी तो टीन टीन लोंडो से गांड मरवा रही थी.
ऐसा करते करते 4 बाज गये थे और हमारे पास चुदाई क लिए एक घंटा ही बचा था तो साहिल ने शुरुआत की और उसने मेरी चूत मे लंड क 8-10 स्ट्रोक दिए फिर उसने मेरी गांड मे भी 10-12 स्ट्रोक दिए. इतने मे शाहिद ने मेरी चूत पर लंड टीका दिया और उसने धक्का मारा तो आसानी से उसका लंड अंदर चला गया क्यूकी जहा इरफ़ान क लंड का टोपा खेल ले वाहा कुछ नही बचता लेकिन उसका अनदीपन मुझे दर्द से तडफा रहा था और उसने चूत क अंदर की दीवारो को अच्च्चे से रग़ाद दिया.
मोका पाकर इरफ़ान मेरी गांड पर सॉवॅर हो गया और मेरी गांड की असली परीक्षा तो अब थी की कैसे उसके लंड का टोपा मेरी गांड सहन करेगी. साहिल सबकी हेल्प कर रहा था और उसने क्रीम और आयिल मिक्स करके मेरी गांड और इरफ़ान क लंड पर लगाया तो हम दोनो पागल हो गये और इसी पागलपन क बीच इरफ़ान ने अपने लंड का टोपा दनदनाते हुए मेरी गांड क च्छेद पर रखा और लंबी साँस लेकर पोज़िशन बनाते हुए कुटिया की तरह छोड़ने क लिए पूरा ज़ोर लगाकर एक स्ट्रोक मारा तो मेरी गांड को चीरते हुए लंड का टोपा अंडर चला गया और मेरी गांड मे फस कर जाम हो गया तो साहिल ने जल्दी से क्रीम लगाई और नीचे से चूत को गान्डू शाहिद छोड़ ही रहा हू.
शाहिद को मे गान्डू कहने लगी थी क्यूकी वो गांड मरवाता था और उसकी गांड मे मेरी उंगली गई तो इसको मज़ा आ रहा था. अब इफरन ने फिर से 3-4 धक्के लगाए तो पूरा लंड मेरी गांड क अंदर पहुच गया वो मेरे रेक्टम से भी आयेज बड़ी आँत तक पहुच गया था जिसको मे महसूस कर रही थी. मुझे 30-35 मिनिट तक लगातार छोड़ते रहे और मेरी गांड और चूत को बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था.
अब इरफ़ान ने मेरे बाल पकड़कर उल्टी घोड़ी बॅंकर बाल कीचे और मेरे हिप्पस पर हाथ से मरने लगा जो मुझे और भी ज़्यादा जोश आ रा था और उसने मेरी गांड की चुदाई बंद नही की थी. इतने मे मोका पाकर साहिल ने शाहिद क नीचे घुशकर उसकी गांड पर क्रीम लगाकर अपना लंड उसकी गांड मे डाल दिया तो शाहिद ने गांड मे लंड जाने से एग्ज़ाइटेड होकर मेरी चूत मे ज़ोर ज़ोर से स्ट्रोक मरने शुरू कर दिए. अब हम सभी आपस मे चुड रहे थे की अचानक सभी ने ज़ोर ज़ोर से धक्के मरने शुरू किए और पसीने की वजह से चूतड़ आपस मे टकराकर तपाताप तपाताप की आवाज़ कर रहे थे जो सभी एक एक करके झड़ने लगे.
साहिल ने शाहिद की गांड मे तो शाहिद ने मेरी चूत मे लंड का पानी डाल दिया और शांत हो गये लेकिन मे और इरफ़ान शांत नही हुए थे जो 20-25 धक्के लगते ही हम दोनो भी झाड़ गये और उसने मुझे घूमकर कस कर पकड़ लिया और 5 मिनिट तक हम सभी ऐसे ही रहे. तीनो ने मेरी चूत और गांड को चटा और मेने भी उनके लंड को चटा. बहुत मज़ा आया और फिर सभी ने कपड़े पहने और मुझे ऐसे ही नंगी छोड़कर चले गये. इरफ़ान क जाने से मे सबसे ज़्यादा दुखी थी. मुझे कब नीड आई पता ही नही चला और 11 बजे नीड खुली तो गांड और चूत मे दर्द हो रहा था. बातरूम मे जाने क लिए खड़ी हुई तो मेरे से चला भी नही जर हा था. लेकिन मुझे मेरे रूम मे चुदाई की खुसबू आ रही थी और मे इरफ़ान से मिलने को बेताब थी.
