भाभी के साथ एक रात बिताई - Bhabhi ke sath ek raat bitayi

भाभी के साथ एक रात बिताई - Bhabhi ke sath ek raat bitayi, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

मेरे भैया की शादी २ साल पहले ही हुई है। भाभी का नाम अर्चना जैन है। भाभी बहुत ही सेक्सी ,गोरी, स्लिम है। उनका फ़ीगर वेल मेन्टेन है। भैया एक एम् एन सी में बोम्बे में सी ऐ हैं। वो कभी कभी आते है। भाभी को देख २ कर मैं तो जैसे पागल हुआ जा रहा था। किसी न किसी तरह भाभी को छूने की कोशिश करता रहता था। वो जब मेरे कमरे में झाडू लगाने आती तो जैसे ही झुकती तो मेरा ध्यान सीधे उनके ब्लाउज़ के अंदर चला जाता। क्या गजब बूब्स हैं उनके जी करता कि पकड़ कर मसल दूं। पर मैं तो सिर्फ़ उन्हे देख ही सकता था। भाभी और मुझ में बहुत ही अच्छी जमती थी। हम हंसी मजाक भी कर लेते थे। पर कभी भी घर में अकेले नहीं होते थे कोई न कोई रहता था। मैं सोचता था कि काश एक दिन मैं और भाभी अकेले रहे तो शायद कुछ बात बने।

सर्दी का मौसम था घर के सभी मेम्बर्स को एक रिश्तेदार कि शादी में चेन्नई जाना था। भैया तो रहते नहीं थे। मम्मी पापा, मैं और भाभी ही थे। पापा ने कहा कि शादी में कौन कौन जा रहा है। मैने कहा मेरे तो एक्ज़ाम्स आ रहे है। मैं तो नहीं जा पाउंगा। मुम्मी बोली के चलो ठीक है इसके मरजी नहीं है तो ये यहीं रहेगा पर इसके खाने का प्रोब्लम रहेगा। इतने में मैं बोला कि भाभी और मैं यहीं रह जायेंगे आप दोनो चले जायें।

सबको मेरा आइडिआ सही लगा। अगले दिन मम्मी पापा को मैं ट्रैन में बिठा आया। अब मैं और भाभी ही घर में थे। भाभी ने आज गुलाबी साड़ी और ब्लाज़ पहन रखा था ब्लाउज़ में से बरा जो के स्रीम कलर की थे साफ़ दिख रही थी। मैं तो कंट्रोल ही नहीं कर पा रहा था। पर भाभी को कहता भी तो क्या। भाभी बोली थन्क यू देवेर जी। मैने कहा किस बात का। भाभी बोली मेरा भी जाने का मूड नहीं था। अगर आपकि पढ़ायी डिस्टर्ब न हो तो आज मोवी चले। मैने कहा चलो। पर कोई अच्छी मोवी तो लग ही नहीं रही है सिर्फ़ मर्डर ही लगी हुई है। भाभी बोली वो ही चलते हैं। मैं चोंक गया। भाभी ड्रेस चेंज करने चली गयी। वापस आयी तो उन्होने डीप कट ब्लाउज़ पहना था उनके ब्रा और बूब्स के दर्शन हो रहे थे। मैने कहा भाभी अच्छी दिख रही हो भाभी बोली थैंक्स । हम सिनेमा हाल गये हमें इत्तेफ़ाक से सीट भी सबसे उपर कोने में मिली। फ़िल्म शुरु हुई मेरा लंड तो काबु में ही नहीं हो रहा था। अचानक मल्लिका का कपड़े उतारने वाला सीन आया। मैं देख रहा था कि भाभी के मुंह से सिसकिआं निकलने शुरु हो गैइ।

और भाभी मेरा हाथ पकड़ कर मसलने लगी। मेरा भी हौसला बढ़ा मैने भी भाभी के कंधे पर हाथ रका दिया और धीरे २ मसलने लगा। हाल में बिल्कुल अंधेरा था। मेरा हाथ धीरे २ भाभी के बूब्स पर आ गया भाभी ने भी कुछ नहीं कहा वो तो फ़िल्म का मज़ा ले रहे थी। अब मैं भाभी के बूबी को मसल रहा था और अब मैने उनके ब्लाउज़ में हाथ डाल दिया भाभी सिर्फ़ सिसकरियां भरती रही और मुझे को ओपरेट करती रही। अब फ़िल्म एंड हो चुकी थी हम दोनो घर आये। मैने पूछा क्यों भाभी कैसि लगी फ़िल्म। भाभी बोली मस्त। मैने कहा भाभी भूख लगी है। हम दो नो ने साथ खना खया। मैं अपने कमरे में चला गया। इतने में भाभी की अवाज़ आई क्या कर रहे हो देवेर जी जरा इधर आओ न।

मैं भाभी के बेडरूम में गया तो भाभी बोली ये मेरी ब्रा का हुक बालों में अटक गया है प्लीज़ निकाल दो न। भाभी सिर्फ़ ब्रा और पेटीकोट में ही थी। उसने क्रीम रंग की बरा पहन रखी थी। मैने ब्रा खोलने के बहाने उसके निप्पलों को भी मसल दिया और पूरी पीठ पर हाथ फ़िरा दिया मैने कहा भाभी लो खुल गयी ब्रा मैने बरा को झटके से नीचे गिरा दिया अब भाभी पूरी टोपलेस हो चुकी थी। हम दोनो फ़ुल फ़ोर्म में आ चुके थे भाभी बोली देवेर जी भूख लगी है तो दूध पीलो मैने भाभी को उठाया और बिस्तर पर ले गया उनका पेटीकोट भी खोल दिया अब वो पूरी नंगी हो चुकी थी और मैं भी। मैने शुरुआत उपर से ही करना मुनासिब समझा

और भाभी के लाल लिपस्टिक लगे रसीले होंथों को जम कर चूसा। उसके बाद बारी आई उनके छाती की जिस पर कि दो मोटे २ दूध की टंकिया लगी थी। उनके निप्पल का सबसे आग्गे का हिस्सा बिल्कुल भूरा था मैने भाभी के बूब्स को इतना मसला और चूसा कि सच में ही दूध निकल आया। मैने दोनो का जम कर आनंद लिया। भाभी के मुंह से तो बस सिसकरियं निकल रहे थी आह आआआअह आआआआआह्हह अब मैं बूब्स से नीचे भाभी की चूत पर आया क्या क्लीन चूत थी एक भी बाल नहीं। मैने पहले तो भाभी की चूत को खूब चाटा फिर एक्स एक्स एक्स फ़िल्मो की तरह जोर २ से उंगली करने लगा। भाभी आअह आआआह देवेर जी कर रहे थी। फिर मैने भाभी को घोड़ी बनने के लिये कहा भाभी घोड़ी बन गयी मैने अपना लंड चूत में डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा। इस तरह मैने ३० मिनट तक भाभी को अलग २ पोजिशन में चोदा (सोफ़े पर भी)। अब मैं थक गया था। भाभी बोली तुमने तो मेरे बहुत मज़े ले लिया मेरे शानदार फ़ीगर वाले बूब्स को चूस २ और मसल २ कर लटका और खाली कर दिया अब मेरी बारी है। मैं लेट गया

भाभी मेरे उपर चढ़ गयी और मेरे सीने पर मसलने और चूसने लगी और मेरे भी छोटे २ बोब निकाल दिये मैं भी भाभी के बूब्स को मसल रहा था फिर भाभी मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लगी करीब १५ मिनट तक उसने मेरे लंड को चूसा।अब हम दोनो को नींद आ रही थी हम उसी हालत में सो गये। सुबह उठ कर हम दोनो साथ ही टब में नहाये और मैने भाभी के एक एक अंग को रगड़ २ कर धोया। इसके बाद भी हम २ -३ दिन तक सेक्स का आनंद लेते रहे। अब भी कभी मौका मिलता है तो हम शुरु हो जाते हैं। साथ में घर पर ही नेट पर साइट्स देखते हैं।

मुझे तो साड़ी सेक्स बहुत पसंद है। एक एक कपड़ा ब्लाउज साडी ,ब्रा ,पेटीकोट खोलने का मज़ा कुछ और ही है। मैं अपनी ड्रीम गर्ल को भी साड़ी में ही देखना चाहता हूं।

