पड़ोसी डॉक्टर की बीवी की ठुकाई Padosi doctor ki biwi ki thukai

पड़ोसी डॉक्टर की बीवी की ठुकाई Padosi doctor ki biwi ki thukai, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हैल्लो दोस्तों, में साहिल आज आप सभी को अपने सबसे अच्छे सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ जिसमें मैंने अपने पड़ोसी डॉक्टर की मस्त सेक्सी पत्नी को चोदा। में लखनऊ में रहता हूँ और में दिखने में एकदम अच्छा हूँ और में पिछले बहुत सालों से कामुकता डॉट कॉम की सेक्सी कहानियाँ पढ़कर उनके मज़े लेता आ रहा हूँ। अब में सीधे अपनी उस घटना को सुनाता हूँ जिसको पढ़कर आप लोगो को जरुर मजा आएगा। दोस्तों मेरे घर के पास में ही एक घर में छोटा सा क्लिनिक है वो क्लिनिक नीचे है और उसके ऊपर के हिस्से में उसके डॉक्टर साहब रहते है। उनका नाम सलीम है और उनकी उम्र करीब 30-32 के आसपास होगी उनकी पहले भी एक शादी हो चुकी थी, लेकिन उन दोनों पति पत्नी के बीच में बहुत बार ना जाने किस बात को लेकर झगड़ा हुआ और अब उनका तलाक भी हो चुका है और अभी एक साल पहले उन्होंने दूसरी शादी की है, वो भी अपनी पसंद से। उनकी पत्नी सच में दिखने में बहुत ही सुंदर है। 

उनका घर मेरे घर के पास में ही है इसलिए में अक्सर उनको देख ही लेता हूँ। दोस्तों शादी के बाद करीब 4-6 महीने तक तो उनकी नई पत्नी घर से बाहर आती ही नहीं थी, लेकिन बाद में धीरे धीरे वो बाहर आने लगी, उनके घर में पति पत्नी और एक नौकरानी है और वो नौकरानी तो सुबह शाम को आकर उसका काम खत्म करके अपनी घर पर चली जाती है और उसके चले जाने के बाद डॉक्टर सलीम और उनकी पत्नी पूरे घर में अकेले ही रहते है और अभी उनकी नई नई शादी हुई है इसलिए उनके घर में अभी कोई बच्चे भी नहीं है। दोस्तों सलीम कहने को तो एक डॉक्टर है, लेकिन वो बहुत ही पतले दुबले आदमी है और उनकी पत्नी उनके शरीर से बिल्कुल उलटी है, उनका जिस्म बहुत ही भरा हुआ है और उनके बूब्स की ऊँचाइयाँ उनकी सुन्दरता को और भी बड़ा देती है, क्योंकि वो मेरे घर के पास वाले घर में रहते थी इसलिए मेरी उनसे हर कभी बातचीत तो होती ही रहती थी और में उन्हे नजमा भाभी कहता था।

दोस्तों शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन कुछ ही समय के बाद उन दोनों में हर एक छोटी छोटी बातों को लेकर लड़ाई, झगड़े होने लगे थे, जिसमें मुझे बाद में नजमा भाभी से पता चला यह बात उन्होंने मुझे कही। दोस्तों में एक बार और बता दूँ कि उनकी छत मेरी छत के बराबर है, मतलब हम दोनों की छत के बीच में बस एक दीवार का ही फासला है, लेकिन उनकी छत पर भी एक रूम भी बना हुआ है और यह अभी तीन महीने पहले की बात है। उस समय गर्मियो के दिन थे और कुछ ज्यादा ही गर्मियां थी, इसलिए हम लोग कभी कभी ऊपर छत पर सोने चले जाते थे और उस दिन भी ठीक वैसा ही हुआ। में जब उस रात को अपनी छत पर सोने गया तो मैंने देखा कि पास की छत पर डॉक्टर साहब की पत्नी जिनका नाम नजमा था वो भी उनकी छत पर खड़ी हुई थी और वो किसी सोच विचार में लगी हुई थी।

उस समय उन्होंने मेक्सी पहन रखी थी और वो बहुत ही हल्की और जालीदार मेक्सी थी, जिससे उनके शरीर के गोरे अंगो को बाहर से भी देखा जा सकता था, लेकिन उस समय छत पर बहुत कम रोशनी होने की वजह से में उनके शरीर को ठीक तरह से देख नहीं पा रहा था, लेकिन कुछ भी हो वो मुझे थोड़ी दूर से ही सही, लेकिन बहुत अच्छी लग रही थी इसलिए में हमेशा उनसे बातें करने के नये नये मौके देखा करता था। उस रात को भी मैंने ठीक वैसा ही किया और मैंने सही मौका देखकर उनसे बातें करना शुरू किया और मैंने उनसे पूछा कि नजमा भाभी क्या आप लोगों ने खाना खा लिया? तो उन्होंने कहा कि हाँ हमारा खाना पीने का काम तो खत्म हो गया है बस अब में सोने की तैयारी कर रही हूँ। 

तभी मैंने उनसे पूछा कि क्या आप लोग हर रात को ऊपर छत पर ही सोते है? तब उन्होंने कहा कि हाँ, लेकिन कभी कभी जब कभी नीचे गर्मी ज्यादा होती है तो हम दोनों छत पर ही सो जाते है। अब मैंने उनसे पूछा कि सलीम भाई कहाँ है क्या वो नीचे है या कहीं बाहर गये है? तब उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ देर पहले मेरे साथ खाना खाकर वो तो अपनी बहन के यहाँ पर गये हुए है, उन्हें कोई जरूरी काम था और वो कल सुबह तक वापस आ जाएँगे, तब मैंने उनकी पूरी बात को सुनकर उनसे पूछ लिया तो क्या आप आज घर में अकेले है? वो तुरंत बोली कि हाँ और तब मैंने उनसे पूछा कि क्या आपको अकेले में इतने बड़े घर में रहने में डर नहीं लगता? तो नजमा भाभी ने मुझसे कहा कि हाँ नीचे मुझे बहुत डर लग रहा था इसलिए तो में छत पर चली आई और अब मुझे नींद भी नहीं आ रही है।

फिर मैंने उनसे कहा कि हाँ मुझे भी तो नींद नहीं आ रही है और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि तुम एक काम करो तुम भी मेरी छत पर आ जाओ और हम दोनों थोड़ी देर बैठकर बातें हंसी मजाक करते है उसके बाद जब तुम्हे नींद आने लगे तो तुम सोने चले जाना और अब में मन ही मन बहुत खुश होकर उनके कहने पर उनकी छत पर उस दीवार को खुदकर चला गया और उन्होंने मेरे जाते ही उस रूम के अंदर से एक छोटा सा पलंग बाहर निकाला और मुझसे कहा कि हाँ चलो अब बैठ जाओ हम बैठकर बातें करते है और में उनके कहने पर उस बेड पर बैठ गया तो वो भी मेरे पास में आकर बैठ गई और हम लोग पहले तो ऐसे ही इधर उधर की बातें और हंसी मजाक करते रहे मुझे उनसे आज पहली बार इतनी पास बैठकर बातें करना बहुत अच्छा लगा और में मन ही मन बहुत खुश था क्योंकि यह मेरा उनसे बिल्कुल पास चिपककर बैठने का मौका पहला था।

फिर अचानक से उन्होंने मुझसे पूछा कि अब आप मुझे सच सच यह बात बताइए कि आपकी कितनी गर्लफ्रेंड्स है? तो मैंने उनसे कहा कि अगर में सच बताऊँ तो मेरी गर्लफ्रेंड एक भी नहीं है। तभी उन्होंने मुझसे कहा कि इसका मतलब आपने कभी भी अपनी लाइफ में कोई मज़ा मस्ती नहीं किया? तब मैंने उनसे कहा कि नहीं ऐसी कोई भी बात नहीं है मैंने मज़े और मस्तियाँ तो बहुत बार किया है। फिर वो मुझसे पूछने लगी कि किस तरह का मज़ा किया है ज़रा हमें भी तो बताए हम भी तो सुने आपकी कहानी कि आपने अब तक कैसे कैसे मज़े लिए है जरा खुलकर हमें बताए? 

अब उनके इस सवाल को सुनकर में थोड़ा सा शरमा गया और में मन ही मन सोचने लगा कि अब में क्या जवाब दूँ और इनको क्या बताऊँ और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया। तभी वो मुझसे बड़े ही प्यार से मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहने लगी कि अरे लगता है तुम तो मुझसे शरमा रहे हो और तुम तो मुझे हमेशा अपनी भाभी कहते हो तो फिर मुझसे कैसा शरमाना? और अब उनका हाथ धीरे धीरे मेरे सर से मेरे गालों पर आ गया था और वो बड़े प्यार से मेरे गालों पर अपना हाथ फेर रही थी। फिर मैंने महसूस किया कि उनके हाथ बहुत ही मुलायम थे और जब उन्होंने मेरे गालो को अपने नरम हाथों से छुआ तो मेरे पूरे शरीर के अंदर एक अजीब सी सनसनी होने लगी थी, जिसकी वजह से में और थोड़ा सा पीछे हटकर बैठ गया और वो समझ गई कि में अब भी शरमा रहा हूँ।

तभी उन्होंने अचानक से एक बार फिर मुझसे पूछा कि क्या आपने कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है? तो दोस्तों में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत ज्यादा चकित हुआ, क्योंकि मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था कि में कभी उनके मुहं से ऐसे भी शब्द सुन सकता हूँ और वो मुझसे क्या कभी ऐसे भी सवाल पूछ सकती है और मुझसे एकदम खुलकर बातें भी कर सकती है। मेरे दिमाग में इस तरह के बहुत सारे सवाल घर कर रहे थे, लेकिन मैंने मन ही मन सोचा कि जब उसको मुझसे यह बात पूछने में किसी भी तरफ की कोई झिझक कोई शरम नहीं है तो में क्यों करूं? और फिर मैंने बहुत खुश होकर कहा कि हाँ देखा तो है, लेकिन कभी जी भरकर नहीं देख पाया और वैसे तो में ब्लूफिल्म में कितनी बार देख लेता हूँ, लेकिन जो मज़ा अपनी आखों के सामने देखने में है वो फिल्म में नहीं है। 

फिर मेरी बातें सुनकर वो हंसते हुए बोले कि क्यों आप बातें तो बहुत अच्छी कर लेते हो? मैंने कहा कि अगर आप जैसी कोई सुंदर औरत सामने बैठी हो तो बातें खुद ही अच्छी हो जाती है और वो बातें आप जैसी परी को अच्छी लगने लगे तो हम जैसो की किस्मत तो चमक ही जाए और अब मैंने महसूस किया कि बातें करते करते नजमा भाभी का हाथ अब मेरे गालों से नीचे सरकता हुआ मेरी छाती तक आ गया था और वो मेरी छाती पर हाथ फेरते हुए बड़े ही प्यार से मुझसे कहने लगी और पूछने लगी क्या तुमने कभी किसी के साथ चुदाई की है? दोस्तों नजमा भाभी के मुहं से एकदम से चुदाई जैसे शब्द सुनकर में तो एकदम चकित हो गया क्योंकि मुझे विश्वास नहीं था कि वो इतनी जल्दी मुझसे यह सभी बातें भी पूछ सकती है? इसलिए में बहुत घबरा गया और मैंने अपना सर नीचे झुका लिया।