साहिल ने 9 महीने मे मुझे छोड़ छोड़ कर चूत और गांड को कुच्छ ढीला कर दिया था और मेरी बॉडी भी गड्रई हुई लगने लगी थी और चूतड़ तो और ज़्यादा सेक्सी लगने लगे थे. जब मे कोचैंग सेंटर क लिए निकलती थी तो चलते समय मेरे चूतड़ हिलते थे तो लड़के कॉमेंट मरते थे और बहुत गंदा बोलते थे.
अब तो मेरे ड्रीम बॉय इरफ़ान ने मेरे राज़ा साहिल और गान्डू शाहिद क साथ मिलकर चूत का भोसड़ा बना दिया था और गांड को फाड़ दिया था जिसके कारण मेरे चूतड़ और ढीले हॉग आए थे जो चलते टाइम और ज़्यादा हिलने लगे. मेरी दोस्त माया सिंग मेरे पास आई है और उसको डाउट हो गया की डाल मे कुच्छ कला है क्यूकी रूम मे अभी भी चुदाई की खुसबू तो आ ही रही है. माया ने फोन करके सुषमा को भी बुला लिया है.
वो दोनो मेरे मज़े ले रही है की तूने साहिल क लंड से भी मोटा लंड लेना शुरू कर दिया है तभी तो तेरे चूतड़ बिल्कुल ऐसे हो रहे है लेकिन मे मान ही मान मुस्कराने लगी और उनको कुछ नही बताया. माया की शादी होने वाली है उसने मेरे से रिक्वेस्ट कर रही है की तू मेरी शादी से पहले एक बार साहिल से मेरी गांड और चूत मरवा दे तो मेने मान मे ही कहा की मुझे मेरा ड्रेअंबोय इरफ़ान मुझे मिल गया है और तू साहिल से चुड्ती है तो भी मुझे कोई ऑब्जेक्षन नही है. मेने माया को साहिल से छुड़वाने का प्लान बना दिया था. इरफ़ान से मेरी नज़दीकिया बढ़ गई और वो भी मेरी चूत और गांड का दीवाना हो गया था.
मेरे घरवालो को मेरे बारे मे कुच्छ डाउट हुआ तो उन्होने मेरी शादी की बात चला दी लेकिन मेने नोकारी लगने से पहले शादी से माना कर दिया. एक लड़का मुझे देखने आया था वो मुझे बिल्कुल भी पसंद नही आया क्यूकी मेरा ड्रीम-बॉय तो इरफ़ान है. आप मुझे बताओ की माया की चुदाई अकेले साहिल से करऔ या उन तीनो लोंडो से. मे इरफ़ान को नही खोना चाहती.

पापा के दोस्त की रंडी बन गई papa ke dost ki randi ban gai

पापा के दोस्त की रंडी बन गई papa ke dost ki randi ban gai, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
मेरा नाम जहान्वी हे. सेक्स की इस कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आप को अपना परिचय करवा दूँ. मेरी उम्र 23 साल की हे. थोड़ी मोटी हूँ, बड़े बूब्स हे जिसकी साइज़ 38 D हे. और मैं उन्हें और सेक्सी दिखाने के लिए अक्सर टाईट टी-शर्ट भी पहनती हूँ. मेरी गांड भी एकदम बड़ी हे जिसे देख के लोगो के लंड खड़े हो जाते हे. लोग मेरे हॉट बॉडी को देख के कमेंट पास करते हे जिसे सुनने की अब मुझे भी आदत हो गई हे. सच कहूँ तो अपने बदन की तारीफ वाली कमेन्ट सुनना हरेक लड़की को पसंद होता हे.
लेकिन पिछले महीने से पहले मुझे कभी चुदाई का कोई चांस मिला नहीं था. बसों और ट्रेनों के अन्दर अंकलो और लडको ने अकसर मेरी गांड पर लंड घिसे और मेरे बूब्स टच किये. और वो सब से मैं हॉट हो जाती थी. लेकिन चूत में लंड डलवाने का मौका हाथ नहीं आया था कभी भी. मुझे ऐसे बस ट्रेन में बूब्स मसलवाने का बड़ा मजा आता था सच में. और मैं सामने से ऐसे करनेवालों को और भी एनकरेज सा करती थी.
