रज़ाई में बहन की चूत चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और यह मेरी एक सच्ची घटना है, जिसको में आज आप सभी लोगों को सुनाना चाहता हूँ. दोस्तों यह कहानी मेरी और मेरी एक चचेरी बहन की है. सबसे पहले में आप सभी को थोड़ा बहुत अपने बारे में भी बता देता हूँ, मेरी हाईट 5 फिट इंच 10 है और मेरा लंड 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा है.

दोस्तों यह घटना आज से करीब चार साल पहले की है जब मेरी बहन की सगाई थी, तब वहां पर हमारे सभी रिश्तेदार आए हुए थे और उनमे मेरी चचेरी बहन सरिता भी थी, वो एकदम पतली दुबली सी और दिखने में बहुत सुंदर, सेक्सी लड़की थी, लेकिन उसके बूब्स की साईज़ 32 उभरे हुए बिल्कुल सुडोल थे और उसकी कमर बहुत पतली थी, उसकी कमर का साईज 26 था. दोस्तों वो मुझे बहुत ही अच्छी लगती थी और उसे देखकर मेरा मन करता था कि में उसे अभी पकड़कर चोद दूँ. हम पहले भी एक बार किस कर चुके थे जब वो गर्मियों की छुट्टियों में मेरे गाँव आई हुई थी. हम पहली बार मिलकर एक दूसरे से इतना करीब हुए थे. दोस्तों वो दिखने में बहुत ही सुंदर और हमेशा खुलकर बात करने वाली एक लड़की थी.

दोस्तों में उसे पहली बार देखते ही उसकी तरफ पूरी तरह से आकर्षित हो गया और फिर लगातार उसके सुंदर बदन को देखता रहा. उसके शरीर का हर एक हिस्सा उस एकदम टाईट कपड़ो में मेरे सामने उभरकर बाहर आ रहा था, जिसको देखकर में उसका बिल्कुल दीवाना हो चुका था. फिर वो मेरे इस तरह घूरकर देखने का मतलब समझकर मेरी तरफ थोड़ा सा मुस्कुराई और मुझसे पूछने लगी कि क्या हुआ मुझसे पहले कभी कोई लड़की नहीं देखी क्या? तब मुझे थोड़ा सा होश आया और फिर में उससे बोला कि मैंने लड़कियाँ तो बहुत देखी है, लेकिन आज तक मैंने तुम्हारी जितनी सुंदर लड़की कोई भी नहीं देखी, दोस्तों वो मेरी यह बात सुनकर शरमा गई और फिर मुस्कुराकर वहां से चली गई और में उसे जाते समय पीछे से घूरकर देख रहा था.

फिर उसी शाम को जब हम छत पर बैठे हुए इधर उधर की बातें कर रहे थे कि तभी अचानक से उसने कुछ देर बाद मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है? दोस्तों पहले तो में उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हुआ और फिर मैंने कुछ देर सोचकर तुरंत उससे कहा कि नहीं, तो वो झट से बोली कि यह तुम्हारी बात सच है या तुम मुझे ही पागल बना रहे हो? तो मैंने उससे कहा कि मुझ जैसे लड़के को कौन सी लड़की अपना बॉयफ्रेंड बनाएगी? तो वो तुरंत बोली कि क्यों ऐसी क्या कमी है तुम में, जो तुम यह सभी बातें सोचते हो?

दोस्तों मुझे उसकी बातों से अब कुछ बातें समझ में आ रही थी, वो शायद अब मेरी तरफ झुकने लगी थी और फिर ऐसे ही हमारे बीच बातें चल रही थी. फिर छत पर कुछ घंटे बिताने के बाद हम नीचे आ गए. अब हमने नीचे आकर देखा तो सभी लोग सो चुके थे और उस बात का फायदा उठाते हुए हम दोनों रात को एक ही रज़ाई में बैठकर टीवी देखने लगे और कुछ देर बाद जब उसे ज्यादा सर्दी लगी तो वो अपने पैरों को मेरे पैरों से छूने लगी, लेकिन धीरे धीरे अब वो अपना एक हाथ मेरी जाँघो पर ले गई.

फिर मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, लेकिन उसने मुझसे कुछ नहीं कहा. अब हम दोनों ही कुछ देर बाद सोने का नाटक करके रज़ाई के अंदर आ गये. वहां पर हम अब एक दूसरे के नाज़ुक अंगो से खेल रहे थे और में जैसे ही उसके गाल पर किस करने के लिए थोड़ा आगे बढ़ा तो उसने अपने होंठो को आगे कर दिया और हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. हमें ऐसा बहुत अच्छा लग रहा था और हम दोनों यहाँ पर किस से ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते थे, क्योंकि हमारे साथ और भी दो कज़िन सो रहे थे इसलिए हम बस एक दूसरे को प्यार कर रहे थे. फिर हम दोनों उठकर अलग अलग रूम में जाकर सो गये. फिर हमे उसके बाद एक दूसरे के इतना पास आने का समय ही नहीं मिला, क्योंकि वो दूसरे दिन अपने घर पर चली गई, लेकिन वो हमारी अधूरी कहानी को पूरी करने के लिए पूरे 6 महीने बाद मेरे बहुत करीब अपनी सगाई में आई.

दोस्तों इस बार मेरा प्लान उसे चोदने का था और पहले दिन ही वो मुझे देखते ही मेरे पास आ गई थी. अब उस समय घर पर बहुत सारे मेहमान आए हुए थे तो सभी लोगों को रात में सोने के लिए जगह की बहुत बड़ी समस्या थी, उस समय रात भी बहुत हो चुकी थी. कुछ लोग पहले ही इधर उधर जाकर सो चुके थे और उस समय सर्दियों का समय था तो इसलिए सभी रज़ाई ओढ़कर सो रहे थे, वो भी अपनी एक रज़ाई में बिल्कुल अकेली ही थी और उसके पास थोड़ी जगह थी उसने मुझे अपने पास आने का इशारा किया, तो में पहले बाहर गया और सभी लोगों को सोता हुआ देखकर चुपचाप जाकर उसकी रज़ाई में घुस गया और हम दोनों एक बार फिर से पूरे 6 महीने बाद एक दूसरे के बहुत पास थे. में अब अपना हाथ उसके नाजुक अंगो पर घुमाने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी.

कुछ देर बाद जब वो थोड़ा सा गरम हो गई तो में उसकी कमीज में अपना एक हाथ डालकर उसके मुलायम, बड़े बड़े बूब्स को दबाने मसलने लगा. दोस्तों मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि उसके निप्पल अब तक बहुत टाईट हो चुके थे और सरिता भी अपना एक हाथ मेरे लंड पर ले गई वो भी अब तक तनकर बहुत टाईट हो गया था. अब धीरे धीरे हम दोनों थोड़ा आगे बढ़े और उस समय रूम में और भी बहुत लोग थे, इसलिए हमें उनका भी ध्यान रखना था कि किसी को हम पर शक ना हो.

फिर सरिता ने अपने मुहं को रज़ाई से थोड़ा सा बाहर रखा, बस वो कभी कभी अपना मुहं अंदर करके मुझे किस कर रही थी, लेकिन उसका हाथ लगातार मेरे लंड को सहला और ज़ोर ज़ोर से हिला रहा था और हम एक दूसरे के अंगो के साथ खेल रहे थे. अब मैंने उसकी कमीज को पूरा ऊपर किया और फिर दोनों बूब्स को ब्रा से बाहर निकालकर एक बूब्स को चूसने तो दूसरे बूब्स को दबाने लगा दोस्तों ऐसा करने से मुझे बहुत मजा आ रहा था और में कभी उसके निप्पल को काटता तो कभी बूब्स को पूरा अपने मुहं में लेने की कोशिश करता.

दोस्तों मैंने करीब 15 मिनट तक बूब्स से खेलने के बाद उसकी सलवार में अपना एक हाथ डालकर उसकी पेंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा था और वो भी अब तक पूरी तरह से गीली हो चुकी थी, लेकिन दोस्तों बस में उसकी चूत की गरमी और गीलेपन को महसूस कर सकता था, देख नहीं सकता था, क्योंकि उस समय रजाई के अंदर बहुत अंधेरा था.

फिर मैंने उसकी पेंटी को पूरा नीचे कर दिया और मैंने अपनी एक अंगुली को उसकी चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से वो एकदम से सीहर उठी. दोस्तों में इससे पहले भी एक लड़की की सील तोड़ चुका था इसलिए में उसकी चूत में ऊँगली डालते ही समझ गया था कि यह पहले से ही चुद चुकी हुई है, लेकिन मुझे क्या करना था मुझे तो बस पानी निकालना था और फिर मैंने अपनी एक अंगुली को एक ज़ोर से झटके के साथ पूरा अंदर डाल दिया जिसकी वजह से उसके मुहं से धीरे धीरे सिसकियाँ निकल रही थी, लेकिन उसने अपने आप पर बहुत कंट्रोल किया, क्योंकि और भी लोग हमारे पास में सो रहे थे.

अब उसने मुझे एक किस किया और मुझसे अपनी चूत को चाटने के लिए कहा, दोस्तों में अब धीरे धीरे रज़ाई में ही उसकी चूत के पास जाकर चूत को चूमने और चाटने लगा जिसकी वजह से उसे बहुत अच्छा लग रहा था और वो अपने चूतड़ को ऊपर उठा उठाकर मेरे सर को अपनी चूत के मुहं पर दबाकर मुझसे अपनी चूत को चटवा रही थी. अब मैंने कुछ देर चूत को लगातार चूसते हुए अपनी एक अंगुली को चूत में डालकर पूरा खोल दिया और फिर में अपनी जीभ से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा. फिर करीब दस मिनट तक चूत को अपनी जीभ से चोदने के बाद मैंने उसे किस किया और उससे कहा कि अब तुम रज़ाई के अंदर आ जाओ और मेरा लंड चूसो, में रजाई से बाहर निकलकर ध्यान रखता हूँ.

दोस्तों उसने एक बार तो मुझसे लंड को चूसने से साफ मना कर दिया, लेकिन फिर कुछ देर बाद मेरे बहुत समझाने के बाद वो मान गई. अब उसने रज़ाई में घुसकर सबसे पहले लंड को किस किया और उसके बाद उसने सुपाड़े को धीरे किस किया और अपनी जीभ से छुआ, जिसकी वजह से मेरी हालत अब धीरे धीरे बहुत खराब हो रही थी, मेरे मुहं से आह्ह्ह्ह उह्ह्हह्ह जैसी आवाज़े निकलने लगी थी.

अब वो लंड का सुपड़ा अपने मुहं में लेकर चूसने लगी, वो अब इतनी ज़ोर से चूस रही थी कि जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे अभी मेरे लंड से पानी निकल जाएगा और उसने करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसा, वो लंड चूसने के काम में बहुत अच्छी थी और वो बहुत ही अच्छे से मेरा लंड चूस रही थी जैसे आज वो सब बाहर निकाल देगी और फिर से हमने किस किया, क्योंकि दोस्तों उस जगह पर हम सेक्स नहीं कर सकते थे, इसलिए हमने बस ऐसे ही चुदाई का मज़ा लिया और कुछ देर लंड चूसने के बाद में उसके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा गरम गरम वीर्य गटक गई. दोस्तों इसके बाद हमने दोबारा कैसे सेक्स किया और बहुत मज़े किये.

