शॉवर के निचे से साली को पीछे से ठोका shawar ke niche se sali ko pichhe se thoka

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अनेरी ने पिछले साल से ही ब्रा पहनना चालू किया था. उसके बूब्स 28 इंच से भी छोटे थे. लेकिन गांड का उभार बढ़ आया था. मेरी वाइफ सुलोचना की छोटी बहन हे अनेरी. उसकी एज इतनी हे की मासिक स्टार्ट हो गई हे और उसे सेक्स में अच्छा बुरा पता लग गया हे. वैसे मैं उसके प्रति आकर्षित नहीं होता. पर एक दिन दोपहर में मैं जब अपनी बीवी के साथ संभोग कर रहा था. तब मैं उसकी दो नीली आँखों को खिड़की के एक छेद से बारी बारी अन्दर झांकते हुए देखी.
मेरी ये कच्ची उम्र की साली अपनी बहन और जीजा यानी की मुझे चोदते हुए देख रही थी. मैंने देख के भी अनदेखा किया. ऊपर से उस दिन मैंने उसकी बहन को ऐसे चोदा की उसकी सिसकियाँ निकलती रहे. और उसे सेक्स का फुल मजा आये. अनेरी ने एंड तक हम दोनों की चुदाई को देखी और फिर मेरा छुट गया तो वो वहाँ से खिसक ली.
पहले वो मेरे से बहुत मजाक मस्ती करती थी. लेकिन पिछले कुछ वक्त से वो उखड़ी सी रहती थी. मुझे देख के या तो डरती थी या शर्मा जाती थी. मैं भी समझता था की इस उम्र में शरीर में बहुत बदलाव होते हे. मैंने अनेरी को गिफ्ट देना और उसकी दीदी घर पर ना हो तो सेड्युस करना चालू कर दिया था. वो हालांकि ज्यादा टाइम वो ऐसा नहीं होने देती थी की हम दोनों घर में अकेले हो. अरे हां मैं बोलना भूल गया की वो अपनी पढ़ाई की वजह से हमारे साथ में रहती हे. उसके माँ बाप यानी की मेरे सास ससुर गाँव में हे. बहन जीजा इसी शहर में हे तो तू उन्के घर ही रह ले ऐसा उसे कहा गया था. और मेरे ससुर जी मुझे हर महीने उसकी खर्ची देते थे.
फिर एक दिन मैं और अनेरी घर पर अकेले थे. मेरी वाइफ अपने लिए शोपिंग करने के लिए गई थी. अनेरी सोफे के ऊपर बैठी हुई थी टीवी देखने के लिए. मैं उसके पास में ही बैठ गया. उसने मुझे देखा और वो जाने लगी. लेकिन उसका हाथ पकड़ के मैंने उसे बिठा दिया वापस और कहा, कहाँ भागती हो?
वो बोली, जीजू कुछ काम याद आ गया.
मैंने कहा, फिर कर लेना.
वो बैठी. मैंने अपनी जांघो को उसकी जांघो से लगा दिया था. वो काँप सी रही थी. उसका ध्यान टीवी में नहीं था. ना ही मेरा! मेरा लंड पेंट में मोंस्टर बन रहा था. वो जोर जोर से साँसे ले रही थी. और फिर वो भाग खड़ी हुई वहाँ से. मेरा लंड धरा का धरा रह गया. मैंने सोचा की साली के अन्दर वासना की आग को पूरी तरह से भडकाना पड़ेगा. उसी शाम को मैं रेलवे स्टेशन पर गया. वहां पर बुक वाले से गरमा गरम कहानियो की बुक माँगा उसने मुझे पोर्न फोटोस की और चुदाई की कहानियाओं की एक किताब मस्ताराम की दिखाई. शर्मीली भाभी नाम की किरदार कैसे अलग अलग लोगों के लंड लेती हे उसकी कहानियाँ थी उसके अन्दर. मैंने फट फट पेज बदले तो उसका और उसके जीजा का भी एक चेप्टर था. मैंने किताब खरीदी और फिर घर आ गया.