फिर उसके बाद वो मेरी जाँघो पर अपना एक हाथ फेरते हुए मुझसे कहने लगी कि में बहुत दिनों से अकेली हूँ क्या आप मेरा साथ देंगे? दोस्तों तब मैंने पहली बार अपनी भाभी की आँखो में आखें डालकर उनकी तरफ देखा तो सच में उनके चेहरे में उस समय एक बहुत ही अजीब ही कशिश थी इसलिए अब में बिना कुछ कहे भाभी के चेहरे को अपने हाथों से अपनी तरफ खींचते हुए उनके नरम गुलाबी होंठो पर किस करने लगा। तब उन्होंने अपनी दोनों आँखे बंद करके अपने आप को बिल्कुल फ्री छोड़ दिया जिसकी वजह से उनका पूरा शरीर मेरी बाहों में झुला झूलने लगा और तब में बहुत जल्दी समझ गया कि आज की रात मुझे जन्नत की सेर करने का वो मौका मिलेगा जिसका मुझे बहुत लंबे समय से इंतजार था। मतलब भाभी की चुदाई पक्की थी। फिर में बड़े आराम से नजमा भाभी के होंठो को चूसने लगा और अपने हाथ उनके बालो में फेरने लगा। में बहुत मज़े से उनके होंठो को चूस रहा था और फिर भाभी ने कुछ देर बाद धीरे से अपनी आखें खोल दी और मेरे मुहं में उन्होंने अब अपनी जीभ को डालकर बहुत मज़े से मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया और वो अपने हाथ से मेरी जांघो को भी सहलाने लगी थी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

दोस्तों नजमा भाभी की वो मेक्सी बहुत ही हल्की थी और उसमें से मुझे उनका पूरा गरम भरा हुआ जिस्म अब साफ साफ दिख रहा था, जिसको देखकर में उसको छूने के लिए ज्यादा पागल हो रहा था और में हम दोनों का वो जोश देखकर अपने हाथ को उनके बालों से हटाकर उनके बूब्स पर रखकर उनको सहलाने लगा जिसकी वजह से वो हल्के से आअह्ह्हहह उफफ्फ्फ्फ़ साहिल हाँ थोड़ा और ज़ोर से दबाओ कहने लगी। फिर मैंने बिना कुछ कहे उनके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए उनकी मेक्सी के ऊपर का हिस्सा दो बटन खोल दिए और अब उनके बूब्स मेरी आखों के सामने थे। में उनके बड़े बड़े गोरे बूब्स और उसकी गुलाबी कलर की निप्पल को देखकर तो में अपने काबू में नहीं रहा और में जल्दी से उनके बूब्स को अपने होंठो से चूसने लगा। पहले तो में उनके निप्पल के साथ खेलता रहा और फिर जब मैंने उनके बूब्स को अपने पूरे मुहं में लेकर ज़ोर से ज़ोर दबाकर उनका रस निचोड़कर चूसना शुरू किया तो वो आअहहह उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूसो इनका पूरा रस चूस लो मेरे साहिल मेरी जान और ज़ोर से साहिल आउूउफफफ हाँ ठीक ऐसे ही चूसते रहो। दोस्तों उनके बूब्स इतने नरम मुलायम थे कि में शब्दों में आप लोगों को क्या बताऊँ? में उनको बहुत देर तक चूसता दबाता रहा। 

फिर मैंने अपना एक हाथ उनकी चूत पर पेंटी के ऊपर से रख दिया और अब में उनकी चूत को हल्का हल्का सहलाने लगा। फिर थोड़ी ही देर में मुझे महसूस हुआ कि उनकी चूत अब पूरी गीली हो चुकी है इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी पूरी मेक्सी को जल्दी से खोल दिया। मैंने जैसे ही मेक्सी को खोल दिया मुझे काली कलर की ब्रा के पीछे छुपे हुए गोरे बूब्स दिखने लगे। तभी नजमा भाभी मुझसे कहने लगी कि यहाँ नहीं उस रूम के अंदर चलो, यहाँ पर किसी ने हमें यह सब करते हुए देख लिए तो मेरे लिए तो बहुत बड़ी मुसीबत हो जाएगी। अब मैंने उनसे कहा कि हाँ ठीक है और फिर में उनको अपनी गोद में उठाकर अंदर के रूम में ले गया और मैंने देखा कि अंदर एक और पलंग लगा हुआ था और उसके पास में एक टेबल रखी हुई थी, जिस पर कुछ गंदी किताबे रखी हुई थी। मैंने एक किताब को उठाकर खोलकर देखा तो उसमे पूरी नंगी चुदाई की बहुत सारी तस्वीर थी।

फिर मैंने उनसे पूछा कि क्या यह किताबे यहाँ पर आपने रखी है? तो वो मुझसे कहने लगी कि नहीं, सलीम का लंड इतनी जल्दी खड़ा नहीं होता है तो वो इन किताबो में नंगे फोटो देखकर जोश में आकर अपना लंड खड़ा करते है, यह सभी किताबे उनकी है, लेकिन उन सबके क्या फायदे वो बस दो मिनट में ही झड़कर हल्के हो जाते है और उन्होंने आज तक कभी भी मेरी चूत को चुदाई की वो संतुष्टि नहीं दी है, इसलिए मेरी चूत हमेशा अंदर ही अंदर उस कामवासना की आग में जलती रहती है, अब तुम ही बताओ में क्या करूं? इसलिए में तुम्हारे साथ आज यह सब करना चाहती हूँ और मुझे पूरी उम्मीद है कि तुम मेरी उम्मीद पर खरे जरुर उतरोगे। अब मैंने बिना कुछ बोले उनको बेड पर लेटाकर में उनके पास में जाकर उनके बूब्स को फिर से चूसने लगा और सहलाने लगा और वो मेरे सर को अपने बूब्स पर ज़ोर से दबा रही थी और कुछ बड़बड़ा रही थी उफ्फ्फ्फ़ हाँ और ज़ोर से चूस, आज पूरा चूस ले मेरा आअह्ह्ह्हहह हाँ ऐसे ही चूसते रहो।

दोस्तों अब नजमा भाभी पूरी तरह से जोश में आकर बहुत मस्त हो चुकी थी, इसलिए मैंने बिना समय खराब किए उनकी चूत को अपने हाथों से सहलाना शुरू किया और फिर धीरे से मैंने अपनी एक उंगली को उनकी चूत के अंदर डाल दिया और तब मैंने महसूस किया कि उनकी चूत पूरी तरह से गीली, बहुत गरम थी, इसलिए मेरी पूरी उंगली फिसलकर चूत के अंदर चली गई और फिर मैंने अपनी दो तीन उंगली को एक साथ चूत के अंदर डाल दिया, लेकिन चूत गीली होने की वजह से वो भी बड़े आराम से अंदर चली गई और अब में अपनी उंगली को उनकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। तभी उन्होंने कुछ देर बाद अचानक से मेरे हाथ को पकड़कर रोक दिया तो में तुरंत समझ गया कि अब भाभी कुछ ज्यादा गरम हो गई है। फिर मैंने झट से अपना मुहं भाभी की मुलायम और नाजुक चूत पर रखकर पहले तो चूत के चारों तरफ किस किया और फिर हल्के से अपनी जीभ को मुहं से बाहर निकालकर भाभी की चूत के छेद पर लाकर चूत को चूसने लगा और चूत के दाने को टटोलने लगा।

मुझे यह सब करना बहुत अच्छा लग रहा था और जिसकी वजह से भाभी ने पूरी तरह से गरम होकर मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबाते हुए मुहं पर अपनी चूत के हल्के से धक्के मारते हुए बोले जा रही थी आअह्ह्हहह वाह मुझे आज पहली बार यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा है, मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि सेक्स का यह भी तरीका हो सकता है उफ्फ्फ्फ़ क्योंकि मेरे पति चुदाई करने में नाकाम है तो वो यह सब क्या करेंगे, उन्होंने तो मुझे चुदाई का वो सुख ही नहीं दिया, जिसके लिए में अब पागल हो चुकी हूँ, आह्ह्ह्ह साहिल हाँ तुम बस ऐसे ही मेरी चूत को चूसते रहो उूफफफफ्फ़ आहह्ह्ह्हह हाँ और ज़ोर से और ज़ोर से ऊईईईईई ऊऊहह हाँ और चूस मेरी चूत का पूरा रस चूस लो और में अब और ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत को चूसने लगा और नजमा भाभी मेरे मुहं को अपनी चूत पर धक्का लगा लगाकर मेरा पूरा पूरा साथ दे रहे थी, लेकिन तभी मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि अचानक से भाभी के धक्को की स्पीड ज्यादा तेज हो गई और ऊऊऊहह आआह्ह्हहह और फिर उन्होंने अपने एक हाथ से मेरे मुहं को अपनी चूत पर ज़ोर से दबा दिया और फिर मेरे देखते ही देखते भाभी हल्की हो गई और उनकी चूत से बाहर निकलने वाले रस को मैंने बड़े मज़े से पूरा चूस लिया और अब मैंने वहां से बाहर आकर अपना मुहं धोकर में दोबारा उनके पास आ गया, वो तब तक वैसे ही चुपचाप लेटी हुई थी। 

फिर में उनके पास में जाकर लेट गया और फिर वो मेरी तरफ घूम गई और उन्होंने मेरे बनियान को मेरे शरीर से अलग कर दिया और मेरे पजामे को भी उतार दिया जिसकी वजह से अब मेरा लंड पूरी तरह से बाहर होकर अब बिल्कुल आज़ाद हो गया था। फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथों में लेते हुए मुझसे बोला कि लंड हो तो ऐसा और मुझे तो इसको देखते ही मज़ा आ गया और फिर वो हल्के हल्के मेरे लंड को हिलाने लगी और फिर मेरे ऊपर आकर मेरी छाती पर किस करने लगी तो में और भी ज्यादा गरम होकर उनसे लिपट गया। 

पहले वो मेरे सीने पर किस करती रही और फिर वो किस करते करते मेरे पेट और फिर मेरी जांघो पर किस करने लगी और फिर मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाते हुए उन्होंने अपने मुहं के पास ले जाकर मेरे लंड पर एक किस कर लिया। दोस्तों उनके नरम होंठो का स्पर्श पाकर तो मानो मेरा लंड और भी ज्यादा टाईट हो गया। फिर बड़े प्यार से नजमा अपनी जीभ को बाहर निकालकर मेरे लंड पर फेरने लगी और जब वो अपनी जीभ को मेरे लंड पर फेर रही थी तब तो में अपने काबू से बाहर होने लगा था। तब उन्होंने मेरी हालत को देखकर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर उसे चूसने लगी। पहले तो उन्होंने मेरे आधे लंड को अपने मुहं में लिया और फिर मैंने एक झटका मार दिया, जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड उनके मुहं में चला गया और वो गूं गूं करने लगी। फिर उसके बाद मैंने थोड़ा सा लंड को बाहर निकाला तो भाभी अपनी जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी।

