पापा ने मौसी की चूत चुदाई की - Papa ne mausi ko choda aur gand mari

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हेलो दोस्तों, एक दिन अचानक मेरी माँ बीमार हो गयी और उन्हे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ति किया गया। फिर घर पर मेरे अलावा मेरे 2 छोटे भाई और एक बहन भी थी.. जो स्कूल में पढ़ते थे। फिर जब माँ हॉस्पिटल में थी तो बच्चो का खाने बनाने की समस्या थी इसलिए मेरी माँ ने अपनी छोटी बहन यानि कि मेरी मौसी को फोन करके कुछ दिनों के लिए बुला लिया। मौसी को लेने पापा खुद रेलवे स्टेशन गये। फिर मौसी के आने से घर का खाना हम सभी सदस्यों को फिर से नसीब होने लगा था और बच्चे भी बहुत खुश थे। मौसी अपने दो लड़को के साथ आई थी उनके पति सरकारी दफ़्तर में चपरासी है।

फिर कुछ दिन बाद ऐसे ही मेरी माँ की तबीयत बिगड़ती गयी जिसके कारण उन्हें एक महीना और हॉस्पिटल में रहना पड़ा। तभी इन एक महीनों में मौसी हमारे साथ बहुत घुल मिल गयी। फिर वो कहीं पर भी जाती तो पापा के साथ उनकी बाईक पर उनके साथ बैठकर जाती.. जैसे कि वो उनकी पत्नी हो और ये बात मुझे बहुत ख़टकती थी। लेकिन मैं ज्यादा ध्यान नहीं देता था। फिर मैं कॉलेज को सुबह जाता था और शाम को वापस आता था और मेरे भाई बहन भी शाम को स्कूल से आते। फिर दिन भर मौसी और उनके दो बच्चे घर पर रहते और पापा सुबह ऑफीस चले जाते। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मौसी दिखने में थोड़ी सांवली और थोड़ी मोटी थी। लेकिन उनके बूब्स बहुत बड़े बड़े थे और बड़ी भारी गांड थी और शायद उनका साईंज 36–34-40 होगा और मौसी हमेशा साड़ी पहनती थी और उनका ब्लाउज हमेशा टाईट होता था जिसमे से मौसी की बड़े बड़े बूब्स निकल कर आते थे। मौसी हमेशा लाल कलर की लिपस्टिक लगाती थी और माथे पर बड़ा सा सिंदूर लेकिन मौसी का स्वभाव बहुत ही अच्छा था। वो पापा के साथ एक दोस्त वाला व्यवहार करती थी।

फिर पापा हमेशा किचन में जाकर मौसी का हाथ बांटते लेकिन ये बदलाव उनमे अचानक कैसे आया.. समझ में नहीं आया। वो कभी भी माँ को घर के किसी भी काम में मदद नहीं करते थे। फिर एक दिन मैं कॉलेज से जल्दी घर पर आ गया। तभी मैंने देखा कि पापा की बाईक सामने वाले पार्क में खड़ी थी और मौसी के दोनों बच्चे बाहर आँगन में खेल रहे थे। तभी मैं घर में अंदर गया फ्रेश हुआ लेकिन घर पर कोई भी नहीं था और फिर मैं पानी पीने किचन में जाता.. उससे पहले ही मुझे किचन में से कुछ खुसुर फुसुर आवाज़ आने लगी। फिर मैंने छुपके देखा और फिर जो कुछ मैंने उस वक्त देखा मैं उसे देखकर एकदम से दंग रह गया.. पापा किचन में मौसी की बाहों में थे और फिर वो दोनों एक दूसरे से लिपट कर चुंबन ले रहे थे। तभी मौसी की आवाज़ आ रही थी.. आज के लिये बस करो ना अब बच्चे आ जाएँगे।  फिर पापा ने कहा कि मेरी जान आज तुम मुझे मत रोको। फिर यह कहकर पापा ने मौसी को करीब दबा लिया और फिर वो उनकी पीठ को और गांड को पीछे से मसलकर मसाज करने लगे और मौसी हल्की हल्की आवाज़ कर रही थी शह्ह्ह्ह आह्ह्ह। फिर मौसी अपने दोनों हाथ से पापा के बालों को सहलाने में लगी हुई थी। फिर पापा ने मौसी को उठाकर ऊपर बैठा दिया और उनकी साड़ी को ऊपर करके अपना एक हाथ अंदर डाल दिया और मौसी की चूत के अंदर ऊँगली डाल दी।

मौसी के मुहं से सिसकियाँ निकलने लगी.. शायद वो अब गरम हो चुकी थी। फिर पापा ने एक हाथ से उनके बूब्स भी दबाने शुरू किये और एक हाथ से चूत की चुदाई। तभी मौसी ने एकदम से उन्हें धक्का दिया और बोली जानू अब बस हो गया.. बाकी रात में करेंगे हर रोज की तरह। ये सुनकर मैं हैरान हो गया। फिर मुझे पता चल गया कि ये दोनों रोज रात में ऐसे ही हरकतें करते है। फिर मैं कुछ देर टीवी देखता रहा और फिर टीवी की आवाज़ सुनकर पापा बाहर आ गये और फिर बोले तुम कब आए? तभी मैंने कहा कि अभी अभी एक मिनट पहले। तभी पापा इतना सुनकर दूसरे रूम में चले गये लेकिन उनके चहरे से साफ साफ दिख रहा था कि वो मुझसे कुछ छुपा रहे है। फिर मैं सोचने लगा कि मैं अपने रूम में सोता था इसलिए मुझे पता नहीं चलता था कि क्या होता था। हमारा छोटा घर है।  एक बेडरूम जहाँ पर मैं अपने भाई बहन के साथ सोता हूँ और एक हॉल में मौसी अपने दोनों बच्चो के साथ सोती थी और पापा बालकनी में सो जाते थे। तभी मैंने ठान लिया था कि आज की रात किसी ना किसी बहाने से इनका सारा कार्यक्रम मुझे देखना ही है। फिर मैं रात होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार करने लगा। फिर रात में सोने के वक़्त मैं अपने रूम में चला गया और मौसी हॉल में सोने के लिए गद्दे बिछा रही थी। मौसी अपने दोनों बच्चो के साथ सोती थी और उस दिन पापा ने बच्चो से कहा कि चलो बच्चो मेरे साथ बालकनी में सोते है आज मैं तुम्हे बहुत सी अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाउंगा।

फिर ये कहकर पापा ने दोनों बच्चो को बालकनी में सुला लिया जो कि कुछ ही देर में सो गये। फिर मुझे उनका पूरा प्लान पता चल गया था। फिर मौसी अकेले हॉल में थी वो भी यही चाहती थी की बच्चे जल्दी सो जाए तो उनका काम शुरू हो। फिर मैंने भी अपना पत्ता खोला और फिर हॉल में जाकर मौसी से बोला कि मौसी मेरे रूम में एक चूहा मरा है जिसकी बदबू आ रही है तो मैं आज सोफे पर सो जाता हूँ। तभी मौसी ने मुहं लटकाकर कहा कि ठीक है तुम चाहो जहाँ सो जाओ। फिर मैं सोफे पर सो गया अब मुझे लगा कि पापा नहीं आएँगे क्योंकि मेरे सामने ये कुछ नहीं करेंगे और फिर मैं ऐसे ही लेटा रहा। तभी कुछ देर बाद आधी रात में मैंने सोने का नाटक करते हुए थोड़ी आँख खोलकर देखा कि तभी पापा मौसी के पास आकर बोले.. उठो ना। तभी मौसी बोली अरे तुम.. आज नहीं देखो रितेश यहीं पर सोफे पर सोया है कुछ 5 मिनट की बहस के बाद पापा बोले देखो वो सो रहा है हम बिना आवाज़ करे सब कुछ करेंगे। तभी मौसी बोली कि अच्छा बाबा और ये कहकर मौसी और पापा ने पप्पी ले ली और फिर मौसी बोली ओह्ह तुम भी ना बदमाश हो बड़े। ये कहकर वो दोनों एक गद्दे पर सो गये और फिर दोनों एक दुसरे को सहलाने लगे।  फिर मौसी ने अपने बाल खुले छोड़ दिए और फिर पापा को बोली कि ओह जानू मेरे पास आओ ना। फिर पापा बनियान और लूँगी में थे और मौसी साड़ी में थी। तभी पापा बोले कि अरे रानी क्या ये साड़ी पहनी तुमने तुम्हारे पास मेक्सी या गाउन नहीं है क्या?

तभी मौसी बोली कि नहीं मैं लाना भूल गयी और दीदी की मेक्सी मुझे फिट नहीं होती। तभी पापा बोले कि कोई बात नहीं हम कल शॉपिंग पर चलते है तुम एक अच्छी से देखकर ले लेना। तभी मौसी बोली कि हाँ मुझे ब्रा और पेंटी भी लेनी है। फिर पापा बोले कि क्यों तुम्हारे पास नहीं है क्या? फिर मौसी बोली कि अरे बाबा तुमने मेरे बूब्स दबा दबा कर बड़े कर दिए है अब वो मेरे फिट नहीं हो रहे.. मुझे अब बड़ी साईज़ की ब्रा लेनी पड़ेगी और मेरी पेंटी भी फट गई है। तभी पापा बोले कि हाँ बाबा जो लेना है ले लेना। फिर मैं चुपचाप उन लोगों की बातें सुन रहा था फिर थोड़ी देर में दोनों एक दूसरे को किस करने लगे। फिर मौसी हर बार अपने दोनों पैरो से पापा के पैरो पर रगड़ती रही। फिर कुछ देर बाद मौसी ने अपने पैर से पापा की लूँगी को ऊपर किया और अपना एक हाथ लूँगी के अंदर डाल दिया।  तभी पापा ने मौसी के होंठो पर एक चुम्मि दी मुआहह। फिर मौसी ने भी एक चुम्मि दी अहमम्मुहह। फिर मौसी अपनी जीभ पापा के होंठो पर फैरने लगी। तभी पापा ने तुरंत मौसी की जीभ को अपने मुहं में डाल लिया। फिर पापा ने लूँगी पूरी हटा दी अब पापा बनियान और अंडरवियर में थे। फिर मौसी बोली मैं नहीं कपड़े उतारूँगी मुझे बहुत शरम आती है। तभी पापा बोले कि मत शरमाओ मेरी जान.. ये कहकर पापा ने मौसी को फिर चूमना शुरू किया और फिर चूमते चूमते पापा ने मौसी के ब्लाउज का बटन खोल दिया और मौसी चूमने में व्यस्त थी।

फिर उनके पता चलने से पहले ही मौसी ब्रा में थी। तभी मौसी ने अपने ब्लाउज को निकालकर साईड में रख दिया। फिर मौसी ने भी बिना कहे अपनी साड़ी उतार दी। अब मौसी ब्रा और पेंटी में थी और पापा अंडरवियर में थे और फिर पापा उसके बूब्स दबा रहे थे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तभी मौसी की भी सांसे तेज होती जा रही थी। फिर पापा बूब्स दबा रहे थे लेकिन वो ब्रा पहने हुई थी। फिर पापा ने ब्रा और पेंटी को मौसी से आजाद कर दिया। फिर जैसे ही पापा ने ब्रा उतारी उनके गोर गोर 36 के बूब्स पापा के सामने आ गए। फिर पापा पागल से होने लगे और मौसी को नीचे दबाकर उसके बूब्स पर टूट पड़े। फिर एक हाथ से उनके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूस रहे थे और हल्के हल्के दबा रहे थे। फिर पापा के हर बार दबाने के साथ मौसी का जोश बढ़ता जा रहा था और फिर वो पापा के सर को पकड़कर अपने बूब्स में दबा रही थी। फिर पापा जोर से उनको चूसने और मसलने लगे। फिर मौसी को भी मजा आने लगा और मौसी के मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी उम्म हहाहा मरी मैं थोड़ा धीरे चूसो प्लीज..।  क्या मस्त चूचियाँ थी उनकी बहुत गोरी, सॉफ्ट और बहुत ही नाज़ुक पापा बेकाबू हो गये थे। फिर पापा ने मौसी की चूचियों को जी भरकर चूसा और फिर वो चूसते-चूसते एक हाथ को मौसी कीचूत पर ले गये और फिर ऊपर से ही मौसी की चूत को सहलाने लगे। फिर थोड़ा नीचे आकर पापा ने मौसी की चूत पर जीभ फैरने लगे तो मौसी पागल हो उठी।

फिर पापा धीरे-धीरे उनकी चूत को सहलाने लगे। सच में मौसी की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी। पापा तो बस मदहोश हो गये थे। फिर पापा धीरे धीरे उनकी चिकनी चूत को सहलाने लगे और उनकी चूत के दाने को उँगलियों से धीरे धीरे मसलने लगे। तभी मौसी की चूत बहुत गीली हो चुकी थी और मौसी अपने पैरो को सिकोड़ने लगी। तभी पापा समझ गये कि अब वो पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर पापा ने जल्दी से उनकी पेंटी को खोलकर उसे उतार दिया और फिर चूत को चूमने लगे। तभी मौसी पापा के सर को जोर जोर से दबाने लगी और पापा भी जोश में आकर उनकी चूत को चूसने लगे। तभी पापा अपने आपे से बाहर हो रहे थे। फिर पापा ने अब मौका गंवाए बिना मौसी की चूत के पास मुहं लेकर गये और फिर चूत पर चूम लिया। तभी मौसी ने अपने दोनों पैर चौड़े कर दिये। फिर मौसी की चूत को देखकर साफ़ पता लग रहा था कि मौसी ने अपने बाल आज ही साफ़ किये थे मतलब आज वो इसके लिए तैयार थी। फिर पापा चूत के दाने को जीभ से चाट रहे था और जीभ को अंदर भी डाल रहे थे मौसी की चूत में।  फिर मौसी बहुत गरम हो गई थी और वो अपनी कमर उठाकर पापा की जीभ को अंदर लेने लगी। फिर मौसी के दोनों हाथ पापा के सर पर थे और वो पापा के सर को दबाकर उनका मुँह अपनी चूत के और पास ले जाने की कोशिश कर रही थी।

