बीवी के साथ अनजान लड़की की रेल में चुदाई - Biwi ke sath anjan ladki ki train me chudai

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हेलो दोस्तों, सर्दी की रात थी। मैं और मेरी बीवी गीता दोनों कहीं बाहर जा रहे थे। हमारी ट्रेन रात को 11 बजे थी और दूसरे दिन सुबह 8 बजे हमे ट्रेन से उतरना था। मेरी बीवी ने गहरे गले का ब्लाउज और काली कलर की साड़ी पहनी थी और उसने अंदर कोई ब्रा या पेंटी नहीं पहनी थी और ऊपर से लाल कलर की लिपस्टिक लगाई थी। फिर इन कपड़ो में वो पूरी रंडी दिख रही थी और उसके बूब्स आधे दिख रहे थे। फिर हम लोग स्टेशन पर पहुँचे। फिर मैंने वहाँ पर देखा तो सारे आदमी मेरी बीवी की गांड को घूर- घूर कर देख रहे थे।

फिर जब ट्रेन आई तो हम लोग अंदर चढ़ गये और हमारी जगह पर बैठ गये। फिर थोड़ी देर बाद एक आदमी बहुत काला सा वहाँ पर आया और सामने आकर बैठ गया। उसके साथ उसकी बहन भी थी, उसकी बहन ने टीशर्ट और स्लेक्स पहनी थी। फिर इस ड्रेस में उसके बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे.. उसने शायद ब्रा पहनी थी। फिर नीचे स्लेक्स में उसकी गांड बहुत सेक्सी लग रही थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उसका नाम पायल था, मेरी पत्नी और पायल एक साथ बैठ गई और थोड़ी देर में ही आपस में खुल गई, पायल ने मेरी पत्नी से कहा कि आप तो ट्रेन में सभी मर्दो को मार ही डालोगी। फिर यह कहकर उसने मेरी बीवी के बूब्स पर चिकोटी ली। फिर मेरी बीवी आऊऊच कर गई और कहने लगी कि तू भी कुछ कम नहीं दिख रही.. इस सेक्सी स्लेक्स में तो तेरी गांड क्या खूब लग रही है.. कोई भी आदमी देखेगा तो उसका लंड खड़ा हो जाएगा।

फिर इतना कहकर मेरी बीवी ने पायल की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ लगाया। फिर मैं चुपचाप सुनता और देखता हुआ खड़ा रहा और मन ही मन कामुक हो रहा था। वो आदमी बहुत मजबूत शरीर का था और उसने पायजामा पहना हुआ था। तभी उसने एक नज़र मेरी पत्नी पर डाल दी और वो दोनों पैर सीट पर रखकर बैठ गया। तभी उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था.. इस वजह से उसका मोटा लंड और बड़ी बड़ी झांटे पायजामे में से दिखाई पड़ रही थी। फिर थोड़ी देर बाद ट्रेन चल पड़ी लेकिन जनरन डिब्बे में हम सिर्फ़ चार लोग ही थे। मेरी बीवी खिड़की वाली सीट पर थी.. मैं बीच में और उसकी बहन मेरी सीधी साईड में बैठी थी। फिर सामने की सीट पर वो आदमी अपना लंड दिखाता हुआ बैठा था। फिर मेरी बीवी बराबर उस आदमी के लंड की ओर देख रही थी। फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और वो लंड को सहलाने लगा।

उसका लंड पायजामा के अंदर कड़क हो गया था। फिर मेरी बीवी ने यह देखकर अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और उसने अपने दोनों बूब्स साड़ी के बाहर कर दिए। फिर एकदम बड़े बड़े सफेद बूब्स हवा में थे.. सिर्फ़ एक पतला सा गहरे गले का ब्लाउज ही उसको संभाले हुए था। तभी यह देखकर उस आदमी ने अपना पैर मेरी बीवी के दोनों पैरो के बीच लंबा कर दिया। तभी गीता ने अपना पैर लंबे करके उसके लंड के पास लगा दिया। तभी हाल ऐसा था कि उसका एक पैर मेरी बीवी की चूत को और गीता का पैर उसके लंड को छू रहा था। फिर मैं बिलकुल अंजान बनकर यह सब देख रहा था। उसकी बहन भी यह सब देख रही थी।

फिर उसकी बहन मेरी तरफ गांड करके खड़ी हो गयी और ऊपर की बर्थ से कुछ सामान उतारने की एक्टिंग करने लगी। तभी अचानक से ट्रेन का एक झटका लगा और उसकी बहन मेरी गोद में गिर पड़ी। मेरा लंड भी पहले से टाईट ही था। तभी ज़ोर से मेरा लंड पायल की बड़ी गांड से टकराया और पायल आअहह करके मेरे ऊपर पड़ी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर मैंने भी उसकी बहन को खड़ी करने के बहाने से उसके बूब्स पकड़ लिए और फिर उसका एक हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया। फिर पायल सॉरी कहती हुई अपनी जगह पर बैठ गयी। फिर मेरा लंड भी यह सब देखकर खड़ा हो गया था। फिर गीता ने पायल से कहा कि क्या आप सामने वाली सीट पर बैठ सकती हो? तभी मैंने पायल को कहा कि पायल इसे सीट पर सोना है.. चल हम आपके भाई साहब के पास जाकर बैठ जाते है। फिर हम दोनों उसके पास जाकर बैठ गये।  फिर मेरी बीवी हमारी सीट पर सो गयी। उसने पीठ हमारी ओर की हुई थी.. इस पोज़ में मेरी बीवी की खुली हुई पीठ साफ साफ दिखाई पड़ रही थी और उसकी गांड भी मस्त उभरी हुई दिख रही थी।

फिर थोड़ी देर बाद उस आदमी ने कहा कि क्या मैं आपकी बीवी के पास बैठ सकता हूँ? तभी मैंने हाँ कह दी। तभी वो मेरी बीवी की गांड के पास जाकर बैठ गया। फिर कुछ देर बाद उसने अपना एक हाथ गीता की गांड पर रख दिया लेकिन गीता कुछ नहीं बोली। तभी उसकी हिम्मत खुल गयी और वो उसकी पतली कमर पर हाथ फैरने लगा और इधर पायल मेरे पास बैठी थी उसने मेरे लंड को पेंट के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया। फिर गीता ने अब एक कंबल लेकर ओढ़ लिया। फिर वो आदमी मेरी बीवी के बाजू में सो गया। फिर उसने भी कंबल ओड़ लिया था। अब एक ही कंबल में मेरी बीवी और एक अनजान आदमी था। फिर इधर मैं और पायल सोने की एक्टिंग करने लगे, मैंने भी कम्बल ओढ़ लिया, पायल भी मेरे साथ ही कम्बल में थी। फिर उसने मेरी बीवी की साड़ी ऊपर की और अपना लंड पीछे से चूत में घुसेड़ दिया और फिर उसको चोदने लगा। फिर गीता चुपचाप लंड का मज़ा ले रही थी। उधर हम दोनों ने भी मौका देखकर धीरे से अपने कपड़े नीचे सरकाएं और मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया और धीरे - धीरे आगे पीछे करने लगा, पायल मुझसे चिपक गई। हम दोनों को अब बहुत मजा आ रहा था।

फिर हम चारों के बीच में कोई शरम नहीं थी।  फिर इधर मैंने भी पायल का ब्लाउज निकाल दिया और अब उसके बूब्स भी हवा में लहरा रहे थे। दोस्तों आप सोचिए कितना हसीन पल था कि ट्रेन के एक डिब्बे में मेरी बीवी और उसकी बहन दोनों अपने बूब्स खुले रखकर पराए आदमियों के साथ है वो भी आमने-सामने। फिर मेरा लंड तो यह देखकर तन सा गया था। फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी बहन का मुहं चोदने के बाद कुतिया बनाया और पीछे से गांड में अपना लंड घुसा दिया। फिर ज़ोर - ज़ोर से मैं उसकी इकलोती बहन की गांड मारने लगा और फिर पायल भी आहह आहह आहह की आवाज़े निकालने लगी। तभी इधर उस आदमी ने भी गीता को घोड़ी बनकर गीता की गांड को चोदना शुरू कर दिया।

फिर बीच बीच में हम दोनों अपने लंड निकाल लेते और मेरा लंड मेरी बीवी चुसती और उसका लंड उसकी बहन अपने मुहं में लेती थी। फिर करीब तीस मिनट के बाद जब हम झड़ने वाले थे तो हमने अपने लंड गांड में से निकाले और चूत में डाल दिए और तेज - तेज धक्के लगाने लगे और एक सभी झड़ गए। अब मेरी पत्नी कंबल के अंदर ही आधी नंगी पड़ी थी। अब वो चुद चुकी थी तो उसने मुझे अपने पास बुलाया और कहा कि क्या आप मेरे साथ सो सकते है मुझे बहुत ठंड बहुत लग रही है। तभी वो आदमी खड़ा होकर उसकी बहन वाली सीट पर आ गया और फिर मैं मेरी बीवी के कंबल में चला गया। फिर वहाँ पर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो उसकी चूत पूरी गीली हो गयी। फिर उस आदमी के वीर्य से गीता की चूत पूरी भर गयी थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर मैं उल्टा हो गया और उसकी चूत चाटने लगा। मेरी बीवी की चूत में से मैंने उस आदमी का सारा वीर्य चाट चाट कर साफ कर दिया। फिर उधर वो आदमी भी अपनी बहन की चूत में से मेरा वीर्य चाटने लगा। लगभग 10 मिनट तक चूत चाटने का काम चलता रहा। फिर मेरी बीवी ने उस आदमी का और उस आदमी की बहन पायल ने मेरा लंड चुसना शुरू कर दिया। कुछ ही मिनटों में उन्होंने हमारे लंडो को चाटकर पूरा साफ कर दिया। फिर वो दोनों औरतें एक दूसरी की चूत चाटने लगी, 10 मिनट बाद वो दोनों इस काम से भी फारिक हो गई। फिर ट्रेन की गति धीमी होने लगी, अब उन दोनों का स्टेशन आ चूका था इसलिए वो अपना मोबाइल नंबर देकर निचे उतर गए।

पति के बॉस से करवाई चूत की चुदाई - Pati ke boss se karvayi chut ki chudai

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हेलो फ्रेंड्स, मेरा नाम रंकिता है और मैं 40 साल की हूँ और मैं एक स्कूल में टीचर हूँ। दोस्तों मेरी शादी को 10 साल हो गये और मुझे दो बच्चे भी है। मेरे पति जॉब करते है तो अधिकतर वो बाहर ही रहते है। वैसे साल में एक दो बार आना होता है। मेरे पति की इस जॉब से मैं बहुत परेशान हूँ क्योंकि वो मुझे कभी भी टाईम नहीं दे पाते और मुझे हमेशा प्यार की कमी महसूस होती है। मैं थोड़ी साईज़ में ज्यादा मोटी हूँ लेकिन दिखने में बहुत सुंदर हूँ और मेरी सभी सहेलियाँ कहती है कि शादी के बाद भी तुम बहुत सुंदर लगती हो। मेरा साइज़ 40-38-38 है। एक दिन मेरे पति ने मुझे कॉल किया और कहा कि उनके बॉस घर आएँगे कुछ डॉक्युमेंट्स उनको देना है। मेरे मन में पति के बॉस से ही वासना मिटाने का ख्याल आने लगा।

