नौकरी के लिए सेक्स किया

प्रेषक : सेम …

हैल्लो दोस्तों मेरा नाम सेम है और में कामुकता डॉट कॉम का बहुत पुराना पाठक हूँ। मैंने इस पर बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी और बहुत बार वैसा करने की कोशिश भी की है। दोस्तों आज मेरी यह पहली सच्ची घटना है जिसे में आज आप सभी के सामने बताने जा रहा हूँ। में मुंबई का रहने वाला हूँ और में एक प्राइवेट कंपनी में हूँ। मैंने एक सोशल साईट में कुछ दिनों से चेटिंग स्टार्ट की तो वहां पर मुझे एक लड़की मिली जिसका नाम नेहा था तो हमारे बीच कुछ ऐसी बात हुई थी।

में : हैल्लो

नेहा : तुम कौन हो?

में : मेरा नाम सेम और में मस्त एकदम झकास और तुम कैसी हो?

नेहा : में अच्छी हूँ और तुम क्या करते हो?

में : में मॅनेजर हूँ।

में : तुम कहाँ की रहने वाली हो और क्या करती हो?

नेहा : में मुंबई की रहने वाली हूँ, लेकिन में अभी नागपुर में हूँ और मैंने अभी कुछ समय पहले B.A. किया है और अब में कोई नौकरी ढूंढ रही हूँ और तुम कहाँ रहते हो?

में : में मुंबई का ही रहने वाला हूँ और तुम एक काम करो में तुम्हारी नौकरी के लिए तुम्हारी मदद कर सकता हूँ क्योंकि मेरी कंपनी में नौकरी के लिए जगह खाली है।

नेहा : हाँ ठीक है, लेकिन उसके लिए मुझे क्या करना होगा?

में : ठीक है तो फिर तुम एक काम करो मुझे मेरी मेल आई डी पर अपना रीज़्यूम भेज दो।

में : चलो बाय अब बाद में मिलते है।

मैंने उससे उसका रीज़्यूम इसलिए मँगवाया क्योंकि उसमे उसका नंबर और पर्सनल मैल आई डी होगा और वो मुझे बहुत आसानी से मिल जाएगा मुझे उसे ढूंढने में ज्यादा झंझट नहीं होगी और उसने मुझे तभी 5 मिनट में अपना रीज़्यूम भेज दिया तो मैंने उसका रीज़्यूम देखा, तो मुझे कुछ देर के बाद मालूम पड़ा कि वो एक शादीशुदा है और उसकी उम्र 25 साल की है और फिर मैंने उसका मोबाईल नंबर देखकर झट से उसे फोन लगाया। तो मैंने उससे पूछा कि क्या तुम शादीशुदा हो? तो वो बोली कि हाँ और फिर वो एकदम चुप हो गयी, मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा पति क्या काम करता है? तो वो बोली कि प्लीज़ कुछ और बात करो और तुमने मेरा रीज़्यूम देखा है क्या उसका कुछ होगा? तो में समझ गया कि कुछ गड़बड़ है और मैंने उससे बोला कि प्लीज़ मुझे तुम्हारी लाईफ के बारे में कुछ तो बताओ तभी तो में तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ। तो वो मना करने लगी और मैंने उससे बहुत बार कहा तो तब जाकर उसने बोला कि मेरी शादी जरुर हुई है, लेकिन अब वो उसके पति के साथ नहीं रहती और वो लोग बहुत जल्द तलाक लेने वाले है। तो मैंने उससे उसका कारण पूछा तो उसने कहा कि वो सभी बातें पर्सनल है और वो मुझे नहीं बता सकती। तो में भी उसकी यह बात सुनकर एकदम चुप हो गया क्योंकि में मन ही मन में सोच रहा था कि पहले दिन ही सब कुछ नहीं पूछना चाहिए।

तो दूसरे दिन उसने मुझे खुद ही एक मस्त मैसेज भेजा, तो मैंने भी मैसेज कर दिया और फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या कर रहे हो? तो मैंने बोला कि में ऑफिस में हूँ। तो उसने बोला कि ठीक और फिर पूछा कि क्या मेरे रीज़्यूम का कुछ हुआ? तो मैंने भी झूठ बोल दिया कि हाँ मैंने आगे भेज दिया है अभी उनकी तरफ से जवाब आने के बाद बताऊंगा और में उसके बारें में पूछने लगा तो उसने बताया कि वो नागपुर की रहने वाली है और उसकी शादी मुंबई में हुई थी। वो और उसका पति दोनों ही नौकरी किया करते थे। फिर मैंने उससे पूछा कि फिर यह तलाक क्यों? तो वो रोने लगी और बोली कि उसके पति का किसी और लकड़ी के साथ अफेयर है और अभी तक उसका उसके पति के साथ एक भी बार कुछ नहीं हुआ। तो में समझा गया कि वो अभी तक सेक्स के लिए तड़प रही है और फिर मैंने एक प्लान बनाया और मैंने उससे कहा कि तुम्हे नौकरी की क्या ज़रूरत है? तो वो बोली कि मुझे अपने पति से तलाक लेने के लिए वकील को पैसे देने है और अगर वो नहीं दे पाई तो उसके ससुराल वाले उसे छोड़ेगे नहीं और मारते रहेंगे।

तो मैंने उससे बोला कि फिर तुम्हे यहाँ पर नौकरी लगाने में थोड़ा टाइम लगेगा, इसलिये तुम कहीं और ट्राई करो तो उसने बोला कि मुझे कहीं भी नौकरी नहीं मिल रही है और मुझे बहुत ज़रूरत है और वो रोने लगी। तो मैंने बोला कि ठीक है में दोबारा ट्राई करता हूँ, लेकिन उसमे मुझे क्या मिलेगा? तो वो बोली कि जो तुम बोलोगे में वो सब करने को तैयार हूँ, लेकिन पहले मुझे एक नौकरी दिलवा दो। तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और फिर दूसरे दिन मैंने अपने एक फर्जी दोस्त से उसे कॉल करवाया कि आपका इस दिन इंटरव्यू है इस पोस्ट के लिए। तो तुरंत उसने मुझे कॉल किया कि उसे इंटरव्यू के लिए कॉल आया है। तो मैंने बोला कि ठीक है आप वहां पर इंटरव्यू के लिए चली जाओ। तो वो बोली कि क्या बिना इंटरव्यू के मेरी नौकरी मंजूर नहीं हो सकती? तो मैंने बोला कि पागल यह सब बिना इंटरव्यू के नहीं होगा, तो वो बोली कि मैंने बहुत दिनों से कुछ पढ़ाई नहीं की है तो हो सकता है कि में शायद फैल हो जाउंगी और वो रोने लगी और बोली कि मेरे लिए यह नौकरी बहुत ज़रूरी है।

तभी मैंने उसको बोला कि तो ठीक है में अपनी तरफ से कुछ कोशिश करता हूँ, लेकिन फिर मेरी मांग बड़ी होगी। तो वो बोली कि ठीक है तुम्हे जो कुछ मुझसे चाहिए में तुम्हे दूंगी, लेकिन पहले मेरा यह काम करवा दो प्लीज। फिर मैंने अपने दोस्त को फिर से कॉल करके उसे इंटरव्यू के लिए कल ही आने को बोला। तो वो बोली कि वो नागपुर से मुंबई एक दिन में कल नहीं आ सकती और उसने मुझे कॉल किया और यह सब बातें बताई। तो मैंने बोला कि ठीक है और अब चलो हम कुछ करते है और फिर मैंने उसे बाद में दूसरे दिन फोन लगाकर बोला कि तुम्हारा इंटरव्यू के बिना भी यह सब काम हो सकता है, लेकिन तुम्हे मेरे साथ एक बार फिल्म देखने जाना पड़ेगा और मेरे साथ खाना भी खाना पड़ेगा और दारू भी पीनी पड़ेगी। तो वो मेरी बात को सुनकर कुछ देर तक सोचने लगी और फिर बोली कि नहीं में ऐसा कुछ नहीं कर सकती और दारू तो बिल्कुल भी नहीं पी सकती। तो मैंने बोला कि ठीक है बाय। तो उसने भी मुझसे गुस्से में बाय बोल दिया और वो बोली कि में एक शरीफ लड़की हूँ और में यह सब कभी भी नहीं कर सकती और तुम मुझे आज के बाद मैसेज और कॉल मत करना। तो में उसकी यह बात सुनकर एकदम सोच में पड़ गया कि यह लड़की तो मेरे हाथ से निकल गई और मैंने फिर से अपने दोस्त को फोन करके उससे यह बात कहने के लिए बोला कि अगर आप नहीं आ सकते हो तो इसलिए आपका रीज़्यूम हम हटा रहे है और फिर मेरे दोस्त ने अपना काम किया।

तो उसने मुझे अपने आप कॉल किया और वो ज़ोर ज़ोर से रोने लगी और उसने मुझसे बोला की मैंने ऐसा क्यों किया? तो मैंने उससे कहा कि तुमने ही मुझसे बोला था कि तुम्हे ही यह सब नहीं चाहिए और तुम तो बहुत शरीफ और वैसे भी मैंने तो सिर्फ़ दारू ही बोला था मैंने सेक्स तो नहीं बोला। तो वो बोली कि ठीक है में तैयार हूँ तुम बताओ मुझे कब और कहाँ पर आना है? मैंने बोला कि तुम आज रात को ही फ्लाइट से आ जाओ में तुम्हारा टिकट बुक कर देता हूँ और फिर मैंने उसे उसी शाम की फ्लाइट का एक टिकट भेजा और वो आ गयी। फिर मैंने मेरे ड्राइवर को उसे अपने रूम में लाने के लिए बोला और जैसे ही मैंने उसे देखा में एकदम पागल हो गया, गोरा रंग, मस्त शरीर, पंजाबी लड़कियों जैसा फिगर करीब 36-24-36 का साईज होगा, लेकिन उसका साईज 36-26-34 था। फिर मैंने उसे अंदर बुलाया तो वो मेरा रूम देखकर एकदम चौंक गयी क्योंकि मेरे रूम में हर वो सामान था जो किसी अमीर आदमी की एक जरूरत होती है और वो बोली कि तुम तो बहुत अमीर लगते हो। तो मैंने बोला कि नहीं बस सामान मेरी अपनी मेहनत की कमाई का है। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर मैंने बोला कि अंदर जाओ और अपने कपड़े बदल लो, तो वो बोली कि ठीक है और वो बाथरूम में चली गई और मैंने उसके लिए एक ड्रिंक बनाया और वो नाहकर मेरे सामने मस्त टाईट लेगी और कुर्ता पहनकर बिल्कुल एक शरीफ़ लड़कियों की तरह आई और बोली कि चलो अब। तो मैंने पूछा कि कहाँ? तो वो बोली कि क्यों हमे फिल्म जाना है ना? तो मैंने बोला कि नहीं मैंने इधर ही मेरे रूम पर सब इंतजाम किया हुआ है फिर मैंने डीवीडी पर नयी एक नई फिल्म लगाई और हम दोनों सोफे के दोनों अलग कोने पर बैठ गये। तो मैंने उसे विस्की का ग्लास दिया और बोला कि लो, तो पहले वो साफ मना करने लगी। फिर मेरे बहुत कहने पर उसने वो ले लिया, मैंने उसके लिए थोड़ा भारी विस्की का पेग बनाया था। फिर मैंने फिल्म शुरू की, वो थोड़ी हिन्दी फिल्म थी और में उससे बातें करने लगा और उससे पूछने लगा कि शराब पहली बार पिया वग़ैराह वग़ैराह। तो वो बोलने लगी कि हाँ में पहली बार इसे पी रही हूँ और अब कुछ देर के बाद धीरे धीरे उसकी आवाज़ लड़खड़ाने लगी और एक ग्लास में वो थोड़ी सी बैचेन हो गई और फिर मैंने सोचा कि इतना काफ़ी नहीं है तो मैंने एक और पेग बनाया और उसके सामने रख दिया, लेकिन इस बार वो खुद ही पीने लगी और मैंने वो फिल्म चेंज करके दूसरी फिल्म लगा दी, तो कुछ देर के बाद एक तो दारू का नशा और उसमें उसकी सालों की तड़प वो दोनों मिलकर असर कर गयी उसने अपनी दोनों पैर टाईट बंद कर लिए और अब वो फिल्म को बहुत ध्यान से देखने लगी। तो मैंने धीरे से उसके पास जाकर उसके गालो को किस किया तो उसने कुछ नहीं बोला तो मेरी हिम्मत बढ़ गयी और में उसकी कमर पर हाथ डालकर उसके बूब्स को धीरे धीरे दबाने, सहलाने लगा तो वो थोड़ा छटपटाई और फिर कुछ नहीं बोलते हुए मुहं से आवाज़े निकालने लगी आहहह हाँ और ज़ोर से आहह्ह्ह प्लीज़ ओह्ह्ह्हह करके उफफ्फ्फ्फ़ करने लगी। तो मैंने उसे वहीं पर नंगा कर दिया और उसने भी मेरा पूरा पूरा साथ दिया फिर मैंने अपने भी कपड़े उतार दिए और मैंने देखा कि उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं है जैसे उसने अभी ही बाथरूम में जाकर साफ किए हो और मैंने उसे पैर फ़ैलाने को बोला तो उसने अपने पैर ढीले छोड़ दिए, में उसकी चूत पर मसाज करने लगा और एक हाथ से उसके बूब्स और निप्पल को मसलने लगा और अब उसे भी मज़ा आने लगा। तो मैंने यह सोचकर कि यह अब होश में नहीं आनी चाहिए में उसके होंठो को चूसने लगा और फिर मैंने देखा कि उसकी चूत गीली हो चुकी है और मेरी उंगली धीरे धीरे चूत के अंदर जाने लगी, मैंने पहले एक उंगली डाली तो पता चल कि वो अभी तक वर्जिन है। तो उसे बहुत दर्द होने लगा और वो दर्द की वजह से तड़पने लगी, फिर मैंने अपनी दूसरी उंगली भी चूत में डाली और धीरे धीरे उंगली से अंदर बाहर करने लगा और ऊपर की तरफ में उसके निप्पल को अपने मुहं से काटने लगा और उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ लिया और वो उसे जोश में आकर ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी। तो मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा हाथ उसकी चूत में डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा।

