जवान भाभी( सन्नी लियोन) की चूत का लगा चस्का Jawan Bhabhi(Sunny Leone) ki Chut ka Laga Chaska

जवान भाभी( सन्नी लियोन) की चूत का लगा चस्का Jawan Bhabhi(Sunny Leone) ki Chut ka Laga Chaska, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हेल्लों दोस्तों, कैसे हैं आप सभी उम्मीद करता हूँ कि आप सभी कुशल मंगल होंगे और अपना जीवन सुखी से जी रहे होंगे | मेरा नाम गुरप्रीत है और मैं अमृतसर पंजाब से हूँ | मेरी उम्र 18 साल है और मैं कॉलेज का छात्र हूँ पर मैं प्राइवेट पढाई कर रहा हूँ क्यूंकि मैं जॉब भी करता हूँ कंप्यूटर ऑपरेटर की | मेरी हाईट 6 फुट है और मेरी हैल्थ फिट है | मेरे घर में मैं, मम्मी-पापा और भाभी रहते हैं, मेरे भैया जो कि 30 साल के थे उनकी कैंसर से मौत हो चुकी थी और उनकी मौत को three बीत चुके हैं | ये कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की है जिनका नाम सन्नी लियोन है | जो मैं आप लोगों को इस कहानी के माध्यम से बताने वाला हूँ |
तो अब मैं कहानी शुरू करता हूँ बिना आप लोगों को बोर करते हुए | ये बात जनवरी 2017 कि है जब मैं कुछ भी नहीं करता था और घर पर ही ज्यादा टाइम बिताता था और सरकारी नौकरी कि तैयारी करता था | मेरी भाभी एक सॉलिड आइटम हैं जिसका फिगर लाजवाब है कोई भी उसे देख ले तो उसका लंड खड़ा हो जाये और उसे चोदने का मन बना ले क्यूंकि मेरी भाभी का फिगर ही कुछ ऐसा है | बड़े बड़े परकी दूध हैं और कमर एक दम भरी हुई और गांड हाय गांड इतनी मस्त है मेरी भाभी कि की क्या बताऊ दोस्तों गदरायी हुई थी गांड और चौड़ी सी उठी और आज भी उसकी गांड वैसी ही है | मैं अपने कमरे में रह कर पढाई करता था और भाभी मेरे लिए कभी चाय तो कभी दूध ला कर देती रहती थी |
 भाभी मेरा मेरी मम्मी से ज्यादा ख्याल रखती थी और मैं भी का ध्यान रखता था | एक दिन हम लोग मार्किट गए थे सब्जी लेने और मेरी बाइक पर गए हुए थे | जब मैं गाड़ी चलाता और झटके से डिस्क ब्रेक मारता था तो भाभी के दूध मेरी पीठ पर टच होते थे और मुझे बहुत अच्छा लगता था, | मैं बार बार जानबूझ कर डिस्क ब्रेक मारता था ताकि भाभी के दूध मेरी पीठ से टच हों, और भाभी को भी इस चीज़ से एतराज़ नही हो रहा था कि मैं ऐसा कर रहा हूँ | फिर हम मार्किट पंहुचे और वहां से सामान ले कर लौट रहे थे तब भाभी ने सामान बीच में रख लिया था जिस वजह से मैं उनके दूध का मजा नही ले पा रहा था |
फिर हम घर आ गए थे और अपने अपने काम में लग गए थे | शाम को 6 बजे पापा घर आये तो उन्होंने कहा कि मेरे बहुत अच्छे दोस्त की बेटी की शादी है तो उन्होंने सभी को बुलाया है शादी पर | तो मैंने और भाभी ने मना कर दिया तो पापा और मम्मी का साथ जाने का प्लान बन गया था | फिर दो दिन बाद मम्मी और पापा बस से रवाना हो गए |
loading...
एक दिन कि बात है मैं टीवी देख रहा था और भाभी सब्जी काट रही थी दोपहर के वक़्त | भाभी ने मुझसे पूछा कि क्यूँ रे गुरप्रीत तेरे कोई दोस्त नहीं हैं क्या जो तू सारा दिन घर में ही बैठा रहता है ? तो मैंने कहा भाभी दोस्त तो हैं पर वो मुझे कमा के नहीं देंगे और वैसे भी जब जरुरत होती है तब तो वो मेरा साथ देते हैं और मैं उनका तो फिर क्या जरुरत है बाहर बेकार घूमने की ? फिर भाभी ने कहा हाँ बात तो तू सही कह रहा है अच्छा चल ये बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या ? तो मैंने कहा क्या भाभी आप भी क्या पूछ रहे हो मेरी शक्ल देख के लगता है क्या कि कोई मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी |
तो भाभी बोली बता दे अगर तुझे कोई पसंद भी है तो मैं तेरा ब्याह करा दूंगी उसके साथ तो मैंने कहा भाभी ऐसी कोई लड़की नहीं है जिससे मैं प्यार करता हूँ और मेरा इन सब में मन भी नहीं लगता है | मैं फिलहाल अपने केरिअर में ध्यान देना चाहता हूँ बस बाकि और कुछ नहीं तो भाभी बोली चल ठीक है और फिर सब्जी काटने में लग गई | फिर मैं भी टीवी देखने के बाद अपने रूम में चला गया और पढाई करने लगा तभी कुछ देर बाद भाभी कि आवज़ आई गुरप्रीत चल नीचे आजा खाना बन गया है तो मैंने भी जवाब में कहा ठीक है भाभी मैं आता हूँ ओर फिर हाँथ धो कर मैं खाना खाने बैठ गया और हम दोनों साथ में खाना खाने लगे |
20 मिनट के बाद मैं खाना खा के अपने रूम में चला गया और थोडा सा आराम करने लगा तो मेरी नींद ही लग गयी थी और फिर मुझे नींद में ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरे लंड को सहला रहा है | फिर जैसे ही मैंने आँख खोला तो देखा कि भाभी मेरा लंड सहला रही थी तो मैंने भाभी से तपाक से बोला भाभी तुम ये क्या कर रही हो तो उन्होंने बोला गुरप्रीत मुझे माफ़ कर दे मैं थोडा बहक गयी थी मुझसे ये सब कैसे हो गया मुझे समझ नही आया ? तो मैंने कहा भाभी रहने दो जाने दो इस बात को मैं ये बात किसी को भी नहीं बताऊंगा | मैं समझ सकता हूँ कि भैया के जाने के बाद तुम्हारी वो इच्छा अधूरी रह गयी होगी जिस वजह से तुमसे ये गलती हो गयी |
तो फिर भाभी ने मुझसे कहा गुरप्रीत जब जब तू इतना समझ सकता है तो क्या तू मेरी एक मदद कर सकता है क्या ? तो मैंने कहा हाँ भाभी बोलिए न कैसी मदद चाहिये तुम्हे तो वो बोली | तू तो जानता ही है कि तेरे भैया के जाने के बाद मैं कभी एक औरत होने का सुख नहीं उठा पाई तो क्या तू मुझे एक औरत होने का सुख दे सकता है ? तो मैंने कहा भाभी मैं कुछ समझा नहीं तो फिर वो बोली कि क्या तू मुझे सेक्स का सुख दे सकता है ? तो मैं थोड़ी देर सोचता रहा कि क्या ये सही होगा या नहीं ?
कुछ देर सोचने के बाद मैंने अपने होंठ भाभी के होंठ में रख दिए और उन्हें किस करने लगा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी हम दोनों एक दूसरे को पागलो कि तरह चूम और चाट रहे थे फिर भाभी ने मेरा लोअर उतार दिया और मेरा झांटो वाला लंड चाटने लगी और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगा | जब भाभी मेरा लंड चाट रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और फिर मेरा लंड चाटने के बाद भाभी मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगा | भाभी ने मेरा लंड दस मिनट तक गले तक लिया और मुझे बहुत मजा आया अपना लंड चुस्वाने में | फिर भाभी ने अपना सूट उतारा और फिर ब्रा और पेंटी दोनों उतार दी | मैंने भाभी को पहली बार नंगा देखा था भाभी का बदन सच में में बहुत मस्त था और उनकी चूत भी चिकनी थी | फिर भाभी के दूध मैं मुंह में ले कर चूसने लगा और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह कर रही थी | मैं भाभी के दूध मुंह में भर कर जोर जोर से चूस रहा था |
मैंने भाभी के दूध को 15 मिनट तक जोर जोर से दबा दबा कर चूस रहा था और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | फिर मैंने भाभी को लेटा दिया अपने बेड पर और उनकी टाँगे चौड़ी करके उनकी चूत में अपनी जीभ डाल कर चाटने लगा | जब मै भाभी कि चूत चाट रहा था तब भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करके पूरा कमरा भर रही थी | मैं भी जोश में आ गया था और भाभी ने मुझसे कहा कि अब और देर न करो बस डाल दो अपन लंड और बुझा दो अपनी भाभी की प्यास और मैं तुरंत अपना लंड भाभी की चूत में डाल कर जोर जोर से चोदने लगा |
भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगी |
loading...
भाभी को भी हहुत मजा आ रहा था और मुझे भी हम दोनों चुदाई की दुनिया में खो गए | मैं जोर जोर से धक्के लगा लगा कर भाभी को चोद रहा था और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करते हुए झड़ गई | थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया था उनकी चूत में ही |

पड़ोसन मारवाड़ी भाभी की चूत चुदाई कर दी Padosan marwadi bhabhi ki chut chudai kar di

पड़ोसन मारवाड़ी भाभी की चूत चुदाई कर दी Padosan marwadi bhabhi ki chut chudai kar di, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हेलो दोस्तों, मेरा नाम ध्रुव हे; यह मेरी पहली सेक्स कहानी है; मैंने अभी तक काफी सेक्स कहानियां पढ़ी है इस साइट; पर और तभी से मुझे मेरी बाजू वाली भाभी को चोदने का मन हो गया, मेरी उम्र २१ साल है.