अब सीधे कहानी पर आते हे. वैसे मैं पटना की हूँ लेकिन अपनी जॉब के लिए बंगलौर में रहती हूँ. मेरे पापा के एक दोस्त हे यहाँ रघु अंकल. पापा ने मुझे कहा की तू रघु के घर ही रह लेना. पापा को पता नहीं था की रघु अंकल का पत्नी से झगड़ा चल रहा था और वो अकेले ही रहते थे. पापा ने कहा रघु की बड़ी पहचान हे बगलोर में तो उसके घर रहेगी तो अच्छा हे. और सच में रघु अंकल अब तो मेरी हर जरूरत का ध्यान रखते हे.
रघु अंकल का एक बड़ा और सुंदर सा घर हे जिसमे वो अकेले ही रहते हे. घर में नोकर भी हे आधे दर्जन जितने उनकी मदद के लिए. रघु अंकल की उम्र 43-45 साल के बिच में हे और वो ऊँचे और अच्छी बॉडी वाले हे. उन्हें देख के लगता ही नहीं की वो इतने बूढ़े हे. उन्हें देख के किसी भी लड़की को उनसे चुदने का मन करने लगे ऐसे ही हे वो. उन्के बच्चे नहीं हे. और वो अकेले रहते हे शायद वो मेरी खुसकिस्मती हे!
कुछ दिउनो में मैं रघु अंकल के साथ घुल मिल गई और हम दोनों अच्छे दोस्त जैसे हो गए. अक्सर मैं काम से बोर हो जाती तो उनकी कार में हम बंगलोर की सडको पर लॉन्ग ड्राइव के लिए जाते थे और होटल वगेरह में खा के भी आते थे. हम दोनों के बिच में एक कपल के जैसी ही भावना उमड़ पड़ी थी. और मेरे अंदर अंकल के साथ फिजिकल होने की भावना भी जागी थी. और शायद उनकी भी यही हालत थी. जब हम बहार जाते थे तो एक दुसरे के हाथ को पकड के चलते थे. या फिर वो मेरे कंधे के ऊपर या मेरी कमर में हाथ रखते थे. सॉफ्ट टच रेगुलर हो गई थी हम दोनों के बिच में.
और मुझे और भी मजा आने लगा था जब वो टच मेरी बूब्स की तरफ बढ़ चली. और वो मेरे बूब्स को और गांड को घूरते थे तो अंदर से मैं तितली की तरह उड़ने लगती थी. और मैं उनका सपोर्ट कर रही थी इसलिए उनकी करेज दिन बदिन बढती ही चली गई.
जब मैं कपबोर्ड वगेरह से कुछ लेने के लिए खड़ी होती तो वो भी कुछ ना कुछ लेने के बहाने से आ जाते थे. और वो मेरे बूब्स के ऊपर अपने हाथ को घिस देते थे. और मैं भी अक्सर अपने बूब्स को उनके हाथ के ऊपर ही दबा देती थी. हम दोनों को ऐसा सब कर के खूब मजा आता था.
रघु अंकल के बर्थ डे पर मैंने उन्हें एक सेक्सी सरप्राइज देने को सोचा. मैं एक सेक्सी स्लीवलेस टॉप ले के आई जो काफी टाईट था जिसमे मेरा क्लीवेज मस्त दीखता था. और उसके साथ मे मैं एक सेक्सी शोर्ट भी लाइ थी.
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उन्के बर्थडे वाली दिन, मिडनाईट में मैं वो बिना ब्रा के वो टॉप और शोर्ट पहन के रेडी हुई. ठंडी बहुत थी और मेरे निपल्स हार्ड थे और बहार से भी दिख रहे थे. मैंने टॉप के ऊपर हेप्पी बर्थडे एम्ब्रोइड करवाया हुआ था. और दोनों साइड पर मेरी कड़ी हुई निपल्स दिख रही थी. मैंने केक भी अपने हाथ से ही बनाई थी और इस सेक्सी आउटफिट में मैं रघु अंकल के कमरे में चली गई.
दरवाजा खुला था और मैंने नोक किये बिना ही एंट्री कर ली. उन्हें देखा तो मैं और सरप्राइजड हुई. वो नंगे ही बेड के ऊपर पड़े हुए अपने लंड को हिला रहे थे. मुझे तो उन्के लंड को देख के ही प्यार हो गया उस से. मैं उसे चूस लेना चाहती थी. और मैंने देखा की उन्के हाथ में मेरी एक पिक्चर थी जिसमे मेरे क्लिवेज दिख रहे थे. वो मेरे नाम की ही मुठ मार रहे थे. फिर मैं दरवाजे के बहार चली आई और मंथन में पड़ गई की अब क्या करूँ. लंड को देख के मेरी हालत भी खराब ही थी और मैं उसे चुसना चाहती थी. अंकल ने तो दिखा ही दिया था की वो मेरे नाम से ही अपने लंड को हिला रहे थे. मैंने सोचा की अंदर चली ही जाती हूँ. मैंने अंकल को आवाज दी और उन्होंने दरवाजा खोला.