फिर उस दिन मैंने स्कूल से छुट्टी ले ली और दोपहर में बॉस आने वाले थे लेकिन मुझे बहुत टेंशन हो रही थी क्योंकि उनकी खातिरदारी मुझे ही करनी थी। फिर मैं उनका इंतज़ार कर रही थी। मेरे दोनों बच्चे स्कूल गये थे और मैं परेशान थी कि बॉस को इतनी देर क्यों हो गई। फिर आख़िर ठीक 2:45 को बेल बजी और फिर मैंने दरवाजा खोला सामने एक 52 साल का लंबा चौड़ी छाती वाला आदमी खड़ा था। उसके चहरे से लग नहीं रहा था कि वो इतना बुजुर्ग होगा क्योंकि उसने अपने शरीर की बहुत अच्छी तरह देखभाल की थी। फिर मैंने उनको सोफे पर बैठाया और हालचाल पूछे। दोपहर का समय था और गर्मी बहुत थी और फिर इतने में बिजली चली गयी और पंखा भी बंद हो गया। हम दोनों गर्मी से परेशान हो चुके थे और फिर मैं उनके लिए शरबत बनाकर लाई।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर उन्होंने मेरी बहुत तारीफ की और फिर मैं उनके बात करने के तौर तरीके से उन पर फ़िदा हो गयी। फिर बिजली ना होने से बहुत गर्मी हो रही थी और मैंने साड़ी पहनी हुई थी तो मुझे अंदर से बहुत गर्मी हो रही थी। फिर मैंने उनको कहा कि आप इस उम्र में भी बहुत जवान और सुन्दर लगते हो। तभी उन्होंने कहा कि आप भी बहुत सुंदर हो आपके पति बड़े किस्मत वाले है। तभी मैंने मन ही मन में कहा कि मेरी किस्मत बहुत खराब है। फिर उन्होंने मुझे कहा कि मुझे आपसे कुछ डॉक्युमेंट पर हस्ताक्षर लेने है लेकिन उससे पहले मैं आपको सब कुछ समझा देता हूँ। फिर मैं जाकर उनके पास बैठ गयी और उनके पास बैठकर मुझे बहुत अच्छा लगा उनके शरीर की खुश्बू बड़ी निराली थी। फिर वो मुझे कुछ समझाने लगे और मैं उनको बड़े प्यार से देख रही थी लेकिन मुझे बहुत गर्मी लग रही थी। तभी मैंने अपनी साड़ी का पल्लू नीचे कर दिया जिससे मुझे थोड़ी राहत मिली। फिर थोड़ी देर में बॉस की नज़र मेरे ब्लाउज पर पड़ गयी और फिर वो किसी ना किसी बहाने से मेरे बूब्स को निहार रहे थे। फिर मैंने उनसे कहा कि क्या आपको गर्मी नहीं लग रही है? तभी उन्होंने कहा कि हाँ लग रही है। फिर मैंने अपने हाथों से उनकी शर्ट के बटन खोल दिए। तभी बॉस बोले कि हाँ अब बहुत अच्छा लग रहा है। फिर मैंने उनकी छाती पर देखा तो काले और सफेद बहुत सारे घुंघराले बाल थे जो की मुझे बहुत अच्छे लगते है लेकिन मेरे पति की छाती पर ना के बराबर बाल है।

फिर उनकी छाती को देखकर मुझे कुछ होने लगा। फिर मुझे किसी भी बहाने से उनकी छाती को छूना था। तभी मैंने कहा कि आपको बहुत पसीना आ रहा है और मैंने अपना हाथ उनकी छाती पर रखा और हाथों से पसीना पोंछने लगी और धीरे धीरे मसाज करने लगी। तभी बॉस बोले कि अनिता जी ये क्या कर रही हो? फिर मैंने कहा कि कुछ नहीं सर आप आराम से बैठो। फिर मैंने अपने आपको ना रोकते हुए अपने एक पैर की जांघ उनके पैर पर रख दी और फिर मसलने लगी बॉस बोले ये ठीक नहीं है। फिर मैं बोली कि हमें कोई नहीं देखेगा बच्चे भी स्कूल गये है कुछ समय साथ में बिताते है किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। तभी उस पर बॉस बोले कि जैसा तुम ठीक समझो और ये कहकर बॉस ने मुझे अपनी बाँहों में जकड़ लिया और फिर मेरी पीठ को मसलने लगे और एक हाथ से मेरी मोटी गोरी जांघे को मसलने लगे। फिर मैं उनके बालों को सहलाने लगी पहली बार बाल सहलाने को मिल रहे थे क्योंकि मेरे पति गंजे है। फिर उन्होंने मुझे एक कसकर चुम्बन दिया और मैंने भी उत्तर में और जोरदार एक चुंबन दे दिया। फिर मैंने कहा कि क्या आपको मज़ा आ रहा है? फिर वो बोले मुझे आप नहीं तुम बोलो। फिर मैं अच्छा बाबा तुझे मज़ा आया? फिर उसने बोला कि हाँ मेरी जान। फिर कुछ देर हम यूँ ही एक दूसरे को सहलाते रहे। फिर थोड़ी देर बाद मैंने कहा कि जानू हम बेडरूम में चलते है ना। तभी वो बोले ठीक है जान।

फिर मैं उन्हे अपने बेडरूम में लेकर गयी और फिर मैंने अपने हाथों से उनके सारे कपड़े उतार दिये। अब वो अपनी अंडरवियर में थे और उनकी अंडरवियर में से  उनका टाईट लंड साफ साफ दिख रहा था। तभी मैं उनकी छाती को चूमने लगी उम्म्म्ममम ओमम्म अह्ह्ह और और उनकी छोटी निप्पल को अपनी जीभ से चाटने लगी.. लगभम पूरी की पूरी चाटी। तभी उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरा ब्लाउज उतार दिया और वो बोले वाह् ये इतने बड़े बड़े आम। फिर मैं बोली जान आपको आम पसंद है? फिर वो बोले कि हाँ। फिर मैं बोली कि मेरे आम को आप आज चूस चूसकर इनका सारा रस पी जाना। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर बॉस ने मेरा पेटिकोट उतार दिया। मैंने टाईट पेंटी पहनी हुई थी जो कि नीले रंग की थी और उस पर गुलाबी रंग के फूल थे। तभी वो बोले कि रंकिता आपकी पसंद बहुत अच्छी है। फिर मैंने कहा कि धन्यवाद जान। फिर मैं पेंटी और ब्रा में थी और वो अंडरवियर में थे। तभी मैंने उनको कसकर अपने आगोश में ले लिया और झप्पी पे झप्पियाँ देती रही। फिर मैंने उनको पूछा कि जान मैं बहुत मोटी हूँ ना? तभी वो बोले कि नहीं तुम बहुत सुंदर हो। फिर मैंने खुश होकर उनको चुंबन दिया। फिर मैंने उनको बेड पर एक धक्का दिया और उनके ऊपर चली गयी। तभी मैं उनके होंठो को चूमने लगी.. लेकिन उनके मुहं से सिगरेट की बदबू आ रही थी। तभी मैंने कहा कि जान आप सिगरेट मत पिया करो प्लीज़। फिर उन्होंने कहा कि जैसा आप कहो।

फिर मैं अपनी जीभ से उनके होंठो को सहलाने लगी बीच बीच में वो अपनी जीभ भी मेरी जीभ को लगाते। फिर वो मेरी जीभ को अपने मुहं में लेकर चूसने लगे.. बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर मैं उनकी सीधी तरफ आकर लेट गई और फिर उनकी जाँघो को मैंने मसाज किया और फिर उन्होंने अपना एक पैर मेरी दोनों जाँघो के बीच डालकर मुझे जोर से अपने पास खींच लिया और फिर उनका लंड मेरी पेंटी को छू रहा था और फिर मैं अंदाज़ा लगाने लगी कि उनका लंड कितना मोटा और बड़ा होगा और फिर मैंने चूमना शुरू किया अह्ह्ह। तभी उन्होंने मेरी ब्रा से मेरे बूब्स बाहर निकाले और मुहं में डाल लिये और फिर वो बोले कि आज इसका सारा रस पी जाऊंगा। फिर मैं बोली मेरे राजा मैंने तुम्हारे लिए ही इन्हें तैयार किया है इसको तुम जोर से दबाओ रस निकालो और पी जाओ। फिर उन्होंने जैसे ही दबाया मेरे बूब्स से कुछ दूध की बूंदे उनके मुहं पर पड़ी। फिर मैं बोली अरे बाबा मेरी चूचियाँ मुहं में डालो फिर दबाओ जिससे रस मुहं में ही जायेगा.. बाहर नहीं। फिर कुछ ही देर बाद मेंरे बड़े गोरे गोरे बूब्स लाल हो चुके थे और मेरा अंग अंग तपते हुए ज्वालामुखी की तरह हुआ जा रहा था। मेरी गोल दानेदार काली चूचियाँ मोटी और सूजी हुई थी। फिर वो शरारत करने लगे मेरी चूचियों को दांतों तले दबाकर काटने लगे ओह्ह्ह अह्ह्ह धीरे बाबा इतनी ज़ोर से नहीं। तभी वो बोले मुझे मत रोको।

फिर मैं बोली तुम्हे कोई रोक नहीं रहा अब काटो जितना काटना है मैं कुछ नहीं कहूंगी। फिर मैंने अपनी ब्रा उतार दी अब पति के बॉस ने मेरे बूब्स को अपने मुहं से मसलने लगे हमम्म्म अहहहह और मैं आह वाउ ओईइ माँम्मम्म मरी। फिर कुछ देर बूब्स के साथ खेलने के बाद पति के बॉस ने अपना हाथ मेरी पेंटी में डाल दिया और मुझे चूमना शुरू किया। इस बार चुम्बन में बहुत मज़ा आ रहा था क्योंकि अब हम एक दूसरे के मुहं में मुहं डालकर एक दूसरे की जीभ चाट रहे थे और अब वो मेरे मुहं में थूकने लगे और मैं काम रस समझ कर उसे बड़े आराम से पीने लगी। फिर मैंने भी थूकना शुरू किया। फिर हमारा सारा मुहं छोटे बच्चो की तरह गीला हो चुका था और फिर हम एक दूसरे का मुहं चाटने लगे आलम्‍म्म अह्ह्ह उलम्म्म्म हमें बहुत मजा आ रहा था। फिर इन सब कामो के बाद में वो मेरी गांड पर तमाचा लगाते, ज़ोर से फटकारते और मैं आअहहा ओह्चह। फिर ज़ोर से तमाचा और फिर मैं कहती अरे बुड्ढे गांड फाड़ देगा क्या मेरी? और फिर मैं बोली कि ओह् सॉरी सर मेरे मुहं से निकल गया। तभी वो बोले कि अरे कोई बात नहीं तुम्हे जो कहना है कहो.. संकोच मत करो वैसे भी अब हम दूसरी दुनिया में है जहाँ पर ये सब कुछ माफ़ है। फिर मैं बोली कि ठीक है तुम भी मुझे जो मन में आए कहो। फिर वो बोले कि आजा मेरी मोटी हथनी तुझे उछाल उछाल के चोदूं। फिर मैं जाओ तुम भी ना.. मैं बात नहीं करती तुमसे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर वो बोले कि सॉरी बाबा। फिर मैंने कहा अरे सॉरी नहीं मेरी जान.. इस मोटी हथनी की प्यास बुझाओ। फिर ये कहकर मैंने उसको चूमना शुरू किया आलम्म उल्लम्‍म्म अह्ह्ह। फिर चुंबन के बाद में वो अचानक से उठ गये और मेरी पेंटी उतार दी और बोले कि इतने बाल वाह। फिर मैं बोली कि क्या तुम्हे चूत पर बाल पसंद है? फिर वो बोले कि हाँ। फिर मैंने कहा कि जानू मेरी चूत चाटो ना। तभी वो बोले कि ठीक है मेरी मोटी डार्लिंग। फिर पति के बॉस ने मेरी चूत चाटना शुरू कर दिया स्लप्प्प स्लॅप और मैं उह्ह वाहह करने लगी। फिर पति के बॉस ने अपनी उंगली चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगे और मैं अहाआ आऊच मेरी पूरी चूत गीली हो गयी थी। फिर उन्होंने अपनी अंडरवियर उतार फेंकी उसमे से उनका 6 इंच लम्बा मोटा काला लंड बाहर आया। तभी मैं बोली कि वाह इसे घुसाओ जल्दी.. प्लीज़। तभी वो बोले कि हाँ डार्लिंग सब्र तो करो। फिर मैंने उनके लंड को हाथ में लिया और हिलाना शुरू किया। पति के बॉस का लंड इतना टाईट था कि मेरी चुदवाने की चाहत बड़ने लगी। फिर उनके लंड से सफेद द्रव निकलने लगा जो कि आम बात है। फिर मैंने एक तकिया लिया और बोली चल बुड्ढे शुरू हो जा। तभी वो बोले कि आज तेरी गांड में एक बहुत बड़ा छेद करके ही दम लूँगा और फिर पति के बॉस ने अपना लंड मेरी चूत में घुसाया घापप्प्प्प और मैं आहा माँ मरी मैं और मेरा एक पैर अपने हाथों से ऊपर लिया और वो चोदने लगे।

