मेरे छोटे भाई की वाइफ़ mere chhote bhai ki wife

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निशा मेरे छोटे भाई रुपम की वाइफ़ है। निशा काफ़ी सुंदर महिला है। उसका बदन
ऊपरवाले ने काफ़ी तसल्ली से तराश कर बनाया है। मैं शिवम उसका जेठ हूं। मेरी
शादी को दस साल हो चुके हैं। निशा शुरु से ही मुझे काफ़ी अच्छी लगती थी।
मुझसे वो काफ़ी खुली हुई थी। रुपम एक यूके बेस्ड कम्पनी में सर्विस करता
था। हां बताना तो भूल ही गया निशा का मायका नागपुर में है और हम जालंधर
में रहते हैं।

आज से कोई पांच साल पहले की बात है। हुआ यूं कि शादी के
एक साल बाद ही निशा प्रिग्नेंट हो गयी। डिलीवरी के लिये वो अपने मायके गयी
हुई थी। सात महीने में प्रीमेच्योर डिलीवरी हो गयी। बच्चा शुरु से ही काफ़ी
वीक था। दो हफ़्ते बाद ही बच्चे की डेथ हो गयी। रुपम तुरंत छुट्टी लेकर
नागपुर चला गया। कुछ दिन वहां रह कर वापस आया। वापस अकेला ही आया था।
डिसाइड ये हुआ था कि निशा की हालत थोड़ी ठीक होने के बाद आयेगी। एक महीने
के बाद जब निशा को वापस लाने की बात आयी तो रुपम को छुट्टी नहीं मिली।
निशा को लेने जाने के लिये रुपम ने मुझे कहा। सो मैं निशा को लेने ट्रैन
से निकला। निशा को वैसे मैने कभी गलत निगाहों से नहीं देखा था। लेकिन उस
यात्रा मे हम दोनो में कुछ ऐसा हो गया कि मेरे सामने हमेशा घूंघट में
घूमने वाली निशा बेपर्दा हो गयी।
हमारी टिकट 1st class में बुक थी। चार
सीटर कूपे में दो सीट पर कोई नहीं आया। हम ट्रैन में चढ़ गये। गरमी के दिन
थे। जब तक ट्रैन स्टेशन से नहीं छूटी तब तक वो मेरे सामने घूंघट में खड़ी
थी। मगर दूसरों के आंखों से ओझल होते ही उसने घूंघट उलट दिया और कहा,
"अब
आप चाहे कुछ भी समझें मैं अकेले में आपसे घूंघट नहीं करूंगी। मुझे आप
अच्छे लगते हो आपके सामने तो मैं ऐसी ही रहूंगी।" मैं उसकी बात पर हँस पड़ा।
"मैं
भी घूंघट के समर्थन में कभी नहीं रहा।" मैने पहली बार उसके बेपर्दा चेहरे
को देखा। मैं उसके खूबसूरत चेहरे को देखता ही रह गया। अचानक मेरे मुंह से
निकला
"अब घूंघट के पीछे इतना लाजवाब हुश्न छिपा है उसका पता कैसे
लगता।" उसने मेरी ओर देखा फ़िर शर्म से लाल हो गयी। उसने बोतल ग्रीन रंग की
एक शिफ़ोन की साड़ी पहन रखी थी। ब्लाउज़ भी मैचिंग पहना था। गर्मी के कारण
बात करते हुए साड़ी का आंचल ब्लाउज़ के ऊपर से सरक गया। तब मैने जाना कि
उसने ब्लाउज़ के अन्दर ब्रा नही पहनी हुई है। उसके स्तन दूध से भरे हुए थे
इसलिये काफ़ी बड़े बड़े हो गये थे। ऊपर का एक हुक टूटा हुआ था इसलिये उसकी
आधी छातियां साफ़ दिख रही थी। पतले ब्लाउज़ में से ब्रा नहीं होने के कारण
निप्पल और उसके चारों ओर का काला घेरा साफ़ नजर आ रहा था। मेरी नजर उसकी
छाती से चिपक गयी। उसने बात करते करते मेरी ओर देखा। मेरी नजरों का अपनी
नजरों से पीछा किया और मुझे अपने बाहर छलकते हुए बूब को देखता पाकर शर्मा
गयी और जल्दी से उसे आंचल से ढक लिया। हम दोनो बातें करते हुए जा रहे थे।
कुछ देर बाद वो उठकर बाथरूम चली गयी। कुछ देर बाद लौट कर आयी तो उसका
चेहरा थोड़ा गम्भीर था। हम वापस बात करने लगे। कुछ देर बाद वो वापस उठी और
कुछ देर बाद लौट कर आ गयी। मैने देखा वो बात करते करते कसमसा रही है। अपने
हाथो से अपने ब्रेस्ट को हलके से दबा रही है।
"कोई प्रोब्लम है क्या?' मैने पूछा।
"न।।नहीं" मैने उसे असमंजस में देखा। कुछ देर बाद वो फिर उठी
तो मैने कहा "मुझे बताओ न क्या प्रोब्लम है?"
वो
झिझकती हुई सी खड़ी रही। फ़िर बिना कुछ बोले बाहर चली गयी। कुछ देर बाद वापस
आकर वो सामने बैठ गयी।"मेरी छातियों में दर्द हो रहा है।" उसने चेहरा ऊपर
उठाया तो मैने देखा उसकी आंखें आंसु से छलक रही हैं।"क्यों क्या हुआ" मर्द
वैसे ही औरतों के मामले में थोड़े नासमझ होते हैं। मेरी भी समझ में नहीं
आया अचानक उसे क्या हो गया।"जी वो क्या है म्म वो मेरी छातियां भारी हो
रही हैं।" वो समझ नहीं पा रही थी कि मुझे कैसे समझाये आखिर मैं उसका जेठ
था।" म्मम मेरी छातियों में दूध भर गया है लेकिन निकल नहीं पा रहा है।"
उसने नजरें नीची करते हुए कहा।"बाथरूम जाना है?" मैने पूछा"गयी थी लेकिन
वाश-वेसिन बहुत गंदा है इसलिये मैं वापस चली अयी" उसने कहा "और बाहर के
वाश-वेसिन में मुझे शर्म आती है कोई देख ले तो क्या सोचेगा?" "फ़िर क्या
किया जाए?" मैं सोचने लगा "कुछ ऐसा करें जिससे तुम यहीं अपना दूध खाली कर
सको। लेकिन किसमें खाली करोगी? नीचे फ़र्श पर गिरा नहीं सकती और यहां कोई
बर्तन भी नही है जिसमें दूध निकाल सको"उसने झिझकते हुये फ़िर मेरी तरफ़ एक
नजर डाल कर अपनी नजरें झुका ली। वो अपने पैर के नखूनों को कुरेदती हुई
बोली, "अगर आप गलत नहीं समझें तो कुछ कहूं?""बोलो""आप इन्हें खाली कर
दीजिये न""मैं? मैं इन्हें कैसे खाली कर सकता हूं।" मैने उसकी छातियों को
निगाह भर कर देखा।"आप अगर इस दूध को पीलो……"उसने आगे कुछ नहीं कहा। मैं
उसकी बातों से एकदम भौचक्का रह गया।"लेकिन ये कैसे हो सकता है। तुम मेरे
छोटे भाई की बीवी हो। मैं तुम्हारे स्तनों में मुंह कैसे लगा सकता हूं""जी
आप मेरे दर्द को कम कर रहे हैं इसमें गलत क्या है। क्या मेरा आप पर कोई हक
नहीं है।?" उसने मुझसे कहा "मेरा दर्द से बुरा हाल है और आप सही गलत के
बारे में सोच रहे हो। प्लीज़।"मैं चुप चाप बैठा रहा समझ में नहीं आ रहा था
कि क्या कहूं। अपने छोटे भाई की बीवी के निप्पल मुंह में लेकर दूध पीना एक
बड़ी बात थी। उसने अपने ब्लाउज़ के सारे बटन खोल दिये।"प्लीज़" उसने फ़िर कहा
लेकिन मैं अपनी जगह से नहीं हिला।"जाइये आपको कुछ भी करने की जरूरत नहीं
है। आप अपने रूढ़ीवादी विचारों से घिरे बैठे रहिये चाहे मैं दर्द से मर ही
जाउं।" कह कर उसने वापस अपने स्तनों को आंचल से ढक लिया और अपने हाथ आंचल
के अंदर करके ब्लाउज़ के बटन बंद करने की कोशिश करने लगी लेकिन दर्द से
उसके मुंह से चीख निकल गयी "आआह्हह्ह" ।मैने उसके हाथ थाम कर ब्लाउज़ से
बाहर निकाल दिये। फ़िर एक झटके में उसके आंचल को सीने से हटा दिया। उसने
मेरी तरफ़ देखा। मैं अपनी सीट से उठ कर केबिन के दरवाजे को लोक किया और
उसके बगल में आ गया। उसने अपने ब्लाउज़ को उतार दिया। उसके नग्न ब्रेस्ट जो
कि मेरे भाई की अपनी मिल्कियत थी मेरे सामने मेरे होंठों को छूने के लिये
बेताब थे। मैने अपनी एक उंगली को उसके एक ब्रेस्ट पर ऊपर से फ़ेरते हुए
निप्पल के ऊपर लाया। मेरी उंगली की छुअन पा कर उसके निप्पल अंगूर की साइज़
के हो गये। मैं उसकी गोद में सिर रख कर लेट गया। उसके बड़े बड़े दूध से भरे
हुए स्तन मेरे चेहरे के ऊपर लटक रहे थे। उसने मेरे बालों को सहलाते हुए
अपने स्तन को नीचे झुकाया। उसका निप्पल अब मेरे होंठों को छू रहा था। मैने
जीभ निकाल कर उसके निप्पल को छूआ।"ऊओफ़्फ़फ़्फ़ जेठजी अब मत सताओ। पलेअसे इनका
रस चूस लो।" कहकर उसने अपनी छाती को मेरे चेहरे पर टिका दिया। मैने अपने
होंठ खोल कर सिर्फ़ उसके निप्पल को अपने होंठों में लेकर चूसा। मीठे दूध की
एकतेज़ धार से मेरा मुंह भर गया। मैने उसकी आंखों में देखा। उसकी आंखों में
शर्म की परछाई तैर रही थी। मैने मुंह में भरे दूध को एक घूंठ में अपने गले
के नीचे उतार दिया।"आआअह्हह्हह" उसने अपने सिर को एक झटका दिया।मैने फ़िर
उसके निप्पल को जोर से चूसा और एक घूंठ दूध पिया। मैं उसके दूसरे निप्पल
को अपनी उंगलियों से कुरेदने लगा।"ऊओह्हह ह्हह्हाआन्न हाआन्नन जोर से चूसो
और जोर से। प्लीज़ मेरे निप्पल को दांतों से दबाओ। काफ़ी खुजली हो रही है।"
उसने कहा। वो मेरे बालों में अपनी उंगलियां फ़ेर रही थी। मैने दांतों से
उसके निप्पल को जोर से दबाया।"ऊउईईइ" कर उठी। वो अपने ब्रेस्ट को मेरे
चेहरे पर दबा रही थी। उसके हाथ मेरे बालों से होते हुए मेरी गर्दन से आगे
बढ़ कर मेरे शर्ट के अन्दर घुस गये। वो मेरी बालों भरी छाती पर हाथ फ़ेरने
लगी। फ़िर उसने मेरे निप्पल को अपनी उंगलियों से कुरेदा। "क्या कर रही हो?"
मैने उससे पूछा।"वही जो तुम कर रहे हो मेरे साथ" उसने कहा"क्या कर रहा हूं
मैं तुम्हारे साथ" मैने उसे छेड़ा"दूध पी रहे हो अपने छोटे भाई की बीवी के
स्तनों से""काफ़ी मीठा है""धत" कहकर उसने अपने हाथ मेरे शर्ट से निकाल लिये
और मेरे चेहरे पर झुक गयी। इससे उसका निप्पल मेरे मुंह से निकल गया। उसने
