मेरी सुहागरात बड़ी गजब की दुर्घटना बनी | Meri Suhag Raat Badi Gajab ki Durghtna Bani

मेरी सुहागरात बड़ी गजब की दुर्घटना बनी | Meri Suhag Raat Badi Gajab ki Durghtna Bani, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हाय फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सब ? मैं आशा करती हूँ कि आप सब अच्छे होंगे | मेरा नाम अनुपमा है और मैं बांधवगढ़ की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 29 साल है और मैं एक शादीशुदा लड़की हूँ | मेरी शादी अभी अभी हुई इसलिए मेरे कोई भी बच्चे नहीं हैं | मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरी हाईट five फुट five इंच है और मेरा बदन बहुत ही सेक्सी है | मेरे मम्मे बड़े हैं और मेरे चूतड भी बड़े और गोल हैं | दोस्तों मैं इस चुदाई की कहानियां कभी नहीं पढ़ी और न ही मैं पढना चाहती हूँ वो तो मेरी एक दोस्त ने बतया था कि इसमें बहुत ही मजेदार चुदाई की कहानियां पोस्ट होती हैं लेकिन फिर भी मैं नहीं पढ़ती | आज जो मैं आप लोगो के लिए कहानी लिखने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी और मेरे सुहागरात की कहानी है | तो कृपया इसे मजे ले कर पढना और मैं आशा करती हूँ कि आप सब को मेरी कहानी जरुर उत्तेजित कर देगी | तो अपने लंड और चूत संभल लो क्यूंकि मैं अपनी कहानी शुरू करने जा रही हूँ |

ये घटना मेरे सुहागरात वाले दिन की है | मेरे घर में, मम्मी पापा, एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन, भाभी और उनका बेटा रहते हैं | पापा आर्मी में बहुत बड़े रैंक पर हैं और मम्मी हाउसवाइफ हैं | बड़ा भाई भी आर्मी में है और मेरी छोटी बहन जॉब करती है | मैं भी शादी के पहले जॉब करती थी लेकिन शादी के बाद मैंने जॉब छोड़ दी | कॉलेज पढ़ते समय से मैं जॉब करती थी और फिर एक दिन पापा ने कहा कि बेटा तुम्हारे लिए एक रिश्ता आया है | मैंने पुछा कि पापा आप लोगो ने मुझसे पुछा क्यूँ नहीं ? तो उन्होंने कहा बेटा हम तुम्हारी शादी नहीं कर रहे हैं बस तुम एक बार मना कर डौगी तो शादी नहीं करेंगे लेकिन एक बार रिश्ता देखने में तो कोई बुरे नहीं है | मैंने भी पापा की बात रख ली और जब लड़के वाले आये तो मैंने देख कर ही मना कर दिया क्यूंकि वो लड़का नाटा और भोंदू टाइप का था | उसके बाद तो आये दिन मेरे लिए रिश्ते आने लगे | मैं भी कब तक मना कर पाती | आज नहीं तो कल मुझे शादी तो करनी ही पड़ती | एक दिन हमारे घर फिर से लड़के वाले आये और जो लड़का मुझे देखने आया था वो बहुत ही हेंडसम था और उसकी कदकाठी सब बहुत सॉलिड थी | वो जिम भी जाता है और जॉब भी करता है | मैंने अपने घर वालो से कह दिया कि मैं इससे शादी करुँगी | उसके बाद हमारी सगाई हो गई और हम दोनों कि फिर फ़ोन पर बात होना और कभी कभी घुमने जाना होने लगा | सगाई के कुछ महीने बाद शुभ मुहूर्त में हमारी शादी भी हो गई | शादी के समय हम दोनों बहुत खुश थे क्यूंकि ये रिश्ता किसी दबाव में और बिना किसी दहेजप्रथा के हो रही थी | जब शादी का पूरा कार्यक्रम हो गया और फिर हम दोनों ने थोडा रेस्ट किया | उसके बाद मेरी सुहारात की बारी आई तो रूम तो पहले से ही एक आलिशान होटल में बुक था | मेरे पति और मैं उनकी कार में होटल पंहुचे और फिर सबसे पहले साथ दूध का आर्डर दिया उन्होंने | मैं शांति से बेड पर बैठी थी घूँघट ओड़ के फिर

वो मेरे पास आये तो मैंने उन्हें दूध उठा कर दिया | उन्होंने कहा कि जानेमन पहले तुम पियो | फिर मैंने एक घुट पिया और फिर उनको दिया फिर उन्होंने एक घुट पिया | ऐसा ही करते करते हम दोनों बारी बारी से दूध पी कर खत्म किया | उसके बाद उन्होंने मेरा घूंघट उठाया और मेरे चेहरे को अपनी तरफ कर के कहा तुम बहुत सुन्दर लग रही हो | मैंने ये सुन कर थोडा सा मुस्कुराया तो उसने मेरे घूंघट को पूरा हटा दिया | और मेरे गाल पर अपने हाँथ फेरने लगा | मुझे उनका छूना अच्छा लग रहा था तो मैं उन्हें मना नहीं कर रही थी | उसके बाद उनहोंने मेरे होंठ में अपने होंठ रख दिया और मेरे होंठ को चूसने लगे तो मैं भी उनका साथ देते हुए उनके होंठ को चूसने लगी | वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे हाँथ को सहला रहा था और मैं उनके होंठ को चूसते हुए उनके गले पर अपने हाँथ रख दिया | वो काफी अच्छे से मेरे होंठ को चूस रहे थे और मैं भी | उसके बाद उन्होंने अपने कोर्ट को उतार दिया और मैंने उसी बीच में रोक दिया | फिर मैं खुद ही एक एक बटन को प्यार से खोलते हुए उतार दी कोर्ट और फिर शर्ट को भी उतार दिया | उनके चेस्ट पर अपने हाँथ फेरते हुए एक हाँथ से उनके बेल्ट को खोल कर पेंट भी उतार दी | अब वो मेरे सामने सिर्फ अंडरवियर में थे | फिर मैंने उनकी अंडरवियर को भी उतार दिया और उसके बाद उनके लंड से खलने लगी | उन्होंने मुझसे पूछा कि कैसा है मेरा लंड ? तो मैंने कहा कि आपका लंड बहुत ही मस्त है | फिर मैंने उनके लंड पर अपनी जीभ फेरने लगी तो उनके मुंह से आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | मैं उनके लंड को हर तरफ से चाट कर गीला कर रही थी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे कपड़े उतार रहे थे | फिर मैंने उनके लंड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगे | मैं उनके लंड को जोर जोर से आगे पीछे करते हुए चूस रही थी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मजे ले रहे थे | उसके बाद मैंने उनके दोनों अन्टोलो को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रहे थे | फिर उन्होंने मुझे उठाया और मेरे दोनों मम्मे दबाने लगे तो मैं भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी |
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उसके बाद उन्होंने मेरे मम्मे अपने मुंह में ले कर चूसने लगे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उनके सिर को सहलाने लगी | वो मेरे मम्मों को जोर जोर से मसल कर चूस रहे थे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | फिर उन्होंने मुझे लेटा दिया और मेरी टांगो को फैला दिए और मेरी चूत को चाटने लगे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | वो मेरी चूत को बड़े ही प्यार से धीरे धीरे जीभ से चाट रहे थे और चूत के दाने को भी चूस रहे थे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मदहोश हो रही थी | उसके बाद उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत में रखा और सहलाते हुए अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे धक्के मारते हुए चोदने लगे तो मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | कुछ देर बाद उन्होंने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दिए और जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगे तो मैं भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी | फिर उन्होंने मेरी एक टांग अपने कंधे में रख लिए और फिर अन्दर डाल दिए और चोदने लगे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | वो बहुत ही जोर जोर से मेरी चूत को चोद रहे थे और साथ में निप्पलस भी मसल रहे थे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए आँख बंद कर के चुदवा रही थी | कुछ देर बाद उन्होंने मेरे मुंह के अन्दर अपना माल गिरा दिया जिसे मैं पूरा चाट गई | तो फ्रेंड्स, ये है मेरी कहानी | आशा करती हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी अच्छी लगी होगी |

जवान भाभी( सन्नी लियोन) की चूत का लगा चस्का Jawan Bhabhi(Sunny Leone) ki Chut ka Laga Chaska

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हेल्लों दोस्तों, कैसे हैं आप सभी उम्मीद करता हूँ कि आप सभी कुशल मंगल होंगे और अपना जीवन सुखी से जी रहे होंगे | मेरा नाम गुरप्रीत है और मैं अमृतसर पंजाब से हूँ | मेरी उम्र 18 साल है और मैं कॉलेज का छात्र हूँ पर मैं प्राइवेट पढाई कर रहा हूँ क्यूंकि मैं जॉब भी करता हूँ कंप्यूटर ऑपरेटर की | मेरी हाईट 6 फुट है और मेरी हैल्थ फिट है | मेरे घर में मैं, मम्मी-पापा और भाभी रहते हैं, मेरे भैया जो कि 30 साल के थे उनकी कैंसर से मौत हो चुकी थी और उनकी मौत को three बीत चुके हैं | ये कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की है जिनका नाम सन्नी लियोन है | जो मैं आप लोगों को इस कहानी के माध्यम से बताने वाला हूँ |
तो अब मैं कहानी शुरू करता हूँ बिना आप लोगों को बोर करते हुए | ये बात जनवरी 2017 कि है जब मैं कुछ भी नहीं करता था और घर पर ही ज्यादा टाइम बिताता था और सरकारी नौकरी कि तैयारी करता था | मेरी भाभी एक सॉलिड आइटम हैं जिसका फिगर लाजवाब है कोई भी उसे देख ले तो उसका लंड खड़ा हो जाये और उसे चोदने का मन बना ले क्यूंकि मेरी भाभी का फिगर ही कुछ ऐसा है | बड़े बड़े परकी दूध हैं और कमर एक दम भरी हुई और गांड हाय गांड इतनी मस्त है मेरी भाभी कि की क्या बताऊ दोस्तों गदरायी हुई थी गांड और चौड़ी सी उठी और आज भी उसकी गांड वैसी ही है | मैं अपने कमरे में रह कर पढाई करता था और भाभी मेरे लिए कभी चाय तो कभी दूध ला कर देती रहती थी |
 भाभी मेरा मेरी मम्मी से ज्यादा ख्याल रखती थी और मैं भी का ध्यान रखता था | एक दिन हम लोग मार्किट गए थे सब्जी लेने और मेरी बाइक पर गए हुए थे | जब मैं गाड़ी चलाता और झटके से डिस्क ब्रेक मारता था तो भाभी के दूध मेरी पीठ पर टच होते थे और मुझे बहुत अच्छा लगता था, | मैं बार बार जानबूझ कर डिस्क ब्रेक मारता था ताकि भाभी के दूध मेरी पीठ से टच हों, और भाभी को भी इस चीज़ से एतराज़ नही हो रहा था कि मैं ऐसा कर रहा हूँ | फिर हम मार्किट पंहुचे और वहां से सामान ले कर लौट रहे थे तब भाभी ने सामान बीच में रख लिया था जिस वजह से मैं उनके दूध का मजा नही ले पा रहा था |
फिर हम घर आ गए थे और अपने अपने काम में लग गए थे | शाम को 6 बजे पापा घर आये तो उन्होंने कहा कि मेरे बहुत अच्छे दोस्त की बेटी की शादी है तो उन्होंने सभी को बुलाया है शादी पर | तो मैंने और भाभी ने मना कर दिया तो पापा और मम्मी का साथ जाने का प्लान बन गया था | फिर दो दिन बाद मम्मी और पापा बस से रवाना हो गए |
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एक दिन कि बात है मैं टीवी देख रहा था और भाभी सब्जी काट रही थी दोपहर के वक़्त | भाभी ने मुझसे पूछा कि क्यूँ रे गुरप्रीत तेरे कोई दोस्त नहीं हैं क्या जो तू सारा दिन घर में ही बैठा रहता है ? तो मैंने कहा भाभी दोस्त तो हैं पर वो मुझे कमा के नहीं देंगे और वैसे भी जब जरुरत होती है तब तो वो मेरा साथ देते हैं और मैं उनका तो फिर क्या जरुरत है बाहर बेकार घूमने की ? फिर भाभी ने कहा हाँ बात तो तू सही कह रहा है अच्छा चल ये बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या ? तो मैंने कहा क्या भाभी आप भी क्या पूछ रहे हो मेरी शक्ल देख के लगता है क्या कि कोई मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी |
तो भाभी बोली बता दे अगर तुझे कोई पसंद भी है तो मैं तेरा ब्याह करा दूंगी उसके साथ तो मैंने कहा भाभी ऐसी कोई लड़की नहीं है जिससे मैं प्यार करता हूँ और मेरा इन सब में मन भी नहीं लगता है | मैं फिलहाल अपने केरिअर में ध्यान देना चाहता हूँ बस बाकि और कुछ नहीं तो भाभी बोली चल ठीक है और फिर सब्जी काटने में लग गई | फिर मैं भी टीवी देखने के बाद अपने रूम में चला गया और पढाई करने लगा तभी कुछ देर बाद भाभी कि आवज़ आई गुरप्रीत चल नीचे आजा खाना बन गया है तो मैंने भी जवाब में कहा ठीक है भाभी मैं आता हूँ ओर फिर हाँथ धो कर मैं खाना खाने बैठ गया और हम दोनों साथ में खाना खाने लगे |
20 मिनट के बाद मैं खाना खा के अपने रूम में चला गया और थोडा सा आराम करने लगा तो मेरी नींद ही लग गयी थी और फिर मुझे नींद में ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरे लंड को सहला रहा है | फिर जैसे ही मैंने आँख खोला तो देखा कि भाभी मेरा लंड सहला रही थी तो मैंने भाभी से तपाक से बोला भाभी तुम ये क्या कर रही हो तो उन्होंने बोला गुरप्रीत मुझे माफ़ कर दे मैं थोडा बहक गयी थी मुझसे ये सब कैसे हो गया मुझे समझ नही आया ? तो मैंने कहा भाभी रहने दो जाने दो इस बात को मैं ये बात किसी को भी नहीं बताऊंगा | मैं समझ सकता हूँ कि भैया के जाने के बाद तुम्हारी वो इच्छा अधूरी रह गयी होगी जिस वजह से तुमसे ये गलती हो गयी |
तो फिर भाभी ने मुझसे कहा गुरप्रीत जब जब तू इतना समझ सकता है तो क्या तू मेरी एक मदद कर सकता है क्या ? तो मैंने कहा हाँ भाभी बोलिए न कैसी मदद चाहिये तुम्हे तो वो बोली | तू तो जानता ही है कि तेरे भैया के जाने के बाद मैं कभी एक औरत होने का सुख नहीं उठा पाई तो क्या तू मुझे एक औरत होने का सुख दे सकता है ? तो मैंने कहा भाभी मैं कुछ समझा नहीं तो फिर वो बोली कि क्या तू मुझे सेक्स का सुख दे सकता है ? तो मैं थोड़ी देर सोचता रहा कि क्या ये सही होगा या नहीं ?
कुछ देर सोचने के बाद मैंने अपने होंठ भाभी के होंठ में रख दिए और उन्हें किस करने लगा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी हम दोनों एक दूसरे को पागलो कि तरह चूम और चाट रहे थे फिर भाभी ने मेरा लोअर उतार दिया और मेरा झांटो वाला लंड चाटने लगी और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगा | जब भाभी मेरा लंड चाट रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और फिर मेरा लंड चाटने के बाद भाभी मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगा | भाभी ने मेरा लंड दस मिनट तक गले तक लिया और मुझे बहुत मजा आया अपना लंड चुस्वाने में | फिर भाभी ने अपना सूट उतारा और फिर ब्रा और पेंटी दोनों उतार दी | मैंने भाभी को पहली बार नंगा देखा था भाभी का बदन सच में में बहुत मस्त था और उनकी चूत भी चिकनी थी | फिर भाभी के दूध मैं मुंह में ले कर चूसने लगा और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह कर रही थी | मैं भाभी के दूध मुंह में भर कर जोर जोर से चूस रहा था |
मैंने भाभी के दूध को 15 मिनट तक जोर जोर से दबा दबा कर चूस रहा था और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | फिर मैंने भाभी को लेटा दिया अपने बेड पर और उनकी टाँगे चौड़ी करके उनकी चूत में अपनी जीभ डाल कर चाटने लगा | जब मै भाभी कि चूत चाट रहा था तब भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करके पूरा कमरा भर रही थी | मैं भी जोश में आ गया था और भाभी ने मुझसे कहा कि अब और देर न करो बस डाल दो अपन लंड और बुझा दो अपनी भाभी की प्यास और मैं तुरंत अपना लंड भाभी की चूत में डाल कर जोर जोर से चोदने लगा |
भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगी |
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भाभी को भी हहुत मजा आ रहा था और मुझे भी हम दोनों चुदाई की दुनिया में खो गए | मैं जोर जोर से धक्के लगा लगा कर भाभी को चोद रहा था और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करते हुए झड़ गई | थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया था उनकी चूत में ही |

