सर ने मेरी अनछुई चुत में अपने लंड का धक्का दिया sir ne meri anchhui chut me apne lund ka dhakka diya - SEX KAHANI HINDI , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan, Lund chusa, chut chati, gand marvai, chut chudwayi ke articles.
मै नोयडा की रहने वाली हूँ। मै काफी सेक्सी और मस्त मौला लड़की हूँ। मेरा बदन कमाल का है मेरे मम्मे 36 साइज़ के है मेरे मम्मे खूब बड़े बड़े है मेरे बाल भी बहुत काले लम्बे और घने है जब मै रोड से निकलती हूँ। तो लडके मुझे देखकर सीटी मारते है मेरी कॉलोनी मे हर जवान लड़का मुझको चोदना चाहता है तो मै आपको अपनी स्टोरी सुनाती हूँ।
मैने बी कॉम फर्स्ट इयर मे एड्मीसन ले लिया था मेरे सारे टीचर्स बहुत बढ़िया थे मैने फर्स्ट इयर बड़ी लगन से पढ़ा मैने कभी क्लास भी बंक नही की पर फिर भी फ्रेंड्स मेरी फर्स्ट क्लास नही आई मै बड़ी जोर जोर से रोने लगी। जतिन सर ने मुझको देखा तो बोले मेरे केबिन मे चलो मै उसके केबिन मे चली गयी जतिन सर बहुत अच्छे थे वो सभी बच्चों को बड़ी मेहनत से पढ़ाते थे कालेज मे हर कोई उनकी बड़ी तारीफ करते था देखो ज़न्नत।
अभी तुम्हारे पास सेकंड इयर और थर्ड इयर दो साल है एक कम करो, तुम हर शाम को ७ बजे मेरे घर आ जाया करो, मै तुमको इतनी मेहनत से पढ़ाऊँगा की तुम्हारी फर्स्ट डिवीज़न क्लियर हो जाएगी वो बोले और मेरे सर पर प्यार से हाथ फेर दिया सर मै आज से ही आपके घर आना सुरु कर देती हूँ। आप कितनी फ़ीस लेंगे मैने पूछा अरे ज़न्नत, पहले तुम आओ तो सही जतिन सर बोले फ्रेंड्स, मैने सुना था की जो जो लडकी उनसे ट्यूशन पढ़ती थी सब टॉप करती थी इसलिए मै भी बहुत खुस हो गयी थी।
फ्रेंड्स, मैने उसी शाम से जतिन सर से ट्यूशन पढना सुरु कर दिया वो मुझको बड़ी महनत से पढ़ाने लगे कोई फ़ीस की बात भी नही की एक दिन मुझको पेशाब लगी। सर टॉयलेट जाना है बाथरूम किधर है?? मैने पूछा उधर आगे से बायीं तरफ जतिन सर बोले मै अंदर बाथरूम मे आ गये मैने अपनी सलवार खोली चड्ढी उतारी और छुल् छुल मूतने लगी।।
जब मै वापिस गयी तो पेशाब की 2-4 बुँदे मेरी सलवार मे लगी। थी सायद जतिन सर ने वो भीगी जगह देख ली थी थोडा मुस्कुरा दिए मै भी थोडा हस दी हम दोनों गुरु चेली फिर से पढने लगे फ्रेंड्स जब पढ़ते पढ़ते बोर हो गए तो गुरु जी का चाय पीने का मन हुआ ज़न्नत ! अगर तुम्हारे हाथों की गर्म गर्म चाय मिल जाए तो मजा आ जाए तुम मुझको हर रोज एक प्याला चाय पिला दिया करो, समझ लो यही मेरी फ़ीस होगी।
जैसा आप कहे सर मैने कहा मै उनके किचेन मे गयी और चाय बनाने लगी। मै अपने और उनके लिए चाय बना लायी हम फिर से पढने लगे एक महीना गुजर गया उन्होंने कोई पैसा नही लिया बस मै हर रोज उनके लिए चाय बना देती थी एक दिन बड़ी गर्मी पड़ रही थी पढाई करने का मेरा जरा भी मन नही था सर का भी मन नही था ज़न्नत तुम साथ चलो तो आज कोई फिल्म देख ली जाए कितने दिन हो गए कोई पिक्चर नही देखी है।
मै मान गयी सर और मै उनकी कार मे पिक्चर देखने गये सर ने बालकनी की टिकट ली ये कोई हॉरर पिक्चर थी डर के मारे मैने जतिन सर का हाथ पकड़ लिया फिर एक सीन मे बड़ा डेंजर भूत था मै सर के सीने से चिपक गयी फ्रेंड्स इस तरह हम आये दिन पिक्चर, मॉल, मेले, नुमाईस जाने लगे धीरे धीरे मुझको भी अच्छा लगने लगा।
एक दिन एक मॉल मे मै जतिन सर के साथ घूम रही थी उन्होंने मेरा हाथ चूम लिया मुझको चुता नही लगा मुझको अच्छा लगा फिर इसी तरह कभी वो मेरा हाथ चूम लेते कभी मै उनका हाथ चूम लेती धीरे धीरे मुझको उसने प्यार हो गया एक दिन जब शाम को मै पढने गयी तो उन्होंने मुझको पकड़ लिया ज़न्नत !
