मेरी सुहागरात बड़ी गजब की दुर्घटना बनी | Meri Suhag Raat Badi Gajab ki Durghtna Bani

मेरी सुहागरात बड़ी गजब की दुर्घटना बनी | Meri Suhag Raat Badi Gajab ki Durghtna Bani, Mast aur jabardast chudai ; chud gayi ; chudwa li ; chod di ; chod di ; choda chadi aur chudas ; antarvasna kamvasna kamukta ; chudwane aur chudne ke khel ; chut gand bur chudwaya ; lund land lauda chusne chuswane chusai chusa cudai coda cudi ; Hindi Sex Story ; Porn Stories ; Chudai ki kahani.

हाय फ्रेंड्स, कैसे हैं आप सब ? मैं आशा करती हूँ कि आप सब अच्छे होंगे | मेरा नाम अनुपमा है और मैं बांधवगढ़ की रहने वाली हूँ | मेरी उम्र 29 साल है और मैं एक शादीशुदा लड़की हूँ | मेरी शादी अभी अभी हुई इसलिए मेरे कोई भी बच्चे नहीं हैं | मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरी हाईट five फुट five इंच है और मेरा बदन बहुत ही सेक्सी है | मेरे मम्मे बड़े हैं और मेरे चूतड भी बड़े और गोल हैं | दोस्तों मैं इस चुदाई की कहानियां कभी नहीं पढ़ी और न ही मैं पढना चाहती हूँ वो तो मेरी एक दोस्त ने बतया था कि इसमें बहुत ही मजेदार चुदाई की कहानियां पोस्ट होती हैं लेकिन फिर भी मैं नहीं पढ़ती | आज जो मैं आप लोगो के लिए कहानी लिखने जा रही हूँ ये मेरी पहली कहानी और मेरे सुहागरात की कहानी है | तो कृपया इसे मजे ले कर पढना और मैं आशा करती हूँ कि आप सब को मेरी कहानी जरुर उत्तेजित कर देगी | तो अपने लंड और चूत संभल लो क्यूंकि मैं अपनी कहानी शुरू करने जा रही हूँ |

ये घटना मेरे सुहागरात वाले दिन की है | मेरे घर में, मम्मी पापा, एक बड़ा भाई और एक छोटी बहन, भाभी और उनका बेटा रहते हैं | पापा आर्मी में बहुत बड़े रैंक पर हैं और मम्मी हाउसवाइफ हैं | बड़ा भाई भी आर्मी में है और मेरी छोटी बहन जॉब करती है | मैं भी शादी के पहले जॉब करती थी लेकिन शादी के बाद मैंने जॉब छोड़ दी | कॉलेज पढ़ते समय से मैं जॉब करती थी और फिर एक दिन पापा ने कहा कि बेटा तुम्हारे लिए एक रिश्ता आया है | मैंने पुछा कि पापा आप लोगो ने मुझसे पुछा क्यूँ नहीं ? तो उन्होंने कहा बेटा हम तुम्हारी शादी नहीं कर रहे हैं बस तुम एक बार मना कर डौगी तो शादी नहीं करेंगे लेकिन एक बार रिश्ता देखने में तो कोई बुरे नहीं है | मैंने भी पापा की बात रख ली और जब लड़के वाले आये तो मैंने देख कर ही मना कर दिया क्यूंकि वो लड़का नाटा और भोंदू टाइप का था | उसके बाद तो आये दिन मेरे लिए रिश्ते आने लगे | मैं भी कब तक मना कर पाती | आज नहीं तो कल मुझे शादी तो करनी ही पड़ती | एक दिन हमारे घर फिर से लड़के वाले आये और जो लड़का मुझे देखने आया था वो बहुत ही हेंडसम था और उसकी कदकाठी सब बहुत सॉलिड थी | वो जिम भी जाता है और जॉब भी करता है | मैंने अपने घर वालो से कह दिया कि मैं इससे शादी करुँगी | उसके बाद हमारी सगाई हो गई और हम दोनों कि फिर फ़ोन पर बात होना और कभी कभी घुमने जाना होने लगा | सगाई के कुछ महीने बाद शुभ मुहूर्त में हमारी शादी भी हो गई | शादी के समय हम दोनों बहुत खुश थे क्यूंकि ये रिश्ता किसी दबाव में और बिना किसी दहेजप्रथा के हो रही थी | जब शादी का पूरा कार्यक्रम हो गया और फिर हम दोनों ने थोडा रेस्ट किया | उसके बाद मेरी सुहारात की बारी आई तो रूम तो पहले से ही एक आलिशान होटल में बुक था | मेरे पति और मैं उनकी कार में होटल पंहुचे और फिर सबसे पहले साथ दूध का आर्डर दिया उन्होंने | मैं शांति से बेड पर बैठी थी घूँघट ओड़ के फिर