घपपप… फिर मैं चिल्लाने लगी हे भगवान बचा ले मुझे.. माँ मरी मैं ओह्चह.. मैं चिल्ला उठी छोड़ बुड्ढे मुझे.. बुड्ढे फाड़ मेरी चूत को। तभी वो बोला कि तेरी चूत गयी और वो मेरे दोनों पैरों के बीच में आ गया। फिर मैंने अपने दोनों पैर उनके कंधे पर रख दिए और बोली कि अब ज़रा जोर से चोदना। फिर उन्होंने वही किया और पहले से तेज हो गये ग्अफह घ्आअप्प और फिर मैं अल्लम्‍म्म अह्ह्ह चोद मुझे और जोर से। फिर उन्होंने मेरे मुहं में अपनी एक उंगली डाल दी मैंने उस उंगली को चूसा और फिर दांतों से काट दिया अहााआ ओह्च्छ। तभी वो बोले अरे मोटी इतनी ज़ोर से काटा। फिर मैं हंसी हा हा हा अब कैसा लगा? फिर मैंने प्यार से दोनों हाथ ऊपर कर उनको बोला जान मेरी बाहों में आओ ना। फिर उन्होंने मेरे दोनों पैर नीचे रख दिए और फिर मेरे ऊपर आ गये। फिर मैंने अपने हाथों से उनको दबोच लिया और उनकी पीठ को मसलने लगी और बोली आज असली मर्द मिला है। तभी वो बोले कि अच्छा। फिर मैंने उनको होंठो पर चूमना शुरू किया और बोली मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ जानू। तभी वो बोले मैं भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और फिर उन्होंने चोदना शुरू किया और मैंने उनकी जीभ को मुहं में दबाकर चूसना शुरू किया। तभी उनकी चोदने की रफ़्तार बढ़ गयी आअप्प ठप्प्प और मैं अहह ओओवव्व आज मैं मर जाऊंगी। फिर वो बोले मैं मरने नहीं दूँगा घपापपप और फिर एक धीरे से आवाज़ आई ओह और उन्होंने लंड बाहर निकाला और आवाज की “उफफफफ्फ़ अहहाअ और फिर उनका ज्वालामुखी फट चुका था और सारा गर्म लावा उन्होंने मेरे पेट पर गिरा दिया। और बोले जानू अब तुम इसे साफ करो। फिर मैंने उस द्रव को हाथ में लिया वो बहुत गरम था.. फिर एक दो बूंद को चाट लिया और फिर अपनी पेंटी से उनके लंड को साफ किया और फिर अपने पेट के ऊपर के द्रव को भी हटा दिया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर वो मेरे पास आकर गिर गये मैं जाकर उनसे लिपट गयी और चूमते हुए कहा कि आपको बहुत बहुत धन्यवाद। तभी वो बोले आपका स्वागत है।

फिर कुछ देर हम नंगे ही एक दूसरे की बाँहो में सोते रहे। फिर हमने कुछ देर तक यहाँ वहाँ की बातें की। फिर उसके बाद मैंने कहा कि अब तुम्हे जाना चाहिए.. बच्चो का स्कूल से आने का टाईम हो गया है। तभी उन्होंने कपड़े पहन लिए और फिर मैंने भी गाउन पहन लिया जाते समय मैंने उनको किस किया और फिर मैं बोली अगले शनिवार बच्चे नानी के यहाँ जा रहे है तुम जरुर आ जाना। तभी वो बोले ठीक है मैं बोली अगली बार बाथटब में चुदाई करेंगे। तभी उन्होंने ठहाका लगाया हा हा हा बाय मैं तुम्हारी कमी महसूस करूंगा। फिर मैंने भी अपना हाथ हिलाकर कहा कि बाय मैं भी तुम्हारी कमी महसूस करूंगी जानू। दोस्तों फिर वो मेरे घर से चले गए। लेकिन उनकी कमी मुझे महसूस होने लगी.. फिर मेरे कहने पर वो दोबारा शनिवार को आ गए और मेरी अच्छे से चुदाई की.. उन्होंने मेरे पति की कमी खत्म कर दी थी।

मुझे ऑटो वाले ने जंगल में ले जाकर चोदा Mujhe auto vale ne jangal me le jakar choda

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मेरा नाम सुरका है और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और मेरी उम्र 21 साल है। मैं एक अच्छे घर की लड़की हूँ.. मेरे बूब्स 34 साईज़ के है, मेरी कमर 28 और मेरी गांड 36 की है। यह बात आज से दो साल पहले की है.. जब मैं 19 साल की थी और मैंने पहले साल कॉलेज में प्रवेश लिया था और मुझे अकेले में अपनी फोटोग्राफी करने की आदत थी.. मेरे मोबाइल में मेरे कई सारे सेक्सी हॉट फोटो थी। फिर उस दिन शनिवार था और फिर मैं नीले कलर की शर्ट के अंदर काले कलर की ब्रा और नीचे काले कलर की पेंटी और काले कलर की जीन्स पहन कर कॉलेज के लिए निकली। फिर मैंने जाने के लिये एक ऑटो किया और करीब 40 मिनट के बाद में कॉलेज पहुँच गयी। फिर जैसे ही मैं कॉलेज के गेट तक पहुँची तभी अचानक मुझे याद आया कि मेरा मोबाईल तो ऑटो में ही रह गया।

तभी मैं झट से ऑटो के पीछे भागी लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ और वो चला गया था। फिर मुझे टेंशन उस बात की नहीं थी कि मेरा मोबाईल ग़ुम हो गया है लेकिन इस बात की टेंशन थी कि उसमे मेरी कई पर्सनल फोटो है जो मैंने खींची थी और वो बहुत ही सेक्सी और बोल्ड थी। फिर मैंने दिन भर बहुत ट्राई किया लेकिन कुछ फायदा नहीं हुआ.. सिर्फ़ मोबाईल की घंटी बज रही थी। फिर पूरा दिन टेंशन में बीतने के बाद जब मैं घर पहुंची और फिर रात को करीब 9 बजे मैंने फिर से ट्राई किया और उस वक़्त फोन किसी ने उठाया और उस तरफ से किसी लगभग 35 साल के आदमी की आवाज़ थी। तभी उसने कहा कि क्यों अपना मोबाईल चाहिए? फिर मैं झट से बोली कि हाँ चाहिए। तभी उसने कहा कि ठीक है कल दोपहर में आकर ले जाना। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर मैंने पूछा कि आप कौन हो? और मुझे कहाँ आना होगा मोबाइल लेने। तभी उसने कहा कि कल ठीक 2 बजे आप अपने पास वाले पार्क आ जाना और फिर बोला वैसे तुम्हारी फोटो बहुत सेक्सी है और तुम्हारी कमर तो बड़ी लचीली है और तुम्हारी गांड भी.. मज़ा आ गया तुम्हारी फोटो देखकर। यह बात सुनते ही मानो जैसे मेरे पैर के नीचे से ज़मीन खसक गयी और मैं रात भर सो नहीं पाई।फिर अगले दिन रोज़ की तरह कॉलेज गयी और कॉलेज से थोड़ा जल्दी निकल गयी और पास वाले पार्क में जाकर मैंने एक दुकान से कॉल किया अपने नंबर पर.. फिर से उस आदमी ने फोन उठाया और कहा कि तुम आ रही हो ना? फिर मैंने कहा कि हाँ मैं पार्क में आ चुकी हूँ कहाँ हो आप? और प्लीज मेरा मोबाईल मुझे दे दो मुझे घर जाना है। तभी उसने मुझे बिलकुल सही जगह बताई और कहा कि एक बार आ तो जाओ मैं तुम्हे दे दूंगा। फिर मैं घबराते हुए चल पड़ी वहाँ पर लड़के और लडकियों के बहुत जोड़े थे और सभी एक दूसरे से मज़े ले रहे थे.. मुझे थोड़ी शरम आ रही थी और कई लोग मुझे घूर घूरकर देख रहे थे। तभी अचानक आवाज़ आई आ गयी तुम? फिर मैंने पीछे मुड़कर देखा तो ये तो वहीं ऑटो वाला था.. जिसने मुझे उस दिन कॉलेज छोड़ा था और उसकी उम्र करीब 35 साल की थी। तभी मैंने कहा कि अंकल प्लीज मेरा मोबाईल मुझे दे दो। फिर उसने कहा कि दे दूँगा ऐसी कौन सी जल्दी है ज़रा आगे चलना। तभी मैंने मना किया तो उसने मेरा कंधा पकड़ लिया और ज़ोर से धक्का दिया..

वो बहुत मजबूत था और उसने शायद शराब भी पी रखी थी। फिर मैं भी उसके साथ चुपचाप चलने लगी फिर चलते चलते हम लोग बहुत आगे आ गये वहाँ पर तो ऐसा लग रहा था कि यहाँ शायद कोई कभी आया ही ना हो। फिर एक जगह आकर वो रुक गया और बोला कि ये ठीक जगह है। फिर मैंने कहा कि तुम मुझे यहाँ क्यों लाए हो?.. दे दो मेरा मोबाईल आपको पैसे चाहिए तो ले लो जीतने चाहिए।तभी उसने कहा कि मेरी जान पैसा ही सब कुछ नहीं होता और तेरी जैसी मस्त माल के सामने पैसा क्या है? तू थोड़ा मज़ा तो लेने दे मेरी जान आज तो तू क़यामत लग रही है मेरी रानी। तभी मैंने मना किया तो उसने मुझे जोर से थप्पड़ लगाया और फिर कहा कि साली रांड मैं ना सुनने के लिए नहीं आया यहाँ पर और अब ज्यादा नाटक करेगी तो नंगी करके तेरी फोटो खीचकर ले जाऊंगा और मोबाईल भी नहीं दूँगा और फिर सभी को तेरी फोटो भेज दूँगा और फिर बन जाना पूरी दिल्ली की रंडी। तभी मैंने अपने आप को उसको सौंपने का फ़ैसला मन में कर लिया था और मैं रोने लगी और रोते रोते मैंने कहा कि ठीक है मैं तुम्हारी हर बात मानूँगी लेकिन प्लीज मेरा मोबाईल मुझे दे दो।फिर उसने कहा कि अब हुई ना बात मैं तुझे तेरा मोबाईल दूंगा लेकिन काम खत्म होने के बाद। फिर उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और पागलो की तरह मुझे चूमने लगा उसके मुहं से दारू की बदबू आ रही थी।

फिर उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं में डाल दिया और एक हाथ से मेरे बूब्स दबा रहा था और वो एक हाथ मेरी गांड पर रखकर रगड़ रहा था और फिर वो मेरी ब्रा की डोरी खोलने लगा और थोड़ी देर में उसने मेरी ब्रा उतार दी। फिर मैं उसके सामने ऊपर से पूरी नंगी थी। फिर उसने मेरे बूब्स ज़ोर से दबाए और मसलने लगा और फिर मसलते हुए वो मेरा मुहं अपनी जीभ से चाट रहा था.. अब तो मैं भी उसका साथ देने लगी और अब मेरे भी तन बदन में आग लग रही थी। फिर हम घास पर कब लेट गये मैं समझ ही नहीं पाई।फिर उसने मुझे गांड के बल नीचे सुला दिया फिर वो मेरा सारा बदन चाटने लगा और वो कह रहा था कि रंडी तेरे बदन पर हज़ारो लंड कुर्बान, भोसड़ी की आज तेरी ऐसी चुदाई करूँगा कि दस दिन तक चल नहीं पाएगी आज के बाद तू मेरी पर्सनल रंडी बनेगी और मुझे रोज एक शॉट देगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मैं यह सब सुनकर मदहोश होने लगी और फिर उसकी मजबूत बाहों में समा गयी। फिर मैं उसकी बाहों में ऐसे लग रही थी जैसे कोई अपने बच्चे को गोद में खिला रहा हो। फिर उसने मेरे बाल पकड़ कर कहा कि चल मेरी रांड अब फटाफट अपने रसिया का लंड चाट। फिर मैं तो कब से तैयार थी और झट से मैंने उसका तना और कसा हुआ, काला मोटा बड़ा लंड हाथ में पकड़ा और फिर चूसने लगी। फिर मैंने 1/2 घंटे तक उसका लंड चूसा और फिर उसने सारा वीर्य मेरे मुहं में छोड़ दिया और कहने लगा