झुक कर मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिये और मेरे होंठों के कोने पर लगे
दूध को अपनी जीभ से साफ़ किया। फ़िर वो अपने हाथों से वापस अपने निप्पल को
मेरे लिप्स पर रख दी। मैने मुंह को काफ़ी खोल कर निप्पल के साथ उसके बूब का
एक पोर्शन भी मुंह में भर लिया। वापस उसके दूध को चूसने लगा। कुछ देर बाद
उस स्तन से दूध आना कम हो गया तो उसने अपने स्तन को दबा दबा कर जितना हो
सकता था दूध निचोड़ कर मेरे मुंह में डाल दिया।"अब दूसरा"मैने उसके स्तन को
मुंह से निकाल दिया फ़िर अपने सिर को दूसरे स्तन के नीचे एडजस्ट किया और उस
स्तन को पीने लगा। उसके हाथ मेरे पूरे बदन पर फ़िर रहे थे। हम दोनो ही
उत्तेजित हो गये थे। उसने अपना हाथ अगे बढ़ा कर मेरे पैंट की ज़िप पर रख
दिया। मेरे लिंग पर कुछ देर हाथ यूं ही रखे रही। फ़िर उसे अपने हाथों से
दबा कर उसके साइज़ का जायजा लिया।"काफ़ी तन रहा है" उसने शर्माते हुए
कहा।"तुम्हारी जैसी हूर पास इस अन्दाज में बैठी हो तो एक बार तो
विश्वामित्र की भी नीयत डोल जाये।""म्मम्म अच्छा। और आप? आपके क्या हाल
हैं" उसने मेरे ज़िप की चैन को खोलते हुए पूछा"तुम इतने कातिल मूड में हो
तो मेरी हालत ठीक कैसे रह सकती है" उसने अपना हाथ मेरे ज़िप से अन्दर कर
ब्रीफ़ को हटाया और मेरे तने हुए लिंग को निकालते हुए कहा "देखूं तो सही
कैसा लगता है दिखने में"मेरे मोटे लिंग को देख कर खूब खुश हुयी। "अरे बाप
रे कितना बड़ा लिंग है आपका। दीदी कैसे लेती है इसे?""आ जाओ तुम्हें भी
दिखा देता हूं कि इसे कैसे लिया जाता है।""धत् मुझे नहीं देखना कुछ। आप
बड़े वो हो" उसने शर्मा कर कहा।लेकिन उससे हाथ हटाने की कोई जल्दी नहीं
की।"इसे एक बार किस तो करो" मैने उसके सिर को पकड़ कर अपने लिंग पर झुकाते
हुए कहा। उसने झिझकते हुए मेरे लिंग पर अपने होंठ टिका दिये। अब तक उसका
दूसरा स्तन भी खाली हो गया था। उसके झुकने के कारण मेरे मुंह से निप्पल
छूट गया। मैने उसके सिर को हलके से दबाया तो उसने अपने होंठों को खोल कर
मेरे लिंग को जगह दे दी। मेरा लिंग उसके मुंह में चला गया। उसने दो तीन
बार मेरे लिंग को अन्दर बाहर किया फ़िर उसे अपने मुंह से निकाल लिया।"ऐसे
नहीं… ऐसे मजा नहीं आ रहा है""हां अब हमें अपने बीच की इन दीवारों को हटा
देना चाहिये" मैने अपने कपड़ों की तरफ़ इशारा किया। मैने उठकर अपने कपड़े
उतार दिये फ़िर उसे बाहों से पकड़ कर उठाया। उसकी साड़ी और पेटीकोट को उसके
बदन से अलग कर दिया। अब हम दोनो बिल्कुल नग्न थे। तभी किसी ने दरवाजे पर
नोक किया। "कौन हो सकता है।" हम दोनो हड़बड़ी में अपने अपने कपड़े एक थैली
में भर लिये और निशा बर्थ पर सो गयी। मैने उसके नग्न शरीर पर एक चादर डाल
दी। इस बीच दो बार नोक और हुअ। मैने दरवाजा खोला बाहर टीटी खड़ा था। उसने
अन्दर आकर टिकट चेक किया और कहा "ये दोनो सीट खाली रहेंगी इसलिये आप चाहें
तो अन्दर से लोक करके सो सकते हैं" और बाहर चला गया। मैने दरवाजा बंद किया
और निशा के बदन से चादर को हटा दिया। निशा शर्म से अपनी जांघों के जोड़ को
और अपनी छातियों को ढकने की कोशिश कर रही थी। मैने उसके हाथों को पकड़ कर
हटा दिया तो उसने अपने शरीर को सिकोड़ लिया और कहा "प्लीज़ मुझे शर्म आ रही
है।" मैं उसके ऊपर चढ़ कर उसकी योनि पर अपने मुंह को रखा। इससे मेरा लिंग
उसके मुंह के ऊपर था। उसने अपने मुंह और पैरों को खोला। एक साथ उसके मुंह
में मेरा लिंग चला गया और उसकी योनि पर मेरे होंठ सट गये।
"आह विशाल जी
क्या कर रहे हो मेरा बदन जलने लगा है। पंकज ने कभी इस तरह मेरी योनि पर
अपनी जीभ नहीं डाली" उसके पैर छटपटा रहे थे। उसने अपनी टांगों को हवा में
उठा दिया और मेरे सिर को उत्तेजना में अपनी योनि पर दबाने लगी। मैं उसके
मुंह में अपना लिंग अंदर बाहर करने लगा। मेरे हाठ उसकी योनि की फ़ांकों को
अलग कर रखे थे और मेरी जीभ अंदर घूम रही थी। वो पूरी तन्मयता से अपने मुंह
में मेरे लिंग को जितना हो सकता था उतना अंदर ले रही थी। काफ़ी देर तक इसी
तरह 69 पोज़िशन में एक दूसरे के साथ मुख मैथुन करने के बाद लगभग दोनो एक
साथ खल्लास हो गये। उसका मुंह मेरे रस से पूरा भर गया था। उसके मुंह से चू
कर मेरा रस एकपतली धार के रूप में उसके गुलाबी गालों से होता हुआ उसके
बालों में जाकर खो रहा था। मैं उसके शरीर से उठा तो वो भी उठ कर बैठ गयी।
हम दोनो एक दम नग्न थे और दोनो के शरीर पसीने से लथपथ थे। दोनो एक दूसरे
से लिपट गये और हमारे होंठ एक दूसरे से ऐसे चिपक गये मानो अब कभी भी न अलग
होने की कसम खा ली हो। कुछ मिनट तक यूं ही एक दूसरे के होंठों को चूमते
रहे फ़िर हमारे होंठ एक दूसरे के बदन पर घूमने लगे।"अब आ जाओ" मैने निशा को
कहा।"जेठजी थोड़ा सम्भाल कर। अभी अंदर नाजुक है। आपका बहुत मोटा हैकहीं कोई
जख्म न हो जाये।""ठीक है। चलो बर्थ पर हाथों और पैरों के बल झुक जाओ। इससे
ज्यादा अंदर तक जाता है और दर्द भी कम होता है।"निशा उठकर बर्थ पर चौपाया
हो गयी। मैं पीछे से उसकी योनि पर अपना लंड सटा कर हलका सा धक्का मारा।
गीली तो पहले ही हो रही थी। धक्के से मेरे लंड के आगे का टोपा अंदर धंस
गया। एक बच्चा होने के बाद भी उसकी योनि काफ़ी टाइट थी। वो दर्द से
"आआह्हह" कर उठी। मैं कुछ देर के लिये उसी पोज़ में शांत खड़ा रहा। कुछ देर
बाद जब दर्द कम हुआ तो निशा ने ही अपनी गांड को पीछे धकेला जिससे मेरा लंड
पूरा अंदर चला जाये।"डालो न रुक क्यों गये।""मैने सोचा तुम्हें दर्द हो
रहा है इसलिये।""इस दर्द का मजा तो कुछ और ही होता है। आखिर इतना बड़ा है
दर्द तो करेगा ही।" उसने कहा। फ़िर वो भी मेरे धक्कों का साथ देते हुए अपनी
कमर को आगे पीछे करने लगी। मैं पीछे से शुरु शुरु में सम्भल कर धक्का मार
रहा था लेकिन कुछ देर के बाद मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा। हर धक्के से
उसके दूध भरे स्तन उछल उछल जाते थे। मैने उसकी पीठ पर झुकते हुए उसके
स्तनो को अपने हाथों से थाम लिया। लेकिन मसला नहीं, नहीं तो सारी बर्थ
उसके दूध की धार से भीग जाती। काफ़ी देर तक उसे धक्के मारने के बाद उसने
अपने सिर को को जोर जोर से झटकना चालू किया।"आआह्हह्ह शीईव्वव्वाअम्मम
आआअह्हह्ह तूउम्म इतनीए दिन कहा थीए। ऊऊओह्हह माआईईइ माअर्रर्रर जाऊऊं
गीइ। मुझीए माअर्रर्रर डालूऊओ मुझीए मसाअल्ल डाअल्लूऊ" और उसकी योनि में
रस की बौछार होने लगी। कुछ धक्के मारने के बाद मैने उसे चित लिटा दिया और
ऊपर से अब धक्के मारने लगा।"आअह मेरा गला सूख रहा है।" उसका मुंह खुला हुआ
था। और जीभ अंदर बाहर हो रही थी। मैने हाथ बढ़ा कर मिनरल वाटर की बोतल उठाई
और उसे दो घूंठ पानी पिलाया। उसने पानी पीकर मेरे होंठों पर एक किस
किया।"चोदो शिवम चोदो। जी भर कर चोदो मुझे।" मैं ऊपर से धक्के लगाने लगा।
काफ़ी देर तक धक्के लगाने के बाद मैने रस में डूबे अपने लिंग को उसकी योनि
से निकाला और सामने वाली सीट पर पीठ के बल लेट गया।"आजा मेरे उपर" मैने
निशा को कहा। निशा उठ कर मेरे बर्थ पर आ गयी और अपने घुटने मेरी कमर के
दोनो ओर रख कर अपनी योनि को मेरे लिंग पर सेट करके धीरे धीरे मेरे लिंग पर
बैठ गयी। अब वो मेरे लिंग की सवारी कर रही थी। मैने उसके निप्पल को पकड़ कर
अपनी ओर खींचा। तो वो मेरे ऊपर झुक गयी। मैने उसके निप्पल को सेट कर के
दबाया तो दूध की एक धार मेरे मुंह में गिरी। अब वो मुझे चोद रही थी और मैं
उसका दूध निचोड़ रहा था। काफ़ी देर तक मुझे चोदने के बाद वो चीखी "शिवम मेरे
निकलने वाला है। मेरा साथ दो। मुझे भी अपने रस से भिगो दो।" हम दोनो साथ
साथ झड़ गये। काफ़ी देर तक वो मेरे ऊपर लेटी हुई लम्बी लम्बी सांसे लेती
रही। फ़िर जब कुछ नोर्मल हुई तो उठ कर सामने वाली सीट पर लेट गयी। हम दोनो
लगभग पूरे रास्ते नग्न एक दूसरे को प्यार करते रहे। लेकिन उसने दोबारा
मुझे उस दिन और चोदने नहीं दिया, उसके बच्चेदानी में हल्का हल्का दर्द हो
रहा था। लेकिन उसने मुझे आश्वासन दिया। "आज तो मैं आपको और नहीं दे सकुंगी
लेकिन दोबारा जब भी मौका मिला तो मैं आपको निचोड़ लुंगी अपने अंदर। और हां
अगली बार मेरे पेट में देखते हैं दोनो भाईयों में से किसका बच्चा आता है।
उस यात्रा के दौरान कई बार मैने उसके दूध की बोतल पर जरूर हाथ साफ़ किया।

