पडोसी के लड़के ने गांड चाटकर चूत मारी – INDIAN SEX KAHANI

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मैं अंजली, आज फिर से एक अपनी लाइफ का मजेदार Hindi Sex Stories लेकर आपके सामने हु. मुझे उम्मीद है, कि आपको मेरे पहले लिखे हुए अनुभव अच्छे लगे होंगे. मुझे आप लोगो के कमेंट का हमेशा इंतज़ार रहेगा. ताकि मुझे पता लग सके, कि आप लोग मेरे बारे में क्या सोचते है और मेरे लिए आपके मन में क्या फेंटेसी है. आपके मन की फेंटेसी मुझे गरम करती है और हो सकता हु, कि आपकी फेंटेसी इतनी मजेदार हो; कि वो मुझे इतना गरम कर दे. कि मैं आपसे मिलने के लिए बैचेन हो उठू. अगर मियां – बीवी आपस में खुले हु और एक दुसरे की इच्छाओ की रेस्पेक्ट करते हो. तो लाइफ बहुत आसान हो जाती है. मेरे और मेरे पति रजत के बीच में कुछ छुपा नहीं है और इसी वजह से हम दोनों को कोई मजेदार सेक्स की ओपोर्तुनिटी मिलती है, तो हम उसे मिस नहीं करते है. आज मैं आपको बताती हु, कि किस तरह मेरे पडोसी शर्मा जी के लड़के ने लाइट ना होने का फायदा उठा कर मेरी गांड चाटी और मेरे सारे छेदों की मदमस्त चुदाई की.


दोस्तों, मैंने पहले भी बताया था, कि मेरी उम्र ४३ इयर्स है और मेरा फिगर देख कर अच्छे – अच्छे मर्दों का लंड अपना पानी छोड़ देता है. मेरे बूब्स ३६सी, कमर ३२ और चुतड ३८ इंच के है और मेरी मदमस्त चाल को देख कर मेरी पीठ पीछे आहे भरते है. चाहे वो हमारे पडोसी हो, दूध वाला, सिक्यूरिटी गार्ड या मेरे ऑफिस के मेरे साथ काम करने वाले लोग. मुझे इस बाद का पता था और जब लोग मुझे घुर – घुर कर देखते है, तो मेरे दिल में एक अजीब सी ठंडक महसूस होने लगती है. ये बात ज्यादा पुरानी नहीं है. कुछ महीने पुरानी ही है. रजत अपने ऑफिस की पार्टी में गये हुए थे और रात को देर से आने वाले थे. मैं उस समय अपने फ्लैट में अकेले थी और अचानक से लाइट चली गयी. उस समय रात के १० बजे थे. मुझे कहीं भी कोई इलेक्ट्रिशियन नहीं मिलने वाला था. रजत को फ़ोन किया, तो रजत का फ़ोन नहीं उठा. फिर, मैंने पड़ोस में जाकर शर्मा जी की डोरबेल बजायी. तो दरवाजा उनके बेटे रवि ने खोला. जब मैंने रवि को अपनी परेशानी बताई, तो वो बोला – आंटी, पापा तो सो गये है. मैं देख लेता हु.

रवि बाहर आ गया और मेरे पीछे – पीछे आने लगा. शायद, मेरी मटकती चाल ने उसको मदमस्त कर दिया था. उस समय मैंने एक हलके कपड़े की नाइटी पहनी हुई थी और ऊपर से बस शौल ले लिया था. शौल ने मेरे ऊपर का भाग तो ढक दिया था. लेकिन मेरी गांड नीचे से शायद नहीं ढक पायी थी. उसने अपने घर की रौशनी में शायद मेरी गांड का वो भाग देख लिया था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो इलेक्ट्रिक बोर्ड के पास गया. तो वो बोला, आंटी शोर्ट सर्किट हो गया है. फेस चेंज कर देता हु. आप वायर और पलास दे दीजिए. मैंने घर में मोमबती जलाई हुई थी. मैंने शौल को कुर्सी पर छोड़ा और चली गयी. जब मैं वापस आई, तो मैं तो एकदम से भौचक्की रह गयी. रवि ने अपने सारे कपड़े उतारे हुए थे और वो सिर्फ अंडरवियर में था और उसका लंड तम्बू बना हुआ था और अपने लंड को अपने एक हाथ से सहला रहा था और उसके आगे के भाग को बेरहमी से खीच रहा था. मुझे देखते ही, उसने मुझे पकड़ लिया और अपनी गोदी में उठा लिया.

मैंने उसको जोर से खीच कर एक थप्पड़ रसीद किया, तो उसने मुझे वहीँ सोफे पर पटक दिया और बाहर जाकर दरवाजा बंद कर आया. वो जब वापस आया, तो मैं डरी और सहमी हुई रजत का फ़ोन लगा रही थी. लेकिन, मेरे हाथ कांप रहे थे. रवि ने मेरे हाथ से मेरा मोबाइल ले लिया और बोला – नाटक करती है छिनाल. कब तुझे किसने चोदा है. सब जानता हु मैं. बहुत दिनों से मौका ढूंढने के बाद, आज किस्मत से तू हाथ आई है. आज नहीं छोडूंगा. मुझे डर लग रहा था, कि जवान खून है. पता नहीं क्या करेगा? फिर वो मेरे पास आया और एक ही बार में, मेरी नाइटी फाड़ दी और मैं एकदम से नंगी हो गयी. मुझे नाइटी के नीचे ब्रा और पेंटी पहन कर सोने की आदत नहीं है. उस दिन लाइट चले जाने की टेंशन में, मुझे कुछ ध्यान ही रहा. मोमबती में मेरा शरीर सोने के जैसे चमक रहा था. रवि मुस्करा रहा था और उसकी आँखों में एक चमक थी. वो बोला – साली, जिसने भी तुझे चोदा होगा, वो दुनिया का लकी आदमी होगा और आज मैं बन जाऊँगा.

फिर वो मेरे पास आ गया और मेरे बालो को पकड़ कर मेरे मुह को अपने लंड पर अंडरवियर के ऊपर से रगड़ने लगा. उसके लंड से पेशाब की बदबू आ रही थी. उसने मेरे बालो को बहुत जोर से खीचा हुआ था और मुझे लग रहा था, कि कुछ ही देर में मेरे बाल उसके हाथ में निकल जायेंगे. मैंने कहा – रवि, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. रवि हसने लगा और बोला – अभी तो और भी दर्द होगा. अभी तो बस शुरुवात है. फिर वो हसने लगा और मेरे सिर को अपने लंड पर और जोर से दबा दिया और अब वो भी अपनी गांड को हिलाकर मुझे अपनी बदबू सुंघा रहा था. मैं कुछ नहीं कर पा रही थी. बेबस थी उसके आगे. फिर उसने मुझे पीछे कर दिया और एकदम से अपना अंडरवियर उतार दिया और उसका फनफनता हुआ लंड मेरे मुह के आगे लहराने लगा. मुझे नहीं पता था, कि पड़ोस वाले शर्मा के बेटे का लंड इतना बड़ा होगा. देखने में तो वो शरीफ ही लगता था. उसको देख कर मेरी चुदासी आँखों में बिजली कौध गयी और मेरे होठो पर रस आ गया. रवि बोला – मज़ा आया ना, छिनाल देख कर. है ना मस्त और जवान लंड…

सही कह रहा था वो… वो केवल २२ साल था और उसके गोरे रंग के लंड पर हल्का कालापन था. उसने अब अपने लंड मेरे मुह पर हर तरफ फेरना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरे मुह पर हर जगह मेरे होठो पर, मेरी आँखों पर और मेरी नाक पर लग रहा था और अब हलके – हलके मैं भी गरम होने लगी थी और मुझे अपनी चूत पर गीलेपन का अहसास होने लगा था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। ,मेरे निप्पल अब कड़क भी होने शुरू हो गये थे. रवि मेरी इस हालत को देख कर बोला, लगता है. छिनाल तेरे भी अरमान जाग गये और हंस पड़ा. अब मेरे चेहरे पर भी हलकी मुस्कान आ गयी थी. मैं एक बहुत पुरानी कहावत को फॉलो करने लगी थी. “अगर आप रेप होने से रोक नहीं सकते हो, तो उसे एन्जॉय करो”. मुझे नहीं लग रहा था, कि मैं रवि को रोक पाउंगी. फिर मैं रवि के लंड को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और उसको मसलने लगी. मेरे हाथ की ताकत और गर्मी पाकर उसके लंड ने और भी जोर से झटके मारने शुरू कर दिए.

रवि अब मस्ती में अपनी गांड चला रहा था और बोल रहा.. अहहाह अहहाह आआआ.. बहुत खूब.. मस्त … आआऊअऊओ ऊऊओह्ह्ह् एस एस … फिर मैंने एकदम से आगे बढकर गप्प से उसके लंड को अपने मुह में ले लिया और मस्ती में उसको चूसने लगी. रवि ने एक हाथ अपनी गांड पर रखा और एक हाथ से मेरे बालो को पकड़ा और अपनी गांड को हिला कर मेरे मुह को चोदने लगा. उसका लंड बहुत ही तेजी से सटास्ट अन्दर – बाहर हो रहा था और कभी – कभी मेरे गले तक पहुच जाता था. मैंने तो पागलो की तरह उसके लंड को हाथ से मसल रही थी और मस्ती में चूस रही थी. अभी १० ही मिनट हुए होंगे, कि उसके लंड ने एक बहुत ही गरम वीर्य की धार मेरे मुह में मार दी. उसका तेज स्पीड से वीर्य झट से मेरे गले से टकराया और मेरे हलक में उतर गया. मैंने उसके लंड को पूरा का पूरा चूस लिया. और फिर मैंने उसके लंड को उगल दिया. रवि के चेहरे से पसीना टपक रहा था. फिर उसने मुझे सोफे से लगा कर उल्टा खड़ा किया, तो मैंने बोला – गांड ही मारने दूंगी. वो बोला – हाँ छिनाल, पलट हो सही.

फिर, वो अपने घुटनों पर बैठ गया और अपने हाथ से मेरे बट्स को खोलने लगा. मुझे एकदम से दर्द हुआ, तो मैंने अपनी गांड आगे कर ली. उसने फिर से मेरी गांड को पकड़ा और नीचे से आकर अपनी जीभ को मेरी चूत पर रख दिया. ऊऊऊओह्हह्ह ओह…. माय गॉड! ऐसा तो आज तक मैंने किसी भी चुदाई में नहीं देखा था. उसकी जीभ नीचे से सीधे ही मेरी चूत में घुस गयी और ऐसा लगा, कि किसी ने धारदार छुरी नीचे से एकदम से मेरी चूत में घुसा दी हो. मैंने तो मरने ही लगीऔर अपनी गांड हिलाकर अपनी जीभ को बाहर निकालने लगी. पर उसने मेरी जांघो को कसकर पकड़ा हुआ था और मैं ज्यादा हिल नहीं सकती थी. वो अपनी जीभ से मेरी चूत के अन्दर की साईं दीवारों को चाटने में लगा हुआ था. मैं तो बस बावरी हुए जा रही थी. अब मैं ज्यादा देर कण्ट्रोल नहीं कर सकती थी. मैंने उसको कहा – बस रवि, और नहीं.. चोद डालो मुझे अब. बहुत खुजली होने लगी है अब.