वो लेपटोप को बंद कर चुके थे जिसमे मेरी पिक्चर थी. मैंने अंकल को केक दिखाई और उन्के लिए हेप्पी बर्थडे वाला सोंग गा के उन्हें विश किया. वो खुश थे. और फिर उन्होंने मेरे कपडे देखे और मेरे बड़े बूब्स और सेक्सी जांघो को देख के उन्के मुहं में पानी आ गया. उन्होंने कहा जाह्नवी तुम बड़ी ही सेक्सी लग रही हो इन कपड़ो के अंदर. मैंने थेंक्स कहा और उन्होंने केंडल बुझा के केक काटा.
हमने एक दुसरे को केक खिलाई. और फिर मैंने रघु अंकल को गले से लगा के फिर से उन्हें विश किया. मेरे बूब्स उसकी कडक छाती से चिपके हुए थे. और उन्होंने मेरी कमर के ऊपर हाथ रख दिया. उनका लंड खड़ा हो गया था जिसका अहसास मुझे मेरी चूत के ऊपर होने लगा था. मैं उलझन में थी की अंकल के साथ सेक्स की स्टार्टिंग करूँ भी तो कैसे! हम दोनों उत्तेजित तो थे और मेरी चूत ने तो पानी भी छोड़ दिया था. तभी मैंने देखा की केक का एक छोटा पिस अंकल के होंठो के ऊपर लगा हुआ था. मैंने कहा, अंकल आप के चहरे पर केक लगी हे लाओ मैं साफ़ कर दूँ. फिर मैंने उन्हें बेड में बिठाया और मैं खुद उनकी गोद में बैठ  गई.
मैं उन्के करीब गई और मेरी साँसे जोर जोर से दौड रही थी. अंकल के चहरे के ऊपर लगी हुई केक को मैंने चाट लिया और उनको देखा. मैंने उनकी आँखों में हवस को देख ली थी. और उन्होंने मेरी आँखे पढ़ ली थी. उन्होंने कुछ कहे बिना ही अपने होंठो को मेरे होंठो से लगा दिया और किस कर ली मुझे! और वो किस एकदम मीठी थी जो काफी देर तक चली!
हम दोनों ही एकदम हॉट हो चुके थे और एक दुसरे को चूसने लगे थे. हमारी जुबाने एक दुसरे के मुह में थी और कभी कभी साथ में मिल जाती थी. काफी दिनों से बदन के अंदर सेक्स का जो लावा भरा हुआ था अब वो फूटने के लिए रेडी लग रहा था.
हम दोनों की सलाइवा मिकस हुई और अंकल ने मुझे बेड पर डाला और खुद भी आ गए. मैंने अंकल को अब गले के ऊपर और कंधे के ऊपर किस दे दी. उन्होंने मेरे बूब्स के ऊपर हाथ डाला और उसे दबाने लगे. मैंने उनकी नाईट पेंट को निकाल दी और नंगा कर दिया.
और मैंने उसे देखा, एकदम मोंस्टर सा था. जिसके लिए मैं ये सब कर रही थी. मैंने अंकल के लंड को लोलीपोप के जैसे चुसना चालू कर इया. मैंने उसे ऊपर से निचे तक अपनी जबान से ऐसे चाटा की अंकल आह कर गए. मैंने लंड के सुपाडे के ऊपर जबान को घुमा के उन्के तोते उड़ा रही थी.
उन्होंने मेरे बाल पकड लिए और मेरे मुहं में लंड को पूरा अन्दर कर दिया. इतने बड़े लंड को पूरा मुहं में लेना मेरे लिए बहुत ही मुश्किल था. लेकिन मैंने मेनेज कर लिया ताकि अंकल को पूरा मजा मिले. मैंने लंड के ऊपर और बॉल्स के ऊपर थूंक थूंक के खूब चूसा और चाटा.
अंकल ने अब मेरे टॉप को उतार फेंका और मेरे निपल का मसाज करने लगे अपने लंड से ही. और फिर से उन्होंने लंड को मेरे मुहं में डाल दिया. उनका वीर्य मेरे मुहं में ही छुट गया. उनके लोडे से बहुत सब स्पेर्म्स निकल के मेरे मुहं में आये थे. मैंने उन्के पानी को अपने बूब्स के ऊपर भी घिसा और सवाद ले के खा भी गई उसे.