मेरे जेठ ने मेरी मज़बूरी का फ़ायदा mere jeth ne meri majburi ka fayada

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नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम साक्षी सिंह है, मै अमृतसर की रहने वाली हूँ। मेरी कहानी बहुत दर्द भरी और मज़ेदार है। मै आज अपनी कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर आप के सामने प्रस्तुत करती हूँ। मेरी कहानी जानने से पहले मै थोडा अपने बारे में बता दूँ। मै अभी 26 साल की हूँ। 5 साल पहले मेरी शादी जालंधर में हो गई। मेरे पति का नाम अभिषेक है। वो अभी 25 साल के होंगे। उनके घर में मेरी सास, ससुर, एक ननद और मेरी जेठानी और उनके पति रहते थे।
शादी के पहले मै बहुत हॉट और सेक्सी थी। मेरे बड़े बड़े और काले काले बाल, गोरे गोरे और लाल गाल, बड़ी बड़ी आंखे और मेरे सुडोल और सख्त जिस्म तो बहुत हो मस्त थी। चुचियाँ तो कमाल के थे ऐसा लगता था देखने पर की जैसे कोई मैदे के आटे को सान कर उसपे काले और हलके भूरे रंग की जामुन रख दिया हो। मेरी चूची बहुत ही गोरी और रुई की तरह मुलायम और साथ साथ सख्त और टाइट भी थी। मेरी चूत तो किसी जलते हुए कोयले से काम नही थी, मेरी कमसिन चूत बहुत रसीली बिल्कुल रसीले आम की तरह और बिल्कुल चिपकी हुई ऐसे लग रहा था की अभी इसका सील भी नही टूटा होगा, लेकिन मैंने बहुत बार अपनी चूत को अपने चाचा के लडको से मरवा चुकी थी।
मेरी शादी के बाद मेरे पति ने लगातार मेरी चुदाई करके मेरी चूत को फैला दिया और एक ही साल बाद मेरे एक लड़का भी हो गया। लड़का होने के बाद हमारा खर्चा बढनें लगा और मेरे पति कुछ काम नही करते थे, वो दिन भर घर पर रहते और जब भी मन करता मेरी चूत को बजाते।
मैंने एक दिन अपने पति से कहा – ”जानू तुम कुछ काम करो अब हमे पैसे की जरूरत है और कब तक हम किसी के सामने अपना हाथ फैलाएगें’’।
मेरे पति ने मुझसे कहा – ‘’हाँ मै जल्दी ही कुछ काम ढूंड लूँगा’’। थोडा दिन बीता अभिषेक ने एक काम करना शुरू किया लेकिन पैसे बहुत कम मिलता था। कुछ दिन उन्होंने वहां वो काम किया।
धीरे धीरे मेरे बेटा भी बड़ा हो रहा था, उसके पढ़ी का भी खर्चा बढ़ने वाला था। अभी तक तो मेरे ससुर जी हमारा खर्चा देते है लेकिन कब तक वो हमारा खर्चा उठाएंगे।
मेरे जेठ जी की नजर बहुत बुरी थी, वो औरतो को केवल चुदाई का सामान समझते थे, उन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी औरतो को चोदा था की क्या बताऊँ। मेरे जेठ की नजर मेरे ऊपर भी थी लेकिन अभिषेक हमेसा घर पर ही रहता था इसलिए उनको मौका नही मिल पता था मुझ पे डोरे डालने को। अगर बात करे जेठ जी की तो दिखने में स्मार्ट और साथ ही साथ उनके पास पैसे की भी कमी नही थी। उनका काम बहुत तेजी से चल रहा था और खूब पैसे भी आ रहें थे।
कुछ दिन बाद मेरे ससुर की मौत हो गई, ससुर के मौत के बाद हमारा खर्चा किसी तरह से पूरा होता था। अभिषेक बहुत मेहनत भी करता तब भी हमारा खर्चा किसी तरह से चलता। कुछ दिन बाद बाद मेरे जेठ ने बटवारा कर दिया।
अब तो हमारा और भी बुरा हाल हो गया। अभिषेक और ज्यादा पैसे कमाने ले लिये अपने एक दोस्त के साथ दिल्ली चले आये। अब मै और मेरा बेटा हम दोनों ही घर रहते थे, मेरे पति दिल्ली से पैसे भेजते थे, और खुद भी कभी चले आते थे। जब वो आते थे तो हम दोनों मिलके खूब चुदाई करते जितने दिन रहते, हम एक एक दिन पांच छः बार काम कर लेते थे। लेकिन उनके जाने के बाद मेरी चूत में सुखा पड़ जाता था। कोई मुझे चोदने वाला नही रहता था।
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मेरे पति के परदेस जाने के बाद मेरे जेठ जी ने मुझ पर चांस मारना शुरू कर दिया था। लेकिन मुझे उन्हें देख कर नफरत होती थी क्योकि उन्होंने मेरे पति को नौकरी नही दी थी।
मै एक दिन अपने घर के सामने बैठी थी, मेरे जेठ जी आए और उन्होंने मुझसे कहा – ‘’मै तुम्हारे पति को अपने काम में नौकरी दे सकता हूँ लेकिन पहले तुम मेरे लिये कुछ करो फिर मै भी तुम्हारे लिये कुछ कर सकता हूँ’’। मै समझ गई की ये मुझे चोदने के बारे में बात कर रहे है। मैंने उनसे कहा -‘’आप जो चाहते है वो कभी नही हो सकता है चाहे दुनिया इधर से उधर क्यों ना हो जाए’’।
मेरे जेठ ने कहा – मै तो तुम्हारा अकेलापन दुर करना चाहता हूँ, तुम्हारे पति को तुम्हारे पास बुला के और तुम कहा रही हो जो मै चाहता हूँ वो कभी नही हो सकता???
कुछ देर बाद मेरे जेठ वहां से चले गाये। मैंने उनके बातों के बारे में बहुत सोचा पर मै लेकिन मेरे मन उनसे चुदवाने को नही कर रहा था। धीरे धीरे कुछ दिन और बीता, अभिषेक घर आ गया। घर आते ही उसने मुझे गोदी में उठा लिया और बिस्तर में ले गया। उसने बहुत दिन बाद मेरी चूत को मज़े से चोदा और खूब पिया भी। चुदाई के बाद मैंने उससे कहा ¬– तुम यहीं कोई अच्छा काम क्यों नही कर लेते?? तो उसने कहा यहाँ पैसे अच्छे नही मिलते है। तुम्हारे बिना मै बहुत अकेली रही हूँ। तो उसने कहा – भैया मुझे काम पर रखेगे नही क्योकि उन्होंने मुझे एक बार पैसे चुराते हुए पकड़ लिया था। मुझे उस काम में अच्छे पैसे मिल जाते थे। मैंने सोचा अगर मै अपने जेठ से चुदवा लू तो अभिषेक को यहाँ काम के साथ साथ अच्छे पैसे भी मिल सकता है। लेकिन मैंने सोचा अभी नही वरना हो सकता है की अभिषेक को सक हो सकता है। थोड़े ही दिन बाद अभिषेक फिर से बाहर चला गया। मैंने पहले तो सोचा की अपने जेठ से चुदवा लूँ लेकिन फिर मेरे मन बदल गया।
मैंने अपने मन से जेठ जी से चुदने की बात को निकाल दिया। लेकिन मेरी और मेरे जेठ की चुदाई की कहानी तो भगवान खुद अपने हाथो से लिख रहा था।
दोस्तों, कुछ दिन पहले की बात है मेरी जेठानी अपने मइके गयी हुई थी और मेरे पति भी घर नही थे। रात का समय था , मै लेटी हुई थी दोपहर से ही मेरे बेटे की तबीअत कुछ ठीक नही थी, लेकिन जब रात हुई तो उसकी तबीअत खराब होती गई। मैंने सोचा अब इतनी रात को किसको बुलाऊ?? फिर मैंने अपने जेठ जी कमरे के बाहर गई और उनको आवाज़ देने लगी। कुछ देर बाद वो बाहर आये। उन्होंने मुझसे कहा – ‘’इतनी रात को आई हो क्या बात है, कहीं तुम अपना अकेलापन तो दुर करने नही आई हो’’। मैंने कहा नही वो मेरे बेटे की तबीअत खराब है आप साथ चल कर डॉक्टर को दिखवा देते तो ठीक रहता रात भी हो चुकी है। मेरे जेठ ने कहा – तुमने तो मेरी बात नही मानी थी तो मै क्यों तुम्हारी बात मानू?? मैंने उनसे कहा – भगवान के लिये पहले आप मेरे बेटे को डॉक्टर को दिखा दीजिए फिर आप को जो करना है कर लेना लेकिन पहले मेरे बेटे की दवाई करवा दो।
जेठ जी ने मेरे बेटे को डॉक्टर को दिखाया और दिखाने के बाद घर ले आये। उसके ठीक होने तक वो मेरे कमरे में ही बैठे थे। जब मेरा बेटा ठीक हो गया तो मैंने जेठ जी कहा –‘’ पहले आप मुझसे वादा कीजिये की ये बात किसी से कहेगे नही और मेरे पति को काम भी देंगे’’।
मेरे जेठ जी मुझसे कहा ठीक है। लेकिन आज तो तुम्हारी चूदाई तो करूँगा ही और जब मेरा मन फिर किसी को चोदने को कहे तो तुम चुपके से आ जाना। मैंने उनकी शर्तो को मन लिया। मैंने अपने बेटे को एक कमरे में लेटा के मै और जेठ जी दोनों दूसरे कमरे में चुदाई करने के लिये चले गाये। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है
मैंने उस कमरे के दरवाजे को बाद कर लिया। और पड़े हुए बिस्तर पर बैठ गई। जेठ जी ने जल्दी से अपने कपडे को उतार दिय और केवल बड़े और ढीले वाले नेकर में मेरे सामने खड़े हो गाये। मैंने उस दिन काली रंग की साडी पहनी थी, जेठ जी ने कहा – ‘’मेरी जान आज तुम बहुत कमाल की लग रही हो’’। उन्होंने मेरे हाथो को पकड़ा और मुझे अपनी खीच लिया। मेरे मम्मे उनके सीने में जाके टकरा गाये और मुझको उन्होंने अपने बाहों में भर लिया। बाहों में भरते ही जेठ जी मेरे रसीले होठो को अपने मुह में भर कर चूसने लगे। वो लगातार मेरे होठो को काट काट कर मुझे कामोत्तेजित कर रहें थे। थोड़ी ही देर में मै कामोत्तेजना से पागल होके अपने जेठ जी को कस कर अपने बाहों में भर लिया और उनके होठो को अपने मुह में भर कर चूसने लगी। मेरा जीभ उनके मुह में और उनकी जीभ मेरे मुह में यही काम बहुत देर तक चलता रहा। बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे के चुम्बन में खोये रहें।
कुछ देर बाद जेठ जी का हाथ मेरी ब्लाउस पर आ कर रुक गया, उन्होंने मेरी साडी को निकाल दिया और मेरे मम्मो को आजाद करने के लिये मेरे ब्लाउस की एक एक बटन को खोल दिया और मेरे बड़े बड़े मम्मो को काले ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगे। फिर जेठ जी ने मेरे ब्रा में फसे हुए चुचियों को मेरे ब्रा को निकाल कर उसे आज़ाद कर दिया और मेरी 36 चुचचे को बड़े मस्ती से दबाना शुरू किया। वो मेरे मम्मो को दबा दबा के बहुत अधिक चुदासा हो गया थे और मेरे खूबसूरत सफ़ेद चिकने मम्मो को वो अपने हाथ में लेकर किसी आटे की तरह वो जोर जोर से मसले जा रहा था। मै भी चुदासी होकर अपने मम्मो को बड़े मस्ती से लगातार मसल रही थी। मेरा बेटा रोज मेरी दूध पीता था इसलिए मेरे चुचियों से अभी भी दूध निकालता है। मेरे जेठ जी अपने हाथो से मेरे चूची को जोर से दबाते और उसमे से जब दूध निकलता तो उसको पीकर मज़े ले रहें थे। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
बहुत देर तक मेरे दूध को पीने के बाद जेठ जी ने मेरे बूब्स को मसलते हुए और मेरे पेट को पीते हुए मेरी नाभि से होते हुए मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगे।उन्होंने मेरे काले पेटीकोट के नारे को खोला और पेटीकोट को निकाल दिया। फिर उसने मेरी पैंटी भी निकाल दिया। अब मैं अपने जेठ जी के सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। दोस्तों, मैं बहुत सुंदर और गोरी चिकनी थी किसी रानी की तरह। अब तो मै भी इतना कामातुर हो गई थी कि मै खुद ही अपने जेठ से चुदना चाहती थी। मेरे जेठ जी ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे पैरों कि उंगलियों को चूसने लगा। और धीरे धीरे मेरे पैर को चूसते हुए मेरे चिकनी और सॉफ्ट जांघ कि तरफ बढ़ने लगा। मै तो पागल हो रही थी और …..सी सी सी ,,अहह … उह उहअहह … अह्हह्ह करने लगी थी। कुछ ही देर में वो मेरी जांघों को चकहते हुए मेरी चूत के पास पहुचे। उन्होंने अपनी नाक को मेरी चूत में रगड़ना शुरू किया और मै बड़ी मस्ती से अपने बदन को ऐंठ रही थी। नाक को रगड़ते हुए, मेरी चूत को अपने जीभ से जिस तरफ कोई कुत्ता चाट रहा हो उसी तरह सी मेरी चूत को चाट कर मेरी चूत कि मैल को साफ कर रहें थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था,
मेरे जेठ जी ने मेरे बुर को बहुत देर तक पिया और अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को बार बार चाट रहें थे, जिससे मै मदहोश हो कर मै अपनी मुलायम सी चूची को अपने हाथो से दबा दबा के उसमे से दूध निकाल रही थी। कुछ देर तक मेरे चूत के दाने को चाटने से मेरे चूत का पानी नि़कने लगा और मेरे चूत के नमकीन पानी को मेरे जेठ ने जीभ से चाट कर साफ कर दिया। अब मै और मेरे जेठ दोनों चुदाई के वासना में जलने लगे और कुछ ही देर बाद जेठ जी अपने 7 के मोटे से लंड को बाहर निकाला और मेरी चूत की किनारों पर अपने लंड से घुमा रहे थे, मै तो इससे और भी कामुक हो उठी। थोड़ी देर मेरी चूत को अपने लंड से सहलाने के बाद जेठ जी ने मेरी चूत में अपने लंड डालने के लिये हल्का सा धक्का देने लगे, पहले तो उनका आधा लंड लगभग 4 मेरी चूत में घुस गया औए 3 इंच बाहर ही रह गया। जेठ जी ने एक बार फिर जोर लगाया और बाकि बचा हुआ लंड भी मेरी चूत को फाड़ते हुए मेरी चूत के गहरे में चला गया और मै अपने चीख को रोक नही पाई और मेरे मुह से …अहह ..औह्ह ….माँ … करने लगी। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत में अपना पूरा जोर लगा के डालने लगे जिससे मै ..,.. ‘’उ उ उ उ ऊऊऊ……ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो…….उंह्…उंह..उं…हहूँ..हूँ…हूँहअहह्ह्ह्हह.अई…अई….अई….’’ करके चीखने लगी।
मेरे जेठ ने कहा – चुप मादरचोद, मै चुप हो गई लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था और साथ साथ मजा भी आ रहा था। उनकी स्पीड बहुत तेज हो रही थी। और मै भी अपने मम्मो को तेजी से दबा रही थी। मेरे जेठ ने 1 घंटे तक मेरी लगातार चुदाई की और जब और मेरी चूत को फाड़ डाला। जब जेठ जी का माल निकलने वाला था, तो उन्होंने मेरे चूत से अपने लंड को निकाल लिया और मेरी मुह की तरफ अपना लंड करके मुठ मारने लगे। जेठ जी की सांसे बढ़ने लगी थी उनकी स्पीड तेज होती जा रही थी। कुछ देर में में जेठ जी के लंड से माल निकाल कर मेरी मुह और होठो पर पड़ गया। उनके लंड के माल से मेरा मुह गीला हो गया। मैंने उनके माल को अपने जीभ से चाट लिया। और जेठी जी भी अपने लंड से निकले माल को मेरे मुह पर चाट रहें थे। उस दिन तो बहुत मजा आया।
उस दिन की चुदाई तो मस्त थी, मेरा मन फिर चुदने को कर रहा था। इसलिए मैंने उन से पूछा – ‘’जेठ जी आप मेरे पति को काम दे दीजिए और आप जब भी कहेगे मै आप से चुदने के लिये तैयार हो जाउंगी’’। उन्होंने कहा – ठीक है।
उस रात के बाद मै बहुत बार अपने जेठ जी से चुदी और मै उनसे पैसे भी ले लेटी थी। मैंने अपने पतियो को घर बुला लिया। अब तो मै दिन अपने जेठ जी से चुदती हूँ और रात को मरे पति मेरे खूब चुदाई करते है। इस तरह से मेरी कहानी पूरी होती है।