नंगी शादी और सामूहिक चुदाई

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और मेरी उम्र 19 साल है. ये कहानी एक साल पहले की है जिसमें 2 फेमिली है, एक मेरी और दूसरी हमारे फेमिली फ्रेंड प्रकाश अंकल की है. मेरी फेमिली में हम 5 लोग है में, मम्मी, पापा और दो बहनें, जो अभी पढ़ रही है और प्रकाश अंकल की फेमिली में 6 लोग है वो, उनकी वाईफ और 3 बेटे और एक बेटी, जो कि 19 साल की है और वो अभी पढ़ रही है. एक दिन प्रकाश अंकल और उनकी वाईफ हमारे घर आए, अब वो मेरे पापा और मम्मी से बात कर रहे थे. वो लोग कहीं बाहर जाने की प्लानिंग कर रहे थे, वो लोग छुट्टी मनाने ऊटी जाने का प्लान बनाकर रविवार को निकल गये. वो दोनों अंकल, आंटी और मेरे मम्मी, पापा और हम सब बच्चे अपने घर पर ही थे.

अब में आपको बता दूँ कि मेरी दोनों बहनों का नाम रीता और मीना है, वो दोनों जुड़वा है और बहुत सेक्सी है. वो 19 साल की कामुक लड़कियां है और प्रकाश अंकल के बेटे प्रीतम 21 साल, पिंटू 20 साल और सिंटू 19 साल के है. हमारे पापा मम्मी की तरह हम सब भी अच्छे दोस्त थे और बहुत बार मेरी दोनों बहने पूजा के पास जाया करती थी और हम भी प्रीतम और उसके भाइयों के साथ बाहर जाते थे. इस तरह जब हमारे पापा मम्मी ऊटी गये थे, तो हम लोग अपने एग्जॉम में व्यस्त थे और अचानक हमें एक शॉक लगा और पता चला कि रोड़ एक्सिडेंट में हमारे माता पिता की मौत हो गई है.

फिर हम सबने बहुत दुख से उन सभी का क्रियाकर्म किया. उस समय मेरे पास कुछ नहीं था, फिर में प्रीतम और उसके भाइयों के घर गया. फिर थोड़ी देर तक बात करने के बाद हमने फ़ैसला कर लिया कि हम सब साथ में रहेंगे. फिर में अपनी दोनों बहनों के साथ उनके घर चला गया और फिर हम एक साथ रहने लगे. फिर करीब 5 महीने के बाद हम सब घुल मिल गये और मस्त रहने लगे. अब प्रीतम और में बिज़नस किया करते और घर चलाया करते. फिर हमने सोचा कि अब हमें शादी कर लेनी चाहिए.

प्रीतम : क्या यार, अब हमारी शादी कैसे होगी?

में : हाँ यार, में भी यही सोच रहा हूँ.

प्रीतम : एक बात बोलूं.

में : हाँ बोल.

प्रीतम : मुझे तेरी बहन मीना बहुत पसंद है, क्या में उससे शादी कर सकता हूँ?

में : हाँ, मगर एक शर्त है.

प्रीतम : बोल.

में : मुझे भी तेरी बहन बहुत पसंद है.

प्रीतम : ये तो खुशी की बात है चल आज ही मीटिंग करते है.

फिर घर आने के बाद हम सब डिनर टेबल पर बैठे और प्रीतम ने पूछा कि जिसको भी शादी करनी है वो हाथ उठाओ, तो सबने अपना हाथ उठाया और हम चौंक गये, तो मीना बोली कि लेकिन करेगें किससे?

में : देख हम सब जवान है और अलग-अलग फेमिली से बिलॉंग करते है, क्यों ना हम आपस में शादी कर ले?

तो सब राजी हो गये और अब सब खुश लग रहे थे, तो पिंटू ने कहा कि लेकिन एक प्रोब्लम है दोस्तों.

में : क्या?

पिंटू : हम 4 लड़के है और लड़कियां 3 ही है, कैसे शादी होगी?

प्रीतम : कुछ सोचो यार.

फिर हम एक फैसले पर आए कि मेरी बहन रीता के दो पति होगें, तो सब राजी हो गये.

अब हम सब शर्म छोड़ चुके थे और खुलकर बात कर रहे थे. फिर मैंने प्रीतम की बहन पूजा से कहा कि

क्या ख्याल है मेरी होने वाली पत्नी?

पूजा : हाए मेरे राजा आई लव यू.

फिर हम सब हंस पड़े, फिर हमने अगले दिन शादी का प्लान किया और सब खुश हो गये, क्योंकि सब हवस में पागल थे. फिर दूसरे दिन सभी लड़कियां साड़ी पहने थी और सब लड़के कुर्ता पजामा पहने थे, फिर मैंने कहा कि क्यों ना शादी एक नयी स्टाइल में की जाए?

प्रीतम : कैसे?

में : क्यों ना हम कम से कम कपड़ो में शादी करे?

सिंटू : अच्छा आईडिया है.

में : गर्ल्स सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में और बॉय सिर्फ शॉर्ट्स पहनकर शादी करे.

पूजा : आईडिया अच्छा है.

फिर हम सबने अपने-अपने कपड़े उतारे और ड्रेस कोड में आ गये. अब मीना और रीता ने ब्लेक कलर की ब्रा और पेंटी पहनी थी और पूजा ने रेड कलर की ब्रा पेंटी पहनी थी और सभी बॉय ने ब्लू कलर की शॉर्ट पहनी हुई थी.

पूजा : लेकिन, हम शादी शुरू कैसे करे?

फिर हमने हॉल में सब गद्दे बिछाए और अब हम हार पहनाकर शादी कर रहे थे.

रीता : सिंदूर कहाँ है?

प्रीतम : हाँ, सिंदूर हम माँग में नहीं चूत में भरेंगे.

तो वो खुश हो गई और अब सब लेडीस अपनी पेंटी को साईड में करके खड़ी थी.

में : हम सिंदूर हाथ से नहीं लंड से भरेंगे.

तो सब राजी हो गये, फिर मैंने अपने 8 इंच के लंड पर सिंदूर लगाया और पूजा की नाज़ुक चूत पर सिंदूर लगाया. वही पिंटू और सिंटू ने मेरी बहन रीता की चूत पर सिंदूर लगाया और प्रीतम ने मीना की चूत पर अपना लंड लगाकर शादी कर ली थी. अब हम सब रोमांस कर रहे थे, अब में पूजा की ब्रा खोलकर उसके 19 साल के निपल चूस रहा था. अब वो बहुत सिसकियां मार रही थी, अब रीता पिंटू और सिंटू के साथ मज़े ले रही थी और प्रीतम मीना की चूत को चाट रहा था. अब में भी पूजा की चूत चाट रहा था. अब वो लाल हो गई थी और में उसकी चूत पर अपना लंड मसल रहा था और अब वो भी मेरा साथ दे रही थी.

फिर मैंने एक जोरदार धक्के के साथ पूजा की चूत में अपना लंड डाल दिया, तो वो चीख उठी और वहीँ मीना का भी यही हाल था और रीता भी एक लंड चूस रही थी और दूसरा लंड अपनी चूत में ले रही थी. इस तरह से हमने रात के तीन बजे तक चुदाई की और अब सब कई बार झड़ चुके थे. फिर सुबह 9 बजे मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि पूजा मेरी बाहों में सो रही है, मीना प्रीतम का लंड अपनी चूत में लिए सो रही हैं और रीता के दोनों साईड में सिंटू पिंटू सो रहे थे.

फिर मैंने सबको उठाया और कहा कि नहा लो, तो अब सब उठकर एक दूसरे को देख रहे थे और फिर सबने अपनी बीवियों को मॉर्निंग किस किया और बीवियों ने लंड मुँह में लेकर सबको ठीक से जगाया. अब सब कपल एक के बाद एक बाथरूम में जा कर चुदाई के साथ फ्रेश होकर कपड़े पहनकर बाहर आए और नाश्ता किया.

तभी पूजा ने कहा कि आज राखी है हम सब अच्छे से मनायेंगे, तो मैंने कहा कि अच्छा आइडिया है.

पिंटू : मगर हम राखी हाथ पर नहीं बांधेगे.

रीता : फिर कहाँ?

सिंटू : सब बहने अपने भाइयों के लंड पर राखी बांधना.

में : मस्त आइडिया है.

अब सब राजी हो गये और भाई अपने लंड को खोलकर सोफे पर बैठ गये. अब पूजा आरती की थाली ला कर अपने भाइयों के लंड पर राखी बांध रही थी.

में : अपने भाइयों का मुँह मीठा करो.

पूजा : हाँ करुँगी ना अपनी चूत और निपल से.

अब ये सुनते ही प्रीतम पूजा का सलवार उतारकर उसके निपल्स चूस रहा था और यहाँ रीता और मीना मेरे लंड पर राखी बाँधकर मेरा लंड चूस रही थी. तभी रीता अपनी पेंटी खोलकर मेरे लंड पर बैठ गई, अब मुझे बहुत मजा आ रहा था. अब में मीना की चूत को चाट रहा था और वहीं पूजा भी प्रीतम का लंड अपनी चूत में लेकर उछल रही थी और सिंटू पिंटू का लंड चूस रही थी. अब सब भाई अपनी बहनों को शाम तक चोदकर थक गये और सो गये.

दोस्तों फिर एक दिन सिंटू और पिंटू किसी काम से बाहर गये हुए थे में और पूजा अपने रूम में नंगे सो रहे थे. मैंने अपना लंड पूजा की चूत पर लगाया हुआ था और प्रीतम भी रिया के साथ रूम में सो रहा था. तभी हमने देखा कि सिया मेरे रूम के पास आकर खड़ी हो गयी और वो उस समय सिर्फ़ पेंटी में ही थी तभी मैंने उसको आवाज़ दी वो मुस्कुराते हुए मेरे पास आ गई और किस करने लगी और पूजा ने उसकी पेंटी को खोल दिया और वो उसकी चूत में उंगली डाल रही थी. फिर सिया ने तुरंत मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर खड़ा कर दिया, वो मेरे लंड को चूस चूसकर लाल कर रही थी और वो किसी अनुभवी रंडी की तरह मेरे लंडे को लोलीपॉप की तरह चूस रही थी.

पूजा : क्यों तुम्हे मेरे पति का लंड चूसने में मज़ा नहीं आया क्या?

सिया : अरे रांड क्या तू कभी चूसती नहीं क्या?

दोस्तों उनकी बातें सुनकर सभी हंस पड़े और फिर मैंने पूजा को अपनी गोद में उठाया और अब में उसे प्रीतम के रूम में लेकर चला गया, लेकिन सिया भी हमारे पीछे पीछे आ गई और मैंने वहां पर पहुंचकर उससे कहा कि प्रीतम यह ले तेरी रंडी बहन को, तू चोद दे इसको. वो मेरी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और पूजा के बूब्स को चूसने लगा.

में अब रिया को ज़ोर ज़ोर से धक्के देकर चोद रहा था और इस तरह हमारी चुदाई की दास्तान ऐसे ही चलती रही और हम हर दिन रात कभी भी जमकर चुदाई किया करते और अब दोस्तों हमारी शादी को पूरे 20 साल बीत गये है. पूजा को एक बेटा हुआ प्रीतम को दो बेटियां हुई और सिंटू, पिंटू को एक एक बेटा हुआ मेरे बेटे का नाम लव था. प्रीतम रिया की बेटियों के नाम लता और गीता था. हम लोग चुदाई उनके सामने नहीं किया करते थे और अब सभी बच्चे जवान हो गये थे.