हुआ यूं कि हमारे घर के यहां एक छोटा सा मार्केट है, जहां सब्जी और कपड़ो की शॉप है; वहां पर शाम को काफी लेडीज आती है खरीदी करने के लिए, मैं भी वहां रोज जाया करता हूं खूबसूरत लड़कियों को देखने के लिए.

एक दिन मेरी नजर एक भाभी पर गई, वह भाभी ने पिंक साड़ी पहनी हुई थी, मार्केट में कुछ खरीद रही थी; वह काफी खूबसूरत थी उसने एक स्लीवलेस ब्लाउज पहना था; मैं जब उसे पहले टाइम देखा तो उसे देखता ही रह गया, उसका फिगर काफी मेंटेन था, उसके बाल भी काफी घने थे; और जो उसके चेहरे पर आते थे.

वह उसे हमेशा पीछे करती थी; और उसके बूब्स और गांड ओह माय गॉड; मेरी नजर उस पर ही थी; उसने उसकी काफी चीजें खरीदी और उसके घर की ओर जाने लगी, मैंने सोचा के घर का पता कर लूं; तो मैंने उस दिन उसका पीछा कर लिया, तो पता चला कि वह बाजू वाले मकान में रहती है और उनका सरनेम जैन था.

तो मैं रोज मार्केट में उनका इंतजार करने लगा, ऐसे ही एक दिन आया, मैं सोचा कि आज कुछ करते हैं; मार्केट में आने के बाद में उसे घुर रहा था वह जहां जाती उसके पीछे पीछे चला जाता, मुझे बस उसका अटेंशन चाहिए था; काफी देर बाद मैंने वह बना लिया और उसके बाद में उस जगह से चला गया, और दूर जा कर उस पर ध्यान दिया; वह कुछ आसपास देख रही थी मुझे समझ में आया कि मेरा काम अब हो गया है; मैंने अगले दिन ऐसा ही किया; उस दिन वह कुछ सब्जियां ले रही थी सब्जी लेने के बाद वह उसके घर की और निकली, मैंने उसका पीछा करना शुरू किया, कुछ टाइम बाद उस ने उसके हाथों में जो भी सामान की बैग थे वह नीचे रख दिया और इधर उधर देखने लगी.

मैंने उसकी तरफ देखा और पूछा क्या हुआ? उसने कहा कुछ नहीं; क्या आप मेरी मदद करोगी? मुझे यह बैग मेरे घर तक लेकर जानी है, मेरा घर यहीं पास में है; उसने ऐसा कहते ही मुझे पता चला कि इसे भी कुछ चाहिए, लेकिन कंफर्म नहीं था; मैंने भी एक रिस्पॉन्सिबल पर्सन की तरह बिहेव करते हुए उसे हां जरूर कहा, उसके घर छोड़ दिया उसने मुझे थैंक्यू कहा और मुझे पानी के लिए पूछा.

मैंने हां कहा काफी प्यास लगी है, उसने मुझे अंदर आने के लिए कहा; मैं काफी खुश हो गया, अंदर कोई और औरत आई और उसने मुझे पानी दिया; वह उनकी काम वाली थी; उसका टाइम हो गया था वह घर जा रही थी; तभी मैंने सोचा कि कुछ इधर उधर की बातें करनि पड़ेगी अगर कुछ करना है तो; अचानक वह सामने आकर पूछने लगी कि आप क्या करते हो? मैं उसे बताया कि मैं स्टडी करता हूं, यहां मेरे फ्रेंड के साथ रहता हूं; मैंने उसे उसकी फैमिली के बारे में पूछा, उसके पति का बिजनेस है पुणे में; और उसे एक लड़का है ४ साल का.

उसने मुझे चाय के लिए पूछा और मैंने तुरंत हां कर दिया, जब वह किचन की ओर जा रही थी तब पीछे से काफी सेक्सी लग रही थी; वह डीप कट ब्लाउज साड़ी और ब्लाउज के बीच में गैप और उसकी गांड मस्त उछलते चल रही थी; २ मिनट के बाद वह आई हमने चाय पी और इधर उधर की बातें की; थोड़ी देर हमने एक दूसरे के नंबर एक्सचेंज कर लिए, अपना नंबर दिया और कॉल करने के लिए कहा, उसने उसी टाइम मेरा नंबर डायल किया और कंफर्म कर लिया; मैं तो खुश हो गया क्योंकि उसका नंबर भी मेरे पास आ गया है.

कुछ हफ्ते बाद संडे के दिन मैंने सोचा कि आज कॉल करते हैं, मैंने उसे इधर-उधर की बातें करना शुरु किया और उसके साथ जोक करने लगा उसे हंसाने लगा, कई बार उसने मेरी तारीफ की; मैं समझ गया कि वह भी मुझे चाहती है, ऐसे ही हम कभी वॉइस कॉल पर बात करने लगे, यह सिलसिला दो महीने तक चला.

एक दिन जब मैं मार्केट में घूम रहा था, तो मुझे वह अचानक दिखाई दी, वह लाल कलर साड़ी में काफी सेक्सी लग रही थी, जी कर रहा था वही जाकर उसकी गांड जोर से दबा दूं; मैं उसे देख ही रहा था तो वह मेरे सामने आई, और मुझे देख कर स्माइल कर के बोली, कहां जा रहे हो? मैंने कहा कुछ नहीं यही जा रहा हूं.

वह उसके घर चली गई और मैं अपने घर उसे घर जाने के बाद मैंने उसे मैसेज किया कि आज आप क्या आप के घर पर कुछ इवेंट है क्या? उसने कहा नहीं ऐसा कुछ नहीं है ऐसा क्यों पूछ रहे हो? मैंने कहा आप काफी खूबसूरत लग रही थी आज; वह हंसने लगी और तुरंत उसकी कॉल आई; और हम बातें करने लगे; उसने मुझे कहा कि पति और मेरा बच्चा कल से गाँव गये हैं क्योंकि उसकी सास की तबीयत ठीक नहीं थी.

मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा था, मैंने उस दिन रात के ९ बजे उसके घर जाने की सोची; मैंने उसकी डोर बेल बजाई, उसने दरवाजा खोला और मुझे देख के उसके आंख में देखने लायक था; उसने पूछा तुम इस टाइम पर यहां कैसे? मैंने कहा क्यों नहीं आना चाहिए था? सॉरी;; उसने कहा ऐसी बात नहीं, मैं उसके सोफ़ा सेट पर बैठ गया उसने मुझे पानी ला कर दिया.

और मुझे कहा कि जरा रुको मैं टेरेस पर जाकर आती हूं, सूखे हुए कपड़े लाने के लिए; जो मैं आज भूल गई; ५-१० मिनट हो गए वह नहीं आई, तो मैं टेरेस पर गया वहां कपड़े के टब में रख रही थी, टब वजन की वजह से काफी भारी हो गया था, तो मैंने वह उठाया और नीचे जाने लगा, तो अचानक लाइट चली गई; वह अह्ह्ह कर के हल्के से चिल्लाई, मैंने उसे कहा डोंट वरी मैं हूं. उसने मेरा हाथ पकड़ा और हम उसके होल में आए; अंधेरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था; वह टब मेरे हाथ में था तो नीचे रखते समय मैंने उसकी कमर को टच किया; पीछे मुड़ी बस इतना उसे एहसास हुआ; यह मुझे पता चला; वह फिर से बोली काफी डर लग रहा है, मैंने उसे कहा डरो मत ऐसे कहते मैंने उसे हग किया.

पहले उसकी टच की वजह से कुछ अजीब लगा; पर उसने मुझे जोर से पकड़ लिया मैंने उसे पूछा कि खाना खा लिया आपने? और उसने मुझे जोर से पकड़ लिया; उसने कहा नहीं मैंने उसे हग किया था; और मेरा लंड उसकी गांड पर जा रहा था; अभी तक मैं समझ गया था कि आज की रात मेरी रात है; वह टाइम काफी सही था; मैंने उसे उठाया और दरवाजे की और उसे लेकर गया; उसने कहा क्या कर रहे हो? मैंने कहा अंधेरे में आपके पैर को कुछ लगेगा इसलिए; और हमने वह हाल का दरवाजा बंद कर दिया, और लाइट आ गई; वह मेरी गोदी से नीचे उतरकर किचन की ओर चली गई; मैं उसके तुरंत पीछे गया और उसको पीछे से पकड़ लिया; उसने कहा सॉरी गलती हो गई; मैंने कहा क्या गलती? वह कुछ नहीं बोली; मैंने तुरंत कहा आई लव यू.

भाभी के चेहरे की स्माइल देख कर पता चल गया; मैं वही उसे किस करने लगा और भाभी के बूब्स दबाने लगा; वह मेरा साथ देने लगी, हम बेडरूम की ओर गए मैंने उसकी ब्रा और पेंटी उतारी; बाद में मैंने भाभी के बूब्स चूसने लगा; थोड़ी देर बाद उसके पूरे शरीर को चूमने लगा; और मैं धीरे धीरे भाभी की चूत के पास गया; भाभी ने क्लीन शेव किया था, भाभी की गुलाबी चूत मुझे बहुत अट्रेक्ट कर रही थी.

बाद में मैंने उसकी चूत को स्पर्श किया, वह मचल उठी; उसकी चूत थोड़ी टाइट थी, लगता था कि उसके पति ने कंप्लीट चोदा नहीं था उसको;; बाद में मैं उसकी चूत चूसने लगा, वह मछली की तरह फडफडाने लगी, उसको बहुत मजा आ रहा था; क्योंकि उसकी चूत उसके पति ने कभी चूसी नही थी; थोड़ी देर चूत चूसने के बाद वह पूरा अकड़ गई और सारा पानी निकाल दिया; बाद में मैंने उसे अपने लंड को मुंह में लेने के लिए बोला, वह मना कर रही थी; क्योंकि उसने पहले नहीं किया था, वह राजी हो गई पर मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद मेरा निकलने वाला था तो भाभी के मुंह पर डाल दिया, एक दूसरे को साफ किया; वह लंड के लिए तड़प रही थी; वह बोल रही थी कि अब मुझे चोद डालो; मैंने उसकी चूत में एक दो उंगली डाली; तो उसकी चूत थोड़ी टाइट थी; उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसको घोड़ी बनाया; और लंड चूत पर सेट किया; हलके मैंने उसको धक्का दिया; आधा लंड जाने के बाद वह चिल्ला रही थी, पूरा लंड उसकी चूत में समा गया; और उसके बूब्स दबाने लगा; बाद में वह साथ देने लगी और चूदाई शुरू हो गई.