मै तुमसे प्यार करने लगा हूँ। अब मै तुम्हारे बिना नही रह सकता सर बोले सर मै भी आपसे प्यार करने लगी। हूँ। मैने भी कहा हम दोनों एक दुसरे के करीब आ गए सर ने मुझको गले से लगा लिया मैने भी उनको गले लगा लिया हम दोनों उनके बेडरूम मे चले गये सर ने मुझको बिस्तर पर लिटा दिया खुद भी मेरे पास आ गये अब हम दोनों एक दुसरे से पूरी तरह लिपटे थे वो मेरे रसीले मधुर होंठ पीने लगे। फ्रेंड्स आप ये स्टोरी रियललकहनी।कॉम पर पढ़ रहे है।
मैने भी उसके होंठ पीने लगी। मेरी सांसों की सुगंध उनके बदन मे समा गयी धीरे से सर ने अपनी डेनिम जींस की बेल्ट खोल दी उसका लंड बाहर निकल आया पता नही फ्रेंड्स मै कब उनके लंड से खेलने लगी। जब मुझको होश आया तब मै जतिन सर के लंड को चूस रही थी मै रंडियों की तरह बर्ताव कर रही थी।
मै पढ़ते पढ़ते ३० साल की हो गयी थी मगर कभी लंड के दर्शन नही किये थे आज मै पहली बार किसी मर्द का जवान बड़ा सा मोम्बत्ते जैसा लंड हाथ मे ली हुई थी आज मेरे हाथ मे एक अजूबा लग गया था सायद अंदर ही अंदर मै लंड की प्यासी थी मेरी अन्तर्वासना आज भड़क गयी थी सायद लोक लाज के डर से मैने आज तक किसी लडके से नही कहा की मुझको एक बार चोद दो।
जब मुझको होश आया तो मैने सर का लंड चूसने मे मस्त थी मै जल्दी जल्दी अपने हाथों से उनके लंड पकड़ कर लंड उपर नीचे रगड़ रही थी खूब फेट रही थी फिर मुह मे लेकर चूस रही थी उधर सर ने मेरी सलवार खोल दी थी मेरी पंटी के अंदर हाथ डाल के चला रहे थे धीरे धीरे हम दोनों 69 की पोजीशन मे आ गये।
हम दोनों अब नंगे हो गये थे जतिन सर मस्ती से मेरी चुत पी रहे थे और मै उनका लंड पी रही थी सर को जब मेरी चूत जब कुछ सुखी लगी। तो उन्होंने मेरी चुत मे थोडा थूक दिया अब मेरी चुत गीली हो गयी और वो मजे से पीने लगे अब तो जैसे मै भी जोश मे आ गयी मैने भी उनके लंड पर खूब सारा थूक दिया अब उनका लंड चिकना हो गया मै मजे से रंडियों जैसे हुनर के साथ उनका लंड चूसने लगी।।
जतिन सर को बड़ी जोर की चुदास चढ़ गयी उन्होंने मुजको 2-4 थप्पड़ जड दिए चल छिनाल! मुह खोल वो बोले मेरे मुह मे उन्होंने अपना लंड पेल दिया मै साँस नही ले पा रही थी सर मेरे मुह चोदने लगे हप्प हप्प करके वो मेरे छोटे से मुह को चुत का छेद समझ के चोदने लगे मेरी चूत तो बिलकुल गीली हो गयी फ्रेंड्स मेरी चूत बहने लगी। फिर सर ने अपना बड़ा सा लंड निकाला और मेरे मुह पर थपकी देने लगे अपने हट्टे कट्टे लंड से थपकी देने लगे मै तो निहाल हो गयी जतिन मेरे मुह को अपने लंड से खूब जोर जोर से मारने लगे।
फिर उन्होंने मेरे मम्मो को भी अपने लंड से खूब थपकी दी फिर से एक बार मेरे मुह को चुत समझ के वो चोदने लगे मुझको इतना अच्छा लगा की मेरी चुत बिलकुल गीली गीली हो गयी फ्रेंड्स सर ने 2- 4 तमाचे मुझको और जड़ दिये अब उन्होंने मेरी चूत पर फोकस किया मेरी चुत खूब बड़ी सी फूली हुई थी।
मैने कुछ दिन पहले ही झांटे बनायीं थी सर ने अब मुझको पूरी तरह नंगा कर दिया था मेरी चुत बिलकुल हीरो हौंडा जैसी खुब्सूरत और शानदार थी सर मेरी चुत को गहरी नजर ने देखने लगे जैसे उसको खा जाएँगे एक सेकंड को तो मै दर गयी मैने डर से आँखे बंद कर ली सर मेरी चुत को छूने लगे मेरी चुत मेरे गरम जिस्म का सबसे सन्वेदनशील हिस्सा थी।