फिर हम माता पिता जब कॉलेज गये थे तो हमने वहां पर एक मीटिंग की और अब बच्चो को इस खेल में कैसे मिलाया जाए, इस बारे में बात करने लगे? तो मैंने पूजा से पूछा कि बताओ तुम क्या कहती हो? तो पूजा मुझसे बोली कि हाँ ठीक है जैसा आप ठीक समझे, में इसमें क्या कह सकती हूँ?

प्रीतम : बच्चे कोई दूध के धुले भी नहीं है, चलो ठीक है.

फिर हमने सोचा कि कुछ नया हो जाए जिसमे हम सबको मज़ा आ जाए.

प्रीतम : मेरी दो बेटियां है जो अब जवान हो गई है उनका क्या होगा?

पिंटू : हाँ मेरा एक बेटा भी है जो अब जवान हो गया है.

में : हाँ मेरा भी तो एक बेटा है.

फिर हमने बच्चो की शादी करने के बारे में सोचा और अगले दिन बच्चो को बुला लिया दोस्तों में आप लोगों को बता दूं कि मेरे बेटे का नाम लव था और सिंटू पिंटू के बेटे का नाम गोरव था. हमने गोरव के लिए गीता और लव के लिए लता को पसंद किया था और फिर अगले दिन बच्चों को बुलाया और उनसे पूछा कि क्या तुम लोग शादी करना चाहते हो? और वो सभी यह शब्द सुनते ही एक दूसरे को देखने लगे और सबसे पहले लव ने हाँ भर दी और फिर गोरव भी हाँ कहकर मान गया और फिर लड़कियाँ भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, वो भी हाँ बोलने लगी और हम सभी बहुत खुश हुए और उनसे आगे की बात बोलने लगे.

में : लव बताओ कि तुम्हे लता कैसी लगती है?

लव : हाँ अच्छी लगती है पापा, वो सुंदर होने के साथ साथ बहुत समझदार भी है.

में : हाँ बहुत अच्छा है.

पिंटू : बेटा तू बता अब तुझे गीता कैसी लगती है?

गोराव : जी पापा मुझे वो अच्छी लगती है.

फिर प्रीतम ने कहा कि आज में मेरी बेटियों की शादी करूंगा और सभी लोग उसके मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गए. फिर पूजा, गीता और लता को एक कमरे में ले गई और उनके सारे कपड़े उतारकर वो उन्हें पेंटी, ब्रा पहनाकर बाहर ले आई, वाह क्या मस्त लग रही थी वो कच्ची कलियाँ, उनके छोटे छोटे बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे. अब हमने भी गोरव और लव को नंगा करके सिर्फ़ शॉर्ट्स में खड़ा कर दिया, उन दोनों के लंड शॉर्ट्स में टेंट बन गये थे. अब वो आपस में एक दूसरों को माला डालकर खड़े हुए थे और फिर लड़कियों को पेंटी उतारने के लिए कहा गया, वो वैसे ही कर रही थी और लड़के अपने लंड को खोलकर लड़कियों की चूत पर सिंदूर लगा दिया और अब उनकी शादी हो गई, तब तक हम सब भी पूरे नंगे हो चुके थे और प्रीतम ने रिया को पकड़कर वो उसके बूब्स को मसल रहा था और में पूजा की चूत में लगातार उंगली डालकर अंदर बाहर कर रहा था और वहीं हमारे बच्चे फुल प्यार कर रहे थे, लड़कियाँ सिसकियाँ लेकर मज़ा ले रही थी.

अब गोरव ने गीता को अपनी गोद में उठा लिया और वो उसको किस कर रहा था और लव ने भी लता के निप्पल को लोलीपोप की तरह चाट चाटकर लाल कर दिया था और वो अब चूत को भी धीरे धीरे सहला रहा था. फिर गोरव ने गीता की चूत को चाटना शुरू किया वो सिसकियाँ ले रही थी. लव भी यही कर रहा था और यहाँ हम बैठकर बच्चो की चुदाई देख रहे थे और उन्हें चुदाई करना सिखा रहे थे. दोस्तों में अब पूजा की गांड में अपने लंड को डालकर ऊपर नीचे कर रहा था और प्रीतम पूजा की चूत चाट रहा था.

फिर गीता और लता ने लंड चूसना शुरू किया और फिर लड़कों ने उनकी कमर के नीचे तकिया रख दिया जिसकी वजह से चूत ऊपर की तरफ उठकर खुल गई और अब वो उनकी चूत पर लंड मसल रहे थे, तभी गोरव ने लव को आंख मारी और उन दोनों ने जोरदार झटके मारकर आधा लंड चूत में डाल दिया, दोनों भी ज़ोर से चिल्ला उठी और कुछ देर बाद वो शांत होकर फिर से चुदाई का मज़ा ले रही थी, उन दोनों के लंड के टोपे बड़े आकार के थे. सुबह 4 बजे तक चुदाई करने के बाद सभी लोग सो गए.

फिर अगले दिन पूजा ने कहा कि आज कुछ नया हो जाए और उसकी बात को सुनकर सभी लोग ख़ुशी ख़ुशी मान गए और फिर उसने कहा कि आज हम आशीर्वाद का प्रोग्राम रखते है जिसमें गीता और लता को प्रीतम, सिंटू, पिंटू के लंड को चूस चूसकर उनका माल निकालना होगा. सभी लोग मान गए और अपना लंड खोलकर बैठ गये. अब लता मेरे लंड को मुहं में लेकर चूस रही थी, वाह क्या मज़ा आ रहा था. फिर वो सिंटू का भी लंड अपने मुहं में ले रही थी और वो लंड को लोलीपोप की तरह बहुत मज़ा लेकर चूस रही थी. कुछ देर चूसने के बाद वो झड़ गए और उन्होंने अपना गरम गरम लावा पूरा मुहं में भर दिया और बड़े मज़े से लंड को चाट चाटकर साफ भी किया.

फिर दोस्तों इस तरह हमारे बच्चो की भी शादी हो गई, जिसमें हम सभी ने बहुत मज़े किए और साथ साथ अपने बच्चो को सेक्स करने के नए नए तरीके भी बताए.

शादीशुदा बहन की चूत में लंड डाला

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम राहुल है और में जयपुर का रहने वाला हूँ, में जयपुर सिटी में काम करता हूँ और वहीं मेरी फेमिली के साथ रहता हूँ. में 25 साल का हूँ, मेरा थोड़ा सा गोरा चेहरा है, मेरे लंड का साईज़ 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. मेरे घर में 3 रूम है और किचन और छोटा सा आंगन है, एक रूम में मेरे पापा मम्मी, दूसरे रूम में दीदी और उनके ही बगल वाला कमरा मेरा है. मेरी दीदी और मेरे कमरे के बीच में एक खिड़की है, जिससे दोनों कमरे में आसानी से देख सकते है.

हमारी फेमिली में पाँच लोग है. पापा सोहन, उम्र 49 साल, जो हमेशा काम के सिलसिले से बाहर ही रहते है. मम्मी मीना, उम्र 46 साल, वो अभी भी बहुत सेक्सी दिखती है, उनका रंग गोरा है, उनका फिगर साईज 32-30-34 है. दीदी रेखा जो हमारे साथ ही रहती है, क्योंकि उनके पति ने उन्हें झगड़ा होने की वजह से निकाल दिया, वो भी बहुत सेक्सी है, उनका फिगर साईज 36-34-38 है. में और मेरी पत्नी सविता, वो भी बहुत सेक्सी है, उसका फिगर 34-32-36 है, हम दोनों बहुत सेक्स करते है और हमारी शादी 10 महीने पहले हुई थी.

अब में सीधा कहानी पर आता हूँ. में हर रोज सुबह 10 बजे काम पर जाता और शाम को 6 बजे घर आ जाता हूँ. एक दिन की बात है, में और मेरी पत्नी सेक्स कर रहे थे, तभी मुझे अहसास हुआ कि खिड़की पर कोई है, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया और मेरी पत्नी के साथ सेक्स करने लगा. अब हम दोनों बहुत इन्जॉय कर रहे थे. फिर आधे घंटे के बाद हम सो गये और फिर सुबह हुई, उस दिन रविवार था तो मेरे काम की छुट्टी थी. उस दिन मेरी पत्नी के मायके में किसी की मौत हो गयी थी, तो वो वहाँ 20 दिन के लिए चली गयी. फिर में उसे बस स्टॉप तक छोड़कर आया और वापस घर आने के बाद खाना खा कर मैच खेलने चला गया. फिर में वापस घर आया और चाय पी, अब में और मेरी दीदी बैठकर बात कर रहे थे, मेरी माँ कहीं बाहर गयी थी.

अब मेरी दीदी मुझसे पूछ रही थी कि अब कैसे दिन निकलेंगे तुम्हारे? तो में कुछ समझा नहीं. फिर मैंने दीदी से पूछा, तो वो बोली कि कुछ नहीं ऐसे ही मुँह से निकल गया और फिर वो मुस्कुरा कर चली गयी. फिर रात को हमने खाना खाया और सोने चले गये, अब माँ अपने कमरे में चली गयी और में अपने कमरे में और दीदी उनके कमरे में चली गयी. अब मुझे नींद नहीं आ रही थी तो में कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म देखने लगा और मुठ मार रहा था तो मैंने खिड़की की तरफ देखा, तो दीदी मुझे देख रही थी. फिर में उन्हें पटाने के लिए पूरा नंगा हो गया और ऐसे नाटक कर रहा था कि जैसे मैंने उन्हें नहीं देखा है. फिर थोड़ी देर के बाद में सोने चला गया, लेकिन तब भी मुझे नींद नहीं आ रही थी.

फिर में दीदी के रूम में देखने लगा तो मुझे इतना नज़र नहीं आ रहा था, लेकिन मुझे कुछ कुछ दिखाई दे रहा था. अब मेरी बहन अपनी चूत में उंगली डाल रही थी और ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी आ आ उ उ और बीच बीच में मेरा नाम ले रही थी, राहुल चोदो, चोदो मुझे, फिर वो सो गई और में भी जाकर अपने बेड पर सो गया. फिर एक दिन मेरी फेमिली में कुछ प्रोग्राम था, तो माँ वहाँ गयी थी और में और दीदी घर पर ही थे.

उस दिन शनिवार था, तो में काम से जल्दी आ गया था. अब जब में घर आया तो दीदी बहुत खुश थी, फिर दीदी ने मेरे लिए खाना बनाया और बोली कि खाना खाने के बाद हम शाम को मार्केट जायेंगे, मैंने कहा कि ठीक है. फिर में और दीदी मेरी बाइक पर बैठकर मार्केट गये, वहाँ पर दीदी ने कुछ कपड़े लिए और सब्जी ली. फिर जब हम वापस घर आ रहे थे तो बीच में एक थियेटर था, तो दीदी ने कहा कि चलो हम मूवी देखते है. मैंने कहा कि ठीक है और में और दीदी रोमांटिक मूवी देखने गये, क्योंकि उस दिन थियेटर में वही मूवी लगी थी, वो मूवी शुरुआत में तो नॉर्मल ही थी, लेकिन फिर बाद में उस मूवी में कुछ सेक्सी सीन आने लगे.

