मैंने देखा - एक बाप ने अपनी बेटी को चोदा Maine dekha - Ek baap ne apni beti ko choda

मैंने देखा - एक बाप ने अपनी बेटी को चोदा, Maine dekha - Ek baap ne apni beti ko choda, कच्ची उमर में हवस की भूख,बाप ने की बेटी की चुदाई,पिता का लंड बेटी की बुर चूत में,बेटी की गांड फाड़ चुदाई,बेटी ने पापा का लंड खड़ा कर के अपनी चूत में लिया.

यह बात आज से 15 साल पहले की है.. जब मैं सेक्स के बारे में इतना कुछ नहीं जानता था और मेरे घरवालों ने मुझे पढ़ाई के लिए मेरे अंकल के पास छोड़ दिया.. वहाँ पर अंकल आंटी और अंकल की एक लड़की जिसका नाम रिगमा है.. वो रहती है। मैं अक्सर उसके साथ खेला करता था और वो मुझे बहुत तंग किया करती थी.. लेकिन उस समय मैं सेक्स के बारे में कुछ भी नहीं समझ पाता था। तभी अचानक एक दिन आंटी की तबियत खराब हो गई और उन्हें हॉस्पिटल ले जाना पड़ा। फिर हॉस्पिटल जाने पर हमे पता चला कि आंटी को इन्फेक्शन है और कैन्सर भी है.. जिसके कारण वो अब कुछ दिनों की महमान है।

फिर जब मैं सोता था तो रिगमा अपने मम्मी, पापा के कमरे के पास रात को जाकर के होल से कुछ देखती थी और जब मैं पूछता था कि तुम क्या देखती हो? तो वो जवाब देती कि कुछ नहीं और तुम्हे देखना है तो देख लो। तभी मैंने एक बार देखा तो अंकल, आंटी को किस कर रहे थे और फिर यह देखने के बाद उसने कहा कि तुम जाकर सो जाओ मैं अभी आती हूँ। इसके बाद वो आधे घंटे बाद आई और मुझे किस करने लगी। तो मैंने कहा कि प्लीज़ मुझे सोने दो और मैं सो गया। फिर समय बीतता गया और मैं 6 क्लास में चला गया और फिर रिगमा की माँ का इन्फेक्शन ठीक नहीं हुआ और 6 महीनों के बाद उनका देहांत हो गया। अब रिगमा का एडमिशन कॉलेज में हो गया और रिगमा की आदत में बहुत बदलाव आ गया।

अब वो अक्सर अपने कपड़े दरवाजा खोलकर बदलती तो कभी घर में केवल ब्रा पेंटी में घूमती तो कभी मिनी स्कर्ट में तो कभी पारदर्शी नाईटी में।फिर उसके पापा अक्सर उस पर नज़र डालते रहते थे और वो अपने बूब्स किसी ना किसी बहाने से उन्हें दिखाती रहती थी। वो उसका पूरा फ़ायदा उठाते और कभी मौका मिलने पर उसके बूब्स को अंजान बनकर दबा भी देते थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं। तभी एक दिन मैंने देखा कि अंकल रिगमा को कपड़े बदलते हुए देख रहे थे और उसने जानबूझ कर अपने सूट की चैन खुली छोड़ दी और जब वो बाहर आई तो अंकल ने उसकी चैन लगाई और धीरे से उसके बूब्स को भी सहलाया। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

अब रिगमा बहुत खुल चुकी थी और अपने बाप से मज़े लेने की सोच में लगी रहती थी। तभी एक दिन मैं अपने स्कूल से आया तो देखा कि अंकल रिगमा से किचन में पीछे से चिपके हुए थे और उसके गाल पर किस कर रहे थे। तभी मुझे देखकर उन्होंने रिगमा को छोड़ दिए। फिर एक दिन जब हम सो रहे थे तब रिगमा के पापा ने उसे बुलाया और कहा कि उन्हें सर में बहुत दर्द हो रहा है। तो रिगमा उनके सर में बाम लगा रही थी और मैं सोने चला गया। फिर मुझे पता नहीं क्या हुआ? मैं वापस अंकल के कमरे की और चला गया और एक होल से देखने लगा। फिर मैंने जो देखा उस मैं देखकर दंग रह गया..

रिगमा के पापा रिगमा के बूब्स पकड़े हुए थे और उसे किस कर रहे थे और कह रहे थे कि तुम्हारे बूब्स बचपन में बहुत छोटे थे और अब बहुत बड़े हो गए है और उसे अपने बेड पर लटा दिया और उसकी सलवार कमीज़ उतारने लगे। रिगमा उन्हें चूमने लगी और कहने लगी कि इतने दिन से दिखा कर रही हूँ.. लेकिन आपकी नज़र ही नहीं जाती यहाँ.. पर आज गई है। फिर उसके पापा ने उससे पूछा कि क्या तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो उसने कहा कि नहीं है.. तो अंकल ने कहा कि अच्छा यानी किसी से कभी कुछ नहीं किया। तो वो बोली कि हाँ कभी नहीं किया ये सुनते ही अंकल उसके ऊपर चड़ गए और उसकी ब्रा खोल दी और उनके ब्रा खोलते ही उसके बूब्स बाहर आ गए..

तभी उसके गोल बड़े बड़े बूब्स को अंकल देखते ही रह गए और कहने लगे कि वाह! क्या बूब्स है तुम्हारे.. लगता है आज मजा आ जाएगा और उसके बूब्स को अपने हाथों में ले कर दबाने लगे और किस करने लगे। फिर एक के बाद एक बूब्स को किस करते और उसके निप्पल को मुहं में लेकर चूसते जिससे रिगमा के मुहं से उहह अह्ह्ह की आवाज़ निकलती और रिगमा अपने होंठो को काटती।फिर अंकल ने रिगमा के एक बूब्स को अपनी उँगलियों के बीच में रखकर जोर से खींचा और फिर रिगमा शऊऊउ आअहह करती और अंकल मज़े लेते। तभी अंकल ने अपनी शर्ट पेंट उतार दी और रिगमा की पेंटी उतार दी.. लेकिन उसकी चूत पर बहुत बाल थे। अंकल अपनी जीभ उसकी चूत के बाल पर फेरने लगे और कहने लगे कि यह तो गीली हो गई है और उसकी चूत के पास मुहं ले जाकर चाटने लगे और वो पागलो की तरह तड़पने लगी और उसके पापा मज़े ले रहे थे।

फिर उन्होंने कहा कि चलो बाथरूम में चलते है और उसे उठाकर बाथरूम में ले गए और कोई 7 मिनट के बाद वापस आए। उसके बाद मैंने देखा तो उसकी चूत के बाल साफ हो गए थे और उसकी चूत चमक रही थी। तभी यह सब देखकर मैं दंग रह गया और मैंने देखा कि अंकल ने अभी तक अपना अंडरवियर नहीं उतारा है। फिर उन्होंने रिगमा से कहा कि चलो अब मेरा अंडरवियर उतारो।तो उसने उसे उतार दिया और उसकी आंखे फट गई.. क्योंकि उनका लंड 9 इंच का था और उसने आज से पहले कभी भी उनका लंड इतने करीब से नहीं देखा था। इतना मोटा और लंबा और वो कहने लगी कि बाप रे इतना बड़ा लंड मेरी माँ अपनी चूत में कैसे लेती थी? फिर वो बोले कि बेटा घबराओ नहीं पहले तुम्हारी माँ को भी दिक्कत हुई थी और बाद में वो भी बड़े आराम से अपनी चूत में डलवाकर बहुत मज़े लेती थी.. तुम्हे भी बड़ा मज़ा आएगा। फिर वो कहने लगी कि मेरी चूत बहुत छोटी है मैं नहीं ले सकती.. प्लीज़ मुझे छोड़ दीजिए। फिर वो बोले कि मैंने तुम्हे अभी कहा कि कुछ नहीं होगा तुम्हे.. तुम तो मेरा लंड मुहं में लो और इसे चूसो.. लेकिन उसने मना किया और उसके बाद ज़बरदस्ती अंकल ने उसे अपना लंड हाथ में दे दिया और हिलाने को कहा वो तैयार हो गई और अंकल के लंड को आगे पीछे करने लगी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर कुछ देर ऐसे ही करने के बाद अंकल उसे फिर उसके होंठो पर चूमने लगे और कहा कि मुहं में लो ना प्लीज़। फिर उनके बहुत कहने पर उसने अपने मुहं में उनका बड़ा लंड ले लिया और वो चूसने लगी और अंकल आहह्ह्ह आहहह और जोर से और अंदर लो.. कह कर अंकल मज़े में डूब गए। फिर थोड़ी देर बाद अंकल के लंड में से बहुत सारा पानी जैसा निकला और रिगमा के बूब्स पर गिर गया और वो उसको लेटाकर उसके ऊपर लेट गए और पूछने लगे कि मज़ा आया? लेकिन रिगमा के पसीने छूट गए थे.. फिर उसने कहा कि हाँ बहुत मज़ा आया। तो अंकल ने कहा कि आज यहीं पर सो जाओ हम बहुत मज़े करेंगे अभी तो पूरी रात बाकी है हमे बहुत मज़ा आएगा.. यह रात एसे ही कट जाएगी।

अंकल फिर उसके बूब्स चूसने लगे और रिगमा की चूत से पानी निकल गया। अंकल ने पूछा कि क्या मज़ा आया? तो उसने कहा कि बहुत मज़ा आया। उसके बाद अंकल ने कहा कि अब तुम्हे और मज़े दूँगा और उसके पैर फैला दिए और उसकी चूत चाटने लगे। फिर मैंने देखा कि उनका लंड फिर से बड़ा हो गया है और वो अचानक लेटे और रिगमा को किस करने लगे और अपने लंड को रिगमा की चूत पर रगड़ने लगे। रिगमा ओह ओहआह की आवाज़े निकाल रही थी कि अचानक उन्होंने उसकी चूत पर लंड रखा और एक धक्का दिया। रिगमा की बहुत जोर से चीख निकल गई। तभी मैंने देखा कि अंकल का आधा इंच रिगमा की चूत में घुस गया है और रिगमा कह रही थी निकालो प्लीज़ मैं मर जाऊंगी। फिर अंकल उसे किस करते रहे और उसका मुहं बंद कर दिया और एक जोर का धक्का मारा रिगमा तड़प उठी और अहह माँ मरी की आवाज़ करके रोने लगी।फिर मैंने देखा कि उसकी चूत से खून की धार निकल रही है और अंकल का लंड भी 2 इंच ही अंदर घुस सका और उसकी हालत बहुत खराब हो गई थी और अभी तो बाकी का 7 इंच घुसना बाकी था। तभी मैं तो डर ही गया था कि यह कैसे घुसेगा.. यह तो हो ही नहीं सकता। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

तभी अचानक मैंने देखा कि रिगमा बेहोश हो गई और अंकल उठकर पानी लाए और उन्होंने उसके चहरे पर पानी डाला और वो होश में आकर कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज इसे बाहर निकालो.. लेकिन अंकल ने उसकी एक भी नहीं सुनी और फिर उसके ऊपर चड़ गए और किस करने लगे और कहा कि कुछ नहीं होगा तुम्हे.. पहली बार तेरी माँ को भी बहुत दर्द हुआ था.. लेकिन तेरी चूत इतनी टाईट है कि तेरी माँ की भी नहीं थी.. पता नहीं साली रंडी किस किस से चुदवा कर आती थी। मुझे इतना मजा नहीं आता था उसकी चूत का जितना तेरी चूत में आ रहा है और अपना लंड उसकी चूत पर फिर से रखकर बिना हरकत किए एक ज़ोर का झटका मारा। अब अंकल का लंड उसकी चूत में 5 इंच जा चुका था और रिगमा जोर जोर से चीखने लगी जैसे कोई बिजली गिरी हो और कहने लगी कि आपके लंड ने मेरी चूत को फाड़ दिया है.. लेकिन अंकल कहाँ मानने वाले थे उन्होंने कहा कि यह तो अभी आधा ही घुसा है तुम्हे तो पूरा लेना है।

तभी उसकी आँखों से आंसू निकल आए और वो कहने लगी कि मैं मर जाऊंगी.. लेकिन पूरा नहीं ले पाउंगी। प्लीज़ आज पूरा मत डालना। फिर अंकल ने अपना लंड वहीं पर रखा और आगे पीछे करने लगे और वो दोनों चुदाई के मज़े लेने लगे.. फिर अचानक से अंकल ने अपना लंड पूरा निकाल लिया और फिर से एक जोर का झटका दिया जिससे उनका 7 इंच का लंड अंदर चला गया। फिर भी दो इंच जाना बाकी था और रिगमा फिर से बेहोश हो गई। तभी अंकल ने उसे बेहोशी की हालत में भी एक और ज़ोर का झटका दिया और पूरा 9 इंच का लंड उसकी चूत में डाल दिया.. यह देखकर मैं दंग रह गया और अंकल अपना लंड बिना बाहर निकाले उसके चहरे को चाटने लगे। उसे होश आया और अंकल ने कहा कि अब तुम्हे दर्द नहीं होगा। मेरा पूरा लंड तुम्हारी चूत के अंदर चला गया है।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