तभी पापा उठे और अपनी अंडरवियर जल्दी से उतार दी और फिर पापा जल्दी से नीचे आए और फिर अपने दोनों पैर फैला कर लेट गये और मौसी को अपने ऊपर खींच लिया। तभी मौसी समझ गई और फिर मौसी लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही मौसी ने हिलाना शुरू किया पापा तो जन्नत का मजा महसूस करने लगे। फिर पापा ने लंड को मुहं में लेने को कहा। तभी मौसी तुरंत ही मान गई। फिर धीरे-धीरे मौसी ने लंड के टोपे को मुँह में ले ही लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी। फिर कुछ 15 मिनट तक मौसी ने पापा के लंड को चूसा होगा। तभी मौसी बोली कि अब मुझसे कंट्रोल नहीं होता अब डाल दो। पापा भी अब तैयार थे तभी पापा ने एक तकिया उनकी कमर के नीचे लगाया और फिर मौसी की जाँघें अपनी जाँघों पर चढ़ा लीं। फिर पापा अपने लंड को मौसी की चूत पर फैरने लगे और अब उनकी चूत तन्दूर की तरह गरम थी। फिर पापा अपने लंड को धीरे धीरे मौसी की चूत में घुसाने लगे.. लेकिन उनकी चूत बहुत गीली थी। फिर लंड का सुपाड़ा चूत के अन्दर जाते ही वो जोर से बोली कि मुझे बहुत दर्द हो रहे है। फिर पापा वहीं पर रूक गये और उनकी चूचियों को सहलाने लगे और फिर मौसी के होठों को चूमने लगे। तभी थोड़ी देर में मौसी जोश में आ गई और अपने चूतड़ उठाने लगी।  तभी पापा ने ऊपर से थोड़ा जोर लगाया और फिर लंड उनकी चूत में तीन इंच घुस गया। तभी मौसी जोर से चिल्लाने लगी और पापा ने अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये।

फिर मौसी आँखें बंद किये सिसकियाँ भर रही थी। तभी पापा को सही मौका मिला और अचानक उन्होंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा लंड उनकी चूत में घुसेड़ दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी और कहने लगी कि बाहर निकालो शायद बच्चे उठ चुके है। तभी पापा वहीं पर रूक गये और फिर पापा ने मौसी को प्यार से समझाया कि मेरा पूरा लंड चूत में चला गया है। अभी थोड़ा सा दर्द होगा लेकिन बाद में जो मज़ा आएगा वो तुम्हे तुम्हारा पूरा दर्द भुला देगा और बच्चो की तुम चिंता मत करो मैंने आज खाने में नींद की कुछ गोली मिला दी है। तभी मेरे समझ में आया कि पापा ने आज मुझसे खाने के लिये क्यों पूछा था लेकिन मैंने खाना खाया ही नहीं। फिर पापा ने मौसी के लाख कहने पर भी अपना लंड उनकी चूत से बाहर नहीं निकाला। फिर पाँच मिनट तक पापा सिर्फ़ बूब्स को चूसता रहे और मौसी के पूरे शरीर पर हाथ फैरते रहे। तभी धीरे धीरे मौसी का दर्द कम हुआ और फिर पापा को जोश आने लगा और वो पापा से चिपक गई और अपने चूतड़ उठाने लगी।  फिर उनकी चूत लंड को कभी जकड़ती और कभी ढीला छोड़ती। फिर पापा इशारा समझ गये और फिर पापा ने धीरे धीरे अपने लंड को उनकी चूत में अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।

तभी थोड़ी देर में मौसी को भी मज़ा आने लगा और फिर मौसी भी गांड को उठाकर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक पापा ने उसे बिना रुके चोदा और इतनी देर में मौसी की चूत भी गीली हो गई और उनका दर्द कम हो गया और मौसी भी बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। फिर मौसी भी नीचे से गांड हिलाकर पापा का साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ जोर से तेज और तेज करो.. मुझे चोदते रहो जोर से और जोर से चोदो मुझे। तभी पापा ने पूरे जोश में आकर तेज तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए। फिर कुछ देर बाद मौसी एकदम से अकड़ने लगी और पापा की पीठ और कन्धों पर नाख़ून चुभाने लगी और फिर एकदम से पापा से लिपट गई और झड़ गई.. लेकिन पापा तो अभी भी जोश में थे। तभी मौसी बोली कि रुको मत पता नहीं कब मौका मिले फ़िर उनकी आँखों से आँसू निकल पड़े लेकिन पापा रुके नहीं और फिर पापा अपने लंड को अंदर बाहर करते रहे। कुछ देर बाद मौसी को भी मज़ा आने लगा और मौसी भी पापा का साथ देने लगी। तभी वो अपनी कमर को पापा के साथ साथ आगे पीछे करने लगी। इसलिए मज़ा और ज़्यादा आने लगा ऐसा करते करते कुछ देर बाद मौसी फिर झड़ गयी। उनकी गरम चूत गीली हो गई और वो शांत पड़ गई लेकिन पापा रुके नहीं और फिर से उन्हें चोदते रहे। तभी मौसी ने पापा को रुकने को कहा लेकिन पापा रुके नहीं और अपना काम करते रहे।  फिर लगभग 10 मिनट के बाद पापा भी झड़ने लगे तो पापा ने पूछा कि बाहर निकालूँ? तभी मौसी बोली कि मैं मजा लेना चाहती हूँ तुम अंदर ही डाल दो। फिर पापा ने जोर जोर से झटके मारे और फिर थोड़ी देर में अपना सारा वीर्य मौसी की चूत में निकाल दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

दोस्तों क्या बताऊँ जिस समय उन दोनों की चुदाई चल रही थी मेरा लंड खड़ा होकर कुतुबमीनार बन चुका था। मुझे उनकी चुदाई देखकर मुठ मारने की इच्छा होने लगी। लेकिन वो दोनों मेरी छाती पर मूंग दल रहे थे और मैं लंड को काबू में ले रहा था। उनकी चुदाई से मैं सातवें आसमान में उड़ रहा था ऐसा मजा मुझे आज तक नहीं मिला था। तभी मौसी बोली कि तुम्हारे गरम गरम वीर्य को मैं अपनी चूत में महसूस करना चाहती थी। तभी पापा ने पूछा कि तुम्हे मजा आया ना? फिर मौसी बोली कि अभी तो पूरी रात है तुम तो बिना रुके मजा देते रहो। आज हमे बच्चो की कोई चिंता नहीं। फिर उस रात पापा ने 3 बार और सेक्स किया और फिर पापा और मौसी दोनों फिर वापस अपनी अपनी जगह पर आकर सो गये। फिर पापा ने सुबह उठकर दिनचर्या का काम पूरा का किया और ऑफिस चले गए।  फिर जब कभी भी उन्हें मौका मिलता वो फिर से चुदाई करते थे। फिर जब माँ की तबियत ठीक हुई तब कहीं जाकर मौसी अपने घर गई और वो भी मेरे कई बार ताने मारने पर। लेकिन मुझे अभी भी शक है कि वो दोनों कहीं ना कहीं चुदाई जरुर करते होंगे लेकिन मैंने अभी तक माँ को ये बात नहीं बताई ।

मेरी सेक्सी साली की चूत गांड चुदाई - Meri sexi saali ki chut gand chudai

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हेलो दोस्तों, यह कहानी आज से लगभग 4 साल पहले की है। वो नवम्बर का महीना था और ठंड भी पड़ना शुरू हो गई थी और मेरी पत्नी प्रॅगनेंट थी उसका सातवां महीना चल रहा था। फिर मेरी पत्नी ज़्यादा काम नहीं कर पाती थी। तभी मैंने उसकी मदद के लिये अपनी साली को बुला लिया। मेरी साली का नाम कामिनी है वो बहुत सुंदर और सेक्सी लड़की है उसकी उम्र 22 साल की है और चूचियाँ 32″ और कमर 28″ गांड 30″ के आसपास है और वो मुझसे बहुत मज़ाक करती है। फिर मैंने शुरू शुरू में कोई खास ध्यान नहीं दिया लेकिन बहुत दिन से चुदाई नहीं करने के कारण मुझे बहुत अजीब सा लगता था। फिर रात में जब लंड खड़ा होता तो मैं बाथरूम में जाकर साली का नाम लेकर मुठ मार लेता था।

फिर मेरा मन अब साली को चोदने का करता था लेकिन डर लगता था कि अगर उसने विरोध किया और मेरी पत्नी को पता चल गया तो मेरा हंसता खेलता परिवार उजड़ जाएगा। लेकिन चुदाई करने के लिए कुछ तो पहल करनी ही थी। फिर इसलिए एक दिन मौका देखकर जब मेरी पत्नी आँगन में धूप सेक रही थी और रूम में साली अकेली थी। तभी मैंने पीछे से हाथ लगाया और साली की कमर पर अपना एक हाथ फैरने लगा। तभी वो अचानक से चौंक गई और कहने लगी कि आप यह क्या कर रहे हो? फिर मैंने उसे कहा कि बस तुम्हे छूकर देख रहा हूँ कि तुम्हारे अंदर कितना करंट है। तभी वो एक शैतानी हंसी हंस पड़ी। फिर मैं समझ चुका था कि हंसी तो फंसी लेकिन शुरू शुरू में तो उसने बहुत नाटक किया लेकिन अब मैं उसे रोज मौका देखकर चूमने लगा। अब उसने विरोध करना छोड़ दिया था और शायद उसे मज़ा आता था। लेकिन चुम्मा लेने से लंड की प्यास नहीं बुझती है फिर यही हाल मेरे साथ भी था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर मेरी साली अपनी बहन यानी की मेरी पत्नी के साथ ही सोती थी और फिर मैं उसके पलंग के पास में चौकी पर सोता था.. पत्नी मेरी तरफ मुहं करके और साली दूसरी तरफ सोती थी और ऐसे में कुछ भी करना बहुत मुश्किल था। फिर एक दिन सुबह उठकर जब मेरी पत्नी बाथरूम गई थी तभी मैंने मौका देखकर थोड़ी हिम्मत जुटाई और अपनी चौकी से उठकर पलंग पर चला गया और साली के पास में लेट गया लेकिन शायद वो नींद में थी इसलिए उसे पता नहीं चला।फिर मेरे पास समय कम और एक बहुत मौका अच्छा था। तभी मैंने साली की चूचियों पर हाथ रख दिया और फिर उसे धीरे धीरे दबाने लगा.. इससे उसकी नींद अचानक खुल गई और फिर मेरी डर के मारे बहुत हालत खराब हो गई.. मुझे ऊपर से नीचे तक पसीना छूट गया। लेकिन उसने केवल मेरा हाथ पकड़ा था और वो कुछ बोली नहीं। तभी इससे मेरी हिम्मत और बड़ गई और फिर मैंने अपना हाथ छुड़ाकर साली की चूचियों पर रख दिया और फिर बड़े आराम से उन्हें दबाने लगा लेकिन कुछ देर बाद मुझे लगा कि मेरी पत्नी बाथरूम से वापस आ गई है। तभी मैं तुरंत जल्दी से अपने बिस्तर पर आ गया। फिर करीब एक सप्ताह तक रोज मैंने ऐसा ही किया फिर मेरी प्यास रोज और बड़ती ही जा रही थी।फिर करीब एक सप्ताह के बाद सुबह रोज की तरह जब मेरी पत्नी बाथरूम में गई।

तभी मैं साली के पास उसके पलंग पर आ गया और फिर साली की चूचियाँ दबाते दबाते मैंने एकदम से अपना एक हाथ उसकी सलवार के अंदर घुसा दिया किस्मत से मेरा हाथ एकदम से साली की पेंटी के भी अंदर घुस गया और मेरा हाथ सीधे जाकर साली की चूत पर पड़ा। फिर मैं साली की चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा और वो बीना हिले चुपचाप पड़ी रही उसने कोई विरोध नहीं किया। तभी मैंने अपनी एक ऊँगली साली की चूत में डाल दी। तभी वो अचानक से पूरी हिल गई और मुझे अंदाजा हो गया कि वो चुदाई के लिये तैयार है। फिर मैंने अपनी पत्नी के डर से ऊँगली को बाहर किया और उसे चूमने लगा। फिर मैंने उसे करीब पांच मिनट तक चूमा और छोड़ दिया और सही मौके की तलाश में लगा रहा।फिर जब भी वो मुझे देखती हमेशा एक अच्छी सी मुस्कान देकर मुझे चुदाई के लिये न्यौता दे कर चली जाती और मैं अंदर ही अंदर जलकर राख होता रहता था और भगवान से कहता कि वो दिन.. ना जाने कब आएगा? तभी एक दिन मेरी किस्मत चमक उठी और मुझे जिस मौके की तलाश थी वो आज मुझे मिल गया। मेरी पत्नी डॉक्टर के पास जाँच के लिये मेरी माँ के साथ चली गई मैंने माँ को कहा कि मैं भी चलूं लेकिन माँ ने मना कर दिया और कहा कि तू क्यों परेशान होता है? और फिर घर पर कामिनी भी अकेली कैसे रहेगी? फिर मैं माँ की इस बात से सहमत था।