फीर मैंने जीजा साली के काण्ड के चेप्टर में अनेरी, आई लव यु और अनेरी इस वेरी सेक्सी वगेरह अपने पेन से लिखा. कहानियाँ पढ़ी तो वो सब की सब मसालेवाली थी और लंड खड़ा हो गया मेरा. मैं जानता था की अनेरी इसे पढेगी तो उसकी चूत में भी आग लगेगी.
अब मुझे इन्तजार था बीवी के कही जाने का. और वो दिन पुरे महीने के बाद आया. बीवी को ऑफिस में से दो दिन के लिए जाना था. मैंने अपनी ऑफिस की मीटिंग का बहाना बताया और नहीं गया. बीवी के जाने के बाद मैंने शर्मीली भाभी की किताब निकाली और उसे अनेरी के रूम में चुपके से रख आया. मोएँ ऑफिस से जल्दी आ गया वापस अनेरी के कोलेज के आने से पहले ही. फिर मैं एक बरमूडा पहन के बैठा और अन्दर मैंने कुछ नहीं पहना था. अनेरी आई और वो कमरे में गई. मैंने किताब ऐसी रखी थी की उसकी नजर फट से पड़े उसके ऊपर.
अनेरी के कमरे की विंडो ससे छिप के देखा तो वो किताब के पन्ने फेरने लगी. शायद उसने थोडा बहुत पढ़ा भी. फिर शायद उसकी नजर अनेरी आई लव यु वगेरह के ऊपर पड़ी. वो मन ही मन हंस रही थी. और उसने वो कहानी पूरी पढ़ी. शर्मीली भाभी का किरदार सविता भाभी से भी रोचक था इसलिए उसकी चूत गर्म हो गई. उसने एक बार अपनी चूत को सहलाया और फिर वो किताब को रख के नहाने के लिए चली गई.
वो नहा के आई तो मैं उसके पीछे बाथरूम में घुसा. जानबूझ के मैं तोवेल नहीं ले गया अपने साथ. मैंने अनेरी की पेंटी देखी और उसे सूंघी. नाजुक चूत की खुसबू सूंघी और मेरे लंड में तूफ़ान आ गया. मैंने शावर ओन किया और नहाने लगा. फिर पांच मिनिट के बाद्द मैंने अपने लंड के ऊपर साबुन लगा के हलकी सी मुठ मार के लंड को एकदम कडक कर लिया.
फिर मैंने आवाज लगाईं, अनेरी प्लीज़ तोवेल देना मुझे.
वो शायद बाल ही सुखा रही थी अपने. मेरी आवाज सुन के वो तोवेल ले के आई. उसने हलके से नोक किया दरवाजे को और बोली, जीजू.
मैंने दरवाजे को ऐसे खोला की वो मेरे नंगे बदन और लंड दोनों को देख सके. उसकी नजर मेरे लंड पर पड़ी और उसने मुहं फेर लिया और अपने हाथ को अन्दर कर के तोवेल देने लगी. मैंने हिम्मत कर के उसके हाथ को पकड़ा और वो मुझे देखने लगी. उसकी आँखों में बहुत कुछ था, शायद वासना भी!
मैंने और हिम्मत कर के उसे बाथरूम में खिंच लिया. वो बोली, जीजू मैं भीग जाउंगी. दोस्तों आप ये कहानी मस्ताराम डॉट नेट पे पढ़ रहे है।
मैंने कुछ नहीं बोला और उसे अपने बदन से लगा के उसके होंठो को चूसने लगा. वो छटपटाइ लेकिन मेरी गिरफ्त से निकलने नहीं दिया मैंने उसे. वो अपने बूब्स के भीगने को देख रही थी और मैं उसके होंठो को जोर जोर से चूसने लगा. एक मिनिट तक उसका आखरी संघर्ष चला. और फिर उसके हाथ मेरी कमर के ऊपर आ गए. वो मुझे अपनी तरफ खिंच रही थी. मैंने उसे दिवार से लगा दिया और उसके होंठो को चूसते हुए उसके पतले गाउन के ऊपर से उसकी जवान चूचियां मसलने लगा. मेरा लंड एकदम खड़ा था और उसकी चूत के बहुत ऊपर था. मैं हाईट में उस से काफी लम्बा था इसलिए मेरा लंड उसकी छाती के निचे टच हो रहा था. अनेरी की गांड पर हाथ दबा के मैंने उसके एस चिक्स को खोला और दोनों बम्स को प्यार से मसल दिए.