फिर मैंने उसे सोफे पर ही लेटा दिया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर धीरे धीरे दबाने लगा और वो पहली ही बार में पूरा का पूरा अंदर घुस गया और में मस्त मज़े लेने लगा। तभी उसने मुझसे बोला कि प्लीज़ मुझे नीचे से चाटो ना तो मैंने देखा कि वो पूरी तरह से अब सेक्स के नशे में थी। तो में उसकी गीली चूत को चाटने लगा और मुझे उसकी चूत चाटना अच्छा नहीं लग रहा था फिर भी मैंने ऐसा किया और यह पहली बार और मुझे ऐसा करना बहुत अजीब लगा, लेकिन फिर में अपनी पूरी जीभ उसकी चूत में डालने लगा और मैंने देखा कि अचानक से वो तड़पने लगी तभी मुझे समझ आ गया कि लड़कियों को उनकी चूत चटवाना बहुत अच्छा लगता है। तो मैंने ज़ोर ज़ोर उसे चाटना शुरू कर दिया और फिर थोड़ी देर में वो बिल्कुल शांत हो गयी और में समझ गया कि उसकी चूत का पानी निकल गया और मैंने पूरा उसे पी लिया, लेकिन में अभी तक शांत नहीं हुआ तो मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा। तो थोड़ी ही देर बाद में भी शांत हो गया और मैंने अपना लंड बाहर निकालकर पूरा वीर्य उसके मुहं में डाल दिया तो उसने उसे चाट चाटकर साफ कर दिया और फिर हम दोनों वहीं बेड पर एक दूसरे के ऊपर लेट गए और सुबह जब हुई तो वो रोने लगी और मुझसे कहने लगी कि मैंने उसके साथ ऐसा क्यों किया? तो जब मैंने उसे अपनी कंपनी का ऑफर लेटर दिखाया तो उसने रोना बंद कर दिया और वो सब कुछ भूलकर बहुत खुश हो गई और अभी भी वो मेरी ही कंपनी में नौकरी करती है और जब भी हमारी इच्छा होती हम सेक्स करते है, लेकिन अब बिना दारू के। तो दोस्तों यह था मेरा पहला सेक्स अनुभव ।।

धन्यवाद …

देवर भाभी की हिंदी सेक्स स्टोरी

दोस्तों, आज जो देवर भाभी की ईन्सेस्त सेक्स स्टोरी Chudai Antarvasna Kamukta Hindi sex Indian Sex बताने जा रहा हू वो मेरी देवर से चुदाई की कहानी हैं.मैं पूनम दिल्ली से हु, आज करवा चौथ की रात को रंगीन की अपने देवर के साथ, ये मेरी पहली वेवफाई है,जब किसी का पति वेवफा हो जाये तो और क्या कर सकती है, मैं अभी 26 साल की हु, शादी की हुए 3 हुए है, पर मेरी ज़िंदगी में वो आ गयी है, मेरा पति उसके पीछे ही दीवाना है, वो साथ साथ कॉलेज में पढ़ते थे, पर उस कुतिया को ये पता नहीं की जो वो समझ रही है वो नहीं है, मेरे पति तो उसकी भी छोटी बहन को नहीं छोड़ा, वो दोनों बहनो को चोदा है और पूरी पूरी रात रहता है, इसी वजह से वो मेरे तरफ ध्यान नहीं देता, मेरे पति को तो वो लूट के खा गई है, खैर माफ़ करना मैं थोड़ी सेंटी हो गयी थी.
देवर भाभी की सेक्स स्टोरी
देवर भाभी की हिंदी सेक्स स्टोरी

कल करवा चौथ का दिन था, सास ने कहा की बहू व्रत तो रख ही लो क्या करूँ मेरे बेटा मेरे कब्जे में नहीं है, कोई बात नहीं वो वापस आ जायेगा तुम्हारे पास, तुम इतनी खूबसूरत हो आज ना कल वो तेरे पास आ ही जायेगा, इसलिए तुम करवा चौथ का ब्रत रख लो, मैंने भी वही किया, दिन भर तो भूखी प्यासी रही पर शाम होते ही मैं बन ठन के तैयार हो गयी, मैंने हाल्फ स्लीव की ब्लाउज और रेड कलर की साडी पहनी, साडी मेरी थोड़ी पारदर्शी थी मेरा जिस्म दिख रहा था, रात का पूजा खतम हो गया, चाँद को छलनी से देखि और आँख बंद कर के अपने पति को याद की, और जैसे ही आँख खोली मेरा देवर मेरे सामने खड़ा था, मुझे ठीक नहीं लगा, क्यों की मैं अभी तक मन ही मन अपने पति को ही पूजती थी,

फिर मैंने खुद से ही पानी पि, देवर ने कहा चलो भाभी आपको बाहर से खाना खिला के लाये, मैं मना कर दी पर मेरी सास बोलो बहू चले जाओ इतना प्यार से तेरा देवर तुम्हे कह रहा है, फिर मैं तैयार हो गई सोची क्यों अपनी ज़िंदगी नरक बनाऊ, वो तो मजा कर रहा है, इस वजह से मैं जाने के लिए तैयार हो गयी, पास में ही एक बड़ा होटल है, दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।डिनर करने गए, वह पे करीब हम दोनों २ घंटे तक रहे, खाना खाया, देवर ने वोदका ऑफर किया, मैंने भी एक पेग ली, इस तरह से यौन कइये की शाम काफी अच्छा गया, बड़े दिनों के बाद आज मैं इतनी खुश थी, जब वह से निकलने लगे, तो सामने ही ज्वेलरी शॉप था मेरे देवर ने मेरे लिए एक डायमंड की रिंग ली, मैं काफी मना की पर वो मुझे पहना दिया,.

फिर वापस आके मैंने अपना साडी चेंज किया सास को प्रणाम की और सोने चली गयी, नींद नहीं आ रही थी, मैं काफी परेशान थी सोच रही थी मेरी जवानी किस काम की, आज अपने बिस्तर पे उलट पलट रही हु, जवानी यूं ही खत्म हो जाएगी, क्या करूँ, मेरा मन काफी बैचेन था, पर सोने का प्रयत्न कर रही थी, रात के करीब एक बजे थे, सारे लोग सो गए थे पर मैं लाइट जला के मैगज़ीन पढ़ रही थी, तभी मेरा देवर विशाल दरवाजे के पास आके बोला भाभी सो जाओ काफी रात हो गया है, मैंने कहा नहीं विशाल मुझे नींद नहीं आ रही रही तभी वो आके बैठ गया, बोला क्यों नहीं नींद आ रही है, तभी मेरी आह फट गयी और मैं सोने लगी मैं क्या कहती की मैं अपने पति के वियोग में हु और मुझे नींद नहीं आ रही है.दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। वो बेड पे बैठ गया, मेरे हाथ को पकड़ लिया, मैंने और भी रोने लगी, फिर पता नहीं चला कब हम देवर के गले लग गए, मेरी चूचियाँ उसके चौड़े साइन से चिपके हुए थे, और उसकी मजबूत पकड़ मेरे पीठ को सहला रही थी, मेरे होठ उसके होठ के पास अठखेलियां करने लगी और फिर एक दूसरे को मिल गए, दोनों एक दूसरे के होठ को चूसने लगे, जिस्म की ज्वाला भड़क चुकी थी, फिर मैंने कहा दरवाजा बंद कर लो, देवर उठ के दरवाजा बंद कर दिया, फिर क्या था एक दूसरे पे दोनों टूट पड़े,

देवर ने मेरे कपडे उतार दिए और बूब्स के अपने हाथ से मसलने लगा, मेरे गोर गोर बूब्स पे उसके उँगलियों के निशान पड़ रहे थे, फिर वो निचे मेरे चूत पे हाथ रखा और ऊँगली करने लगा, मैं आअह आआह आआह आआअह करने लगी, फिर वो अपनी गीली ऊँगली से मेरे गांड में भी ऊँगली डाल दिया अब तो मैं बैचेन होने लगी, मैंने उसका लैंड उसके जाँघिया से बाहर निकाल ली, देवर का लैंड चूसने लगी, इतना मोटा लण्ड था की मेरे मुह में समा नहीं रहा था, मेरा देवर भी आआह आआअह आआआह कर रहा था, फिर वो मेरी दोनों पैर को अलग अलग कर के, बीच में बैठ गया और देवर ने अपने जीभ से मेरी चूत को चाटने लगा, बोला भाभी आपका चूत तो नमकीन लग रहा है, मैं झड़ चुकी थी उसका पानी था, फिर से मैं तैयार हो गयी और उसके सर को पकड़ के अपने चूत में सटा रही थी.दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर वो मेरे चूत (बूर) को चिर के देखा बोला भाभी आपका चूत तो एकदम लाल है, भैया भी पागल है इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़कर इधर उधर मुह मार रहा है, और अपना लण्ड का सुपाड़ा मेरे चूत पे रख के अंदर डाल दिया, मैं बैचेन हो गयी इतना मोटा लण्ड था मेरे चूत को चीरते हुए अंदर दाखिल हो गया आप फिर मैंने अपने गांड को उठा उठा के लण्ड को अंदर बाहर लेने लगी, वो भी मुझे धक्के पे धक्के दिए जा रहा था. आख़िार कार 40 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए शिथिल होके एक दूसरे को एक दूसरे के बाहों में बाह डाल के सो गए, सुबह चार बजे नींद खुली मैंने देवर को किश करना सुरु कर दिया,दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है। फिर वो एक बार मुझे कामसूत्र की पोजीशन में सेक्स करने लगा, इस तरह से साढ़े पांच बजे तक चोदा, फिर वो अपने कमरे में चला गया, मुझे अभी भी नींद नहीं आ रही थी इस वजह से मैंने ये कहानी आपके सामने लिखी, कैसी लगी हम डॉनो देवर भाभी की सेक्स , रिप्लाइ जररूर करना , अगर कोई मेरी प्यासी चूत की चुदाई करना चाहते हैं तो अब

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नशीली कामवाली का नशा

प्रेषक : राहुल …

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में हरियाणा का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 26 साल है और हाईट 5.11 इंच है और मेरे लंड का साईज़ 8 इंच है और में दिखने में एकदम ठीक ठाक लगता हूँ और अब में आप सभी को ज्यादा बोर ना करते हुए अपनी आज की कहानी की तरफ ले चलता हूँ।

दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी काम वाली बाई की है। उसकी उम्र कोई 28 साल के करीब है और वो शादीशुदा है, उसका नाम सुनीता है और दिखने में बहुत ज्यादा सेक्सी है, उसका सावला रंग और उसके बूब्स का साईज़ 36-20-36 है, लेकिन वो बिल्कुल कामुक दिखती थी। सुनीता हमारे घर पर दो टाईम काम करने आती थी, एक सुबह और दूसरा शाम को और में हमेशा सुनीता के जिस्म को देखकर उसे चोदने के बारे में सोचता रहता था, लेकिन मुझे कभी भी मौका ही नहीं मिलता था और वैसे सुनीता बहुत कम बोलती थी, वो बस अपने कामो में लगी रहती और काम खत्म करके अपने घर पर चली जाती थी। फिर एक दिन हमारे रिश्तेदार के घर पर एक समारोह था, लेकिन वो हमारे पास वाला घर ही था और सुनीता वहां पर भी काम किया करती थी। फिर एक दिन सुनीता को वहां पर काम करते करते थोड़ी रात हो गई और मुझे उसे उसके घर पर छोड़कर आना पड़ा। मेरी कार घर के बाहर ही खड़ी हुई थी, लेकिन उसके बजाए फिर भी मैंने अंदर से अपनी बाईक को बाहर निकाल लिया और में उसे छोड़ने के लिए चला गया।