फिर मैंने दीदी की तरफ देखा तो वो बहुत ध्यान से देख रही थी. उसके बाद हम जब बाहर निकले तो दीदी ने कहा कि उन्हें अंडरगारमेंट्स लेनी है तो वो दुकान पर गयी और मुझे बोली कि तुम भी चलो. अब में शरमा रहा था और मैंने कहा कि तुम लेकर आओ, लेकिन उन्होंने बहुत ज़िद की तो में उनके साथ चला गया. फिर दीदी ने पारदर्शी 2 ब्रा और 2 पेंटी, काले और पीले कलर में ली. फिर दीदी ने मुझसे पूछा कि कैसी है? तो मैंने शरमाते हुए कहा कि अच्छी है. फिर हम घर पहुँचे, अब दीदी ने रात का खाना बनाया और फिर हमने खाया. अब खाना खाने के बाद में मम्मी के कमरे गया, क्योंकि वहाँ पर टी.वी लगा हुआ था और अब में टी.वी देख रहा था.

फिर थोड़ी देर के बाद मेरी बहन आई और मेरे बगल में बैठ गयी. अब मेरे मन में अभी तक कुछ भी ग़लत ख्याल नहीं था, अब हम इंग्लिश मूवी देख रहे थे. मेरी दीदी ने एक नाइटी पहनी थी और मुझसे कहा कि क्या मूवी देख रहे हो? चलो कुछ बातें करते है. फिर मैंने टी.वी बंद की और में और दीदी उनके कमरे में चले गये और अब हम पहले तो नॉर्मल बातें कर रहे थे. फिर दीदी ने पूछा कि राहुल में ब्रा और पेंटी ट्राई करती हूँ, तुम देखकर बताओ. अब मे हैरान हो गया और अब में अंदर ही अंदर खुश था कि चलो आज दीदी के बूब्स देखेंगे.

फिर दीदी उठी और अलमारी में से ब्रा और पेंटी का सेट निकाला और बाथरूम में जा कर चेंज करके आई. पहले तो उन्होंने काले कलर की ब्रा और पेंटी पहनी, उसमें वो बहुत सेक्सी लग रही थी. अब मुझे उनका पूरा बूब्स आसानी से दिख रहा था और उनकी चूत भी साफ़-साफ़ दिख रही थी, उनकी चूत पर बहुत बाल थे और उनके बूब्स के निप्पल बड़े-बड़े थे. फिर दीदी ने कहा कि कैसी है? तो मैंने कहा कि सेक्सी, तो फिर दीदी हंसी और कहा कि में दूसरी ट्राई करती हूँ.

उसके बाद दीदी ने कहा कि अब मुझे नींद आ रही है तो वो सोने चली गयी. उस रात मैंने 3 बार मुठ मारी और फिर सो गया. फिर सुबह में काम पर नहीं गया और मैंने 2-3 दिन की छुट्टी ले ली कि मुझे थोड़ा बुखार है. फिर हमने खाना खाया और फिर दीदी अपना काम करने लगी. अब दीदी बाथरूम में बैठकर अपने कपड़े धो रही थी. दीदी ने रात वाली ही नाइटी पहनी थी और अब उनकी नाइटी पूरी भीग गयी थी और फिर जब वो अपने कपड़े लेने बाहर आई तो उनकी नाइटी भीगी होने की वजह से मुझे उनके बूब्स का साईज़ साफ़-साफ़ दिख रहा था, शायद उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. अब में उनके बूब्स को ही देख रहा था, जो शायद उन्हें पता चल गया था.

फिर दीदी नहाने चली गयी, फिर उसके बाद में नहाने गया तो मैंने बाथरूम में देखा कि उनकी ब्रा और पेंटी वही पड़ी थी, लगता है वो सुखाना भूल गयी थी. अब में उनकी ब्रा और पेंटी से मुठ मार रहा था और फिर में उनकी ब्रा की कटोरी में झड़ गया. फिर में बाहर निकला तो देखा कि दीदी ने साड़ी पहनी थी और लो-कट ब्लाउज पहना था. अब उनमें से उनके आधे बूब्स साफ-साफ़ दिख रहे थे, क्योंकि अंदर ब्रा पारदर्शी वाली थी. फिर दीदी ने कहा कि बहुत देर लगा दी, तो मैंने कहा कि कुछ नहीं बस ऐसे ही. अब दोपहर में दीदी और में बैठ थे तो दीदी ने कहा कि गर्मी बहुत है, तो मैंने भी कहा कि हाँ बहुत गर्मी है.

दीदी – राहुल तुम्हारे कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं.

में – मैंने कहा नहीं में अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता हूँ, फिर मैंने उनसे पूछा कि ये सवाल क्यों?

दीदी – कुछ नहीं बस ऐसे पूछ रही हूँ.

में – फिर मैंने उनसे पूछा कि उस दिन आपने कहा था कि अब दिन कैसे निकलेंगे? तो में कुछ समझा नहीं, क्या आप फिर से बताओगी?

दीदी – मतलब में पूछना चाहती हूँ कि तुम्हारी पत्नी तो मायके गयी है, तो अब कैसा लग रहा है?

में – बहुत बोरिंग.

दीदी – क्यों?

में – ऐसे ही.

अब शाम को में दोस्तों के साथ घूमकर रात को 8 बजे घर पहुँचा, तो तब तक दीदी ने खाना बना लिया था. फिर हमने खाना खाया और सोने चले गये, फिर दीदी ने कहा कि क्या में तुम्हारे कमरे में सो सकती हूँ? तो मैंने पूछा कि क्यों? तो उन्होंने कहा कि अकेली बोर होती हूँ, तो मैंने कहा कि ठीक है, जब गर्मी के दिन थे तो में हाफ पेंट पहनकर ही सोता था.

फिर मेरी दीदी ने कहा कि चलो आज हम छत पर सोते है. छत पर पर ज़्यादा उजाला था, क्योंकि चाँदनी रात थी. अब मैंने जानबूझ कर अंडरवेयर नहीं पहना और सिर्फ़ हाफ पेंट ही पहनी, वो भी ढीली, जिसे आसानी से उतार सके. फिर मेरी दीदी ने अपनी साड़ी उतार दी और अब वो सिर्फ़ ब्लाउज और पेटीकोट में आ गयी. अब वो बहुत सेक्सी दिख रही थी, अब रात के 11 बज गये थे.

अब मेरी दीदी सो गयी थी, लेकिन अब मुझे नींद नहीं आ रही थी. फिर मैंने देखा कि दीदी की चूचीयां बहुत अच्छे से दिख रही थी. अब में आउट ऑफ कंट्रोल हो गया था और अपनी पेंट को उतारकर चादर ऊपर रखकर एक हाथ से मुठ मार रहा था और एक हाथ से उनका बूब्स हल्का सा दबा रहा था कि अचानक से दीदी हिली और में वहाँ से अपना हाथ हटाकर सोने का नाटक करने लगा.

फिर दीदी ने मेरी चादर थोड़ी खींची और वो मेरे ही चादर में आ गयी, अब मुझे डर लगने लगा था कि अब दीदी देख लेगी तो गुस्सा हो जायेगी, लेकिन दीदी सो गयी और में भी अपनी पेंट पहनकर सो गया. फिर करीब रात के 2 बजे होंगे, मेरी आँख खुली तो मैंने देखा कि मेरी दीदी वहाँ नहीं थी, तो में नीचे गया और मेरे कमरे में देखा तो कमरे की लाईट चालू थी. फिर जब में अंदर जाने लगा तो में देखकर हैरान हो गया, अब दीदी मेरा कंप्यूटर चालू करके मुठ मार रही थी और में भी खड़े होकर मुठ मारने लगा.

फिर मैंने सोचा कि अब कल दीदी को ज़रूर चोदूंगा और पहले वो ही चालू करेगी. फिर जब सुबह हुई तो मैंने देखा कि 11 बज गये थे. अब दीदी उठ चुकी थी और नहाकर नाश्ता बना रही थी. उस दिन उन्होंने पीले कलर की सलवार कमीज़ पहनी थी और मुझे उनकी गली साफ दिख रही थी. फिर में उठा और फिर बाथरूम में नहाने गया, अब में जानबूझ कर कपड़े ले जाना भूल गया. फिर मैंने दीदी से टावल माँगा तो उन्होंने मुझे टावल ला कर दिया.

फिर में नाटक करने लगा कि में बाथरूम में गिर गया और मेरे पैर में चोट लग गयी, तो दीदी ने कहा कि में मालिश कर देती हूँ. फिर दीदी तेल कि बोतल लेकर आई और अब वो मेरे घुटने तक पैर की मालिश कर रही थी और में सिर्फ टावल में ही था. दीदी के हाथ बहुत मुलायम थे, जब वो मालिश कर रही थी तो मेरा लंड खड़ा हो गया, अब दीदी उसे देख रही थी.

फिर मैंने कहा कि दीदी थोड़ी सिर की मालिश भी कर दो, तो वो मेरे सिर की मालिश करने लगी. अब वो मेरे ऊपर बैठकर मालिश करने लगी थी, उसे मैंने ही कहा था. अब वो ऐसे बैठी थी कि मेरा लंड उनको टच हो रहा था, अब दीदी के बूब्स भी हिल रहे थे. फिर में उठा तो दीदी ने कहा कि आजा खाना खा ले, तो मैंने कहा कि तुम चलो में कपड़े चेंज करके आता हूँ. फिर जैसे ही दीदी जाने लगी तो मेरा टावल खुलकर नीचे गिर गया और मेरी दीदी बाहर चली गयी.

फिर में बाहर आया और अब में दीदी से शरमा रहा था. फिर मेरी पत्नी का फोन आया तो में उससे बात करने लगा, अब दीदी मुझे गुस्से से देख रही थी. फिर फोन रखने के बाद दीदी ने कहा कि कब आ रही है? तो मैंने कहा कि 4 दिन बाद. फिर मैंने उनसे पूछा कि दीदी क्या हुआ कुछ टेंशन में हो? तो उन्होंने कहा कि चलो आज गार्डन जाते है, तो में खुश हो गया. अब हम बाइक पर जा रहे थे, अब दीदी मेरे पीछे से चिपक कर बैठी थी, अब उनके बूब्स मुझे टच हो रहे थे.

फिर हम पार्क पहुँचे तो वहाँ सब लवर्स ही थे, कुछ लोग किस कर रहे तो कुछ लोग घूम रहे थे. फिर मैंने दीदी से कहा कि चलो दीदी, कहीं और चलते है. फिर उन्होंने कहा कि नहीं, यहीं सही है. अब में और दीदी वहाँ बैठकर दूसरो को देखकर मुस्कुरा रहे थे. फिर दीदी ने कहा कि कितना अच्छा गार्डन है, तो मैंने कहा कि हाँ. अब रात हो गयी थी तो अब पार्क बंद होने वाला था. फ़िर हम वहाँ से निकले. गार्डन से मेरा घर 10 किलोमीटर था और 2 किलोमीटर जाने के बाद वहाँ थोड़ा जंगल था तो दीदी ने कहा कि रुक, तो मैंने कहा कि क्यों? तो दीदी ने कहा कि मुझे पेशाब करना है. फिर मैंने कहा कि आप करके आओ, तो उन्होंने कहा कि नहीं बहुत अंधेरा है, तो मैंने कहा कि यहीं कर लो, तो दीदी ने कहा कि ओके और वो वही पेशाब करने लगी.