मनचाही चुदाई दिव्या ने मचाई man chahi chudai divya ne machai

मनचाही चुदाई दिव्या ने मचाई man chahi chudai divya ne machai, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
मित्रो सालो तुमने अपना टाइम मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए जवाब नहीं कमीनो तुम्हारा झाड़ने के लिए क्या क्या करते हो सालो और सालियों मैं इस कहानी पढ़ने वालो का नमन करता हूँ और जो इसे नहीं पढ़ रहे है उनके लिए अपनी गांड उठा के एक बमछोड़ता हूँ l मैं हूँ गरुण टिक्कू और मेरा बहुत है बहता l मैं लोखंडवाला का रहने वाला हूँ और मैं देखने में भी स्मार्ट दिखता हूँ l मैं बहुत ही भला इंसान हूँ और एक नंबर का कमीना भी l मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और लंड 6 इंच लम्बा है l मेरा मानना है कि सांप, भूत और चूत जहाँ मिले मार दो वरना कोई और मार देगा l मैं दिल का बहुत साफ हूँ लेकिन जब कोई चीज़ खुद मेरे पास आए तो मैं उसे मना नहीं करता l ये कहानी है ऐसी ही एक चुदाई की जो मैंने करी थी अपने दोस्त की बहन के साथ l
मेरा एक दोस्त जो मेरे घर के सामने ही रहता है और उसका नाम है मनीष मिश्रा और उसकी एक बहन है दिव्या मिश्रा l मनीष मेरे से एक साल बड़ा है और दिव्या मेरे ही साथ की है पर मनीष मेरा बहुत अच्छा दोस्त है l इसलिए मैंने दिव्या को कभी उस नज़र से नहीं देखा और कभी भी उसके बारे में गलत नहीं सोचा l कभी कभी हमारे घर में नहीं रहता था तो मैं उनके यहाँ चला जाता था और वहीँ पर खाना खाता था और वहीँ सो जाता थाl ये गर्मी की बात है जब हमारे मोहल्ले में लाइट चली गई थी और मैं उनके घर चला गया और मनीष के साथ बैठ के बात कर रहा था l तभी मनीष के घर में जो छोटे बच्चे है वो एक दुसरे को पकडे वाला खेल खेल रहे थे l तो उन्होंने मनीष को बुलाया और मनीष ने मना कर दिया l तो बच्चों ने उसे जबरदस्ती खींच लिया और खेलने को बोला तो वो खेलने लग गया l फिर उसने मुझे भी बुला लिया और दिव्या तो उनके साथ खेल ही रही थी l तो खेलते खेलते एक समय ऐसा आया की मैं और दिव्या ही बस बचे थे और मैं दाम दे रहा था l
फिर दिव्या भागी और मैं उसके पीछे भगा l सच में दोस्तों वो तेज़ भाग रही थी और थोड़ी आगे जाके थक गई और हम थोड़ी दूर आ गए थे l जैसे ही मैं उसके पास पहंचा तो वो पलट गई और मैंने उसके दूध पकड़ के दबा दिए l मैंने फ़ौरन ही उसके दूध से हाँथ हटाया और कहा सॉरी दिव्या l वो इट्स ओके पीकू (मेरे घर का नाम) l अब मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था और हम धीरे धीरे पैदल वापस आ रहे थे l तभी उसने कहा कि पीकू कोई बात नहीं ऐसे मत शर्माओ गलती से हुआ है l मैंने कहा यार लेकिन मुझे सही में बहुत बुरा लग रहा है l उसने कहा कोई बात नहीं छोडो जाने दो, तुम मेरे भाई के नहीं मेरे भी अच्छे दोस्त हो और तुम जीत गए हो ये खेल l फिर चलते चलते हम घर पहुँच गए और फिर थोड़ी देर बाद लाइट आई और मैं अपने घर चला गया l
फिर एक दिन मैं अपने कॉलेज से घर वापस आ रहा था तो मुझे मनीष का फ़ोन आया और उसने कहा कि क्या तू दिव्या के कॉलेज से उसको घर ले आएगा , मैं थोडा काम में फसा हूँ l तो मैंने कहा ठीक है और मैं उसके कॉलेज चला गया l वो कॉलेज के गेट पर ही खड़ी थी अपने दोस्तों के साथ खड़ी थी l जैसे ही मैं वहाँ पहुंचा तो उसकी सारी दोस्त मुझे देखने लगीं और दिव्या ने मुझे स्माइल दी और कहा हाय l
मैंने कहा तुम्हारे भाई का कॉल आया था तो कहा हाँ मुझे पता है चलें क्या ? मैंने कहा हाँ l तो वो आ के मेरी गाड़ी में बैठ गई और वो मुझसे बहुत चिपके के बैठी थी l मुझे थोडा अटपटा सा लगा लेकिन मैंने गाड़ी स्टार्ट की और वहाँ से चल दिया l रास्ते में उसने मुझसे से पूछा की क्या हो गया है तुम्हें पीकू ? उस दिन के बाद से तुम मुझसे ठीक से बात नहीं करते , क्यों ? मैंने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है l उसने कहा ठीक है लेकिन क्या तुम मुझे कल भी कॉलेज से लेने आ जाओगे l मैंने कहा की ठीक है आ जाऊंगा l
फिर हम थोड़ी देर बाद घर पहुँच गए l फिर अगले दिन जब मैं उसके कॉलेज पहुंचा तो सिर्फ उसकी सहेलियां ही बाहर खड़ी थी तो मैंने पूछा कि दिव्या कहाँ है ? तभी उसकी एक सहेली ने वो बस आ ही रही है जीजा जी और सब हसने लगीं l फिर रास्ते में मैंने दिव्या से पूछा कि तुमने मेरे बारे में अपने दोस्तों को क्या बताया है और मुझे जीजा जी क्यूँ बोल रहीं थी ? तो उसने कहा की बुरा मत मानना पीकू लेकिन मैंने तुम्हे अपना बॉयफ्रेंड बताया है l तो मैंने कहा कि तुमने ऐसा क्यूँ कहा ? उसने कहा क्यूँ तुम मुझे अच्छे लगते हो l
मैं शांत हो गया तो उसने पूछा कि क्या मैं तुम्हे अच्छी नहीं लगती l तो मैंने कहा ऐसा नहीं है पर मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं l उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि पीकू तुम कितने क्यूट हो और मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ l मैं फिर शांत था और मनीष और अपनी दोस्ती के बारे में सोच रहा था l तभी रास्ते में उसने गाड़ी रुकवाई और कहा बोलो पीकू l मैंने कहा क्या बोलूं यार l उस वक़्त वो रास्ता बिलकुल खाली था तो उसने मुझे होंठ पर किस कर दिया l दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
मैं गाड़ी पर बैठा और कहा चलो घर चलतें हैं और उसने कहा कोई जवाब नहीं दोगे l मैंने कहा हाँ वो बहुत खुश हुई और हम घर आ गए l फिर ऐसा ही कभी कभी हम लोग घुमने जाते थे और लिप किस किया करते और कभी कभी मैं उसके दूध दबा दिया करता था l फिर एक बार मेरे घर पर कोई नहीं था और वो मेरे घर आ गई और मुझे जोर जोर से किस करने लगी l मैं भी उसे किस करने लगा और वो मेरे लंड को छुने लगी l
मैं तभी समझ गया की ये पुरे चुदाई के मूड से आई है l उसने मेरी पैन्ट उतारी और चड्डी नीचे करके मेरा लंड हाँथ में लेके हिलाने लगी l मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्यूंकि मेरे लंड को मेरे हाँथ के आलवा कोई और हिला रहा था l उसने मेरा लंड मुंह में लिया तो मुझे तो मज़ा ही आ गया l वो प्यार से मेरा लंड चूस रही थी जैसे ब्लू फिल्म में लड़कियां चूसती है वैसे ही l
फिर उसने मेरा गोटियों को मसलते हुए कहा कि आज तो तुम्हे जन्नत के दर्शन कराऊंगी l फिर वो मुझे बेडरूम में ले गई और बिस्तर पर धक्का दे दिया और अपने कपडे उतारने लगी l उसने अपने पुरे कपडे उतर दिए और कहा किस कैसा लगा ? दोस्तों सच बता रहा हूँ उसका फिगर बहुत ही स्लिम था और उसके दूध बड़े थे और बीच में गैप भी नहीं था और उसकी चूत को उसने शेव किया था तो बाल होने का कोई चांस भी नहीं था l
फिर मैंने कहा कि सच में तुमने जन्नत के दर्शन करा दिए फिर वो मेरा लंड चूसने लगी l फिर मैंने उसे उठाया और कहा चलो अब मेरी बारी और उसके दूध चूसने लगा और दबाने लगा l उसके दूध बहुत ही सॉफ्ट थे और उसके दूध मेरे हाँथ में ओउरी तरह से आ रहे थे तो उन्हें दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था l मैं 10-15 मिनिट तक उसके बस दूध दबाता रहा और चूसता रहा l
फिर मैंने उसकी नाभि मैं जीभ करी तो वो बोली की नहीं करो गुदगुदी हो रही है l फिर मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और कहा कि जन्नत के दर्शन तो हो गए अब स्वाद चख लूँ क्या ? तो उसने हस्ते हुये कहा की हाँ शुरू हो जाओ l मैंने चूत को देखा और उसको भूखे भेड़ियों की तरह चाटने लगा l उसकी चूत से पानी आ रहा था मैं वो पानी पीता जा रहा था फिर और जमके के उसकी चूत को चाटता जा रहा था l फिर मैं उठ के बैठ और उसकी चूत को रगड़ने लग गया और फिर मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी l वो आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह अहहहा की आवाज़े निकलने लगी l
फिर मैंने अपना लुंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार झटका मारा जिससे मेरे 3 इंच अन्दर चला गया और वो कहने लगी नहीं निकालो बाहर पर मैं लगा रहा और उससे चोदने लगा l फिर मैंने उसको अलग अलग तरीके से चोदा और वो भी मेरा साथ देते जा रही थी l फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकालकर उसके मुंह के पास ले गया और उसके हाँथ में दे दिया और फिर वो हिलाने लगी l फिर मेरा मुट्ठ उसके मुंह पर ही झड गया और मैं जा के उसके ऊपर लेट गया l फिर हमने किस किया और फिर वो कपडे पहन के अपने घर चली गई l फिर हमने कई बार चुदाई मचाईl