फिर जब सुनीता मेरे कंधे पर हाथ रखकर बाईक पर चड़ी तो उसके बड़े बड़े बूब्स मेरी पीठ पर छूने लगे और में बाईक को धीरे धीरे ब्रेक मारता हुआ चला रहा था, लेकिन उसका घर पास में ही था तो मुझे थोड़ा ही मज़ा लेने का मौका मिला और उस रात के बाद से मेरी सुनीता से थोड़ी थोड़ी बात होनी शुरू हो गई और में अपनी बाईक पर बिठाकर लगातार 3-4 दिन तक उसे घर पर छोड़ने गया और उसके मज़े लेने लगा और उसके बाद से मैंने भी ध्यान दिया था कि जब भी में नहाकर बाथरूम से आता तो सुनीता मुझे चुप चुपकर देख रही होती थी और में भी जब वो सफाई करती थी तो उसके मोटे मोटे बूब्स को देखा करता था और जब वो देखती कि में उसके बूब्स देख रहा हूँ तो वो और झुक झुककर सफाई किया करती थी, जिसकी वजह से मुझे उसके बूब्स और भी ज्यादा गहराई तक नजर आते और में मन ही मन बहुत खुश हुआ करता था और अब में सिर्फ़ उस दिन का बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहा था कि घर पर जब कोई नहीं होगा तो में अपना शिकार पकड़ लूँगा, क्योंकि वो भी शायद अब मुझसे यही चाहती थी, वो हमेशा किसी ना किसी बहाने से मुझे अपने बूब्स के दर्शन कराया करती थी। फिर आखिरकार बहुत इंतजार करने के बाद वो दिन आ ही गया, जब उस दिन घर पर सुबह सुबह कोई भी नहीं था, मम्मी पापा किसी काम से बाहर गये थे और वो सुबह सुबह ही चले गये और उनको शाम को वापस आना था। फिर रोज की तरह सुनीता घर पर अपना काम करने के लिए आई और फिर वो सफाई कर रही थी। फिर में बेडरूम में जाकर बेड पर बैठ गया और में उसके बूब्स देख रहा था और वो मुझे धीरे धीरे मदहोश करने लगे थे। तभी उसने भी मुझे देख लिया, लेकिन फिर भी इस बार में उसके बूब्स पर नजरे टिकाए हुए था, मुझे उसके बूब्स देखने में बहुत मज़ा आ रहा था, क्योंकि हमे किसी का डर नहीं था और वो मुझे तिरछी नजरों से देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे अपनी और आकर्षित कर रही थी और फिर वो भी धीरे धीरे अपना काम करते हुए बेडरूम से बाहर चली गयी और अब वो पूरी सफाई कर चुकी थी और अपने घर पर जाने वाली थी।

फिर उसने मुझसे कहा कि में अब जा रही हूँ और शाम को आ जाउंगी। मैंने तभी उसको बोला कि सुनीता एक मिनट अंदर आओ। वो चुपचाप अंदर आ गई, लेकिन वो बहुत शरमा रही थी और फिर वो बोली कि हाँ जी कहिए क्या काम है? तो मैंने उससे बोला कि तुम पहले यहाँ पर बैठो और वो चुपचाप बैठ गयी। मैंने उससे कहा कि क्या तुम्हे पता है कि तुम कितनी सुंदर हो? तो वो शरमाने लगी और उसने अपनी नजरे एकदम झुका ली और फिर मैंने एकदम सही मौका देखकर उसका एक हाथ पकड़ लिया तो वो नर्वस होने लगी और बोली कि आप यह क्या कर रहे हो? तो मैंने बोला कि में तुम्हे हाथ लगाकर तुम्हे छूकर देख रहा हूँ और फिर में अपना हाथ उसकी कमर पर लगाने लगा, लेकिन वो कुछ नहीं बोली और बीच में अपनी दोनों आखें बंद करके मुहं घुमाकर मुझसे बोल रही थी कि बस करो रहने दो, कोई आ जाएगा, छोड़ दो मुझे कोई आ जाएगा तो हमे देख लेगा। फिर मैंने जैसे ही उसकी नाभि पर हाथ रखा तो उसने सिसकियाँ लेनी शुरू कर दी और उसने आखें बंद करके मुहं ऊपर की तरफ कर लिया।

फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया और उसने भी मेरा साथ देते हुए मुझे हग करना शुरू किया, जिससे मुझे उसको बेड पर लेटाने में थोड़ी आसानी हो गयी और मैंने उसकी गर्दन पर किस करते हुए उसके होंठो पर किस किया और फिर जैसे ही उसने भी जमकर मेरा साथ दिया तो वैसे ही मैंने उसके मोटे मोटे बूब्स को दबाने शुरू कर दिया और सुनीता भी मुझे पागलों की तरह चूमने लगी। फिर उसने मुझे इस तरह ज़ोर से चूमा कि वो मेरी पूरी जीभ अपने मुहं में ले गयी और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी। फिर मैंने चूसते चूसते सुनीता को पूरा नंगा कर दिया था और वो भी मेरे कपड़े उतार रही थी। फिर सुनीता ने मेरी अंडरवियर को उतार दिया और मेरे लंड को देखकर उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान आ गयी और वो मेरे लंड को मुहं में लेकर चूसने लगी। वो समय मेरे लिए किसी जन्नत से कम नहीं था और वो मेरे लंड को 15 मिनट तक लगातार चूसती रही और अब मैंने उसे 69 की पोज़िशन में कर दिया। फिर मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और में भी उसकी चूत को पागलों की तरह ज़ोर ज़ोर से चाटने चूसने लगा तो वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और अपनी गांड को उठा उठाकर मुझे अपनी चूत में घुसाकर चटवाने लगी और कहने लगी कि औऊऊऊउ हाँ और ज़ोर से अह्ह्हह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से। करीब दस मिनट तक लगतार उसकी चूत चूसने के बाद वो और भी तड़पने और कहने लगी, प्लीज और ज़ोर से चूसो। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर में समझ गया कि अब यह झड़ने वाली है, में उसे और भी ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा और करीब दो मिनट के बाद में वो झड़ गयी और उसने मुझे ज़ोर से गले से लगा लिया। अब मैंने उसे डोगी स्टाईल में बिठा दिया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखा और हल्का सा धक्का देकर अंदर किया और फिर दम लगाने लगा। फिर वो सिसकियाँ भरने लगी और अब मैंने एक जोरदार झटका मारा तो एकदम उसकी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और वो बोली कि प्लीज थोड़ा आईईईईईईइ धीरे करो, अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह। फिर मैंने एक और झटका मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर चला गया और उसके मुहं से अह्ह्हहमम्म आईईईईईई  जैसी उफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आवाज़े निकलने लगी और अब में उसकी कमर को पकड़कर अपने लंड को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर अंदर बाहर करने लगा और अब कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आ रहा था। फिर 30 मिनट तक लगातार चोदने के बाद हम दोनों झड़ गए और उसने मुझे अपनी बाहों में कसकर भर लिया। फिर कुछ देर बाद हम उठे और फिर सुनीता को दूसरी जगह काम पर जाना था तो वो चली गई, लेकिन जब वो शाम को वापस आई तो किचन में बर्तन साफ कर रही थी। फिर में उसे पीछे से पकड़कर उसके कान को चूसने लगा और उसकी गांड पर अपना लंड घुमाने लगा, वो फिर से मदहोश होने लगी। फिर में उसे हमारे ड्राइंगरूम में ले गया और मैंने उसके कपड़ो को उतारकर बूब्स को चूसना शुरू कर दिए और मैंने उसके बूब्स चूसते चूसते उसके बाकी के कपड़े भी खोलकर उसे पूरा नंगा कर दिया और उसे सोफे पर लेटा दिया और फिर कुछ देर तक चूत चाटने लगा, वो मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगी और सिसकियाँ लेने लगी, लेकिन कुछ देर बाद वो झड़ गई और में उसका पूरा रस पी गया।

फिर कुछ देर बाद मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर कर रखकर लंड को चूत पर रखकर धक्का दिया और उसकी चुदाई करने लगा, वो ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह धीरे करो, प्लीज थोड़ा धीरे करो अह्ह्ह्हह, लेकिन में उसकी सुने बिना धक्के देता रहा। करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद में झड़ गया और मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया। फिर वो एकदम निढाल होकर पड़ी रही। दोस्तों उस टाईम हमने दो बार चुदाई का मज़ा लिया और मैंने उसको खुश कर दिया, लेकिन उसके बाद जब भी मौका मिलता तो मैंने उसे कई बार चोदा और अब वो भी मेरे लंड को हर कभी मौका देखकर पकड़कर चूसने लगती है और में कई बार उसके मुहं में झड़ चुका हूँ ।।