मेरे होंठो के ऊपर मेरी इस जवान साली की सिसकियों का अहसास हुआ. मैंने अपने होंठो को अब उसके लिप्स से हटा के उसकी छाती के ऊपर रखा. बूब्स के ऊपर के हिस्से को चूसते हुए मैंने उसकी कमर में हाथ को लगा दिए और वो भी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह कर के चुदास का अहसास करवा रही थी. मैंने उसके हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया. वो लंड को मुठ्ठी में ऐसे दबा रही थी जैसे किसी ने बड़े काम की चीज दे दी थी उसे.
फिर मैंने उसके गाउन को फाड़ ही दिया. उसने ब्रा नहीं पहनी थी. फिर मैंने उसके स्कर्ट को भी फाड़ा और अंदर की पेंटी को भी. फिर उसे दिवार पकड़ा के खड़ा कर दिया. हमारे ठीक ऊपर शावर था और उसके पानी के फ़ोर्स से मेरी आँखे बंद हो रही थी इसलिए मैंने उसे एकदम स्लो कर दिया. अनेरी का मुहं दिवार की साइड कर के मैं निचे बैठा और उसकी जांघो के पिछले हिस्से के ऊपर अपने गर्म होंठो का अहसास दिया उसे. वो सिहर उठी और मैंने उसकी दोनों जांघो को हाथ में पकड़ के हिलाई. वो चुदास के मारे अह्ह्ह अह्ह्ह्ह करती रही. मैंने अपने हाथो को और ऊपर किया और गांड के निचे के हिस्से को दबाया. वो मस्तिया गई. मैंने उसके एस चिक्स को खोला. उसकी गांड चिकनी थी और स्लाईट ब्राउन रंग का होल था उसका. मैंने साबुन हाथ में ले के उसकी गांड पर लगाया. शोवर का पानी उसे अपनेआप धोने लगा. अनेरी थिरक उठी. उसकी ये पहली चुदाई थी शायद.

भाभी की जमकर चुदाई मेरे द्वारा bhabhi ki jamkar chudai mere dvara

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हेलो दोस्तो, मैं लल्ला इंदौर से हूँ एक कंपनी में सिविल इंजिनियर की पोस्ट पर कार्यरत हूँ और मेरी हाइट 6′ 8″ है और नार्मल वजन, सांवला बदन और एक साधारण लड़का हूँ।
यह कहानी मेरी और भाभी की चुदाई की है और यह बात उन दिनों की है, जब मैं इंजीनियरिंग की स्टडीज ख़त्म करके जॉब के लिए गुजरात भैया के पास गया था।
जहाँ पर 24 साल की भाभी, प्रिया और उनकी एक 3 साल की बेटी, सोनिया रहती है। भाभी की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है।
भाभी बहुत सेक्सी है और उनका साइज़ 34-32-36 का है और जब उनकी शादी 2004 में मेरे भैया से हुई थी, तब से हम बहुत अच्छे फ्रेंड थे।
हम दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। हम दोनों एक दूसरे से सभी बातें बांटा करते है।
गर्ल फ्रेंड्स और बॉय फ्रेंड्स से लेकर चुदाई तक हम तो चुदाई की स्टोरी भी साथ पढ़ते थे। उनकी शादी के बाद जब हम दोनों घर पर थे,
हम दोनों 11 बजे तक बातें करते थे। दिन रात और जब भी टाइम मिलता, तभी बातें करते रहते थे। लेकिन मैंने कभी भाभी को चोदने के बारे में नहीं सोचा।
एक दिन शाम में तैयार होकर पार्टी में जा रहा था, तो अंकल के घर गया और देखा, भाभी नहीं है और जब आंटी से पूछा तो पता चला।
वो गुस्सा है और अन्दर रूम में है, तो मैं अन्दर ही जाने लगा। अन्दर अँधेरा था और मुझे बिस्तर का अंदाज़ा नहीं लगा और मैंने अपने हाथ को इधर-उधर चलाया।
चूचियों को छू चुदाई को हुआ मन
अब मेरा हाथ भाभी की प्यारी चूचियों पर चला गया और मेरी पूरे बदन में करंट सा दौड़ गया।
मैंने अपना हाथ नहीं हटाया, क्योंकि मन कर रहा था कि इतनी प्यारी और मुलायम चूचियों को दबाता रहूँ और चूस चूस कर दूध निकाल दूँ।
मैंने अपने पर काबू रखा और भाभी एकदम शांत थी, तो फिर मैंने हाथ हटा कर पीछे किया और पूछा– क्या हुआ भाभी?
