अपनी बहनने मुझे पति मान कर खुद को चुदवाया | Apni Bahanne Mujhe Pati Maan kar Khud ko Chudvaya - SexKahani

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हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम नीलू है और में रायपुर के एक कॉलेज में पड़ती हूँ मेरे घर में मेरा छोटा भाई और मम्मी पापा है. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ.. वैसे यह एक कहानी नहीं, यह मेरी एक सच्ची घटना है जिसने मेरे जीवन को एकदम बदल कर रख दिया और यह घटना उस समय की है जब मेरी और मेरे भाई की गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी..

मेरे मम्मी, पापा ने हमे मतलब मुझे और मेरे छोटे भाई को जो मुझसे 6 साल छोटा है घूमने की इजाजत दे दी कि तुम लोग अपनी बड़ी बहन काजल के यहाँ रहने जा सकते हो.. जिसकी शादी नागपुर में पिछले 5 साल पहले हुई थी और वो मेरे जीजाजी सुरेश के साथ एक छोटे से फ्लेट में रहती थी. तो मेरे जीजाजी मेरी कज़िन सिस्टर काजल को बहुत मारते थे और वो दारू भी बहुत पीते थे.. लेकिन फिर भी दीदी उनकी सब बात मानती थी और उन्हे बहुत प्यार करती थी और जब उन्हे पता चला कि हम दोनों आ रहे है तो वो बहुत खुश थी.

फिर हम दोनों नागपुर स्टेशन पहुंचे तो देखा कि जीजाजी हमे लेने आए हुए थे और उनकी नज़र मुझ पर अटक गयी.. क्योंकि वो हम से बड़े दिनों के बाद मिल रहे थे. तो अब तक में एक छोटी सी बच्ची से एक जवान, खुबसूरत लड़की हो चुकी थी.

फिर वो मेरे पास आए और उन्होंने मेरे माथे पर एक किस किया और मुझे गले लगाया और जैसे ही उन्होंने मुझे गले लगाया मेरे बूब्स एकदम उनके स्पर्श से टाईट हो गये और मेरे पूरे जिस्म में एक सनसनी दौड़ गयी और फिर उन्होंने सोनू को भी गले लगाया. फिर हम जैसे तैसे उनके घर पर पहुंचे.. जो बहुत दूर एक सुनसान इलाक़े में था.. लेकिन हमे काजल दीदी से मिलने पर बहुत ख़ुशी हुई. फिर हमने उन्हे बताया कि हम दो महीनों के लिए यहाँ पर आए है.. तो वो और भी खुश हो गयी. फिर जीजाजी ने कहा कि चलो तुम लोग फ्रेश हो जाओ थक गए होंगे.. अब वैसे सोनू को जैसे आज़ादी मिल गई हो वैसे ही उसने कहा कि में नहीं थका हूँ और में नीचे खेलने जा रहा हूँ और में सूटकेस से सामान निकालने लगी और जीजाजी काजल दीदी के साथ किचन की तरफ चले गये.. में कुछ उनके लिए सर्प्राइज़ लाई थी.. इसलिए चुपके से उनके पीछे गयी तो जीजाजी काजल दीदी को पकड़कर धीरे धीरे कह रहे थे कि यार नीलू तो बहुत मस्त माल बन गयी है और साली तो सही में आधी घरवाली होती है.. कहकर हंस रहे थे.

फिर में तो उनकी यह सब बातें सुनकर पानी पानी हो गयी और फिर वापस रूम में चली गयी. मेरे जीजाजी कहीं कपड़े की दुकान पर नौकरी करते थे और हर दिन दोपहर में 2-3 घंटे के लिए घर आ जाते थे और फिर शाम को दुकान पर चले जाते थे. तो धीरे धीरे रात हो गयी थी और हम सब जब खाना खाने एक साथ बैठे हुए थे तो जीजाजी मुझे घूर घूरकर देख रहे थे और दीदी को कह रहे थे कि दो दिन बाद होली है.. नीलू को बहुत रंग लगाएँगे और सोनू को भी.. तो सोनू यह बात सुनकर बोला कि फिर तो बहुत मज़ा आएगा और जीजाजी सोनू के साथ प्लॅनिंग कर रहे थे और में, दीदी रूम में जाकर बिस्तर लगा रहे थे.

मैंने दीदी से बोला कि दीदी यहाँ पर तो सिर्फ एक ही बेड है इस पर हम लोग कैसे सोएंगे? तो दीदी तपाक से बोली कि तू अपने जीजाजी के साथ बेड पर सो जाना और में, सोनू के साथ नीचे ज़मीन पर. तो में एकदम घबराकर बोली कि ना बाबा ना आप ही सोना जीजाजी के साथ और फिर हम सो गए.. लेकिन रात भर मुझे नींद नहीं आई एक तो बहुत मच्छर थे और उस पलंग की बहुत आवाज़ आ रही थी.

फिर दूसरे दिन जीजाजी ने कहा कि शॉप की 6 दिन के लिए छुट्टियाँ है तो हम सब बहुत मज़े करेंगे और मेरी तरफ देखने लगे. तो इतने में मैंने कहा कि आज इसी बात पर खाना में बनाउंगी और दीदी मान गयी. फिर जीजाजी और दीदी कुछ बहुत धीरे धीरे बात कर रहे थे और में चुपके से सुन रही थी.. क्योंकि रूम किचन के बिल्कुल पास में था.. जीजाजी, दीदी को कह रहे थे प्लीज कुछ ऐसा करो कि नीलू एक बार मान जाए बहुत मज़ा आएगा. तो दीदी बोली कि बिल्कुल नहीं.. किसी को पता चल जाएगा तो मुसीबत आ जाएगी और जीजाजी बहुत ज़ोर दे रहे थे.

दीदी बोली कि ठीक है में कोशिश करती हूँ और मैंने बस इतना ही सुना और में खाना बनाने लगी. तो दिन को हम सब खाना खाने बैठे तो जीजाजी मेरे खाने और मेरी तारीफों के पुल बांध रहे थे.. मैंने दीदी से बोला कि देखो जीजाजी मुझे छेड़ कर रहे है. तो दीदी हंसी और बोली कि साली के ऊपर तो जीजा का पूरा हक बनता है और में शरमा गयी और जैसे तैसे रात हुई.

फिर जब हम सोने जा रहे थे.. जीजाजी बोले क्यों नीलू कल नींद तो अच्छी तरह से आई थी ना? और मैंने भी उन्हे छेड़ते हुए कहा कि आपकी वजह से नहीं आई. तो जीजाजी बोले कि मुझे पता है छोटा सा रूम है और तुम कल नीचे सोई थी.. लेकिन कोई बात नहीं आज में नीचे सो जाता हूँ और यह बात सुनते ही सोनू बोला कि में अकेले नीचे सो जाता हूँ आप तीनों ऊपर पलंग पर सो जाओ. तो यह बात सुनते ही में मना करने लगी.

थोड़ी देर बाद काजल दीदी एक बहुत ही सेक्सी गहरे गले का बिना बांह वाला छोटा गाऊन पहन कर आई और मुझसे बोली कि तू ऊपर नहीं सोएगी तो में सोनू के साथ नीचे सो जाउंगी. तो यह बात सुनकर में मान गयी. मैंने भी एक ढीला ढाला आगे से खुला हुआ गाऊन पहना हुआ था. फिर पलंग के एक तरफ जीजाजी एक तरफ में और बीच में दीदी सोई हुई थी और सुबह जब में उठी तो सब सो रहे थे और में देखकर हेरान रह गयी.. मेरे गाऊन के सारे बटन खुले हुए थे और मेरी ब्रा पेंटी साफ साफ दिख रही थी और दीदी का भी गाऊन उतरा हुआ था और मेरी नजरें दीदी के बूब्स पर गई जो कि बहुत बड़े थे.. लेकिन मुझसे कम और उनके पेट पर एक आक्रति बनी हुई थी और चूत गीली थी. बिस्तर से भी कुछ महक आ रही थी. जीजाजी उस तरफ मुहं करके सोए हुए थे. तो में एकदम बहुत घबरा कर जल्दी से उठी अपना गाऊन ठीक तक किया और टॉयलेट में जाकर ज़ोर ज़ोर से फ्लश की आवाज़ करने लगी.. ताकि सब जाग जाए और फिर ऐसे ही हुआ.

फिर उस दिन जीजाजी घर पर ही थे क्योंकि कल होली थी.. तो दीदी बोली कि हम लोग आज कुछ स्पेशल बनाते है और उस दिन हम दोनों सुबह से किचन में थे. तो बातों ही बातों में दीदी ने मुझसे पूछा कि तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है? तो मैंने साफ मना कर दिया और फिर मैंने भी दीदी को छेड़ते हुए बोल ही डाला कि कल रात को क्या क्या किया आपने और जीजाजी ने.. मैंने हंसते हुए कहा? और आपने पेट पर वो आक्रति कहाँ से बनवाई.. वो बहुत अच्छी लग रही थी.

दीदी हंसी और बोली कि क्या तूने कल वो सब कुछ देख लिया? तो मैंने कहा कि क्या? फिर दीदी बोली कि यह तो किसी भी रात मुझे नहीं छोड़ते है और आज तो यह कहकर गये है कि थोड़ा लेट हो जाएगा क्योंकि वो दारू पीकर आएँगे.. कल होली है ना इसलिए और वो आक्रति तेरे जीजाजी ने ही बनाई है.. उनके पास एक मशीन है और वो बोली कि क्या तुझे भी बनवानी है? तो में इनको बोल दूँगी और फिर मैंने मना कर दिया.

फिर मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए पूछा कि दीदी क्या आप रोज़ सेक्स करती हो? तो दीदी बोली कि इसमे इतनी शरमाने वाली क्या बात है? इनका लंड ही इतना बड़ा सुडोल और मस्त है कि मुझसे रहा नहीं जाता और दीदी ने चान्स मारते हुए कहा कि तुझे भी सेक्स करना है क्या? और दीदी बोली कि तेरे बूब्स तो मेरे से भी बड़े है.. उन्होंने चिकोटी काटते हुए कहा और में वहाँ से भाग गयी.. लेकिन दिन भर मुझे कुछ कुछ हो रहा था. एक अजीब सी खुजली हो रही थी और मेरी चूत भी दिन भर एकदम गीली थी और में दीदी की बात को सोचे जा रही थी. फिर ऐसे ही दिन गुज़र गया..

रात को दीदी ने बिस्तर लगा दिए और हमने अपने गाऊन भी पहन लिए और सोनू भी सो गया था. तो दीदी और में बात कर रहे थे.. दीदी बोल रही थी देखना यह पीकर आएँगे और इनका सब काम मुझे करना पड़ेगा और इतने में घंटी बजी और दीदी दरवाजा खोलने गई. तो जीजाजी थोड़ा लड़खड़ाते हुए अंदर आए और मुझसे बोले कि यार सॉरी वो कल होली है.. इसलिए दोस्तों ने ज़बरदस्ती पिला दी है. हम कल सुबह बात करते है और वो हैप्पी होली कहकर बिस्तर पर धम से गिर पड़े और में एकदम से डर गयी.

फिर दीदी बोली कि देखा ना ऐसा ही करते है और दीदी नीचे झुककर उनके जूते, मोजे उतार रही थी तो एकदम साफ दीदी के बूब्स लटकते हुए नज़र आ रहे थे और उन्होंने जीजाजी की शर्ट को भी उतार दिया.. फिर बेल्ट निकालने लगी तो वो बड़ी मुश्किल से हिला हिलाकर निकली. फिर पेंट के हुक खोले और उसे उतारने की कोशिश कर रही थी और मुझे बोली कि नीलू मेरी थोड़ी मदद कर इनकी पेंट मुझसे नहीं उतर रही है. तो मैंने उनकी मदद की और उनकी पेंट उतर गई और अब जीजाजी सिर्फ़ अंडरवियर में थे.. जिसे में बहुत ध्यान से देखे जा रही थी और सोच रही थी कि दीदी अब मुझसे अंडरवियर भी ना उतारने के लिए कहे और जीजाजी के बदन से मेरी आँखें नहीं हट रही थी. क्या मस्त बॉडी थी उनकी सीना चौड़ा और अंडरवियर के अंदर कोई बहुत बड़ी सी चीज़ जो बाहर आने के लिए बेताब हो एसी नजर आ रही थी. तो अचानक से दीदी ने मुझे देख लिया कि में जीजाजी के लंड की तरफ देख रही हूँ और उन्होंने मुझसे कहा कि यह वही सांप है जो रोज़ मुझे डसता है.. क्या तुझे देखना है तो बता?

तो में कुछ नहीं बोल पा रही थी और मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि में क्या जवाब दूँ? में बस देखे जा रही थी और इतने में देखते ही देखते दीदी ने अंडरवियर को एक झटका देकर खींच दिया और लंड को बाहर निकालकर सलहलाने लगी. तो में देखकर मुस्कुरा रही थी और मुझे डर लग रहा था कि कहीं जीजाजी उठ ना जाए? दीदी बोली देख इन्हे कितना मज़ा आ रहा है.. में तो बस देखे ही जा रही थी. उनका इतना बड़ा और मोटा था कि बस पूरी चूत गीली हो रही थी. फिर दीदी बोली कि तू भी एक बार इस सांप को पकड़कर देख कितना मज़ा आता है और उन्होंने मेरा हाथ खीचकर लंड पर रख दिया और बोली कि ऊपर नीचे करके देख कितना मज़ा आएगा. फिर मैंने जैसे ही हाथ रखा वो इतना गरम था और इतना मोटा, सख्त, लंबा कि मेरे पूरे बदन में सनसनी सी दौड़ रही थी. मेरे हाथ रखने के कुछ देर बाद जीजाजी ने मुहं से आवाज़ निकाली और मैंने एकदम हाथ हटा दिया और सो गयी.

दीदी ने लाईट बंद की और दीदी मेरे पास में लेटकर मेरे बूब्स को पकड़कर बोली कि क्यों नीलू सांप को देखने से इतनी घबरा रही हो कि ठंड के मारे तुम्हारी कंपकपी छूट रही है और अगर वो काट लेता तो क्या होता? वो हंस पड़ी और सो गयी.