फिर हम घर आए, अब दीदी खाना बना रही थी. फिर दीदी ने आवाज़ लगाई तो मैंने कहा कि क्या हुआ दीदी? तो दीदी ने कहा कि में टेबल से गिर गयी हूँ, तो में दीदी को उठाकर कमरे में लेकर गया. फिर दीदी ने कहा कि मेरी कमर पर थोड़ी मसाज कर दे, तो मैंने कहा कि ठीक है. अब वो उल्टी सो गयी थी, उस समय उन्होंने नाइटी पहनी थी. फिर मैंने उन्हें कहा कि आप अपनी नाइटी उतार दो, तो उन्होंने अपनी नाइटी उतार दी, उन्होंने अंदर पीले कलर की पारदर्शी वाली ब्रा और पेंटी पहनी थी. अब मुझे उनकी गांड पूरी दिख रही थी और अब में उनकी मसाज कर रहा था. फिर दीदी ने कहा कि थोड़ी कमर के ऊपर भी मसाज कर दे, तो मैंने कहा कि ये ब्रा का हुक बीच में आयेगा. फिर उन्होंने कहा कि खोल दो तो मैंने उनकी ब्रा का हुक खोल दिया और अब में उनकी पूरी पीठ पर मालिश करने लगा था.

फिर दीदी ने कहा कि थोड़ी कमर के हल्का सा नीचे से भी कर दे. फिर में मालिश करने लगा. अब मेरा लंड पूरा टाईट हो गया था और अब में उनकी गांड पर अपने हाथ से टच कर रहा था. फिर दीदी ने कहा कि तुम मालिश बहुत अच्छी करते हो, ज़रा आगे भी कर दो तो दीदी सीधी लेट गयी. अब मुझे उनके बूब्स साफ-साफ़ दिख रहे थे और उनके बूब्स बहुत गोरे और मोटे थे.

अब मुझे उनकी चूत भी नज़र आ रही थी. फिर मैंने कहा कि दीदी तुम बहुत सेक्सी दिखती हो, तो दीदी ने कहा कि अच्छा और दीदी ने कहा कि थैंक्स. फिर दीदी ने कहा कि मेरे शरीर में से तुम्हें सबसे अच्छा क्या लगता है? तो मैंने कहा कि सब कुछ अच्छा लगता है, तुम्हारी आँखे, बाल और वो, तो दीदी ने कहा और वो क्या? तो मैंने कहा कि तुम्हारा फिगर, तो दीदी शरमा गयी.

फिर दीदी ने कहा कि तुम तो बहुत इन्जॉय करते हो, तो मैंने कहा कि कैसे? फिर दीदी ने कहा कि तुम तो हर रोज सेक्स करते हो, तो में शरमा गया और खड़ा हो गया. अब दीदी तो मेरे लंड को ही देख रही थी और वो झट से मेरा लंड पकड़कर बोलने लगी कि तुम्हारा लंड बहुत अच्छा है. अब में भी यही चाहता था.

फिर में दीदी को किस करने लगा और अपने दोनों हाथों से दीदी के बूब्स दबा रहा था. अब दीदी भी मेरा साथ दे रही थी, फिर मैंने दीदी के बूब्स को चूसा तो अब दीदी कह रही थी कि चूसो चूसो और ज़ोर से चूसो मेरे भाई, आज तुम मेरी सेक्स की आग मिटा दो. अब में दीदी के बूब्स को बहुत बुरी तरह चूस रहा था. फिर मैंने दीदी की पेंटी उतारी तो देखा कि दीदी की चूत के बाल बहुत बड़े थे. फिर में दीदी को बाथरूम में लेकर गया और उनकी चूत के बाल को साफ़ किया और नहाने लगे. फिर मैंने उनको पोछा और मेरे कमरे में लाकर बेड पर पटक दिया और उनको चाटने लगा. अब दीदी उनके हाथ से मेरा मुँह दबा रही थी और मोनिंग कर रही थी आआआहहहाहा ऑम्ग, बहुत अच्छे से चूसो, खा जाओ इस चूत को, इस चूत ने बहुत आग लगाई है और फिर दीदी मेरे मुँह में ही झड़ गयी, दीदी की चूत का टेस्ट बहुत अच्छा था.

फिर दीदी ने मेरा लंड देखा और सीधा चूसना चालू किया. अब में उनके मुँह को पकड़कर अंदर बाहर कर रहा था. फिर 10 मिनट के बाद में उनके मुँह में ही झड़ गया. फिर दीदी ने कहा कि राहुल अब रहा नहीं जा रहा है, अब तुम अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, वरना में मर जाउंगी. फिर मैंने उनको बेड पर लेटाया और उनकी गांड के नीचे एक तकिया रखा और अपने लंड को उनकी चूत के बाहर रखकर दीदी को तड़पा रहा था. अब दीदी बहुत गुस्सा हो गयी और मुझे गाली देने लगी मादरचोद, बहनचोद डालना.

मैंने कहा कि रूको, तो दीदी ने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अंदर डाल दिया, उनकी चूत बहुत टाइट थी, लेकिन वो वर्जिन नहीं थी. अब में बहुत ज़ोर-ज़ोर से दीदी को झटके मार था, अब दीदी को बहुत दर्द हो रहा था. फिर थोड़ी देर के बाद वो भी अपनी गांड उठा-उठाकर चुदवा रही थी और कह रही थी कि थैंक्स राहुल तूने आज मुझे असली सुख दिया है और इन्जॉय करते-करते चिल्ला रही थी यसयअसस्स्स्स्सस्स आहहा और ज़ोर से आआहहह्ह्ह अहहा यस ऐसे ही चोदो.

अब एक घंटे तक चोदने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने दीदी से कहा कि मेरा पानी निकलने वाला है, तो दीदी ने कहा कि अंदर ही छोड़ दो, तो मैंने कहा कि क्यों? तो दीदी बोली कि में तुम्हारे लंड से माँ बनना चाहती हूँ. फिर मैंने उसकी चूत के अंदर ही झाड़ दिया और तब तक वो 4 बार झड़ चुकी थी. उस रात हमने अलग-अलग पोज़िशन में और अलग-अलग जगह किचन, बाथरूम, छत, सब जगह 4 बार सेक्स किया. अब रात के 3 बज गये थे तो हम सो गये. फिर सुबह हुई तो दरवाज़े की घंटी बज रही थी, दीदी अभी तक पूरी नंगी होकर सो रही थी और में भी पूरा नंगा होकर उनसे चिपक कर सो रहा था.

फिर मैंने उन्हें उठाया और कहा कि चादर ओढ़ लो में बाहर देखकर आता हूँ. फिर में बाहर गया तो दरवाज़े पर मेरी माँ थी. अब में डर गया था कि अब क्या होगा? अच्छा हुआ मैंने पेंट पहन ली थी. फिर मम्मी ने कहा कि काम पर नहीं गये, तो मैंने कहा कि आज छुट्टी है. फिर मैंने मम्मी से कहा कि तुम फ्रेश हो जाओ तब तक मैंने दीदी को उठा दिया और हम दोनों तैयार हो गये. फिर दीदी ने मुझे फ्रेंच किस किया और कहा कि थैंक्स. फिर ये सिलसिला अगले दिन 3 दिन तक चला.

फिर मेरी पत्नी आ गयी तो मेरी दीदी नाराज़ हो गयी. फिर एक महीना बीत जाने के बाद दीदी ने मम्मी से कहा कि चलो कहीं घूमने चलते है, तो मम्मी ने कहा कि तुम लोग जाओ, तो मैंने कहा कि ठीक है और मेरी पत्नी ने कहा कि में नहीं जाउंगी, क्योंकि वो प्रेग्नेंट हो गयी थी और ये सब हमारा ही प्लान था. फिर दीदी और में कहीं घूमने नहीं गये और हमने एक होटल में जाकर भरपूर सेक्स किया.

भाभी ने हर छेद में लंड डलवाया

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अमित है और में आज एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और नई कहानी लेकर आया हूँ. आज जो कहानी में आप सभी को सुनाने जा रहा हूँ यह कहानी मेरी और मेरी पड़ोसन ज्योति भाभी की है, जो कि कानपुर की रहने वाली है. दोस्तों ज्योति भाभी मेरे बिल्कुल पड़ोस में रहती है, वो दिखने में बहुत सुंदर और सेक्सी है और उनका रंग बहुत गोरा और उनकी हाईट 5 फिट 3 इंच है. उनकी उम्र 29 साल है और उनका एक बच्चा भी है, जिसका नाम दीपू है और वो देखने में बिल्कुल मॉडल लगती है.

उनको हमारे पड़ोस में आए हुए 6 महीने हो गये है, वो दिखने में बहुत ही आकर्षक लगती है और पहली बार मेरी नज़र उन पर तब पड़ी, जब वो बालकनी में कपड़े फैला रही थी, वो उस समय काली कलर की साड़ी पहने हुई थी और वो उस काली कलर की साड़ी में बिल्कुल पटाका लग रही थी. में उन्हे देखता ही रह गया और उन्हें देखकर ऐसा लगा कि बस ज्योति भाभी को चोदना ही है, तो भाभी ने मुझे देख लिया कि में उन्हे देख रहा हूँ और उन्होंने मेरी तरफ स्माईल किया. फिर मैंने उन्हे हैल्लो कहा और फिर वो कपड़े फैलाकर नीचे अपने फ्लेट में चली गई, लेकिन में अब भी छत पर ही खड़ा हुआ था और मन ही मन सोचता रहा कि हमारी बिल्डिंग में इतना मस्त माल रहता है और मुझे उसका पता ही नहीं और फिर जब रात हुई तो भाभी को मन ही मन सोचकर मैंने तीन बार मुठ मारी और सो गया.

अब में हमेशा यही सोचता था कि भाभी को कैसे पटाऊँ, लेकिन मुझे बहुत डर लगता था कि कहीं भाभी भैया से मेरी इस हरकत की शिकायत ना कर दे, लेकिन फिर भी मैंने थोड़ी हिम्मत करके भाभी के घर पर आना, जाना शुरू किया और दीपू को खिलाने के बहाने में उनके घर जाने लगा. फिर एक दिन जब मैंने उनके घर पर पहुंचकर दीपू दीपू आवाज़ लगाई तो ज्योति भाभी ने दरवाजा खोल दिया और वो मुझसे बोली कि दीपू अभी नहाया है इसलिए रो रहा है, आप इसे अपने साथ थोड़ा बाहर घुमाकर ले आओ, में उनकी यह बात सुनकर बहुत खुश हुआ और में दीपू को लेकर पास ही के एक गार्डन में ले गया और थोड़ी देर बाद वापस आ गया.

फिर मैंने देखा कि भाभी उस समय बाथरूम में है और फिर मैंने जानबूझ कर आवाज़ दी कि भाभी आप कहाँ हो? अब भाभी ने बाथरूम के अंदर से जवाब दिया कि में नहा रही हूँ, आप चाहो तो दीपू को बैठाकर जा सकते है. फिर मैंने कहा कि ठीक है भाभी और अब में बिल्कुल चुप हो गया, लेकिन में बाहर नहीं गया और दीपू के पास में बैठ गया और कुछ देर बाद भाभी को ऐसा लगा कि में अपने घर पर चला गया हूँ और 15 मिनट के बाद भाभी बाथरूम से निकली तो उनके बदन पर सिर्फ एक टावल लिपटा हुआ था और जैसे ही भाभी ने मुझे वहां पर देखा वो एकदम से चौंक गई और फिर उसी हड़बड़ाहट में उनके हाथ से वो टावल उनके सेक्सी, गोरे, भीगे बदन से अचानक छूटकर नीचे गिर गया, जिसकी वजह से अब ज्योति भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थी और में उन्हें देखता ही रह गया.