फिर मैंने डॉक्टर से एक दिन पहले बात की थी और मेरी पत्नी का नंबर लगा दिया था। फिर उस दिन मुझे पता था कि आज घर पर करीब तीन, चार घंटो के लिये बस हम दोनों थे मैं और मेरी साली और कोई नहीं फिर क्या था.. आज तो बस मेरी चाँदी ही चाँदी थी। फिर करीब सुबह के दस बजे मैंने.. माँ और मेरी पत्नी को घर के बाहर से विदा किया और फिर मैं दरवाजा अंदर से बंद करके अंदर चला आया और सीधा अपने कमरे में गया और वहाँ से मैंने एक कंडोम का पैकेट लिया और अपनी ज़ेब में रख लिया। फिर मैं सीधा किचन में गया जहाँ पर कामिनी काम में व्यस्त थी। तभी मैंने उसे अचानक पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर चूमने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा लेकिन उसने कोई भी विरोध नहीं किया। फिर मैंने किचन में ही उसके बूब्स दबाने शुरू कर दिए और उसने अपना हाथ आगे बड़ा कर मेरा लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। तभी मैंने उससे कहा कि चलो अब हम चुदाई पलंग पर करते है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मैंने पलंग पर लेटा दिया और लेटते ही मैंने उसे पकड़ कर उसके होंठो को अपने होंठो से दबा लिया और फिर उसे चूमने लगा। फिर पांच मिनट किस करने के बाद मैं नीचे हुआ और उसके बूब्स को कुर्ती के ऊपर से दबाने लगा। तभी कामिनी की सांसे तेज होती जा रही थी। फिर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मैं उसके ऊपर था और उसके बूब्स दबा रहा था और फिर उसकी गर्दन पर अपनी जीभ से चाट रहा था।

तभी मैं ऊपर से हटा और फिर उसे बैठाकर उसकी कुर्ती को उतार दिया। उसने ब्रा नहीं पहनी थी। फिर जैसे ही मैंने कुर्ती उतारी उसके गोर गोर 32 के बूब्स मेरे सामने आ गए। मैं पागल सा होने लगा और कामिनी को नीचे दबाकर साली की बूब्स पर टूट पड़ा। फिर एक हाथ से उसके सीधे बूब्स को और जोर से और फिर दूसरे बूब्स को मेरे मुहं में लेकर चूस रहा था और हल्के हल्के दबा रहा था। फिर मेरे हर बार दबाने के साथ कामिनी का जोश बढ़ता जा रहा था और जोर से उनको चूसने और मसलने लगा। कामिनी को भी मजा आने लगा और उसके मुँह से सिसकियाँ निकलने लगी।फिर मैंने साली की चूचियों को जी भर कर चूसा और चूसते-चूसते ही मैं एक हाथ से उसकी चूत पर ले गया और सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत सहलाने लगा। फिर मैं धीरे-धीरे उसकी सलवार में हाथ डाल कर पेंटी के अन्दर अपना हाथ ले गया और उसकी चूत को सहलाने लगा। सच में कामिनी की चूत बहुत ही सेक्सी और कोमल थी.. मैं तो बस मदहोश हो गया था। फिर मैं धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत को सहलाने लगा। तभी साली की चूत बहुत गीली हो चुकी थी और वो मुझे कहने लगी थी अब और बर्दाश्त नहीं होता प्लीज लंड डालो ना। तभी मैं समझ गया कि अब ये पूरी तरह से गरम हो चुकी है। फिर मैंने जल्दी से उसकी सलवार का नाड़ा खोलकर उसे उतार दिया और फिर पेंटी के ऊपर से ही उसको चूमने लगा। फिर मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पेंटी को भी उतार फेंका।

फिर मैं जल्दी से नीचे आया और फिर अपने दोनों पैर फैलाकर लेट गया और उसे अपने ऊपर खींच लिया। तभी वो समझ गई और मेरे लंड को हाथ में लेकर ऊपर नीचे करने लगी। फिर जैसे ही उसने हिलाना शुरू किया मुझे करंट के झटके लगने लगे क्योंकि पहली बार किसी दूसरी लड़की के हाथ में मेरा लंड था। फिर मैं लंड धीरे से उसकी चूत में घुसाने लगा लेकिन उसकी चूत बहुत टाईट थी।तभी मैंने धीरे से एक धक्का दिया लंड चूत के अंदर चला गया। फिर साली की चूत से खून बहने लगा था और कामिनी आँखें बंद किये सिसकारियां भर रही थी। तभी मुझे सही मौका मिला और अचानक मैंने एक जोर का झटका दिया और अपना पूरा 5 इंच का लंड उसकी चूत की गहराइयों में डाल दिया। तभी वो बहुत जोर से चीखी और जोर से तड़पने लगी वो दर्द से छटपटाने लगी और कहने लगी कि प्लीज मुझे छोड़ दो और फिर वो जोर जोर से रोने लगी। फिर पाँच मिनट तक मैं सिर्फ़ उसके बूब्स को चूसता रहा और उसके पूरे शरीर पर हाथ फैरता रहा।तभी धीरे धीरे उसका दर्द कम हुआ और तभी थोड़ी देर में उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी हिल हिल कर चुदाई का मज़ा लेने लगी। फिर करीब 15 मिनट तक मैं उसे बिना रुके चोदता रहा और इतनी देर में उसकी चूत गीली हो गई और उसका दर्द कम हो गया और वो बहुत मज़े लेकर चुदवाने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर वो भी नीचे से गांड हिलाकर मेरा साथ दे रही थी और बोल रही थी अह्ह्ह ईईइ और जोर से मुझे चोदते रहो और जोर से चोदो मुझे। तभी वो एकदम से अकड़ गई और झड़ गई। फिर मैं अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। फिर मैं उसे जोर जोर से चोदता रहा। फिर करीब दस मिनट बाद मैं साली की चूत में झड़ गया और मैंने पूरा वीर्य साली की चूत में डाल दिया। फिर मुझे कोई डर नहीं था क्योंकि मैंने पहले से ही लंड पर कंडोम चड़ा लिया था।दोस्तों फिर चार घंटो में मैंने करीब साली की दो बार चुदाई की फिर जब भी मुझे चुदाई का मौका मिलता तो मैं कामिनी की चुदाई करता और अपने लंड को शांत करता। दोस्तों मैंने कभी भी कामिनी को बिना कंडोम के नहीं चोदा क्योंकि उसकी अभी शादी नहीं हुई थी और कभी भी मेरी पत्नी को भी पता नहीं चला ।

मकान मालिक के साथ मेरी मम्मी का सेक्स Makaan malik ke sath meri mummy ka sex

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हेलो दोस्तों, मेरी मम्मी का नाम नुकशा है और वो बहुत ही सुंदर औरत है उनकी उम्र 39 साल की है लेकिन उनका शरीर बिल्कुल फिट है और उनको देखकर नहीं लगता है कि वो 39 साल की है.. मम्मी की बूब्स बहुत ही बड़े बड़े है और मम्मी की गांड बिल्कुल गोल गोल है। फिर मेरी मम्मी मुझे अपने साथ मार्केट लेकर जाती थी.. तो सारे अंकल मम्मी को देखते ही रह जाते थे। वो सारे मेरी मम्मी को चोदना चाहते थे.. वो लोग मेरी मम्मी को घूर घूर कर देखते ही रहते थे। मेरी मम्मी अधिकतर टाईम सलवार सूट ही पहनती थी। मम्मी की कुरती में से उनके बूब्स गजब के दिखते थे और सारे मोहल्ले के अंकल मेरी मम्मी के हुस्न के दीवाने थे।

दोस्तों यह उस समय की कहानी है.. जब मेरे पापा को एक बड़े प्रॉजेक्ट के काम से एक साल के लिए बाहर जाना पड़ा और में और मेरी मम्मी अकेले ही घर पर रह गये थे। फिर हम जिस घर में रहते थे उसके ऊपर वाले कमरों में हमारा मकान मलिक रहता था और मकान मलिक की बीवी कुछ समय पहले गुजर गई थी और फिर वो बिल्कुल अकेला ही रह गया था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरे मकान मलिक का नाम रमेश था। हमारा मकान मलिक मेरी मम्मी को बहुत घूरकर देखता था और वो मम्मी को बहुत ही पसंद करता था। फिर पापा को गये हुए बहुत दिन हो गये थे और फिर मम्मी अपने बचाए हुए पैसों में से घर का किराया दे दिया करती थी लेकिन धीरे धीरे हमे पैसों की कमी होने लगी और किराया देने में बहुत प्राब्लम होने लगी। फिर मेरी मम्मी ने मेरे मकान मलिक से बात की.. वो कुछ दिन का समय दे दे। फिर उसने कहा कि ठीक है। फिर कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा दो महीने बाद मेरा मकान मलिक आया और उसने पैसों के लिए पूछा। तभी मम्मी ने कहा कि अभी नहीं है लेकिन वो दे देंगी लेकिन उसने कहा कि नहीं बहुत दिन हो गये है अब वो और दिन नहीं रुक सकता है और उसने मम्मी से घर छोड़ देने के लिए कहा।

तभी मम्मी रोने लगी और उन्होंने कहा कि प्लीज कुछ दिन और रुक जाइए.. में पैसे दे दूँगी.. लेकिन वो मानने वाला नहीं था लेकिन मम्मी के बहुत रोने पर उसने कहा कि ठीक है में रुक जाता हूँ लेकिन इसके बदले में कुछ लूँगा। तभी मम्मी ने कहा कि आप जो बोलेंगे में वो दे दूँगी लेकिन प्लीज आप कुछ दिन और रुक जाइए। फिर मेरा मकान मलिक मम्मी के पास आया और वो मम्मी को चुप करने लगा और वो मम्मी से कहने लगा कि रोने की ज़रूरत नहीं है। फिर उसने मम्मी को सोफे पर बैठा दिया और मम्मी के आँसू पोंछने लगा। तभी मैंने खा कि वो मम्मी के गालो को छू रहा है और फिर उसने एक हाथ मेरी मम्मी के बूब्स पर रख दिया। तभी मम्मी ने कहा कि यह क्या कर रहे है आप? फिर उसने मम्मी से कहा कि अगर घर में रहना है तो मुझसे चुदवाना पड़ेगा। तभी मम्मी ने कहा कि यह क्या कह रहे है आप? यह नहीं हो सकता। फिर उसने मम्मी से कहा कि ठीक है आप यहाँ से चले जाओ। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तभी मम्मी उसकी तरफ देखने लगी और में दूसरे रूम से खड़ा होकर सब देख रहा था। फिर मम्मी ने कहा कि ठीक है लेकिन अभी नहीं अभी मेरा बेटा देख लेगा.. में रात में आउंगी। तभी उसने कहा कि ठीक है। फिर अंकल चले गये और में भी तैयार होकर स्कूल चला गया लेकिन में यही सोच रहा था कि आज अंकल मम्मी को चोद देंगे। फिर में घर वापस गया मैंने अपना स्कूल का काम टाईम पर खत्म करके में खाना खाने लगा।

फिर उस समय मम्मी नहाने गई हुई थी। फिर मम्मी जब मम्मी बाहर निकली तो मैंने देखा कि मम्मी ने सफेद कलर का सलवार सूट पहन रखा था और मम्मी का सूट बिल्कुल पारदर्शी था जिसमे से उनकी लाल रंग की ब्रा दिख रही थी और मम्मी गजब की सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने देखा कि मम्मी तैयार हो रही थी। तभी मैंने मम्मी से पूछा कि मम्मी आप कहीं जा रही हो क्या? फिर मम्मी ने कहा कि हाँ बेटा में एक पार्टी में जा रही हूँ और तुम सो जाओ। फिर मैंने कहा कि ठीक है और में सोने चला गया लेकिन मेरे दिमाग़ में अंकल की बात चल रही थी कि आज वो मेरी मम्मी को चोद देंगे। फिर कुछ देर बाद मम्मी बाहर निकल गयी और फिर अंकल के कमरे की तरफ चली गयी। फिर में थोड़ी देर तक ऐसे ही बेड पर लेटा रहा और फिर में उठा और गेट खोला और फिर मम्मी के पीछे पीछे चला गया। तभी मैंने देखा कि मम्मी अंकल के कमरे के अंदर चली गई और फिर अंकल ने गेट बंद कर दिया। तभी में वहीं पर बनी एक खिड़की से जब देखने लगा। फिर मम्मी सोफे पर जाकर बैठ गयी और अंकल भी वहीं पर मम्मी के पास में जाकर बैठ गये और मम्मी से बातें करने लगे। फिर मैंने देखा कि अंकल मम्मी को घूर घूरकर देख रहे थे और फिर अंकल मम्मी के पास में बैठ गये। फिर अंकल ने मम्मी की जांघो पर हाथ रख दिया और सहलाने लगे मम्मी कुछ डरी हुई नज़र आ रही थी क्योंकि पहली बार मम्मी किसी गैर मर्द से चुदने जा रही थी।

फिर अंकल ने मम्मी का गाल पकड़ लिया और फिर मम्मी के होंठो को अपने होंठो में सटा लिया और फिर चूमने लगे और मम्मी के होंठो को चूसने लगे। तभी मैंने देखा कि अंकल मम्मी की लिपस्टिक को चाट रहे थे। फिर मेरी मम्मी ने अंकल के गले को पकड़ रखा था और वो भी अंकल का साथ दे रही थी। फिर अंकल मेरी मम्मी के गले पर किस करने लगे और मम्मी को भी बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उन्होंने अंकल के बाल पकड़ रखे थे। फिर अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और फिर दीवार से चिपका कर खड़ा कर दिया और मम्मी के गले पर किस करने लगे मम्मी आआ आआहह कर रही थी और अंकल जानवरों की तरह मेरी मम्मी को चूम रहे थे। तभी थोड़ी देर तक ऐसे ही मेरी मम्मी को किस करने के बाद अंकल ने अपने दोनों हाथों को पीछे कर दिया और मेरी मम्मी की कुरती ऊपर उठाकर सलवार के ऊपर से मम्मी के चूतड़ मसलने लगे। तभी मैंने देखा कि मम्मी की सलवार बिल्कुल पारदर्शी थी और उन्होंने लाल कलर की पेंटी पहन रखी थी। फिर अंकल मेरी मम्मी के चूतड़ो को मसले जा रहे थे। तभी अंकल ने मम्मी से कहा कि नुकशा जब से मैंने तुम्हे देखा है तब से तुम्हे चोदना चाहता था लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और आज में तेरी चूत फाड़ दूँगा। फिर अंकल ने मेरी मम्मी को अपने कंघे पर उठा लिया और अपने बेड रूम में लेकर चले गये..

