मलयाली आंटी ने मुठ मारते हुए पकड़ लिया Malyali Aunty ne muth marte huye pakad liya

मलयाली आंटी ने मुठ मारते हुए पकड़ लिया Malyali Aunty ne muth marte huye pakad liya, आंटी की चुदाई, आंटी चुद गई, आंटी को चोद दिया, आंटी की कामवासना, चुद्क्कड़ और सेक्सी आंटी, आंटी की चूत में लंड, आंटी की चूत की प्यास बुझाई. चूत में लंड डालकर आंटी को किया शांत, बड़े लंड से आंटी की चूत को चोदा.

यह बात उस समय की है जब मैं भिलाई में रह कर आईटीआई की ट्रेनिंग कर रहा था। मेरे आईटीआई का एक मित्र हमेशा अपने घर ले जाता और उसके घर वाले भी बहुत अच्छे से पेश आते थे। घर से दूर रहने के कारण परिवार के माहौल में बहुत अच्छा लगता था। मेरे दोस्त का एक भाई था, उसके पापा अच्छी नौकरी में थे। उनकी मम्मी भी बहुत अच्छी थी, जब भी घर जाता तो नाश्ता चाय के बगैर आने ही नहीं देती थी। मलयाली परिवार से होने के कारण खाने में ढेर सी अच्छी चीजें मिलती थी। टीवी देखने के नाम पर ही मेरा वहाँ जाना ज्यादा होता था क्योंकि उस समय मुझे फिल्मों का बहुत शौक था।

एक बार मेरे दोस्त के भाई की नौकरी के लिए उनके पापा और भाई को चार दिनों के लिए पूना जाना पड़ा। दोस्त ने मुझे तब तक के लिए अपने घर पर ही सोने के लिए कहा।

उस रात का खाना भी दोस्त के ही घर पर हमने खाया। दस बजे दोस्त सोने अपने बेडरूम में चले गया, मैं टीवी देखने के नाम पर ड्राइंग रूम में ही सोने के लिए रूक गया। रात के साढ़े ग्यारह बजे चैनल बदलते समय अचानक ही टीवी में ब्लू फिल्म आने लगी। मैं बहुत ही खुश हो गया क्योंकि मुझे ब्लू फिल्म देखने में बहुत ही मजा आता है। दस मिनट बाद ही मेरा लण्ड सनसनाने लगा। 

फिल्म में एक आदमी एक औरत की चूत को चाट रहा था और साथ ही में उसकी गाण्ड के छेद में अपनी एक उंगली डाल आगे पीछे कर रहा था। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैने चड्डी उतार दी और लंड को पकड़ के सहलाने लगा। थोड़ी ही देर में सारा माल मेज़ के ऊपर ही गिर गया।

मैं बाथरूम में गया और लंड साफ कर लिया। तभी मेरी नजर दोस्त की मम्मी की ब्रा और पैन्टी पर पड़ी। मुझे फिल्म का सीन याद आ गया मैंने पहले कभी दोस्त की मम्मी के बारे में ऐसा गन्दा ख्याल नहीं किया था। ब्रा और पैन्टी को छूते ही मेरा लंड फिर से तैयार होने लगा। ब्रा को सहलाते हुए आंटी को याद कर मैं मुठ मारने लगा। जोश में आंटी की सेक्सी तस्वीर मन में आने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मलयाली आंटी की मोटी गांड और मस्त बड़े बड़े दूध को याद करके मैं जोर जोर से मुठ मार ही रहा था कि आहट सी हुई पर जोश की अधिकता में मेरा माल आने ही वाला था और मैं अपने को रोक नहीं पाया और सारा माल आंटी की पैन्टी में ही निकल गया। तभी बाहर से बाथरूम का दरवाजा खुल गया आंटी शायद बाहर खड़ी थी अचानक ही वो अन्दर आ गई। मैं हड़बड़ा गया।

आंटी मेरा हाथ पकड़ कर बोली- यह क्या कर रहा था?

मेरी आवाज़ ही नहीं निकल पा रही थी, मैं नज़रें नीचे झुकाए थर-थर कांप रहा था। आँटी ने गुस्से में पैन्टी छीनते हुए कहा- मादरचोद, मेरी फ़ुद्दी को याद कर लौड़ा घोंट रहा था !

मैं लगभग रोते हुए बोला- मुझे माफ़ कर दो आंटी !

आंटी ने कहा- बाहर टीवी में ब्लू फिल्म तूने ही लगाई है न ? कैसेट कहाँ से मिली ?

मैं हकलाते हुए बोला- वो तो केबल पर !

और चुप हो गया।

आंटी ने ओ..ह्ह्ह... कहा और चुप हो गई। मेरा लौड़ा आंटी की बदन की गरमी को महसूस कर अब ऊपर-नीचे होने लगा था। मैं अभी तक नंगा था और आंटी अपने पैन्टी में लगे वीर्य की बूंदों को सूंघते हुए बोली- यह तूने मेरी पैन्टी को ख़राब किया है?

मैं इसे साफ़ कर देता हूँ आंटी !

और उनके हाथ से पैन्टी ले कर मैं उसे पानी में डुबा कर धोने लगा। आंटी मेरे हाथ पकड़ कर मुझे उसे धोने में मदद करते हुए बोली- जरा सी भी गन्दगी नहीं रहनी चाहिए !

और अपने बड़े बड़े दूधों को मेरे पीठ में रगड़ने लगी। मेरा लंड अभी भी नंगा था और पूरी तरह से तन कर तैयार हो गया था।

वो मुझसे बोली- लौड़े को हिलाने में बहुत मजा आता है क्या ?

मैं अ..ह.... ही कर पाया था। आंटी के झुके होने से उनके बड़े बाटलों की झलक साफ दिख रही थी। अब मैं भी नंगे होने के बावजूद उनके बाटलो को घूर रहा था। आंटी समझ गई और बोली- दूध को क्या घूर रहा है बे ?

मैं एक पल को सकपका गया और नजर नीचे कर ली।

तभी आंटी मेरे लौड़े को अन्डकोषों के नीचे से सहलाते हुए बोली- वाह... कितना मस्त है रे.. !

मेरा लंड जैसे सलामी मारता हुआ उनकी चूत के नीचे जा कर रूक गया। वो हाथों से मेरे लंड को सहलाने लगी और बड़बड़ाने लगी- मादरचोद, इतना मस्त लौड़ा है और तू घोंट-घोंट कर गिरा रहा है !

अब मेरे से बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था, मैं आंटी से लिपट गया और "अ..ह... आंटी मस्त लग रहा है" मेरे हाथ बिजली की तेजी से उनके शरीर को मसल रहे थे।

दो मिनट बाद ही आंटी अपने को कंट्रोल करते हुए मुझे खींचते हुए अपने बेडरूम की ओर ले चली। बेडरूम अन्दर से बंद कर वो अपने कपड़े उतारने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। चंद पलों में ही वो पूरी नंगी मेरे सामने अपने दूध को मसल रही थी। मैं उनकी गाण्ड से लेकर जान्घों तक पप्पियों की बरसात करने लगा। उन्होंने मेरे मुँह को अपनी चूत के पास किया और गरजदार लहजे में कहा- चूस.. इसे .... !

मैं यंत्रचालित सा उनके चूत की ओर झुकता चला गया। पहली बार चूत की मादक खुशबू मुझे मदहोश कर दे रही थी। मैं कस कर उनकी चूत को चूसते हुए उनकी गाण्ड को सहलाने लगा और जाने कब मेरा हाथ उनकी गांड के बीच की घाटी में घुस गया।

वो सिसकने लगी और मुझ पर झुकती हुई मेरे गांड को सहलाने लगी। उनके हाथ लगाने से मेरी हिम्मत बढ़ गई। मैंने एक उंगली उनकी गांड के छेद में घुसा दी और अन्दर बाहर करने लगा।

वो सी.. अह..ह... जान और जोर से छोड़ पूरा हाथ घुसा दे जान.... मेरी जान.... कह अपनी एक उंगली मेरे गांड के छेद में घुसाने लगी। मुझे अनायास ही असीम आनंद की अनुभूति होने लगी। एक हाथ से आंटी मेरी गांड में उंगली कर रही थी और दूसरे हाथ से वो लौड़े को पकड़ कर जोर जोर से हिला रही थी ....... मुझे बहुत मजा आने लगा। 20 मिनट यही चलता रहा फिर मैंने आंटी की चूत में लंड डाल दिया और उसे दनादन चोदने लगा, वो यायायाय्याया ह्ह्ह्हह्ह्ह्हा आआआअह्हह्हह्ह आआआअम्मम्मम्मम की आवाजें करने लगी। 

अब मैं झड़ने वाला था इसलिए मैंने आंटी से बोला कि आंटी माल कहां निकलना है मैं झड़ने वाला हूँ।

आंटी बोली - मेरी चूत में ही निकाल दे, मजा आ रहा है।

फिर मैंने अपना सारा लोलीपोप आंटी की चूत में ही डाल दिया, मैंने उस दिन आंटी की दो बार चूत को चोदा और एक बार गांड मारी, इसके बाद मेरा आंटी के घर सोना और आंटी को चोदना हर - दिन का काम बन गया...

झूठ बोलकर भाभी को रात में चोद दिया Jhuth bolkar bhabhi ko raat me chod diya

झूठ बोलकर भाभी को रात में चोद दिया Jhuth bolkar bhabhi ko raat me chod diya, भाभी की चुदाई, भाभी चुद गई, देवर ने भाभी को चोद दिया, देवर और भाभी की कामवासना, चुद्क्कड़ भाभी और सेक्सी देवर, भाभी की चूत में देवर का लंड, भाभी की चूत की प्यास बुझाई. भाभी की चूत में लंड डालकर किया शांत, बड़े लंड से भाभी की चूत को चोदा, अपने देवर के साथ सेक्स.

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रिंकू है और में आज एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ. वो रात का समय था और नीलू अपने मकान की बालकनी पर खड़ी होकर बाहर देख रही थी और उस समय उसका पति एक सप्ताह के लिए कंपनी के काम से बाहर गया हुआ था और उस समय फ्लेट में वो बिल्कुल अकेली बहुत बोर हो रही थी इसलिए थोड़ी देर बाहर खड़ी हो गयी थी. कमरे में डीवीडी चल रही थी, लेकिन उसका दिल पति के बारे में बहुत चिंतित था क्योंकि उसकी अभी नयी नयी शादी हुई थी और उसके साथ केवल 15 दिन बिताकर बाहर कम्पनी के किसी काम पर चले गये और केवल दो तीन दिन के लिए ही वो घर पर आते थे.

लेकिन नीलू का दिल अभी पूरी तरह भरा नहीं था, लेकिन अपने पति की मजबूरी की वजह से वो बिल्कुल चुप रह जाती थी और उसका दिन तो किसी ना किसी तरह बीत ही जाता था, लेकिन पूरी रात अकेले बिस्तर पर करवट बदलते ही गुजारनी पड़ती थी. दोस्तों इस समय वो मेक्सी पहने हुई थी. वो मेक्सी जालीदार थी और यह मेक्सी उसको उसके जीजा जी ने दी थी और जब भी मेरी निगाह उस मेक्सी की तरफ जाती तो मेरे सामने उसके जीजा की सूरत आ जाती थी क्योंकि वो 20 साल की थी और अभी अभी जवान होने लगी थी उसके बूब्स, गांड ने अपना आकार बदलना शुरू किया था और वो बहुत सेक्सी दिखने लगी थी.

वो इसी उधेड़ बुन में थी कि तभी उसके फ्लॅट के सामने एक स्कूटर आकर रुका, उसमे से आकाश का दोस्त अंकित उतर गया. अंकित को देखकर नीलू ने अपना मुहं दूसरी तरफ घुमा लिया क्योंकि उसे अंकित से बहुत नफ़रत थी क्योंकि वो जब भी आकाश के साथ उसके घर पर आता तो उसकी निगाह हमेशा उसके बदन पर ही घूमती रहती थी और अंकित को आज यह बात मालूम है कि आकाश इस समय अपने घर पर नहीं है.

यह यहाँ पर क्यों आ गया, में अभी इसे दरवाजे से ही वापस लौटा दूँगी, यह बात सोचकर वो दरवाज़ा खोलने लगी, तो वो दरवाजे पर आया और कहने लगा कि नमस्ते भाभी जी आप सोच रही होगी कि में इतनी रात को यहाँ पर क्यों आया? क्योंकि इस समय आकाश घर पर नहीं है, लेकिन मुझे आकाश ने ही भेजा है. तो आकाश का नाम सुनते ही नीलू ने उसे अंदर बुलाया और फिर उसने नीलू से कहा कि आकाश ने यह कुछ पैसे दिए है और एक कपड़ो का सेट मंगवाया है क्योंकि वो 12 दिन और बाहर रहेगा और मुझे भी कल सुबह पहुंचना है.