रवि ने मुझे इग्नोर कर दिया. लेकिन उसने अपनी जीभ हटा ली. और फिर उसने अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद पर रख दिया और उसको चाटने लगा… ऊऊऊओह्हह्ह क्या मस्त फीलिंग थी और वो मेरी गांड के छेद के आसपास के एरिया को चाट रहा था. फिर साथ ही साथ में उसने अपनी एक ऊँगली से मेरी चूत को रगड़ना शुरू किया. आआऊऊ बाबा.. उसकी जीभ गांड के छेद पर और ऊँगली चूत के छेद पर. मैं तो बस पागल ही हो चुकी थी. मैंने अपने हाथ से अपने चुचे दबाने शुरू कर दिए और निप्पल को खीचना भी शुरू कर दिया. मैंने अपने होठो को अपने दातो से काट रही थी और फिर पागलो की तरह अपनी अपनी गांड को रवि के मुह पर घुमा रही थी. पूरा माहौल में मेरी सिस्कारिया हाहाहा हहह ह्ह्ह ह्ह्ह आआअ अहहाह आआ अहहाह अहहाह आआआ गूंज रही थी और मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी. अचानक से मेरे शरीर ने रगड़ना शुरू कर दिया और मुझे अपनी चूत से अपना गरम माल बाहर बहने का अहसास हुआ. बहुत ही गाड़ा और बहुत सारा. रजत या किसी और साथ, जब मैं बहुत कामुक सेक्स किया था, तब मेरा इतना सारा वीर्य बाहर आया होगा.

मेरा सारा वीर्य उसकी ऊँगली के साथ चूत से बाहर आ गया. अब तो मैं पागल हो चुकी थी और अब मुझसे सहन नहीं हो रहा था. मैंने एकदम से मुड़कर रवि के बालो को खीचा और उसकी खड़ा कर के उसके लंड को खीचने लगी. वो मुस्कुरा रहा था, मेरी बैचेनी पर. पर क्या करू, वो था ही इतना अच्छा और माहिर. किसी भी लड़की या औरत को एकदम से अपना दीवाना बना दे. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। आज तक मैंने सेक्स तो कई के साथ किया था, लेकिन प्यार सिर्फ रजत से. लेकिन, आज मुझे फिर से रवि से प्यार होने लगा था. फिर, रवि ने मुझे सोफे के किनारे को पकड़ कर घोड़ी बना दिया और मेरे बूट्स को अपने हाथ से खोलकर उस पर थूक दिया. फिर, थोड़ा थूक अपने हाथ में लेकर अपने लंड को रगड़कर गीला कर दिया और फिर अपने एक हाथ से अपने लंड को मेरी चूत पर सेट करने लगा और रगड़ने लगा. मैंने बहुत ही ज्यादा बैचेन हो गयी थी और फिर एक जोरदार धक्के के साथ उसने अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में उतार था.

मेरी सांस एक दम से अटक गयी. उसने मुझे सँभालने का मौका भी नहीं दिया और फिर से एक और जोरदार धक्का मारा और उसका लंड सीधा मेरी बच्चेदानी से जाकर टकरा गया. मेरे मुह से जोर से अह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआआआआआ निकल गयी और मैं सोफे के साइड पर गिरने ही वाली थी, कि उसने मुझे थाम कर खड़ा कर दिया और मस्ती में जोर से धक्के मारने लगा. मैंने सोफे को कसकर पकड़ा हुआ था, क्योंकि उसके धक्का का फ़ोर्स बहुत ज्यादा था और मैं बैलेंस नहीं बना पा रही थी. फिर वो पुरे जोश के साथ जोरदार धक्के मार रहा था. मेरे चुचे मस्ती में हवा में झूल रहे थे और मेरे मुह से लार टपक रही थी. मुझे नहीं पता था, कि मैं कितनी बार झड़ चुकी थी. लेकिन १० मिनट के बाद, मैं उसके लंड को और लेने की हालत में नहीं थी. फिर रवि के धक्को की स्पीड बड गयी और अगले ५ मिनट में उसने एक जोर दार धक्के के साथ अपना पूरा का पूरा वीर्य मेरी चूत में गिरा दिया. बहुत ही गरम था, जैसे की लावा मेरे अन्दर फुट पड़ा हो. वो जवान था, इसलिए उसके वीर्य की गरमी बहुत ज्यादा थी.

उसने अपना लंड बाहर नहीं निकाला था और जब उसके लंड ने पूरा का पूरा पानी मेरी चूत में छोड़ दिया. तब उसके लंड को बाहर निकाल दिया. उसके बाद, मेरी ज्यादा देर खड़ी वाली हालत नहीं थी और अब मुझे डर लगने लगा था. क्योंकि रजत कभी भी आ सकते थे. मैंने रवि को कहा, मैं चल नहीं सकती. प्लीज मुझे कपड़े पहना कर मेरे बेडरूम में पलंग पर लिटा दो. लाइट भी सही कर दो. रजत के पास दूसरी चाभी है. वो अन्दर आ जायेंगे. रवि ने मुझे कपड़े पहनाकर वहीँ बिठाया और लाइफ सही कर दी. फिर रवि ने जगह ठीक थी और मुझे बेडरूम में लिटा कर चले गया. मैंने बहुत थक गयी थी और मुझे नहीं पता चला, कि रजत कब आये. लेकिन, जब मैं सुबह उठी, तो मैं बहुत खुश थी; क्योंकि इतने जवान लंड से इतनी मस्त चुदाई मेरी बहुत टाइम बाद हुई थी.

पड़ोस में रहने वाली दीप्ति की चुदाई की कहानी Padosan dipti ki chudai ki sex story

पड़ोस में रहने वाली दीप्ति की चुदाई की कहानी Padosan dipti ki chudai ki sex story, पड़ोसी ने चोद दिया बड़े लंड से, चुम्मे लिए, चूत चाटी, ऊँगली भी डाली, सेक्स का नजर पड़ोसन के साथ, मैं बन गया सबसे बड़ा सेक्सी बॉय.

दोस्तों आज मैं आज आपको बताऊँगा अपना पहला चुदाई अनुभव ! मेरी उम्र २८ साल है लंड ७.६ इंच लम्बा और तीन इंच मोटा है, दिखने में मैं एकदम सुन्दर और काफी खुशमिजाज हूँ। मैं शरीर और दिमाग से सेक्स करने का इच्छुक रहता हूँ। कई साल पहले की बात है, गर्मियों के दिन थे, रात हो चली थी, सभी लोग अपने काम में लगे थे। मैं अपनी छत पर पानी डालने हुआ था ताकि थोड़ी ठण्डक हो जाये।

नल चालू किया और लगा पानी छिड़कने ! साथ वाली छत पर हमारी पड़ोस में रहने वाली दीप्ति भी आ गई पानी छिड़कने ! पिछले कुछ दिनों से मैंने गौर किया कि उसका और मेरा टाइम बिल्कुल एक ही था, नजरें मिल जाती थी, आज उसने स्लीवलेस टॉप और कैप्री पहन रखी थी।

पानी डालते डालते वो भीग गई। मैं मजे ले रहा था और वो भी जानबूझ कर मटक मटक कर पानी डाल रही थी। मैं उसे शरारती नज़रों से देखा रहा था उसे भी पता था। अब हम रोज पानी डालते वक्त नजरों से शरारत करने लगे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। एक दिन मैं पानी डालने गया पर देखा कि नल में पानी नहीं है। मैंने मुँह बनाया तो उसने पूछ लिया- क्या हुआ? मैं बोला- नल में पानी नहीं है। वो बोली- कोई बात नहीं, हमारे नल में पाइप लगा कर पानी डाल दो।

मैं तुरंत पाइप लेकर उसकी छत पर चला गया और उसने नल बताया, वो पाइप लगाने में मेरी मदद करने लगी, पाइप का मुँह नल में नहीं आ रहा था। ये सब करते करते हमारा आपस में एक दो बार छूना हो गया। वो एकदम सहज थी। आज वो बहुत सेक्सी लग रही थी। मेरा पूरा ध्यान उसके शरीर पर था इसलिए मुझे पाइप लगाने में देर हो रही थी। बातों बातों में मैंने पूछा- कोई नहीं दिख रहा है?

तो बोली- सभी लोग मामा के यहाँ गए हैं, कल शाम तक आ जायेंगे। मैं खुश हुआ, मेरी हिम्मत और बढ़ गई, अब मैं जानबूझ कर उसे छूने की ताक़ में रहा और छू भी रहा था, वो बड़ी खुश लग रही थी। मैंने पाइप का मुँह उसकी तरफ किया और वो गीली हो गई। उसकी ब्रा लाल रंग की थी जो बड़ी मुश्किल से उसके मम्मों को सम्हाले हुई थी। अब तो उसका रूप एकदम गजब का लग रहा था गोरी-गोरी और कोरी-कोरी !

लेकिन आज उसे कोरी-कोरी नहीं रखूँगा, उसे जिन्दगी का मजा दूँगा पूरा पूरा, वो भी याद रखेगी कि कोई था जिसने मुझे पूरा मजा दिया। मेरी हरकतें बढ़ने लगी उससे, वो पूरा साथ दे रही थी। मजाक मजाक में मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और उसके मम्मे दबा दिए ! क्या सोलिड थे, जैसे पहले किसी ने नहीं दबाएँ हो। वो मेरे से चिपक गई मैं अब धीरे धीरे बड़े बड़े मम्मों को सहला रहा था, उसके निप्पल के पास गोल गोल उंगली घुमा घुमा कर छेड़ रहा था। वो कुछ स्तब्ध सी रह गई मगर मजा ले रही थी। उसकी सांसें लम्बी हो रही थी और मेरी भी।

अब मैं मम्मों को थोड़ा जोर से दबाने लगा और साथ ही साथ उसकी गर्दन पर चुम्बन कर दिया, उसके रोंगटे खड़े हो गए।

मैंने उसे चाटते चाटते सामने की ओर घुमा दिया और उसके टॉप और ब्रा उतार दिए। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। बड़े बड़े मम्मे मेरे सामने खड़े थे और बोल रहे थे- हमको चाटो, चूसो तड़पाओ और धीरे धीरे !! जोर जोर से दबाओ !

