आंगनबाड़ी में मटकती गांड वाली की चूत चुदाई Aanganbadi me matakti gand wali ki chut ki chudai

आंगनबाड़ी में मटकती गांड वाली की चूत चुदाई Aanganbadi me matakti gand wali ki chut ki chudai, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

कुलसुम आंटी की गांड का हर कोई दीवाना था, वो जब भी मोहल्ले के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने आती तो सब लौंडों के दो तीन दिन तक मुठ मारने की यादें इकट्ठी हो जाती थीं. मैं भी कुलसुम आंटी की गांड का मुरीद था क्यूँकी मैंने चूत का स्वाद तो कई बार लिया था लेकिन गांड मारने का मौका अब तक किसी भाभी या दीदी ने नहीं दिया, उस पर कुलसुम आंटी के चुचे भी इतने बड़े और रसीले थे की कोई भी उनका स्वाद लिए बिना नहीं रह पाता. कुलसुम आंटी हमारे मोहल्ले के पीछे वाली गली में आंगनवाडी चलती थीं और उनका एक एन जजी ओ भी था, उनके पति कुवैत में नौकरी करते थे और परिवार भी ठीक ठाक ही था. लेकिन उन्होंने बुरे समय में शुरू की इस आंगनवाडी को कभी बंद नहीं किया बल्कि उसकी आड़ में और काम भी शुरू कर दिए.

एक दिन कुलसुम आंटी की स्कूटी चलते चलते बंद हो गई तो उन्होंने खुद मुझे आवाज़ लगा कर कहा “पप्पी !! बेटा ये गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही” मैं तो आधी रोटी पर दाल ले कर दौड़ा पर वहां जाते ही पता चला की इस में तो पेट्रोल ही खत्म है. आंटी ने मुझे चूतिया बनाया और अपनी आंगनवाडी तक गाड़ी घसीटवाई, वहां पहुँच कर गाडी मैंने अन्दर भी रखवाई और जब मैं थक गया तो कुलसुम आंटी मेरे लिए पानी का गिलास ले कर आई. वो जब पानी लेने गई और जब गिलास रखने झुकी तो मेरी नज़र उनकी गांड और बड़े बड़े चूचों पर थी, हो भी सकता है की उन्होंने नोटिस कर लिया हो पर मैं खुद को श्याना समझ रहा था.

कुलसुम आंटी ने मुझे कहा “बेटा अब तू आ ही गया है तो ये हमारे कंप्यूटर को क्या हुआ वो भी देख ही ले” मैंने मन ही मन सोचा “साली इतने काम करवा रही है तो कुछ दे भी दे”. कुलसुम आंटी ने मुझे कंप्यूटर ठीक करने बिठाया और खुद किसी से फ़ोन पर बातें करने लगीं, मैं बुरा सा मुंह बना कर कंप्यूटर से जूझ रहा था क्यूंकि एक तो वो बाबा आदम के ज़माने का कंप्यूटर था और दुसरे मेरा सारा ध्यान कुलसुम आंटी की मटके जैसी गांड और मतीरों जैसे चुचों पर थी. मैं श्योर था की कुलसुम आंटी का ध्यान मेरी तरफ नहीं है सो मैंने हौले से अपने खड़े होते लंड को जीन्स में ही सीधा किया, कुलसुम आंटी ने कहा “हो गया बेटा” तो मैं घबरा गया और उनकी तरफ देखने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

कुलसुम आंटी बोली “मैं कंप्यूटर की बात कर रही थी” मैंने बस हाँ में सर हिलाया तो बोली “सीधा मत बन मैंने तुझे मेरे चुचों और गांड को घूरते देख लिया और जो अभी अभी तू अपने नन्हे सैनिक को मसल रहा था ना वो भी देख लिया” मैंने हडबडा कर कहा “मसल नहीं रहा था बस सीधा कर रहा था, वो जीन्स में अन कम्फ़र्टेबल हो जाता है न इसलिए”. मेरी ये बात सुन कर कुलसुम आंटी हंस पड़ी और बोली “इतना बड़ा भी हो गया की जीन्स में फंस रहा है, खैर अब तू पकड़ा तो गया ही है. तो बता तेरी ये बात तेरी माँ को बताऊँ या तेरे बाप को”. मेरी तो घिग्घी बांध गई और मैंने फटाक से कुलसुम आंटी के पैर पकड़ लिए और गिडगिडाने लगा “आंटी मुझे माफ़ कर दो, वो तो मोहल्ले के लड़कों ने आपके चुचों और आपकी मटकती गांड की इतनी तारीफ़ कर दी तो मैं घूरे बिना रह नहीं पाया, और जैसे ही आपके चुचे इतने करीब से देखे तो बस ये खड़ा हो कर जीन्स में फंस गया”.

कुलसुम आंटी सुने जा रही थी और हँसे जा रही थी, मैं यहाँ चूतियों की तरह बस मुंह नीचे किए खड़ा था और माफियाँ मांग रहा था पर तभी कुलसुम आंटी ने मेरी ठोड़ी पकड़ कर ऊपर की और कहा “एक तू ही नहीं इस जिस्म के कई दीवाने हैं पर अब तो मैं ढलने लगी हूँ”. मैंने कहा “सॉरी आंटी” तो कुलसुम आंटी ने कहा “चल तू भी क्या याद रखेगा की किस दिलदार से पाला पड़ा था, मेरे चुचे तेरे हवाले, और अगर खुश हुई तो ये गांड भी तेरी. वैसे भी तेरे अंकल तो जाने कब आएँगे”. मैं अब भी डरा हुआ था क्यूंकि क्या पता अभी कह रही है और थोड़ी देर में मेरे माँ बाप को ना बुलवा ले, पर जैसे ही कुलसुम आंटी ने मेरा हाथ अपने चुचे पर रखा मेरा डर निकल गया और मुझे उन्हें चेक करने को कहा.

मैं कुलसुम आंटी के मतीरे जैसे बड़े बड़े चुचे सहला रहा था और वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी, मैंने उनकी निप्पल को छुआ तो बोली “तुझे आता तो सब कुछ है, चल अब तेरा इनाम ये है की तू इन्हें पी भी सकता है”. ये कहकर कुलसुम आंटी ने अपना ब्लाउज और ब्रा खोल कर अपने चुचे आज़ाद कर दिए, वो मेरी सोच से काफी बड़े थे और उम्र के हिसाब से काफी हद तक ढलने भी लगे थे लेकिन मैंने उन पर अपनी जीभ का ऐसा भोकाल मचाया की कुलसुम आंटी बावली हो गई. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अपने दोनों हाथों से उनके सांवले चुचे मसलते हुए मैं उन्हें पिए जा रहा था, कभी निप्पलों पर चिकोटी काटता तो कभी पूरे का पूरा चुचा मुंह में लेने की कोशिश करता.

कुलसुम आंटी मस्त हो कर अपने चुचे चुसवा रही थी और एक हाथ से अपनी चूत मसल रही थी, मैंने उनका पेटीकोट उठा कर उनकी चूत को चूमा तो बोली. ये भी दूंगी लेकिन आज तेरी इस मेहनत के बदले तुझे वही चीज़ मिलेगी जो तू चाहता है आयर फिर क्या था, कुलसुम आंटी ने पेटीकोट पूरा उठा कर मुझे अपनी भरी हुई मदमस्त गांड दिखलाई जिसका छेड़ बाद तो था लेकिन मेरे लंड के लिए नया था. कुलसुम आंटी अपने आंगनबाड़ी के ऑफिस में ज़मीन पर ही घुटने रख कर बैठ गई और ऐसी झुकी की उनकी गांड का छेड़ ऊपर आ गया, मैंने उनकी गांड देखि उस पर जमकर चूमा और खींच खींच के दो तीन चांटे उनकी गांड पर मारे.