फिर भाभी तुरंत बाथरूम के अंदर दौड़कर वापस चली गई और में उनके बारे में सोचता रहा कि क्या मस्त चिकना बदन था भाभी का? मेरा तो मन कर रहा था कि भाभी को अभी बाथरूम में जाकर पकड़कर चोद दूँ, लेकिन में सोच रहा था कि भाभी खुद कहेगी तभी में उन्हें चोदूंगा क्योंकि मुझे पता है कि कोई भी लड़की हर एक को अपना पूरा नंगा बदन नहीं दिखाती. फिर कुछ देर बाद भाभी बाथरूम से शरमाती हुई एक गाऊन पहनकर बाहर निकली और मुझसे बोली कि अमित बैठो चाय पीकर चले जाना, में अभी आती हूँ और मुझसे इतना कहकर वो वहां से तुरंत चली गई. में सोफे पर बैठ गया और उनको जाते हुए पीछे से उनकी मटकती हुई गांड को घूरकर देखने लगा और थोड़ी ही देर बाद बच्चा भी सो गया. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर सुला दिया.

फिर कुछ देर बाद भाभी मेरे लिए चाय बनाकर ले आई और हम दोनों चाय पीने लगे, तो मुझे अब उनकी आखों में मेरे लिए कुछ अजीब सी शरारत देखी और उसी बात का फायदा उठाते हुए मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनसे कह दिया कि भाभी आप बहुत सेक्सी और सुंदर हो. फिर भाभी ने मेरी यह बात सुनकर मेरी तरफ थोड़ी शरारत से स्माइल किया और फिर मुझसे पूछा कि आज तुमने मुझे पूरा नंगा देखा, क्यों कैसा लगा? तो मैंने तुरंत कहा कि भाभी मुझे ऐसा लगा कि बस आपको पकड़कर में अभी इस समय चोद डालूं. भाभी को मेरी इस बात को सुनकर विश्वास हो गया और वो मुझसे बोली कि मेरे पति शाम को आएगें और अब में उनके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत समझ गया कि भाभी अब मुझसे चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

फिर मैंने भाभी को अपनी जाँघो पर बैठने के लिए कहा और भाभी तुरंत आकर मेरी गोद में बैठ गई. भाभी का चिकना बदन ऐसा लग रहा था कि जैसे मलाई हो और में अब भाभी को किस करने लगा और भाभी को उठाकर दूसरे रूम में ले गया और मैंने उन्हें बेड पर लेटा दिया और फिर भाभी के गाऊन को उतारा और मैंने उनसे कहा कि भाभी आप बहुत ही चिकनी मलाई हो जब मैंने आपको पहली बार देखा था तभी मुझे पता चल गया था कि आप मेरी तरफ आकर्षित हो और आपकी वो कातिलाना स्माइल ही तो मुझे आपके फ्लेट तक ले आई है और आज तो में आपको ऐसे चाटूंगा कि आपको आज जन्नत मिल जाएगी.

फिर मैंने भी जल्दी से अपने कपड़े उतार दिए और भाभी के पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने चूमने लगा. वाह दोस्तों क्या चिकना गोरा बदन था, उसे छूकर महसूस करके मेरे लंड का तो बहुत बुरा हाल हो रहा था और वो अपने पूरे जोश में था. भाभी धीरे धीरे मोन कर रही थी और मेरे मोटे लंबे लंड को अपने चिकने हाथों से सहला रही थी. मेरा मोटा लंबा लंड अब भाभी की चूत में जाने के लिए बहुत उतावला हो रहा था और मैंने भाभी के दोनों पैरों को फैलाकर अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखकर एक जोरदार धक्का देकर अंदर डालकर धीरे धीरे धक्के मारने शुरू किए और अब मेरा पूरा का पूरा लंड भाभी की चूत के अंदर बाहर होने लगा.

अब ज्योति भाभी मोन कर रही थी उह्ह्ह्ह माँ मर आअअहह गई आईईईई और में लगातार धक्के मारता जा रहा था, वाह क्या चिकनी चूत थी भाभी की. ऐसा लग रहा था कि वो बिल्कुल मलाई है और फिर मैंने भाभी के चूतड़ के नीचे एक तकिया रखकर भाभी को जमकर ज़ोर से धक्के देकर चोदा, लेकिन ज्योति भाभी करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद ही झड़ गई. अब मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में बैठा दिया और मैंने अपना मोटा लंबा लंड भाभी की चूत में डाल दिया और उन्हें में कुत्ते की तरह चोदने लगा, भाभी अब भी धीरे धीरे मोन कर रही थी और कह रही थी माँ आहहहह आईईइईई में मर गई आह्ह्ह और वो करीब दस मिनट की चुदाई के बाद दोबारा झड़ गई और अब में भी झड़ने वाला था तो मैंने भाभी से पूछा कि कहाँ निकालूं?

तब भाभी ने कहा कि मेरे बूब्स के ऊपर मैंने अपना माल भाभी के बूब्स के ऊपर निकाल दिया और अब हम दोनों बेड पर थककर लेट गये. मैंने ज्योति भाभी को अपनी बाहों में लेकर अपने शरीर से चिपका रखा था और एक बार फिर से मेरा लंड धीरे धीरे तनकर खड़ा हो गया और अब मैंने ज्योति भाभी को अपने लंड पर बैठा लिया और भाभी को उनकी कमर से पकड़कर अपने लंड पर उछालने लगा. ज्योति भाभी भी मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी और वो पांच मिनट में दोबारा झड़ गई.

फिर हम दोनों साथ में बाथरूम में जाकर फ्रेश हुए और हमने अपने कपड़े पहने और थोड़ी देर बाद भाभी ने दोबारा हमारे लिए चाय बनाई और हम लोगों ने मज़े किये. दोस्तों अब जब भी हमे कोई अच्छा मौका मिलता है चुदाई का मज़ा लेते है. भाभी को मेरी चुदाई बहुत अच्छी लगी और मैंने उनको चोदकर पहली बार में ही पूरी तरह से संतुष्ट कर दिया था. उसके बाद हमारी चुदाई ऐसे ही चलती रही, मैंने कई बार उनकी गांड में अपना लंड डालकर उनकी गांड को भी फाड़ दिया था और अब वो मेरा लंड अपने हर एक छेद में डलवाकर मेरे साथ बहुत मज़े करती है.

सोनिया रंडी ट्रेन में

हैल्लो दोस्तों, में एक बार फिर आपकी ये रात की रानी, सेक्सी, आपके बड़े-बड़े लंड की दीवानी. दोस्तों में सोनिया और आगे तो आप सब जानते ही हो कि में क्या चीज़ हूँ? दोस्तों अब में अपनी स्टोरी पर आती हूँ, तो दोस्तों जैसा कि आप लोगों को पता ही है कि कैसे मैंने गोवा में अपने छेदों को संतुष्ट करवाया? लेकिन दोस्तों अब में ट्रेन में थी और मेरे सामने की सीट पर एक लड़का था. दोस्तों हम दोनों नॉर्मल बात कर रहे थे, लेकिन दोस्तों इतना चुदने के बाद मेरी भूख और बढ़ रही थी और रात के समय तो मेरी चूत बिना लंड के सो ही नहीं सकती, तो मैंने सोचा कि क्यों ना इसे ही अपनी चूत का गुलाम बना लिया जाए?

फिर दोस्तों मैंने अपने बैग से एक बिना बाहं का टॉप निकाला और बाथरूम में जाकर पहनकर आ गई. दोस्तों मुझे पता था कि उस सफ़ेद टॉप से मेरी ब्रा हल्की-हल्की दिख रही है और दोस्तों मैंने नोटिस किया कि हम दोनों की नॉर्मल बात के दौरान वो मेरे बूब्स को भी कभी-कभी देखता. आह दोस्तों मुझे तो पता ही था कि में इससे कुछ समय के बाद जरुर चुदूंगी.

अब दोस्तों मैंने देखा कि उसका लंड उसकी पेंट में टैंट बना रहा था. फिर अचानक उसने पूछा कि मेम क्या में आपका फिगर जान सकता हूँ? तो मैंने कहा कि तुम ये पूछने वाले होते कौन हो? अब वो घबरा गया था. अब में तो मज़े ले रही थी, फिर वो बोलने लगा कि सॉरी मैंने सोचा कि.

फिर मैंने कहा कि क्या सोचा तुमने? यही कि अगर में अपनी लाल ब्रा दिखा सकती हूँ तो तुम्हें अपना साईज़ भी बता सकती हूँ. अब वो डर सा गया था, तो मैंने कहा कि चलो तुम ही बताओ मेरा साईज़ क्या है? लेकिन अब वो बहुत डर गया. तो मैंने कहा कि ओह कम ऑन सन्नी (उसका नाम सन्नी था) तुम्हें मेरा फिगर पता करना है तो सुनो मेरे जो ये बूब्स है ना, जिनको तुम अपनी आँखों से पता नहीं क्या कर रहे थे? वो 36 साईज के है और वो भी पूरे राउंड शेप में और जो ये मेरी सेक्सी कमर है ना, वो 26 साईज की है और जो मेरे जिस्म का सबसे सेक्सी पार्ट है, वो है ये मेरी सेक्सी बड़ी गांड, जिसे देखकर तो कोई भी मर्द पागल हो जाए है, मेरी गांड 40 साईज की है. अब तुम बताओ तुम्हें मेरे जिस्म का कौन सा पार्ट मस्त लग रहा है?

फिर उसने कहा कि आपकी बड़ी गांड. तो मैंने अपनी गांड उसकी तरफ कर दी और कहा कि चोदो मेरी गांड को. दोस्तों अब ट्रेन ज्यादातर खाली थी और रात भी बहुत हो चुकी थी तो हमें कोई प्रोब्लम नहीं थी. तभी उसने मेरी गांड को मेरी जीन्स के ऊपर से ही सहलाना चालू कर दिया और उसने अचानक मेरी गांड के छेद में अपनी उंगली डाली, जिससे मेरे छेद में मेरी पेंटी और जीन्स चली गई. दोस्तों अब में तो नीचे से पूरी गीली हो चुकी थी और शायद सन्नी को भी पता चल गया था कि मेरी चूत गीली है.

फिर उसने मुझसे पूछा कि क्या वो मेरी गांड को नंगा देख सकता है? तो मैंने कहा कि एक काम करते है, वॉशरूम में चलते है और अब मैंने उससे कहा कि वेस्टर्न टायलेट में में तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ, तुम तुरंत आओं में दरवाजा बंद नहीं करूँगी. फिर वो झट से अंदर आ गया और दरवाजा बंद करते ही मेरे होंठो को चूसने लग गया.

फिर मैंने कहा कि बेबी में समझ सकती हूँ, लेकिन प्लीज़ आराम से. फिर उसने मेरा टॉप उतार दिया और मेरी ब्रा को खोलकर मेरे बूब्स चूसने लगा. ओह दोस्तों अब में टायलेट सीट पर टॉपलेस थी और अब वो मेरे बिग बूब्स को पागलों की तरह चूस रहा था.