अब मेरा कंट्रोल पूरा खोने लगा था और मुझे लगा कि अब में बस झड़ जाऊँगा, तभी भाभी ने लंड को अपने मुहं से बाहर निकालकर मुझे देखते हुए वो मुझसे पूछने लगी क्यों साहिल अच्छा लग रहा है या नहीं? तो मैंने कहा कि हाँ मुझे बहुत अच्छा लग रहा है और फिर मैंने तुरंत उनको अपने ऊपर खींच लिया और उनके होंठो पर ज़ोर से किस करने लगा और फिर उनको अपने नीचे करके में उनके दोनों पैरों के बीच में आकर उनके दोनों पैरों को उठाकर अपने कंधे पर रख लिए जिसकी वजह से अब उनकी चूत का छेद गुलाब की पंखुड़ियों की तरह पूरा खुलकर बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। फिर मैंने भाभी की चूत में पहले अपनी दो उँगलियों को डालकर उसे अंदर बाहर करने लगा। फिर उसके बाद मैंने अपनी उंगली को चूत से बाहर निकालकर उनकी चूत के छेद पर अपना लंड रखकर ज़ोर का धक्का मारा जिसकी वजह से मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में फिसलता हुआ अंदर चला गया और वो ज़ोर से चिल्ला उठी आह्ह्ह्ह में मररर्र्र्र्ररर गई ऊउऊहह आह्ह्हहह मर गई। 

मैंने फिर से एक और ज़ोर का एक झटका और मार दिया और में अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डालकर करीब दो मिनट ऐसे ही रुक गया और वो आहहह्ह्ह्ह उफ्फ्फ वाह क्या मज़ा है? फिर वो धीरे धीरे सिसकने लगी और उसके बाद मैंने अपने लंड को थोड़ा सा बाहर निकालकर फिर से झटका मार दिया। फिर भाभी कह उठी हाँ साहिल फाड़ दो आज तुम मेरी चूत को, में पिछले दो महीने से प्यासी हूँ।

आज तुम मेरी चूत की प्यास को बुझा दो और ज़ोर से धक्के देकर चोदो तुम मेरी चूत को। दोस्तों उनके मुहं से यह शब्द सुनकर मेरे अंदर और भी ज्यादा जोश आ गया, जिसकी वजह से में और भी ज़ोर से उनकी चूत को लगातार धक्के देकर चोदने लगा और नजमा भी अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ देने लगी और थोड़ी देर बाद उन्होंने उनकी कमर को ऊपर उठाने के स्पीड को भी बहुत तेज होकर अचानक से वो शांत हो गई तो में समझ गया कि नजमा भाभी अब झड़ चुकी है, लेकिन में अब भी नहीं झड़ा था और इसलिए में ज़ोर ज़ोर से उनकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा। फिर थोड़ी देर बाद में भी झड़ने के करीब आ गया तो मैंने उनसे कहा कि में अब झड़ने वाला हूँ आप मुझे बताए कि में अपने वीर्य का क्या करूं?

तब उन्होंने मुझसे कहा कि कोई बात नहीं है तुम अपना वीर्य मेरी चूत में ही गिरा दो और मैंने ठीक वैसा ही किया। में देखते ही देखते उनकी चूत में झड़ गया और मैंने अपना एक एक बूंद वीर्य उनकी चूत की गहराई के अंदर जाने दिया। दोस्तों मेरे झड़ने के बाद दो चार मिनट तक तो में उनके ऊपर ही लेटा रहा। फिर उसके बाद में उठकर उनके पास में आकर लेट गया तो नजमा ने जल्दी से उठकर अपनी जीभ से मेरे लंड को चाट चाटकर साफ किया और उसके बाद वो बाथरूम में चली गई। में वहीं पर थोड़ी देर तक तो लेटा रहा और जब नजमा वापस आई तो मैंने उनसे कहा कि में अब अपनी छत पर जा रहा हूँ और जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो उस समय रात के 3.30 बज रहे थे और में उनसे कहकर अपनी छत पर जाने लगा। 

फिर तभी नजमा ने मुझसे पूछा कि आप रोज रात को छत पर ही सोते है? मैंने कहा कि कभी कभी में ऊपर आ जाता हूँ, तो वो मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगी कि आप कल फिर से रात को ऊपर छत पर आ जाना। तो मैंने कहा कि हाँ ठीक है, लेकिन क्या आप मेरी एक बात मानोगे? अब नजमा मुझसे पूछने लगी कि वो क्या? मैंने कहा कि जब आपकी चूत इतनी मस्त है तो आपकी गांड कैसी होगी? इसलिए में एक बार आपकी गांड भी मारना चाहता हूँ। तब वो हंसकर मुझसे कहने लगी बस इतनी सी बात, अब मैंने उनसे पूछा कि क्या सलीम भाई ने कभी आपकी गांड मारी है? तो वो बोली कि अरे वो मुझे ठीक से चोद नहीं पाते है तो वो मेरी गांड क्या मारेंगे और यह बात कहते हुए उन्होंने मुझे अपनी तरफ खींचकर मेरे होंठो पर किस कर लिया ।।

पिज़्ज़ा वाले ने पिज़्ज़ा मेरी चूत में और लंड मुँह में डाला pizza wale ne pizza meri chut me or lund muh me dala

पिज़्ज़ा वाले ने पिज़्ज़ा मेरी चूत में और लंड मुँह में डाला pizza wale ne pizza meri chut me or lund muh me dala, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

मेरा नाम रेशमा शर्मा है मेरी उम्र १८ साल है, मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव की रहने वाली हु 12th की पढाई पूरी करने के बाद मैं लखनऊ आ गयी आगे कॉलेज के पढाई करने के लिए मैंने बी ए में एडमिशन लिया है। जब मैं यहाँ आयी तो पापा मेरे साथ आये थे और मुझे गर्ल्स हॉस्टल की जगह प्राइवेट एक कमरे का रूम किराये से दिलवा दिया।

मैं कॉलेज जाना शुरू की और वहाँ मैं देखी सभी लड़कियों के बॉय फ्रेंड्स है वहाँ जल्दी ही मेरी कुछ सहेलियां बन गयी और ऐसे ही एक सप्ताह निकल गया मुझे कॉलेज में बहोत मजा आ रहा था नया शहर मुझे बहोत अच्छा लगा क्यों की मैं यहाँ आजाद थी, घर पर मुझे कही भी जाने की इजाजत नहीं मिलती पापा मम्मी हमेशा मुझ पर नजर रखते थे इसलिए मेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं था।

मैं घर पर मम्मी पापा को बहोत बार सेक्स करते देख चुकी थी और मेरी भी चुदाई की इक्षा होती थी लेकिन पापा से डर से मुझे किसी से चुदवाने की हिम्मत नहीं हुई, पापा ने मुझे यहाँ लखनऊ में अलग रूम इसलिए दिलवाया था ता की मैं गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों के साथ बिगड़ न जाऊ। 

यहाँ उन्होंने मकान मालिक को मेरा ध्यान रखने को कहा था और मकान मालिक आते जाते मुझ पर नजर रखता था मेरा मकान मालिक यही कोई ५५ साल का था जिसे मैं ताऊ जी बुलाती थी।

कॉलेज से निकलने के बाद मैं कुछ टाइम अपने सहेलियों के साथ पार्क में जाती थी, वहाँ मेरी एक सहेली में मुझे बताया की वो कैसे अपने बॉय फ्रेंड से चुदवाती है और उसे कितना मजा आता है, ये सब सुन कर मेरी चुदवाने की खुजली और बढ़ गयी लेकिन मैं डर की वजह से कुछ कर नहीं सकती थी। 

फिर मैं सोचने लगी जैसे लड़के लोग रंडियों को पैसा दे कर चोदते है ऐसे ही कोई पैसे ले कर चोदन वाला लड़का मिल जाये तो मैं भी चुदवा लेती।

रविवार का दिन था कॉलेज की छुट्टी थी मैं घर पर थी मकान मालिक अपने फॅमिली को लेकर बहार घूमने गए हुए थे, मैं घर पर बैठे ऊब रही थी तभी मेरे मेरे मोबाइल पर पिज़्ज़ा कंपनी का मैसेज आया ५०% डिस्काउंट का और मैं सोची आज खाना नहीं बनती और पिज़्ज़ा आर्डर कर दी। तभी मुझे याद आया पिज़्ज़ा देने तो कोई लड़का आएगा अगर मैं पिज़्ज़ा डिलीवरी वाले को पटा कर चुदवा लू तो मजा आ जायेगा आज मौका भी है।

पिज़्ज़ा आने में ३० मिनट का समय था मैं सोचने लगी कैसे करू की वो पिज़्ज़ा वाला लड़का मुझे चोदने को तैयार हो जाये और मुझे एक आईडिया आ गया। मैं पूरी नंगी हो कर टॉवल लपेट कर बैठ गयी और इन्तजार करने लगी कुछ देर बाद डोर बेल बजी मैं समझ गयी पिज़्ज़ा वाला आया है और मैं दरवाजा खोली तो देखी एक पतला दुबला सा लड़का यही कोई २२ या २३ साल का होगा पिज़्ज़ा लेकर खड़ा है मैं उसको अंदर आने को बोली वो जैसे अंदर आया मैं पिज़्ज़ा लेकर टेबल पर रख दी और उसको बैठने को बोली पहले वो मना करने लगा फिर बैठ गया मैं उसको बोली अभी रुको मैं पैसा निकल कर देती हु। वो लड़का नजरें चुरा कर मुझ और मेरी नंगी टांगों को देखे जा रहा था तभी मैंने टॉवल गिरा दिया और टॉवल गिर जाने का नाटक कर के नंगी हो गयी वो मुझे नंगी देख कर खड़ा हो गया और मुझे घूरते हुए नज़ारे घुमा लिया मैं जल्दी से टॉवल उठा कर फिर से लपेट ली।

मेरी नजर उसके पेन्ट पर गयी उसका लंड खड़ा हो गया था और ऊपर से फुला हुआ दिख रहा था मैं समझ गयी मेरा काम हो चूका है और मैं जा कर दरवाजा लॉक कर दी वो चुपचाप खड़ा था। मैं उसको लिपट गयी और किस करने लगी अभी भी वो वैसे ही चुपचाप खड़ा था। मैं अपना टॉवल खोली और बोली क्या हुआ मैं अच्छी नहीं लगी क्या ?

