मकान मालिक की बीवी की चूत चाट के चुदाई Makan malik ki biwi ki chut chat ke chudai

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हाय, आप सब सेक्स स्टोरी को पसंद करने वाले साथियों को सानू का नमस्कार! मैं दिल्ली से इंजीनियरिंग कर रहा हूँ. मैं साढ़े पांच फुट का एक तगड़े हथियार का मालिक हूँ.. जो किसी भी बुर, चुत फ़ुद्दी को पूरी तरह से संतुष्टि देने की ताक़त रखता है.
बात उस टाइम की है जब मैं पढ़ाई करने हॉस्टल से बाहर एक किराए के कमरे में रहने आया था. मैं हमेशा अकेला ही रहना ज़्यादा पसंद करता हूँ, इसलिए मैंने एक सिंगल रूम ढूँढ कर किराए पर ले लिया. मेरे मकान-मलिक थोड़ा पैसों के अधिक लालची थे, उन्होंने मेरे रूम का किराया मुझसे 2 गुना लिया, जबकि यह कमरा और कमरों की तुलना में काफी छोटा था. चूंकि उस वक्त मुझे कमरे की सख्त जरूरत भी थी, इसलिए मैंने उनकी बात मान ली.

उनकी फैमिली में 2 बेटे और 2 बेटियां थीं. बड़ी बेटी तो दिखने में कोई खास नहीं थी, लेकिन छोटी वाली मीनू तो गजब की माल लगती थी. उसका कातिल फिगर और मासूम सा चेहरा मुझे बहुत ही मस्त लग रहा था.

एक दिन मैंने उसे जब देखा तो ख्याल आया कि क्यों ना इसी से किराया वसूल किया जाए, तो मैं उसे पटाने में लग गया. उससे धीरे-धीरे बात शुरू हुई, तब पता चला कि उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है.

मैंने उस पर डोरे डालने शुरू कर दिए. वो भी अब धीरे-धीरे मेरी तरफ आकर्षित होने लगी.
एक दिन उसका बर्थडे था.. तो वो एक मिठाई का डिब्बा और आइसक्रीम लेकर मेरे कमरे में आ गई.
मैंने तो सोचा कि लगता है.. अब बात बन जाएगी. मैंने उसे बर्थडे विश किया और फिर उससे नॉर्मल बात हुई.
फिर अचानक मैं उसके होंठों से अपने होंठ को लगाकर किस करने लगा. अचानक से चूमने से तो वो भी हैरान हो गई लेकिन फिर उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया और हम दस मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझसे ज़्यादा उसे ही अपनी चुत चुदवाने की जल्दी है, क्योंकि उसने अगले ही पल मेरी जीन्स का बटन खोलकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और नीचे को बैठ कर मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया.
अब वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे लंड चूसने में उसने पीएचडी की हुई है.
तभी अचानक उसकी दीदी का फोन आया कि मम्मी को शक हो गया है और वो अब कमरे में आने वाली हैं, भागो वहाँ से.

वो इतना सुनते ही मेरे कमरे से जल्दी से भाग गई और मैंने भी जल्दी से अपनी पेंट ठीक की और किताब पढ़ने लगा. उसकी बहन का फोन आने से मुझे ये समझ आ गया था कि ये दोनों ही मुझे चुदवाने को एकदम रेडी हैं.
मीनू के जाते ही आंटी कमरे में आ गईं. मुझ पर चुदास चढ़ी हुई थी, सो मैं आंटी की उठी हुई चूचियों को देखने लगा.

क्या मस्त चूचियां तनी हुई थीं उनकी.. मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा.
उन्होंने कमरे में आकर शक की नज़रों से इधर-उधर देखा, लेकिन जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो वो जाने लगीं.
मैं उनकी मटकती हुई गांड देख कर पागल हो गया. फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए, मुझे मुठ मार कर ही काम चलाना पड़ता था.

एक दिन किस्मत ने भी मेरा साथ दिया. आंटी के फ्लैट से जुड़ा हुआ एक रूम था, वो रूम खाली हो गया और मैं अंकल की सहमति से उस कमरे में शिफ्ट कर गया.
उस कमरे का एक दरवाजा आंटी के फ्लैट में खुलता था, मैंने उसे अपनी तरफ से अन्दर से बंद कर दिया ताकि उन लोगों को कभी कोई शक या दिक्कत न हो.
इसके कुछ दिन बाद में कमरे में लेटा हुआ था कि अचानक किसी ने मेरे उसी अन्दर वाले दरवाजे पर दस्तक दी. मैंने झट से खोल दिया और वो जल्दी से मेरे रूम में आ गई.
जब मैंने देखा तो वो मेरी जान मीनू नहीं थी.. बल्कि आंटी थीं. उन्होंने मुझे कुछ सोचने का मौका भी नहीं दिया और मेरे ऊपर चढ़ गईं. अब वो लगीं मेरे शरीर पर हर जगह किस करने.. जैसे जन्मों की प्यासी हों, मैं चित्त पड़ा मजा लेता रहा.

कुछ देर बाद जब वो कुछ शांत हुईं, तो मैंने पूछा- ये क्या कर रही हैं आप?
तो उन्होंने कहा- आज कुछ मत बोलो.. बस होने दो, मैं बहुत प्यासी हूँ. मेरे हज़्बेंड शराब के नशे में डूबे रहते हैं.. तो इस वजह से अब उनमें वो दम नहीं रह गया है.
आंटी की बातें सुनीं तो मेरी तो बांछें खिल गईं. अब मुझे क्या फ़र्क पड़ता.. लंड के नीचे कोई भी हो.
मैं भी उनकी सेवा में लग गया.. हम दोनों एक-दूसरे के होंठ को खा जाना चाहते थे. उनकी सांसें फूल रही थीं और बहुत और सिसकारियाँ लिए जा रही थीं.
उसके बाद मैंने धीरे-धीरे उनके कपड़े उतारना शुरू किए और उन्होंने मेरे कपड़े उतारे. हम दोनों नंगे हो गए.. उन्होंने जैसे ही मेरे लंड को देखा तो खुशी से पागल हो गईं, आंटी कहने लगीं- हाय.. इतना मोटा लंड है तेरा.. तुम मेरी बेटी को चोदते तो वो तो मर ही जाती!

मुझे उनकी इस बात से अचानक से झटका लगा कि ये क्या बोल रही हैं, लेकिन वो अपने कंट्रोल में नहीं थीं. आंटी को बहुत चुदास चढ़ी हुई थी.
वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं, कुछ मिनट तक अपना लंड चुसाते हुए मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाल लिया और उनको बिस्तर पर पटक दिया.
फिर मैंने आंटी की चूत चाटनी शुरू की तो आंटी ने अपनी टांगें हवा में उठा दीं और अपने चूतड़ों को उठाते हुए अपनी चूत मेरे मुँह में ठेलते हुए चुत चुसवाने लगीं.
क्या मस्त चूत थी.. एकदम टाइट और सफाचट, चुत पर एक भी बाल नहीं था. ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझसे चुदवाने आंटी पूरी तैयारी के साथ आई थीं.

फिर मैंने उनके दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूसने लगा, क्या रसीले चूचे थे यार.. मज़ा आ गया.
अब वो कहने लगीं- चोद दो मुझे.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भोसड़ा बना दो मेरी चूत का.. फाड़ दो इसे.. बहुत दिनों से परेशान किए जा रही थी.. आज इसकी पूरी गर्मी निकाल दो..!
मैंने भी उन्हें घोड़ी बना दिया और अपना लंड उनकी चूत पर सैट करते हुए धक्का मारा.. तो लंड फिसल गया. क्योंकि चूत बहुत दिनों से नहीं चुदाने की वजह से बहुत टाइट हुई पड़ी थी.
मैंने फिर से लंड सैट किया और धक्का मारा तो इस बार चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक घुस गया. उनके मुँह से आवाज़ निकली.. लेकिन मैंने अपने होंठों से उनके होंठों को दबा दिया वरना क़यामत आ जाती.
फिर मैं आंटी को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा.. और वो भी मेरे हर धक्के का जवाब अपनी गांड उठा-उठा कर दिए जा रही थीं.

करीब दस मिनट तक धक्कम-पेल चुदाई चलने के बाद मेरा माल अब गिरने वाला था, अब तक आंटी 2 बार झड़ चुकी थीं.
मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और 5 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
फिर आंटी ने कपड़े पहने.. लंड पर चूमा लिया और कहा- अब अगली बार पूरी तैयारी के साथ आऊँगी.
मैं कुछ समझा नहीं.. लेकिन मैं भी थक गया था, सो मुझे भी नींद आ गई.
दोस्तो, अब अगली हिंदी सेक्स कहानी में बताऊँगा कि उनकी वो तैयारी क्या थी और फिर उसकी बेटी मीनू को भी चोदने का मौका मिला. फिर बाद में दोनों माँ-बेटी को कैसे जमकर मसला.. ये सब बड़े ही रसीले अंदाज में लिखी हुई एक सेक्स स्टोरी में आप सभी को पढ़ने मिलेगी.. तब तक के लिए अलविदा.