फिर मैंने उसे सीट पर बैठाया और उसकी टी शर्ट उतार दी और उसके निप्पल को अपने होंठो से चूमने लगी. फिर मैंने उसके पूरे टॉप को चूमा और फिर उसकी पेंट को थोड़ा नीचे किया और उसके छोटे करीब 6 इंच के लंड को अपने होंठो से चूमने लगी और उसे अपने मुँह में लेने लगी. दोस्तों आप लोग तो जानते ही है कि में कितना अच्छा लंड चूसती हूँ, दोस्तों मैंने लंड चूसना पोर्न स्टार को पॉर्न मूवी में बड़े बड़े लंड चूसते देख सीखा है. दोस्तों मुझे बड़े लंड अपने मुँह में लेना बहुत पसंद है.

दोस्तों अब में इतनी तेज-तेज उसके लंड को चूस रही थी कि वो बहुत तेज मौन कर रहा था. दोस्तों वो आह आह ह ह सोनिया सक मी आह आह और मैंने उसका सारा जूस अपने मुँह के अंदर ले लिया. आह दोस्तों फिर मैंने अपनी जीन्स नीचे की और दोस्तों अब में सीट पर बैठ गई और सन्नी मेरी पेंटी के ऊपर से ही मेरी चूत को चूमने लगा. दोस्तों अब मेरी पेंटी तो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी.

फिर उसने मेरी पेंटी को साईड में किया और मेरी सेक्सी चूत को अपनी उँगलियों से चोदने लगा और अपने होंठो से चूम भी रहा था, आह आह. अब वो बहुत तेज़ी से मेरी चूत को अपनी उँगलियों से चोद रहा था. दोस्तों अब मेरी चूत कुछ बड़ा माँग रही थी, प्लीज़ सन्नी मेरी चूत में कुछ बड़ा डाल दो. फिर वो ये सुनकर उठा और मुझे हटाकर सीट पर बैठ गया. अब उसका लंड दिल्ली के क़ुतुब मीनार के जैसे सीधा खड़ा था, उसका लंड ज्यादा बड़ा तो नहीं था, लेकिन मुझे वो बहुत अच्छा लग रहा था.

दोस्तों फिर में उसके ऊपर आ गई और उसके लंड को अपनी चूत में अंदर गाईड करने लगी और उसके होंठो को चूसने लगी. दोस्तों अब में उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले रही थी और वो भी तेज-तेज झटके दे रहा था, आह सन्नी आह फुक मी फुक मी. फिर कुछ सेकेंड में ही उसका लंड मेरी चूत में अपना सफेद रस छोड़कर शांत हो गया. दोस्तों ट्रेन के टायलेट में हम कोई और पोज़िशन में सेक्स नहीं कर पाए थे.

फिर दोस्तों मैंने अपनी पेंटी और ब्रा ऊपर करके पहननी चाही, लेकिन दोस्तों सन्नी ने कहा कि तुम अब अपनी ब्रा और पेंटी मत पहनो, आज में तुझे सीट पर भी चोदूंगा. फिर दोस्तों मैंने अपने कपड़े पहने और बाहर अपनी सीट पर जा कर बैठ गई. दोस्तों अब मेरे बूब्स बहुत टाईट थे और मेरी सीट के आस पास कोई नहीं था.

अब सन्नी भी आ गया और मेरे पास आकर बैठ गया और मेरी जांघो को अपने हाथों से सहलाने लगा. अब वो मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरी रसीली चूत को सहलाने लगा था और मेरी टी-शर्ट के ऊपर से ही मेरे बूब्स को बहुत जोर से दबा कर रहा था. फिर वो मेरे बूब्स को मेरी टी-शर्ट से बाहर निकाल कर चूसने लगा और अब में सीट से उतरकर नीचे बैठ गई और उसके लंड को बाहर निकाल कर चूसने लग गई, अब में उसके बॉल को भी चूस रही थी. फिर दोस्तों वो सीट से चिपक कर लेट गया और में भी उसके बाजू में जाकर उसके लंड को अपनी सेक्सी चूत के अंदर लेने लगी. अब वो मेरे अंदर स्ट्रोक लगाने लगा था.

दोस्तों इसी तरह चोदते हुए वो मेरी चुदक्कड़ चूत के अंदर ही झड़ गया. दोस्तों अब मेरी चूत पूरी तरह से संतुष्ट थी और अब हमने अपने कपड़े पहन लिए और फिर हम दोनों एक ही सीट पर एक दूसरे से चिपक कर सो गये. तो दोस्तों ये थी मेरी सेक्सी चुदाई ट्रेन में और में आशा करती हूँ कि आप लोग झड़ चुके होंगे और आप लोगों को मेरी ये चुदाई बहुत पसंद आई होगी. तो दोस्तों में आशा करती हूँ कि आप लोग मेरे लिए अपने लंबे लंड को हिला रहे है, में अपने सारे दोस्तों के मुँह में अपना नाम देना चाहती हूँ, प्लीज़ दोस्तों जब भी आप अपनी वाईफ और गर्लफ्रेंड को चोदो तो प्लीज़ कहिए कम ऑन सोनिया फुक मी, फुक मी सोनिया और दोस्तों अगर आप हस्तमैथुन भी करें तो सोचो कि में आपके लंड के ऊपर कूद रही हूँ.

भाई की चालू बीवी की गांड मारी

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम रोहित है और में जालंधर का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 27 साल है. मेरी लम्बाई 5 फीट 6 इंच है और मेरे लंड का साईज़ ठीक ठाक है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक चुदाई की सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जिसमे मैंने अपनी एक लंड की प्यासी कामुक भाभी को चोदकर उसकी प्यास को बुझा दिया और यह एक सच्ची घटना है जो मेरे साथ घटित हुई और यह बात आज से सात साल पहले की है.

दोस्तों मेरे मामा का लड़का है जिसका नाम राजन है उसकी शादी कुछ समय पहले ही हुई थी और वो गावं में रहता था. हमारा पूरा परिवार भी उसकी शादी में गया हुआ था और जब मैंने पहली बार अपनी उसे हॉट भाभी को देखा तो में उसे देखता ही रह गया, वो क्या लगती थी? उनका रंग बहुत गोरा था और उनकी लम्बाई करीब 5 फीट 3 इंच थी और उनके वो मोटे मोटे बूब्स, जिनका साईज़ करीब 34 था. उनकी कमर 28 और गांड का आकार 36 था. दोस्तों हमारे यहाँ पर शादी के बाद एक रस्म होती है जिसमे भाभी की गोद में बैठना होता है. में उस समय का इंतजार करते हुए जब वो समय आया तो तुरंत सही मौका देखकर भाभी की गोद में बैठ गया और जब में उनकी गोद से उठा तो मैंने सही मौका पाकर अपनी कमर से उनके बड़े बड़े झूलते हुए बूब्स को थोड़ा दबा दिया और वो हंस पड़ी.

उसके बाद मैंने जब तक वहां पर रहा अपनी भाभी को बहुत बार लाईन देने की कोशिश करता रहा, लेकिन कुछ दिन रुकने के बाद हम अपने घर पर चले आए, जिसकी वजह से मेरा मन बहुत निराश हो गया. फिर थोड़े ही दिनों के बाद मम्मी ने एक दिन मुझसे कहा कि आज शाम को तुम होटल से खाना लेकर आ जाना और घर पर थोड़ा जल्दी आना.

फिर मैंने उनसे पूछा तो मम्मी ने मुझे बताया कि आज तेरे मामा का बेटा और उसकी पत्नी हमारे घर पर पहली बार यहाँ पर आ रहे है. मम्मी के मुहं से यह बात सुनकर अब मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, में मन ही मन अपनी सेक्सी भाभी से दोबारा मिलने और उन्हें देखने की बात को सोच सोचकर बहुत खुश हुआ और फिर जब में वापस अपने घर पर पहुंचा तो मैंने देखा कि भाई और भाभी आ चुके थे. दोस्तों मेरी निशा भाभी क्या लग रही थी? बिल्कुल सेक्स बॉम्ब दिख रही थी? उसने मुझे देखकर एक शरारती स्माइल दी और अब में हल्का सा अपनी निशा भाभी की तरफ मुस्कराकर अपने कमरे में चला गया.

फिर मैंने देखा कि रात को मेरा कज़िन पापा के साथ बैठकर ड्रिंक कर रहा था में सही मौका देखकर जिस रूम में निशा भाभी थी वहां पर गया. मेरे कमरे के अंदर घुसते ही तुरंत भाभी मुझसे कहती है कि क्यों देवर जी आपको आज हमारी याद आ ही गई? तो मैंने भी बिल्कुल सीधा सीधा उनको बोल दिया कि भाभी जी आपकी याद में तो मैंने अपने ना जाने कितने बच्चे मार डाले. दोस्तों मेरी भाभी बहुत चालू किस्म की थी और वो मेरी इस बात का मतलब समझते हुए मुझसे मुस्कुराते हुए कहने लगी कि आपने जितना कठिन कार्य किया है वो आप किसी लड़की से करते तो आपके एक दो बच्चे जरुर बच जाते.

फिर मैंने भी तुरंत कहा कि मुझे अब तक आप जैसी कोई मिली ही नहीं, जिसके साथ में यह सब करता और अपने बच्चों को बचाता. अब वो मेरी यह बात सुनकर ज़ोर से हंस पड़ी, लेकिन उस समय बातों ही बातों में वो मुझसे कहती है कि अगर तुम में हिम्मत है तो में तीन दिन यहीं पर हूँ, मेरे साथ ऐसा कुछ करके दिखाओ तब में तुम्हारी मर्दानगी को मान सकती हूँ.

तभी मैंने कहा कि आज रात को में तुझे तेरे पति के सामने जरुर चोदूंगा, वो कहने लगी कि हाँ देखते है, वो तो आने वाला समय बताएगा कि तुम में कितना दम है? फिर में बाहर अपने भाई के पास चला गया और मैंने देखा कि वो अभी भी ड्रिंक कर रहा था और मुझे उसके बात करने के तरीके से समझ में आ गया था कि उसको अब धीरे धीरे दारू का नशा छाने लगा था, क्योंकि वो अब पापा से कुछ बहकी बहकी बातें करने लगा था. अब में तुरंत एक मेडिकल की दुकान पर गया और मैंने वहां से कुछ नींद की गोलियां ले आया और जब मेरा भाई खाना खाने बैठा तो मैंने सबसे नजर बचाकर उसके खाने में उन गोलियों को मिला दिया.

फिर जब उनका खाना पीना खत्म हुआ तो मैंने उसको उठाकर भाभी के रूम में छोड़ दिया, वो अब तक अपने पूरे होश खो बैठा था. फिर मैंने भाभी को आँख मारी और कहा कि दरवाज़ा खुला रखना, में सबके सो जाने के बाद जरुर आऊंगा, तो वो मुझसे कहने लगी कि मुझे पता है तुम नहीं आओगे, मैंने कहा कि थोड़ा रुको फिर देखना.