पड़ोसन भाभी का दूध पिने का मजा padosan bhabhi ka dudh pine ka maja

पड़ोसन भाभी का दूध पिने का मजा padosan bhabhi ka dudh pine ka maja, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

बात उस समय की है जब मैं नया नया लखनऊ आया था, मैं मूलत: हरदोई का रहने वाला हूँ, जब मैं लखनऊ आया तो मैंने कटरा, हुसैनगँज में कमरा लिया। जिस घर में मैं रहता था उसी घर में एक और परिवार रहता था, जिसमें पति पत्नी और उनके 2 बच्चे थे, पति बैंक में चपरासी थे

और एक लड़का जो लगभग 2 साल का और लड़की 8 महीने की थी। उन बच्चों की मम्मी जिनका नाम चन्दा था, मैं उन्हें भाभी कहता था, भाभी की उम्र लगभग 28 साल होगी और उनके पति की उम्र लगभग 36 साल होगी। वो मुझसे किसी ना किसी बहाने बाते करने की कोशिश किया करती थी। उन्हें देख कर ऐसा लगता था कि वो जवानी की आग में जल रही हैं और वो आग उनके पतिदेव बुझा नहीं पा रहे हैं, पर एक पतिव्रता नारी होने के कारण वो किसी और से अपने इस दर्द को कह नहीं पा रही हों, पर मैं उनके इस दर्द को महसूस कर रहा था।
मैं अकेला रहता था तो शाम के समय वो मुझे चाय देने आया करती थी और इस तरह से मैं किसी ना किसी बहाने उनके कमरे में भी जाया करता था। धीरे धीरे उनसे मेरी अच्छी दोस्ती हो गई। मैं भाभी से वो सारी बातें कर लिया करता था जो एक पति पत्नी के बीच होती हैं। उनके पति बैंक से शाम को देर से आते थे, मेरे पास दिन में पूरा समय होता था भाभी से अकेले में बातें करने का और उनकी तारीफ़ करने का। वो बहुत सेक्सी लगती थी, वो हमेशा साड़ी पहना करती थी और चोली कट ब्लाउज में क्या लगती थी ! एक दिन भाभी ने लाल रँग की साड़ी और काले रँग का ब्लाउज पहना और मुझे आवाज लगाई। उनकी आवाज सुन कर मैं तुरन्त उनके पास पहुँच गया। भाभी बोली- रोहित, मेरा पँखा खराब हो गया है जरा इसे देख लो। मैंने उनसे स्टूल माँगा और उसे पकड़ने को कहा। उनकी साड़ी का पल्लू नीचे लटक रहा था और उनकी चूचियाँ उभरी हुई साफ़ दिखाई दे रही थी। मैं उन्हें घूरे जा रहा था पर वो उसे अनदेखा कर रही थी और मुझे देख कर मुस्करा रही थी। उस दिन मैं पंखा ठीक करके चला आया। फिर दूसरे दिन दोपहर में मैं टी वी देखने के बहाने उनके कमरे के पास जाकर दरवाजा खोला तो वो अपनी बच्ची को अपनी चूची से दूध पिला रही थी। श्रुति उनकी बच्ची का नाम था, मैंने मजाक में कहा- भाभी, श्रुति को दूध पिला रही हो? तो वो हंसते हुए अनजाने में बोल गई- तुम्हें भी पीना है क्या? मैंने कहा- मेरे भाग्य में यह कहाँ है? वो बोली- रुको, अभी तुमको मैं भाग्यशाली बनाती हूँ। थोड़ी देर में श्रुति दूध पीते पीते सो गई, भाभी ने उसे पलंग पे लेटा दिया। और सोफ़े में मेरे पास उसी हालत में आकर बैठ गई, मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आज मुझे उनकी गोल गोल दूध से भरी चूचियाँ पीने को मिलेंगी। फिर उन्होंने मेरा सिर अपने हाथों से पकड़ कर अपनी चूचियों की ओर झुकाया और उन्हें चूसने को कहा। मैं भी उनकी चूचियाँ मुँह में भर कर पीने लगा, अभी भी मीठा मीठा दूध निकल रहा था। काफ़ी देर तक मैंने उनकी चूचियाँ पी, फिर उन्होंने मुझसे खड़े होने को कहा, मैं खड़ा हो गया। उन्होंने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मुझे पूरा नंगा कर दिया और अपने हाथ से मेरे लण्ड को सहलाने लगी और अचानक उसे मुँह में लेकर चूसने लगी। काफ़ी देर तक वो मेरे लण्ड को चूसती रही, मुझे बहुत मजा आ रहा था। तभी वो थोड़ा रुकी और अपने भी सारे कपड़े उतार दिये पर अपनी ब्रा और पैन्टी नहीं उतारी, बोली- रोहित, जानू सब कुछ मैं ही उतार दूँगी तो तू क्या करेगा। वो काले रंग की ब्रा और पैन्टी पहने हुये थी, क्या सेक्सी माल लग रही थी। चंदा भाभी ने अपने होठों को मेरे होठों में रख दिया और चूसने लगी। वो जिस तरह से मेरे होठों को चूस रही थी, लग रहा था कि जन्मों की प्यासी थी वो। फिर मैंने उन्हे नँगी किया उनकी ब्रा और पैन्टी को उतार दिया और उनकी चूचियोँ को हाथो से सहलाने लगा और थोड़ी देर बाद हम 69 अवस्था में लेट गये। मैं उनकी चूत चाटने लगा और वो मेरे लण्ड को जोर जोर से चूस रही थी, हम दोनों इस तरीके से काफ़ी देर तक करते रहे। भाभी बोली- जानते हो रोहित, मेरी शादी को सात साल हो गये पर मुझे तेरे भैया के लण्ड में इतना कड़कपन नहीं दिखा, तेरा तो बहुत सख्त है और मोटा भी, मेरे पति से मुझे बच्चे मिले पर सन्तुष्टि नहीं, पर लगता है कि आज मेरी प्यास बुझ जायेगी ! 15 से 20 मिनट तक लगातार चूसने के बाद मैं भाभी के मुँह में ही झड़ गया, मेरे वीर्य को भाभी ने पूरा पी लिया और उनकी भी चूत से पानी निकल रहा था जिसे मैंने पिया। और फिर मैंने उन्हें सीधा किया और अपने लण्ड को उनकी चूत पर रखा और धीरे से अन्दर की ओर धकेला। मेरा लण्ड लगभग 4 इँच चूत में घुस चुका था, उनके मुखसे उफ़्फ़ और सीसी की आवाजें निकल रही थी। मेरा भी जोश परवान चढ़ रहा था, मैंने भी मौके की नजाकत को समझा, एक जोर का धक्का लगाया और 7 इंच के लण्ड को पूरा पूरा अन्दर घुसेड़ दिया। भाभी ने भी मेरा साथ दिया और जोर जोर से अपने चूतड़ हिलाने लगी और तेज तेज चोदने को कहने लगी। मैं भी तेजी से धक्के लगाने लगा। चन्दा भाभी बोली- ओह ! आह ! नहीं ! मैं तो मेरे पति से चुदवाती हूँ पर उनका इतना बड़ा और मोटा नहीं है। अब उसे भी मजा आने लगा था तो मैंने अपने गति बढ़ा दी। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं। फ़िर से चन्दा भाभी आहें भरने लगी और सिसकारियाँ तेज़ होने लगी, वो बोल रही थी- ओ रोहित कमीने... ऊऊह्ह्ह... आअ... ह्ह्ह... अहहहः... स्स्स्स्स... मादरचोद... चोद दे मुझे ! और गालियाँ सुनते ही मैं पूरे जोश में आ गया और जोर जोर से चोदने लगा। अब मैं भी चालू हो गया, मैं बोला- ले मेरी रण्डी... ले मेरा लवड़ा खा जा... ले और जोर से ले... ले तेरी माँ की चूत... और मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, पूरे कमरे में सिर्फ गालियों की और फक फक फक और फच फच की आवाजें आ रही थी। चन्दा भाभी ने अपने दोनों टांगों से मुझे कस कर पकड़ रखा था और भाभी पूरे जोश में थी, बोल रही थी- बहिनचोद और जोर से चोद मुझे... फाड़ दे मेरी चूत को... आआअ... स्स्स अहः... अहहः... ओह होह..... ले... ले माँ के लवडे... भोसड़ा बना दे मेरी चूत को... आज से चन्दा की चूत तुम्हारी है... जब चाहे इसे चोदना तू ! अब भाभी चरमसीमा पर थी, वो अपने चूतड़ जोर जोर से हिला रही थी, चन्दा भाभी बोली- रोहित, पूरी ताकत से चोद मुझे ! मैं आने वाली हूँ ! मैं भी पूरी तेजी से उसे चोदे जा रहा था। भाभी का शरीर अब अकड़ने लगा था, उसने मुझे कस कर पकड़ा और ह्ह्ह्हह.... अहहः .......ह्ह्ह.... अह्हह.... स्सस्सस करते हुए वो झड़ गई। पर मैं अब तक नहीं झड़ा था, अब मैं कहाँ रुकने वाला था, मैं शॉट पे शॉट मारता गया और लगभग दस मिनट के बाद मैं झड़ने वाला था तो चन्दा भाभी से कहा- मैं आ रहा हूँ, मैं अपना लण्ड बाहर निकाल लूँ? तो भाभी बोली- नहीं पूरा माल अंदर ही डाल दे ! फ़िर क्या था, मैंने ऐसे जोर के धक्के लगाये कि भाभी भी चरमरा उठी और उसकी चूत मैंने अपने वीर्य से भर दी। फ़िर थोड़ी देर तक मैं उस पर ही लेटा रहा। बाद में मैंने पूछा- भाभी, आपने मेरा माल अन्दर डलवा लिया? कुछ हो गया तो? तो भाभी ने बताया- मैं माला डी लेती हूँ। x

लड़की से मुलाकात और चुदाई ladki se mulakat or chudai

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मेरी उम्र 23 साल है, मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता हूँ दिल्ली में रहता हूँ।
मैंने अपनी स्कूल की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से की है। केंद्रीय विद्यालय में ज्यादातर विद्यार्थी सेना बैकग्राउंड के होते हैं।
मेरे स्कूल के ठीक सामने नेवी के क्वार्टर्स थे जहाँ पर नेवी के लोग रहते थे। मैं रोज़ शाम को खाना खाने के बाद थोड़ा टहलने के लिए बाहर जाता हूँ। घूमता-घूमता अपने स्कूल के पास भी चला जाता हूँ।
एक दिन रात करीब 8 बजे मैं खाना खाकर बाहर घूम रहा था, तभी मैंने देखा कि नेवी के क्वार्टर्स में से एक औरत जीन्स-टॉप और कैप पहने कान में इअरफ़ोन लगाये घूम रही है।