मैं अभी भी मम्मों से खेलने में था। मैंने उसके गाल पर किस किया तो वो शरमा गई। आज तो मेरे को मजा आ गया ! मैं लगा रहा, उसके बड़े बड़े होंठ चूसने और हाथों से बड़े बड़े मम्मों को दबाने।

एकदम से उसने मुझे पीछे धकेला और भाग गई कमरे में, मैं भी उसके पीछे गया और फिर पकड़ लिया। अब तो जगह भी सेट हो गई, वो नाटक कर रही थी कि कोई देखा लेगा, मैंने उसे बोला- देखे तो देखे, मैं तुझे नहीं छोड़ने वाला ! और जोर से मम्मों को दबा दिया।

वो चिल्लाई, अब मैंने उसकी कैप्री का बटन खोल कर अन्दर हाथ डाल दिया और उसकी चूत पर रख दिया। उसकी चूत एकदम गीली हो गई थी। मेरे हाथ लगते ही वो और उछल गई। उसे बहुत मजा आ रहा था और वो बहुत उत्तेजित हो गई थी।

उसकी कैपरी नीचे सरक गई, मेरी उंगली उसकी चूत पर फ़िर रही थी। मैंने पीछे पीछे उसे सरकाया और बेड पर बिठा दिया और अब उसके ऊपर झुक कर उसे चाटने लगा। उसका पूरा बदन चाटते चाटते मैं खुद बहुत ही ज्यादा उत्तेजित महसूस कर रहा था।

अब मैं उसके होंठों को चूसने के बाद उसके बड़े बड़े मम्मों को चूसने लगा वो मेरे से चिपकी जा रही थी। मैं नीचे की ओर आया, उसके पेट और नाभि को चाटते हुए उसकी चूत के आस-पास जीभ रगड़ने लगा। वो उछलती जा रही थी, उसके उछलते उछलते बड़े बड़े मम्मों को दबा देता था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो पागल हो रही थी। अब मेरा नाक उसके चूत के दाने को रगड़ रहा था और जीभ चूत के अंदर बाहर हो रही थी।

उसका पानी लगातार बह रहा था, उसकी खुशबू मुझे और दीवाना बना रही थी। चूत चाटते चाटते वो झड़ गई और एकदम मेरा सर पकड़ कर ऐंठ गई। मैं चूत चाट चाट कर पूरा पानी पी गया, वो निढाल सी हो गई। मैं उसके बाजू में जाकर चिपककर लेट गया और उसके होठों को चूसने लगा।

थोड़ी देर बाद वो उठी और मेरे लण्ड को छेड़ने लगी, उसका मुँह मेरे लण्ड पर लिपट गया। वो बहुत तसल्ली से मेरा लण्ड चूस रही थी और अब मेरा होने में था। मैंने सोचा ‘अभी इसके मुँह में गिरा देता हूँ, बाद में रात को फुरसत से इसकी चूत की चुदाई करुँगा’ और मेरा पानी गिरने को है, मैं बड़बड़ाया। उसने मेरे लण्ड को मुँह में से निकाला और हाथ से हिलाने लगी।

शायद उसे पता नहीं था कि मेरे लण्ड का पानी बहुत ही टेस्टी है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरा काम हो गया, मैं लुढ़क कर लेट गया। वो बगैर कुछ बोले बाथरूम में गई, बाथरूम से आकर मेरे बाजू में लेट गई।

मैंने कहा- देर हो रही है, रात को सबके सोने के बाद मिलते हैं। उसने हाँ में सर हलाया और मैं उसके घर से निकल गया।

तो दोस्तों ये थी मेरी चुदाई की कहानी याद आया तो आप लोगो को बता दिया| और भी ढेर सारी बाते है जो बाद में बताऊंगा आज के लिए बस इतना ही|

मजदूर से चुदने में निराला ही मजा आता है Majdur se chudne me bahut maja aaya

मजदूर से चुदने में निराला ही मजा आता है Majdur se chudne me bahut maja aaya, उसने मेरी गांड में ऊँगली डाल दी, जोर जोर से आगे पीछे करने लगा और मैं मजे में चूर होने लगी.

दोस्तो, पिछली बार जैसे मैंने बताया था कि नेट के गाण्ड मारने वाले पुरुष ने मुझे यह मशवरा दिया था कि रात को कार लेकर निकलूंगा तो कोई ना कोई तो मिलेगा ही ! उसकी बात सच हुई और मुझे एक मस्त मोटा लम्बा चौड़ी छाती पर घने बालों वाला हट्टा-कट्टा मर्द भी मिल ही गया जिसने पूरी रात मेरी गांड का बैंड बजाया। उसके बाद जैसे मैंने कहा था कि अगली रात भी मैं अकेला ही था लेकिन मेरे नेट वाले दोस्त ने मुझे एक सलाह दी थी कि एक मर्द को जो मजदूर टाइप का हो, उसको दुबारा नहीं बुलाना, और दिन में तो बिल्कुल ही नहीं !

उसकी इसी नसीहत पर मैं कायम रहा और अगली रात फिर कार से निकला और एक मस्त लंड की तलाश में था। आज मैं उस इलाके में नहीं गया हालांकि उसने मुझे आज मिलने के लिए पक्का किया था लेकिन मैंने आज अपने नेट फ्रेंड की बात मानी आज मैं रेलवे स्टेशन गया, वहां एक पेड-पार्किंग में मैंने कार पार्क की और सड़क पर पहुँच गया। कई रिकशा वाले जाने के लिए बोले लेकिन काफी देर खड़े होने के बाद मुझे मुझे एक साफ़ सा मूंछों वाला हट्टा-कट्टा रिक्शा वाला दिखा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसने मुझे बड़े गौर से घूरा और मेरे पास आया। उसने मुझे भांप लिया था क्यूंकि वो दूर खड़ा देखता रहा था कि मैंने इतने रिक्शा वालों को मना क्यूँ किया था।

बोला- साहिब, इतनी महंगी कार पार्किंग में लगा कर इतनी रात को कहाँ जाने के लिए रिक्शा देख रहे हो ?

मेरी नज़र घूम फिर कर उसके पजामे पर अटक जाती कि शायद वहां कोई हरक़त दिखे।

तुम्हें कैसे पता कि मैंने कार पार्क की है? कह मेरी नज़र फिर वहीं चली गई तो आखिर उसने अपना लंड खुजलाया।

तब मैंने अपना चेहरा दूसरी तरफ किया।

अरे ओ चिकने साहिब, अब देख भी लो ! कब से कुछ देखने की कोशिश में थे !

वो मेरी तरफ बढ़ा, आसपास कोई ना था, मैं भी थोड़ा आगे बढ़ा और अपने हाथ से उसके लंड को पकड़ते हुए मसल दिया- इसके लिए खड़ा हूँ इतनी देर से !

हाँ ! मुझे मालूम था साहिब ! रोज़ रात को रिक्शा चलता हूँ, आप जैसे अमीर घर के लोग, चाहे लड़कियाँ, औरतें हां बुड्ढे तक ऐसी गलियों में रात को निकलते हैं अपनी वासना मिटाने या फिर मिटवाने के लिए !

बोला- अब कहाँ चलना है?

मैंने कहा- मेरे घर !

बोला- ज़रा रुकना, मैं स्टैंड पर रिक्शा ज़मा करवा के यहाँ आता हूँ, आप अपनी कार ले आयें।

फिर उसको बिठा मैंने तेजी से कार उल्टे सीधे रास्तों से इतने चक्कर काट कर घर ले गया। पूरे रास्ते मेरा एक हाथ उसके लंड पर था।

बत्ती बन्द कर पहले की तरह उसको अन्दर ले गया। रात के ग्यारह बजे थे। अपने लिए बियर और उसको मोटा पैग विस्की का दिया, उसका पजामा उतार दिया। जब कच्छा उतारा तो भयंकर सा लंड फनफ़नाता हुआ बाहर निकला। रास्ते में उसका लंड पूरा खड़ा नहीं हुआ था। पूरी तरह से आज़ाद हो शराब के नशे से उसका लण्ड पूरा जोश में आ चुका था। उसने अपना एक पैग और लिया। मैं उसको अपने बिस्तर में ले गया और खुद को नंगा कर दिया। मेरा जिस्म देख उसकी आंखें फटी रह गईं। इतने गोल-मोल मम्मे, गुलाबी चुचूक, गोरी चिकनी गांड, पूरे बदन पे एक बाल नहीं था। उल्टा उसके बाल ही बाल थे।

बहनचोद, साले, तू तो मस्त माल है रे ! हाय, मुझे गरीब को तो कभी ऐसी लड़की तक नसीब नहीं हुई !

कहते ही वो मुझ पर टूट पड़ा।

हाँ ! ऐसे ही रौंदो मुझे !

मैं ऐसा ही साथी चाहता था। मसल रहा था वो मेरे जिस्म को ! पागल हो चूका था वो ! दारु सर चढ़ कर बोलने लगी थी उसके ! मैं बता नहीं सकता कि कितना आनंद आ रहा था मुझे ! उसने मेरी छातियों को मसल कर लाल कर दिया था, दांत के निशाँ डाल दिए थे, चुचूक चूस कर सुर्ख कर दिए।

बोला- एक और पैग दे !

मैंने उसके लिए एक मोटा पैग डाला और अब उसकी छाती पर बैठ गया। उसकी तरफ कमर कर 69 का आसन सेट किया और उसके मोटे लंड को मुँह में ले लिया। वो मेरी गांड पर बियर डाल-डाल चाट रहा था।

इतनी गोरी गांड है तेरी साले ! मेरी तो आज चांदी हो गई ! मुफ्त की शराब और तेरे जैसा शबाब !

उसने बियर की बोतल खोलकर पास रखी हुई थी, गांड पे डालता और चाटता।

मैंने भी एक बियर का टिन पास रखा हुआ था, उसके लंड पर डालकर चूसता जा रहा था। अब मुँह में लेना मुश्किल सा होने लगा था क्योंकि बहुत बड़ा हो गया था। उसने अपनी जुबान गांड के छेद में डाल घुमा दी। आज तक किसी ने मेरी गांड नहीं चाटी थी, वो भी इस तरह !

मेरे मुँह से अब सिसकारियाँ निकलने लगीं। जब वो जुबान घुमाता मेरी आंखें बन्द होने लगतीं !

मैं उठा और वहां से अपने कंप्यूटर-टेबल के दराज़ से कंडोम निकाला और प्यार से उसके लंड पर डाल दिया। उसने मुझे अपने नीचे लेते हुए दोनों टांगें चौड़ी करवा लंड को छेद पर टिकाया। उसको पूरा नशा था, उसने झटका मारा तो लंड फिसल गया। मैंने अपने हाथ से पकड़ छेद पर रख दोनों टांगों को उसकी कमर से लिपटा लिया जिससे दबाव बढ़ा तो लंड खुद ही ठिकाना ढूंढने लगा। मेरी आँखों का इशारा पाते ही उसने झटका दिया और उसका आधा लंड मेरी गाण्ड में घुस गया। थोड़ी तकलीफ हुई। इस आसन में मुझे हमेशा शुरु में दर्द सहन करना पड़ता है। लेकिन उसके बाद जब उसका पूरा घुस गया और वो झटके पर झटका मारने लगा। मुझे बहुत मजा आने लगा।

अब उसकी कमर को मैंने और ताक़त से लपेट लिया ताकि लण्ड बाहर न आये और मुझे मजे मिलते रहें। अहऽऽ उहऽ रजा और झटको लंड को ! हाय साले फाड़ मेरी गाण्ड !

अभी बहिन के लौड़े, गांडू ! बस देखता जा ! आज रात तुझे कितना मजा दूंगा !

हाय साले, तेरी रांड तेरे नीचे लेटी है, इसके अंग अंग को चाट लो ! मेरा दूध पी लो रजा ! हा कमीनी तू है ही लड़की जैसा रे !

उसने बाहर निकाल लिया और मुझे कुतिया की तरह झुका लिया और बजाने लगा मेरी गोरी गांड को ! साथ साथ थप्पड़ मारता रहा !

फाड़ मेरी ! और तेज़ !

उसकी रफ़्तार बढ़ती गई !

हाय हाय ! और, और, और ! और हाँ हाँ डालता जा !