आज तक मैने किसी लडके को अपनी चुत तक नही पहुचने दिया था इसलिए जतिन सर ही वो किस्मतवाले मर्द थे जो मेरे सबसे सन्वेदनशील अंग तक पहुचे थे मेरा दिल जोर से धक् धक् करने लगा पता नही सर मेरी चुत के साथ कैसा व्यवहार करे सर ने एक बार मेरी शानदार बड़ी सी चूत को पप्पी ले ली वो मस्त हो गये।
मेरी चुत की फाकों और दरारों को अपनी उँगलियों से छूकर देखने लगे,मेरी चुत काली चमकदार थी और बड़ी शानदार थी जतिन सर तो जैसे मेरी चूत से बातें ही करने लगे उन्होंने २ ४ बार मेरी चूत को पप्पी दे दी इस चूत के लिए कितना झगडा लड़ाई होता है कितने क़त्ल हो जाते है इसलिए मै बार बार कह रही थी की सर बहुत किस्मत वाले थे जब सर ने काफी देर थक मेरी चुत के दीदार कर लिए तो अब वो उसको बड़े प्यार से चाटने लगे मै सिसकियाँ लेने लगी।।
लडकियों के इस छेद के लिए सारी दुनिया मरती है सर भी मरे जा रहे थे सर ने अपना पहलवान लंड मेरी चुत के दरवाजे पर रखा मेरी दिल धक् धक् करने लगा डर से मैने आँखे बंद कर ली सर ने सुरुवाती धक्का मारा पर लंड फिसल के उपर भाग गया।
मैने आँखे बंद की कर रखी थी क्यूंकि आजतक मैने किसी से नही चुदवाया था सर ने एक बार और कोसिस की इस बार भी लंड दाए बाए फिसल गया सर ने अबकी बार जादा फोकस किया उसने मेरे भोसड़े पर ढेर सारा थूक दिया अब मेरी चुत गीली हो गयी सर ने अबकी बार पुरे फोकस से धक्का मारा लंड किसी बर्फ तोड़ने वाली मशीन की तरह मेरी चुत मे अंदर घुस गया मेरी तो फ्रेंड्स गांड ही फट गयी लगा की किसी ने मुझको चाक़ू मार दिया हो मुजको बहुत दर्द हुआ सर ने निचे देखा मेरी चुत से खून बह रहा था।
मै तड़प रही थी सर ने एक धक्का और मारा लंड सीधा मेरी चुत मे गच ने उतर गया मैने सर को हटाने लगी। ज़न्नत बेबी! बस थोडा बर्दास्त करो, अभी तुम भी मजा पाओगी सर बोले मेरे तो पसीना छुट गया मेरे सर मे भी जोर का दर्द होने लगा था चुत मे तो पहले ही था जतिन सर अब मुजको बड़े प्यार से धीरे धीरे चोदने लगे वो भी चाहते थे की मुजको कम से कम दर्द दो मैने किसी तरह बर्दास्त किया सर मुजको होले होले चोदने लगे कुछ देर बाद दर्द कम हो गया और मुजको मजा मिलने लगा सर ने लंड निकाल लिया और मेरी चुत पीने लगे अब सब कुछ नार्मल हो गया था।
जब दोबारा उन्होंने मेरे अंदर अपना लंड डाला तो मुझको दर्द नही हुआ अब मुझे मजा आने लगा था अब जतिन सर मुजको जल्दी जल्दी पेलने लगे तो मेरी कमर भी उपर उठने लगी। मैने अपनी टाँगे और फैला ली जिससे सर मेरे अंदर पूरा अंदर तक गुस सके मै कामयाब रही सर अब जोर जोर से गहरे फटके मरने लगे। फ्रेंड्स आप ये स्टोरी रियललकहनी।कॉम पर पढ़ रहे है।
अब तो जैसे मै चरम सुख मे डूब गयी पर ये तो अभी सुरवात थी जब १ घंटा गुजर गया तो मैने ही खुद चिल्लाने लगी। सर चोद लीजिये आज मुजको आप मुझको कितनी मेहनत से पढ़ाते है मुझसे कोई फ़ीस भी नहीं लेते है इसलिए सर मुझपर आपका पूरा हक बनता है आज चोद लीजिये जी भरके मुझको मैने जोर जोर से गरम सिस्कारियां भरके कहने लगी।।
जतिन सर मुझको धिन्चक धिन्चक राजी खुसी से पेलने लगे मैने अपनी दोनों टाँगे उनकी पीठ मे लपेट दी उनका जोश दोगुना बढ़ गया हच हच वो मुजको चोदने लगे उस दिन फ्रेंड्स मै खूब चूदी अपने प्यारे जतिन सर से उसके बाद तो जैसे चुदवाने की मुझको लत ही लग गयी थी मुझको अब मै शाम ५ बजे ही आ जाती थी और पहले २ ४ राउंड चुदाई हो जाती थी फिर मै पढ़ती थी।