उसको अकेले रात को देखकर मैंने सोचा कि चलो देखता हूँ कि यह कौन है और इस समय कहाँ जा रही है। वो काफी तेज़ चल रही थी, तो मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा ली।
अचानक उसको अहसास हुआ कि कोई उसका पीछा कर रहा है। उसने तुरंत पीछे मुड़ कर देखा और मैंने अपनी आँखें नीचे कर लीं। फिर वो चली गई।
मैंने सोचा कल फिर इसी टाइम आकर देखता हूँ, क्या पता कुछ बात बन जाए। अगले दिन ठीक आठ बजे मैं फिर से उसी स्थान पर पहुँच गया। फिर से वो आ गई।
आज वो बहुत कमाल लग रही थी। गुलाबी टॉप, काली जीन्स और ट्रेंडी कैप। आज उसको देखकर दिल में कुछ-कुछ हो रहा था।
मैं एक बार फिर उसका पीछा करने लग गया। एक बार फिर उसने पीछे मुड़ कर देखा। इस बार मैंने आँखें नहीं चुराई और उससे नजरें मिल गईं।
उसने कोई रिएक्शन नहीं दिया और चुपचाप चली गई। अब मैं समझ गया था कि आँखों ही आँखों में कुछ न कुछ तो हुआ है।
मैंने ठान लिया कि अब कल आर या पार।
मैं अगले दिन फिर से उसी टाइम पर पहुँच गया। वो फिर से आई हमेशा की तरह बहुत ही कमाल लग रही थी।
मैं फिर से उसके पीछे चल दिया। आज सोचा हुआ था कि आज बात जरूर करनी है मगर अचानक मैंने देखा कि उसने अपनी चाल तेज़ कर दी और वो बहुत ही जल्दी-जल्दी चलने लग गई।
अरे, ये तो रेलवे लाइन की तरफ जा रही है, जहाँ पर बहुत ही सन्नाटा रहता है। मैं समझ गया कि बेटा आज तो सब कुछ सही हो रहा है। आज नहीं तो कभी नहीं।
अचानक उसने अपनी रफ़्तार कम कर दी और मेरे और उसके बीच में काफी कम दूरी रह गई थी। वो रुक गई और मैं उसके पास गया।
मन में डर भी लग रहा था, पर फिर भी सन्नाटा था तो हिम्मत कर ली।
उसके पास जाकर मैंने बड़े ही सभ्य तरीके से बोला- हेल्लो।
उसने बोला- मैं आपको तीन दिन से देख रही हूँ, आप कुछ बोलते क्यों नहीं हो?
मैंने बोला- काफी डर लग रहा था। पर मैं आपको लाइक करता हूँ।
वो बोली- लाइक भी करते हो और कहने से भी डरते हो।
मैंने बोला- आज सोच कर आया था कि दिल की बात कह दूँगा।
वो बोली- आज मैं भी सोच कर आई थी।
मैंने बोला- क्या सोच कर आई थीं।
तो बोली- चलो बताती हूँ।
मैं उसके साथ आगे चल दिया। पास में ही एक सुनसान सी जगह थी, जो थोड़ी वीरान भी थी। हम दोनों वहाँ जा कर रुक गए।
मैंने बोला- यहाँ पर तो कोई नहीं आता-जाता, यहाँ पर क्या करने लाई हो?
वो मेरे करीब आई और बोली- मैं तुम्हें काफी समय से जानती हूँ। मैंने तुम्हें काफी बार देखा है, पर शायद तुमने ही मुझ पर कभी ध्यान नहीं दिया।
मैंने बोला- हाँ मैंने आपको पहली बार ही देखा है, मेरा नाम राजेश है।
वो बोली- मेरा नाम रेनू है, मैं शादीशुदा हूँ और मेरे पति विशाखापट्टनम में हैं। पिछले साल ही शादी हुई है और 4 महीने बाद ही वो मुझसे दूर हो गए हैं। मैं बहुत ही तनहा और अकेली हूँ। नई होने की वजह से किसी को जानती भी नहीं हूँ। क्या तुम मेरा अकेलापन दूर करोगे?
मैंने बोला- हाँ जरूर, मैं तुम्हारा अच्छा फ्रेंड बन सकता हूँ।
वो बोली- बस फ्रेंड !?!
मैंने बोला- हाँ, बेस्ट फ्रेंड !
वो बोली- बस बेस्ट फ्रेंड !?!
मैंने बोला- नहीं बेस्टेस्ट फ्रेंड !
इतना बोलते ही वो मेरे करीब आ गई और अपने होंठो से मेरे होंठो को प्यार से चूमने लग गई। मुझे उससे इस हरकत की बिल्कुल भी आशा नहीं थी तो मैंने भी कुछ रिएक्ट नहीं किया और चुपचाप उसका साथ निभाने लगा।
वो भूखी शेरनी की तरह मुझे चाट रही थी। और मैं भी अपने आप पर से काबू खो चुका था। मुझे पता नहीं चला कि कब मैंने अपने हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर डाल दिए और उसकी पीठ सहलाने लग गया।
रेनू की आवाज़ काफी तेज़ हो गई थी। जो बस “आह आह आ” कर रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैं समझ चुका था कि वो गर्म हो चुकी है। उसी समय मैंने अपने आपको पीछे धकेला और पेड़ का सहारा ले लिया।
अब रेनू मुझसे चिपकी हुई थी और हम एक दूसरे से लिपटे हुए थे। धीरे से रेनू का हाथ मेरी जीन्स पर गया और उसने बाहर से ही मेरे लण्ड पर हाथ फेरना शुरु कर दिया। मुझे काफी अच्छा लग रहा था और मैं बैचैन हो रहा था। तभी रेनू ने मेरी जिप खोली और अन्दर हाथ डाल दिया। मेरा लण्ड तो राकेट जैसे फुँफकार मार रहा था, एकदम से बाहर निकल आया। रेनू ने मेरे लौड़े को हिलाना शुरु कर दिया।
मैंने बोला- रेनू, आई लव यू।
रेनू बोली- आई लव यू टू !
और तुरंत नीचे बैठ कर मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया।
उस समय जो फीलिंग मेरे दिल में थी, मैं बयान नहीं कर सकता। वो जोर-जोर से मेरे लण्ड का सुपारा अन्दर-बाहर कर रही थी। मेरे मुँह से ‘आह-आह’ की किलकारी बाहर आ रही थी।
अब मैं बैचैन हो रहा था, मैंने रेनू का टॉप उठाया और उसकी चूचियों को ब्रा से अलग किया। उसके स्तन बहुत ही गोरे और निप्प्ल गुलाबी थे।
मैंने उनको अपने मुँह में भर लिया और भूखे भेड़िये की तरह चचोरने लगा।
अब रेनू काबू में नहीं थी, उसने मेरे हाथों को पकड़ कर अपनी जीन्स पर रख दिया और अपनी पिछाड़ी दबवाने लगी। मैं समझ गया कि यह आगे बढ़ने का संकेत है। मैंने तुरंत उसकी जीन्स का बटन खोला और उसको नीचे किया।
काले रंग की पैंटी में उसकी गोरी जांघ बहुत ही कमाल लग रही थी। मैंने उसकी पैंटी उतारे बिना साइड में से उसकी चूत को छुआ, काफी गीली हो चुकी थी।
रेनू मेरे बाल नोच रही थी। मैंने धीरे से उसकी पैंटी नीचे कर दी मैंने देखा कि एकदम सपाट चूत जिस पर एक भी बाल नहीं था, चमक रही थी।
मैंने आव देखा न ताव, सीधा उसकी चूत को चाटने लग गया और चूत का अमृत पीने लग गया। वो बेचैन हो रही थी और बस धीरे-धीरे ‘आह-आह’ कर रही थी।
उसने बोला- राजेश अब बर्दाश्त नहीं होता, अब तुरंत डाल दो।
मैंने भी बोला- ठीक है मेरी जान आ जाओ।
उसको अपने नीचे लेटा कर लौड़े को निशाने पर सैट किया और एक झटके में ही अपना लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। अन्दर जाते ही वो तेज़ की चिल्लाई। पर मैंने उसकी चिल्लाहट पर कोई गौर न करके उसके उरोजों को अपने होंठो में दबा कर तेज गति से चुदाई करने लगा।
कुछ ही धक्कों में रेनू की कमर भी नीचे से उचकने लगी। लगभग बीस मिनट की चुदाई के बाद अचानक मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ।
मैंने बोला- रेनू, मेरा होने वाला है।
वो बोली- राजेश, तुम अन्दर ही झड़ जाओ।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और उसके अन्दर ही झड़ गया। फिर वो शांत हुई और मुझे चूमा, फिर हमने कपड़े पहने और एक दूसरे के गले लग कर अगली मुलाकात तय की, अगली मुलाकात उसके घर पर थी।