वह थोड़ी देर बाद जड़ गई, अब हमने पोजीशन चेंज की और मैं उसके ऊपर आ गया, थोड़ी देर चूदाई के बाद मेरा भी निकलने वाला था, तो उसे पूछा तो उसने बताया कि अंदर ही डाल दो, मैं अब फुल स्पीड में उसकी चूदाई कर रहा था, दो तीन मिनट के बाद मेंने उसकी गरम गरम चूत में अपना सारा माल छोड़ दिया, और उसके ऊपर ही लेट गया; बाद में उसके बूब्स चूसने लगा, फिर हमने एक और राउंड चूदाई कि, वह बहुत ही खुश थी; बाद में हमने शावर लेते हुए एक दूसरे को नहलाया, हमने बहुत चूदाई की, वह मुझे हद से ज्यादा प्यार करने लगी, मैंने उसके साथ हर पोजीशन में सेक्स किया.

भाभी के साथ एक रात बिताई - Bhabhi ke sath ek raat bitayi

भाभी के साथ एक रात बिताई - Bhabhi ke sath ek raat bitayi, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

मेरे भैया की शादी २ साल पहले ही हुई है। भाभी का नाम अर्चना जैन है। भाभी बहुत ही सेक्सी ,गोरी, स्लिम है। उनका फ़ीगर वेल मेन्टेन है। भैया एक एम् एन सी में बोम्बे में सी ऐ हैं। वो कभी कभी आते है। भाभी को देख २ कर मैं तो जैसे पागल हुआ जा रहा था। किसी न किसी तरह भाभी को छूने की कोशिश करता रहता था। वो जब मेरे कमरे में झाडू लगाने आती तो जैसे ही झुकती तो मेरा ध्यान सीधे उनके ब्लाउज़ के अंदर चला जाता। क्या गजब बूब्स हैं उनके जी करता कि पकड़ कर मसल दूं। पर मैं तो सिर्फ़ उन्हे देख ही सकता था। भाभी और मुझ में बहुत ही अच्छी जमती थी। हम हंसी मजाक भी कर लेते थे। पर कभी भी घर में अकेले नहीं होते थे कोई न कोई रहता था। मैं सोचता था कि काश एक दिन मैं और भाभी अकेले रहे तो शायद कुछ बात बने।

सर्दी का मौसम था घर के सभी मेम्बर्स को एक रिश्तेदार कि शादी में चेन्नई जाना था। भैया तो रहते नहीं थे। मम्मी पापा, मैं और भाभी ही थे। पापा ने कहा कि शादी में कौन कौन जा रहा है। मैने कहा मेरे तो एक्ज़ाम्स आ रहे है। मैं तो नहीं जा पाउंगा। मुम्मी बोली के चलो ठीक है इसके मरजी नहीं है तो ये यहीं रहेगा पर इसके खाने का प्रोब्लम रहेगा। इतने में मैं बोला कि भाभी और मैं यहीं रह जायेंगे आप दोनो चले जायें।

सबको मेरा आइडिआ सही लगा। अगले दिन मम्मी पापा को मैं ट्रैन में बिठा आया। अब मैं और भाभी ही घर में थे। भाभी ने आज गुलाबी साड़ी और ब्लाज़ पहन रखा था ब्लाउज़ में से बरा जो के स्रीम कलर की थे साफ़ दिख रही थी। मैं तो कंट्रोल ही नहीं कर पा रहा था। पर भाभी को कहता भी तो क्या। भाभी बोली थन्क यू देवेर जी। मैने कहा किस बात का। भाभी बोली मेरा भी जाने का मूड नहीं था। अगर आपकि पढ़ायी डिस्टर्ब न हो तो आज मोवी चले। मैने कहा चलो। पर कोई अच्छी मोवी तो लग ही नहीं रही है सिर्फ़ मर्डर ही लगी हुई है। भाभी बोली वो ही चलते हैं। मैं चोंक गया। भाभी ड्रेस चेंज करने चली गयी। वापस आयी तो उन्होने डीप कट ब्लाउज़ पहना था उनके ब्रा और बूब्स के दर्शन हो रहे थे। मैने कहा भाभी अच्छी दिख रही हो भाभी बोली थैंक्स । हम सिनेमा हाल गये हमें इत्तेफ़ाक से सीट भी सबसे उपर कोने में मिली। फ़िल्म शुरु हुई मेरा लंड तो काबु में ही नहीं हो रहा था। अचानक मल्लिका का कपड़े उतारने वाला सीन आया। मैं देख रहा था कि भाभी के मुंह से सिसकिआं निकलने शुरु हो गैइ।

और भाभी मेरा हाथ पकड़ कर मसलने लगी। मेरा भी हौसला बढ़ा मैने भी भाभी के कंधे पर हाथ रका दिया और धीरे २ मसलने लगा। हाल में बिल्कुल अंधेरा था। मेरा हाथ धीरे २ भाभी के बूब्स पर आ गया भाभी ने भी कुछ नहीं कहा वो तो फ़िल्म का मज़ा ले रहे थी। अब मैं भाभी के बूबी को मसल रहा था और अब मैने उनके ब्लाउज़ में हाथ डाल दिया भाभी सिर्फ़ सिसकरियां भरती रही और मुझे को ओपरेट करती रही। अब फ़िल्म एंड हो चुकी थी हम दोनो घर आये। मैने पूछा क्यों भाभी कैसि लगी फ़िल्म। भाभी बोली मस्त। मैने कहा भाभी भूख लगी है। हम दो नो ने साथ खना खया। मैं अपने कमरे में चला गया। इतने में भाभी की अवाज़ आई क्या कर रहे हो देवेर जी जरा इधर आओ न।

मैं भाभी के बेडरूम में गया तो भाभी बोली ये मेरी ब्रा का हुक बालों में अटक गया है प्लीज़ निकाल दो न। भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में ही थी। उसने क्रीम रंग की बरा पहन रखी थी। मैने ब्रा खोलने के बहाने उसके निप्पलों को भी मसल दिया और पूरी पीठ पर हाथ फ़िरा दिया मैने कहा भाभी लो खुल गयी ब्रा मैने बरा को झटके से नीचे गिरा दिया अब भाभी पूरी टोपलेस हो चुकी थी। हम दोनो फ़ुल फ़ोर्म में आ चुके थे भाभी बोली देवेर जी भूख लगी है तो दूध पीलो मैने भाभी को उठाया और बिस्तर पर ले गया उनका पेटीकोट भी खोल दिया अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी और मैं भी। मैने शुरुआत उपर से ही करना मुनासिब समझा

और भाभी के लाल लिपस्टिक लगे रसीले होंथों को जम कर चूसा। उसके बाद बारी आई उनके छाती की जिस पर कि दो मोटे २ दूध की टंकिया लगी थी। उनके निप्पल का सबसे आग्गे का हिस्सा बिल्कुल भूरा था मैने भाभी के बूब्स को इतना मसला और चूसा कि सच में ही दूध निकल आया। मैने दोनो का जम कर आनंद लिया। भाभी के मुंह से तो बस सिसकरियं निकल रहे थी आह आआआअह आआआआआह्हह अब मैं बूब्स से नीचे भाभी की चूत पर आया क्या क्लीन चूत थी एक भी बाल नहीं। मैने पहले तो भाभी की चूत को खूब चाटा फिर एक्स एक्स एक्स फ़िल्मो की तरह जोर २ से उंगली करने लगा। भाभी आअह आआआह देवेर जी कर रहे थी। फिर मैने भाभी को घोड़ी बनने के लिये कहा भाभी घोड़ी बन गयी मैने अपना लंड चूत में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा। इस तरह मैने ३० मिनट तक भाभी को अलग २ पोजिशन में चोदा (सोफ़े पर भी)। अब मैं थक गया था। भाभी बोली तुमने तो मेरे बहुत मज़े ले लिया मेरे शानदार फ़ीगर वाले बूब्स को चूस २ और मसल २ कर लटका और खाली कर दिया अब मेरी बारी है। मैं लेट गया

भाभी मेरे उपर चढ़ गयी और मेरे सीने पर मसलने और चूसने लगी और मेरे भी छोटे २ बोब निकाल दिये मैं भी भाभी के बूब्स को मसल रहा था फिर भाभी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी करीब १५ मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा।अब हम दोनो को नींद आ रही थी हम उसी हालत में सो गये। सुबह उठ कर हम दोनो साथ ही टब में नहाये और मैने भाभी के एक एक अंग को रगड़ २ कर धोया। इसके बाद भी हम २ -३ दिन तक सेक्स का आनंद लेते रहे। अब भी कभी मौका मिलता है तो हम शुरु हो जाते हैं। साथ में घर पर ही नेट पर साइट्स देखते हैं।

मुझे तो साड़ी सेक्स बहुत पसंद है। एक एक कपड़ा ब्लाउज साडी ,ब्रा ,पेटीकोट खोलने का मज़ा कुछ और ही है। मैं अपनी ड्रीम गर्ल को भी साड़ी में ही देखना चाहता हूं।

ईशा को घोड़ी बनाकर चोदा चूत चुदाई की - Isha ko ghodi banakar choda chut chudai ki