अंकल का शरीर बहुत अच्छा है इसलिए मेरी मम्मी को उठाने में उन्हे ज्यादा प्राब्लम नहीं हुई। फिर में भी बेडरूम की खिड़की पर चला गया और रूम में देखने लगा। तभी मैंने देखा कि अंकल ने मेरी मम्मी को बेड पर पटक दिया और बेड पर गिरते ही मेरी मम्मी के बूब्स हिलने लगे। फिर अंकल ने अपने सारे कपड़े उतार लिए और मम्मी के सामने बिल्कुल नंगे हो गये। अंकल का लंड बहुत बड़ा था.. मकान मलिक का 7 इंच लंबा लंड था और बहुत मोटा था.. बिल्कुल काले रंग का लंड था। तभी मम्मी मकान मलिक का लंड देखकर डर गयी। फिर अंकल मम्मी के पास गये और उन्होंने अपना लंड मेरी मम्मी के मुहं में दे दिया। फिर मम्मी अंकल के लंड को चूसने लगी। तभी थोड़ी देर में मम्मी ने अंकल का पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया और अंदर बाहर करने लगी। फिर मैंने अंकल की तरफ देखा अंकल अह अह कर रहे थे और मेरी मम्मी के बूब्स को मसल रहे थे। फिर मम्मी कभी अंकल के लंड को चूसती थी तो कभी उनके लंड को सहलाती थी। फिर अंकल ने अपना लंड मम्मी के मुहं से निकाल दिया और उन्होंने मेरी मम्मी का कुर्ता निकाल कर ज़मीन पर फेंक दिया। तभी मैंने देखा कि मम्मी ने लाल कलर की ब्रा पहनी रखी थी। फिर अंकल ने मेरी मम्मी की ब्रा का हुक खोल दिया। तभी वो कमर के ऊपर से बिल्कुल नंगी थी। फिर मैंने पहली बार मम्मी के नंगे बूब्स को देखा था और मम्मी के निप्पल बिल्कुल भूरे कलर के थे।

फिर अंकल तो मेरी मम्मी के बूब्स को देखते ही रह गये मम्मी के बूब्स बिल्कुल गोल गोल थे। फिर अंकल ने मेरी मम्मी को लेटा दिया और मैंने देखा कि अंकल ने तकिया मेरी मम्मी की पीठ के नीचे लगा दिया जिससे उनके बूब्स और तन गए। फिर मेरी मम्मी ने अपने हाथ पीछे कर रखे थे और बेड को पकड़ रखा था। तभी अंकल मम्मी के पास में लेट गये और उन्होंने मेरी मम्मी के एक बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। फिर अंकल बड़े मज़े से मेरी मम्मी के एक बूब्स को चूस रहे थे और दूसरे बूब्स को अपने हाथ से मसल रहे थे और मम्मी आआ…आआ ससस्स…ईईए…उई माँ कर रही थी। तभी अंकल समझ गये थे कि मम्मी को भी बहुत मज़ा आ रहा था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर अंकल ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी के बूब्स को चूस रहे थे और मसल रहे थे। तभी अंकल ने अपने एक हाथ से मेरी मम्मी के पेट को सहलाना शुरू किया और फिर उन्होंने मेरी मम्मी के सलवार का नाड़ा खोल दिया। तभी मम्मी की सलवार थोड़ी ढीली हो गई और फिर मैंने देखा कि मकान मलिक ने अपना एक हाथ मेरी मम्मी की सलवार के अंदर डाल दिया और पेंटी के ऊपर से मेरी मम्मी की चूत को सहलाने लगे। फिर मम्मी आआ…आआ….हह मरी में कर रही थी और अंकल मज़े के साथ मेरी जवान मम्मी के जिस्म के साथ खेल रहे थे और वो एक हाथ से मेरी मम्मी के बूब्स मसल रहे थे तो दूसरे बूब्स को चूस रहे थे और अपने एक हाथ से मम्मी की चूत रगड़ रहे थे।

तभी थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने मम्मी की सलवार को खींच कर निकाल दिया और फिर मम्मी सिर्फ़ लाल रंग की पेंटी में अंकल के सामने थी। तभी अंकल उठकर बैठ गये और उन्होंने मेरी मम्मी की पेंटी निकाल ली। तभी मैंने देखा कि अंकल मेरी मम्मी की नंगी चूत को देख रहे थे। फिर मैंने अपनी मम्मी की चूत की तरफ देखा मम्मी की चूत पर एक भी बाल नहीं था। तभी अंकल ने मेरी मम्मी की नंगी चूत पर अपना हाथ रखा दिया और मम्मी सिहर गई। फिर अंकल ने मम्मी से पूछा कि नुकशा तेरी चूत तो बहुत टाईट है तुम कब से नहीं चुदी हो? फिर मम्मी ने कहा कि बहुत दिन हो गये है और मेरी चूत बहुत दिनों से लंड के लिए तरस रही है। फिर अंकल ने कहा कि कोई बात नहीं में आज से रोज़ हर समय चोदूंगा। फिर मकान मलिक ने मेरी मम्मी की चूत में अपना लंड सटाकर मेरी मम्मी के होंठ चूमने लगे। तभी मम्मी के मुहं से अह्ह्ह ओह्ह्ह मरी में की आवाज़े निकलने लगी। तभी मकान मलिक ने मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया है और उसे अंदर बाहर कर रहे है और मम्मी ने अपने हाथ से अंकल के बाल पकड़ रखे थे और सिसकियाँ ले रही थी। तभी थोड़ी देर तक अंकल ऐसे ही मेरी मम्मी की चूत को चोदते रहे। फिर मैंने देखा कि मम्मी की चूत से पानी गिरने लगा और मम्मी ने अंकल से कहा कि रमेश प्लीज़ अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है चोद दो मुझे।

फिर अंकल ने कहा कि रानी आज तो में तुझे रात भर चोदुंगा। फिर अंकल घुटनो के बल बैठ गये और मैंने देखा कि अंकल ने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ रखा था और अपने लंड को मेरी मम्मी की चूत पर सटा कर रगड़ रहे थे और मम्मी ने अपने दोनों हाथ पीछे करके तकिये को पकड़ रखा था। फिर मैंने देखा कि अंकल ने एक झटका दिया और मम्मी जोर से चीख पड़ी उई ईईइ अह्ह्ह माँ मुझे बचाओ। मम्मी की चूत बहुत टाईट थी जिसकी वजह से मकान मलिक का मोटा लंड मेरी मम्मी की चूत में पूरा नहीं गया। तभी मैंने देखा कि अंकल किचन से तेल लेकर आए उन्होंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी मम्मी की चूत पर लगाया। तभी उन्होंने फिर से एक जोर का झटका दिया और फिर अंकल के लंड का टोपा मम्मी की चूत के अंदर चला गया था। फिर अंकल ने धीरे धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया। अब अंकल का आधा लंड मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था। तभी अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों घुटनो को पकड़ लिया और अपनी कमर हिला रहे थे और मम्मी धीरे धीरे ओफफफफ्फ़ अह्ह्ह ससस्स्सस्स म्रीईईईईईई धीरे धीरे प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है कर रही थी। फिर मम्मी की ऐसी आवाज़े सुनकर अंकल ने पूरी ताक़त से एक जोरदार धक्का दिया और फिर मैंने देखा कि अंकल का पूरा लंड एक बार में ही मेरी मम्मी चूत में चला गया।

फिर अंकल आगे की तरफ झुक गये और अपना हाथ बेड पर रख लिया और मम्मी को चोदने लगे अंकल का पूरा लंड मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था और वो मम्मी से कहने लगे कि नुकशा तेरी चूत में बहुत गर्मी है मज़ा आ गया.. बहुत दिन बाद ऐसी गरम चूत मिली है और आज में तुझे जी भरकर चोदूंगा और वो मम्मी की चुदाई करने लगे। फिर मम्मी को भी अब बहुत मज़ा आ रहा था मम्मी ने उनसे कहा कि में भी बहुत दिनों से नहीं चुदी हूँ और आज मेरी प्यास बुझा दे राज़ा और ज़ोर से चोद मुझे.. ज़रा और ताक़त लगा। फिर अंकल मम्मी के ऊपर लेट गये उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरी मम्मी के बूब्स पकड़ लिए और मसलने लगे और मेरी मम्मी की चूत को चोदने लगे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर अंकल ने अपनी पूरी ताक़त से मम्मी को चोदना शुरू कर दिया और पूरे रूम में मेरी मम्मी की सिसकियों की आवाज़ गूँज रही थी। तभी मम्मी चूतड़ उठा उठाकर अंकल से चुदवा रही थी। तभी थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि अंकल ने एक ज़ोर का झटका दिया और मम्मी के ऊपर ही लेट गये। तभी में समझ गया था कि अंकल ने अपना पूरा का पूरा वीर्य मेरी मम्मी की चूत में गिरा दिया है। फिर वो मेरी मम्मी को चूमने लगे और अपना लंड धीरे धीरे मेरी मम्मी की चूत में डालने लगे। फिर करीब 5 मिनट बाद अंकल मम्मी के ऊपर से हट गये और वहीं पर पास में लेट गये और मम्मी भी वहीं पर नंगी लेटी हुई थी।

माँ बेटे की चुदाई - बेटे ने माँ को चोदा Maa bete ki chudai - Bete ne Maa ko choda

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दोस्तों, आज मैं अपना एक राज आप सभी लोगों को बताने जा रही हूँ. मेरे १ लड़का और एक लड़की थे. मेरे पति एक सरकारी कर्मचारी थे. मेरा बड़ा लड़का २६ साल का था, उसे मैं जादा प्यार नहीं करती थी. इसका कारण ये है की उसकी शकल मेरे पति की तरह थी. वो मेरे पति को पड़ा था. मैं अपने पति का नाम भी नहीं लेना चाहती क्यूंकि वो एक नंबर का कुत्ता आदमी था. शादी होने के बाद ही उसने एक दूसरी लड़की के चक्कर में मुझे जहर की सुई लगा दी थी. हमेशा मुझको मारता पीटता था.

जब मैं पहली बार माँ बनी तो मुझे लड़का हुआ जो हू बहू मेरे पति को पड़ा. बस उसी दिन से मुझको उससे घोर नफरत हो गयी. मेरा लड़का बिट्टू ये बात समझ नही पाता था की मैं उससे क्यूँ नफरत करती हूँ. जब पढ़ लिखकर भी उसको नौकरी नही मिली तो मैं आये दिन उसको ताने मरने लगी. फिर एक दिन मेरे पति से मुझको मारा तो मेरे लड़के बिट्टू ने मुझको बचाया और अपने बाप को खूब उड़ाया. कुछ दिनों बाद मेरा पति कैंसर से मर गया तो मेरे लड़के को नौकरी मिल गया. जाते जाते मेरा पति मुझको चोद चोद के प्रेग्नंट कर गया.

मेरे बेटे बिट्टू ने मुझको प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया और मेरी डिलीवरी करवाई. वो दिन रात हॉस्पिटल में ही रहा और जगता रहा. मेरी देख रेख करता रहा. अब मेरा मेरे बेटे बिट्टू के लिए नजरिया बिलकुल बदल गया. अब मेरा तो वो जालिम खूंखार पति मेरी दुनिया से निकल गया था. दोस्तों जो घर मेरे लिए अब तक नर्क बना हुआ था, अब वो स्वर्ग बन गया. मेरा बेटा बिट्टू मेरा बड़ा ख्याल रखता था.