धन्यवाद …

सेक्सी चाची ने मुझे चुदवाया

मैं उन दिनों अपने चाचा के यहां आई हुई थी। Chudai Antarvasna Kamukta Hindi sex Indian Sex मैं एम ए की छात्रा थी। चाचा बिजनेस के सिलसिले में कुछ दिनों के लिये दिल्ली गये हुए थे। चाची घर पर ट्यूशन पढाती थी। चाची का नाम सुमन था। उनकी उम्र 35 वर्ष की थी। उसके पास कोलेज दो के छात्र पढने आते थे। रवि और सोनू नाम था उनका। दोनो ही 20 – 21 वर्ष के थे। मुझे पहले दिन से ही वो हाय हेल्लो करने लगे थे। उन दोनों से मेरी जल्दी ही दोस्ती हो गयी थी। ऊपर का कमरा खाली था सो सुमन उन्हे वहीं पढाया करती थी।
एक बार जब सुमन ट्यूशन पढा रही थी तब मैं किसी काम से ऊपर कमरे में गयी। जैसे ही मैं कमरे के पास पहुचीं तो मुझे सिसकारी की आवाज सुनायी पडी। मैं सावधान हो गयी। तभी मुझे फिर से हाऽऽय की आवाज सुनायी पडी। मैने धीरे से खिडकी से झांक कर देखा। वो लडके सुमन की चूंचियां दबा रहे थे। सुमन ने पेन्ट के ऊपर से ही एक का लन्ड पकड रखा था। सुमन बार बार आनन्द से सिसकारियां भर रही थी। मैं दबे पांव पीछे हट गयी और नीचे उतर आई।
मेरे सारे शरीर में सनसनी फ़ैल गयी थी। मैं अपने कमरे में आकर बिस्तर पर लेट गयी। मेरी सांसे तेज चल रही थी। मेरे मन में उत्तेजना भरने लगी थी। मुझसे रहा नहीं गया…… मैं फिर से दबे पांव ऊपर गई … मैने फिर से झांक कर देखा… मुझे पसीना छूटने लग गया। कमरे में सभी नंगे थे… रवि ने अपना लन्ड सुमन की चूत में डाल रखा था…और तबियत से चोद रहा था…… सोनू ने अपना लन्ड सुमन के मुँह में दे रखा था… मैं फिर नीचे आ गयी… मेरी चूत भी गीली हो चुकी थी… मैं अपनी चूत दबा कर बैठ गयी। मैं भी जवान थी…मेरे पास भी जवानी का पूरा खजाना था। मेरे मन में भी चुदवाने तेज इच्छा उठने लगी। मेरी चूंचियां कड़ी होने लगी… जवानी का जोश हिलोरें मारने लगा।
मैं मन मार कर कमरे से बाहर निकल आई… पास की दुकान से अपना मोबाईल रीचार्ज करवाने लगी। जब मैं वापस आई तो उनका कार्यक्रम समाप्त हो चुका था। रवि और सोनू जाने की तैयारी में थे। मुझे देख कर कर वो दोनों ही मुसकराये, मैने भी उन्हे तिरछी निगाहों से मुसकरा कर देखा। वो दोनो चले गये और मैं सुमन की किस्मत पर जल उठी… जो कि दो जवान लण्डों की मालकिन थी। मेरे मन में हलचल हो रही थी…। मन अशान्त था …… मुझसे सुमन की चुदाई बरदाश्त नही हो पा रही थी।
रात के करीब 10 बज रहे थे…। मैने कमरे की लाईट बन्द कर दी और सोने के लिये लेट गयी। पर नींद कहां थी। रह रह कर सुमन की चुदाई की याद आ रही थी। मैने अपनी पेन्टी उतारी , रात को मैं ब्रा नहीं पहनती थी। मैने सोचा कि चूत में उंगली करके झड़ जाती हूं…… पर मुझे उसी समय बाहर कुछ आवाज आई… मैने दरवाजे से झांक कर देखा तो रवि और सोनू सुमन के कमरे की तरफ़ जा रहे थे। मैने अपने कमरे के दरवाजे के छेद में आंखे गडा दी , यह दरवाजा चाचा के कमरे में खुलता था, और सुनने का प्रयास करने लगी। मुझे ये सुन कर हैरानी हुई कि सुमन उन दोनो के साथ मेरी चुदाई का प्रोग्राम बना रही थी… पर कैसे…?
वे तीनों मेरे कमरे की ओर आने लगे। मैं भाग कर अपने बिस्तर पर आकर लेट गयी। मुझे लगा कि वो तीनों मेरे कमरे के बाहर आ गये है…… तभी मेरे कमरे का दरवाजा खुला… मैने देखा सुमन पहले अन्दर आयी… फिर दोनो उनके पीछे पीछे आये……। मैने सोने का बहाना किया। सोनू ने दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया। पर तीनों मेरे साथ क्या करेंगे …… क्या बलात्कार… यानी मेरी चुदाई… मेरा मन खुशी के मारे उछलने लगा…बिना कुछ किये मन की मुराद पूरी हो जाये तो… फिर ऊपर वाले का धन्यवाद करो…। मेरा सोचना बिलकुल सही निकला। रवि ने लाईट जला दी… मुझे देख कर उन दोनो के मुंह में पानी आ गया। मैने पेन्टी और ब्रा वैसे भी नहीं पहन रखी थी। स्कर्ट भी जांघों से उपर आ चुका था। अन्दर से मेरी चूत झांक रही थी।
रवि ने बिस्तर पर पास बैठ कर मेरी छोटी सी कमीज़ को ऊपर कर दिया। मेरे नंगी चूंचियां उसके सामने तनी हुयी खडी थी। मेरे शरीर में रोमांच भर आया… मुझे लग रहा था कि मेरी चूंचियां पकड कर मसल दे… लेकिन उसने बडे प्यार से मेरे स्तन सहलाये… मेरी नोकों को हौले हौले से पकड कर मसलते हुये घुमाया। इतने में सोनू ने मेरे स्कर्ट को ऊंचा करके मेरी चूत नंगी कर दी। अचानक मुझे मेरी चूत पर गीलापन लगा…… सोनू की जीभ से थूक मेरी चूत पर टपका कर उसे चाट लिया था…… मैं तड़प उठी… पर मुझे ज्यादा इन्तजार नहीं करना पडा। सुमन ने मेरे दोनो हाथ ऊपर कस कर पकड़ लिये। सोनू ने मेरी टांगे चीर कर फ़ैला दी। और मेरी टांगों के बीच में आ गया। अब मुझे लग गया कि मैं चुदने वाली हूं……तो मैने नाटक शुरु कर दिया…… मैने जाग जाने का नाटक किया…
“अरे ये क्या…… छोडो मुझे……… चाची…”
“चुप हो जा…कुतिया… मजे ले अब…”
” चाची… नहीं प्लीज़……”
इतने में सोनू का लन्ड मेरी चूत में घुस गया। मन में मस्ती छा गयी। चूत को लन्ड मिल गया था… तेज गुदगुदी सी उठी।
“सोनू…ये क्या कर दिया तूने… मुझे छोड दे……मत कर ना…मादरचोद…”
“रीता रानी … ऐसी मस्त जवान लड़की को तो चुदना ही पड़ता है… देख क्य टाइट चूत है…अब हम तेरी बहन चोद देंगे।” सोनू मस्त हो कर बोला।
रवि मेरे चूंचकों को चूस रहा था… सुमन ने खुद के कपड़े उतार फ़ेंके…वो पूरी नंगी हो गयी। हम सभी को पता था कि कार्यक्रम सफ़ल हो चुका है। सुमन ने रवि की पेन्ट और कमीज़ उतार कर उसे नन्गा कर दिया। सोनू पहले ही नंगा हो चुका था। चाची मुझे समझा रही थी
“देख रीता… लन्ड तो तेरी चूत में फ़िट हो ही गया है… अब मजा ले ले…ना’
“चाची… प्लीज़… मत करो ना…देखो मैं मर जाऊगीं…” मैने फिर नाटक किया। चाची ने मेरे होंठ चूमते हुये कहा
“अच्छा… दो मिनट के बाद छोड देंगे… मजा नहीं आये… तो नहीं सही… बस”
चाची समझ चुकी थी…कि मै यूं ही ऊपर से कह रही हूं और वास्तव में मुझे मजा आ रहा है।
“सोनू …मत करो…… इसे अच्छा नहीं लग रहा है… चलो मेरी मां चोद दो…”
अरे ये क्या हो गया…मैने तुरन्त पासा पलटा……
“चाची… तुम बडी खराब हो…एक दम हरामी … मां की लौड़ी”
मैने नीचे से सोनू को नीचे से चूतड़ उछाल कर एक तेज धक्का दिया…। और रवि का लन्ड पकड कर अपने मुख में डाल दिया। मेरी फ़ुर्ती देख कर दोनों को मस्ती आ गयी। दोनो सिसकारियां भरने लगे। चाची ने रवि और सोनू को रोक दिया।
“अब देखो कोई जबरदस्ती नहीं करना है…ये मादरचोद तो… रीता राज़ी है …”
सभी बिस्तर पर बैठ गये… मेरे बचे हुये शरीर के कपडे भी उतार दिये। फिर सुमन सभी को बताने लगी कि उन्हे क्या करना है… मैने अपनी बात रख दी,”पहले सोनू को मेरे पर चढने दो… उसका लन्ड मेरी चूत में रहने दो…फिर बात करो…”
“चलो सोनू तुम रीता को चोद डालो…रवि तुम मुझे चोदो… फिर बदल लेंगे…”
सोनू मुझसे लिपट गया… मुझे बुरी तरह से चूमने चाटने लगा… उस ने मुझे तुरन्त मुझे घोड़ी बनाया… और अपना कड़क लन्ड मेरी गान्ड पर मारने लगा। तो सोनू अब मेरी गान्ड चोदेगा। मेरी गान्ड में उसने ढेर सारा थूक लगाया और लन्ड को छेद पर रख कर अन्दर दबा कर घुसा दिया… उसका लाल सुपाडा फ़क से अन्दर घुस गया। मैं आनन्द से निहाल हो उठी… दूसरे धक्के में आधा लन्ड अन्दर था… तीसरा धक्का लन्ड को पूरा जड़ तक ले गया…… गान्ड मैने कई बार चुदाई थी… इसलिये मुझे इसमें बहुत मजा आता है…उसका गान्ड में फ़ंसा हुआ मोटा सा लन्ड मुझे बहुत ही आनन्द दे रहा था। सोनू अब धीरे धीरे धक्के तेज़ करने लगा… उधर रवि और सुमन मेरे साथ ही आ गये… शायद रवि को मैं अधिक पसन्द आ रही थी… रवि ने मेरी चूंचियां पकड कर मचकानी चालू कर दी… सुमन ने भी अपनी कला दिखाने लगी… उसने अपनी दो उंगलियों को मेरी चूत में घुसा दी। मेरे मुख से आनन्द की हंसी और सिस्कारियां निकलने लगी। सोनू की धक्के मारने की गति तेज हो गयी थी… उसके मुख से आनन्द की सीत्कारें तेज हो उठी थी। मेरे चूतड अपने आप उछले जा रहे थे। मुझे ऐसे गान्ड मरवाने में बडा मजा आता था। सोनू के धक्के बढने लगे… उसका शरीर अकडने लगा।
अचानक सुमन ने मेरी चूत से दोनों उंगलियां निकाल दी और सोनू के दोनों चूतडों को कस कस के दबाने लगी। तभी सोनू के लन्ड ने मेरी गान्ड के अन्दर ही अपना वीर्य तेजी से छोड दिया। सुमन उसके चूतडों को दबाती ही रही जब तक कि उसका पूरा वीर्य नहीं छूट गया। तब रवि ने उसकी जगह ले ली। रवि बिस्तर पर लेट गया उसका खडा लन्ड मेरी चूत को आमन्त्रण दे रहा था … मैं रवि पर चढ गयी और उसके लन्ड को सीधे चूत पर टिका दिया… और फिर हौले से लन्ड पर दबा दिया…
“आऽऽऽऽऽऽह …… चुद गयी रे… चाची…”
“चुद जा… रीता…तेरी किस्मत अच्छी है कि पहली बार में ही तुझे दो दो लन्ड बिना कुछ किये ही मिल गये……चुद जा छिनाल अब…”
“चाची …… आई लव यू…… आप दिल की बात जानती हैं…आप बडी हरामी हैं…” मेरी बात सुन कर सुमन मुस्करा उठी…
“अब चुदने में मन लगा…रन्डी… मजा आयेगा…”
“हाय चाची …… चुद तो रही हू ना… देखो ना कैसे मोटे तगडे जवान लन्ड हैं…मेरी तो मां चोद देंगे ये…”
अब सोनू ने सुमन के उरोज पकड लिये… और लन्ड सुमन की गान्ड में घुसाने लगा… वह फिर से तैयार हो चुका था। सुमन हंस कर बोली-“देखा सोनू को … गान्ड मारने में माहिर है…… इसे सिर्फ़ गान्ड मारना ही अच्छा लगता है…”
मैं अब रवि पर लेट गयी थी… रवि नीचे से चुदाई का मजा ले रहा था। मैं उपर से उसे जबर्दस्त झटकों से चोद रही थी। मेरी गान्ड से सोनू का वीर्य निकल कर उसके लन्ड को तर कर रहा था।
“मेरे राजा… हाय…… क्या लन्ड है…मेरी चूत फ़ाड दे…राजा… ” कहते हुये उसके खुले हुये मुख में मैने अपना मुख चिपका दिया… मेरे थूक से उसका चेहरा गीला हो गया था… पर मैं उसे चाटे जा रही थी। मुझे कुछ भी होश नही था। मेरा पूरा जोर उसके लन्ड पर था। फ़च फ़च की मधुर आवाजे माहोल को और सेक्सी बना रही थी। चूत के धक्कों से फ़च फ़च कि आवाज के साथ वीर्य के छीटें भी उछल रहे थे। उधर सोनू सुमन की गान्ड चोदने में लगा था।
अचानक रवि ने अन्गडाई ली … उसका लन्ड कडकने लगा…बेहद टाइट हो गया… उसका चेहरा लाल हो गया… दान्त भिंच गये……
‘ मै गया…… रानी…… निकला… हाऽऽऽऽय्…… गया…।”
मैने धक्कों की रफ़्तार बढा दी… अपनी चूत टाइट कर ली……… और मेरा भी निकलने को तैयार हो गया। मैने चूत टाइट कर के दो धक्के खींच के मारे …… तो उसकी और मेरी उत्तेजना चरम सीमा को पार कर गयी-“राजा …… मैं तो पूरी चुद गयी………गयी मैं तो…… निकला मेरा… हाऽऽऽऽय्…”
उधर रवि को झटके लगने चालू हो गये थे… उसका वीर्य झटके मार मार कर पिचकारी छोड रहा था। मैं भी झडने लगी थी…… हम दोनो ने एक दूसरे को कस कर पकड लिया। हमारा माल निकलता रहा…। अब हम पूरे झड चुके थे। हम ऐसे ही पडे सुस्ताते रहे…फिर में बिस्तर पर से उतर गयी।
सोनू भी झडने वाला था। उसका लन्ड सुमन की चूत चोद रहा था। मै और रवि ने तुरन्त उनकी मदद की… सुमन के चूचकों को मैने खींचना और मरोडना चालु कर दिया। रवि ने सोनू के चूतडों को जोर जोर से दबाने लगा… सुमन अचानक धीरे से चीख उठी… “रीतू… छोड मेरी चूंची को …… मैं गयी…… हाय… बस कर सोनू…”
पर सोनू तो चरम सीमा पर पहुन्च गया था… चूतडों के दबाते ही उसका लन्ड बरस पडा…… सारा वीर्य सुमन की चूत में भरने लगा। मैने सोनू के चूतडों को थपथपाया… और प्यार कर लिया…
रवि, मैं, सुमन वहीं बिस्तर पर लेट गये… और बातें करने लगे। मैं बोली-“चाची…… आज तो कस कर चुद गयी… थेन्क यू …चाची॥”
“मैने तुझे देख लिया था… फिर जब दूसरी बार आयी तो मैं समझ गयी …कि तू चुदना चाहती है…”
“चाऽऽऽची… जब मालूम था तो वहीं पकड कर क्यों नहीं चोद दिया…”
“नहीं रीतू रानी… बिना तडप के… चुदाई की कोई कीमत नही होती है…”
“नहीं चाची…… आप मुझे पकड के चुदवा देती… तो भी मुझे चुदना तो था ही ना॥”
“और अब चुदने में ज्यादा मजा आया ना…”
“आय… हाय चाची………मन शान्त हो गया… चूत की खुजली मिट गयी…”
सोनू और रवि बिस्तर के एक कोने में नन्गे पडे ही खर्राटे भर रहे थे… हम दोनो भी न जाने कब बातें करते करते सो गये

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मौसी के साथ वेलेंटाइन डे मनाया