नीलू ने वो पैसे अपने पास रख लिए और फिर इतनी दूर से स्कूटर चला कर आया है तो यह बात सोचकर वो उसके लिए चाय बनाने किचन में चली गई और इधर अंकित बाहर बैठा बैठा सोच रहा था कि आज मौका बहुत अच्छा है और अगर में आज की रात उसको कुछ भी नहीं कर पाया तो फिर में कभी भी कुछ भी नहीं कर सकता. फिर कुछ देर बाद नीलू चाय बनाकर ले आई और अंकित चाय पीने लगा, लेकिन वो दोनों एकदम चुप थे और अंकित चुपचाप मन ही मन में सोच रहा था कि अगर यह मुझे रुकने को कहेगी तभी में यहाँ पर रुकूँगा नहीं तो में चला जाऊंगा और फिर तक़दीर का खेल देखो कि नीलू को अंकित पर दया आ गयी और वो मन ही मन सोचने लगी कि वो अब इतनी रात को कहाँ जाएगा. में इसे यहीं पर रोक लेती हूँ, इसलिए एक बार कहकर देखती हूँ.

तभी वो अपनी चाय खत्म करके बोला कि अच्छा भाभी जी में अब चलता हूँ, रात बहुत हो चुकी है और मुझे खाना भी खाना है, वर्ना बाहर सब होटल बंद हो जायेंगे क्योंकि मेरी पत्नी अपने मायके गई हुई है इसलिए मुझे होटल में जाना ज़रूरी है. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। नीलू ने थोड़ा मुस्कुराते हुए कहा कि क्यों आप यहीं पर खाना खाकर जाइए ना? तो वो बोला कि नहीं नहीं मेरी वजह से आप क्यों तकलीफ़ करेंगी? तो नीलू कहने लगी कि इसमे तकलीफ़ कैसी खाना तो बना हुआ रखा है, में गरम कर देती हूँ और आप खा लीजिए. तो अंकित बोला कि ठीक है और फिर जैसी आपकी मर्ज़ी, आप इतना कहती है तो में रुक जाता हूँ.

वो मन ही मन अब बहुत खुश था क्योंकि उसे आज इसी मौके की बहुत दिनों से तलाश थी और वो अब उसे मिल गया. फिर नीलू ने उसे जगह बताते हुए कहा कि आकाश के नाईट कपड़े वहां पर रखे हुए है और आप उनके रूम के जाकर बदलकर हाथ मुहं धोकर आ जाईएगा और जब तक में आपके लिए खाना गरम करती हूँ. अंकित ने अब आकाश के नाईट कपड़े पहने और जल्दी से हाथ धोकर बाहर आ गया. फिर उसने खाना खाया और फिर जाकर लेट गया, लेकिन उसे अब बिल्कुल भी नींद नहीं आ रही थी और उसके सामने रह रहकर नीलू का चेहरा घूमता हुआ दिखाई दे रहा था. तभी वो करीब आधे घंटे के बाद उठकर खड़ा हुआ और फिर दरवाज़ा खोलकर बाहर आने लगा और तभी उसने सामने की तरफ देखा तो ठीक उसके सामने नीलू खड़ी हुई थी.

वो उस समय उसे वहां पर पाकर एकदम चकित सा रह गया और फिर एकदम से बोल पड़ा कि भाभी आप? फिर नीलू थोड़ा मुस्कुराकर बोली कि में क्या करूँ मुझे नींद ही नहीं आ रही थी इसलिए में बाहर आ गई. तो उसकी मुस्कुराहट का मतलब अंकित अब पूरी तरह से समझ चुका था और वो झट से बोला कि हाँ नींद तो अकेले में मुझे भी नहीं आ रही है और यह बात कहकर अंकित ने नीलू को ज़ोर से अपनी बाहों में भरकर चूमने लगा.

नीलू उसकी इस हरकत से डर गई और वो अब उसका विरोध करते हुए बोली कि यह क्या कर रहे हो. छोड़ो मुझे और नीलू ने उसका बहुत विरोध किया, लेकिन वो तो काम वासना में पूरी तरह डूब चुका था. उसने नीलू को पूरी तरह से अपनी बाहों में जकड़ लिया और कहने लगा कि भाभी में तो अब तक समझता हूँ कि तुम ऊपरी मन से यह सब कह रही हो और यह बात कहकर अंकित ने नीलू को अपनी बाहों में भरकर अपने सुलगते हुए होंठ उसके गुलाब की पंखड़ियों पर रख दिए और उसका रस चूसने लगा और उसके धधकते हुए होठों का स्पर्श होते ही नीलू एकदम से सिहर उठी और उसने अंकित की मजबूत बाहों से छूटने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो नाकामयाब ही रही.

अब अंकित धीरे धीरे आगे बढ़ता गया. अब अंकित उसके होठों को चूमते चूमते उसकी गर्दन को चूमता हुये अपने सुलगते होंठ उसके सीने के उभार पर रख दिये. उसके होठों का स्पर्श पाते ही नीलू का मन मचल गया और वो कराह उठी और वो बोल उठी कि अब क्या मुझे मार ही डालोगे? तो अंकित बोला कि हाँ आज में तुम्हे मार ही डालूँगा. तुमने मुझे बहुत समय से तड़पाया है और यह कहकर अंकित अपने दाँतों से नीलू के नाजुक अंगों को काटने लगा. नीलू उसी बीच एकदम उत्साहित हो उठी और उसकी मेक्सी की डोरी को कब अंकित ने पकड़कर खोल दिया उसे पता ही नहीं चला. वो अब बिल्कुल मदहोश हो चुकी थी और अब नीलू एकदम नंगी हो चुकी थी और मोन कर रही थी.

अंकित उसके दूधिया बदन को अब बहुत ध्यान से देखने लगा क्योंकि ऐसा नाज़ुक, मुलायम बदन उसने अब तक कभी नहीं देखा था. वो नीलू को जगह जगह चूमने लगा और वो कभी उसके बूब्स को चूम लेता तो कभी उसकी निप्पल को सहला देता. कभी बीच बीच में वो पूरा उभार अपने मुहं में समाने की कोशिश करता, लेकिन नीलू के बूब्स संतरे के समान के थे जो उसके मुहं में समा ही नहीं रहे थे और अब उसके मुहं से लार गिरने लगी और फिर वो दोनों हाथों से नीलू के बदन को मसलने लगा. अब तो नीलू पूरी तरह बेबस हो गयी थी और उसने अब विरोध करना भी छोड़ दिया था. दूसरे ही पल अंकित ने उसे अपनी बाहों में उठा लिया और पलंग पर लाकर लेटा दिया और खुद भी नंगा होकर उसके ऊपर झुक गया. नीलू बहुत दिनों से प्यासी थी जिसकी वजह से वो बिल्कुल नग्न होकर अंकित की हरकतों का मज़ा लेने लगी और अंकित अपनी जीभ से उसके सारे बदन को चाटने, चूमने लगा.

अंकित उसके हृष्ट पुष्ट संतरे जैसे बूब्स को चूस चूसकर अब बहुत थक चुका था. वो धीरे धीरे नीचे की तरफ खिसकने लगा और उसकी मदहोश कर देने वाली जांघो पर आ पहुँचा. उसने उस पर दो तीन दीर्घ चुंबन रसीद कर दिए. फिर वो उन टांगों को चाटते चाटते जांघो के बीच अपना मुहं घुसाकर नीलू की चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा. उसे उसकी चूत का नमकीन सा स्वाद लगा और उसे जोश के साथ साथ अब बहुत मस्ती आने लगी वो और ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभ को अंदर की तरफ घुमाने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। दोस्तों नीलू की चूत इस सुख से पहली बार परिचित हो रही थी इसलिए वो उससे कुछ कह नहीं सकी और वो अंकित की इस हरकत से इतनी उत्तेजित हो रही थी कि वो उसी उत्तेजना में अपना सारा बदन उछालने लगी और उसके मुख और साँसों से गरम गरम हवा बाहर निकालने लगी. अंकित रसिया था और वो एक रसिक की तरह नीलू के अंगों में प्यार जगा रहा था और नीलू गरम होती जा रही थी.

तभी वो बोली कि प्लीज़ अब बस करो मुझसे और सहा नहीं जा रहा है, अंकित ने अब यह बात सुनकर चाटना एकदम से बंद कर दिया और अपने लंड को एक हाथ से पकड़कर नीलू की चूत के ऊपर रगड़ने लगा जिसकी वजह से नीलू तड़प रही थी और वो प्लीज़ आह्ह्ह्हह अब बस करो, आहह सीईईइईई करने लगी. अंकित ने उसके दोनों पैरों को फैलाया और थोड़ा सा झुककर एक हल्का सा धक्का सा मार दिया और फिर लंड चूत में जाते ही नीलू आईईससस्स उह्ह्ह्ह माँ मर गई कर उठी और अंकित ज़ोर ज़ोर से धक्के पे धक्के लगाने लगा और उसके हर एक धक्को पर वो आईईईहह आआआआहह करने लगी क्योंकि ज़िंदगी में उसे ऐसा सुख कभी नहीं मिला था.

फिर करीब पंद्रह मिनट तक धक्कों का प्रहार करते ही नीलू ने अपने दोनों पैरों को अंकित की कमर पर फंसा दिया और वो भी अब नीचे से धक्के मारने लगी और वो दोनों एक दूसरे को झूला झूलाने लगे. वो दोनों चरम पर थे कि तभी अचानक अंकित झड़ गया और गरम गरम सा एक झोंका नीलू को अपनी चूत में महसूस हुआ और अंकित ने गरमा गरम लावे से नीलू की चूत को भर दिया. नीलू अंकित को चूमने लगी और कहने लगी कि अंकित आज पहली बार में पूरी तरह से संतुष्ट हुई हूँ.

वो कहने लगा कि भाभी मेरा दिल अभी भरा नहीं है. तो वो बोली कि तुम्हे रोका किसने है, लेकिन मुझे तो अभी बहुत भूख लगी है, में कुछ खा लेती हूँ और उसके बाद हम प्यार करते है और इधर अंकित ने स्कॉच की बॉटल निकाली और पीने लगा और नीलू चखना लेकर पास में बैठ गयी. थोड़ी देर बाद अंकित ने नीलू को फिर से अपनी बाहों में भरकर बिस्तर पर लेटा दिया और अबकी बार उसने सहलाना, पुचकारना छोड़ दिया, फिर भी उसने नीलू को अपनी बाहों में लेकर अपने सुर्ख होंठ उसके होंठो पर रख दिए और चुंबन का आदान प्रदान करने लगा और फिर दोनों हाथ से उसके कठोर बूब्स को दबोचने लगा, जिसके कारण नीलू के मुहं से आह उह्ह्हह्ह की आवाज निकलने लगी.

अंकित को अबकी बार तो स्कॉच का नशा पूरी तरह चढ़ गया था और इसके कारण उसका लंड पहले से फुकारे मारने लगा और दूसरे ही पल अंकित नीलू पर सवार हो गया और उसने एक ही निशाना लगाकर एक ही धक्के में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया फ़क्कककक और फिर ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और अब के प्रहार में नीलू को कुछ वजन लग रहा था और फिर भी उसे उस चुदाई में पहले से अधिक आनंद मिल रहा था और साथ ही साथ उसे दर्द भी बहुत हो रहा था.

बीच बीच में अंकित रुक जाता और फिर स्कॉच के दो तीन पेग मारकर वो वापस आया. वो अपनी मंज़िल की तरफ दौड़े जा रहा था और कुछ ही पलों में वो अब रुक गया और बिल्कुल निढाल हो गया. उसकी साँसें बहुत तेज़ हो गयी और करीब चार पांच बार चूत के अंदर बाहर करने से अब नीलू भी बहुत थक चुकी थी और उसके बदन का एक एक अंग थक गया था. फिर वो नीलू को ज़बरदस्ती चोदने लगा. नीलू ने उसके सामने बहुत हाथ पैर जोड़े, लेकिन उसके ऊपर उसकी बातों का कुछ भी असर नहीं हुआ जिसकी वजह से नीलू ने अब अपना शरीर बिल्कुल ढीला छोड़ दिया, लेकिन अंकित ने जैसे ही अपना मोटा और लंबा लंड बाहर निकालकर फिर से नीलू की चूत में प्रवेश कराया नीलू दर्द से एकदम करहाने लगी, शराब के नशे से अंकित का लंड बहुत कठोर हो गया था और अब वो उसकी गद्देदार चिकिनी चूत पर जोरदार धक्के लगाने लगा. नीलू से सहन नहीं हो रहा था और अंकित आज उसको एक अलग तरीके से चोदना चाहता था.