तभी वो चीख पड़ी और कहने लगी कि मेरी चूत में लग रहा है कि किसी ने लोहे का गरम गरम टुकड़ा डाल दिया है.. प्लीज इसे जल्दी से बाहर निकालो।फिर भी अंकल कहाँ सुनने वाले थे उन्होंने अपने आप को 5 मिनट ऐसे ही रखा और उसके बाद धीरे धीरे धक्के देने लगे। रिगमा हर एक धक्के से हिल जाती और चीखती ओह उई माँ उई माँ अब रिगमा जोर जोर से चीखी और कहनी लगी कि मैं झड़ने वाली हूँ। तभी उसके पापा ने अपनी स्पीड और भी तेज़ कर दी और वो दोनों एक दूसरे से कसकर चिपक गए और फिर अंकल और रिगमा एक साथ दोनों ही झड़ गए। तभी अंकल ने कहा कि आज तो मज़ा ही आ गया इतने दिनों बाद किसी को चोदना मिला है.. लेकिन रिगमा की तो हालत ही बहुत खराब हो गई थी। फिर उसके पापा उस पर से उठे तो उसकी चूत का सुराग साफ साफ दिख रह था और ऐसा लग रहा था कि जैसे कुछ ऊपर नीचे उसके अंदर हो रहो हो। फिर रिगमा ने अपनी चूत पर हाथ रखा और वो रोकर कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. शायद मेरी चूत फट गई है।

फिर अंकल ने अलमारी से दर्द कम होने की एक गोली उसे निकाल कर दी। फिर 15 मिनट बाद दोनों सोने लगे.. फिर मैं भी अपने कमरे की और चला गया.. लेकिन सोते समय मेरी आँखों में नींद कहाँ थी? फिर मैं वापस आकर कमरे की और देखने लगा.. अंकल फिर से अपना लंड रिगमा से चुसवा रहे थे और वो फिर से खड़ा हो गया। फिर अंकल ने कहा कि फिर एक बार हो जाए तो रिगमा ने कहा कि नहीं प्लीज अब नहीं हो पाएगा मुझे सू सू लगी है और रिगमा बेड से उतरने की कोशिश कर रही थी.. लेकिन उससे एक कदम भी चला नहीं जा रहा था। फिर अंकल ने उसे गोद में उठाया और सू सू कराने ले गए और वापस गोद में ले आए और रिगमा को बेड पर लेटा दिया और उसके बूब्स फिर से चूसने लगे।

फिर वो उसके ऊपर चड़ गए और फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और हिलाने लगे.. रिगमा को भी अब मजा आ रहा था। तभी अंकल उठे और पता नहीं उन्होंने किस चीज की एक गोली खाई और फिर उसे चोदने लगे। फिर इसी दौरान करीब आधे घंटे तक चोदने के बाद रिगमा दो बार झड़ चुकी थी.. लेकिन अंकल दवाई खाने के बाद झड़ने का नाम ही नहीं ले रहे थे। फिर 1 घंटे बाद अंकल बोले कि अब मैं तुम्हारी गांड मारूंगा.. लेकिन रिगमा बोली कि यह नहीं हो सकता.. यह आपका लंड गांड में डालकर मुझे मारना है क्या? मेरी चूत फाड़कर आपको मज़ा नहीं आया क्या? जो मेरी गांड भी फाड़ना चाहते हो? तभी अंकल ने बोला कि तुम्हे दोनों छेद का अनुभव होगा तो ज्यादा अच्छा होगा और यह कहते ही उन्होंने अपना लंड चूत से बाहर निकाला और उसे पलटने को कहा उसने पलटने से मना किया तो अंकल ने उसके गाल पर ज़ोर का थप्पड़ मारा और कहने लगे कि साली रंडी तेरी माँ की मैंने गांड भी कई बार मारी है और मैं तेरी भी आज ही मारूँगा.. तू समझती क्या है अपने आपको साली? आज मैं तुझे दुनिया की सबसे बड़ी छिनाल बना कर छोडूंगा और फिर उन्होंने उसे पीछे पलट दिया और वो जोर जोर से फूट फूटकर रोने लगी।

फिर अंकल ने उसकी एक भी ना सुनी और अपनी अलमारी से एक तेल निकाल कर लाए और थोड़ा अपने लंड और थोड़ा उसकी गांड के छेद में डाल दिया। तभी वो कहने लगी कि नहीं पापा.. प्लीज़ नहीं.. मेरी गांड तो छोड़ दो। मेरी चूत का तो भोसड़ा आपने बना दिया है.. अब मेरी गांड को मत फाड़ो.. लेकिन अंकल कहाँ सुनने वाले थे और उन्होंने अपना 9 इंच का लंड उसकी टाईट गांड पर रखा और एक ही झटके में 4 इंच लंड घुसा दिया। बेचारी रिगमा चीख पड़ी और एक और झटके के साथ अंकल ने 6 इंच लंड डाल दिया और रुक गए। रिगमा ने कहा कि मैं मर गई मेरी गांड फट गई। आपका लंड तो लोहे का गरम डंडा लग रहा है मैं आपकी बेटी हूँ.. कोई रंडी नहीं.. थोड़ा तरस तो खाओ। तभी अंकल ने कहा कि थोड़ा दर्द तो तेरी माँ को भी हुआ था.. लेकिन साली तेरी माँ पूरी छिनाल थी और उसकी गांड पहले से ही भोसड़ा थी। वो कॉलेज टाईम में ही ना जाने किस किस से चुदवा कर अपनी चूत और गांड को चोड़ा करवा चुकी थी और उसने शादी मुझसे कर ली और जब मैंने तेरी माँ की चूत और गांड को मारी तो उसे कुछ हुआ ही नहीं और ना ही उसकी गांड और चूत से खून निकला.. अच्छा हुआ वो मर गई और अपनी बेटी को मुझसे चुदने के लिए छोड़ गई।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर यह सब सुनकर ऐसा लग रहा था जैसे अंकल ने कभी कोई वर्जिन लड़की नहीं चोदी थी और आज उन्हें रिगमा मिल गई थी। आज वो अपनी सारी प्यास उससे बुझाना चाहते थे। फिर उनका मोटा लंड उसकी गांड में आगे पीछे हो रहा था फिर उन्होंने एक ज़ोर का झटका दिया और अपना पूरा का पूरा लंड रिगमा की गांड के अंदर डाल दिया और जोर जोर से झटके पे झटके देते रहे.. लेकिन अंकल में ना जाने इतनी ताकत कहाँ से आ गई थी? रिगमा की हालत खराब हो गई थी और अंकल झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे। करीब आधे घंटे के बाद अंकल ने उसकी गांड में से अपने लंड को बाहर निकाला और उसकी गांड के ऊपर ही झड़ गए उनके लंड ने ढेर सारा क्रीम निकाला और वो थक कर ढेर हो गए और कहने लगे तू सचमुच जन्नत है.. मुझे आज तक ऐसी चूत और गांड नहीं मिली। आज से मैं तुझे रोज चोदूंगा और हर रात तुझसे मैं अपनी प्यास बुझाऊँगा। थेंक्स रोणी.. ऐसी बेटी देने के लिए। फिर अंकल ने रिगमा से कहा कि आज से तू हर रोज मेरे कमरे में सोएगी और मैं रोज तुझे चोदूंगा और अंकल सो गए और रिगमा अभी भी रो रही थी। फिर अंकल ने उसे एक और गोली दी और एक ग्लास पानी दिया और फिर दोनों ही सो गए और मैं भी सोने अपने कमरे में चला गया ।

अपनी बीवी को दोस्तों से जमकर चुदवाया Apni biwi ko doston se jamkar chudwaya

अपनी बीवी को दोस्तों से जमकर चुदवाया Apni biwi ko doston se jamkar chudwaya, मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी , Hindi Sex Story , Porn Stories , Chudai ki kahani.

मेरा नाम रुधन है और मेरी उम्र 28 साल की है और मेरी वाईफ का नाम कामिनी है। उसकी उम्र 25 साल की है और बहुत ही सेक्सी है.. मोटी गांड मोटे बूब्स एकदम गोरी चिट्टी.. उसका फिगर 36-30-38 है। दोस्तों हमारी लव मेरिज हुई है लेकिन मैं उसे शादी के पहले भी कई बार चोद चूका है और मेरी हमेशा से ही एक इच्छा रही थी कि जब मेरी शादी हो तो कोई मेरी वाईफ को नंगी करके मेरे सामने ही उसकी चूत फाड़ दे.. उसे कुतिया की तरह चोदे और चोद चोदकर उसकी चूत को भोसड़ा बना दे.. भेन की लोड़ी रांड वो बहुत मादरचोद है। मैं अपनी वाईफ की बहुत चुदाई कर चुका हूँ हर तरीके से लेकिन अब मुझे अपने मन की इच्छा पूरी करनी थी तो एक दिन मैंने प्लान बनाया कि मैं अपने कुछ फ्रेंड्स को घर में बुलाकर अपनी वाईफ की चुदाई करवा दूँ।

वैसे मैं जानता था कि मेरी वाईफ भी मेरा पूरा साथ देगी अपनी चुदाई करवाने में लेकिन उसको बिना बताए सब कुछ करना चाहता था। तो शुरू में मैंने उसे बहुत सारी ब्लू फिल्म दिखाई जिनमे पति के सामने ही उनकी वाईफ दो तीन लंड लेकर चुदवाती है और बहुत सारी मैंने वाईफ की दोस्तों के साथ चुदाई की कहानियाँ उसे पड़ाई तो जब भी मैं उसके साथ सेक्स करता तो वो और भी चुदने में कामुक रहती थी। फिर एक बार रात को मैं उसकी चुदाई कर रहा था तो मैंने ब्लू फिल्म लगा रखी थी जिसमे पति अपना लंड पकड़ कर मूठ मार रह था और सामने उसकी वाईफ को उसके तीन दोस्त चोद रहे थे।तभी मेरी वाईफ ने मुझसे पूछा कि डार्लिंग ये जो आप मुझे कहानियाँ पढ़ाते हो वाईफ की चुदाई और ये कुछ फिल्म जो है जिसमे पति के सामने ही उसकी बीवी चुद रही है क्या ये सब असली में होता है?  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने जवाब दिया कि हाँ डार्लिंग ये तो सब नॉर्मल होता ही है हर कपल अपनी वाईफ शेयर करते है इन सब के लिए तो अब क्लब भी बन चुके है जहाँ पर ये सब होता है। फिर मैंने उससे पूछा डार्लिंग क्या बात है तुम्हे भी ज़रूरत है क्या किसी और लंड से चुदने की? उसने कोई जवाब नहीं दिया सिर्फ़ एक स्माईल देकर चुप हो गयी और सीधा नीचे मुहं करके मेरा लंड चूसने लग गयी और बहुत तेज़ी से करीब दो मिनट के बाद ही मेरा सारा वीर्य उसके मुहं में झड़ गया और वो सारा माल पी गयी।फिर मैंने उससे बोला कि डार्लिंग अगर एक बार तुम्हारी चुदाई भी ऐसे ही तीन मोटे मोटे लंड से हो जाये तो मज़ा आ जाएगा और सोचो एक मोटा सा लंड तुम्हारे मुहं में और दूसरा लंड तुम्हारी चूत में और तीसरा लंड तुम्हारी गांड में हो और तीनो मिलकर तुम्हे बुरी तरह से चोदे तो कितना मज़ा आएगा और मैं वहाँ पर खड़ा होकर तुम्हारे नाम की मूठ मारू। तभी उसी टाईम मेरी नंगी वाईफ मुझसे बोली कि ओह डार्लिंग आओ मुझे चोदो जोर से वो इतनी गरम हो चुकी थी की उसकी चूत पानी छोड़ रही थी मैंने सीधा एक ही झटके में अपना 8 इंच लंबा लंड उसकी चूत में उतार दिया और उसे चोदने लगा और मैंने चोद चोद कर उसकी चूत की खुजली मिटा दी।