कि ले मेरी छीनाल तेरे लिए ताज़ा ताज़ा माल है पी ले सारा, कुछ भी मत छोड़ना और भी मिलेगा डर मत अभी तूने इसका जलवा देखा नहीं है।फिर वो अपने एक हाथ से मेरी चूत रगड़ने लगा और एक हाथ से मेरे बूब्स दबाने लगा और कहने लगा कि कुतिया बता तेरे बूब्स इतने कसे हुए कैसे है? तभी उसने मेरी जीन्स उतार दी और मेरी पेंटी के ऊपर से मेरी चूत को चूमने लगा। तभी उसने जल्दी से मेरी पेंटी भी उतार दी और फिर मेरी चूत को पागलों की तरह चाटने लगा और चूमने लगा। फिर मैं तो अब पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी और मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था। तभी उसने मेरी चूत पर ज़ोर से थप्पड़ मारा और अब वो मेरी चूत के अंदर उंगली डाल रहा था। तभी मैं तो जैसे पागल सी हो गयी थी। फिर वाले ने मेरी चूत के ऊपर थूक दिया फिर उसने अपना लंड मेरी चूत पर रखा और फिर धीरे धीरे उसे अंदर डालने लगा लेकिन मुझे बहुत दर्द हो रहा था और फिर मैं चिल्लाने लगी।तभी उसने अपने मुहं को मेरे मुहं पर रख कर मेरी आवाज़ को बंद कर दिया। फिर मेरे भी सेक्सी सपने सच होने वाले थे। तभी अचानक उसने एक ज़ोर सा झटका लगाया और फिर ऑटो वाले का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर था। मुझे बहुत दर्द हुआ मैंने दर्द से उसके बाल पकड़ कर खीच दिए। फिर वो करीब 5 मिनट तक ठीक वैसे ही रहा.. उसने लंड को जरा भी नहीं हिलाया। फिर मेरा दर्द भी कम हो चुका था और मुझे अब और भी ज्यादा मज़ा आने लगा और फिर मैं उसके होंठो को चूसने लगी।

फिर करीब 15 मिनट तक वो अपना लंड मेरी चूत के अंदर डालकर जोर जोर से झटके मारता रहा। फिर उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत से निकाला और फिर वो अब मेरी गांड को सहलाने लगा और फिर मेरी गांड को चूमने लगा और फिर उसने मेरी गांड पर थूक लगाया और फिर अपना काला मोटा लंड मेरी गांड के छेद के पास रखकर मेरे बूब्स दबाने लगा और फिर धीरे धीरे अपने लंड को मेरी गांड के छेद में डालने लगा। फिर अपनी गांड मरवाने के लिये मैं भी तैयार थी.. और तभी मैंने ज़मीन पर घास को पकड़ लिया। तभी उसने अचानक एक ज़ोर का झटका लगाया और उसका मोटा, काला लंड मेरी गांड के अंदर आधा घुस गया और फिर मेरी आँख से आँसू आने लगे।फिर उसने अपना लंड और पीछे लेकर और जोर से झटका दिया इस बार मैं मर गयी.. ऐसा लगा कि जैसे मेरी गांड फट गयी और उसका पूरा लंड मेरी गांड के अंदर समा गया। तभी मैं दर्द से चिल्ला उठी.. लेकिन उसने अपने दोनों हाथों से मेरा मुहं बंद कर दिया। फिर धीरे धीरे वो अपना लंड मेरी गांड के अंदर बाहर करने लगा। फिर धीरे धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा। फिर वो मेरी गांड और जोर जोर से चोदने लगा मैं आअहह उहह ओउउच कर रही थी। फिर करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद उसने मेरी गांड में अपने लंड का सारा वीर्य झाड़ दिया और मेरा भी दो बार पानी निकल चुका था। फिर मुझे भी मज़ा आ गया था.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

हम वैसे ही 10-15 मिनट उस घास पर लेटे रहे। उस समय वो मेरी पीठ चूम रहा था और मेरी चूत को हाथ से रगड़ रहा था।दोस्तों मुझे बिलकुल भी पता नहीं था कि गांड मरवाने में इतना दर्द होता है मैं तो बस यही सोचती थी कि बस थोड़ा सा ही दर्द होता होगा लेकिन मुझे आ पता चल चुका था कि गांड मरवाना बच्चो का खेल नहीं है।अब उसने मेरा मोबाईल लिया और फिर मेरी नंगी फोटोग्राफ खींचने लगा। फिर उसने मुझे कपड़े पहनने को कहा और मेरा मोबाईल मुझे दे दिया और फिर से मुझे चूमने लगा और मेरे बूब्स दबाने लगा और फिर उसने कहा कि चल मैं तुझे अपने ऑटो से तुझे तेरे घर पर छोड़ देता हूँ। तभी जब मैं उठी तो मुझे चलने में बहुत तकलीफ़ हो रही थी और मेरा गोरा चेहरा पूरा पूरा लाल था। फिर उसने मुझे अपनी बाहों का सहारा दिया और हम एक साथ चलने लगे, चलते चलते वो मेरी गांड पर सहारा दे रहा था और आज मुझे लग रहा था कि मैं एक प्रोफेशनल रंडी हूँ। फिर हम ऑटो में बैठ गये और फिर उसने मुझे मेरे घर पर छोड़ दिया। फिर मैंने उसे किस दिया और अपने घर आ गयी ।

मकान मालिक के साथ मेरी मम्मी का सेक्स Makaan malik ke sath meri mummy ka sex

मकान मालिक के साथ मेरी मम्मी का सेक्स Makaan malik ke sath meri mummy ka sex, मकान मालिक के लंड से मिला चैन, लंड की प्यास, प्यासी चूत को मिला लौड़े का पानी, मकान मालिक ने बड़े लंड से माँ की चूत को चोदा, तडपती चूत को मिला बरसों बाद लंड.

हेलो दोस्तों, मेरी मम्मी का नाम नुकशा है और वो बहुत ही सुंदर औरत है उनकी उम्र 39 साल की है लेकिन उनका शरीर बिल्कुल फिट है और उनको देखकर नहीं लगता है कि वो 39 साल की है.. मम्मी की बूब्स बहुत ही बड़े बड़े है और मम्मी की गांड बिल्कुल गोल गोल है। फिर मेरी मम्मी मुझे अपने साथ मार्केट लेकर जाती थी.. तो सारे अंकल मम्मी को देखते ही रह जाते थे। वो सारे मेरी मम्मी को चोदना चाहते थे.. वो लोग मेरी मम्मी को घूर घूर कर देखते ही रहते थे। मेरी मम्मी अधिकतर टाईम सलवार सूट ही पहनती थी। मम्मी की कुरती में से उनके बूब्स गजब के दिखते थे और सारे मोहल्ले के अंकल मेरी मम्मी के हुस्न के दीवाने थे।

दोस्तों यह उस समय की कहानी है.. जब मेरे पापा को एक बड़े प्रॉजेक्ट के काम से एक साल के लिए बाहर जाना पड़ा और में और मेरी मम्मी अकेले ही घर पर रह गये थे। फिर हम जिस घर में रहते थे उसके ऊपर वाले कमरों में हमारा मकान मलिक रहता था और मकान मलिक की बीवी कुछ समय पहले गुजर गई थी और फिर वो बिल्कुल अकेला ही रह गया था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। मेरे मकान मलिक का नाम रमेश था। हमारा मकान मलिक मेरी मम्मी को बहुत घूरकर देखता था और वो मम्मी को बहुत ही पसंद करता था। फिर पापा को गये हुए बहुत दिन हो गये थे और फिर मम्मी अपने बचाए हुए पैसों में से घर का किराया दे दिया करती थी लेकिन धीरे धीरे हमे पैसों की कमी होने लगी और किराया देने में बहुत प्राब्लम होने लगी। फिर मेरी मम्मी ने मेरे मकान मलिक से बात की.. वो कुछ दिन का समय दे दे। फिर उसने कहा कि ठीक है। फिर कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा दो महीने बाद मेरा मकान मलिक आया और उसने पैसों के लिए पूछा। तभी मम्मी ने कहा कि अभी नहीं है लेकिन वो दे देंगी लेकिन उसने कहा कि नहीं बहुत दिन हो गये है अब वो और दिन नहीं रुक सकता है और उसने मम्मी से घर छोड़ देने के लिए कहा।

तभी मम्मी रोने लगी और उन्होंने कहा कि प्लीज कुछ दिन और रुक जाइए.. में पैसे दे दूँगी.. लेकिन वो मानने वाला नहीं था लेकिन मम्मी के बहुत रोने पर उसने कहा कि ठीक है में रुक जाता हूँ लेकिन इसके बदले में कुछ लूँगा। तभी मम्मी ने कहा कि आप जो बोलेंगे में वो दे दूँगी लेकिन प्लीज आप कुछ दिन और रुक जाइए। फिर मेरा मकान मलिक मम्मी के पास आया और वो मम्मी को चुप करने लगा और वो मम्मी से कहने लगा कि रोने की ज़रूरत नहीं है। फिर उसने मम्मी को सोफे पर बैठा दिया और मम्मी के आँसू पोंछने लगा। तभी मैंने खा कि वो मम्मी के गालो को छू रहा है और फिर उसने एक हाथ मेरी मम्मी के बूब्स पर रख दिया। तभी मम्मी ने कहा कि यह क्या कर रहे है आप? फिर उसने मम्मी से कहा कि अगर घर में रहना है तो मुझसे चुदवाना पड़ेगा। तभी मम्मी ने कहा कि यह क्या कह रहे है आप? यह नहीं हो सकता। फिर उसने मम्मी से कहा कि ठीक है आप यहाँ से चले जाओ। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। तभी मम्मी उसकी तरफ देखने लगी और में दूसरे रूम से खड़ा होकर सब देख रहा था। फिर मम्मी ने कहा कि ठीक है लेकिन अभी नहीं अभी मेरा बेटा देख लेगा.. में रात में आउंगी। तभी उसने कहा कि ठीक है। फिर अंकल चले गये और में भी तैयार होकर स्कूल चला गया लेकिन में यही सोच रहा था कि आज अंकल मम्मी को चोद देंगे। फिर में घर वापस गया मैंने अपना स्कूल का काम टाईम पर खत्म करके में खाना खाने लगा।

फिर उस समय मम्मी नहाने गई हुई थी। फिर मम्मी जब मम्मी बाहर निकली तो मैंने देखा कि मम्मी ने सफेद कलर का सलवार सूट पहन रखा था और मम्मी का सूट बिल्कुल पारदर्शी था जिसमे से उनकी लाल रंग की ब्रा दिख रही थी और मम्मी गजब की सेक्सी लग रही थी। फिर मैंने देखा कि मम्मी तैयार हो रही थी। तभी मैंने मम्मी से पूछा कि मम्मी आप कहीं जा रही हो क्या? फिर मम्मी ने कहा कि हाँ बेटा में एक पार्टी में जा रही हूँ और तुम सो जाओ। फिर मैंने कहा कि ठीक है और में सोने चला गया लेकिन मेरे दिमाग़ में अंकल की बात चल रही थी कि आज वो मेरी मम्मी को चोद देंगे। फिर कुछ देर बाद मम्मी बाहर निकल गयी और फिर अंकल के कमरे की तरफ चली गयी। फिर में थोड़ी देर तक ऐसे ही बेड पर लेटा रहा और फिर में उठा और गेट खोला और फिर मम्मी के पीछे पीछे चला गया। तभी मैंने देखा कि मम्मी अंकल के कमरे के अंदर चली गई और फिर अंकल ने गेट बंद कर दिया। तभी में वहीं पर बनी एक खिड़की से जब देखने लगा। फिर मम्मी सोफे पर जाकर बैठ गयी और अंकल भी वहीं पर मम्मी के पास में जाकर बैठ गये और मम्मी से बातें करने लगे। फिर मैंने देखा कि अंकल मम्मी को घूर घूरकर देख रहे थे और फिर अंकल मम्मी के पास में बैठ गये। फिर अंकल ने मम्मी की जांघो पर हाथ रख दिया और सहलाने लगे मम्मी कुछ डरी हुई नज़र आ रही थी क्योंकि पहली बार मम्मी किसी गैर मर्द से चुदने जा रही थी।

फिर अंकल ने मम्मी का गाल पकड़ लिया और फिर मम्मी के होंठो को अपने होंठो में सटा लिया और फिर चूमने लगे और मम्मी के होंठो को चूसने लगे। तभी मैंने देखा कि अंकल मम्मी की लिपस्टिक को चाट रहे थे। फिर मेरी मम्मी ने अंकल के गले को पकड़ रखा था और वो भी अंकल का साथ दे रही थी। फिर अंकल मेरी मम्मी के गले पर किस करने लगे और मम्मी को भी बहुत मज़ा आ रहा था और फिर उन्होंने अंकल के बाल पकड़ रखे थे। फिर अंकल ने मम्मी को खड़ा कर दिया और फिर दीवार से चिपका कर खड़ा कर दिया और मम्मी के गले पर किस करने लगे मम्मी आआ आआहह कर रही थी और अंकल जानवरों की तरह मेरी मम्मी को चूम रहे थे। तभी थोड़ी देर तक ऐसे ही मेरी मम्मी को किस करने के बाद अंकल ने अपने दोनों हाथों को पीछे कर दिया और मेरी मम्मी की कुरती ऊपर उठाकर सलवार के ऊपर से मम्मी के चूतड़ मसलने लगे। तभी मैंने देखा कि मम्मी की सलवार बिल्कुल पारदर्शी थी और उन्होंने लाल कलर की पेंटी पहन रखी थी। फिर अंकल मेरी मम्मी के चूतड़ो को मसले जा रहे थे। तभी अंकल ने मम्मी से कहा कि नुकशा जब से मैंने तुम्हे देखा है तब से तुम्हे चोदना चाहता था लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और आज में तेरी चूत फाड़ दूँगा। फिर अंकल ने मेरी मम्मी को अपने कंघे पर उठा लिया और अपने बेड रूम में लेकर चले गये..