भाभी बोली – कुछ नहीं, सिर में थोड़ा सा दर्द है।
मैंने कहा – दवाई ले ली?
भाभी ने कहा – नहीं, ठीक हो जायेगा तो मैं वहाँ से चला गया और भाभी की चुदाई के बारे में सोचने लगा। चोदूं कैसे, योजना बनाने लगा।
मुझे मौके तो बहुत मिले लेकिन डरता था, कि कहीं भाभी बुरा ना मान जाए और मैं अपना सबसे प्यारा दोस्त ना खो दूँ, यह सब सोचकर मैंने उसे नहीं चोदा।
कुछ समय बाद, मैं आगे की पढ़ाई के लिए बाहर चला गया और वो भी भाई के पास रहने चली गई। मैं भी पढ़ाई में व्यस्त हो गया और कभी-कभी बात होती थी।
करीब 4 सालों बाद, हम दोनों की मुलाकात हो ही गई, हम दोनों बहुत ही खुश थे। हम दोनों ने
मिलकर खूब मस्ती की।
एक दिन भैया को ऑफिस के काम से मुंबई जाना पड़ा। उसी दौरान मैंने भाभी को मोबाइल में
ब्लू फिल्म देखते हुए देख लिया, लेकिन भाभी ने मुझे नहीं देखा।
भाई के जाने के बाद रात को हम तीनों (भाभी, मैं और उनकी बेटी) 10 बजे तक भाभी के रूम में टीवी देख रहे थे।
भाभी ने बोला– आज सोने का प्रोग्राम नहीं है क्या?
मैंने बोला– आज यहीं सोना है।
उन्होंने मुझे बोला- तुम यहाँ नहीं सो सकते हो।
तुम्हारे भैया भी यहाँ नहीं है और अगर किसी के देख लिया, तो क्या सोचेंगे? मैं उठकर जाने लगा, पीछे मुड़कर देखा तो उनकी बेटी सो चुकी थी।
मै कमरे में वापस मुड़ गया और उसके पास जाकर बैठ गया। मैंने लाइट पहले ही बंद कर दी थी। अब मैंने टीवी भी बंद कर दिया और अँधेरा हो गया।
अचानक मैंने भाभी को चूमने की नाकाम कोशिश की। मुझे ऐसा लगा कि वो पहले से ही जान रही हो, कि मैं चूमने लगूँगा।

मुझे चुम्बन भी नहीं मिला और भाभी गुस्सा हो गई और बोली- अभी तुम जल्दी से चले जाओ और तब मैं चला गया।
तकरीबन 10 मिनट बाद, भाभी की कॉल आती है और वो मुझे धमकाने लगी, कि वो सब कुछ भैया को बता देंगी।
हम लोगों ने तुम पर इतना विश्वास किया और तुम ऐसा कर रहे हो। मैं डर गया और
सोचने लगा, कि अगर सच में भैया को पता चल गया तो क्या होगा?
तब मैं सुबह सोकर उठा तो सोचने लगा कि उनके कमरे में कैसे जाऊ? और फिर सोचा, कि जो होना था, वो हो चुका है और भाभी के यहाँ जाकर उनसे नज़रे चुराने लगा।
भाभी ने बोला– क्या हुआ?
मैंने बोला – कुछ नहीं।
भाभी ने मुझे बोला – मैं तो तुम्हें बहुत अच्छा समझती थी लेकिन मैं क्या करू? कुछ समझ नहीं पा रही हूँ।
अब रोज़ मैं जल्दी सोने जाने लगा और भैया 2 दिन बाद वापस आ गए।
भैया वापस आए तो भाभी ने भैया से मेरे सामने ही बोला– कुछ बताना है आपको, और मेरी तरफ मुस्कुराते हुए बोली – बता दूँ क्या?
मैंने अनजान बनते हुए कहा – क्या बात बतानी है।
भैया ने पूछा – क्या हुआ?