लंड का स्वागत चूत खोलकर Lund ka swagat chut kholkar

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हैल्लो दोस्तों मेरा नाम कुमार है, दोस्तों मेरा मन अपनी चाची की चूत को मार मारकर अब बहुत बोर चुका था, इसलिए में किसी दूसरी चूत की तलाश में हमेशा रहने लगा था। वैसे मेरी चाची की चूत भी बड़ी मस्त मजेदार थी, लेकिन में लगातार हर कभी चुदाई की वजह से वो अब चूत नहीं एक फटा हुआ भोसड़ा बनकर रह गई थी और में अपनी उस गाँव वाली बुआ की भी चूत को चोदकर में उसका भोसड़ा बना चुका था, लेकिन हाँ उनकी दोनों लड़कियों की प्यास अभी भी अधूरी ही थी और में जब कभी भी चाहता तो बड़े आराम से उन्हे भी चोद सकता था, बल्कि बुआ खुद ही मेरा लंड पकड़कर अपनी दोनों बेटी की चूत में मेरा लंड डाल देती, लेकिन मेरी उनकी बेटियों में इतनी कोई रूचि नहीं थी, लेकिन अब कोई और चूत भी मेरी नज़र में नहीं थी और मेरा लंड था कि उसमें जाने के लिए बहुत उतावला हो रहा था। दोस्तों वैसे उस दिन तो मैंने अपनी मम्मी को ही चोदा था, लेकिन फिर दूसरे दिन में बिना किसी इरादे के ऐसे ही सड़क पर टहल रहा था कि अचानक से कोई मुझसे टकरा गया।

फिर मैंने नज़र उठाकर देखा, तो वो करीब 45-46 साल की एक औरत थी, लेकिन उन्होंने अपने उस शरीर को बहुत अच्छी तरह से संभाल रखा हुआ था। में बिल्कुल बेसुध था और वो पता नहीं कैसे मुझसे आकर टकरा गयी और फिर मुझे अचानक से होश आ गया तब में हड़बड़ाकर उनसे माफ़ करने के लिए बोला और हमारे टकराने की वजह से उनके बेग से कुछ सामान भी नीचे गिर गया था। अब वो तुरंत नीचे बैठकर अपने सामान को उठा रही थी और उनका ब्लाउज बहुत टाईट था जिसके अंदर उनके बड़े बड़े आकार के बूब्स बाहर निकलने को बहुत बेताब थे और वैसे उन्होंने अपनी छाती पर साड़ी का पल्लू डाल रखा था, लेकिन गुलाबी रंग की जालीदार साड़ी से मुझे सब साफ नज़र आ रहा था और में खड़े खड़े उनके बूब्स का वो सेक्सी नज़ारा देख रहा था। 

फिर कुछ देर बाद जैसे ही में नींद से जागा तब में भी उनका वो नीचे गिरा हुआ सामान उठाने में उनकी मदद करने लगा। अब मैंने उनसे कहा कि आंटी आप मुझे प्लीज माफ़ करना। मेरी वजह से आपका यह सामान बिखर गया, तब वो मुझसे बोली कि कोई बात नहीं है बेटा, सब ठीक है और सारा सामान अपने बेग के अंदर रखने के बाद वो मुझसे बोली कि बेटा तुम नयी पीढ़ी के लड़के लड़कियों की बस यही एक सबसे बड़ी समस्या है। तुम हर कभी कहीं ना कहीं खोए हुए रहते हो। अब में उनकी वो बातें सुनकर थोड़ा सा शर्मिंदा होते हुए बोला कि नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है, आप मेरे बारे में कुछ ग़लत सोच रही है और फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि बेटा क्या तुम मेरे साथ बैठकर एक कॉफी पीना पसंद करोगे? दोस्तों मैंने उनको अपनी तरफ से तुरंत ही बिना कुछ सोचे समझे हाँ में जवाब दे दिया और फिर हम लोग वहीं पास के एक कॉफी शॉप पर बैठ गये, वहाँ पर भी ज़्यादातर कुंवारे लड़के और लड़कियाँ ही थे जो एक दूसरे से चिपककर बातें हंसी मजाक कर रहे थे, वो आंटी उन सभी को बड़े ध्यान से देख रही थी।

फिर अचानक से मेरी तरफ देखकर उन्होंने मुझसे पूछा बेटा आप क्या करते हो? तब मैंने कहा कि आंटी में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा हूँ यह मेरा तीसरा साल है। फिर वो बोली वाह बहुत अच्छे, लेकिन उस समय तुम्हारा ध्यान किधर था? क्या तुम भी इन सब मनचले लड़को की तरह नयी हसीन तितलियों की ताक में थे? उन्होंने जिस अंदाज़ में यह बात मुझसे कही मुझे सुनकर बड़ा अज़ीब सा लगा और इसलिए मैंने हड़बड़ाते हुए कहा कि नहीं आंटी ऐसी कोई भी बात नहीं है जैसा आप मेरे बारे में सोच रही हो में वैसा बिल्कुल भी नहीं हूँ, खैर अब आप बताए आप कहाँ से आ रही थी? तब वो हंसते हुए बोली तुमने क्या बेवकूफी भरा सवाल किया है? अरे भाई में बाजार से आ ही रही थी कि तभी अचानक से तुमने सामने आकर मुझे धक्का मार दिया अच्छा अब यह बताओ बेटा तुम्हारे घर में और कौन कौन है? मैंने कहा कि मम्मी पापा और एक छोटी बहन है और आंटी आपके घर में कौन कौन रहता है? तब मुझे उनका एक छोटा सा जवाब मिला कि में और मेरी बेटी, तो मैंने उनसे पूछा और अंकल? तब वो बोली कि बेटा वो बाहर किसी कंपनी में है और मेरा बेटा भी वहीं पर ट्रेनिंग कर रहा है।

दोस्तों उनकी बातों में बहुत उदासी भरी थी तभी अचानक से मौसम खराब हो गया और बारिश होने लगी। हम लोग बहुत देर तक इधर उधर की बातें करते रहे और करीब दो घंटे बाद भी पानी नहीं रुका तब आंटी कुछ परेशान हो गयी और मैंने उनसे पूछा कि क्या बात है आंटी आप कुछ परेशान सी नजर आ रही है? तब उन्होंने घड़ी देखते हुए कहा कि बेटा अब आठ बज रहे है और पानी रुकने का नाम ही नहीं ले रहा और अब तो मुझे अपने घर जाने के लिए कोई साधन भी नहीं मिलेगा। फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी मेरा घर यहाँ से कुछ दूरी पर है और आप चाहे तो मेरे साथ वहां पर चल सकती है, तभी वो बोली कि बेटा असल में मेरे घर पर मेरी बेटी नेहा अकेली होगी और आजकल का माहोल तो तुम जानते ही हो जवान लड़की को बिल्कुल भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।

फिर मैंने उनसे कहा कि आंटी आप यहीं पर रुको में अभी मेरी कार लेकर आता हूँ, तब वो मुझसे बोली कि बेटा तुम पानी में भीग जाओगे और बारिश बहुत तेज है। तो मैंने उनसे कहा कि आंटी हम जवान लोगों पर बारिश का कोई असर नहीं होता और फिर में भागकर अपने घर पर पहुंच गया और मम्मी को मैंने बताया कि में अपने एक दोस्त के घर जा रहा हूँ कोई ज़रूरी काम है, मम्मी मुझे रोकती ही रह गयी कि बेटा बारिश तेज हो रही कल चले जाना, लेकिन में नहीं रुका और में अपनी कार को लेकर वापस उस कॉफी शॉप पर पहुंच गया। 

पानी अभी भी बहुत तेज़ था और वो जैसे ही शॉप से बाहर मेरी गाड़ी तक आई बहुत हद तक वो भी भीग चुकी थी और में तो पहले से ही पानी में तर था, क्योंकि में अपने घर तक जाने में बहुत भीग चुका था और थोड़ी ही देर के बाद में एक बड़ी सी कोठी के सामने जाकर रुका। अब में उस कोठी को देखकर बिल्कुल हैरान रह गया और तभी वो कार से नीचे उतरते हुए मुझसे बोली कि बेटा कार को तुम पार्किंग में खड़ी करके घर के अंदर चले आओ, तुम पानी से बहुत भीग चुके हो कपड़े बदल लो नहीं तो तुम्हे सर्दी लग जाएगी। फिर मैंने कहा कि नहीं आंटी ऐसी कोई बात नहीं है, मैंने आपको घर तक छोड़ दिया अब मेरा काम खत्म हुआ, में अब चलता हूँ आप मुझे जाने की इजाज़त दीजिए। फिर आंटी ने मुझे थोड़ा सा डांटकर कहा कि में तुमसे जितना कह रही हूँ तुम उतना ही करो, आख़िर में तुम्हारी माँ की तरह हूँ जाओ गाड़ी पार्क करके आओ और इतनी देर की बहस में आंटी अब बिल्कुल तर हो चुकी थी। फिर में गाड़ी पार्क करने के बाद जब आया तो आंटी वहीं पर खड़ी हुई थी और उनकी साड़ी बिल्कुल भीग कर उनके शरीर से चिपक चुकी थी। गुलाबी रंग की साड़ी के नीचे उनकी काले रंग की डिज़ाइनर ब्रा मुझे साफ साफ नज़र आ रही थी और वैसे मेरे मन में अभी तक उनके लिए ऐसे कोई भी ग़लत विचार नहीं थे, लेकिन आख़िर कब तक मेरे अंदर का वो शैतान सोया रहता। उनको उस हालत में देखकर मेरे पूरे बदन में एक सनसनी होने लगी और में कुछ देर तक उनको अपनी नजर से एकटक निहारता रहा, में बहुत चकित था। तभी वो मेरी आखों के आगे चुटकी बजाते हुए मुझसे बोली हैल्लो कहाँ खो गये? तुम किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाओ, तुम्हारे शरीर में ऐसी कोई बीमारी लगती है जिसकी वजह से जाने तुम कहाँ खो जाते हो? और फिर इतना कहकर मेरा एक हाथ पकड़कर वो मुझे जबरदस्ती खीचकर अंदर ले जाने लगी थी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर अंदर दाखिल होते ही मुझे एक बहुत ही सुंदर लड़की नज़र आई, जिसकी उम्र करीब 18-20 साल रही होगी और वो स्कर्ट पहने हुए थी और चेहरे से वो बहुत परेशान नज़र आ रही थी और आंटी को देखते ही वो उनसे लिपट गयी और पूछने लगी मम्मी आप कहाँ चली गयी थी में बहुत घबरा रही थी? आंटी ने उसको अपने से अलग करते हुए कहा कि मेरी रानी बेटी बाहर अचानक से पानी बरसने लगा था इसलिए मुझे इतनी देर हो गयी और में तुम्हे फोन लगा रही थी तो वो भी नहीं लग रहा था खैर कोई बात नहीं अब तो में आ गयी हूँ मेरी बहादुर बच्ची क्या तुमने खाना खाया? तो उसने कहा कि जी मम्मी अभी थोड़ी ही देर पहले रामू काका मुझे खाना देकर अपने घर चले गये और अब मुझे बहुत नींद भी आ रही है यह बात कहकर अचानक से उसने थोड़ा संभलते हुए मेरी तरफ देखा और बोली मम्मी यह साहब कौन है? तो आंटी ने कहा कि बेटा आज में बाजार अपनी कार नहीं ले गयी और आज ही पानी को बरसना था तो इसने ही मुझे लिफ्ट दी है इनका नाम राजेश है और तब वो मुझे नमस्ते करके अपने रूम में सोने चली गयी और अब उस रूम के अंदर में और आंटी ही रह गये थे तभी आंटी ने मुझे एक लुंगी देते हुए कहा कि लो तुम इसको पहन लो।