उसने नीलू से कहा कि मेरे पास एक तरीका है उससे तुम्हे दर्द बिल्कुल भी नहीं होगा और में एक अलग आसन से तुम्हे चोदना चाहता हूँ और अब तुम मेरी बात मान लो तुम्हे तकलीफ़ नहीं होगी. दोस्तों नीलू सब कुछ समझती थी कि अंकित को चूत चोदने की बहुत सारी कला आती है इसलिए वो अंकित से बोली कि तुम्हे जैसा अच्छा लगे वैसा करो और यह बात सुनकर उसने नीलू को पेट के बल लेटा दिया जिसकी वजह से नीलू का मुहं नीचे और पीठ ऊपर हो गयी और अब अंकित पीछे से नीलू की चूत में अपने लंड से जोरदार प्रहार करने लगा, लेकिन अब नीलू को पहले जैसा दर्द नहीं हो रहा था और अंकित अपनी मनमानी करने में लगा हुआ था.

तभी उसे एक शरारत सूझी और पीछे से करते करते वो कभी कभी नीलू के दोनों चूतड़ के बीच के छेद पर भी अपना मोटा और लंबा लंड छुआ देता और एक दो बार ऐसा स्पर्श किया, लेकिन नीलू कुछ नहीं बोली. अंकित अब जान गया कि अब उसे क्या करना है और वो उसकी गांड के छेद में भी अपने लंड को घुसाने का प्रयास करने लगा और एक बार थोड़ा थोड़ा, करते करते उसने ज़्यादा ही लंड उसकी गांड में घुसा दिया. नीलू एक बार ज़ोर से चीखी और फिर कुछ देर के बाद मना करने लगी तो अंकित बोला कि ग़लती से गांड के छेद में घुस जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, लेकिन अंकित यह सब ग़लती से नहीं करता था बल्कि यह उसकी एक सोची समझी साजिश थी.

अब उसने मुहं से ढेर सारा थूक निकाला और अपने लंड पर लगाकर थोड़ा पीछे हटकर एक ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से नीलू एकदम से कांप उठी. उस कठोर लंड के उसकी नाज़ुक गांड के अंदर जाते ही वो बहुत ज़ोर से रोने लगी और उसने अंकित को ऐसा करने से मना किया, लेकिन वो तो वासना के नशे में चूर था. दूसरी बार उसने धक्का मारा, लेकिन नीलू से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एकदम से पलटकर ज़ोर का धक्का दिया तो अंकित नीचे गिर पड़ा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर अंकित उठा और बोला कि मेरा लुंड चुसो लेकिन नीलू नहीं मानी और उसने अंकित को अब आगे कुछ भी करने से इंकार कर दिया. नीलू बहुत घबराई सी अपने कमरे में जाकर सो गयी.

फिर वो सुबह उठी तो देखा की अंकित अपने कमरे में नहीं था. केवल वहां पर एक चिट्ठी पड़ी हुई थी जिसमे लिखा हुआ था कि भाभी वो दो हज़ार रुपये आकाश ने नहीं भेजे थे, वो मेरे रुपये थे और तुम्हे पाने के लिए मैंने यह एक चाल चली थी. में तुम्हारी जवानी को एक बार पाना चाहता था और में तुम्हारे पास ना जाने कैसे आ गया, प्लीज तुम मुझे माफ़ कर देना. तभी नीलू के हाथों से वो चिट्ठी नीचे ज़मीन पर गिर पड़ी और वो एकदम भौंचक्की रह गयी और मन ही मन बड़बड़ाने लगी कि मेरी चुदाई करके तुमने मुझे बहुत खुश किया परन्तु तुम जो करना चाहते थे वो मैं नहीं कर सकती हूँ, मुझे माफ़ करना....

बॉयफ्रेंड समझ कर रात में ट्यूबवेल पर चुदी Khet me tyubvel par raat me chudai

बॉयफ्रेंड समझ कर रात में ट्यूबवेल पर चुदी Khet me tyubvel par raat me chudai, लाल चूत की चुदाई, अनजाने में चुद गई, अनजान आदमी ने धोखे से चोद दिया, लड़की की कामवासना, चुद्क्कड़ औरत और सेक्सी आदमी, रात में महिला की चूत में किसी और का लंड, लुगाई की चूत की प्यास बुझाई. चूत में लंड डालकर लड़की को किया शांत, बड़े लंड से गर्ल की चूत को चोदा.

हैल्लो दोस्तों, वैसे यह मेरी पहली कहानी है, लेकिन में फिर भी उम्मीद करता हूँ कि यह रोचक जोश भरी कहानी आप सभी को जरुर पसंद आएगी और अब में अपनी आज की कहानी को शुरू करता हूँ. मेरा नाम अमृत है और आज में आप सभी को अपनी एक मस्त चुदाई की घटना बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने उस काली रात में लाल चूत को चोदा और बहुत मज़े किए. जब एक रात को में अपने ट्यूबवेल पर लाईट आने की इंतजार कर रहा था और वहां पर में एक चारपाई पर लेटा हुआ था, तभी अचानक मुझे पता नहीं कि कब मेरी आँख लग गई. फिर कुछ देर के बाद करीब रात के 11 बजे मुझे अपने गाल पर कुछ हलचल सी महसूस हुई.

में कुछ देर गहरी नींद में होने की वजह से उसे सिर्फ मेरा एक भ्रम समझकर चुपचाप लेटा रहा. मैंने कोई भी हलचल नहीं की, लेकिन जब मेरी नींद खुली और फिर में एकदम से उठा और मैंने देखा कि मेरे सामने एक लड़की, जिसका नाम रीना था वो बैठी हुई थी. रीना हमारे गावं की एक सबसे सुंदर लड़की थी. उसकी उम्र करीब 20 साल की होगी और उसके बूब्स का साईज़ 34-28-36 होगा. वो दिखने में एकदम हॉट सेक्सी माल था और उसे हमारे यहाँ के सभी लड़के चोदना चाहते थे, लेकिन वो हर किसी को देखती भी नहीं थी, लेकिन अपने उस सेक्सी जिस्म को सभी को दिखाकर अपने अपने लंड हिलाकर मुठ मारने पर जरुर मजबूर किया करती थी. उसके हुस्न के बहुत सारे दीवाने थे, जो उसे एक बार जरुर चोदना चाहते थे.

दोस्तों असल में वो उस समय वहां पर अपने बॉयफ्रेंड से मिलने आई थी. उनका आज रात को हमारे ट्यूबवेल पर मिलने का प्लान था क्योंकि यहाँ पर एक चारपाई हमेशा बाहर ही पड़ी रहती है और जब में सो रहा था तो उस समय बहुत अँधेरा था और फिर रीना ने मुझे सोता हुआ देखकर सोचा कि में उसका बॉयफ्रेंड हूँ और इसलिए उसने मुझे किस कर लिया, लेकिन उसी समय उसको पता चल गया कि में कोई और हूँ और अब वो एकदम से बहुत डर गई.

मैंने उससे पूछा कि तुम यहाँ पर क्या करने आई हो? तो वो मुझसे बिना कुछ कहे ज़ोर ज़ोर से रोने लगी. मैंने उससे कहा कि तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो और में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर उसने कुछ देर बाद बताया कि में यहाँ पर सन्नी से मिलने आई थी और उसने मुझे यहाँ पर मिलने बुलाया था. मैंने उसका हाथ पकड़ा और उसे बैठने को कहा तो वो अब भी ज़ोर ज़ोर से रो रही थी. अब मैंने उससे कहा कि तुम बिल्कुल भी मत डरो में किसी को कुछ नहीं कहूँगा और वो अब मेरे पास बैठ गई

कुछ देर के बाद जब वो एकदम शांत हुई तो उसने मुझे बताया कि वो उससे एक बार पहले भी यहाँ पर मिल चुकी है, लेकिन चूमने चाटने, बूब्स को दबाने के आलावा उन्होंने कुछ नहीं किया था क्योंकि सन्नी का डर की वजह से खड़ा ही नहीं हुआ था. फिर मैंने उससे तुरंत कहा कि क्या तुम मेरे साथ वो सब करना चाहोगी? तो उसने मुझसे साफ मना कर दिया, लेकिन मेरे थोड़ा ज़ोर देने पर उसे बहुत देर तक समझाने पर वो अब ना जाने कैसे मान गई? अब मैंने उसे सन्नी को फोन करने को कहा और उससे कहा कि तुम उसको बोल दो कि में आज नहीं आ सकती और अब उसने ऐसा ही किया जैसा मैंने उससे कहा था.

मैंने उसके लाल लाल होंठो पर अपने होंठ रख दिए और अब धीरे धीरे चूसने लगा. वो भी कुछ देर बाद मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. मैंने अब उसको अपनी बाहों में भर लिया तो उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया. दस बारह मिनट उसके होंठ चूसने के बाद में उसके कान, गाल और उस गदराए बदन पर किस करने लगा. वो मुझसे अब और भी चिपकती गई और अब वो आह्ह्ह्हह आईईईईईइ उफ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी और ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी. अब मैंने एकदम सही मौका देखकर उसकी कमीज़ को उतार दिया और अब में उसके बूब्स को बिल्कुल बाहर मेरे सामने देखकर पागल सा हो गया और में उन पर टूट पड़ा और उन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाने, मसलने लगा. वो भी अब जोश में पूरी तरह पागल हो रही थी. तभी उसने अपनी ब्रा को ऊपर कर दिया और मेरा सर पकड़कर अपने बूब्स पर रख दिया.

तो में भी अब उस मस्ती में उसके वो रसीले बड़े बड़े बूब्स को चूसने, दबाने लगा, लेकिन अब मेरा लंड खड़ा होकर मेरी पेंट को फाड़ने को तैयार हो रहा था, मैंने बूब्स दबाने चूसते समय उसका एक हाथ पकड़ा और मैंने उसे जल्दी से अपने लंड पर रख दिया. तो वो कुछ देर मेरे लंड की गरमी को महससू करने लगी उसको बहुत धीरे धीरे सहलाने लगी और में अब उसके वो रसभरे बूब्स चूस रहा था दबा रहा था मेरा मुहं उसके एक बूब्स पर, एक हाथ उसके बूब्स पर और मेरा दूसरा हाथ उसकी सलवार में उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी प्यासी चूत पर घुमने लगा. अब तक इस बात का फायदा उठाते हुए उसने मेरी पेंट को खोल दिया और मेरी अंडरवियर को भी नीचे कर दिया और मेरा पूरा लंड अपने हाथ में ले लिया. तो मैंने भी उसकी सलवार को खोल दिया और उसकी गीली पेंटी पर किस किया, लेकिन कुछ देर के बाद उसे भी उतार दिया.

फिर मैंने देखा कि उसकी चूत बिल्कुल साफ थोड़ी उभरी हुई थी. शायद उसने आज ही अपनी चूत के बालों को साफ किया था. में अब उसकी उस प्यारी सी कामुक चूत को देखकर और भी जोश में आ गया और में उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ फेरने लगा. मेरी जीभ का स्पर्श अपनी चूत पर होते ही वो अब तड़पने लगी और बिना पानी की मछली की तरह मचलने लगी.

मैंने उसको 69 पोजीशन में ले लिया और उससे अपना लंड चूसने को कहा. उसने पहले तो साफ मना किया, लेकिन मेरे बहुत ज़ोर देने पर वो मेरे लंड को किस करने लगी और चाटने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। इधर में उसकी वो गीली चूत चाटने, चूसने लगा और अब में अपनी जीभ को चूत के अंदर बाहर करने लगा. उसने भी अब तक मेरा लंड थोड़ा सा मुहं में ले लिया था और फिर उसको ऐसा करना शायद अब अच्छा लगा तो उसने लंड को पूरा मुहं में ले लिया और चूसने लगी और इधर में उसकी चूत को जोश में आकर बहुत मस्त होकर चाट रहा था और चूस रहा था, लेकिन कुछ देर चूसने के बाद अब उसका पूरा शरीर अचानक से अकड़ने लगा और में समझ गया कि इसकी चूत का पानी अब निकलने वाला है.

में अब और भी ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा जल्दी ही उसकी चूत का वो नमकीन सा पानी मेरे मुहं में आने लगा तो मैंने उसकी चूत को चाट चाटकर पूरी तरह से साफ कर दिया. वो मेरे सामने बिल्कुल निढाल होकर पड़ी हुई थी और में बस उसकी चूत को चाटे जा रहा था. वो अपनी चूतड़ को उठा उठाकर मुझसे अपनी चूत चटवाकर एकदम साफ करवा रही थी. फिर में कुछ देर बाद चूत को अच्छी तरह से साफ करके उठा और अब में उसके बूब्स को चूसने लगा. में उनको बहुत ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा और मेरे कुछ देर तक ऐसा करने की वजह से वो एक बार फिर से गरम हो गई और फिर वो मुझसे बोली कि प्लीज अब तुम्हे जो भी करना है करो, लेकिन जल्दी करो. में अब और नहीं सह सकती. प्लीज मेरी चूत में जल्दी से अपना लंड डालकर मुझे चोदकर वो मज़ा दो जिसके लिए में अब तक बैचेन हूँ.