मोटी की काली चूत में काला लंड moti ki kali chut me kala lund

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दोस्तों हेल्लो मेरे साथ एक बहुत की खतरनाक चीज़ हुयी है जिंदगी में और वो खतरनाक चीज़ है चूत की बीमारी | मेरा नाम हिर्देश है और मेरी एक दोस्त है अर्पणा वो एक मस्त लड़की है बिंदास टाइप की | पर उसका रंग काला है इसलिए मैं उससे बात नहीं करता था | मेरा भी रंग साफ़ नहीं है पर मुझे गोरी लडकियां पसंद है क्यूंकि उनकी चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है | दोस्तों एक बात कहना चाहता हूँ आपसे “आपकी माँ का भोसड़ा” जो यहाँ आ जाते हो बहनचोद कोई काम नहीं है बस लंड चूत करते रहते हो | जाओ कही और माँ चुदवाओ अपनी | भाई लोग दिल पे मत लेना ज्यादा बुरा लगा हो तो गांड में लेना ज्यादा मज़ा आएगा | पर सच में मैंने यह सब अर्पणा पर अपनी भड़ास निकलने के लिए कहा था | साली मेरे लंड चूसते चूसते काट लेती थी | खैर अब उसका किस्सा ख़तम हो चुका है |
तो अब मैं अपनी कहानी आपको सुनाता हूँ जो की शुरू हुयी थी मेरे घर से | अर्पणा मेरी दूर की रिश्तेदार है और उसका मेरे घर आना जाना होता रहता है | मेरी मम्मी और उसकी मम्मी दोनों एक साथ पढ़ते थे और वो लोग काफी अच्छे दोस्त हैं आज भी | इसी चीज़ का फायदा अर्पणा को मिला क्यूंकि जिस कॉलेज में मैं जाता था उसने भी वहीँ पर दाखिला लिया हुआ था | वहां से मेरी कहानी आगे बढ़ी क्यूंकि उसकी कुछ लडकियां रैगिंग ले रही थी और मैं रिश्तेदार होने के नाते उसे बचाने चला गया | वो तो बच गयी पर मैं फस गया क्यूंकि इसी एक बात से उसको मुझसे प्यार हो गया और वो मेरे पीछे दीवानी सी हो गयी | पहले तो मैंने सब कुछ ऐसे ही हलके में लिया पर जब एक दिन मैंने उसकी डायरी देखी तब मेरा दिमाग खराब हो गया |
उसमे लिखा उन्होंने मेरी हर जगह मदद की है और अब तो मैं उनके प्यार में पागल सी हो गयी हूँ | “आई लव यू हिर्देश” ये देख कर मेरा दिमाग ख़राब हुआ और मैं सीधे उससे मिलने चला गया | मैंने उससे कहा देखो अर्पणा ये सब गलत है में बस तुम्हे एक अच्छा दोस्त मानता हूँ और कुछ नहीं मेरा ख़याल अपने दिमाग से निकाल दो | उसने कहा क्यूँ ऐसा क्या पाप किया है मैंने जो आप ऐसा बोल रहे हो मुझसे | मैंने कहा मुझे गोरी लडकियां पसंद है और तुम काली हो | वो रोने लगी और मेरा भी दिल पिघल गया क्यूंकि किसी के रंग से क्या फर्क पड़ता है बस उसका दिल अच्छा होना चाहिए | पर फिर मैंने सोचा कि मेरा चूत चाटने का सपना तो बिलकुल अधूरा रह जाएगा | उसके बाद मैंने कॉलेज जाना कम कर दिया और जब वो और उसकी मम्मी घर आते तो मैं घर घर में नहीं होने का बहाना बना देता और मम्मी से कहता की बताना मत | यही करते करते काफी समय बीत गया और अब मुझे लगा की सब कुछ सामान्य हो गया होगा |
यही सोच मुझे बहुत महंगी पड़ गयी क्यूंकि अर्पणा का प्यार और भी गहरा हो चुका था और वो अब मोटी हो गयी थी | उसके दूध मस्त बड़े हो गये थे पर थी तो वो काली | इसलिए मुझे लगा की यार अब क्या करूँ ? अब तो ऐसी हालत थी की अगर मैं उसके बारे में सोच भी लूँ तो डर लगने लगता था | फिर मेरा कॉलेज ख़तम हो गया और मैं आज़ाद हो गया और मुझे एक नौकरी भी मिल गयी थी पढ़ाने की तो मैं उसमे व्यस्त हो गया | पर मुझे मालूम नहीं था कि अर्पणा मेरा पीछा वह भी नहीं छोड़ेगी | मेरे पहले दिन मुझे पता चला कि वो भी वहां पढ़ाती है और मेरा दिमाग एक बार फिर से ख़राब हो गया | अब मैंने सोचा कि क्यूँ न नौकरी छोड़ दी जाए पर फिर लगा की यार मुझे इतनी आसानी से नौकरी मिल गयी है तो इसको लात क्यों मारो |
यही सोचकर मैं रुक गया पर अर्पणा से कम बात करता था और उससे दूर दूर रहता था | पर आपको तो पता ही है की अगर कोई इंसान नज़रों के सामने रहता है तो उससे लगाव हो ही जाता है और मेरे साथ भी यही हो रहा था | धीरे धीरे मैं उसके साथ बात करने लगा था और उसकी तरफ आकर्षित हो रहा था | मैं भी हैरान था कि ये सब हो कैसे रहा है | तब मुझे समझ आया की ये सब उसके सच्चे प्यार का सर है और इसी की वजह से मैं उसकी तरफ जा रहा हूँ | पर यह समझना बिलकुल भी मुस्किल नहीं था कि आगे होने क्या वाला है | मैंने भी सोच ही लिया था की जब इसी काली और मोटी चूत से ही काम चलाना पड़ेगा तो क्यों न मैं भी इससे प्यार कर ही लूँ | तब मैंने अर्पणा को अपने पास बुलाया और कहा की चाल यार तू जीती मैं हारा | उसने भी झट से मुझे अपने गले लगा लिया और कहा की देखा आखिर आ ही गये न मेरे पास | मैंने कहा हाँ अब ज्यादा भाव मत खाओ और बताओ कि करना क्या है इसके बाद | उसने कहा अब क्या करना है बस इसके बाद हमे शादी करनी है और बच्चे पैदा करने है | मैंने कहा तुझे आता है बच्चे पैदा करना तो वो बोली माना कि कभी सेक्स नहीं किया पर बच्चे पैदा करना तो पता ही न |
मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और कहा अच्छा तो चल मुझे सिखा दे बच्चे कैसे पैदा करते है और वो एकदम से चौंक गयी | उसने कहा अभी यही पे बता दूँ क्या | तो मैंने कहा नहीं पागल है क्या यहाँ कैसे बताएगी | मैंने कहा कल तेरी और मेरी मम्मी दोनों बाहर जा रही हैं और मेरा घर खाली रहेगा | तो उसने कहा ठीक है पर बिना कंडोम के नहीं करना कुछ | मैंने कहा यार पहले तू आ तो सही फिर देखते है जो करना होगा वो कर लेंगे | वो भी मुस्कुराई और वहां से चली गयी और मैं भी बच्चों को पढ़ाई करवाने लगा | फिर अगले दिन सुबह हुयी और मैं फ्रेश होकर सोफे पर लेटा था और मम्मी जा चुकी थी | एकदम मेरे दरवाज़े पर दस्तक हुयी और मुझे पता चल गया की ये आ गयी है | अब मुझे भी लगने लगा था की आज कुछ न कुछ ज़रूर होगा | मैंने भी साड़ी तैयारी कर ली थी और कंडोम ले आया था |
वो आई और सीधा मेरे ऊपर लेट गयी | मैंने कहा मोटी इतनी भारी है तू उठ मेरे ऊपर से और उसने तुरंत अपना एक निप्पल मेरे मुह में दे दिया और कहा चुप बच्चे दूध पीते है फिर खेलना शुरू करते हैं | मैं भी मज़े में उसका दूध पी रहा था और धीरे धीरे उसके दोनों निप्पल मेरे मुह में थे | उसने अपने सारे कपडे उतार दिए थे और में उसके दूध जो अब काफी बड़े हो चुके थे उन्हें दबा रहा था | अब तो मेरा लंड भी तन के खड़ा हो गया था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था | मुझे पता चल गया था की बदन गोरा हो या काल मज़ा चुदाई में होता है |
मैंने उठ कर अपने सारे कपडे उतारे और अपना लंड सीधा उसके हाथ में दे दिया पर उसने नहीं चूसा | बोली की अभी नहीं पहले तुम मेरी चूत को चाटो फिर मैं करुँगी | मुझे लगा यार इसकी चूत पे बाल होंगे और काली भी होगी तो केसे करूँगा | मन मारते हुए मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाली और चाटने लगा पर जेसे ही उसकी चूत की महक मेरी नाक में गयी मैंने क्या चूत चाटी उसकी | वो सिस्कारियां लेने लगी थी | उफ्फफ्फ्फ़ आआआअह आअह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म्म्मम्म पीलो मेरी चूत का पानी खा जाओ इसको | ऐसा करते करते में भी झड़ने वाला था क्यूंकि हम दोनों बहुत गरम हो गये थे |
अब वो मेरा लंड चूसने लगी थी और मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ से चाट रही थी | मुझे ठंडा लग रहा था और एक अजीब सा मज़ा भी आ रहा था | उसने दस मिनट तक मेरे लंड को चूसा और सारा माल अपने दूध पर गिरा लिया | मैंने कहा चलो यार अब तुम्हरी चूत में अपना लंड डालता हूँ तो बोली हाँ जल्दी करो | मैं उठा और एक धक्का मारा कस के उसकी में और मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए अन्दर तक चला गया | आआआअह आअह्ह्ह्ह आआआअह आअह्ह्ह्ह ऐसे चोदोगे मुझे | मैंने कहा चुप और जोर जोर से पेलने लगा उसे | ऊऊउम्म्म्म ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ और कर फाड़ दे आज तो | ये कहके वो उठी और बोली अब मेरी गांड के छेद को फाड़ दो और मैंने भी तुरंत एक झटके में उसकी गांड के अन्दर लंड पेला और अन्दर बाहर करने लगा | वो पूरा दिन और पूरी रात मुझसे चुद्वाती रही जब तक मम्मी नहीं आ गयी 