नौकरी के बहाने चाचा ने चोदा Naukari ke bahane chacha ne choda

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गीतांजलि है और में हरियाणा की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र 26 साल है और में अभी तक बिना शादीशुदा हूँ, लेकिन कुँवारी नहीं हूँ। अब आप लोग समझते होंगे कुँवारी और शादीशुदा में फर्क। चलो यहाँ पर में पहली बार अपनी रियल लाईफ के बारे में लिख रही हूँ, आज में आप लोगों को अपनी पहली चुदाई के बारे में बताऊँगी। में अपनी पढाई पूरी करने के बाद जॉब ढूंढ रही थी। फिर मैंने एक स्कूल में टीचर की जॉब शुरू की, लेकिन में उस जॉब से संतुष्ट नहीं थी। में और मेरे पेरेंट्स कोई अच्छी जॉब चाहते थे जैसे बैंक की जॉब। मेरे एक चाचू है जो पंजाब में रहते है, उनका नाम रंजीत है और वो बहुत पैसे वाले है, इसलिए मम्मी ने उनसे मेरी जॉब के बारे में बात की। तो चाचू ने कहा कि ठीक है में गीतांजलि को एक बैंक में जॉब दिला दूँगा, मेरा एक जानकार है, में उससे बात करूँगा।

फिर 4-5 दिन के बाद चाचू का घर पर फोन आया कि उन्होंने अपने दोस्त से जॉब के बारे में बात की है। तो उस दोस्त ने मुझे गुरूवार को दिल्ली में इंटरव्यू के लिए बुलाया है। तो मम्मी ने कहा कि ठीक है ये गुरूवार को इंटरव्यू देने चली जाएगी। फिर मम्मी ने कहा कि लड़की का अकेले जाना ठीक नहीं होगा अगर आपको टाईम हो तो आप साथ में चले जाओ, तो चाचू ने कहा कि मुझे तो काम है में नहीं जा पाउँगा, लेकिन अपने फ्रेंड को फोन कर दूँगा कोई चिंता की बात नहीं है। तो मम्मी ने कहा कि जैसा आपको ठीक लगे। फिर मंगलवार को चाचू का फोन दुबारा से आया कि उनकी उनके दोस्त से बात हो गयी है, इंटरव्यू बुधवार को हो जाएगा और वो भी मेरे साथ दिल्ली चले जाएँगे। फिर ये सुनकर मम्मी ने कहा कि ठीक है, अच्छा है कि आप साथ चले जाएँगे, बात भी अच्छे ढंग से हो जाएगी।

फिर चाचू ने कहा कि वो शाम तक घर आ जाएँगे और दिल्ली के लिए सुबह जल्दी निकल जाएँगे। फिर वो शाम को 9 बजे घर पहुँच गये। फिर सुबह 5 बजे उठकर में और चाचू दिल्ली के लिए निकल गये और दिल्ली पहुँचकर चाचू ने मुझे ब्रेकफास्ट के लिए पूछा, तो मैंने कहा कि भूख तो लगी है। फिर हम दोनों एक रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट के लिए बैठ गये। फिर मैंने देखा कि वो तो एक बार था, तो मैंने चाचू से कहा कि ये तो बार है। तो चाचू ने कहा कि सॉरी ध्यान नहीं दिया, चलो किसी और रेस्टोरेंट में चलते है और फिर हम दोनों दूसरे रेस्टोरेंट में चले गये और फिर हमने ब्रेकफास्ट किया। फिर उन्होंने अपने दोस्त को फोन किया तो उनके दोस्त ने कहा कि मुंबई से उनके बॉस आने वाले है उनके आने के बाद इंटरव्यू होगा। फिर चाचू ने मुझसे कहा कि जब तक उनके दोस्त के बॉस आए तब तक हम दिल्ली घूम लेते है और इस तरह हम 3 बजे तक दिल्ली घूमते रहे।

फिर मेरे कहने पर उन्होंने दुबारा से अपने दोस्त को फोन किया। तो उन्होंने कहा कि उनके बॉस की फ्लाइट लेट है, तो वो शाम तक आएँगे। तो चाचू ने कहा कि ठीक है हम 7 बजे ऑफिस पहुँच जाएँगे, तो दोस्त ने कहा कि ठीक है। फिर जब शाम को 7 बजे चाचू और में उनके दोस्त के ऑफिस पहुँचे, तो वो वहाँ नहीं था। फिर चाचू ने फोन करके पूछा, तो उनके दोस्त ने कहा कि उनके बॉस रात को यहीं पर आराम करेंगे तो वो एक रूम बुक करवा दें। फिर चाचू ने एक होटल में पहुँचकर एक रूम बुक करवा दिया। फिर चाचू मुझसे बोले कि अगर फ्रेश होना है तो हो लो। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, में फ्रेश हो लेती हूँ और फिर हम दोनों उस रूम में चले गये। फिर रूम में पहुँचकर में फ्रेश होने बाथरूम में चली गयी और फिर जब बाहर आई, तो चाचू कोल्डड्रिंक पी रहे थे और फिर उन्होंने मुझसे कोल्डड्रिंक के लिए पूछा तो मैंने कहा कि हाँ मुझे भी पीनी है। फिर उन्होंने एक गिलास में मुझे भी कोल्डड्रिंक डालकर दे दी।

अब कोल्डड्रिंक पीने के बाद मुझे नशा सा होने लगा था। तभी चाचू ने कहा कि थोड़ी देर लेट जाओ और वो मुझे पकड़कर बेड के पास ले गये और मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे सिर पर अपना हाथ घुमाने लगे। फिर धीरे-धीरे उनका हाथ मेरे गाल पर आ गया और अचानक से ही उन्होंने मुझे किस किया। तो में हैरान रह गयी तो मैंने कहा कि ये आप क्या कर रहे है चाचू? तो उन्होंने कहा कि क्या हुआ? कुछ ही तो नहीं हुआ, आजकल ये तो आम बात है, किसी को पता नहीं चलेगा? तो मैंने कहा कि नहीं ये सब मुझे पसंद नहीं है और आप मेरे चाचू है। फिर उन्होंने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है? और ये कहकर वो मेरे पास लेट गये और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगे। फिर मैंने उन्हें रोकने की काफ़ी कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब मेरे अंदर काफ़ी कमज़ोरी आ गयी थी। अब उन्होंने उसका फायदा उठाकर मेरी शर्ट उतार दी थी और बोले कि ये इंटरव्यू तो बहाना था, में तुम्हें दिल्ली इसलिए ही लाया था, काफ़ी दिन से मेरी नजर तुम पर थी, में तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता था, लेकिन मौका नहीं लगा। फिर जब तुम्हारी मम्मी ने मुझे तुम्हारी जॉब के लिए कहा तो तब मुझे लगा कि ये मौका अच्छा है। अब ये सब सुनकर मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हो रहा था और ये कहकर वो मेरे बूब्स को आराम-आराम से दबाने लगे और बोले कि गीतांजलि इन्हें चूची कहते है और उन्होंने ये कहकर मेरी चूची बहुत ज़ोर से भींच दी। फिर उन्होंने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे चूची को चूसने लगे और मेरे दूसरी चूची को मसलते रहे। फिर उन्होंने मुझे खड़ा करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए, उनका लंड काफ़ी बड़ा था। अब में उनके लंड को देखकर चीख पड़ी थी। फिर उन्होंने कहा कि चिंता मतकर गीतांजलि दर्द नहीं होगा, में आराम से डालूँगा और ये कहकर उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे पूरे शरीर को चूमने लगे। फिर उन्होंने मेरे पूरे शरीर को ऊपर से नीचे तक चूमा और फिर उन्होंने मेरी चूची को काटा भी। अब हम दोनों नंगे थे और में शर्मा रही थी, लेकिन चाचू जबरदस्ती कर रहे थे।

फिर उन्होंने देर ना करते हुए मेरे बूब्स को दबाने लगे। अब मेरी ब्राउन मोटी निप्प्ल टाईट हो गयी थी और वो तो चूसते ही रहे। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे भी मज़ा आने लगा तो मैंने भी अपनी टाँगो को फैलाया, तो फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे। अब तो मेरे मुँह से आवाज़ निकल गयी थी सस्शह, आअहह चाचू, ऐसे थोड़ी देर और करो ना। अब वो समझ गये थे कि ये गर्म हो रही है। फिर उन्होंने थोड़ी देर और किया और अब की बार तो उन्होंने अपनी पूरी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और मज़े ले-लेकर चाटने लगे। अब में दर्द के मारे तकिया दबा रही थी। फिर उन्होंने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और मेरी गांड के पास लाकर मेरे होंठो पर किस करने लगे, ताकि में चिल्ला ना सकूँ। फिर उन्होंने अपने लंड को ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारकर मेरी गांड में डाल दिया, में वर्जिन थी इसलिए मेरी चूत बहुत टाईट थी और उनका लंड तो पूरा 7 इंच का है और मोटा भी है। फिर जब मेरी गुलाबी चूत में उन्होंने अपना पहला धक्का मारा, तो उनके लंड का टोपा अंदर चला गया। तो में दर्द के मारे चिल्ला पड़ी धीरे डालो दर्द होता है, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और अपना दूसरा धक्का मार दिया। तो तब मुझे ऐसा लगा कि मेरी जान निकल गयी हो और में ज़ोर से चीखी ऊऊओ, चाचू तुम पागल हो क्या?