वो लड़का बोला नहीं मैडम आप बहोत सुन्दर हो मैं बोली सिर्फ मैं सुन्दर हु और कुछ नहीं ?
उसने कहा मैडम आप का सब कुछ सुन्दर है और आकर मुझे पकड़ लिया और मेरे बूब्स चूसने लगा मैं पुरे जोश में आ गयी और मेरी चुत से पानी आने लगा।

मैं जल्दी से उसके कपडे उतारने लगी जैसे ही मैं उसका चड्डी उतारी एक मस्त मोटा लम्बा सा पूरा खड़ा हुआ लंड मेरे सामने था वो लड़का जितना पतला था उसका लंड उतना ही मोटा था मैं थोड़ा डर गयी इतने मोटे लंड से कही मेरी चुत फट ना जाये, लेकिन आज मुझे चुदना ही था। इसलिए मैं उसका लंड चूसने लगी और वो मेरे बूब्स मसल रहा था इसके बाद मैं लेट गयी और उसको मेरी चूत चाटने को बोली वो उठा और पिज़्ज़ा का बॉक्स ओपन कर के के पिज़्ज़ा का टुकड़ा ले कर मेरी चूत पर रख दिया और पिज़्ज़ा का क्रीम अपने लण्ड पर लगा कर बोला ६९ पोजीशन में करते है मैं समझ गयी वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे मुँह में क्रीम लगा हुआ लंड डाल दिया और मेरी चुत के ऊपर रखा हुआ पिज़्ज़ा खाते हुए मेरी चूत चाटने लगा।

मैं पहली बार चुदने वाली थी इसलिए डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था। ५ मिनट तक हम एक दूसरे का चूसते रहे उसके बाद वो उठा और बोलै मैडम आप लेट जाओ आज मैं आप को चोद कर आप को खुश कर दूंगा मैं बोली मैं अभी कुवारी हूँ आराम से करना वो बोला मैडम आप डरो मत मैंने पहले भी कुवारी लड़कियों को चोदा है आज आप के चूत की पूरी खुजली मिटा दूंगा और वो मेरे ऊपर आ गया मेरे चूत में उसने थूक लगाया और मेरे ऊपर चढ़ कर लन्ड चूत पर रख कर जोर का एक धक्का दिया उसका मोटा लंड आधा मेरी चूत में चला गया और दर्द से मेरे आँसू निकलने लगा वो रुक गया और मेरे बूब्स को चूसने लगा २ मिनट बाद मुझे दर्द काम हुआ तब तक वो मेरे बूब्स चूसे जा रहता था मुझे मजा आने लगा और मैं बोली अब चोदो मुझे और उसने एक और जोर का झटका दिया इस बार उसक पूरा लंड मेरी चूत में था और वो धीरे धीरे मुझे चोद रहा था अब मुझे मजा आने लगा।
आह आह आह उह इस आउच और जोर से चोदो और जोर से आह मजा आ रहा है। 

वो लड़का मुझे जोर जोर से चोदने लगा और ५ मिनट बाद उसने लंड बहार निकाला और मेरी चूत के ऊपर लंड का पानी निकाल दिया लेकिन अभी भी मेरी प्यास अधूरी थी मैं बोली मेरा अभी हुआ नहीं और मैं फिर से उसका लंड चूसने लगी उसके लंड पर वीर्य लगा हुआ था जिसका टेस्ट पहले मुझे अच्छा नहीं लगा बाद में मजा आने लगा और मैं उसका लंड चूसती रही उसका लंड ५ मिनट में फिर से खड़ा होने लगा और वो बोला मैडम आप घोड़ी बन जाओ।

मैं घोड़ी बन गयी पहले तो वो मेरी गांड को चाटने लगा और फिर उसने मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया और मुझे फुल स्पीड से चोदने लगा इस बार मुझे और ज्यादा मजा आने लगा मैं भी साथ में धक्के देने लगी और १० मिनट की चुदाई हुई होगी मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं उसको लंड बाहर निकालने को बोली और उसका लंड चूसने लगी इस बार मैं उसके लंड का पूरा माल पीना चाहती थी २ मिनट में उसने लन्ड का सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया और मैं पूरा गटक गयी।

आज मेरी पहली चुदाई हुई थी मुझे बहोत मजा आया और मैं खुश थी वो लड़का भी बहोत खुश नजर आ रहा था। मैं उसका नाम पूछी तो उसने अपना नाम राकेश बताया और बोला उसने पहली बार पिज़्ज़ा देते हुआ किसी को चोदा है। मैं उठ कर पैसे निकालने लगी और उसको पिज़्ज़ा का १५० रूपए दे दी वो लड़का बोला मैडम आप को कभी भी मेरी जरुरत हो तो बता देना उसने मुझे अपना नंबर दिया और कपडे पहन कर चला गया, मैं अभी भी नंगी थी और चुदाई को याद कर के खुश हो रही थी।

उसके बाद जब भी मैं घर पर होती और मकान मालिक अपनी फॅमिली के साथ बाहर होता, मैं राकेश को बुला कर खूब चुदती थी। एक दिन मैं राकेश से चुदवा रही थी तभी मकान मालिक आ गया और आगे की स्टोरी अगले पार्ट में।

दोस्तों आगे मैं आप को बताउंगी कैसे उस बुड्ढ़े ताऊजी ने मुझे चोदा और अपने बुड्ढे दोस्तों से मुझे चुदवाया तब तक के लिए बाय बाय।

मकान मालिक की बीवी की चूत चाट के चुदाई Makan malik ki biwi ki chut chat ke chudai

मकान मालिक की बीवी की चूत चाट के चुदाई Makan malik ki biwi ki chut chat ke chudai, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हाय, आप सब सेक्स स्टोरी को पसंद करने वाले साथियों को सानू का नमस्कार! मैं दिल्ली से इंजीनियरिंग कर रहा हूँ. मैं साढ़े पांच फुट का एक तगड़े हथियार का मालिक हूँ.. जो किसी भी बुर, चुत फ़ुद्दी को पूरी तरह से संतुष्टि देने की ताक़त रखता है.
बात उस टाइम की है जब मैं पढ़ाई करने हॉस्टल से बाहर एक किराए के कमरे में रहने आया था. मैं हमेशा अकेला ही रहना ज़्यादा पसंद करता हूँ, इसलिए मैंने एक सिंगल रूम ढूँढ कर किराए पर ले लिया. मेरे मकान-मलिक थोड़ा पैसों के अधिक लालची थे, उन्होंने मेरे रूम का किराया मुझसे 2 गुना लिया, जबकि यह कमरा और कमरों की तुलना में काफी छोटा था. चूंकि उस वक्त मुझे कमरे की सख्त जरूरत भी थी, इसलिए मैंने उनकी बात मान ली.

उनकी फैमिली में 2 बेटे और 2 बेटियां थीं. बड़ी बेटी तो दिखने में कोई खास नहीं थी, लेकिन छोटी वाली मीनू तो गजब की माल लगती थी. उसका कातिल फिगर और मासूम सा चेहरा मुझे बहुत ही मस्त लग रहा था.

एक दिन मैंने उसे जब देखा तो ख्याल आया कि क्यों ना इसी से किराया वसूल किया जाए, तो मैं उसे पटाने में लग गया. उससे धीरे-धीरे बात शुरू हुई, तब पता चला कि उसका कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं है.

मैंने उस पर डोरे डालने शुरू कर दिए. वो भी अब धीरे-धीरे मेरी तरफ आकर्षित होने लगी.
एक दिन उसका बर्थडे था.. तो वो एक मिठाई का डिब्बा और आइसक्रीम लेकर मेरे कमरे में आ गई.
मैंने तो सोचा कि लगता है.. अब बात बन जाएगी. मैंने उसे बर्थडे विश किया और फिर उससे नॉर्मल बात हुई.
फिर अचानक मैं उसके होंठों से अपने होंठ को लगाकर किस करने लगा. अचानक से चूमने से तो वो भी हैरान हो गई लेकिन फिर उसने भी मेरा साथ देना शुरू कर दिया और हम दस मिनट तक ऐसे ही चिपके रहे.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मुझसे ज़्यादा उसे ही अपनी चुत चुदवाने की जल्दी है, क्योंकि उसने अगले ही पल मेरी जीन्स का बटन खोलकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और नीचे को बैठ कर मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया.
अब वो मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे लंड चूसने में उसने पीएचडी की हुई है.
तभी अचानक उसकी दीदी का फोन आया कि मम्मी को शक हो गया है और वो अब कमरे में आने वाली हैं, भागो वहाँ से.

वो इतना सुनते ही मेरे कमरे से जल्दी से भाग गई और मैंने भी जल्दी से अपनी पेंट ठीक की और किताब पढ़ने लगा. उसकी बहन का फोन आने से मुझे ये समझ आ गया था कि ये दोनों ही मुझे चुदवाने को एकदम रेडी हैं.
मीनू के जाते ही आंटी कमरे में आ गईं. मुझ पर चुदास चढ़ी हुई थी, सो मैं आंटी की उठी हुई चूचियों को देखने लगा.

क्या मस्त चूचियां तनी हुई थीं उनकी.. मेरा लंड फिर से अकड़ने लगा.
उन्होंने कमरे में आकर शक की नज़रों से इधर-उधर देखा, लेकिन जब उन्हें कुछ नहीं मिला तो वो जाने लगीं.
मैं उनकी मटकती हुई गांड देख कर पागल हो गया. फिर कुछ दिन ऐसे ही गुजर गए, मुझे मुठ मार कर ही काम चलाना पड़ता था.

एक दिन किस्मत ने भी मेरा साथ दिया. आंटी के फ्लैट से जुड़ा हुआ एक रूम था, वो रूम खाली हो गया और मैं अंकल की सहमति से उस कमरे में शिफ्ट कर गया.
उस कमरे का एक दरवाजा आंटी के फ्लैट में खुलता था, मैंने उसे अपनी तरफ से अन्दर से बंद कर दिया ताकि उन लोगों को कभी कोई शक या दिक्कत न हो.
इसके कुछ दिन बाद में कमरे में लेटा हुआ था कि अचानक किसी ने मेरे उसी अन्दर वाले दरवाजे पर दस्तक दी. मैंने झट से खोल दिया और वो जल्दी से मेरे रूम में आ गई.
जब मैंने देखा तो वो मेरी जान मीनू नहीं थी.. बल्कि आंटी थीं. उन्होंने मुझे कुछ सोचने का मौका भी नहीं दिया और मेरे ऊपर चढ़ गईं. अब वो लगीं मेरे शरीर पर हर जगह किस करने.. जैसे जन्मों की प्यासी हों, मैं चित्त पड़ा मजा लेता रहा.

कुछ देर बाद जब वो कुछ शांत हुईं, तो मैंने पूछा- ये क्या कर रही हैं आप?
तो उन्होंने कहा- आज कुछ मत बोलो.. बस होने दो, मैं बहुत प्यासी हूँ. मेरे हज़्बेंड शराब के नशे में डूबे रहते हैं.. तो इस वजह से अब उनमें वो दम नहीं रह गया है.
आंटी की बातें सुनीं तो मेरी तो बांछें खिल गईं. अब मुझे क्या फ़र्क पड़ता.. लंड के नीचे कोई भी हो.
मैं भी उनकी सेवा में लग गया.. हम दोनों एक-दूसरे के होंठ को खा जाना चाहते थे. उनकी सांसें फूल रही थीं और बहुत और सिसकारियाँ लिए जा रही थीं.
उसके बाद मैंने धीरे-धीरे उनके कपड़े उतारना शुरू किए और उन्होंने मेरे कपड़े उतारे. हम दोनों नंगे हो गए.. उन्होंने जैसे ही मेरे लंड को देखा तो खुशी से पागल हो गईं, आंटी कहने लगीं- हाय.. इतना मोटा लंड है तेरा.. तुम मेरी बेटी को चोदते तो वो तो मर ही जाती!