में रात भर सो नहीं पाई और मेरे दिमाग़ में अजीब अजीब ख़याल आ रहे थे. में उस मोटे और तगड़े लंड के बारे में सोच रही थी और अचानक से मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि जीजाजी पूरे नंगे मेरे पास में सोए थे और दीदी हमारे बीच में नहीं थी और मेरे गाऊन के बटन भी खुले हुए थे.. जीजाजी मु मु मु कर रहे थे और अचानक से उन्होंने मेरे बूब्स नींद में पकड़ लिए और दबा रहे थे. बहुत सख्त हाथ थे उनके.. उन्होंने मेरे बूब्स को मसल मसल कर लाल कर दिया और मुझे भी मज़ा आ रहा था. तो मैंने सोचा कि यह तो मेरे जीजाजी है में इनके साथ कैसे यह सब कर सकती हूँ और दीदी के आने की आहट से में घबराकर उनसे अपने आपको छुड़ाकर उठ गयी और बाहर हॉल में आ गयी.

दीदी हॉल में आई और बोली कि हैप्पी होली.. आज तो बहुत मज़ा आएगा और होली वाले दिन में बहुत घबराई हुई थी और जीजाजी उठ गये थे.. लेकिन में उनसे नज़रें चुरा रही थी और दीदी मंद मंद मुस्करा रही थी और सोनू तो सुबह से ही रंग के गुब्बारे और अपनी पिचकारी के साथ व्यस्त था. तो दीदी, जीजाजी कुछ धीरे धीरे कह रही थी.. शायद कल रात वाली बात के बारे में और फिर दीदी हॉल में आकर बोली कि जल्दी से पुराने कपड़े पहन ले वरना कोई भी रंग लगा देगा और फिर होली खेलकर हम सब खाना खाएगें.. आज मैंने चिकन लोलीपोप बनाया है और इतने में जीजाजी बोले लोलीपोप खाया नहीं चूसा जाता है.. तो सब हंसने लगे और में रूम में भाग गयी.. लेकिन पुराने कपड़े मेरे पास नहीं थे..

मैंने दीदी से बोला कि उनके पास पुराने कपड़े है क्या? तो दीदी बोली कि हाँ है और उन्होंने मुझे एक लाल कलर का टॉप दिया जो बहुत टाईट था और एक स्कर्ट दी जो कुछ छोटी सी थी.

फिर दीदी बोली कि यह मेरे हनिमून में इन्होने मुझे गिफ्ट दिया था.. तब में बहुत पतली दुबली थी और मैंने उसे पहन लिया और कांच में देखा तो मेरे बूब्स उसमे बहुत बड़े नज़र आ रहे थे और कमर एकदम पतली और गांड पीछे से निकली हुई थी और मुझे बहुत शरम आ रही थी.. क्योंकि वो टॉप इतना टाईट था कि मेरी निप्पल उसमे से एकदम साफ नज़र आ रही थी और बड़ी मोटी मोटी लग रही थी. तो जीजाजी ने जैसे ही मुझे देखा तो वो बोले कि नीलू क्या सेक्सी दिख रही हो? मुझे तुम्हे देखकर अपने हनिमून की याद आ गयी.

फिर दीदी बोली कि बस एक अंतर है मेरे बूब्स थोड़े छोटे थे.. इसके बहुत बड़े है और में नीचे मुहं करके किचन में चली गयी. तो जीजाजी, दीदी से कह रहे थे कि आज मेरा कैसे भी काम बनवा दो प्लीज और इतने में सोनू पूरा रंग डलवाकर आया और बोला कि बाहर उसे किसी ने रंग के ड्रम में डाल दिया और में उसे नहीं छोड़ूँगा. फिर उसने एक बाल्टी में बहुत गाढ़ा रंग बनाया और सब रंग डालकर बाहर जा रहा था. तभी जीजाजी ने कहा कि बस हो गयी होली.. तू अब कहीं नहीं जाएगा.. लेकिन वो सुनने वाला कहाँ था.

तो जीजाजी उसे डांटते हुए बोले कि जाकर नहा ले और नीलू रंग उतारने में उसकी मदद कर दो.. तो सोनू बोला कि में कर लूँगा. तो जीजाजी गुस्से में उससे बोले कि चल जल्दी से अपने कपड़े उतार. इतने में सोनू बाथरूम में जाकर अपने सारे कपड़े उतारकर खड़ा था और जीजाजी बोले कि नीलू साफ करने में मदद करो और मैंने उसका लंड कभी नहीं देखा था वो भी ठीक ठाक था और में मन ही मन में जीजाजी के लंड के साथ उसकी तुलना कर रही थी और फिर रंग उतारने में व्यस्त हो गयी और नीचे बैठकर उसके पेट पर साबुन लगा रही थी. तो सोनू का लंड मेरे मुहं से छू रहा था. तभी जीजाजी पीछे खड़े थे वो बोले कि अब सब जगह से रंग उतर गया है और उन्होंने कहा कि लंड पर भी साबुन लगाओ और ऊपर नीचे करके रगड़ो. तो सोनू बोला कि में खुद ही कर लूँगा.

फिर जीजाजी चिल्लाते हुए बोले कि चल लगवा साबुन और में साफ कर रही थी और ना जाने कब जीजाजी ने वो सोनू ने जो रंग भरी बाल्टी बनाई थी.. पीछे से मेरे ऊपर डाल दी और बोले हैप्पी होली. तो में ठंड में कांप रही थी और मेरी पूरी भीगी हुई थी स्कर्ट और टॉप चिपक गये और मेरे बूब्स तन गये थे.. गांड साफ नज़र आ रही थी और सोनू मज़े कर रहा था. तो वहाँ पर दीदी भी आ गयी और उन्होंने मुझे और भी रंग लगाया और जीजाजी को भी लगाया और रंग लगाते लगाते हम फ्लेट के बरामदे में आ गये और सोनू नीचे चला गया और जीजाजी, दीदी से बोले कि पकड़ो नीलू को.. आज में इसे अच्छी तरह रंग लगता हूँ और यह कहकर उन्होंने मुझे कमर पर और फिर अपना हाथ आगे बड़ाते हुए मेरे टॉप के अंदर बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाया में चिल्ला रही थी.. लेकिन वो दोनों हंस रहे थे और जीजाजी ने मेरी जांघो पर, गर्दन पर और सब जगह रंग लगाया. तो मैंने गुस्सा होकर अंदर रूम वाले टॉयलेट में अपने आपको बंद कर दिया.. फिर दीदी आई और बोली कि पगली क्या कोई ऐसे रोता है क्या रंग लगाने से? वो तेरे जीजाजी है चल अब खोल जीजाजी यहाँ पर नहीं है.

फिर मैंने डर के मारे थोड़ा सा दरवाज़ा खोला और में दीदी से बहुत नाराज़ हुई और बोली कि जीजाजी ने मेरे बूब्स पर इतने ज़ोर से नाख़ून लगाया है कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है.. क्या कोई ऐसे कोई करता है? तो काजल दीदी बोली कि चल में तेरा रंग उतार देती हूँ और यह कहकर वो मेरी स्कर्ट उतारने लगी तो में बोली कि में खुद ही कर लूँगी. तो वो बोली कि तू मेरा रंग उतार और में तेरा.. में बोली कि मुझे शरम आती है. तो वो बोली कि में तेरी बहन हूँ और तूने तो मेरा सब कुछ देख ही लिया है और मैंने भी देखा है फिर शरमाने की क्या बात है.

फिर में मान गयी और अपनी स्कर्ट, टॉप को उतार दिया और दीदी भी ब्रा, पेंटी में थी और बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ था क्योंकि बाथरूम बहुत छोटा था. तभी अचानक से जीजाजी रूम में आ गये और बोले कि मेरा भी रंग उतारो भाई और यह कहकर उन्होंने रूम का दरवाजा बंद कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगे और बाथरूम में आ गए. तो में बहुत हैरान हो गयी और में दीदी से बोली कि यह सब ठीक नहीं है.. मुझे बाहर जाना है.

फिर दीदी ने कहा कि साली तू शरमाती बहुत है आज यह तेरी शरम उतारनी पड़ेगी और वो जीजाजी से बोली कि आप ही समझाओ इसे और दीदी बोली कि बाहर चल.. उन्होंने मेरी ब्रा उतार फेंकी और मेरे दोनों कपड़ो को जल्दी से खींचकर फाड़ दिया और जीजाजी ने अंदर आकर मुझे पीछे से पकड़ लिया. में छटपटा रही थी, चिल्ला रही.. लेकिन मुझे बचाने वाला वहाँ पर कोई नहीं था.

फिर दीदी ने मेरे दोनों हाथ आगे से हाथ पकड़ लिए और जीजाजी पूरे नंगे हो गये थे और उनका लंड मेरी गांड को छू रहा था और वो मेरे बूब्स को दबाए जा रहे थे और दीदी साबुन को मेरे पैरों पर, जांघो पर, और मेरे पूरे बदन पर लगाए जा रही थी.

तो जीजाजी मेरे पूरे बदन को सहला रहे थे और मानो मेरे जिस्म में हजारों बिजलियाँ दौड़ रही थी.. लेकिन मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और अब तक दीदी मेरी पेंटी को नीचे गिरा चुकी थी और अपनी एक ऊँगली को मेरी चूत पर बार बार रगड़ रही थी और साबुन लगा रही थी. फिर कुछ देर बाद वो बहुत तेज़ी से अंदर बाहर अपनी ऊँगली करने लगी और जीजाजी ने मुझे इतने ज़ोर से पकड़ा हुआ था कि में छटपटा रही थी और दीदी से कह रही थी और करो अह्ह्ह ह्म्‍म्म्मा ओहूऊऊऊः करे जा रही थी.

फिर जीजाजी मेरे सामने आए और उन्होंने मुझे ज़ोर से गले लगाया और मेरे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहे थे. निप्पल को चूसे जा रहे थे और वो एक हाथ से अपनी ऊँगली को मेरी चूत के अंदर बाहर कर रहे थे. तो मैंने उनका लंड देखा और बोला कि जीजाजी यह कितना बड़ा हो गया है और उस सख्त लंड की नसे भी दिखाई दे रही थी.

फिर दीदी ने कहा कि नीचे बैठ जा और में नीचे बैठी.. तो वो बोली कि दोनों पैर को फैला और मैंने वैसे ही किया. फिर दीदी ने अपनी एक ऊँगली मेरी गांड में और एक चूत में डालना शुरू किया और में जीजाजी का लंड पकड़कर सहला रही थी और फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चूसो इसे.. फिर में ज़ोर ज़ोर से लंड की टोपी मुहं में अंदर बाहर कर रही थी और दीदी उतनी ही तेज़ी से मेरी चूत, गांड में उंगली कर रही थी और जीजाजी ज़ोर ज़ोर के झटके से मुहं में लंड दबा दबाकर अंदर बाहर कर रहे थे और में आहह उह्ह्ह कर थी थी. फिर उन्होंने मुझे नीचे लेटा दिया और मैंने बोला कि जीजाजी यह बहुत मोटा है.. लेकिन दीदी ने ऊपर से मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए थे और वो बोली कि सुरेश इस साली की चूत में लंड एक बार में अंदर जाना चाहिए. तो जीजाजी ने जोश ही जोश में मेरी चूत के अंदर लंड को इतनी ज़ोर से डाला कि मेरी बहुत ज़ोर से चीख निकल गयी और आखों से आंसू बाहर आ गये.. में जोर से चीखी.. फट गई मेरी चूत, प्लीज बाहर निकालो अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह बचाओ माँ.. मेरी चूत फट गयी.

दीदी मेरे बूब्स और निप्पल को नोंचे जा रही थी और जीजाजी अंदर बाहर लगातार करते रहे और में चिल्लाती रही.. फिर उसने मेरे पैर और फैला दिए और वो ज़ोर ज़ोर से झटके देकर लंड को अंदर डाले जा रहे थे. में उईई माँ उईईइइममाआ आवाज़ किए जा रही थी और ज़ोर से सिसकियाँ ले रही थी.. लेकिन वो फिर भी कुछ नहीं सुन रहे थे. तो दीदी ने कुछ इशारा किया और जीजाजी ने मुझे पीछे पलटा. तो दीदी ने साबुन उनके लंड पर लगा दिया और थोड़ा मेरी गांड पर रख दिया.

तो में बोली कि दीदी पीछे नहीं जाएगा.. जितना करना है आगे ही कर लो प्लीज.. में आपका लंड और चूस देती हूँ.. लेकिन जीजाजी ने मेरी एक नहीं सुनी और बोले कि उठ कुछ नहीं होगा.. में बस धीरे धीरे धक्के दूंगा और कहने बाद दीदी ने मुझे झुकाया और जीजाजी को आँख मारी और जीजाजी ने ऐसा झटका मारा कि लंड मेरी गांड में घुसता चला गया और में बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी.. लेकिन मेरी कोई नहीं सुन रहा था और दीदी हँसे जा रही थी. वो झटके पर झटके मारते चले गये और 10 -15 झटके के बाद में मरे जा रही थी और में अधमरी सी हो गयी थी और फिर जीजाजी जब झड़ गये तो उनका पूरा वीर्य मेरी गांड के अंदर चला गया और मुझे मेरी गांड में इतनी जलन हो रही था कि में क्या बताऊँ. फिर पूरी चुदाई होने के बाद दीदी ने मुझे नहलाया और बेड पर लेटा दिया.. में चल भी नहीं पा रही थी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. फिर अचानक से मेरी आखं लग गई और में करीब 4 घंटे बाद सोकर उठी तो मेरा दर्द ख़त्म हो चुका था. दीदी मेरे पास आई और पूछा कि मजा आया.. तो मैंने भी जवाब में एक स्माईल दे दी. दीदी ने खुश होकर मुझे गले से लगा लिया और बोली कि अब तो तेरी शर्म उतर चुकी है.. अब तू भी हमारे साथ चुदाई के मजे ले.. लेकिन ध्यान रखना कि यह बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए. में दीदी से बोली कि आप चिंता मत करो.. में किसी से कुछ भी नहीं कहूँगी.