उस दिन मैंने पूरी रात उसकी चुदाई की फिर करीब एक सप्ताह के बाद रविवार का दिन था और मैं सोकर उठा ही था तभी मैंने देखा कि कामिनी मेरे लिए चाय लेकर बेडरूम में आई तो उसने उस दिन लाल कलर की मेक्सी पहन रखी थी जो साईंज में बहुत छोटी थी और वो उसकी मोटी गांड भी अच्छे से नहीं ढक रही थी और उसका गला इतना खुला था कि उसके अंदर जकड़े हुए बूब्स बाहर आने के लिए तड़प रहे थे वो जैसे ही मुझे चाय देने के लिए झुकी तो मैंने उसकी मोटी गांड पर हाथ रखकर उसे अपनी तरफ खींच लिया और उसकी गांड मसलने लगा और दूसरे हाथ से बूब्स दबाने लगा फिर वो भी गरम हो गयी और मैंने अपना लंड निकाल कर उसके हाथों में दे दिया और फिर वो उसे चूसने लग गई।तभी थोड़ी देर बाद ही हमारी डोर बेल बजी तो मैंने उसे बोला कि जाकर देखो तो कौन आया है? वो वैसे ही आधी नंगी हालत में चल पड़ी जब मैंने उसे देखा तो उसकी गांड पूरी नजर आ रही थी।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैं बेड से उठा और जाकर देखा तो मेरा एक फ्रेंड दरवाजे पर खड़ा था और वो मेरी वाईफ को ऊपर से नीचे तक घूर घूर कर देखने लगा उसकी नज़र उसके गोरे मोटे मोटे बूब्स पर अटक गयी और मेरी वाईफ भी उसे जानती थी इसलिए उसने उसे अंदर आने के लिए बोला लेकिन वो तो किसी सपने में खोया था जब उसे होश आया तो वो मेरी वाईफ के पीछे पीछे अंदर आ गया। तभी उसकी नज़र मेरी वाईफ की मोटी सी गांड पर ही थी फिर उसने अपना लंड पकड़ा और मसलने लगा में ये सारा नज़ारा देख रहा था मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था।फिर मैं अपने दोस्त के पास जाकर बैठा और हम बातें करने लगे थोड़ी देर बाद मेरी वाईफ चाय लेकर आई और उसके सामने झुककर उसे चाय दी तब मैंने देखा कि कामिनी के बूब्स पूरे नज़र आ रहे थे और वो उसे स्माईल दे रही थी। 
फिर कामिनी भी हमारे सामने सोफे पर बैठ गयी और तभी मैंने देखा कि कामिनी की काली पेंटी भी नज़र आ रही थी तब मैंने सोच लिया कि अब वो टाईम आ चुका है जिसका मुझे कई दिनों से इंतजार था। तभी थोड़ी देर बाद इधर उधर की बातें करके मेरा फ्रेंड चला गया। अब मैंने कामिनी के लिए तीन चार सेक्सी नाईटी खरीदी। फिर रात को जब मैं घर आया तो कामिनी को मैंने वो नाईटी दी जब वो गुलाबी कलर की नाईटी पहन कर बाहर आई तो मेरे होश ही उड़ गये वो इतनी सेक्सी लग रही थी वो पल में ही जानता हूँ उसका गोरा सा बदन जो पहले से ही आधा नंगा था उसका गला बहुत ही खुला था जिसमे उसके गोरे गोरे बूब्स बाहर ही नज़र आ रहे थे।

कामिनी का बदन उसमे बिल्कुल चिपक गया था उसकी गांड बिल्कुल उसमे साफ साफ दिखाई दे रही थी वो थोड़ा सा भी झुकती तो उसकी पेंट नज़र आ रही थी वो मेरे पास आई और बोली डार्लिंग ये नाईटी तो मैं सिर्फ़ तुम्हारे सामने ही पहन सकती हूँ.. तो आपको क्या ज़रूरत थी इतना पैसा खर्च करने की? मैंने बोला डार्लिंग मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और मैं चाहता हूँ की तुम जितनी सुंदर हो उतना तुम्हे दिखना भी चाहिए और क्या फायदा ऐसी जवानी का जो कपड़ो के पीछे छुपी रहे तुम ये किसी के भी सामने पहनो मुझे कोई ऐतराज नहीं है लेकिन किसी के सामने उतारना मत वरना वो तुम्हे वहीं पर पकड़ कर चोद देगा। फिर हम दोनों ही जोर जोर से हंसने लगे।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर कामिनी बोली कि ओह डार्लिंग तुम कितने अच्छे हो फिर मैंने उसे बेड पर पटक कर उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसे चोदने लगा फिर चुदाई खत्म होने के बाद हम दोनों सो गये।फिर अगले दिन मैं मार्केट में घूम रहा था तो मेरे कुछ पुराने फ्रेंड्स मुझे मिल गये वो तीनो फ्रेंड्स मुझे नॉर्मली जानते थे क्योंकि वो थोड़े गुंडे टाईप के आदमी थे। तो मेरा उनसे सिर्फ़ हाय हैल्लो ही था जब मैं उनसे मिला तो हम एक केफे में बैठकर बाते करने लगे। तभी उन्होंने ने बताया कि वो किसी की तलाश में आए थे जो उनके बेंक से लोन लेकर फरार है उन्हे सिर्फ़ दो दिन रुकना था दिल्ली में लेकिन अर्जेंट टाईम पर कोई होटेल उन्हे नहीं मिल पाया। फिर मैंने उन्हें बोला कि यार मेरे होते हुए तुम्हे कोई प्राब्लम नहीं होगी.. तुम मेरे घर में रूक जाना। वो बोले थेंक्स यार! फिर मैंने अपनी वाईफ को फोन करके सारी बात बताई और बोला कि रात के टाईम तुम खाना बनाकर रखना क्योंकि वो सभी फ्रेंड मजे मस्ती करने आ रहे है आज हम सभी नाईट पार्टी करेंगे फिर मैंने बोला कि कामिनी तुम ऐसा करना जब हम घर पहुंचे तो तुम अपनी वो काली वाली नाईटी ज़रूर पहनना ठीक है।

वो बोली डार्लिंग तुम्हारा दिमाग़ तो ठीक है मैं तुम्हारे फ्रेंड्स के सामने ऐसे कैसे आ सकती हूँ? तभी मैंने बोला कि डार्लिंग मेरे फ्रेंड्स पहली बार घर पर आएँगे तो उन्हे भी तो पता होना चाहिए की मेरी वाईफ कितनी सेक्सी है वैसे भी मैं हूँ ना तुम्हारी चूत थोड़ी ना मारी जाएगी.. वो दोबारा हंसने लगी और बोली कि तुम बहुत बदमाश हो। दोस्तों मैं जानता था कि एक बार अगर मेरे इन दोस्तों ने कामिनी को उस हालत में देख लिया तो मेरे रोकने पर भी वो नहीं मानेंगे बल्कि मेरी वाईफ का बलात्कार ही कर डालेंगे। रात को हम सारे फ्रेंड्स ने मिलकर तीन चार बोटेल्स वाईन के लिए और कुछ स्नॅक्स लिए और चल दिए।
फिर जब हम घर पहुँचे तो मैंने डोर बेल बजाई तो कामिनी ने दरवाजा खोला तो हम उसे देखते ही रह गये क्योंकि वो पूरी रंडी लग रही थी और उसने गहरी लिपस्टिक और माँग में सिंदूर और बहुत अच्छा मेकअप किया हुआ था जैसे लड़की सुहागरात में करती है फ़र्क सिर्फ़ इतना था कि उस टाईम लड़की साड़ी में होती है और मेरी वाईफ एक छोटी नाइटी में थी वो भी काले कलर की नाईटी में उसका गोरा बदन बिल्कुल चमक रहा था। मैं उसे देख कर ही समझ गया था कि आज इसे चुदना है और वो भी जानती थी इसलिए तो उसने इतना मेकअप किया था। फिर हम अंदर गये जब मैंने अपने दोस्तों की तरफ देखा तो उनकी नज़र मेरी वाईफ की गांड पर ही थी और मैंने देखा कि कामिनी भी कुछ ज्यादा ही अपनी गांड मटकाते हुए चल रही थी। कुछ भी हो आज वो कयामत ढा रही थी।
अब हम सारे बैठ गये और कामिनी भी मेरे साथ सोफे पर बैठ गई और दो दोस्त लक्की और लाला सामने बैठ गया तीसरा मेरी वाईफ के पास वाली सीट पर फिर मैंने उनका परिचय करवाया और बातें शुरू हो गयीं मैंने कामिनी को बोला कि जाओ तुम कुछ गिलास लेकर आओ और खाने के लिए भी जब वो उठी तो थोड़ा झुककर उठी और उसके बूब्स बहुत बड़े बड़े दिख रहे थे और पीछे से उसकी मोटी गांड नज़र आने लगी मैंने देखा कि कामिनी ने पेंटी भी नहीं पहनी हुई थी पीछे से उसकी पूरी चूत नज़र आ रही थी। मैं ये सब देख कर चकित हो गया और ये नज़ारा मेरे तीसरे दोस्त ने भी देख लिया और सीधा ही अपना लंड पकड़ कर दबाने लगा। फिर जैसे ही वो गयी उसके पीछे पीछे मैं किचन में गया और कामिनी से पूछा कि तुमने पेंटी और ब्रा भी नहीं पहनी हुई है.. तो उसने बोला कि डार्लिंग मुझे लगा कि तुम्हे अच्छा लगेगा इसलिए.. वैसे भी वो लोग मेरी चुदाई थोड़ी ना करेंगे। तुम हो तो सही अगर तुम चाहते हो तो मैं पहन लेती हूँ। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर मैंने कहा कि कोई बात नहीं अब रहने दो जब मैं वापस आया तो वो कुछ बातें कर रहे थे। मैं पर्दे के पीछे खड़ा होकर उनकी बातें सुनने लगा और वो कह रहे थे कि यार इसकी वाईफ तो देख क्या जुगाड़ है यार.. कुछ तो करो आज की रात कैसे भी करके इस रांड़ को अपने लंड पर बैठाना है भेन की लोड़ी लगती है हमारे लिए ही तैयार होकर बैठी है। तीसरा दोस्त बोला कि सही बोल रहा है उसने पेंटी भी नहीं पहनी दूसरा बोला सच में हाँ यार.. लक्की बोला यार ऐसा है तो यहीं पर उसके पति को भी पार्टी में शामिल करते है पीने खाने के लिए और इसके पति को ज्यादा पिलाकर फुल कर देंगे सला देखता रहेगा अपनी बीवी की चुदाई और कुछ बोला तो वहीं साले की पिटाई कर देंगे। सब बोलते हैं ठीक है यार ये बड़िया प्लान है। फिर मैं उनके बीच में गया और बोला कि क्या बातें हो रही है तो लाला बोला कि यार बस कुछ नहीं तेरी तारीफ हो रही थी।
मैं : मेरी क्या तारीफ कर रहे हो ज़रा मुझे भी तो बताओ?

लक्की : बस यार तुमसे जलन हो रही थी कि तेरी वाईफ जितनी सेक्सी लड़की तेरे पास क्यों है? काश हमारी वाईफ भी वैसी होती। तभी कामिनी सारा समान लेकर आती है और झुक कर टेबल पर रखती है जिससे उसके बूब्स नज़र आने लगते है और थोड़ा आगे होकर गिलास रखती है तो पीछे से उसकी चूत नज़र आती है वो तीनों उसकी चूत देखने लगते है कामिनी भी ये नोटीस कर लेती है और जानबूझ कर मेरे सामने आती है और थोड़ी देर तक झुकी रहती है फिर सीधी खड़ी होकर बोलती है अरे भाई साहब आप कुछ लीजिए ना।
लक्की : भाभी आप चिंता मत करो आज हम सब कुछ लेकर ही जाएँगे।
कामिनी : भाई साहब हम आपको ऐसे जाने भी नहीं देंगे। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

लाला सबके पेग बनाना चालू करता है वो पाँच ग्लास में दारू डालता है तो मैं बोलता हूँ कि ये ग्लास किसलिए तो वो बोलता है भाभी के लिए मैं बोलता हूँ कि वो नहीं पीती.. इतने में कामिनी बोल पड़ती है डार्लिंग आपके सभी दोस्त पहली बार घर आए हैं तो इनका दिल मत तोड़ो डार्लिंग.. मैं आज थोड़ा पी लूंगी। मैं मन में सोचा हूँ कि रंडी आज पूरे मूड में है और फिर शुरू होता है दारू का दौर।

लाला सबके पेग बनता है और मेरा पेग थोड़ा हेवी बनता है जो मैं देख लेता हूँ लेकिन मैं तो खुद चाहता था कि साले आज इसे कुतिया की तरह चोदे। फिर लाला और लक्की हमारे सामने बैठे होते है और तीसरा दोस्त मेरी वाईफ के साथ वाली सीट पर बैठता है अब सारे अपने पेग उठाते है और चियर्स के साथ पी लेते है अब सबने तीन तीन पेग लगा चुके होते है और सबको नशा चड़ रहा होता है मैं तीनो को देखता हूँ तो तीनो इशारो में कुछ बातें कर रहे होते है। फिर मैं बोलता हूँ कि कामिनी तुम्हारे देवर बड़ी तारीफ कर रहे थे तुम्हारे बारे में।
कामिनी नशे में बोली : क्या बोल रहे हो जानू मेरे बारे में?