मुझे उनकी इस बात से अचानक से झटका लगा कि ये क्या बोल रही हैं, लेकिन वो अपने कंट्रोल में नहीं थीं. आंटी को बहुत चुदास चढ़ी हुई थी.
वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं, कुछ मिनट तक अपना लंड चुसाते हुए मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकाल लिया और उनको बिस्तर पर पटक दिया.
फिर मैंने आंटी की चूत चाटनी शुरू की तो आंटी ने अपनी टांगें हवा में उठा दीं और अपने चूतड़ों को उठाते हुए अपनी चूत मेरे मुँह में ठेलते हुए चुत चुसवाने लगीं.
क्या मस्त चूत थी.. एकदम टाइट और सफाचट, चुत पर एक भी बाल नहीं था. ऐसा लग रहा था कि जैसे मुझसे चुदवाने आंटी पूरी तैयारी के साथ आई थीं.

फिर मैंने उनके दोनों मम्मों को बारी-बारी से चूसने लगा, क्या रसीले चूचे थे यार.. मज़ा आ गया.
अब वो कहने लगीं- चोद दो मुझे.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… भोसड़ा बना दो मेरी चूत का.. फाड़ दो इसे.. बहुत दिनों से परेशान किए जा रही थी.. आज इसकी पूरी गर्मी निकाल दो..!
मैंने भी उन्हें घोड़ी बना दिया और अपना लंड उनकी चूत पर सैट करते हुए धक्का मारा.. तो लंड फिसल गया. क्योंकि चूत बहुत दिनों से नहीं चुदाने की वजह से बहुत टाइट हुई पड़ी थी.
मैंने फिर से लंड सैट किया और धक्का मारा तो इस बार चूत को फाड़ता हुआ अन्दर तक घुस गया. उनके मुँह से आवाज़ निकली.. लेकिन मैंने अपने होंठों से उनके होंठों को दबा दिया वरना क़यामत आ जाती.
फिर मैं आंटी को ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा.. और वो भी मेरे हर धक्के का जवाब अपनी गांड उठा-उठा कर दिए जा रही थीं.

करीब दस मिनट तक धक्कम-पेल चुदाई चलने के बाद मेरा माल अब गिरने वाला था, अब तक आंटी 2 बार झड़ चुकी थीं.
मैंने अपने धक्के और तेज कर दिए और 5 मिनट के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए.
फिर आंटी ने कपड़े पहने.. लंड पर चूमा लिया और कहा- अब अगली बार पूरी तैयारी के साथ आऊँगी.
मैं कुछ समझा नहीं.. लेकिन मैं भी थक गया था, सो मुझे भी नींद आ गई.
दोस्तो, अब अगली हिंदी सेक्स कहानी में बताऊँगा कि उनकी वो तैयारी क्या थी और फिर उसकी बेटी मीनू को भी चोदने का मौका मिला. फिर बाद में दोनों माँ-बेटी को कैसे जमकर मसला.. ये सब बड़े ही रसीले अंदाज में लिखी हुई एक सेक्स स्टोरी में आप सभी को पढ़ने मिलेगी.. तब तक के लिए अलविदा.

नौकरी के बहाने चाचा ने चोदा Naukari ke bahane chacha ne choda

नौकरी के बहाने चाचा ने चोदा Naukari ke bahane chacha ne choda, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम गीतांजलि है और में हरियाणा की रहने वाली हूँ, मेरी उम्र 26 साल है और में अभी तक बिना शादीशुदा हूँ, लेकिन कुँवारी नहीं हूँ। अब आप लोग समझते होंगे कुँवारी और शादीशुदा में फर्क। चलो यहाँ पर में पहली बार अपनी रियल लाईफ के बारे में लिख रही हूँ, आज में आप लोगों को अपनी पहली चुदाई के बारे में बताऊँगी। में अपनी पढाई पूरी करने के बाद जॉब ढूंढ रही थी। फिर मैंने एक स्कूल में टीचर की जॉब शुरू की, लेकिन में उस जॉब से संतुष्ट नहीं थी। में और मेरे पेरेंट्स कोई अच्छी जॉब चाहते थे जैसे बैंक की जॉब। मेरे एक चाचू है जो पंजाब में रहते है, उनका नाम रंजीत है और वो बहुत पैसे वाले है, इसलिए मम्मी ने उनसे मेरी जॉब के बारे में बात की। तो चाचू ने कहा कि ठीक है में गीतांजलि को एक बैंक में जॉब दिला दूँगा, मेरा एक जानकार है, में उससे बात करूँगा।

फिर 4-5 दिन के बाद चाचू का घर पर फोन आया कि उन्होंने अपने दोस्त से जॉब के बारे में बात की है। तो उस दोस्त ने मुझे गुरूवार को दिल्ली में इंटरव्यू के लिए बुलाया है। तो मम्मी ने कहा कि ठीक है ये गुरूवार को इंटरव्यू देने चली जाएगी। फिर मम्मी ने कहा कि लड़की का अकेले जाना ठीक नहीं होगा अगर आपको टाईम हो तो आप साथ में चले जाओ, तो चाचू ने कहा कि मुझे तो काम है में नहीं जा पाउँगा, लेकिन अपने फ्रेंड को फोन कर दूँगा कोई चिंता की बात नहीं है। तो मम्मी ने कहा कि जैसा आपको ठीक लगे। फिर मंगलवार को चाचू का फोन दुबारा से आया कि उनकी उनके दोस्त से बात हो गयी है, इंटरव्यू बुधवार को हो जाएगा और वो भी मेरे साथ दिल्ली चले जाएँगे। फिर ये सुनकर मम्मी ने कहा कि ठीक है, अच्छा है कि आप साथ चले जाएँगे, बात भी अच्छे ढंग से हो जाएगी।

फिर चाचू ने कहा कि वो शाम तक घर आ जाएँगे और दिल्ली के लिए सुबह जल्दी निकल जाएँगे। फिर वो शाम को 9 बजे घर पहुँच गये। फिर सुबह 5 बजे उठकर में और चाचू दिल्ली के लिए निकल गये और दिल्ली पहुँचकर चाचू ने मुझे ब्रेकफास्ट के लिए पूछा, तो मैंने कहा कि भूख तो लगी है। फिर हम दोनों एक रेस्टोरेंट में ब्रेकफास्ट के लिए बैठ गये। फिर मैंने देखा कि वो तो एक बार था, तो मैंने चाचू से कहा कि ये तो बार है। तो चाचू ने कहा कि सॉरी ध्यान नहीं दिया, चलो किसी और रेस्टोरेंट में चलते है और फिर हम दोनों दूसरे रेस्टोरेंट में चले गये और फिर हमने ब्रेकफास्ट किया। फिर उन्होंने अपने दोस्त को फोन किया तो उनके दोस्त ने कहा कि मुंबई से उनके बॉस आने वाले है उनके आने के बाद इंटरव्यू होगा। फिर चाचू ने मुझसे कहा कि जब तक उनके दोस्त के बॉस आए तब तक हम दिल्ली घूम लेते है और इस तरह हम 3 बजे तक दिल्ली घूमते रहे।

फिर मेरे कहने पर उन्होंने दुबारा से अपने दोस्त को फोन किया। तो उन्होंने कहा कि उनके बॉस की फ्लाइट लेट है, तो वो शाम तक आएँगे। तो चाचू ने कहा कि ठीक है हम 7 बजे ऑफिस पहुँच जाएँगे, तो दोस्त ने कहा कि ठीक है। फिर जब शाम को 7 बजे चाचू और में उनके दोस्त के ऑफिस पहुँचे, तो वो वहाँ नहीं था। फिर चाचू ने फोन करके पूछा, तो उनके दोस्त ने कहा कि उनके बॉस रात को यहीं पर आराम करेंगे तो वो एक रूम बुक करवा दें। फिर चाचू ने एक होटल में पहुँचकर एक रूम बुक करवा दिया। फिर चाचू मुझसे बोले कि अगर फ्रेश होना है तो हो लो। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, में फ्रेश हो लेती हूँ और फिर हम दोनों उस रूम में चले गये। फिर रूम में पहुँचकर में फ्रेश होने बाथरूम में चली गयी और फिर जब बाहर आई, तो चाचू कोल्डड्रिंक पी रहे थे और फिर उन्होंने मुझसे कोल्डड्रिंक के लिए पूछा तो मैंने कहा कि हाँ मुझे भी पीनी है। फिर उन्होंने एक गिलास में मुझे भी कोल्डड्रिंक डालकर दे दी।

अब कोल्डड्रिंक पीने के बाद मुझे नशा सा होने लगा था। तभी चाचू ने कहा कि थोड़ी देर लेट जाओ और वो मुझे पकड़कर बेड के पास ले गये और मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे सिर पर अपना हाथ घुमाने लगे। फिर धीरे-धीरे उनका हाथ मेरे गाल पर आ गया और अचानक से ही उन्होंने मुझे किस किया। तो में हैरान रह गयी तो मैंने कहा कि ये आप क्या कर रहे है चाचू? तो उन्होंने कहा कि क्या हुआ? कुछ ही तो नहीं हुआ, आजकल ये तो आम बात है, किसी को पता नहीं चलेगा? तो मैंने कहा कि नहीं ये सब मुझे पसंद नहीं है और आप मेरे चाचू है। फिर उन्होंने कहा कि इससे क्या फर्क पड़ता है? और ये कहकर वो मेरे पास लेट गये और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगे। फिर मैंने उन्हें रोकने की काफ़ी कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

अब मेरे अंदर काफ़ी कमज़ोरी आ गयी थी। अब उन्होंने उसका फायदा उठाकर मेरी शर्ट उतार दी थी और बोले कि ये इंटरव्यू तो बहाना था, में तुम्हें दिल्ली इसलिए ही लाया था, काफ़ी दिन से मेरी नजर तुम पर थी, में तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता था, लेकिन मौका नहीं लगा। फिर जब तुम्हारी मम्मी ने मुझे तुम्हारी जॉब के लिए कहा तो तब मुझे लगा कि ये मौका अच्छा है। अब ये सब सुनकर मुझे अपने कान पर विश्वास नहीं हो रहा था और ये कहकर वो मेरे बूब्स को आराम-आराम से दबाने लगे और बोले कि गीतांजलि इन्हें चूची कहते है और उन्होंने ये कहकर मेरी चूची बहुत ज़ोर से भींच दी। फिर उन्होंने मेरी ब्रा उतार दी और मेरे चूची को चूसने लगे और मेरे दूसरी चूची को मसलते रहे। फिर उन्होंने मुझे खड़ा करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए, उनका लंड काफ़ी बड़ा था। अब में उनके लंड को देखकर चीख पड़ी थी। फिर उन्होंने कहा कि चिंता मतकर गीतांजलि दर्द नहीं होगा, में आराम से डालूँगा और ये कहकर उन्होंने मुझे बेड पर लेटा दिया और मेरे पूरे शरीर को चूमने लगे। फिर उन्होंने मेरे पूरे शरीर को ऊपर से नीचे तक चूमा और फिर उन्होंने मेरी चूची को काटा भी। अब हम दोनों नंगे थे और में शर्मा रही थी, लेकिन चाचू जबरदस्ती कर रहे थे।

फिर उन्होंने देर ना करते हुए मेरे बूब्स को दबाने लगे। अब मेरी ब्राउन मोटी निप्प्ल टाईट हो गयी थी और वो तो चूसते ही रहे। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे भी मज़ा आने लगा तो मैंने भी अपनी टाँगो को फैलाया, तो फिर वो मेरी चूत को चाटने लगे। अब तो मेरे मुँह से आवाज़ निकल गयी थी सस्शह, आअहह चाचू, ऐसे थोड़ी देर और करो ना। अब वो समझ गये थे कि ये गर्म हो रही है। फिर उन्होंने थोड़ी देर और किया और अब की बार तो उन्होंने अपनी पूरी जीभ मेरी चूत के अंदर डाल दी और मज़े ले-लेकर चाटने लगे। अब में दर्द के मारे तकिया दबा रही थी। फिर उन्होंने अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और मेरी गांड के पास लाकर मेरे होंठो पर किस करने लगे, ताकि में चिल्ला ना सकूँ। फिर उन्होंने अपने लंड को ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारकर मेरी गांड में डाल दिया, में वर्जिन थी इसलिए मेरी चूत बहुत टाईट थी और उनका लंड तो पूरा 7 इंच का है और मोटा भी है। फिर जब मेरी गुलाबी चूत में उन्होंने अपना पहला धक्का मारा, तो उनके लंड का टोपा अंदर चला गया। तो में दर्द के मारे चिल्ला पड़ी धीरे डालो दर्द होता है, लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और अपना दूसरा धक्का मार दिया। तो तब मुझे ऐसा लगा कि मेरी जान निकल गयी हो और में ज़ोर से चीखी ऊऊओ, चाचू तुम पागल हो क्या?