कुलसुम आंटी ने हाथ बढ़ाकर टेबल से अपना बैग लिया और उस में पड़ी कोल्ड क्रीम की छोटी सी डिब्बी मुझे दे कर इशारा किया, मैंने थोड़ा अपने लंड पर लगाया और बाकी का सारा का सारा क्रीम उनकी गांड के छेड़ के बाहर और अन्दर भी अपनी ऊँगली से पेल पेल कर लगा दिया. मेरी ऊँगली कुलसुम आंटी की गांड में जाते ही वो चिहुँक उठी और बोली “अब बिना मुझे दिखाए अपना लंड पेल दे मेरी गांड में”, मैंने आनन् फानन में उनकी गांड पर अपना लंड टिका कर जोर का धक्का मारा और घप्प से मेरा लंड उनकी गांड में पैवस्त हो गया. कुलसुम आंटी इतने जोर से चीखी “मरदूद दो लंड डाले हैं क्या एक साथ” मैंने हँसकर कहा “आंटी एक ही है” तो बोली “इतना बड़ा था तो पहले ही देख के लेती”.

मैं कुलसुम आंटी की गांड में लंड पेल कर दनादन धक्के पे धक्का पेल रहा था और कुलसुम आंटी गांड मटका मटका कर चीखे जा रही थी “उफ़ बेटा तूने तो मेरी गांड में कारखाना खोल दिया लगता है, ऊऊह्ह्ह हाय मार डाला” उनकी हर चीख मेरे लिए मोटिवेशन का काम कर रही थी और मेरे धक्के और तेज़ होते जा रहे थे. अब तो मानो आंटी किसी घायल पंछी की तरह चीख रही थी क्यूंकि एक तो मेरा लंड मोटा और दुसरे मेरे धक्के तेज़ तो आंटी की गांड का गुडगाँव बनना तो निश्चित था ही. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरे धक्कों की तेज़ी के साथ मेरा वक़्त भी पूरा होने जा रहा था लेकिन मैंने इसे और मजेदार करने के लिए अपनी गांड में एक पेन टेबल से उठाकर घुसा लिया जिस से मेरे अन्दर एक गज़ब की किंकी एनर्जी आ गई और आंटी की गांड पर मेरे लंड का कहर बढ़ गया.

हम दोनों पसीने पसीने हो रहे थे और आंटी की चीखें कम होने का नाम ही नहीं ले रही थी, मैंने एक आखिरी झटका मारा और अपना पूरा वीर्य आंटी की गांड में भर दिया जो शायद उनकी घायल गांड के लिए गरमा गरम मलहम की तरह था क्यूंकि वीर्य से भरी उनकी गांड शांत पड़ी थी. आंटी ज़मीन पर उलटी लेती जोर जोर से साँसें ले रही थी, और मैं भी थक कर आंटी पर ही लेट गया तो वो पलटी और मेरे होठों को चूमकर बोली “बेटा तू ही असल मर्द है जिस ने मेरी गांड को वही मज़ा दिलवाया है जो मुझे पहली बार गांड मरवाने में आया था”. मैं खुश हो कर उनके होंठों को चूस रहा था और उनके चुचे मसल रहा था तो वो बोली “गांड तो तूने बहुत अच्छी मारी है अब मेरी चूत को भी चोद चोद के चौराहा बना दे”. इसके बाद मैंने उनकी चूत को उसी दिन तीन बार चोदा और हर हफ्ते में तीन चार बार उनकी चूत और गांड पर अपने लंड का जलवा ज़रूर दिखाता हूँ.

दुनियां से रिश्ता तोड़ा बस उसका लंड प्यारा लगे Duniya se rishta toda bas uska lund pyara lage

दुनियां से रिश्ता तोड़ा बस उसका लंड प्यारा लगे Duniya se rishta toda bas uska lund pyara lage, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

नमस्कार दोस्तों,मेरा नाम छाया है और दिल्ली की रहने वाली मस्त जवान लौंडिया हूँ फिलहाल मेरी सारी सहेलियां मुझे लंड की दीवानी कहकर बुलाती हूँ इसीलिए अब आपकी मर्ज़ी आप मुझे क्या बुलाना चाहोगे | मैं पहले से ऐसी नहीं थी बल्कि अपनी सारी काम क्रियाओं को गुप्त रखती थी और अकेले में ही गाजर – मूली को अपनी चुत में देकर संतुष्ट हो जाया करती थी | 

मेरी जिंदगी ने नया मोड तब ले लिया जब मेंरी मुलाकात एक विक्की नाम के लड़के से हुई जो मेरे कॉलेज का पढ़ने वाला था | ऐसे तो मेरी जवानी पर लाखों लड़के फ़िदा थे, पर एक विकी ही ऐसा था जो मुझे पसंद आया | जैसे की आप को पता चल गया होगा आखिरकार विक्की ने भी मुझसे जब अपनी पसंद का इज़हार किया तो मैंने हामी भर ली |अब मैं अकसर विक्की के साथ ही कॉलेज में अपना सारा दिन बिताती जिसके कारण मैं अपने अद्यापकों के सामने काफ़ी बुरी तरह से बदनाम भी हुई पर वो क्या जानते थे जो मेरी चुत में आग लगी थी | 

विक्की मुझे अकसर अपनी गाडी में बाहर लेकर जाता मेरे साथ चुम्मा – चाटी भी करता बस कसर रह गयी थी तो मेरी चुत मारने की | शायद वो पगलू भी समझाता था की मैं अंदर से उसके लंड और नाचते हुए उसके लाल सुपाडे के लिए कितना तरस रही थी | आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। एक दिन विक्की मुझे अपनी गाडी में बिठाकर कहीं ले जा रहा था और मेरे पूछने पर उसने बताया की वो मुझे आज एक हसीन तौफा देने वाला है | उसने अपनी गाडी एक होटल के नीचे लाकर रोक दी तभी मैं समझ गयी की आई अब मेरी चुत की बारी | होटल में ले जाते हुए हम पहले दोनों मिलके हाथ – मुंह धोकर ताज़ा हो गए और दोनों बिस्तर पर जाकर बैठ गए | 

कुछ ही देर बाद मेरे दोनों होंठ अब विक्की के होठो तले दबे पड़े थे और वो अपने एक हाथ से मेरी चुचियों को दबाने लगा जिससे मेरे पुरे बदन में चिंगारियां उतर गयी | मैं भारी – भारी सिकारियां भर रही थी और वो अपने साथ मेरे कपड़ों को भी खोल रहा था और चोदने की पूरी तैयारी में आ गया | उसके सामने मैं अधनंगी हो गई थी साले ने मेरी ब्रा और पैंटी को बड़ी बेशर्मी से उतार फेंका | वो मेरे बाजू में लेट गया और मेरे होठों को चूसते हुए जैसे ही उसने पहली बार मेरी चुत में अपनी मोटी सी ऊँगली डाली तो मैं उछल पड़ी.

विक्की – क्या बात है . .जनेमन्न . .तेरी चुत भी तो पहले से फटी हुई है |

मैं शर्म से गीली हो चुकी थी तभी उसने अपने लंड निकाला और मेरे मुंह में डाल दिया | दोस्तों और सखियों में बता नहीं सकती ऐसे किसी लोले का मुझे कितनी बेसब्री से इन्तेज़ार था | 

मैं उसके लंड को अपने मुंह भर कर मस्त चूसने लगी | करीब १५ मिनट ही बीते थे की अचानक उसने मेरी कमर को पकड़ा और झटके से मुझे अपने ऊपर चढा लिया | आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसने मोटे काले लंड को मेरी चूत के द्वार के ऊपर सटा दिया | अब विक्की ने मेरी चुत में एक जोरदार धक्का जड़ दिया और एक बार में ही अपने लंड को घुसाते हुए मुझे अपने लंड के उपर रौन्धाने लगा | मैं बिलकुल उस पल शांत हो गई और अपनी आखें बंद करके स्वर्ग में पहुँचने के मज़े में पूरे मन से आनंद लेने लगी | विक्की कुछ देर बाद मेरे बाजू में लेटकर मेरी टांगों को अपने सख्त हाथों में उठाकर मुझे चोदने लगा | वो बीच – बीच में अपने लंड के सुपाडे को मेरी चूत की फांकों के बीच घुमाता – फिराता फिर एक और ज़ोरदार धक्का मार देता | 