फिर इतने में उन्होंने एक और झटका मारा तो उनका पूरा लंड अंदर चला गया और मेरी तो आआहह क्या बताऊँ? मार डाला चाचू ने। अब में और नहीं सह सकती थी। फिर उन्होंने कहा कि तुम्हारा पहली बार है इसलिए दर्द होगा, लेकिन बाद में तुम्हें भी मज़ा आएगा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगे। अब में दर्द के मारे मरी जा रही थी आह, श नहीं बस करो और फिर उस दिन उन्होंने मेरी सील तोड़ दी और मेरी चूत से खून भी बहुत निकला था। फिर उन्होंने मेरे ऊपर चढ़कर 15 मिनट तक मेरी चुदाई की और फिर उन्होंने मेरी गांड पर और अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और धीरे-धीरे मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे। अब उनका लंड बहुत मुश्किल से जा रहा था, लेकिन फिर जाने लगा और फिर एक ज़ोर का झटका देकर उन्होंने एक ही बार में अपना पूरा लंड घुसा दिया। तो में बहुत ज़ोर से चिल्लाई बहुत दर्द हो रहा है चाचू, प्लीज मत करो। लेकिन वो नहीं माने और मेरे और झटके मारने लगे।

अब में समझ गयी थी कि चाचू मुझे आज नहीं छोड़ने वाले है, अब मुझे दर्द हो रहा था और मेरी आँखो से आँसू निकल गये थे और मेरी गांड में से खून भी निकल गया था। फिर भी उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा और लगातार मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदते रहे। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे सीधा लेटाकर मेरी कमर के नीचे एक तकिया रखा और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर से एक धक्का मारा। अब में दर्द से मरी जा रही थी, अब में चिल्लाना चाह रही थी, लेकिन उन्होंने मेरा मुँह बंद कर रखा था। फिर वो धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी गांड में अंदर बाहर करने लगे, तो धीरे-धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा और में भी उछल-उछल कर अपनी गांड में उनका लंड लेने लगी। फिर तभी मेरे चाचू ने कहा कि मज़ा आ रहा है ना गीतांजलि। फिर मैंने कहा कि हाँ चाचू अब ठीक है।

फिर उन्होंने मुझे लगातार 2 घंटे तक चोदा। फिर उसके बाद जब वो थोड़ा थक गये तो बोले कि थोड़ा आराम कर लो, तो में आराम करने लगी। फिर तभी मैंने देखा कि 15 मिनट के बाद ही चाचू ने मेरे पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया था और मुझे चोदने के लिए तैयार थे। फिर उस रात उन्होंने मुझे 4 बार चोदा। फिर सुबह जब मैंने अपने आपको बाथरूम में जाकर साफ किया और बेड पर आकर लेट गयी, तो तभी चाचू मुझे किस करते हुए बोले कि गीतांजलि अब दुबारा कब होगा? तो मैंने कहा कि जब घर पर कोई नहीं होगा तब। में उस चुदाई को कभी नहीं भुला सकती हूँ, वो मेरी पहली चुदाई थी, लेकिन उसके बाद तो जैसे ये सिलसिला शुरू ही हो गया था। अब चाचू 4-5 दिन में एक बार मेरे पास जरूर आते है और जमकर मेरी चुदाई करते है। अब तो मुझे भी चुदाई करने में बड़ा मज़ा आता था और हम दोनों खूब इन्जॉय करते है ।।

ईशा को घोड़ी बनाकर चोदा चूत चुदाई की - Isha ko ghodi banakar choda chut chudai ki

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है और में आपके लिए एक और नई स्टोरी लेकर आया हूँ। मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है और औरतों की चूत का पानी पीना मुझे बहुत अच्छा लगता है। मेरा लंड 8 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है। दोस्तों ईशा ने मुझसे सेक्स के लिए बोला और उसने मुझसे मेरा वाट्सअप नम्बर भी माँगा। उसके बाद हम वाट्सअप पर बात करने लगे और उसने अपनी फोटो भी शेयर की, वो दिखने में बहुत हॉट और सेक्सी थी।

अब मेरा उसे देखते ही चोदने का मन करने लगा। फिर उसने बताया कि वह शादीशुदा है और उसका एक 3 साल का बच्चा है, उसकी शादी को 5 साल हो गये है और बच्चा होने के बाद उसका उसके पति के साथ रिलेशन अच्छे नहीं रहे और उसका पति भी उसे ढंग से नहीं चोदता है और ना ही उसकी तरफ ध्यान देता है। ईशा ने उसका फिगर 34-30-38 बताया। फिर मैंने ईशा से पूछा कि तुम कहाँ रहती हो? और में तुमसे कहाँ मिल सकता हूँ? तो ईशा बोली कि में दिल्ली से हूँ और उसने कहा कि मुझे 2 दिन के बाद कुछ काम से अमृतसर जाना है और में वहाँ एक होटल में रुकूंगी और वही में तुम्हें मिलूंगी। फिर मैंने कहा ठीक है हम 2 दिन के बाद अमृतसर में मिलते है और फिर हम सेक्स की बातें करने लगे। अब सेक्स की बातों के दौरान ईशा सेक्सी आवाज़ें निकालने लगी, ईशा फिंगरिंग कर रही थी और मुझे भी जोश आ रहा था और में भी अपना लंड पकड़कर हिलाने लगा। फिर ईशा ने ज़ोरदार आवाज़ के साथ कहा कि साहिल अब में झड़ने वाली हूँ आआआहह और वो झड़ गई।

फिर 2 दिन के बाद में अमृतसर जाने के लिये निकला और में उसके बताए हुए होटल पर पहुँच गया। फिर जब मैंने ईशा को देखा तो वो क्या मस्त लग रही थी? और फिर उसको देखकर मैंने उससे कहा कि ईशा आज तो तुम कयामत लग रही हो, लगता है जान लेने का इरादा है। फिर उसने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, आज पहली बार किसी अंजान आदमी के साथ अजीब सा लग रहा है। फिर मैंने कहा कि क्यों घबरा रही हो? जानेमन बहुत मज़ा आयेगा क्यों घबरा रही हो? फिर उसने स्माईल कर दी। फिर हम होटल में एक साथ गये और वहाँ एक रूम बुक किया और हम रूम की चाबी लेकर रूम में एंटर हुए और रूम में आते ही हमने सामान छोड़ा और मैंने ईशा को पीछे से कसकर पकड़ लिया और उसे अपनी और खींच लिया।

फिर उसने कहा कि क्या कर रहे हो? रूको तो पहले सामान तो रख ले। फिर मैंने कहा कि सामान को यहीं रहने दो और मेरे पास आओ, मुझे टाईम ख़राब करना पसंद नहीं है और शरमाना बिल्कुल भी नहीं है और जैसे फर्स्ट टाईम तुमने अपने पति के साथ किया था, मुझे उससे भी ज्यादा तुम्हारे साथ प्यार करना है। फिर मैंने उसे उल्टा करके उसे बेड पर धक्का दे दिया और उस पर टूट पड़ा और उसे लगातार किस करने लगा। अब मेरे हाथ उसके बूब्स पर थे, क्या मस्त बूब्स थे? एकदम फुटबॉल की तरह। अब में उसे बहुत जोर से सक कर रहा था और जोर से दबा रहा था। अब वो चिल्ला रही थी, साहिल धीरे करो, दर्द हो रहा है। फिर मैंने कहा कि दर्द में ही तो मज़ा है जान और फिर में उसे स्मूच करने लगा, अब वो भी मेरा साथ देने लगी थी। अब उसके दोनों हाथ मेरे बालों में घूम रहे थे, अब ईशा की जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी और अब उसकी साँसे मुझे पागल बना रही थी। उसके होंठो का स्वाद बहुत जबरदस्त था।