उसने एक दम से कंडोम उतार दिया और सारा पानी गोरी गांड पर उगल दिया और रगड़ रगड़ के लाल किये हुए छेद पर महरम की तरह लगाने लगा। बाकी का माल उसने मेरे मुंह में डाल दिया। मैंने उसके लंड को साफ़ कर दिया।

फिर हम नहाने लगे। बाथरूम के टब में एक दूसरे से चिपके हुए थे- मेरा हाथ में उसका मूसल लंड था जिसे मैं बहुत प्यार से सहला रहा था और वो खड़ा होता जा रहा था। उसने पास में विस्की की बोतल रखी हुई थी। उसने दो तीन मोटे पैग वहीं ठोक लिए। मैंने भी बियर का काफी नशा कर लिया था। उसने मुझे टब से निकाल चमचमाते फर्श पर लिटा लिया। ऊपर से शावर का पानी बरसने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसका लंड छत की तरफ तना जोश में हिल रहा था। मैं उसकी मर्जी समझ चुका था। थोड़ी देर मुँह में लेकर उसको मजा दिया फिर उसके लंड पर बैठ गया। उसकी जांघों में इतना दम था कि वो मुझे टेनिस की बाल जैसे उछाल उछाल के चोद रहा था।

जब मैं वापस लंड पर गिरता तो उसका लंड मेरी गुठली से रगड़ खाता तो में आंखें बंद कर लेता।

पूरी रात न जाने कितनी बार उसने मुझे चोदा। सुबह साढ़े पांच बजे मैंने उसको कार में बिठाया। उसने मुझे अपना नंबर दिया, बोला- यह घर के पास पी.सी.ओ का है, उन्हें कहना कि राम लुभाया को बुलवा दो !

ठीक है !

वैसे ही उल्टे-सीधे रास्ते मैंने उसको वहीं उतार दिया। उतरने से पहले उसने मुझे कहा- साइड पर लगा ले, थोड़ा सा मजा और मिल जायेगा।

वहीं उसका थोड़ा चूसा और पजामा नीचे करके सीट पर ही उसके लंड पर बैठ गया और धीरे धीरे झटके लगाता। कुछ देर वो चोदता रहा और फिर निकाल के मुँह में डाल मुठ मारने लगा। मैंने उसके हाथ से लंड लिया खुद उसकी मुठ मार उसका माल निकलवा दिया, उसने सारा मेरे जुबान से साफ़ करवाया और उतर गया।

इस बन्दे ने मुझे आज वो चुदाई का मजा दिया था जो किसी से नहीं मिला था। उसके बाद घर आया और सो गया। दोपहर तीन बजे आंख खुली जब पापा का फ़ोन आया कि वो एक-दो दिन और रुकने वाले हैं। तू अपना ख़याल रखना, खाना ठीक से बनवा के खाना !

ऑफिस में काम करने वाली को कार में चोदा Car me kaam karne wali ki chudai

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहन है और में फिर से आपके लिए एक नई कहानी लेकर आया हूँ। दोस्तों में आगरा का रहने वाला हूँ, नॉर्मल बॉडी और लंड साईज 6 इंच लम्बा और अब में आपका समय ख़राब ना करते हुए सीधा अपनी स्टोरी पर आता हूँ। ये कहानी तब की है जब में एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करता था। वहाँ वैसे तो काफ़ी लोग थे, लेकिन एक लड़की थी शालू, जो ज़ीरो फिगर की और काफ़ी स्वीट थी। पहले तो हम सब ऐसे ही बात करते थे, लेकिन हमें महीने के आखरी पर काम की देखभाल के लिए जाना होता था तो पूरा स्टाफ दो दिन तक कार में ट्रेवल करता और शालू अक्सर मेरी कार में बैठी और लास्ट में में उसे उसके घर छोड़ देता था।


फिर एक दिन मैंने उससे ऐसे ही पूछा कि ड्राइव पर चले, तो उसने हाँ कर दी। अब में तो मन ही मन खुश हो गया और सोचने लगा कि आज प्रपोज भी कर दूँ। फिर हम ड्राइव से लौट रहे तो मैंने उससे बोला कि आई लव यू शालू, तो उसने हाँ बोला और अब में बहुत खुश था। फिर मैंने उससे कहा कि क्या में तुम्हें किस कर सकता हूँ? तो वो बोली कि रोड़ पर नहीं कोई देख लेगा। फिर वहाँ पर एक इंडस्ट्रियल एरिया था, तो मैंने वहाँ पर कुछ ट्राई किया तो मैंने देखा कि वहाँ एक गली काफ़ी सुनसान थी। उस दिन रविवार था तो सारी फेक्ट्रियां बंद थी और थोड़ा अँधेरा भी हो गया था, तो मैंने कार वहाँ लगाई और उसे किस करने लगा। अब पहले तो वो मेरा साथ नहीं दे रही थी कि कोई आ जाएगा और देख लेगा, लेकिन फिर वो भी शुरू हुई और मेरा सपोर्ट करने लगी। फिर हम कार की पीछे वाली सीट पर आए और एक दूसरे को किस करते रहे।

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट के बटन खोल दिए, तो मुझे उसकी पिंक कलर की ब्रा में उसके बूब्स दिखने लगे, जो काफ़ी गोल और गोरे से दिख रहे थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब मुझे और जोश आ गया था और उसका फिगर साईज 32-30-34 था, जो मुझे बाद में पता चला था। फिर में उसके बूब्स पर ऊपर से ही किस करने लगा और हल्का-हल्का काट भी देता था। उसके बूब्स पर एक तिल था, जिससे वो और भी सुंदर लग रही थी। अब वो ओह आ आ कर रही थी। फिर मैंने उसकी ब्रा खोल दी और उसके पिंक निपल को चूसने लगा था। अब में कभी सक करता तो कभी उसके निप्पल को दाँत से काटने लगता। अब वो मेरे सिर को अपने हाथ से दबा रही थी और धीरे-धीरे मौन भी कर रही थी।

फिर धीरे-धीरे उसने भी अपना हाथ मेरी जीन्स में डाल दिया और मेरे लंड को टच करने लगी। अब वो तो जैसे फुल जोश में उसका स्वागत कर रहा था। फिर मैंने भी उसकी जीन्स का बटन खोल दिया और उसने मैचिंग की पेंटी पहनी थी। फिर मैंने उसकी जीन्स और पेंटी एक साथ नीचे कर दी और अब मुझे उसकी हल्के-हल्के बालों वाली चूत दिख रही थी। फिर मैंने उसकी चूत पर किस किया और फिर उसे चूसने लगा, तो वो ज़ोर-ज़ोर से श आ ऊओह आ करने लगी। अब वो अपने हाथ से मेरा सिर दबा रही थी और मुझे ऊपर नहीं होने दे रही थी। अब उसे काफ़ी मज़ा आ रहा था। फिर हम 69 की पोजिशन में आ गये। अब वो मेरा पूरा लंड लॉलीपोप के जैसे चूस रही थी और साथ में ऊहह अया भी कर रही थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर उसने अपने पर्स से एक चोकलेट निकाली, जो काफ़ी पिघली हुई थी और मेरे लंड पर लगाकर उसे चूसने लगी।

अब मुझे भी काफ़ी मज़ा आने लगा था और में भी उसकी चूत पर चॉकलेट लगाकर अपनी जीभ से चाट रहा था तो कभी काट रहा था। जिससे वो काफ़ी मजे कर रही थी और फिर हम दोनों 15 मिनट के बाद एक साथ झड़ गये और एक दूसरे को किस करने लगे। फिर 5 मिनट के बाद मैंने उसे अपनी गोदी में बैठाया और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके धीरे-धीरे उसे अपने लंड पर बैठाने लगा और हल्के-हल्के झटके मारने लगा। अब 2-3 झटको में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में चला गया था। अब वो खुद धीरे-धीरे झटके मार रही थी और अब उसे दर्द भी हो रहा था और उसकी चूत से हल्का-हल्का खून भी आ रहा था। अब वो खून देखकर मुझे मना करने लगी, लेकिन कार में इतनी जगह नहीं होती है कि वो उठ पाती।

अब में नीचे से हल्के-हल्के झटके मारता रहा और वो दर्द में ऐसे ही बैठी रही और में नीचे से झटके मारता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देती हुई श आ ओह हाँ करती रही। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब वो कभी मेरी गर्दन पर किस करती तो कभी काट देती। फिर 15-20 मिनट के बाद वो झड़ गयी, लेकिन में ऐसे ही झटके मारता रहा। फिर थोड़ी देर के बाद में भी उसकी चूत में ही झड़ गया और फिर हमने अपने कपड़े ठीक किए और वहाँ निकलने लगे कि हमें वहाँ एक चोकीदार ने पकड़ लिया, लेकिन उसे पता नहीं था कि वहाँ हमने सेक्स किया है। फिर मैंने उसे समझाया और थोड़े से पैसे दिए तब उसने हमें वहाँ से जाने दिया ।।

मैंने उसकी गांड पर लंड रखा और झटके से घुसा दिया Maine uski gand bhi mari aur chut bhi chodi

किराएदार मोनिका भाभी की चुदाई, भाभी की गांड मारी, किराएदार की पत्नी को चोदा, उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था, बारिश का मौसम था, गांड की चुदाई, चूत में उंगली, गांड मरवाने का शौक, मुझे लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है, लंड चूसना शुरू कर दिया, होंठों को चूम लिया, भाभी की नज़र मेरे लंड पर थी, किराए पर रहने आई थी और मुझे चूत देकर खुश कर दिया.

मेरे मस्ताने लंड की ओर से सभी काम की देवियों को हैलो ! मेरी कहानियों को पसंद करने के लिये आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। और मुझे मेल करके मेरा हौंसला बढ़ाने के लिए तहे दिल से शुक्रिया ! आज मैं अपने एक दोस्त की कहानी उसी की जुबानी सुनाने जा रहा हूँ जो उसने मुझे मेल की थी, मैंने बस इसे सही आकार दिया है। आशा है कि मेरी पिछली कहानियों की तरह यह भी आपको बेहद पसंद आएगी। मेरा नाम साकेत है, मैं 21 साल का हूँ। शुरू से ही मुझे अमीर बनने का शोक है, मेरा मकान छोटा है, जहाँ मैं रहता हूँ और मैंने, अमीर बनने के लिए एक शॉर्टकट अपनाया। मैंने मैच पे सट्टेबाजी करनी शुरू कर दी और मैं हमेशा 2000 से ज्यादा चाहे हारूँ या जीतू नहीं खलता था।

एक दिन में बेटिंग कर रहा था तो मेरे दोस्त ने कहा- आज तू पूरे मैच में बेटिंग करना ! मैंने उसकी बात मान ली क्योंकि मैं 2000 रूपए जीता हुआ था। उस वक़्त मैच में उस दिन मैं 60 लाख रूपए जीता और जिसमें मैंने 44 लाख का एक मकान खरीदा और उसको किराए पर दे दिया, मैच पर सट्टा लगाना बंद कर दिया और किराये से ही मैं अपना खुद का खर्च चलाता था।

एक दिन पापा और मेरी बहस हो गई और मैं घर छोड़ कर वहाँ से मेरे खुद के घर पर जो सट्टे से ख़रीदा था, वहाँ आ गया और वहीं पर रहने लगा और उस मकान में मैंने एक कमरे में हर चीज फ्रिज कूलर टीवी आदि लाकर रख दिए। ऐसे ही थोड़े दिन बीत गए और वहाँ पर एक मैंने नए किरायेदार रखे थे जो पति पत्नी थे, उनका नाम मोनिका और सुरेश था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वो दोनों ही बहुत मजाकिया थे और मैं भी थोड़े दिनों में उन दोनों के साथ घुलमिल गया और थोड़े दिन बाद मैंने देखा कि वो दोनों आपस में खूब झगड़ते थे और सुरेश एक दिन लड़ाई के बाद घर पर ही नहीं आया।

ऐसे ही वो कुछ 3 महीनों से नहीं आया था।

एक दिन बारिश का मौसम था तो मोनिका भाभी ने मुझे आवाज लगाई- साकेत, मेरा एक काम कर दो।

मैंने कहा- क्या?