फिर इतने में उन्होंने एक और झटका मारा तो उनका पूरा लंड अंदर चला गया और मेरी तो आआहह क्या बताऊँ? मार डाला चाचू ने। अब में और नहीं सह सकती थी। फिर उन्होंने कहा कि तुम्हारा पहली बार है इसलिए दर्द होगा, लेकिन बाद में तुम्हें भी मज़ा आएगा और अपना लंड अंदर बाहर करने लगे। अब में दर्द के मारे मरी जा रही थी आह, श नहीं बस करो और फिर उस दिन उन्होंने मेरी सील तोड़ दी और मेरी चूत से खून भी बहुत निकला था। फिर उन्होंने मेरे ऊपर चढ़कर 15 मिनट तक मेरी चुदाई की और फिर उन्होंने मेरी गांड पर और अपने लंड पर थोड़ा तेल लगाया और धीरे-धीरे मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे। अब उनका लंड बहुत मुश्किल से जा रहा था, लेकिन फिर जाने लगा और फिर एक ज़ोर का झटका देकर उन्होंने एक ही बार में अपना पूरा लंड घुसा दिया। तो में बहुत ज़ोर से चिल्लाई बहुत दर्द हो रहा है चाचू, प्लीज मत करो। लेकिन वो नहीं माने और मेरे और झटके मारने लगे।

अब में समझ गयी थी कि चाचू मुझे आज नहीं छोड़ने वाले है, अब मुझे दर्द हो रहा था और मेरी आँखो से आँसू निकल गये थे और मेरी गांड में से खून भी निकल गया था। फिर भी उन्होंने मुझे नहीं छोड़ा और लगातार मुझे ज़ोर-ज़ोर से चोदते रहे। फिर थोड़ी देर के बाद मुझे सीधा लेटाकर मेरी कमर के नीचे एक तकिया रखा और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर से एक धक्का मारा। अब में दर्द से मरी जा रही थी, अब में चिल्लाना चाह रही थी, लेकिन उन्होंने मेरा मुँह बंद कर रखा था। फिर वो धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी गांड में अंदर बाहर करने लगे, तो धीरे-धीरे मुझे भी मज़ा आने लगा और में भी उछल-उछल कर अपनी गांड में उनका लंड लेने लगी। फिर तभी मेरे चाचू ने कहा कि मज़ा आ रहा है ना गीतांजलि। फिर मैंने कहा कि हाँ चाचू अब ठीक है।

फिर उन्होंने मुझे लगातार 2 घंटे तक चोदा। फिर उसके बाद जब वो थोड़ा थक गये तो बोले कि थोड़ा आराम कर लो, तो में आराम करने लगी। फिर तभी मैंने देखा कि 15 मिनट के बाद ही चाचू ने मेरे पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया था और मुझे चोदने के लिए तैयार थे। फिर उस रात उन्होंने मुझे 4 बार चोदा। फिर सुबह जब मैंने अपने आपको बाथरूम में जाकर साफ किया और बेड पर आकर लेट गयी, तो तभी चाचू मुझे किस करते हुए बोले कि गीतांजलि अब दुबारा कब होगा? तो मैंने कहा कि जब घर पर कोई नहीं होगा तब। में उस चुदाई को कभी नहीं भुला सकती हूँ, वो मेरी पहली चुदाई थी, लेकिन उसके बाद तो जैसे ये सिलसिला शुरू ही हो गया था। अब चाचू 4-5 दिन में एक बार मेरे पास जरूर आते है और जमकर मेरी चुदाई करते है। अब तो मुझे भी चुदाई करने में बड़ा मज़ा आता था और हम दोनों खूब इन्जॉय करते है ।।

खेत में देसी लड़की की देसी लंड से चुदाई khet me desi ladki ki desi lund se chudai

खेत में देसी लड़की की देसी लंड से चुदाई khet me desi ladki ki desi lund se chudai, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

यह मेरी पहली चुदाई की कहानी है; उम्मीद है कि आप सभी को पसंद आएगी; कुछ गलतियाँ दिखें तो माफ कीजिएगा.

हैलो.. मेरा नाम प्रह्लाद है, अभी मेरी उम्र 22 वर्ष है; मेरे परिवार में पापा-मम्मी, बहन है.

अपने बारे में बहुत अधिक तो नहीं लिखना चाहता हूँ.. पर एक बात जरूर लिखूंगा मित्रो कि सभी कहानियों में लंड का नाप लिखा होता है, लेकिन मैंने कभी अपना लंड को फीते से नापा नहीं है.. पर मेरा लंड इतना है कि किसी भी औरत व लड़की को सन्तुष्ट कर सकता है.

यह कहानी मेरी और हमारे खेत में काम करने वाले की लड़की की कहानी है; उसका नाम सुमन है, उसका फिगर 32-25-28 का है, वह एकदम मस्त माल थी; सुमन अपने परिवार के साथ हमारे यहाँ खेती का काम करती है.

एक दिन घर पर कोई नहीं था, मैं भी मेरे दोस्त की शादी में जाने की तैयारी कर रहा था; उसी वक्त घर पर सुमन आई, तो मैंने घर में अकेले होने का फायदा उठाकर उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया.

वह मुझ पर गुस्सा करने लगी और कहने लगी- मैं ऐसे काम नहीं करती हूँ और आज के बाद मुझ से ऐसा गंदा काम मत करना.

यह कहकर वह मुझे धमकाते हुए चली गई.

मैं दो दिन के बाद उसके पास गया, तो वह मुझ से बात भी नहीं कर रही थी.

मैं वापस घर आ गया और उसे चोदने के तरीके सोचने लगा; मैंने सोच लिया था कि इस साली को तो मैं चोदकर ही रहूँगा.

एक दिन मेरे नसीब ने मेरा साथ दिया; उस दिन घर के सभी लोग शादी में गए थे; वह घर पर टीवी देखने आ गई; मैंने उसे टीवी के कमरे में ही पकड़ लिया और उसे किस करने लगा; उसने विरोध किया, पर मैंने उसकी एक नहीं सुनी क्योंकि मेरे ऊपर चुदाई का भूत सवार था.

मैं उसे लगातार किस करता गया.. तो वह भी गर्म हो गई और मेरा साथ देने लगी; मैं समझ गया कि ये साली चुदने ही आई थी, नहीं तो अब तक चिल्लाने लगती.

मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, अन्दर उसने काली ब्रा पहनी थी; काली ब्रा में उसका गोरा जिस्म बड़ा ही नशीला लग रहा था; इस समय वह एकदम कामदेवी लग रही थी; मैंने उसकी ब्रा निकाल दी.. उसकी चुची दूध के समान सफेद थीं और उन पर गुलाबी निप्पल बहुत ही सुन्दर लग रहे थे.

मैं उसकी एक चुची को चूसने लगा और एक हाथ से दूसरी चुची को दबा रहा था.

मैं हँस कर पूछा- मजा आ रहा है?

तो मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली- मजा लेने ही तो आई हूँ मेरी जान.. अब तड़फा मत, अपना लंड मेरी कुंवारी चुत में डाल दे.. वर्ना मैं मर जाऊँगी.

ये सुनते ही मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया, उसकी चुत पर काले घने बाल थे; मैं उसकी टांगों के बीच अपना मुँह ले जाकर उसकी गुलाबी चुत चाटने लगा; मैं काफी देर तक उसकी चुत चाटता रहा.

इसके बाद मैंने अपना लंड जो अब तक पूरा खड़ा व लोहे की रॉड के समान हो गया था; उसके सामने लहराया;

वो मुस्कुरा दी, तो मैं अपना लंड उसकी चुत पर रखकर धक्का लगाने लगा; पर लंड तो चुत में अन्दर जा ही नहीं रहा था;

उसने कहा- कुछ तेल लगा लो.. क्या सूखा ही पेलोगे?

फिर मैंने अपने लंड पर तेल लगाकर दुबारा चुत पर टिकाया; इस बार थोड़ा सा धक्का लगाने पर लंड थोड़ा अन्दर घुस गया;

मोटे लंड के सुपारे के घुसते ही दर्द के मारे उसके मुँह से चीख निकल गई ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह.

मैं अपने होंठ उसके होंठों पर रखकर चूमने लगा, ताकि शोर न हो; थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम होने पर, मैंने एक और झटका लगाया और आधा लंड उसकी चुत में चला गया.

दर्द के मारे उसका बुरा हाल हो गया था.. लेकिन उसके होंठों पर मेरे होंठ चिपके हुए थे, इसलिए वह चीख नहीं पाई;

मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.. वह मस्त हो उठी और कामुक सिसकारियां भरने लगी.

अब मैंने दुबारा एक धक्का लगाया, तो मेरा पूरा लंड उसकी चुत में चला गया; उसे फिर से दर्द होने लगा.. वह कहने लगी कि अपना लंड बाहर निकालो.. वरना मैं मर जाऊँगी.

मैं थोड़ी देर रुका रहा, जब उसका दर्द कुछ कम हुआ तो मैं उसे चोदने लगा; अब वह भी मस्ती में अपनी गांड उठा-उठा कर अपनी चुत चुदवाने लगी थी.

कुछ ही धक्कों में उसे बहुत मजा आने लगा था और वह पूरे जोश में आकर कहने लगी- मेरी चुत को चोद कर फाड़ दो.. इस चुत का भोसड़ा बना दो.. अह.. और जोर से चोदो.

मैं भी जोश में उसे चोदने लगा.. वह इस दौरान एक बार झड़ चुकी थी, पर मेरा छूटना अभी भी बाकी था.