एक लड़का लड़की तो मेरे पहले से थे, पति से मरने के बाद मुझको एक लड़का और पैदा हुआ. बच्चा होने के तीसरे दिन मैं घर चली आई. बिट्टू मेरी दिन रात सेवा करने लगा. रात में वो सोने भी नही जाता था, मेरे पास ही बैठा रहता था. अब मैं बिट्टू को दिलो जान से चाहने लगी थी. बच्चा होने के ६वे दिन मैंने एक रात देखा की वो मुठ मार रहा था. मैंने उसे समय सोच लिया की मेरे बेटे से मुझको मेरे जालिम पति से मार खाने से बचाया है, मैं इसके लिए कुछ भी करुँगी. बच्चा होने के १० वे मैं फिर बिट्टू की उसके कमरे में खिडकी से मुठ मारते देख लिया. मैं उसके दरवाजे में दस्तक दी.

उसने दरवाजा खोला तो उसने सिर्फ आसमानी रंग का अंडरवेअर पहन रखा था. बिट्टू थोडा घबडा गया था.

बेटे!! क्या कर रहे थे तुम?? मैंने बिट्टू से पूछा

वो वो …कुछ नही मम्मी! बिट्टू हकलाने लगा.

मैं उसके कमरे में चली गयी. मेरा अभी अभी तीसरे नंबर का बच्चा जो पैदा हुआ था, मैंने उसको पालने में डाल दिया. मैं बिट्टू के कमरे में आ गयी. इस वक्त रात के १० बजे थे, मेरे घर में तो मेरी बच्चों के सिवा कोई न था, मेरी लड़की कविता जो की बिट्टू से छोटी है अपने कमरे में सो रही थी. बिट्टू से चुदने का यही सही मौका था.

आखिर उसने मेरे लिया क्या कुछ नही किया था, क्या मैं उसको चूत भी नहीं दे सकती थी.

बिट्टू अब तुमको हाथ से मुठ मारने की कोई जरूरत नही है!! मैंने कहा

बिट्टू भी मेरा कहना समज गया की मैं उसको अपनी चूत देनी वाली हूँ.

पर माँ ये गलत नही होगा?? तुम तो मेरी माँ लगी? बिट्टू बोला.

बेटा !! शहरों में ये सब चलता है. दिल्ली बम्बई में लोग सब कुछ करते है. तुम इसकी परवाह मत करो बेटा!! तुम्हारे बाप ने मुझको अपने बोस से कितनी बार चुदवाया है , क्या ये तुम जानते हो?? तुम इस बारे में मत सोचो बेटा! मैंने बिट्टू को समझाया.

मेरा बेटा तो पहले से ही समझ दार था. अब बिट्टू भी मुझको चोदने को तैयार हो गया. मैंने उस वक्त लाल रंग की मक्सी पहन रखी थी. बच्चा होने के कारण मेरे छातियाँ अब पहले जैसे छोटी न थी, बल्कि खूब बड़ी बड़ी हो गयी थी. एक नयी नयी बनी माँ की छातियाँ कितनी गोल मटोल होती है, ये तो आप सब जानते ही होंगे. बिट्टू भी मुझको चोदने को पूरी तरह से तैयार हो गया. उसने बत्तियाँ बुझा दी और हल्के नाईट लंप खोल दिए. बिट्टू जगजीत सिंह की गजल सुनना का बहुत सौकीन था, तो उसके म्यूजिक प्लयेर पर जगजीत सिंह के गाने वालों सी डी लगा दी. मच्छरों से बचने के लिए उसने उसने मोरतीन भी ऑन कर दी.

मेरी छोटी बेटी कविता कहीं यहाँ न आ जाए इससे बचने के लिए मैंने दरवाजा अच्छी तरह बंद कर लिया. मैं बिट्टू के बेड पर आ गया. मैंने उसकी तकिया हटाकर देखी तो बहुत सी पोर्न मैगजीन वहां गद्दे के नीचे छिपी थी, जो इशारा कर रही थी की मेरा बेटा बिट्टू अब जवान हो गया था और उसकी चूत की आवश्यकता है. मैंने भी चुदाई का मजा लेना चाहती थी.

बिट्टू शुरू शुरू में तो बड़ा संकोच कर रहा था, पर कुछ देर बाद वो मुझसे खुल गया. आखिर मैं उसकी माँ थी. बिलकुल अचानक से सारे रिश्ते नातों को भूलकर आखिर कैसे वो अपनी माँ को चोद सकता था. शर्माता शर्माता बिट्टू मेरे बगल आ गया. मैंने मक्सी निकाल दी. ब्रा भी निकाल दी. बिट्टू तो जैसे दूसरी दुनिया में चला गया. शर्माओ मत बेटा!! बड़े शहरों में सब लीगल होता है!! मैंने कहा. मैंने जैसे ही अपनी ब्रा खोली बिट्टू भूल गया की मैं उसकी माँ हूँ. अब वो मुझको अपनी माल समझने लगा. मैंने उसे अपने करीब खिंच लिया. अपनी सगी माँ के साथ संभोग करना आसान हो इसके लिए मैंने उसके दोनों हाथ को खींच कर अपने स्तनों पर लगा दिया. आज मेरे बेटे बिट्टू का अपनी माँ के नग्न्वाद से परिचय हुआ.

उसका साहस अब बढ़ गया, मैंने आँखे बंद कर ली की लड़का शर्म न करे. बिट्टू अब मेरी दूध से भरी छातियों को छूने सहलाने लगा. मैंने खुद अपने मुह पर अपनी एक चुन्नी डाल ली. अब बिट्टू मेरे साथ सब कुछ कर रहा था बिना मुझसे नजरे मिलाये. ये trick बड़ी कामयाब रही. कुछ देर बाद मैंने देखा बिट्टू मेरे मम्मे उसी तरह पी रहा था, जैसे वो बचपन में पिया करता था. मुझे संतोष मिला. तभी बिट्टू ने मेरी दूध से भरी एक छाती को कसके दबा दिया तो उसमे दूध ही दूध निकल पड़ा. ये सीन देखकर तो २६ साल के बिट्टू का लंड टनटना गया.

मैंने पूरी तरह उसके बेड पर औंध के लेट गयी. मैंने अपने चेहरे से चुन्नी नही हटाई. डरती थी कहीं वो पगला शरमा कर भाग न जाए. अब मैंने एक नजर छिप के देखा तो बिट्टू मेरे दोनों मम्मो को मस्ती से पी रहा था. १० दिन पहले ही मुझको बच्चा हुआ था, इसलिए मेरे दोनों छातियों में दूध उतरा था. दोस्तों, दूध की तो गंगा ही भ रही थी. बिट्टू जरा सा मेरी निपल्स को दबाता था तो दूध ही दूध बहने लग जाता था. मैंने बिट्टू के घुंघराले बालों में अपनी उँगलियाँ डाल दी और प्यार से सहलाने लगी. बिट्टू अब मुझसे पूरी तरह से खुल गया. मैंने अपनी दोनों टांगे फैला दी. पर बिट्टू का ध्यान अभी तक मेरी चूत की तरह न गया. वो बार बार मेरे मम्मो को ही पिए जा रहा था. वो बार बार मेरी निपल्स दबाता था, और दूध निकलता हुआ देखकर बहुत खुश होता था. और दूध को पीने लगता था.

अब बेटा दूध ही पियोगे या अपनी माँ को चोदोगे भी ! मैं कहा

अब जाकर बिट्टू का सम्मोहन मेरे मम्मो से खत्म हुआ. अब मेरा तीसरा बच्चा इस दुनिया में आ चूका था, पर आज भी मैं पतली दुबली थी. मेरा फिगर मेंटेन था. मेरे हाथ पैर बहुत ही गोरे और चिकने थे. बस ये समज लीजिए की मैं बिलकुल एक खरा सोना थी. मेरे मक्खन जैसे जिस्म को देखते हुए की मेरे कुत्ते पति से मुझसे उसके बोस के कमरे में जबरन भेज दिया था. उस रात मैं उसके बोस से पूरी रात चूदी थी, पर बदले में उसने मेरे पति का promotion कर दिया था. और दोस्तों आज इसी मक्क्नी जिस्म पर बिट्टू भी मार मिटा था.

बिट्टू मेरे पतले गोरे चिकने सपाट पेट को चूमता हुआ मेरी नाभि तक आ गया और उसमे ऊँगली करने लगा. मुझे गुद्गुदी हुई. फिर वो थोड़ी सी बर्फ ले आया और मेरी नाभि में रख दी. मेरी तो फट गयी दोस्तों, बिट्टू सायद मुझको दूसरे स्टाइल से चोदना चाहता था, कहाँ चुदास की गर्मी से मैं तड़प रही थी, कहाँ बर्फ की ठंडक उसके विपरीत काम कर रही थी. बड़ा विचित्र समागम था वो. बर्फ की ठडक से मैं तरप रही थी, मैं बार बार कमर उठा रही थी. मेरे बेटा सायद मुझको तड़पा तड़पा के चोदना पेलना चाहता था. मुझे तो यही आभास हुआ.

फिर बिट्टू उस बर्फ के टुकड़े को नीचे और नीचे ले गया. मैं ठंडक से तड़प उठी. बिट्टू उस बर्फ के जालिम टुकड़े को मेरे मखमली पेडू से होता हुआ मेरी चूत तक ले गया. और चूत में उसने लगा दी. मैं तो तड़प उठी दोस्तों. अभी १० दिन पहले मेरे चूत से बच्चा पैदा हुआ था और ये बिट्टू तो मुझ पर और सितम ढा रहा था. अब बड़ी देर हो गयी थी, बर्फ का टुकड़ा जरा सा बचा तो बिट्टू से मेरी चूत में डाल दिया. मैं तडप गयी. अब बिट्टू

मेरी यानि अपनी सगी माँ की चूत पीने लगा.

बेटा! अच्छी तरह से देख लो तुम इसी चूत से निकले हो !! मैंने कहा.

अब तो बिट्टू दुगुनी लगन से मेरी बुर पीने लगा जहाँ से वो पैदा होने हुआ था. कुछ लड़के ही नसीबवाले होते है जो अपनी माँ की चूत देख पाते है, जहाँ से वो पैदा हुए होते है. हल्की हल्की मेरी झांटे थी. १० दिन पहले बच्चा होने से मेरा भोसडा अब फट के बहुत बड़ा हो गया था. बिट्टू मेरे भोसड़े को पीने लगा. मेरी चूत के दोनों होठ बड़ी बुरी तरह फट गए थे. बिट्टू दोनों होठों को मजे से पी रहा था. जहाँ मैं सफ़ेद गोरी थी, वही मेरी चूट सावली रंग की थी. पर बिट्टू मजे से पी रहा था. मैंने उसके नए नए मोटे से लंड को हाथ में ले लिया और ताव देने लगी.

कुछ देर में बिट्टू का लंड खूटा सा मज्बुत हो गया.

बेटा! अब मुझको और मत तड़पाओ !! अब चोदो अपनी माँ को! मैंने कहा.

बिट्टू से मेरे दोनों पैर फैला दिए. मेरे सफ़ेद संगमरमर जैसे स्वेत घुटनों और गदराई भरी भरी जांघों को उसने कई बार काम पिपासावस चूमा. फिर उसने आखिर उस चूत पर अपना मोटा हट्टा कट्टा लंड रख दिया जहाँ से वो पैदा हुआ था. थोडा ढाका दिया और मुझको चोदने लगा.

आह! बेटा जरा धीरे! चुभ रहा है!! मैंने अपने बेटे से कहा


आज्ञाकारी बेटे की तरह बिट्टू से अपने लंड की सही पोजिशन में किया और मुझको लेने लगा. मैंने भी अब चुन्नी अपने चेहरे से हटा दी. बिट्टू मेरे दूध को पिए जा रहा था और मुझको पेले जा रहा था. कुछ कुछ देर बाद वो मेरे निपल्स को दबा देता था, मेरी छातियों का दूध बहने लग जाता था. करींब २० मिनट मेरे बेटे ने मुझको चोदा फिर स्खलित हो गया. दोस्तों, उस हसीन रात के बाद हर रात वो मुझको लेने लगा. आज २ साल पुरे होने को आये और पर मेरा बेटा बिट्टू आज भी रोज रात को मेरी चूत लेता है.

मैंने देखा - एक बाप ने अपनी बेटी को चोदा Maine dekha - Ek baap ne apni beti ko choda

मैंने देखा - एक बाप ने अपनी बेटी को चोदा, Maine dekha - Ek baap ne apni beti ko choda, कच्ची उमर में हवस की भूख,बाप ने की बेटी की चुदाई,पिता का लंड बेटी की बुर चूत में,बेटी की गांड फाड़ चुदाई,बेटी ने पापा का लंड खड़ा कर के अपनी चूत में लिया.