दोस्तों फिर उसके बाद तो में जीजाजी की दूसरी बीवी बन गई थी. दीदी और जीजाजी भी बहुत खुश थे. अब हम तीनों चुदाई के फुल मजे लेने लगे थे. सेक्स में ऐसा कोई काम नहीं था जो हमने नहीं किया हो. दीदी जीजाजी के लंड को पकड़कर मेरी चूत पर रखती और में अपनी चूत खोलकर उसे पूरी मस्ती के साथ स्वीकार करती थी. कभी दीदी मेरे सामने जीजाजी से चुदवाती तो कभी में उनके सामने जीजाजी के लंड पर कूदती. उन दो महीनों में मैंने अपनी चूत और गांड को जीजाजी से बहुत चुदवाया.. फिर दो महीने बाद हम अपने घर वापस लौट आये. आज मुझे मेरा जीवन बिना लंड के अधूरा लगता है.. क्योंकि दो महीने तक चुदवाने के बाद तो मेरी चूत को लंड का जोरदार चस्का लग चुका है. आज भी रोज जब मेरी चूत में आग लगती है तो मेरी दो उँगलियाँ चूत में जाती है और उसे ठंडी करके ही वापस बाहर आती है.

एक के साथ एक फ्री मिल जाये तो चुदाई में मज़ा आता है ek ke sath ek free mil jaye ti chudai me maja aata hai

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हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम है विकास कुजूर और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ | मैं देखने में बहुत ही स्मार्ट हूँ और मैं मॉडलिंग भी करता हूँ तो मेरे पास लड़कियों की कमी नहीं रहती | मैं आए दिन नई नई लड़कियां पटाता रहता हूँ और कभी मन हो गया तो चोद भी देता हूँ | ये कहानी मेरी उन्ही चुदाई में से एक की है और इसमें मुझे कुछ ज्यादा ही मज़ा आया था | मैंने एक साथ दो दो लड़कियों को चोदा था और उनके मज़े लिए थे | अब मैं अपनी कहानी पे आता हूँ |
ये कहानी तब कि है जब मैं कॉलेज में पढता था और मेरी एक गर्लफ्रेंड थी अंकिता | अंकिता की एक सहेली थी अनामिका जो की बहुत भोली सी थी लेकिन दुनिया की चमक में बिगड़ रही थी | वो कभी कभी अपने आपको को बहुत मॉडर्न दिखाने की कोशिश करती थी और बहुत ही चालू बनने का नाटक भी करती थी लेकिन थी तो वो बकलोल ही | जब मैं और अंकिता बैठ के बातें करते रहते थे, तो वो हमारे पास आके चिपक जाती थी | हम जो भी करते थे, उसे भी करना होता था | वो बहुत ही चिपकू थी लेकिन दिल की बहुत ही अच्छी थी |
एक बार मैं और अंकिता बैठ के बातें कर रहे थे तो अनामिका मेरे पीछे से आके मेरे आँखों पे हाँथ रख के बोली पहचानो | तो मैंने कहा पता है अनामिका | तो वो अंकिता से बोली देखा बॉयफ्रेंड तुम्हारा है लेकिन पहचानता मुझे है, अच्छे से | तो अंकिता ने कहा कुछ भी हो बॉयफ्रेंड मेरा है, तेरा है कोई ? तो उसने मेरे को पकड़ के कहा हाँ यही है मेरा बॉयफ्रेंड और हसने लगी | फिर कुछ दिनों बाद मैं और अंकिता बैठ के ब्लू फिल्म देख रहे थे तो वो पीछे से आ गई और देखने लगी | फिर उसने अंकिता को पकड़ा और कहा अच्छा तो ये सब करते हो तुम दोनों ? तो अंकिता ने कहा इसमें गलत क्या है हम दोनों एडल्ट है और बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड हैं | तो उसने कहा अच्छा तो अगर मैं भी तुम दोनों के साथ ये देखूं तो तुम लोग बुरा तो नहीं मानोगे |
अंकिता ने मेरी तरफ देखा वो उसको मना करना चाहती थी लेकिन अब उसके मुंह पे कैसे मना करती इसलिए उसने मन मार के कह दिया हाँ | फिर हम दोनों बैठ के ब्लू फिल्म देखने लगे | उस दिन रात को अंकिता ने मुझसे कहा कि तुम अनामिका का मना कर देते ना | तो मैंने उससे कहा कि अगर वो कुछ सीखना चाहती है तो सीखने दो | तो अंकिता ने कहा ठीक है | फिर कभी कभी अनामिका हम दोनों के साथ ब्लू फिल्म देखा करती थी और कभी कभी सिर्फ मैं और अनामिका देख लिया करते थे |
एक बार अंकिता ने मुझ से कहा कि अनामिका उससे पूछ रही थी कि बिना लड़के के कैसे मज़े लूँ ? तो अंकिता ने उसे कहा कि तुम खुद ही अपनी चूत में ऊँगली कर लिया करो और उसने उसे एक डिलडो भी लेके दिया और कहा इसे अपनी चूत में डाला करो | मैं हसने लगा और कहा किसी से बोल दो की कोई अनामिका को चोद दे | तो अंकिता ने कहा तुम ही क्यों नहीं चोद देते | मेरे मन में लड्डू फूटने लगे लेकिन मैंने कहा मैं सिर्फ तुमसे प्यार करता हूँ, तो अंकिता ने कहा कोई नहीं प्यार मुझसे और सैक्स उससे | लेकिन मैंने मना कर दिया |
एक दिन हम तीनो बैठ के ब्लू फिल्म देख रहे थे तो मेरे मोबाइल में बैटरी कम बची थी तो मैंने उसे बंद कर दिया और किसी और के मोबाइल में इन्टरनेट नहीं था | तो अब हमने सैक्स कि बातें शुरू कर दी और एक दुसरे कि सैक्स लाइफ के बारे में जानने लगे | अनामिका ने अंकिता से पूछा कि तुम्हारा कैसा चल रहा है विकास अच्छे से चोदता है ना तुम्हें | अंकिता ने कहा कि मैं तो विकास के लंड की दीवानी हूँ, उसका लंड बड़ा भी है और मोटा भी और जब भी मेरी चूत में घुसता है तो मेरी तो जैसे जान ही निकल जाती है | फिर अनामिका ने मुझसे पूछा कि तुम्हें कैसी लगती है अंकिता की चूत ? तो मैंने कहा कुझे तो बहुत अच्छा लगता है अंकिता को चोदना | तो उसने पूछा कि और अंकिता कि चूत कैसी है ? तो मैंने कहा कि बहुत ही क्यूट सी चूत है इसकी और मैं तो उसमे ही रहना चाहता हूँ | तो दोनों मुस्कुराने लगी | तभी अंकिता ने अनामिका से पूछा और तुम्हारी कैसी चल रही है ? कोई बॉयफ्रेंड मिला की नहीं ? तो अनामिका ने कहा नहीं यार | तो अंकिता ने पूछा अच्छा मतलब सिर्फ डिलडो से ही काम चला रही हो ? तो अनामिका ने मायूस होते हुए कहा हाँ यार |
अंकिता ने कहा किसी लड़के से बोल दे कि मुझे सिर्फ चुदवाना है, वो चोद देगा तुझे | उसने कहा मैं कोई वैश्या नहीं हूँ | फिर अनामिका ने कहा अच्छा चलो अंकिता मैं तुमसे दोस्त होने के नाते एक चीज़ माँगना चाहती हूँ लेकिन वादा करो तुम बुरा नहीं मानोगी | अंकिता ने वादा कर दिया तो अनामिका ने कहा यार प्लीज क्या तुम मुझे एक बार के लिए विकास दे सकती हो ? तो अंकिता ने मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देखा और कहा ये तो तुम विकास से ही पूछो | तो अनामिका मेरे करीब आ गई और आँखों में देख कर कहा, प्लीज विकास एक बार के लिए | तो मैंने अंकिता कि ओर देखा तो अंकिता ने इशारे में हामी भर दी |
फिर क्या था उसी दिन कॉलेज से भाग कर हम तीनो अंकिता के रूम चले गए | जोश जागने के लिए मैंने अंकिता के लैपटॉप पर ब्लू फिल्म लगा दी और हम तीनो देखने लगे | फिर अनामिका ने लैपटॉप बंद करके कहा ये सब देखने थोड़ी ना आए हैं | तो अंकिता ने कहा ये रहा विकास शुरू जाओ | तो अनामिका मेरे पास आई और मेरी गोद में बैठ गई और अंकिता से फोटो खींचने को कहा | फिर मेरी और अनामिका की किस करते हुए अंकिता ने फोटो खींची | मैं अनामिका को किस करे जा रहा था तो अंकिता ने कहा बस यार मुझे भी करने दो थोडा | तो अंकिता ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं अंकिता के दूध दबाने लगा | उतने में अनामिका मेरा लंड छूने लगी और मुझे गरम करने लगी |
फिर अंकिता ने पैन्ट उतारा और दोनों मेरा लंड चूसने लगी | पहले अंकिता मेरा लंड चूस रही थी और अनामिका मेरे गोटे चाट रही थी फिर थोड़ी देर बाद अनामिका मेरे लंड को चूसने लगी और अंकिता ऊपर आके मुझे किस करने लगी | मुझे यही सोच सोच के मज़ा आ रहा था कि मैं एक साथ दो दो लड़कियों को चोदूंगा | फिर मेरा मुट्ठ निकलने वाला था तो मैंने सारा मुट्ठ उनके हाँथ में गिरा दिया | फिर वो दोनों अन्दर गई और हाँथ धोके आई | तो मैंने कहा कि चलो अब दोनों कपडे उतारो | उन दोनों ने कपडे उतारना शुरू कर दिया लेकिन मेरी नज़र सिर्फ अनामिका पे थी | क्योंकि अंकिता को तो मैं पहले भी देख चुका हूँ |
इसलिए मैं अनामिका को देखे जा रहा था उसने जैसे ही अपना ब्रा उतरा तो मैंने देखा कि उसके दूध छोटे है उससे बड़े तो अंकिता है लेकिन जब उसने अपनी पैंटी उतारी तो मैं समझ गया कि इसकी चूत टाइट होगी | फिर मैं उठके उनके पास गया और अनामिका के दूध दबाने कि कोशिश करने लगा तो अंकिता बोली पकड़ में आया कुछ ? तो मैंने अंकिता के दूध पकड़ के दबाने लगा तो अनामिका ने मुझे पकड़ के किस करना शुरू कर दिया और मेरे लंड को पकड़ के हिलाने लगी | फिर मैंने अनामिका को बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा | जैसे ही मैंने अपना लंड अन्दर डाला मुझे लगा बहुत टाइट है तो मैंने अपने लंड पे थूक लगाया और उसकी चूत में ज़ोर के झटके से घुसा दिया | उसने चद्दर को ज़ोर से पकड़ लिया और आवाज़ की आअह्ह्ह्ह अआह्हह अआह्हह अआह्हह ऊऊम्म्म्म ऊऊम्म्म्म | फिर अंकिता अनामिका को जाके किस करने लगी और मैं नीचे से उसकी चूत मारने लगा | फिर अंकिता बिस्तर पर लेटी और मैंने अंकिता की चूत मारी लेकिन अब ये ढीली हो चुकी थी | फिर मैं अनामिका को कुतिया की तरह पीछे से चोदना शुरू किया और उसको ज़ोर ज़ोर के झटके मारने लगा | वो अब धीरे धीरे सिस्कारियां अआह्हह अआह्हह अआह्हह ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़् ऊऊम्म्म्म  लेती जा रही थी | थोड़ी देर में मेरा मुट्ठ निकल आया और मैंने पीछे से उसकी गांड पे सारा मुट्ठ गिरा दिया और में अआह्हह अआह्हह अआह्हह करके झड़ गया | वो हाँथ से मुट्ठ को अपनी गांड पे रगड़ने लगी और अंकिता उसकी गांड से मुट्ठ उठा के चाटने लगी | फिर एक घंटे बाद मैंने उनको फिर चोदा और शाम तक हम तीनो ऐसे ही नंगे पड़े थे उसके कमरे में | फिर उसके बाद कई बार मैंने अनामिका को चोदा और उसकी भी चूत को अंकिता की चूत की तरह ढीला कर दिया | दोस्तों आपको मेरी कहानी कैसी लगी कमेंट में जरुर बताइयेगा |