ऑफिस के बॉस और उनके दोस्तों ने मुझे चोदा office ke boss or unke dosto ne mujhe choda

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मेरा नाम सीमा है और मैं जॉब कराती हूँ. ये बात 2011 की है मैं मार्केटिंग का काम कराती थी. सुबह 8 बजे से रात को 9 बजे तक मैं एक ऑफिस में रहती थी.
अब मैं अपनी कहानी कहती हूँ मेरे बॉस का नाम अजय था जब मैं वह काम करना शुरू की मेरा बॉस बहत अच्छा था. मैं बहुत अच्छा कम भी कराती थी. कई लडके भी मेरे साथ काम करते थे तब में एक ही लड़की थी 2 रूम थे एक में सारे लडके सोया करते थे और एक रूम में मैं और मेरे बॉस सोते थे.
5 दिन थे शायद वोह. रात को 11 बजे मैं दरवाजा बंद करके सोने गई तो थोड़ी देर में मेरा बॉस उठ के मेरे ऊपर आकर लेट गया… मैं बहुत ज्यादा दर गई मैं बोलने लगी सर रहने दो प्लीज रहने दो सर ये गलत है मेरे साथ ऐसा मत करो…..लेकिन उसने मेरी एक न सुनी. उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और अपना कुरता ऊपर कर दिया फिर मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा. मैं चिल्लातीदिया रही पर उसने मुझे नहीं छोड़ा. उसने कसके खीच के मेरी ब्रा निकल दी और मेरे बूब्स को देख के वोह तो जैसे पागल हो गया क्योकि मेरे बूब्स बहुत बड़े 36 के थे.
मैं रोती रही पर वोह नहीं रुका मैं मना कराती रही पर उसने एक भी बात नहीं सुनी. उसने मेरे बूब्स चुसना चालू किया. मैंने मना किया फिर भी वोह दरो से कटाने लगा मुझे कुछ होने लगा समझ में नहीं आया मैं क्या करू. उसने आधे घंटे तक मेरे बूब्स को चूसा और दातो से काटा. मैं पागल हो गई फिर उसने मेरी सलवार निकल दी मैंने मना किया पर उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.
उसका लौड़ा लकड़ी जैसे खड़ा था मुझे नंगा करके वोह मेरी चूत मरने के लिए रेडी हो गया. उसने मेरे बूब्स इतनी बुरी तरह से काटे की मेरे बूब्स से खून निकालने लगा और  उनके दात के निशान पद गए. उसने जोश में आकर अपने खड़े हुए लंड को पेलने के लिए एक जोर का धक्का दिया. उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया  जिसकी वजह से मेरे मुह से ओह्ह म्म्यय्य गोड्ड चिल्लाने की आवाज आई तो उसने अपना हाथ मेरे मुह पे रख दिया.
फिर मेरा मन भी मेरी चूत चोदने में उसका पूरा साथ देने को हुआ. मेरे मुह से अआह्ह्हह्ह्ह्हह आआआ ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हज्ज्जजजैसी आवाजे निकालने लगी. उस रात उसने मेरी जमके चुदाई की. फिर दुसरे रात उसने मुझे कहा मेरे  पैर दबा दो, मैंने दबाना शुरू किया तो उसने मेरा हाथ अपने लंड पे रख दिया. मैंने जैसे ही छुवा वो उठकर खड़ा हो गया. फिर खड़े होकर मेरे बूब्स चूसने लगा. उस दिन भी  उसने मुझे रात भर चोदा. हम जब ऑफिस में रहते तो हम अकेले रहते वह भी दिन में वो कभी कबार मौका मिलते ही मेरे बूब्स को दबा देते और कभी कभी चूसने भी लगता  और छुट्टी में कभी कभी घर पे रहती थी तो भी मौका नहीं छोड़ते थे.
ऐसे करते करते ही कई महीने बीत गए उन्होंने मेरी जमके चुदाई की. एक रात को उसका दोस्त आया हम तीनो साथ में सोये थे. मेरे बॉस का मुझे चोदने का मन हुआ लेकिन दोस्त था तो चोद नहीं पाया वो नहाने गए तो मेरे बॉस ने मेरे बूब्स चूसने में काम लगा दिया और कहा मुझे चोदने का मन है पर मेरा दोस्त है कैसे चोदु. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
सारा दिन हमलोग घुमे रात को खाना खाया और 11 बजे घर लॉक करके अंदर गये थोड़ी देर इधर उधर की बाते की फिर बॉस ने कहा आज तो यह सो जा मैं सो गयी मेरे बाजु में वोह दोनों आके सो गए धीरे धीरे मेरे सर ने मेरे बूब्स को दबाया मैं कुछ नहीं बोली दूसरी और से उसके दोस्त ने मेरे बूब्स को दबाया. दोनों ने मुझे बिच में सुला कर मेरे बूब्स पर टूट पड़े. मेरे बूब्स को दातो से कट के बुरी हालत कर दी. अब मेरे बॉस ने सिगरेट जलाई दोनों के हाथ में एक एक सिगरेट थी पहले मेरे बॉस ने बूब्स पे जलाया और चूसा फिर उसके दोस्त ने मेरी चूत की और सिगरेट ले गया. मेरे सर ने बूब्स पे सिगरेट से जला के चूस रहे थे और उसका दोस्त मेरी चूत में दम देकर चाट रहा था फिर ऐसी ही सिगरेट के साथ पूरी रात चुदाई की.
बॉस का दोस्त 4 दिन रुका और 4 दिन उसने बॉस के साथ मिलकर मेरी चुदाई की. फिर वो तो चला गया फिर मेरे बॉस ने एक दिन ऑफिस में अपने किसी दोस्त को बुलाया 2 बजे दोपहर में वो आया फिर सर ने मुझे परदे के पीछे भेजा और वह आकर मेरे बूब्स के कुछ तस्वीरे निकली और फिर मेरे बूब्स चुसे फिर वो आगे चले गए और उनका दोस्त आया उसने भी मेरे बूब्स दबाये और मेरी ब्रा निकल दिया.
फिर मेरे सर ने मेरे बूब्स को चूसते हुए कुछ पिक्चर निकली और कहा आज रात मेरे कुछ दोस्त घर पर आयेंगे खाना मत बनाना मैंने सबके लिए खाना नहीं बनाया सब बहार खा के आये. सब कुछ काम करते करते १२ बज गए इसके बाद मैं फ्री हुयी अब सोने की तैयारी थी. मेरे सर ने मुझे कपडे निकालने को कहा मैंने मना कर दिया पर उसके 5 दोस्त ने मुझे जबरजस्ती मेरे कपडे निकल मेरे बूब्स चुसे और धमकी देने के लिए मेरी तस्वीरे मुझे दिखा दी मैं डर गई और मई नंगी हो गई और जैसे ही मैं नंगी हुयी उसके सभी दोस्त कोई मेरे बूब्स दबाता कोई चुस्त कोई चूत में उंगली करता कोई क्लिट रगड़ता वो सभी मुझ पर कुत्ते की तरह बरस पड़े.
इस बार सभी ने मेरी चुदाई का विडियो बना लिया लेकिन उस रात मुझे इतने लोगो से चुदवाने के बाद जन्नत मिल गई. बहुत मजा आया. अब मैं मेरे सर को और उनके दोस्तों को बहुत मिस कराती हूँ.