मैंने अपने बूब्स के ऊपर अंकल के वीर्य का मसाज किया और उन्हें उकसाया. मैंने फिर अपने बूब्स को दबाये और उन्हें खूब हिलाए. मैंने वीर्य को बबव के ऊपर एकदम घिस लिया किसी क्रीम के जैसे. और फिर निपल के ऊपर लगे हुए वीर्य को मैं जबान से चाते लगी.  मेरे इस सेक्सी शो की वजह से अंकल का लोडा फिर से टाईट हो गया.
उन्होंने मुझे अपनी तरफ खिंच लिया और मुझे जोर से किस देने लगे. फिर वो मेरे उपर आ गए और मेरे सेक्सी बूब्स को चूसने लगे. उन्होंने एक छोटे बच्चे के जैसे ही मेरे निपल्स को चुसे. और दुसरे हाथ से वो मेरे बूब्स को खूब जोर जोर से दबा भी रहे थे. वो बूब्स दबाते थे तो बहुत दर्द होता था लेकिन जो मजा था वो दर्द से कई ज्यादा था. इसलिए मैं उन्हें रोक नहीं सकी.
मैं एकदम जोर जोर से सिसकिया रही थी. अंकल को मेरी मोअनिंग की आवाजे बड़ी अच्छी लग रही थी. उन्होंने केक के ऊपर की आइसींग सुगर को मेरे निपल्स के ऊपर लगाईं और अपने मुहं से उसे चाटने लगे. एक बार ख़तम हुई तो और आइसिंग उन्होंने मेरे बूब्स के उपर लगाईं और सब की सब चाट गए. फिर उन्होंने मेरी नाभि यानी की बेली बटन में भी आइसिंग डाली और उसे जबान से खाने लगे. सच में मेरी हालत बहुत खराब थी इस हॉट उत्तेजना की वजह से! और फिर अंकल ने मेरी शोर्टस को खोला और वहां पर भी आइसिंग सुगर लगा के उसे चाटने लगे. आइसिंग सुगर खत्म हो गई लेकिन उन्होंने चूत को चाटना बंद नहीं किया. मैं तो जैसे जन्नत की शेर कर रही थी.
अंकल ने मेरी क्लाइटोरिस को अपनी ऊँगली से पकड़ी और बहार की फांको को चाटते रहे. फिर उन्होंने कहा, साली तू जब इस घर में आई तभी मैं जान गया था की तू रंडी हे और मेरा लंड ले लेगी. तेरे बड़े बूब्स और चूतड़ ने मेरी परेशानी को बढ़ा दिया था. आज नहीं छोडूंगा तुझे.
मैंने कहा, अंकल आप से चुदना तो मैं चाहती ही थी आज आप का लंड देखा तो  भी हो गया हे आप से. छोड़ना मत मुझे प्लीज़. फिर अंकल मुझे रंडी, छिनाल, जैसी गालियाँ देने लगे जिसे सुन के मुझे अच्छा लग रहा था.
फिर वो बोले आज तो मैं तेरी चूत खा ही जाऊँगा. हम दोनों 69 पोज में आ गए और उन्होने कहा, मेरे लंड को पूरा मुहं में ले साली रंडी.
मैंने अंकल के लोडे को मुहं में ले के उन्हें एक मस्त ब्लोवजोब दिया. और वो भी मेरी चूत को बड़ी सेक्सी ढंग से चूस गए. फिर अंकल ने मिशनरी पोज़ में लिटा के मुझे मस्त चोदा. उनका लंड कितना बड़ा था और सच में वो मेरी चूत को जैसे फाड़ ही रहा था. पेन तो हुआ पहले पहले लेकिन वो बड़ी जल्दी प्लीजर में बदल भी गया. कुछ देर ऐसे ही कस के चोदने के बाद अब अंकल ने मुझे घोड़ी बना दिया.
और फिर उन्होंने जो किया वो मैने एक्स्पेक्ट नहीं किया था. अंकल मेरी एसहोल को चाटने लगा. मुझे घिन सी आने लगी थी लेकिन वो मजे ले रहे थे. फिर उन्होंने मेरी गांड में लोडा डाला. मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं कुतिया के जैसे काऊ काऊ करने लगी. लेकिन वो रुके नहीं और ठोकते गई मेरी गांड को. मैंने दर्द की वजह से चद्दर को मरोड़ दिया था. और वो जोर से गांड मारते ही गए. फिर उन्के स्पेर्म्स निकल के मेरी गांड में छुट गए.