फिर मैंने उसकी पूरी बात सुनकर उसको जल्दी से नीचे लेटाया और अब में उसके दोनों पैरों के बीच में आ गया. मैंने अपना लंड एक हाथ में पकड़ा और फिर उसकी चूत के दाने के आसपास फेरने लगा और थोड़ा अंदर बाहर करने लगा, जिसकी वजह से वो एकदम से तड़पने लगी और मुझसे बोली कि प्लीज अब डाल भी दो यार क्यों मुझे इतना तरसा रहे हो? अब मैंने अपने लंड पर थोड़ा सा ज़ोर लगाया तो मेरा थोड़ा सा लंड उसकी चूत में चला गया और उसके मुहं से बहुत ज़ोर से आाईईईईईई आह्ह्ह्हह्ह मर गई मम्मी की आवाज़ निकली और वो अब दर्द से छटपटाने लगी, लेकिन मैंने उसके दर्द पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया.

मैंने जब दूसरा ज़ोर का झटका मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया और वो ज़ोर ज़ोर से चीख चीखकर रोने लगी. मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ रख दिया और अब दोबारा एक ज़ोर से झटका मारा तो मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी तड़पती, मचलती हुई चूत में फिट हो गया और उसकी चूत से खून बाहर आने लगा. में कुछ देर ऐसे ही रहा, लेकिन जब वो पूरी तरह से शांत हो गई तो में धीरे धीरे झटके मारने लगा.

अब मैंने महसूस किया कि वो भी नीचे से झटके मारने लगी थी और वो आहह्ह्हह्ह्ह्ह मर गई मम्मी उह्ह्ह्हह्ह थोड़ा और ज़ोर से करो हाँ और अंदर डालो उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी. मैंने उसको उठाया और खड़ा करके उसके एक पैर को उस चारपाई पर रखकर चोदने लगा. वो मुझे अपनी बाहों में लेकर खुद भी झटके मारने लगी. कुछ समय खड़े खड़े चुदाई करने के बाद में लेट गया और उसको अपने ऊपर आने को कहा. वो अब मेरे लंड पर बैठकर ऊपर नीचे होने लगी और आईईईई मम्मी मर गई आहहह्ह्हह उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ करने लगी, लेकिन दोस्तों वो इस बीच दो बार झड़ चुकी थी और अब मेरा भी काम पूरा होने वाला था. मैंने एक बार फिर से उसको सीधा लेटा दिया और ऊपर से लंड उसकी चूत में डाल दिया और अब में उसे ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा.

दो मिनट के धक्को के बाद मैंने उससे पूछा कि में अपना वीर्य कहाँ पर निकालूँ? तो उसने मुझसे कहा कि आप मेरी चूत के अंदर ही निकाल दो, में उसको महसूस करना चाहती हूँ और करीब 10-15 झटकों के बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया और मेरे साथ ही वो भी झड़ गई. मेरे और अब उसका पानी उसकी चूत से निकलकर उसकी गांड की दरार से होकर नीचे टपक रहा था. मैंने उसकी चूत को साफ किया और उसने मेरे लंड को साफ किया. इतने में लाईट भी आ गई थी.

मैंने मोटर चलाई और उसको साथ लेकर टंकी जिसमे मोटर का पानी गिरता है उसमे नहाने लगा. में अब पानी के बीच उसके बूब्स को चूसने लगा. मुझे यह सब करने से बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मैंने उसको टंकी की एक साइड पर बैठाया और मैंने एक बार फिर से लंड उसकी चूत में डाल दिया और अब वो आहह्ह्ह्हह्ह उह्ह्ह्हह्हहह मर गई आईईईई हाँ और ज़ोर से चोदो मुझे कर रही थी. मैंने उसको फिर से टंकी के बीच में ही घोड़ी बना लिया और फिर पीछे से अपना लंड डाल दिया. जिसकी वजह से अब पानी उनकी चूत से एक इंच नीचे तक था और उसके बूब्स भी पानी में पूरी तरह डूबे हुए थे और दस मिनट ऐसे ही चोदने के बाद हम एक बार फिर से उस चारपाई पर आ गये.

अब वो मेरे ऊपर बैठकर खुद अपनी चूत में मेरा लंड ले रही थी. में बस उसकी कमर को पकड़कर उसको सहारा दे रहा था. वो अब मेरे लंड पर लगातार उछल रही थी और मेरा लंड उसकी चूत की गहराईयों में जाकर उसकी बच्चेदानी को छू रहा था. उसको ऐसा करने में बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ समय के बाद मैंने उसको सीधा लेटा दिया और अब में उसके ऊपर आकर उसे चोदने लगा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। करीब दस मिनट धक्के देने के बाद हम दोनों एक बार फिर से एक साथ झड़ गये. दोस्तों वो अब तक पांच बार झड़ चुकी थी और अब बहुत थक भी चुकी थी जब मैंने टाईम देखा तो उस समय रात के दो बज रहे थे.

वो मुझसे बोली कि मुझे अब अपने घर पर जाना है. फिर हम दोनों एक बार और पानी के अंदर गये और साथ साथ नहाकर बाहर आए. उसने जल्दी से कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और अब में उसको उसके घर पर छोड़ने चला गया. वैसे उसका घर पास ही था तो चलते समय रास्ते में उसने मेरा मोबाईल नंबर ले लिया और अपने घर के पास जाकर उसने मुझे किस किया और फिर चली गई, लेकिन उसके बाद भी अक्सर हम मिलते और चुदाई करते है. मैंने उसको बहुत बार चोदा और उसने मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया. मैंने उसके उस रात के बाद भी बहुत बार अपने खेत पर तो कभी अपने और कभी उसके घर पर चोदा.

कोचिंग टीचर को स्कूल के ग्राउंड में चोदा Teacher Ki Chudayi ho gayi raat ke samay

कोचिंग टीचर को स्कूल के ग्राउंड में चोदा Teacher Ki Chudayi ho gayi raat ke samay, कोचिंग टीचर की चुदाई, कोचिंग टीचर चुद गई, कोचिंग टीचर को चोद दिया, कोचिंग टीचर की कामवासना, चुद्क्कड़ और सेक्सी कोचिंग टीचर, कोचिंग टीचर की चूत में लंड, कोचिंग टीचर की चूत की प्यास बुझाई. चूत में लंड डालकर कोचिंग टीचर को किया शांत, बड़े लंड से कोचिंग टीचर की चूत को चोदा.

हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अनिल है। मेरी उम्र 24 साल है और में एक टीचर हूँ। वैसे मुझे सेक्स में बहुत गजब की दिलचस्पी है .. मुझे आंटी की चुदाई की कहानियाँ बहुत अच्छी लगती है और वो मेरा लंड खड़ा कर देती है और इसी कारण में कोई ना कोई रास्ता खोजता रहता हूँ कि कोई मिल जाए तो में उसकी जमकर चुदाई कर सकूँ और अधिकतर समय किस्मत से में सफल भी हो जाता हूँ। मुझे जवान कुंवारी लड़कियों का कोई शौक नहीं.. मुझे तो शादीशुदा और आंटीयां बहुत पसंद है और मुझे सिगरेट पीने का बहुत शौक है.. इसलिए में अपने घर वालों से छुपकर सिगरेट पीता हूँ और इसलिए में हमेशा अकेले में जाकर सिगरेट पीता हूँ.. किसी सुनसान जगह पर।

एक दिन मेरे छुपकर सिगरेट पीने से ऐसा ही कुछ हुआ.. उस रात को 9 बजे में सिगरेट लेकर एक ग्राउंड में चला गया। वो एक कॉलेज का ग्राउंड था और रात में वहाँ पर कोई भी नहीं आता जाता और वहाँ पर अंधेरा भी बहुत रहता है तो में वहाँ पर ग्राउंड के पास की कॉलेज की पुरानी बिल्डिंग के पास जाकर बाहर खड़ा होकर सिगरेट पी रहा था और मैंने सिगरेट ख़त्म की और फिर जाने के लिये मुड़ा ही था कि तभी मुझे किसी के हंसने की आवाज़ सुनाई दी और मेरा दिमाग़ ठनका कि इस वक़्त यहाँ पर क्या हो रहा है.. शायद हो सकता है कि कुछ बाहर के लड़के जुआ खेल रहे होंगे लेकिन फिर किसी लड़की की भी हंसने की आवाज़ आई और मुझे समझते देर नहीं लगी कि यहाँ पर चुदाई का प्रोग्राम चल रहा है। 

में तुरंत दबे पैर उस तरफ बढ़ा तो मैंने वहाँ पर देखा कि दो लड़के मोबाईल की टॉर्च जलाकर एक लड़की के साथ थे और वो उस लड़की को नंगी कर चुके थे और वो एक दूसरे से बहस कर रहे थे कि लेटाकर कैसे होगा.. यहाँ पर बहुत कंकड़ है और यह बड़े घर की लड़की है बिस्तर पर लेटने वाली तो दूसरा बोला कि अरे तो क्या हुआ चुदवाते वक़्त कंकड़ बिस्तर से ज़्यादा मज़ा देगा और वैसे भी कौन सा यह पहली बार यहाँ पर चुद रही है।
फिर मैंने सोचा कि अगर में अभी बीच में गया तो गड़बड़ ना हो जाए या यह कोई हथियार लिए हुए तो में क्या करूंगा? और फिर में थोड़ी देर वहीं पर रुका रहा। 

फिर उन लड़को ने अपने अपने कपड़े उतार कर ज़मीन पर बिछाए और उस पर लड़की को लेटाया और उनमे से एक लड़का उसके ऊपर लेटकर चूमने, चाटने लगा और बूब्स को दबाने लगा तो दूसरा बोला कि साले यहाँ पर इतना रोमांस मत कर.. जल्दी से चोदना शुरू कर.. क्योंकि फिर इसको घर भी छोड़ना पड़ेगा और कोचिंग तो कब की ख़त्म हो गई है तो में समझ गया कि यह लड़के अपनी क्लास की किसी लड़की को फंसाकर कोचिंग से चोदने के लिए लाए है और मैंने सोचा कि मेरी आज की चुदाई का इंतज़ाम हो गया और वैसे में नई लड़कियों को नहीं चोदता.. क्योंकि उन्हे चुदाई का ज्यादा अनुभव नहीं होता और वो चुदने में बहुत नाटक भी करती है लेकिन जब मुझे बहुत दिनों से कोई चूत मिल ही नहीं रही थी तो भला में क्यों जाने देता.. 

फिर मैंने थोड़ा इंतजार किया और देखने लगा और उस लड़की की बातें सुनकर मुझे लग रहा था कि जैसे वो लड़की इस जगह पर इन लड़को के साथ कई बार चुदवा चुकी है और दूर से उनकी आवाज सुनकर लगता था कि वो लड़की उन लड़को से उम्र में बड़ी लग रही थी और उस लड़के ने जो उसके ऊपर लेटा हुआ था.. उसने चोदना शुरू कर दिया था और जबकी दूसरा खड़ा होकर अपना लंड हिला रहा था.. वो लड़की हाँ और ज़ोर से चोदो सालो और चोदो हाँ चोदो आह्ह्ह्ह उह्ह्ह तो दूसरा लड़का बोला कि हरामी जल्दी से चोद वरना मेरा निकल जाएगा.. उस लड़के ने जल्दी जल्दी चोदा और उठ गया और जब दूसरे ने अंदर लंड डाल दिया तो मैंने सोचा कि अब जाना सही है.. क्योंकि जो एक बार चोद चुका है वो तो थक गया होगा.. अगर लड़ाई की नौबत आई तो मुक़ाबला हो जाएगा। 

तो मैंने एकदम से दौड़कर उनके पास जाकर बोला क्यों यह क्या हो रहा है तो जो एक लड़का खड़ा था वो भाग गया और वो दूसरा लड़का और लड़की अपने आप को कपड़े से ढकने लगे और मैंने फिर से कहा कि यह यहाँ पर क्या हो रहा था और फिर वो दोनों कुछ नहीं बोले.. बस वो लड़का बोला कि मेडम कपड़े पहनकर भागो। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मैंने कहा कि रूको मुझे कोई दिक्कत नहीं है और तुम लोग करो जो भी तुम्हे करना हो.. लेकिन मुझे भी एक बार हाथ धो लेने दो। तभी मेरी नज़र उस लड़की पर गई.. वो कोई 26-27 साल की लड़की थी और वो सलवार पहन चुकी थी तो मैंने उसका एक हाथ पकड़कर कहा क्यों कहाँ चली तो वो बोली कि छोड़ो मेरा हाथ.. मैंने कहा कि मेरे लंड में क्या काँटे लगे है? जो यह कह रही हो कि चलो.. अब मेरे भी नीचे आओ। 