दीदी ने मेरे लिए चूत का इंतजाम didi ne mere liye chut ka intjam

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हेल्लो दोस्तों, मैं अर्पित कुशवाहा आप सभी का नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम में बहुत बहुत स्वागत करता हूँ।मैं पिछले कई सालों से नॉन वेज स्टोरी का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।
मैं अपनी मानवी दीदी से बहुत खुला हुआ और फ्रैंक था। एक जमाने में मैं अपनी २५ साल उम्र वाली दीदी की चूत बजाया करता था तब मैं १५ साल का अबोध बालक था। मुझे समाज और दुनियादारी का जादा ज्ञान नही था। ये बात आज से १० साल पहले ही है। मैंने कार की पार्किंग में अपनी दीदी को नंगा कर उनकी मस्त चूत बजाई थी। उसके बाद मैं और दीदी पक्के दोस्त बन गये थे। कुछ सालो तक मैंने अपनी मानवी दीदी की चूत बजाई फिर कॉलेज में उनको एक लड़के से प्यार हो गया था। मेरी दीदी ने उससे शादी कर ली और अब वो मेरे जीजा जी बन गये थे। पर जीजा जी को कभी ये बात नही मालुम हुई की मैं दीदी को कई बार चोद चुका था। अब मेरे जीजा की मेरी दीदी की चूत मारते थे। एक दिन दीदी मेरे घर आई तो साथ में उनकी सांवली सलोनी दोस्तों कनिका भी आई थी। दीदी ने घर में एक छोटी सी पार्टी रखी थी। उनकी कुछ सहेलियाँ आई थी पर कनिका तो मुझे बहुत सेक्सी और हॉट लगी।
वो ६ फुट लम्बी थी, सांवली सेक्सी और छरहरे बदन वाली लड़की थी। कनिका ने एक लूस टॉप और शॉर्ट्स पहन रखे रखे थे। शॉर्ट्स में उसकी मस्त चिकनी जांघे दिख रही थी। मेरा दीदी की फ्रेंड कनिका को चोदने का मन कर रहा था। सारी फ्रेंड्स ड्रिंक्स एन्जॉय कर रही थी। मैं कनिका को पटाना चाहता था। इसलिए मैं भागकर दीदी के पास गया।
“दीदी अपनी फ्रेंड कनिका से प्लीस मेरी दोस्तों करवा दो!!!” मैंने गुजारिश करते हुए हुआ
“भाई….क्या बात है। तुम तो बहुत रोमांटिक हो रहे हो???” दीदी हसंकर बोली
“दीदी मुझे कनिका से प्यार हो गया है। प्लीस उससे मेरी दोस्ती करवा दो” मैं मिन्नते करने लगा। फिर मानवी दीदी ने अपनी खूबसूरत दोस्त कनिका से मेरी दोस्ती करवा दी। मैंने कनिका के लिए एक बड़ा स्कोच का पेग आइस क्यूब डालकर बना दिया। हम दोनों शराब पीने लगे। फिर हम साथ में डांस करने लगे। धीरे धीरे कनिका भी मुझे पसंद करने लगी और आई लव यू अर्पित!! आई लव यू अर्पित बोलने लगी। मैंने भी उसे आई लव यू बोल दिया। हम दोनों में अच्छी जम गयी और फिर हम तेज म्यूजिक के बीच एक दूसरे को किस करने लगे। धीरे धीरे हम दोनों को चढ़ गयी थी तभी कनिका मेरे कान में “अर्पित फक मी टू नाईट !! फक मी टू नाईट” बोलने लगी।
“तुम मजाक तो नही कर रही हो????” मैंने हैरान होकर पूछा
“नही, चलो मेरी कार में चलकर सेक्स करते है और मुझे अच्छे से चोदना” कनिका बोली
दोस्तों मुझे विश्वास नही हो रहा था की आज मेरी मन्नत इतनी जल्दी पूरी हो गयी थी। लगता था की मैंने तारा टूटते हुए ये विश मांगी थी। मैं कनिका को लेकर उसकी कार में आ गया। हम दोनों पीछे वाली सीट पर आ गये। कनिका ने ac ऑन कर दी कुछ ही देर में कार में बहुत ठंडा ठंडा लगने लगा। पहली नजर में ही मुझे कनिका मुझे बहुत हॉट माल लग गयी थी। और आज खुद ही उसने मुझे अपनी चूत आफर कर दी थी। हम दोनों ने एक दूसरे को पकड़ लिया और होठो पर किस करने लगे। हम दोनों को शराब चढ़ गयी थी। कनिका का रंग थोड़ा सांवला था पर उसकी फेस कटिंग बहुत अच्छी थी और बदन बहुत छरहरा था। मैंने उसे बाहों में भर लिया और उसके होठ पीने लगा। हम दोनों बहुत हॉट चुम्बन करने लगे।
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कनिका मेरा पूरा सहयोग कर रही थी। मेरे होठो को चूस रही थी। धीरे धीरे मेरे हाथ उसकी पीठ पर चले गये। मैं उसकी पीठ को सहलाने लगा। फिर मेरे हाथ नीचे की तरह उसकी कमर की ओर बढने लगे। मैंने उसकी कमर को हाथ में लेकर सहला रहा था। कनिका ने मेरे गले में अपने हाथ डाल दिए थे और हम दोनों एक दूसरे को चूम रहे थे। मैं उसकी गर्म गर्म सासों को पी रहा था। वो सच में चोदने पेलने लायक एक मस्त माल थी। आजतक मैंने कई लड़कियों चोदी थी पर उनमे कनिका सबसे खूबसूरत लड़की थी। मैं उसकी कमर को अपने हाथ से सहला रहा था। दोस्तों उसकी कमर इतनी पतली और सेक्सी थी की मेरे दोनों हाथ में आराम से आ जा रही थी। १५ दिन तक हम लोगो की फ्रेंच किस चलती रही। एक दूसरे के होठ हमने चूसे, फिर एक दुसरे की जीभ चूसते रहे।
मैं कनिका के बालों में अपनी हाथ घुमाने लगा। खुले काले लम्बे बालो में वो और भी हॉट लग रही थी। उसका फिगर ३६ ३४ ३० का था। उसके गोल गोल नशीले मम्मे मुझे उसके टॉप के उपर से बहुत आकर्षित कर रहे थे।
“कमोन फक मी हार्ड!!! …..मुझे कसके चोदो अर्पित!!” कनिका बार बार मुझसे कहने लगी। मैंने अपनी टी शर्ट जींस निकाल दी और फिर कनिका के लूस टॉप को उतार दिया। फिर उसकी कसी नीली रंग की ब्रा मैंने खोल दी। कनिका का सोने जैसा महकता जिस्म अब मेरे सामने था। मैंने उसके हाथ में अपना ७” का लौड़ा दे दिया।
“चल मेरा लौड़ा फेट और मुंह में लेकर चूस तब तेरी कररी वाली चुदाई मैं करूंगा!!” मैंने कहा
दोस्तों कनिका पर शराब का नशा तो पहले ही चढ़ गया था। उसका चुदने का मन बहुत जादा कर रहा था। उसने मेरे लौड़े को हाथ में ले लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगी। हम दोनों उसकी कार में ही आज चुदाई करने जा रहे थे। हम दोनों कार की पिछली सीट पर बैठे थे। मेरा भी कनिका को चोदने का बहुत मन कर रहा था। कनिका मेरे मुसल जैसे लौड़े को हाथ में लेकर जल्दी जल्दी फेटने लगी। मुझे मजा आ रहा था। मैंने उसके कबूतर को हाथ से छू रहा था। कनिका के हाथ जल्दी जल्दी मेरे लौड़े को फेट रहे थे। मुझे गुदगुदी हो रही थी। धीरे धीरे मैं गर्म हो रहा था। फिर कनिका ने मेरे लंड को मुंह में भर लिया और किसी अल्टर छिनाल की तरह चूसने लगी।
““ओह्ह्ह्ह यस …यससस।।। अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह।।।। उ उ उ।।।चूसो चूसो।।।।।और चूसो।।।मेरे लौड़े को”मैंने कहने लगा तो कनिका और जोश में आ गयी। वो जल्दी जल्दी मेरे गुलाबी मोटे लंड को चूस रही थी। मुंह में अंदर तक लेकर जल्दी जल्दी किसी रंडी वेश्या की तरह मुंह में अंदर तक लेकर चूस रही थी। मुझे तो बहुत मजा मिल रहा था। फिर मैंने उसके सिर पर अपना हाथ रख दिया और जल्दी जल्दी उसके सिर को पकड़कर अपने लंड की तरह धकेलने लगा। ऐसा करने से कनिका का मुंह मेरे लौड़े को पूरा अंदर तक ले लेता था। दोस्तों उस दिन तो मेरी मस्त पार्टी हो गयी थी। अपनी दीदी की जिस खूबसूरत सहेली को मैं बहुत पसंद कर रहा था उसने पहली मुलाकात में ही मुझे अपनी चूत ऑफर कर दी थी। मैं बार बार कनिका के बड़े से सिर पर अपना हाथ घुमा देता था। वो किसी बिच, रंडी की तरह मेरा लंड आधे घंटे तक चुस्ती रही और मेरी गोलियों को भी वो चूस रही थी। मैं जन्नत के मजे उठा रहा था।