अंकल अपना लोडा गांड से निकाल के मुझे किस करते हुए लेट गए और बोले, डार्लिंग ये मेरा सब से बढ़िया बर्थ डे गिफ्ट था. हम दोनों हंस पड़े, अंकल ने मेरी बॉडी को क्लीन किया और बोले आज की रात मेरे साथ ही सो जाओ मेरी जान.
रात को अंकल ने सोने ही नहीं दिया. कभी वो बूब्स चूसते थे तो कभी चूत में देते थे. कभी गांड मारते थे तो कभी लंड चूसने को कहते थे. मोर्निंग में मैंने सब से पहले इमर्जन्सी कॉण्ट्रासेप्टिव पिल ले ली. और फिर गर्म गर्म पानी में नहा लिया. दिन में अंकल ने नोकरो को एक दिन की छुट्टी दे दी. और फिर बोले, आज कपडे नहीं पहनने दूंगा मेरी जान को.
और फिर दिन भर भी अंकल ने मुझे पोर्न दिखा के चोदा. अंकल ने मुझे बताया की मेरे आने से पहले वो रंदिया चोदते थे. और उनकी चूतें तो खुली गुफा होती हे इसलिए उन्हें एनाल सेक्स की लत लगी हे. मैंने कहा आप घबराओ नहीं मैं आप की रंडी ही हूँ आप मेरी गांड मर्जी जाहे रब मार सकते हे.
अंकल ने आज सुबह मैं जब ये कहानी लिख रही थी तब भी गांड में लंड दिया था. और वो बोले की कहानी लिखना लेकिन किरदारों के और शहर के नाम बदल देना मेरी जान. और उन्के कहने पर मैंने वही किया, बाकी सब की सब हिंदी सेक्स कहानी 100% सच्ची हे!

चाची की मालिस के साथ चुदाई का सौभाग्य chachi ki malis ke sath chudai ka saubhagya

चाची की मालिस के साथ चुदाई का सौभाग्य chachi ki malis ke sath chudai ka saubhagya, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
हैल्लो दोस्तों में अंशुल और मेरी उम्र 22 साल की है। दोस्तो मुझे आप लोगो से एक बात पूछनी है कि आप लोगो को किसी की फिगर के बारे में कैसे पता चल जाता है? आप सभी लोगो को क्या इतना अंदाजा होता है? मुझे तो आज तक अपनी चाची के फिगर के बारे मे नहीं पता चला, लेकिन इतना पता है वो मुझे बहुत सेक्सी लगती थी। मोटे मोटे बूब्स और मस्त मोटी गांड जिसका में आज तक दिवाना हूँ। वो जब भी चलती थी तो बिजली गिराती थी। उनके बड़े बड़े बूब्स शायद हमेशा बाहर आने के लिये बैचेन रहते थे। उनके बालो का कलर मुझे बहुत पसंद आता था, उसके बूब्स का अराउंड 32-30-34 साईज होगा।
दोस्तों आज में अपनी एक कहानी आप सभी लोगो से शेयर करना चाहता हूँ। ये बात उन दिनों की है। मेरे चाचा किसी ना किसी काम के सिलसिले में अक्सर घर से बाहर रहते थे। कभी फार्म हाउस पर तो कभी और किसी काम के सिलसिले में। मेरे चाचा के कोई औलाद नहीं है। इसलिए जब भी चाचा बाहर रहते तो किसी ना किसी को चाची के पास सोना होता था। घर में और भी लड़के है, लेकिन सब के सब चाची के पास सोने से कतराते थे क्योंकि वो रात मे कभी अपने पैर दबवाती तो कभी सर की मालिश करवाती थी। लेकिन में थोड़ा आज्ञाकारी किस्म का लड़का था।
इसलिये ज्यादातर वो मुझे ही अपने पास सुलाती थी। शुरू मे तो में भी पैर दबाने या मालिश करने से कतराता था। लेकिन एक दिन जब में उनके पैर दबा रहा था तभी मेरी नज़र उनकी सलवार पर पड़ी जो रुमाली पर से थोड़ी उधड़ी हुई थी। मेरी चाची की आदत थी कि वो पैर दबवाते दबवाते सो जाया करती थी। उस रात भी कुछ ऐसा ही हुआ। मेरे मन में ना जाने क्या आया, मैंने उस सलवार के छेद मे धीरे से अपनी एक उंगली डाली लेकिन गहरी नींद की वजह से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। फिर मैंने थोड़ी हिम्मत जुटाकर अपना लण्ड निकाल कर उस सुराख में डालने की कोशिश की लेकिन सुराख छोटा था और लण्ड थोड़ा सा मोटा। मैंने फिर हिम्मत की और थोड़ा सा सुराख और बड़ा कर दिया अब मेरा लण्ड आसानी से सुराख़ के अंदर घुस सकता था।