वो मेरे पास आये तो मैंने उन्हें दूध उठा कर दिया | उन्होंने कहा कि जानेमन पहले तुम पियो | फिर मैंने एक घुट पिया और फिर उनको दिया फिर उन्होंने एक घुट पिया | ऐसा ही करते करते हम दोनों बारी बारी से दूध पी कर खत्म किया | उसके बाद उन्होंने मेरा घूंघट उठाया और मेरे चेहरे को अपनी तरफ कर के कहा तुम बहुत सुन्दर लग रही हो | मैंने ये सुन कर थोडा सा मुस्कुराया तो उसने मेरे घूंघट को पूरा हटा दिया | और मेरे गाल पर अपने हाँथ फेरने लगा | मुझे उनका छूना अच्छा लग रहा था तो मैं उन्हें मना नहीं कर रही थी | उसके बाद उनहोंने मेरे होंठ में अपने होंठ रख दिया और मेरे होंठ को चूसने लगे तो मैं भी उनका साथ देते हुए उनके होंठ को चूसने लगी | वो मेरे होंठ को चूसते हुए मेरे हाँथ को सहला रहा था और मैं उनके होंठ को चूसते हुए उनके गले पर अपने हाँथ रख दिया | वो काफी अच्छे से मेरे होंठ को चूस रहे थे और मैं भी | उसके बाद उन्होंने अपने कोर्ट को उतार दिया और मैंने उसी बीच में रोक दिया | फिर मैं खुद ही एक एक बटन को प्यार से खोलते हुए उतार दी कोर्ट और फिर शर्ट को भी उतार दिया | उनके चेस्ट पर अपने हाँथ फेरते हुए एक हाँथ से उनके बेल्ट को खोल कर पेंट भी उतार दी | अब वो मेरे सामने सिर्फ अंडरवियर में थे | फिर मैंने उनकी अंडरवियर को भी उतार दिया और उसके बाद उनके लंड से खलने लगी | उन्होंने मुझसे पूछा कि कैसा है मेरा लंड ? तो मैंने कहा कि आपका लंड बहुत ही मस्त है | फिर मैंने उनके लंड पर अपनी जीभ फेरने लगी तो उनके मुंह से आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह की सिस्कारियां निकलने लगी | मैं उनके लंड को हर तरफ से चाट कर गीला कर रही थी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मेरे कपड़े उतार रहे थे | फिर मैंने उनके लंड को अपने मुंह में लिया और चूसने लगी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगे | मैं उनके लंड को जोर जोर से आगे पीछे करते हुए चूस रही थी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मजे ले रहे थे | उसके बाद मैंने उनके दोनों अन्टोलो को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी और वो आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रहे थे | फिर उन्होंने मुझे उठाया और मेरे दोनों मम्मे दबाने लगे तो मैं भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां लेने लगी |
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उसके बाद उन्होंने मेरे मम्मे अपने मुंह में ले कर चूसने लगे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए उनके सिर को सहलाने लगी | वो मेरे मम्मों को जोर जोर से मसल कर चूस रहे थे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | फिर उन्होंने मुझे लेटा दिया और मेरी टांगो को फैला दिए और मेरी चूत को चाटने लगे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | वो मेरी चूत को बड़े ही प्यार से धीरे धीरे जीभ से चाट रहे थे और चूत के दाने को भी चूस