मैं : तुम्हारे सेक्सी बदन के बारे में क्या कहूँ अब तुम खुद ही पूछ लो अपने देवरों से।
कामिनी : भाई साहब बताए ना क्या बोला अपने?
दुर्गेश : भाभी जी बस इतना ही कि आप जैसा माल मेरे पास होता तो मैं जी भरकर उसे रगड़ता।
लक्की : भाभी आप मेरी वाईफ होती तो पूरे दिन आपको घर में ही नंगी रखता और अपने दोस्तों के लंड पर बैठता ताकि आपकी चुदाई का पूरा मज़ा मिल सके।
लाला : भाभी आपकी जैसी वाईफ तो किस्मत वालों को ही मिलती है और आप इस लोडू को कहाँ मिल गयी। 
फिर सारे हंसने लगे। अब सारे फुल नशे में होते गये। तभी दुर्गेश खड़ा होकर एक गिलास में वाईन डालकर मेरी वाईफ के पास आता है और सीधा उसके होंठो से लगाकर पिलाने लगता है फिर थोड़ी सी वाईन उसकी नाईटी पर से होती हुई उसके बूब्स तक जा पहुँचीं तो दुर्गेश सॉरी बोलकर मेरी वाईफ के बूब्स के ऊपर से ही वाईन चाटने लगता है हम सब मिलकर ये नज़ारा देखते है। तभी लक्की बोलता है कि यार गर्मी बड़ी लग रही है ज़रा कपड़े उतारने पड़ेंगे।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर सब अपने अपने कपड़े उतारते है और सारे अंडरवियर में आ जाते है मैं और कामिनी दोनों ही खड़े खड़े देखते हैं कि उन तीनो के मोटे मोटे लंड ऊपर से ही नज़र आने लगते है।लाला : भाभी जी आप भी कपड़े उतार दीजिए ना देखिए कितनी गर्मी हो रही है फिर मैं बोलता हूँ कि हाँ डार्लिंग तुम अपनी नाईटी उतार ही दो वैसे भी गीली हो चुकी है। तभी मेरी वाईफ सीधा मुझसे बोलती हैं कि डार्लिंग तुम्ही उतार दो प्लीज़ मैं जैसे ही खड़ा होता हूँ तो लक्की मुझे वापस धक्का देकर वापस बैठाता है और खुद उतारना शुरू करता हैं जैसे ही मेरी वाईफ नंगी होती है तो सारे ही अपने लंड अंडरवियर के ऊपर से पकड़ लेते है और अपने लंड को मसलने लगते है। मेरी वाईफ अपनी नशीली आँखों से उनके मोटे लंडो को निहारती है। ये सब देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया और मैं भी पूरा नंगा हो गया। अब सभी लोग अपने अंडरवियर उतारकर पूरे नंगे हो जाते हैं।

फिर मैं उन तीनो के लंड देखकर हैरान हो गया। उन तीनो के लंड 8 या 9 इंच से कम नहीं थे। सबसे मोटा लंड दुर्गेश का था। आगे से पूरा लाल टोपा और बहुत ही मोटा लंबा लंड। फिर लक्की ने मेरी वाईफ का हाथ पकड़कर सीधा अपनी और खींचा और मेरी वाईफ की मोटी गांड सीधी उसके लंड के ऊपर बैठ जाती है और लक्की मेरी वाईफ के लाल लाल होंठों को चूसने लगता है। मेरी वाईफ भी पूरा साथ देती है और वो उसके मोटे मोटे बूब्स को पकड़कर दबाता है। फिर दुर्गेश ने बोला है कि साले सारा मज़ा खुद ही लेगा या हमे भी मौका देगा। फिर मैंने बोला कि.. भाई मौका तो सबको मिलेगा।  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
आज आप सबको मेरी बीवी की चूत फाड़नी है।तभी वो तीनो ही मेरी शक्ल देखते हैं और मैं मज़े से दारू के पेग बनाकर पीता रहता हूँ। फिर तीनो मिलकर मेरी वाईफ को उठाकर बेड पर पटक देते हैं और बोलते है ये ले रांड़ हमारे आंड चूस। मेरी वाईफ सबसे पहले दुर्गेश का लंड अपने हाथों से पकड़कर उसकी मूठ मारती है और फिर अपने होठों में दबाती हैं उम्मम.. फिर लोलीपॉप की तरह चूसने लगती है। लक्की मेरी वाईफ की चूत पर ही वाईन डालता हैं और चाटने लगता हैं। तभी मेरी वाईफ की सिसकियाँ निकल जाती है और वो दुर्गेश का लंड और जोर से चूसने लगती है। दुर्गेश उसका चूसना सहन नहीं कर पाता और सारा वीर्य उसके मुहं में ही झाड़ देता हैं और मेरी वाईफ का पूरा मुहं उसके वीर्य से भर जाता है और वो उसे पी जाती है।फिर लाला अपना लंड उसके मुहं में देकर चुसवाता हैं और दस मिनट बाद वो भी सारा वीर्य उसके मुहं में झाड़ देता हैं।
इतनी देर में मेरी वाईफ भी दो बार झड़ चुकी होती है और लक्की उसकी चूत पूरी चाट चाट कर साफ कर देता हैं.. फिर लक्की सीधा होकर बेड पर लेट जाता हैं और मेरी वाईफ उसके ऊपर बैठकर उसके लंड पर धीरे धीरे बैठ जाती और अपनी चूत में उसका लंड उतार लेती हैं और इतने देर में उन दोनों का दोबारा लंड खड़ा हो जाता है और दुर्गेश पीछे से आकर अपना मोटा लंड उसकी गांड के छेद पर सेट करता हैं और एक ज़ोर का झटका मारकर अपना टोपा उसकी गांड में फंसा देता है। मेरी वाईफ इतनी ज़ोर से चिल्लाती है.. आहह मार गयी माँ जैसे कि साली अभी बेहोश हो जाएगी.. लेकिन मेरी बीवी की आँखों में तो सेक्स का नशा सवार हो चुका था। फिर थोड़ी देर बाद ही वो बोलती हैं ओह आओ ना चोदो मुझे जोर से और जोर से पूरे जोश के साथ और वो दोनों ही ज़ोर ज़ोर से उसकी चूत और गांड में झटके मारते है और लाला उसके मुहं में लंड डालता है और वो मज़े से चूस रही होती है। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
मैं ये सब सोफे पर बैठकर देखकर अपना लंड पकड़ कर मुठ मार रहा था और फिर कुछ देर बाद वो तीनों ही एक साथ झड़ गये और उसकी चूत गांड और मुहं को अपने पानी से भर दिया। मेरी वाईफ भी संतुष्ट लग रही थी और ये नंगा नाच पूरी रात चलता रहा.. कभी कोई उसको घोड़ी बनाकर उसकी गांड मारता तो कोई उसके मुहं में झड़ता और मैं पूरी रात में चार बार मूठ मारकर सो गया।फिर जब सुबह उठा तो देखा कि डबल बेड पर मेरी वाईफ नंगी पड़ी हुई थी उन तीनो के साथ। फिर सब उठे और जाते जाते दोबारा मेरी वाईफ को चोदकर चले गये। फिर रात के टाईम जब मैं घर वापस आया तो मैंने अपनी बीवी की बहुत चुदाई की.. लेकिन उसने मुझसे साफ बोल दिया कि क्या डार्लिंग तुम मुझसे नाराज़ तो नहीं हो? तभी मैंने कहा कि नहीं डार्लिंग बल्कि मुझे तो बहुत मज़ा आया। तुम्हारी चुदाई देखकर फिर मैंने उसे उसी टाईम पकड़कर पूरा नंगा किया और चोदने लगा और अपनी रात भर की प्यास दूसरी रात को उसे अच्छे से चोदकर बुझा ली। फिर मैं उसकी चूत में झड़ कर और थक कर उसके ऊपर ही सो गया और मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे कब नींद आ गई।

मैं आज भी कुँवारी चूत की तलास में रहता हूँ Main aaj bhi kuwari chut ki talas me rahta hun

मैं आज भी कुँवारी चूत की तलास में रहता हूँ, Main aaj bhi kuwari chut ki talas me rahta hun, hindi sex stories, झांठो वाली औरत को चोद दिया, चोदकर जवान बना दिया, चूची दबाई और गांड में ऊँगली डाली और लंड डालकर गांड मारी.

मेरी उम्र 34 साल है, मैं घर का अकेला पुरुष हूँ। मेरी शादी हो गई है और भगवान ने मुझे तीन सालियाँ दी हैं।
मेरी तीनों सालियों की उम्र क्रमशः 22, 21, 19 वर्ष है। दूसरे नम्बर वाली गजब का माल है, पर वो मेरे हाथ नहीं आई इसलिए मैंने पहले नम्बर वाली सोनू को लाइन मारना शुरू किया, वो भी एकदम अनछुई कली थी। मेरी पत्नी की डेलिवरी के लिए मैं उसे गाँव से अपने घर मुंबई ले आया। मैंने सोचा कि यहाँ बीवी की मदद भी हो जाएगी और शायद मेरा काम भी बन जाए। तीन महीने में हम सब सामान्यत: रहने लगे। धीरे-धीरे मैंने उस सोनू पर हाथ लगाना शुरू कर दिया, वो भी कुछ नहीं बोलती थी, मज़ाक-मज़ाक में मैं उसके मम्मों को दबा देता, तो वो भाग कर चली जाती।

घर पर हमेशा कोई ना कोई रहता था, इसलिए भरपूर मौका नहीं मिल पा रहा था। इस तरह से चार महीने बीत गए। दिन ब दिन वो खूबसूरत और मादक होती जा रही थी। मेरा हाल बुरा था.. पता नहीं कितनी बार उसके नाम की मूठ मार चुका था। आखिरकार फिर वो दिन आ ही गया, जिसका मुझे इंतजार था। मेरी पत्नी को मैंने डिलीवरी के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया। मुझे मालूम था कि अस्पताल से 2-3 दिन बाद ही मेरी बीवी घर आएगी, चौका मारना है तो यही मौका है। उस रात घर में पिताजी, मैं और साली ही थे। माँ को मैंने अस्पताल में बीवी के पास रहने को कहा। पिताजी को काम पर जाना था, इसलिए हाल का टीवी बंद कर दिया।

मैंने जानबूझ कर मेरे कमरे का टीवी चालू रख दिया। मेरी साली सोनू थोड़ी देर बाद मेरे कमरे में ही आ गई।
मैं बहुत खुश हो गया, मैंने लाइट बंद कर दी और दोनों बिस्तर पर बैठ कर टीवी देखने लगे। फिर सोनू लेट कर टीवी देखने लगी। कुछ देर बाद वो सो गई या नाटक कर रही थी मुझे पता नहीं.. मेरे पास ये पता करने का एक रास्ता था, मैं भी उसके बगल में लेट गया, उसकी पीठ मेरी तरफ़ थी, मैं धीरे-धीरे उससे चिपक गया। मैंने अपना हाथ उसके मम्मों पर रख दिया, फिर एक पैर उसके चूतड़ों पर रख दिया, मेरा लण्ड उसकी गाण्ड की दरार में चिपक गया। धीरे-धीरे मैं उसके मम्मों को दबाने लगा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

फिर अपना हाथ उसके कुरते के अन्दर डाल दिया और उसके मदमस्त कबूतर दबाने लगा। उसकी तरफ़ से कोई विरोध या प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी। मैंने अपना काम और ज़ोर से शुरू कर दिया, उसके दोनों मम्मों की मालिश शुरू कर दी, मुझे पता था कि अगर यह एक बार गर्म हो जाए, तो इसको पेलने में आसानी होगी। मैंने उसे अब सीधा कर दिया और उसके ऊपर आकर उसके मम्मों को चूसने लगा, बहुत सारी जगह चुम्बन किए। मुझे पता था कि अब वो जाग चुकी है और मजा ले रही है।

मैंने सोचा चलो ‘ट्वेंटी-ट्वेंटी’ खेल लेते हैं, मैंने उसका नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत सहलाने लगा। उसकी योनि पर मुलायम बाल थे, पर फिर भी योनि एकदम चिकनी थी। मेरा जिस्म अब कांपने लगा था, मैंने अपना काम और ज़ोर से चालू कर दिया। अब अकेले मैं ये काम करना नहीं चाहता था, मैंने उसकी चूत के छेद में ऊँगली डालने की कोशिश की, उसमें मुझे गीलापन मिला। मैं समझ गया कि अब रास्ता साफ़ है। यह साली सोनू जाग रही है और मज़ा ले रही है। मैं अपना लण्ड उसकी चूत पर रख कर रगड़ने लगा। उसकी साँसें और तेज हो गई थीं। मैं खुश था कि आज फिर कुँवारी चूत मिलेगी। मेरे लण्ड से भी पानी आ रहा था। बस अब उसकी चूत चोदना बाकी रह गया था। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