फिर मैंने उनके कहने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उस लूँगी को अपनी कमर पर बांध लिया मैंने अपनी अंडरवियर और बनियान नहीं उतारी। तभी आंटी मुझसे कहने लगी कि बेटा तुम अपने सभी गीले कपड़े उतार दो, यह अभी थोड़ी ही देर में सूख जाएँगे उसके बाद तुम इनको पहन लेना और इस बनियान को भी उतारकर निचोड़ लो देखो यह बहुत भीग चुका है। अब मैंने बहुत झिझकते शरमाते हुए अपने बनियान को उतारकर निचोड़कर खूंटी पर टाँग दिया और वहीं वॉशरूम में जाकर अपनी अंडरवियर को भी मैंने उतारकर सूखने के लिए डाल दिया और अब में सिर्फ़ लूँगी में था और अभी तक आंटी ने अपनी साड़ी नहीं उतारी थी, जब में वापस रूम में आया तब मैंने देखा कि वो अपना साड़ी का पल्लू निचोड़ रही थी और उनका वो आँचल हटा होने की वजह से उनके गुलाबी रंग के ब्लाउज के अंदर से उनकी काले रंग की ब्रा साफ नज़र आ रही थी, जिसको में अपनी चकित नजर से लगातार निहार रहा था और मुझे एकटक इस तरह घूरकर देखते हुए आंटी ने कहा क्यों क्या देख रहे हो बेटे, तुमने अपने तो कपड़े उतार लिए अब में भी अपने कपड़े बदल लूँ। 

दोस्तों मेरा मन अब तक आंटी को चोदने के बारे में सोचने लगा था, लेकिन मेरी इतनी हिम्मत नहीं हो पा रही थी। फिर तभी थोड़ी देर के बाद आंटी एक बहुत ही हल्की सी मेक्सी पहनकर आई और वो वहीं सोफे पर बैठ गयी और कॉफी बनाने लगी। वो मेरे सामने बैठकर कॉफी बना रही थी और में अपनी ललचाई नज़रों से उनके उभरे हुए बूब्स को लगातार देख रहा था और दिल ही दिल में सोच रहा था कि काश यह आंटी आज मुझसे अपनी चुदाई करवा ले तो कितना मज़ा आएगा। यही सब सोच सोचकर मेरा लंड अब अपनी असली औकात में आ चुका था और मुझे इस बात का बिल्कुल भी एहसास ही नहीं हुआ कि कब वो मेरी लूँगी को ऊँची करके बाहर निकलकर बीच से उसका टोपा अब बाहर झाँक रहा था और आंटी अपनी चोर नज़रों से उधर ही देख रही थी मेरा पूरा ध्यान आंटी के बूब्स की तरफ था और आंटी का ध्यान मेरे तनकर खड़े लंड की तरफ था।

अब मैंने आंटी की नज़रों की तरफ देखा तो उनकी नज़रे मेरे लंड पर टिकी हुई थी। वो मेरे लंड को देखकर अंदर ही अंदर वो बड़ी खुश हो गई और अब मैंने धीरे से अपने दोनों पैरों को और भी खोल दिया जिसकी वजह से आंटी और भी अच्छी तरह से मेरे लंड का दीदार कर सके उसके बाद हम दोनों ने कॉफी के मज़े लिए और उसके बाद में अपने कपड़े पहनने लगा और मन ही मन में सोच रहा था कि साली अगर आज रात मुझे अपने पास यहीं पर रोककर मुझसे अपनी चुदाई करवा ले तो इसका क्या हो जाएगा? वैसे चुदाई के मज़े लेने के लिए इसकी चूत भी बहुत तड़प रही है, लेकिन हाय रे इंडियन नारी लाज़ की मारी लंड खाएगी दुनियाभर के, लेकिन चुदवाने से पहले शरमाएगी इतना कि पूछो ही मत और जब मुझे कपड़े पहनते हुए आंटी ने देखा तब वो मेरे पास आई और बोली देखो बेटा अभी तुम्हारे कपड़े पूरी तरह से सूखे नहीं है तुम ऐसा करो कि आज रात यहीं पर रुक जाओ और घर पर अपनी मम्मी को कॉल करके बोल दो। तब मैंने नाटक करते हुए कहा कि नहीं आंटी मुझे जाना है।

फिर तभी मेरे हाथ से कपड़े छीनकर वो बोली कि बेटा में तेरी माँ जैसी हूँ और में तुझसे जैसा कह रही हूँ वैसा ही कर कहीं बीमार पड़ गया तो तेरी मम्मी को कौन जवाब देगा? फिर मैंने घर पर कॉल करके कह दिया कि आज पानी बहुत बरस रहा है इसलिए में आज यहीं पर अपने दोस्त के घर पर रुक रहा हूँ और फिर थोड़ा बहुत खाना खाने के बाद आंटी ने मुझसे कहा कि बेटा तुम यहाँ बेड पर सो जाना में सोफे पर लेट जाउंगी वरना अगर तुम चाहो तो दूसरे रूम में भी सो सकते हो। फिर मैंने कहा कि आंटी में वहाँ पर अकेला बोर हो जाऊंगा, आप ऐसा कीजिए आप बेड पर सो जाइएगा में सोफे पर सो जाता हूँ और उनको यह बात कहकर में वहीं सोफे पर लेट गया और आंटी बेड पर लेट गयी। मेरे अरमान अब धीरे धीरे ठंडे हो रहे थे और में आंटी की उभरी हुई निप्पल और फूले हुए कूल्हों को अपनी आखों में बसाये कब गहरी नींद की गोद में चला गया मुझे पता ही नहीं चला। 

फिर रात को अचानक मुझे अपनी जाँघ पर कुछ सरकता हुआ महसूस हुआ, तो मेरी नींद खुल गयी फिर मुझे आभास हुआ कि यह किसी का हाथ है और घर में दो ही जने थे आंटी या फिर उसकी लड़की, तभी थोड़ी देर में उसी तरह से लेटा रहा तब तक वो हाथ अब नीचे सरसराता हुआ मेरी लूँगी को सरकाता हुआ ऊपर मेरी जांघो की जड़ तक पहुंच चुका था। में भी अब उस हाथ की गरमी का आनंद लेना चाहता था चाहे कोई हो भले ही उस वक़्त उसकी वो कुंवारी लड़की भी होती तब भी मैंने तय कर लिया था कि उसकी कुँवारी चूत को भी में चोद ही डालूँगा, लेकिन अब तक में जान गया था कि वो हाथ आंटी का है और अब में पूरी तरह से उसके सहलाने का मज़ा लेना चाहता था और में सोफे पर सीधा होकर लेट गया और वो मुझे करवट लेते हुए देखकर कुछ बड़बड़ा गयी, लेकिन फिर शांत हो गयी और मुझे नींद में देखकर उसने मेरी लूँगी के अंदर अपना हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया जो अभी तक शांत अवस्था में था, वो उसको बहुत प्यार से सहलाने लगी। 

अब मेरे लंड में धीरे धीरे तनाव आने लगा था और में भी उत्तेजित होने लगा था। मेरा मन कर रहा था कि अभी में उस साली को अपनी बाहों में भरकर इतनी ज़ोर से दबा दूँ कि इसकी हड्डी तक पिस जाय, लेकिन में ऐसा कर नहीं सकता था और में बस चुपचाप एकदम सीधा पड़ा रहा और आंटी की कार्यवाही को देखता महसूस करता रहा और फिर कुछ देर बाद आंटी का हाथ अचानक से थोड़ा कड़क हो गया था वो मुझे सोया हुआ जानकर पूरी तरह से निश्चित हो गयी थी, इसलिए वो मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से सहलाने के बाद जब वो पूरी तरह से खड़ा हो गया, तब अपने होंठो से मेरी जांघों को चूमने लगी।

अब मेरे मुहं से सिसकियाँ निकलने को हुई, लेकिन मैंने अपने दांत भींचकर अपने मुहं से आवाज को निकलने नहीं दिया, लेकिन अब मुझसे ज्यादा देर बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था। तभी मैंने अपने लंड पर कुछ गरम गिला चिपचिपा सा महसूस किया, क्योंकि रूम में नाइट लेम्प जल रहा था तो मुझे कुछ साफ नज़र नहीं आ रहा था और में अपनी आँख भी बंद किए था, लेकिन मुझे अब इतना तो अंदाज़ा हो ही गया था कि यह साली इसकी जीभ होगी जो मेरे लंड पर घूम रही है और अपनी जीभ को फिराते फिराते उसने गप्प से मेरा लंड अपने मुहं में पूरा अंदर ले लिया और उसको चूसने लगी थी। दोस्तों अब तो में बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं कर पाया और में एक झटके के साथ उठकर बैठ गया और उससे बोला कि कौन है यहाँ पर? तभी आंटी ने मेरे मुहं पर हाथ रखा और धीरे से बोली बेटा में हूँ उन्होंने झट से लाईट को भी जला दिया और में यह सब देखकर बिल्कुल हैरान रह गया, क्योंकि वो पहले से ही पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी और उनके गोरे बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था।

फिर मैंने उनका वो गोरा नंगा बदन देखकर चौकने का ड्रामा करते हुए कहा कि हाए आंटी आप तो पूरी नंगी है। तब उन्होंने मेरा लंड पकड़ते हुए मुझसे कहा कि बेटा तुम भी तो नंगे हो और मैंने यह बात सुनकर अपने दोनों हाथों को झट से अपने लंड पर रख लिया और में अपने लंड को हाथों के पीछे छुपाने का नाटक करने लगा, लेकिन में उसकी हरकतों उस काम को देखकर बहुत अच्छी तरह से जानता और समझ चुका था कि अब यह साली जरुर मुझसे अपनी चुदाई बिना किसी नाटक नखरे से करवाएगी, लेकिन फिर भी मैंने अपना नाटक शुरू रखा में कहने लगा कि आंटी आपको ऐसा नहीं करना चाहिए था।

यह बहुत गंदी बात है और आपको ऐसा काम करना बिल्कुल भी शोभा नहीं देता। तभी आंटी मेरे लंड को मसलते हुए मुझसे बोली और तुम जो पिछले कुछ घंटो से लगातार मेरे बूब्स को अपनी प्यासी चकित नजरों से निहार रहे थे उसके बारे में तुम क्या कहना चाहते हो और तुम तो मेरे बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से ही इस तरह से देख रहे थे कि बस अभी तुम मेरे इस दोनों बूब्स को बाहर निकालकर खा ही जाओगे, वो क्या अच्छी बात थी? और जब में कॉफी बना रही थी, तब तुम्हारी नज़रे कहाँ थी मुझे बहुत अच्छी तरह से पता है कि तुम मुझे चोदना सिखा रहे हो मेरे सामने अभी कल के बच्चे हो बेटा, में तुम्हारे जैसे ना जाने कितनो को अपनी चूत में समाकर बाहर कर चुकी हूँ। दोस्तों अब उसकी यह सभी बातें सुनकर तो मुझे बहुत ही जोश चड़ गया। मैंने उसको अपनी बाहों में पकड़ लिया और पकड़ते ही वो मुझसे बोली कि ओह्ह्ह में तुमसे प्यार करती हूँ। प्लीज तुम मुझे आज जमकर चुदाई का मज़ा दो और इस बरसात के मौसम में मेरी इस प्यासी चूत को भी अपनी चुदाई से तर कर दो इसको अपने वीर्य से ठंडा कर दो प्लीज, मुझे अब तुम्हारी चुदाई की बहुत जरूरत है आह्ह्ह प्लीज चोदो मुझे अपने लंड के वो मज़े दे दो।

फिर मैंने भी अब उसकी वो जोश भरी बातें सुनकर अपने होश बिल्कुल खोकर मैंने उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना उनकी निप्पल को निचोड़ना शुरू किया और उनके एक एक बूब्स को चूसकर में उनका रस पीने लगा था। तब मैंने देखा कि रात के करीब तीन बज चुके थे और सभी तरफ बहुत सुनसान था और फिर में ऊपर से उसकी रसभरी चूत को अपने एक हाथ से धीरे धीरे सहलाने लगा, जिसकी वजह से अब वो और भी ज्यादा गरम हो चुकी थी और फिर वो दोबारा मेरे लंड को अपने मुहं में लेने को बड़ी बेताब नजर आ रही थी और उसने कुछ देर बाद ठीक वही किया, वो मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर बेसब्री की तरफ एकदम पागलों की तरह चूसने लगी और वो कभी लंड को पूरा अंदर डालती और कभी बाहर निकालकर उसके टोपे पर अपनी जीभ को घुमाने लगती।