ईशा को घोड़ी बनाकर चोदा चूत चुदाई की - Isha ko ghodi banakar choda chut chudai ki, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है और में आपके लिए एक और नई स्टोरी लेकर आया हूँ। मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है और औरतों की चूत का पानी पीना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरा लंड 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है। दोस्तों ईशा ने मुझसे सेक्स के लिए बोला और उसने मुझसे मेरा वाट्सअप नम्बर भी माँगा। उसके बाद हम वाट्सअप पर बात करने लगे और उसने अपनी फोटो भी शेयर की, वो दिखने में बहुत हॉट और सेक्सी थी।

अब मेरा उसे देखते ही चोदने का मन करने लगा। फिर उसने बताया कि वह शादीशुदा है और उसका एक 3 साल का बच्चा है, उसकी शादी को 5 साल हो गये है और बच्चा होने के बाद उसका उसके पति के साथ रिलेशन अच्छे नहीं रहे और उसका पति भी उसे ढंग से नहीं चोदता है और ना ही उसकी तरफ ध्यान देता है। ईशा ने उसका फिगर 34-30-38 बताया। फिर मैंने ईशा से पूछा कि तुम कहाँ रहती हो? और में तुमसे कहाँ मिल सकता हूँ? तो ईशा बोली कि में दिल्ली से हूँ और उसने कहा कि मुझे 2 दिन के बाद कुछ काम से अमृतसर जाना है और में वहाँ एक होटल में रुकूंगी और वही में तुम्हें मिलूंगी। फिर मैंने कहा ठीक है हम 2 दिन के बाद अमृतसर में मिलते है और फिर हम सेक्स की बातें करने लगे। अब सेक्स की बातों के दौरान ईशा सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी, ईशा फिंगरिंग कर रही थी और मुझे भी जोश आ रहा था और में भी अपना लंड पकड़कर हिलाने लगा। फिर ईशा ने ज़ोरदार आवाज़ के साथ कहा कि साहिल अब में झड़ने वाली हूँ आआआहह और वो झड़ गई।

फिर 2 दिन के बाद में अमृतसर जाने के लिये निकला और में उसके बताए हुए होटल पर पहुँच गया। फिर जब मैंने ईशा को देखा तो वो क्या मस्त लग रही थी? और फिर उसको देखकर मैंने उससे कहा कि ईशा आज तो तुम कयामत लग रही हो, लगता है जान लेने का इरादा है। फिर उसने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, आज पहली बार किसी अंजान आदमी के साथ अजीब सा लग रहा है। फिर मैंने कहा कि क्यों घबरा रही हो? जानेमन बहुत मज़ा आयेगा क्यों घबरा रही हो? फिर उसने स्माईल कर दी। फिर हम होटल में एक साथ गये और वहाँ एक रूम बुक किया और हम रूम की चाबी लेकर रूम में एंटर हुए और रूम में आते ही हमने सामान छोड़ा और मैंने ईशा को पीछे से कसकर पकड़ लिया और उसे अपनी और खींच लिया।

फिर उसने कहा कि क्या कर रहे हो? रूको तो पहले सामान तो रख ले। फिर मैंने कहा कि सामान को यहीं रहने दो और मेरे पास आओ, मुझे टाईम ख़राब करना पसंद नहीं है और शरमाना बिल्कुल भी नहीं है और जैसे फर्स्ट टाईम तुमने अपने पति के साथ किया था, मुझे उससे भी ज्यादा तुम्हारे साथ प्यार करना है। फिर मैंने उसे उल्टा करके उसे बेड पर धक्का दे दिया और उस पर टूट पड़ा और उसे लगातार किस करने लगा। अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे, क्या मस्त बूब्स थे? एकदम फुटबॉल की तरह। अब में उसे बहुत जोर से सक कर रहा था और जोर से दबा रहा था। अब वो चिल्ला रही थी, साहिल धीरे करो, दर्द हो रहा है। फिर मैंने कहा कि दर्द में ही तो मज़ा है जान और फिर में उसे स्मूच करने लगा, अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। अब उसके दोनों हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे, अब ईशा की जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी और अब उसकी साँसे मुझे पागल बना रही थी। उसके होंठो का स्वाद बहुत जबरदस्त था।

फिर में धीरे-धीरे नीचे की तरफ बड़ने लगा और अब मेरा एक हाथ उसके पजामे के ऊपर से ही उसकी चूत पर पहुँच गया और उसे रब करने लगा। अब उसे मज़ा आने लगा था और उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर ली थी। अब मेरा एक हाथ उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था और में उसके बूब्स पर क़िस कर रहा था। फिर मैंने उसे उठाकर उसकी कमीज़ उतार दी, उसने अंदर काली ब्रा पहन रखी थी और उसके फुटबॉल जैसे बूब्स ब्रा में क़ैद थे। अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसे पलट कर उसकी ब्रा के हुक को अपने मुँह से खोलने लगा तो उसे सरसराहट सी होने लगी। फिर ईशा ने कहा कि साहिल गुदगुदी हो रही है तुम हाथ से खोल दो, अब में हुक खोलने में मस्त था और फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया। अब उसके बड़े-बड़े निप्पल पूरे आजाद थे। फिर मैंने उसे सीधा करके उसके बूब्स को फिर से अपने मुँह में पूरा डाल लिया और उसके निप्पल को चूसने लगा।

मेरे जेठ ने मेरी मज़बूरी का फ़ायदा mere jeth ne meri majburi ka fayada

मेरे जेठ ने मेरी मज़बूरी का फ़ायदा mere jeth ne meri majburi ka fayada, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम साक्षी सिंह है, मै अमृतसर की रहने वाली हूँ। मेरी कहानी बहुत दर्द भरी और मज़ेदार है। मै आज अपनी कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर आप के सामने प्रस्तुत करती हूँ। मेरी कहानी जानने से पहले मै थोडा अपने बारे में बता दूँ। मै अभी 26 साल की हूँ। 5 साल पहले मेरी शादी जालंधर में हो गई। मेरे पति का नाम अभिषेक है। वो अभी 25 साल के होंगे। उनके घर में मेरी सास, ससुर, एक ननद और मेरी जेठानी और उनके पति रहते थे।
शादी के पहले मै बहुत हॉट और सेक्सी थी। मेरे बड़े बड़े और काले काले बाल, गोरे गोरे और लाल गाल, बड़ी बड़ी आंखे और मेरे सुडोल और सख्त जिस्म तो बहुत हो मस्त थी। चुचियाँ तो कमाल के थे ऐसा लगता था देखने पर की जैसे कोई मैदे के आटे को सान कर उसपे काले और हलके भूरे रंग की जामुन रख दिया हो। मेरी चूची बहुत ही गोरी और रुई की तरह मुलायम और साथ साथ सख्त और टाइट भी थी। मेरी चूत तो किसी जलते हुए कोयले से काम नही थी, मेरी कमसिन चूत बहुत रसीली बिल्कुल रसीले आम की तरह और बिल्कुल चिपकी हुई ऐसे लग रहा था की अभी इसका सील भी नही टूटा होगा, लेकिन मैंने बहुत बार अपनी चूत को अपने चाचा के लडको से मरवा चुकी थी।
मेरी शादी के बाद मेरे पति ने लगातार मेरी चुदाई करके मेरी चूत को फैला दिया और एक ही साल बाद मेरे एक लड़का भी हो गया। लड़का होने के बाद हमारा खर्चा बढनें लगा और मेरे पति कुछ काम नही करते थे, वो दिन भर घर पर रहते और जब भी मन करता मेरी चूत को बजाते।
मैंने एक दिन अपने पति से कहा – ”जानू तुम कुछ काम करो अब हमे पैसे की जरूरत है और कब तक हम किसी के सामने अपना हाथ फैलाएगें’’।
मेरे पति ने मुझसे कहा – ‘’हाँ मै जल्दी ही कुछ काम ढूंड लूँगा’’। थोडा दिन बीता अभिषेक ने एक काम करना शुरू किया लेकिन पैसे बहुत कम मिलता था। कुछ दिन उन्होंने वहां वो काम किया।
धीरे धीरे मेरे बेटा भी बड़ा हो रहा था, उसके पढ़ी का भी खर्चा बढ़ने वाला था। अभी तक तो मेरे ससुर जी हमारा खर्चा देते है लेकिन कब तक वो हमारा खर्चा उठाएंगे।
मेरे जेठ जी की नजर बहुत बुरी थी, वो औरतो को केवल चुदाई का सामान समझते थे, उन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी औरतो को चोदा था की क्या बताऊँ। मेरे जेठ की नजर मेरे ऊपर भी थी लेकिन अभिषेक हमेसा घर पर ही रहता था इसलिए उनको मौका नही मिल पता था मुझ पे डोरे डालने को। अगर बात करे जेठ जी की तो दिखने में स्मार्ट और साथ ही साथ उनके पास पैसे की भी कमी नही थी। उनका काम बहुत तेजी से चल रहा था और खूब पैसे भी आ रहें थे।
कुछ दिन बाद मेरे ससुर की मौत हो गई, ससुर के मौत के बाद हमारा खर्चा किसी तरह से पूरा होता था। अभिषेक बहुत मेहनत भी करता तब भी हमारा खर्चा किसी तरह से चलता। कुछ दिन बाद बाद मेरे जेठ ने बटवारा कर दिया।
अब तो हमारा और भी बुरा हाल हो गया। अभिषेक और ज्यादा पैसे कमाने ले लिये अपने एक दोस्त के साथ दिल्ली चले आये। अब मै और मेरा बेटा हम दोनों ही घर रहते थे, मेरे पति दिल्ली से पैसे भेजते थे, और खुद भी कभी चले आते थे। जब वो आते थे तो हम दोनों मिलके खूब चुदाई करते जितने दिन रहते, हम एक एक दिन पांच छः बार काम कर लेते थे। लेकिन उनके जाने के बाद मेरी चूत में सुखा पड़ जाता था। कोई मुझे चोदने वाला नही रहता था।
loading...