यह बात आज से 15 साल पहले की है.. जब मैं सेक्स के बारे में इतना कुछ नहीं जानता था और मेरे घरवालों ने मुझे पढ़ाई के लिए मेरे अंकल के पास छोड़ दिया.. वहाँ पर अंकल आंटी और अंकल की एक लड़की जिसका नाम रिगमा है.. वो रहती है। मैं अक्सर उसके साथ खेला करता था और वो मुझे बहुत तंग किया करती थी.. लेकिन उस समय मैं सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं समझ पाता था। तभी अचानक एक दिन आंटी की तबियत खराब हो गई और उन्हें हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। फिर हॉस्पिटल जाने पर हमे पता चला कि आंटी को इन्फेक्शन है और कैन्सर भी है.. जिसके कारण वो अब कुछ दिनों की महमान है।

फिर जब मैं सोता था तो रिगमा अपने मम्मी, पापा के कमरे के पास रात को जाकर के होल से कुछ देखती थी और जब मैं पूछता था कि तुम क्या देखती हो? तो वो जवाब देती कि कुछ नहीं और तुम्हे देखना है तो देख लो। तभी मैंने एक बार देखा तो अंकल, आंटी को किस कर रहे थे और फिर यह देखने के बाद उसने कहा कि तुम जाकर सो जाओ मैं अभी आती हूँ। इसके बाद वो आधे घंटे बाद आई और मुझे किस करने लगी। तो मैंने कहा कि प्लीज़ मुझे सोने दो और मैं सो गया। फिर समय बीतता गया और मैं 6 क्लास में चला गया और फिर रिगमा की माँ का इन्फेक्शन ठीक नहीं हुआ और 6 महीनों के बाद उनका देहांत हो गया। अब रिगमा का एडमिशन कॉलेज में हो गया और रिगमा की आदत में बहुत बदलाव आ गया।

अब वो अक्सर अपने कपड़े दरवाजा खोलकर बदलती तो कभी घर में केवल ब्रा पेंटी में घूमती तो कभी मिनी स्कर्ट में तो कभी पारदर्शी नाईटी में।फिर उसके पापा अक्सर उस पर नज़र डालते रहते थे और वो अपने बूब्स किसी ना किसी बहाने से उन्हें दिखाती रहती थी। वो उसका पूरा फ़ायदा उठाते और कभी मौका मिलने पर उसके बूब्स को अंजान बनकर दबा भी देते थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं। तभी एक दिन मैंने देखा कि अंकल रिगमा को कपड़े बदलते हुए देख रहे थे और उसने जानबूझ कर अपने सूट की चैन खुली छोड़ दी और जब वो बाहर आई तो अंकल ने उसकी चैन लगाई और धीरे से उसके बूब्स को भी सहलाया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

अब रिगमा बहुत खुल चुकी थी और अपने बाप से मज़े लेने की सोच में लगी रहती थी। तभी एक दिन मैं अपने स्कूल से आया तो देखा कि अंकल रिगमा से किचन में पीछे से चिपके हुए थे और उसके गाल पर किस कर रहे थे। तभी मुझे देखकर उन्होंने रिगमा को छोड़ दिए। फिर एक दिन जब हम सो रहे थे तब रिगमा के पापा ने उसे बुलाया और कहा कि उन्हें सर में बहुत दर्द हो रहा है। तो रिगमा उनके सर में बाम लगा रही थी और मैं सोने चला गया। फिर मुझे पता नहीं क्या हुआ? मैं वापस अंकल के कमरे की और चला गया और एक होल से देखने लगा। फिर मैंने जो देखा उस मैं देखकर दंग रह गया..

रिगमा के पापा रिगमा के बूब्स पकड़े हुए थे और उसे किस कर रहे थे और कह रहे थे कि तुम्हारे बूब्स बचपन में बहुत छोटे थे और अब बहुत बड़े हो गए है और उसे अपने बेड पर लटा दिया और उसकी सलवार कमीज़ उतारने लगे। रिगमा उन्हें चूमने लगी और कहने लगी कि इतने दिन से दिखा कर रही हूँ.. लेकिन आपकी नज़र ही नहीं जाती यहाँ.. पर आज गई है। फिर उसके पापा ने उससे पूछा कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने कहा कि नहीं है.. तो अंकल ने कहा कि अच्छा यानी किसी से कभी कुछ नहीं किया। तो वो बोली कि हाँ कभी नहीं किया ये सुनते ही अंकल उसके ऊपर चड़ गए और उसकी ब्रा खोल दी और उनके ब्रा खोलते ही उसके बूब्स बाहर आ गए..

तभी उसके गोल बड़े बड़े बूब्स को अंकल देखते ही रह गए और कहने लगे कि वाह! क्या बूब्स है तुम्हारे.. लगता है आज मजा आ जाएगा और उसके बूब्स को अपने हाथों में ले कर दबाने लगे और किस करने लगे। फिर एक के बाद एक बूब्स को किस करते और उसके निप्पल को मुहं में लेकर चूसते जिससे रिगमा के मुहं से उहह अह्ह्ह की आवाज़ निकलती और रिगमा अपने होंठो को काटती।फिर अंकल ने रिगमा के एक बूब्स को अपनी उँगलियों के बीच में रखकर जोर से खींचा और फिर रिगमा शऊऊउ आअहह करती और अंकल मज़े लेते। तभी अंकल ने अपनी शर्ट पेंट उतार दी और रिगमा की पेंटी उतार दी.. लेकिन उसकी चूत पर बहुत बाल थे। अंकल अपनी जीभ उसकी चूत के बाल पर फेरने लगे और कहने लगे कि यह तो गीली हो गई है और उसकी चूत के पास मुहं ले जाकर चाटने लगे और वो पागलो की तरह तड़पने लगी और उसके पापा मज़े ले रहे थे।

फिर उन्होंने कहा कि चलो बाथरूम में चलते है और उसे उठाकर बाथरूम में ले गए और कोई 7 मिनट के बाद वापस आए। उसके बाद मैंने देखा तो उसकी चूत के बाल साफ हो गए थे और उसकी चूत चमक रही थी। तभी यह सब देखकर मैं दंग रह गया और मैंने देखा कि अंकल ने अभी तक अपना अंडरवियर नहीं उतारा है। फिर उन्होंने रिगमा से कहा कि चलो अब मेरा अंडरवियर उतारो।तो उसने उसे उतार दिया और उसकी आंखे फट गई.. क्योंकि उनका लंड 9 इंच का था और उसने आज से पहले कभी भी उनका लंड इतने करीब से नहीं देखा था। इतना मोटा और लंबा और वो कहने लगी कि बाप रे इतना बड़ा लंड मेरी माँ अपनी चूत में कैसे लेती थी? फिर वो बोले कि बेटा घबराओ नहीं पहले तुम्हारी माँ को भी दिक्कत हुई थी और बाद में वो भी बड़े आराम से अपनी चूत में डलवाकर बहुत मज़े लेती थी.. तुम्हे भी बड़ा मज़ा आएगा। फिर वो कहने लगी कि मेरी चूत बहुत छोटी है मैं नहीं ले सकती.. प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए। फिर वो बोले कि मैंने तुम्हे अभी कहा कि कुछ नहीं होगा तुम्हे.. तुम तो मेरा लंड मुहं में लो और इसे चूसो.. लेकिन उसने मना किया और उसके बाद ज़बरदस्ती अंकल ने उसे अपना लंड हाथ में दे दिया और हिलाने को कहा वो तैयार हो गई और अंकल के लंड को आगे पीछे करने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर कुछ देर ऐसे ही करने के बाद अंकल उसे फिर उसके होंठो पर चूमने लगे और कहा कि मुहं में लो ना प्लीज़। फिर उनके बहुत कहने पर उसने अपने मुहं में उनका बड़ा लंड ले लिया और वो चूसने लगी और अंकल आहह्ह्ह आहहह और जोर से और अंदर लो.. कह कर अंकल मज़े में डूब गए। फिर थोड़ी देर बाद अंकल के लंड में से बहुत सारा पानी जैसा निकला और रिगमा के बूब्स पर गिर गया और वो उसको लेटाकर उसके ऊपर लेट गए और पूछने लगे कि मज़ा आया? लेकिन रिगमा के पसीने छूट गए थे.. फिर उसने कहा कि हाँ बहुत मज़ा आया। तो अंकल ने कहा कि आज यहीं पर सो जाओ हम बहुत मज़े करेंगे अभी तो पूरी रात बाकी है हमे बहुत मज़ा आएगा.. यह रात एसे ही कट जाएगी।

अंकल फिर उसके बूब्स चूसने लगे और रिगमा की चूत से पानी निकल गया। अंकल ने पूछा कि क्या मज़ा आया? तो उसने कहा कि बहुत मज़ा आया। उसके बाद अंकल ने कहा कि अब तुम्हे और मज़े दूँगा और उसके पैर फैला दिए और उसकी चूत चाटने लगे। फिर मैंने देखा कि उनका लंड फिर से बड़ा हो गया है और वो अचानक लेटे और रिगमा को किस करने लगे और अपने लंड को रिगमा की चूत पर रगड़ने लगे। रिगमा ओह ओहआह की आवाज़े निकाल रही थी कि अचानक उन्होंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक धक्का दिया। रिगमा की बहुत जोर से चीख निकल गई। तभी मैंने देखा कि अंकल का आधा इंच रिगमा की चूत में घुस गया है और रिगमा कह रही थी निकालो प्लीज़ मैं मर जाऊंगी। फिर अंकल उसे किस करते रहे और उसका मुहं बंद कर दिया और एक जोर का धक्का मारा रिगमा तड़प उठी और अहह माँ मरी की आवाज़ करके रोने लगी।फिर मैंने देखा कि उसकी चूत से खून की धार निकल रही है और अंकल का लंड भी 2 इंच ही अंदर घुस सका और उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी और अभी तो बाकी का 7 इंच घुसना बाकी था। तभी मैं तो डर ही गया था कि यह कैसे घुसेगा.. यह तो हो ही नहीं सकता। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

तभी अचानक मैंने देखा कि रिगमा बेहोश हो गई और अंकल उठकर पानी लाए और उन्होंने उसके चहरे पर पानी डाला और वो होश में आकर कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकालो.. लेकिन अंकल ने उसकी एक भी नहीं सुनी और फिर उसके ऊपर चड़ गए और किस करने लगे और कहा कि कुछ नहीं होगा तुम्हे.. पहली बार तेरी माँ को भी बहुत दर्द हुआ था.. लेकिन तेरी चूत इतनी टाईट है कि तेरी माँ की भी नहीं थी.. पता नहीं साली रंडी किस किस से चुदवा कर आती थी। मुझे इतना मजा नहीं आता था उसकी चूत का जितना तेरी चूत में आ रहा है और अपना लंड उसकी चूत पर फिर से रखकर बिना हरकत किए एक ज़ोर का झटका मारा। अब अंकल का लंड उसकी चूत में 5 इंच जा चुका था और रिगमा जोर जोर से चीखने लगी जैसे कोई बिजली गिरी हो और कहने लगी कि आपके लंड ने मेरी चूत को फाड़ दिया है.. लेकिन अंकल कहाँ मानने वाले थे उन्होंने कहा कि यह तो अभी आधा ही घुसा है तुम्हे तो पूरा लेना है।

तभी उसकी आँखों से आंसू निकल आए और वो कहने लगी कि मैं मर जाऊंगी.. लेकिन पूरा नहीं ले पाउंगी। प्लीज़ आज पूरा मत डालना। फिर अंकल ने अपना लंड वहीं पर रखा और आगे पीछे करने लगे और वो दोनों चुदाई के मज़े लेने लगे.. फिर अचानक से अंकल ने अपना लंड पूरा निकाल लिया और फिर से एक जोर का झटका दिया जिससे उनका 7 इंच का लंड अंदर चला गया। फिर भी दो इंच जाना बाकी था और रिगमा फिर से बेहोश हो गई। तभी अंकल ने उसे बेहोशी की हालत में भी एक और ज़ोर का झटका दिया और पूरा 9 इंच का लंड उसकी चूत में डाल दिया.. यह देखकर मैं दंग रह गया और अंकल अपना लंड बिना बाहर निकाले उसके चहरे को चाटने लगे। उसे होश आया और अंकल ने कहा कि अब तुम्हे दर्द नहीं होगा। मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर चला गया है।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

तभी वो चीख पड़ी और कहने लगी कि मेरी चूत में लग रहा है कि किसी ने लोहे का गरम गरम टुकड़ा डाल दिया है.. प्लीज इसे जल्दी से बाहर निकालो।फिर भी अंकल कहाँ सुनने वाले थे उन्होंने अपने आप को 5 मिनट ऐसे ही रखा और उसके बाद धीरे धीरे धक्के देने लगे। रिगमा हर एक धक्के से हिल जाती और चीखती ओह उई माँ उई माँ अब रिगमा जोर जोर से चीखी और कहनी लगी कि मैं झड़ने वाली हूँ। तभी उसके पापा ने अपनी स्पीड और भी तेज़ कर दी और वो दोनों एक दूसरे से कसकर चिपक गए और फिर अंकल और रिगमा एक साथ दोनों ही झड़ गए। तभी अंकल ने कहा कि आज तो मज़ा ही आ गया इतने दिनों बाद किसी को चोदना मिला है.. लेकिन रिगमा की तो हालत ही बहुत खराब हो गई थी। फिर उसके पापा उस पर से उठे तो उसकी चूत का सुराग साफ साफ दिख रह था और ऐसा लग रहा था कि जैसे कुछ ऊपर नीचे उसके अंदर हो रहो हो। फिर रिगमा ने अपनी चूत पर हाथ रखा और वो रोकर कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. शायद मेरी चूत फट गई है।