भाभी ने कहा– आपके भाई के मिजाज आजकल थोड़े शरारती हो गए है तो भाभी बोली– कुछ नहीं और ऐसा बोलकर बात को टाल दिया।
अब भाभी मुझे अक्सर छेड़ती रहती और मैं भी पीछे नहीं हटता। एक दिन की बात है, मैं खाना खा कर टीवी देख कर सोने के लिए जाने लगा।
मैंने देखा की बाहर मेरी चप्पल नहीं है। मैंने अपनी चप्पल के बारे में भाभी से पूछा।
भाभी पहले से ही अँधेरे से बैठी हुई थी और बोली – मुझे क्या पता? जहाँ तुम देख रहे हो, वहीँ
होगी।
मैंने उनको बोला- नहीं मिल रही है और मैं उनके पास गया तो देखा, कि वो मेरी
चप्पल पहनकर और अपने पैरो को ऊपर करके बैठी थी।
वो बोली– आकर निकाल लो। मैं उनके पास गया और अपनी चप्पल निकालने की कोशिश करने लगा और वो मेरी चप्पल को अपने नीचे दबाकर बैठ गई थी।
मैंने अपने हाथ उनके नीचे घुसा दिए, जिससे मेरे हाथ उनकी चूतड़ से छूने लगे और उनकी पैन्टी से भी मेरे हाथ से छू रही थी।
भाभी कुछ भी नहीं बोल रही थी। तभी मैंने उनकी पैन्टी की प्लास्टिक को खींच दिया।
वो तब भी कुछ नहीं बोली और अब मैंने उनके चूतड़ पर हाथ रख दिया और फिर उनके चुदासी चूतड़ को सहलाकर आनंद लेने लगा।
तभी भाभी बोली – यह क्या कर रहे हो?
मैंने बोला – कुछ नहीं, अपनी चप्पल निकाल रहा हूँ और मै भी भाभी की प्यारी चूचियों
पर हाथ लगाकर दबाने लगा।
चूत को पैन्टी और सलवार के ऊपर से ही एहसास किया।
भाभी ने मुझे सीढियों के पास ले जा कर एक चुम्बन दी और बोली – जाओ, नहीं तो तुम्हारे भैया आ जाएँगे।
भाभी मुझसे हुई चुदने को राजी
मैं चला गया और थोड़ी देर बाद भाभी की कॉल आई, कि तुम बहुत ही ख़राब हो।
मैं बोला– क्या हुआ?
वो बोली – मस्त मौसम में गरम करके चले गए, तो मैंने कहा – कोई नहीं, भाई तो है।
भाभी ने बोला- ऐसा थोड़ी होता है, की गरम करे कोई और ठंडा करे कोई।
मैं बोला – आज के लिए माफ़ कर दो!
भाभी बोली – कोई बात नहीं, आज तुम्हें याद करके तुम्हारे भाई से चुद जाऊँगी।
मैं तुम्हें कल बताऊँगी और अगले दिन मैं इंटरव्यू का बहाना करके कमरे पर ही रुक
गया और भाई ऑफिस चले गए।
मेरी धड़कन तेज हो गई और मैंने दरवाजे और खिड़की लगा कर परदे गिरा दिए। भाभी कपड़े आयरन कर रही थी।
मैंने शरारत करते हुए, स्विच ऑफ कर दिया और भाभी की प्यारी चूचियाँ दबाने लगा, तो उनको चूमते हुए चूत को सहलाता रहा।
भाभी के मुँह से आवाजें निकल रही थी- अहहह! ह्ह्ह! चोदो ना! बड़े शरारती हो!
मैंने बोला – अगर मैं शरारती नहीं होता, तुम्हारी रस भरी जवानी का मज़ा कैसा चखता?