प्रेषक : रोहन …

हैल्लो दोस्तों, सभी पाठको को मेरा सलाम, मेरा नाम रोहन है, मेरी उम्र 27 और में मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरी हाईट 5.8 इंच है, बॉडी नॉर्मल और रंग सांवला है और मेरा लंड 6 इंच लंबा है। दोस्तों आज में जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ वो मेरे सपनों को साकार करने का प्रतीत है। यह आज से कुछ दिन पहले की बात है जिस दिन वेलेंटाइन था। में घर पर बिल्कुल अकेला ही था और मेरी बड़ी बहन उसके हॉस्पिटल में गई हुई थी और छोटा भाई भी किसी काम से बाहर गया हुआ था और मम्मी, पापा किसी रिश्तेदार की शादी में हफ्ते भर से बाहर थे और में यह बात जानता था कि में आज घर में रात के 8-9 बजे तक अकेला ही हूँ। तो में कंप्यूटर पर बैठे सर्फिंग कर रहा था कि तभी दोपहर के 12 बजे के करीब मेरे मोबाइल की घंटी बजी और मैंने कॉल उठाया तो वो मेरी सबसे छोटी मौसी का कॉल था। दोस्तों फोन की आगे की बातें बताने से पहले में मेरी मौसी का परिचय करना चाहूँगा, वो एक 40 साल की एक विधवा औरत है और उनकी एक बेटी है, लेकिन वो भी मुंबई में ही रहती है। उनका रंग गोरा है और हाईट 5.2 इंच है और उनका फिगर एकदम कमाल का सेक्सी है उसका साईज 34-28-36 है।

में उनके साथ भी हमेशा फ्लर्ट करता रहता हूँ और वो भी मेरी बातों का बराबर जवाब देती है। फिर मैंने उनका कॉल उठाया और हमेशा की तरह मैंने उनसे बात शुरू कर दी। हैल्लो सेक्सी, कैसी हो? और इतने सुबह कैसे याद किया? मौसी थोड़ी हंस पड़ी और बोली कि शायद तू कहीं बाहर है इसलिए ऐसा कह रहा है? तो मैंने बोला कि नहीं में तो बस आपके ही कॉल का इंतजार कर रहा था और में घर पर बिल्कुल अकेला हूँ। वो बोली कि ऐसा क्यों? मैंने बताया कि आज वेलेंटाइन है और आपसे ज़्यादा दूसरी खूबसूरत लड़की याद ही नहीं आ रही, वो हंस पड़ी और बोली कि में यहाँ तुम्हारे घर के पास वाले सुनार के यहाँ पर आई हूँ और में घर का फोन ट्राई कर रही थी, लेकिन कॉल ही नहीं जा रहा था, इसलिए तुम्हे याद किया। तो मैंने कहा कि चलो मुझे काम से ही सही, लेकिन याद तो किया, कहो क्या खिदमत करूं में आपकी? तो मौसी बोली कि क्या तुम यहाँ पर आ सकते हो मुझे थोड़ा और सामान भी लेना है। मैंने थोड़ा सोचा और फिर हाँ कर दी और मैंने तुरंत तैयार होकर घर लॉक किया और मौसी से मिलने बाहर निकाला। में जब सुनार के यहाँ पर पहुँचा तो में बस उन्हे देखता ही रह गया, क्योंकि मौसी ने एक मस्त सी काली कलर की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और काले कलर का ब्लाउज जो कि पीछे से खुला हुआ था और बस पतली सी डोरी से अटका हुआ था और सामने की तरफ से मौसी की थोड़ी छाती दिख रही थी और वो ग़ज़ब की सेक्सी दिख रही थी। तो मैंने कुछ देर इंतज़ार किया और फिर मौसी सामान लेकर बाहर आ गयी, मैंने उनसे सामान लिया और फिर बोलने लगा कि

में : अरे क्या बात है आज शायद वेलेंटाइन बनाने का इरादा है?

मौसी : लेकिन तुम्हे ऐसा क्यों लगा?

में : इतनी सेक्सी दिख रही हो कि थोड़े टाइम के लिए में खुद को कोस रहा था।

मौसी : क्यों कोस रहे थे?

में : क्योंकि आप मेरी मौसी है और दिल कर रहा था कि अभी आपको प्रपोज़ कर दूँ।

तो मौसी हंस पड़ी और बोली कि तू पागल ही है और तू मेरे साथ हमेशा ऐसी ही बातें करता रहता है।

में : अगर आप कहो तो में बात करना बंद कर दूँ?

मौसी : मैंने ऐसा कब कहा कि मुझे तुम्हारी बातों से ऐतराज़ है?

में : तो में क्या एक और बात कहूँ?

मौसी : हाँ बोलो?

में : क्या में जब तक आपके साथ बाहर हूँ, तब तक क्या में आपको नाम से बुला सकता हूँ?

मौसी : वो क्यों? और वो मेरी तरफ देख रही थी।

में : बस ऐसे ही और में सर झुकाकर खड़ा हुआ था।

मौसी : लेकिन ऐसे ही क्यों इसकी कोई ख़ास वजह?

तब मैंने मेरा चेहरा उठाया तो उन्हे हल्का मुस्कुराता हुआ पाया। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

में : वो बात यह है कि आज वेलेंटाइन डे है और आज के दिन हर कोई अपने पार्ट्नर के साथ रहता है और मेरी तो फिलहाल कोई पार्ट्नर नहीं है। तो मैंने सोचा जब तक आपके साथ हूँ तब तक थोड़ा एंजाय करूं, आपको अपनी गर्लफ्रेंड की तरफ घुमाऊँ, लेकिन आपको कोई ऐतराज़ ना हो तो और में मौसी को देखता ही रह गया। वो ज़ोर से हंस पड़ी और बोली कि तुम सच में पागल ही हो, चलो अब कोई बात नहीं, हम जब तक बाहर है तब तक में तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ और तुम मेरा नाम ले सकते हो।

में : धन्यवाद मौसी।

मौसी : क्या तुम अपनी गर्लफ्रेंड को मौसी बुलाते हो? तो में हंस दिया और बोला कि ओह सॉरी निशा।

मौसी : हाँ अब ठीक लगा सुनकर।

फिर हम एक मॉल में चले गये। मौसी को वहां पर उनकी बेटी के लिए शॉपिंग करना था क्योंकि वो कुछ दिनों बाद अपने कॉलेज की तरफ से पिकनिक पर गोवा जा रही थी। तो मौसी जीन्स और कुछ टॉप्स खरीद रही थी तभी में उनके पास में आया और उनके पीछे से कमर पर हाथ रखते हुए अपनी तरफ खींचा, मौसी थोड़ी चौंक गयी और बोली कि रोहन यह क्या कर रहे हो?

में : निशा में बस तुम्हारी कमर का नाप ले रहा हूँ कहीं तुम्हे कोई ऐतराज़ तो नहीं है ना?

तभी वो शांत हुई और फिर से मुस्कुराती हुई बोली कि मुझसे पूछ लेते तो में क्या तुमसे छुपाती थोड़े?

में : अगर में तुमसे पूछ लेता तो तुम्हारी कमर को छूने का मौका नहीं मिलता और में मुस्कुराकर देख रहा था।

मौसी : ठीक मेरी कमर 28 है क्या और कुछ पूछना है?

में : बस कुछ छूना बाकी है और यह कहते हुए मैंने कमर से हाथ निकालते टाइम उनकी गांड को सहला दिया और उनके चेहरे की तरफ देखता रहा, लेकिन उन्होंने एसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई, बस हल्की सी मुस्कुराई।

तो मैंने फिर उनसे पूछा कि आपका साइज़ क्या है?

मौसी : तुझे वो क्यों जानना है?

में : बस एक गिफ्ट देना है इसलिए।

तो वो शायद समझ गयी कि गिफ्ट क्या होगा और मुस्कुराकर देख रही थी और फिर वो बोली कि 34, और मैंने खुश होकर उनके बूब्स की तरफ देखा और कहा कि वाह बहुत मस्त है।

मौसी : अब मुझे शॉपिंग करने दे।

फिर मैंने कुछ देर बाद उन्हे वहीं पर छोड़ दिया, वो अपनी खरीददारी में व्यस्त थी और में कुछ समय बाद घूमने के बहाने मॉल के दूसरी तरफ गया और मैंने वहां से मौसी के लिए डोरी वाली ब्रा और एक काली कलर की पेंटी और एक काली कलर की टी-शर्ट ली और एक शर्ट और फिर में लेकर मौसी के पास पहुंचा। उनकी शॉपिंग भी लगभग ख़त्म ही हो गई थी, मुझे देखकर वो पूछने लगी कि कहाँ चला गया था?

में : आप तो मुझे भाव ही नहीं दे रही थी तो में किसी और को ढूंढने चला गया था।

मौसी : क्या कोई मिली?

में : निशा तुम्हे देखने के बाद कोई और अच्छी नहीं लगी तो में तुम्हारे लिए ही कुछ शॉपिंग करके ले आया।

मौसी : लेकिन इसकी क्या ज़रूरत थी? और मैंने तो नहीं कहा था।

में : निशा आज वेलेंटाइन डे है और में मेरी गर्लफ्रेंड को बिना गिफ्ट दिए कैसे छोड़ सकता हूँ? और में मुस्कुराकर उनकी तरफ देखने लगा।

मौसी : क्यों क्या लाए हो? अब वो तो बताओ।

में : नहीं, वो तो में घर पर चलकर ही बताऊंगा।

मौसी : चलो फिर ठीक है।

फिर शॉपिंग ख़त्म हुई और हम वहीं पर एक रेस्टोरेंट में लंच के लिए गये और सामान पकड़कर मौसी के साथ घर पर चला आया और जब में लॉक खोल रहा था तो मौसी पूछने लगी कि क्या घर पर कोई नहीं है?

में : तुम आने वाली थी तो मैंने सभी को घर से भगा दिया, आख़िर तुम्हारे साथ थोड़ा टाईम अकेले में भी बिताने का मौका मिलेगा और दरवाज़ा खोलकर हम अंदर चले गये। तो मैंने दरवाज़ा लॉक किया और फिर हम एक ही सोफे पर बैठ गये और थोड़ी देर साँस लेने के बाद मैंने बोला कि निशा, प्रिया ( मौसी की बेटी ) कितने दिनों के लिए गोवा जा रही है?

मौसी : अब हम घर आ गये है और अब तुम मुझे नाम से मत बुलाओ।

में : जब तक हम अकेले है तब तक तो मुझे मेरी गर्लफ्रेंड का नाम लेने दो।

मौसी : अरे हाँ मुझे गर्लफ्रेंड से याद आया क्यों तुमने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए क्या गिफ्ट खरीदा?

में : वो में आपको क्यों बताऊ? मेरी गर्लफ्रेंड के लिए है मौसी, में उन्हे जानबूझ कर चिढ़ा रहा था।

मौसी : ठीक है बाबा जब तक कोई नहीं आता तो तुम मुझे गर्लफ्रेंड ही समझो, क्यों अब खुश हो ना?

तो में झटसे उनके गले लग गया और फिर बोला कि हाँ डबल खुश और में सोफे से उठकर खड़ा हुआ और मेरा बेग लेने लगा।

मौसी : प्रिया 5 दिन के लिए गोवा जा रही है।

में : क्या तुम भी कभी मेरे साथ गोवा चलोगी?

मौसी : में अब वहां पर जाकर क्या करूंगी? मेरी तो उम्र हो गयी है।

तो मैंने गिफ्ट का बॉक्स निकाला और उन्हे देते हुए कहा कि में तो आपको आज भी दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की मानता हूँ और में कुछ देर तक उन्हे देखता ही रह गया। मौसी को थोड़ा अजीब सा महससू हुआ और फिर वो बोली कि मेरे लिए क्या है, बताओ?

तो मैंने सबसे पहले उनका टी-शर्ट का बॉक्स खोला और उन्हे दिखाया, वो हंस पढ़ी और बोली कि वो टी-शर्ट का क्या करेगी?

में : प्लीज निशा एक बार मेरे लिए पहनोगी।

तो मौसी थोड़ा हिचकिचाई और फिर कहने लगी कि लेकिन इसके नीचे पहनने के लिए जीन्स नहीं है और ना ही कोई पेंट फिर इसका क्या फायदा? तो में मुस्कुराया और मैंने उनके लिए खरीदकर लाया हुआ शॉर्ट्स का बॉक्स खोला और उनको वो शॉर्ट्स दिखाया।

मौसी : इतना छोटा में नहीं पहन सकती क्या तुम पागल तो नहीं हो गये हो? में यह कैसे पहन सकती हूँ?

में : प्लीज निशा तुम्हे में और भी बोल्ड और सेक्सी देखना चाहता हूँ। प्लीज एक बार मेरे लिए पहनोगी और आज घर में कोई भी नहीं है सभी लोग रात को देर से आएँगे तो तुम यह सब बे झिझक पहन सकती हो।

मौसी : लेकिन?

तो में उनकी बात को काटते हुए बोला कि लेकिन वेकिन कुछ नहीं, तुम्हे बस आज यह पहनना है, मौसी मुस्कुराकर बोली कि और तू क्या क्या शैतानी सोच रहा है और यह दूसरा डिब्बा किस के लिए है? तो में बोला कि निशा तुम्हारे लिए ही है।

मौसी : इसमें क्या है?