लेकिन उन दिनों मुझे इतनी समझ नहीं थी कि सेक्स कैसे होता है। तो में थोड़ी देर अंदर डालता और फिर बाहर निकाल लेता। ये सिलसिला कई बार चला लेकिन में सेक्स नहीं कर सका। मेरे स्कूल मे कुछ दोस्त गंदी किताब पड़ते तो में भी उनके साथ पड़ लेता। किसी किसी किताब मे चुदाई के फोटो भी छपे होते थे तो उन्हे देखकर में उस चुदाई में अपनी चाची को और अपने आप को इमॅजिन करता और रात को मुठ मारता।
फिर एक दिन मुझे मौका मिला अपनी चाची को बिल्कुल नंगा नहाते देखने का। फिर तो मेरी कल्पनाओ में बस वो ही वो होती और बाथरूम मे जाकर कभी उनकी सलवार को तो कभी उनकी ब्रा को अपने लण्ड पर रख कर मुठ मारता था। तभी एक रात मुझे फिर मौका मिला उनके साथ सोने का तो अब में इंतजार में था कि कब चाची मुझसे बोले कि अंशुल मेरे पैर दबा दो, जैसे ही चाची ने मुझसे कहा कि मेरे पैर दबा दो तभी में तुरंत तैयार हो गया। अब पैर दबाते हुए मैंने चाची से पूछा कि “चाची में आपके पैरों की मालिश कर दूँ? तभी चाची झट से तैयार हो गयी।
बस फिर क्या था मैंने जल्दी से ऑयल लिया और उनके पैरों की मालिश करने के लिये स्टार्ट हो गया। फिर धीरे धीरे मैंने उनकी सलवार घुटनो से ऊपर कर दी और मालिश करने लग गया। फिर मैंने उनसे पूछा कि में आपकी कमर की भी मालिश कर दूँ? तो उन्होने हाँ कर दी बस मैंने अपने हाथो में तेल लगाया और मालिश करने लग गया। मेरा हाथ सही तरह नहीं चल रहा था क्योंकि साइड में बैठा था। तभी मैंने चाची से पूछा कि में आपकी जांघों पर बैठकर मालिश कर दूँ? फिर क्या था उन्होने हाँ कर दी। दोस्तों अंधे को क्या चाहिए दो आंखे तभी में चड़कर बैठ गया उनकी जांघों पर और मालिश करने लग गया।
फिर धीरे धीरे मैंने उनकी कमीज़ ऊपर कर दी, लेकिन बीच में ब्रा के स्ट्रॅप आ रहे थे तभी मैंने पूछा कि आप कहे तो क्या में इन्हे खोल दूँ? मालिश सही तरह नहीं हो रही है, फिर वो कुछ नहीं बोली। मैंने ब्रा के हुक खोल दिए और स्ट्रॅप साइड मे कर दिए फिर में बहुत देर तक मालिश करता रहा, कभी कभी में उनके बूब्स के साईड में हाथ ले जाकर उन्हे छूता, तो मेरे अंदर एक करंट सा दौड़ जाता। फिर शायद चाची सो गयी थी।
तभी मैंने उनकी सलवार चेक की तो इसमे भी सुराख था, लेकिन इसमे पहले से बड़ा सुराख था। बस फिर क्या था, मैंने अपनी लूँगी साइड की और अंडरवियर से लण्ड बाहर निकाल लिया, फिर मैंने अपना लण्ड उस छेद मे से अंदर डाल दिया और मालिश करने लगा। अब मेरा लण्ड जांघों के बीच में था और कभी उनकी मस्त मोटी गांड को टच करता, तो कभी उनकी भोसड़े को, अब मेरा लण्ड थोड़ा थोड़ा पानी छोड़ने लगा था।
तभी मैंने सोचा कि लण्ड को गांड मे ट्राई किया जाए। फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके मालिश करते करते ही एक हाथ से लण्ड के मुहं पर थोड़ा ऑयल लगाया और थोड़ा सा ऑयल अपनी उंगली पर लेकर गांड के छेद पर लगाया और थोड़ी सी उंगली अंदर की जो की आराम से चली गयी। फिर मैंने लण्ड को गांड के छेद पर रखा और मालिश के बहाने अपने लण्ड को धीरे धीरे धक्का देने लगा था जिससे मेरा लण्ड थोड़ा सा अंदर चला गया। फिर चाची थोड़ा सा हिली लेकिन एक मिनट बाद ही वो शांत हो गई शायद वो भी ये ही चाहती थी।