फिर अंकल ने अलमारी से दर्द कम होने की एक गोली उसे निकाल कर दी। फिर 15 मिनट बाद दोनों सोने लगे.. फिर मैं भी अपने कमरे की और चला गया.. लेकिन सोते समय मेरी आँखों में नींद कहाँ थी? फिर मैं वापस आकर कमरे की और देखने लगा.. अंकल फिर से अपना लंड रिगमा से चुसवा रहे थे और वो फिर से खड़ा हो गया। फिर अंकल ने कहा कि फिर एक बार हो जाए तो रिगमा ने कहा कि नहीं प्लीज अब नहीं हो पाएगा मुझे सू सू लगी है और रिगमा बेड से उतरने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन उससे एक कदम भी चला नहीं जा रहा था। फिर अंकल ने उसे गोद में उठाया और सू सू कराने ले गए और वापस गोद में ले आए और रिगमा को बेड पर लेटा दिया और उसके बूब्स फिर से चूसने लगे।

फिर वो उसके ऊपर चड़ गए और फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और हिलाने लगे.. रिगमा को भी अब मजा आ रहा था। तभी अंकल उठे और पता नहीं उन्होंने किस चीज की एक गोली खाई और फिर उसे चोदने लगे। फिर इसी दौरान करीब आधे घंटे तक चोदने के बाद रिगमा दो बार झड़ चुकी थी.. लेकिन अंकल दवाई खाने के बाद झड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फिर 1 घंटे बाद अंकल बोले कि अब मैं तुम्हारी गांड मारूंगा.. लेकिन रिगमा बोली कि यह नहीं हो सकता.. यह आपका लंड गांड में डालकर मुझे मारना है क्या? मेरी चूत फाड़कर आपको मज़ा नहीं आया क्या? जो मेरी गांड भी फाड़ना चाहते हो? तभी अंकल ने बोला कि तुम्हे दोनों छेद का अनुभव होगा तो ज्यादा अच्छा होगा और यह कहते ही उन्होंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और उसे पलटने को कहा उसने पलटने से मना किया तो अंकल ने उसके गाल पर ज़ोर का थप्पड़ मारा और कहने लगे कि साली रंडी तेरी माँ की मैंने गांड भी कई बार मारी है और मैं तेरी भी आज ही मारूँगा.. तू समझती क्या है अपने आपको साली? आज मैं तुझे दुनिया की सबसे बड़ी छिनाल बना कर छोडूंगा और फिर उन्होंने उसे पीछे पलट दिया और वो जोर जोर से फूट फूटकर रोने लगी।

फिर अंकल ने उसकी एक भी ना सुनी और अपनी अलमारी से एक तेल निकाल कर लाए और थोड़ा अपने लंड और थोड़ा उसकी गांड के छेद में डाल दिया। तभी वो कहने लगी कि नहीं पापा.. प्लीज़ नहीं.. मेरी गांड तो छोड़ दो। मेरी चूत का तो भोसड़ा आपने बना दिया है.. अब मेरी गांड को मत फाड़ो.. लेकिन अंकल कहाँ सुनने वाले थे और उन्होंने अपना 9 इंच का लंड उसकी टाईट गांड पर रखा और एक ही झटके में 4 इंच लंड घुसा दिया। बेचारी रिगमा चीख पड़ी और एक और झटके के साथ अंकल ने 6 इंच लंड डाल दिया और रुक गए। रिगमा ने कहा कि मैं मर गई मेरी गांड फट गई। आपका लंड तो लोहे का गरम डंडा लग रहा है मैं आपकी बेटी हूँ.. कोई रंडी नहीं.. थोड़ा तरस तो खाओ। तभी अंकल ने कहा कि थोड़ा दर्द तो तेरी माँ को भी हुआ था.. लेकिन साली तेरी माँ पूरी छिनाल थी और उसकी गांड पहले से ही भोसड़ा थी। वो कॉलेज टाईम में ही ना जाने किस किस से चुदवा कर अपनी चूत और गांड को चोड़ा करवा चुकी थी और उसने शादी मुझसे कर ली और जब मैंने तेरी माँ की चूत और गांड को मारी तो उसे कुछ हुआ ही नहीं और ना ही उसकी गांड और चूत से खून निकला.. अच्छा हुआ वो मर गई और अपनी बेटी को मुझसे चुदने के लिए छोड़ गई।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर यह सब सुनकर ऐसा लग रहा था जैसे अंकल ने कभी कोई वर्जिन लड़की नहीं चोदी थी और आज उन्हें रिगमा मिल गई थी। आज वो अपनी सारी प्यास उससे बुझाना चाहते थे। फिर उनका मोटा लंड उसकी गांड में आगे पीछे हो रहा था फिर उन्होंने एक ज़ोर का झटका दिया और अपना पूरा का पूरा लंड रिगमा की गांड के अंदर डाल दिया और जोर जोर से झटके पे झटके देते रहे.. लेकिन अंकल में ना जाने इतनी ताकत कहाँ से आ गई थी? रिगमा की हालत खराब हो गई थी और अंकल झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे। करीब आधे घंटे के बाद अंकल ने उसकी गांड में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसकी गांड के ऊपर ही झड़ गए उनके लंड ने ढेर सारा क्रीम निकाला और वो थक कर ढेर हो गए और कहने लगे तू सचमुच जन्नत है.. मुझे आज तक ऐसी चूत और गांड नहीं मिली। आज से मैं तुझे रोज चोदूंगा और हर रात तुझसे मैं अपनी प्यास बुझाऊँगा। थेंक्स रोणी.. ऐसी बेटी देने के लिए। फिर अंकल ने रिगमा से कहा कि आज से तू हर रोज मेरे कमरे में सोएगी और मैं रोज तुझे चोदूंगा और अंकल सो गए और रिगमा अभी भी रो रही थी। फिर अंकल ने उसे एक और गोली दी और एक ग्लास पानी दिया और फिर दोनों ही सो गए और मैं भी सोने अपने कमरे में चला गया ।

आखिर मैंने सास की चूत में लंड डाल ही दिया Maine saas ki chut me lund dal hi diya

आखिर मैंने सास की चूत में लंड डाल ही दिया, Maine saas ki chut me lund dal hi diya, जमाई और सास की चुदाई, खुबसूरत सास की चुदाई की हिंदी कहानी, रंडी सास की चुदाई और गांड मारी, जी भर के चुदक्कड़ सास की चुदाई, बेटी के पति से चुदवाया.

मेरी सास की उम्र लगभग अभी 45 के करीब होगी.. लेकिन वो इतनी सुंदर नहीं है और उसके बूब्स भी इतने बड़े नहीं है.. लेकिन ठीक ठाक है। मेरे ससुर को गुज़रे हुए करीब अभी 10 साल हो गए है। दोस्तों यह कहानी तब की है जब मेरी शादी को 6 महीने हुए थे और मेरे पापा कुछ दिनों के लिए घर से बाहर गये हुए थे और मेरा होजरी का एक बहुत बड़ा कारोबार है। मेरी फेक्ट्री मेरे घर से 1 घंटे की दूरी पर है और फिर पापा काम से बाहर गये हुए थे। तो मेरी बीवी ने अपनी माँ मतलब मेरी सास को घर पर बुलाया हुआ था।

फिर मैं शाम को अपनी होजरी का काम खत्म करके घर पर पहुँचा। तो मैंने देखा कि मेरी सास मेरे घर पर आई हुई है.. लेकिन मैंने अभी तक अपनी सास के बारे में कभी भी कुछ ग़लत नहीं सोचा था। फिर रात हुई और हम लोगों ने एक साथ बैठकर खाना खाया और फिर थोड़ी बहुत इधर उधर की बातें की और फिर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे और हम सभी लोग एक ही बेड पर सोए। मेरी बीवी बीच में सोई सुबह हुई और फिर मैं रोज की तरह नाश्ता करके अपने होजरी के काम में चला गया और जब शाम हुई तो मेरी वाईफ का फोन आया कि मैं पड़ोसी के घर पर जन्मदिन की पार्टी में जा रही हूँ। आप घर पर थोड़ा जल्दी आ जाओ मम्मी घर पर अकेली है और फिर मैं कुछ 1/2 घंटे के बाद घर पर आ गया और फ्रेश होने को चला गया और में वापस बाथरूम से बाहर आया और मैंने अपने कपड़े चेंज किए, तो मेरी सास मेरे रूम में नहीं थी और जब मैंने कपड़े बदलने के लिए अपनी पेंट उतारी तो अचानक मेरी सास मेरे रूम में आ गई और उस वक़्त मैं सिर्फ अंडरवियर और बनियान में था, तो मेरी सास मेरी अंडरवियर की तरफ घूर घूरकर देखने लगी और मुझे बहुत अजीब सा महसूस हुआ।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

तो मैंने झट से अपने कपड़े पहन लिए.. लेकिन मेरी सास अब भी मेरी तरफ ही देख रही थी। तभी मेरी सास मेरे रूम में ठीक मेरे सामने बेड पर बैठ गई और मुझसे बोली कि चाय पियोगे क्या? फिर मैंने कहा कि हाँ जी.. तो वो मेरे लिए चाय बनाने चली गई और मेरे मन में वो बात सोचकर कुछ अजीब सा हो रहा था कि मेरी सास मेरे अंडरवियर की तरफ कैसे देख रही थी? तो कुछ देर बाद मेरी सास मेरे लिए चाय बनाकर ले आई.. लेकिन मेरे मन में पता नहीं उस वक्त क्या आया और मैंने अपना लंड पेंट के ऊपर से ही खुजाना शुरू किया। तब भी मेरी सास मेरी पेंट की तरफ फिर से घूर घूरकर देखने लगी।

फिर मुझे कुछ अजीब सा लग रहा था और मैं जानबूझ कर अपने लंड को पेंट के ऊपर से मसलता रहा और मेरी सास लगातार देखती रही। तभी कुछ देर बाद मेरी बीवी घर पर आ गयी और हम लोगो ने साथ बैठकर खाना खाया और सोने लगे और मैं सुबह उठकर बाथरूम में नहाने चला गया और में नहाकर अंडरवियर और बनियान में ही बाहर आ गया और सीधा अपने रूम में चला गया.. लेकिन फिर से मेरी सास वहीं पर मेरे रूम में पहले से ही मौजूद थी और मेरी बीवी सोई हुई थी। तो मैं जानबूझ कर अपने लंड को अंडरवियर के ऊपर से मसलने लगा। तभी मेरी सास मेरे अंडरवियर की तरफ देखने लगी और कुछ देर मसलने के बाद मेरा लंड धीरे धीरे अंडरवियर में खड़ा होने लगा। तभी मैंने अपनी पेंट झट से पहनी और होजरी चला गया। फिर शाम को घर आया तो मैंने अपनी सास को देखा तो मुझे बहुत अजीब सा महसूस हो रहा था।

फिर रात हुई और हम लोग खा पीकर सोने की तैयारी करने लगे। फिर मेरी बीवी सो चुकी थी.. लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी और मेरे मन में मेरी सास का ख्याल चल रहा था और मेरा लंड मेरी अंडरवियर में तनकर खड़ा हुआ था। तभी मेरे मन में एक ख्याल आया और मैं बाथरूम के बहाने उठा और बाहर गया और कुछ देर के बाद मैं वापस आया तो मेरे मन में पता नहीं क्या आया और मैं धीरे धीरे सास और अपनी बीवी के बीच में जा कर लेट गया। मेरी सास को मालूम नहीं था कि मैं आया हूँ। तभी थोड़ी देर के बाद मैंने सोचा कि कुछ ट्राई करता हूँ और जैसे ही मैंने अपनी सास की तरफ साईड बदली तो मेरी सास की आँख खुल गई और वो चोंक गयी.. लेकिन चुप रही और मुझे बोली कि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? मैं बहुत डर गया और लेटा रहा और मैं कुछ नहीं बोला और सोने का नाटक करने लगा और सुबह होने से पहले मैं वापस अपनी जगह पर आ गया।

फिर मैं सुबह उठा और मेरी सास ने मुझसे पूछा कि तुम बीच में क्या कर रहे थे? तो मैंने कहा कि क्या बीच में? आप क्या बोल रही हो? और इतना कह कर मैं चला गया। शाम हुई और मैं घर पर वापस आया और मैंने पहले अपनी सास की तरफ देखा वो घर पर ही थी.. तभी मेरी बीवी वॉशरूम चली गयी और मैं अपने कपड़े वहीं पर चेंज करने लगा मैं अंडरवियर और बनियान में था तो मैं आज फिर जानबूझ कर अपने लंड को खुजाने लगा और बहुत देर तक खुजाता रहा मेरी सास हल्का हल्का मेरी तरफ देख रही थी इतने में मेरा लंड अकड़ना शुरू हो गया.. लेकिन इस बार मैंने अपना हाथ नहीं रोका तो मेरी सास बोली कि यह क्या कर रहे हो? तो मैंने बोला कि क्या कर रहा हूँ खुजली कर रहा हूँ। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर मैं इतना कहकर डर गया और पेंट पहनकर बाहर हॉल में बैठ गया। तभी मेरी सास बाहर आई और बोली कि क्या हुआ? लेकिन मैंने कुछ नहीं बोला और अपने रूम में चला गया और मेरी बीवी बाहर आ गई और वो बोली कि खाना खाएँ मैंने हाँ कहा और मेरी बीवी और सास खाना बना कर वापस आई। फिर मेरी सास मेरी तरफ देखकर स्माईल पास कर रही थी मुझे समझ ना आया फिर थोड़ी देर बाद हमने खाना खाया और बीवी बर्तन रखने चली गई। तभी मैंने जानबूझ कर लंड को खुजाना शुरू किया और मेरी सास ने मेरी तरफ देखा और बाहर चली गई। मेरे मन में सोते हुए मेरी सास के कई ख्याल आ रहे थे। तभी मैंने देखा कि मेरी बीवी और मेरी सास दोंनो सो चुके है मैंने अपना लंड नाईट पेंट से बाहर निकाला और लंड को छेड़ने लगा मैं अपनी सास को सोचकर लंड को हाथ में लेकर हिला रहा था तो मैंने देखा कि मेरी सास मेरे लंड की तरफ देख रही थी।