तड़पते हुए जिस्म की भूख -Tadapte Huye Zism Ki Bhukh

तड़पते हुए जिस्म की भूख -Tadapte Huye Zism Ki Bhuk, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.
दोस्तों मेरा नाम शुभम है और यह मेरी एकदम सच्ची घटना है और में एक इंजिनियर हूँ। मैंने कुछ सालों पहले अपनी इंजिनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और अब एक प्राईवेट कम्पनी में काम करता हूँ और इस समय मुंबई में रहता हूँ। दोस्तों मुझे अक्सर कम्पनी की तरफ से विदेशों के टूर पर भेजा जाता है। दोस्तों ये कहानी मेरी और श्रेया की है और वो एक ग्रहणी थी और वो बहुत पड़ी लिखी थी, उन्होंने MBA किया हुआ था और उनकी उम्र 37 साल की है और उनकी एक बेटी भी है। श्रेया के पति एक बैंक में जनरल मैनेजर है और श्रेया उन दिनों वशी में रहती थी जो कि नई मुंबई में ही आता है। श्रेया की शादी को 15 साल हो गये थे और उनके पति हमेशा अपने ऑफिस के काम में ही व्यस्त रहते थे, जिसकी वजह से उनकी लाईफ से सेक्स बिल्कुल खत्म हो गया था और श्रेया के पति को सेक्स में अब बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं रही थी।
फिर दूसरी तरफ श्रेया का बहुत मन करता था कि वो अपने पति के साथ सेक्स करे। वैसे श्रेया एक संस्कारी औरत थी और उसने आज तक कभी भी अपने पति के अलावा किसी के साथ कभी सेक्स नहीं किया था, लेकिन उनको अब सेक्स कहानी पड़ने की आदत लग गई थी, जिसकी वजह से वो अब बहुत सेक्स कहानियाँ पड़ती थी और उनके अंदर एक प्यास थी और जो बुझाए नहीं बुझती थी और उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वो कभी किसी के साथ अफेयर करेगी। उनके पति थे जो कभी सेक्स के लिए तैयार ही नहीं होते थे। सेक्स तो दूर की बात थी वो एक दूसरे को आपस में किस तक नहीं करते थे और यह सभी बातें श्रेया ने मुझे यह बात चेट पर बताई थी। श्रेया को रात भर सेक्स कहानी पढ़ने की एक आदत लग गई थी तो उनको अब कहानियाँ पढ़े बिना नींद भी नहीं आती थी और उनका पूरा बदन जलता रहता था और वो अधिकतर समय सुबह 3 बजे सोती थी और उन्हें 6 बजे अपनी बेटी को स्कूल भेजने के लिए सुबह मजबूरी में जल्दी उठाना पड़ता था। ऐसे हर रोज उठने की वजह से श्रेया को हाई बीपी की परेशानी हो गई और जिस दिन श्रेया को इस बात का पता चला तो उस दिन से उसे अपनी दिनचर्या को ठीक करने का ख्याल आया और उसने निर्णय किया कि अब वो अपनी प्यास को कंट्रोल करेगी, लेकिन वो उस काम में पूरी तरह से असफल थी और अपनी परेशानी के बारे में वो किसी से बात भी नहीं कर पा रही थी। फिर उसने आखिरकार समझ लिया कि सेक्स की भूख इंसान की एक प्राक्रतिक प्रवती है और इसे कंट्रोल कर पाना नामुमकिन है। 
अब उसने निर्णय किया कि वो किसी और के साथ शारीरिक संबंध बनाएगी, क्योंकि सेक्स की तड़प अब उसके शरीर को भी धीरे धीरे खराब कर रही थी, लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि वो किस के साथ संबंध बनाए और उसको अपनी बदनामी का बहुत डर था और उस काम की वजह से उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती और फिर उसने फेसबुक पर मुझसे बहुत चेटिंग की और मेंने अपने बारे में उसे बताया और उसने यह सारी जानकारी मुझे चेट पर ही बताई। हम दिन में दो तीन घंटे आपस में चेट करते रहते थे, मुझे उनका स्वभाव भी बहुत अच्छा लगा। फिर करीब एक, दो सप्ताह तक चेट करने के बाद हम दोनों को एक दूसरे पर पूरी तरह से विश्वास हो गया। अब हम एक दूसरे के पास अपने फोटो भी भेजने लगे और वो फोटो देखकर उनको और मुझे पता चल गया कि हम दोनों एकदम अच्छे लोग है और फिर जैसे कि मैंने आपको बताया कि हम दोनों ही नई मुंबई में रहते थे।
फिर एक दिन हम दोनों ने आखिरकार निर्णय कर लिया कि हम अब एक दूसरे से मिलेंगे। दोस्तों में सबसे पहले आप सभी को श्रेया के बारे में बताता हूँ। वो बहुत ही सुंदर महिला थी और उनकी हाईट 5 फिट 5 इंच थी, उनका फिगर 36-34-38 था और बूब्स दिखने में बहुत बड़े थे, लेकिन थोड़ा नीचे की तरफ झुके हुए थे, उनका रंग एकदम गोरा था और उनके होंठ एकदम हल्के गुलाबी कलर के थे, गांड बहुत बड़ी थी और थोड़ा बड़ा आकार होने की वजह से बाहर की तरफ आ रही थी, लेकिन उनका एक कातिलाना फिगर था। अब में अपने बारे में बताता हूँ। में 5 फिट 9 इंच लंबा हूँ, अच्छा बदन और मैंने श्रेया से मिलने से पहले सिर्फ़ एक ही बार सेक्स किया था। फिर श्रेया ने मुझसे अपना टाईम लिया और मुझे बुलाया और फिर मेरे बहुत कहने पर आखिरकार वो मेरे साथ सेक्स करने को मान गई, उसका मुझसे सबसे बड़ा वादा यह था कि में कभी भी उसके साथ धोखा ना करूं और किसी को भी कभी कुछ नहीं बताऊँ और में उसके पीछे जबरदस्ती ना पडूं और मुझसे चेट करते करते उसने भी अब समझ लिया कि मेरे लिए भी उसकी और अपनी इज़्ज़त बहुत महत्वपूर्ण थी और उस बदनामी से मेरे ऑफिस में मेरी बहुत बेईज़्ज़ती हो जाएगी।
फिर में भी उसकी सभी बातों को अब पूरी तरह से मान गया था कि श्रेया एक सीधी साधी लेडी है और जिसकी बहुत इज्जत है और हमने चेटिंग पर अपने मोबाईल नंबर्स भी एक दूसरे को दे दिए थे और हमने फिर फोन पर बहुत सारी बातें भी की और करीब तीन सप्ताह तक ऐसे ही बात करने के बाद हमने अब मिलने का निर्णय ले लिया था और अब हम एक दूसरे पर पूरा पूरा विश्वास भी करने लगे थे, हमारी मिलने की जगह का निर्णय भी श्रेया ने ही किया। फिर कुछ दूरी पर स्टेशन के पास एक रेस्टोरेंट में उन्होंने मुझसे मिलने को कहा और में एकदम ठीक टाईम पर वहाँ पर पहुंच गया और अब में वहां पर उनका इंतजार करने लगा और करीब 15-20 मिनट के बाद श्रेया वहाँ पर आ गई। 
उसने एक काली कलर की साड़ी पहने हुई थी बाल एकदम खुले करे हुए थे और थोड़ा मेकअप किया हुआ था, वो साड़ी थोड़ी सी जालीदार थी और जिसकी वजह से उनके बूब्स अलग ही बड़े आकर के लग रहे थे, लेकिन थोड़ी सी भी छाती नहीं दिख रही थी और दूर से देखते ही हमने एक दूसरे को पहचान लिया, क्योंकि हमारे मिलने से पहले हमने एक दूसरे के फोटो बहुत बार देख लिए थे। अब हम दोनों पहली बार किसी से ऐसे मिल रहे थे, वो बार बार मुझे देखकर स्माईल कर रही थी। अब उसने मुझसे कहा कि तुम तो बहुत अच्छे दिखते हो और तुमने अपनी बॉडी भी बहुत अच्छी बना रखी है। फिर मुझे उनकी यह बात सुनकर बहुत खुशी हुई और फिर मैंने भी उन्हें सबसे पहले धन्यवाद कहा और उसके बाद कहा कि आप भी बहुत हॉट लग रही हो। हमने करीब 30 मिनट आपस में गप्पे मारे और साथ में लंच किया।
अब हम एक दूसरे से बातें करते हुए आपस में बहुत खुलकर बातें करने लगे थे और अब कुछ देर बातें, हंसी मजाक करने के बाद तुरंत श्रेया ने मुझसे कहा कि अब हम जल्दी से सेक्स का प्रोग्राम बनाते है, तुम इस काम के लिए कोई सही जगह बताओ? फिर मैंने बोला कि मेरे घर से सुरक्षित कोई जगह नहीं है और में 7th मंजिल पर एक बड़े फ्लेट में अकेला ही रहता हूँ, जिसकी वजह से हमे कोई भी कुछ नहीं कहने वाला, लेकिन उसे थोड़ा डर महसूस हो रहा था और वो बोल रही थी कि यार हम पहली बार कोई होटल में चलते है। फिर मैंने उससे कहा कि उसमें भी तो बहुत रिस्क है और वहां पर हमे बाहर के सभी लोग देख सकते है और अब मैंने उससे बोला कि क्या आपके पास कोई और जगह है तो वो बताओ? फिर उन्होंने बोला कि उनके घर पर तो करना बहुत मुश्किल है और किसी पड़ोसी ने देख लिया तो क़यामत आ जाएगी और उन्होंने आखिरकार बोला कि ठीक है तुम्हारा घर ही सुरक्षित रहेगा और उन्होंने मुझसे बोला कि देखो में तुम पर अपने से भी ज्यादा विश्वास कर रही हूँ प्लीज तुम मेरे विश्वास को मत तोड़ना। फिर मैंने उनसे वादा किया कि में कभी भी आपके विश्वास को नहीं तोड़ूँगा और इतनी बात करके कुछ देर बाद हम दोनों वहां से अपने अपने घर की तरफ चले गए।
फिर अगले सप्ताह सोमवार का दिन हमने सेक्स करने के लिए तय किया। उस पूरे सप्ताह से बहुत जोश में था और श्रेया के ख्याल को सोच सोचकर मेरा 6.5 इंच का लंड बार बार खड़ा हो जाता था और में हर बार सोचता कि उसके साथ में यह करूँगा वो करूँगा और सोमवार के दिन मैंने अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली। फिर मैंने अपने ऑफिस में अपनी बीमारी का झूठा बहाना बना दिया और वैसे भी मेरे पास बहुत छुट्टी पड़ी हुई थी। फिर करीब 10:30 बजे श्रेया मेरी बिल्डिंग में आ गई। में 7th मंजिल पर रहता हूँ और उसने बिल्कुल नीचे पहुंचकर मुझे कॉल कर दिया और मैंने तुरंत बाहर की तरफ देखा कि कोई मेरी मंजिल पर बाहर खड़ा तो नहीं है तो मैंने देखा कि बाहर कोई भी नहीं खड़ा था और अब मैंने श्रेया से बोला कि तुम जल्दी से ऊपर आ जाओ। दोस्तों में तो उस दिन मन ही मन बहुत अच्छा महसूस कर रहा था और मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था। 
मैंने अपने घर का दरवाज़ा खुला रखा तो श्रेया चुपचाप अंदर आ गई और मुझे देखकर उसने हाए कहा और मैंने जाकर दरवाज़ा बंद किया। दोस्तों वो आज चेहरे से बिल्कुल भी परेशान नहीं लग रही थी। फिर मैंने पास जाकर उसे हग किया। दोस्तों आज मेरे अंदर ग़जब का आत्मविश्वास था और उसके मुलायम बूब्स मेरे सीने पर दब गये। आज उसने लाल रंग का सूट पहना हुआ था और उस पर सफेद रंग की एक जालीदार चुन्नी थी। अब श्रेया ने मुझसे बोला कि मुझे अपना घर दिखाओ तो श्रेया मेरे पूरे घर को बहुत ध्यान से देख कर रही थी। फिर मैंने उससे पूछा कि क्या हुआ? तो वो बोल रही थी कि में देख रही हूँ कि तुमने कहीं कोई कैमरा तो नहीं छुपाया है जिससे मेरी ब्लूफिल्म ना बन जाए। फिर मुझे उसकी इस बात पर बहुत हंसी आई। फिर मैंने कहा कि हाँ अच्छी तरह से देख लो और अपनी सहूलियत कर लो। फिर उसने कुछ देर देखकर वो मुझसे बोला कि सब ठीक है तुम वाकई में बहुत शरीफ लड़के हो। फिर मैंने उससे बोला कि मैंने आपको अपनी इंजिनियरिंग की डिग्री तक दिखा दी। फिर भी आप मुझ पर इतना शक करती हो।
फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज मुझे माफ़ कर दो और अब वो मेरे बिल्कुल करीब आकर बैठ गई और फिर उसने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि लो आज से में तुम्हारी हुई और फिर मैंने उसे अपनी बाहों में भर लिया। दोस्तों उसके जिस्म से बहुत ही प्यारी खुशबू आ रही थी और उसके बूब्स मेरी छाती पर छू रहे थे। फिर मैंने उसके गाल पर एक किस किया और मैंने महसूस किया कि उसकी साँसे अब धीरे धीरे तेज़ हो रही थी। फिर धीरे धीरे हमने एक दूसरे के होठों से होंठ मिला लिए और मैंने अपनी जीभ को उसके मुहं की तरफ बड़ाई तो उसने भी अपना मुहं खोलते हुए उसे अंदर ले लिया और अपनी जीभ से मिलाने लगी और जिसकी वजह से हमारा सलाइवा एक दूसरे से मिल रहा था और हमने एक दूसरे के साथ बहुत देर तक जीभ से जीभ मिलाई और कुछ देर बाद उसने मुझसे बोला कि में एक बहुत अच्छा किसर हूँ और वो बोल रही थी कि उनके पति के दांत थोड़े खराब है तो उनको किस करना उन्हें पसंद नहीं है, लेकिन मेरे साथ उनको बहुत मज़ा आ रहा है और उन्होंने मुझसे बोला कि तुम अब बिल्कुल भी शरमाओ मत और मेरे बूब्स पर अपने हाथ रखो और इन्हें ज़ोर ज़ोर से दबाओ, मसलो।
अब में उन्हें किस करते करते उनके बूब्स को मसल रहा था और मुझे यह सब करने में बहुत मज़ा आ रहा था, उनके बूब्स बहुत ही मुलायम थे और करीब 20-25 मिनट तक हमने एक दूसरे को किस किया और जीभ से जीभ मिलाई और बूब्स दबाए, जिसकी वजह से अब मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा हो चुका था। फिर मैंने तुरंत उन्हें बोला कि चलो हम बेडरूम में चलते है, वहाँ पर ए.सी. भी लगा हुआ है। फिर बेडरूम में पहुंचकर वो एक बार फिर से कैमरा ढूंढने लगी तो मैंने बोला कि हाँ कर लो चेक तो उन्होंने फिर से मुझे माफ़ कर दो बोला और मेरे पास आकर फिर एक किस मुझे दिया और उनके किस करने के अंदाज़ से ही पता चल रहा था कि कितनी प्यास उन्होंने कई सालों से दबाई हुई थी? अब उन्होंने मेरी टी-शर्ट को उतारा और फिर बनियान को भी उतारा। मैंने उनका कुर्ता निकाला और फिर उनके पजामा को उनके शरीर से अलग किया और अब वो सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी, लेकिन वो दिखने में एक अप्सरा से कम नहीं थी। 
मैंने तुरंत उनकी गुलाबी कलर की ब्रा और पेंटी को अलग कर दिया, उन्होंने भी मेरा लोवर उतार दिया और मेरी अंडरवियर को भी उतार दिया और में तो उनके बूब्स पर टूट पड़ा। उनके निप्पल एकदम अच्छे आकार के थे और वो हल्के गुलाबी कलर के थे, में तो उन्हें अब लगातार चूसने लगा और मैंने बोला कि श्रेया मुझे तुम्हारा दूध पीना है। फिर श्रेया मेरी यह बात सुनकर हंसने लगी और वो मुझसे बोली कि हाँ पी लो, तुम भी आज से मेरे पति हो और यह सब तुम्हारे लिए ही है चूसो और ज़ोर से चूसो। फिर मैंने उनके बूब्स को करीब पांच दस मिनट तक बहुत ज़ोर से चूसे। वो सेक्स की देवी की तरह सुंदर लग रही थी। मैंने उनकी बगले भी सूँघी जिसकी एकदम मादक मदहोश करने वाली खुशबू थी। फिर मैंने उनकी चूत जो कि बिल्कुल साफ थी और उसमें दो उंगलियाँ डाली तो वो बहुत ही सुंदर लग रही थी, मेरा तो उसे चाटने का मन कर रहा था और उनकी चूत को खाने का बहुत मन कर रहा था, लेकिन श्रेया ने एक शर्त रखी थी कि हम पहली बार सेक्स में ओरल सेक्स नहीं करेंगे।
वैसे मेरा लंड देखकर श्रेया से भी अब रहा नहीं जा रहा था और वो बार बार उसे अपने हाथ में लेकर हिला रही थी और कह रही थी कि वाह कितना बड़ा है, उसके पति का तो सिर्फ़ पांच इंच का ही है और वो बोल रही थी कि प्लीज तुम इसे थोड़ा धीरे धीरे मेरे अंदर डालना वरना मुझे इसको अपने अंदर लेने में बहुत दर्द होगा। फिर मैंने बोला कि हाँ ठीक है। फिर उसने मुझसे पूछा कि कंडोम साथ में लाए हो ना लगा लो और मुझे अपना बना लो और आज मुझे बहुत जमकर चोदो, आज तुम मेरी प्यास बुझा दो, में आज से तुम्हारी बीवी हूँ। फिर मैंने तुरंत कंडोम का पेकेट निकाला और अपने लंड पर चड़ा दिया तो श्रेया ने बोला कि लगा लिया क्या? प्लीज अब ज्यादा देर मत करो और जल्दी से चोदो मुझे। 
दोस्तों मैंने महसूस किया कि वो बहुत बैचेन हो रही थी और में भी अब उस पर टूट पड़ा और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बहुत टाईट थी, जिसकी वजह से में एक झटके में सिर्फ़ थोड़ा सा ही लंड घुसा पाया, लेकिन अब उसको थोड़ा थोड़ा दर्द भी हो रहा था। फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे राजा प्लीज थोड़ा आहिस्ता आहिस्ता करो, लेकिन मुझे भी समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूँ? अब मैंने दबाव बनाते हुए पूरा का पूरा अंदर डाल दिया, जिसकी वजह से मुझे बहुत ज़ोर लगाना पड़ा और वो थोड़ा दर्द की वजह से चिल्लाने लगी और बोली कि कमीने तूने आज मेरी चूत को फाड़ दिया, आआआहह आईईईईईइ बना ले मुझे अपनी बीवी, हाँ तू ही मेरा पति है और में तेरे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ। 
दोस्तों में भी अब यह सभी बातें सुनकर बहुत जोश में आ गया। फिर मैंने तुरंत अपने धक्कों की स्पीड को अब और भी तेज़ कर दिया था और अब बहुत तेज़ी से उनकी चूत की चुदाई चल रही थी और मुझे बहुत मज़े आ रहे थे, लेकिन अब भी बिल्कुल विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनको सेक्स करने का इतना मस्त अनुभव होगा और अब में बीच बीच में उनके बूब्स भी मसल रहा था और बारी बारी से एक एक करके चूस भी रहा था और उन्हें किस भी कर रहा था और में अब अपनी एक स्पीड से चुदाई कर रहा था, ताकि में जोश में आकर जल्दी ना झड़ जाऊँ और जब में थोड़ा ठंडा होता तो में अपनी स्पीड को बड़ा देता। मैंने करीब दस मिनट तक लगातार धक्के लगाए और इस बीच श्रेया एक बार झड़ चुकी थी और दूसरी बार झड़ने वाली थी तो वो अपने हाथ मेरे बालों पर घुमा रही थी और अब उसने मेरी पीठ को कसकर पकड़ लिया और अब में भी चरम सीमा पर था। इस बार मैंने अपनी स्पीड को और भी तेज़ कर दिया और उसको मदहोश कर दिया, श्रेया का भी पानी निकल गया और में उसके ऊपर ही लेट गया। हम दोनों की साँसे बहुत ही तेज़ थी और उसकी आँखों से आंसू भी बाहर आ रहे थे। मैंने पूछा कि क्या हुआ जान?
फिर उसने मुझसे बोला कि में बहुत मजबूर थी यार जो मुझे एक दूसरा सेक्स संबंध बनाकर रखना पड़ रहा है, लेकिन इस तड़पते हुए जिस्म की भूख को मिटाने का सिर्फ एक ही रास्ता है और उसने मुझसे कहा कि तुम तो बहुत देर तक टिकते हो और फिर मेरे होठों से होंठ मिला लिए। फिर हम एक दूसरे की जीभ से जीभ मिला रहे थे और वो भी एक बहुत अच्छी किसर थी। करीब 15-20 मिनट के आराम के बाद हमने अपनी दूसरी चुदाई को शुरू किया और इस बार वो मुझ पर चढ़ गई और उछल उछलकर मेरे ऊपर सवारी करने लगी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और वो बार बार बोल रही थी कि अब से वो मेरी बीवी है और मुझसे वो बहुत चुदाएगी और अगली बार तो वो मेरा एक घंटे तक लंड चूसेगी। अब मुझे उसकी बातों से ही बहुत जोश आ जाता और में भी अब उसे बहुत तेज़ी से चोद रहा था। में करीब 15-20 मिनट बाद एक बार फिर से झड़ गया। फिर हम कुछ देर एक दूसरे की बाहों में लेटे रहे। पूरे रूम में हमारे सेक्स की महक फेल गई थी। श्रेया मुझसे बोल रही थी कि में तुम पर पूरा विश्वास करती हूँ और अब हम जब भी मौका मिलेगा तब सेक्स करेंगे।
फिर मैंने बोला कि श्रेया तुम इस बात की बिल्कुल भी चिंता मत करो, जब सुरक्षित रहेगा तभी हम लोग मिलेंगे और में तुम्हें कभी भी परेशान नहीं करूँगा, उसने मुझसे धन्यवाद कहा और एक बार फिर से हम एक दूसरे को किस करने लगे, हमने बहुत देर तक एक दूसरे का बहुत सलाइवा पिया। फिर थोड़ी देर बाद हम दोनों बिस्तर से उठ गए और सीधा बाथरूम में चले गये और बाथरूम में हमने अपने आप को थोड़ा सा साफ करने के बाद श्रेया अपने कपड़े पहनने लगी, क्योंकि उसे 2:30 बजे से पहले अपने घर पर पहुंचना था, क्योंकि उस समय उसकी बेटी घर पर पहुंच जाती है तो वो जल्दी से तैयार हुई और मुझे एक टाईट हग और किस दिया और बाहर निकल गई।
दोस्तों मुझे तो बहुत ही मज़ा आया आज पहली बार श्रेया के साथ सेक्स करके मुझे उनके गदराए हुए बदन की बनावट भी बहुत अच्छी लगी और में उन पर पूरा विश्वास करता था। मैंने अपने आप से वादा किया था कि में कभी भी श्रेया के पीछे नहीं पड़ूँगा और कभी भी उन्हें परेशान नहीं होने दूँगा, वो जब तैयार होगी तभी हम सेक्स करेंगे। इसके कुछ दिन बाद हम फिर मिले तो श्रेया ने मुझे कुछ टेस्ट करवाने को कहा था और उसे देखने के बाद वो मेरे साथ ओरल सेक्स करने के लिए तैयार थी। फिर मैंने अपने सारे टेस्ट करवा दिए और वो रिपोर्ट उन्हें मैल भी कर दी थी तो वो खुश हो गई और अब वो कह रही थी कि अब तो वो मुझे बहुत ब्लो जॉब्स देगी और अपनी चूत भी मुझसे चटवाएगी और उसके अगले दिन ही हमने मिलने का प्लान बनाया और दूसरी बार हमने बहुत देर तक ओरल सेक्स किया। उस दिन में दो बार उनके मुहं में ही झड़ गया और वो मेरा पूरा वीर्य पी गई और उस दिन वो पूरी तरह जोश में थी तो वो मुझसे कह रही थी कि मेरा लंड खा जाएगी। फिर मैंने भी उसकी चूत को बहुत देर तक चाटा और उसका पानी पिया, उसकी चूत दिखने में बहुत अच्छी, आकर्षक थी और उस दिन हमने सिर्फ़ एक ही बार सेक्स किया, मुझे आज भी याद है इस तरह श्रेया और मैंने 4-5 बार और सेक्स मीटिंग की। फिर दो महीने पहले उनके पति का दिल्ली तबादला हो गया, जिसकी वजह से उनको भी मजबूर होकर उनके साथ जाना पड़ा।
अब एक दो साल में मेरी भी शादी हो जाएगी, क्योंकि मेरे घर वाले भी मेरे लिए कोई अच्छी सी लड़की देख रहे है, लेकिन दोस्तों में आज भी श्रेया से कभी कभी चेटिंग करता हूँ, अब उसकी उतनी परेशानी नहीं रही, क्योंकि उसने अब अपनी इस परिस्थती में जीना सीख लिया और वो अपनी इस लाईफ स्टाईल में बहुत खुश है और उसे अब सही टाईम पर नींद आ जाती है और मेरे साथ बीते वो कुछ हसीन पल को याद करके वो अपनी चूत में ऊँगली करके अपने आप को शांत कर लेती है और वो मुझसे कहती है कि अभी तो उसका कोई और अफेयर करने का बिल्कुल भी मन नहीं है और वो अपने पति से प्यार भी बहुत करती है, लेकिन कुछ समय पहले उससे वो सब झेला नहीं जा रहा था, इसलिए उसे यह गलत कदम उठना पड़ा। उसने मुझसे बोला है कि दिल्ली मेरा आना हुआ तो हम मीटिंग कर सकते है। दोस्तों में भी अब श्रेया के साथ सेक्स करने का प्लान नहीं बनाना चाहता, क्योंकि अभी तक हम अपने गलत सम्बन्धो को गुप्त रखने में सफल रहे थे और आगे पकड़े जाकर हमे ज़िंदगी पूरी बर्बाद नहीं करनी थी और वैसे भी लालच एक बहुत बुरी बला है ।।