फिर मैं जोर-जोर से चोदने के बाद उसकी चुत में ही झड़ गया और मैं निढाल होकर उसके ऊपर ही गिर गया.

बाद में जब मैं खड़ा हुआ तो देखा कि बिस्तर पर उसकी चुत से निकले खून के दाग लगे थे, तो मैंने चादर को साफ किया.

जब सुमन बिस्तर से उठी, तो दर्द के कारण उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था; मैंने उसको एक दर्द की टेबलेट दी.. उसके कुछ देर बाद मैं उसे उठाकर बाथरूम में ले गया; वहाँ हम दोनों साथ में नहाए बाद में वह चली गई.

इसके हम दोनों ने कई बार उसके पापा-मम्मी से नजर बचाकर रात को गेहूँ की खड़ी फसल के बीच में जाकर चुदाई का मजा लिया.

दोस्त की सेक्सी माल ने मेरा बड़ा लंड लिया Dost ki sexy maal ne mera bada lund liya

दोस्त की सेक्सी माल ने मेरा बड़ा लंड लिया Dost ki sexy maal ne mera bada lund liya, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हैलो दोस्तो, आज मैं आपको अपनी और अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ.

मैं समीर हूँ; यह नाम बदला हुआ है; मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लंड का साइज़ भी मस्त है; मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ; मैं उम्मीद करता हूँ कि ये किस्सा आपको पसंद आएगा; ये कहानी बिलकुल रियल है;; बस नाम और जगह बदली गई है.

ये बात आज से दो साल पहले की है, उस टाइम ‘हेट स्टोरी-2’ लगी थी; मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड वो फिल्म देखने के लिए बोल रही थी; चूँकि वो मुझसे भी बात करती थी, तो उसने मुझसे भी बोला- समीर, मुझे ये फिल्म दिखा दो.

मैं उसकी बात सुनकर तैयार हो गया; उसे फिल्म दिखाने की एक वजह ये भी थी कि मैं भी उससे प्यार करने लगा था; ये बात मैंने उसको बोला भी था; मगर उसने बोला कि हम सिर्फ दोस्त हैं; इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ पाया;

सॉरी दोस्तो, मैं उसका नाम बताना भूल गया; उसका नाम जूली खान (नाम बदला हुआ) है.

मैं और जूली फिल्म देखने गए; मैंने लखनऊ के एक हॉल में बालकनी की टिकट ली और हम दोनों फिल्म देखने हॉल में पहुँच गए; फिल्म स्टार्ट हुई और कुछ देर में उसमें वो गाना आ गया ‘आज फिर तुम पर प्यार आया है..

वो गाना इतना गरमागरम है कि देख कर ही जूली को कुछ होने लगा; मैं समझ गया कि इसको चुदास चढ़ गई है.

क्योंकि वो पहले से चुदी हुई थी;; मेरे दोस्त ने भी उसको बहुत चोदा था, जो मुझे भी मालूम था; वो जब उसकी चुदाई करता तो हम दोस्तों से सब बताता था, जिसको सुन कर मैं भी गर्म हो जाता था.

मेरी नज़र पहले से ही जूली पर ख़राब थी; उसकी मटकती हुई गांड कोई बूढ़ा भी देख ले, तो उसका लंड भी पानी छोड़ दे; उसके 38 साइज के चुचे क्या मस्त लगते थे, सच में मुठ मारने का मन करने लगता था.

आज वो मेरे साथ मेरे बगल में बैठी थी; मैं उसको तिरछी नज़रों से देख रहा था; वो कभी अपने होंठ काटती तो कभी अपने ही हाथ से अपनी चूची मसलती, मैं भी उसको देखा कर बहुत ज़्यादा गर्म हो गया था, मगर मैं खुद कर कण्ट्रोल करे हुए था; मैं चाहता था कि पहल वो करे.

फिर कुछ देर में वो पल भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था; जूली का हाथ धीरे से मेरे लंड को छूने लगा; मेरा लंड पहले ही खड़ा था, उसके छूने से और ज़्यादा खड़ा हो गया.

इस बात का उसको भी एहसास हो गया; फिर उसने धीरे से मेरे लंड को मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी.

अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैं बोला- जूली ये क्या कर रही हो?

जूली- क्या करूँ समीर;; अब बर्दाश्त नहीं हो रहा; मुझे नीचे कुछ हो रहा है.

मैं- मगर ये सब ठीक नहीं है यार; मैं अपने दोस्त को क्या मुँह दिखाऊंगा?

जूली- मैं कुछ नहीं जानती; अभी मेरे साथ कुछ करो!

मैं- मगर मैं ये कैसे कर सकता हूँ?

जूली- अगर तुमने अभी कुछ नहीं किया, तो मैं हॉल में किसी के भी पास चली जाऊँगी;; फिर दिखाना अपने दोस्त को मुँह.

मैं उसको ये एहसास नहीं दिलाना चाह रहा था कि मैं उसको चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ; दरअसल मैं उसको और तड़पाना चाह रहा था.

फिर उसने जबरदस्ती मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और चूसने लगी; कुछ ही देर में मैं भी उसका साथ देने लगा.

अब वो मस्ती से मेरे होंठ चूम रही थी और मैं उसकी दोनों चूचियों को दबा रहा था; लगभग दस मिनट होंठ चूमने के बाद उसने मुझे खुद से अलग किया और अपना जम्पर ऊपर करके चूची बाहर निकाली; मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चूची दबाने लगा; फिर ब्रा भी ऊपर कर दी और नंगी चूची को हाथ में लेकर दबाने और चूसने लगा.

वो और ज़्यादा गर्म हो गई, उसने पूरी ब्रा खोल कर कुरते से खींच कर निकाल दी और मेरे मुंह में अपने हाथ चूची पकड़ कर घुसा दी; उसकी 38 साइज की चूची में मेरा मुँह दब गया; मेरा अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया था; मैंने किसी तरह अपना मुंह हटाया तो उसने झट से अपनी लैग्गी नीचे को सरका दी और सीट के नीचे बैठ कर मेरी पैंट खोलने लगी; ये तो अच्छा हुआ हॉल में ज़्यादा लोग नहीं थे, वरना सबको फ्री में लाइव ब्लू-फिल्म देखने को मिल जाती.

मेरी पैंट खोल कर उसने मेरे लंड बाहर निकाल लिया; कुछ देर लंड को सहलाने के बाद उसने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी; उसका लंड चूसने का अंदाज़ बता रहा था कि वो लंड चूसने में माहिर है.

अब मेरी हालत बहुत ज़्यादा ख़राब होने लगी थी;; मेरे मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैं जाने क्या-क्या बड़बड़ा रहा था मगर वो लंड छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी.

मैंने जब नीचे देखा तो वो साथ में अपनी चूत में उंगली डाल कर हिला रही थी; मैंने उसको बोला भी- अह; मेरा तुम्हारे मुँह में निकल जाएगा; हट जा!

मगर वो नहीं मानी, बोली- मुझे तुम्हारा पानी पीना है.

मैंने बोला- मैं तुम्हारी चूत में उंगली कर देता हूँ.

मगर वो बोली- नहीं, तुमसे तो मैं चुदवाऊंगी; लेकिन अभी खुद ही उंगली कर लूँगी.

वो फिर से लवड़ा चूसने लगी; क्या बताऊँ दोस्तो, उस टाइम मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं हवा में उड़ रहा होऊँ.

फिर उसका और मेरा दोनों का पानी एक साथ निकल गया; उसने चाट कर मेरा लंड साफ़ कर दिया.

दस मिनट बाद हम दोनों फिल्म छोड़ कर बाहर निकल आए और वहाँ से सीधे एक होटल में पहुँच गए; वहाँ हमने एक रूम 2 घंटे के लिए ले लिया, उधर इस तरह की सुविधा थी, ये मुझे मालूम था.

जैसे ही हम दोनों कमरे में पहुँचे, जूली ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मुझे किस करने लगी, मैं भी उसको किस करने लगा.

फिर धीरे-धीरे हम दोनों के कपड़े उतरने लगे और कुछ ही पलों में हम दोनों नंगे खड़े थे; एक-दूसरे से लिपट गए और मैं उसकी चुची चूसने लगा साथ ही उसकी चूत में उंगली करने लगा.

वो भी बहुत गर्म हो चुकी थी; उसके मुंह से मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं ‘ऊऊह इसस्स; आआह्ह; वो बोलने लगी- समीर प्लीज़ अब मुझे चोद दो; अब रहा नहीं जा रहा.

फिर मैंने एक बार उससे लंड चुसवाया और उसको बिस्तर पर ले कर गया; मैंने देखा कि उसकी चूत बहुत ज़्यादा गीली थी; मैंने चुत में दो उंगली डाल दीं, अब वो मचलने लगी और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी; मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था;; तो मैंने भी लंड का सुपारा चुत के मुँह पर रखा और एक जोर का धक्का मार दिया.

मेरा लंड सरसराता हुआ चुत में घुसता चला गया और सीधा उसकी बच्चेदानी से टकराया; वो इस अचानक हुए हमले से चिल्ला उठी; मैंने उसका मुँह बंद किया ‘चुप रह भैन की लौड़ी; मरवाएगी क्या?’

वो सिसया कर रह गई और मेरे लंड को अपनी चुत में लीलने लगी, मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा.

कुछ देर ऐसे ही धक्के मारने के बाद वो भी नीचे से गांड उठा-उठा के मेरा साथ देने लगी.

अब वो बोलने लगी- समीर प्लीज़ मुझे जोर-जोर से चोद ना!

मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और उसको जोर-जोर से चोदने लगा, वो भी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

कुछ देर उसको ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को कहा तो वो डॉगी स्टाइल में हो गई.

फिर मैंने लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और एक झटके में अन्दर डाल दिया.

वो पहले से ही गांड मरवा चुकी थी तो उसे ज़्यादा तकलीफ नहीं हुई; मैं उसकी गांड मारता रहा;; वो भी पूरा साथ दे रही थी; जब मैं लंड गांड से बाहर को खींचता, तो वो अपनी गांड पीछे को कर लेती; इस तरह चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था.

वो बोल रही थी- समीर आज तक मेरे बॉयफ्रेंड ने भी मुझे इस तरह नहीं चोदा; आज पता चला कि बड़े लंड से चुदने में कितना मजा आता है.

मैंने घड़ी देखी तो हम दोनों को चुदाई करते बहुत ज़्यादा वक्त हो गया था; अब मेरा भी पानी निकलने वाला था; तो मैंने फिर से उसे लिटा कर उसकी चूत में लंड पेल दिया और जोरदार चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में भर दिया.

इस चुदाई से हम दोनों बहुत थक गए थे, तो कुछ देर ऐसे ही लेटने के बाद मैंने उसको फिर से चोदा.

इस बार उसने मेरे लंड का पानी अपने मुँह में लिया और मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया.

दोस्तो, उसके बाद भी हमको जब भी मौका मिलता है हम दोनों खूब चुदाई करते हैं.