मेरे पति के परदेस जाने के बाद मेरे जेठ जी ने मुझ पर चांस मारना शुरू कर दिया था। लेकिन मुझे उन्हें देख कर नफरत होती थी क्योकि उन्होंने मेरे पति को नौकरी नही दी थी।
मै एक दिन अपने घर के सामने बैठी थी, मेरे जेठ जी आए और उन्होंने मुझसे कहा – ‘’मै तुम्हारे पति को अपने काम में नौकरी दे सकता हूँ लेकिन पहले तुम मेरे लिये कुछ करो फिर मै भी तुम्हारे लिये कुछ कर सकता हूँ’’। मै समझ गई की ये मुझे चोदने के बारे में बात कर रहे है। मैंने उनसे कहा -‘’आप जो चाहते है वो कभी नही हो सकता है चाहे दुनिया इधर से उधर क्यों ना हो जाए’’।
मेरे जेठ ने कहा – मै तो तुम्हारा अकेलापन दुर करना चाहता हूँ, तुम्हारे पति को तुम्हारे पास बुला के और तुम कहा रही हो जो मै चाहता हूँ वो कभी नही हो सकता???
कुछ देर बाद मेरे जेठ वहां से चले गाये। मैंने उनके बातों के बारे में बहुत सोचा पर मै लेकिन मेरे मन उनसे चुदवाने को नही कर रहा था। धीरे धीरे कुछ दिन और बीता, अभिषेक घर आ गया। घर आते ही उसने मुझे गोदी में उठा लिया और बिस्तर में ले गया। उसने बहुत दिन बाद मेरी चूत को मज़े से चोदा और खूब पिया भी। चुदाई के बाद मैंने उससे कहा ¬– तुम यहीं कोई अच्छा काम क्यों नही कर लेते?? तो उसने कहा यहाँ पैसे अच्छे नही मिलते है। तुम्हारे बिना मै बहुत अकेली रही हूँ। तो उसने कहा – भैया मुझे काम पर रखेगे नही क्योकि उन्होंने मुझे एक बार पैसे चुराते हुए पकड़ लिया था। मुझे उस काम में अच्छे पैसे मिल जाते थे। मैंने सोचा अगर मै अपने जेठ से चुदवा लू तो अभिषेक को यहाँ काम के साथ साथ अच्छे पैसे भी मिल सकता है। लेकिन मैंने सोचा अभी नही वरना हो सकता है की अभिषेक को सक हो सकता है। थोड़े ही दिन बाद अभिषेक फिर से बाहर चला गया। मैंने पहले तो सोचा की अपने जेठ से चुदवा लूँ लेकिन फिर मेरे मन बदल गया।
मैंने अपने मन से जेठ जी से चुदने की बात को निकाल दिया। लेकिन मेरी और मेरे जेठ की चुदाई की कहानी तो भगवान खुद अपने हाथो से लिख रहा था।
दोस्तों, कुछ दिन पहले की बात है मेरी जेठानी अपने मइके गयी हुई थी और मेरे पति भी घर नही थे। रात का समय था , मै लेटी हुई थी दोपहर से ही मेरे बेटे की तबीअत कुछ ठीक नही थी, लेकिन जब रात हुई तो उसकी तबीअत खराब होती गई। मैंने सोचा अब इतनी रात को किसको बुलाऊ?? फिर मैंने अपने जेठ जी कमरे के बाहर गई और उनको आवाज़ देने लगी। कुछ देर बाद वो बाहर आये। उन्होंने मुझसे कहा – ‘’इतनी रात को आई हो क्या बात है, कहीं तुम अपना अकेलापन तो दुर करने नही आई हो’’। मैंने कहा नही वो मेरे बेटे की तबीअत खराब है आप साथ चल कर डॉक्टर को दिखवा देते तो ठीक रहता रात भी हो चुकी है। मेरे जेठ ने कहा – तुमने तो मेरी बात नही मानी थी तो मै क्यों तुम्हारी बात मानू?? मैंने उनसे कहा – भगवान के लिये पहले आप मेरे बेटे को डॉक्टर को दिखा दीजिए फिर आप को जो करना है कर लेना लेकिन पहले मेरे बेटे की दवाई करवा दो।
जेठ जी ने मेरे बेटे को डॉक्टर को दिखाया और दिखाने के बाद घर ले आये। उसके ठीक होने तक वो मेरे कमरे में ही बैठे थे। जब मेरा बेटा ठीक हो गया तो मैंने जेठ जी कहा –‘’ पहले आप मुझसे वादा कीजिये की ये बात किसी से कहेगे नही और मेरे पति को काम भी देंगे’’।
मेरे जेठ जी मुझसे कहा ठीक है। लेकिन आज तो तुम्हारी चूदाई तो करूँगा ही और जब मेरा मन फिर किसी को चोदने को कहे तो तुम चुपके से आ जाना। मैंने उनकी शर्तो को मन लिया। मैंने अपने बेटे को एक कमरे में लेटा के मै और जेठ जी दोनों दूसरे कमरे में चुदाई करने के लिये चले गाये। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है
मैंने उस कमरे के दरवाजे को बाद कर लिया। और पड़े हुए बिस्तर पर बैठ गई। जेठ जी ने जल्दी से अपने कपडे को उतार दिय और केवल बड़े और ढीले वाले नेकर में मेरे सामने खड़े हो गाये। मैंने उस दिन काली रंग की साडी पहनी थी, जेठ जी ने कहा – ‘’मेरी जान आज तुम बहुत कमाल की लग रही हो’’। उन्होंने मेरे हाथो को पकड़ा और मुझे अपनी खीच लिया। मेरे मम्मे उनके सीने में जाके टकरा गाये और मुझको उन्होंने अपने बाहों में भर लिया। बाहों में भरते ही जेठ जी मेरे रसीले होठो को अपने मुह में भर कर चूसने लगे। वो लगातार मेरे होठो को काट काट कर मुझे कामोत्तेजित कर रहें थे। थोड़ी ही देर में मै कामोत्तेजना से पागल होके अपने जेठ जी को कस कर अपने बाहों में भर लिया और उनके होठो को अपने मुह में भर कर चूसने लगी। मेरा जीभ उनके मुह में और उनकी जीभ मेरे मुह में यही काम बहुत देर तक चलता रहा। बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे के चुम्बन में खोये रहें।
कुछ देर बाद जेठ जी का हाथ मेरी ब्लाउस पर आ कर रुक गया, उन्होंने मेरी साडी को निकाल दिया और मेरे मम्मो को आजाद करने के लिये मेरे ब्लाउस की एक एक बटन को खोल दिया और मेरे बड़े बड़े मम्मो को काले ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगे। फिर जेठ जी ने मेरे ब्रा में फसे हुए चुचियों को मेरे ब्रा को निकाल कर उसे आज़ाद कर दिया और मेरी 36 चुचचे को बड़े मस्ती से दबाना शुरू किया। वो मेरे मम्मो को दबा दबा के बहुत अधिक चुदासा हो गया थे और मेरे खूबसूरत सफ़ेद चिकने मम्मो को वो अपने हाथ में लेकर किसी आटे की तरह वो जोर जोर से मसले जा रहा था। मै भी चुदासी होकर अपने मम्मो को बड़े मस्ती से लगातार मसल रही थी। मेरा बेटा रोज मेरी दूध पीता था इसलिए मेरे चुचियों से अभी भी दूध निकालता है। मेरे जेठ जी अपने हाथो से मेरे चूची को जोर से दबाते और उसमे से जब दूध निकलता तो उसको पीकर मज़े ले रहें थे। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
बहुत देर तक मेरे दूध को पीने के बाद जेठ जी ने मेरे बूब्स को मसलते हुए और मेरे पेट को पीते हुए मेरी नाभि से होते हुए मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगे।उन्होंने मेरे काले पेटीकोट के नारे को खोला और पेटीकोट को निकाल दिया। फिर उसने मेरी पैंटी भी निकाल दिया। अब मैं अपने जेठ जी के सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। दोस्तों, मैं बहुत सुंदर और गोरी चिकनी थी किसी रानी की तरह। अब तो मै भी इतना कामातुर हो गई थी कि मै खुद ही अपने जेठ से चुदना चाहती थी। मेरे जेठ जी ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे पैरों कि उंगलियों को चूसने लगा। और धीरे धीरे मेरे पैर को चूसते हुए मेरे चिकनी और सॉफ्ट जांघ कि तरफ बढ़ने लगा। मै तो पागल हो रही थी और …..सी सी सी ,,अहह … उह उहअहह … अह्हह्ह करने लगी थी। कुछ ही देर में वो मेरी जांघों को चकहते हुए मेरी चूत के पास पहुचे। उन्होंने अपनी नाक को मेरी चूत में रगड़ना शुरू किया और मै बड़ी मस्ती से अपने बदन को ऐंठ रही थी। नाक को रगड़ते हुए, मेरी चूत को अपने जीभ से जिस तरफ कोई कुत्ता चाट रहा हो उसी तरह सी मेरी चूत को चाट कर मेरी चूत कि मैल को साफ कर रहें थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था,
मेरे जेठ जी ने मेरे बुर को बहुत देर तक पिया और अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को बार बार चाट रहें थे, जिससे मै मदहोश हो कर मै अपनी मुलायम सी चूची को अपने हाथो से दबा दबा के उसमे से दूध निकाल रही थी। कुछ देर तक मेरे चूत के दाने को चाटने से मेरे चूत का पानी नि़कने लगा और मेरे चूत के नमकीन पानी को मेरे जेठ ने जीभ से चाट कर साफ कर दिया। अब मै और मेरे जेठ दोनों चुदाई के वासना में जलने लगे और कुछ ही देर बाद जेठ जी अपने 7 के मोटे से लंड को बाहर निकाला और मेरी चूत की किनारों पर अपने लंड से घुमा रहे थे, मै तो इससे और भी कामुक हो उठी। थोड़ी देर मेरी चूत को अपने लंड से सहलाने के बाद जेठ जी ने मेरी चूत में अपने लंड डालने के लिये हल्का सा धक्का देने लगे, पहले तो उनका आधा लंड लगभग 4 मेरी चूत में घुस गया औए 3 इंच बाहर ही रह गया। जेठ जी ने एक बार फिर जोर लगाया और बाकि बचा हुआ लंड भी मेरी चूत को फाड़ते हुए मेरी चूत के गहरे में चला गया और मै अपने चीख को रोक नही पाई और मेरे मुह से …अहह ..औह्ह ….माँ … करने लगी। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत में अपना पूरा जोर लगा के डालने लगे जिससे मै ..,.. ‘’उ उ उ उ ऊऊऊ……ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो…….उंह्…उंह..उं…हहूँ..हूँ…हूँहअहह्ह्ह्हह.अई…अई….अई….’’ करके चीखने लगी।
मेरे जेठ ने कहा – चुप मादरचोद, मै चुप हो गई लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था और साथ साथ मजा भी आ रहा था। उनकी स्पीड बहुत तेज हो रही थी। और मै भी अपने मम्मो को तेजी से दबा रही थी। मेरे जेठ ने 1 घंटे तक मेरी लगातार चुदाई की और जब और मेरी चूत को फाड़ डाला। जब जेठ जी का माल निकलने वाला था, तो उन्होंने मेरे चूत से अपने लंड को निकाल लिया और मेरी मुह की तरफ अपना लंड करके मुठ मारने लगे। जेठ जी की सांसे बढ़ने लगी थी उनकी स्पीड तेज होती जा रही थी। कुछ देर में में जेठ जी के लंड से माल निकाल कर मेरी मुह और होठो पर पड़ गया। उनके लंड के माल से मेरा मुह गीला हो गया। मैंने उनके माल को अपने जीभ से चाट लिया। और जेठी जी भी अपने लंड से निकले माल को मेरे मुह पर चाट रहें थे। उस दिन तो बहुत मजा आया।
उस दिन की चुदाई तो मस्त थी, मेरा मन फिर चुदने को कर रहा था। इसलिए मैंने उन से पूछा – ‘’जेठ जी आप मेरे पति को काम दे दीजिए और आप जब भी कहेगे मै आप से चुदने के लिये तैयार हो जाउंगी’’। उन्होंने कहा – ठीक है।
उस रात के बाद मै बहुत बार अपने जेठ जी से चुदी और मै उनसे पैसे भी ले लेटी थी। मैंने अपने पतियो को घर बुला लिया। अब तो मै दिन अपने जेठ जी से चुदती हूँ और रात को मरे पति मेरे खूब चुदाई करते है। इस तरह से मेरी कहानी पूरी होती है।