इसी तरह चलती चुदाई के दौर में अब विक्की के झड़ने की बारी आई और उसने फट से अपने लंड को निकाल अपना सारा गाढ़ा माल मेरे मुंह पर ही डाल दिया | इसके बाद विक्की ने मुझे हर रोज चोदना शुरू कर दिया, कभी होटल में, कभी नहर पर, कभी खेत में और कभी जब मौका मिला मेरे घर आकर भी मुझे चोद दिया. आज मैं इस दुनियां से रिश्ता तोड़कर विक्की की होने को तैयार हूँ क्योंकि मैं उसके लंड की दीवानी बन चुकी हूँ |

छोटी मेम की चूत को अपने लंड से फाड़ दिया Chhoti mam ki chut ko lund se fad diya

छोटी मेम की चूत को अपने लंड से फाड़ दिया Chhoti mam ki chut ko lund se fad diya, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

काम के सिलसिले में लुधियाना अक्सर जाना रहता था ! वहीं कुकरेजा साहब को नौकर की ज़रूरत थी तो सोचा क्यों न मैं ही लग जाऊँ ! साहब का बड़ा कारोबार था ! वो अक्सर विलायत में रहते थे और मेमसाहब हमेशा पार्टी क्लब में रहती थी ! उनकी एक बेटी थी .. बेटी क्या मानो अप्सरा .. जो जन्नत से उतरी हो ... हम प्यार से छोटी मेम कहते थे। छोटी मेम हमेशा टीवी और काम्पुटर में लगी रहती थी और मैं अक्सर छोटी मेम का छुप छुप कर दीदार किया करता था ...

छोटी मेम जूस पी लो....

ओह्ह हो ! राजू सोने दे ना...

छोटी मेम हमेशा बड़ी बेखबर होकर सोती थी ...

उस दिन भी ... उनकी नायटी थोड़ी ऊपर थी और उनकी लातों के बीच गांड की दरार बिलकुल साफ़ नज़र आ रही थी, शायद अन्दर पैंटी नहीं पहनी है ... उनकी गोरी गोरी .. भरी भरी जांघें .. उनकी गोल गोल अध-खिली चूचियाँ .. 

ओह यह अमीरों के जिस्म भी ना ! मानो क़यामत .. वरना हमरा गाँव की लड़कियाँ .. भूरी-काली टांगें ! वो भी बालदार .. छोटी चूची.. मुरझाई सी गांड ... राम राम लंड का इन्सल्ट हो समझो ..

राजू ! नहाने का पानी दे दिया ..?

अभी देता हूँ मेम ... कहकर मैं गरम पानी बाल्टी में ले जाने लगा ... शुक्र है वो क्या कहत है गीजर ख़राब था ...

मैंने देखा कि मेम काली ब्रा और पैंटी में बाथरूम में इन्तज़ार कर रही थी ... उनकी पतली पेट में वोह नाभि के पास जो तिल था मानो काला हीरा .. वो बार बार अपने चूची चू रही थी .. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरा लंड लुंगी के बाहर झांकना चाह रहा था ... चिकनी पीठ मानो मक्खन जैसे ... घुटने और पिंडलियाँ ... यौवन की मलिका .. कामसूत्र की पहेली ... लंड का पहला रस छुट गया मेरा !

राजू ! बोलकर अन्दर आया करो .. ! कहकर मेम ने तौलिया ओढ़ लिया।

जाओ अब ..! बेवकूफ कहीं का ...!

मैं चुपचाप अपने कमरे में चला गया ... मैंने अपना लंड निकाला ... खड़ा था और रस टपक रहा था। चल बैठ जा ..मेरे लंड, तू गरीब है .. तेरे नसीब में वो कहाँ ??

मेम नहा कर बाहर आई .. उजले कपड़ों में छोटी मेम का गीला गीला जिस्म साफ़ नज़र आ रहा था .. उनकी वो खुशबू पागल बना दे .. वो पंजाबी छरहरी बदन !

राजू मेरा जूस ??

जूस पी पी कर उनके चूची भी जूस से भर गई थी ... साली को अपने बॉय फ्रेंड से मिलना था आज ... दोपहर का समय था .. बड़ी मेम बाहर गई थी .. तभी छोटी मेम का बॉयफ्रेंड आया .. लम्बा चौड़ा .. पूरा पंजाबी .. चौड़ी छाती .. पता नहीं हरामी का लंड कितना बड़ा होगा ?? मेरी नाजुक सी मेम को इतना दर्द देता होगा .. कहाँ मेरा कद .. काले कावा की तरह .. कमरे में क्या हुआ पता नहीं पर वो लौंडा चला गया और मेम जोर जोर से रोने लगी ..

मेम क्या हुआ ?? मैंने डरते हुए पूछा।

तभी मेम मुझसे चिपक कर रोने लगी .. मेम की मुलायम चूची मुझे चुभने लगी .. उनकी बुर को मेरा लौड़ा चूमने को तैयार होने होने लगा... उनकी गुलाबी होंठ ने मेरे होंठो को चूमा ...

राजू मुझसे कोई प्यार नहीं करता ... मुझे कभी प्यार नहीं मिला ??

मेरे तो परखचे उड़ गए...

मेम ...

राजू मुझे प्यार करो ना .... लव मी..

ओह ! शायद अमीरजादे ने मेरी मेम का दिल तोड़ दिया ...

मैंने अपनी मेम को बेड पर लेटा दिया और उनकी मस्त मस्त चूची दबाने लगा ...

ओह्ह राजू धीरे धीरे से करो ..

मैंने मेम की सलवार को खोला और फिर क्या छोटी मेम नंगी लेट गई .. मैंने अपना लुंगी गंजी खोली और कूद पड़ा मैदान ऐ ज़ंग में ... मैंने जांघें फैलाई और देसी कुते के तरह विदेसी मेम को नोचने लगा .. मैं उसकी गांड की छेद में अपने जीभ अन्दर बाहर करने लगा .. वो मस्त हो रही थी और बुर का पानी छुट रहा था .. अहह यह मत करो मेरी बम्स गन्दी है !

नहीं छोटी मेम ! इससे तो खुस्बो आवत है ...

फिर उसके छरहरी बदन में अपना लौड़ा रगड़ने लगा .. मेम जी आप भी इसे चूसो न.. मैंने उसके लाख मना करने पर अपने लंड उसके गरम होंठों के अन्दर ठूंस दिया- अहह मेम और चूसो न .. बेचारी को शायद यह पसंद नहीं था ... फिर उसकी मचलती हुई बुर में अपना लौड़ा रखा और एक ही हचके में ... फुस्स अन्दर घुस गया बिडू.. 

मेम चीख पड़ी... उई मम्मा उई आह अह ... राजू नहीं राजू अहह

मैंने मेम की टांगों को अपने कंधो पर रखा और दे दना दन चोदने लगा .. उसकी बुर फट गई .. बुर के होंठो पर लाली छा गई ..

अई जानवर कहीं के ...

उसके भोसड़े तक मेरा मेरा टोपा तांडव करने लगा .. अमीरों के कितने मज़े है रोज़ ऐसी मेम चोदने को मिलती होगी ... आज मेरे गरीब लंड का लोटरी लग गई मैंने मेम को घोड़ी बना दिया और अपने पीछे से चढ़ गया.. उसके बालों को पकड़ा और धक्के मारने लगा ..

हरामी मुझे दर्द हो रहा है ... बस भी कर .. अहह

आह, मैं स्खालित हो गया मेरा फव्वारा उसकी बुर में छुट पड़ा ...

उई कितना गरम लावा है ... मेरी फुद्दी जल जायेगी ... आह

उसका जिस्म ठंडा हो गया और मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया ... आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। यही फर्क है विदेसी माल में .. देसी लौंडी रहती तो बार बार चुदवाती..

आप ठीक तो है न ... मेम?

तेल लगा दूँ ...?

वो पूरी रात मैं मेम की फटी हुई बुर पर तेल मालिश करता रहा ...

मेम, एक बात कहूँ ...

हाँ राजू बोलो !