उसके ऐसे करने से मुझे लग रहा था जैसे कि में अब स्वर्ग में हूँ। फिर कुछ देर उसके साथ ऐसे ही मज़े लेने के बाद मैंने अब उसको अपनी बाहों में लेकर नीचे लेटा दिया और उसको लेटाकर में उसके ऊपर सो गया। अब मुझे ऐसे लग रहा था कि कब में उसकी चूत में अपने लंड को डालकर उसकी चुदाई के मज़े लूँ। में यह बात अपने मन ही मन में कुछ देर सोचता रहा और फिर उसके बाद मैंने उसके दोनों पैरों को पूरा फैलाकर चूत के मुहं पर रख दिया। तब उसने मेरे तनकर खड़े पांच इंच लंबे लंड का अपनी रस से भरी मुलायम कामुक चूत में स्वागत किया और मैंने उसके स्वागत को स्वीकार करते हुए एक ही जोरदार धक्के के साथ अपने लंड को उसकी चूत की पूरी गहराइयों में पहुंचा दिया और में धक्के देने लगा मेरे जोरदार धक्का का उसने भी जोश में आकर अपनी गांड को उठा उठाकर मेरा पूरा पूरा साथ दिया।

फिर करीब 15 मिनट की उस ताबड़तोड़ चुदाई के बाद अब हम दोनों ही चिल्ला चिल्लाकर धक्के देते हुए झड़ गये। हम दोनों का कामरस उसकी चूत से बहकर बाहर आकर उसकी जांघो पर बहने लगा था। अब में धक्के देकर थक जाने की वजह से उसके ऊपर ही लेटा रहा। दोस्तों उसने यक़ीन मुझे अपनी चुदाई के लिए भड़काने के लिए ही ऐसे शब्द प्रयोग किये थे और मेरे साथ वो हरकते की थी, लेकिन मुझे तो शुरू से ही चुदाई करना पसंद था और शुरुआत में आंटी मुझे इतनी सीधी-साधी नज़र आ रही थी कि उनके मुहं से इस तरह की वो बातें सुनना मेरे लिए एक बिल्कुल नया अनुभव था और उस पूरी रात मैंने उनकी चुदाई के बड़े मज़े लिए जिसमे हर बार उन्होंने मेरा पूरा पूरा साथ दिया, जिसकी वजह से हम दोनों का काम बन गया और मुझे एक चुदक्कड़ चुदाई के लिए प्यासी चूत और उनको मेरा मोटा लंबा दमदार लंड मिला जिसको उन्होंने अपना समझकर बहुत प्यार दिया ।।

पड़ोसन मारवाड़ी भाभी की चूत चुदाई कर दी Padosan marwadi bhabhi ki chut chudai kar di

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हेलो दोस्तों, मेरा नाम ध्रुव हे; यह मेरी पहली सेक्स कहानी है; मैंने अभी तक काफी सेक्स कहानियां पढ़ी है इस साइट; पर और तभी से मुझे मेरी बाजू वाली भाभी को चोदने का मन हो गया, मेरी उम्र २१ साल है.

हुआ यूं कि हमारे घर के यहां एक छोटा सा मार्केट है, जहां सब्जी और कपड़ो की शॉप है; वहां पर शाम को काफी लेडीज आती है खरीदी करने के लिए, मैं भी वहां रोज जाया करता हूं खूबसूरत लड़कियों को देखने के लिए.

एक दिन मेरी नजर एक भाभी पर गई, वह भाभी ने पिंक साड़ी पहनी हुई थी, मार्केट में कुछ खरीद रही थी; वह काफी खूबसूरत थी उसने एक स्लीवलेस ब्लाउज पहना था; मैं जब उसे पहले टाइम देखा तो उसे देखता ही रह गया, उसका फिगर काफी मेंटेन था, उसके बाल भी काफी घने थे; और जो उसके चेहरे पर आते थे.

वह उसे हमेशा पीछे करती थी; और उसके बूब्स और गांड ओह माय गॉड; मेरी नजर उस पर ही थी; उसने उसकी काफी चीजें खरीदी और उसके घर की ओर जाने लगी, मैंने सोचा के घर का पता कर लूं; तो मैंने उस दिन उसका पीछा कर लिया, तो पता चला कि वह बाजू वाले मकान में रहती है और उनका सरनेम जैन था.

तो मैं रोज मार्केट में उनका इंतजार करने लगा, ऐसे ही एक दिन आया, मैं सोचा कि आज कुछ करते हैं; मार्केट में आने के बाद में उसे घुर रहा था वह जहां जाती उसके पीछे पीछे चला जाता, मुझे बस उसका अटेंशन चाहिए था; काफी देर बाद मैंने वह बना लिया और उसके बाद में उस जगह से चला गया, और दूर जा कर उस पर ध्यान दिया; वह कुछ आसपास देख रही थी मुझे समझ में आया कि मेरा काम अब हो गया है; मैंने अगले दिन ऐसा ही किया; उस दिन वह कुछ सब्जियां ले रही थी सब्जी लेने के बाद वह उसके घर की और निकली, मैंने उसका पीछा करना शुरू किया, कुछ टाइम बाद उस ने उसके हाथों में जो भी सामान की बैग थे वह नीचे रख दिया और इधर उधर देखने लगी.

मैंने उसकी तरफ देखा और पूछा क्या हुआ? उसने कहा कुछ नहीं; क्या आप मेरी मदद करोगी? मुझे यह बैग मेरे घर तक लेकर जानी है, मेरा घर यहीं पास में है; उसने ऐसा कहते ही मुझे पता चला कि इसे भी कुछ चाहिए, लेकिन कंफर्म नहीं था; मैंने भी एक रिस्पॉन्सिबल पर्सन की तरह बिहेव करते हुए उसे हां जरूर कहा, उसके घर छोड़ दिया उसने मुझे थैंक्यू कहा और मुझे पानी के लिए पूछा.

मैंने हां कहा काफी प्यास लगी है, उसने मुझे अंदर आने के लिए कहा; मैं काफी खुश हो गया, अंदर कोई और औरत आई और उसने मुझे पानी दिया; वह उनकी काम वाली थी; उसका टाइम हो गया था वह घर जा रही थी; तभी मैंने सोचा कि कुछ इधर उधर की बातें करनि पड़ेगी अगर कुछ करना है तो; अचानक वह सामने आकर पूछने लगी कि आप क्या करते हो? मैं उसे बताया कि मैं स्टडी करता हूं, यहां मेरे फ्रेंड के साथ रहता हूं; मैंने उसे उसकी फैमिली के बारे में पूछा, उसके पति का बिजनेस है पुणे में; और उसे एक लड़का है ४ साल का.

उसने मुझे चाय के लिए पूछा और मैंने तुरंत हां कर दिया, जब वह किचन की ओर जा रही थी तब पीछे से काफी सेक्सी लग रही थी; वह डीप कट ब्लाउज साड़ी और ब्लाउज के बीच में गैप और उसकी गांड मस्त उछलते चल रही थी; २ मिनट के बाद वह आई हमने चाय पी और इधर उधर की बातें की; थोड़ी देर हमने एक दूसरे के नंबर एक्सचेंज कर लिए, अपना नंबर दिया और कॉल करने के लिए कहा, उसने उसी टाइम मेरा नंबर डायल किया और कंफर्म कर लिया; मैं तो खुश हो गया क्योंकि उसका नंबर भी मेरे पास आ गया है.

कुछ हफ्ते बाद संडे के दिन मैंने सोचा कि आज कॉल करते हैं, मैंने उसे इधर-उधर की बातें करना शुरु किया और उसके साथ जोक करने लगा उसे हंसाने लगा, कई बार उसने मेरी तारीफ की; मैं समझ गया कि वह भी मुझे चाहती है, ऐसे ही हम कभी वॉइस कॉल पर बात करने लगे, यह सिलसिला दो महीने तक चला.

एक दिन जब मैं मार्केट में घूम रहा था, तो मुझे वह अचानक दिखाई दी, वह लाल कलर साड़ी में काफी सेक्सी लग रही थी, जी कर रहा था वही जाकर उसकी गांड जोर से दबा दूं; मैं उसे देख ही रहा था तो वह मेरे सामने आई, और मुझे देख कर स्माइल कर के बोली, कहां जा रहे हो? मैंने कहा कुछ नहीं यही जा रहा हूं.

वह उसके घर चली गई और मैं अपने घर उसे घर जाने के बाद मैंने उसे मैसेज किया कि आज आप क्या आप के घर पर कुछ इवेंट है क्या? उसने कहा नहीं ऐसा कुछ नहीं है ऐसा क्यों पूछ रहे हो? मैंने कहा आप काफी खूबसूरत लग रही थी आज; वह हंसने लगी और तुरंत उसकी कॉल आई; और हम बातें करने लगे; उसने मुझे कहा कि पति और मेरा बच्चा कल से गाँव गये हैं क्योंकि उसकी सास की तबीयत ठीक नहीं थी.

मुझे कुछ कुछ समझ आ रहा था, मैंने उस दिन रात के ९ बजे उसके घर जाने की सोची; मैंने उसकी डोर बेल बजाई, उसने दरवाजा खोला और मुझे देख के उसके आंख में देखने लायक था; उसने पूछा तुम इस टाइम पर यहां कैसे? मैंने कहा क्यों नहीं आना चाहिए था? सॉरी;; उसने कहा ऐसी बात नहीं, मैं उसके सोफ़ा सेट पर बैठ गया उसने मुझे पानी ला कर दिया.

और मुझे कहा कि जरा रुको मैं टेरेस पर जाकर आती हूं, सूखे हुए कपड़े लाने के लिए; जो मैं आज भूल गई; ५-१० मिनट हो गए वह नहीं आई, तो मैं टेरेस पर गया वहां कपड़े के टब में रख रही थी, टब वजन की वजह से काफी भारी हो गया था, तो मैंने वह उठाया और नीचे जाने लगा, तो अचानक लाइट चली गई; वह अह्ह्ह कर के हल्के से चिल्लाई, मैंने उसे कहा डोंट वरी मैं हूं. उसने मेरा हाथ पकड़ा और हम उसके होल में आए; अंधेरा होने की वजह से कुछ दिखाई नहीं दे रहा था; वह टब मेरे हाथ में था तो नीचे रखते समय मैंने उसकी कमर को टच किया; पीछे मुड़ी बस इतना उसे एहसास हुआ; यह मुझे पता चला; वह फिर से बोली काफी डर लग रहा है, मैंने उसे कहा डरो मत ऐसे कहते मैंने उसे हग किया.

पहले उसकी टच की वजह से कुछ अजीब लगा; पर उसने मुझे जोर से पकड़ लिया मैंने उसे पूछा कि खाना खा लिया आपने? और उसने मुझे जोर से पकड़ लिया; उसने कहा नहीं मैंने उसे हग किया था; और मेरा लंड उसकी गांड पर जा रहा था; अभी तक मैं समझ गया था कि आज की रात मेरी रात है; वह टाइम काफी सही था; मैंने उसे उठाया और दरवाजे की और उसे लेकर गया; उसने कहा क्या कर रहे हो? मैंने कहा अंधेरे में आपके पैर को कुछ लगेगा इसलिए; और हमने वह हाल का दरवाजा बंद कर दिया, और लाइट आ गई; वह मेरी गोदी से नीचे उतरकर किचन की ओर चली गई; मैं उसके तुरंत पीछे गया और उसको पीछे से पकड़ लिया; उसने कहा सॉरी गलती हो गई; मैंने कहा क्या गलती? वह कुछ नहीं बोली; मैंने तुरंत कहा आई लव यू.

भाभी के चेहरे की स्माइल देख कर पता चल गया; मैं वही उसे किस करने लगा और भाभी के बूब्स दबाने लगा; वह मेरा साथ देने लगी, हम बेडरूम की ओर गए मैंने उसकी ब्रा और पेंटी उतारी; बाद में मैंने भाभी के बूब्स चूसने लगा; थोड़ी देर बाद उसके पूरे शरीर को चूमने लगा; और मैं धीरे धीरे भाभी की चूत के पास गया; भाभी ने क्लीन शेव किया था, भाभी की गुलाबी चूत मुझे बहुत अट्रेक्ट कर रही थी.

बाद में मैंने उसकी चूत को स्पर्श किया, वह मचल उठी; उसकी चूत थोड़ी टाइट थी, लगता था कि उसके पति ने कंप्लीट चोदा नहीं था उसको;; बाद में मैं उसकी चूत चूसने लगा, वह मछली की तरह फडफडाने लगी, उसको बहुत मजा आ रहा था; क्योंकि उसकी चूत उसके पति ने कभी चूसी नही थी; थोड़ी देर चूत चूसने के बाद वह पूरा अकड़ गई और सारा पानी निकाल दिया; बाद में मैंने उसे अपने लंड को मुंह में लेने के लिए बोला, वह मना कर रही थी; क्योंकि उसने पहले नहीं किया था, वह राजी हो गई पर मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था.