अब मैंने धीरे धीरे मालिश के बहाने धक्के लगाने शुरू किए तो लण्ड तो अंदर जाने लगा, लेकिन थोड़ा टाईट था। मैंने अपनी उंगली मे तेल लिया और लण्ड पर टपका दिया जो कि बहकर गांड के छेद पर चला गया। फिर धीरे से मैंने और अंदर किया अब मेरा लण्ड आधा अंदर चला गया था। अब में हल्के हल्के झटके लगाने लग गया। दोस्तो यकीन करना जो मज़ा मुझे उस रात आया था ना वो मुझे आज तक नहीं आया। जिस चुदाई में दोनों तैयार ना हो उस चुदाई का मज़ा ही कुछ और है। फिर में मालिश करता रहा और झटके मारता रहा। चाची भी कभी कभी थोड़ा हिल जाती तो कभी सिसकारी मारने लगती। लेकिन थोड़ी ही देर मे फिर शांत हो जाती शायद अब उन्हे भी मज़ा आ रहा था।
दोस्तों वो मेरी लाईफ की पहली रियल चुदाई थी इसलिए में ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाया और मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और उठकर बाथरूम में गया और झड़ गया। तभी उसके बाद मैंने वापस आकर फिर से मालिश वाली पोज़िशन ले ली और मालिश करने लग गया। लेकिन अब झड़ने के बाद मुझे नींद आने लगी थी। तो में चाची से बिना पूछे उनके ऊपर से हट गया और उनके पास ही लेट गया। फिर जब तक मुझे नींद नहीं आई तब तक में उनके बूब्स से खेलने लगा गया। फिर पता नहीं मुझे कब नींद आ गयी थी।
फिर जब में अगली सुबह सो कर उठा तो चाची ने मुझसे कहा कि क्यों अंशुल तू रात को कौन सी मालिश कर रहा था। तभी में चुपचाप खड़ा रहा और चाची नहाने चली गई और जब वो नहा कर बाहर आई तो उन्होंने मुझे एक स्माईल दी। अब मुझमे और हिम्मत आ गई। फिर में रात का प्लान बनाने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि में अब चाची को कैसे चोदूं? फिर मुझे एक बात और भी मालूम पड़ी कि चाची नींद की गोली भी खाती है फिर क्या था। बस अब मुझे सब कुछ मिल गया। अब में रात होने का इंतजार करने लगा फिर जब रात हुई तो में फिर वही सब कुछ करने लगा जो मैंने पहले किया था। मैंने आज उन्हें चोदने का एक पूरा प्लान बनाया था।
फिर मैंने धीरे धीरे मालिश के साथ साथ उनके पूरे शरीर की मालिश की तभी कुछ देर बाद वो सो चुकी थी। अब मैंने उनकी सलवार का नाड़ा थोड़ा ढीला किया और नीचे सरका दी और फिर अपना लण्ड बाहर निकाल कर भोसड़े के मुहं पर रखा और एक धीरे से धक्का दिया अब लण्ड भोसड़े कि गहराइयों में जा चुका था। लेकिन मुझे बहुत डर लग रहा था और मजा भी आ रहा था। लेकिन चाची तो गहरी नींद मे होने की वजह से हिल भी नहीं रही थी और में धक्को पे धक्के दिये जा रहा था।
मैंने करीब दस मिनट तक उन्हें चोदा और साथ मे उनके बूब्स भी दबाए और उनकी गांड मे अपनी एक ऊँगली तेल मे करके डाल दी। इन सभी कामो से वो अब नींद में ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी। फिर में कुछ देर बाद में उनकी भोसड़े में ही झड़ गया मैंने अपना पूरा वीर्य उनकी भोसड़े मे ही धीरे धीरे धक्को के साथ छोड़ दिया। लेकिन अब में बहुत डर गया था क्योंकि पूरी चादर वीर्य में गीली हो चुकी थी। फिर मैंने एक कपड़ा लिया और भोसड़े के साथ साथ चादर भी साफ किया और फिर उन्ही के पास चिपक कर सो गया।
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