फिर में धीरे-धीरे नीचे की तरफ बड़ने लगा और अब मेरा एक हाथ उसके पजामे के ऊपर से ही उसकी चूत पर पहुँच गया और उसे रब करने लगा। अब उसे मज़ा आने लगा था और उसने अपनी टाँगे चौड़ी कर ली थी। अब मेरा एक हाथ उसके बूब्स को प्रेस कर रहा था और में उसके बूब्स पर क़िस कर रहा था। फिर मैंने उसे उठाकर उसकी कमीज़ उतार दी, उसने अंदर काली ब्रा पहन रखी थी और उसके फुटबॉल जैसे बूब्स ब्रा में क़ैद थे। अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसे पलट कर उसकी ब्रा के हुक को अपने मुँह से खोलने लगा तो उसे सरसराहट सी होने लगी। फिर ईशा ने कहा कि साहिल गुदगुदी हो रही है तुम हाथ से खोल दो, अब में हुक खोलने में मस्त था और फिर मैंने उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और उसके बूब्स को आज़ाद कर दिया। अब उसके बड़े-बड़े निप्पल पूरे आजाद थे। फिर मैंने उसे सीधा करके उसके बूब्स को फिर से अपने मुँह में पूरा डाल लिया और उसके निप्पल को चूसने लगा।

मनचाही चुदाई दिव्या ने मचाई man chahi chudai divya ne machai

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मित्रो सालो तुमने अपना टाइम मेरी इस कहानी को पढ़ने के लिए जवाब नहीं कमीनो तुम्हारा झाड़ने के लिए क्या क्या करते हो सालो और सालियों मैं इस कहानी पढ़ने वालो का नमन करता हूँ और जो इसे नहीं पढ़ रहे है उनके लिए अपनी गांड उठा के एक बमछोड़ता हूँ l मैं हूँ गरुण टिक्कू और मेरा बहुत है बहता l मैं लोखंडवाला का रहने वाला हूँ और मैं देखने में भी स्मार्ट दिखता हूँ l मैं बहुत ही भला इंसान हूँ और एक नंबर का कमीना भी l मेरी हाइट 5 फीट 10 इंच है और लंड 6 इंच लम्बा है l मेरा मानना है कि सांप, भूत और चूत जहाँ मिले मार दो वरना कोई और मार देगा l मैं दिल का बहुत साफ हूँ लेकिन जब कोई चीज़ खुद मेरे पास आए तो मैं उसे मना नहीं करता l ये कहानी है ऐसी ही एक चुदाई की जो मैंने करी थी अपने दोस्त की बहन के साथ l
मेरा एक दोस्त जो मेरे घर के सामने ही रहता है और उसका नाम है मनीष मिश्रा और उसकी एक बहन है दिव्या मिश्रा l मनीष मेरे से एक साल बड़ा है और दिव्या मेरे ही साथ की है पर मनीष मेरा बहुत अच्छा दोस्त है l इसलिए मैंने दिव्या को कभी उस नज़र से नहीं देखा और कभी भी उसके बारे में गलत नहीं सोचा l कभी कभी हमारे घर में नहीं रहता था तो मैं उनके यहाँ चला जाता था और वहीँ पर खाना खाता था और वहीँ सो जाता थाl ये गर्मी की बात है जब हमारे मोहल्ले में लाइट चली गई थी और मैं उनके घर चला गया और मनीष के साथ बैठ के बात कर रहा था l तभी मनीष के घर में जो छोटे बच्चे है वो एक दुसरे को पकडे वाला खेल खेल रहे थे l तो उन्होंने मनीष को बुलाया और मनीष ने मना कर दिया l तो बच्चों ने उसे जबरदस्ती खींच लिया और खेलने को बोला तो वो खेलने लग गया l फिर उसने मुझे भी बुला लिया और दिव्या तो उनके साथ खेल ही रही थी l तो खेलते खेलते एक समय ऐसा आया की मैं और दिव्या ही बस बचे थे और मैं दाम दे रहा था l
फिर दिव्या भागी और मैं उसके पीछे भगा l सच में दोस्तों वो तेज़ भाग रही थी और थोड़ी आगे जाके थक गई और हम थोड़ी दूर आ गए थे l जैसे ही मैं उसके पास पहंचा तो वो पलट गई और मैंने उसके दूध पकड़ के दबा दिए l मैंने फ़ौरन ही उसके दूध से हाँथ हटाया और कहा सॉरी दिव्या l वो इट्स ओके पीकू (मेरे घर का नाम) l अब मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था और हम धीरे धीरे पैदल वापस आ रहे थे l तभी उसने कहा कि पीकू कोई बात नहीं ऐसे मत शर्माओ गलती से हुआ है l मैंने कहा यार लेकिन मुझे सही में बहुत बुरा लग रहा है l उसने कहा कोई बात नहीं छोडो जाने दो, तुम मेरे भाई के नहीं मेरे भी अच्छे दोस्त हो और तुम जीत गए हो ये खेल l फिर चलते चलते हम घर पहुँच गए और फिर थोड़ी देर बाद लाइट आई और मैं अपने घर चला गया l
फिर एक दिन मैं अपने कॉलेज से घर वापस आ रहा था तो मुझे मनीष का फ़ोन आया और उसने कहा कि क्या तू दिव्या के कॉलेज से उसको घर ले आएगा , मैं थोडा काम में फसा हूँ l तो मैंने कहा ठीक है और मैं उसके कॉलेज चला गया l वो कॉलेज के गेट पर ही खड़ी थी अपने दोस्तों के साथ खड़ी थी l जैसे ही मैं वहाँ पहुंचा तो उसकी सारी दोस्त मुझे देखने लगीं और दिव्या ने मुझे स्माइल दी और कहा हाय l
मैंने कहा तुम्हारे भाई का कॉल आया था तो कहा हाँ मुझे पता है चलें क्या ? मैंने कहा हाँ l तो वो आ के मेरी गाड़ी में बैठ गई और वो मुझसे बहुत चिपके के बैठी थी l मुझे थोडा अटपटा सा लगा लेकिन मैंने गाड़ी स्टार्ट की और वहाँ से चल दिया l रास्ते में उसने मुझसे से पूछा की क्या हो गया है तुम्हें पीकू ? उस दिन के बाद से तुम मुझसे ठीक से बात नहीं करते , क्यों ? मैंने कहा कि नहीं ऐसा कुछ नहीं है l उसने कहा ठीक है लेकिन क्या तुम मुझे कल भी कॉलेज से लेने आ जाओगे l मैंने कहा की ठीक है आ जाऊंगा l
फिर हम थोड़ी देर बाद घर पहुँच गए l फिर अगले दिन जब मैं उसके कॉलेज पहुंचा तो सिर्फ उसकी सहेलियां ही बाहर खड़ी थी तो मैंने पूछा कि दिव्या कहाँ है ? तभी उसकी एक सहेली ने वो बस आ ही रही है जीजा जी और सब हसने लगीं l फिर रास्ते में मैंने दिव्या से पूछा कि तुमने मेरे बारे में अपने दोस्तों को क्या बताया है और मुझे जीजा जी क्यूँ बोल रहीं थी ? तो उसने कहा की बुरा मत मानना पीकू लेकिन मैंने तुम्हे अपना बॉयफ्रेंड बताया है l तो मैंने कहा कि तुमने ऐसा क्यूँ कहा ? उसने कहा क्यूँ तुम मुझे अच्छे लगते हो l
मैं शांत हो गया तो उसने पूछा कि क्या मैं तुम्हे अच्छी नहीं लगती l तो मैंने कहा ऐसा नहीं है पर मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं l उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया और कहा कि पीकू तुम कितने क्यूट हो और मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ l मैं फिर शांत था और मनीष और अपनी दोस्ती के बारे में सोच रहा था l तभी रास्ते में उसने गाड़ी रुकवाई और कहा बोलो पीकू l मैंने कहा क्या बोलूं यार l उस वक़्त वो रास्ता बिलकुल खाली था तो उसने मुझे होंठ पर किस कर दिया l दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
मैं गाड़ी पर बैठा और कहा चलो घर चलतें हैं और उसने कहा कोई जवाब नहीं दोगे l मैंने कहा हाँ वो बहुत खुश हुई और हम घर आ गए l फिर ऐसा ही कभी कभी हम लोग घुमने जाते थे और लिप किस किया करते और कभी कभी मैं उसके दूध दबा दिया करता था l फिर एक बार मेरे घर पर कोई नहीं था और वो मेरे घर आ गई और मुझे जोर जोर से किस करने लगी l मैं भी उसे किस करने लगा और वो मेरे लंड को छुने लगी l
मैं तभी समझ गया की ये पुरे चुदाई के मूड से आई है l उसने मेरी पैन्ट उतारी और चड्डी नीचे करके मेरा लंड हाँथ में लेके हिलाने लगी l मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था क्यूंकि मेरे लंड को मेरे हाँथ के आलवा कोई और हिला रहा था l उसने मेरा लंड मुंह में लिया तो मुझे तो मज़ा ही आ गया l वो प्यार से मेरा लंड चूस रही थी जैसे ब्लू फिल्म में लड़कियां चूसती है वैसे ही l
फिर उसने मेरा गोटियों को मसलते हुए कहा कि आज तो तुम्हे जन्नत के दर्शन कराऊंगी l फिर वो मुझे बेडरूम में ले गई और बिस्तर पर धक्का दे दिया और अपने कपडे उतारने लगी l उसने अपने पुरे कपडे उतर दिए और कहा किस कैसा लगा ? दोस्तों सच बता रहा हूँ उसका फिगर बहुत ही स्लिम था और उसके दूध बड़े थे और बीच में गैप भी नहीं था और उसकी चूत को उसने शेव किया था तो बाल होने का कोई चांस भी नहीं था l
फिर मैंने कहा कि सच में तुमने जन्नत के दर्शन करा दिए फिर वो मेरा लंड चूसने लगी l फिर मैंने उसे उठाया और कहा चलो अब मेरी बारी और उसके दूध चूसने लगा और दबाने लगा l उसके दूध बहुत ही सॉफ्ट थे और उसके दूध मेरे हाँथ में ओउरी तरह से आ रहे थे तो उन्हें दबाने में बहुत मज़ा आ रहा था l मैं 10-15 मिनिट तक उसके बस दूध दबाता रहा और चूसता रहा l
फिर मैंने उसकी नाभि मैं जीभ करी तो वो बोली की नहीं करो गुदगुदी हो रही है l फिर मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और कहा कि जन्नत के दर्शन तो हो गए अब स्वाद चख लूँ क्या ? तो उसने हस्ते हुये कहा की हाँ शुरू हो जाओ l मैंने चूत को देखा और उसको भूखे भेड़ियों की तरह चाटने लगा l उसकी चूत से पानी आ रहा था मैं वो पानी पीता जा रहा था फिर और जमके के उसकी चूत को चाटता जा रहा था l फिर मैं उठ के बैठ और उसकी चूत को रगड़ने लग गया और फिर मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी l वो आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह अहहहा की आवाज़े निकलने लगी l
फिर मैंने अपना लुंड उसकी चूत पर रखा और एक ज़ोरदार झटका मारा जिससे मेरे 3 इंच अन्दर चला गया और वो कहने लगी नहीं निकालो बाहर पर मैं लगा रहा और उससे चोदने लगा l फिर मैंने उसको अलग अलग तरीके से चोदा और वो भी मेरा साथ देते जा रही थी l फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकालकर उसके मुंह के पास ले गया और उसके हाँथ में दे दिया और फिर वो हिलाने लगी l फिर मेरा मुट्ठ उसके मुंह पर ही झड गया और मैं जा के उसके ऊपर लेट गया l फिर हमने किस किया और फिर वो कपडे पहन के अपने घर चली गई l फिर हमने कई बार चुदाई मचाईl