तभी वो लड़का बोला कि मेडम मान जाओ प्लीज़.. तो मैंने पूछा कि यह कौन है तो वो लड़का बोला कि यह हमारी मेडम है और हमे कोचिंग पढ़ाती है और इतने में वो दूसरा लड़का भी आ गया तो मैंने कहा कि समझा इसे.. वरना में बताता हूँ और वैसे में उन लड़को से कदकाठी में बहुत मजबूत था तो मैंने कहा कि चलो अब जल्दी करो.. में बहुत देर से यह नाटक देख रहा हूँ और कोचिंग से यहाँ पर आकर तुम लोग यह सब करते हो.. क्यों तुम लोगों को देर हो रही है सालों.. तो वो लड़की बोली कि अच्छा ठीक है जल्दी से कर लो। फिर उन लड़को से मैंने कहा कि हरामियों भागो यहाँ से में मेडम को उनकी जगह पर छोड़ दूंगा.. वो मना करने लगे तो मैंने ज़ोर से कहा और उस लड़के ने अपने कपड़े लिए और वो दोनों वहाँ से भाग गए।

फिर उसके बाद मैंने मेडम को पकड़ा और मैंने जैसे ही उसको बाहों में भरकर उसकी गांड की तरफ हाथ ले गया तो मेरी ख़ुशी बढ़ गई.. वाह! उसकी गांड क्या चौड़ी थी। मैंने सलवार उतार दी और अंदर पेंटी तो थी नहीं.. क्योंकि उसने जल्दबाज़ी में नहीं पहनी थी और तुरंत पीछे से जाकर उसके कूल्हों को खोलकर गांड को किस किया और बोला कि मेडम तू तो मस्त गांड वाली है.. साली क्या एक से मन नहीं भरता जो दो दो लेती है। वो चुप खड़ी रही और फिर मैंने उसकी चूत में उंगलियाँ डाली तो वो आह्ह्ह्हह उह्ह्ह्ह आईईईईइ करने लगी और सिसकियाँ लेने लगी। मैंने उसको बैठाया और कहा कि मेरी थोड़ी मदद करो.. दोनों मज़ा करते है। 

फिर वो बोली कि वो तो साले भाग गए और मैं तो चुदने ही आई थी। 

फिर मैंने उसके बूब्स को पूरी ताक़त से दबाया तो वो बोली कि थोड़ा आराम से करो ना दर्द हो रहा है.. मैंने कहा कि ठीक है और में बूब्स को सहलाने लगा और मैंने तब तक अपना लंड बाहर निकाल लिया था और मैंने उसे कहा कि इसे चूसो.. वो बिना कुछ कहे चूसने लगी लेकिन वो पक्की खिलाड़ी लग रही थी.. मैंने उसको पूछा कि क्यों कब से चुदवा रही हो तो उसने लंड को बाहर निकाल कर कहा कि बहुत दिन हो गए.. यह दोनों ट्यूशन पढ़ने आते है और मेरे सेंटर पर मैंने एक को फसाया लेकिन उसके साथ मज़ा नहीं आता था और एक दिन यह अपने साथ इसको पकड़कर लाया और में तब जोश में थी और फिर मैंने दोनों से चुदाई करवानी शुरू की और में तब से दोनों के साथ चुदाई करवाती हूँ।

तो मैंने कहा कि बढ़िया करती हो और मैंने कहा कि यह मेरा लंड कैसा है तो वो बोली कि बहुत बड़ा है और उन दोनों के लंड तो इससे बहुत छोटे है तो मैंने कहा कि हाँ छोटे बच्चो से चुदवाओगी तो छोटे लंड ही मिलेगे। मैंने उसको हटाया और उसको मस्ती से चोदने के लिए उसके नंगे जिस्म को चूमने लगा.. वो बोली जल्दी करो ना काफ़ी देर हो गई तो मैंने कहा कि इतनी देर बकवास की.. पहले ही मान जाती तो अब तक घर में होती और मैंने उसको घुटनो के बल झुकाया और उसके कूल्हों में थपकी देने लगा और सहलाने लगा.. 

फिर लंड को थूक से लपेटा और उसकी गांड में लंड लगा दिया तो वो बोली कि आराम से करना तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है तो मैंने कहा कि उन कमीनों ने तेरी गांड भी मारी तो तुम चुप थी.. तो उसने कुछ जवाब नहीं दिया और में बस लंड को घुसाता गया और वो ज़ोर से चिल्लाई.. आह्ह्ह्हह प्लीज थोड़ा धीरे करो। तो मैंने कहा कि वाह! बहुत टाईट है साली यह और लो.. मैंने और अंदर डाला तो वो आगे की तरफ होने लगी और मैंने उसके कंधों को पकड़कर पीछे खींचा और एक धक्का मारा.. मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो अह्ह्ह्ह नहीं आहहआ उह्ह्ह नहीं में मर जाउंगी।

फिर मैंने कहा कि तुम नहीं मरोगी.. तुम्हारी गांड मरेगी और मैंने लंड को थोड़ा बाहर खींचकर फिर से धक्का मारा तो वो फिर से चीखी.. अह्ह्ह माँ बचाओ औऊउ और वो रोने सी लगी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था और मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और वो जब थोड़ी ठीक हुई तो मैंने फिर से लंड को अंदर डाल दिया और इस बार में रुका नहीं और पूरा लंड उसकी गांड में डालकर चोदने लगा.. वो आअहहअहह अहहा सईईईई आई माँ मर गई और में उसकी गांड के मज़े ले रहा था और उसकी कमर को पकड़ लिया और चोदने लगा.. छप छप की आवाज़ आ रही थी और में थोड़ा आगे उसकी पीठ पर आया तो उसके लटकते बूब्स को थामकर ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा।

मैंने कहा कि मुझे तुम्हारी गांड मारने में बहुत मज़ा आ रहा है तो वो बोली कि लेकिन मेरी तो जान निकल रही है और मैंने करीब 7-8 मिनट तक उसकी गांड को रगड़कर चोदा और फिर लंड को बाहर निकालकर उसकी चूत में डाला तो वो बहुत आसानी से फिसलता हुआ अंदर चला गया और मैंने भी पहली ही बार में पूरा ही लंड अंदर घुसा दिया और उसकी चुदाई करने लगा.. वो अह्ह्ह्हह अहहहहहा उह्ह्ह्ह माँ मरी करने लगी.. तो मैंने उससे पूछा कि क्यों मज़ा आ रहा है या नहीं तो वो बोली कि हाँ बड़ा मज़ा आ रहा है।

फिर मैंने कहा कि तो लो और चुद लो और यह कहकर मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकालकर फिर से ज़ोर का धक्का देकर अंदर डाल दिया तो वो चीख पड़ी और मैंने फिर से जल्दी जल्दी चोदा.. वो आह्ह्ह उंह्ह्ह्ह और करती रही और में उसे चोदता रहा लेकिन अब भी मेरा जोश ठंडा नहीं हो रहा था और फिर पता नहीं क्या हुआ कि में चोदते चोदते अपने दोनों पैरों में दर्द महसूस कर रहा था तो मैंने उससे कहा कि क्या तुम मुहं में लेकर चूसोगी तो वो बोली कि नहीं, थोड़ा और चोदो.. जल्दी करो। फिर में यह बात सुनकर और जल्दी तेज़ी से चोदने लगा.. उसका काम हो गया और वो ढीली पड़ने लगी.. 

लेकिन में तो जोश में था तो में दर्द सह गया और चुदाई में लगा रहा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मुझसे अब दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा तो मैंने और लंबे लंबे धक्के दिए और वो आह्ह्ह अहह सिसकियाँ लेने लगी तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और उसके सामने खड़ा हो गया और कहा कि चूसो जल्दी वरना फिर से तुम्हारी गांड में डालना पड़ेगा.. तो वो लंड मुहं में लेकर चूसने लगी और कुछ ही पलों में मुझे अहसास हो गया कि मेरा माल आने वाला है और मेरे मुहं से भी सईईइईई आह्ह्ह निकलने लगा और मेरा वीर्य निकलने वाला था तो मैंने उसका मुहं पकड़ा और ज़ोर से अपना लंड उसके मुहं में अंदर तक डालकर पूरा वीर्य मुहं में ही गिरा दिया और मैंने भी तब तक लंड नहीं निकाला.. जब तक एक एक बूँद उसके गले से ना उतर गया। 

फिर वो खांसने लगी और उल्टी सी करने लगी.. मैंने उसकी पीठ सहलाई तो वो थोड़ी ठीक हुई उसने अपने कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े ठीक किए और वो जाने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया तो वो बोली कि अब क्या है.. प्लीज़ मुझे जाने दो मेरी हालत बहुत खराब है और फिर मैंने उसकी मोटी गांड को पकड़कर अपनी और खींचा और कहा कि नाम क्या है.. बताती तो जाओ तो वो बोली कि सपना.. मैंने कहा कि अब कब मिलोगी तो वो बोली कि हर शनिवार को में एक्सट्रा क्लास लगाने के बहाने से एक घंटे के लिए यहाँ पर आती हूँ.. तुम भी आ जाना तो मैंने कहा कि और अगर ना आई तो वो बोली कि तुम अपना मोबाईल नंबर दो और मैंने उसको अपना नंबर दे दिया और उसका ले लिया और में उसके ही साथ सड़क पर चलते चलते बातें करते करते आ गया.. वो पास के ही मोहल्ले में कोचिंग चलाती थी। 

फिर मैंने एक ऑटो रुकवाया और उसमें हम दोनों बैठकर आए.. मैंने उसको घर के पास उतारकर खुद वही ग्राउंड तक वापस गया। फिर वहीं पर रोड के किनारे खड़ी अपनी बाईक को लेकर घर आया.. रात को एक बजे मैंने उसको कॉल लगाकर सॉरी बोला.. फिर हम लोगो की बातें होने लगी और उसके बाद से हम लोग उस जगह की तरफ ना जाकर उसकी कोचिंग के कमरे में ही मिलने लगे और में उसको मस्त चोदता हूँ और वो भी अब बहुत खुलकर चुदवाती है ।।

इम्तिहान में प्रिन्सिपल की बेटी को चोदा Imtihan me principal ki beti ko chut chodai

इम्तिहान में प्रिन्सिपल की बेटी को चोदा Imtihan me principal ki beti ko chut chodai, प्रिन्सिपल की बेटी की चुदाई, प्रिन्सिपल की बेटी चुद गई, परीक्षा में प्रिन्सिपल की बेटी को चोद दिया, प्रिन्सिपल की बेटी की कामवासना, चुद्क्कड़ और सेक्सी प्रिन्सिपल की बेटी, प्रिन्सिपल की बेटी की चूत में  का लंड, प्रिन्सिपल की बेटी की चूत की प्यास बुझाई. चूत में लंड डालकर प्रिन्सिपल की बेटी को किया शांत, बड़े लंड से प्रिन्सिपल की बेटी की चूत को चोदा.

हाय दोस्तों, मेरा नाम टिंकू है और मैं आज आपके सामने एक सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ. यह बात उन दिनों की है.. जब मैं स्कूल में पढ़ता था और सेक्स के बारे में कुछ खास नहीं जानता था.. लेकिन कभी जब लंड खड़ा हो जाता था.. तो उसे सहलाता था.. जिससे मुझे बड़ा ही आनन्द आता था। मेरे साथ स्कूल प्रिन्सिपल की बेटी भी पढ़ती थी.. उसकी रंगत ऐसी थी कि स्कूल के लगभग सभी लड़के उसे पटाने की कोशिश करते थे.. लेकिन वो किसी को भाव नहीं देती थी। मुझे नहीं मालूम क्यों.. लेकिन वो मुझे पसंद करती थी क्योंकि मैं पढ़ाई में काफ़ी होशियार और सीधा-साधा लड़का था और मैं भी उसे पसंद करता था..

हमारी दोस्ती यूँ ही चलती रही.. तभी हमारे इम्तिहान पास आ गए और मैंने पढ़ाई जोरों से शुरू कर दी। एक दिन स्कूल में उसके बाप यानि हमारे प्रिन्सिपल ने मुझसे कहा- टिंकू, तू रात को इंदू के साथ यहीं स्कूल में आकर पढ़ाई किया करो.. जिससे तुम्हें एक-दूसरे से काफ़ी मदद मिलेगी.. यदि कुछ प्राब्लम होगी.. तो मैं भी मदद कर दूँगा..

मैंने भी मान लिया.. क्योंकि.मेरा घर स्कूल के पास में ही था। जब मैं पहले दिन खाना खा कर इंदू के पास पढ़ने पहुँचा.. तो मैं उसे देखता ही रह गया.. वो झुक कर कुछ पढ़ रही थी और उसके टॉप से उसके मम्मे बाहर आ रहे थे। मैं उनको काफ़ी देर तक देखता रहा.. तो वो बोली- क्या देख रहे हो?