अंकल का शरीर बहुत अच्छा है इसलिए मेरी मम्मी को उठाने में उन्हे ज्यादा प्राब्लम नहीं हुई। फिर में भी बेडरूम की खिड़की पर चला गया और रूम में देखने लगा। तभी मैंने देखा कि अंकल ने मेरी मम्मी को बेड पर पटक दिया और बेड पर गिरते ही मेरी मम्मी के बूब्स हिलने लगे। फिर अंकल ने अपने सारे कपड़े उतार लिए और मम्मी के सामने बिल्कुल नंगे हो गये। अंकल का लंड बहुत बड़ा था.. मकान मलिक का 7 इंच लंबा लंड था और बहुत मोटा था.. बिल्कुल काले रंग का लंड था। तभी मम्मी मकान मलिक का लंड देखकर डर गयी। फिर अंकल मम्मी के पास गये और उन्होंने अपना लंड मेरी मम्मी के मुहं में दे दिया। फिर मम्मी अंकल के लंड को चूसने लगी। तभी थोड़ी देर में मम्मी ने अंकल का पूरा लंड अपने मुहं में ले लिया और अंदर बाहर करने लगी। फिर मैंने अंकल की तरफ देखा अंकल अह अह कर रहे थे और मेरी मम्मी के बूब्स को मसल रहे थे। फिर मम्मी कभी अंकल के लंड को चूसती थी तो कभी उनके लंड को सहलाती थी। फिर अंकल ने अपना लंड मम्मी के मुहं से निकाल दिया और उन्होंने मेरी मम्मी का कुर्ता निकाल कर ज़मीन पर फेंक दिया। तभी मैंने देखा कि मम्मी ने लाल कलर की ब्रा पहनी रखी थी। फिर अंकल ने मेरी मम्मी की ब्रा का हुक खोल दिया। तभी वो कमर के ऊपर से बिल्कुल नंगी थी। फिर मैंने पहली बार मम्मी के नंगे बूब्स को देखा था और मम्मी के निप्पल बिल्कुल भूरे कलर के थे।

फिर अंकल तो मेरी मम्मी के बूब्स को देखते ही रह गये मम्मी के बूब्स बिल्कुल गोल गोल थे। फिर अंकल ने मेरी मम्मी को लेटा दिया और मैंने देखा कि अंकल ने तकिया मेरी मम्मी की पीठ के नीचे लगा दिया जिससे उनके बूब्स और तन गए। फिर मेरी मम्मी ने अपने हाथ पीछे कर रखे थे और बेड को पकड़ रखा था। तभी अंकल मम्मी के पास में लेट गये और उन्होंने मेरी मम्मी के एक बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। फिर अंकल बड़े मज़े से मेरी मम्मी के एक बूब्स को चूस रहे थे और दूसरे बूब्स को अपने हाथ से मसल रहे थे और मम्मी आआ…आआ ससस्स…ईईए…उई माँ कर रही थी। तभी अंकल समझ गये थे कि मम्मी को भी बहुत मज़ा आ रहा था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर अंकल ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी के बूब्स को चूस रहे थे और मसल रहे थे। तभी अंकल ने अपने एक हाथ से मेरी मम्मी के पेट को सहलाना शुरू किया और फिर उन्होंने मेरी मम्मी के सलवार का नाड़ा खोल दिया। तभी मम्मी की सलवार थोड़ी ढीली हो गई और फिर मैंने देखा कि मकान मलिक ने अपना एक हाथ मेरी मम्मी की सलवार के अंदर डाल दिया और पेंटी के ऊपर से मेरी मम्मी की चूत को सहलाने लगे। फिर मम्मी आआ…आआ….हह मरी में कर रही थी और अंकल मज़े के साथ मेरी जवान मम्मी के जिस्म के साथ खेल रहे थे और वो एक हाथ से मेरी मम्मी के बूब्स मसल रहे थे तो दूसरे बूब्स को चूस रहे थे और अपने एक हाथ से मम्मी की चूत रगड़ रहे थे।

तभी थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद अंकल ने मम्मी की सलवार को खींच कर निकाल दिया और फिर मम्मी सिर्फ़ लाल रंग की पेंटी में अंकल के सामने थी। तभी अंकल उठकर बैठ गये और उन्होंने मेरी मम्मी की पेंटी निकाल ली। तभी मैंने देखा कि अंकल मेरी मम्मी की नंगी चूत को देख रहे थे। फिर मैंने अपनी मम्मी की चूत की तरफ देखा मम्मी की चूत पर एक भी बाल नहीं था। तभी अंकल ने मेरी मम्मी की नंगी चूत पर अपना हाथ रखा दिया और मम्मी सिहर गई। फिर अंकल ने मम्मी से पूछा कि नुकशा तेरी चूत तो बहुत टाईट है तुम कब से नहीं चुदी हो? फिर मम्मी ने कहा कि बहुत दिन हो गये है और मेरी चूत बहुत दिनों से लंड के लिए तरस रही है। फिर अंकल ने कहा कि कोई बात नहीं में आज से रोज़ हर समय चोदूंगा। फिर मकान मलिक ने मेरी मम्मी की चूत में अपना लंड सटाकर मेरी मम्मी के होंठ चूमने लगे। तभी मम्मी के मुहं से अह्ह्ह ओह्ह्ह मरी में की आवाज़े निकलने लगी। तभी मकान मलिक ने मम्मी की चूत में अपना लंड डाल दिया है और उसे अंदर बाहर कर रहे है और मम्मी ने अपने हाथ से अंकल के बाल पकड़ रखे थे और सिसकियाँ ले रही थी। तभी थोड़ी देर तक अंकल ऐसे ही मेरी मम्मी की चूत को चोदते रहे। फिर मैंने देखा कि मम्मी की चूत से पानी गिरने लगा और मम्मी ने अंकल से कहा कि रमेश प्लीज़ अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है चोद दो मुझे।

फिर अंकल ने कहा कि रानी आज तो में तुझे रात भर चोदुंगा। फिर अंकल घुटनो के बल बैठ गये और मैंने देखा कि अंकल ने अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ रखा था और अपने लंड को मेरी मम्मी की चूत पर सटा कर रगड़ रहे थे और मम्मी ने अपने दोनों हाथ पीछे करके तकिये को पकड़ रखा था। फिर मैंने देखा कि अंकल ने एक झटका दिया और मम्मी जोर से चीख पड़ी उई ईईइ अह्ह्ह माँ मुझे बचाओ। मम्मी की चूत बहुत टाईट थी जिसकी वजह से मकान मलिक का मोटा लंड मेरी मम्मी की चूत में पूरा नहीं गया। तभी मैंने देखा कि अंकल किचन से तेल लेकर आए उन्होंने थोड़ा सा तेल अपने लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी मम्मी की चूत पर लगाया। तभी उन्होंने फिर से एक जोर का झटका दिया और फिर अंकल के लंड का टोपा मम्मी की चूत के अंदर चला गया था। फिर अंकल ने धीरे धीरे अपनी कमर हिलाना शुरू कर दिया। अब अंकल का आधा लंड मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था। तभी अंकल ने मेरी मम्मी के दोनों घुटनो को पकड़ लिया और अपनी कमर हिला रहे थे और मम्मी धीरे धीरे ओफफफफ्फ़ अह्ह्ह ससस्स्सस्स म्रीईईईईईई धीरे धीरे प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है कर रही थी। फिर मम्मी की ऐसी आवाज़े सुनकर अंकल ने पूरी ताक़त से एक जोरदार धक्का दिया और फिर मैंने देखा कि अंकल का पूरा लंड एक बार में ही मेरी मम्मी चूत में चला गया।

फिर अंकल आगे की तरफ झुक गये और अपना हाथ बेड पर रख लिया और मम्मी को चोदने लगे अंकल का पूरा लंड मेरी मम्मी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था और वो मम्मी से कहने लगे कि नुकशा तेरी चूत में बहुत गर्मी है मज़ा आ गया.. बहुत दिन बाद ऐसी गरम चूत मिली है और आज में तुझे जी भरकर चोदूंगा और वो मम्मी की चुदाई करने लगे। फिर मम्मी को भी अब बहुत मज़ा आ रहा था मम्मी ने उनसे कहा कि में भी बहुत दिनों से नहीं चुदी हूँ और आज मेरी प्यास बुझा दे राज़ा और ज़ोर से चोद मुझे.. ज़रा और ताक़त लगा। फिर अंकल मम्मी के ऊपर लेट गये उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरी मम्मी के बूब्स पकड़ लिए और मसलने लगे और मेरी मम्मी की चूत को चोदने लगे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर अंकल ने अपनी पूरी ताक़त से मम्मी को चोदना शुरू कर दिया और पूरे रूम में मेरी मम्मी की सिसकियों की आवाज़ गूँज रही थी। तभी मम्मी चूतड़ उठा उठाकर अंकल से चुदवा रही थी। तभी थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि अंकल ने एक ज़ोर का झटका दिया और मम्मी के ऊपर ही लेट गये। तभी में समझ गया था कि अंकल ने अपना पूरा का पूरा वीर्य मेरी मम्मी की चूत में गिरा दिया है। फिर वो मेरी मम्मी को चूमने लगे और अपना लंड धीरे धीरे मेरी मम्मी की चूत में डालने लगे। फिर करीब 5 मिनट बाद अंकल मम्मी के ऊपर से हट गये और वहीं पर पास में लेट गये और मम्मी भी वहीं पर नंगी लेटी हुई थी।

नौकर के 8 इंच के लंड ने लोटपोट कर दिया Naukar ke aath inch ke lund ne lotpot kar diya

नौकर के 8 इंच के लंड ने लोटपोट कर दिया Naukar ke aath inch ke lund ne lotpot kar diya, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

मेरी शादी हुए 3 साल हो गये थे और मैं अपने पति के साथ नये सिटी मे आ गयी थी. उधर सब कुछ अरेंज करने मे काफ़ी टाइम निकल गया. अब मैने अपने पति राज से बोला की एक नोकर रख लो घर पे. वो मान गये और अपने पड़ोस मे ढूँढने लगे. एक मिल गया उसकी उम्र कुछ 28 की रही होगी मजबूत कद का और लंबे कद का मोहन नाम था उसका। पति कहीं पर गये हुए थे और बोला था की मोहन शाम को घर आएगा तो मैं बात कर लूँ। वो शाम को घर आया मैने अपने 36 30 34 फिगर पे साड़ी डाली हुई थी और मेरा ब्लाउज कम गले का था. तभी घंटी बजी और मैने दरवाजा खोला तो देखा की मोहन खड़ा हुआ था और बोला मेडम मैं मोहन।