मोटी की काली चूत में काला लंड moti ki kali chut me kala lund

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दोस्तों हेल्लो मेरे साथ एक बहुत की खतरनाक चीज़ हुयी है जिंदगी में और वो खतरनाक चीज़ है चूत की बीमारी | मेरा नाम हिर्देश है और मेरी एक दोस्त है अर्पणा वो एक मस्त लड़की है बिंदास टाइप की | पर उसका रंग काला है इसलिए मैं उससे बात नहीं करता था | मेरा भी रंग साफ़ नहीं है पर मुझे गोरी लडकियां पसंद है क्यूंकि उनकी चूत चाटने में बहुत मज़ा आता है | दोस्तों एक बात कहना चाहता हूँ आपसे “आपकी माँ का भोसड़ा” जो यहाँ आ जाते हो बहनचोद कोई काम नहीं है बस लंड चूत करते रहते हो | जाओ कही और माँ चुदवाओ अपनी | भाई लोग दिल पे मत लेना ज्यादा बुरा लगा हो तो गांड में लेना ज्यादा मज़ा आएगा | पर सच में मैंने यह सब अर्पणा पर अपनी भड़ास निकलने के लिए कहा था | साली मेरे लंड चूसते चूसते काट लेती थी | खैर अब उसका किस्सा ख़तम हो चुका है |
तो अब मैं अपनी कहानी आपको सुनाता हूँ जो की शुरू हुयी थी मेरे घर से | अर्पणा मेरी दूर की रिश्तेदार है और उसका मेरे घर आना जाना होता रहता है | मेरी मम्मी और उसकी मम्मी दोनों एक साथ पढ़ते थे और वो लोग काफी अच्छे दोस्त हैं आज भी | इसी चीज़ का फायदा अर्पणा को मिला क्यूंकि जिस कॉलेज में मैं जाता था उसने भी वहीँ पर दाखिला लिया हुआ था | वहां से मेरी कहानी आगे बढ़ी क्यूंकि उसकी कुछ लडकियां रैगिंग ले रही थी और मैं रिश्तेदार होने के नाते उसे बचाने चला गया | वो तो बच गयी पर मैं फस गया क्यूंकि इसी एक बात से उसको मुझसे प्यार हो गया और वो मेरे पीछे दीवानी सी हो गयी | पहले तो मैंने सब कुछ ऐसे ही हलके में लिया पर जब एक दिन मैंने उसकी डायरी देखी तब मेरा दिमाग खराब हो गया |
उसमे लिखा उन्होंने मेरी हर जगह मदद की है और अब तो मैं उनके प्यार में पागल सी हो गयी हूँ | “आई लव यू हिर्देश” ये देख कर मेरा दिमाग ख़राब हुआ और मैं सीधे उससे मिलने चला गया | मैंने उससे कहा देखो अर्पणा ये सब गलत है में बस तुम्हे एक अच्छा दोस्त मानता हूँ और कुछ नहीं मेरा ख़याल अपने दिमाग से निकाल दो | उसने कहा क्यूँ ऐसा क्या पाप किया है मैंने जो आप ऐसा बोल रहे हो मुझसे | मैंने कहा मुझे गोरी लडकियां पसंद है और तुम काली हो | वो रोने लगी और मेरा भी दिल पिघल गया क्यूंकि किसी के रंग से क्या फर्क पड़ता है बस उसका दिल अच्छा होना चाहिए | पर फिर मैंने सोचा कि मेरा चूत चाटने का सपना तो बिलकुल अधूरा रह जाएगा | उसके बाद मैंने कॉलेज जाना कम कर दिया और जब वो और उसकी मम्मी घर आते तो मैं घर घर में नहीं होने का बहाना बना देता और मम्मी से कहता की बताना मत | यही करते करते काफी समय बीत गया और अब मुझे लगा की सब कुछ सामान्य हो गया होगा |
यही सोच मुझे बहुत महंगी पड़ गयी क्यूंकि अर्पणा का प्यार और भी गहरा हो चुका था और वो अब मोटी हो गयी थी | उसके दूध मस्त बड़े हो गये थे पर थी तो वो काली | इसलिए मुझे लगा की यार अब क्या करूँ ? अब तो ऐसी हालत थी की अगर मैं उसके बारे में सोच भी लूँ तो डर लगने लगता था | फिर मेरा कॉलेज ख़तम हो गया और मैं आज़ाद हो गया और मुझे एक नौकरी भी मिल गयी थी पढ़ाने की तो मैं उसमे व्यस्त हो गया | पर मुझे मालूम नहीं था कि अर्पणा मेरा पीछा वह भी नहीं छोड़ेगी | मेरे पहले दिन मुझे पता चला कि वो भी वहां पढ़ाती है और मेरा दिमाग एक बार फिर से ख़राब हो गया | अब मैंने सोचा कि क्यूँ न नौकरी छोड़ दी जाए पर फिर लगा की यार मुझे इतनी आसानी से नौकरी मिल गयी है तो इसको लात क्यों मारो |
यही सोचकर मैं रुक गया पर अर्पणा से कम बात करता था और उससे दूर दूर रहता था | पर आपको तो पता ही है की अगर कोई इंसान नज़रों के सामने रहता है तो उससे लगाव हो ही जाता है और मेरे साथ भी यही हो रहा था | धीरे धीरे मैं उसके साथ बात करने लगा था और उसकी तरफ आकर्षित हो रहा था | मैं भी हैरान था कि ये सब हो कैसे रहा है | तब मुझे समझ आया की ये सब उसके सच्चे प्यार का सर है और इसी की वजह से मैं उसकी तरफ जा रहा हूँ | पर यह समझना बिलकुल भी मुस्किल नहीं था कि आगे होने क्या वाला है | मैंने भी सोच ही लिया था की जब इसी काली और मोटी चूत से ही काम चलाना पड़ेगा तो क्यों न मैं भी इससे प्यार कर ही लूँ | तब मैंने अर्पणा को अपने पास बुलाया और कहा की चाल यार तू जीती मैं हारा | उसने भी झट से मुझे अपने गले लगा लिया और कहा की देखा आखिर आ ही गये न मेरे पास | मैंने कहा हाँ अब ज्यादा भाव मत खाओ और बताओ कि करना क्या है इसके बाद | उसने कहा अब क्या करना है बस इसके बाद हमे शादी करनी है और बच्चे पैदा करने है | मैंने कहा तुझे आता है बच्चे पैदा करना तो वो बोली माना कि कभी सेक्स नहीं किया पर बच्चे पैदा करना तो पता ही न |
मैंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और कहा अच्छा तो चल मुझे सिखा दे बच्चे कैसे पैदा करते है और वो एकदम से चौंक गयी | उसने कहा अभी यही पे बता दूँ क्या | तो मैंने कहा नहीं पागल है क्या यहाँ कैसे बताएगी | मैंने कहा कल तेरी और मेरी मम्मी दोनों बाहर जा रही हैं और मेरा घर खाली रहेगा | तो उसने कहा ठीक है पर बिना कंडोम के नहीं करना कुछ | मैंने कहा यार पहले तू आ तो सही फिर देखते है जो करना होगा वो कर लेंगे | वो भी मुस्कुराई और वहां से चली गयी और मैं भी बच्चों को पढ़ाई करवाने लगा | फिर अगले दिन सुबह हुयी और मैं फ्रेश होकर सोफे पर लेटा था और मम्मी जा चुकी थी | एकदम मेरे दरवाज़े पर दस्तक हुयी और मुझे पता चल गया की ये आ गयी है | अब मुझे भी लगने लगा था की आज कुछ न कुछ ज़रूर होगा | मैंने भी साड़ी तैयारी कर ली थी और कंडोम ले आया था |
वो आई और सीधा मेरे ऊपर लेट गयी | मैंने कहा मोटी इतनी भारी है तू उठ मेरे ऊपर से और उसने तुरंत अपना एक निप्पल मेरे मुह में दे दिया और कहा चुप बच्चे दूध पीते है फिर खेलना शुरू करते हैं | मैं भी मज़े में उसका दूध पी रहा था और धीरे धीरे उसके दोनों निप्पल मेरे मुह में थे | उसने अपने सारे कपडे उतार दिए थे और में उसके दूध जो अब काफी बड़े हो चुके थे उन्हें दबा रहा था | अब तो मेरा लंड भी तन के खड़ा हो गया था और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था | मुझे पता चल गया था की बदन गोरा हो या काल मज़ा चुदाई में होता है |
मैंने उठ कर अपने सारे कपडे उतारे और अपना लंड सीधा उसके हाथ में दे दिया पर उसने नहीं चूसा | बोली की अभी नहीं पहले तुम मेरी चूत को चाटो फिर मैं करुँगी | मुझे लगा यार इसकी चूत पे बाल होंगे और काली भी होगी तो केसे करूँगा | मन मारते हुए मैंने उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाली और चाटने लगा पर जेसे ही उसकी चूत की महक मेरी नाक में गयी मैंने क्या चूत चाटी उसकी | वो सिस्कारियां लेने लगी थी | उफ्फफ्फ्फ़ आआआअह आअह्ह्ह्ह उम्म्म्मम्म्म्मम्म पीलो मेरी चूत का पानी खा जाओ इसको | ऐसा करते करते में भी झड़ने वाला था क्यूंकि हम दोनों बहुत गरम हो गये थे |
अब वो मेरा लंड चूसने लगी थी और मेरे सुपाडे पर अपनी जीभ से चाट रही थी | मुझे ठंडा लग रहा था और एक अजीब सा मज़ा भी आ रहा था | उसने दस मिनट तक मेरे लंड को चूसा और सारा माल अपने दूध पर गिरा लिया | मैंने कहा चलो यार अब तुम्हरी चूत में अपना लंड डालता हूँ तो बोली हाँ जल्दी करो | मैं उठा और एक धक्का मारा कस के उसकी में और मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए अन्दर तक चला गया | आआआअह आअह्ह्ह्ह आआआअह आअह्ह्ह्ह ऐसे चोदोगे मुझे | मैंने कहा चुप और जोर जोर से पेलने लगा उसे | ऊऊउम्म्म्म ऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ और कर फाड़ दे आज तो | ये कहके वो उठी और बोली अब मेरी गांड के छेद को फाड़ दो और मैंने भी तुरंत एक झटके में उसकी गांड के अन्दर लंड पेला और अन्दर बाहर करने लगा | वो पूरा दिन और पूरी रात मुझसे चुद्वाती रही जब तक मम्मी नहीं आ गयी 