अचानक वो बोली- ये क्या कर रहे हो… ऐसा मत करो…

वो ज़ोर-ज़ोर से बोलने लगी। मैंने जबरन उसे चोदना चाहा, पर वो ज़रा भी घुसाने नहीं दे रही थी। थोड़ी देर की कुश्ती के बाद मुझे उसे छोड़ना पड़ा। वो बहुत नाराज़ लग रही थी। शायद पहली बार किसी ने उसे इतना रगड़ा था और वो डर भी गई थी। पिताजी भी दूसरे कमरे में आ चुके थे इसलिए मैं उससे ज्यादा बहस नहीं कर सकता था।

वो नाराज़ हो कर लेट गई। मैं भी अब डर गया कि अब क्या होगा? रात भर मैं और शायद वो भी सो नहीं पाई। अगली सुबह क्या होगा पता नहीं, मेरी तो फट रही थी। मैं उसे चोद देता तो शायद वो किसी से नहीं बताती, पर अब सब फेल हो गया था। मैंने डर के मारे आज मूठ भी नहीं मारी और सुबह के बारे में सोचने लगा। सुबह मैंने उसे फिर पकड़ लिया और उसके मम्मों को दबाना शुरू किया, इस बार भी वो कुछ नहीं बोली। ऊपर-ऊपर से मैंने उसे बहुत गर्म किया, पर चूत में डलाने पर इस बार भी फिर वही गुस्सा। मैंने उसे बहुत मनाया, पर वो नहीं मानी और कहा कि वो ये सब दीदी को बता देगी। मेरी फिर फट गई, मैं समझ नहीं पाया कि वो चाहती क्या है? लेकिन उसने किसी से कुछ नहीं कहा।

करीब 15 दिन बाद मुझे फिर मौका मिला। अबकी बार मैंने सोच लिया था कि साली को आज नहीं छोडूंगा और मैंने उसे अकेले में मौका पाकर पकड़ लिया। उसने फिर मुझसे कुछ नहीं कहा, आज घर में कोई नहीं था। मैंने उसको कहा चल तू देती तो है नहीं… आज मेरे साथ पार्टी कर ले।

वो बोली- कैसी पार्टी?
मैंने उससे कहा- आज हम लोग कहीं बाहर चलते हैं और बाहर ही खाना खायेंगे।

वो राजी हो गई। मैं उसे लेकर एक होटल में गया और उससे पूछा- बीयर तो चल जाएगी। उसने ‘हाँ’ में सिर हिला दिया मैंने वेटर को तेज वाली बीयर लाने को कहा। कुछ देर बाद उसको नशा सा चढ़ने लगा। 

वो बोली- जीजू.. मुझे सहारा दो मुझे चक्कर से आ रहे हैं।

मैंने वेटर को बुलाया और एक कमरा देने के लिए कहा। उसने मुझे तुरन्त एक कमरा दे दिया। मैंने उसे कमरे में ले जाकर बिस्तर पर लिटा दिया और अपने पूरे कपड़े उतार दिए। फिर मैंने उसकी तरफ देखा, वो मुस्कुरा रही थी। मैंने उसकी आँखों की भाषा को समझ लिया और उसको सहारा देकर उठाया और अपने सीने से लगा लिया। वो मुझसे चिपक गई मैं उसकी इस हरकत से चकरघिन्नी था। मैंने सिर को झटकाया और सोचा… माँ चुदाए.. मुझे क्या पर आज साली की चूत तो फाड़ कर रहूँगा। मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए। हाय क्या कबूतर थे। साली को पूरी नंगी देख कर मेरा लवड़ा नब्बे डिग्री पर खड़ा हो गया था मैंने उसके मम्मों को अपनी मुठ्ठियों में भरा। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

वो कराही- क्या उखाड़ डालना है इनको? मैंने आज देर करना उचित नहीं समझा और उसको बिस्तर पर धक्का दिया और उसके ऊपर चढ़ गया। लौड़े को चूत के मुहाने पर सैट किया और अपना मुँह उसके मुँह पर रखा। सब कुछ सैट होने के बाद मैंने उसकी चूत में लवड़ा सरका दिया। वो कुछ चीखने को हुई पर मैंने मुँह पहले से ही ढक्कन जैसे लगा रखा था। कुछ छटपटाने के बाद लौड़ा चूत में सैट हो ही गया। उसकी चूत ने भी पानी छोड़ दिया था, लौड़े ने सटासट चुदाई आरम्भ कर दी। करीब दस मिनट में ही साली अकड़ गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। कुछ ताबड़तोड़ धक्के मार कर मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया। सोनू चुद चुकी थी। अब वो मेरे लौड़े की पक्की जुगाड़ बन चुकी थी। फिर हम घर आ गए और वो सो गई जब उठी तो मेरी ओर देखकर मुस्कुराने लगी।

मेरे चचाजान ने मुझसे जबरन सेक्स किया Mere chacha ne mujhse jabran sex kiya

मेरे चचाजान ने मुझसे जबरन सेक्स किया, Mere chacha ne mujhse jabran sex kiya, चाचा बेटी की चुदाई की हिंदी सेक्स कहानी, चाचा ने लंड चूत में डाल दिया, चाचा ने मेरी फाड़ दी, चाचा का लंड बड़ा था और मेरी चूत बहुत छोटी थी.

मेरा नाम रिफ्सा है, मेरी उम्र अब 21 साल है। जब मेरी उम्र काफ़ी कम थी तब से मैं अपने चचाजान से बहुत डरती थी क्योंकि मेरे चचाजान मेरे साथ पता नहीं क्या क्या करकतें करते थे। तब मैं चचा को देखकर अपनी अम्मी से चिपट जाती थी। मेरी अम्मी कुछ नहीं समझ पाती थीं। वे मेरे चचा को सुनाते हुए कहती थीं कि भतीजी को प्यार नहीं करेंगे तो डरेगी ही। नफ़ीसा क्यों आपकी गोद में जाएगी? उस वक्त मैं कुछ सोच नहीं पाती थी कि अपनी अम्मी से क्या बताऊँ? मैं तो बस सहमी हुई चुप ही रह जाती थी।

मैं डर से अपने चाचा की तरफ देख भी नहीं पाती थी। पर चाचा के जाते ही मैं राहत की सांस लेती थी और शान्त हो जाती थी। उस वक्त मुझे ऐसा लगता था कि मैं बच्ची नहीं हूँ। मेरे चचा जिस तरीके से मुझे छूते थे, उनके गन्दे इरादों को भांपना मुश्किल नहीं था। उनकी वही हरकतें लगातार जारी रहीं।

अब वो टॉफी लेकर आने लगे और मुझे जबरदस्ती अपनी गोद में बैठा कर टॉफी थमा देते थे, मुझे मेरे गालों पर चूमते और पीछे गलत जगह मसलते थे। एक बार मैं ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ती थी, हमारे पड़ोस में एक निकाह में मेरे घर वाले शरीक हुए थे। मैं भी तैयार होकर जाने वाली थी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

जैसे ही घर से निकलने को हुई कि मेरे चाचा ने मुझे पकड़ लिया। मैं कुछ बोल पाती कि उन्होंने मेरा मुँह बंद कर चुप करा दिया। फिर जो उन्होंने किया, मैं किसी को बता नहीं सकती। मन तो बहुत किया कि उसी वक्त चीख चीख कर सबको सब कुछ बता दूँ। लेकिन इससे पहले की मैं कुछ करती वो मुझे पास के बाथरूम में लेकर घुस गया और मेरे होठों पर अपने होठ रख दिए और मेरे होंठ चूसने लगा. साथ ही वो मेरे बूब्स मसलने लगा। अब मुझे भी मेरे शरीर में कुछ हलचल महशुश होने लगी। लगभग 10 मिनट तक ऐसा करते हुए मुझे पता ही नहीं चला कि मैं कब उससे चिपक गई और अब मेरे हाथ में उसका लंड था और उसने अपनी पेंट और अंडरवियर ना जाने कब निकाल दिया था।

अब मेरी मुनिया में भी हलचल होने लगी और वो गीली भी हो चुकी थी। मैंने उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी मुनिया पर रख दिया। उसने झट से मुझे पूरी नंगी किया और खुद भी पूरा नंगा हो गया। मैंने उसका लंड पकड़ा और अपनी मुनिया पर रख दिया। उसने लगातार 3 धक्के लगाए जिससे उसका पूरा लंड मेरी मुनिया के अंदर घुस गया। मैंने आँखें बंद कर ली और यह भूल गई कि मुझे चोदने वाला कौन है? मुझे बहुत दर्द हो रहा था लेकिन एक अजीब सा मजा भी आ रहा था और उस मजे के लिए मैंने दर्द को भी सहन कर लिया। 20 मिनट की चुदाई में वो झड़ गया और इस बिच मैं कई बार झड़ चुकी थी। 

उसने जब अपना लंड बाहर निकाला तो उसके लंड पर खून लगा हुआ देखकर मैंने झट से अपनी मुनिया को संभाला और देखकर चकित रह गई मेरी मुनिया में से भी खून निकल रहा था। उसने मेरी मुनिया पर पानी डालना शुरू कर दिया और कुछ देर में ही खून बंद हो गया। अब हमने अपने कपड़े पहने और बाथरूम से बाहर आ गए। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

वह अब भी मेरे घर वैसे ही आता है, मेरी अम्मी से वैसे ही बात करता है, अब्बू से वैसे ही मिलता है। मानो उसने कुछ गलत किया ही नहीं। वह आता तो जैसे मैं खुद को अपराधी महसूस करती हूँ। अब मैं 21 साल की हो चुकी हूँ। अब्बू मेरे निकाह के लिए लड़का ढूंढ रहे हैं। अब्बू के साथ वह भी जाता है।

शादी किसी से और सुहागरात किसी और से Shadi kisi se aur suhagraat kisi aur se

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अपनी सरिता का नमस्ते स्वीकार कीजिये ! मेरे दोस्तो, आज मैं आपको अपनी सुहागरात की आप बीती बताने जा रही हूँ। यह उन दिनों की बात है जब मैं 24 साल की थी और मेरे माँ बाप ने मेरी शादी करके मुझे विदा ही किया था।वह वक़्त बहुत खुशनुमा था क्यूंकि उस वक़्त मैं एक महकती कली थी और मैं बहुत से अरमान लेकर अपने पिया के घर गई थी।

मेरे घर पहुँचने के कुछ ही देर बाद वह रात आई, मेरी सुहागरात, जिसका मैंने बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार किया था और जिसके लिए मैंने अपना यौवन बचाकर रखा था। मैं घूंघट ओढ़े पलंग पर बैठी थी कि अचानक दरवाज़ा खुला। और मैं डर के मारे सहम गई, मेरी तो साँसें तेज़ होने लगी थी। उन्होंने दरवाज़ा बंद कर दिया, मेरी तो इतनी भी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं एक तक नज़र उठकर उन्हें निहार लूँ! इतने में ही उन्होंने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और मैं उन्हें देख भी नहीं पाई थी कि उन्होंने बत्ती बुझा दी और मेरे पास पलंग पर आकर बैठ गए। मेरी साँसें और तेज़ होने लगी और उन्होंने अपना हाथ मेरे लहंगे में घुसा दिया और धीरे धीरे ऊपर की ओर बढ़ते गए। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

अचानक ही उनका हाथ मेरी मुनिया पर लगा और मैं सिहर उठी। और वह उनके पहले शब्द थे जो वे मुझसे बोले- क्या बात है? तुम तो पहले ही अपनी मुनिया को तैयार करके बैठी हो? मैंने जवाब मैं सिर्फ अपना सर हिला दिया। फिर उन्होंने अपना हाथ बाहर निकाला और मेरा घूँघट निकाल दिया, उसके बाद उन्होंने एक एक करके मेरे सारे आभूषण उतार दिए। फिर उन्होंने मेरे पीछे आकर मेरी डोरी खोल दी और मेरे दोनों सेब बाहर निकल गए। फिर क्या था, वे मेरे ऊपर टूट पड़े। मुझे लिटा दिया और मेरे एक चूचे को अपने मुख में ले लिया और एक को अपने दूसरे हाथ से मसलते रहे। मैंने भी उनका पूरा साथ दिया। फिर उन्होंने मुझे होंठों पर चूम लिया।