भाभी की चूत चटाई और मस्त चुदाई
भाभी ने मुझे कसकर बाँहों में ले लिया और बोली– देवर जी, आज मेरी जवानी का मजा ले लो। तो मैं भाभी की चूत चाटने लगा।
भाभी मेरे लण्ड को मसलकर मेरे लण्ड का मज़ा ले रही थी और भाभी की चुदाई शुरू हो गई।
मेरा लण्ड उसकी चूत में 30 मिनट तक चुदाई करता रहा और उस दिन मैंने उनकी 5 बार चुदाई की और हर चुदाई अलग स्टाइल में की।
उनको पूरी नंगी करके चोदा, अब मैं जब भी भाभी से मिलता हूँ तो भाभी की मस्त चूचियाँ मसलता हूँ और मस्त चोदता हूँ।

पंजाबन भाभी को प्रेगनेंट किया punjaban bhabhi ko pregnant kiya

पंजाबन भाभी को प्रेगनेंट किया punjaban bhabhi ko pregnant kiyaSunder Khubsurat Ladki ki chudai , Chut ke Maje , gand mari , khub choda , Masti se chod diya , Jabardast manoranjan ke sath chudwayi.
मैं अभय  जालंधर से हूँ. मैं दिखने में गोरा   और 5’10” गठीला और छरहरा शरीर का हूँ। स्मार्ट और डैशिंग हूँ.
ये मेरी पहली कहानी है, ये दो साल पहले की बात है. मैं ट्रेनिंग के लिए 3   महीने चंडीगढ़ पीजी मैं रहा   था, जो माकन मालकिन थी, उसका नाम संजना (बदला हुआ नाम) था. मैं उनको भाभी कहता था. वो बहुत हॉट थी, उसकी उम्र  32 थी, पर इस उम्र मैं भी वो गजब लगती थी, रंग उसका बिलकुल गोरा था, 36 साइज के टाइट मम्मे थे, जब पहली बार देखा तो देखता ही रह गया. उसने पंजाबी सूट पहना था, और पंजाबन तो होती ही हॉट है. उस दिन तो ज्यादा बात बात नहीं हुई. अब मैं रोज उसको देखता और उसके नाम की मुठ मरता था, मेरे कमरे मैं पीने का पानी नहीं होता था, तो रोज उनसे लेने जाता था. और फिर इस बहाने से बात करना शुरू हो गया. अब जब भी समय मिलता तो मैं भाभी के पास चला जाता.
शायद उसको मेरा आना पसंद था. पर वो कुछ उदास सी लगती थी.  मैं रोज रात को देर से ही सोता था, रोज मुझे कुछ अजीब सी आवाज़े सुनाई देती थी. एक दिन मैंने गोर से सुना तो देखा की ये तो भैया और भाभी की आवाज़ थी. ऐसे लग रहा था की भैया गुस्से  में भाभी को डांट रहे थे. उस दिन मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. और अगले दिन भाभी से बातों बातों में पूछा की भैया से झगड़ा हुआ है क्या. तो वो काम करते करते अचानक रुक गयी और घबरा के बोली नहीं तो, तुझे ऐसे क्यों लगा. मैंने कहा ऐसे ही कल रात आवाज़ आ रही थी. इस लिए पूछा. उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया. उसके बाद वो मुझे ज्यादा बात नहीं करती थी. मैंने कारण पूछा पर बताया नहीं. रविवार को छुट्टी थी, तो में कमरे में अकेला था. पोर्न फिल्म देख कर मुठ मार कर सो गया. में चड्डी पहन के लेट गया कब आँख लगी पता ही नहीं चला. थोड़ी देर बाद मेरा लंड टाइट होने लगा. मुझे ऐसे लगा जैसे कोई मेरे लंड को हिला रहा हो. मेरी आँख खुल गयी. मैंने देखा तो भाभी मेरे लंड से खेल रही थी. मैंने फिर से आँखें बंद कर ली. जैसे में सोया हुआ हूँ.  भाभी ने देखा की अभी भी सोया हु तो उनका होंसला और बढ़ गया. और वो लंड को जीभ से चाटने लगी. मैं बता नहीं सकता की कितना अच्छा लग रहा था. पहली बार मेरे लंड को कोई लड़की चूस रही थी. मैं तो किसी ओर ही दुनिया मैं पहुँच गया था. भाभी के होंठो से लिपस्टिक मेरे लंड पर लग गयी थी. अब मुझसे बर्दाश नहीं हो रहा था. मैंने अपने हाथ भाभी के सर पर रख कर अपने लंड पे दबाने लगा. अब भाभी भी ओर जोर से चूसने लगी. कुछ देर मैं मेरे लंड से वीर्य की पिचकारी निकली. पहले कभी भी इतना वीर्य नहीं निकल था. भाभी पूरा वीर्य पी गयी ओर मेरे लंड को मुह मैं ले कर साफ़ करने लगी. इस से पहले की मैं कुछ ओर करता. दरवाजे पे घंटी बज गयी. भाभी ने जल्दी से अपने कपडे ठीक किये ओर मेरे होंठो पे किस करके चली गयी.