रहे थे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए मदहोश हो रही थी | उसके बाद उन्होंने अपने लंड को मेरी चूत में रखा और सहलाते हुए अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे धक्के मारते हुए चोदने लगे तो मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए चुदाई के मजे लेने लगी | कुछ देर बाद उन्होंने अपनी चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दिए और जोर जोर से धक्के मारते हुए चोदने लगे तो मैं भी आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए अपनी कमर उठा उठा कर चुदवा रही थी | फिर उन्होंने मेरी एक टांग अपने कंधे में रख लिए और फिर अन्दर डाल दिए और चोदने लगे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | वो बहुत ही जोर जोर से मेरी चूत को चोद रहे थे और साथ में निप्पलस भी मसल रहे थे और मैं आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह आहा ऊंह ऊम्ह करते हुए आँख बंद कर के चुदवा रही थी | कुछ देर बाद उन्होंने मेरे मुंह के अन्दर अपना माल गिरा दिया जिसे मैं पूरा चाट गई | तो फ्रेंड्स, ये है मेरी कहानी | आशा करती हूँ कि आप लोगो को मेरी कहानी अच्छी लगी होगी |

जवान भाभी( सन्नी लियोन) की चूत का लगा चस्का Jawan Bhabhi(Sunny Leone) ki Chut ka Laga Chaska

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हेल्लों दोस्तों, कैसे हैं आप सभी उम्मीद करता हूँ कि आप सभी कुशल मंगल होंगे और अपना जीवन सुखी से जी रहे होंगे | मेरा नाम गुरप्रीत है और मैं अमृतसर पंजाब से हूँ | मेरी उम्र 18 साल है और मैं कॉलेज का छात्र हूँ पर मैं प्राइवेट पढाई कर रहा हूँ क्यूंकि मैं जॉब भी करता हूँ कंप्यूटर ऑपरेटर की | मेरी हाईट 6 फुट है और मेरी हैल्थ फिट है | मेरे घर में मैं, मम्मी-पापा और भाभी रहते हैं, मेरे भैया जो कि 30 साल के थे उनकी कैंसर से मौत हो चुकी थी और उनकी मौत को three बीत चुके हैं | ये कहानी मेरे और मेरी भाभी के बीच की है जिनका नाम सन्नी लियोन है | जो मैं आप लोगों को इस कहानी के माध्यम से बताने वाला हूँ |
तो अब मैं कहानी शुरू करता हूँ बिना आप लोगों को बोर करते हुए | ये बात जनवरी 2017 कि है जब मैं कुछ भी नहीं करता था और घर पर ही ज्यादा टाइम बिताता था और सरकारी नौकरी कि तैयारी करता था | मेरी भाभी एक सॉलिड आइटम हैं जिसका फिगर लाजवाब है कोई भी उसे देख ले तो उसका लंड खड़ा हो जाये और उसे चोदने का मन बना ले क्यूंकि मेरी भाभी का फिगर ही कुछ ऐसा है | बड़े बड़े परकी दूध हैं और कमर एक दम भरी हुई और गांड हाय गांड इतनी मस्त है मेरी भाभी कि की क्या बताऊ दोस्तों गदरायी हुई थी गांड और चौड़ी सी उठी और आज भी उसकी गांड वैसी ही है | मैं अपने कमरे में रह कर पढाई करता था और भाभी मेरे लिए कभी चाय तो कभी दूध ला कर देती रहती थी |
 भाभी मेरा मेरी मम्मी से ज्यादा ख्याल रखती थी और मैं भी का ध्यान रखता था | एक दिन हम लोग मार्किट गए थे सब्जी लेने और मेरी बाइक पर गए हुए थे | जब मैं गाड़ी चलाता और झटके से डिस्क ब्रेक मारता था तो भाभी के दूध मेरी पीठ पर टच होते थे और मुझे बहुत अच्छा लगता था, | मैं बार बार जानबूझ कर डिस्क ब्रेक मारता था ताकि भाभी के दूध मेरी पीठ से टच हों, और भाभी को भी इस चीज़ से एतराज़ नही हो रहा था कि मैं ऐसा कर रहा हूँ | फिर हम मार्किट पंहुचे और वहां से सामान ले कर लौट रहे थे तब भाभी ने सामान बीच में रख लिया था जिस वजह से मैं उनके दूध का मजा नही ले पा रहा था |