मैं उसे अंदर ले आई और उसकी नज़र मेरे चुचियो पे ही थी. मैने देखा की वो थोड़ा झिझक रहा था। मैं उसे सभी काम समझा रही थी तभी नीचे झुकने से मेरा पल्लू नीचे गिर गया। और मेरे 36 ब्रेस्ट आधे बाहर नज़र आने लगे. वो उन्हे घूर के देख रहा था। वो चला गया और अब जब राज ऑफिस मे होते थे तभी वो आता था और मेरी बॉडी को देखते देखते काम किया करता था. मुझे शुरू से ही पॉर्न फिल्म देखने की आदत थी, कभी कभी राज के साथ भी देखती थी। एक बार मैने स्कर्ट डाली थी और उसके ऊपर शॉर्ट टॉप था. मैं पॉर्न फिल्म देख रही थी. रूम मे और स्कर्ट ऊपर कर के अपनी चूत को मसल रही थी तभी वो आ गया अंदर और एक दम से मेरा पानी निकल आया। मैने स्कर्ट नीचे कर दी और कुछ बूंदे स्कर्ट पे गिर गई. उसने देखा और चला गया। एक दिन मै लॉन मे घूम रही थी साड़ी पहनी थी मैने और मैं हमेशा से लो नेक ब्लाउस ही पहनती हूँ. तभी मैने देखा की मोहन बाथरूम मे पेशाब कर रहा था और मैने नौकर का 8 इंच का लंड देखा और मन ही मन उछली. पति का मुश्किल से 6 इंच का होगा पता है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर मैं अचानक उधर गयी और वो घबराकर उसे छुपाने लगा। फिर मैं उसे अपने साथ रूम मे ले गयी और बोली की तुमने जान बूझकर डोर खोला था की मैं देख लूँ। वो बोलने लगा की नही मेडम मैने सोचा आप अंदर होंगी. खैर मैने जानबूझकर अपना पल्लू गिरा दिया और बोली की अपने कपड़े उतारो वो मुस्कुरा दिया और नंगा हो गया. मैं उसके लंड को सहलाने लगी। नौकर का मोटा और काला लंड था. उसने मेरी साड़ी और ब्लाउज उतार दिया और बेड पे लिटा कर चूमने लगा और एक हाथ से पेटिकोट भी उतार दिया। मैंने पेंटी नही डाली थी. एक उंगली मेरे अंदर डाल कर चूत मे घूमाने लगा. मैं धीरे धीरे आवाज़ करने लगी वो बोला मेडम आपकी तो अभी भी टाइट है। मैने बोला मोहन तुम ढीली कर दो. नौकर ने ब्रा के हुक खोल दिए। अब मैं नौकर के सामने एकदम नंगी थी. नौकर मेरी चुचियो को चूसने लगा और काट भी लेता था। 

मैने बोला की मोहन आराम से करो पूरा दिन है अपने पास। फिर मैं उसका 8 इंच का तगड़ा लंड लेकर चूसने लगी, 10 मिंनट तक चूसने के बाद सारा पानी मेरे मूह मे ले लिया और पी गयी. फिर हम लिपट के लेटे रहे। थोड़ी देर बाद फिर उसका लंड टाइट हो गया था. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। इस बार उसने मुझे लिटाया और मेरी टाँगे फैला कर अपना लंड मेरी चूत पे रख दिया और धक्के मारने लगा मैं चिल्ला पड़ी की आआहह उ उ उई आ…आ.. मोहन आराम से डालो। फिर वो बोला - मेडम कुछ नही होगा सब ठीक हो जाएगा और एक ज़ोर का धक्का मारा और पूरा लंड अंदर आ गया मैं दर्द से तड़प उठी। फिर उसने अपना लंड बाहर निकाला और अपने लंड को मेरी चूत पर फेरने लगा। मेरी चूत अब और गर्म हो गयी. मेरी चूत उसके लंड को डालने के लिय बेताब हो रही थी।

फिर नौकर ने अपना लंड मेरी चूत मे डाल दिया। उसने धक्के लगाने चालू किए और बोला मेडम आप बड़ी मस्त हो. और अपने लंड को मेरी चूत मे अन्दर बाहर करने लगा। फिर उसने अपनी गति तेज कर दी। और मैं उ उ उई ..उई माँ कर रही थी। और 20 मिनट तक उसने चुदाई की। उसने सारा पानी अंदर ही डाल दिया. फिर हम दोनो 5 मिनट तक 69 मे लेटे रहे। मोहन मेरे चुचियो को दबा रहा था। फिर उसने कपड़े पहने और वो चला गया. अब मैं अपनी चूत को अपनी साड़ी से पोछने लगी। अब मैं घर पर नंगी भी होती हूँ तो वो सारा काम करता है और हम चुदाई भी करते है। जब पति रात की शिफ्ट पे होते है तो वो आता है और हम सोते है. एक बार उसने अपने दोस्त से चुदवाया वो एक दिन मुझसे कहनें लगा की मेरा एक दोस्त है उसे किसी को चोदने का बहुत मन है. लेकिन उसने कभी किसी औरत को नही चोदा है। मैं उससे आपको से चुदवाना चाहता हूँ। मैंने मना कर दिया। मोहन बोला मान जाओ ना जान। मैंने कहा कि वो तुम्हारा दोस्त किसी से बोल देगा तो. वो बोला वो किसी से नही बोलेगा और मैंने हां कर दी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर मोहन और उसके दोस्त ने दोनों ने मिलकर चोदा। मैं बेड पर नंगी लेटी रहती और दोनो एक एक करके मुझे चोदते। उन्होने मेरे फिगर को दबा दबा कर लटका दिया. और मेरी चूत को चौड़ी कर दिया। फिर तो मोहन का दोस्त भी दुसरे-तीसरे दिन आने लग गया. उसका नाम चंदु था। चंदू और मोहन कभी भी मुझे नंगा कर देते और फिगर को दबाते रहते. अंदर से रूम बंद कर मेरे और अपने कपडे उतार कर पुरे नंगे होकर टी.वी. या मूवी देखते थे। और बहुत मस्ती करते ऐसा तक़रीबन 3 साल तक चला। उसके बाद अभी तक मुझे किसी दूसरे का लंड नही मिला और मुझे अभी तक किसी ऐसे लंड की तलाश है जो मुझे मस्त कर दें।

मम्मी की नई सहेली को उसके घर चोदा Mammy ki nayi saheli ko uske ghar choda

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दोस्तों मेरा नाम रिंटू और उम्र 29 साल है। लंड का साइज़ तो पूछो ही मत, एक हफ्ते में अंडरवियर को फाड़ देता है। मेरी मम्मी की फ्रेंड सोंतरी की उम्र करीब 38 से ज्यादा ही होगी.. लेकिन वो देखने से लगती नहीं थी और उनके पति ऑफिस के काम से अक्सर बाहर जाते थे और उनके दो बच्चे थे। एक लड़का जो होस्टल में पढता था और एक लड़की जिसकी कुछ टाईम पहले शादी हुई थी।  सोंतरी मेरी मम्मी की कुछ टाईम पहले ही नई फ्रेंड बनी थी और फिर वो मेरे घर आने लगी। सोंतरी आंटी हमेशा साड़ी ही पहनती है और मैं उनके बारे में कभी भी कुछ गलत नहीं सोचता था। तो एक दिन आंटी मेरे घर पर आई और मेरी मम्मी से कहने लगी कि मेरे घर पर कोई नहीं होता है.. मैं रिंटू से कभी कुछ काम होगा तो उसे बता दूंगी। फिर मेरी मम्मी ने कहा कि ठीक है.. आप कोई भी काम हो तो इसको बोल दिया करो.. यह आपके सभी काम कर देगा।

फिर क्या था? सोंतरी आंटी मुझसे एक दो दिन में कुछ ना कुछ सामान मंगवाती रहती थी और मैं उनके घर में जाता रहता था.. लेकिन मैं कभी भी उनके घर के अंदर नहीं जाता था और बाहर से ही उनको सामान देकर चला जाता था। एक दिन आंटी ने मुझे कॉल किया और कहा कि रिंटू मेरे साथ तुम मार्केट चलो.. मुझे कुछ सामान लेना है, मैं आंटी के घर के बाहर आया और कॉल किया और कहा कि आंटी मैं आ गया हूँ। फिर आंटी ने क्या साड़ी पहनी थी? लाल कलर की सिल्क वाली साड़ी.. लेकिन मैंने इतना ध्यान नहीं दिया क्योंकि मैं आंटी के बारे में कभी भी गलत नहीं सोचता था। फिर मैं आंटी को बाईक पर ले जाने लगा और आंटी को मार्केट ले आया। तो आंटी ने कुछ घर का सामान लिया और फिर आंटी एक दुकान पर गई जहाँ पर पेंटी और ब्रा मिलती थी और मैं दुकान के बाहर ही रुक गया.. तो आंटी बोली कि रिंटू क्या हुआ? फिर मैं बोला कि आंटी आप ही जाइए.. तो आंटी बोली कि चलो ना कोई दिक्कत नहीं है और फिर मैं भी आंटी के साथ अंदर चला गया.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

आंटी ने दुकानदार से कुछ पेंटी और ब्रा निकलवाई आंटी का साईज़ 42 था आंटी ने 3 पेंटी और एक ब्रा खरीद ली और आंटी को मैं वापस घर लाने लगा। तभी बारिश होने लगी आंटी और हम थोड़ा भीग गये और हम जैसे ही आंटी के घर पर पहुंचे तभी बारिश और तेज़ हो गई। तो आंटी बोली कि रिंटू अंदर चलो.. मैंने जल्दी से बाईक साईंड में लगा दी और आंटी के साथ घर के अंदर चल दिया.. आंटी ने अपने घर का ताला खोल दिया और हम अंदर चले गये.. मैं आंटी के घर के अंदर पहली बार गया था। फिर आंटी ने कहा कि रिंटू यह लो टावल जल्दी से ड्रेस उतार लो नहीं तो ठंड लग जाएगी। तो मैंने कहा कि आंटी कोई बात नहीं मैं बारिश कम होते ही चला जाऊंगा।

फिर आंटी ने कहा कि अरे रिंटू तुम्हारे कपड़े तो पूरे भीग गए है और तुम बीमार हो जाओगे। तो मैंने आंटी की बात मान ली और मैंने कपड़े उतार लिए और टावल को लपेट लिया और आंटी भी अपने रूम में कपड़े चेंज करने चली गई। आंटी जब वापस आई तो क्या लग रही थी? उन्होंने गुलाबी कलर की नाईटी पहन रखी थी और वो मेरे सामने आकर बैठ गई। फिर आंटी बोली कि रिंटू तुम बैठो मैं चाय बनाकर लाती हूँ.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। उस समय तक मेरे दिल में आंटी के लिए कुछ ग़लत नहीं आ रहा था। फिर थोड़ी देर बाद आंटी चाय लेकर आई और मेरे सामने आकर बैठ गई और हम दोनों चाय पीने लगे और आंटी इधर उधर की बातें करने लगी और कहा कि रिंटू वैसे तुम क्या करते हो? और क्या करना चाहते हो? फिर आंटी कहने लगी कि रिंटू मैं सभी ब्रा चेक कर लूँ कि साईज़ सही है या नहीं.. अगर सही नहीं होगा तो तुम चेंज कर लाना। 

फिर आंटी अंदर गई और थोड़ी देर बाद आंटी ने मुझे आवाज़ लगाई.. रिंटू ज़रा अंदर आना। मैं अंदर गया और अंदर जाते ही मेरी आँखे खुली की खुली रह गई.. आंटी पेंटी और ब्रा में थी और ब्रा पहनने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन उनकी छाती में अंदर नहीं जा रही था। आंटी बोली कि रिंटू ज़रा इसको पहनाना मुझे.. मुझसे इसका हुक नहीं लग रहा। तो मैंने बोला कि आंटी क्या मैं? आंटी बोली कि हाँ तो क्या हुआ? तो मैं आंटी की ब्रा का हुक लगाने लगा और दर्पण में से चुपके - चुपके उनके मोटे मोटे बूब्स देख रहा था। आंटी मुझसे पूछने लगी कि रिंटू क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? मैं उस टाईम चुप रहा.. आंटी फिर बोली कि बताओ ना.. मैं किसी को कुछ भी नहीं बताऊँगी? तो मैं बोला कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं.. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। तो आंटी बोली कि क्यों झूठ बोल रहा है? फिर मैंने बोला कि आंटी मुझे कोई मिली नहीं। तो आंटी बोली कि तुमको किस तरह की लड़की चाहिए? तो मैंने बोला कि जो मुझे बहुत प्यार करे। फिर आंटी बोली कि हाँ सही है और मैंने आंटी की ब्रा का हुक लगा दिया।

तभी आंटी मेरे सामने सीधी होकर खड़ी हो गई और उनके मोटे मोटे बूब्स देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया और टावल से साफ दिखने लगा.. आंटी ने शायद देखा लिया। फिर आंटी बोली कि रिंटू ज़रा वो वाली लाना जो बेड पर है। तो मैं उस दूसरी ब्रा को लेने लगा तब तक आंटी ने अपनी ब्रा उतार दी और मेरे सामने सिर्फ़ पेंटी में थी और मेरा दिमाग़ काम ही नहीं कर रहा था। फिर आंटी बोली कि जल्दी से लाओ ना। तो मैं ब्रा लेकर आंटी के पास गया और फिर आंटी बोली कि क्या हुआ रिंटू? क्या कभी किसी औरत को ऐसे नहीं देखा? फिर मैंने कहा कि नहीं और आंटी मेरे लंड की तरफ़ देखने लगी और बोली कि यह क्या है? तो मैंने कहा कि आंटी कुछ नहीं.. 