थोड़ी देर बाद मेरा निकलने वाला था तो भाभी के मुंह पर डाल दिया, एक दूसरे को साफ किया; वह लंड के लिए तड़प रही थी; वह बोल रही थी कि अब मुझे चोद डालो; मैंने उसकी चूत में एक दो उंगली डाली; तो उसकी चूत थोड़ी टाइट थी; उससे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैंने उसको घोड़ी बनाया; और लंड चूत पर सेट किया; हलके मैंने उसको धक्का दिया; आधा लंड जाने के बाद वह चिल्ला रही थी, पूरा लंड उसकी चूत में समा गया; और उसके बूब्स दबाने लगा; बाद में वह साथ देने लगी और चूदाई शुरू हो गई.

वह थोड़ी देर बाद जड़ गई, अब हमने पोजीशन चेंज की और मैं उसके ऊपर आ गया, थोड़ी देर चूदाई के बाद मेरा भी निकलने वाला था, तो उसे पूछा तो उसने बताया कि अंदर ही डाल दो, मैं अब फुल स्पीड में उसकी चूदाई कर रहा था, दो तीन मिनट के बाद मेंने उसकी गरम गरम चूत में अपना सारा माल छोड़ दिया, और उसके ऊपर ही लेट गया; बाद में उसके बूब्स चूसने लगा, फिर हमने एक और राउंड चूदाई कि, वह बहुत ही खुश थी; बाद में हमने शावर लेते हुए एक दूसरे को नहलाया, हमने बहुत चूदाई की, वह मुझे हद से ज्यादा प्यार करने लगी, मैंने उसके साथ हर पोजीशन में सेक्स किया.

पड़ोसी डॉक्टर की बीवी की ठुकाई Padosi doctor ki biwi ki thukai

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हैल्लो दोस्तों, में साहिल आज आप सभी को अपने सबसे अच्छे सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपने पड़ोसी डॉक्टर की मस्त सेक्सी पत्नी को चोदा। में लखनऊ में रहता हूँ और में दिखने में एकदम अच्छा हूँ और में पिछले बहुत सालों से कामुकता डॉट कॉम की सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ। अब में सीधे अपनी उस घटना को सुनाता हूँ जिसको पढ़कर आप लोगो को जरुर मजा आएगा। दोस्तों मेरे घर के पास में ही एक घर में छोटा सा क्लिनिक है वो क्लिनिक नीचे है और उसके ऊपर के हिस्से में उसके डॉक्टर साहब रहते है। उनका नाम सलीम है और उनकी उम्र करीब 30-32 के आसपास होगी उनकी पहले भी एक शादी हो चुकी थी, लेकिन उन दोनों पति पत्नी के बीच में बहुत बार ना जाने किस बात को लेकर झगड़ा हुआ और अब उनका तलाक भी हो चुका है और अभी एक साल पहले उन्होंने दूसरी शादी की है, वो भी अपनी पसंद से। उनकी पत्नी सच में दिखने में बहुत ही सुंदर है। 

उनका घर मेरे घर के पास में ही है इसलिए में अक्सर उनको देख ही लेता हूँ। दोस्तों शादी के बाद करीब 4-6 महीने तक तो उनकी नई पत्नी घर से बाहर आती ही नहीं थी, लेकिन बाद में धीरे धीरे वो बाहर आने लगी, उनके घर में पति पत्नी और एक नौकरानी है और वो नौकरानी तो सुबह शाम को आकर उसका काम खत्म करके अपनी घर पर चली जाती है और उसके चले जाने के बाद डॉक्टर सलीम और उनकी पत्नी पूरे घर में अकेले ही रहते है और अभी उनकी नई नई शादी हुई है इसलिए उनके घर में अभी कोई बच्चे भी नहीं है। दोस्तों सलीम कहने को तो एक डॉक्टर है, लेकिन वो बहुत ही पतले दुबले आदमी है और उनकी पत्नी उनके शरीर से बिल्कुल उलटी है, उनका जिस्म बहुत ही भरा हुआ है और उनके बूब्स की ऊँचाइयाँ उनकी सुन्दरता को और भी बड़ा देती है, क्योंकि वो मेरे घर के पास वाले घर में रहते थी इसलिए मेरी उनसे हर कभी बातचीत तो होती ही रहती थी और में उन्हे नजमा भाभी कहता था।

दोस्तों शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ ही समय के बाद उन दोनों में हर एक छोटी छोटी बातों को लेकर लड़ाई, झगड़े होने लगे थे, जिसमें मुझे बाद में नजमा भाभी से पता चला यह बात उन्होंने मुझे कही। दोस्तों में एक बार और बता दूँ कि उनकी छत मेरी छत के बराबर है, मतलब हम दोनों की छत के बीच में बस एक दीवार का ही फासला है, लेकिन उनकी छत पर भी एक रूम भी बना हुआ है और यह अभी तीन महीने पहले की बात है। उस समय गर्मियो के दिन थे और कुछ ज्यादा ही गर्मियां थी, इसलिए हम लोग कभी कभी ऊपर छत पर सोने चले जाते थे और उस दिन भी ठीक वैसा ही हुआ। में जब उस रात को अपनी छत पर सोने गया तो मैंने देखा कि पास की छत पर डॉक्टर साहब की पत्नी जिनका नाम नजमा था वो भी उनकी छत पर खड़ी हुई थी और वो किसी सोच विचार में लगी हुई थी।

उस समय उन्होंने मेक्सी पहन रखी थी और वो बहुत ही हल्की और जालीदार मेक्सी थी, जिससे उनके शरीर के गोरे अंगो को बाहर से भी देखा जा सकता था, लेकिन उस समय छत पर बहुत कम रोशनी होने की वजह से में उनके शरीर को ठीक तरह से देख नहीं पा रहा था, लेकिन कुछ भी हो वो मुझे थोड़ी दूर से ही सही, लेकिन बहुत अच्छी लग रही थी इसलिए में हमेशा उनसे बातें करने के नये नये मौके देखा करता था। उस रात को भी मैंने ठीक वैसा ही किया और मैंने सही मौका देखकर उनसे बातें करना शुरू किया और मैंने उनसे पूछा कि नजमा भाभी क्या आप लोगों ने खाना खा लिया? तो उन्होंने कहा कि हाँ हमारा खाना पीने का काम तो खत्म हो गया है बस अब में सोने की तैयारी कर रही हूँ। 

तभी मैंने उनसे पूछा कि क्या आप लोग हर रात को ऊपर छत पर ही सोते है? तब उन्होंने कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी जब कभी नीचे गर्मी ज्यादा होती है तो हम दोनों छत पर ही सो जाते है। अब मैंने उनसे पूछा कि सलीम भाई कहाँ है क्या वो नीचे है या कहीं बाहर गये है? तब उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ देर पहले मेरे साथ खाना खाकर वो तो अपनी बहन के यहाँ पर गये हुए है, उन्हें कोई जरूरी काम था और वो कल सुबह तक वापस आ जाएँगे, तब मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर उनसे पूछ लिया तो क्या आप आज घर में अकेले है? वो तुरंत बोली कि हाँ और तब मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको अकेले में इतने बड़े घर में रहने में डर नहीं लगता? तो नजमा भाभी ने मुझसे कहा कि हाँ नीचे मुझे बहुत डर लग रहा था इसलिए तो में छत पर चली आई और अब मुझे नींद भी नहीं आ रही है।

फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ मुझे भी तो नींद नहीं आ रही है और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम एक काम करो तुम भी मेरी छत पर आ जाओ और हम दोनों थोड़ी देर बैठकर बातें हंसी मजाक करते है उसके बाद जब तुम्हे नींद आने लगे तो तुम सोने चले जाना और अब में मन ही मन बहुत खुश होकर उनके कहने पर उनकी छत पर उस दीवार को खुदकर चला गया और उन्होंने मेरे जाते ही उस रूम के अंदर से एक छोटा सा पलंग बाहर निकाला और मुझसे कहा कि हाँ चलो अब बैठ जाओ हम बैठकर बातें करते है और में उनके कहने पर उस बेड पर बैठ गया तो वो भी मेरे पास में आकर बैठ गई और हम लोग पहले तो ऐसे ही इधर उधर की बातें और हंसी मजाक करते रहे मुझे उनसे आज पहली बार इतनी पास बैठकर बातें करना बहुत अच्छा लगा और में मन ही मन बहुत खुश था क्योंकि यह मेरा उनसे बिल्कुल पास चिपककर बैठने का मौका पहला था।

फिर अचानक से उन्होंने मुझसे पूछा कि अब आप मुझे सच सच यह बात बताइए कि आपकी कितनी गर्लफ्रेंड्स है? तो मैंने उनसे कहा कि अगर में सच बताऊँ तो मेरी गर्लफ्रेंड एक भी नहीं है। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि इसका मतलब आपने कभी भी अपनी लाइफ में कोई मज़ा मस्ती नहीं किया? तब मैंने उनसे कहा कि नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है मैंने मज़े और मस्तियाँ तो बहुत बार किया है। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि किस तरह का मज़ा किया है ज़रा हमें भी तो बताए हम भी तो सुने आपकी कहानी कि आपने अब तक कैसे कैसे मज़े लिए है जरा खुलकर हमें बताए? 

अब उनके इस सवाल को सुनकर में थोड़ा सा शरमा गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब में क्या जवाब दूँ और इनको क्या बताऊँ और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया। तभी वो मुझसे बड़े ही प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी कि अरे लगता है तुम तो मुझसे शरमा रहे हो और तुम तो मुझे हमेशा अपनी भाभी कहते हो तो फिर मुझसे कैसा शरमाना? और अब उनका हाथ धीरे धीरे मेरे सर से मेरे गालों पर आ गया था और वो बड़े प्यार से मेरे गालों पर अपना हाथ फेर रही थी। फिर मैंने महसूस किया कि उनके हाथ बहुत ही मुलायम थे और जब उन्होंने मेरे गालो को अपने नरम हाथों से छुआ तो मेरे पूरे शरीर के अंदर एक अजीब सी सनसनी होने लगी थी, जिसकी वजह से में और थोड़ा सा पीछे हटकर बैठ गया और वो समझ गई कि में अब भी शरमा रहा हूँ।

तभी उन्होंने अचानक से एक बार फिर मुझसे पूछा कि क्या आपने कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है? तो दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत ज्यादा चकित हुआ, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि में कभी उनके मुहं से ऐसे भी शब्द सुन सकता हूँ और वो मुझसे क्या कभी ऐसे भी सवाल पूछ सकती है और मुझसे एकदम खुलकर बातें भी कर सकती है। मेरे दिमाग में इस तरह के बहुत सारे सवाल घर कर रहे थे, लेकिन मैंने मन ही मन सोचा कि जब उसको मुझसे यह बात पूछने में किसी भी तरफ की कोई झिझक कोई शरम नहीं है तो में क्यों करूं? और फिर मैंने बहुत खुश होकर कहा कि हाँ देखा तो है, लेकिन कभी जी भरकर नहीं देख पाया और वैसे तो में ब्लूफिल्म में कितनी बार देख लेता हूँ, लेकिन जो मज़ा अपनी आखों के सामने देखने में है वो फिल्म में नहीं है। 

फिर मेरी बातें सुनकर वो हंसते हुए बोले कि क्यों आप बातें तो बहुत अच्छी कर लेते हो? मैंने कहा कि अगर आप जैसी कोई सुंदर औरत सामने बैठी हो तो बातें खुद ही अच्छी हो जाती है और वो बातें आप जैसी परी को अच्छी लगने लगे तो हम जैसो की किस्मत तो चमक ही जाए और अब मैंने महसूस किया कि बातें करते करते नजमा भाभी का हाथ अब मेरे गालों से नीचे सरकता हुआ मेरी छाती तक आ गया था और वो मेरी छाती पर हाथ फेरते हुए बड़े ही प्यार से मुझसे कहने लगी और पूछने लगी क्या तुमने कभी किसी के साथ चुदाई की है? दोस्तों नजमा भाभी के मुहं से एकदम से चुदाई जैसे शब्द सुनकर में तो एकदम चकित हो गया क्योंकि मुझे विश्वास नहीं था कि वो इतनी जल्दी मुझसे यह सभी बातें भी पूछ सकती है? इसलिए में बहुत घबरा गया और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया।

फिर उसके बाद वो मेरी जाँघो पर अपना एक हाथ फेरते हुए मुझसे कहने लगी कि में बहुत दिनों से अकेली हूँ क्या आप मेरा साथ देंगे? दोस्तों तब मैंने पहली बार अपनी भाभी की आँखो में आखें डालकर उनकी तरफ देखा तो सच में उनके चेहरे में उस समय एक बहुत ही अजीब ही कशिश थी इसलिए अब में बिना कुछ कहे भाभी के चेहरे को अपने हाथों से अपनी तरफ खींचते हुए उनके नरम गुलाबी होंठो पर किस करने लगा। तब उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने आप को बिल्कुल फ्री छोड़ दिया जिसकी वजह से उनका पूरा शरीर मेरी बाहों में झुला झूलने लगा और तब में बहुत जल्दी समझ गया कि आज की रात मुझे जन्नत की सेर करने का वो मौका मिलेगा जिसका मुझे बहुत लंबे समय से इंतजार था। मतलब भाभी की चुदाई पक्की थी। फिर में बड़े आराम से नजमा भाभी के होंठो को चूसने लगा और अपने हाथ उनके बालो में फेरने लगा। में बहुत मज़े से उनके होंठो को चूस रहा था और फिर भाभी ने कुछ देर बाद धीरे से अपनी आखें खोल दी और मेरे मुहं में उन्होंने अब अपनी जीभ को डालकर बहुत मज़े से मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया और वो अपने हाथ से मेरी जांघो को भी सहलाने लगी थी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोस्तों नजमा भाभी की वो मेक्सी बहुत ही हल्की थी और उसमें से मुझे उनका पूरा गरम भरा हुआ जिस्म अब साफ साफ दिख रहा था, जिसको देखकर में उसको छूने के लिए ज्यादा पागल हो रहा था और में हम दोनों का वो जोश देखकर अपने हाथ को उनके बालों से हटाकर उनके बूब्स पर रखकर उनको सहलाने लगा जिसकी वजह से वो हल्के से आअह्ह्हहह उफफ्फ्फ्फ़ साहिल हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ कहने लगी। फिर मैंने बिना कुछ कहे उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए उनकी मेक्सी के ऊपर का हिस्सा दो बटन खोल दिए और अब उनके बूब्स मेरी आखों के सामने थे। में उनके बड़े बड़े गोरे बूब्स और उसकी गुलाबी कलर की निप्पल को देखकर तो में अपने काबू में नहीं रहा और में जल्दी से उनके बूब्स को अपने होंठो से चूसने लगा। पहले तो में उनके निप्पल के साथ खेलता रहा और फिर जब मैंने उनके बूब्स को अपने पूरे मुहं में लेकर ज़ोर से ज़ोर दबाकर उनका रस निचोड़कर चूसना शुरू किया तो वो आअहहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूसो इनका पूरा रस चूस लो मेरे साहिल मेरी जान और ज़ोर से साहिल आउूउफफफ हाँ ठीक ऐसे ही चूसते रहो। दोस्तों उनके बूब्स इतने नरम मुलायम थे कि में शब्दों में आप लोगों को क्या बताऊँ? में उनको बहुत देर तक चूसता दबाता रहा। 

फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से रख दिया और अब में उनकी चूत को हल्का हल्का सहलाने लगा। फिर थोड़ी ही देर में मुझे महसूस हुआ कि उनकी चूत अब पूरी गीली हो चुकी है इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी पूरी मेक्सी को जल्दी से खोल दिया। मैंने जैसे ही मेक्सी को खोल दिया मुझे काली कलर की ब्रा के पीछे छुपे हुए गोरे बूब्स दिखने लगे। तभी नजमा भाभी मुझसे कहने लगी कि यहाँ नहीं उस रूम के अंदर चलो, यहाँ पर किसी ने हमें यह सब करते हुए देख लिए तो मेरे लिए तो बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी। अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है और फिर में उनको अपनी गोद में उठाकर अंदर के रूम में ले गया और मैंने देखा कि अंदर एक और पलंग लगा हुआ था और उसके पास में एक टेबल रखी हुई थी, जिस पर कुछ गंदी किताबे रखी हुई थी। मैंने एक किताब को उठाकर खोलकर देखा तो उसमे पूरी नंगी चुदाई की बहुत सारी तस्वीर थी।

फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या यह किताबे यहाँ पर आपने रखी है? तो वो मुझसे कहने लगी कि नहीं, सलीम का लंड इतनी जल्दी खड़ा नहीं होता है तो वो इन किताबो में नंगे फोटो देखकर जोश में आकर अपना लंड खड़ा करते है, यह सभी किताबे उनकी है, लेकिन उन सबके क्या फायदे वो बस दो मिनट में ही झड़कर हल्के हो जाते है और उन्होंने आज तक कभी भी मेरी चूत को चुदाई की वो संतुष्टि नहीं दी है, इसलिए मेरी चूत हमेशा अंदर ही अंदर उस कामवासना की आग में जलती रहती है, अब तुम ही बताओ में क्या करूं? इसलिए में तुम्हारे साथ आज यह सब करना चाहती हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम मेरी उम्मीद पर खरे जरुर उतरोगे। अब मैंने बिना कुछ बोले उनको बेड पर लेटाकर में उनके पास में जाकर उनके बूब्स को फिर से चूसने लगा और सहलाने लगा और वो मेरे सर को अपने बूब्स पर ज़ोर से दबा रही थी और कुछ बड़बड़ा रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूस, आज पूरा चूस ले मेरा आअह्ह्ह्हहह हाँ ऐसे ही चूसते रहो।

दोस्तों अब नजमा भाभी पूरी तरह से जोश में आकर बहुत मस्त हो चुकी थी, इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी चूत को अपने हाथों से सहलाना शुरू किया और फिर धीरे से मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत के अंदर डाल दिया और तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पूरी तरह से गीली, बहुत गरम थी, इसलिए मेरी पूरी उंगली फिसलकर चूत के अंदर चली गई और फिर मैंने अपनी दो तीन उंगली को एक साथ चूत के अंदर डाल दिया, लेकिन चूत गीली होने की वजह से वो भी बड़े आराम से अंदर चली गई और अब में अपनी उंगली को उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। तभी उन्होंने कुछ देर बाद अचानक से मेरे हाथ को पकड़कर रोक दिया तो में तुरंत समझ गया कि अब भाभी कुछ ज्यादा गरम हो गई है। फिर मैंने झट से अपना मुहं भाभी की मुलायम और नाजुक चूत पर रखकर पहले तो चूत के चारों तरफ किस किया और फिर हल्के से अपनी जीभ को मुहं से बाहर निकालकर भाभी की चूत के छेद पर लाकर चूत को चूसने लगा और चूत के दाने को टटोलने लगा।

मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और जिसकी वजह से भाभी ने पूरी तरह से गरम होकर मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाते हुए मुहं पर अपनी चूत के हल्के से धक्के मारते हुए बोले जा रही थी आअह्ह्हहह वाह मुझे आज पहली बार यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि सेक्स का यह भी तरीका हो सकता है उफ्फ्फ्फ़ क्योंकि मेरे पति चुदाई करने में नाकाम है तो वो यह सब क्या करेंगे, उन्होंने तो मुझे चुदाई का वो सुख ही नहीं दिया, जिसके लिए में अब पागल हो चुकी हूँ, आह्ह्ह्ह साहिल हाँ तुम बस ऐसे ही मेरी चूत को चूसते रहो उूफफफफ्फ़ आहह्ह्ह्हह हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से ऊईईईईई ऊऊहह हाँ और चूस मेरी चूत का पूरा रस चूस लो और में अब और ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत को चूसने लगा और नजमा भाभी मेरे मुहं को अपनी चूत पर धक्का लगा लगाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रहे थी, लेकिन तभी मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि अचानक से भाभी के धक्को की स्पीड ज्यादा तेज हो गई और ऊऊऊहह आआह्ह्हहह और फिर उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबा दिया और फिर मेरे देखते ही देखते भाभी हल्की हो गई और उनकी चूत से बाहर निकलने वाले रस को मैंने बड़े मज़े से पूरा चूस लिया और अब मैंने वहां से बाहर आकर अपना मुहं धोकर में दोबारा उनके पास आ गया, वो तब तक वैसे ही चुपचाप लेटी हुई थी। 

फिर में उनके पास में जाकर लेट गया और फिर वो मेरी तरफ घूम गई और उन्होंने मेरे बनियान को मेरे शरीर से अलग कर दिया और मेरे पजामे को भी उतार दिया जिसकी वजह से अब मेरा लंड पूरी तरह से बाहर होकर अब बिल्कुल आज़ाद हो गया था। फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथों में लेते हुए मुझसे बोला कि लंड हो तो ऐसा और मुझे तो इसको देखते ही मज़ा आ गया और फिर वो हल्के हल्के मेरे लंड को हिलाने लगी और फिर मेरे ऊपर आकर मेरी छाती पर किस करने लगी तो में और भी ज्यादा गरम होकर उनसे लिपट गया। 

पहले वो मेरे सीने पर किस करती रही और फिर वो किस करते करते मेरे पेट और फिर मेरी जांघो पर किस करने लगी और फिर मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाते हुए उन्होंने अपने मुहं के पास ले जाकर मेरे लंड पर एक किस कर लिया। दोस्तों उनके नरम होंठो का स्पर्श पाकर तो मानो मेरा लंड और भी ज्यादा टाईट हो गया। फिर बड़े प्यार से नजमा अपनी जीभ को बाहर निकालकर मेरे लंड पर फेरने लगी और जब वो अपनी जीभ को मेरे लंड पर फेर रही थी तब तो में अपने काबू से बाहर होने लगा था। तब उन्होंने मेरी हालत को देखकर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर उसे चूसने लगी। पहले तो उन्होंने मेरे आधे लंड को अपने मुहं में लिया और फिर मैंने एक झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनके मुहं में चला गया और वो गूं गूं करने लगी। फिर उसके बाद मैंने थोड़ा सा लंड को बाहर निकाला तो भाभी अपनी जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी।

अब मेरा कंट्रोल पूरा खोने लगा था और मुझे लगा कि अब में बस झड़ जाऊँगा, तभी भाभी ने लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझे देखते हुए वो मुझसे पूछने लगी क्यों साहिल अच्छा लग रहा है या नहीं? तो मैंने कहा कि हाँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और फिर मैंने तुरंत उनको अपने ऊपर खींच लिया और उनके होंठो पर ज़ोर से किस करने लगा और फिर उनको अपने नीचे करके में उनके दोनों पैरों के बीच में आकर उनके दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिए जिसकी वजह से अब उनकी चूत का छेद गुलाब की पंखुड़ियों की तरह पूरा खुलकर बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। फिर मैंने भाभी की चूत में पहले अपनी दो उँगलियों को डालकर उसे अंदर बाहर करने लगा। फिर उसके बाद मैंने अपनी उंगली को चूत से बाहर निकालकर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रखकर ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह्ह में मररर्र्र्र्ररर गई ऊउऊहह आह्ह्हहह मर गई। 

मैंने फिर से एक और ज़ोर का एक झटका और मार दिया और में अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डालकर करीब दो मिनट ऐसे ही रुक गया और वो आहहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ वाह क्या मज़ा है? फिर वो धीरे धीरे सिसकने लगी और उसके बाद मैंने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालकर फिर से झटका मार दिया। फिर भाभी कह उठी हाँ साहिल फाड़ दो आज तुम मेरी चूत को, में पिछले दो महीने से प्यासी हूँ।

आज तुम मेरी चूत की प्यास को बुझा दो और ज़ोर से धक्के देकर चोदो तुम मेरी चूत को। दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर मेरे अंदर और भी ज्यादा जोश आ गया, जिसकी वजह से में और भी ज़ोर से उनकी चूत को लगातार धक्के देकर चोदने लगा और नजमा भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद उन्होंने उनकी कमर को ऊपर उठाने के स्पीड को भी बहुत तेज होकर अचानक से वो शांत हो गई तो में समझ गया कि नजमा भाभी अब झड़ चुकी है, लेकिन में अब भी नहीं झड़ा था और इसलिए में ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद में भी झड़ने के करीब आ गया तो मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ आप मुझे बताए कि में अपने वीर्य का क्या करूं?

तब उन्होंने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं है तुम अपना वीर्य मेरी चूत में ही गिरा दो और मैंने ठीक वैसा ही किया। में देखते ही देखते उनकी चूत में झड़ गया और मैंने अपना एक एक बूंद वीर्य उनकी चूत की गहराई के अंदर जाने दिया। दोस्तों मेरे झड़ने के बाद दो चार मिनट तक तो में उनके ऊपर ही लेटा रहा। फिर उसके बाद में उठकर उनके पास में आकर लेट गया तो नजमा ने जल्दी से उठकर अपनी जीभ से मेरे लंड को चाट चाटकर साफ किया और उसके बाद वो बाथरूम में चली गई। में वहीं पर थोड़ी देर तक तो लेटा रहा और जब नजमा वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि में अब अपनी छत पर जा रहा हूँ और जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो उस समय रात के 3.30 बज रहे थे और में उनसे कहकर अपनी छत पर जाने लगा। 

फिर तभी नजमा ने मुझसे पूछा कि आप रोज रात को छत पर ही सोते है? मैंने कहा कि कभी कभी में ऊपर आ जाता हूँ, तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगी कि आप कल फिर से रात को ऊपर छत पर आ जाना। तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन क्या आप मेरी एक बात मानोगे? अब नजमा मुझसे पूछने लगी कि वो क्या? मैंने कहा कि जब आपकी चूत इतनी मस्त है तो आपकी गांड कैसी होगी? इसलिए में एक बार आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ। तब वो हंसकर मुझसे कहने लगी बस इतनी सी बात, अब मैंने उनसे पूछा कि क्या सलीम भाई ने कभी आपकी गांड मारी है? तो वो बोली कि अरे वो मुझे ठीक से चोद नहीं पाते है तो वो मेरी गांड क्या मारेंगे और यह बात कहते हुए उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे होंठो पर किस कर लिया ।।

विधवा कामवाली की और मेरी अतृप्त वासना शांत हुई vidhva kamwali ki or meri atrupt vasna shant hui

विधवा कामवाली की और मेरी अतृप्त वासना शांत हुई vidhva kamwali ki or meri atrupt vasna shant hui, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

मेरी उम्र अभी 18 साल हे लेकिन लंड कुछ ज्यादा ही खड़ा होता हे मेरा. रोज रात को पोर्न देख के लंड हिलाना मेरी आदत हे. कितनी बार भी पोर्न देख के अपने लंड को हिला लूँ लेकिन मेरी प्यास बूझती ही नहीं हे. इसलिए मैंने सोचा की पोर्न देखना और लंड हिलाना बंद कर देता हु. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पोर्न की अर्ज होती रही और मैं देख के लंड को हिलाता रहा. मेरी आँखों में हवस ही होती थी किसी भी औरत के लिए. मैं औरतो के पास होता तो होर्नी ही होता था.