फिर हम घर आ गए थे और अपने अपने काम में लग गए थे | शाम को 6 बजे पापा घर आये तो उन्होंने कहा कि मेरे बहुत अच्छे दोस्त की बेटी की शादी है तो उन्होंने सभी को बुलाया है शादी पर | तो मैंने और भाभी ने मना कर दिया तो पापा और मम्मी का साथ जाने का प्लान बन गया था | फिर दो दिन बाद मम्मी और पापा बस से रवाना हो गए |
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एक दिन कि बात है मैं टीवी देख रहा था और भाभी सब्जी काट रही थी दोपहर के वक़्त | भाभी ने मुझसे पूछा कि क्यूँ रे गुरप्रीत तेरे कोई दोस्त नहीं हैं क्या जो तू सारा दिन घर में ही बैठा रहता है ? तो मैंने कहा भाभी दोस्त तो हैं पर वो मुझे कमा के नहीं देंगे और वैसे भी जब जरुरत होती है तब तो वो मेरा साथ देते हैं और मैं उनका तो फिर क्या जरुरत है बाहर बेकार घूमने की ? फिर भाभी ने कहा हाँ बात तो तू सही कह रहा है अच्छा चल ये बता तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या ? तो मैंने कहा क्या भाभी आप भी क्या पूछ रहे हो मेरी शक्ल देख के लगता है क्या कि कोई मेरी गर्लफ्रेंड बनेगी |
तो भाभी बोली बता दे अगर तुझे कोई पसंद भी है तो मैं तेरा ब्याह करा दूंगी उसके साथ तो मैंने कहा भाभी ऐसी कोई लड़की नहीं है जिससे मैं प्यार करता हूँ और मेरा इन सब में मन भी नहीं लगता है | मैं फिलहाल अपने केरिअर में ध्यान देना चाहता हूँ बस बाकि और कुछ नहीं तो भाभी बोली चल ठीक है और फिर सब्जी काटने में लग गई | फिर मैं भी टीवी देखने के बाद अपने रूम में चला गया और पढाई करने लगा तभी कुछ देर बाद भाभी कि आवज़ आई गुरप्रीत चल नीचे आजा खाना बन गया है तो मैंने भी जवाब में कहा ठीक है भाभी मैं आता हूँ ओर फिर हाँथ धो कर मैं खाना खाने बैठ गया और हम दोनों साथ में खाना खाने लगे |
20 मिनट के बाद मैं खाना खा के अपने रूम में चला गया और थोडा सा आराम करने लगा तो मेरी नींद ही लग गयी थी और फिर मुझे नींद में ऐसा लग रहा था जैसे कोई मेरे लंड को सहला रहा है | फिर जैसे ही मैंने आँख खोला तो देखा कि भाभी मेरा लंड सहला रही थी तो मैंने भाभी से तपाक से बोला भाभी तुम ये क्या कर रही हो तो उन्होंने बोला गुरप्रीत मुझे माफ़ कर दे मैं थोडा बहक गयी थी मुझसे ये सब कैसे हो गया मुझे समझ नही आया ? तो मैंने कहा भाभी रहने दो जाने दो इस बात को मैं ये बात किसी को भी नहीं बताऊंगा | मैं समझ सकता हूँ कि भैया के जाने के बाद तुम्हारी वो इच्छा अधूरी रह गयी होगी जिस वजह से तुमसे ये गलती हो गयी |
तो फिर भाभी ने मुझसे कहा गुरप्रीत जब जब तू इतना समझ सकता है तो क्या तू मेरी एक मदद कर सकता है क्या ? तो मैंने कहा हाँ भाभी बोलिए न कैसी मदद चाहिये तुम्हे तो वो बोली | तू तो जानता ही है कि तेरे भैया के जाने के बाद मैं कभी एक औरत होने का सुख नहीं उठा पाई तो क्या तू मुझे एक औरत होने का सुख दे सकता है ? तो मैंने कहा भाभी मैं कुछ समझा नहीं तो फिर वो बोली कि क्या तू मुझे सेक्स का सुख दे सकता है ? तो मैं थोड़ी देर सोचता रहा कि क्या ये सही होगा या नहीं ?