बहन के सामने भाभी की गांड मरी Bahan Ke Samne Bhabhi Ki Gand Mari

बहन के  सामने भाभी की गांड मरी  Bahan Ke Samne Bhabhi Ki Gand Mari, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम समीर है, आप सब तो मुझे जानते ही है। आज में मेरी एक और नयी स्टोरी लिखता हूँ जिसको आप बहुत पसंद करेंगे। आपने मेरी सभी स्टोरीयों को पहले भी बहुत पसंद किया, ये स्टोरी सोनिया आंटी की चूत मारने के बाद शुरू होती है और नयी निशा भाभी और उनकी छोटी बहन नंदिनी की है।
यह स्टोरी तब शुरू हुई जब हमारे बाजू में एक नया कपल रहने आया था, उनकी नयी-नयी शादी हुई थी और वो करीब मेरी उम्र के ही होंगे, उनके पति का कुछ इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस था। फिर थोड़े दिन रहने के बाद उनकी हमारी फेमिली से जान पहचान हो गई और हमारे घर उनका आना जाना हो गया। फिर करीब थोड़े दिनों के बाद उस भाभी की छोटी बहन नंदिनी भी उनके साथ रहने को आ गयी, वो करीब 18 साल की होगी, वो 12वीं क्लास में पढ़ती थी,
वो भाभी की तरह ही बहुत सेक्सी थी, वैसे भाभी का फिगर 36-28-36 होगा और उसके बूब्स तो बहुत ही बड़े और सेक्सी थे, जब वो चलती थी तो उसके बूब्स हिलते थे और यह देखकर कोई भी मर्द मचल जाए और उसकी बहन भी उतनी ही सेक्सी थी। उसके भी बूब्स बहुत बड़े और सेक्सी थे।
उसका पति अक्सर महीने में 15-20 दिन बाहर रहता था और में जब भी उसके घर पर जाता था तो उसको देखता ही रहता था और उसको चोदने की सोचा करता था कि काश में इसको चोद सकूँ और घर आकर मुठ मारता था। में उसके बूब्स और गांड के बारे में सोच-सोचकर मुठ मारा करता था। में जब भी उसके घर जाता था तो मुझे ऐसा लगता था, वो उदास उदास रहती है।
फिर एक दिन जब में उसके घर गया, तो उसका घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो में बेल बजाए बिना ही उसके घर में चला गया, तो मैंने देखा कि उसके घर में कोई नहीं है शायद वो बाथरूम में थी। तो में सोफे पर जाकर बैठ गया तो मैंने देखा कि वहाँ एक सेक्सी किताब पड़ी थी।
फिर मैंने उसको उठाकर देखा तो उसमें सेक्सी फोटो थे, तो में उसको देखकर एकदम गर्म हो गया और फिर मैंने वो किताब वही पर रख दी। अब भाभी बाथरूम में थी, तो में उसकी तरफ चल पड़ा और बाथरूम में कहाँ से देखा जाए? यह देखने लगा। फिर जब मैंने बाथरूम में देखा, तो भाभी पूरी नंगी होकर नहा रही थी और अपने पूरे बदन पर साबुन लगाकर अपने बूब्स और चूत को रगड़ रही थी।
अब यह सब देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया था। अब भाभी अपनी चूत में 2 उंगलियाँ अंदर बाहर कर रही थी। फिर यह देखकर में तुरंत अपने घर पर आ गया और अपने रूम में आकर अपनी पेंट उतारकर अपना पूरा लंड बाहर निकाला और मुठ मारने लगा, अब मुझे पता लग गया था कि भाभी को क्या चाहिए?
फिर कुछ दिनों के बाद मेरे घरवाले 1 हफ्ते के लिए बाहर घूमने गये, लेकिन में नहीं गया, क्योंकि मुझे पता था कि अकेला रहकर शायद भाभी को चोद सकूँ, क्योंकि उसका पति भी 15 दिन के टूर पर बाहर गया था, तो वो और उसकी बहन अकेली थी। अब मेरे घरवाले भी बाहर गये, तो मेरी मम्मी ने भाभी से कहा कि 1 हफ्ते के लिए तुम इसका खाना बना देना। फिर भाभी ने कहा कि कोई बात नहीं यह मेरे यहाँ खाना खा लेगा,
तो में ये सुनकर खुश हो गया और पहले दिन रात को खाना खाने के बाद मैंने भाभी को हमारे फ्लेट की चाबी दे दी और कहा कि कल मॉर्निंग में मुझे उठा देना, में देर से उठता हूँ और लेट हो जाता हूँ। फिर भाभी ने कहा कि कोई बात नहीं में तुमको उठा दूँगी और में उनको चाबी देकर अपने फ्लेट पर आ गया। फिर भाभी सुबह मुझे जल्दी जगाने आ गयी। अब मेरा लंड हार्ड था, अब में भाभी के बारे में सोचने लगा था तो मेरा लंड और कड़क हो गया तो मैंने अपना शॉर्ट उतारा और भाभी को याद करके मुठ मारना शुरू कर दिया।
अब में मुठ मारने में मस्त था, तो तभी अचानक से मेरे बेडरूम में भाभी मुझे उठाने को आ गई। अब में मुठ मारने में इतना मस्त था कि मुझे पता ही नहीं चला कि भाभी कब आ गई? तो उसने मुझे देखा और कहा कि क्या कर रहे हो? तो में एकदम से घबरा गया और अपना शॉर्ट पहनने लगा। फिर भाभी मुस्कुराई और कहा कि तुम्हारा तो बहुत बड़ा है इतने बड़े लंड को हिला-हिलाकर क्यों तंग कर रहे हो?
तो मैंने भाभी से कहा कि यह मुझे बहुत तंग करता है इसलिए इसे हिला रहा हूँ। फिर उसने कहा कि में इसका आज से तंग करना बंद करवा दूँगी, क्योंकि मुझे मेरी चूत भी बहुत तंग करती है, वैसे तुम्हारा तो बहुत ही सेक्सी है और तुम खुद भी बहुत सुंदर हो और कोई भी लड़की तुमको देख ले तो वो तुमसे चुदवाना चाहेगी और फिर वो मेरे पास आई और मेरा लंड अपने हाथ में लेकर प्यार करने लगी और उसको अपने मुँह में लेकर मुठ मारने लगी। अब मेरा लंड तो पहले ही गर्म था तो मेरा वीर्य जल्दी ही आ गया। अब भाभी का पूरा मुँह भर गया था और वो मेरा सारा पानी पी गई थी।
फिर भाभी ने मुझसे कहा कि तुम उसकी बहन जाने के बाद आना, आज में इसका तंग करना बंद कर दूँगी, तो में खुशी के मारे उछल पड़ा। फिर करीब 12 बजे में उनके घर गया, तो भाभी अकेली ही थी, तो में जाकर सोफे पर बैठ गया। फिर थोड़ी देर के बाद भाभी आई तो उसने आज बहुत ही सेक्सी ड्रेस पहनी थी। मुझे लगता था कि आज उसने उसकी छोटी बहन की मिनी स्कर्ट और टाईट टॉप पहना था, वो उसमें कमाल की सेक्सी लग रही थी और फिर वो मेरे पास आकर बैठ गई। 
फिर मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ फैरना शुरू कर दिया और उसके बूब्स को भी रगड़ने लगा था। फिर धीरे-धीरे भाभी भी गर्म होने लगी और मुझे किसिंग में साथ देने लगी थी। अब में उसका स्कर्ट उतारकर उसकी चूत को रगड़ रहा था, आज उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। अब वो पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और में भी पूरा नंगा हो चुका था। अब वो मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी थी।
अब में भी पूरा गर्म था और मेरा लंड पूरा तन गया था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था इसलिए मैंने उससे कहा कि चलो अब मुझे तुम्हारी चूत मारनी है। तो उसने कहा कि मैंने कब मना किया? मेरी चूत कई दिनों से प्यासी है, तुम्हारे भैया इसको चोदते ही नहीं है और जब चोदते है तो जल्दी से पानी छोड़ देते है और में प्यासी ही रह जाती हूँ। में तो कब से तुम्हारे पास चुदवाने का मौका ढूढ़ रही थी और यह कहकर वो मेरे साथ लिपट गई।
फिर मैंने उसकी दोनों टांगो को अपने कंधे पर रख लिया और अपना लंड उसकी चूत के टॉप पर रखकर एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। फिर जैसे ही मेरा पूरा लंड उसकी चूत में गया तो वो चिल्ला पड़ी और कहा कि धीरे करो मेरी चूत अभी भी टाईट है, यह फट जाएगी, मैंने अभी भी बहुत कम बार चुदवाया है। सच में उसकी चूत अभी भी टाईट थी और फिर में सोफे पर ही धक्के लगाने लगा।
अब वो भी मस्ती में घूम रही थी और कह रही थी बहुत मज़ा आ रहा है मेरे राजा, चोदो ज़ोर से चोदो, आआआआआअहह मार डालो, आआआआआहह फाड़ डालो, मेरे राज़ा बजा दे मेरी चूत का बाजा, आआआहह और चोदो और चोदो, मैंने कई दिनों से नहीं किया है, आआआआअहह समीर, मेरे राजा चोद दे अपनी भाभी को, आआआआआहह ज़ोर से कर, आआआआअहह फक मी।
अब तक भाभी दो बार झड़ चुकी थी और करीब 20 मिनट के बाद मेरा भी पानी निकल गया और में सोफे पर ही बैठ गया और वो मेरे बाजू में बैठ गई थी। फिर थोड़ी देर के बाद वो फिर से मेरे लंड को पकड़कर रगड़ने लगी, तो मेरा लंड फिर से टाईट होने लगा। फिर तब मैंने कहा कि मुझे आपकी गांड मारनी है, में आपकी गांड का दीवाना हूँ। फिर उसने कहा कि में गांड नहीं मवाऊंगी क्योंकि मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई है और तुम्हारा तो लंड भी बहुत बड़ा है, मेरी गांड फट जाएगी और फिर में ठीक से बैठ भी नहीं पाऊँगी।
तो मैंने कहा कि कुछ नहीं होता है में आपको धीरे-धीरे चोदूंगा। फिर थोड़ी देर मना करने के बाद वो मान गई और फिर में पहले उसकी गांड पर अपना थूक लगाकर अपनी एक उंगली अंदर बाहर करने लगा। फिर मैंने उससे कहा कि थोड़ी क्रीम या तेल लेकर आओ, तो वो तेल लेकर आई, तो मैंने थोड़ा तेल उसकी गांड पर और थोड़ा तेल अपने लंड पर लगाया और उसको सोफे पर उल्टा करके उसकी गांड को अपनी साईड पर रखकर मेरा लंड टारगेट की और बड़ा दिया और उसकी गांड के छेद में अपना लंड डालने लगा। 

अब मेरा लंड उसकी गांड में नहीं जा रहा था और उसको दर्द भी बहुत हो रहा था। अब वो मना कर रही थी कि मुझे गांड नहीं मरवानी, तुम मेरी चूत मार लो, लेकिन मेरी गांड मत मारो, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन मैंने उसकी एक नहीं सुनी और एक ज़ोरदार झटका दिया, तो जैसे ही मैंने झटका दिया तो मेरा पूरा लंड उसकी गांड में घुस गया और जैसे ही मेरा लंड घुसा, तो वैसे ही उसकी छोटी बहन का घर में घुसना हुआ और मेरा लंड घुसते ही भाभी ने एक ज़ोरदार चीख मारी आआआआअहह समीर में मर गई, बाहर निकाल, आआआअहह मेरी गांड फट जाएगी, प्लीज मेरी गांड मत फाड़, आआअहह में मर गई, उउऊईई माँ, प्लीज अपना लंड बाहर निकाल।
अब यह सब देखकर उसकी बहन की आँखें खुली की खुली रह गई थी और फिर मैंने जानबूझकर उसकी बहन के सामने ही और एक ज़ोर से झटका दिया, तो वो फिर से चिल्लाई और अपनी बहन को देखकर घबरा गई, लेकिन उसकी बहन भी चुदक्कड़ रंडी थी। फिर उसके बाद उसकी बहन ने बोला कि डरने की कोई बात नहीं है, में किसी को भी कुछ नहीं बताऊँगी। फिर मैंने भाभी को उसकी बहन के सामने चोदा और उसकी बहन ने भी खूब मजा लिया ।