वह चुम्बन कुछ ऐसा था जिसे मैं शब्दों में ब्यान नहीं कर सकती। मेरा बदन बिखरने लगा। फिर उन्होंने मेरा लहंगा उतार दिया और वह पल आया जब उन्होंने पहली बार मेरी मुनिया के दर्शन किये। उन्होंने मेरी मुनिया के अंदर अपनी जीभ डाल दी। मैं तब तक तड़पी जब तलक मैं झड़ ना गई। उन्होंने मुझसे कहा- मैं चाहता हूँ कि मेरे कपड़े तुम उतारो! मैंने बिलकुल वैसा ही किया। उनका लण्ड देखकर मेरी तो आँखें फट गई। मैं उनसे बोली- आपका तो बहुत बड़ा है? मेरी तो मुनिया छोटी सी है… इसका क्या होगा? और वे बोले- तू बस वैसा ही करती जा, जैसा मैं बोल रहा हूँ। फिर देख तुझे जन्नत की सैर ना कराई तो बोलना! उनके कहने पर मैंने उनका लण्ड मुँह लेकर खूब चूसा। फिर जब वे झड़े तो उनका सारा वीर्य मेरे मुँह में आ गया।

और फिर दोबारा मैंने उनका लण्ड चूस चूसकर खड़ा किया। इस बार मेरी मुनिया की बारी थी। उन्होंने मुझे कुतिया बना दिया और मेरे चूतड़ों को कसके पकड़ा ताकि मैं हिल ना सकूँ। उन्होंने मेरी मुनिया के अंदर कम से कम आधा घंटा उंगली की और मेरा बांध टूट गया, मैं बह गई। मेरा सारा रस उन्होंने एक ही बार में पी लिया। उन्होंने बहुत सारा थूक मेरी मुनिया में डाला और उसे अपनी उंगली से अंदर तक पहुँचा दिया। फिर क्या था, एक ही झटके में उन्होंने अपना आधा लण्ड मेरी मुनिया में घुसा दिया और मैं जोर से चीखी- हय मैं मर गयी माँ री… फाड़ डाली मेरी चूत… साले चूतिये… और तेज़ कर… और तेज़ कर… बहन के लौड़े… मेरे मुख से गालियाँ सुनकर उन्होंने अपनी गति को और बढ़ा दिया और काला बड़ा लण्ड पूरा का पूरा मेरे चूत में पेल दिया और फिर 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों बिस्तर पर चित हो गए। और हम दोनों की आँख लग गई।

सुहागरात के बाद मेरी आँख सुबह लगभग साढ़े छः बजे खुली। मैंने देखा कि वे मेरे साथ बिस्तर पर नहीं थे। तभी किसी के गेट खड़खड़ाने की आवाज़ आई और मैंने फटाफट साड़ी पहनी और दरवाजे पर पहुँची, दरवाजा खोला। और मैं क्या देखती हूँ कि ये आये हैं। मैंने उनसे पूछा- आप सुबह सुबह कहाँ चले गए थे? मैं तो डर ही गई थी। उन्होंने कहा- अरे क्या बताऊँ, कल रात को जैसे ही घर पहुँचा तो अचानक ही एक दोस्त का फोन आया कि उसका एक्सीडेंट हो गया है और मुझे जाना पड़ा। मैंने हमारी सुहागरात ख़राब कर दी पर मुझे लगता है कि तुम समझ सकती हो। यह बात सुनकर मेरे तो होश ही हवा हो गए। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

मैंने मन में सोचा कि अगर यह कल रात को बाहर थे तो मेरे साथ कमरे में कौन था कल सुहागरात को? कुछ देर तक तो मैं कुछ बोल ही ना पाई फिर मैंने सोचा कि इन्हें बता देती हूँ। फिर सोचा अगर इन्होंने मुझे छोड़ दिया तो मैं तो किसी को मुँह दिखाने के काबिल ही नहीं रह जाऊँगी और पूरा गाँव मुझे हिकारत की नज़र से देखेगा। यह सब सोचकर मैं चुप ही रही। फिर रात हुई और आज मैंने अपने असली पति के साथ सुहागरात मनाई मगर आज की रात में वह बात नहीं थी जो पहली रात में थी। और मैं अपने पति से चुदी तो जरूर पर मेरा दिल कहीं और ही था, ऐसा लग रहा था कि मैं बस अपना पत्नी धर्म निभा रही हूँ पर मैं इनसे प्यार नहीं कर पा रही हूँ।

इसी तरह 4 साल बीत गए और एक रात यह घर पर आये और बोले- मेरा चचेरा भाई मोनू अपनी पढ़ाई के सिलसिले में यहाँ आ रहा है और वह यहीं रहेगा जब तक उसकी पढ़ाई खत्म नहीं हो जाती। शुरुआत में तो सब ठीक था पर एक दिन हुआ यह कि मैं छत पर कपड़े सुखा रही थी और मेरे पीरियड भी चल रहे थे कि अचानक मोनू छत पर आ गया और मेरे पीरियड चलने की वजह से मेरी मुनिया में से पानी बह रहा था और वह रिस रही थी। यह बात मोनू की नज़र में आ गई और उसने मुझसे कहा- क्या बात है, तुम तो पहले ही अपनी मुनिया को तैयार करके बैठी हो? जैसे ही मैंने ये शब्द सुने, मुझे वह रात, सुहागरात याद आ गई जो मेरे जीवन के सबसे यादगार रात थी और मैं उसकी ओर बढ़ी। आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

मोनू मेरी तरफ हंसते हुए देख रहा था और मैंने उसकी ओर इशारा करते हुए पूछा- क्या उस रात तुम थे? मेरी सुहागरात को? और जवाब में उसने अपना सिर हिला दिया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं खुश होऊँ या फिर उसकी शिकायत इनसे कर दूँ? फिर मन में उस रात के ख्याल आने लगे और मैं उसकी ओर बढ़ी और उससे पूछा- तुम कहाँ चले गए मुझे छोड़ कर? मोनू बोला - भाभी, मैं तो बस उस रात ही रुक सकता था। उसके बाद वक़्त ने आज मौका दिया है उस मुनिया के दर्शन फिर से करने का! मैंने आगे बढ़कर उसे अपने गले से लगा लिया और हम दोनों ने पूरा दिन खूब चुदाई की। यह सिलसिला आज भी चल रहा है और अब मैं मोनू के बच्चे की माँ बनने वाली हूँ। मेरे पति समझते हैं कि यह बच्चा उनका है।

कार सिखाते हुए आंटी ने मेरा लंड चूसा Car sikhate huye aunty ne mera lund chusa

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ये बात कुछ 5 साल पहले की हैं. मैं हिमाचल के एक सर के लिए ड्राइविंग करता था. फेक्ट्री के सामने ही उनका टाउनशिप था जहाँ उनका एक बंगला था जिसमे वो अपनी फेमली के साथ रहते थे. मैं सुबह उन्हें घर से फेक्ट्री और शाम को फेक्ट्री से घर लाता था. उस टाइम शर्दी का मौसम था. मैं डेली रूटीन से साहब को पिक और ड्राप कर रहा था. एक दिन मैं जब उनके घर पहुंचा और बेल बजाई तो सर ने आने में कुछ टाइम लगाया.  सर नहीं आये लेकिन अन्दर से एक मस्त आवाज आई "आती हूँ". जैसे ही दरवाजा खुला मेरे सामने एक 32 साल के करीब की मस्त आंटी खड़ी थी. प्लेन ब्ल्यू साड़ी में वो बड़ी मस्त लग रही थी.

मैं 2 मिनिट्स उन्हें देखता ही रह गया. उन्होंने भी मुझे घूरते हुए नोट किया. उसने मुझे कहा, रुको साहब आते हैं कुछ देर में. मैंने कहा ठीक हैं मैं गाडी में वेट करता हूँ. तो उसने कहा, अन्दर आ जाओ बाहर ठंडी हैं. मैं आंटी को देखने लगा उसकी नजर मेरे लोडे की तरफ थी जैसे की वो उसे साइज़ अप कर रही हो. मैं सोफे पर बैठा और वो मेरे लिए पानी ले के आई. मैं पानी पी रहा था और वो मुझे ही देख रही थी. 2 मिनिट में साहब ऊपर से सीडियां उतरते हुए निचे आये. आंटी को देख के बोले, सुधा क्या तुम मार्केट हो आई कल?

आंटी ने थोड़े दबे आवाज में कहा, जी नहीं टाउनशिप के बाहर एक ही रिक्शेवाला खड़ा होता हैं और वो कल नहीं आया था.

ओके, क्या मैं कार भेजूं ऑफिस जाने के बाद.

जी हाँ, वो सही रहेगा.

साहब ने मेरी और देख के कहा, देखो सुन्दर भाई आप मुझे ड्राप कर के मेमसाब को मार्केट ले जाना जरा.

ठीक हैं साहब जी.

साहब को फेक्ट्री में ड्राप कर के मैं आधे घंटे में वापस घर आया. घर की घंटी 2 - 3 बार बजाई लेकिन कोई जवाब नहीं आया. मैंने सोचा की आंटी कही चली गयी होंगी. यह सोच के मैं वापस कार की तरफ जा ही रहा था की दरवाजा खुला. सामने आंटी खड़ी थी जो अभी बाथरूम से नहा के आई थी. उसके बदन पर एक हलके रंग की साडी थी जिसके अन्दर की काली ब्रा साफ़ दिख रही थी. उसके कपड़ो में नमी थी इसलिए अन्दर के अंतरवस्त्र मैं देख सकता था. उन्होंने मुझे कहा, अन्दर आओ. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

वो आगे बढ़ी और मैं उसके पीछे. उनकी गांड के ऊपर भी काली पट्टी दिख रही थी पेंटी की. मैं उसे देखता ही रहा. मेरे लोडे में जान आ गई थी और मैं इस हिमाचली सेब को चखने के लिए बेताब था. आंटी ने मुझे सोफे पर बैठने के लिए कहा और वो बाथरूम की और बढ़ गई.

5 मिनिट में जब वो बाहर आई तो उसने अपना चहरा मेकअप में लबेड़ा हुआ था. आँखों पर ब्लेक फ्रेम के चश्मे थे और पास की मेज से पर्स लेते हुए वो बोली, चलो चलते हैं.

वो फिर मेरे आगे थी और मैं उसकी गांड को देख रहा था. कुल्हें मटकाते हुए वो चल रही थी और मेरा लोडा खड़ा हो रहा था. उसने मुड़ के देखा और मुझे अपनी गांड देखते हुए पाया.

वो हंसी और बोली, जल्दी चलो बाबा.

मैं भी अपने होंठो में हँसता हुआ बाहर निकला. उसने दरवाजे पर लोक किया और गाडी की ओर बढ़ी. मुझे लगा था की वो पीछे की सिट में बैठेंगी लेकिन उसने तो आगे का दरवाजा खोला. वो सिट पर बैठी और मैंने गाडी स्टार्ट की.

मार्केट जाते जाते उसने मुझे अपने बारे में बताया और मेरी भी हिस्ट्री खोली. उसने यह भी पूछा की मैं कुंवारा हूँ या शादीशुदा. मार्केट से कुछ दिन की सब्जी लेने के बाद वो वापस आई. मैं गाडी के पास खड़ा हुआ मोबाइल में गेम खेल रहा था. उसके आते ही मैंने गाडी का पीछे का दरवाजा खोला. आंटी ने सारा सामान रखा और फिर आगे का दरवाजा खोल के मेरे पास बैठ गई.

गाडी अपनी मंद गति से चल रही थी तभी आंटी ने मुझे कहा, क्या तुम गाड़ी चलाना सिखाते भी हो?

किसे सीखना हैं?

मैं ही सोच रही थी सिखने के लिए.

जी हां, आप को मैं सिखा सकता हूँ मेडम.

वो हंसी और चुदासी नजरों से मुझे ऊपर से निचे तक देखा. उसके मन में भी कीड़ा था जो मैं उसकी आँखे देख के बता सकता था. गाडी घर से अभी कुछ दूर थी की आंटी बोली, क्या आज से ही स्टार्ट कर सकते हैं हम गाडी सीखना?

क्यूँ नहीं, वैसे भी मेरी कोई और सवारी नहीं हैं अभी यहाँ से जाने के बाद.

हम लोग घर पहुंचे और आंटी ने सब्जी के ठेले घर में रख दिए. फिर मुझे पानी देने के बाद वो मेरी और देखने लगी. वो शायद बाहर जाने के लिए बेताब थी.

मैंने कहा, चले मेडम?

हाँ चलो.

वो गाडी में बैठी और मैंने गाडी को क्रिकेट ग्राउंड की और दौड़ा दिया. दोपहर का वक्त हो चला था इसलिए ग्राउंड पूरा खाली था. एक कौने में सिर्फ बंजारों के कुछ तम्बू थे जिसके बाहर दो-तिन औरतें खाना पका रही थी. गाडी को साइड में लगा के मैंने आंटी को क्लच, एक्सलेरेटर, ब्रेक, वगेरह का कुछ ज्ञान दिया तो उसने कहा की उसने आलरेडी क्लास किये थे ड्राइविंग के लिए लेकिन प्रेक्टिस नहीं हो पाई इसलिए वो कोंफिडेंट नहीं हैं चलाने के लिए. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

मैंने कहा, ये तो अच्छा हैं की आप को यह सब पता हैं, कोंफीडेंट आज हो जाएगा.