फिर मैंने उसे पिछली वाली सीट पर लिटा दिया और उसके शॉर्ट्स और पेंटी को निकाल दिया। अब दीदी की सहेली कनिका मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थी। वो मुझे कोई सोने की तिजोरी जैसी लग रही थी। आज मैं उसे चोद चोदकर उसकी गदराई चूत से सारा माल निकालने जा रहा था। मैंने कनिका को लिटा दिया और उसके नंगे पैर को चूमने लगा। उसके पैर की उँगलियों को मैं ख़ास तौर से चूम रहा था। मेरा मानना है की किसी लड़की को चोदने से पहले उसकी पैर की उँगलियों को किस करना चाहिए इससे सेक्स का जूनून और जादा चढ़ जाता है। मैंने कनिका को हर जगह किस किया, उसके पैर, घुटनों, जन्घो, कमर, पेट और नाभि में सब जगह। अब मेरा चुदाई का मौसम धीरे धीरे बन रहा था।
मैंने उसके पैर खोल दिए। दो जांघो के बीच में मुझे उसकी भरी हुई उभरी रसीली चूत के दर्शन हो गये थे। उसने झांटो से एक तितली ठीक चूत के उपर बना रखी थी। मैं जीभ लगाकर उस तितली को चूम रहा था। फिर मैं दीदी की सहेली कनिका की चूत के दाने को चूमने लगा और किस करने लगा। कुछ देर मैंने गरमा गर्म चुम्बन उसकी बुर पर लेना शुरू कर दिया। कनिका कुवारी नही थी और उसकी सील टूटी हुई थी। इसका मतलब वो कई मर्दों से पहले भी चुदवा चुकी थी। उसकी चूत के होठ खुले हुए थे। मैंने मुंह लगाकर उसकी चूत पी रहा था। उसकी चूत लाल लाल रंग की थी जो बहुत सेक्सी और हॉट लग रही थी। मैं मुंह लगाकर उसे खाने लगा और मिसरी की डली की तरह चूसने लगा। कनिका “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज निकलने लगी।
मैं जोर जोर से उसकी दुग्गी को चाट रहा था। मुझे सेक्स का नशा चढ़ गया था। मैं अपनी जीभ से उसके चूत के दाने को हिला रहा था और पी रहा था। दोस्तों किसी लड़की को जल्दी गर्म करने के लिए उसके चूत के दाने को पीना, चाटना और छेड़ना चाहिए। मैं यही कर रहा था। फिर मैंने उसकी फुद्दी पीने लगा और उसकी बुर में जीभ डालने लगा। कनिका तो जैसे पागल हो रही थी। मेरी जीभ उसके चूत के दाने को जल्दी जल्दी चाट रही थी। मुझे उसकी फुद्दी का नमकीन स्वाद मिल रहा था। फिर मैंने अपनी ३ उँगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और जल्दी जल्दी चलाने लगा। मुझे बहुत मजा मिल रहा था।
मैंने जो काफी देर तक कनिका की बुर पी रहा था उसकी चूत से रस निकल आया था। मैं जल्दी जल्दी अपनी २ उँगलियाँ उसकी चूत में चला रहा था। फिर मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ लिया और कनिका के भोसड़े पर रख दिया। मैंने हल्का सा धक्का दिया और मेरा लंड उसकी चूत में अंदर चला गया। मैं कार की पिछली सीट पर कनिका को लिटाकर चोद रहा था। उसे जल्दी जल्दी पेल रहा था। वो “….उंह उंह उंह हूँ..हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाज निकाल रही थी। कार में मस्त ac चल रहा था जिससे मुझे जरा भी गर्मी नही लग रही थी। इसलिए मैं जल्दी जल्दी दीदी की सहेली कनिका को बजा पा रहा था। उसकी चूत को कई मर्दों से पहले से चोद रखा था। दोस्तों कनिका बहुत खूबसूरत लड़की थी। उसका चेहरा गोल था और आँखे बड़ी बड़ी बड़ी थी। देखने में लग रहा था की वो वर्जिन होगी और बड़ी सीधी साधी लड़की होगी पर ऐसा नही था। वो एक नम्बर की अल्टर चुदी चुदाई माल थी।
मैं जल्दी जल्दी पेलने लगा। कनिका ने मुझे दोनों बाहों में भर लिया था। वो मुझे पागलों की तरह चूम रही थी। “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा—अर्पित फक मी हार्डर!….कमाँन फक मी हार्डर!…फक माई पुसी!!” अर्पिता किसी अल्टर की तरह चिल्ला रही थी। मैंने दनादन उसे पेल रहा था। कुछ देर बाद तो उसकी चूत से बहुत सारा मक्खन निकला तो मेरे लौड़े पर लग गया था। अर्पिता की चूत में मेरा लंड जल्दी जल्दी सरक रहा था जैसे लोग बर्फ पर स्केटिंग करते है वैसा ही मेरा लंड उसकी रसीली चूत में स्केटिंग कर रहा था। मैं अपनी कमर हिला हिलाकर उसे बजा रहा था। कुछ देर में कनिका अपनी गांड और कमर हवा में उछालने लगी। उसे सेक्स का नशा चढ़ गया था। उसकी आँखे टंग गयी थी। मैंने उसके होठ को फिर से पीने लगा और उसे जल्दी जल्दी चोदने लगा। लगा की मैं कोई केक काट रहा हूँ। कनिका ने अपनी टाँगों को मेरी कमर पर कस दिया जैसे वो चाहती टी की मैं उसे जल्दी जल्दी पेलूँ।
मैंने एक बार फिर से कस कसे धक्के मारने शुरू कर दिए। मेरा लंड तो अब और भी जादा मोटा हो गया था उसकी फुद्दी को चोदकर। कुछ देर बाद मैंने अपना माल उसकी चूत में ही निकाल दिया। मैंने कनिका के उपर लेट गया। हम दोनों के मुंह से शराब की महक आ रही थी। फिर भी हमे बिलकुल पता नही चल रहा था। मैंने उसे फिर से किस करने लगा।
“बेबी यू लव्ड इट [क्या तुम्हे मेरी ठुकाई पसंद आई]???” मैंने दीदी की सहेली कनिका से पूछा
“यस टू यू फक्ड मी रिअली हार्ड [आज तुमसे मुझे कसकर चोदा है]” कनिका बोली।
मुझे उस पर प्यार आ गया। मैंने उसे फिर से किस करने लगा। आज तो मेरी किस्मत ही चमक गयी थी। जो लड़की मुझे पहली नजर में पसंद आ थी आज उसे बजाने को भी मिल गया था। कुछ देर बाद कनिका मेरे उपर आ गयी। वो कुछ देर तक मेरा लंड चूसती रही। फिर मेरे लंड पर आकर बैठ गयी। उसने मेरे लंड को अपनी चूत में डाल लिया। मेरा लंड एक बार फिर से खड़ा हो गया था। धीरे धीरे कनिका मेरे लंड की सवारी करने लगी। वो सेक्स और चुदाई करने में बहुत एक्सपर्ट लड़की थी। कैसे क्या करना है उसे सब पता था। मैंने अपने हाथ उसके नंगे गोल मटोल पुट्ठों पर रख दिए और सहलाने लगा। मुझे मजा आ रहा था। कुछ देर में वो मेरे लंड की सवारी करने लगी और आगे पीछे उछालने लगी। उसे भी भरपूर मजा मिल रहा था।
धीरे धीरे हम दोनों सेक्स करने लगे। कनिका जल्दी जल्दी मेरे लंड पर डिस्को डांस करने लगी। इधर मैं भी नीचे से उसकी चूत में धक्के मारने लगा। हम दोनों के बदन जल रहे थे। हम दोनों सेक्स और वासना के भूखे थे। फिर मेरे लंड की ताल उसकी फुद्दी से मिल गयी और जल्दी जल्दी ठुकाई होने लगी। ऐसा लग रहा था की कनिका खेत में कोई भरी हल चला रही थी। वो ४५ मिनट तक मेरे लंड की सवारी करती रही। फिर उसका बदन ऐठने लगा। इधर मैंने भी कमजोर पड रहा था। फिर हम दोनों साथ में आउट हो गये। मेरे लंड ने माल की कई फुहारे उसकी चूत में छोड़ दी। दोस्तों अब वो मेरी गर्लफ्रेंड बन चुकी है। अब मैं उसकी गांड भी हर ३ दिन में १ बार जरुर मारता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स जरुर दे।