आंटी मेरे पास आई और मेरे लंड को छूने लगी और बोली कि तू यह सब कुछ कहाँ छुपाता है और मैं आंटी की बातें सुनकर पागल सा हो रहा था और आंटी ने मेरा टावल खोल दिया.. मैं अब सिर्फ अपने अंडरवियर में था। आंटी बोली कि मैं इसको अभी शांत करती हूँ और आंटी मेरे लंड को अंडरवियर के अंदर से हिलाने लगी.. लेकिन मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और उनको किस करने लगा। तो आंटी बोली कि रिंटू बहुत समय से तेरे अंकल ने मुझे प्यार नहीं किया इसलिए मैंने यह सब किया.. अगर मैं तुझसे बोलती तो तू मुझसे बात भी नहीं करता क्योंकि तुम को मुझमें क्या मिलेगा? फिर मैंने बोला कि आंटी ऐसी कोई बात नहीं है.. मैं आपको आज से और अभी से ही प्यार करूंगा। 

यह बात सुनकर आंटी मुझे किस करने लगी। फिर मैंने आंटी को गोद में लिया और बेड पर लेटा दिया। मैं आंटी की पेंटी के ऊपर से ही उनकी चूत मसलने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा और आंटी मस्त आवाज़ निकालती जा रही थी। मैंने आंटी की पेंटी उतार दी और मैंने देखा कि आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं है और पूरी लाल चूत थी। फिर आंटी बोली कि मैंने आज ही बाल साफ किये है.. मुझे आज तुझसे जो मिलना था। तो मैंने कहा कि क्या बात है साली.. वो हंसने लगी और मेरे लंड को आगे पीछे करने लगी। मैं उसके बूब्स चूसते चूसते उसकी नाभि को किस करने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है। फिर उसने कहा कि रिंटू अपनी जान को मत तड़पाओ प्लीज़ अपना लंड डालो, और आज के बाद जब हम अकेले हो तो मुझे आंटी मत कहना।

फिर मैंने कहा कि ठीक है और मैंने उसके पैरों को फैलाया और उनकी चूत में अपना लंड रखा और धीरे से अंदर डालना शुरू किया और एक धक्का दिया आंटी की मजे में चीख निकल गई और मैंने अपनी स्पीड बड़ा ली और उसकी आवाज़ मुझे दीवाना करने लगी आआआअहहा हम्म म मरी। फिर मैं स्पीड से उनकी चूत के अंदर बाहर अपना लंड करता रहा और फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया.. लेकिन मेरी स्पीड वही रही। फिर करीब 15 मिनट बाद मेरा भी वीर्य निकलने वाला था तो मैंने पूछा कि जानू कहाँ पर निकालूँ? फिर वो बोली कि बाहर निकाल दो और मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके पेट के ऊपर ही वीर्य निकाल दिया। तो वो बोली कि तूने तो मुझे गंदा कर दिया। 

मैंने कहा कि लो मेरा लंड चूसो ना.. वो बोली कि यह सब अच्छा नहीं होता। तो मैंने कहा कि प्लीज़.. लेकिन वो मना करने लगी और मैंने कहा कि क्या आप मुझसे प्यार नहीं करती? क्या तुम मेरी जान नहीं हो? फिर उसने कहा कि ऐसा नहीं है चलो अब मैं तुम्हारा लंड चूस ही लेती हूँ और वो मेरा लंड चूसने लगी और मेरे लंड को उसने पूरी तरह साफ कर दिया और कहने लगी कि तुमको इसमें क्या मज़ा आता है? तो मैंने कहा कि थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से तैयार होने वाला है और वो अपने आपको साफ करने बाथरूम में गई और फिर साफ होकर बाहर आई.. लेकिन मेरा मन और ही था। तो उसको को मैंने अपने हाथों से फिर गोद में उठाकर बेड पर लेटा दिया। फिर वो बोली कि अब क्या करना है? मैंने कहा कि अभी और भी चोदना है। वो बोली.. नहीं? मैं उसको किस करने लगा और उनके बूब्स को चूसने लगा। मैंने उसकी चूत में फिर से अपने लंड को रखा और फिर से एक धक्का मारा और अपना लंड पूरा अंदर डाल दिया और अंदर बाहर करने लगा और वो अपनी कमर ऊपर नीचे करने लगी और मैं चुदाई करता रहा। फिर उसको मैंने अपने ऊपर बैठाया और वो मेरे ऊपर लंड को चूत में डालकर अपने शरीर को ऊपर नीचे करने लगी और मैं करीब 15 मिनट तक लगातार चुदाई करता रहा।

फिर मैंने उसको एक टेबल के ऊपर बैठाया और उनकी चूत में अपना लंड डालकर एक जोर का धक्का मारा और मैंने उनके साथ 5-6 पोज़िशन में चुदाई की। फिर मैं उनको बेड पर लेटाकर चुदाई करने लगा और 30 मिनट के बाद मेरा वीर्य निकलने को तैयार था और मैंने उसके अंदर ही छोड़ दिया। वो बोली कि रिंटू यह क्या किया? तो मैंने कहा कि इसका असली मज़ा अंदर ही है और वो बोली कि तू बड़ा बदमाश है.. चल हट मेरे ऊपर से.. फिर मैं उसके ऊपर से हट गया और बोला कि रूको ना ज़रा आपको किस करने दो और मैं उसके बूब्स चूसता रहा और उसके साथ थोड़ी देर लेटा रहा। शाम के 5 बज गये थे.. लेकिन मेरा मन घर जाने को नहीं कर रहा था। फिर वो बोली कि क्यों आज घर नहीं जाना? तो मैंने कहा कि आपको छोड़कर जाने का मन नहीं कर रहा था। फिर वो बोली कि तो क्या हुआ? यहीं पर रुक जा अपनी दिलरुबा के पास और पूरी रात प्यार कर। तभी मैं बहुत खुश हुआ और सोचने लगा कि आज सही टाईम है और फिर मैंने घर पर कॉल करके बोला दिया कि आज मैं अपने एक दोस्त के यहाँ पर रुक गया हूँ कुछ जरूरी काम है। 

फिर मैं उसको बाहों में लेकर किस करने लगा.. तो वो बोली कि रुक जा थोड़ा आज पूरी रात ही तेरी है तू पूरी रात मुझे प्यार करना। मैंने ख़ुशी से उसको किस किया और बाहों में जकड़ लिया और किस करता रहा और वो भी मेरा साथ देने लगी। थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे। फिर उसने कहा कि अभी थोड़ा आराम कर लो हम बाद में प्यार करेंगे। फिर वो अपनी मेक्सी पहन कर किचन में गई और थोड़ा खाने के लिए स्नेक्स लाई और बोली कि चलो खाते है। मैंने कहा कि आप मेरी गोद में बैठ जाईए और आप मुझे अपने हाथों से खिलाओ। तो वो बोली कि यह ठीक बात है चलो तुम टावल लपेट लो और मैं बोला कि नहीं दिलरुबा.. मैं ऐसे ही आपको गोद में बैठाऊंगा और वो मेरी गोद में आकर बैठ गई और मुझे अपने हाथों से स्नेक्स खिलाने लगी और हम आपस में बातें करने लगे.. मैंने उससे पूछा कि आपने कितने टाईम से सेक्स नहीं किया था? तो वो बोली कि मुझे दो साल से ज्यादा हो गया है.. मैंने सेक्स नहीं किया।

फिर मैंने बोला कि आप कैसे अपने आप को सम्भाल रही थी? वो बोली कि मैं अपनी ऊँगली से ही दिल खुश कर रही थी। तो मैंने बोला कि आपके साथ सेक्स करके मज़ा आ रहा है लगता ही नहीं है कि आपकी उम्र 30 साल से ज्यादा है। तो आंटी बोली कि मैं आज तुम को और मज़ा दूंगी। मैं बहुत खुश हुआ और किस करने लगा और उनके बूब्स दबाने लगा और मैंने कहा कि मुझे आपकी गांड का मज़ा चाहिए। तो उसने कहा कि नहीं बहुत दर्द होगा.. मैंने कहा कि मेरी माशूका लेने दो ना.. फिर उसने कहा कि चलो ले लो और वो फ्रिज से मक्खन लेकर आई और मेरे लंड पर लगाने लगी और थोड़ा अपनी गांड में भी लगा लिया। फिर मैंने बेड पर ले जाकर उसको घोड़ी बना लिया और उनकी गांड में अपना लंड डालने लगा.. मक्खन लगा होने की वजह से लंड उनकी गांड में आराम से जाने लगा और वो आआहह उफ्फ्फ ईईईईइ माँ की आवाज़ करने लगी और उसको बहुत दर्द होने लगा.. वो बोली कि रिंटू निकाल लंड। फिर मैंने कहा कि रूको अभी दर्द कम हो जाएगा और मैंने चुदाई शुरू कर दी। मेरा लंड उसकी गांड में पूरा चला गया और वो तड़पती रही.. लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और अपना लंड उसकी गांड के अंदर बाहर करता हुआ जोर जोर से धक्के मारता रहा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर धीरे धीरे उसका दर्द भी कम हो गया और उसको भी मज़ा आने लगा.. मैंने उसकी गांड 15 मिनट तक मारी। मेरा लंड पूरा जोश में था और फिर मैंने उसको सीधा किया और अपना लंड उनकी चूत पर रखा और जोर के धक्के मारने शुरू किए और मैं उसको किस भी करने लगा और धक्के मारता रहा और मेरा अब निकलने वाला था.. तो मैंने अपनी स्पीड को और तेज किया और मैंने उसकी चूत में ही पूरा वीर्य निकाल दिया और अब मेरा लंड शांत हो गया और मैंने जब टाईम देखा तो 10 बज गये थे। फिर मैंने कहा कि अब मैं चलता हूँ बाकि काम कल नाईट करना है आंटी बोली कि आज की नाईट ही करो ना। तो मैंने कहा कि आंटी आज नहीं.. कल ही करेंगे और फिर कल के लिए भी तो तैयार होना है, मैं आज आराम कर लूँ। वो बोली कि ठीक है और फिर मैं वहां से चला आया।

मैंने दोस्त की माँ को सेक्स के लिए मनाया Maine Dost ki maa ko sex ke liye manaya

मैंने दोस्त की माँ को सेक्स के लिए मनाया Maine Dost ki maa ko sex ke liye manaya, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

दोस्तों ये सेक्स कहानी आज से करीब 6 साल पहले की है। मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त था.. जिसका नाम टिंटू था। उसके घर पर उसकी माँ 2 बहने और एक छोटा भाई था। टिंटू अपने घर पर सबसे बड़ा था। मैं और टिंटू एक साथ ही एक कॉलेज में पढ़ाई करते थे और साथ ही हमने कंप्यूटर क्लास भी शुरू कर रखी थी। अक्सर मेरा उसके घर पर आना जाना था.. लेकिन मैं कभी भी बुरी नज़र से उसकी माँ और बहन को नहीं देखता था। टिंटू के पापा एक सरकारी नौकरी करते थे और उसके भाई बहन स्कूल जाते थे।

फिर कॉलेज के बाद टिंटू सरकारी नौकरी की तैयारी में लग गया.. लेकिन मुझे सरकारी नौकरी में कोई रूचि नहीं थी। सरकारी नौकरी पाने के चक्कर में टिंटू सुबह से लेकर रात तक पढ़ाई करता था और जिसका नतीज़ा ये हुआ कि उसको एक बहुत अच्छी सरकारी नौकरी मिल भी गई और उसकी पोस्टिंग दिल्ली से बाहर हो गई.. लेकिन मेरा टिंटू के घर आना जाना था तो फिर मैं महीने में एक या दो बार उसके घर पर चला जाता था। टिंटू की मम्मी को जब भी कोई बाजार से कोई सामान लाना होता था तो वो मुझे फोन करती थी.. कि रवि ये सामान ला दो या वो सामान ला दो.. क्योंकि मार्केट उनके घर से बहुत दूर था.. इसलिए वो मुझे बोलती थी सामान लाने के लिए। फिर ऐसे करते करते दो साल गुजर गए और फिर एक दिन टिंटू की मम्मी का फोन आया और वो बोली कि मुझे एक सामान मंगवाना है.. तो मैं बोला कि बताओ आंटी क्या लाना है लेकिन टिंटू की माँ थोड़ा खुलकर नहीं बोल रही थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