में : तुम खुद ही देख लो और मैंने वो डिब्बा आगे कर दिया। उन्होंने जैसे ही डिब्बा खोला तो वो चौंककर सिर्फ़ देखती ही रह गई।

मौसी : यह क्या है? में तो यह सब बिल्कुल भी नहीं पहन सकती हूँ।

में : प्लीज निशा सिर्फ एक बार मेरे लिए।

मौसी : नहीं मतलब कि नहीं।

में : यह तुम पहनोगी तो उसके ऊपर से यह टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन लेना कुछ नहीं होगा प्लीज।

मौसी : नहीं रोहन, यह सब मुझसे नहीं होगा।

में : प्लीज निशा, वरना मेरा दिल टूट जाएगा।

मौसी : मैंने एक बार नहीं कहा ना और वो एकदम उठकर अंदर के रूम में चली गई।

तो में बाहर ही हॉल में बैठा हुआ दुखी हो रहा था और जब में अंदर गया तो देखा कि दरवाज़ा बंद था मैंने दरवाज़ा खटखटाया तो मौसी अंदर से बोली कि रोहन अभी कुछ मत कहो। मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था और तुम मेरे साथ ऐसा सोचते हो तुम्हे तो शरम आनी चाहिए। तो में वहीं दरवाज़े पर बैठ गया और रोने लगा, में रोते हुए उससे बात भी करने लगा।

में : मौसी में जब 10th में था, तब से ही में आपको पसंद करता हूँ और में यह नहीं जानता हूँ कि में जो कुछ भी सोच रहा हूँ वो सही है या ग़लत, लेकिन मेरा दिल हमेशा से तुम्हे ही चाहता आया है और अब तक कई लड़कियाँ मेरी ज़िंदगी में आई और चली गयी, लेकिन आप आज भी मेरे लिए बहुत ही ख़ास हो।

मौसी : चुप करो यह सब, तुम पागल हो गये हो और ऐसा कभी भी नहीं हो सकता।

में : प्लीज मौसी ऐसा मत कहो में सच में आपको बहुत प्यार करता हूँ।

मौसी : प्लीज चुप हो जाओ।

में : मौसी सच में, में आज भी आपके ही सपनो में डूबा रहता हूँ।

मौसी : प्लीज अब बस करो।

में : मौसी में चुप हो जाऊंगा, लेकिन पहले आप मेरे सवाल का जवाब दो।

मौसी : कैसा सवाल?

में : में जब भी आपसे फोन पर बात करता तो हमेशा आपसे फ्लर्ट करता था, लेकिन तब भी आपने कभी मुझे क्यों नहीं रोका?

मौसी : वो तो तुम मुझसे मज़ाक करते थे इसलिए में भी।

में : पहले अपने दिल से पूछो कि में जब भी फ्लर्ट करता था तो तुम्हारे चेहरे पर जो मुस्कान आती थी, क्या वो झूठी थी? तो मौसी का कोई जवाब नहीं आया और वो बिल्कुल चुपचाप हो गई।

में : में हमेशा आपके एक बुलावे पर हाज़िर हो जाता था और आप भी यह जानती थी कि में आपको पसंद करता हूँ फिर आप ही बताओ कि क्या आपने अपने काम के लिए मेरा फायदा नहीं उठाया?

तो अब भी मौसी को कोई जवाब नहीं आया। तो मैंने थोड़ी देर इंतजार किया और फिर में बोला, सॉरी मौसी में यह सब नहीं कहना चाहता था, लेकिन मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि आज वेलेंटाइन डे है और आज सबसे पहले मैंने जब आपका कॉल देखा तो बस दिल में एक ही ख्याल आया कि शायद आज में आपसे यह बात कर लूँ तो मैंने ऐसा ही किया, लेकिन मेरी किस्मत ही खराब है। में फिर से दरवाज़े पर खड़ा हुआ और बोला कि में सिर्फ़ आप से एक ही बात पूछना चाहूँगा निशा क्या तुम मेरा वेलेंटाइन बनना चाहोगी? में कुछ और मिनट वहीं पर खड़ा रहा और फिर में निराश होकर बाहर हॉल की तरफ जाने लगा। तभी पीछे से दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और मौसी सामने ही खड़ी हुई थी और वो भी रो रही थी। तो मुझसे देखा नहीं गया और में फिर से घूमकर हॉल की तरफ जाने लगा तो तभी पीछे से आवाज़ आई हाँ और में चौंक कर रुक गया और मैंने घूमकर मौसी की तरफ देखा तो वो तभी हल्की सी मुस्कुराई और फिर से बोली कि हाँ में बनना चाहती हूँ। में बस उनकी तरफ दौड़ा और उन्हे कसकर गले लगा लिया और एक टाईट किस लिया। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी और करीब 10 मिनट के किस के बाद वो बोली कि मुझे माफ़ कर दो। तो मैंने फिर से किस लिया और कहा कि लेकिन में एक शर्त पर माफ़ करूँगा वो मुस्कुराई और बोली कि वो कौन सी शर्त?

में : मेरे गिफ्ट को अपनाना होगा?

मौसी : बस इतनी सी बात, में अभी ट्राई करती हूँ।

तो वो मेरा हाथ पकड़कर हॉल में चली आई और वो मेरे गिफ्ट को उठाने के लिए झुकी तो मैंने सीधा पीछे से उनके बूब्स को पकड़ लिया और बहुत ज़ोर से दबा दिया।

मौसी : अह्ह्ह प्लीज छोड़ो पहले तुम्हारे गिफ्ट को तो ट्राई करने दो।

में तो उन्हे देख रहा था, वो उस वक्त पूरी शरारत से भरी हुई थी।

में : निशा मेरे सामने ही बदलना।

मौसी : ठीक है मेरी जानू।

पहली बार मौसी के मुहं से जानू शब्द सुनकर में सातवें आसमान पर सैर करने लगा और मैंने फिर से उन्हे मेरी तरफ खींचा और ज़ोर से स्मूच कर लिया और जैसे ही उन्हे छोड़ा तो वो बोली कि तुम बहुत शरारती हो।

में : इतने सालों से में आज के दिन का ही इंतजार कर रहा था।

मौसी : तो अब थोड़ा और इंतजार करो।

में : नहीं होता जानेमन, लेकिन तुम कहती हो तो में मेहनत ज़रूर करूँगा।

फिर हम दोनों अंदर के रूम में चले गये और मौसी ने अपनी साड़ी को उतार दिया में बस देख ही रहा था, वाह निशा तुम्हारा बहुत कमाल का फिगर है।

मौसी : तुम यूँ समझो कि यह तुम्हारे लिए ही है और उन्होंने मेरी तरफ आँख मारी।

फिर वो अपने ब्लाउज को धीरे धीरे खोलने लगी। मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और मेरी जीन्स के ऊपर से उभरकर साफ नज़र आ रहा था।

मौसी : क्या में तुम्हारी जीन्स उतारने में मदद करूं?

तो में मुस्कुराया और कहा कि शोक से जानेमन। मौसी फिर से मेरी तरफ आई और उसने मेरी जीन्स को धीरे धीरे करके नीचे उतार दिया। मेरा लंड अंडरवियर में तंबू की तरह खड़ा हुआ था। मौसी अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को छूकर बोली कि यह बहुत परेशान नज़र आ रहा है।

में : हाँ आपकी वजह से।

तो उन्होंने मेरी जीन्स को दूर फेंक दिया और बोली कि जब तक में तुम्हारा गिफ्ट ट्राई ना कर लूँ, इसे छूना मत और इतना कहकर उन्होंने मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से हल्का सा किस किया। में कुर्सी पर अंडरवियर में बैठा हुआ था और फिर मौसी ने धीरे धीरे अपना पेटीकोट उतार दिया और वो मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा पेंटी में थी और मेरा लंड बस फूंकार भर रहा था। दिल कर रहा था कि उन्हे अभी चोद दूँ फिर वो मुझे चिढ़ाते हुए पीछे मुड़ी और अपनी ब्रा और पेंटी को उतार दिया और वो मेरे सामने पूरी नंगी थी। उनकी झांटे भी साफ थी और चूत बिल्कुल दूध की तरह नज़र आ रही थी। गोरा बदन, बड़े बड़े बूब्स और उस पर हल्के भूरे कलर की निप्पल।

मौसी : अब तुम बताओ कि में क्या ट्राई करूं यह ब्रा या पेंटी?

में : अब कुछ ट्राई नहीं भी करोगी तो भी चलेगा।

मौसी : अगर यह बात है तो तुम्हारा गिफ्ट खराब हो जाएगा।

में : निशा प्लीज थोड़ा इधर आओगी।

तो मौसी मेरी तरफ चलते हुए आई और मेरे चेहरे के सामने घूमकर पूछा कि कहो क्या चाहिए? मैंने बस मेरे हाथों से उनका चेहरा पकड़ा और स्मूच करने लगा, वो भी मस्त होकर स्मूच करने लगी। जब उसने भी मेरा चेहरा पकड़कर स्मूच लगातार किया तो में अपने हाथों को उसके बूब्स पर ले गया और दबाने लगा और ज़ोर से निप्पल पर दबा दिया जिससे उनकी हल्की सी चीख निकल गयी और स्मूच टूट गया।

मौसी : प्लीज, थोड़ा आराम से करो, में कहीं भागी नहीं जा रही हूँ।

में : यह हुई ना बात।

तो में खड़ा हो गया और उन्हे दीवार की तरफ खड़ा किया और में ज़ोर ज़ोर से स्मूच करने लगा। वाह क्या मज़ा आ रहा था? में उनके बूब्स को और ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था, लेकिन मेरे स्मूच करने की वजह से उनकी कोई भी आवाज नहीं निकली और फिर में उनकी गर्दन पर किस करते हुए उनके बूब्स पर पहुंच गया। मैंने उनके निप्पल को काटना शुरू किया और वो पागलों की तरह मोन करने लगी और में अपना दूसरा हाथ नीचे उनकी चूत पर ले गया और धीरे धीरे सहलाने लगा। तो मैंने महसूस किया कि उनकी चूत अब तक बहुत गीली हो चुकी थी और फिर में अपनी उंगली उनकी चूत में घुसाकर अंदर बाहर करने लगा और इस बीच उन्होंने मेरा सर पकड़कर जमकर किस लिया और कहा कि प्लीज अब रहा नहीं जाता, बस छोड़ दो मुझे। तो में तभी अपनी उंगली को चूत से बाहर निकालकर खड़ा हो गया और कहा कि तुम्हे मेरे कपड़े उतारने होंगे और वो मेरी तरफ बढ़ी और मेरा अंडरवियर निकालने लगी।

में एक बार अपने अंडरवियर में झड़ चुका था जिसकी वजह से वो गीली नज़र आ रही थी। तो मैंने कहा कि पहले ऊपर से मेरे कपड़े उतारो और फिर अंडरवियर। उसने फिर से नीचे से ऊपर आते हुए मेरी टी-शर्ट को खींचा और उतारकर फेंक दिया और फिर मुझे बेड पर गिरा दिया और मेरे अंडरवियर को उतार दिया और अब में भी नंगा हो गया था और मेरा लंड पूरी तरह जोश में तनकर खड़ा हुआ था। तो मौसी बोली कि इतने सालों के बाद आज में लंड देख रही हूँ काश तुम आज की तरह पहले मुझसे मिले होते और उन्होंने सीधा मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया, में खुशी से पागल हो रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। क्योंकि मौसी बहुत ज़ोर से चूस रही थी। में समझ गया कि में ज़्यादा देर तक संभाल नहीं सकूँगा और कुछ देर के बाद मैंने मेरा पूरा वीर्य उनके मुहं में डाल दिया और वो पूरा पी गयी, उन्होंने फिर से मेरे लंड को चाट चाटकर साफ किया। जिसकी वजह से मेरा लंड फिर से तन गया और वो फिर से मेरे ऊपर आई और उसने फिर से स्मूच किया और हम दोनों फिर से बिस्तर पर थे। एक दूसरे को स्मूच करते हुए हमे जन्नत का अहसास महसूस हो रहा था। तो मैंने कहा कि मौसी अब मुझे आपकी चूत के अंदर लंड डालना है।

मौसी : में अब तुम्हारी निशा हूँ, मौसी नहीं और अकेले में आज के बाद बस मेरा नाम लेना।

तो मैंने उनको फिर से एक किया और कहा कि ठीक है निशा। मैंने अपने लंड के सुपाड़े को उनकी चूत के दरवाजे पर रखकर धीरे धीरे घिसते हुए ऊपर उनके होठों का रस पी रहा था, लेकिन मौसी जैसे लंड लेने के लिए तड़प रही हो ऐसे सिसकियाँ ले रही थी और वो लंड को पकड़कर उनकी चूत में डालने की कोशिश करने लगी। तो में समझ गया कि अब वक़्त आ गया है उनकी चूत को चोदने का। तो मैंने उनके रसीले होंठो को छोड़ा और खड़ा होते हुए उन्हे बेड पर आधा लेटाया, जिससे उनका पैर ज़मीन पर था और फिर मैंने उनके पैरों को उठाकर मेरे कंधे पर रखा और मेरे लंड को धीरे से उनकी चूत के मुहं पर दबाने लगा। वो बस चीख पड़ी अह्ह्ह्हह उह्ह्ह्हह्ह् रोहन आईईइ कितना बड़ा है तुम्हारा लंड बस अंदर से अब बाहर मत निकलना और बस फाड़ दे आज मेरी प्यासी चूत को, यह बहुत तड़पती है। मेरी चूत ने इतने साल में लंड लिया है। तो मैंने मुस्कुराकर उन्हे देखा और फिर से एक ज़ोर का झटका दिया जिससे मेरा पूरा लंड उनकी चूत में घुस गया और वो बस बेड पर एकदम उछल सी पड़ी, लेकिन उनके पैर मेरे कंधे पर होने की वजह से वो ज़्यादा कुछ ना कर सकी। फिर मैंने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया और मैंने देखा कि मौसी भी अपनी गांड को उछाल रही थी और मेरा पूरा का पूरा लंड अंदर था, लेकिन दोस्तों मौसी की चूत क्या ग़ज़ब की टाईट थी। मेरा लंड हर एक धक्के पर उसकी चूत की दीवार से रगड़ खाकर अंदर बहर हो रहा था, जिसका मुझे अब धीरे धीरे अहसास होने लगा था।

में : निशा तेरी चूत इतनी टाईट है, क्या तुम्हारा पति तुम्हे चोदता नहीं था?