कहकर अपनी टांगें जोड़ ली और मुझे बिस्तर में बैठा लिया ... और रोज की चुदाई का जुगाड़ बन गई....

मोबाइल बेचने का बहाना बनाकर चूत चुदवाई Mobile bechne ka bahaane chut chudwayi

मोबाइल बेचने का बहाना बनाकर चूत चुदवाई Mobile bechne ka bahaane chut chudwayi, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शंकर हैं और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल है और मैं इस साईट का नियमित रीडर हूँ. आज मैं आप को एक ऐसी सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो २ साल पहले बनी थी. मौसमी भाभी की चूत मारने का मौका मुझे बिना किसी प्रयास के ही मिल गया था. आइये दोस्तों मैं आप को बताऊँ की उस भाभी की चूत मुझे किस तरह मेरे चाचा के लड़के अनूप की बदोलत मिली. शाम को कुछ 4 बजे थे, मैं बरामदे में खड़ा निचे से कोलेज खत्म कर के जा रही लड़कियों की चुंचियां और गांड को ही देख रहा था कि अनूप की मिस्ड कोल आई. मैंने उसे फोन लगाया.

मैं: हाँ बोल अनूप, साले कभी तो फोन कर लिया कर तू.

अनूप: साले तेरे फायदे की बात हैं, एक मोबाइल का काम हैं. बिकवाने पे कमीशन मिल सकता हैं तुझे.

मैं मोबाइल की खरीद बेच का काम करता था और बिच में अपना कमीशन मारता था इसलिए अनूप का फोन आया था. उसने अपनी बात चालू रखी.

अनूप: तू एक काम कर मेरे घर पे आजा.

मैंने अपनी बाइक निकाली और अनूप के घर गया. अनूप बाहर ही खड़ा हुआ था. मुझे देख उसने हाथ किया और मैंने बाइक साइड में लगा दी. उसने मुझे कहा, “पड़ोस में एक कपल किराए पर रहने आया हैं उनका ही मोबाइल हैं. आजा दिखा दूँ.”

अनूप ने बेल बजाई और एक खुबसूरत 25 साल के करीब की भाभी ने दरवाजा खोला. उसकी बड़ी चुंचियां उस कमीज़ में छिपने के बजाय बड़ा आकार बना रही थी. एक पल के लिए तो मैं मोबाइल की बात भूल ही गया.

अनूप: मौसमी भाभी ये हैं शंकर आप उसे मोबाइल दिखा दें. भाभी: ओह पहले अंदर तो आओ तुम लोग.
भाभी को मोबाइल बेचना था

हम लोग अंदर सोफे के ऊपर आके बैठे. भाभी अंदर गई किचन की तरफ. मैं उसकी गांड की और नजर कर के सोचने लगा कि जब आगे पीछे इतना मस्त नजारा हैं तो भाभी की चूत भी रसगुल्ला ही होंगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। भाभी किचन से दो ग्लास पानी ले आई. अनूप ने पानी ख़तम करते ही भाभी से कहा, “भाभी वो मोबाइल शकंर को दे देना. वो उसे बेच देंगा.”

दुसरे ही मिनिट भाभी एक चाइना वाला मोबाईल ले के आई. मेरा मन तो हुआ की उसे कहूँ कि इसे अपनी गांड में डाल लो क्यूंकि इसे आजकल कोई नहीं खरीदता. लेकिन मैंने सोचा की चलो इस मोबाइल के बहाने ही भाभी से दोस्ती हो सकती हैं. मैंने भाभी को अगले शाम तक फोन कर के अनूप को कन्फर्म करने को कह दिया. भाभी ने चाय के लिए जिद की लेकिन मैंने कहा की अगली बार आया तो चाय जरुर पिऊंगा. भाभी हम दोनों को दरवाजे तक ड्राप करने आई. मेरा मन तो कर रहा था कि इस भाभी की चूत को अंदर जा के चूस ही लूँ. अनूप साथ में था और वो शरीफ लौंडा था इसलिए मेरी आज़ादी भी कम थी.

घर आके मैंने सोचा की इस फोन को फेंक दूँ और फिर कल भाभी को मना करने के बहाने उसे मिल आऊंगा. फिर मैंने सोचा की चलो एक बार देख लूँ फोन को. मैंने फोन में फोल्डर्स वगेरह देखा और एक फोल्डर का नाम देख के मेरा मन उसे खोलने को उत्सुक हुआ. उस फोल्डर का नाम था हसबंड ऑफिस वर्क. मैंने सोचा साला ये फोन में ना तो नोटपेड़ हैं ना माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का कोई सोफ्टवेर तो फिर उसका पति इसमें क्या करता हैं.

और जैसा नब्बे फीसदी केस में होता हैं वैसे ही हुआ. मौसमी भाभी ने अंदर ब्ल्यू फिल्म्स का कलेक्शन भर के रखा हुआ था. और सच में उसका कलेक्शन था भी लाजवाब. एक एक मूवी कम से कम 10 मिनिट की थी और कुछ तो पूरी 1 घंटे की. और सभी प्रिंट HD में थी. मूवी को एक एक कर देखने में ही मेरे लंड ने दम तोड़ दिया. मैंने बाथरूम जा के उसे मस्त हिला लिया और फिर आके मैं सो गया. अब मैं समझ चूका था की भाभी की चूत भी बड़ी गरम हैं तभी तो वो ऐसे वीडियो देखती हैं. मैंने सोचा की अगर थोडा सेटिंग किया जाएँ तो भाभी की चूत में घुसने का मौका मिल सकता हैं. मैंने यह सोच के उस फोल्डर्स के कंटेंट को सोंग वाले फोल्डर में पेस्ट कर दिया.

दुसरे दिन मैंने अनूप को फोन किये बिना ही भाभी के घर का रास्ता नापा. अनूप साथ में हो तो 100 जन्म में भी भाभी की चूत नहीं मिल सकती मुझे. भाभी की डोरबेल तकरीबन 5 मिनट बजाई तब मुश्किल से दरवाजा खुला. मौसमी भाभी शायद बाथरूम से आई थी क्यूंकि उसकी कमीज में पानी से भीगा हिसा साफ़ दिख सकता था.

भाभी: अरे आओ, सोरी मैं बाथरूम में थी, अनूप नहीं आया?

मैं: नहीं मैं अनूप को साथ नहीं लाया, वो घर में होंगा शायद.

भाभी: ओके कोई बात नहीं, तुम आ जाओ अंदर. मोबाइल का कुछ जुगाड़ हुआ? मैं: बस उसी की बात करने आया हूँ भाभी.

भाभी ने मुझे सोफे पे बैठने दिया. मैंने अपनी जेब से उसके चायना वाले मोबाइल को निकाल के कहा, “भाभी मुझे लगता हैं की इस मोबाइल में वायरस हैं क्यूंकि कुछ फंक्शन सही काम नहीं कर रहे हैं.”

भाभी ने अपने गिले बालो को सही करते हुए कहा, “हां इसमें इश्यु तो हैं कुछ लेकिन फिर भी सब कुछ सही चलता हैं…!”

मैंने कहा, “हाँ वैसे सही चलता हैं लेकिन म्युज़िक फंक्शन बिच में बंध हो जाता हैं कभी कभी.रुक मैं दिखाता हूँ.”

ऐसा कह के मैं भाभी की बगल में जा बैठा और जानबूझ के वही फोल्डर को ओपन किया जिसमे ऑडियो वीडियो सोंग्स के साथ ब्ल्यू फिल्म्स भी थी. मैंने एक सोंग सिलेक्ट किया और उस बजाया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मैं सोंग्स को आगे करने लगा. मुझे पता था की एक दो बार नेक्स्ट करने पे ही भाभी के कलेक्शन से एकाद क्लिप आ जायेंगी. और दूसरी बार नेक्स्ट दबाते ही एक भाभी की चूत चुदाई की वीडियो खुल गई. मैं जैसे डर गया हूँ वैसी नौटंकी करने लगा और मैंने फट से मोबाइल का लाल एंड बटन दबा दिया. भाभी की ओर देख के मैंने कहा, “अरे ये कहाँ से आ गयी…!”