सगे भैया ने मुझे भाभी समझ चौदा sage bhai ne mujhe bhabhi samaj kar chouda

सगे भैया ने मुझे भाभी समझ चौदा sage bhai ne mujhe bhabhi samaj kar chouda, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
हेल्लो दोस्तों, मैं पूजा आप सभी का #सेक्सकहानी2017 में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी की नियमित पाठिका रहीं हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ती हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रही हूँ। मैं उम्मीद करती हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी।
मेरे अमर भैया की नई नई शादी हुई थी। दोस्तों मेरी भाभी बहुत खूबसूरत औरत थी। जिस दिन भैया की सुहागरात होनी थी उस दिन वो भाभी के हुस्न पर पूरी तरह से पागल थे। उन्होंने सारी रात भाभी की चूत मारी थी। धीरे धीरे मेरे भैया भाभी के पीछे पूरी तरह से पागल हो गये है और सारा दिन कमरे में ही घुसे रहते है और भाभी की मस्त मस्त चूत चोदा करते थे। जैसे ही रात हो जाती थी मैं चुपके से बड़े भैया के दरवाजे पर चली जाती थी और लॉक वाले छेद से मैं सारी चुदाई देख लिया करती थी। धीरे धीरे मुझे भैया भाभी की चुदाई देखने का नशा सा हो गया। रोज रात में मैं भैया के कमरे के दरवाजे पर खड़ी हो जाती और अंदर का सारा चुदाई वाला सीन देख लिया करती थी।
दोस्तों धीरे धीरे मेरा भी चुदने का और मोटा लंड खाने का दिल करने लगा। पर मेरे पास कोई बॉयफ्रेंड नही था। इसलिए मैं अपनी वासना और काम की हवस को शांत करने के लिए खुद ही अपनी चूत में अपनी ऊँगली, मूली और बैगन डाल लिया करती थी और चूत को फेट लिया करती थी। पर मुझे वो असली वाला मजा नही मिल रहा था। मुझे असली लंड खाने का बड़ा दिल कर रहा था। मैं भाभी की तरह चुदना चाहती थी। और भरपूर मजा लेना चाहती थी।
एक शाम भाभी मार्केट गयी हुई थी। मैं उनके कमरे में थी और अपनी एक साड़ी ढूढ़ रही थी। मेरी भाभी मेरी साड़ी में फाल लगा रही थी इसलिए मैं वही साड़ी लेने आई थी। इत्तेफाक से मैंने भी उस दिन शौक शौंक में साड़ी पहन रखी थी। तभी लाईट चली गयी। उसी समय भैया आ गये और मुझे कमर से पकड़ लिया और प्यार करने लगे। मेरे भैया सोच रहे थे की मैं उनकी बीबी हूँ। वो मुझे किस करने लगे।
“जान…आओ जल्दी से चूत दे दो। आज बजार में एक बड़ी सुंदर लड़की को देख लिया। बस उसे देखते ही मेरा मूड खराब हो गया। मेरा लौड़ा खडा हो गया है अब मुझे बस तुम्हारी रसीली चूत मारनी है!!” मेरे भैया बोले। उधर मेरा भी लंड खाने का मन कर रहा था इसलिए मैंने कोई आवाज नही निकाली। वरना अमर भैया मुझे पहचान जाते और मुझे नही चोदते। उन्होंने मुझे पकड़ लिया और धीरे धीरे मेरी साड़ी निकालने लगे। लाईट चली गयी थी इसलिए कमरे में अँधेरा था। भैया मुझे भाभी समझ रहे थे। कुछ देर में उन्होंने मेरी साड़ी निकाल दी और फिर मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी। मैं बिलकुल चुप थी और कोई आवाज नही कर रही थी। फिर मेरे भैया ने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और मेरे रसीले होठ चूसने लगे। मैं पिछले कई महीने से भैया को भाभी का गेम बजाते हुए देख रही थी इसलिए मैं भी उनका मोटा लंड खाने के लिए तडप रही थी।
दोस्तों मेरे अमर भैया बहुत ही स्मार्ट और खूबसूरत थे। वो मर्दाना जिस्म के मालिक थे और उसकी मस्त बॉडी बनी हुई थी। उनका लंड तो ९” लम्बा था और बहुत मोटा और रसीला लौड़ा था मेरे भाई का। कमरे में अँधेरा था और वो मुझे भाभी समझ कर मेरे सेक्सी होठ पी रहे थे। मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी। फिर अमर भैया मेरे उपर आ गये और मेरे दूध को अपने हाथ से दबाने लगे। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकाल रही थी। अमर भैया मेरे खूबसूरत मम्मो को जोर जोर से अपने हाथो से दबा रहे थे और फुल मजा ले रहे थे। मेरे मम्मे बहुत ही खूबसूरत थे। बिलकुल सफ़ेद सफ़ेद और गोरे रंग के थे। अमर भैया जान ही नही पाए की वो अपनी बीबी को नहीं बल्कि अपनी बहन के दूध को दबा रहे है। मुझे भी खूब मजा मिल रहा था। फिर अमर भैया मुंह लगाकर मेरे नशीले दूध को पीने लगे और मजा मारने लगे। मैं आप लोगो को बता नही सकती हूँ की मुझे कितना मजा मिल रहा था। आज पहली बार मैं किसी मर्द को अपने मस्त मस्त दूध पिला रही थी। मैं भी जवानी के मजे लूट रही थी। अमर भैया मुझे भाभी समझ के मेरी नर्म नर्म कोमल छातियों को चूस रहे थे। उनको बहुत अच्छा लग रहा था।
वो मेरी एक छाती को १० मिनट तक चूसते फिर दूसरी छाती को मुंह में भर लेते है पीने लग जाते। आधे घंटे तक यही खेल चलता रहा। अधेरे में मेरा हाथ उनके लंड से टकरा गया तो मैं जान गयी की उनका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका है और मुझे चोदने के लिए बिलकुल तैयार हो गया है। मेरे सगे भैया ने मेरी दोनों नर्म मुलायम छातियों को बहुत देर तक चूसा।
“जान….मेरे लौड़े को अपने हाथ से फेटो!!” अमर भैया बोले और मेरे हाथ में उन्होंने अपना ९” का मोटा और रसीला लंड पकड़ा दिया। आज पहली बार मैंने किसी असली लौड़े को हाथ में लिया था। इससे पहले तो मैं बस मूली, गाजर, बैगन को ही हाथ में लेती थी पर आज मुझे अमर भैया का असली लंड हाथ में लेने का मौक़ा मिला था। मैं जल्दी जल्दी उसके लौड़े को फेटने लगी। अमर भैया …..आआआआअह्हह्हह…. करने लगे। फिर मैं जल्दी जल्दी अमर भैया का लंड फेट रही थी। मेरा उनका लंड चूसने का बड़ा मन कर रहा था क्यूंकि मेरी भाभी रोज रात में मेरे भैया का लंड चूसती थी। इसलिए आज मेरा भी भैया का लंड चूसने का बड़ा मन कर रहा था। मैंने भैया को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके उपर लेट गयी और उनका लंड चूसने लगी।
उनको बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे ताजे गुलाबी होठ उनके लंड पर जल्दी जल्दी उपर नीचे हो रहे थे। अमर भैया के हाथ मेरी बड़ी बड़ी ३६” की छातियों पर चले आये थे और वो मेरे बूब्स को हल्का हल्का दबा रहे थे। मैं उनके लौड़े को मुंह में लेकर चूस रही थी। और हाथ से जल्दी जल्दी फेट भी रही थी। कुछ देर बाद तो मुझे बहुत जादा मजा मिलने लगा और मैं जल्दी जल्दी अमर भैया का लंड चूसने लगी और हाथ से फेटने लगी। उनको सेक्स और चुदाई का भरपूर नशा चढ़ गया था। वो हाथ ने मेरी निपल्स को घुमा रहे थे और ऊँगली से ऐठ रहे थे। ऐसा करने से मुझे सेक्स का नशा चढ़ रहा था। फिर मैं बिलकुल से पागल हो गयी और अमर भैया के लौड़े को मैं लील जाना चाहती थी।
loading...