तो मैंने बोला- कुछ नहीं.. चलो पढ़ाई करते हैं।

उसे मैथ्स में कुछ प्राब्लम थी.. तो वो मेरे पास आकर बैठ गई और सवाल पूछने लगी। उसके इतने पास होने से पता नहीं.. मुझे कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था। उसके जिस्म की मादक गंध मुझे मदहोश कर रही थी।
इधर मेरा मन भी पढ़ाई से हट गया तो मैंने उसे सामने से पकड़ लिया और उसके गुलाबी होंठों को पागलों की तरह चूसने लगा। वो पहले तो अचकचा गई.. फिर वो भी मेरा साथ देने लगी.. और साथ ही सिसकारियां भी ले रही थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तभी बाहर से कुछ आवाज़ आई और हम अलग होकर फिर पढ़ने लगे। उसका बाप आया था.. बोला- अरे एक बज गया.. अब तुम सो जाओ।

तो मैंने बोला- नहीं सर.. कल गणित का इम्तिहान है और अभी कुछ पढ़ाई करना बाकी है.. उसे पूरा करके ही सोएंगे।

फिर प्रिन्सिपल सर बाहर सोने चले गए और हमने राहत की सांस ली। अब इंदू ने खड़े होकर दरवाजा बन्द किया और किताबें भी बंद करके एक तरफ कर दीं। मैंने फिर उसे बाँहों में भर लिया और चूमना शुरू किया.. अब हम दोनों गरम हो चुके थे। मैंने अपना हाथ उसके टॉप में घुसा दिया और उसके मस्त मम्मों को दबाने लगा। मैं एक हाथ से उसके मम्मों को दबा रहा था और दूसरे हाथ से उसकी स्कर्ट खोल रहा था। फिर मैने उसे ज़मीन में लिटाया और उसके सारे कपड़े उतार दिए.. सिवाय उसकी पैन्टी के.. उसका गोरा बदन और मस्त फिगर मुझे मदहोश कर रहा था। अब उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए और मेरा 7″ का लंड हाथ में लेकर आगे-पीछे करने लगी।

मैंने उसको मुँह में लेने को कहा.. पहले तो उसने मना किया.. पर बाद में वो लौड़ा चूसने लगी। कुछ ही देर में मैंने उसके मुँह में ही अपना वीर्य निकाल दिया.. तो उसने पूरा माल खा लिया और फिर मेरा सुपारा चाटकर साफ़ कर दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। अब मैंने उसे सोफे पर बिठाया और पैन्टी उतार कर उसकी चूत के दर्शन किए। क्या मस्त संतरे जैसी फांकें थीं उसकी चूत की.. हाय.. अब मैंने उसकी टाँगें ऊपर उठाकर उसकी चूत के मुँह पर अपना लंड टिका दिया।

वो बोली- टिंकू तेरा बहुत बड़ा और मोटा है.. इससे तो मेरी फट ही जाएगी।

मुझे भी उसकी कोमल चूत की फिकर हो रही थी.. लेकिन मैंने थोड़ा आगे को धक्का मारा.. तो लंड फिसलकर नीचे पहुँच गया.. तो उसे हँसी आ गई।

तो मैंने बोला- रुक जा कमीनी.. मैं तुझे अभी बताता हूँ।

फिर मैंने उसको लंड चूसने को बोला.. अब लण्ड थोड़ा गीला हुआ तो इस बार मैंने पूरी ताक़त लगाकर एक ही झटके में आधे से ज़्यादा लंड उसकी चूत में पेल दिया। उसकी घुटी सी चीख निकल गई.. मैंने उसके मुँह को अपने मुँह में लेकर दबा लिया और पूरा लंड चूत में घुसेड़ दिया। वो दर्द से छटपटा रही थी.. मैं यूँ ही लण्ड डाले पड़ा रहा.. उसे चूमता और सहलाता रहा। मैं उसके मस्त मम्मों के निप्पलों को अपने होंठों में दबा कर चूस रहा था.. जिससे वो चूत चुदाई का दर्द भूल रही थी। कुछ ही पलों बाद मैं लौड़े को आगे-पीछे करने लगा.. पहले तो वो काफ़ी डर गई थी क्योंकि उसकी चूत से काफ़ी खून निकला और शायद मेरे लंड से भी कुछ खून निकला था।
लेकिन बाद में उसे मज़ा आने लगा और वो भी नीचे से कमर उठा-उठा कर चूत चुदाई करवाने लगी। थोड़ी देर बाद वो अकड़ गई और मुझे लगा कि वो झड़ गई है क्योंकि वो निढाल सी पड़ गई थी।

फिर मैंने कुछ तेज धक्के लगाए और मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया.. और हम दोनों थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटे रहे, फिर हमने बाथरूम में जाकर खून को साफ़ किया और कमरे में आ गए। मैंने अपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया था.. तो वो कुछ डर गई थी कि कहीं वो पेट से न हो जाए.. मैंने अगले दिन उसको एक Unwanted 72 की गोली दी और फिर पूरे इम्तिहान के दौरान में हमारा चूत चुदाई का खेल चलता रहा। वो इम्तिहानों के दिन मुझे आज भी याद हैं जब मैंने स्कूल टॉप किया और वो दूसरे नम्बर पर आई थी। तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई और पहली काम-कथा.....

चलती बस में चोद डाली अनजान लड़की Chalti bus me chod dali anjan ladki ki chut

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दोस्तों यह बात उन दिनों की है.. जब में 20 साल का था और में किसी काम से कुछ दिनों के लिए दिल्ली गया हुआ था.. तो मेरा पूरा दिन दिल्ली में अपना काम खत्म करने में ही लग गया और इस वजह से में अपने एक बहुत अच्छे दोस्त से भी नहीं मिल पाया.. जो कि दिल्ली में रहता है और मुझे उसी शाम को वापस निकलना पड़ा. लगभग 7 बजे में दिल्ली बस स्टैंड पर पटियाला की बस पकड़ने गया और जब में वहाँ पर पहुँचा.. तो एक बस निकलने को थी और में जल्दी से उस बस में चढ़ गया.. लेकिन उस बस में एक भी सीट खाली नहीं थी. फिर मैंने दूसरी बस का इंतजार करना ठीक नहीं समझा और चुपचाप बस में पीछे जाकर खड़ा हो गया और मैंने देखा कि मेरे पीछे एक लड़की भी बस में चड़ी. उसके पास एक बहुत भारी बेग था.. जिस वजह से उसे चलती बस में चढ़ने में प्रोब्लम हो रही थी और में पिछले दरवाजे के पास ही खड़ा हुआ था.

फिर मैंने उस लड़की का बेग पकड़ लिया.. ताकि वो बस में आसानी से चढ़ सके और बस में चड़ने के बाद उसने मुझे धन्यवाद बोला. फिर मैंने भी हल्की सी स्माईल के साथ उसे वेलकम कहा. दोस्तों वो लड़की बहुत सुंदर थी और क्या फिगर था उसका.. मेरे हिसाब से उसके फिगर का साईज 36D-26-36 रहा होगा. फिर मैंने उसके बेग को ठीक जगह पर सेट किया.. लेकिन उसे भी मेरी तरह बस में खड़ा होना पड़ा.. क्योंकि बस में एक भी सीट खाली नहीं थी और वो मुझसे थोड़ी आगे खड़ी हुई थी. फिर मैंने कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.. क्योंकि मेरी किसी भी लड़की को घूरने की आदत नहीं है और फिर बस स्टैंड से कुछ दूरी पर ही बाहर निकली थी और लगभग 20 या 25 मिनट बाद वो बाईपास पर पहुँचकर रुक गई.. तो वहाँ से बहुत सारे लोग बस में चड़े.. जिस वजह से बस में काफ़ी भीड़ हो गई.. क्योंकि कुछ इक्के दुक्के लोग बीच में भी बस में चड़े थे. अब वो लड़की बिल्कुल मेरे पास मुझसे सटकर खड़ी हुई थी और वो क्या मस्त लग रही थी. 

उसने पटियाला सूट पहना हुआ था.. शायद वो एक पंजाबी लड़की थी और वैसे में भी पंजाबी लड़को की तरह दिखने में अच्छा हूँ.. मेरी हाईट 5.10 इंच है और फिर वो लड़की मेरे इतने करीब थी कि में उसके शरीर की गर्मी को महसूस कर रहा था. तभी बस थोड़ी दूरी पर एक जगह रुकी और दो लोग पिछले गेट से और चढ़ गये.. इस वजह से में और वो लड़की एक दूसरे से बिल्कुल चिपक गये और अब हमारे जिस्म के बीच से हवा तक भी बाहर नहीं निकल सकती थी.. लेकिन उसने बस में ज्यादा भीड़ होने की वजह से मुझसे कुछ भी नहीं कहा. उसने गहरे गले वाला कुर्ता पहना था.. जो कि आगे और पीछे दोनों साईड से गहरे गले का था.. लेकिन पीछे का गला कुछ ज़्यादा ही बड़ा था और उसकी गर्दन के पीछे वाली साईड से उसका गोरा रंग देखकर मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा था और में उस लड़की से फिर भी जगह बनाकर खड़ा होने की कोशिश कर रहा था.. लेकिन बस में इतनी भीड़ हो गई थी कि मुझे उससे चिपककर ही खड़ा होना पड़ रहा था और ऊपर से मेरा लंड खड़ा होने लगा था. 

फिर मैंने अपना ध्यान और कहीं पर लगाने की बहुत कोशिश की.. लेकिन हूँ तो में भी एक मर्द ना.. कितनी भी कोशिश कर लूँ.. लेकिन अपने लंड पर कंट्रोल नहीं कर सकता और इसी वजह से मेरा लंड उसकी गांड को छूने लगा. तभी उसने पीछे मुड़कर मुझे देखा.. लेकिन में क्या कर सकता था.. भीड़ ही इतनी थी कि थोड़ी देर तक तो उसने सहन किया.. लेकिन जब उसे महसूस हुआ कि मेरा मोटा लंड उसकी गांड में घुसा ही जा रहा है.. तो वो सीट का सहारा लेकर थोड़ा तिरछा होकर खड़ी हो गई.. इस वजह से जगह थोड़ी टाईट हो गई और मेरा मोटा लंड उसकी जांघ पर छूने लगा. वाह! क्या कोमल जिस्म था उसका और ऐसे खड़े होने की वजह से उसके बूब्स की लाईन भी मुझे दिख रही थी.. क्योंकि उसके सूट का गला बहुत बड़ा था.. जिसकी वजह से उसके बूब्स मुझे साफ दिख रहे थे. उसके बहुत मस्त बूब्स थे.. एकदम टाईट बड़े बड़े और गोल थे. इस तरह खड़े होने की वजह से तो और प्रोब्लम हो रही थी. उससे वो बार बार मेरी तरफ देख रही थी और पता नहीं उसके मन में क्या आया और वो फिर से वैसे ही खड़ी हो गई.. जैसे पहले खड़ी थी. 

फिर से मेरा लंड उसकी गांड पर रगड़ खा रहा था और उसने फिर से मुड़कर पीछे देखा. फिर मैंने धीरे से उसके कान में बोला कि बस में भीड़ बहुत है और में तो ऐसा कुछ करना नहीं चाहता.. लेकिन पता नहीं यह खुद ही हो रहा है.. क्योंकि तुम बहुत सुंदर हो. फिर वो मेरी यह बात सुनकर धीरे से हंस पड़ी और मैंने भी उसको हल्की सी स्माईल दी और अभी भी मेरे लंड का सुपाडा उसकी गांड पर ही था.. लेकिन अब उसकी तरफ से कोई भी विरोध नहीं था और कहीं ना कहीं वो भी मेरे शरीर से आकर्षित हो गई थी और में धीरे धीरे उसकी गांड पर लंड को रगड़ने लगा.. तो वो भी मज़े कर रही थी और फिर मैंने उससे उसका नाम पूछा.. तो उसने अपना नाम रिचा बताया और उसने मुझे बताया कि वो चंडीगढ़ से ही है और दिल्ली से अपनी पढ़ाई कर रही है और फिर धीरे धीरे हमारी बातों का दोर आगे बड़ने लगा और वो अब मुझसे बहुत खुल गई थी और हमारे बीच गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड की बातें चल पड़ी और उसका बॉयफ्रेंड दिल्ली में ही था. 

फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हरी कोई गर्लफ्रेंड है. फिर मैंने हाँ बोल दिया.. उसने मुझसे कहा कि क्यों तुम्हारी गर्लफ्रेंड तो तुमसे बहुत खुश रहती होगी. मैंने बहुत हैरानी से पूछा कि तुम्हे ऐसा क्यों लगा. फिर उसने नीचे की तरफ देखते हुए कहा कि क्योंकि तुम मेरा इतना इम्तिहान ले रहे हो.. तो पता नहीं उसका क्या हाल करते होंगे. फिर मैंने हँसी हँसी में उससे बोला कि नहीं यार ऐसा कुछ नहीं है.. वो तो बस ऐसे ही. फिर वो बोली कि अगर ऐसे ही है.. तो अभी तक उसे शांति क्यों नहीं मिली. दोस्तों उसका मतलब मेरा लंड था. मैंने कहा कि यार पता नहीं यह तुम्हे देखकर बहुत उछल रहा है.. तो उसने बोला कि थोड़ा सम्भालो इसे.. कहीं किसी ग़लत जगह ना उछलकर चला जाए. 

फिर ऐसी बातें करने से मेरा लंड पहले से भी ज़्यादा टाईट हो गया, सुपाडा फूल कर और भी मोटा हो कर झटके मरने लगा और अब थोड़ी हिम्मत करके मैंने अपना एक हाथ उसकी गांड पर रख दिया और उसे सहलाने लगा और वो भी अब थोड़ा थोड़ा गरम होने लगी थी और उसकी गांड को सहलाने के बाद मैंने सही मौका देखकर अपनी उंगलियों को उसकी चूत तक पहुँचाया और मेरे ऐसा करने से उसके मुहं से सिसकियाँ निकल गयी.. जब कि मैंने अभी उसकी सलवार के ऊपर से ही सहलाया था.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। लेकिन दोस्तों उसकी चूत बहुत हॉट थी और मैंने महसूस किया कि उसमे से पानी भी निकल चुका था.. जो कि मुझे मेरी उंगलियों पर महसूस हुआ. इसका मतलब उसे भी मेरे साथ इन सभी कामो में बहुत मज़ा आ रहा था और इतने में किस्मत से बस की लाईट भी बंद हो गई और अब तो मेरा मन उसके मुम्मे पकड़ने का करने लगा और मैंने उससे धीरे से पूछा कि में क्या तुम्हारे मुम्मे को छू लूँ? तो उसने अपने सर को हिलाकर हाँ बोला और बस उसके हाँ कहने की देर थी और मैंने उसके मुम्मे को पकड़ लिया.. वो बहुत ही टाईट थे और दोस्तों वो बिल्कुल अनछुए लग रहे थे और उसके निप्पल भी बहुत टाईट हो गये थे.. 

तो वो भी खुद को रोक नहीं पाई और उसने अपना एक हाथ पीछे लाकर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसने मेरे लंड की तारीफ करते हुए कहा कि यह तो बहुत बड़ा और मोटा है. फिर मैंने कहा कि अभी तो यह पेंट के अंदर है और जब यह इससे आजाद हो जाएगा.. तो और भी बड़ा और मोटा लगेगा. फिर उसने मुझसे मेरे लंड का साईज़ पूछा.. तो मैंने 9 इंच उसे बताया. उसने कहा कि तुम कहीं झूठ तो नहीं बोल रहे. फिर मैंने कहा कि अगर बस में भीड़ ना होती.. तो में तुम्हे इसे अपनी पेंट से बाहर निकालकर दिखा देता. फिर उसने कहा कि इसका भी ईलाज़ है मेरे पास. मैंने बोला कि वो क्या? तो वो बोली कि तुम उसे पेंट की जिप खोलकर बाहर निकालो.. में उसे छूकर महसूस कर लूँगी कि तुम्हारा इतना बड़ा है या नहीं. फिर मैंने जल्दी से लंड को पेंट से बाहर निकाल लिया और उतनी ही जल्दी से उसने भी उसे पकड़ लिया और पकड़ते ही उसकी साँसे अटक गई. फिर वो बोली कि हाँ यार तुम्हारा लंड तो 9 इंच लंबा तो होगा ही.. लेकिन यह मोटा भी बहुत है. 

फिर मैंने कहा कि लड़कियाँ लेते हुए बोलती ही है और लंड को अपनी चूत की गहराइयों में गायब भी कर जाती है.. पता भी नहीं लगता और वो हंस पड़ी और अब वो लंड को आगे पीछे कर रही थी और में उसके मुम्मे का स्वाद ले रहा था और इतना सब कुछ इसलिए मुमकिन हो पाया.. क्योंकि हमारी आस पास की सीट पर सभी लोग सो रहे थे और इतने में ही बस पानीपत पहुँच गयी और वहाँ पर बहुत सारी सवारियां उतर गई. दोस्तों ऐसा समझो कि बस में अब 7-8 सवारियां ही बची थी और हमने पीछे वाले गेट के पास वाली दो सीटर सीट खड़ी की और वो खिड़की की साईड बैठी थी.. उसकी आखों में साफ साफ दिख रहा था कि वो मुझसे क्या चाहती है और थोड़ी देर में फिर से लाईट बंद हो गई और वो अगली सीट के पिछले हिस्से पर अपना सर झुकाकर बैठ गई. 

मेरा हाथ अब उसके मुलायम और बड़े बड़े मुम्मे पर था. मैंने उसके कपड़ो के गले में से हाथ अंदर पहुँचा दिया और उसके निप्पल को अपनी उंगली और अंगूठे से रगड़ने लगा. ऐसा करने से वो पागल सी हो गई और वो मेरा लंड बाहर निकालकर उसे जोर ज़ोर से रगड़ने लगी और फिर में भी मस्ती में आ गया. फिर में भी उसके निप्पल को और रगड़ने लगा और देखते ही देखते वो नीचे झुकी और मेरे लंड को मुहं में ले लिया.. ओहहह भगवान वो बहुत अच्छी कोक-सकर थी और वो मेरे लंड को जितना हो सकता था.. अपने मुहं में अंदर लेकर जाती. फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हारी चूत को चाटना चाहता हूँ.. उसने बोला कि यह कैसे मुमकिन हो सकता है? फिर मैंने कहा कि हम बिल्कुल आखरी सीट पर चलते है.. क्योंकि बस में सवारियां बहुत कम थी और जो भी थे वो सब आगे की तरफ थे.. पीछे तो बस बिल्कुल खाली थी और मेरे ऐसा कहने पर वो एकदम मान गई और हम पिछली सीट पर चले गये. 

फिर मैंने उसकी सलवार को नीचे कर दिया.. लेकिन उसने पूरा उतारने से साफ मना कर दिया और मैंने उससे कहा कि यह बस अब अंबाला से पहले कहीं नहीं रुकेगी.. क्योंकि उस रूट पर रात को सवारियां नहीं होती.. में बहुत बार आ चुका हूँ.. तो इस टाईम तो वो राज़ी हो गई और मैंने उसकी सलवार भी उतार दी. उसने नीचे गुलाबी कलर की पेंटी पहनी हुई थी और मैंने उसे भी उतार दिया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए. मेरे ऐसा करने से वो सिसकियां लेने लगी और कहती.. आअहहहह रवि, चूसो इसे ऊहहहह और ज़ोर से करो.. बहुत मज़ा आ रहा है और साथ ही में उसके बूब्स भी रगड़ रहा था. फिर उसने मुझे बताया कि उसका बॉयफ्रेंड भी इतने अच्छी तरह से नहीं चूसता.. जैसा की मैंने चूसा. फिर मैंने उससे पूछा कि क्या तुम मेरा लंड लोगी और उसने झट से हाँ बोल दिया और मैंने ज्यादा टाईम ना लगाते हुए उसके एक पैर को अपने कंधे पर रखा और झट से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया. अभी आधा ही लंड गया होगा और उसकी चीख सी निकल गई.. लेकिन बस चलने की आवाज़ होने के कारण रिचा की चीख की आवाज़ किसी को सुनाई नहीं दी. 

फिर वो धीरे धीरे नॉर्मल हो गई और मुझे बाकी का लंड डालने को कहने लगी और मैंने भी एक ही झटके में अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और उसने किसी तरह उसे झेल लिया और करीब 3-4 मिनट के बाद वो खुलकर साथ देने लगी.. वो भी नीचे से झटके देने लगी और कहने लगी आआआआहह वूऊओवववव अविनाश चोदो मुझे और ज़ोर से आआआआ और चोदो मुझे.. मेरी चूत को शांत कर दो.. यह मुझे बहुत तंग करती है आआआअहउउ चोदो मुझे और ज़ोर से अह्ह्ह. फिर में भी जोश में आकर उसे चोद रहा था और करीब 20-25 मिनट के बाद हम दोनों शांत हो गये और उसके बूब्स पर अपना वीर्य छोड़ दिया.. मुझे वो बहुत खुश लग रही थी और उसके बाद उसने मेरा लंड चाटकर एकदम साफ किया. अब हमने कोल्डड्रिंक और चिप्स खाए.. जो कि वो अपने साथ लाई थी और कुछ बातें भी शेयर की.. उसने बताया कि उसके बॉयफ्रेंड का लंड इतना बड़ा नहीं है और उसने बहुत मज़े किए.. 

करीब 20 मिनट के बाद मैंने उससे बोला कि एक घंटे बाद अंबाला आने वाला है.. अगर तुम चाहो तो हम एक ट्रिप और ले सकते है और वो तो राज़ी थी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। दोस्तों क्योंकि उसे आज एक मर्द का लंड मिला था और हमारा अगला सेक्स फिर से शुरू हो गया. करीब 25 मिनट के बाद वो झड़ गई.. लेकिन मेरा लंड अभी भी नहीं झड़ा था और उसने मुझसे लंड को बाहर निकालने को बोला. फिर मैंने कहा कि मेरा काम तो अभी हुआ ही नहीं.. तो उसने कहा कि उसे अब चूत में लंड सहन नहीं हो रहा है और वो लंड को चूसकर मुझे डिसचार्ज कर देगी. फिर मैंने उससे कहा कि नहीं.. में तो अब तुम्हारी गांड में करूंगा और थोड़ी देर के बाद वो मान गई. मैंने जल्दी से उसे घोड़ी बनाया और पीछे से थोड़ा उसकी गांड के छेद को रगड़ने लगा और थोड़ी देर उसे सहलाने के बाद मैंने अपना लंड उसकी गांड में डाल दिया. 

दोस्तों उसका तो बहुत बुरा हाल हो गया.. वो बहुत ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी और मुझसे लंड को बाहर निकालने का आग्रह करने लगी. फिर में एकदम शांत हो गया और उसके बूब्स को सहलाने लगा और उसकी चूत में उंगली करने लगा.. जिससे 10 मिनट बाद वो थोड़ी ठीक हो गई और अब वो भी अपनी गांड को पीछे धक्का दे देकर मज़ा लेने लगी.. शायद अब उसे गांड को पीछे की तरफ धक्के देने में भी मज़ा आ रहा था.. लेकिन उसकी गांड का छेद बहुत ही टाईट था और लंड को अंदर धक्के देने में मेरी बहुत मेहनत लग रही थी.. लेकिन उसे मज़े करता देख मेरा जोश बड़ गया और में ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा और में करीब 15 मिनट में उसकी गांड में ही झड़ गया. अब हमने अपने कपड़े ठीक किए और नॉर्मल होकर बैठ गये.. क्योंकि अंबाला आने वाला था. फिर अंबाला से कुछ दूरी पहले कुछ और सवारी बस में चड़ गई.. जो कि पीछे ही बैठ गई थी.. जिस वजह से हमे फिर से कुछ करने का मौका ही नहीं मिला. 

रिचा कहने लगी कि ठीक ही हुआ.. जो मौका नहीं मिला.. क्योंकि अब उसकी कुछ करने की हिम्मत भी नहीं थी और उसने यह भी बताया कि आज तक उसने अपने बॉयफ्रेंड को गांड में कुछ भी नहीं करने दिया.. लेकिन पता नहीं क्यों उसने मुझे यह सब करने दिया. फिर हम बातें करते रहे और पता ही नहीं चला कि कब चंडीगढ़ आ गया. फिर हमने बस में ही एक किस किया और नीचे उतरने से पहले हमने अपने मोबाईल नंबर एक्सचेंज किए. उसको उसके पिताजी लेने आए थे.. उसने मुझे बाय बोला और चली गई.

भाभी की छोटी बहन निशी को जमकर चोदा Bhabhi ki chhoti bahan Nishi ko choda

भाभी की छोटी बहन निशी को जमकर चोदा Bhabhi ki chhoti bahan Nishi ko choda, भाभी की चुदाई, भाभी चुद गई, देवर ने भाभी को चोद दिया, देवर और भाभी की कामवासना, चुद्क्कड़ भाभी और सेक्सी देवर, भाभी की चूत में देवर का लंड, भाभी की चूत की प्यास बुझाई. भाभी की चूत में लंड डालकर किया शांत, बड़े लंड से भाभी की चूत को चोदा, अपने देवर के साथ सेक्स.