मैं अपनी माँ को देख के भी लंड के अंदर अकड महसूस करता था. लेकिन मैं जानता था की वो कभी काम नहीं करेगा! लेकिन भगवान ने आखिर मेरी सुन ही ली. हुआ यु की हमारी कामवाली ने अपना काम छोड़ दिया. और मम्मी ने एक नयी कामवाली रख ली. वो गोरी थी. बॉडी भी सही थी. उम्र करीब 35 की होगी, नुकीले बूब्स, सेक्सी लिप्स थे उसके. और वो एक मस्त मिल्फ़ थी. वैसे कामवालियां काम में इतनी बीजी रहती हे की वो कभी मोटी होती ही नहीं हे.

अक्सर कामवालियां अपने बदन का ध्यान नहीं रखती हे और दिखने में गन्दी होती हे. लेकिन हमारी नयी कामवाली ऐसी नहीं थी. वो साफ़ सुथरी थी और कम ही बोलती थी. अगर मैं किसी को कहूँ की वो मेरी माँ की बहन हे तो भी अनजान आदमी मान ले वैसी थी वो.

वो मोर्निंग में आती थी. फिर दोपहर तक काम करती थी. वो हमारे घर में कपडे धोने का, बर्तन मांजने का और घर मर झाड़ू पोछा करने का काम देखती थी. मम्मी अगर उसे जरा भी एक्स्ट्रा काम करवाए तो उसके एक्स्ट्रा पैसे दे दिया करती थी. जब उसका पहला दिन था तभी से मेरी नजर उसके ऊपर थी.

उसका भरा गदराया हुआ बड़ा, उसके मोड़, उसके होंठो, उसकी मचलती और मटकती हुई गांड, उसका क्लीवेज सब कुछ मुझे चुदासी बना रही थी. और उन दिनों में मैं मुठ भी कम ही मारता था इसलिए एक्साइटमेंट कुछ ज्यादा ही रहता था. जब भी उसे देखता था तो मेरी चड्डी के अंदर प्रीकम की बूंद निकल जाती थी. मुझे उसकी गांड देखने में मजा आता था. अक्सर मैं अपने लंड को जानबूझ के उसकी गांड से लड़ा देता था. और तब चड्डी के फेब्रिक के घिसने से लंड का पानी छुट सा जाता था. ऐसे ही चलता रहा कुछ दिन और फिर उसे चोदने की लालसा सर पर चढ़ी थी.

मुझे अक्सर रातों में कामवाली की चुदाई के स्वप्नदोष होते थे. मैं सच में उसकी चूत का अहसास कर लेना चाहता था. उसके बुर के मसल अपने लंड के ऊपर प्रेशर बनाए ऐसी मेरी चाह थी. और एक औरत जब झडती हे तो मर्द को क्या फिलिंग होती हे वो मैं जानना चाहता था. मैं उसके बड़े देसी बूब्स को अपने चहरे के ऊपर घिसना चाहता था और उसके निपल्स से दूध पीना चाहता था. मुझे ऐसे भी होता था की मैं उसकी चूत को चाट के उसकी बुर के ज्यूस को चख लूँ. और ये सब सोच के मेरे लंड में जो हलचल होती थी उसे कंट्रोल करना बड़ा मुश्किल था!

और फिर करीब एक महीने के बाद में वो दिन आ गया! हमारे रिश्तेदार के वहां पर शादी थी. और मेरे पेरेंट्स शादी अटेंड करने के लिए वो दो दिन के लिए वहां चले गए. वो लोग मोर्निंग में जल्दी ही निकल गए. और मैं दरवाजे को लोक कर के वापस सो गया. करीब 2 घंटे के बाद मुझे दरवाजे के ऊपर नोक सुनाई दी. और मैं समझ गया की मेरी चूत आ गई!

मैंने जा के दरवाजा खोला, वो वही खड़ी हुई मेरे बरमुडे के अन्दर बने हुए त्रिकोण को देख रही थी. वैसे भी साला लंड सुबह सुबह खड़ा होता हे और आज तो चोदने का प्लान था अपना! मेरालोडा पुरे 7 इंच का हे और वो किसी भी औरत को खुश करने के लिए काफी हे. मेरी कामवाली वैसे विधवा भी और वो भी शायद अपनी चूत में लंड लेने के लिए बेताब ही थी.

मैंने अपना खड़ा लंड उसको दिखा के अपनी पहली चाल चल दी थी. और उसके चहरे को देखा तो समझ गया की वो भी खुश थी लंड का उभार देख के. मैं उसके बर्तन मांजने के और कपडे धोने की वेट करने लगा. और फिर मैंने उसे मेरे लिए नाश्ता बनाने को कहा. जब वो किचन में गई तो मैं भी उसके पीछे चला गया. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स में खड़ा हुआ था. उसके चहरे के एक्सप्रेसन को देख के मेरी हिम्मत खुली हुई थी. मैं उसके बदन के सेक्सी कर्व और उसकी बिग गांड को देख रहा था. मैंने बिना कुछ सोचे अपने शोर्ट को निचे सरका दिया और उसके पास में खड़ा हो गया.

उसको भी पता ही था की मैं वहां पर हूँ. मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी गांड की फांक पर घिसना चालू कर दिया. धीरे धीरे से मैं उसकी गांड की सॉफ्टनेस अपने लंड को फिल करवा रहा था. मैं उसके इतने करीब था की उसके माथे में से मुझे चिक शेम्पू की सुगंध भी आ रही थी. मैं एकदम क्रेजी था. मैं लंड को घिस रहा था लेकिन वो कुछ भी रिएक्ट नहीं कर रही थी. वो जोर जोर से साँसे ले रहा था और मैंने उसकी कमीज को ऊपर कर दिया और उसके पजामे के ऊपर से मैं लंड को टच करवाने लगा.

उसने अंदर एक पतली सी पेंटी पहनी हुई थी. मैं उसके ऊपर लंड घिसने का मजा ले रहा था. फिर मैंने अपनी कमर को हिलाई और उसके पजामे को चोदने लगा. बहुत ही मस्त फिलिंग थी वो और मेरा लंड प्रीकम उसके पजामे के ऊपर निकालने लगा.

उसने अपने हाथ मेरी कमर के ऊपर रखा और अपनी तरफ खिंच लिया. मैंने अपने हाथ उसकी कमर के ऊपर से उसके बूब्स के ऊपर रख दिए. मैंने उन्हें जोर जोर से दबा रहा था. उसके बूब्स ब्रा में से जैसे चिभने लगे थे. मैंने उसकी कमीज में हाथ डाल के उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और फिर उन्हें जोर जोर से हिलाने लगा. वो जोर से मोअन कर रही थी और उसकी साँसे भी तेज हो चुकी थी.

वो बोली, अह्ह्ह बेटे दबा उन्हें, घिस अपने लौड़े को मेरी गांड के ऊपर, तेरा लंड जब से देखा हे मेरी तो चूत पागल हो चुकी हे.

मैंने कहा, आंटी आप को देख के मैं भी पागल ही हुआ था, आप बहुत सुंदर हो!

मैंने उसके पजामे के ऊपर अपना माल निकालना नहीं चाहता था इसलिए मैंने उसके पजामे की नोट को खोला और उसे निचे कर दिया. उसकी पिंक पेंटी उसकी गांड के ऊपर मस्त लग रही थी. मुझे लगा की मैं जन्नत में हूँ. मैंने उसे झुकने के लिए कहा और वो मान गई. मैंने उसकी पेंटी को साइड में कर दिया और अपने लंड को उसकी गांड की फांक के ऊपर घिसने लगा.

वो बोली, अह्ह्ह डाल दो अंदर, इतनी तो गीली हुई हे, जल्दी कर दो उसको अंदर.

मैंने अपने लंड को अन्दर कर दिया. लंड जैसे कोई गरम गुफा में घुस रहा था. मैं हम्प कर के उसे चोदने लगा. वो फिलिंग बड़ी ही सेक्सी और अलग थी. वो 2 मिनिट के धक्को ही मेरे लंड के ऊपर झड़ गई और उसके ज्यूस मुझे लंड के ऊपर फिल होने लगे. मैं तो सातवें आसमान के उपर था जैसे!

मेरे टट्टे उसकी जांघो से टकरा के बड़ा ही सेक्सी साउंड बना रहे थे. और मैं उसके बूब्स मसल के उसे पेल रहा था. वो बोली, और जोर से बेटा अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उईई अह्ह्ह्ह और जोर से!

जब भी मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुसता था तो मैं भी जैसे कराह उठता था. कुछ देर ऐसे ही मस्त झटको के बाद मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया. वो भी जोर जोर से मोअन कर रही थी और मैं भी. मेरे पाँव में कम्पन आ रहा था उत्तेजना की वजह से. मैं थक सा गया था. मैंने अपने माथे को कामवाली की पीठ के ऊपर रख दिया. ये मेरी पहली चुदाई थी जो बड़ी हो मजेदार रही थी.

मैंने अपने लंड को धीरे से बहार खिंचा. उसकी चूत में से कुछ वीर्य की बुँदे बहार आ निकली. कुछ वीर्य उसकी जांघो के ऊपर भी बह निकला था. शायद बहुत सब वीर्य मैंने उसकी चूत में छोड़ा था जो बहार आ रहा था.

कामवाली ने कहा, बेटा तू सच में बड़ा चोदु हे. तेरा लंड भी कितना गरम हे.

उसने मुझे ये भी बताया की ऐसी चुदाई और ओर्गास्म उसने अपनी लाइफ में कभी भी फिल नहीं किया था. उसने अपनी चूत के ऊपर उंगलिया घिसी और मेरे वीर्य की फिल्म सी बनाई और मेरे सामने देख के बड़े सेक्सी ढंग से उसे चाट लिया. और फिर उसने कहा, तेरे मम्मी पापा दो दिन नहीं हे और तुझे दोनों दिन मुझे ऐसे ही चोदना हे!

मैं भी उसके लिए एकदम रेडी ही था. मैं नाहा के मेडिकल गया और आंटी के लिए गर्भपात की गोली और अपने लिए वायेग्रा ले आया. मैंने कामवाली को कहा आप फटाक से घर का काम निपटा लो फिर हम सेक्स की फिल्म देख के चोदेंगे. वो काम कर रही थी तो मैंने उसके साथ बैठ के देखने के एक लॉन्ग मल्लू पोर्न मूवी डाऊनलोड कर ली.