ऑफिस के बॉस और उनके दोस्तों ने मुझे चोदा office ke boss or unke dosto ne mujhe choda

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मेरा नाम सीमा है और मैं जॉब कराती हूँ. ये बात 2011 की है मैं मार्केटिंग का काम कराती थी. सुबह 8 बजे से रात को 9 बजे तक मैं एक ऑफिस में रहती थी.
अब मैं अपनी कहानी कहती हूँ मेरे बॉस का नाम अजय था जब मैं वह काम करना शुरू की मेरा बॉस बहत अच्छा था. मैं बहुत अच्छा कम भी कराती थी. कई लडके भी मेरे साथ काम करते थे तब में एक ही लड़की थी 2 रूम थे एक में सारे लडके सोया करते थे और एक रूम में मैं और मेरे बॉस सोते थे.
5 दिन थे शायद वोह. रात को 11 बजे मैं दरवाजा बंद करके सोने गई तो थोड़ी देर में मेरा बॉस उठ के मेरे ऊपर आकर लेट गया… मैं बहुत ज्यादा दर गई मैं बोलने लगी सर रहने दो प्लीज रहने दो सर ये गलत है मेरे साथ ऐसा मत करो…..लेकिन उसने मेरी एक न सुनी. उसने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और अपना कुरता ऊपर कर दिया फिर मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा. मैं चिल्लातीदिया रही पर उसने मुझे नहीं छोड़ा. उसने कसके खीच के मेरी ब्रा निकल दी और मेरे बूब्स को देख के वोह तो जैसे पागल हो गया क्योकि मेरे बूब्स बहुत बड़े 36 के थे.
मैं रोती रही पर वोह नहीं रुका मैं मना कराती रही पर उसने एक भी बात नहीं सुनी. उसने मेरे बूब्स चुसना चालू किया. मैंने मना किया फिर भी वोह दरो से कटाने लगा मुझे कुछ होने लगा समझ में नहीं आया मैं क्या करू. उसने आधे घंटे तक मेरे बूब्स को चूसा और दातो से काटा. मैं पागल हो गई फिर उसने मेरी सलवार निकल दी मैंने मना किया पर उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया.
उसका लौड़ा लकड़ी जैसे खड़ा था मुझे नंगा करके वोह मेरी चूत मरने के लिए रेडी हो गया. उसने मेरे बूब्स इतनी बुरी तरह से काटे की मेरे बूब्स से खून निकालने लगा और  उनके दात के निशान पद गए. उसने जोश में आकर अपने खड़े हुए लंड को पेलने के लिए एक जोर का धक्का दिया. उसका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया  जिसकी वजह से मेरे मुह से ओह्ह म्म्यय्य गोड्ड चिल्लाने की आवाज आई तो उसने अपना हाथ मेरे मुह पे रख दिया.
फिर मेरा मन भी मेरी चूत चोदने में उसका पूरा साथ देने को हुआ. मेरे मुह से अआह्ह्हह्ह्ह्हह आआआ ओह्ह्ह्हह्ह्ह्हज्ज्जजजैसी आवाजे निकालने लगी. उस रात उसने मेरी जमके चुदाई की. फिर दुसरे रात उसने मुझे कहा मेरे  पैर दबा दो, मैंने दबाना शुरू किया तो उसने मेरा हाथ अपने लंड पे रख दिया. मैंने जैसे ही छुवा वो उठकर खड़ा हो गया. फिर खड़े होकर मेरे बूब्स चूसने लगा. उस दिन भी  उसने मुझे रात भर चोदा. हम जब ऑफिस में रहते तो हम अकेले रहते वह भी दिन में वो कभी कबार मौका मिलते ही मेरे बूब्स को दबा देते और कभी कभी चूसने भी लगता  और छुट्टी में कभी कभी घर पे रहती थी तो भी मौका नहीं छोड़ते थे.
ऐसे करते करते ही कई महीने बीत गए उन्होंने मेरी जमके चुदाई की. एक रात को उसका दोस्त आया हम तीनो साथ में सोये थे. मेरे बॉस का मुझे चोदने का मन हुआ लेकिन दोस्त था तो चोद नहीं पाया वो नहाने गए तो मेरे बॉस ने मेरे बूब्स चूसने में काम लगा दिया और कहा मुझे चोदने का मन है पर मेरा दोस्त है कैसे चोदु. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
सारा दिन हमलोग घुमे रात को खाना खाया और 11 बजे घर लॉक करके अंदर गये थोड़ी देर इधर उधर की बाते की फिर बॉस ने कहा आज तो यह सो जा मैं सो गयी मेरे बाजु में वोह दोनों आके सो गए धीरे धीरे मेरे सर ने मेरे बूब्स को दबाया मैं कुछ नहीं बोली दूसरी और से उसके दोस्त ने मेरे बूब्स को दबाया. दोनों ने मुझे बिच में सुला कर मेरे बूब्स पर टूट पड़े. मेरे बूब्स को दातो से कट के बुरी हालत कर दी. अब मेरे बॉस ने सिगरेट जलाई दोनों के हाथ में एक एक सिगरेट थी पहले मेरे बॉस ने बूब्स पे जलाया और चूसा फिर उसके दोस्त ने मेरी चूत की और सिगरेट ले गया. मेरे सर ने बूब्स पे सिगरेट से जला के चूस रहे थे और उसका दोस्त मेरी चूत में दम देकर चाट रहा था फिर ऐसी ही सिगरेट के साथ पूरी रात चुदाई की.
बॉस का दोस्त 4 दिन रुका और 4 दिन उसने बॉस के साथ मिलकर मेरी चुदाई की. फिर वो तो चला गया फिर मेरे बॉस ने एक दिन ऑफिस में अपने किसी दोस्त को बुलाया 2 बजे दोपहर में वो आया फिर सर ने मुझे परदे के पीछे भेजा और वह आकर मेरे बूब्स के कुछ तस्वीरे निकली और फिर मेरे बूब्स चुसे फिर वो आगे चले गए और उनका दोस्त आया उसने भी मेरे बूब्स दबाये और मेरी ब्रा निकल दिया.
फिर मेरे सर ने मेरे बूब्स को चूसते हुए कुछ पिक्चर निकली और कहा आज रात मेरे कुछ दोस्त घर पर आयेंगे खाना मत बनाना मैंने सबके लिए खाना नहीं बनाया सब बहार खा के आये. सब कुछ काम करते करते १२ बज गए इसके बाद मैं फ्री हुयी अब सोने की तैयारी थी. मेरे सर ने मुझे कपडे निकालने को कहा मैंने मना कर दिया पर उसके 5 दोस्त ने मुझे जबरजस्ती मेरे कपडे निकल मेरे बूब्स चुसे और धमकी देने के लिए मेरी तस्वीरे मुझे दिखा दी मैं डर गई और मई नंगी हो गई और जैसे ही मैं नंगी हुयी उसके सभी दोस्त कोई मेरे बूब्स दबाता कोई चुस्त कोई चूत में उंगली करता कोई क्लिट रगड़ता वो सभी मुझ पर कुत्ते की तरह बरस पड़े.
इस बार सभी ने मेरी चुदाई का विडियो बना लिया लेकिन उस रात मुझे इतने लोगो से चुदवाने के बाद जन्नत मिल गई. बहुत मजा आया. अब मैं मेरे सर को और उनके दोस्तों को बहुत मिस कराती हूँ.