भाभी भी हक्का-बक्का लग रही थी. उसने मेरी और देखा और बोली, “अरे ये कहाँ से आई. शायद तुम्हारे भैया ने डाली होंगी इसमें…!”

मैंने एक्टिंग आगे बढ़ाते हुए कहा, “हो सकता हैं की वायरस इसमें ही हैं. आप कहों तो मैं चेक कर दूँ.”

भाभी ने हाँ में सिर हलाया. मैंने फिर से म्युज़िक फंक्शन ओन किया. और अब तो भाभी के कलेक्शन की एक एक मूवी में थोड़ी थोड़ी चलने दे रहा था. मैंने देखा की मौसमी भाभी का ध्यान अब मूवी में ही था. अब मैं जानबूझ के मूवी को बराबर चलने दे रहा था. तभी मैंने महसूस किया के मेरी जांघ के उपर कुछ हैं. भाभी ने अपनी हरकतें चालू कर दी थी, वो उसका हाथ ही था जो मेरी जांघ के ऊपर रखा हुआ था. और मैं कुछ समझ पाऊं उसके पहले भाभी ने मेरे लंड को पकड़ लिया. भाभी की चूत मूवी देख के पानी निकाल चुकी थी. मैंने भी मोबाइल को साइड में किया और उनकी तरफ मुड गया. 
मेरे हाथ सीधे भाभी की चूंचियों के ऊपर आ गए. मैंने भाभी के सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स का टच पाते ही जान लिया की उसने कमीज के नीचे कोई ब्रा नहीं पहनी हैं. मौसमी भाभी ने अब धीरे से मेरी ज़िप खोली और मेरे लंड को बाहर निकाला. भाभी की चूत मारने के ख़याल से मेरा लंड कब से टाईट हो चूका था और ऊपर से यह ब्ल्यू फिल्म्स. मौसमी भाभी ने अब खड़े हो के अपने कमीज़ को खोल दिया, वाऊ क्या बड़े चुंचे थे वो. एक एक चुंचे के अंदर जैसे की आधा आधा लिटर दूध भरा हुआ हो. मैंने भी निचे बैठे हुए ही अपनी पेंट को खोला और लौड़े को बाहर निकाला. मौसमी भाभी ने अपनी सलवार को भी खोला और अंदर कोई पेंटी नहीं थी. मेरा हाथ सीधे ही भाभी की चूत के उपर चला गया. मैं उनकी हलके बालों वाली चूत को सहलाने लगा. भाभी मोनिंग करने लगी और वो मेरे हाथ को अपनी चूत के ऊपर ही दबाने लगी. मेरा लौड़ा एफिल टावर की तरह टाईट हो गया था. भाभी ने निचे बैठते हुए मुझे कहा, “चलो जल्दी कर लो, 20 मिनिट में मेरे पति आ जायेंगे उसके पहले फिनिश करना पड़ेंगा.”

मैंने मनोमन कहा भाभी की चूत तो मैं पूरा दिन मारना चाहता था लेकिन चलो कोई नहीं अभी 10-15 मिनिट में गुजारा कर लेता हूँ. मैंने अपने तोते को जैसे ही भाभी की चूत के सामने रखा भाभी ने अपने हाथ से थूंक उसके सुपाडे के ऊपर लगा दिया. फिर उसने वो लंड अपनी चूत के ऊपर रख दिया बिलकुल सेंटर मिला के. अब मुझे सिर्फ एक धक्का ही देना था. जैसे ही मैंने धक्का मारा भाभी की चूत की चिपचिपाहट और गर्मी मुझे महसूस होने लगी. मैंने एक के ऊपर चार पांच झटके तभी दे दिए. मौसमी भाभी मुझसे लिपट गई और कहने लगी, “और जोर से आह और जोर से चोदो मुझे. मेरे हसबंड का लंड मजेदार नहीं हैं लेकिन तुम में सच में कुछ जोश हैं. आह चोदो मुझे जल्दी जल्दी….!”

मैं भी झटको के ऊपर झटके मारता गया और मौसमी भाभी की चूत का रस निकलता गया. भाभी अपनी फैली हुई गांड को उठा उठा के मुझे मजे दे रही थी. दो मिनिट की चुदाई और हुई थी की भाभी ने अपनी चूत को कस के लंड पे दबा दी. उसके साथ ही मेरा लंड खाली होने लगा. क्यूंकि आज पहली बार भाभी की चूत का मजा मिला था इसलिए जल्दी खाली हो गया मैं. मौसमी भाभी ने फट से अपने कपडे पहने और बोली, “जल्दी जल्दी में मजा नहीं आया. एक काम करना कल तुम सुबह 11 बजे आ जाना. मैं सच में तुम्हे बहुत कुछ नया अनुभव दूंगी. अपना फोन नंबर दो मुझे, मैं कुछ सामान कहूँ तो वो ले आना मार्केट से आते समय.”

मैंने अपना नंबर भाभी को दिया और अगले दिन भाभी की चूत मुकम्मल लेने के इरादे से उसके घर के लिए निकल गया. अनूप देखें ना इसलिए मैं फट से बाइक चालू कर के भाग निकला. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मौसमी भाभी ने मुझे सच में दुसरे दिन बड़े मजे करवाएं. मैंने उससे कहा कि यह चाइनीज मोबाइल है इसे कोई नहीं खरीदेगा. तो उसने मुझसे कहा कि यह तुम्हारे पास ही रखना और भाभी ने मुझे 2000 रूपए और भी दिए. उसके बाद मैं भाभी का फोन आते ही उसके घर जाकर उसकी चुदाई करने लगा.

बाथरूम में नल पकड़ कर घोड़ी बनके चुदी Bathroom me nal pakad kar ghodi banke chudi

बाथरूम में नल पकड़ कर घोड़ी बनके चुदी Bathroom me nal pakad kar ghodi banke chudi, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

मेरे मकान मालिक की बहु रीना बहुत ही सेक्सी फिगर वाली औरत है और उसके इस सेक्सी फिगर का कभी भी पूरा मज़ा नहीं लिया गया था क्यूंकि उसका पति तो बेवक़ूफ़ इतनी सुन्दर बीवी होने के बावजूद भी सुबह को निकलता और देर रात घर आता वो भी शराब पी कर तो क्या ही मज़ा कर पाता होगा. मैंने रीना का दुःख समझने की कोशिश की और उसने रो रो कर अपना सारा हाल कह सुनाया, रीना के सास ससुर एक दिन सत्संग में गए थे लेकिन रीना बहाना कर के घर पर ही रुक गयी और सीधे मेरे वाले पोर्शन में आ गयी जो की दूसरी मंजिल पर था.

रीना उस दिन नहाई भी नहीं थी उसने सीधे आ कर मुझे अपनी बाहों में जकड लिया और मेरे होठों को किस कर दिया, मैं जानता तो था कि ये होगा लेकिन इतनी जल्दी और इतना हॉट होगा ये नहीं सोचा था. मैंने रीना को कहा “इतनी मेस्सी कैसे लग रही हो” तो बोली “आज ना तो नहाई हूँ और ना ही ब्रश किया है, आज सब कुछ तुम्हारे साथ ही करुँगी” मैं हँसा और बोला “ओके बी माय गेस्ट”. रीना ने बाथरूम में इंटर किया तो मैंने उसे एक पैक पड़ा हुआ ब्रश दे दिया, उसने ब्रश करते करते ही अपने कपडे उतारने शुरू कर दिए और एक एक कर के मेरे मुंह पर फेंकती रही जिसे मैं कैच कर कर के सोफे पर डालता रहा. 

रीना काफी सेक्सी लग रही थी और उसका भरा हुआ शरीर स्पेशली उसकी बड़ी बाहर निकली हुई गांड देख कर मैं खुद को रोक नहीं पाया और बाथरूम में चला गया वो ब्रश करती रही और मैं उसके भरे हुए शरीर को सहलाता रहा और अपने होठों को उसके जिस्म पर फिराता रहा और वो “उम्म्म्म आह्ह्ह्ह” करती रही. रीना नए जैसे ही ब्रश ख़त्म कर के कुल्ला किया मैंने उसकी गर्दन पर होंठ फिराते हुए उसके होठों को चूम लिया, रीना बड़ी ही सेक्सी आवाज़ करते हुए मेरी तरफ मुड कर मेरे बदन को सहलाने लगी और उसने मेरी चेस्ट के बालों में उंगलियाँ फिराना शुरू कर दिया.