इसलिए मैं जल्दी जल्दी उनके लंड को चूस रही थी। भैया का सुपाड़ा तो बहुत खूबसूरत था और काफी नुकीला था। दोस्तों मैंने आधे घंटे तक अमर भैया का लंड चूसा। आज मैं किसी देसी रंडी की तरह पेश आ रही थी। फिर अमर भैया ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे दोनों पैरों को उसने अपने कंधे पर रख दिया। फिर उन्होंने मेरी चूत के दरवाजे पर अपना लंड रखा और जोर से धक्का मारा। उनका ९” का रसीला लौड़ा मेरी चूत में उतर गया और अमर भैया दनादन मुझे चोदने लगे। इससे पहले मैं अपनी बुर को बैगन और गाजर से चोद लिया करती थी। पर उसमे वो मजा नही आता था जो आज मैं उठा रही थी। मेरे सगे अमर भैया मुझे गच्चक गचाक चोद रहे थे। मैं “आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई..अई..अई…..अई..मम्मी….” बोल बोलकर चिल्ला रही थी। भैया मुझे भाभी समझ के पेल रहे है। मुझे बहुत जादा यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी। मैं अपने अमर भैया को सीने से चिपका लिया था और मजे से चुदवा रही थी।
मैं किसी तरह का नाम नही ले रही थी वरना अमर भैया जान जाते की मैं उनकी बीबी नही बल्कि सगी बहन हूँ। वो चुदाई के नशे में बार बार मेरे गोरे चिकने गालों पर काट लेते थे और मुझे दनादन चोद रहे थे। मैं पूरी तरह से उनके कब्जे में थी और उन्होंने मुझे दोनों हाथों से कसकर पकड़ रखा था। अमर भैया का लंड इतना मोटा था की जब वो अंदर मेरी चूत में जाता था जो मैं आगे की तरफ खिसक जाती थी। वो जल्दी जल्दी मुझे चोदकर मेरी बुर फाड़ रहे थे। मैं अँधेरे में मजे से अपने सगे भैया से चुदवा रही थी और जन्नत का मजा ले रही थी। आज मेरी चूत चुद गयी थी और आज पहली बार मैंने असली लंड खा लिया था। कुछ देर बाद बड़े भैया को और जादा जोश चढ़ गया और वो मेरे दूध पीते पीते मुझे बजाने लगे। मुझे बहुत मजा मिल रहा था।
एक तो वो मेरे नर्म स्तनों को पी और चूस रहे थे और उधर मेरी चूत में जल्दी जल्दी लंड सरका रहे थे। मैं “उ उ उ उ उ।।।।।।अअअअअ आआआआ।।। सी सी सी सी।।।। ऊँ।।ऊँ।।।ऊँ।।। बोल बोलकर चुदवा रही थी। कुछ देर बाद अमर भैया का माल छूट गया और उन्होंने मेरे भोसड़े में ही अपना माल गिरा दिया। मैंने उनको सीने से लगा लिया और उनके होठ चूसने लगी। दोस्तों १० मिनट बाद अमर भैया का लंड फिर से खड़ा हो गया था। वो मेरी चूत पर आ गये और मेरी चूत पीने लगा। वो मुंह लगाकर मेरी हसीन बुर को चाट और चूस रहे थे। मेरे चूत के दाने को वो बार बार अपनी जीभ से चाटते थे और छेड़ते थे। मुझे चूत में सनसनी लग रही थी। फिर अमर भैया मेरी चूत के होठो को जीभ से चाटने लगे। मैं पागल हो रही थी।
मैं चुदाई के नशे में उनके सिर को बालों को अपने हाथ से नोच लिया। अमर भैया बहुत ही एक्सपर्ट आदमी थे। उनको मालुम था की एक खूबसूरत लड़की की खूबसूरत चूत को किस तरह से अच्छे से चाटा जाता है। वो जल्दी जल्दी मेरी चूत पर अपनी जीभ हिलाने लगे। मैं बेकाबू हुई जा रही थी। मेरी चूत में आग लग गयी थी। जैसे मेरी चूत जल रही हो। फिर अमर भैया ने अपनी ३ उँगलियाँ मेरी चूत में डाल दी। मैंने अपनी गांड हवा में उपर उठा दी। क्यूंकि मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। अमर भैया आज बड़े कायदे से मेरी चूत का शिकार कर रहे थे। वो मेरी चूत को अपनी ३ उँगलियों से चोद रहे थे। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोल बोलकर चिल्ला रही थी। मुझे लग रहा था की मैं मरजाउंगी। अमर भैया की ३ लम्बी उँगलियाँ जल्दी जल्दी मेरी बुर को चोद रही थी। फच्च फच्च की पनीली आवाज मेरे गुलाबी भोसड़े से आ रही थी। मेरी तो दोस्तों जान ही निकल रही थी। मैं बार बार अपने पेट और कमर को उपर उठा देती थी। क्यूंकि मुझे बहुत तेज यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी।
अमर भैया ने ४० मिनट मेरी चूत को अपनी ऊँगली से चोदा और भरपूर मजा लिया। इसी बीच मेरे सब्र का बाँध आखिर टूट गया और मेरी चूत का पानी झर्र झर्र निकलने लगा। शायद अमर भैया मेरी चूत का पानी पीना चाहते होंगे। वो अभी भी नही रुक रहे थे और मेरी चूत में से पानी निकाल रहे थे और मुंह में लेकर पी रहे थे। मेरी चूत में खलबली मच गयी थी। मेरा तो बुरा हाल था। फिर अमर भैया ने मेरी दोनों टांगो को खोल दिया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे ह्पाहप चोदने लगे। ये मेरा दूसरा राउंड था। अमर भैया इस बार मेरे सेक्सी पतले पेट को सहला रहे थे और मेरी चूत को बजा रहे थे। वो मेरे उपर लेते हुए थे और मेरी चूत बजा रहे थे। मैं उनकी गिरफ्त में थी।
उनका पेट मेरे छरहरे पेट से लड़ रहा था जिससे चटर चटर की आवाज हो रही थी। एक बार फिर से अमर भैया विराट कोहली की तरह मेरी चूत की पिच पर अपने लौड़े से बैटिंग कर रहे थे। मैं एक बार फिर से चुद रही थी। और अपने सगे भाई का लंड खा रही थी। आज तो अमर भैया ने मेरी रसीली और चिकनी बुर फाड़कर रख दी थी। मैं “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” की आवाज निकाल रही थी। अमर भैया का लंड बड़ी आराम से सट सट मेरी गुलाबी चूत में सरक रहा था। मैं मजे से चुद रही थी। मैंने जोश में आकर अपने नाख़ून अमर भैया की पीठ में गड़ा दिया था। हम दोनों भाई बहन गरमा चुदाई का मजा ले रहे थे। अमर भैया बार बार मेरी चिकनी जांघो को सहला रहे थे। मैं उनके सामने पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। वो मेरे पुरे जिस्म को अपने हाथ से सहला रहे थे। मैं बहुत गजब का चिकना माल थी। आज मेरे सगे भाई ही मेरे साथ सम्भोग कर रहे थे। मेरी चिकनी और सेक्सी योनी में उनका लंड घुसा हुआ था और मुझे जल्दी जल्दी चोद रहा था। मैं तो जैसे सातवे आसमान की सैर कर रही थी। अमर भैया तो एक भी सेकेंड के लिए रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। मुझे जल्दी जल्दी वो चोद रहे थे। ऐसा लग रहा था की वो कोई कद्दू काट रहे है। कुछ देर बाद उनका बदन अकड़ने लगा और उन्होंने अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया। उसके बाद मैं बड़ी देर तक उनका लंड चूसती रही। जब मैं चुदवाकर चली आई तो लाईट आ गयी। कुछ देर में मेरी भाभी बाजार से आ गयी। मेरे भैया अपने कमरे में पूरी तरह से नंगे होकर लेटे थे। जब अमर भैया ने भाभी को देखा तो बिलकुल चौंक गये।
“तुम कहाँ गयी थी????” अमर भैया से हैरान होकर पूछा
“मैंने तो ३ घंटे से बजार गयी थी कुछ समान खरीदना था!!” भाभी बोली

उसके बाद भैया जान गये की उन्होंने गलती से मुझे अपनी बीवी समझ कर चोद लिया है। पर ये बात उन्होंने भाभी को नही बतायी। आज भी मुझे अपने अमर भैया की ठुकाई बार बार याद आती है। 

ब्यूटी पार्लर वाली आंटी की कमसिन चूत चोदी beuti parlar wali aunty ki kamsin chut chudai