मै सेक्स का भूखा me sex ka bhukha

मै सेक्स का भूखा me sex ka bhukha, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

जब मैं कोलज में था। मैंने कुछ सब्जेक्ट्स की कोचिंग लेनी थी सो मैंने एक कोचिंग सेंटर में प्रवेश ले लिया और पढ़ने लगा। वहाँ काफी लड़के और लड़कियाँ पढ़ने आते थे और मेरी आदत थी लोगों से दोस्ती करने की, तो जल्द ही सभी लोगों से मेरी दोस्ती हो गई।

मैं ठहरा सेक्स का भूखा, तो जाहिर है मेरी रुचि लड़कियों में ही ज्यादा थी। धीरे-धीरे मेरी दोस्ती लड़िकयों से बढ़ गई। उनमें से एक लड़की थी जो मेरे ज्यादा नजदीक आने लगी थी। मैं उसके घर भी जाने लगा था, उसके घर वाले मुझको अच्छी तरह से जानते थे। मेरा उसके घर आना जाना बढ़ने लगा और अब मैं रोज क्लास के बाद उसके साथ उसके घर जाता और घंटों हम लोग बातें करते रहते। बहुत सेक्सी लड़की थी वो, जब टी-शर्ट पहन कर आती थी तो उसके उभारों का क्या कहना ! ऐसा लगता था जैसे बड़े-बड़े पहाड़ हों। और नितम्ब बहुत मस्त लगते थे। शुरुआत में हमारी बातें सामान्य थी पर धीरे धीरे हम लोगों में नजदीकियाँ बढ़ने लगी। अब जब भी मैं उसके घर जाता हम लोग उसके कमरे में जाकर बैठ जाते, वहाँ कोई नहीं आता था तो हमको कोई चिंता नहीं थी। अब जब भी मैं वहाँ जाता वो मेरे घुटनों पर सर रख कर लेट जाती और हम बात करते। पर जब वो ऐसे लेटती थी तो मेरी नज़रें उसके कुरते के ऊपर और अंदर से उसके उभारों को ढूँढती रहती। मैं उसके सर को सहलाता रहता। इस अवस्था में कई बार मेरी नज़रें उसके उभारों के बीच की दरार के बीच अटक जाती। क्या मस्त स्तन थे उसके, बिल्कुल सीधे और बड़े बड़े।