मैंने रीना को कहा “मेरी एक विश पूरी करोगी” वो बोली “तुम मेरी करोगे तो मैं भी करुँगी, वैसे क्या है तुम्हारी विश” तो मैंने कहा “मैं तुम्हे नहाते हुए देखना चाहता हूँ” तो वो हंसी और बोली “मैं भी यही चाहती हूँ कि तुम मुझे नहाते हुए देखो”. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब रीना बाथरूम में जा कर शावर के नीचे खड़ी हो गई, और शावर चालु कर के अपने बदन पर हाथ फेरने लगी और फिर शावर जेल ले कर उसने लूफा से अपने बदन पर शावर जेल मला, शावर में जेल लगाती रीना को देख कर मेरा लौड़ा किसी मिसाइल की तरह खड़ा हो गया और फायर के इंस्ट्रक्शन का वेट करने लगा, रीना ने मुझे अपना लंड मसलते देख लिया था सो उसने इशारे से मुझे पानी की तरफ बुलाया. मैं वैसे तो सुबह जल्दी ही नहा चुका था लेकिन रीना के साथ नहाने के लालच में मैं वहां चला गया और अपने कपडे खोल कर रीना को पकड़ कर शावर के नीचे खड़ा हो गया.

मैं और रीना बाथरूम में एक दुसरे को सहला रहे थे, शावर जेल ला रहे थे एक दुसरे की बॉडी को मसल रहे थे और सच कहूँ तो मुझे सेक्स से ज्यादा मज़ा साथ में नहाने में आने लगा था ये वाकई मेरी इमेजिनेशन से परे था. मैं रीना के भरे भरे चूचों पर से मसल मसल कर साबुन हटा रहा था और वो मेरी चेस्ट के बालों से साबुन साफ़ कर रही थी पर तभी अचानक उसने मेरे निप्पलस को अपने मुंह में लिया और उन्हें अपने दांतों से चुभलाने लगी, मैंने भी उसका इशारा समझा और उसके निप्पलस और चूचों के साथ यही किया तो उसकी सिस्कारियां पूरे बाथरूम में गूंजने लगी. मैंने डर के मारे उसके मुंह पर हाथ रख दिया ताकि उसकी आवाज़ बाहर ना जाये आखिर किसी की बहु का मामला था बात खुलने पर मेरे लौड़े लग सकते थे.

रीना के चुचे दबाने में और उसकी गांड मसलते हुए उसके होठों को चूमने में मुझे इतना मज़ा आरहा था की मैं उसी में खो गया था लेकिन मेरा लंड नहीं उसे तो अब भी प्यास लगी थी रीना की गरमा गरम चूत की इसलिए मेरा लंड उछलने लगा जिसे रीना नए नोटिस कर लिया था. अब रीना मेरे लंड से खेलने लगी और उसके हाथ में मेरा लंड ऐसे खुश था जैसे को बच्चा पार्क में जा कर खुश होता है, रीना ने मेरे लंड को चूमा और मुझे देख कर मुस्कुराती हुई वो मेरे लम्बे लंड को अपने मुंह में ले कर चुभलाने लगी उसके होठों का सॉफ्ट स्पर्श और उसके दांतों की चुभन मुझे एक साथ फील हो रही थी. मेरा लंड इतना मोटा नहीं था लेकिन लम्बा पूरे नौ इंच का था रीना ने मेरे लंड को उसकी पूरी लम्बाई तक अपने मुंह में ले लिया और बिलकुल भी उफ़ नहीं की तो मेरी आँखें हैरानी से फटी की फटी रह गईं.

रीना और मैं दोनों ही भीगे हुए थे और ठिठुर भी रहे थे लेकिन शावर के नीचे से हिलने की हमारी इच्छा ही नहीं हुई रीना नए मेरे भीगे हुए लंड को अपने होठों में ले कर ऐसा कमाल दिखाया की मेरा सारा माल एक बड़ी पिचकारी के रूप में उसके मुंह और चूचों पर फ़ैल गया जिसे रीना नए किसी मॉइस्चराइजर की तरह अपने चेहरे और शरीर पर मल लिया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैंने रीना से कहा “तुम इतना अच्छा चुस्ती हो तो तुम्हारा पति तो खुश रहता होगा” इस पर रीना नए कहा “उसके लंड से बदबू आती है और वो कभी अपनी झांटें नहीं हटाता इसलिए मुझे उसके लंड से नफरत है”.

इसके बाद मैंने और रीना ने बाथरूम में जमकर चुदाई मचाई, उसने बाथरूम में नल को पकड़ कर घोड़ी बनकर पीछे से भी मेरा लंड लिया और जब हम बाथरूम के फ्लोर पर सेक्स कर रहे थे तो रीना ने बॉडी लोशन मेरे पुराने टूथ ब्रश पर लगा कर उसे मेरी गांड में पेल दिया जिस से मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने रीना को लगातार बीस मिनट तक चोदा. रीना नए मुझसे कहा “मेरी जान अब मैं रोज़ ही किसी ना किसी बहाने से आउंगी और तुमसे चुदुंगी” मैंने फिर हंसकर कहा “बी माय गेस्ट” तो उसने फिर से मेरे होठों को चूम लिया और जब तक उसके सास ससुर के वापस आने का फ़ोन नहीं आ गया वो मेरे साथ मेरे घर में ही चुदती रही और मेरे लंड से खेलती रही....

प्लम्बर को घर बुलाकार चूत को चुदवाया Palambar ko ghar bulakar chut ko chudwaya

प्लम्बर को घर बुलाकार चूत को चुदवाया Palambar ko ghar bulakar chut ko chudwaya, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

घंटी बजी और जैसे ही सपना ने दरवाजा खोला सामने दो काले खड़े हुए थे. उसने वर्क एजंसी को फोन कर के अपने किचन के सिंक के काम के बहाने से प्लम्बर को बुलाया था. लेकिन शायद यहाँ तो एक की जगह दो प्लम्बर आ गए थे. सपना ने जैसे ही देखा की यह दोनों हब्सी हैं उसके दिमाग में उसने रात में देखी हुई पोर्न मूवी घुमने लगी जिसके अंदर 8 इंच के लंड वाला एक काला एक जवान लड़की की चूत लेता हैं. और यही लंड और चूत के ख्याल में वो जैसे की खो सी गई.


दोनों में से एक काले ने उसे अपने आवाज से झंझोड़ते हुए पूछा, “डीड यू कोल इन सर्विस मेम (क्या आप ही ने सर्विस के लिए फोन किया था?)” सपना का लंड का सपना टूटा और वो हकीकत की दुनिया में वापस आई. “येस आई हेव सम इश्यु विथ सिंक (हाँ, मेरी सिंक में कोई प्रॉब्लम हैं). सपना आगे चली और पीछे पीछे यह दोनों काले उसके किचन में गए. पुरे रस्ते में सपना ने यह दोनों के लंड को खड़ा करने के लिए अपनी गांड को मटका मटका के हिलाया था. दरअसल सपना को चुदवाने का यह रास्ता भा सा गया हैं. क्यूंकि अक्सर मिकेनिक, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशयन वगेरह इंडियन ही होते थे. सपना उन्हें अकेले में काम के बहाने बुला के उनसे चुदवा लेती थी और क्यूंकि यह लोग बाकायदा एजंसी के युनिफोर्म में आते हैं इसलिए अडोस पड़ोस में कोई शक भी नहीं करता. वैसे भी सपना का पति रघु काम के सिलसिले में कभी मानचेस्टर तो कभी लंदन रहता हैं और अपनी जवान चूत की प्यास वो रघु के लंड से नहीं बूझा सकती इसलिए वो इस तरीके से लंड ले लेती हैं. 