आंटी सेक्स के लिए मुझे अपने घर ले गई aunty sex ke liye mujhe apne ghar le gai

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मैं विशाल वेदक 24 साल का लड़का मुंबई में रहता हूँ, मेरे परिवार में चार लोग हैं पापा, मम्मी, बहन और मैं!
मेरे पड़ोस में 36 साल की एक आंटी रहती हैं जिनका नाम वर्षा है, उनका अपने पति के साथ डाइवोर्स हुआ है, वे अपने 8 साल के लड़के के साथ अकेली रहती हैं. उनको देख कर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए. उनके बूब्स 42 के हैं कमर 36 की है, गांड भी बहुत बड़ी है, उनको देख कर मेरा मन करता था कि उनको चोद दूँ लेकिन मैं अपने आप को कंट्रोल करता था, मुझे डर भी था कि आंटी मेरी शिकायत ना कर दें मेरी मम्मी से!
एक दिन जब मैं आंटी के घर पर गया था तो मैंने देखा आंटी ने मैक्सी पहनी थी, उसके नीचे ब्रा नहीं पहनी थी. वो घर में झाड़ू लगा रही थी.
आंटी नीचे झुकी तो मैं उनके बड़े बड़े बूब्स देख कर पागल हो गया, मेरा लंड मेरे हाफ पैंट में पूरा हार्ड हो गया, मैं उसको पैंट में सेट कर रहा था तो आंटी ने ये नोटिस कर लिया.
आंटी बोली- ये क्या कर रहा है?
मैं डर कर बोला- कुछ नहीं!
और वहाँ से चला आया.
चार दिन बाद जब आंटी हमारे घर पे आई. मैंने देखा कि उन्होंने स्लीवलेस ब्लाउज पहना था, मैंने देखा उनकी क्लीवेज दिख रही थी.
आंटी मम्मी से बात कर रही थी, उन्होंने मम्मी से बोला कि विशाल को थोड़ी देर बाद घर भेज देना, कुछ काम है.
और वो चली गई.
मैं मम्मी के कहने पर 2 घंटे के बाद उनके घर गया.
आंटी ने दरवाजा खोला, मैंने देखा तो मेरे होश उड़ गये क्योंकि आंटी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में थी.
आंटी मुस्कुरा दी और बोली- अंदर आ जाओ!
मैं अंदर गया.
आंटी का सेक्सी बदन देख कर मेरी हालत खराब हो गई, मेरा लंड पूरा हार्ड हो गया.
वर्षा आंटी बोली- उस दिन क्या देख रहा था?
मैं हिम्मत करके बोला- आपके बूब्स देख रहा था!
वो बोली- इनको छूना है क्या?
मैं बोला- हाँ!
तो आंटी ने सेक्स के जोश में मुझे पकड़ लिया और मुझे किस किया. मैं भी जोश में आ गया और उनका ब्लाऊज निकाल दिया, दोनों बूब्स को दबा के चूसने लगा.
आंटी भी सिसकारियाँ ले रही थी ‘ उह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ह्न्न…’
मैंने अपना हाथ आंटी के पेटीकोट में डाला, उनकी चूत में उंगली करने लगा.
थोड़ी देर बाद आंटी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, मेरे 6 इंच के लंड पकड़ा और हाथ से हिलाने लगी और फिर आंटी मेरा लंड चूसने लगी.
10 मिनट चूसने के बाद मेरा माल निकल गया, आंटी सारा माल पी गई.
फिर मैंने आंटी का पेटीकोट उतार दिया और पेंटी भी.. और मैं आंटी की चूत में उंगली डाल कर अंदर बाहर करने लगा. आंटी ने मुझे चूत चाटने को बोला, मैंने मना किया तो ज़बरदस्ती मेरा सिर पकड़ कर मुझसे अपनी चूत चटवा ली.
अब मुझे भी मजा आ रहा था आंटी की क्लीन शेव चूत को चाट कर…
आंटी सेक्स के लिए बेचैन थी, मैंने आंटी को बेड पर लिटा दिया और आंटी की चूत में लंड लगा कर एक ज़ोर का झटका मारा, आधा लंड आंटी के चूत में गया. आंटी सेक्स के आनन्द से सिसकारियाँ ले रही थी.
मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई और ज़ोर ज़ोर से आंटी को चोदने लगा, मेरा पूरा लंड आंटी के चूत में आ जा रहा था और रूम में चप चप की आवाज़ आ रही थी.
कुछ मिनट की आंटी की चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था, मैंने आंटी को बताया तो वो बोली- मेरी चूत में ही झड़ना!
मैंने वैसा ही किया.
थोड़ी देर मैं आंटी के नंगे बदन के ऊपर ही लेटा रहा… अभी लंड आंटी की चूत में ही था, लंड झड़ने के बाद भी खड़ा ही था तो आंटी बोली- तेरा सेक्स पवर तो बहुत ज़यादा है!
फिर हम दोनों बेड पर पड़े रहे.
आंटी सेक्स की यह हिंदी सेक्स स्टोरी आप अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं!
थोड़ी देर बाद आंटी को मैंने घोड़ी बनने बोला, वो बन गई, मैं फिर आंटी की चूत मारने लगा. 15 मिनट बाद मैंने इस बार आंटी की चूची पर अपना माल निकाला.
आंटी बोली- बहुत मज़ा आया तुम्हारे साथ चुदाई करके!
आंटी ने मुझे किस किया और बोली- तेरा जब मन करे, आ जाना अपनी अंती के साथ सेक्स करें!
मैं खुश हुआ और आंटी को गले लगाया… मैंने आंटी को बोला- अपनी आंटी की गांड मारूँगा अगली बार!
आंटी बोली- अभी नहीं… तुझे तेरे बर्थ डे पे अपनी गांड का गिफ्ट दूँगी.
आंटी बोली- तू मेरी चूत कभी भी मार सकता है!
तो मैं बोला- आंटी मुझे गांड के लिए कई महीने इंतजार करना पड़ेगा?
आंटी मुस्कुरा कर बोली- सबर का फल मीठा होता है!
और मेरे लंड को किस करके बाथरूम में फ्रेश होने चली गई.
मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए.