मौसी : उन्हे गुज़रे हुए 15 साल हो गये है और उनके छोटे से लंड से शायद ही कभी मेरी चूत फटी होगी।

में : ठीक है आज से में ख्याल रखूँगा और अब में तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दूँगा।

तो मैंने उनके ऊपर आकर एक स्मूच ली, मौसी बहुत गीली हो चुकी थी और पूरे रूम में मेरे हर धक्के पर फकच फकच की आवाज़ आ रही थी और आवाज़ से में और भी उत्साहित हो रहा था। करीब 15 मिनट के बाद में भी अब झड़ने वाला था तो मैंने मौसी से बोला कि निशा अब में भी झड़ने वाला हूँ, बोलो अब में क्या करूं और यह वीर्य कहाँ निकालूं?

मौसी : प्लीज मेरे अंदर ही गिराना, में बहुत सालों से प्यासी हूँ, प्लीज रोहन।

फिर क्या था? मैंने भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने शुरू किये और कुछ ही पल में मैंने मेरा सारा माल मौसी की चूत में डाल दिया और में उनके ऊपर कुछ देर तक लेटा रहा और हम दोनों ज़ोर ज़ोर से सांसे ले रहे थे और मौसी भी अब झड़ चुकी थी और वो भी हांफ रही थी। मैंने फिर से उनका स्मूच लिया और उन्हे कहा कि “हैप्पी वेलेंटाइन डे” तो वो भी मुस्कुराई और बोली कि हमारे पास वेलेंटाइन डे मनाने के लिए रात 8 बजे तक का वक़्त है इसलिए में आज पूरी रात मनाना चाहूँगी। तो मैंने फिर से मौसी को चूमा और उसके बाद मैंने मौसी को दो बार और चोदा ।।

धन्यवाद …

छोटी बहन की सील तोड़ी

दोस्तों, आज जो भाई बहन की चुदाई की कहानी बताने जा रहा हू वो मेरी छोटी बहन के साथ चुदाई की हैं Chudai Antarvasna Kamukta Hindi sex Indian Sex
आज मैं आपको बताऊंगा मैंने कैसे अपने बहन का सील तोडा, बहन की खूब चुदाई की साली की, मजा आ गया तो सोचा क्यों ना मैं अपने निऊहिंदीसेक्सस्टोरी डॉट कॉम बाले फ्रेंड को भी अपनी बहन की चुदाई के बारे में बताऊँ, तो देर किस बात का दोस्त हाज़िर हु अपनी कहानी लिए क्यों की जब मैं यहाँ दूसरों की कहानी पढता हु तो मेरा भी फ़र्ज़ बनता है की मैं भी अपनी कहानी आपलोगो से शेयर करूँ. मैं मुंबई में रहता हु, और मैं जिगोलो हु, मैं अपने घर का खर्च भी उसी से उठता हु, क्यों की मुझे अपने घर चलने के लिए काफी पैसे की जरूरत होती है और कोई छोटी मोटी नौकरी में कितना कम लेगा इसलिए मुझे जिगोलो बनने के लिए मजबूर होना पड़ा, पर मुझे मस्ती रहती है रोज रोज मैं भाभी आंटी लड़की को जो की हॉस्टल में या किसी काम से मुंबई में रहती है, कॉलेज गर्ल को, बड़े घर के औरत को जिसका पति बिज़नेस टूर पे हमेशा रहता है उसकी वाइफ को मैं चुदाई से संतुष्ट करता हु और उसके बदले में मुझे पैसे मिलते है , मेरे घर मे मेरी मा मैं बहन ओर पापा हे पापा एलेक्ट्रॉनिक डिपार्टमेंट मे है जिनकी सैलरी कुछ खास नहीं हे |
छोटी बहन की चुदाई
छोटी बहन की सील तोड़ी

इस साल ही मेरी बहन बारह्वी पास की तो मैंने उसको गिफ्ट में एक अच्छा सा मोबाइल फ़ोन गिफ्ट किया, रात को फिर वो मेरे पास आई और फिर एंड्राइड पे कुछ नयी नयी सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए बोली.मैं उसके मोबाइल में सॉफ्टवेयर डालने लगा तभी मेरे क्लाइंट का फ़ोन आने लगा था, उसी समय मैं अपनी बहन की चूची देख ली उस समय वो एक ढीली ढली सी टी शर्ट पहनी थी मेरा मन तो बहक गया मैं क्या करता मेरा तो लैंड खड़ा होने लगा कोई चारा भी नहीं था मस्त मस्त गदराई हुयी सी चूची जो थी मैं भी क्या करता तुरंत बाथरूम में गया और मूठ मार ली.

एक दिन मे अपन कमरे मे नंगा था कपड़े बदला रहा था तभी अचानक से वो कमरे मे घुस आई मे डोर लॉक करना भी भूल गया था ओर उसने मूज़े नंगा देख लिया फिर वो तुरंत ही चली गयी ओर बाद मे मुझे से माफी माँगी उसकी भूल केलिए मेने भी माफ़ कर दिया वो अपने न्यू सेल पे एक बार पॉर्न देख रही थी तो मेने देख लिया उसे लेकिन कुछ कहा नहीं क्यू की मे भी उसे चोदना चाहता था तो उसे गरम होने दे रहा था जैसे से ही उसने पॉर्न बंद की मे उसके पीछे से पास जाकर बैठ गया उसे ये लगा की मे उसे वीडियो देखते हुए देखलिया हे लेकिन मे अनजान बना रहा वो गरम हो चुकी थी ये देख के मेरा लंड पायजामे मे ही टेंट बना दिए था वो ये देख सके इसतरह मे पास ही बैठ गया ओर टीवी देख ने लगा बात बात ओर मैं उसके कमर ओर बदन को फील करने लगा ओर वो ओर गरम होती गई ऐसा व्यवहार मेने कई दीनो तक किया आख़िर सब्रका फल मीठा जो होता हे फिर उसकी नज़र मे मेने कुछ प्यास देखी की जो मे ही बुझा सकता था फिर मेने जान भुज कर जब मे क्लाइंट से बात करता तो वो सुन सके उस समय मैं और भी सेक्सी सेक्सी बात करता था. दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

आख़िर मे मेरा इंतजार खत्म हुआ ओर वो घड़ी आयी गई की जब मे उसकी चूत का भोसड़ा बना डू उस रत मे अपने घर पर था ओर मां ओर पापा बाहर गये थे और वो एक हफ्ते बाद आने वाले थे मेरी सिस का भी वाकेशन था सो वो भी घर पर ही थी हम रोज रत को बाहर खाना खाने जाते थे मेरी बाइक पे तो मे जान बुजकर ब्रेक मरता ताकि उसे गर्म कर सकु लेकिन वो भी क्या खुद को कंट्रोल करती थी उसे लंड की प्यास थी
लेकिन वो उस प्यास को बुझा ना ही नई चाहती थी फिर मेने वियाग्रा उसे रात को खिलाई ओर बोला की इसे नींद अच्छी आती हे ओर उसके गरम होने का वेट किया जैसे ही वो गरमा हुई मे उसके सामने नंगा हो गया ओर वो मेरा खड़ा लंड देख के पागल हो गई ओर लोलीपोप की तरह चूस ने लगी दोस्तो क्या बतौ की क्या मज़ा अरहा था जैसे जन्नत मे हू मे फिर मेने उसको लेटया ओर बहन की अनचुई चूत को चाट कर मज़ा लिया मे ओर उसको सातवे आसमान की सेर कराई दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर हमारा रीलेशन ही बदल सा गया हो फिर वो रह नहीं पा रही थी मेरे लंड की बगैर वो मुझे ज़ोर ज़ोर से बोल रही थी की मे कब से तेरे से चुदबाना चाहती थी आज मेरी ये ख्वाहिस पूरी कर दे ओर मेरी चूत को फाड़ दे मेरी चूत चोद दे उसे भोसड़ा बना दे मुझे आज कच्ची कली से फूल ओर देरी मत कर फाड़ दे चूत मेरी ये सब सुन कर मुज मे नया जोश जेसे अगया हो वो पहली बार चुद रही थी इसलिए मेने पास मे रखी पेट्रोलियम जेल ली

ओर थोड़ी उसकी चूत पर ओर मेरे लंड प्र ल्गाई पहले तीन चार धक्के मारे लेकिन लंड फिसल ही जाता था फिर क्या जैसे मे भाभी को चोदता वैसे ही लॅंड लगाया चूत पे ओर ज़ोर का ढाका मारा पूरा लंड एक जटके मे अंडर गुसा दिया ओर जैसे ही मेरा लंड घुसा कुछ फटा हो ऐसा महसूस हुवा मुहे ओर मे समझ आ गया की मेने इसकी सील तोड़ दी ओर वो ज़ोर से चिल्ला उठी ओर बोलने लगी की निकालो अपने लण्ड को मेरे चूत से बहुत दर्द हो रहा है, मैं रो दूंगी प्लीज निकालो मुझे सहन नहीं हो रहा है.

फिर मे उसी पोज़िशन्स मे रहा ओर उसका मूह अपने मूह से बाँध किया वो थोड़ी देर तड़पदै बाद मे नॉर्मल हो गई उसकी आँख से आँशु निकल गये थे फिर मे धीरे धीरे बहन की चूत में लुंड डालने लगा और बहन की चूची को दबाने लगा, वो फिर भी दर्द से कराह रही थी पर करीब दस मिनट के बाद वो नार्मल हो गयी और फिर बहन ने अपना गांड उठा उठा के चुदवाने लगी, मैंने उसको फिर अलग अलग पोसिशन में चुदाई की, और चूच के निप्पल को अपने दांत से दबाता तो वो और भी कामुक हो जाती. दोस्तों ये कहानी आप निऊहिंदीसेक्सस्टोरिज़ डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

उस दिन मैंने कई बार बहन को चोदा उस दिन वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी क्यों की वो काली से फूल बानी थी, उसके चूत में कॅाफ़ी दर्द हो रहा था, फिर शाम को मैंने दर्द की टेबलेट के साथ साथ मैंने गर्भ निरोधक गोली भी खिलाया ताकि वो प्रेग्नेंट ना हो जाये, फिर क्या अब तो मैं रोज उसको चोदता हु, कैसी लगी मेरी छोटी बहन की चुदाई की कहानियों , अच्छा लगी तो जरूर रेट करें और शेयर भी करे ,अगर तुम मेरी बहन की चुदाई करना चाहते हैं तो उसे अब जोड़ना

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बीमा कम्पनी की एजेंट को चोदा

प्रेषक : समीर …

हैल्लो दोस्तों, में समीर और यह मेरी कामुकता डॉट कॉम पर दूसरी कहानी है और में इसका नियमित पाठक हूँ और आज एक बार फिर से में आप सभी के सामने अपनी एक और सच्ची घटना लेकर आया हूँ, लेकिन उसे शुरू करने से पहले में अपनी नये चाहने वालों को सबसे पहले अपना पूरा परिचय करा देता हूँ। दोस्तों मेरा नाम समीर है और मेरी उम्र 24 साल है और में मुंबई शहर के थाने नाम के इलाके में रहता हूँ और मैंने अभी कुछ समय पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी की है और अब में एक सरकारी नौकरी कर रहा हूँ, लेकिन मेरी पहली कहानी मेरे साथ काम करने वाली लड़की ममता के साथ थी जिसमे मैंने उसे फंसाकर बहुत चोदा।