अपने भाई के इलाज के लिये मैंने डॉक्टर से चुदवाया apne bhai ke ilaj ke liye mene doctor se chudvaya

अपने भाई के इलाज के लिये मैंने डॉक्टर से चुदवाया apne bhai ke ilaj ke liye mene doctor se chudvaya, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम पल्लवी पाण्डे है, मै अहमदाबाद कि रहने वाली हूँ। मेरी उम्र लगभग 19 साल है। आज मै आप सभी को ऐसी कहानी बताने जा रही हूँ जो मेरी जिंदगी में घटती हुआ है। इस देश में जिस डॉक्टर को भगवान कहते है, लेकिन बहुत से डॉक्टर भगवान नही हैवान होते है। आज मै एक कहानी सुनाने जा रही हूँ जो मेरी कहानी है और मेरे भाई के इजाक के बहाने डॉक्टर ने मेरी चूत बजाई और अपने लौड़े को मेरी मुह डाल कर मुझको खूब चूसाया।
मै एक गरीब घर की लड़की हूँ, मेरे घर में मै, मेरी माँ और मेरा छोटा भाई रहते है। मेरा एक बड़ा भाई भी लेकिन वो बाहर कमाता है और हमारे लिये पैसे भेजता है। मेरे पीता जी बचपन में गुजर गये थे, मै गरीब घर से जरुर हुईं लेकिन किसी आमिर घर के लडकियो से कम सुंदर नही हूँ। मेरे पीछे गावं के सारे लड़के लगे रहते है लेकिन मै किसी को भाव नही देती हूँ। वैसे तो मै बहुत ही सुंदर हूँ, मेरी आंखे, मेरे लाल गाल और पतले से होठ मेरे छोटे से चहरे पर बहुत सुंदर लगते है। मेरी आंखे तो बहुत ही कटीली है, और आँखों की पलके तोर काफी बड़ी बड़ी है, जिससे आँखों की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। मेरे काले काले बाल जो की मेरे कमर से होती हूँ मेरी गांड को छूती है। मेरे कमसिन और मुलायम चूची की बात करे तो बहुत ही मस्त और काफी आकर्षक है। मेरे मम्मे अभी बहुत ही टाइट और काफी सुडोल क्योकि मैंने अपने मम्मे किसे से भी नही दबवाया है। केवल जब मेरा मन करता था तब मै ही खुद दबा लेती थी। और मेरी चूत तो अभी खुली तक नही है। मेरी चूत का ताला मै किसी को खोलने नही दिया है। मेरी चूत में तो ठीक से मेरी उंगली भी नही जाती है। मैंने बहुत बार अपनी चूत में उंगली की है, लेकिन जैसे है थोड़ी सी उंगली जाती वैसे ही दर्द होने लगता था इसलिए मै ज्यादा अंदर तक उंगली नही करती थी। मेरे घर के बगल में लड़का रहता था, जोकि बहुत स्मार्ट था,मै उसको चाहने लगी थी और वो भी मुझे देख कर हस्त था, एक दूसरे को चाहते चाहते हम दोनों करीब आ गये। और मै एक रात उसके साथ बिताया, उसने पूरी रात मेरी खूब चुदाई की और मेरी चूत का ताला खोल दिया। पूरी रात चुदाई करने के बाद दूसरे दिन से उसने मुझे देखा तक नही। बाद में पता चला कि वो मेरा नही बल्कि मेरी चूत का दीवाना था और उसने मेरी चूदाई करे मेरी तरफ देखा नही। उस चुदाई के बाद मैंने फिर किसी लड़के से नही चुदवाया। मै जान गयी थी कि लड़के केवल चूत के पीछे ही भागते है। सारे लड़के प्यार के नाम पर अपनी हवस को मिटाते है बस।
कुछ दिन पहले कि बात है, मेरे गावं में एक काफी पढ़ा लिखा नया डॉक्टर आया। सब लोग उसकी बहुत तारीफ करते थे, कि वो बहुत अच्छा डॉक्टर है, और बहुत ढंग से बात करता है। ऐसी बहुत सी बातें उस डॉक्टर के बारे में सुना था। एक बार मेरी थोड़ी तबियत खराब थी मै भी उसी डॉक्टर से दवाई लेने गई। जब मै वह पहुंची तो उस दिन उसके केबिन में कोई मरीज नही था। केवल मै अकेली थी, उसने मुझे बैठाया और मेरी सारी परेशानियो के बारे में पूछा। कुछ देर बाद मैंने देखा उसकी नजर मेरे ऊपर थी वो मेरे मम्मो को ताड़ रहा था, मैंने अपने दुपट्टे से अपनी चीची को ठीक से ढक लिया, डॉक्टर मुझे बहुत बुरी नजर से देख रहा था, मै समझ गई कि ये डॉक्टर बहुत ही हरामी है। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। मै जल्दी से वहा से दवाई ले कर चली आई। मेरी तबियत उस दिन ठीक नही हुई तो माँ ने कहा – “जाओ एक दिन की दवाई और ले आओ ठीक हो जाओगी.
मेरा मन दवाई लाने को नही कर रहा था, लेकिन मज़बूरी में जाना ही पड़ा। जब मै वहां पहुची तो, डॉक्टर साहब एक मरीज को देख रहे थे , कुछ देर बाद मेरा नम्बर आया। उसने मेरे हाथ को पकड लिया और मेरी नाडी चेक करने लगे, नाडी चेक करने के बहने वो मेरे हाथो को सहलाने लगा। और मुझसे कहा – “तुम्हारे हाथ बहुत मुलायम है”, दवाई देते हुए डॉक्टर मुझे लाइन मार रहा था। कुछ देर बाद जब डॉक्टर ने मुझे दवाई दे दी, तो उसने मुझसे कहा – “तुम बहुत ही अच्छी हो और काफी सुंदर भी हो। मै तुम से एक सौदा करना चाहता हूँ, मै तुमसे दवाई के कभी भी पैसे नही लूँगा, बस तुम एक रात मेरे साथ सो लो, और मै तुम्हे अलग से पैसे भी दूँगा”। मैंने उससे कहा – तुम्हारे घर में माँ बहन नही क्या ?? जो किसी की बहन को ऐसे रात बिताने के लिये कह रहें हो।
मैंने उससे कहा – “अपना ये सौदा अपने पास रखो, और मै को रंडी नही हूँ कि कुछ पैसो के लिये अपने जिस्म को बेच दूँ”। मै वह से चली आई।
कुछ महोनो बाद मेरे छोटे भाई कि अचानक से तबियत खराब हो गयी, मेरे घर में मुश्किल से कुछ ही पैसे थे भैया ने कहा था कुछ दिनों में पैसे भेज देंगे, लेकिन उन्होंने भी पैसे नही भेजे थे। मै अपने छोटे भाई को लेकर जल्दी से डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने बताया इससे निमानिया हो गया है और आप जल्दी से पैसे लाइये, मै इसका इलाज शुरू करता हूँ। मैने डॉक्टर से कहा – “अभी ह्मारे पास ज्यादा पैसे नही आप बाद में ले लेना”।
तो डॉक्टर ने कहा – “मैंने तुम को उस दिन कहा था कि मै तुमसे कभी पैसे नही लूँगा। लेकिन तुम नही मानी थी मै आज भी तुमको वो ऑफर फिर दे रहा हूँ। तुम मुझे पैसे मत देना ,मै तुम्हारे भाई का इलाज कर दूँगा लेकिन मेरी बात नही मानोगी तो मै इलाज नही करूँगा”। मुझे डॉक्टर की बात मजबूरन माननी पड़ी मैंने उससे कहा – “आप इलाज करो मै वही करुँगी जो आप कहेगे”। डॉक्टर ने मेरे भाई को ठीक कर दिया, और मुझसे कहा – आज शाम को घर आ जाना। मैंने कहा – ठीक है मै आ जाउंगी।
जब शाम हुई तो मै डॉक्टर के घर आई, मैंने देखा उसकी और उसके पत्नी की तास्वीर दीवार पर टंगी थी, डॉक्टर साहब मुझे अपने बेडरूम में ले गये, और अपने कपड़े उतारने लगे, अपने कपडे उतारने के बाद उन्होंने मेरे सूट को निकाल दिया और मेरी सलवार के नारे को भी खोल दिया और उसको भी निकाल दिया। मै अब केवल पैंटी और ब्रा में बची थी। डॉक्टर ने मेरे कपडे निकलने के बाद उन्होंने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे पैरों को चुमते हुए मेरी चिकनी जांघ को चुमते हुए मेरी चूत को भी चूमा और फिर मेरी कमर को चुमते हुए मेरे मम्मो को दबाते हुए और चुमते हुए मेरे गाल को चूमने लगे और कुछ ही देर में उन्होंने मेरे होठो को चुमते हुए चूसने लगे। वो मेरे होठो को किसी लामचूस की तरह से बार बार चूस रहे थे और मै धीरे धीरे उनसे चिपकने लगी थी। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। कुछ ही देर में वो बहुत ही उतावले होने लगे और मेरे होठो को काटने लगे और साथ ही मेरे मम्मो को भी दबाने लगे थे। मै धीरे धीरे सिससकने लगी थी। पहले तो मै शर्मा रही थी लेकिन जब मेरे अंदर जोश भडक गया तो भी डॉक्टर साहब को अपने बाहों में जकड लिया और उनके होठो को चूसने लगी। मैं भी उनके बदन को सहलाते हुए उनको किस कर रही थी। हम दोनों बहुत ही कामातुर होने लगे थे। वो लगातार 40 मिनट तक मेरे होठो को काट काट कर पी रहें थे और मै भी उनसे लिपटी हुई उनके होठो को लगातार पी रही थी।
बहुत देर तक किस कारने के बाद डॉक्टर साहब ने मेरी चुचियो को देखने के लिये मेरे ब्रा को निकाल दिया और मेरे मम्मो को बहुत ही उत्तेजना से दबाने लगे, कुछ देर तक मेरे मम्मो को दबाने के बाद उन्होने मेरे मम्मो को पीना शुरू किया। वो मेरे मम्मो को किसी बच्चे की तरह पी रहें थे, ऐसा लग रहा था की मै उसकी माँ हूँ और वो मेरे चुचियो से दूध पी रहा हो। धीरे धीरे मुझे भी मजा आने लगा था। जब डॉक्टर साहब मेरे मम्मो को दबा दबा कर पी रहें थे और मै सिसकते हुए ..आह अहह अहह ओह्ह्ह ओह करके धीरे धीरे मचल रही थी। वो मेरे मम्मो के निप्पल को अपने धारदार दांतों से कटे और मेरे मम्मो को पीने लगते। कभी कभी तो वो मेरे पूरे मम्मो को अपने मुह में भर लेते जिससे उनके दांत मेरी चुचियो में लगने लगते और जोर जोर से अह्हह्ह….अहह … ओह्ह्ह, ओह ओह … करके चीखने लगती।
बहुत देर तक मेरी चुचियो को पीने के बाद डॉक्टर साहब ने अपने लंड को मेरे हाथो में पकड़ा दिया और मुझसे कहा – “चूसो मेरे लंड को मैंने उनके लंड को चुसने से मना कर दिया”, तो उन्होंने जबरदस्ती मुझसे अपना लंड चुसवाने लगे। कुछ देर उनके लंड को चुसने के बाद मुझे भी अच्छा लगने लगा था। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। मै उनके लंड को मस्ती से चूसने लगी थी, मेरे लंड चूसने से उनके लंड की ताकत और भी बढ़ रही थी, जिससे लंड और भी टाइट होता जा रहा था। बहुत देर तक अपने लंड को चूसने के बाद डॉक्टर ने मेरे मम्मो को दबाते हुए मेरी चूत को सहलाने लगे।
मेरे मुह से लंड निकलने के बाद वो मेरी चूत को सहलाते हुए मेरी पैंटी को निकाल दिया औ मेरी चूत की खुशबू लेते हुए वो मेरी चूत की पीने लगा। वो मेरे आधी कुवारी और रसीली चूत की अपने जीभ से चाटने लगा था। डॉक्टर साहब बार बार मेरी चूत की मुलायम और लाल दाने को अपने खुरदरी जीभ से चाट रहें थे जिससे मै मचल कर तडप रही थी और अपने कमर को उठाते हुए अपने मम्मो को दबा रही थी। वो मेरी चूत को मुह में भर के अपने मुह के अंदर की ओर खीचते जिससे मेरे चूत के एक अजीब सी लहर उठी और मेरे पूरे शरीर में फ़ैल जाती जिससे मै तड़प के चीखने लगती। ऐसे ही बहुत देर वो मेरे चूत को पीते रहें जब तक मेरी बुर का पानी नही निकला।
मेरी चूत के पानी को पीने के बाद उन्होंने मेरी चूत को चोदने के लिये मेरी चूत को फैलाते हुए अपने लंड को मेरी चूत के बीच में रख दिया और धीरे धीरे मेरी चूत में रगडने लगे, और कुछ ही देर बाद उन्होंने अपनी पूरी ताकत लगाकर किसी जानवर की तरह से मेरी चूत में अपने लंड को डालने लगे, उनका लौड़ा काफी मोटा था और मेरी चूत का छेद थोडा छोटा था, इसलिए जब उनका लंड मेरी चूत गया तो मै बड़ी तेज से चीखने लगी, और अपने चूत को मसलने लगी। आप ये कहानी नॉन वेज डॉट कॉम पर पड़ रहें है। डॉक्टर साहब मेरी चूत को तेजी से बजाने लगे और मै बेड के चादर को अपने हाथो से पकडे हुए अपने बदन को ऐठते हुए चीख रही थी। डॉक्टर का लंड मेरी के अंदर जाता तो ऐसा लगता जैसे कोई छोटी लौकी मेरी चूत में जा रहो हो। मेरे दिमाग में बड़ी जोर की यौन उत्तेजना होनी लगी। मेरे जिस्म की रग रग में, एक एक नश में खून फुल रफ्तार से दौड़ने लगा। और मै अपनी चुचियो को मसलते हुए बड़ी तेज तेज से आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी…….मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ….ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ..”प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह… आराम से चोदो मेरी फाड़ दोगे क्या ,… उनहू उनहू ..करके मै चीखने रही थी और मेरी चूत कुछ ही देर में दर्द से गीली हो गयी।
डॉक्टर साहब ने मुझे अपने ऊपर बिठा लिया और खुद नीचे लेट गये और मेरी चूत में अपने लंड को डाल दिया और मेरी कमर को पकड कर ऊपर नीचे करने लगे। ये वाला तो पहले से भी ज्यादा दर्द दे रहा था, कुछ देर बाद में खुद ही ऊपर नीचे होने लगी और अपने चूत को दर्द से जल्दी जल्दी मसलने लगी थी। और जोर जोर से चीख भी रही थी। बहुत देर तक वो मेरी चूत को इस तरह से चोदा।
फिर उन्होंने मुझे नीचे लिटा दिया, और मेरे पैरों को उठा दिया जिससे ,मेरी चूत बिल्कुल खुल गई और वो मेरी चूत को चोदने लगे। कुछ देर में वो अपनी पूरी ताकत लगा कर चोदने लगे ऐसा लग रहा था की मेरी बुर आज ही फट जायेगी, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथो से मुठ मारने लगे। कुछ देर लगातार मुठ मारने पर उनका वार्य निकलने वाला था , उन्होंने अपने लंड को मेरे मुह के तरफ कर दिया और जल्दी जल्दी मुठ मारने लगे। उनके लंड से वार्य निकलने लगा और मेरे मुह को पूरा सफ़ेद कर दिया।

मैंने अपने मुह को साफ किया और अपने कपडे पहन लिया, लेकिन डॉक्टर साहब का मन नही भरा था, इसलिए उन्होंने मुझे जबरदस्ती एक राउंड और चोदा। और उसके बदले में मुझे कुछ पैसे भी दिए।
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