थोड़ी देर के बाद जब मैं उनके पास गया तो उदास बैठी थी. मैंने उनसे कारन पूछा तो वो रोने लगी. मैंने उनको संभाला. ओर सीने से लगा लिया. उन्होंने ने कुछ नहीं कहा. मेरे बार बार पूछने पर उन्होंने बताया की उनके पति का शादी के 1 साल बाद एक्सीडेंट हो गया था. जिसकी वजह से वो नपुंसक हो गए है और बाप नहीं बन सकते, ये बात मैंने अपने पति और घर में किसी को नहीं बताई. अब घरवाले पूछते है बच्चे के बारे में, मैं हर बार टाल देती हु. इस बार मेरी सासु माँ और ननंद ने बहुत बुरा भला कहा, और ये भी कहा की अगर बचा नहीं कर सकती तो तलाक दे देंगे. मेरी और मेरे पति के बीच इसी बात को लेकर झगड़ा होता है. इस लिए ही मैं काफी दिनों से परेशान हूँ. जब  दिन में तुम मुठ मार रहे थे, तब मैं तुम्हे देख रही थी. और मुझे एक उम्मीद की किरण दिखी. अब तुम मेरी शादी बचा सकते हो. इतनी देर मैं भैया आ गए तो भाभी मेरी पढाई के बारे मैं पूछने लगी. मैंने भी बात घुमा दी. भैया को शक नहीं होने दिया. फिर मैं अपने कमरे में आ गया और भाभी के ख़यालों में खोने लगा | वो भाभी के नरम नरम होंठों का स्पर्श अभी भी में महसूस कर रहा था. मैं तो बस अब अगले दिन का इंतज़ार कर रहा था. की कब भईया काम पे जाये और मैं भाभी की चुदाई करू. आज रात बहुत लम्बी लग रही थी. भाभी के बारे मैं सोचते सोचते कब आँख लग गयी पता ही नहीं चला.
सुबह होते ही मैं भाभी के पास पानी लेने गया तो देखा की भाभी आज खुश दिख रह थी. और आज मैं उनकी ख़ुशी की वजह जनता था. फिर मैं पानी लेकर वापिस आ गया और भईया के जाने की राह देख रहा था. मैं देखा की भईया काम पे जा रहे थे जैसे ही भईया गए मैं भाग के भाभी के पास पहुँच गया. और भाभी को गले से लगा लिया. भाभी के बोबे बिलकुल सख्त और तने हुए थे. भाभी ने मुझे हटाया और कहा की अभी घर का काम करना है. उसके बाद प्यार करेंगे. मैंने कहा भाभी अब बर्दाश्त नहीं हो रहा और भाभी के रास भरे होंठों को चूमने लगा और उनके होंठों पे काटने लगा. अब भाभी भी गरम हो रही थी. खुद को मुझे सौंप रही थी. मैं धीरे धीरे एक हाथ उसके बूब्स पे रख दिया और दबाना शुरू कर दिया. भाभी ने जोर जोर से सांसे लेना शुरू कर दिया. मैं जोर जोर से बूब्स दबा रहा था और उतनी ही जोर से उनको किस कर रहा था. भाभी ने धीरे से मेरे कान मैं i  love  u  कहा. ये सुन मैं और तेज हो गया. उस दिन भाभी को देख कर पता चला की इक औरत कितनी गरम हो सकती है. फिर मैं इक हाथ उनके कमीज के अंदर दाल दिया. भाभी और जोर से सिसकियाँ लेने लगी. अब भाभी ने अपना हाथ मेरे लण्ड पे रख दिया और दबाने लगी मैं तो आज स्वर्ग मैं था. मैं भाभी की कमीज़ उतर दी. और उनके बूब्स तो तने हुए तरबूज लग रहे. भाभी के कहा आज चूस ले भाभी के तरबूज. पी ले सारा रस. मैंने जोश मैं आकर भाभी की ब्रा फाड़ दी. अब भाभी के तरबूज मेरे सामने नंगे थे. और मैंने जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया. भाभी भी अब