दोनों कालो ने किचन में जाते जाते एक दो बार एक दुसरे को देखा. वो भी सपना की मटकती गांड को देख के पगला से गए थे. और ऐसी सेक्सी गांड को देख के भला किसका मन नहीं मचलेगा. अभी केवल 25 साल की सपना एमबीए की डिग्री ले के काम के सपने ले के रघु से ब्याही थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। लेकिन रघु यहाँ पहले से ही बेशुमार दौलत कमा रहा था इसलिए उसने सपना को काम करने की अनुमति नहीं दी. अब घर की चार दिवारी में बंध सपना कभी डिल्डो से चूत मसलती थी तो कभी घर के बूढ़े नौकर बहादुर काका के लंड को याद कर के बाथरूम में अपनी चूत को साबुन से रगडती थी. उसे अपनी मुंबई की लाइफ याद आती थी जब वो ऑफिस के ही अनुराग सर और विशाल सर के साथ ऑफिस थ्रीसम सेक्स करती थी. और यहाँ तो उसकी चूत को तिनकों के सहारे जीना पड़ रहा था. इसीलिए यह स्मार्ट हाउसवाइफ ने यह तरीका निकाला था अपनी चूत को ठंडी करने का. अभी तक वो इसी एजंसी के दो वर्कर को चोद चुकी थी और एक दो पिज़ा डिलीवरी वाले को भी उसने अपने सकंजे में लिया था.

आज यह दो काले लंड सामने से चल के उसके घर आये थे और सपना मनोमन उन्हें अपनी चूत में भरने के लिए बेताब सी हुई थी. अभी तक इस इंडियन हाउसवाइफ को पता नहीं था की चूत कैसे फट जाती हैं जब काले लौड़े उसके अंदर घुसते हैं. किचन का पाइप सपना ने पहले से ही थोडा निकाल रखा था ताकि जो पलम्बर आये उसे थोडा पानी दिखा सके. कालो को पानी की लीकेज दिखा के सपना वहीँ रुकी. एक काला सिंक के निचे जैसे ही घुसा सपना जानबूझ के प्लेटफोर्म से ऐसे सत के खड़ी हो गई जिस से उसका स्कर्ट प्लेटफोर्म के ऊपर रहे और निचे के आदमी को ऊपर देखने पे उसकी बिना पेंटी की चूत दिखे. काला प्लम्बर निचे घुसा और पाइप को देखने लगा. और जैसे ही उसकी नजर ऊपर की और उठी उसके लंड ने सलामी दी बिना बाल की चूत को. जी हाँ सपना की चूत वो साफ़ देख सकता था क्यूंकि सपना जानबूझ के खड़ी ही थी वैसे. उसने अपनी चूत को भी 20 मिनिट पहले ही साफ़ किया था रेजर से. जब वो एजंसी वाले को फोन कर रही थी. काला तो इस नज़ारे को जैसे की देखता ही रह गया. सपना वही खड़ी उसे अपनी चूत के दर्शन दे रही थी और उस काले प्लम्बर का लंड उसकी पेंट को दस्तक दे रहा था.

अब उस प्लम्बर ने निचे से ही अपने साथी को आवाज दी और कहा की काम ज्यादा हैं तू भी आजा. लेकिन उसने उसे काम के लिए नहीं बल्कि “काम” के लिए बुलाया था. वो चाहता था की उसका दोस्त भी देखें इस हॉट इंडियन औरत की चिकनी चूत को. उसका दोस्त जैसे ही निचे आया पहले वाले काले ने उसे चुप रहने का इशारा किया अपनी नाक के ऊपर खड़ी ऊँगली रख के और फिर उसने उसे इशारा किया ऊपर देखने के लिए जहाँ पे सपना अपनी चूत के जलवे बाँट रही थी. दुसरे काले का लंड भी यह नजारा देख के चूत को सलामी देने लगा. दोनों चूत को देख के बरदास्त के बहार उत्तेजित हो चुके थे. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब उन्हें भी पता चल चूका था की यह इंडियन औरत लीकेज करवाने के लिए नहीं बल्कि चूत मरवाने के लिए उन्हें बुला लाइ थी. क्यूंकि निचे जाते ही उन्होंने यह भी देख लिया था की सिंक का पाइप केवल अपनी जगह से थोडा हिला था जिसकी वजह से पानी निकला था. दोनों काले प्लंबर अपने लंड को दबा के इस इंडियन औरत को चोदने के बारे में ही सोच रहे थे की तभी उन्होंने क्या देखा…..!

उन्होंने देखा की सपना का स्कर्ट निकल के उसके पाँव के पास आ गया था. जी हाँ सपना ने ही अपना स्कर्ट निचे फेंका था खोल के. क्यूंकि उसे पता था की यह दोनों कालों ने उसे चूत दिखाते हुए देख लिया था और अब लंड खड़े हो ही चुके होंगे इन दोनों के भी. और सच में दोनों के लौड़े बड़े टाईट हो चुके थे और अभी चूत नहीं होती तो दोनों मुठ मार के भी अपना वीर्य गिरा देतें. लेकिन सपना ने उनके लिए अपनी चूत खोल दी थी. दोनों काले लंड सपना की चूत और गांड पर टूट पड़े और उन्होंने सपना को इतना चोदा की सपना से चला भी मुश्किल से जा रहा था.....

क्लासमेट की चुदवाने की चाहत पूरी हो गई Class-met ki chudwane ki chahat puri huyi

क्लासमेट की चुदवाने की चाहत पूरी हो गई Class-met ki chudwane ki chahat puri huyi, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

यह मेरी जिन्दगी की पहली कहानी है.. मेरे लेखन में कोई ग़लती हो.. तो माफ़ कर दीजिएगा। यह कहानी मेरी और मेरी क्लासमेट सोना की है। सोना दिखने में तो सामान्य है.. लेकिन बहुत सेक्सी है। गर्मी के दिन थे, मेरा माध्यमिक शिक्षा का पहला वर्ष पूर्ण हो चुका था और सोना 12वीं के बाद पहली कक्षा से सातवीं कक्षा तक के बच्चों की टियूशन की क्लास लेने लगी थी। एक दिन उसने मुझे मैसेज भेजा- मुझे मेरी क्लास में दोपहर को मिलो.. कुछ काम है। मुझे लगा कि उसका कोई काम होगा.. चला जाता हूँ। उस समय वैसे भी कॉलेज की तो छुट्टी चल रही थी। उसका क्लास भी मेरे घर से कुछ 5-7 मिनट की दूरी पर था।

मैंने दोपहर को लंच किया और साइकिल ले कर चल पड़ा। उसका कुछ छोटा-मोटा काम होगा.. इसलिए मैं भी बस स्पोर्ट्स ट्रैक और टी-शर्ट पहनकर निकल गया। मैं जैसे ही उसके क्लास-रूम में पहुँचा। मुझे देखते ही उसकी आँखों में थोड़ी चमक आई.. पता नहीं क्यों मुझे कुछ अजीब लग रहा था। मैं आगे बढ़ा और उसकी बगल वाली कुरसी पर जाकर बैठ गया और बोला - हाय..!

वो बोली - ‘हाय..!’
मैंने बोला- कहो क्या काम है?

तो उसने अपना सीना फुलाया और वो मुझे मादक नजरों से घूरने लगी। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था.. मैंने दुबारा पूछा- क्या काम है.. कुछ क्लास के लिए मदद चाहिए क्या?

तो चुदासी सी बोली- मुझे तेरा साथ चाहिए..
मैं बोला- किस बात के लिए?
तो वो खड़ी हो गई और मेरे कान के पास आकर बोली- तूने कभी सेक्स किया है?