फिर मैं डर गया और मैंने लंड को नीचे कपड़ो में कर दिया तो मैंने देखा कि मेरी सास अब भी मेरी तरफ ही देख रही थी थोड़ी देर हुई और मेरी आँख लग गई और रात के करीब 4 बजे मेरी नींद खुली तो मेरी सास सोई हुई थी। तभी मैं हिम्मत करके फिर से बीच में आकर लेट गया.. तो मैंने देखा कि मेरी सास सो रही है मैंने धीरे से अपनी सास के पैरों को अपने पैरों से टच किया तभी मेरी सास सीधी हो कर लेट गई मैंने फिर से देखा कि मेरी सास सोए हुई थी मेरा लंड पेंट के अंदर लोहे की तरह टाईट था। मैंने अपना लंड सास के हाथ से टच किया मुझे बहुत अच्छा लगा। तभी मैंने देखा कि मेरी सास अभी भी सोई हुई थी। मैंने और हिम्मत करते हुए अपना लंड बाहर निकाला और सास के हाथ पर फेरने लगा मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. मैंने अपना लंड सास के हाथ में रख दिया और मेरी सास का हाथ हिला।

तभी में डर गया और मैं वैसे ही रहा और देखा सास सो रही हैं और मैं धीरे धीरे अपना लंड उसके हाथ में रगड़ने लगा। तभी मुझे महसूस हुआ कि मेरी सास का हाथ टाईट हो रहा है तभी मेरी सास ने अपने हाथ की मुठ्ठी को बंद किया मैं डर गया.. लेकिन मेरी सास कुछ नहीं बोली और मैं धीरे से अपना लंड बाहर निकालने लगा। तभी मेरी सास ने लंड की पकड़ टाईट कर दी। मैंने देखा तो मेरी सास मेरे लंड को अपने हाथों से पकड़े हुई थी और मुस्कुरा रही थी। फिर वो उठकर बाहर की ओर चल दी और मुझे भी बुला लिया, मैं उसके पीछे चल दिया। वो बाथरूम में चली गई, मैं भी बाथरूम में घुस गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

वो बोली - तुम्हारी हर दिन की इसी बात ने मुझे भी बेचेन कर दिया है, इसलिए आज मैं तुम्हारे साथ वो सब करना चाहती हूँ। जब तक मेरी बेटी उठे तब तक हमें इस काम को निपटाना है। 

यह कहकर उसने अपनी सलवार निकाल दी और दीवार का सहारा लेकर झुक गई। मैं यह देखकर चकित था लेकिन मैंने मौका गवाना उचित नहीं समझा और मैंने भी झट से अपनी पेंट और अंडरवियर निकाल दिए। अब मेरा लंड पूरा टाईट था मैंने देर ना लगाते हुए लंड को पीछे से उसकी चूत में डाल दिया, और तेज तेज झटकों से उसे चोदना शुरू कर दिया। पहली बार मैं केवल पांच मिनट में ही झड़ गया लेकिन मैंने चुदाई लगातार चालू रखी और लगभग 25 मिनट में मैं दूसरी बार झड़ गया। मैं उसकी गांड भी लेना चाहता था, लेकिन उसने कहा कि बाकि का सारा काम फिर कभी अकेले में कर लेंगे।

मैं आज भी कुँवारी चूत की तलास में रहता हूँ Main aaj bhi kuwari chut ki talas me rahta hun

मैं आज भी कुँवारी चूत की तलास में रहता हूँ, Main aaj bhi kuwari chut ki talas me rahta hun, hindi sex stories, झांठो वाली औरत को चोद दिया, चोदकर जवान बना दिया, चूची दबाई और गांड में ऊँगली डाली और लंड डालकर गांड मारी.

मेरी उम्र 34 साल है, मैं घर का अकेला पुरुष हूँ। मेरी शादी हो गई है और भगवान ने मुझे तीन सालियाँ दी हैं।
मेरी तीनों सालियों की उम्र क्रमशः 22, 21, 19 वर्ष है। दूसरे नम्बर वाली गजब का माल है, पर वो मेरे हाथ नहीं आई इसलिए मैंने पहले नम्बर वाली सोनू को लाइन मारना शुरू किया, वो भी एकदम अनछुई कली थी। मेरी पत्नी की डेलिवरी के लिए मैं उसे गाँव से अपने घर मुंबई ले आया। मैंने सोचा कि यहाँ बीवी की मदद भी हो जाएगी और शायद मेरा काम भी बन जाए। तीन महीने में हम सब सामान्यत: रहने लगे। धीरे-धीरे मैंने उस सोनू पर हाथ लगाना शुरू कर दिया, वो भी कुछ नहीं बोलती थी, मज़ाक-मज़ाक में मैं उसके मम्मों को दबा देता, तो वो भाग कर चली जाती।

घर पर हमेशा कोई ना कोई रहता था, इसलिए भरपूर मौका नहीं मिल पा रहा था। इस तरह से चार महीने बीत गए। दिन ब दिन वो खूबसूरत और मादक होती जा रही थी। मेरा हाल बुरा था.. पता नहीं कितनी बार उसके नाम की मूठ मार चुका था। आखिरकार फिर वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे इंतजार था। मेरी पत्नी को मैंने डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया। मुझे मालूम था कि अस्पताल से 2-3 दिन बाद ही मेरी बीवी घर आएगी, चौका मारना है तो यही मौका है। उस रात घर में पिताजी, मैं और साली ही थे। माँ को मैंने अस्पताल में बीवी के पास रहने को कहा। पिताजी को काम पर जाना था, इसलिए हाल का टीवी बंद कर दिया।

मैंने जानबूझ कर मेरे कमरे का टीवी चालू रख दिया। मेरी साली सोनू थोड़ी देर बाद मेरे कमरे में ही आ गई।
मैं बहुत खुश हो गया, मैंने लाइट बंद कर दी और दोनों बिस्तर पर बैठ कर टीवी देखने लगे। फिर सोनू लेट कर टीवी देखने लगी। कुछ देर बाद वो सो गई या नाटक कर रही थी मुझे पता नहीं.. मेरे पास ये पता करने का एक रास्ता था, मैं भी उसके बगल में लेट गया, उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी, मैं धीरे-धीरे उससे चिपक गया। मैंने अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया, फिर एक पैर उसके चूतड़ों पर रख दिया, मेरा लण्ड उसकी गाण्ड की दरार में चिपक गया। धीरे-धीरे मैं उसके मम्मों को दबाने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर अपना हाथ उसके कुरते के अन्दर डाल दिया और उसके मदमस्त कबूतर दबाने लगा। उसकी तरफ़ से कोई विरोध या प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। मैंने अपना काम और ज़ोर से शुरू कर दिया, उसके दोनों मम्मों की मालिश शुरू कर दी, मुझे पता था कि अगर यह एक बार गर्म हो जाए, तो इसको पेलने में आसानी होगी। मैंने उसे अब सीधा कर दिया और उसके ऊपर आकर उसके मम्मों को चूसने लगा, बहुत सारी जगह चुम्बन किए। मुझे पता था कि अब वो जाग चुकी है और मजा ले रही है।

मैंने सोचा चलो ‘ट्वेंटी-ट्वेंटी’ खेल लेते हैं, मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत सहलाने लगा। उसकी योनि पर मुलायम बाल थे, पर फिर भी योनि एकदम चिकनी थी। मेरा जिस्म अब कांपने लगा था, मैंने अपना काम और ज़ोर से चालू कर दिया। अब अकेले मैं ये काम करना नहीं चाहता था, मैंने उसकी चूत के छेद में ऊँगली डालने की कोशिश की, उसमें मुझे गीलापन मिला। मैं समझ गया कि अब रास्ता साफ़ है। यह साली सोनू जाग रही है और मज़ा ले रही है। मैं अपना लण्ड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा। उसकी साँसें और तेज हो गई थीं। मैं खुश था कि आज फिर कुँवारी चूत मिलेगी। मेरे लण्ड से भी पानी आ रहा था। बस अब उसकी चूत चोदना बाकी रह गया था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

अचानक वो बोली- ये क्या कर रहे हो… ऐसा मत करो…

वो ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी। मैंने जबरन उसे चोदना चाहा, पर वो ज़रा भी घुसाने नहीं दे रही थी। थोड़ी देर की कुश्ती के बाद मुझे उसे छोड़ना पड़ा। वो बहुत नाराज़ लग रही थी। शायद पहली बार किसी ने उसे इतना रगड़ा था और वो डर भी गई थी। पिताजी भी दूसरे कमरे में आ चुके थे इसलिए मैं उससे ज्यादा बहस नहीं कर सकता था।

वो नाराज़ हो कर लेट गई। मैं भी अब डर गया कि अब क्या होगा? रात भर मैं और शायद वो भी सो नहीं पाई। अगली सुबह क्या होगा पता नहीं, मेरी तो फट रही थी। मैं उसे चोद देता तो शायद वो किसी से नहीं बताती, पर अब सब फेल हो गया था। मैंने डर के मारे आज मूठ भी नहीं मारी और सुबह के बारे में सोचने लगा। सुबह मैंने उसे फिर पकड़ लिया और उसके मम्मों को दबाना शुरू किया, इस बार भी वो कुछ नहीं बोली। ऊपर-ऊपर से मैंने उसे बहुत गर्म किया, पर चूत में डलाने पर इस बार भी फिर वही गुस्सा। मैंने उसे बहुत मनाया, पर वो नहीं मानी और कहा कि वो ये सब दीदी को बता देगी। मेरी फिर फट गई, मैं समझ नहीं पाया कि वो चाहती क्या है? लेकिन उसने किसी से कुछ नहीं कहा।

करीब 15 दिन बाद मुझे फिर मौका मिला। अबकी बार मैंने सोच लिया था कि साली को आज नहीं छोडूंगा और मैंने उसे अकेले में मौका पाकर पकड़ लिया। उसने फिर मुझसे कुछ नहीं कहा, आज घर में कोई नहीं था। मैंने उसको कहा चल तू देती तो है नहीं… आज मेरे साथ पार्टी कर ले।

वो बोली- कैसी पार्टी?
मैंने उससे कहा- आज हम लोग कहीं बाहर चलते हैं और बाहर ही खाना खायेंगे।

वो राजी हो गई। मैं उसे लेकर एक होटल में गया और उससे पूछा- बीयर तो चल जाएगी। उसने ‘हाँ’ में सिर हिला दिया मैंने वेटर को तेज वाली बीयर लाने को कहा। कुछ देर बाद उसको नशा सा चढ़ने लगा। 

वो बोली- जीजू.. मुझे सहारा दो मुझे चक्कर से आ रहे हैं।

मैंने वेटर को बुलाया और एक कमरा देने के लिए कहा। उसने मुझे तुरन्त एक कमरा दे दिया। मैंने उसे कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए। फिर मैंने उसकी तरफ देखा, वो मुस्कुरा रही थी। मैंने उसकी आँखों की भाषा को समझ लिया और उसको सहारा देकर उठाया और अपने सीने से लगा लिया। वो मुझसे चिपक गई मैं उसकी इस हरकत से चकरघिन्नी था। मैंने सिर को झटकाया और सोचा… माँ चुदाए.. मुझे क्या पर आज साली की चूत तो फाड़ कर रहूँगा। मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए। हाय क्या कबूतर थे। साली को पूरी नंगी देख कर मेरा लवड़ा नब्बे डिग्री पर खड़ा हो गया था मैंने उसके मम्मों को अपनी मुठ्ठियों में भरा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

वो कराही- क्या उखाड़ डालना है इनको? मैंने आज देर करना उचित नहीं समझा और उसको बिस्तर पर धक्का दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। लौड़े को चूत के मुहाने पर सैट किया और अपना मुँह उसके मुँह पर रखा। सब कुछ सैट होने के बाद मैंने उसकी चूत में लवड़ा सरका दिया। वो कुछ चीखने को हुई पर मैंने मुँह पहले से ही ढक्कन जैसे लगा रखा था। कुछ छटपटाने के बाद लौड़ा चूत में सैट हो ही गया। उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया था, लौड़े ने सटासट चुदाई आरम्भ कर दी। करीब दस मिनट में ही साली अकड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। कुछ ताबड़तोड़ धक्के मार कर मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया। सोनू चुद चुकी थी। अब वो मेरे लौड़े की पक्की जुगाड़ बन चुकी थी। फिर हम घर आ गए और वो सो गई जब उठी तो मेरी ओर देखकर मुस्कुराने लगी।
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