विवाहित महिला का यौवन vivahit mahila ka yovan

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मुझे शुरू से ही शादीशुदा औरतो में दिलचस्पी ज़्यादा है। उसका कारण ये 
है कि शादीशुदा औरतों का यौवन और उनके चेहरे पर शादी के बाद जो चमक नहोती है 
उसे देखकर मेरे शरीर में एक बिजली सी दौड़ जाती है तब मुझसे अपने लिंग पर 
काबू ही नहीं किया जाता और मुझे हस्तमैथुन करके इसे शांत करना पड़ता है। 
हालाँकि कॉलेज में टॉपर होने की वजह से कई लड़कियाँ मुझसे बड़ी इंप्रेस्ड हैं 
पर उनके यौवन में मुझे वो बात नज़र नहीं आती जो एक विवाहित महिला के यौवन में 
होती है। शादी के बाद नया नया संभोग के बाद उनके शरीर में एक अलग ही बदलाव आ 
जाता है। उनके नितंबो में जो कसाव और शरीर में जो भराव आता है
उसकी बात कुछ 
अलग ही होती है अभी कुछ ही समय की बात है उस समय मेरे घर में नये किरायेदार 
आए। उनकी शादी को अभी दो ही साल हुए थे और वो पति पत्नी दोनो वर्किंग थे। 
राजेश एक मल्टिनॅशनल कंपनी में जॉब करते थे और रीता मेरे ही कॉलेज में 
प्रोफेसर थी। दोनो कुछ ही समय पहले दिल्ली में आए थे इसलिए उन्हें नये घर की 
तलाश थी। चूँकि क्लास में हमेशा टॉप करता था तो अक्सर मेरी रीता से 
सब्जेक्ट्स को लेकर बात होती थी। 
एक दिन उन्होने मुझसे किराए का घर ढूँदने के 
बारे में पूछा तो मैंने उन्हें अपने घर को किराए पर लेने के लिए कहा, उन्हें 
घर पसंद आ गया, और वो कॉलेज के पास भी था इसलिए उन्होंने घर किराए पर ले 
लिया। मैंने उनसे घर पर पढ़ना शुरू किया और जब उनको करीब बैठ कर देखा तो मैं 
पागल हो गया। रीता के शरीर में जो बात थी क्या कहने, एक दम गोरा रंग, बिल्कुल 
स्लिम बॉडी और खड़ी हुई चुचियाँ, कद करीब पाँच फुट सात इंच और खूबसूरती इतनी 
कि किसी का भी जी ललचा जाए। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। अब पढ़ाई में तो दिमाग़ 
ही नहीं लगता था। 
मैंने अक्सर उनके करीब जाने के मौके तलाशने शुरू कर दिए। एक बार उनके पति 
किसी काम से कुछ से कुछ दिनों के लिए बाहर गये तब मैंने रीता के करीब जाने के 
और मौके तलाशने शुरू कर दिए। उनके बेडरूम की एक खिड़की उस रात को खुली थी। 
मैंने करीब आधी रात के समय उसमें झाँक कर देखना शुरू किया क्योंकि तब तक मेरे 
सब घर वाले सो चुके थे। रीता के कमरे में जो नज़ारा था उसे देखकर मैं पागल हो 
गया। रीता अपने बेड पर नग्न अवस्था में लेती हुई थी और अपनी योनि को मसल कर 
कर सिसकियाँ ले रही थी। मानो ऐसा लग रहा था कि कितने दिनों संभोग न किया हो। 
मेरे हाथ मेरे लिंग का कड़ापन महसूस कर रहे थे और मैंने तभी वहीं हस्तमैथुन 
किया। रात भर मुझे नींद नहीं आई। अगले दिन कॉलेज से जब मैं वापिस आया तो देखा 
मेरे सब घर वाले कहीं बाहर गये हुए थे मैंने घर की चाबी के लिये रीता से पूछा 
तो रीता अपने कमरे से बाहर आई और मुझे बोली कि चाबी तो नहीं है पर तब तक के 
लिए तुम मेरे कमरे मे बैठ जाओ। उस समय उन्होंने भी कॉलेज से आकर चेंज ही किया 
था तो उन्होंने शॉर्ट नाइटी डाली हुई थी। वो मेरे सामने ही सोफे पर बैठ गयी 
और मुझसे बातें करनी लगी। बातें करते हुए मुझे ध्यान आया कि जिस तरह टांगे 
खोल कर वो बैठी थी उनकी जांघें दिखाई दे रही थी। और ध्यान देने पर मैंने पाया 
कि उन्होंने अंदर कुछ नहीं डाला हुआ था। मेरे लिंग पर मेरा काबू न रहा और वो 
टन कर खड़ा हो गया। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि रात को चोरों की खिड़की में 
देखना ठीक नहीं। मैं घबरा गया कि इन्हें कैसे पता चला कल रात के बारे में। 
रीता - ये ठीक नहीं है कोई और रात को तुम्हें हस्तमैथुन करते हुए देख लेता 
तो, मैं जो भी कर रही थी अपने कमरे में कर रही थी, आगे से ध्यान रखना। 
मैने थोड़ा झुक कर उनकी टांगों के बीच में देखना शुरू कर दिया। 
रीता - ये क्या कर रहे हो। कहाँ देख रहे हो? 
मैंने कहा अब तो मैं कमरे के अंदर हूँ। 
रीता - बड़े समझदार बनते हो। वो मेरे मंसूबे जान गयी थी। 
मैंने हिम्मत कर के उनकी टाँगो पर हाथ रख दिया। 
रीता - बस टाँगो से ही प्यार है या आगे भी बढ़ना है। 
वो बोली - अक्सर राजेश तो बाहर रहते हैं और मुझे अकेले रहना पड़ता है। उन्हें 
मेरे यौवन की प्यास की कोई कदर नहीं है। इसलिए मुझे अकेलेपन में यूं सिसकना 
पड़ता है। पर तुम्हें कल रात देख कर मुझे भी कुछ हो गया। कितना बड़ा लिंग है 
तुम्हारा। लगता है बड़ी ब्लू फ़िल्में देखते हो और हस्तमैथुन कर कर के ऐसा 
लंबा कर लिया है। मैं इसका स्वाद चखना चाहती हूं अब तो मेरे दिल की बात 
उन्होंने कह दी। मैंने अपने दोनो हाथों से उनकी जाँघो को सहलाना शुरू कर 
दिया। साथ ही उनके होंठो की ओर अपने होंठ बढ़ा दिए, हम एक दूसरे को काफ़ी देर 
तक किस करते रहे और फिर मैं उनके साथ उनके बेडरूम में चला गया। 
रीता - मेरा यौवन देखना चाहोगे और ये कहते ही उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी। 
सच में शादीशुदा औरत के नग्न जिस्म को मैं पहली बार देख रहा था और बेकाबू 
होकर मैंने उनके बूब्स चूसने शुरू कर दिए। और वो और कसते चले हो गये और पूरी 
तरह खड़े हो गये। 
रीता - पहले कभी संभोग किया है। 
मैंने कहा - नहीं। 
तो फिर तो तुम अभी कच्चे हो,,, ये कहते हुए उन्होंने मेरी पैंट उतार दी मैंने 