मेरे सर को अपने बूब्स पे दबा रही थी. भाभी ने अब मेरी निक्कर खोल के मेरे लण्ड को अपने हाथ मैं ले लिया. और जोर जोर से चूसने लगी. भाभी ऐसे चूस रही थी. जैसे कोई भूखी शेरनी अपने शिकार को खाती है. मैं भी उनके सर को अपने लंड पे दबा रहा था. मैंने फिर एक एक करके भाभी के सारे कपडे उतर दिए. भाभी तो जैसे किसी हीरोइन जैसे लग रही थी. मैंने फिर भाभी के जिस्म को चूमना शुरू कर दिया. अब एक उंगली भाभी की छूट मैं घुसा दी. जो की पहले से पानी छोड़ चुकी थी. और धीरे धीरे उंगली को अंदर बहार करने लगा. भाभी के मुँह से अब गलियां निकलने लगी. भेनचोद चोद दे अपनी भाभी को. बना ले अपनी रखेल. पी ले मेरी जवानी का रस मेरे राजा. अब मैं भी जोश मैं आ गया और भाभी को चुत पे अपनी जुबान रख दी. भाभी ने जोर से सिसकी ली. और फिर मैंने भाभी की चुत को चाटना शुरू कर दिया. आआआह्ह्ह्ह आजतक इतना मज़ा तेरे भईया ने नहीं दिया. जितना आज तूने दिया. खा जा चुत को हरामजादे. अपनी रखेल की आज बुझा मादरचोद. भाभी के मुँह से गलियां सुन मुझे और जोश आ रहा था. और भाभी छूटने वाली थी तो मैंने बूब्स को और जोर से दबाना शुरू कर दिया. जुबान को पूरा चुत के अंदर डाल दिया. और एक जोरदार सिसकी के साथ भाभी ने चुत ने पानी छोड दिया.
अब मैंने मोर्चा संभाला और अपने लण्ड को भाभी की चुत पे टिका दिया. और एक जोरदार झटका मारा. चुत गीली होने के कारण लण्ड एक झटके मैं आधा अंदर चल गया. और भाभी ने मुझे कस के पकड़ लिया. और मुझे रुकने का इशारा किया. पर अब मैं कहा रुकने वाला था. मैंने एक एक और धक्का लगाया तो भाभी की आँखों मैं आँसू आ गए. और मादरचोद, हरामजादे मेरी चुत है. आराम से चोद ले मादरचोद. मैं कोण सा कही भागी जा रही हूँ. मैं कहा रुकने वाला था.. एक और जोरदार स्ट्रोक मारा और पूरा लण्ड भाभी की चुत मैं समां गया. भाभी की हालत तो ऐसे थी जैसे बिन पानी की मछली. भाभी जोर जोर से चीख रही थी. पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. 15  मिनट की धुआँधार चुदाई के बाद मैं छूटने वाला था तो एक जोरदार स्ट्रोक के साथ सारा माल भाभी की चुत मैं डाल दिया. भाभी की चुत मैं से माल बाहर निकल रहा था. मैंने भाभी को उठाया तो भाभी से उठा नहीं जा रहा था. तो मैंने उसको गॉड मैं उठा के बाथरूम ले गया. वह मैंने भाभी को साफ़ किया. और वापिस बिस्तर पे लेटा दिया और खुद भी लेट गया. और मैंने भाभी से माफ़ी मांगी की चुदाई के वक़्त मैंने आपकी बात नहीं मणि. तो उन्होंने मुस्कुराते हुए मुझे चुम लिया और कहा कोई बात नहीं..शायद ये जरुरी था. और कहा की तेरी बीवी बहुत किस्मत वाली होगी. उस दिन भईया के आने तक मैंने भाभी को 3  बार चोदा. और फिर ये सिलसिला 2  महीने तक चलता रहा. फिर मैं वापिस अपने घर आ गया. तो मुझे भाभी का फ़ोन आया की वो माँ बनने वाली है. और घर मैं सब बहुत खुश है. ये सब तुम्हारी वजह से हुआ.

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