तभी मैंने बोला कि आंटी बोलो ना क्या लाना है? तो आंटी थोड़ा हिचकिचा रही थी। तभी मेरे ज्यादा दबाव देने पर आंटी बोली कि.. क्या तुम मुझे एक ब्रा ला दोगे? क्योंकि मेरी सभी पुरानी ब्रा फट गयी है और मुझे मार्केट जाने का टाईम नहीं मिल रहा है। तभी ये सुनते ही मैं एक मिनट के लिए हिल गया.. लेकिन फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके बोला कि आंटी किस साईज़ की ब्रा लानी है? तो आंटी बोली कि 42 नम्बर की। तभी मैंने हाँ कर दी और कहा कि हाँ मैं ला दूंगा। फिर आंटी बोली कि रवि तुम क़िसी को बताना नहीं कि मैंने तुम से ये चीज़ मँगवाई है। फिर मैं समझ गया था और हिम्मत करके बोल दिया कि आंटी एक शर्त पर लाऊंगा.. आप अगर मुझे पहन कर दिखाओगी तो.. तो आंटी बोली कि पहले ला तो दो। 

फिर मैंने उस दिन शाम को ब्रा खरीदी और रात भर सोचता रहा कि क्या मैं सच में कल आंटी को ब्रा में देख पाउँगा। फिर जैसे तैसे रात गुज़री और अगले दिन में 9 बजे तैयार हो गया क्योंकि आंटी का फोन जो आना था। तभी उसके आधे घंटे बाद 9.30 बजे आंटी का फोन आया और वो बोली कि कब आओगे? फिर मैं बोला कि आंटी मैं तो तैयार हूँ आप बोलो कब आना है और अंकल ऑफिस गए क्या? तभी बोली हाँ वो तो सुबह ही गये और टिंटू की बहने भी गई.. वो 1 बजे आएगी स्कूल से। तभी मैं बोला कि ठीक है मैं अभी आ रहा हूँ और मैंने जल्दी से बाईक निकाली और 10 बजे आंटी के घर पहुंच गया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर जैसे ही मैं घर के अंदर घुसा आंटी नाईट गाउन में थी और आंटी के फिगर एकदम साफ साफ नज़र आ रहे थे.. मोटे मोटे बूब्स और उनकी उभरी हुई गांड भी मुझे दिख रही थी और उस दिन मैंने पहली बार आंटी को इस नज़र से गौर से देखा था। फिर आंटी किचन में गई और पानी ले आई तो मैंने पानी पिया और कहा कि आंटी आपका सामान ले लो, आंटी ने अपना सामान पकड़ा और चली गई। तभी आंटी थोड़ी देर बाद आकर मेरे सामने बैठ गई। फिर मैं बोला कि आंटी पहन कर चेक तो कर लो.. तो वो बोली कि कोई बात नहीं मैं बाद में चेक कर लूँगी। तभी मैंने बोला कि लेकिन आंटी अपने तो बोला था कि पहन कर दिखाउंगी.. तो आंटी बोली कि नहीं मैंने तो ऐसा नहीं बोला था। 

फिर मैं चुप होकर बैठ गया और आंटी को लगा शायद मैं उनसे नाराज़ हो गया हूँ। तो आंटी बोली कि क्या हुआ? लेकिन मैं कुछ भी नहीं बोला और मेरा मूड खराब हो गया तो फिर वो बोली कि क्यों क्या हुआ? तभी मैंने बोला कि मैंने कितने ख्वाब देखे थे कि आप ब्रा पहन कर दिखाओगी। तभी आंटी बोली कि चल मैं अभी आती हूँ.. तू टीवी देख। फिर 5 मिनट बाद आंटी आई और मेरे सामने नाईट गाउन में आ गई और बोली कि ले देख ले.. इतने में आंटी ने अपना गाउन ऊपर कर दिया और जल्दी से नीचे भी गिरा दिया। फिर मैं 1 मिनट के लिए देखता रह गया.. आंटी क्या सेक्सी लग रही थी। फिर मैं बोला कि आंटी आपने तो जल्दी से गिरा दिया.. कम से कम अच्छे से देखने तो दो। तो आंटी मना करने लगी तभी मैं हिम्मत करके उठा और आंटी के पास चला गया और बोला कि देखूं तो। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर आंटी बोली कि दिखा तो दिया और अब कितना दिखाऊँ। फिर मैं बोला कि आंटी मुझे पास से देखना है तो आंटी मना करने लगी.. लेकिन मैं हिम्मत करके आंटी के गाउन को ऊपर की तरफ उठाने लगा। तभी आंटी बोली कि रवि मत करो प्लीज़.. लेकिन मैं नहीं माना और मैंने आंटी को बेड पर लेटा दिया और आंटी का गाउन पूरा ऊपर कर दिया.. लेकिन आंटी फिर भी मना करती रही और मैं आंटी का गाउन ऊपर करता रहा और धीरे धीरे मैंने आंटी का पूरा गाउन ऊपर कर दिया अब आंटी मेरे सामने सफेद कलर की ब्रा में थी.. जो मैं खरीद कर लाया था और भूरे कलर की पेंटी में थी और आंटी ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपना गाउन नीचे करने के कोशिश करती रही। 

तभी मैंने हिम्मत करके आंटी के बूब्स पर हाथ रख दिया और आंटी के दूसरे बूब्स पर किस करने लगा.. आंटी मना करने लगी लेकिन मैं बोला कि आंटी आज मना मत करो। फिर धीरे धीरे आंटी ने अपने आपको ढीला छोड़ दिया और मैंने एक हाथ आंटी की चूत पर रख दिया और पेंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा। फिर आंटी कुछ नहीं बोल रही थी शायद वो गरम हो रही थी और मैं भी कामुक हो गया था और मेरा लंड तनकर खड़ा था। फिर मैंने जल्दी से अपनी शर्ट, पेंट और बनियान उतारकर अंडरवियर में आंटी के ऊपर लेट गया और आंटी के बूब्स सक करने लगा और आंटी की चूत पर अपने लंड की सेटिंग बैठाकर हल्के हल्के लंड को चूत पर रगड़ने लगा।

मैंने उसके गाउन को पूरा निकाल दिया और आंटी की ब्रा खोल दी और गोरे गोरे बूब्स देख कर मैं पागल सा हो गया और ज़ोर ज़ोर से सक करने लगा। आंटी बोली कि रवि आराम से करो प्लीज.. फिर मैं आंटी के होंठो पर किस करने लगा। 10 मिनट किस करने के बाद मैं वापस बूब्स सक करने लगा और सकिंग करते करते मैं आंटी के पेट की नाभि पर जीभ फेरने लगा तो आंटी मचलने लगी। फिर धीरे धीरे मैं नीचे की तरफ बड़ा और आंटी की चूत को पेंटी के ऊपर से चाटने लगा। फिर मैंने आंटी को उल्टा लेटा दिया और आंटी की बड़ी गांड को देखकर मैं रुक ना सका और आंटी की कमर पर किस करता करता उनके कूल्हों तक पहुंच गया और कूल्हों पर मैंने हल्का सा काट दिया। फिर मैंने अपनी अंडरवियर उतार दी और पेंटी के अंदर से कूल्हों पर रगड़ने लगा। फिर मैंने आंटी को सीधा किया और उनकी पेंटी को खोल दिया.. उनकी चूत एकदम साफ थी। 

फिर मैं उनकी चूत को चाटने लगा और साथ साथ अपनी एक ऊँगली चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा.. आंटी तो एकदम मदहोश हो चुकी थी और शायद पहली बार क़िसी ने उनकी चूत चाटी होगी। फिर मैं उनकी छाती पर बैठकर अपने लंड से उनके बूब्स को रगड़ने लगा तो मेरा लंड आंटी के कूल्हों को छू रहा था। तो आंटी अपना मुहं इधर उधर कर रही थी। फिर मैंने आंटी को बोला कि आंटी चूसो प्लीज.. तो आंटी ने मना कर दिया.. लेकिन मैं बोला कि सिर्फ़ एक मिनट प्लीज। तभी वो मान गई और उन्होंने अपना मुहं खोला तो मैंने जल्दी से अपना लंड उनके मुहं के अंदर डाल दिया। तभी थोड़ी देर चुसवाने के बाद मैं उठकर उनकी चूत के पास आ गया और दोबारा चूसने लगा तो आंटी बोली कि रवि अब डालो और मत तड़पाओ प्लीज। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

तभी मैंने आंटी के दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए और अपना लंड आंटी के चूत के छेद पर रखा और ज़ोर से झटका दिया तो आंटी थोड़ा सा हिली फिर एक झटका दिया और लंड पूरा एक बार में अंदर चला गया और फिर मैं आंटी को चोदने लगा। फिर मैं आंटी के ऊपर पूरा लेट कर चोदने लगा.. मेरा और आंटी का एक एक अंग आपस में मिल रह था जिससे मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। 15 मिनट बाद जब मैं झड़ने लगा तो आंटी से पूछा कि कहाँ पर गिराऊ? तभी आंटी बोली कि बाहर करना.. तो फिर जैसे ही मेरा वीर्य निकलने ही वाला था तो मैंने जल्दी से अपना सारा वीर्य आंटी के पेट और चूत के ऊपर छोड़ दिया और वापस लेट गया और फिर थोड़ी देर बाद मैं ऊपर से उठा और मैंने अपना लंडा साफ किया तो आंटी मुझसे बोली कि ये बात क़िसी को पता नहीं लगनी चाहिए और अब मुझे भूल तो नहीं जाओगे? 

तभी मैंने आंटी को बोला कि नहीं आंटी अब तो मैं रोज़ आया करूँगा और आपसे बिना पूछे आपकी चुदाई करूंगा। फिर आंटी उठी और बोली कि मेरी ब्रा और पेंटी पकड़ा दो। तो मैंने बोला कि रुको मैं आपको पहना भी देता हूँ। फिर मैंने आंटी को ब्रा और पेंटी पहनाई। फिर आंटी ने गाउन पहना और किचन में चली गई चाय बनाने के लिए और मैं टीवी देखता रहा। तभी थोड़ी देर बाद मैं फिर से तैयार हो गया तो मैं भी किचन में चला गया और फिर आंटी का गाउन ऊपर करके अपना लंड आंटी की गांड में रगड़ता रहा। तभी आंटी बोली कि अब नहीं रवि मैं थक गई हूँ.. लेकिन मैंने उनकी एक भी नहीं सुनी और गाउन ऊपर करके आंटी की पेंटी नीचे करके मैं किचन में ही मैंने आंटी को थोड़ा झुका दिया और एक बार फिर से चुदाई करने लगा और दूसरा राउंड होने की वजह से इस बार मैं 30 मिनट तक आंटी को चोदता रहा.. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

लेकिन इस बीच आंटी 2 बार झड़ गई थी और इस बार मैंने बिना बोले अपना वीर्य आंटी की चूत में छोड़ दिया और आंटी अपने आपको छुड़ाने लगी.. लेकिन मैंने उनको और कसकर पकड़ लिया और अपना सारा वीर्य आंटी की चूत में डाल दिया। फिर जब मैंने अपनी पकड़ ढीली की तो आंटी बोली कि तुमने वीर्य अंदर क्यों डाल दिया? और अगर मैं गर्भवती हो गई तो। तभी मैंने कहा कि आंटी आप खुद ही समझदार हो और गर्भवती कैसे होते है? आपको ये बात अच्छी तरह से पता है। फिर आंटी बोली कि तुम तो बड़े बदमाश निकले.. फिर हमने चाय पी और मैं वापस आने लगा तो आंटी बोली कि आते रहना। फिर मैं बोला कि.. जी आंटी अब तो रोज़ आना पड़ेगा। आप बस फोन कर दिया करो कि घर पर कोई भी नहीं है। दोस्तों उस दिन से लेकर आज तक मैं आंटी को चोद रहा हूँ ।
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