एक दिन मैंने उससे कहा- तुम ऐसे मत लेटा करो, मेरी नियत ख़राब होती है।
तो वो बोली- कैसे?
तो मैंने उसके कुरते के गले की ओर इशारा करते हुए कहा- वहाँ से कुछ अंदर का दीखता है।
तो वो शरमा गई।
फिर जब मैं अगली बार उसके घर गया तो वो फिर वैसे ही लेट गई तो मैंने उससे वही बात कही तो वो बोली अगर नियत ख़राब होती है तो कर लो।
मुझको उससे ऐसी उम्मीद नहीं थी पर उसके मुँह से यह बात सुन कर मेरी तो जैसे निकल पड़ी।
मैंने कहा- सोच लो !
तो उसने सहमति में सर हिला दिया और वैसे ही आँखें बंद कर के लेटी रही। मेरा तो मेरी ख़ुशी पर काबू ही नहीं था। आज ऐसा मस्त माल मिला था चोदने को कि पूछो मत।
मैंने धीरे से अपने हाथ उसके कुरते के ऊपर से उसके उन्नत उभारों पर रखे और उनका जायजा लेने लगा। मेरे हाथों में उसके स्तन पूरे नहीं आ रहे थे। पर मैं धीरे-धीरे उनको ऊपर से दबाने लगा और वो कसमसाने लगी।
थोड़ी देर बाद मैंने उससे पूछा- क्या मैं अन्दर हाथ डाल लूँ?
तो उसने फिर सहमति में सर हिला दिया। मैंने उसके गले पर हाथ फेरते हुए अपना सीधा हाथ उसके कुरते के अन्दर डाल दिया और उसके दोनों स्तनों को बारी बारी से दबाने लगा। क्या मस्त कोमल चूचियाँ थी उसकी। मुझे उनको दबाने में बहुत ही मज़ा आ रहा था। फिर मैंने उसको बैठाया और उसके लाल होंठों पर हाथ फेरे। फिर धीरे से उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। अब हम लोग एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे। हमारी जीभ एक दूसरे के मुँह में घूम रही थी और मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर और दूसरा उसके स्तन दबा रहा था। इसी मस्ती में मैंने अपना हाथ उसके कुरते के अन्दर डाल दिया और उसकी पीठ सहलाने लगा। मेरा हाथ बार बार उसके ब्रा के हूक पर जा रहा था।
मैंने उससे कहा- प्लीज, अपना कुरता उतार दो !
तो उसने मना कर दिया पर थोड़ा और बोलने पर वो तैयार हो गई। मैंने धीरे से उसका कुरता उतार दिया। उसके ऊपर के शरीर पर सिर्फ एक ब्रा थी। मैंने उसको बिस्तर पर लेटा दिया और उस पर चढ़ गया। उसके उन्नत उरोज़ मेरे सीने पर लग कर बहुत अच्छा अनुभव दे रहे थे। हम लोग लगातार एक दूसरे को चूम रहे थे और मैं उसके पूरे शरीर पर हाथ फेर रहा था। कभी मैं उसके ऊपर कभी वो मेरे ऊपर।
करीब एक घंटे तक हम यही करते रहे। मेरा मन तो उसको चोदने का था पर उसका मूड इससे आगे जाने का नहीं था सो मैंने जोर नहीं दिया और यही खूबसूरत एहसास ले कर आ गया।
उससे मना तो कर दिया था पर मैंने उसको चोदने का मन बना किया था और इस काम के लिए मुझको क्या करना था मैं जानता था। अब रोज ही हम लोगो में ऐसी मस्ती होने लगी। 3-4 दिन बाद मैंने उसको कहा- मैं तुम्हें बिना कपड़ों के यानि नंगा देखना चाहता हूँ !
तो वो शरमा गई और अपने हाथों से अपना मुँह छुपा लिया।
मैंने उसके हाथों को हटा कर उसके चहरे को चूम लिया। रोज की तरह मैं उसका कुरता पहले ही उतार चुका था। मैंने धीरे से उसके ब्रा का हूक खोल दिया और उसके ब्रा को उसके शरीर से अलग कर दिया। उसके मोटे मोटे वक्ष मेरे सामने थे। मैंने फुर्ती से उनको पकड़ लिया और दबाने लगा। मैंने एक चुचूक अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा। मुझको बहुत मज़ा आ रहा था और वो भी मस्ती में खोने लगी थी। मेरे हाथ उसके पूरे शरीर को टटोल रहे थे। उसकी जांघों, उसके नितम्बों और उसकी चूत को भी मैं सहला रहा था। वो मस्ती से चूर हो रही थी और अब उसके चूतड़ भी उछल रहे थे। मुझको इतना अनुभव तो था हो अगर लड़की अपने चूतड़ उछालने लगे तो समझो लड़की चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार है।
मैं उसके वक्ष को चूसते हुए उसके पेट को चूमने लगा और इसी बीच धीरे से मैंने उसके पजामे का नाड़ा खोल दिया और धीरे धीरे उसके पजामे को नीचे सरकाना शुरु कर दिया। उसकी जांघें बिल्कुल संगमरमर की तरह चिकनी थी बिना बालों के। उसकी गुलाबी रंग की पैंटी बहुत सेक्सी लग रही थी। उसमें उसकी फुद्दी बिल्कुल पाव की तरह फूली थी और उसकी पैंटी थोड़ी गीली भी हो गई थी।
मैंने पजामा उतारना शुरु कर दिया वो पहले मना करती रही पर मैं नहीं रुका तो उसने विरोध करना बंद कर दिया। मैंने उसका पजामा उसके शरीर से उतार कर एक तरफ़ फेंक दिया। अब वो सिर्फ पैंटी में थी और उसकी पाव जैसी फुद्दी मुझको अपनी और आकर्षित कर रही थी। मैंने बिना वक्त गंवाए उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और पैंटी ले ऊपर से ही उसको चूसने लगा। वो मेरे सर को जोर जोर से दबाने लगी और मैं भी जोश में आकर उसकी चूत को चूसने लगा।
अब मैं अपने आपे से बाहर हो रहा था। मैंने अब मौका गंवाए बिना उसकी पैंटी भी उतार फेंकी। अब वो बिल्कुल नंगी थी बिना कपड़ो के, बिना बालों के, बिल्कुल चिकनी। मैं उसके पूरे शरीर पर हाथ फेर रहा था और उसकी फुद्दी को मसल रहा था। वो मस्ती में चूर थी और मेरा भी वही हाल था। मैंने उसकी चूत पर हाथ फेर रहा था और उसमें अपनी उंगली डाल रहा था।
फिर मैं अपना मुँह उसकी चूत के पास लेकर गया और उस पर चूम लिया। उसने अपनी टाँगें चौड़ी कर दी। मैं अब उसकी चूत को अच्छी तरह देख सकता था। मस्त, गुलबी, बिना बालों की एकदम फूली हुई चूत थी उसकी जिसमें से अजीब सी खुशबू आ रही थी। उसकी चूत को देख कर साफ़ पता लग रहा था कि उसने अपने बाल आज ही साफ़ किये थे मतलब आज वो इसके लिए तैयार थी।
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और उसको चाटने और चूमने लगा। उसकी चूत पानी छोड़ने लगी थी और मैं उसका रस पी रहा था।
मेरा लंड पैंट के अन्दर नहीं समा रहा था सो मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और बिल्कुल नंगा हो गया। मैंने अपना लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसके मुँह की तरफ कर दिया और उसके होंठों पर रगड़ने लगा। उसने मेरे लंड को प्यार से देखा और उसे चूमने लगी।
मैंने उसको कहा- जान, इसको अपने मुँह में लेकर इस पर एहसान कर दो।
उसने बिना वक़्त गंवाए मेरे लंड का टोपा अपने मुँह में रख लिया। मुझको ऐसा लगा मानो मैं जन्नत में हूँ। थोड़ी ही देर में मेरा पूरा लंड उसके मुँह के अन्दर था और मैं उसके मुँह को झटके मार मार कर चोद रहा था। फिर हम लोग 69 की अवस्था में आ गये। मेरा मुँह उसकी चूत को चाट रहा था और उसका मुँह मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूस रहा था।
अब हम लोग अपने बस में नहीं थे और अब रुक भी नहीं सकते थे सो मैंने अपना लंड का टोपा उसकी चूत के मुँह पर लगा दिया। उसकी चूत पानी निकलने के कारण चिकनी हो चुकी थी सो मेरे एक ही झटके से मेरा लंड उसकी चूत में उतर गया। मैं भी पुराना खिलाडी था सो लंड डालते ही मुझको पता चल गया कि यह लड़की पहले भी लंड खा चुकी है पर अभी मुझको अपने मज़े से मतलब था। अगर किसी ने पहले इससे मज़े लिए हैं तो मुझको क्या। मुझे जो चाहिए थे वो मिल रहा थे और चूत से खेलने का हक तो सबको है।
अब मेरा लंड पूरी तरह से उसकी चूत में था। मेरा लंड उत्तेजित हो कर मोटा हो गया था और उसकी चूत में रगड़ खा रहा था। हम लोगों को बहुत ही मज़ा आ रहा था। मैं अपने लंड से उसकी चूत में धक्के मार रहा था और वो भी चूतड़ उछाल कर मेरा साथ दे रही थी। करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम लोग झड़ने लगे। उसने मेरे लंड को अपनी चूत दबा के अन्दर ही फंसा रखा था और वो अपनी चूत से मेरे लंड को दबा रही थी।
थोड़ी ही देर में पहले उसने अपनी धार छोड दी और अब मेरा नंबर था। जैसे ही मेरा रस निकलने को हुआ मैंने अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया। मेरा सारा रस उसके मुँह में निकलने लगा। जितना वो पी सकती थी उसने पिया बाकी उसके चहरे पर बह गया। उसने एक कपड़े से अपना मुँह साफ किया और हम लोग वैसे ही लेट गए। हम लोगों को इस काम में बहुत मज़ा आया था। हम दोनों अब एक दूसरे से चिपक कर लेटे थे।
उसके शरीर क़ी गर्मी से थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा। अब मेरा लंड उसके चूतड़ों क़ी दरार के बीच था। उसने फिर मेरा लंड मुँह में लेकर चूस-चूस कर खड़ा कर दिया। अब मैंने उसको घोड़ी की अवस्था में आने को कहा तो वो अपने घुटनों पर बैठ कर घोड़ी बन गई। मैंने उसकी गांड के छेद पर क्रीम लगाई और अपना लंड उस पर रख कर जोर लगाने लगा। थोड़ी देर क़ी मेहनत के बाद मेरा लंड उसकी गांड में था। मैंने फिर उसकी गांड क़ी चुदाई शुरु कर दी और अपने हाथ उसके वक्ष पर रख के उनको दबाने लगा। हम लोग बिलकुल कुत्तों की तरह एक दूसरे को चोद रहे थे। थोड़ी देर क़ी चुदाई के बाद हम लोग दुबारा झड़ गए।
फिर कुछ देर वैसे ही लेट कर सो गए। थोड़ी देर बाद मैं उठा और कपड़े पहन कर तैयार हो गया। वो अभी भी बिना कपड़ों के लेटे मुझको देख रही थी।
उसने मेरा हाथ पकड़ के कहा- मन अभी भरा नहीं ! अभी मत जाओ !
तो मैंने उसके होंठों को चूम कर कहा- जान, चिंता मत करो, अब तो मैं तुमको रोज खुश किया करूँगा।
फिर मैंने उसके चुचूक मुँह में लेकर उनको बहुत देर तक चूसा और फिर घर आ गया।
उसके बाद हमको जब भी मौका मिलता हम सेक्स करते और सिलसिला लगभग रोज ही चलता। जब तक वो मेरे साथ रही हम लोगों ने हर आसन का मज़ा लिया। जितने तरीके हो सकते थे हमने आजमाए।
आज मेरी वो दोस्त मेरे साथ नहीं है पर आज भी वो मुझको बहुत याद आती है। मैं चाहता हूँ कि अगर वो इस कहानी को पढ़ रही है तो वापस मेरे पास आ जाये। मैंने अब उसको पहले से भी ज्यादा मज़ा दूँगा। मेरा लंड आज भी उसकी याद में खड़ा हो जाता है।