वो बोली- मेरे रिचार्ज करा दो !

मोनिका ने मुझे पैसे दे दिए और मुझे अपने मोबाइल में नम्बर लिखने को कहा, मैंने लिख लिया और जाकर रिचार्ज करा दिया।

उसके बाद मैंने आकर पूछा- हो गया रिचार्ज?

वो बोली- हाँ, हो गया।

तभी मुझे आवाज आई कुछ गिरने की तो मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो अन्दर से आवाज आई- अन्दर आ जाओ।

मैं गया भाभी झुकी हुई थी और प्लेट उठा रही थी, उनके कूल्हे एकदम पीछे की तरफ जैसे चुदने के लिए पोज़ म बना रखा हो। उसको देख कर उसी वक़्त मेरा लंड खडा हो गया, मैंने पजामा पहना था तो उभार साफ़ दिख रहा था।

तभी भाभी बोली- प्लेट उठवाओ ना !

मैंने उठवाई और फिर मैं और भाभी खड़े हो गए, भाभी की नज़र मेरे लंड पर थी और मेरा लंड साफ़ दिख रहा था पाजामे में उभरा हुआ !

भाभी की नज़रें उसी पर थी।

फिर मैंने भाभी से कहा- भाभी, मुझे काम है, मैं जाता हूँ !

तो भाभी बोली- ठीक है !

और मैं चला गया।

फिर अगले दिन मैंने मोनिका को मैसेज किया- हाय भाभी !

उसका उसी वक़्त रिप्लाई आया- हाय !

मैंने उससे पूछा मैसेज में- क्या कर रही हो भाभी?

तो बोली- कुछ नहीं अकेली बैठी हूँ, बीते दिनों की याद आ रही है।

मैंने पूछा- बीते दिनों की कौन सी यादें?

भाभी- ऐसे ही जब मेरी शादी हुई थी, उस वक़्त की याद आ रही थी। तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या?

मैंने कहा- अब नहीं है, पहले थी।

तो बोली- क्या क्या किया था गर्लफ्रेंड के साथ?

मैंने कहा- सब कुछ किया हुआ है।

उसने बोला- हाँ वो तो जब तुम मेरे रूम में आये थे तभी मुझे लगा था।

मैं समझ गया कि वो मेरे लंड की बात कर रही है।

मैं- भाभी आपकी शादी बाद तो आपके पति को भी बहुत मजे आये होंगे?

तो बोली- शादी के बाद तो नहीं, पर पहले आये थे।

मैंने उससे कहा- फ़ोन पर बात करें?

उसने कहा- ओके, कॉल करती हूँ।

उसने कॉल किया, उसकी आवाज बड़ी सुरीली थी।

मैंने उसको कहा- भाभी यह शादी से पहले बहुत मजे किये वो मैसेज जो तुमने किया, उसका क्या मतलब?

तब भाभी बोली- हमारी लव मैरिज हुई और शादी से पहले तो ये बड़े ही रोमांटिक थे, कभी लड़ाई नहीं करते थे और कभी मुझसे दूर नहीं जाते थे।

तो मैंने कहा- भाभी आपके बच्चे नहीं हुए? अभी तक शादी को कितना टाइम हो गया?

तो भाभी इस बारे में कुछ नहीं बोली और मुझे कहने लगी- तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ क्या क्या किया, मुझे बताओ।

मैंने कहा- भाभी मैंने उसके साथ सेक्स वगैरा सब किया हुआ है।

तब भाभी बोली- हाय राम कैसे बोलते हो, शर्म नहीं आती क्या?

तो मैंने कहा- इसमें क्या शर्माना?

तो भाभी बोली- मैं तो बहुत अकेली हूँ, ऐसे ही बैठी रहती हूँ मन भी नहीं लगता।

तो मैंने कहा- भाभी मैं हूँ ना, आप मुझसे बात कर लिया करो।

तो भाभी बोली- हाँ अब से ऐसा ही करुँगी।

और हम लोग रोजाना बातें करने लगे और दो-तीन बार बाहर खाना खाने भी गए। एक दिन भाभी को बायो डाटा बनाना था तो वो मेरे कम्प्यूटर पर उसे करने आई और कम्प्यूटर पर काम करने लग गई, मैं टीवी देख रहा था। उस दौरान सुरेश बहुत वक़्त से घर पर नहीं आया था।

और उसी वक़्त भाभी का फ़ोन बजा, भाभी की सहेली का फ़ोन था और भाभी रोने लग गई।

मैंने पूछा- क्या हुआ?

तो बोली- कुछ नहीं !

और रोती-रोती अपने कमरे में चली गयी। मैं भी उनके पीछे गया और बोला- क्या हुआ? बोलो तो सही !

तो बोली- जाओ तुम !

तो मैं उधर से चला आया और 5 मिनट बाद भाभी का मैसेज आया- रूम में आओ।

मैं गया तो भाभी ने बोला- मेरी एक सहेली है, मेरे हसबेंड उसके साथ रहते हैं और उसी को अपनी बीवी मान रखा है।

मैंने कहा- यह तो बहुत बुरा हुआ।

तो भाभी बोली- वो तो किसी और के साथ रहते हैं पर मैं तो अकेली रहती हूँ।

उसी वक़्त मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कहा- तो क्या हुआ? वो भी तो किसी और के साथ सेक्स करने लगे हैं, तुम भी कर लो किसी और के साथ, बात बराबर !

तो बोली- क्या तुम मुझे पसंद करते हो?

मैंने फटाक से हाँ बोली और उसने मेरे होंठों को चूम लिया, मैंने भी उसका साथ दिया और चूसने लगा।

भाभी बोली- आज मैं भी बदला लेकर रहूँगी !

मैंने देरी ना करते हुए उनको अपनी बाहों में ले लिया, भाभी मेरे होंठों को चूसते हुए मेरे बालों में हाथ फिराने लगी और मैंने अपने हाथ उनके ब्रा के अन्दर घुसा दिए। उनकी ब्रा के अन्दर हाथ घुसते ही तो उनकी सिसकारियाँ निकलने लगी ‘आअह्ह्ह्ह आह्ह’ और मैंने जोर जोर से भाभी के चूचों को दबाना शुरु कर दिया। उनके बोबे तो बड़े-बड़े और एकदम सुडौल थे, उस वक़्त मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था, वो मेरे लंड के ऊपर हाथ फिराने लगी और मैंने उनकी ब्रा भी खोल दी उनके बोबे बाहर आते ही उछाल मार रहे थे। वो मेरे लंड पर हाथ फेर रही थी और मैं उसके बोबे चूस रहा था। उसका गोरा-गोरा बदन जिसे कोई भी देख कर चोदे बिना उसे रह ना सके।

मैंने उनकी चूत के ऊपर हाथ लगाया और हाथ अन्दर चड्डी में डाल दिया। उनकी चूत तो एकदम गीली हो चुकी थी, मैं उनकी चूत के ऊपर हाथ घुमाने लगा, मैंने उसकी चूत में उँगली डाली तो देखा कि चूत एकदम एकदम टाइट थी।

वो बोली- थोड़ा सा ऊपर होना !

मैं थोड़ा ऊपर हुआ और उसने मेरा पजामा उतार दिया और चड्डी भी।

मेरा लंड बाहर आते ही उसने मुझे पलंग पर लेटने को कहा, मैं अपना लेट गया और उसने मेरा लंड चुसना शुरू कर दिया।

वो चूसते चूसते बोली- जानू, आपका लंड बहुत बड़ा लग रहा है मुझे, कितने इंच का है?

मैंने कहा- मुझे नहीं पता !

तो वो उठी और इन्चिटेप लेकर आई, उसी के रूम में था। मेरा लंड नापा तो 7 इंच का था।

उसने कहा- मेरे पति का लंड तो 5 इंच का है।

फिर उसने वापस मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया कहने लगी- जानू, मुझे लंड चूसना बहुत अच्छा लगता है।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मैंने उसका मुँह हाथ में लेकर पूरा का पूरा लंड उसके मुँह में दे दिया और उसकी चूत में उंगली करने लगा, वो सिसकारियाँ ले रही थी ‘आह्ह्ह ऊउह्ह्ह जानू और’ लंड चूसने के साथ साथ ही वो ये सब आवाजें निकाल रही थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तभी मैंने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ाई, वो सिकुड़ने लगी, कहने लगी- जान, मेरा पानी निकलने वाला है। रुकना मत प्लीज ! और वो आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह करने लगी। मैंने उसके होंठ चूसने शुरू कर दिया, वो सिसकारियाँ ले रही थी, कहने लगी- जान, निकल रहा है पानी ! जान आअह्ह्ह ! निकल रहा है जान ! गया ! और एकदम से शांत हो गई और मुझे अपने हाथ पर चिपचिपा सा लगने लगा, उसका पानी निकल गया था। फिर मैंने उसके बोबे चूसे और ताकि वो फिर से पानी निकलवाने लायक हो।

तभी वो बोली- जानू, मेरे पति कभी मुझे ऐसे नहीं चूसने देते इतनी देर तक !

मैंने सिसकारिया भरते हुए उसे कहा- तो चूस ना ! आज तो तुझे चूसने को मिल रहा है ना !

वो बोली- आज से मुझे भाभी नहीं मोना या मोनिका ही बोलना।

मैंने कहा- ठीक है।

तभी वो वापस इंची टेप को पकड़ कर मेरे लंड की मोटाई नापने लगी, उसने देखा वो मेरा लंड 3 इंच मोटा था।

उसने मुझसे कहा- तुम्हारा लंड तो आज मेरा चूत के 12 बजा देगा।

तभी मैंने उसे पलंग के पास खींचा और खुद जमीन पर बेठ कर उसकी चूत चाटने लगा, उसकी चूत पूरी गीली थी।

मैंने उसकी चूत के अन्दर जुबान डाली और हिलाने लगा।

वो बोली- उम्म्म्म उम्म्म्म्म बेबी आह्ह्ह … छोड़ो ना अब ! मुझे तड़पाओ मत ! अन्दर डालो ना !

मैंने बिना रुके उसकी चूत की चटनी बनाने की सोच ली थी और चाटे जा रहा था। तभी वो मेरा मुँह चूत के अन्दर घुसाने लगी और आवाजें निकाल रही थी- आअह्ह्ह आह्ह्ह मेरा पानी छुट रहा है !