अंडरवेर नहीं पहना था और मेरा एक बार स्खलित भी हो गया था। गीली पैंट देख कर 
रीता बोली। रीता - बस इतने में ही झड़ गया। तो तुम क्या करोगे। 
मैंने कहा - पहली बार किसी शादीशुदा को नग्न देखकर ये झड़ गया। अभी दस बार और 
झड़ सकता है। 
तब मैंने कहा - मुझे आपकी योनि देखनी है। वो बेड पर लेट गयी और अपनी टांगे 
खोल दी। मैंने पहली बार किसी चूत को देखा था मैंने सीधा उसे चाटना शुरू कर 
दिया । 
रीता - अरे बड़े बेकाबू हो। चलो कोई बात नहीं। पहली बार तो ऐसा ही होता है। 
मैंने अपनी जीभ उनकी योनि में फिरानी शुरू कर दी। वो सिसकने लगी। 
मैंने जीभ को और अंदर डालना शुरू कर दिया। 
रीता - अरे ऐसे चूसोगे तो मैं झड़ जाउंगी। मैंने स्पीड थोड़ी कम कर दी और 
उनके ऊपर आकर उनके बूब्स दबाने शुरू कर दिए। 
रीता - मुझे तुम्हारे लिंग का टेस्ट करना है। मैंने कहा तो आ जाओ सिक्स नाइन 
की पोज़िशन में 
रीता - वो क्या है। 
मैंने कहा - ब्लू फिल्म्स नहीं देखी क्या कभी। 
रीता - वो तो तुम किड्स देखते हो। हम तो वो सब असली में करते हैं। 
और मैंने उनको सिक्स नाइन की पोज़िशन में लाकर अपना लिंग उनके मुँह में डाल 
दिया और उनकी योनि चाटने लगा। 
हम दोनो ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मैंने देखा कि उनकी टाँगे कसती जा रही हैं 
और एक दम उनकी योनि ने इतनी ज़ोर 
से मेरे मुँह पर अपना पानी झाड़ दिया कि मेरा पूरा मुँह गीला हो गया। मैंने 
ऐसा पहले कभी ब्लू फिल्म्स में भी नहीं देखा था। 
रीता - देखा लड़के इतना तुम्हारा दस बार में भी नहीं झड़ सकता जितना हम एक 
बार में निकाल देते हैं। 
मैं बोला - इसके स्वाद में तो मज़ा आ गया और कहा कि मेरा वीर्य भी तो चख कर 
देखो लो 
उन्होंने कहा - तो आ जाओ - पहले उन्होंने मेरा लिंग अपने बूब्स में दबा कर 
ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया, मुझे मज़ा आने लगा। मेरा लिंग और कड़ा हो गया। 
तब उन्होने मेरे सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया। धीरे धीरे वो उसे पूरा 
निगलने लगी। 
मेरी उत्तेजना चरम पर जाने लगी और बंदूक की तरह मैंने उनके मुँह के अंदर 
वीर्य की धार मार दी। 
रीता - ये तो अमृत से भी ज़्यादा स्वाद है। मज़ा आ गया। पर अब मेरी प्यास कौन 
शांत करेगा। तुम तो दो बार झड़ चुके हो। 
अब तो तुम्हारा खड़ा नहीं रहेगा ज़्यादा देर। 
मैंने कहा - मैं तो अभी पहले की तरह ही हूं और कई बार और मूठ की धार छोड़ 
सकता हूं। पर आपका नहीं पता, इतना ज़्यादा झाड़ा है आपने, अब भी है उत्तेजना 
आपमें बाकी? 
रीता - औरत की प्यास को मर्द कभी समझे ही नहीं। मेरा शरीर जल्दी हुई मशाल की 
तरह है। तुम जैसे लड़को के तो कई लंड ‍जला सकता है। 
मैंने कहा - ऐसी बात तो आ जाओ एक बार और मेरे लंड की गिरफ़्त में। 
रीता - काफ़ी जल्दी काफ़ी कुछ सीख रहे हो 
मैंने कहा - आपका स्टूडेंट हूं ना 
रीता - आओ कितने दिनों से ये सील टूटी नहीं है आओ इसे तार - तार कर दो। 
मैने अपना सूपाड़ा उनकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे उस पर फेरने लगा। 
रीता - तुम तो मुझे जला दोगे। प्लीज़ अब अंदर डाल दो। 
मैंने ज़ोर लगाना शुरू किया पर मेरा इतना मोटा और कड़ा था कि अंदर नहीं जा 
रहा था आसानी से। मैंने ज़ोर लगाया तो उनकी चीख निकल गयी। पर लंड अंदर नहीं 
गया और चूत से खून निकालने लगा। 
रीता - सही में तुम तो मर्द से कुछ ज़्यादा ही हो। खून निकाल दिया मेरी चूत 
से पर अंदर नहीं गया। थोड़ी सा झाग लगा कर साबुन का फिर कोशिश करो। 
मैं बाथरूम से साबुन का झाग ले कर आया और उसे लॅंड पर मसल लिया। अब मैंने 
ज़ोर लगाना शुरू किया। रीता दर्द से चिल्लाने लगी और मैंने फिर पूरी ताक़त 
लगा कर एक ज़ोर का झटका दिया और मेरा लंड चूत से खून के छींटे मेरे मुँह पर 
मारते हुए अंदर चला गया। रीता की साँस गले में ही अटक गयी। 
रीता - बड़ा दर्द हो रहा है पर ऐसा मज़ा भी कभी नहीं आया। अब तो मेरी चूत को 
जला दो एक दम। 
मैंने झटके बढ़ने शुरू कर दिए। उनके मुँह से उउऊहह आअहह आआआअहह की आवाज़ें 
तेज आ गयी। 
रीता - और ज़ोर से, और ज़ोर से, फाड़ दो मुझे और मेरी चूत को 
मैने झटके बढ़ाने शुरू कर दिए और उनकी चूची चूसनी शुरु कर दी। 
उनकी उत्तेजना और बढ़ने लगी और तब मैंने ध्यान दिया उनके बूब्स और कड़े हो 
गये तब मुझे लगने लगा कि अब ये झड़ने वाली है मैने झटके तेज कर दिए और तभी 
मेरा झड़ गया पर मैंने झटके देने चालू रखे और वो इतनी गरम हो गयी कि उनका भी 
झड़ गया मैंने उनके पानी को अपने मुँह पर मसल लिया और हम दोनो ठंडे पड़ गये। 
मैं उनके साथ ही उनके बिस्तर पर लेटा रहा कुछ देर तक उनके साथ चिपक कर। अभी 
भी हम दोनो अपने जिस्म की सिरहन महसूस कर रहे थे। 
रीता - तुम्हारा वीर्य तो मेरी चूत मे अंदर चला गया, अगर मैं प्रेग्नेंट हो 
गयी तो, मैंने कहा चिंता मत करो बाज़ार में कई गोलियाँ आती है जो ऐसा होने पर 
भी प्रेग्नेन्सी रोक देती है। 
वो ले लेना और मैं फिर अपने कपड़े पहन कर बाज़ार चला गया गोलियाँ लाने। अब ये 
सिलसिला कई दिनों तक चला। फिर उनके पति का ट्रान्स्फर हो गया और मैं अकेला हो 
गया।
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