आंटी ने गाडी स्टार्ट की और मैं उसके बगल में बैठा. जैसे ही उसने फर्स्ट गियर में गाडी को उड़ाया मैं जान गया की वो क्लच जल्दी छोड़ देती हैं. गाडी एक झटका खा के बंध हो गई. मैंने आंटी से कहा की आराम से आप क्लच छोड़ें.

आंटी ने फिर से ट्राय किया लेकिन वो वही झटके से गाडी को बंध करने में फिर से सफल रही.

मैंने कहा, आइये मैं आप को दिखाता हूँ.

इतना कह के मैंने गियर के डंडे की उस साइड पर एक पाँव रखा और क्लच को दबा के उसे बताया की कैसे छोड़ना हैं. आंटी ने कहा की आप पाँव रहने दो यही, मैं गाडी स्टार्ट करती हूँ.

उसने गाडी स्टार्ट की और पहले गियर में मैंने डाली. उसने एक्स्लेरेटर दबाया और मैं उसके हिसाब से क्लच छोड़ता गया. गाडी रुकी नहीं इसलिए आंटी खुश हो गई. और इस खिंचातानी में पता नहीं कब उसका एक हाथ मेरी जांघ पर आ गया. मुझे भी पहले अहसास नहीं हुआ लेकिन जब नजर पड़ी तो मुझे अच्छा लगने लगा. आंटी गाडी सिखने की नौटंकी करते हुए मेरी जांघ के ऊपर हाथ को सहला रही थी. मेरा तो लंड खड़ा हो गया उसके ऐसा करने से.

और आंटी ने हिम्मत कर के अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरे लंड पर दस्तक दे दी. मेरा टाईट लंड छूते ही उसका कडापन उसे भी मदहोश कर गया होगा. उसने मेरी और देखा और मैं हंस पड़ा.

आंटी ने गाडी को साइड में ब्रेक लगाईं और मेरी जांघ के ऊपर हाथ फेरने लगी. मैं भी खुद को रोक नहीं पाया और मैंने आंटी के बूब्स पर अपना हाथ रख दिया. आंटी ने कार की खिड़की से बाहर देखा. इर्दगिर्द में कोई नहीं था जहां तक नजर जाती थी. आंटी ने अब मेरी पेंट की जिप खोल दी और लौड़े को बाहर निकाला. खड़ा लंड देख के उसकी आँखों में चमक आ गई और वो मेरे लौड़े को अपने हाथ में पकड के हिलाने लगी. मेरे तो होश उड़े हुए थे. मैं जोर जोर से आंटी के बूब्स को दबाता जा रहा था. आंटी मेरे लंड को बड़े ही प्यार से सहलाती जा रही थी.

और उसके बाद आंटी ने जो किया वो तो मैंने सोचा ही नहीं था. आंटी ने अपना सर निचे किया और मेरे लौड़े को अपने मुहं में भर लिया. वाऊ, आंटी के मुहं की चिकनाहट बड़ी ही सेक्सी थी जिससे मुझे दुगुना मजा आने लगा.

आंटी अपने मुहं को आगे पीछे करने लगी और जोर जोर से लौड़े को मुहं में आगे पीछे करती रही. मैंने अपना हाथ आंटी के माथे पर रखा और उसे लौड़े पर दबा दिया. और निचे से मैं अपनी गांड उठा के आंटी के मुहं में लंड को धकेलता रहा. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

2 मिनिट ऐसे ही लंड चूसने के बाद आंटी के मुहं में ही मैंने अपने वीर्य का फव्वारा छोड़ दिया. आंटी आराम से वीर्य पी गई और उसने लौड़े को चाट के साफ़ कर दिया. आंटी ने मुहं से लौड़े को सब तरफ से साफ़ किया और उठ गई. आंटी ने कहा, चलो घर चलते हैं, सब कुछ यहाँ नहीं कर सकते…!

गाडी चलाते चलाते मैं आंटी की चूत के सपने देख रहा था….!

मेरी नई और प्यासी पड़ोसन प्रिया आंटी Meri nayi aur pyasi padosan priya aunty

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हेलो फ्रेंड्स मेरा नाम अवि है. मैं 29 साल का हूँ और मैरिड हूँ , मैं कोटा सिटी (राजस्थान ) जो एजुकेशन के लिए फेमस है से बिलोंग करता हूँ मेरा प्रॉपर्टी का बिज़नेस है! मेरी पर्सनैलिटी अच्छी है स्लिम और फेयर कलर है तो आप कह सकते है मैं दिखने में अच्छा लगता हूँ! मैं कोटा में रहता हूँ और यहाँ पे कोचिंग सेंटर है तो यह स्टूडेंट का एरिया कहलाता है! मेरे घर के सामने बहुत से घर अपने यहाँ स्टूडेंट्स को रेंट पे रूम देते है तो आज से 4 महीने पहले मेरे घर के सामने जिसमे सिर्फ गर्ल्स ही पीजी रहती थी. उसमे एक नयी लड़की आई यही कोई १६-१७  साल की होगी. लेकिन उसके साथ उसकी मम्मी भी आई साथ रहने के लिए उनका नाम प्रिया है. उनकी ऐज 46 होगी लेकिन वो दिखने में बहुत हॉट दिखती थी. वो अम्बाला से आये थे और उनके पति का बिज़नेस था तो बेटी की पढ़ाई के लिए सिर्फ उस लड़की की मम्मी प्रिया ही साथ आई थी और हस्बैंड अम्बाला में ही थे!


दोस्तों प्रिया 46 की ऐज में भी बहुत फिट रहती थी हलाकि शुरू में मैंने ध्यान नहीं दिया लेकिन एक दिन जब मैं अपनी छत पे अपने डौगी के साथ खेल रहा था तब वो भी सामने छत पे कपडे सुखा रही थी. उस वक़्त फर्स्ट टाइम हमारी नजरें मिली. उन्होंने पिंक कलर का सूट पहन रखा था और बाल खुले हुए थे मुझे वो बहुत हॉट लगी. लेकिन उस वक़्त सिर्फ फॉर्मल नजरें मिली और कपडे सुखा के वो चली गयी और मैं भी नीचे आ गया! थोड़ी देर बाद जब मैं अपने ऑफिस के लिए बहार निकला तो वो सब्ज़ी वाले से सब्ज़ी ले रही थी और उस वक़्त भी हमारी नजरें मिली फिर मैं अपने ऑफिस चला गया. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

अगले दिन भी छत पे हमारी नजरें मिली लेकिन उन्होंने हल्का सा स्माइल भी किया और मैंने भी स्माइल किया फिर मैंने बात करने के लिए पुछा आप नए है यहाँ उन्होंने कहा हां फिर मैंने पुछा कहा से तो उन्होंने अम्बाला बताया. मैंने पुछा कोई परेशानी तो नहीं आ रही आपको कोटा में उन्होंने कहा कभी कभी थोड़ी परेशानी आ जाती है क्योकि नयी जगह है! फिर वो भी चली गयी और मैं भी इसके बाद हमारी नार्मल बातचीत होती. लेकिन मैं जब भी उनसे बात करता था मुझे बहुत हॉट फीलिंग्स होती थी मेरा लंड खड़ा हो जाता था लेकिन मैं नार्मल रहने की कोशिश करता. हालांकि जिस तरह वो मुझे देखती थी मुझे भी लगता था उनके मन में भी मेरे लिए हॉट फीलिंग्स है. हालांकि ऐज में वो ज्यादा थी और मैं एक रेप्युतेड फैमिली से हूँ और मैरिड भी हूँ तो मुझे थोड़ा डर भी लगता था. इसलिए मैं कोई ऐसी हरकत नहीं कर सकता था जिससे कोई प्रॉब्लम हो जाये.

लेकिन एक दिन उन्होंने मेरा मोबाइल नंबर लिया और कहा कभी कोई परेशानी हो गयी तो मैं आपसे हेल्प तो ले सकती हूँ. मैंने भी उनका नंबर ले लिया और सेव कर लिया! अब मुझे भी लगा प्रिया भी मुझमे इंटेस्टेड है और मैंने उन्हें वाट्सऍप पे सिर्फ हाय का मैसेज किया उनका भी रिप्लाई आ गया और हमारी बातें वाट्स ऍप पे शुरू हो गयी. सिर्फ नार्मल बातें कोई गन्दी बात नहीं! एक दिन मैंने जान बूझकर उनके वाट्स ऍप पे पोर्न पिक्स् और पोर्न वीडियो सेंड कर दिए और 1 मिनट बाद एक और मैसेज कर दिया आई एम सॉरी आपके पास गलती से यह वीडियो आ गए मैं किसी और को भेज रहा था. मुझे लगा कही कुछ उल्टा न हो जाये इसलिए यह सॉरी लिख के भी भेज दिया. उनका कोई रिप्लाई नहीं आया और थोड़ी देर बाद डायरेक्टली फोन आया उस टाइम दिन के 3 बजे थे. और मैंने हेलो कहा और कहा सॉरी मेम आप के पास गलती से वो वीडियो आ गए. उन्होंने हस्ते हुए कहा ईट्स ओके और उनकी हँसी में इतनी मदहोशी थी दोस्तों मेरा पूरी बॉडी में सरसराहट दौड़ गयी. प्रिया ने कहा आप तो बहुत नॉटी है कितने गंदे वीडियो थे वो बाप रे बाप. मैं अब समझ गया प्रिया भी मूड में है. 

मैंने कहा मेम इसका मतलब आपने वो वीडियो देखे और वो हसने लग गयी. मैंने कहा आपको क्या अच्छा लगा उन वीडियो में. तो वो बोली मैं आपसे बड़ी हूँ ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए आप मुझसे बहुत छोटे हो. मैंने कहा लेकिन आप तो बहुत हॉट लगती है. तो वो बोली अच्छा पता नहीं आपको मैं कहा से हॉट लगी मैं तो पहले से मोटी भी हो गयी. मैंने कहा मेम यह तो देखने वाले से पूछिये. वो बोली आप प्लीज मुझे प्रिया कहा करो मेम अच्छा नहीं लगता. मैंने कहा ओके प्रिया.  फिर मैंने कहा प्रिया आप मुझे बहुत अच्छे लगते हो. तो उन्होंने कहा आप भी बहुत अट्रैक्टिव हो जब मैंने आपको पहली बार देखा तो मुझे भी आप बहुत अच्छे लगे.मैंने कहा क्या मैं आपसे अपने दिल की सारी बातें शेयर कर सकता हूँ. तो उन्होंने कहा हां मैंने कहा आप भी प्रॉमिस करो जो आपके दिल में होगा आप भी सच कहोगे. उन्होंने कहा प्रॉमिस इतने में उनकी बेटी कोचिंग से आ गयी और उन्होंने बाय कर दिया! अब मेरा दिमाग ख़राब हो गया पूरा कॉक (लंड) खड़ा हो गया और मैंने दिन में ही प्रिया को याद करके मुठ मारी.

शाम को पांच बजे प्रिया का वाट्स ऍप मैसेज आया तो मैंने भी रिप्लाई किया और उनका फोन आ गया. उन्होंने कहा बेटी अभी वापस कोचिंग चली गयी तो मैं बोर हो रही थी. फिर मैंने कहा प्रिया मेरे मन में आपके लिए बहुत डर्टी डर्टी ख्याल आते है. तो वो हसने लगी और बोली गुंडे कही के यह कहते ही मेरा कॉक बिलकुल तन गया. मैंने कहा प्रिया हम बहार मिले कही. तो उन्होंने कहा क्या इरादा है? मैंने कहा मुझसे डर लग रहा है. तो वो बोली डर तो लगेगा पता नहीं आप क्या करोगे और हसने लगी. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

दोस्तों जब वो हस्ती थी तो मेरे पूरे बॉडी में सरसराहट हो जाती थी.प्रिया ने कहा ठीक है परसो मेरी बेटी की एक्स्ट्रा क्लास है तो वो दिन भर कोचिंग में रहेगी. मैंने कहा ठीक है हम परसो मिलते है मैं आपको पिक कर लूँगा. तो उन्होंने कहा, कहाँ जायेगे? मैंने कहाँ मुझ से डर लगता है जो यह पूछ रही हो तो वो हसने लगी!
दोस्तों मैं परसो का इंतजार करने लगा और मेरे एक कजिन का नयापुरा एरिया में एक घर है वह वो अकेला रहता है और दिन भर अपने बिज़नेस के लिए बाहर रहता है. तो मैंने सोच लिया की प्रिया को वही ले जाऊगा.अब मिलने के दिन मैंने अपने घर से निकलते हुए देखा लेकिन सामने प्रिया नजर नहीं आई लेकिन मैं ऑफिस के लिए निकल गया. 