और उसी वक़्त मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर साथ साथ फिराना शुरू कर दिया। वो मेरा हाथ पकड़ने लगी और कहने लगी- ऊउम्म्म छुट गया !

और एकदम से नीचे झुक गई। अब मैं पलंग पर आ गया और उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखी और अपना लंड एक बार में पूरा का पूरा घुसा दिया। तभी वो मुझे धक्का देने लगी और कहने लगी- आपका बहुत बड़ा है ! मेरी चूत फट जाएगी ! मैं आपका सारा माल चूस कर निकाल दूंगी ना।

मैंने उसके हाथ में अपना हाथ डाल रखा था और जोर जोर से शॉट लगाने कर दिए। वो हर शॉट पे आअह्ह्ह आआह्ह्ह्ह आअह्ह्ह आह्ह्ह करने लगी। मैंने उसके बोबे चूसने शुरू कर दिए, वो कहने लगी- जान, धीरे धीरे करो न ! पहले ही दो बार आपने पानी छुड़वा दिया है।

मैंने होंठों पर होंठ रखे और शॉट लगाने लगा, तभी उसके पैर काम्पने लगे और पच्च -पच्च की आवाजें आने लगी और लंड पर जैसे एकदम किसी ने गरम गरम कुछ डाल दिया हो, ऐसा लगने लगा।

वो मुझे कहने लगी- जानू प्लीज ! अपना माल छोड़ो ना ! मेरा तो कितनी बार निकलवा दिया है आपने !

तभी मैंने अपने शॉट की स्पीड और बढ़ाई और मुझे लगा कि अब मेरा छुटने वाला है तो उस वक़्त मेरे मुँह से हाअह्ह्ह हाह्ह की आवाज आने लगी।

वो मुझे कहने लगी- मेरे मुँह में निकालना पानी !

मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुँह में दे दिया। उसने जोर-जोर से चूसना शुरू किया और मेरे मुँह से ‘हाह्ह्ह मोना ! तेज्ज़ चूस ! और उसके मुँह में ही पानी छुटने लगा। उसने सारा का सारा पानी पी लिया और हम दोनों वैसे ही बिस्तर पर लेट गए।

वो मुझे कहने लगी- जान, आपने मेरी चूत को बहुत अच्छे से चोदा ! आज मजा आ गया !

फिर मैंने उसके होंठ चूसने शुरू किये, साथ में उसकी चूत में भी उंगली डालनी शुरू कर दी।

वो फिर से उत्तेजित होने लगी, उसी वक्त मेरा लंड तो दोबारा कड़क हो गया, इस बार मैंने उसे अपना लंड नहीं चूसने दिया और उसके बोबो को देर तक चूसा, उसके बड़े बड़े बोबे तो मुझे चूसने में आनन्द दे रहे थे, ऊपर से उसकी सख्त निप्पल !

यही सब करते हुए उसकी चूत से पानी फिर से निकलने लगा, वो कहने लगी- जान, इतने महीने से चुदी नहीं हूँ ! सारी कसर एक दिन में निकाल लोगे क्या?

और कहने लगी- उस दिन तुम्हारे पज़ामे में तुम्हारा लंड मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। मेरी चूत में कुछ कुछ होने लग गया था तभी, पर क्या करती, तुम्हारा लंड उस समय कैसे लेती।

मैंने कहा- तुम्हारे चूतड़ भी बहुत अच्छी लग रही थी मुझे ! तुम्हारी गांड देख कर ही लंड खड़ा हो गया था !

तो वो कहने लगी- मुझे उस समय मुँह में लेने का मन होने लगा था।

तभी उसको कहा- मोना, तुम वैसे ही हो जाओ जैसे उस दिन प्लेट उठाने के लिए झुकी हुई थी।

तो वो वैसे ही हो गई और मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया, उसकी चूत गीली थी तो एकदम फट से अन्दर घुस गया और उसके मुँह से आअह्ह्ह की आवाज निकली और मैंने एक जोर से धक्का मारा तो वो गिर गई।उसके सर पर हल्की सी चोट भी लग गई, मैंने उस पर हल्की सी मालिश की हाथ से तो कहने लगी- तुम बहुत अच्छे हो ! और फिर मेरा हाथ पकड़ कर रसोई में लेकर गई।

उसने अपने दोनों हाथ स्लैब पर रख लिए और मेरा लंड पकड़ के चूत पर रखा। मैंने उसको अन्दर धक्का मार दिया, उसकी चीख निकली ‘आअह्ह !’ मैंने फिर से जल्दी जल्दी शॉट लगाने चालू किये, तब वो कहने लगी- जानू ऐसे मेरा पति मुझे कभी नहीं चोदता ! बहुत मजा आ रहा है ना ! मेरा पति मेरी चूत चाट के मेरा पानी छुड़वाता था। आज मुझे तुम्हारा लुंड बहुत पसंद आ रहा है। आह्ह्ह जानू, धीरे धीरे डालो न !

मैंने कहा- करने दे ना, मुझे मज़ा आ रहा है।

मैंने अपने शॉट तेज किए तो बोली- जानू, आअह्ह्ह आअह्ह्ह्ह मेरा फिर से छुटने वाला है रुकना मत ! और वो चूत मेरे लंड पर उछालने लग गई, उसने उसकी चूत के पानी से मेरे लंड को नहला दिया।उसकी चूत बहुत आवाज करने लगी- पच्च पच्च ! मैंने अपना लंड बाहर निकला उसको फिर से चुसाया, उसने पूरा लंड पानी से भरा हुआ साफ़ किया और फिर मुझे कहने लगी- बस ना जान ! हो गया न ! कितना करोगे?

मैंने कहा- मेरा पानी तो छुटने दे ना मोना !

फिर उसने मेरा लंड चूसना शुरु कर दिया। मैंने उसके मुँह से निकाला लंड को और उसे घोड़ी बनने को कहा।

वो बन गई। मैंने इस बार उसकी चूत पर लंड रगडा और उसकी गांड पे अपने दोनों हाथ रख कर उसकी गांड को खोलने की कोशिश की तो उसकी गांड का खड्डा दिखने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने उसकी गांड पर लंड रखा और एकदम घुसाने की कोशिश की लेकिन उसको दर्द इतना हुआ कि नीचे सीधी लेट गई वो और मेरे ऊपर चिल्लाने लगी- साकी ! पागल ऐसे मत कर ! मुझे पीछे बहुत दर्द होता है, आगे ही करो। मैंने उसके उरोज मसलते हुए चुम्बन करते हुए उसे कहा- जाना जानी ! मज़ा आएगा ! करने दे ना !

वो बोली- धीरे धीरे डालना।

मैंने उसके बोबे और पेट पर किस किये और उसको फिर से घोड़ी बनाया और इस बार मैंने तेल लगाया अपने लंड पर और हल्का सा अन्दर घुसाया।

वो- आह्ह्ह ! धीरे डालो ना।

मैंने हल्का सा और अन्दर घुसाया कि फिर से उसकी चीख निकली- आह्ह जानू !

वो बोली- मैंने कभी पीछे लंड नहीं घुसवाया है ! कभी मेरे पति ने डाला ही नहीं !

फिर मैंने कहा- तुम मेरी मर्जी से मुझे करने दो ! और चुपचाप घोड़ी बनी रहो !

वो मान गई। फिर मैंने उसकी गांड की चुदाई की और हर झटके पर वो आह्ह आह्ह्ह कर रही थी। साथ साथ मैं उसकी चूत में उंगली डाल रहा था, वो फिर से झड़ी और मैंने करीबन 20 मिनट तक उसकी गांड मारी। मैंने सारा माल उसकी गांड में ही उतार दिया। हम दोनों वैसे ही सो गए और उसका गांड मरवाने का भी शौक चढ़ गया। अब मैं रोजाना उसकी गांड भी मारता हूँ और चूत भी ! और मैंने उसे अपने घर में फ़ोकट में चुदाई की वजह से एक रूम भी दे रखा है और उसने मेरे लंड से एक बच्चा भी लिया है और आज कल वो प्रेग्नेंट है।

वो कन्ट्रोल से बाहर होकर मुझसे अपने कबूतर दबवाने लगी Uska sex jaag gayaa vo tadapne lagi

माशूका और उसकी सहेलियों की चुदाई, मजेदार चुदाई की कहानी, चूत के साथ गांड की चुदाई, जवान लड़कियों की चुदाई, हिंदी में सेक्स की कहानी, sex story in hindi, दोस्तों के साथ चुदाई, घर से बाहर घुमने के बहाने गांड मारी, चूत चोदी, भूखी शेरनी जैसी लड़की की चुदाई, लंड की प्यासी लड़की, लौड़ा बना उसकी बुर का आशिक, पूरा आनंद लेने के लिए कहानी पूरी पढ़ें.

मैं हिंदी सेक्सी कहानियाँ का बहुत पुराना पाठक हूँ, मैंने बहुत कहानियाँ पढ़ी, फ़िर मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी लिखनी चाहिए और मैंने लिखना शुरु कर दिया। मेरा नाम साहिल खान है, मैं राजस्थान के सिरोही जिले के माउन्ट आबू से हूँ। मेरी हाईट 5 फ़ीट 8 इन्च है, मेरा रंग गोरा है, कुल मिला कर मैं एक स्मार्ट कुंवारा लड़का हूं। मेरी माशूका समीना उदयपुर की और मेरे दोस्त भी उदयपुर से हैं एक नाम रमेश और दूसरे का नाम सुरेश शर्मा। हम तीनों में बहुत गहरी दोस्ती है, हम तीनों की माशूकाएँ एक दूसरी की सहेलियाँ हैं।

एक बार हम सब ने मिल कर घूमने जाने की योजना बनाई तो सभी लड़कियों ने सोच कर जवाब देने को कहा।

मेरी और सुरेश की माशूका मान गई, मगर रमेश की माशूका ने मना कर दिया तो हम सब उदास हो गये और सोचा कि दो की माशूका साथ में रहे और एक को कम्पनी देने वाला कोई ना हो तो अच्छा नहीं लगेगा।

फ़िर मेरे दिमाग में एक योजना आई, मेरी माशूका की एक दूसरी सहेली जिसका नाम कपिला है, उसे साथ लेकर जाने के बारे में सोचा और मैंने इस बात को अपनी माशूका को बताया। तो पहले तो वो नाराज़ हुई मगर मेरे समझाने से मान गई।

अब मैं बहुत खुश था क्योंकि कपिला को मैं पहले से चोदना चाहता था।

हमने रात की ट्रेन का रिजरवेशन लिया और ट्रेन में हमने सबने मिल कर खूब मस्ती की, मगर फ़िर धीरे धीरे डिब्बे की लाईट बन्द होने लगी और हमारा ग्रुप भी सोने की तैयारी करने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरी बर्थ सबसे ऊपर थी और कपिला की सबसे नीचे !

सब अपनी अपनी बर्थ पर जाकर सोने लगे, मैं भी अपनी बर्थ पर चला गया। काफ़ी देर सोने की कोशिश के बाद भी मुझे नीन्द नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा टोयलेट हो कर आता हूँ !

जब मैं फ़्रेश होकर आया तो देखा कपिला भी अपनी बर्थ पर बैठी हुई है।

तो मैंने पूछा- क्या बात है कपिला? नीन्द नहीं आ रही क्या?