मेरे जेठ ने मेरी मज़बूरी का फ़ायदा mere jeth ne meri majburi ka fayada

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नमस्ते दोस्तों, मेरा नाम साक्षी सिंह है, मै अमृतसर की रहने वाली हूँ। मेरी कहानी बहुत दर्द भरी और मज़ेदार है। मै आज अपनी कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर आप के सामने प्रस्तुत करती हूँ। मेरी कहानी जानने से पहले मै थोडा अपने बारे में बता दूँ। मै अभी 26 साल की हूँ। 5 साल पहले मेरी शादी जालंधर में हो गई। मेरे पति का नाम अभिषेक है। वो अभी 25 साल के होंगे। उनके घर में मेरी सास, ससुर, एक ननद और मेरी जेठानी और उनके पति रहते थे।
शादी के पहले मै बहुत हॉट और सेक्सी थी। मेरे बड़े बड़े और काले काले बाल, गोरे गोरे और लाल गाल, बड़ी बड़ी आंखे और मेरे सुडोल और सख्त जिस्म तो बहुत हो मस्त थी। चुचियाँ तो कमाल के थे ऐसा लगता था देखने पर की जैसे कोई मैदे के आटे को सान कर उसपे काले और हलके भूरे रंग की जामुन रख दिया हो। मेरी चूची बहुत ही गोरी और रुई की तरह मुलायम और साथ साथ सख्त और टाइट भी थी। मेरी चूत तो किसी जलते हुए कोयले से काम नही थी, मेरी कमसिन चूत बहुत रसीली बिल्कुल रसीले आम की तरह और बिल्कुल चिपकी हुई ऐसे लग रहा था की अभी इसका सील भी नही टूटा होगा, लेकिन मैंने बहुत बार अपनी चूत को अपने चाचा के लडको से मरवा चुकी थी।
मेरी शादी के बाद मेरे पति ने लगातार मेरी चुदाई करके मेरी चूत को फैला दिया और एक ही साल बाद मेरे एक लड़का भी हो गया। लड़का होने के बाद हमारा खर्चा बढनें लगा और मेरे पति कुछ काम नही करते थे, वो दिन भर घर पर रहते और जब भी मन करता मेरी चूत को बजाते।
मैंने एक दिन अपने पति से कहा – ”जानू तुम कुछ काम करो अब हमे पैसे की जरूरत है और कब तक हम किसी के सामने अपना हाथ फैलाएगें’’।
मेरे पति ने मुझसे कहा – ‘’हाँ मै जल्दी ही कुछ काम ढूंड लूँगा’’। थोडा दिन बीता अभिषेक ने एक काम करना शुरू किया लेकिन पैसे बहुत कम मिलता था। कुछ दिन उन्होंने वहां वो काम किया।
धीरे धीरे मेरे बेटा भी बड़ा हो रहा था, उसके पढ़ी का भी खर्चा बढ़ने वाला था। अभी तक तो मेरे ससुर जी हमारा खर्चा देते है लेकिन कब तक वो हमारा खर्चा उठाएंगे।
मेरे जेठ जी की नजर बहुत बुरी थी, वो औरतो को केवल चुदाई का सामान समझते थे, उन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी औरतो को चोदा था की क्या बताऊँ। मेरे जेठ की नजर मेरे ऊपर भी थी लेकिन अभिषेक हमेसा घर पर ही रहता था इसलिए उनको मौका नही मिल पता था मुझ पे डोरे डालने को। अगर बात करे जेठ जी की तो दिखने में स्मार्ट और साथ ही साथ उनके पास पैसे की भी कमी नही थी। उनका काम बहुत तेजी से चल रहा था और खूब पैसे भी आ रहें थे।
कुछ दिन बाद मेरे ससुर की मौत हो गई, ससुर के मौत के बाद हमारा खर्चा किसी तरह से पूरा होता था। अभिषेक बहुत मेहनत भी करता तब भी हमारा खर्चा किसी तरह से चलता। कुछ दिन बाद बाद मेरे जेठ ने बटवारा कर दिया।
अब तो हमारा और भी बुरा हाल हो गया। अभिषेक और ज्यादा पैसे कमाने ले लिये अपने एक दोस्त के साथ दिल्ली चले आये। अब मै और मेरा बेटा हम दोनों ही घर रहते थे, मेरे पति दिल्ली से पैसे भेजते थे, और खुद भी कभी चले आते थे। जब वो आते थे तो हम दोनों मिलके खूब चुदाई करते जितने दिन रहते, हम एक एक दिन पांच छः बार काम कर लेते थे। लेकिन उनके जाने के बाद मेरी चूत में सुखा पड़ जाता था। कोई मुझे चोदने वाला नही रहता था।
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मेरे पति के परदेस जाने के बाद मेरे जेठ जी ने मुझ पर चांस मारना शुरू कर दिया था। लेकिन मुझे उन्हें देख कर नफरत होती थी क्योकि उन्होंने मेरे पति को नौकरी नही दी थी।
मै एक दिन अपने घर के सामने बैठी थी, मेरे जेठ जी आए और उन्होंने मुझसे कहा – ‘’मै तुम्हारे पति को अपने काम में नौकरी दे सकता हूँ लेकिन पहले तुम मेरे लिये कुछ करो फिर मै भी तुम्हारे लिये कुछ कर सकता हूँ’’। मै समझ गई की ये मुझे चोदने के बारे में बात कर रहे है। मैंने उनसे कहा -‘’आप जो चाहते है वो कभी नही हो सकता है चाहे दुनिया इधर से उधर क्यों ना हो जाए’’।
मेरे जेठ ने कहा – मै तो तुम्हारा अकेलापन दुर करना चाहता हूँ, तुम्हारे पति को तुम्हारे पास बुला के और तुम कहा रही हो जो मै चाहता हूँ वो कभी नही हो सकता???
कुछ देर बाद मेरे जेठ वहां से चले गाये। मैंने उनके बातों के बारे में बहुत सोचा पर मै लेकिन मेरे मन उनसे चुदवाने को नही कर रहा था। धीरे धीरे कुछ दिन और बीता, अभिषेक घर आ गया। घर आते ही उसने मुझे गोदी में उठा लिया और बिस्तर में ले गया। उसने बहुत दिन बाद मेरी चूत को मज़े से चोदा और खूब पिया भी। चुदाई के बाद मैंने उससे कहा ¬– तुम यहीं कोई अच्छा काम क्यों नही कर लेते?? तो उसने कहा यहाँ पैसे अच्छे नही मिलते है। तुम्हारे बिना मै बहुत अकेली रही हूँ। तो उसने कहा – भैया मुझे काम पर रखेगे नही क्योकि उन्होंने मुझे एक बार पैसे चुराते हुए पकड़ लिया था। मुझे उस काम में अच्छे पैसे मिल जाते थे। मैंने सोचा अगर मै अपने जेठ से चुदवा लू तो अभिषेक को यहाँ काम के साथ साथ अच्छे पैसे भी मिल सकता है। लेकिन मैंने सोचा अभी नही वरना हो सकता है की अभिषेक को सक हो सकता है। थोड़े ही दिन बाद अभिषेक फिर से बाहर चला गया। मैंने पहले तो सोचा की अपने जेठ से चुदवा लूँ लेकिन फिर मेरे मन बदल गया।
मैंने अपने मन से जेठ जी से चुदने की बात को निकाल दिया। लेकिन मेरी और मेरे जेठ की चुदाई की कहानी तो भगवान खुद अपने हाथो से लिख रहा था।
दोस्तों, कुछ दिन पहले की बात है मेरी जेठानी अपने मइके गयी हुई थी और मेरे पति भी घर नही थे। रात का समय था , मै लेटी हुई थी दोपहर से ही मेरे बेटे की तबीअत कुछ ठीक नही थी, लेकिन जब रात हुई तो उसकी तबीअत खराब होती गई। मैंने सोचा अब इतनी रात को किसको बुलाऊ?? फिर मैंने अपने जेठ जी कमरे के बाहर गई और उनको आवाज़ देने लगी। कुछ देर बाद वो बाहर आये। उन्होंने मुझसे कहा – ‘’इतनी रात को आई हो क्या बात है, कहीं तुम अपना अकेलापन तो दुर करने नही आई हो’’। मैंने कहा नही वो मेरे बेटे की तबीअत खराब है आप साथ चल कर डॉक्टर को दिखवा देते तो ठीक रहता रात भी हो चुकी है। मेरे जेठ ने कहा – तुमने तो मेरी बात नही मानी थी तो मै क्यों तुम्हारी बात मानू?? मैंने उनसे कहा – भगवान के लिये पहले आप मेरे बेटे को डॉक्टर को दिखा दीजिए फिर आप को जो करना है कर लेना लेकिन पहले मेरे बेटे की दवाई करवा दो।
जेठ जी ने मेरे बेटे को डॉक्टर को दिखाया और दिखाने के बाद घर ले आये। उसके ठीक होने तक वो मेरे कमरे में ही बैठे थे। जब मेरा बेटा ठीक हो गया तो मैंने जेठ जी कहा –‘’ पहले आप मुझसे वादा कीजिये की ये बात किसी से कहेगे नही और मेरे पति को काम भी देंगे’’।
मेरे जेठ जी मुझसे कहा ठीक है। लेकिन आज तो तुम्हारी चूदाई तो करूँगा ही और जब मेरा मन फिर किसी को चोदने को कहे तो तुम चुपके से आ जाना। मैंने उनकी शर्तो को मन लिया। मैंने अपने बेटे को एक कमरे में लेटा के मै और जेठ जी दोनों दूसरे कमरे में चुदाई करने के लिये चले गाये। आप ये कहानी नॉन वेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है
मैंने उस कमरे के दरवाजे को बाद कर लिया। और पड़े हुए बिस्तर पर बैठ गई। जेठ जी ने जल्दी से अपने कपडे को उतार दिय और केवल बड़े और ढीले वाले नेकर में मेरे सामने खड़े हो गाये। मैंने उस दिन काली रंग की साडी पहनी थी, जेठ जी ने कहा – ‘’मेरी जान आज तुम बहुत कमाल की लग रही हो’’। उन्होंने मेरे हाथो को पकड़ा और मुझे अपनी खीच लिया। मेरे मम्मे उनके सीने में जाके टकरा गाये और मुझको उन्होंने अपने बाहों में भर लिया। बाहों में भरते ही जेठ जी मेरे रसीले होठो को अपने मुह में भर कर चूसने लगे। वो लगातार मेरे होठो को काट काट कर मुझे कामोत्तेजित कर रहें थे। थोड़ी ही देर में मै कामोत्तेजना से पागल होके अपने जेठ जी को कस कर अपने बाहों में भर लिया और उनके होठो को अपने मुह में भर कर चूसने लगी। मेरा जीभ उनके मुह में और उनकी जीभ मेरे मुह में यही काम बहुत देर तक चलता रहा। बहुत देर तक हम दोनों एक दूसरे के चुम्बन में खोये रहें।
कुछ देर बाद जेठ जी का हाथ मेरी ब्लाउस पर आ कर रुक गया, उन्होंने मेरी साडी को निकाल दिया और मेरे मम्मो को आजाद करने के लिये मेरे ब्लाउस की एक एक बटन को खोल दिया और मेरे बड़े बड़े मम्मो को काले ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगे। फिर जेठ जी ने मेरे ब्रा में फसे हुए चुचियों को मेरे ब्रा को निकाल कर उसे आज़ाद कर दिया और मेरी 36 चुचचे को बड़े मस्ती से दबाना शुरू किया। वो मेरे मम्मो को दबा दबा के बहुत अधिक चुदासा हो गया थे और मेरे खूबसूरत सफ़ेद चिकने मम्मो को वो अपने हाथ में लेकर किसी आटे की तरह वो जोर जोर से मसले जा रहा था। मै भी चुदासी होकर अपने मम्मो को बड़े मस्ती से लगातार मसल रही थी। मेरा बेटा रोज मेरी दूध पीता था इसलिए मेरे चुचियों से अभी भी दूध निकालता है। मेरे जेठ जी अपने हाथो से मेरे चूची को जोर से दबाते और उसमे से जब दूध निकलता तो उसको पीकर मज़े ले रहें थे। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
बहुत देर तक मेरे दूध को पीने के बाद जेठ जी ने मेरे बूब्स को मसलते हुए और मेरे पेट को पीते हुए मेरी नाभि से होते हुए मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगे।उन्होंने मेरे काले पेटीकोट के नारे को खोला और पेटीकोट को निकाल दिया। फिर उसने मेरी पैंटी भी निकाल दिया। अब मैं अपने जेठ जी के सामने पूरी तरह से नंगी हो गयी थी। दोस्तों, मैं बहुत सुंदर और गोरी चिकनी थी किसी रानी की तरह। अब तो मै भी इतना कामातुर हो गई थी कि मै खुद ही अपने जेठ से चुदना चाहती थी। मेरे जेठ जी ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और मेरे पैरों कि उंगलियों को चूसने लगा। और धीरे धीरे मेरे पैर को चूसते हुए मेरे चिकनी और सॉफ्ट जांघ कि तरफ बढ़ने लगा। मै तो पागल हो रही थी और …..सी सी सी ,,अहह … उह उहअहह … अह्हह्ह करने लगी थी। कुछ ही देर में वो मेरी जांघों को चकहते हुए मेरी चूत के पास पहुचे। उन्होंने अपनी नाक को मेरी चूत में रगड़ना शुरू किया और मै बड़ी मस्ती से अपने बदन को ऐंठ रही थी। नाक को रगड़ते हुए, मेरी चूत को अपने जीभ से जिस तरफ कोई कुत्ता चाट रहा हो उसी तरह सी मेरी चूत को चाट कर मेरी चूत कि मैल को साफ कर रहें थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था,
मेरे जेठ जी ने मेरे बुर को बहुत देर तक पिया और अपनी जीभ से मेरी चूत के दाने को बार बार चाट रहें थे, जिससे मै मदहोश हो कर मै अपनी मुलायम सी चूची को अपने हाथो से दबा दबा के उसमे से दूध निकाल रही थी। कुछ देर तक मेरे चूत के दाने को चाटने से मेरे चूत का पानी नि़कने लगा और मेरे चूत के नमकीन पानी को मेरे जेठ ने जीभ से चाट कर साफ कर दिया। अब मै और मेरे जेठ दोनों चुदाई के वासना में जलने लगे और कुछ ही देर बाद जेठ जी अपने 7 के मोटे से लंड को बाहर निकाला और मेरी चूत की किनारों पर अपने लंड से घुमा रहे थे, मै तो इससे और भी कामुक हो उठी। थोड़ी देर मेरी चूत को अपने लंड से सहलाने के बाद जेठ जी ने मेरी चूत में अपने लंड डालने के लिये हल्का सा धक्का देने लगे, पहले तो उनका आधा लंड लगभग 4 मेरी चूत में घुस गया औए 3 इंच बाहर ही रह गया। जेठ जी ने एक बार फिर जोर लगाया और बाकि बचा हुआ लंड भी मेरी चूत को फाड़ते हुए मेरी चूत के गहरे में चला गया और मै अपने चीख को रोक नही पाई और मेरे मुह से …अहह ..औह्ह ….माँ … करने लगी। उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत में अपना पूरा जोर लगा के डालने लगे जिससे मै ..,.. ‘’उ उ उ उ ऊऊऊ……ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो…….उंह्…उंह..उं…हहूँ..हूँ…हूँहअहह्ह्ह्हह.अई…अई….अई….’’ करके चीखने लगी।
मेरे जेठ ने कहा – चुप मादरचोद, मै चुप हो गई लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था और साथ साथ मजा भी आ रहा था। उनकी स्पीड बहुत तेज हो रही थी। और मै भी अपने मम्मो को तेजी से दबा रही थी। मेरे जेठ ने 1 घंटे तक मेरी लगातार चुदाई की और जब और मेरी चूत को फाड़ डाला। जब जेठ जी का माल निकलने वाला था, तो उन्होंने मेरे चूत से अपने लंड को निकाल लिया और मेरी मुह की तरफ अपना लंड करके मुठ मारने लगे। जेठ जी की सांसे बढ़ने लगी थी उनकी स्पीड तेज होती जा रही थी। कुछ देर में में जेठ जी के लंड से माल निकाल कर मेरी मुह और होठो पर पड़ गया। उनके लंड के माल से मेरा मुह गीला हो गया। मैंने उनके माल को अपने जीभ से चाट लिया। और जेठी जी भी अपने लंड से निकले माल को मेरे मुह पर चाट रहें थे। उस दिन तो बहुत मजा आया।
उस दिन की चुदाई तो मस्त थी, मेरा मन फिर चुदने को कर रहा था। इसलिए मैंने उन से पूछा – ‘’जेठ जी आप मेरे पति को काम दे दीजिए और आप जब भी कहेगे मै आप से चुदने के लिये तैयार हो जाउंगी’’। उन्होंने कहा – ठीक है।
उस रात के बाद मै बहुत बार अपने जेठ जी से चुदी और मै उनसे पैसे भी ले लेटी थी। मैंने अपने पतियो को घर बुला लिया। अब तो मै दिन अपने जेठ जी से चुदती हूँ और रात को मरे पति मेरे खूब चुदाई करते है। इस तरह से मेरी कहानी पूरी होती है।
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