विधवा कामवाली की और मेरी अतृप्त वासना शांत हुई vidhva kamwali ki or meri atrupt vasna shant hui

विधवा कामवाली की और मेरी अतृप्त वासना शांत हुई vidhva kamwali ki or meri atrupt vasna shant hui, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

मेरी उम्र अभी 18 साल हे लेकिन लंड कुछ ज्यादा ही खड़ा होता हे मेरा. रोज रात को पोर्न देख के लंड हिलाना मेरी आदत हे. कितनी बार भी पोर्न देख के अपने लंड को हिला लूँ लेकिन मेरी प्यास बूझती ही नहीं हे. इसलिए मैंने सोचा की पोर्न देखना और लंड हिलाना बंद कर देता हु. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पोर्न की अर्ज होती रही और मैं देख के लंड को हिलाता रहा. मेरी आँखों में हवस ही होती थी किसी भी औरत के लिए. मैं औरतो के पास होता तो होर्नी ही होता था.

मैं अपनी माँ को देख के भी लंड के अंदर अकड महसूस करता था. लेकिन मैं जानता था की वो कभी काम नहीं करेगा! लेकिन भगवान ने आखिर मेरी सुन ही ली. हुआ यु की हमारी कामवाली ने अपना काम छोड़ दिया. और मम्मी ने एक नयी कामवाली रख ली. वो गोरी थी. बॉडी भी सही थी. उम्र करीब 35 की होगी, नुकीले बूब्स, सेक्सी लिप्स थे उसके. और वो एक मस्त मिल्फ़ थी. वैसे कामवालियां काम में इतनी बीजी रहती हे की वो कभी मोटी होती ही नहीं हे.

अक्सर कामवालियां अपने बदन का ध्यान नहीं रखती हे और दिखने में गन्दी होती हे. लेकिन हमारी नयी कामवाली ऐसी नहीं थी. वो साफ़ सुथरी थी और कम ही बोलती थी. अगर मैं किसी को कहूँ की वो मेरी माँ की बहन हे तो भी अनजान आदमी मान ले वैसी थी वो.

वो मोर्निंग में आती थी. फिर दोपहर तक काम करती थी. वो हमारे घर में कपडे धोने का, बर्तन मांजने का और घर मर झाड़ू पोछा करने का काम देखती थी. मम्मी अगर उसे जरा भी एक्स्ट्रा काम करवाए तो उसके एक्स्ट्रा पैसे दे दिया करती थी. जब उसका पहला दिन था तभी से मेरी नजर उसके ऊपर थी.

उसका भरा गदराया हुआ बड़ा, उसके मोड़, उसके होंठो, उसकी मचलती और मटकती हुई गांड, उसका क्लीवेज सब कुछ मुझे चुदासी बना रही थी. और उन दिनों में मैं मुठ भी कम ही मारता था इसलिए एक्साइटमेंट कुछ ज्यादा ही रहता था. जब भी उसे देखता था तो मेरी चड्डी के अंदर प्रीकम की बूंद निकल जाती थी. मुझे उसकी गांड देखने में मजा आता था. अक्सर मैं अपने लंड को जानबूझ के उसकी गांड से लड़ा देता था. और तब चड्डी के फेब्रिक के घिसने से लंड का पानी छुट सा जाता था. ऐसे ही चलता रहा कुछ दिन और फिर उसे चोदने की लालसा सर पर चढ़ी थी.

मुझे अक्सर रातों में कामवाली की चुदाई के स्वप्नदोष होते थे. मैं सच में उसकी चूत का अहसास कर लेना चाहता था. उसके बुर के मसल अपने लंड के ऊपर प्रेशर बनाए ऐसी मेरी चाह थी. और एक औरत जब झडती हे तो मर्द को क्या फिलिंग होती हे वो मैं जानना चाहता था. मैं उसके बड़े देसी बूब्स को अपने चहरे के ऊपर घिसना चाहता था और उसके निपल्स से दूध पीना चाहता था. मुझे ऐसे भी होता था की मैं उसकी चूत को चाट के उसकी बुर के ज्यूस को चख लूँ. और ये सब सोच के मेरे लंड में जो हलचल होती थी उसे कंट्रोल करना बड़ा मुश्किल था!

और फिर करीब एक महीने के बाद में वो दिन आ गया! हमारे रिश्तेदार के वहां पर शादी थी. और मेरे पेरेंट्स शादी अटेंड करने के लिए वो दो दिन के लिए वहां चले गए. वो लोग मोर्निंग में जल्दी ही निकल गए. और मैं दरवाजे को लोक कर के वापस सो गया. करीब 2 घंटे के बाद मुझे दरवाजे के ऊपर नोक सुनाई दी. और मैं समझ गया की मेरी चूत आ गई!

मैंने जा के दरवाजा खोला, वो वही खड़ी हुई मेरे बरमुडे के अन्दर बने हुए त्रिकोण को देख रही थी. वैसे भी साला लंड सुबह सुबह खड़ा होता हे और आज तो चोदने का प्लान था अपना! मेरालोडा पुरे 7 इंच का हे और वो किसी भी औरत को खुश करने के लिए काफी हे. मेरी कामवाली वैसे विधवा भी और वो भी शायद अपनी चूत में लंड लेने के लिए बेताब ही थी.

मैंने अपना खड़ा लंड उसको दिखा के अपनी पहली चाल चल दी थी. और उसके चहरे को देखा तो समझ गया की वो भी खुश थी लंड का उभार देख के. मैं उसके बर्तन मांजने के और कपडे धोने की वेट करने लगा. और फिर मैंने उसे मेरे लिए नाश्ता बनाने को कहा. जब वो किचन में गई तो मैं भी उसके पीछे चला गया. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स में खड़ा हुआ था. उसके चहरे के एक्सप्रेसन को देख के मेरी हिम्मत खुली हुई थी. मैं उसके बदन के सेक्सी कर्व और उसकी बिग गांड को देख रहा था. मैंने बिना कुछ सोचे अपने शोर्ट को निचे सरका दिया और उसके पास में खड़ा हो गया.

उसको भी पता ही था की मैं वहां पर हूँ. मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी गांड की फांक पर घिसना चालू कर दिया. धीरे धीरे से मैं उसकी गांड की सॉफ्टनेस अपने लंड को फिल करवा रहा था. मैं उसके इतने करीब था की उसके माथे में से मुझे चिक शेम्पू की सुगंध भी आ रही थी. मैं एकदम क्रेजी था. मैं लंड को घिस रहा था लेकिन वो कुछ भी रिएक्ट नहीं कर रही थी. वो जोर जोर से साँसे ले रहा था और मैंने उसकी कमीज को ऊपर कर दिया और उसके पजामे के ऊपर से मैं लंड को टच करवाने लगा.

उसने अंदर एक पतली सी पेंटी पहनी हुई थी. मैं उसके ऊपर लंड घिसने का मजा ले रहा था. फिर मैंने अपनी कमर को हिलाई और उसके पजामे को चोदने लगा. बहुत ही मस्त फिलिंग थी वो और मेरा लंड प्रीकम उसके पजामे के ऊपर निकालने लगा.

उसने अपने हाथ मेरी कमर के ऊपर रखा और अपनी तरफ खिंच लिया. मैंने अपने हाथ उसकी कमर के ऊपर से उसके बूब्स के ऊपर रख दिए. मैंने उन्हें जोर जोर से दबा रहा था. उसके बूब्स ब्रा में से जैसे चिभने लगे थे. मैंने उसकी कमीज में हाथ डाल के उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और फिर उन्हें जोर जोर से हिलाने लगा. वो जोर से मोअन कर रही थी और उसकी साँसे भी तेज हो चुकी थी.

वो बोली, अह्ह्ह बेटे दबा उन्हें, घिस अपने लौड़े को मेरी गांड के ऊपर, तेरा लंड जब से देखा हे मेरी तो चूत पागल हो चुकी हे.

मैंने कहा, आंटी आप को देख के मैं भी पागल ही हुआ था, आप बहुत सुंदर हो!

मैंने उसके पजामे के ऊपर अपना माल निकालना नहीं चाहता था इसलिए मैंने उसके पजामे की नोट को खोला और उसे निचे कर दिया. उसकी पिंक पेंटी उसकी गांड के ऊपर मस्त लग रही थी. मुझे लगा की मैं जन्नत में हूँ. मैंने उसे झुकने के लिए कहा और वो मान गई. मैंने उसकी पेंटी को साइड में कर दिया और अपने लंड को उसकी गांड की फांक के ऊपर घिसने लगा.

वो बोली, अह्ह्ह डाल दो अंदर, इतनी तो गीली हुई हे, जल्दी कर दो उसको अंदर.

मैंने अपने लंड को अन्दर कर दिया. लंड जैसे कोई गरम गुफा में घुस रहा था. मैं हम्प कर के उसे चोदने लगा. वो फिलिंग बड़ी ही सेक्सी और अलग थी. वो 2 मिनिट के धक्को ही मेरे लंड के ऊपर झड़ गई और उसके ज्यूस मुझे लंड के ऊपर फिल होने लगे. मैं तो सातवें आसमान के उपर था जैसे!

मेरे टट्टे उसकी जांघो से टकरा के बड़ा ही सेक्सी साउंड बना रहे थे. और मैं उसके बूब्स मसल के उसे पेल रहा था. वो बोली, और जोर से बेटा अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उईई अह्ह्ह्ह और जोर से!

जब भी मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुसता था तो मैं भी जैसे कराह उठता था. कुछ देर ऐसे ही मस्त झटको के बाद मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया. वो भी जोर जोर से मोअन कर रही थी और मैं भी. मेरे पाँव में कम्पन आ रहा था उत्तेजना की वजह से. मैं थक सा गया था. मैंने अपने माथे को कामवाली की पीठ के ऊपर रख दिया. ये मेरी पहली चुदाई थी जो बड़ी हो मजेदार रही थी.

मैंने अपने लंड को धीरे से बहार खिंचा. उसकी चूत में से कुछ वीर्य की बुँदे बहार आ निकली. कुछ वीर्य उसकी जांघो के ऊपर भी बह निकला था. शायद बहुत सब वीर्य मैंने उसकी चूत में छोड़ा था जो बहार आ रहा था.

कामवाली ने कहा, बेटा तू सच में बड़ा चोदु हे. तेरा लंड भी कितना गरम हे.

उसने मुझे ये भी बताया की ऐसी चुदाई और ओर्गास्म उसने अपनी लाइफ में कभी भी फिल नहीं किया था. उसने अपनी चूत के ऊपर उंगलिया घिसी और मेरे वीर्य की फिल्म सी बनाई और मेरे सामने देख के बड़े सेक्सी ढंग से उसे चाट लिया. और फिर उसने कहा, तेरे मम्मी पापा दो दिन नहीं हे और तुझे दोनों दिन मुझे ऐसे ही चोदना हे!

मैं भी उसके लिए एकदम रेडी ही था. मैं नाहा के मेडिकल गया और आंटी के लिए गर्भपात की गोली और अपने लिए वायेग्रा ले आया. मैंने कामवाली को कहा आप फटाक से घर का काम निपटा लो फिर हम सेक्स की फिल्म देख के चोदेंगे. वो काम कर रही थी तो मैंने उसके साथ बैठ के देखने के एक लॉन्ग मल्लू पोर्न मूवी डाऊनलोड कर ली.
© Copyright 2013-2019 - Hindi Blog - ALL RIGHTS RESERVED - POWERED BY BLOGGER.COM