तो वो मुस्कराईं और कहा- क्यूँ? आपको कौन सी आ रही है?

इस बात पर मैं भी हंस दिया। फ़िर उसने जो कहा, मेरा दिल भी वही चाह रहा था, उसने कहा- साहिल बैठो ना ! बातें करते हैं।

फ़िर क्या था, मैंने भी उसके पास जाकर अपना डेरा डाल दिया। रात को ठंड बहुत थी और उसने एक गर्म चादर औढ़ रखी थी तो उसने मुझे भी उसके अन्दर आने को कहा।

मैंने भी वो चादर औढ़ ली, अब हम दोनों आजकल के प्यार के बारे में बात करने लगे, उसने मुझे बातों ही बातों में पूछ लिया कि आपने और समीना ने कभी सेक्स किया है क्या?

मुझे कपिला से ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी, फ़िर मैंने भी जवाब दिया- नहीं ! खाना तो नहीं खाया मगर कभी कभी नाश्ता कर लेता हूँ !

तो वो मेरे इस जवाब पर हंसने लगी और कहने लगी- साहिल, यह कोड वर्ड वाली भाषा नहीं चलेगी !

मैं समझ गया कि यह मुझसे खुल कर बात करना चाहती है। मैं आपको कपिला के बारे में बता दूँ कि कपिला एक अप्सरा से कम नहीं लगती। मैंने जब भी कपिला को पहले देखा है समीना के साथ तो घर आकर उसके नाम की मुठ जरुर मारी है।

तो मैंने भी शर्म को छोड़ दी, बेशर्म हो गया और बोला- मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसके बूब्स के साथ खूब खेला हूँ मगर उसने कभी चोदने नहीं दिया।

मेरे चोदने वाले शब्द के लिये वो तैयार नहीं थी, वो शर्म से लाल हो गई।

फ़िर मैंने पूछा- कपिला, तुमने कभी सेक्स किया है क्या?

तो उसने मुझे कुछ भी जवाब नहीं दिया और चुप हो गई।

मैंने कहा- कपिला, यह जायज बात नहीं कि मैं तुम्हें सब बातें बताऊँ और आप मुझसे छुपाओ !

फ़िर उसने भी बोला- साहिल, मैंने कभी सेक्स किया तो नहीं मगर ब्लू फ़िल्म औरहिंदी सेक्सी कहानियाँ की बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी हैं।

अब मुझे लगा कि कपिला के मन में भी वही है जो मेरे मन में है। मैंने हल्के से उसकी जांघों के ऊपर हाथ रखा, उसने मुझे कुछ नहीं कहा और हम दूसरी बातें करते रहे। अब मेरा दिमाग उन बातों में न होकर उसके जिस्म को छूने में था, मैंने भी अब अपना हुनर दिखाना शुरु कर दिया। अब मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरु किया, उसने अपनी आँखें बन्द कर ली थी।

मैंने अब उसके टॉप में हाथ डाल दिया और उसके पेट पर हाथ घुमाने लगा, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। मैं समझ गया कि अब मेरा काम हो जायेगा।

तभी मैं उसके पेट से हाथ हटा कर उसके वक्ष पर ले गया। उसने टाईट ब्रा पहन रखी थी, मैंने अब ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाना शुरु किया। अब वो कन्ट्रोल से बाहर हो रही थी और खुद अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपने कबूतर दबवा रही थी।

अचानक ही उसने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे होंठों पर जोर से चूमना शुरु कर दिया। पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि क्या हुआ, मगर बाद में मैंने भी कस कर उसके लबों को चूसना शुरु कर दिया। अब मेरा लन्ड जो 8 इन्च का है, एकदम लोहे की तरह कड़क हो गया।

अब कपिला मेरे लन्ड को पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगी। मैंने भी अब उसकी छाती से हाथ हटा कर उसकी पेन्टी में डाल दिया। अब वो पागलों की तरह मुझे चूमने लगी। मैंने उसकी चूत के अन्दर उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगा। उसने मेरी पैन्ट की जिप खोल कर मेरे लन्ड को बाहर निकाला जो बाहर आने के लिये बेताब था, वो मेरे लन्ड को अपने होंटों के बीच लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी। अब मेरी हालत खराब होने लगी अब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं उसका मुँह हटाने लगा मगर वो हटने के लिये तैयार नहीं हुई और कुछ ही वक्त के बाद उसका मुँह मेरे वीर्य से भर गया।

मैं यह देख कर हैरान हो गया कि उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया और मेरे लन्ड को चाट कर साफ़ कर दिया।

उसने मेरे कान में कहा- मैं टोयलेट में जा रही हूँ ! आप भी आ जाओ।

वो टोयलेट में गई, मैंने अपने कपड़े सही किये और पूरे डिब्बे में देखा कि कोई जाग तो नहीं रहा है। मैंने देखा कि सब सो चुके थे, अब मैं भी टोयलेट की तरफ़ गया और अन्दर घुस गया। मेरे अन्दर जाते ही कपिला भूखी शेरनी की तरह मुझे पकड़ कर मेरे कपड़ों को निकालने लगी। उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया, मैंने भी उसके कपड़े उतारने शुरु किये और उसे पूरी नंगी कर दिया। अब बारी मेरी थी उसकी चूत चाटने की, मैंने उसका एक पैर ऊँचाई पर रखवाया और घुटनों के बल बैठ कर उसकी गुलाब की पंखुड़ियों जैसी चूत को मैंने अपनी जुबान से चाटना शुरु किया और वो मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाने लगी। मुझे लगता है वो पहले से झड़ चुकी थी क्योंकि उसकी चूत से एक अलग सी खुशबू आ रही थी। मैंने भी जोर से चूत चाटना जारी रखा।

वो मुझे जोर से दबाने लगी, मैं समझ गया कि अब वो खाली होने वाली है और उसकी चूत ने मेरे मुँह में नमकीन सा पानी छोड़ दिया। मैंने भी चाट चाट कर उसकी चूत को साफ़ कर दिया। अब फ़िर उसने नीचे झुक कर मेरे लन्ड को अपने मुँह में ले लिया।

जब मेरा लन्ड एकदम कड़क हो गया तो कपिला बोली- साहिल, अब मेरी प्यास बुझा दो !

मैंने भी रुकना सही नहीं समझा और उसे कमोड पर बिठा के उसके दोनों पैरों को चौड़ा किया और उसकी चूत पर बहुत सारा थूक लगाया और अपने लन्ड को भी पूरा थूक से गीला किया।

अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कन्धों पर रखा और लन्ड को उसकी चूत पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लन्ड आधा उसके अन्दर चला गया उसकी चीख निकल गई मगर मैंने पहले से ही उसके होंटों को अपने होंटों से दबा रखा था इसलिये उसकी चीख अन्दर ही दब कर रह गई। अब वो मुझसे छुटने की कोशिश करने लगी मगर मुझे पता था कि अब अगर यह हाथ से निकल गई तो दुबारा नहीं चुदवायेगी इस लिये मैंने अपनी पकड़ को ढीला नहीं होने दिया और उसके उरोजों को मसलना शुरु किया।

कुछ देर के बाद उसने सिसकारियाँ लेना शुरु की तो मैं समझ गया कि लोहा गर्म है, मैंने एक और जोरदार शोट मारा और मेरा पूरा 8 इन्च का लन्ड उसकी चूत में समा चुका था। इस बार भी उसने इतनी जोर से चीख मारी कि अगर उसके होंट मेरे होंटों में दबे ना होते तो शायद पूरा डिब्बे के यात्री जाग जाते।

मैंने उसकी चूत को देखा तो वहाँ से खून निकल रहा था और उसकी आँखों में आँसू आ गय थे। मगर मैं जानता था कि पहले दर्द होता है और फ़िर मज़ा आता है, इसलिये मैंने उसको ऐसे ही रहने दिया और उसके दूधों को मसलना जारी रखा।

कुछ देर बाद वो खुद अपनी गान्ड उठा कर झटके देने लगी, मैं समझ गया कि अब रास्ता साफ़ है और मैंने भी अपने लन्ड को आगे-पीछे करना शुरु किया।

मैंने अपने होंटों को उसके होंटों से हटा कर उसके बूब्स को चुसना शुरु कर दिया। अब उसे इतना मज़ा आने लगा कि वो खुद कहने लगी- ओ साहिल ! और जोर से ! और जोर से चोद मुझे !

मुझे भी जोश आने लगा और मैं भी डबल स्पीड से धक्के मारने लगा, और वो इतनी गर्म हो गई थी कि यह भी भूल गई कि वो उसके बेडरुम में नहीं ट्रेन के टोयलेट में है।

मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा तब जाकर कपिला को ऐहसास हुआ कि वो कहाँ है, और मैंने उसे कहा- मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ छोड़ूँ?

उसने कहा- अन्दर ही छोड़ दो कब से प्यासी है मेरी चूत !

और फ़िर दो चार धक्कों के बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में डाल दिया और वो भी झड़ गई, उसने उठ कर मुझे गले लगा कर एक जोरदार किस किया और कहा- साहिल, आई लव यू ! आज के बाद मैं तुम्हारी हूँ ! जब मन करे मुझे चोद लेना ! आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। और हम दोनों साफ़ होने के बाद कपड़े पहन कर पहले वो बाहर निकली और कुछ देर के बाद मैं निकला।

शुक्र था कि किसी ने हमें ना तो अन्दर जाते देखा और ना बाहर आते !

मैंने अपनी पहली कहानी लिखी है, आगे भी लिखता रहूँगा।

सुहागरात के सीन वाली सेक्सी फ़िल्म ने काम बना दिया Blue film ne use chudne ke liye tadpa diya

सुहागरात के सीन वाली सेक्सी फ़िल्म ने काम बना दिया, Blue film ne use chudne ke liye tadpa diya, सुहागरात की फिल्म दिखाकर चोदा, ब्लू फिल्म दिखाकर की चुदाई, मूवी दिखाकर चूत चोदी, गन्दी विडियो दिखाई और चोद दिया. गर्लफ्रेंड को खुश किया चोदकर, होठ चुसे और लंड चुसाया, दिन में भी और रात में भी चोदा.