अब में अपने रूम में वापस आ गया और करीब एक घंटे के बाद जब सब लोग सो गए तो में मौका देखकर उसके रूम में चला गया. वहां जाते ही मैंने सबसे पहले अपने भाई को हिलाकर देखा कि कहीं उसे होश तो नहीं है, लेकिन वो तो बिल्कुल बेसुध होकर पड़ा हुआ था. अब में निशा भाभी के साथ जाकर लेट गया, वो लेटी हुई थी और सोने का नाटक कर रही थी तो मैंने सबसे पहले उसके होंठो पर किस किया और फिर वो भी मेरा साथ देने लगी. उसने पहले पीछे की तरफ मुड़कर अपने पति की तरफ देखा और फिर मुझे कसकर अपने गले से लगा लिया और फिर वो मुझसे कहने लगी कि मैंने जब से तुझे देखा है पता नहीं क्यों मेरा खुद पर कंट्रोल नहीं रहा? तो मैंने कहा कि बस अब बिल्कुल चुप हो जा और मेरे साथ मज़े ले.

दोस्तों उसने गुलाबी कलर की मेक्सी पहनी हुई थी और मैंने अब उसके मुहं में अपना मुहं डाल दिया और मैंने देखा कि वो तो बहुत चालू थी, अब वो मेरी शर्ट के बटन जल्दी से खोलने लगी और कुछ ही देर में मेरे पूरे बटन को खोलकर उसने मेरी छाती को किस करना शुरू कर दिया और वो अब मेरे ऊपर बैठकर मुझसे कहने लगी कि में आज तुझे खा जाउंगी.

फिर मैंने कहा कि हाँ खा जाओ मुझे और अब मेरे दोनों हाथ उसके 34 साईज के बूब्स पर थे. मैंने महसूस किया कि उनके बूब्स मोटे तो जरुर थे, लेकिन बहुत मुलायम और भरे हुए थे. फिर मैंने बिना देर किए उसकी मेक्सी को उतार दिया, वो अब मेरे सामने बिना ब्रा और पेंटी के थी, मतलब वो अब मेरे सामने पूरी नंगी थी और में देखकर बहुत चकित हुआ था कि यह साली तो पहले से ही पूरी तरह से तैयारी करके बैठी हुई है.

अब मैंने भाभी के दोनों बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाना मसलना शुरू किया, जिसकी वजह से उसके वो हल्के भूरे रंग के निप्पल अब धीरे धीरे कड़क होने लगे थे और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेकर मेरे होंठो पर अपने होंठो को दबाने मसलने लगी थी और वो अब हल्की हल्की, लेकिन मधहोश कर देने वाली सिसकियाँ ले रही थी ऊऊईईईईइ अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह और साथ साथ बोल रही थी कि रोहित चूसो मेरे बूब्स को ज़ोर से, तेरा भाई तो मेरे साथ ऐसा कुछ नहीं करता, प्लीज आज मेरी आग को बुझा दे अह्ह्ह और ज़ोर से चूस इनको.

फिर में जोश में आकर उसके बूब्स को ज़ोर से चूसने लगा और उसकी निप्पल को काट भी देता. फिर वो मेरे लोवर में अपना हाथ डालने लगी और कहने लगी कि आज में तेरा यह लंड में खा जाउंगी और उसने तुरंत एक ही झटके में मेरा लोवर पकड़कर उतार दिया और उसके मेरी अंडरवियर भी साथ में उतार दी और फिर वो मेरे लंड को हाथ में पकड़कर पहले हिलाने लगी और फिर उसके बाद वो लंड को अपने मुहं में लेकर किसी भूखे की तरह चूमने लगी और अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम्हारा लंड बहुत प्यारा है, तेरे भाई का तो ठीक तरह से पूरा खड़ा भी नहीं होता, लेकिन यह तो सरीये की तरह तनकर खड़ा है और फिर इतना कहकर एक बार फिर से मुहं में लेकर चूसने लगी.

दोस्तों कुछ देर लंड चूसने के बाद मैंने उससे कहा कि भाभी उल्टी लेट जा, जिससे में भी तेरी चूत को एक बार चखकर देख लूँ और अब वो तुरंत मेरे कहने पर पलट गई और हम दोनों 69 की पोज़िशन में आ गए. मैंने देखा कि उसकी चूत पर कोई भी बाल नहीं था और वो पूरी तरह साफ चमकीली चूत थी मैंने पूछा कि भाभी क्या अपनी चूत के बाल हमेशा ही इतने साफ रखती हो? तो वो कहने लगी कि वो मुझे आज तेरा लंड लेना था इसलिए मैंने पहले से ही अपनी चूत को तेरे लिए साफ कर रखा है.

फिर मैंने कहा कि क्या मतलब? अब वो मुझसे कहती है कि अब तू बिल्कुल चुपकर और बस वो मेरा लंड चूसने लगी और में उसकी चूत को सक कर रहा था. वो तेज तेज मेरा लंड चूसने लगी और में उसके चूत के दाने पर अपनी जीभ फेरता तो कभी अंदर तक अपनी जीभ को डाल देता. दोस्तों मैंने देखा और महसूस किया कि उसके लंड चूसने का स्टाइल बहुत अलग था, वो मेरे लंड को बहुत धीरे से अंदर बाहर करती और फिर लंड को आईसक्रीम तरह चूसती और अब मेरा काम होने वाला था, वो यह बात समझ चुकी थी और अब वो लंड को तुरंत अपने मुहं के आखरी हिस्से तक ले गई और चूसने लगी जब मेरे लंड से पिचकारी बाहर निकली तो वो सारा माल पी गई और इधर उसका भी पानी निकल गया था जिसको में चाटकर गटक गया.

अब मैंने उसको उठाकर अपने गले से लगा लिया और कुछ देर बाद उसके बूब्स से खलने लगा और वो मेरे लंड के साथ खेलने लगी और मेरा एक हाथ उसकी चूत के दाने पर घूम रहा था और वो फिर से सिसकियाँ ले रही थी और अब वो मुझसे कहने लगी कि रोहित आज तू फाड़ दे मेरी चूत को, में आज से तेरी हूँ, तू आज जो चाहे मेरे साथ कर, लेकिन प्लीज आज मुझे चोदकर संतुष्ट कर दे. मेरी प्यास अपने लंड से बुझा दे, लेकिन में अपना काम करता रहा. तो जब कुछ देर बाद उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो वो फिर मेरे ऊपर आ गई और अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के मुहं पर सेट करते हुए धीरे धीरे लंड के ऊपर बैठने लगी और फिर उसने लंड पर अपनी चूत को एक झटका देकर पूरा का पूरा लंड अपनी चूत की गहराईयों में उतारकर ऊपर नीचे होने लगी और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.

दोस्तों मेरे माता पिता तो ऊपर वाले रूम में बहुत देर पहले ही जाकर सो चुके थे. मुझे उनका आने का तो कोई डर ही नहीं था, लेकिन मेरा भाई साथ में था तो मुझे बस उसका थोड़ा डर था. फिर मैंने उससे कहा कि देख यह तो अब उठेगा नहीं और तुझे अगर मेरे साथ मज़ा लेना है तो एक काम कर, अगर तेरा चिल्लाने का मन है तो तू मेरा नाम लेने की जगह अपने पति का नाम ले, अगर मम्मी पापा नीचे आए तो भी उन्हें पता नहीं लगेगा कि तू मेरे साथ अपनी चुदाई के मज़े ले रही है.

फिर वो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगी और वो हर एक धक्के के साथ कहती उह्ह्ह्ह हाँ चोदो मुझे आईईइ हाँ जानू चोदो, में आपकी दासी हूँ और मुझे आपका लंड चाहिए, तुम आज मेरी चूत की आग को बुझा दो और कहती है कि हाँ जान उह्ह्ह हाँ ऐसे ही लगे रहो, तुम मेरे हो आह्ह्ह आज आप आहहउूुुुउु मुझे और आहहउूुुुउु ज़ोर से चोदो.

अब मैंने उसको कुतिया बनाकर डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू किया और मेरे हर एक धक्के से उसके मोटे मोटे बूब्स हवा में झूल रहे थे और वो बस चिल्लाती ही जा रही, लेकिन मेरे हर एक धक्के से मेरा पूरा लंड उसकी चूत की गहराई में जा रहा था और कुछ देर बाद मैंने लंड उसकी चूत से बाहर निकालकर उसकी गांड के मुहं पर टिका दिया और साथ में अपने लंड और उसकी गांड के मुहं पर थोड़ा सा थूक लगा लिया. वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज मेरी गांड को छोड़ दो वो अभी तक कुंवारी है, मुझे बहुत दर्द होगा, तुम्हारा लंड बहुत लंबा और मोटा भी है, लेकिन अगर तुझे मारना है तो मार ले, में मना नहीं करूंगी, लेकिन प्लीज थोड़ा धीरे धीरे मारना वरना में आज मर ही जाउंगी.

फिर कहा कि अब चुपकर और मैंने एक ज़ोर का झटका मारा, जिसकी वजह से मेरे लंड का सुपाड़ा अंदर चला गया और वो उस दर्द की वजह से रोने लगी, लेकिन में तब तक लगातार जोरदार धक्के लगाता गया, जब तक कि मेरा पूरा लंड अंदर नहीं गया और अब उसको भी मज़ा आने लगा था. वो फिर से चिल्लाने लगी और कहने लगी उह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से मार उह्ह्ह्ह में मर गई आईईईईइ मार दिया मुझे, प्लीज थोड़ा धीरे धीरे करो उह्ह्हह्ह में आज से तुझे आह्ह्हह्ह आप कहूंगी, क्योंकि आज से आप ही मेरे सच्चे पति हो, चोदो मुझे और उफ्फ्फफ्फ्फ़ थोड़ा ज़ोर से चोदो मुझे, आज मुझे पूरी औरत बना दो, वाह क्या मर्द हो आप? दोस्तों में अब और भी तेज हो गया और वो मेरे साथ अपनी चुदाई में पहले भी दो बार अपना चूत रस निकाल चुकी थी और फिर से उसका काम होने वाला था, तो वो मुझसे कहने लगी कि अब आप पीछे से आगे आ जाओ और मेरे ऊपर लेट जाओ.

फिर में तुरंत आगे आकर उसके ऊपर लेट गया और फिर से मैंने अपना लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया और अब मेरा भी काम होने वाला था तो मैंने अपने धक्को की स्पीड को बड़ा दिया और अब उसका भी काम होने वाला था. उन सिसकियों की आवाजों से पूरा कमरा गूँज रहा था. वो कहने लगी उूह्ह्ह्हह्ह मुझे आज आह्ह्ह्ह आज आप आह्ह्ह्हहह उफ्फ्फफ्फ्फ़ ज़ोर से चोदो मुझे, में गई और इतना कहकर वो झड़ गई और इधर मेरा भी काम हो गया, मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डाल दिया. में अब उसके ऊपर अपना सर रखकर थककर हांफने लगा, लेकिन वो मेरी इस चुदाई से बहुत खुश थी और उसके चेहरे से संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी. फिर कुछ देर बाद में उठने लगा तो वो मुझसे कहने लगी कि यह तो अब कल सुबह तक नहीं उठेगा, क्या हम आपके वाले रूम में चलकर दोबारा सेक्स करें. फिर उनके मुहं से यह बात सुनकर में बहुत खुश हुआ और अब में निशा भाभी को अपनी गोद में उठाकर अपने रूम में ले आया. वहां पर मैंने उसको दोबारा बहुत जमकर चोदा और पूरी रात में कई बार उसके सेक्सी जिस्म को चोदकर बहुत मज़े लिए.

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