दोस्तों में आज इस कहानी में आप सभी को बताऊंगा कि कैसे मैंने एक एजेंट को पटाया और उसे किस तरह से चोदा और में आप सभी से वादा करता हूँ कि यह मेरा सेक्स अनुभव आप लोगों को बहुत पसंद आएगा। दोस्तों में अपनी कॉलेज लाईफ तक बहुत शर्मीले स्वभाव का था, लेकिन मेरी नौकरी पर लगने के बाद में बहुत खुल गया खास करके लड़कियों के मामलो में। मेरी बॉडी दिखने में ठीक ठाक है और मेरा कलर साफ है। मेरे लंड का साईज़ 7 इंच है। दोस्तों यह घटना अभी कुछ ही दिनों पहले घटी है और इस वक़्त मैंने एक आंटी को चोदा है। मेरा पहला सेक्स अनुभव ममता से हुआ, वो करीब करीब मेरी ही उम्र की थी। तो एक दिन मुझे एक आंटी का कॉल आया जो कि एक जीवन बीमा कम्पनी की एजेंट थी और उसने मुझे फोन पर जीवन बीमा के बारे में बहुत कुछ बताया, लेकिन मुझे जीवन बीमा के बारे में सब कुछ पता था फिर भी मैंने उससे बहुत सारी जानकारी ली।

तो कुछ देर के बाद उसने मुझसे मेरी जन्मदिन की तारीख माँगी और फिर मैंने उसे अपनी जन्मदिन की तारीख बताई और फिर उसने कहा वो मुझे शाम को वापस कॉल करेंगी और मुझे मेरी उम्र के हिसाब से कोई अच्छी ठीक ठाक पॉलिसी बताएगी। तो मैंने उसका नाम पूछा, उसने अपना नाम निशा बताया और फिर मैंने कहा कि में आपके फोन का इंतजार करूंगा और में मन ही मन सोचने लगा कि में कैसे इसे अपनी और आकर्षित करूं और मैंने सोच लिया कि जब वो मुझे आज शाम को कॉल करेगी तो में उससे उसकी पर्सनल लाईफ के बारे में पूछूँगा। तो उसने मुझे शाम को कॉल किया और उसने मुझसे कहा कि मैंने तुम्हारे लिए एक प्लान बनाया है जिसमे जीवन बीमा का प्रीमियम और कुछ उससे सम्बन्धित जानकारियां है। तो मैंने कहा कि सबसे पहले यह बताओ कि तुम रहती कहाँ हो? तो उसने कहा कि में डोम्बीवली में रहती हूँ। तो उसने कहा कि क्या तुम मुझे कल मिल सकते हो डोम्बीवली स्टेशन पर ताकि में तुम्हे प्रीमियम और कुछ उससे सम्बन्धित जानकारियां बता सकूं? में तो यही चाहता था और फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हारी बातें पर कैसे विश्वास करूं? तो उसने कहा कि में एक बहुत बड़ी और जानीमानी कम्पनी की एजेंट हूँ और उसने कहा कि तुम मुझसे जो भी पूछना चाहते हो वो पूछ सकते हो।

फिर मैंने कहा कि तुम्हारी उम्र क्या है? तो उसने कहा कि मेरी उम्र 33 साल है और फिर मैंने कहा कि क्या तुम्हारी शादी हो चुकी है या फिर तुम कुवारीं हो? तो उसने कहा कि वो एक शादीशुदा औरत है और उसकी शादी को 8 साल हो चुके है और मैंने 15-20 मिनट उस दिन उसके साथ ऐसे ही टाईम पास किया। फिर उसने कहा कि तुम कल 11 बजे मुझे डोम्बीवली स्टेशन पर मिलो, लेकिन में तो सिर्फ यही सोच रहा था कि वो दिखती कैसी होगी और में उसे कैसे पटाऊंगा? और उसके अगले दिन में उसे बाईक पर थाने से डोम्बीवली स्टेशन पर मिलने गया, मैंने उसे कॉल किया और अपनी शर्ट और पेंट का कलर बताया ताकि वो मुझे आसानी से पहचान सके और थोड़ी ही देर में उसने पीछे से आकर मुझे ही कहा क्यों इतनी देर से मेरा ही इंतजार था ना तुम्हे? तो में उसे देखकर एकदम दंग रह गया और में उसकी नजरों में खो सा गया। मैंने उसकी बात का कोई भी जवाब नहीं दिया, लेकिन कुछ देर बाद उसने अपनी नजर मुझसे चुरा ली, वो एकदम हॉट, सेक्सी दिखती थी। उसके बूब्स बहुत बड़े थे और वो सलवार कमीज़ में थी।

तो मैंने उससे कहा कि चलो हम अब स्टेशन के बाहर चलते है ताकि तुम मुझे अच्छे से पॉलिसी समझा सको और फिर उसने बाहर आकर मुझे अपना पॉलिसी प्लान बताया। मेरा ध्यान तो अभी भी कहीं और ही था। तो वो 10-15 मिनट के बाद मुझसे पॉलिसी के बारे में बात करती है। तो मैंने कहा कि तुम और क्या काम करती हो? उसने कहा कि में एक कंपनी में अकाउंटेंट भी हूँ और में यह काम पार्ट टाईम करती हूँ। तो मैंने उससे पूछा कि तुम काम तो बहुत अच्छा करती हो और तुम इतना कमा रही हो और तुम्हारा पति भी अच्छा कमाता होगा। तो मेरी यह बात सुनकर वो एकदम गुस्से में आ गयी और उसने कहा कि मेरा पति कुछ काम नहीं करता है वो तो सारा दिन शराब पीता है। तो मैंने उससे सॉरी कहा, फिर मैंने उससे सीधे बोल दिया कि मेरी तुम्हारी इस पॉलिसी में कोई रूचि नहीं है, मुझे सिर्फ तुमसे दोस्ती करने में रूचि है। तो वो यह सब बात सुनकर बिल्कुल हैरान हो गयी और उसने कहा कि उसे यह सब काम अच्छा नहीं लगता है और वो वहां से जाने लगी। तो मैंने उसके पीछे जाकर उससे कहा कि में तुम्हारा एक बहुत अच्छा दोस्त बन सकता हूँ। तो उसने बोला कि नहीं यह सब ठीक नहीं है और अगर मेरे पति को पता चलेगा तो मुझे सबके सामने मरेगा।

तो मैंने कहा कि तुम डरो मत, ऐसा कुछ नहीं होगा। तुम खुद मेहनत करके कमाती हो और यह एक तुम्हारा हक है। यह सुनकर वो थोड़ा बे चिंता हुई और फिर मैंने कहा कि चलो हम कहीं चलते है और में उसे अपनी बाइक पर बैठाकर कुछ दूर ले गया और वहां पर हम एक गार्डन में बैठ गये। फिर मैंने उसे अपने बारे में बताया और उससे बात करके मुझे पता चला कि वो बहुत परेशान औरत है और उसकी शादीशुदा लाईफ बहुत बुरी चल रही थी। तो मैंने सोचा कि यह वक़्त सही नहीं है उससे इस बारे में बात करने का और इस तरह हम दो महीने तक हर रविवार को मिलने लगे और बहुत बहुत ही कम समय में एक अच्छे दोस्त बन गये और बाकी के दिन हम फोन पर ही बात करते थे। फिर मैंने एक दिन फोन पर हिम्मत करके उससे कह दिया कि सेक्स लाइफ कैसी है? वो पहले यह बात सुनकर कुछ वक़्त के लिए एकदम चुप हो गयी और फिर उसने कहा कि प्लीज मुझसे यह सब मत पूछो? तो मैंने कहा कि मुझे लगता है तुम अपनी सेक्स लाईफ को लेकर बहुत परेशान हो और उसका कारण तुम्हारी यह शादीशुदा लाईफ है। तो उसने कहा कि उसका पति सिर्फ़ शराब पीता है और उसे ज़रा भी टाइम नहीं देता है और मुझे अभी तक कोई भी औलाद नहीं हुई है और फिर झट से उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया और उसकी नजरों में नजरें डालकर मैंने उससे कहा कि अगर तुम बुरा ना मानो तो में कुछ टाईम के लिए तुम्हारा पति बन सकता हूँ और तुम्हे खुश कर सकता हूँ। तो उसने कहा कि लेकिन यह सब बहुत ग़लत होगा और अब तो मुझे यह सब सोचने में भी डर लगता है और फिर मैंने उसे समझाया कि हम दोनों एकदम सुरक्षित रहकर यह सब करेंगे। तो वो मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर मान गयी, मैंने उससे कहा कि में इस सप्ताह के आखरी में कोई रूम का इंतजाम करता हूँ और उसी सप्ताह में शनिवार को मैंने एक रूम का इंतजाम किया और यह रूम मेरे एक दोस्त का था, जो मुंबई के पास में रहता है और यह उसका गेस्ट हाऊस टाईप रूम था और बहुत शांत जगह पर था। तो मैंने निशा को फोन पर सब बता दिया और उसे शनिवार को 12 बजे मुंबई आने को कहा और फिर उसने भी हाँ कहा और शनिवार को वो कुछ दूरी तक बस से आई और फिर में उसके बाद में उसे फ्लेट तक अपनी बाईक पर लेने गया और जैसे ही में उससे मिला तो उस दिन मैंने उससे कहा कि क्या तुम यह सब करने के लिए तैयार हो? तुम्हे अगर कुछ समस्या हो तो अभी बोल दो। तो उसने कहा कि वो तैयार है और उसने यह निर्णय बहुत सोच समझकर लिया है। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर क्या था? में उसे बाईक पर बैठाकर फ्लेट तक ले आया और जैसे ही वो अंदर घुसी तो मैंने सभी खिड़की और दरवाजे अच्छी तरह से बंद कर दिया और एसी चालू कर दिया और में एक भूखे शेर की तरह उसके बूब्स दबाने लगा। तो उसने कहा कि प्लीज़ थोड़ा आराम से करो। उस वक़्त करीब 12.30 बजे थे और में करीब 10-15 मिनट तक सिर्फ उसके बूब्स दबाता रहा और फिर मैंने उससे कहा कि प्लीज मेरा लंड चूसो। तो उसने पहले मना कर दिया और कहा कि यह सब काम मुझे बिल्कुल भी अच्छे नहीं लगते और मैंने अपने पति के साथ भी यह सब कभी नहीं किया। तो मैंने कहा कि इसमें बहुत मज़ा आता है और मेरे कुछ देर समझाने पर वो मान गयी और पहले मैंने उससे कहा कि तुम मेरा लंड पेंट के ऊपर से हाथ से सहलाती रहो और फिर उसने ऐसा ही किया। फिर मैंने अपनी पेंट और अंडरवियर उतार दी और मेरा 7 इंच का लंड एकदम से आज़ाद हुआ, लेकिन निशा उसे देखकर एकदम चकित हो गयी। मैंने कहा कि अब इसे मुहं में लेकर आराम से चूसो और मैंने उसे 30-40 मिनट तक हर तरह से अपना लंड चुसवाया चटवाया। तो कुछ देर बाद वो खुद लेट गयी और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रही थी।

फिर मैंने फिर निशा का कुर्ता उतार दिया, उसने सफेद कलर का गोल आकार की ब्रा पहनी हुई थी और मैंने कुछ ही सेकेंड में उसके सारे हुक खोल दिए और मैंने देखा कि उसके बूब्स मस्त थे। फिर में दोनों हाथों से उन्हे ज़ोर ज़ोर से दबाता रहा और कुछ देर के बाद मैंने बूब्स को चूसना शुरू किया और करीब 20 मिनट तक उनसे खेलता रहा। सिर्फ़ इतना ही सब करने पर हमें करीब दो घंटे लग गये। तो उसके बाद मैंने उसके बूब्स को दबाना सहलाना शुरू कर दिया और अब वो सिसकियाँ लेने लगी शायद वो अब पूरी तरह से गरम हो चुकी थी उसकी सिसकियों की आवाज पूरे कमरे में गूंजने लगी और फिर मैंने ज्यादा देर ना करते हुए उसको सीधा लेटा दिया और लंड को चूत पर रगड़ने लगा। तो वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज अब और मत तड़पाओ, प्लीज मेरी इस चूत को आज ठंडा कर दो। तो में उसकी यह बात सुनकर जोश में आ गया और एक ही धक्के में लंड को चूत की गहराईयों में पहुंचाकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन मेरी इस चुदाई के दर्द की वजह से उसकी हालत बहुत खराब थी। क्योंकि उसकी चूत एक तो बहुत समय के बाद लंड का स्वाद ले रही थी और दूसरा मेरा लंड उसके पति के लंड से ज्यादा मोटा था और में उसे बिना देखे चोदता रहा, लेकिन कुछ देर की चुदाई के बाद उसकी चूत ने मेरे लंड को अपना बना लिया था और अब वो अपनी गांड को उठा उठाकर मेरे लंड को अपनी चूत के आखरी छोर तक लेने की कोशिश कर रही थी और इसी कोशिश में वो कब झड़ गई, उसे खुद को भी मालूम नहीं पड़ा और उसके कुछ देर बाद ही में भी उसकी चूत की गहराईयों में झड़ गया। फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और उसे उसके घर के पास छोड़कर अपने घर आ गया ।।

धन्यवाद …

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