मेरा नाम पटेल राज है। मैं अहमदाबाद (गुजरात) का रहने वाला हूँ। मैं अभी २० साल का हूँ। मुझे हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट की सारी कहानियाँ बहुत अच्छी लगी। ये सब पढ़ने के बाद मुझे मेरी कहानी लिखने का मन किया सो मैं लिख रहा हूँ। यह कहानी मेरी और मेरी गर्लफ़्रेन्ड की है, जब हम पढ़ते थे। शिवानी उसी साल हमारे वर्ग में नई-नई आई थी। मैं सीधा-साधा सा लड़का था। पर पढ़ने-लिखने में अपने वर्ग में सबसे तेज था। शिवानी भी पढ़ाई के मामले में बहुत अच्छी थी। जल्द ही हम दोनों में दोस्ती हो गई।

अब मैंने उसे अलग नजरों से देखना शुरू कर दिया था। शायद वह मेरी नजरों की भाषा समझ रही थी। हम दोनों एक दूसरे से मिलने जुलने लगे थे। वह जवानी की दहलीज पर कदम रख चुकी थी। जब भी मैं उसके उभरे संतरे जैसे चूचियों को देखता था तो मेरे मन में एक ही ख्याल आता था कि अभी जाकर उनका सारा रस निकालकर पी जाऊं। स्कर्ट पहने हुए उसकी कमर एवं जांघों को देखकर मुंह में पानी आ जाता था। वह कभी भी अपने होंठो पर लिपस्टिक नहीं लगाती थी, फिर भी उसके होंठ गुलाबी लगते थे। हर वक्त उसके होंठों को चूसने का दिल करता था।

एक दिन मैंने हिम्मत जुटा कर उसे लंच ब्रेक में अलग ले जाकर उसे कह दिया- मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। पहले वह घबराई पर कुछ सेकंड के बाद वह मुस्कुराते हुए वहां से भाग गई। मैं समझ गया कि "लड़की हँसी मतलब फँसी"। फिर क्या था हम दोनों एक दूसरे को चोरी-चोरी नजरों से देखने लगे। मौका मिलते ही उसकी गोल छोटी-छोटी चूचियों को दबा देता। इसी तरह कई महीने गुजर गए। बस चुदाई के मौके की तलाश कर रहा था। कभी-कभी वह अपने सहेलियों के साथ मेरे घर पर भी आ जाती थी।

एक दिन अच्छा मौका मिला, पापा रोज की तरह अपने काम पर और मम्मी और बहन मेरी बुआ के घर चली गई थी। इत्तेफाक से वह रविवार का दिन था। मैंने उसे बहाने से बुलाया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। वह अकेले ही मेरे घर आई। जैसे ही मैंने दरवाजा खोला मैं उसे देखकर सुन्न रह गया। उसने गुलाबी सूट पहन रखा था, जिसमें वह बहुत सुंदर लग रही थी। वह मुझे देखकर हँसी और घर के अन्दर आ गई। कुछ देर बाद हम दोनों मेरे बेडरूम में एक ही बेड पर लेटकर फ़िल्म देखने लगे।

फिर मेरे मन में एक शरारत सूझी, मैंने उठकर एक सेक्सी फ़िल्म लगा दी। जिसमे एक सुहागरात का सीन आ रहा था। वह पेट के बल लेट कर फ़िल्म देखने लगी। जिससे उसकी चुचियां बेड पर दब रही थी। फिर मुझे ऐसा महसूस हुआ कि फ़िल्म देखकर उसे भी कुछ हो रहा था।

अचानक उसने मुझसे पूछ लिया- तुमने यह सब किया है कभी?

मैंने अनजान बन कर पूछा- क्या ?

उसने कहा- यही जो इस वक्त टीवी में दिख रहा है।

मैंने कहा- नहीं ! जो कि सही था।

मैंने पूछा- क्या तुमने ?

वह शरमाते हुए बोली- नहीं।

फिर मैं थोड़ा हिम्मत करके बोला- चलो आज हम दोनों करके देखते हैं।

यह सुनकर वह उठ कर बैठ गई और बोली- मैं तो ऐसे ही कह रही थी, नहीं, यह सब ठीक नहीं है।

मैंने कहा- तो सीखेंगे कब ?

वह बोली- नहीं, इसमें बहुत दर्द होता है।

मैंने कहा- तुम्हें कैसे पता ?

वह बताने लगी कि उसकी सहेली ने बताया था जब उसकी शादी हुई थी।

फिर मैंने कहा- शुरू में थोड़ा दर्द होता है, फिर बहुत मजा आता है, मैंने किताब में पढ़ा था।

उसने कहा- तुम बहुत गंदे हो, कहकर सर को झुका लिया।

बस फ़िर क्या था, मैंने आगे बढ़कर उसके हाथों को चूम लिया, फिर उसके गुलाबी और कोमल होंठों को अपने होंठों से सटाया तो उसकी गर्म साँसे महसूस हुई जोकि काफी तेज चल रही थी। उसके होंठों को करीब १० मिनट तक चूसता रहा। वह भी अपनी जीभ मेरे मुंह में डालकर चाट रही थी। फिर मेरे हाथ उसके सर पर से सरक कर उसके चूचियों पर आ गए। जब मैंने उसकी चूचियों को हाथों से दबाया तो वह सिसिया कर बोली- नहीं राज, आज नहीं ! आज मुझे बहुत डर लग रहा है।

मैंने उसकी एक न सुनी और धीरे धीरे उसके सू्ट को खोलने लगा। कुछ देर बाद उसके बदन पर केवल पैंटी और छोटी सी ब्रा ही बच गई। फिर मैंने उसके गले पर चूमते हुए उसके पीछे जाकर ब्रा के हुक खोल दिए। वाह, क्या नज़ारा था। वह मेरे सामने लगभग नंगी खड़ी थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब मैं इसके साथ क्या करूँ।

वह केवल सर झुकाए खड़ी थी। फिर मैं आगे जाकर उसके चूचियों को धीरे धीरे मसलने लगा जिस कारण उसकी छोटी सी निप्पल कड़ी लगने लगी थी। उसके निप्पल को अपने जीभ से चाटने लगा जिससे उसके मुंह से सी……सी….की आवाजें आने लगी थी। मैं समझ गया कि अब वह गरम होने लगी है।

फिर अचानक मैंने उसके हाथ अपने 8 इंच खड़े लण्ड पर महसूस किया जो उसे पैंट के ऊपर से ही सहला रही थी। मैंने फट से अपने पैंट और अंडरवियर खोल दिया। वह मेरे लण्ड को आगे पीछे कर रही थी और मैं उसके चूचियों को बारी बारी से कुत्ते की तरह चाट रहा थ। फिर मैंने उसे घुटने के बल बैठाया और अपने लण्ड को चाटने को कहा। पहले तो उसने मना कर दिया पर मेरे जोर देने पर अपने कोमल होंठ मेरे लण्ड पर रख दिए। फिर धीरे धीरे उसे अपने मुंह में अन्दर बाहर करने लगी। पहली बार कोई मेरे लण्ड को अपने मुंह से चाट रही थी। मानो एक अजीब सी दुनिया में अपने आपको महसूस कर रहा था।

धीरे धीरे उसकी स्पीड बढ़ रही थी। एक समय ऐसा लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ। मैंने फट से लण्ड को बाहर निकाला और शिवानी को बेड पर लेटा कर उसके पैंटी को खोल दिया। उसके बिना बाल वाले चिकनी चूत को देखकर मैं बेकाबू हो गया। मैंने उसके बूर पर हाथ फेरते हुए एक ऊँगली बूर में डाल दिया। जिससे उसके सिसकारियां निकल पड़ी। धीरे धीरे उसकी बूर से पानी निकलना शुरू हो गया। मैं अपना मुंह उसकी बूर पर रखकर चाटने लगा। कभी कभी अपने जीभ उसके बूर में भी डाल देता जिससे वह चीख पड़ती।

करीब १५ मिनट यह काम चलता रहा। अबतक तो मेरा लण्ड गर्म होने जैसा हो गया था। अब मैं उठा और उसके गांड के नीचे एक तकिया रखकर उसके ऊपर आ गया। अपनी ऊँगली को ३ बार अन्दर बाहर किया। फिर लण्ड को बूर के पास ले जाकर अन्दर डालने की कोशिश की पर नाकाम रहा। अगली बार फिर से कोशिश की तो थोड़ा सा लण्ड बूर में जा सका जिससे उसकी चीख निकल गई।

नहीं.. नहीं…. प्लीज…. बाहर….. निकालो की आवाज़ करने लगी। और करती भी क्या मेरा शेर 8" लम्बा जो था। मैंने फट से अपना हाथ उसके मुंह पर रख दिया। कुछ सेकंड के बाद जोरदार धक्के के साथ उसकी बूर की झिल्ली को फाड़ते हुए मेरा लण्ड उसकी बूर में पूरा के पूरा समां गया। जिससे उसकी भयानक चीख निकली पर मुंह बंद होने के कारण आवाज़ घर के बाहर नहीं जा सकी।

वह एक बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और मुझे धक्का देने की कोशिश करने लगी। मैंने उसे जोरदार मजबूती से पकड़ रखा था जिसके कारण वह नाकाम रही। उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। कुछ समय के बाद उसकी तड़प में कमी आई तो मैंने मोर्चा संभाला और शोट लगना शुरू कर दिया। अभी भी उसकी बूर बहुत टाइट थी जिस कारण मैं लण्ड को आसानी से अन्दर-बाहर नहीं कर पा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि कोई चीज मेरे लण्ड को चारों ओर से कसे हुए थी। मैंने महसूस किया कि कोई गर्म सी चीज मेरे लण्ड को जला रही है। जब मैंने देखा तो सु्न्न रह गया।

मैंने देखा मेरे लण्ड के चारों ओर से बूर में से खून निकल रहा था। मैंने डर कर लण्ड को बाहर निकाल लिया तो शिवानी ने कहा- यह क्या कर रहे हो। प्लीज उसे अन्दर डालो और पेलो। वह बार बार कहने लगी- चोदो ! प्लीज़ चोदो, जल्दी चोदो।

मैंने अपना लण्ड फिर से संभाला और जोर से धक्का लगा कर पूरा लण्ड बूर में डाल दिया। जिससे उसकी चीख निकली पर वह दर्द को सहन कर रही थी। बस पागलों की तरह कह रही थी –फक मी, फक मी, प्लीज चोदो, और जोर से चोदो राज। काम ओन और जोर से।

मैंने भी धक्का लगाना तेज कर दिया था। उसकी आवाजें साफ साफ नहीं निकल रही थी। चूंकि हम दोनों की यह पहली चुदाई थी इसलिए हम दोनों जल्द ही झड़ गए थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने अपना सारा माल उसकी बूर में ही डाल दिया था। मैं पूरी तरह से थक गया था सो उसकी चूचियों पर सर रखकर लेट गया था। करीब ३० मिनट के बाद हम दोनों उठे पर शिवानी ठीक से चल नहीं पा रही थी। मैंने उसे सहारा देकर बाथरूम में ले जाकर नहलाया और ख़ुद भी नहाया।

बाथरूम में अपने बूर और मेरे लण्ड पर लगा खून देखकर शिवानी चौंक गई। फिर मैंने उसे समझाया कि यह तेरी बूर का खून है। क्योंकि तुमने पहली बार सेक्स किया है। पहली बार सेक्स करने पर खून निकलता है। अब तुम्हारी बूर का रास्ता खुल गया है। जब वह बाथरूम से आई तो बेड पर खून देखकर बोली- इतना सारा खून !

फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए। हम दोनों करीब २ घंटे तक बात करते रहे और खाना खाया। जब वह कुछ नोर्मल हुई तो अपने घर चली गई। इसके बाद २ बार और शिवानी की चोदाई कर चुका हूँ। अभी हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ रहे हैं। शिवानी की और कई सहेलियों को मैंने मेरे 8" के मजे दिए हैं।

मैं जब भी नेट पर कहानियाँ पढ़ता हूँ तो मुझे वह दिन याद आ जाता है। वह दिन मैं कभी नहीं भूल सकता।

यह कहानी आपको कैसी लगी प्लीज लिखिए ! मुझे आपके प्यार का बेसब्री से इन्तेजार रहेगा !
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