पापा ने साड़ी पहनना सिखाया..papa ne sadi pahanna sikhaya

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दोस्तों.. आपने मेरी पिछली कहानी तो पढ़ी होगी… की कैसे मैंने अपने पापा को सिड्यूस किया. अब आगे की कहानी पढ़िए.. अब तक मुझे साड़ी पहनना ढंग से नहीं आता था. एक दिन मैंने पापा को अकेले में पकड़ा. घर के लोग बाहर गए हुए थे. पापा बिस्तर पर लेट कर आराम कर रहे थे. मैंने जाते ही पापा का लिंग पकड़ लिया. पापा अचानक से उठे. इतनी देर में मैंने पापा का पजामा और चड्डी उतार कर लिंग हाथ में ले लिया. वो अभी बैठा हुआ था. मैंने उसे चूसना शुरू कर दिया.पापा मुस्कुराने लगे. थोड़ी देर में पापा का लिंग tight हो गया.
पापा ने पूछा की बेटे आज कोई खास बात है क्या? मैंने कहा पापा.. आप मुझे आज बेटे से बेटी बना दो. पापा ने कहा वो तो तुम हो ही. मैंने कहा “नहीं. आपकी बेटी की अभी तक साड़ी पहनना नहीं आया है. साड़ी के बिना तो भारतीय नारी अधूरी है. आज मुझे सच में साड़ी पहनना सीखना है. अब ये काम तो उसकी माँ ही सिखाती है. आज आप मेरी माँ बन कर अपनी बेटी को ज्ञान प्रदान कीजिये.” पापा कहने लगे की बेटी रात तक का तो इंतज़ार कर लो. मैंने कहा की रात में सब आ जायेंगे. रूम की खटपट सुन कर कोई ऊपर आ गया तो दिक्कत हो जाएगी. पापा ने कहा ” तुम ठीक कहती हो”. चलो आज तुम्हे आपना तजुर्बा अभी देता हूँ. पापा ने भी मेरा लिंग मेरी पैंट से निकला और चूसने लगे. थोड़ी देर तक चूसने के बाद पापा ने अपने और मेरे लिए साड़ी, साया, ब्रा और ब्लाउज निकला.
पापा ने मुझे उनके और अपने कपडे उतारने के लिए कहा. मैंने उनका पजामा और फिर बनियान उतारी. उनकी चड्डी उतारी और उनके लिंग को थोड़ी देर तक चूसा. और मैं एक झटके में नंगा हो गया. हम दोनों का लौरा खड़ा था. पहले पापा मेरी मम्मी बनने के लिए तैयार हो रहे थे. वो पहले औरतों वाली चड्डी पहने.. उसके बाद साए तो सर के ऊपर से डाला. इसके बाद पापा ब्रा की बारी आई. मैंने पापा के ब्रा की हूक पीछे से लगे. पापा के बूब्स इतने सही थे की उन्हें कुछ भरने की जरूरत नहीं थी. फिर एक सुनार सी ब्लाउज पहनी. इसके बाद इतनी सफाई से उन्होंने साड़ी पहनी की कोई कहे नहीं की ये मेरी मम्मी नहीं मेरे पापा हैं. इसके बाद पापा ने मुझे पैंटी पहने. एक बहुत ही छोटी साइज़ की ब्रा निकली और कास कर पहना दी. मैं बहुत पतला दुबला हूँ. तो मेरे लिए उन्होंने टेनिस वाले बोल भर दिए. पहले एक नीले रंग की ब्लाउज पहनाई और उसके बाद मेरे सर के ऊपर से बिलकुल औरोतों की तरह साया पहनाया. फिर साड़ी का एक कोना मेरे साए के अंदर डाला और डालते वक़्त भी मेरा लौदा पकड़ कर हिलाया. फिर एक लपेटा देकर चुन दाल कर वापस खोंस दिया. इसके बाद आँचल का सिरा ढंग से बना कर मेरे कंधे पर डाला. पर मुझसे साड़ी संभल नहीं रही थी तो साड़ी पिन लगा कर साड़ी समेटा. मेरी पतली कमर पर साड़ी देख कर पापा का लिंग हुमचने लगा. पापा ने फिर भी कण्ट्रोल किया और फिर पूरा श्रृंगार किया. लिप ग्लोस , चूड़ी, हार, नथुनी, टोप्स और फिर नाख़ून पोलिश लगाया. मैंने भी पापा का श्रृंगार किया. हम दोनों अति सुन्दर महिलायें लग रहे थे.. बस हमारी साड़ी में से कुछ खड़ा दिख रहा था. पापा ने मुझे कहा की अपने लिंग को अपने साए बाँध लो. उन्होंने भी ऐसा ही किया. इसके बाद हम दोनों हमबिस्तर हो गए. पापा ने मेरे लिप पर किस किया. फिर अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी. ऐसा थोडा देर तक करने के बाद हमने एक दुसरे को चाटना शुरू कर दिया.
चाटते चाटते मेरे पापा, जिसे अब मैं अपनी मम्मी कह कर संबोधित करूंगा, ने मेरा साया उठाया और मेरा लिंग चूसने लगे. इसके बाद हम दोनों ६९ स्थिति में आ गए. मैं मम्मी की लिंग और मम्मी मेरा लिंग चूस रही थी. मम्मी ने चूसते चूसते अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी. उनका लिंग मेरे गले में भर आया. ऐसा करने से मैं झरने ही वाला था की मेरे मुंह में उनका वीर्य भर गया. मैं भी तक तक झड गया. मम्मी ने मेरा और मैं मुमी का पूरा वीर्य गटक लिया. हम दोनों थोड़ी देर ऐसे ही लेते रहे . पापा ने कहा की अब वो किसी और को भी हमारे इस खेल में लाना चाहते हैं. मैं चौंक गया. मैं समझ नहीं पाया की पापा क्या कहना छह रहे हैं? उनका मतलब थोड़ी देर में ही समझ में आया जब मेरे चाचा भी साडी में आकर खड़े हो गए और मेरी गांड चाटने लगे.
पापा ने तब बताया की ये उनके घर की परंपरा है की लोग रात में अपना लिंग बदल कर अपने साथी को मजा देते हैं. तुम्हारे दादा जी भी ऐसे ही थे. तुम्हारे सब चाचा साडी पहनना जानते हैं. मैं सोच रहा था की तुम्हे कैसे बताऊँ? तुम्हे कैसा लगेगा.. पर तुमने मेरा काम खुद आसान कर दिया. ये बात मैंने तुम्हारे चाचा को बताई. उन्हें बहुत पसंद आई. तुम्हारे दादा भी तुम्हारी गांड के पीछे हैं. कहो तो तुम्हारी गांड मारने के लिए उन्हें भी बुलाऊँ? मैंने कुछ सोचे बिना ही हाँ कह दी. दादा जी का बड़ा लिंग किसे पसंद नहीं होगा. मेरे कहते ही मेरे दादा मेरी दादी की साडी में आगये. दादी कहने लगी की मुझे पता था की मेरी पोती मेरा नाम रोशन करेगी.