स्कुलगर्ल को टॉयलेट में चोदा school girl ko toilate me choda

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यह कहानी मेरी और मेरी एक क्लासमेट ही है जिसका नाम आरती था, कैसे हम ने स्कूल के एनुअल फंक्शन वाले दिन गर्ल्स टॉयलेट में छुप कर पहला सेक्स किया यह एक सच्ची कहानी है तो आइए अब स्टोरी पर चलते हैं.
बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं में था और मुझे सेक्स के बारे में पूरी नॉलेज थी, बस कभी मौका नहीं मिल रहा था, तो अपने हाथ से काम चला रहा था. वैसे मैं क्लास के हरामी लोंडो में से एक था. सबसे भकचोदी करना ही मेरा काम था.
सभी लड़कियों से मेरी अच्छी दोस्ती थी, कुछ कुछ से तो काफी अच्छी थी. मैं उनसे सब चीजों के बारे में बात कर लेता था, उन में से एक आरती भी थी, वह बहुत सुंदर दिखती थी, क्लास के हर लड़के की नजर उस पर ही रहती थी. लेकिन वह भी कम हरामी नहीं थी, सबसे मजे लेती थी. मेरी उससे अच्छी दोस्ती थी हम सब बातें खुल कर किया करते थे.
मजाक मजाक में उसे मैंने सेक्स के बारे में भी बात कर ली थी, वह हस जाती थी मेरे मन तो बस यही था कि हंसी तो फंसी. मैं उसको चोदना चाहता था फिर एक दिन क्लास में कम बच्चे आए थे, मैं उसके पीछे वाली सीट पर बैठा था. उसको पीछे से छेड़ रहा था, कभी उसके बालों को पकड़ता तो कभी उसकी चुन्नी खींच देता, वह भी मजे ले रही थी.
जब क्लास खत्म हुई तो मैं आगे जा रहा था इतने में वह मेरे सामने से आ गई मेरा एक हाथ उसके चूची पर लग गया, मेरा हाल बेहाल हो गया. मेरे तो पेंट में तंबू बन गया था, मुझे डर भी लग रहा था कि वह क्या कहेगी? लेकिन उसने कुछ नहीं कहा. मेरा दिल तो गार्डन गार्डन हो गया, यारो क्या बताऊं उसके चूचो के बारे में, मुझे साइज़ तो नहीं पता लेकिन इतने बड़े और सॉफ्ट थे की मजा ही आ गया.
फिर तो मुझे खुली छूट मिल गई थी, मैं जब भी मौका मिलता उसके यहां वहां हाथ लगा देता, काफी दिनों तक ऐसा ही चलता रहा. अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था. मैं उसके लिए दीवाना हुआ जा रहा था, उसके नाम का मुठ मार रहा था, मुझे बस वह चाहिए थी हर कीमत पर.
फिर एक दिन स्कूल में एनुअल फंक्शन का नोटिस आया, उसे डांस का शौक था इसलिए उसने डांस में ले लिया, और इसी चक्कर में मैंने ड्रामा में ले लिया. फिर डेली हमारा प्रैक्टिस चालू हो गई, मैं उसे खूब बातें करता. फिर फाइनली एनुअल डे आ गया मुझे नहीं पता था कि आज मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ होने वाला है? मेरा सपना पूरा होने वाला हे, उस दिन की स्टार्टिंग तो नॉर्मल ही थी, लेकिन एंडिंग में कभी नहीं भूलूंगा.
वह हर दिन बस के स्कूल जाया करती थी, और मैं अपनी एक्टिवा  से, तो उस दिन बस नहीं आनी थी, तो मैंने मौका का फायदा उठाते हुए कहा कि मेरे साथ चलना. तो पहले तो उसने मना कर दिया, फिर बाद में मैंने फ़ोर्स किया तो उसने हां कर दिया.
फिर अगली सुबह मैं उसके घर गया उसको पिक करने, यारों क्या बताऊं क्या कमाल की लग रही थी, ३६-२४-३६ बिल्कुल परफेक्ट शेप. मेरा तो हाल बेहाल हो गया, वह मेरे पीछे आ कर बैठी, उसके चूचे मेरी पीठ से छू रहे थे, में तो सातवें आसमान पर था.
फिर मैंने रास्ते में कई बार टाइट ब्रेक मारे, उसने कहा कि तू कभी नहीं सुधरेगा.  वह बातें सुनकर मुझे बहुत मजा आ रहा था, मेरा तो मन कर रहा था कि स्कूल नहि  जाने का, फिर हम स्कूल पहुंचे वह उतर गई और जाते जाते एक फ़्लाइंग कीस दी, मैं तो बस वही मर गया.
फिर सब लोग तैयारी में लगे हुए थे, सब कोश्चुम पहन के आ रहे थे, मैं उसके रूम के बाहर खड़ा था और खिड़की में झांकने की कोशिश कर रहा था, इतने में वह बाहर आ गई, मेरी थोड़ी फटी लेकिन उसके पूछा क्या देख रहा था? मैंने कहा अब तू समझ जा क्या देखना चाह रहा था? उसने कहा अगर तेरा नसीब अच्छा हो तो शायद मौका मिल जाए, मेरे लिए यह हरी जंडी थी, मैं तो बस अब यह सोच रहा था कि कैसे मौका मिले.
फिर थोड़ी देर बाद वह गर्ल्स टॉयलेट में गई, मैं भी उसके पीछे चल दिया पता नहीं तब इतनी हिम्मत कहां से आ गई? वह अंदर घुसी थोड़ी देर बाद में भी घुस गया. पहले तो वह थोड़ी शॉक हो गई, फिर उसने कहा तू कैसे आ गया यहां? मैंने कहा मौके की तलाश में. वह हंस पड़ी और अपना मेकअप करने लगी, मैं उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया बिल्कुल चिपक कर.
उसने कुछ नहीं कहा, फिर मैं धीरे धीरे उससे कान के पास किस करने लगा और  पर वो दूर करने की कोशिश कर रही थी, पर ज्यादा नहीं. मैं तो खुशी से पागल हुआ जा रहा था, मेरा पेंट का तंबू उसके गांड में घुसने जा रहा था. फिर मैंने धीरे से एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, और उसने हटा दिया. मैंने फिर कोशिश की उसने फिर से रोक दिया.
इस बार मैंने और हिम्मत की और दोनों हाथ उसके बूब्स पर ले गया, एक हाथ से उसके हाथ को पकड़ा और दूसरे से बूब्स दबाने लगा, उसने अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश की, लेकिन मैंने नहीं छोड़े. मैं उसकी गर्दन पर किस कर रहा था, वह विरोध तो कर रही थी, लेकिन इतना नहीं.. शायद उसके मन में भी वहीं था जो मेरे में था.
मैंने उसे हग कर लिया और किस करना स्टार्ट कर दिया, मैं तो पागल हो गया था उसके गुलाबी ओठ, मन कर रहा था इन्हें चूसता रहूं. पहले तो छुड़ाने की कोशिश कर रही थी फिर थोड़ी देर बाद वो भी साथ देने लगी, फिर क्या था? अब तो मेरी जिंदगी सफल होने जा रही थी.
फिर मैंने उसके बूब्स दबाने स्टार्ट किया वह धीरे धीरे मोन कर रही थी, मैं उसे किस किए जा रहा था. फिर मैंने पीछे से उसके टॉप की जीप खोल दी, और फिर ब्रा के हुक भी. अब तो वह भी पूरे जोश में मुझे किस कर रही थी, मैंने फिर धीरे धीरे उसका टॉप उतार दिया और जो देखा फिर तो मैं पागल हो गया.
बड़े बड़े चूचे और बिल्कुल पिंक निप्पल्स. मैंने तो चूसना चालू किया और बस चुसे ही जा रहा था. फिर धीरे से मैंने अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट में डाला, उसने इसे रोक दिया. मैंने फिर से डाला उसने मुझे कहा कि कुछ होगा तो नहीं? मैंने कहा कुछ नहीं होगा.
फिर उसने नहीं रोका, मैंने धीरे से हाथ अंदर डाला और उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से रब करने लगा. वह मोन किए जा रही थी. फिर उसने अपना हाथ मेरे लंड की ओर बढ़ाया और उस को बाहर निकाला और वह देखकर उसकी फट गई. मैंने उसे किस करते हुए कहा कुछ नहीं होगा, टेंशन मत ले.
फिर मैंने उसको दीवार के सहारे खड़ा किया और नीचे बैठ कर उसकी चूत चाटने लगा वह बिल्कुल गीली हो चुकी थी, मैंने उसकी पैंटी भी उतार दीया और चाटने लगा बहुत अच्छा स्वाद था.
वह मोन करे जा रही थी, उसको भी एक नशा चढ़ रहा था. २ मिनट में ही वह जड़ गई, मैं खड़ा हो गया और वह घुटनों पर बैठ गई. और मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. और कहा कि इसे सक करो. लेकिन उसने करने से मना कर दिया, फिर मैंने फ़ोर्स किया तो वह किस करने लगी, फिर उसको भी मजा आने लगा और वह धीरे धीरे चूसने लगी. मेरी तो हालत खराब हो गई थी, मैं तो ३-४ मिनट में ही झड़ गया उसके मुंह में ही, उसने सारा माल निकाल दिया और मुंह धो दिया.
फिर मैंने उसको वाशबेसिन की स्लेप पर बैठाया और उसके पैर चौडे किये और किस करने लगा, और फिर धीरे से अपना लंड का टोपा उसके बिल्कुल चूत के मुंह पर रख दिया. उसने आंखें बंद कर ली. मेरा भी पहली टाइम था, तो गांड तो मेरी फट रही थी लेकिन उस टाइम बहुत जोश आ गया था.
मैंने धीरे से एक शॉट लगाया लेकिन लंड फिसल गया मैंने, फिर सेट किया और एक शॉट लगाया. तो थोड़ा सा लंड घुस गया, उसकी आंखें बड़ी हो गई थी, उसके मुंह से आवाज नहीं निकली लेकिन उसकी आंखें सब बता रही थी. मैंने उसे किस किया और थोड़ी देर बाद वह नॉर्मल हुई तो १-२ शॉट धीरे धीरे लगाए.
फिर एक तेज शॉट दिया तो फिर से उसकी चीख निकल गई, मुझे भी थोड़ा दर्द हो रहा था. मैंने उसके बूब्स चूसना शुरू किया, वह मुझे धक्का दे रही थी. और मैं उसे समजा रहा था कि कुछ नहीं होगा, बाद में मजा आएगा. लेकिन उस टाइम उसे बहुत दर्द हो रहा था.
थोड़ी देर बाद वह नॉर्मल हुई, मैंने धीरे धीरे लंड आगे पीछे किया. फिर उसे मजा आया, फिर धीरे धीरे करता रहा. थोड़ी देर बाद वह भी साथ देने लगी, और आह्ह ओह हहह उऔ उहः यस्स ह्ह्ह्स हहा हहो हांऊऊ करने लगी, उसे मुज़े और जोश चढ़ा फिर मैंने थोड़ी स्पीड बढ़ाई और हमारी चुदाई का सिलसिला १०-१५ मिनट तक चला, उसके बाद हम दोनों बहुत थक गए थे और दोनों ही जड़ चुके थे, फिर मैंने उसे किस किया और हम ने हाथ मुंह धोया.
उसे चला नहीं जा रहा था और थोड़ी देर में उसका पर्फॉर्मेंस भी था.

वर्जिन स्कुलगर्ल की चुदाई vergin school girl ki chudai

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हेलो फ्रेंड्स में राज में इस साईट पर सेक्स स्टोरीज को कई समय से पढता आ रहा हु. आज में स्टोरी बताने जा रहा हु वह एकदम सच्ची हे. मैने अभी अभी कोलेज पूरा किया हे भोपाल से और में भोपाल में रहता हु. मेरी उमर २१ साल हे और मेरे लंड का साइज़ ६ इंच हे.
अब में आप को ज्यादा बोर न करते हुए सीधे स्टोरी पर आता हु. यह बात उस समय की हे जब मेरे १२ वि की एग्जाम चल रही थी और में तब अपनी बुवा के यहाँ रहता था. उनके घर के पास में एक लड़की रहती थी रिया. वह बहोत ही सेक्सी थी मेरा मन तो करता था की उसको पकड कर चोद हु पर मुझे कभी मोका नही मिला.
उसका फिगर बहोत ही कमाल का था अभी तो वह 11 वी क्लास में थी लेकिन उसके बूब्स और गांड बहोत बड़ी थी.
हम पास में रहते थे तो थोड़ी बहोत बाते हो जाया करती थी. फिर मेरी एग्जाम खतम होने के बाद एक रात को हम सब साथ में बेठे थे और बाते कर रहे थे तो मैने उसको नम्बर के लिए कहा तो वह भी मान गई और मुझे नंबर दे दिया. फिर में आगे की पढाई करने के लिए भोपाल आ गया तो मेरी उसके साथ बहोत दिनों तक कोई मुलाकात हुई नही.
अब सच्ची कहानी सुरु होती हे उसका नम्बर मिलने के बाद धीरे धीरे हमारी बाते होने लगी और हम रात को देर तक बाते करते थे. मैने एक दिन उसको बोल दिया की में तुजे पसंद परता हु तो वह बोली के में तुम्हे पहले से करती हु.
धीरे धीरे प्यार भरी बाते करते करते हम लोग सेक्स चेट करने लगे और वह रोज मुजे उसके नंगे फोटो मुझे भेजती थी और हम लोग सेक्स चेट करते करते सो जाते थे.
एक दिन हम लोग सेक्स चेट कर रहे थे और उसने कहा की वह मुझसे सच में चुदवाना चाहती हे. तो मैने उसे कहा की में फ्री हो कर आता हु कुछ दिनों में और फिर में उसे मिलने गया.
में वहा पहुंचा तो उस ने कहा दी दिन में मेरे घर पर कोई नहीं रहता तो तुम छुप कर मेरे घर में आ जाना में गया पर उस समय उसका भाई घर में था लेकिन वह दुसरे कमरे में था लेकिन उसने भी बोल दिया था की वह उसके कमरे में ना आये और वह भी नही आया.
फिर में जेसे उसके कमरे में गया वह मुझे पागलो की तरह किस करने लगी और में भी उसका पूरा पूरा साथ देने लगा था और मेंने एक हाथ से उसके दूध पकड़ कर जोर से दबा दिए और वह सिसकिया लेने लगी अहहह अम्म्म ऊऊऊ मम्मम और वह कहने लगी की और जोर से दबावों.
मैने किस करते करते उसको एकदम नंगा कर दिया और उसने मुझे नंगा कर दिया. फिर वह मेरा लंड देख कर निचे बैठ गयी और पूरा मुह में लेकर चूसने लगी वह बहोत अच्छे से चूस रही थी और मैने उसके मुह में ही अपना माल छोड़ दिया.
फिर मैने उसको बेड पर लेटाया और उसके बूब्स को मुह में पकड कर चूसने लगा और वह अह्ह्ह्ह अम्म्म उम्म्म्म अह्ह्ह उह्ह्ह्ह करने लगी थी. फिर मैने उसके पुरे बूब्स में और नेक पर चोकलेट लगाया और फिर में उसके नेक को अछि तरह से किस करने लगा और उसको नेक पर काट भी लिया और उसे बहोत ही अच्छा लग रहा था और वह मचल उठी थी और वह जोर जोरसे आहे भरने लगी आह्ह हहह अम्म्म अहहह उम्म्म्म अह्ह्ह औम्म्म अह्ह्ह्ह और वह मेरा लंड हाथ में पकड कर हिला रही थी. और में धीरे धीरे उसकी बगल को चाटने लगा.
फिर मैने उसके निपल को मुह में लिया और वह बहोत कडक हो रहा था, और मैने धीरे धीरे उसके दुसरे बूब्स को मुह में पकड़ा और चूसने लगा और एक हाथ से चूत के दाने को सहलाने लगा. उसको बहोत मजा आ रहा था और उसकी चूत ने एक बार पानी छोड़ दिया था. और वह मुझे कहने लगी की चोद दो मुझे मैने कहा की इतनी जल्दी भी क्या हे अभी तो शुरुआत हुई हे. और फिर मैने उसकी चूत में चोकलेट लगा कर बहोत देर तक चाटा.
जब में उसकी चूत को चूस रहा था तब वह बहोत आवाजे निकाल रही थी अहहह अह्हह अमम्म आह्ह मम्म अहः मम्म और चुसो चोद दो मुझे फाड़ दो मेरी चूत को मैने उसकी चूत को बहोत देर तक चूसा और फिर उसका पानी में पि गया.
फिर मैने मेरा खड़ा लंडउसकी चूत पर लगाया और धीरे से धक्का देकर अंदर डाल दिया तो थोडा अंदर गया और उसे बहोत दर्द हुआ क्योंकि वह अभी तक वर्जिन थी तो वह चिल्ला उठी आहाह्ह अम्मम्म निकालो इसे बहार तो मैने उसके मुह पर अपने लिप्स रख दिए और मैने धीरे धीरे मेरा पूरा लंड डाल दिया. और में उसको चोदने लगा और थोड़ी देर बाद उसको भी मजा आने लगा और वह मजेसे चुदवाने लगी.
में १५ मिनीट तक उसको चोदता रहा और वह अह्ह्हः अहहह अम्म्म अहः ऊऊ अम्म्म अह्ह्ह अम्म्म और करो और जोर से करो बोल रही थी फाड़ दो मेरी चूत को आया हहह मम्म और यह सुन कर में बहोत जोर से उसे ज़टके मार रहा था और फीर मेरा और उसका एक साथ पानी निकल गया.
फिर हम ऐसे ही लेते रहे और किस करते रहे और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और फिर हम 69 पोजीशन में आकर एक दुसरे के लंड और चूत को चूसने लगे, फिर वह मेरे ऊपर आ गई और मेरा लंड उसकी चूत में डालकर ऊपर निचे होने लगी और आह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह अआज्ज मम्मम अह्ह्ह फक मी आह्ह चोदो मुझे और जोर से ऐसे कह कर और जोर से ऊपर निचे होने लगी.
फिर मैने उसे डौगी स्टाइल में किया अब मैंने एक ही जोरदार झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और वो ज़ोर से चिल्लाने लगी उईईईई माँ उफ्फ्फफ्फ्फ़ कुछ देर धीरे धीरे करने के बाद एक झटके में मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और वह मेरा साथ दे रही थी वो ज़ोर ज़ोर से मोन कर रही थी उूईईईइ आह्ह्ह्ह. और मैने थोड़ी देर में उसके चूत में मेरा माल निकाल दिया. फिर हम लोगो ने थोड़ी देर आराम किया और साथ में खाना खाया और फिर बाते करने लगे.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और में उसको किस करने लगा और उसको गर्म कर दिया और उसकी चूत भी गीली हो गयी फिर मैने कहा की में तुम्हारी गांड में अपना लंड डालना चाहता हु तो वह मना करने लगी पर मेरे बहोत मनाने के बाद मान गई और में उसकी चूत को चाटने लगा और वह आह्ह हाहाह मम्म अम्मम्म अम्म्म उंम्म उअझ्ह्ह्ह करने लगी और में उसकी गांड को अपनी उंगलियों से सहला रहा था.
फिर में उसकी गांड में मेरी एक उंगली डाल के आगे पीछे करने लगा और उसको भी मजा आने लगा फिर मैने दूसरी उंगली डाल दी तो उसको दर्द हुआ पर कुछ देर के बाद ठीक हो गया में उसे उंगलियों से चोदने लगा उसे बहोत अच्छा लग रहा था तो वह बोली जानू अब तो डाल दो मेरी गांड में अपना लंड. फिर मैने देर ना करते हुए उसकी गांड पे और मेरे लंड पे तेल लगाया और फिर उसकी गांड के छेद पर टिका कर धीरे से अंदर डाला तो लंड का आगे का हिस्सा अंदर गया और वह चीख उठी और वह बोलने लगी के निकालो अपना लंड.
फिर में कुछ देर तक ऐसे ही रुका और उसका दर्द कम हो गया, फिर मैने पूरा लंड डाल दिया और धीरे धीरे चोदने लगा और उसको भी मजा आने लगा था और वह भी उसकी गांड हिला कर मेरा साथ देने लगी थी. हहह हहह्ह ममम्म अहहह येस्स्स्स हहह्ह फाड़ दो मेरी गांड को अहहह ऐसा वह कहने लगी और फिर मैने उसे बहोत देर तक चोदके मेरा रस उसकी गांड में ही निकाल दिया. फिर मैने कपड़े पहने और एक UNWANTED ७२ की टेबलेट दी और वापस आ गया. उस दिने मैने उसको २ बार चोदा और फिर में भोपाल आ गया.