मैं तो सुनकर दंग रह गया.. ये तो मेरी एक अच्छी सहपाठिन थी.. ये ऐसा क्यों बोल रही है। खैर.. इससे पहले तो मैंने भी सेक्स नहीं किया था.. तो मैं उससे ‘ना’ बोला।

तो उसने अपने भतीजे को आवाज़ दी.. वो पास आया तो मुझसे बोली- ज़रा तुम अपनी साइकिल की चाभी तो दो.. मैंने दे दी.. उसने चाभी अपने भतीजे को दी और बोली- जा छोटू.. सामने मैदान में साइकिल चला.. उसे तो खेलने के लिए साइकिल मिली.. वो चाभी लेकर चला गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। जैसे ही वो क्लास-रूम से बाहर गया सोना ने क्लासरूम के सारी खिड़कियाँ बंद कर दीं और दरवाजा भी आधा खुला छोड़ दिया। अब वो सीधे मेरे सामने आकर खड़ी हो गई और मेरे दोनों हाथ पकड़ कर खुद के मम्मों पर रखवा कर दबवाने लगी.. तो मुझे करेंट सा लगा और मेरे दिल में गुदगुदी होने लगी। दूसरे ही क्षण वो मुझे हग करने लगी।

अब तो मेरी ट्रैक में हलचल शुरू हो चुकी थी। वो मुझे किस करने आगे बढ़ी और मैंने भी उसे साथ देना शुरू किया। उसकी तो साँसें तेज होने लगीं.. उसने सीधे मेरी ट्रैक में हाथ डाला और मेरे लंड को पकड़ लिया, मैं तो अभी वर्जिन ही था.. वो मेरे लंड को सहलाने लगी, मैं भी बेताबी से उसकी मम्मों को दबा रहा था। तभी मुझे क्लासरूम में अपने इस तरह होने का ख्याल आया.. मैंने उससे पूछा- कोई आएगा तो नहीं.. वर्ना प्राब्लम हो जाएगी। तो वो सिसकारते हुए बोल पड़ी- नहीं.. अभी सीधे 7 बजे ही क्लास के बच्चे आएँगे.. तब तक कोई नहीं आएगा।

अब वो नीचे सरक कर मेरे ट्रैक को नीचे करके मेरा बाबू मुँह में ले कर चूसने लगी। मेरा लवड़ा तो अब तक तन कर पूरी तरह फड़फड़ा सा रहा था। उसके चूसने से तो मेरे मुँह से ‘आआअहह..’ निकल गया। मैंने उसे उठाया और खड़ा किया और होंठों से होंठों को चिपका कर चुम्बन करने लगा। इसी के साथ मैं उसके मम्मों को भी दबा रहा था। उसने सीधा अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और मुझे नीचे को धकेल दिया। उसने अन्दर जाँघों तक कोई चड्डी नुमा कपड़ा पहना हुआ था.. वो मैंने नीचे किया और देखा कि मेरे सामने उसकी एकदम क्लीन चूत थी। उस पर कुछ चमक सा रहा था.. मैंने हाथ से वहाँ छुआ तो वो आँखें बन्द करके सिसकारियाँ लेने लगी।

उसकी चूत का रस निकल रहा था.. जैसे मैंने हाथ से उधर टच किया.. तो ढेर सारा घी जैसा कुछ मेरे हाथ को लगा.. अब वो बोल पड़ी- प्लीज़ शिव.. बैंच पर चलो..

खुद वैसे ही चली गई और बैन्च पर खुद चित्त लेट गई। उसके चित्त लेटते ही उसकी पूरी चूत मुझे साफ़ दिखने लगी। मैं उसके साथ ही था.. वो लेटते ही मेरा लंड पकड़ कर बोली- अब डाल दो इसमें.. बहुत दिनों से ऐसा मौका तलाश रही थी.. अब देर मत करो.. दोस्तो, इससे पहले मैंने कभी चुदाई नहीं की थी, मेरा लंड भी 6″ का है.. वो तो नंगी चूत देख कर बहुत ही फनफना रहा था। वो नीचे लेटी थी.. और मैं उस पर लेटने जा रहा था.. मैंने उसकी चूत पर लंड रख दिया। उसने मेरे लौड़े को हाथ से पकड़ कर खुद ही अपनी चूत की फांक पर टिका दिया और बोली- अब डाल दो..

मैंने पहला झटका मारा.. लेकिन उसका बहुत सारा चूतरस निकलने की वजह से लंड फिसल गया। उसने वापस लौड़े को पकड़ कर चूत पर सैट किया और वैसे ही लौड़े को पकड़ कर बोली- दे अब.. मैंने एक झटका दिया.. पहले झटके में ही मेरे लंड का टोपा अन्दर घुस गया। वो एकदम से चिल्ला पड़ी और मुझे भी दर्द सा महसूस हुआ। मैं रुक गया.. मैंने लंड को बाहर निकाला.. देखा तो मेरे लंड के टोपे की चमड़ी पीछे को चली गई थी और मेरी सील टूटने के कारण थोड़ा खून निकल रहा था।

तो सोना बोल पड़ी- प्लीज़ शिव डाल दो..

यह कहते हुए उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया। मैंने वापस एक तगड़ा झटका दिया.. तो वो चिल्ला उठी- आआहह.. मम्मीईईई.. मर गई.. तो मैंने उसके होंठों पर किस किया और वैसा ही करता रहा.. इसके साथ ही वापस एक तगड़ा झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी बुर में काफी अन्दर तक जा चुका था। सोना बहुत ही तेज स्वर में उन्न्न.. आआआहह.. ह्म्म्म्म .. कर रही थी। मैंने झटके मारना शुरू किए.. लेकिन मुझे कोई चीज मेरे लंड को अन्दर जाने से रोक रही थी। अब मैंने अपने जबड़े भींचे और ज़ोर से एक झटका मारा तो सोना की चीख निकल पड़ी- ऊओवव.. माँआ…फट गई.. मैंने उसकी चीख को अनसुना कर दिया.. तो वो तड़फ कर बोली- प्लीज़ बाहर निकालो.. मुझे बहुत दर्द हो रहा है! तो मैं रुक गया और मैंने उसकी चूचियों को दबाना चालू रखा.. थोड़ी देर में वो नॉर्मल हो गई।

मैंने पूछा- अब कैसा लग रहा है.. दर्द कम हुआ क्या?

तो बोली- हूँ.. अब ठीक है.. और मेरा सिर अपने मम्मों के ऊपर दबाने लगी।

मैंने भी धीरे-धीरे झटके देना शुरू किए। कुछ 10-12 झटकों के बाद वो ढीली पड़ गई और उसका घी जैसा चूतरस बाहर निकल पड़ा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब मेरा लंड आराम से सटासट अन्दर-बाहर हो चूत की जड़ तक घुसने लगा। कुछ देर ऐसे धक्के मारे कि सोना और जोश में सीत्कार करने लगी- और ज़ोर से करो.. और जोर से.. कुछ ही पलों में वो वापस से झड़ गई। बहुत देर तक ऐसा ही चला.. क्लासरूम में चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं- फ्च्छ.. पच्च… करीब आधे घंटे में वो 3 बार झड़ चुकी थी और अब मेरी झड़ने की बारी थी। मेरे झटके तेज हो गए थे.. सोना को बहुत मज़ा आ रहा था। वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला रही थी- आआआहह.. उ.. उन्न.. ह्म्म्म्म .. मुंम्म्म.. ह्म्म्म.. सस्स्स्स्स..

मैं झड़ने ही वाला था.. तो मैं बोला- कुछ निकल रहा है..

तो सोना बोल पड़ी- अन्दर ही डाल दो.. मुझे तुम्हारा रस महसूस करना है।

मेरा वीर्य निकल गया.. उसकी चूत भर के बाहर निकलने लगा और मैं एकदम से ठंडा पड़ गया। कुछ देर सोना पर ही पड़ा रहा.. थोड़ी देर में हम दोनों होश में आए.. तो दोनों ही उठे और कपड़े ठीक करने लगे। सोना ने अपने कपड़े ठीक किए और मेरे पास आकर मुझे अपनी बांहों में लिया और बोली- मैं तो तुझ से 10वीं क्लास से चुदवाने का सोच रही थी.. लेकिन मौका नहीं मिला.. आज से हर रोज दोपहर को तेरी ये वाली क्लास शुरू.. इस प्रकार हमारी चुदाई की क्लास शुरू हो गई।
© Copyright 2013-2019 - Hindi Blog - ALL RIGHTS RESERVED - POWERED BY BLOGGER.COM