तब चाची ने मुझे बताया की जिस लड़के ने मुझे ये सब सिखाया था वो सब उसने मेरी चाची से सीखा था… और ये चाची का ही कमाल था की उसने मुझे सिखाया.. मेरी दादी और चाची ने बहुत कोशिश की थी की मेरी मम्मी उन दोनों से गांड मरा ले पर मेरी मम्मी मानती नहीं थी. इस पर उन्होंने कसम दिलाई की अगर मैं साड़ी में उनकी गांड मार लूं तो वो चाची या दादी से गांड मराएंगी.. मम्मी ये सुन कर मुस्कुराने लगी.. “मुझे पता था की ये तुम लोगो का ही काम है.” मैंने पिछली बार गांड मराई थी तब तुम्हारे चाची और दादी को बताया था.. उन्हें भी तुम्हारी गांड के किस्से पसंद आये तो मैंने उन्हें आज बुलाया था. घर में सब जा रहे थे तब ही मैंने उन्हें फ़ोन कर के बुला रखा था. मुझे पता था की तुम शुरू करोगे. वरना मैं ही थोड़ी देर में शुरू कर देता.
मुझे लगा की मैं बड़ा बेवक़ूफ़ था,, यहाँ पर सारे मेरे जैसे ही हैं और मैं बाहर जाने की सोच रहा था.
फिर हम सब एक बिस्तर पर लेट गए. मैं दादी का.. दादी मेरी मम्मी का … मम्मी मेरी चाची का और चाची मेरा लिंग चूसने लगी.फिर थोड़ी देर के बाद सब एक दुसरे की गांड चाटने लगे..
थोड़ी देर बाद सबकी गांड नरम हो गयी.. दादी ने मुझे कुतिया बनाया और अपना लिंग मेरी गांड में डाला. डालते ही मुझे स्वर्गीय सुख का आनंद आने लगा. मैंने देखा उधर मेरी चाची मेरी मम्मी पर अपना जौहर दिखा रही थी. मैं भी गांड उठा उठा कर दादी की मदद करने लगा.. दादी बड़ा खुश हो गयी.. उन्हें सदियों बाद कोई कच्ची गांड मिली थी. दादी जल्दी ही झड गयी.. अब मेरी बारी आई. दादी अपना साया साड़ी खुद ही उठा दी. मैं बिना रुके ही उनकी गांड में प्रवेश कर गया. दादी चिल्ला पड़ी. हालाँकि उनको बहुत ही तजुर्बा था लेकिन मेरा लिंग काफी मोटा था. मैं कोई परवाह किये बिना उनकी गांड मरता रहा. उनके ऊपर झुक कर उनके बूब्बे दबाने की कोशिश की फिर अपनी रफ़्तार बहुत ही ज्यादा तेज कर दी. दादी की चिल्लाहट सुन का मम्मी जो अब चाची की गांड मार रही थी रुक गयी. बोली बेटी थोडा आराम कर वरना कोई आ जायेगा. इतने में दरवाजे की घंटी बजी और सब सकते में आ गए. सब मर्दो ने साड़ी पहन रखी थी और कोई इतनी जल्दी साड़ी उतर कर अपने कपडे नहीं पहनने वाला था. हिम्मत कर के मैं ऐसे ही दरवाजे की के होले से देखा और मैं खुश होगया. मैंने दरवाजा खोल दिया और मेरी दादी, चाची और मम्मी की जान आफत में आ गई.
सामने मेरे मामा थे जो एक पाकेट ले कर दरवाजे पर खड़े थे. मेरे मामा का मुझ से शारीरिक सम्बन्ध था जो मैंने अपनी दसवी की परीक्षा की दौरान बनाया था. ये बात किसी और को नहीं मालूम थी की मेरे मामा भी साड़ी पहनने में महारथी हैं. सब मर्दों को साड़ी में पूर्ण श्रृंगार में देखते ही मेरे मामा का खड़ा होने लगा. मैं झट से दरवाजा लगाया और उनकी पैंट उतर कर चूसने लगा. ये देख कर बाकी लोग की जान में जान आई. मैंने कहा की मैं भी किसी और को अपने खेल में शामिल करना चाहता था.. पर समझ नहीं आया की आप मानेंगे या नहीं .. इसीलिए मामा को ही बुला लिया. अब तो हम सब गोला बना कर भी एक दुसरे की गांड मार सकते हैं.. पर पापा ने कहा नहीं, ये नहीं हो सकता.. दादी और चाची के साथ मैं और मामा भी सन्न रह गए.. फिर पापा ने जोड़ा.. जब तक ये मर्दों के ड्रेस में है ये नहीं हो सकता…साली को साड़ी में चोद सकता हूँ मैं.. इतना सुनते ही मामा ने साथ लाया पाकेट फाड़ा और १० जोड़ी साड़ी का सेट दिखाया. अब तो सबने अपने कपडे बदले और नयी साड़ी पहनी. नयी साड़ी की बात ही कुछ और होती है, ये तो मुझे नयी साड़ी पहें की ही पता चली. इसके बाद मैं चाची का लिंग पकड़ लिया. उनका लिंग तो ७ इंच का था.. मेरे मूंह में पूरा नहीं आ रहा था.. थोड़ी देर चूसने के बाद देखा… मामी मेरी मम्मी के साड़ी के साथ खेल रही थी.. उनका सर मेरी मम्मी की साडी में था.. मेरी मम्मी मेरी दादी का चूस रही थी. तभी मेरी साड़ी में हलचल हुई और मैंने देखा मेरी साड़ी, साया उठा कर मेरी पैंटी नीचे करने वाली मेरी मामी है. मामी मेरा लिंग चूसने लगी और दादी मामी का.. फिर हम लोग एक गोल बना कर खड़े हो गए, इस बार मैं अपनी दादी का और दादी मेरी मम्मी की गांड मार रही थी. मेरी मम्मी अपनी साली का और उनकी साली यानी मेरी मामी मेरी चाची की गांड मारने के लिए तैयार थी.क्या नजारा था.. पांच औरतें नयी साड़ीयों में एक दुसरे में सामने के लिए तत्पर हुए जा रही थी.. थोड़ी देर में सब झड गए.. सबने कहा की बहुत मजा आया.. अब हर बार किसी नए लौंडे की गांड मारी जाये. मैंने कहा की आप लोग चिंता न करे.. ये काम मुझ पर छोड़ दे.. मेरे जो लोग ये कहानी पढ़ रहे हैं वो जरूर मुझे मेल कर के अपनी गांड देने आयेंगे. बस कुछ दिन और इंतज़ार कीजिये.
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