कोलेज के प्यून का 8 इंच का लंड लिया college ke peon ka 8 inch ka lund liya

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हाई दोस्तों मेरा नाम करिश्मा सिंह हे और मेरी उम्र 19 साल की हे. मैं मुंबई में रहती हूँ अकेली. मैं गोरी हूँ और मेरी स्किन चमकीली हे. मेरी बॉडी मस्त टोन हे. जब मैं 17 साल की थी तभी मेरे मम्मी पापा का एक रोड एक्सिडेंट में देहांत हो गया था. और फिर मैं मुंबई शिफ्ट हो गई अपनी केटरिंग कोर्स में हायर स्टडी के लिए. मेरे पापा मम्मी के इन्स्योरन्स के पैसे से मेरी पढाई और लाइफ निकल रही हे. और मैं एक बर्गर जॉइंट में पार्ट टाइम काम भी करती हूँ.
ये सेक्स अनुभव मेरे कोलेज ज्वाइन करने के दुसरे हफ्ते में ही हुआ था. एक लेट शाम को कोलेज के खत्म होने के बाद मैं अपने क्लासरूम से निचे उतर रही थी ग्राउंड फ्लोर पर. पॉवर नहीं था इसलिए मैं सीड़ियों से उतर रही थी. अँधेरा होने की वजह से कुछ दिखा नहीं और मेरा पाँव फिसल गया. मेरे से खड़ा नहीं हुए जा रहा था इसलिए मैंने मदद के लिए आवाज लगाईं.
तभी कोई टोर्च ले के मेरी तरफ आया. मैंने टोर्च के उजाले में देखा तो वो हमारिक कोलेज का प्यून था. वैसे आप को बता दूँ प्यून प्रोटोटाइप से उसका आलांकन मत करना क्यूंकि वो जवान था और हेंडसम भी. उसके साथ सोना किसी भी जवान लड़की का सपना होता! मैंने उसे बताया की मैं गिर गई हूँ और शायद पाँव में मोच आ गई हे. वो बोला मैं आप को मेरे कमरे में ले जा के मसाज कर देता हूँ. मैं अन्दर से बड़ी फुदक रही थी उसका ऐसा कहने से. उसने मुझे टोर्च पकड़ाई और उठा लिया. पांच मिनिट में हम उसके रूम में थे. उसका रूम छोटा सा था.
जैसे ही हम लोग कमरे में पहुंचे उसने मुझे बिस्तर पर लिटाया. मैं सच में इस मौके का फायदा उठा लेना चाहती थी. उस वक्त मैं एक मिनी स्कर्ट और लेमन कलर का शर्ट पहा हुआ था. शर्ट के अन्दर की ब्रा ट्रांसपेरेंट शर्ट की वजह से साफ़ दिख रही थी. वो तेल लेने के लिए गया मसाज के लिए. मैंने जानबूझ के अपने स्कर्ट को थोडा और ऊपर कर दिया ताकि वो वापस आये तो उसे मेरी पेंटी भी दिख सके. और मैंने अपनी टांगो को भी थोडा सा और खोल दिया.
पॉवर नहीं था इसलिए उसने मुझे कहा की टोर्च पकड़ो आप. टोर्च की बेटरी भी जवाब दे गई थी और हलकी हलकी सी रौशनी ही पड़ रही थी. उसने जैसे ही मसाज करने के लिए हाथ रखा तो घुटनों की जगह उसका हाथ मेरी पेंटी के ऊपर ही आ गया. उसने फट से हाथ हटा लिया और मेरी माफ़ी मांगी. उतने में पॉवर भी आ कमबख्त. और फिर उसने मेरे घुटने के ऊपर मसाज कर दिया. मैं चल सकती थी अब लेकिन मेरा मन बार बार कहता था की चुदवाये बिना यहाँ से जाना नहीं चाहिए!
इसलिए मैंने फट से एक प्लान सोच लिया और उसको कहा की पेट का मसल भी खिंच गया हे शायद आप प्लीज वहां पर भी आयल मसाज कर दो.
उसकी हां या ना सुने पहले ही मैंने अपना शर्ट निकाल दिया और बेड में लम्बी हो गई. वो बेड के पार में ही स्टूल के ऊपर बैठ गया. उसने मेरी नाभि के पास तेल डाला और मसाज करने लगा. मैं तो जैसे सातवें आसमान में विहार कर रही थी. उसका हाथ सेक्सी ढंग से मेरे पेट के ऊपर चल रहा था.
और फिर अचानक मुझे ऐसा लगा की मेरी वजाइना के पास में कुछ हे. मैं उठ खड़ी हुई और मैंने उसे कहा की मुझे बाथरूम जाना हे. उसने मुझे बाथरूम दिखाया. उसका बाथरूम एकदम छोटा था और उसके दरवाजे की लोक टूटी हुई थी. मैंने दरवाजे को ऐसे ही बंद किया और मुतने लगी.
मैंने देखा की उसने बाथरूम का दरवाजा खोला और वो अन्दर आ गया. मैं खड़ी हुई और उसे पूछा की क्या कर रहे हो? तो उसने कहा की मुझे भी जोर की पिशाब आई इसलिए मैंने सोचा की हम साथ में ही मूत लेते हे. उसने कहा पीछे तुम मुतो मैं आगे के हिस्से में मूत लेता हूँ. मैं थोडा नाटक कर रही थी. लेकिन सच तो ये था की मैं खुद आज उसका लंड किसी भी कीमत पर ले लेना चाहती थी.
वो मुतने के लिए खड़ा हुआ और मेरी नंगी गांड उसके सामने ही थी. उसने अपनी पेंट को खोली और जैसे ही चड्डी को निचे की तो मेरे मुहं से आह निकल गई. उसका लंड पूरा 8 इंच का था. हम दोनों बातें करते हुए मुतने लगे. और वो साले ने जानबूझ के थोडा मूत मेरे कपड़ो और बदन के ऊपर भी छोड़ा.
मैंने उसे कहा की तुम्हारा मूत भी तुम्हारे जैसा ही हॉट हे. ये सुन के उसने मुझे अपने पास खिंच लिया और बोला, चलो अब तुम्हे नहला भी देता हूँ, तुम्हारे ऊपर मूत गिरा हे और तुम मेरी महमान हो इसलिए तुम्हे साफ़ करना मेरा कर्तव्य हे.
मैंने कहा तुम अपने कपडे भी निकाल दो वरना तुम भीग जाओगे. वो फटाक से न्यूड हो गया और हम लोग शावर के निचे चले गए. उसने मुझे अपने पास खिंचा और हग कर लिया. फिर उसने धीरे से मेरी ब्रा के हुक्स को खोला और उसे फेंक दिया. फिर वो अपन हाथ से मेरे बूब्स को मसलने लगा जोर जोर से. और उतने में उसका एक हाथ निचे मेरे स्कर्ट और पेंटी से भी खेलने लगा था. मैं उसके सामने अब नंगी खड़ी हुई थी.
उसने पास के छज्जे से साबुन लिया और मेरे बदन के ऊपर घिसने लगा. उसने मेरे बालों में शेम्पू भी लगाया. हम काफी देर तक शावर के निचे ही थे. वो मुझे नहलाते हुए मेरे बदन को टच कर रहा था और मेरे निपल्स, नाभि, चूत और गांड के होल को प्यार से किस कर के चाट रहा था.
फिर मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ के उसे मस्त हेंडजॉब दिया. फिर उसने मुझे टॉयलेट की सिट के उपर बिठा दिया और मेरी टांगो को पूरा खोल दिया. उसने कहा, साली कुतिया तुझे तो कब से मेरा लंड अपनी चूत में चाहिए था. अब मैं इसको तेरे सब छेद में डाल के तेरी प्यास दूर करूँगा. और वो बोला, साली कितने मर्दों के लिए ऐसे टाँगे फैला चुकी हे तू, गांड भी बहुत मरवाई हे तूने अपनी लाइफ में तभी तो 3 ऊँगली आराम से तेरी चूत में घुस रही हे मेरी.
फिर उसने मुझे पीछे को घुमाया और मेरी गांड में अपनी 3 ऊँगली फिर से डाल दी और मेरी गांड को वो चमाट भी लगाने लगा था. साथ ही में उसने मेरी चूत में भी काफी फिंगर की. मेरी हालत खराब हो गई थी और मैं कराहने लगी थी.
फिर मैंने उसकी गांड के छेद को चाट के एस लिकिंग दिया उसे. फिर उसने मेरी टांगो को हवा में कर के मेरी चूत में लंड डाल दिया और मुझे चोदने लगा वो. मैंने कहा, धीरे से करो मेरी चूत में दर्द हो रहा हे. लेकिन उसने मेरी एक भी नहीं सुनी और और भी जोर जोर से मुझे चोदता रहा.
उसका 8 इंच का लोडा पूरा मेरी चूत में घुस के बहार आ रहा था. और वो मुझे एकदम जंगली स्टाइल में किस कर रहा था. मैंने उसके लंड को देखा तो उसके ऊपर खून लगा हुआ था. मैं वर्जिन तो नहीं थी लेकीन शायद इतने बड़े लंड से पहले चुदी नहीं थी इसलिए आज फिर से चूत खुली थी मेरी. वो कस के चोद रहा था मुझे और बोल रहा था, साली बड़ी छिनाल हे तू तो.
मैंने अह्ह्ह्ह अह्ह्ह अह्ह्ह्ह कर के उसे अपनी बाहों में ले लिया. फिर उसने मुझे अपनी गोदी में उठा . मेरा पूरा वेट उसके ऊपर था. मैंने दोनों टांगो से उसकी कमर को दबाई थी. और मैं उसके कंधे हाथ से पकड़ के ऊपर निचे हो रही थी. उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस के तांडव मचाये हुए था.
फिर वो बोला, अब गांड सेक्स करते हे.
उसने मुझे वही पर घोड़ी बना दिया. मेरे हाथ टॉयलेट की सिट पर थे. पीछे उसने मेरी गांड के छेद पर शेम्पू लगाया और फिर फच की साउंड के साथ आधा लंड अंदर कर दिया. मेरी गांड छिल गई थी उसके बड़े लंड से. आधा ही लंड अन्दर गया था और मेरी जैसे बस होने लगी थी. उसने मेरे बूब्स मसले और गांड मारने लगा जोर जोर से. उसका लंड जब पूरा गांड में घुसता था तो ऐसे लगता था की पेट तक चला गया हे.
करीब 10 मिनिट मेरी गांड को चोदने के बाद उसने फट से लंड निकाला और उसे हिलाया. उसका माल निकल के मेरी कमर के ऊपर आ गिरा. उसका माल एकदम गाढ़ा, चिकना और गर्म था. उसने एक एक बूंद को वही पर निकाला.
फिर हम दोनों ने शावर लिया और मैंने कहा की मुझे जल्दी हॉस्टल जाना वरना वार्डन आंटी चिल्लाएगी.
वो बोला, वो कुछ नहीं कहेगी अगर मैं साथ में रहा तो.
मैंने कहा ऐसे क्यूँ?
वो बोला, उस विधवा की चूत को भी मेरा 8 इंच का लंड खूब भाता हे.
फिर वो बोला, चलो मैं छोड़ने आता हूँ तुम्हे.
फिर उसने मुझे कपडे पहनाये और मेरी हॉस्टल पर आया. वार्डन आंटी ने मुझे उसके साथ में देखा तो कुछ नहीं कहा. वो मुझे रूम तक छोड़ के गया.
फिर तो मेरी और इस प्यून की मस्त जम गई. अक्सर मैं उसे ले के बहार जाती थी और हम लोग होटल के रूम्स में चुदाई कर लेते थे! अभी भी मेरी पढ़ाई चालु हे प्यून के साथ चुदाई भी! अब वो मुझे अलग अलग एक्शन में चोदता हे और गांड मारता हे मेरी.
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