दोस्तो, मैं एक जवान हट्टा-कट्टा युवक हूँ और अपने परिवार के साथ रहता हूँ। मैं बहुत दिनों से अपनी भाभी की छोटी बहन निशी को चोदने की ताक में था। निशी एमबीए की पढ़ाई के लिए शहर आई हुई थी और हमारे साथ ही रहती थी। मैं जानता था कि अपनी ही भाभी की छोटी कुंवारी बहन को चोदने की इच्छा करना ठीक नहीं है.. पर लौड़े की जिद के आगे मज़बूर था। निशी के मादकपन ने मुझे उसका दीवाना बना दिया था। धीरे-धीरे मैं उसकी जवानी का रस लेने को बेताब हो गया.. पर मौका न मिलने से परेशान था। मुझे लगने लगा था कि मैं अपने आप पर ज्यादा दिन काबू नहीं रख पाऊँगा। चाहे जोर जबरदस्ती करनी पड़े.. पर निशी को चोदने का मैं निश्चय कर चुका था।

मुझको डर था कि रेखा भाभी को यह बात पता चल गई तो न जाने वह गुस्से में क्या कर बैठें। निशी को जब मैंने पहली बार देखा तो इतनी पसंद नहीं आई.. पर फिर बाद में पसंद आने लगी थी। निशी बड़ी सेक्सी थी.. उसका फिगर 30-24-32 था। उसके स्तन बड़े मस्त थे और उसकी गाण्ड भी मस्त थी। उसकी शार्ट ड्रेस के नीचे दिखतीं गोरी-गोरी चिकनी टांगें मुझे दीवाना बना देती थीं। निशी थी भी बड़ी शोख और चंचल.. उसकी हर अदा पर मैं मर मिटता था। उसकी ठोड़ी के तिल ने उसके सौन्दर्य को और भी निखार दिया था। शुरु मैं तो वो मुझे भाव ही नहीं देती थी। वो हमारे घर वालों से घुलमिल गई थी.. और अब मुझसे भी कभी-कभार बात कर लेती थी। फिर हमारी दोस्ती हो गई।
एक दिन मैंने अकेले में उसे रोते पाया.. मुझे अपने कमरे में घुसता देख उसने अपने आंसू पोंछ लिए। मैंने उससे कई बार जानना चाहा कि वो क्यों रो रही है.. पर उसने नहीं बताया। इस बात को एक हफ्ता बीत गया था.. एक दिन मैंने उसे मोबाइल पर किसी से ये कहते सुना कि मैं गरीब घर की हूँ.. मैं तुम्हें इतना पैसा कहाँ से लाकर दूँगी.. प्लीज मुझे मेरा एमएमएस लौटा दो.. या डिलीट कर दो.. वर्ना मैं जान दे दूँगी। अब माजरा मेरी समझ में आ गया था। निशी को कोई ब्लैकमेल कर रहा था।

दोपहर में मैं जब कारखाने से घर लौटा तो घर में कोई नहीं था। तभी निशी उधर आ गई और वो अपने कमरे में चली गई। मैं उसके पीछे अन्दर चला गया.. वो कपड़े बदल रही थी। आहट पा कर टी-शर्ट पहनते हुए वो पलटी तो मुझे देख कर शर्मा गई। मैंने उसको दोनों हाथों से पकड़ा.. तो वो एकदम से घबरा गई, मैंने कहा- प्लीज डरो मत.. मुझे एमएमएस का क्या माजरा है.. वो बता दो। वो रो पड़ी.. उसे लगा उसका एमएमएस कहीं मेरे मोबाइल पर किसी ने भेज तो नहीं दिया। वो अब मेरे सीने से लगी हुई थी.. 

फिर उसने रोते हुए बताया- एक दिन कॉलेज की लायब्रेरी में मुझे अकेला देख एक लड़के ने मुझे बाँहों में भर लिया और मेरे होंठों पर ‘किस’ कर दिया, दूर खड़े उसके दूसरे साथी ने इसे मोबाइल पर एमएमएस के रूप में रिकार्ड कर लिया था। अब वो मुझे ब्लैकमेल कर रहा है और मुझसे दो लाख रुपए देने या उनके आधा दर्जन दोस्तों के साथ एक दिन के टूर पर चल कर उन्हें चोदने का मौका देने की माँग कर रहा है। वे लोग पिछले 15 दिन से मुझे धमका रहे हैं कि उसका एमएमएस पूरे कॉलेज में भेज देंगे।

मैंने कहा- बस इतनी सी बात है.. पगली मैं तो कब से पूछ रहा हूँ.. तुम्हारी मुश्किल में अभी दूर करवा देता हूँ.. पर समय आने पर इसकी फीस जरूर वसूलूँगा।

उसने कहा- तुम जो माँगोगे.. दे दूँगी.. पर इन कुत्तों से मेरा पीछा छुड़ाओ.. वर्ना मैं बदनाम हो जाऊँगी।

मैंने तत्काल पुलिस की ‘केयर फॉर यू’ की हेल्प लाइन पर उससे फ़ोन लगवाया। अगले दिन पुलिस ने उन दोनों लड़कों को उठा लिया। उनके मोबाइल को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने उनकी काफी पिटाई कर दी थी.. निशी के फोन पर मैसेज आया तो बिना किसी को घर में बताए मैं उसे लेकर थाने में पहुँच गया। उन दोनों के माता पिता भी वहाँ मौजूद थे.. उन दोनों के माता-पिता के कहने पर दोनों ने निशी से पैर छू कर माफ़ी माँगी।

चुदाई का मौका मिल गया निशी अब तनाव मुक्त थी.. इस घटना के बाद मेरा नसीब जाग गया था.. दो दिन बाद ही बड़ी मामी के अचानक निधन की खबर आ गई। मामा जी की घर में काफी इज्जत थी, उन्होंने पापा को नौकरी छोड़ कर अपना कारोबार शुरू करने में काफी मदद की थी, पूरे परिवार घर को जाना पड़ा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। घर में मैं और निशी रह गए थे.. मैं लंच करने घर आया तो वो कॉलेज से आ चुकी थी। वो बाथरूम से नह़ा कर वो बाहर निकली और मैं उसके कमरे में था। मुझे देखकर वो हड़बड़ा गई… उसके बदन पर लपेटा हुआ तौलिया नीचे सरक गया। मैंने उसे गोदी में उठा लिया सीधे कमरे में बिस्तर पर ले गया और जाते ही उसके जलते हुए होंठों पर अपने होंठ रख दिए। उसने मेरा हल्का सा विरोध किया.. पर उसके बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।

मैं उसकी चूचियों को जोर-जोर से मसलने लगा। करीब दस मिनट की चुम्मा-चाटी के बाद वो पूरी गर्म हो गई और मेरे कपड़े उतारने लगी। मेरा लण्ड अन्दर ही पैंट फाड़ने लगा। मैंने भी देर ना करते हुए उसके कपड़े उतार दिए। उसने केवल पैन्टी ही पहनी थी। उसका नंगा बदन देखकर मैं दंग रह गया। उसकी चूचियाँ इस तरह मेरे सामने थीं कि मानो मुझे अपनी वासना बुझाने के लिए आमन्त्रित कर रही हों। थोड़े ही समय में दोनों पूरे नंगे हो गए। थोड़ी ना-नुकुर के बाद वो वह घुटने के बल बैठ गई और मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उसके चूचियाँ दबा रहा था। फिर मैंने उसे लिटा दिया और उसकी संगमरमारी चूत अपनी ऊँगलियों से चोदने लगा। उसकी अनचुदी चूत एकदम कसी थी। वह सिसकारियाँ भर रही थी और वह झड़ चुकी थी।

अब मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद से सटाया और सांस रोक कर जोर लगाने लगा.. पर उसकी चूत बहुत कसी लग रही थी। मैंने कर थोड़ा जोर से धक्का लगाया तो उसकी चीख निकल गई। मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया ताकि पड़ोसी न सुन सकें। मेरे लवड़े का सुपाड़ा उसकी चूत में घुस चुका था। अब मैंने लण्ड को थोड़ा सा पीछे करके एक और जोर से धक्का दिया तो लण्ड चूत की दीवारों को चीरता हुआ आधा घुस गया।
अब वह सर को इधर-उधर मार रही थी.. पर लण्ड तो अपना काम कर चुका था। मैंने अपनी सांस रोकी और लण्ड को वापिस थोड़ा सा पीछे करके जोर से धक्का दिया तो लण्ड पूरा उसकी चूत में घुस गया। उसकी आँखों से आंसू निकल गए और ऐसे लग रहा था कि जैसे वह बेहोश हो गई हो। उसकी सील टूट गई। चूत से थोड़ा सा खून बहा।

मैंने कहा- निशी तुम्हारी सील तोड़ने में मज़ा आ गया।

मैंने एक और जोरदार झटका लगाया और लण्ड पूरी तरह निशी की चूत में घुस चुका था। निशी चीखना चाहती थी.. पर चीख नहीं सकती थी। निशी की आँखों से आंसू टपक रहे थे। थोड़ी देर में उसका दर्द कुछ कम हुआ। अब वह धक्के पर ‘आह.. ह्ह्ह ईई और आआह्ह्ह्ह्ह..’ कर रही थी। उसके हाथ मेरी पीठ पर थे और वह अपने नाखून मेरी पीठ में गड़ा रही थी। उसने अपनी टांगों को मेरी टांगों से ऐसे लिपटा लिया था। मुझे बहुत आनन्द आ रहा था। उसके ऐसा करने से लण्ड उसकी चूत की पूरी गहराई नाप रहा था और हर शॉट के साथ वह पूरा आनन्द ले रही थी। अचानक उसकी साँसें तेज हो गई थीं और पूरे कमरे में उसकी ‘आह.. उह्ह..’ की आवाजें गूंजने लगीं और फिर ‘उफ्फ्फ्फ उफ्फ..’ की आवाजें करते-करते वो फिर से झड़ गई।

अब उसकी चूत और चिकनी हो गई थी और मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। उसकी जान निकल रही थी। ऐसे ही दस मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और उसके ऊपर निढाल होकर लेट गया। आधा घंटे बाद मैंने देखा बगल में लेटी निशी मेरा लण्ड सहलाने लग गई। उसकी छेड़खानी की वजह से मेरा लण्ड फिर से खड़ा होने लगा और निशी भी गरमाने लगी थी। हम फिर से एक-दूसरे को चूमने-चाटने लग गए। निशी बीच-बीच में मेरा सुपाड़ा निकाल कर मुठ भी मार देती थी। जल्दी ही हम 69 की अवस्था में आ गए और अब निशी मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं निशी की चूत को चाट रहा था।

थोड़ी देर बाद निशी बोली- मुझ पर चढ़ जाओ और मुझे एक बार और चोद दो। अब बर्दाश्त नहीं होता है।

यह सुन कर मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और उसकी गाण्ड के नीचे एक तकिया रख दिया.. जिससे उसकी फ़ुद्दी थोड़ और ऊपर को उठ गई। अब मैंने अपने लण्ड चूत के छेद पर रख कर थोड़ी सी ताकत के साथ दबाया तो उसके मुँह से चीख निकल गई। मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए।

वो बोली- इस बार दर्द कुछ कम हो रहा है। 

अब उसको मज़ा सा आने लगा था और अब निशी ने अपनी गाण्ड को उछालना शुरु कर दिया। अचानक वो तेजी के साथ हिलने लगी और झड़ गई। अब निशी की चूत काफ़ी चिकनी हो गई थी और लण्ड भी आसानी से अन्दर-बाहर हो रहा था। मैंने भी उसको आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारने शुरू कर दिए। जब मैं कुछ देर यूँ ही आहिस्ता-आहिस्ता धक्के मारता रहा तो निशी एकदम से उत्तेजित हो कर बोली- अब जोर-जोर से धक्के लगाओ। यह सुन कर मैंने अपने धक्कों कि’ रफ़्तार बढ़ानी शुरु कर दी और कुछ ही समय में मैं निशी को तेजी के साथ चोदने लगा।

लगभग 20 -25 मिनट तक पूरी रफ्तार से धक्के लगने के बाद मुझे लगा कि अब मैं भी झड़ने वाला हूँ.. निशी तेजी के साथ झटके देने लगी और मैं ‘ऊफ़्फ़फ़.. ऊफ़्फ़फ़्फ़.. आआआ..’ करता हुआ झड़ गया। उसके चेहरे पर संतुष्टि और आनन्द झलक रहा था। हम दोनों पूरी तरह थक चुके थे। उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो अपने कपड़े पहन सके। मैंने उसको जल्दी-जल्दी कपड़े पहनाए क्योंकि डर था कहीं मामाजी की खबर सुन कोई रिश्तेदार घर न आ जाए। उस रात हमने स्प्रे और शिलाजीत की कैपसूल खाकर तीन बार और चुदाई की। उन दो दिनों की चुदाई के बारे में सोचकर आज भी दिल रोमाँचित हो जाता है।
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