ठीक 11 बजे मेरे पास प्रिया का कॉल आया की आप कहाँ है मैं तलवंडी चौराहे पे हूँ. मैंने कहाँ मैं आ रहा हूँ और 10 मिनट में वह पहुंच गया. प्रिया ने क्रीम कलर की साड़ी पहन रखी थी और लो नैक ब्लाउज …. उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ……… क्या लग रही थी वो पूरा गोरा बदन दिख रहा था. गोरा पेट …गोरी नैक उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मैंने कार का गेट खोला और वो बैठ गयी.मैंने कहाँ आने के लिए थैंक्स तो वो बोली आपने बुलाया तो आना तो था ही वरना मेरे इतना अच्छा दोस्त नाराज हो जाता. तो मैंने कहाँ मेरी नाराजगी की इतनी चिंता है आपको. तो वो हसने लगी दोस्तों दिल तो कर रहा था प्रिया के साथ कार में ही नंगा हो जाऊ.

मैंने गाड़ी नयापुरा ले ली क्योकि घर कीचाबी मेरे पास ही थी और मैंने खाने पीने का बहुत सामान भी ले लिया था कोल्ड ड्रिंक ..पेस्ट्री ..चिप्स. अब हम नयापुरा पहुंच गए और घर के अंदर एंटर किया.प्रिया ने कहाँ यह किसका घर है मैंने कहाँ यह मेरे फ्रेंड का घर है और वो अभी बाहर है फिर हम सामने वाले रूम में चले गए और मैंने गेट पहले ही लगा दिया था. मैंने प्रिया को बैठने के लिए कहाँ और वो बेड पे बैठ गयी और मैंने खाने की चीजे खोल दी और प्रिया को कोल्ड ड्रिंक दिया.प्रिया कुछ शर्मा रही थी लेकिन फ्रेंड्स वो बेड पे बैठी इतनी हॉट लग रही थी ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ….!
मैं भी बेड पे बैठ गया और प्रिया के पास सरक गया और उनके हाथ पे हाथ रख दिया वो नजरें नीचे किये हुए थी. मैंने हाथ पे किस कर लिया और उनका चेहरा अपने हाथो में ले के गालो पे किस किया. किस करते ही प्रिया एक दम मुझसे चिपक गयी. अब मैं और प्रिया एक दूसरे की बाहों में थे और मैं उनकी सॉफ्ट पीठ पे हाथ फेर रहा था और वो भी कॉपरेट कर रही थी. फिर हमने बहुत देर तक लिप किस किये और एक दूसरे के होठ चूसते रहे.फिर मैंने प्रिया के बूब्स ब्लाउज से ही दबाने शुरू कर दिए ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह क्या मजा आ रहा था बड़े बड़े बूब्स. प्रिया भी अपने दाँतो से अपने होठ काट रही थी. और मैंने अपनी शर्ट खोल दी अब मैं जीन्स में था और प्रिया मुझसे चिपक गयी फिर मैंने उसे थोड़ा दूर किया और उसका ब्लाउज खोलने लगा और जैसे ही ब्लाउज खोला अंदर ब्रा थी फिर मैंने ब्रा बिना खोले ही प्रिया के बड़े बड़े बूब्स बाहर निकल लिए और पिंक निप्पल चूसने लगा. दोस्तों मुझे इतना मजा आ रहा था ऐसा लगा मुझे जन्नत मिल गयी प्रिया भी बहुत एन्जॉय कर रही थी. मैंने अब ब्रा हटा दी और दोनों बूब्स दबाने लगा वो भी मुझे पूरा कॉपरेट कर रही थी और बार बार कह रही थी अवि बस उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ …अवि प्लीज ऐसे मैत करो प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ मैं उन्हें जोर जोर से चूस और दबा रहा था अब मेरे लंड पूरा तना हुआ था.

मैंने अपनी जीन्स खुद उतार दी और अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था. मैंने प्रिया का एक हाथ अपने अंडरवियर के ऊपर रखवा दिया वो मेरे लंड को ऊपर से ही सहला रही थी. मुझे इतने मजे आ रहे थे ………… फिर मैंने प्रिया को खड़ा किया और उसके पेटीकोट को खोल दिया. पेटीकोट नीचे सरक गया और प्रिया सिर्फ पिंक पैंटी में रह गयी अह्ह्हह्ह्ह्ह… क्या जांघे थी प्रिया की गौरी और सॉफ्ट और मैं भी सिर्फ अंडरवियर में रह गया था और हम दोनों खड़े थे और हम दोनों एक दूसरे से चिपक गए दोस्तों सिर्फ पेंटी में प्रिया क्या क़यामत लग रही थी पूरी बॉडी गोरी और पेट थोड़ा लटका हुआ और हॉट लग रहा था.प्रिया भी पूरी गरम हो चुकी थी वो गरम गरम साँसे छोड़ रही थी और मेरे तो हाल पूछो ही मत ..फिर मैंने खड़े खड़े ही प्रिया की पैंटी में अपना हाथ डाल दिया ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ….क्या सॉफ्ट पुस्सी  (चूत) थी प्रिया की , बाल बहुत कम थे और मैंने पैंटी नीचे रिस्का दी और प्रिया ने भी मेरे अंडरवियर अपने मुलायम हाथो से नीचे रिस्का दिया और मेरे लंड को अपने पूरे हाथ में इतने प्यार से पकड़ रखा था की दिल कर रहा था काश पूरी जिंदगी मेरे लंड को प्रिया अपने सॉफ्ट हाथों में इतने प्यार से पकडे रखे ..!  आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।
फिर मैंने प्रिया को बेड पे लिटा दिया और प्रिया के ऊपर ही नंगा लेट गया. दोस्तों जब प्रिया बिलकुल नंगी बेड पे लेती तो इतनी हॉट लग रही थी की फिल्म एक्ट्रेस भी फ़ैल हो जाये. मैं वापस प्रिया के बूब्स और निप्पल चूसने लगा और एक हाथ प्रिया की चूत में दाल दिया और उनकी चूत में ऊँगली करने लगा …आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …. प्रिया इतनी सिस्कारिया मार रही थी और चूत पूरी गीली हो रही थी. जितना मजा मुझे आ रहा था उतना मजा प्रिया को भी आ रहा था. फिर प्रिया मेरी चेस्ट को किस करने और अपनी जीभ से चाटने लगी और बहुत देर तक मेरी चेस्ट को किस करती रही.फिर मैंने प्रिया की जांघो पे हाथ फेर ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॉफ्ट और गोरी गोरी जांघे थी और मैं प्रिया की जाँघों को किस करने लगा. फिर मैं अपना मूह प्रिया की चूत के पास ले गया, कितनी प्यारी खुस्बू … और मैं प्रिया की चूत को चाटने लगा अपनी जीभ से. प्रिया बहुत सिसकारी मार रही थी प्रिया ऐसे तड़प रही थी जैसे पानी के बाहर मछली तड़पती है.प्रिया के मुह से उफ्फ्फ ………. सीईईईईइ ….. आवाज निकल रही थी. 

मुझे भी बहुत मजा आ रहा था मैं प्रिया की चूत को अपने दाँतो से धीरे धीरे काट भी रहा था और प्रिया को मीठा मीठा दर्द हो रहा था. अब प्रिया की चूत भी बहुत गीली हो चुकी थी.मैंने अपना लंड प्रिया के मुँह के पास ले जाके कहा प्रिया अब तुम इस नॉटी बच्चे को भी किस करो. और प्रिया ने अपने गुलाबी होंठो से मेरे लंड को किस किया .. आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह … मैं तो मानो हवा में उड़ रहा था और प्रिया ने मेरे पूरा लंड मुँह में ले लिया और किसी लोलीपोप की तरह चूसने लगी .. उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ….. मैं वो फीलिंग्स बता नहीं सकता दोस्तों बस मजा आ रहा था और मेरे मुँह से भी सिसकारी निकल रही थी.

थोड़ी देर बाद प्रिया ने मेरे लंड चूसना बंद कर दिया और मैं अब समझ गया प्रिया चाहती है मैं उसकी चूत में अब मेरे लंड डालूँ.मैंने भी बिना देर किये अपना लंड प्रिया की चूत में डाल दिया और प्रिया के नंगे शरीर पे बच्चे की तरह चिपक गया. प्रिया ने खुद की दोनों टाँगे कैंची स्टाइल में मिला ली और हिप्स ऊँचे कर दिए मैं तेजी से धक्के देने लगा और प्रिया ने मुझे इतनी कस के पकड़ रखा था और मेरी पीठ पे अपने नाख़ून गड़ा रही थी! मुझे भी मीठा मीठा दर्द हो रहा था और मैं जोर से धक्के मार रहा था थोड़ी देर बाद प्रिया बोली अभी मेरे हो गया प्लीज जल्दी करो अब थोड़ा दर्द हो रहा है,मैं थक भी गयी हूँ. मैंने कहाँ बस हो रहा है प्रिया और उसने अब मेरे हिप्स पे अपने हाथ रख दिए और मेरे हिप्स दबाने लगी. मुझे और मजा आने लगा अब मेरे भी पानी निकलने का टाइम हो गया मैंने कहाँ प्रिया मेरे निकल रहा है. तो वो बोली प्लीज अभी पानी बाहर निकलना अंदर नहीं.मैंने अपना लंड बाहर निकला और प्रिया की चूत पे पूरा सफ़ेद गाढ़ा पानी निकाल दिया और .. आह्ह्ह्हह्ह ……. की आवाज निकाल के प्रिया के ऊपर ही गिर गया और अगले 10 मिनट तक ऐसे ही नंगे चिपक के बातें करते रहे.

मुझे इतना मजा पहले कभी नहीं आया था और प्रिया को किस कर रहा था, थोड़ी देर बाद प्रिया ने कहाँ अब उठो मुझे कपडे पहनने दो और चलते है यहाँ से.मैंने कहाँ प्रिया एक बार और प्लीज उसने कहाँ अभी फिर कभी. मैंने कहाँ नहीं एक बार जल्दी जल्दी कर लेंगे. हालांकि प्रिया का भी मूड था और प्रिया के हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया प्रिया मेरे लंड को सहलाने लगी और मेरा लंड वापस खड़ा हो गया. मैंने कहाँ प्रिया इस बार घोड़ी बनके करेंगे जैसे मैंने तुम्हे वीडियो भेजा था और उस वीडियो में वो कर रहे थे. और प्रिया को घोड़ी बनने को कहाँ. प्रिया बहुत कॉपरेटिव थी उसने बिना आगे किये अपने हिप्स ऊँचे कर दिए.  प्रिया भी सेक्स की नयी नयी पोजीशन में इंट्रेस्ट रखती थी और मैंने पीछे से प्रिया की चूत में लंड डाल दिया और जोर जोर से धक्के देने लगा…!

दोस्तों घोड़ी बनके प्रिया और मस्त लग रही थी और धक्को से उसकी पूरी बॉडी हिल रही थी उसके हिलते हुए बूब्स क़यामत लग रहे थे.और मैं धक्को के साथ प्रिया की नंगी पीठ भी सहला रहा था. थोड़ी देर बाद मैं डिस्चार्ज हो गया और प्रिया के ऊपर उल्टा ही 5 मिनट नंगे लेटा रहा. अब प्रिया बोली अवि प्लीज अब चलो मुझे और भी काम है. और मैंने प्रिया को किस करके आई लव यू कहाँ उसने भी मुझे किस किया और आई लव यू टू कहाँ.मैंने कहाँ ठीक है चलते है पर मेरी एक शर्त है, मैं तुम्हे कपडे पहनाऊगा और तुम मुझे कपडे पहनओगी. वो हसने लगी और बोली तुम बहुत बड़े गुंडे हो पर अच्छे गुंडे हो. आप यह कहानी हिंदी सेक्स स्टोरीज वेबसाइट पर पढ़ रहे है।

और फिर मैंने प्रिया की पैंटी उठाई और अपने हाथो से पहनाई प्रिया ने भी मेरा अंडरवियर मुझे अपने सॉफ्ट हाथो से पहनाया … ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह … इसमें भी बहुत मजे आ रहे थे. ऐसे हमने एक दूसरे को पूरे कपडे पहनाये और फिर मैंने उन्हें वापस तलवंडी चौराहे पे छोड़ा और उन्होंने ऑटो लिया और घर पहुंच गयी. फिर मुझे वॉट्सएप्प मैसेज आया डिअर अवि आज का दिन मैं कभी नहीं भूलूंगी मेरी लाइफ को खुश करने के लिए थैंक्स …… आई लव यू. मैंने भी रिप्लाई किया और कहाँ जितना ज्यादा अच्छा मुझे आपके साथ लगा उतना कभी नहीं लगा.
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