ब्यूटी पार्लर वाली आंटी की कमसिन चूत चोदी beuti parlar wali aunty ki kamsin chut chudai, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
हैल्लो दोस्तों मैं राहुल हूँ और वाराणसी में रहता हूँ | ये बात तब की है जब मैं मेरे स्कूल की पढाई खत्म हो चुकी थी और मैं कॉलेज की दुनिया में प्रवेश कर चुका था और अपनी जवानी की देहलीज में कदम रख चूका था | मैं 18 साल पूरे होने की ख़ुशी के साथ साथ मेरे लंड का साइज़ भी बड़ा हो गया था | मेरे लंड का साइज़ 9 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया था | मैं जम कर रोज मुट्ठ मारा करता था और मजे लिया करता था और उसका कारण था की मैं अपने दोस्तों के साथ मस्त ब्लू फिल्म देखा करता था | मैंने देखा था की कैसे उसमे लड़की के कोमल दूध गुलाबी चूत और बड़ी सी गोल सी गांड और साथ में दो गोर गोर बड़े बड़े लंड से मजे कर रहे थे | मैंने पहली बार लड़की के दूध को पीते देखा था चूत मारते हुए देखा था गांड चोदते हुए देखा था और लंड चूसते हुए भी देखा था | ये सब देख कर मैं बहुत गरम हो गया था और इसी गर्मी की वजह से मैं अब किसी को भी चोदना चाहता था कैसे भी | मैं बहुत जोश में आ गया था और रास्ते भर जो भी लड़की और आंटी दिखती मैं बस मन में ही उन्हें चोदने लगता |
दोस्तों, मैं अगले दिन ऐसे ही छत में टहल रहा था की मैंने देखा की एक एक मस्त आंटी छत में कपडे सुखाने आई है और मैं उसे देखने लगा | फिर वो चली गई | फिर मैं उसी शाम को  उनके घर के सामने से निकला तो देखा की उनका ब्यूटी पार्लर भी है | फिर मैंने उस आंटी के बारे में पता करने लगा और मुझे पता चला की उसका पति दुबई में रहता है और इसका नाम अनीता है, बच्चे नहीं है | दोस्तों उसका बदन एक दम भरा हुआ था उसकी उम्र 30 साल थी और उसके बड़े बड़े दूध थे और मोटी बड़ी गांड थी | वो एक मस्त बदन की औरत थी जिसपे मेरा दिल आ गया था | मैं जब भी उसको देखता घर आ कर मुट्ठ मारता उसकी याद में | फिर मैंने एक दिन सोचा की इसका पति तो बाहर रहता है तो इसकी चूत में भी तो खुजली होती होगी, क्या ये अपनी चूत में उंगलिया डालती होगी ? क्या इसे लंड की जरुरत होगी ?  यही सब सोच कर मैं उसको लाइन देने लगा और फिर मैंने कुछ दिन बाद ध्यान से देखा की अब मेरी लाइन का फायदा होने लगा है | धीरे धीरे क्यूंकि वो मुझे लाइन देना चालू कर रही थी और वो जब भी मुझे दिखती तो हमेशा कुछ नया सेक्सी सा पहने हुए दिखती और उसका गला हमेशा डीप ही रहता था | मुझे पता था वो चाहती है कि उसके अन्दर के दो कबूतरों को आजादी मिल जाये | मेरा मन हमेशा करता की मैं उसको पकड़ के वहीँ चोद दूँ और अपने लंड की गर्मी उसकी चूत की गर्मी से मिला कर शांत कर दूँ और खूब चोदु और मेरे मन में  और सपनों में बस उसकी चुदाई ही भरी रहती थी |
एकदिन जब मैं उसके घर पहुंचा तब मैंने देखा की वो उस समय अपने पार्लर में एक दम अकेली थी और उसका पार्लर बंद था | मैं उसके घर पहुंचा तो वो मुझे देख कर खुश हो गयी और कहने लगी तुम एक दम सही समय पर आए हो मैंने अपनी शॉप बंद अभी की है | मैंने कहा अच्छा फिर उसने मुझे बैठाया और कहा की मैंने अभी नयी ड्रेस खरीदी है जो तुम्हे दिखानी है तुम बताना की कैसी लग रही है मुझ पर मैंने कहा ठीक है | वो मार्केट से नयी ब्रा, पेन्टी, और गाउन खरीद कर लायी थी और एक एक करके मुझे पहन कर दिखाने लगी | मैं आँखे फाड़ फाड़ के देख रहा था मैं उसे ब्रा और पेन्टी पहने हुए देखना चाहता था | मैंने उनसे कहा की मुझे आपको ये पहने हुए देखना है ऐसे तो मैं खुद ही देख सकता हूँ | फिर वो बोली की अरे यार तुम ही पहना दो ना क्या दिक्कत है और ये कह कर वो मेरी कंधे में सर रख कर शर्मा गई |
मैं जरा भी देर किये बगैर उसका इशारा समझ गया था और तुरंत ही मैंने उसकी साडी में हाथ डाल दिया और दूध दबाने लगा | तो उसने आहाहाह करके सिस्कारी भरी और और कहा की इतनी भी क्या जल्दी है आराम से करो न मैं कोनसा भागे जा रही हूँ | फिर मैंने कहा की ठीक है मेरा तो नया नया एक्स्पेरिंस था तो मैंने कहा की मैंने एक ब्लू फिल्म देखी थी तो मैं तुम्हारे साथ वैसा ही करूंगा जैसा उसमे हुआ था | तो उसने कहा जान मैं तो पूरी तुम्हारी हूँ जो करना है जैसा करना है वैसे करो मुझे कोई परेशानी नहीं है | ये सुन कर मैं बौखला गया पागल हो गया | फिर मैंने उसे अपनी बाहों में खीचा और और उसे किस करने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी और हम दोनों एक दुसरे को प्यार से किस कर रहे थे और एक दुसरे के होंठो को चाट रहे थे और जीभ चूस रहे थे | फिर वो मेरे लंड को ऊपर से सहला रही थी और मैं उसके दूध ऊपर से ही मसल रहा था और वो अहहाह आहाआ अहहहहः अहहहहा अहहहः हाह अआआ हहहहः अहः अहह कर रही थी | फिर मैंने उसके गाल को अच्छे तरीके से चाटा और फिर उसे बेड पर लेटा दिया और उसके गले को चाटते हुए उसको दूध पर आ गया | मैं बारी बारी से दोनों दूध को मसल मसल के चाट रहा था और वो आहाहाह उऊँहहः औऊन्हहहह कर रही थी फिर मैंने उसके दोनों दूध के निप्प्ल्स एक साथ चूसने लगा और वो सिस्कारिया भरते हुए मेरे सर के बाल सहला रही थी | फिर मैंने उसके दोनों हाथो को बारी बारी से चाटा वो गरम हो चुकी थी और मदहोश हुए जा रही थी | फिर मैं उसके पैरों को चूमते हुए चूत चाटने लगा और वो मेरा सर पकड के अपनी चूत में डालने लगी और अहहः हाहा अहहहः अहहहहः हहहहः अहह्हहहा ऊउन्हहहह अहहह्हा ऊउन्ह्ह अहहः अहह्हः करने लगी |
मैंने उसकी चूत 20 मिनट तक चाटी उसी बीच वो 2 बार झड चुकी थी | फिर उसने कहा की अब मुझे तुम्हारा लंड चूसना है अब तुम लेटो और मैं तुम्हारा लंड चूसूंगी | फिर उसने मुझे लिटा दिया और मेरे लंड देख के डर गई और उसने कहा की तुम्हारा लंड तो बहुत मस्त है बहुत बड़ा और मोटा लंड है तुम्हारा | इतना कह कर वो मेरे लंड पर किस करते हुए चूसने लगी मेरे लंड से उसका पूरा मुह भर चुका था और वो मजे से मेरे लंड को चूस रही थी | मैं उसके मुंह को चोद रहा था उसके लंड चूसने के बाद हम दोनों 69 पोजीशन में आ गये | अब मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थी फिर मैंने उससे बोला की चलो अब मुझे तुम्हे चोदना है बहुत सपने देखी हैं तुम्हारी चूत चोदने के | तो उसने कहा की ये समझ लो हो गए तुम्हारे सपने पूरे और वो अपनी टाँगे खोल के लेट गई और मैं उसकी चूत पे अपना लंड रगड़ने लगा और वो कहने लगी अहहहाह अहः आहा अ अह हा अब और मत तडपाओ सीधे डाल दो अपना लंड मेरे राजा अहहः अहहः हा हा हहहः | फिर मैंने अपने लंड में थूक लगा के उसकी चूत के दरवाजे पर टिका के थोडा ही अन्दर डाला होगा और उसकी चीख निकल गई और बोली की आआआह जल्दी निकालो हाय मर गई कितना बड़ा लंड है | मैं इस को नहीं ले पाउंगी प्लीज इसे निकालो मैंने लंड निकाल लिया और फिर उससे कहा की रुको अब दर्द नहीं होगा फिर मैं सरसों का तेल लाया और उसकी चूत और अपने लंड में लगा दिया | फिर मैंने एक ही झटके में पूरा लंड घुसेड दिया उसकी फिर चीख निकल गई और वो फिर लंड निकालने के लिए बोलने लगी |
पर अब मैं कहाँ लंड निकालने वाला था फिर मैं नहीं रुका और उसे चोदता रहा जब तक मैं उसकी चूत में झड नहीं गया वो बोली की तुम्हारे साथ चुदाई करके मुझे बहुत माजा आया | मैंने कहा की अभी तो शुरुआत है जानेमन 20 मिनट बाद फिर मेरा लंड खड़ा हो गया और फिर से मैंने उसको चोदा | मैं उसकी चूत की गर्मी और अपने लंड की गर्मी पूरी निकालना चाहता था और मैं उसको हर एंगल में चोदने लगा उस दिन मैंने उसे 6 बार चोदा था वो बहुत खुश थी और मैं भी | अब तो रोज का काम हो गया था उसे चोदना जब मेरा मन होता मैं उसके घर जा के उसे चोद लेता था उसे भी मेरे साथ चुदाई करने में बहुत मजा आता था |
© Copyright 2013-2019 - Hindi Blog - ALL RIGHTS RESERVED - POWERED BY BLOGGER.COM