कुछ देर सोचने के बाद मैंने अपने होंठ भाभी के होंठ में रख दिए और उन्हें किस करने लगा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी हम दोनों एक दूसरे को पागलो कि तरह चूम और चाट रहे थे फिर भाभी ने मेरा लोअर उतार दिया और मेरा झांटो वाला लंड चाटने लगी और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगा | जब भाभी मेरा लंड चाट रही थी तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और फिर मेरा लंड चाटने के बाद भाभी मेरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और मैं आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगा | भाभी ने मेरा लंड दस मिनट तक गले तक लिया और मुझे बहुत मजा आया अपना लंड चुस्वाने में | फिर भाभी ने अपना सूट उतारा और फिर ब्रा और पेंटी दोनों उतार दी | मैंने भाभी को पहली बार नंगा देखा था भाभी का बदन सच में में बहुत मस्त था और उनकी चूत भी चिकनी थी | फिर भाभी के दूध मैं मुंह में ले कर चूसने लगा और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह कर रही थी | मैं भाभी के दूध मुंह में भर कर जोर जोर से चूस रहा था |
मैंने भाभी के दूध को 15 मिनट तक जोर जोर से दबा दबा कर चूस रहा था और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करते हुए सिस्कारियां ले रही थी | फिर मैंने भाभी को लेटा दिया अपने बेड पर और उनकी टाँगे चौड़ी करके उनकी चूत में अपनी जीभ डाल कर चाटने लगा | जब मै भाभी कि चूत चाट रहा था तब भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करके पूरा कमरा भर रही थी | मैं भी जोश में आ गया था और भाभी ने मुझसे कहा कि अब और देर न करो बस डाल दो अपन लंड और बुझा दो अपनी भाभी की प्यास और मैं तुरंत अपना लंड भाभी की चूत में डाल कर जोर जोर से चोदने लगा |
भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करने लगी |
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भाभी को भी हहुत मजा आ रहा था और मुझे भी हम दोनों चुदाई की दुनिया में खो गए | मैं जोर जोर से धक्के लगा लगा कर भाभी को चोद रहा था और भाभी आआहाआह ऊउन्न् आहाहाह ऊउम्म्म ऊनंह अआहा आअह्ह्हाअ अहहहः अहहाआअ ऊउन्न ऊउम्म्ह आआनाहा ऊउन्न्ह ऊम्म्ह आहाहाहा ऊनंह ऊउम्ह आहाहहा ऊउन्न्ह ऊउम्म्ह अहहहः ऊनंह करते हुए झड़ गई | थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ गया था उनकी चूत में ही |

माँ को पेशाब करते देखा और चुदाई का प्लान बनाया Maa ko peshab karte dekha or chudai ka plan banaya

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हैलो फ्रेंड्स मेरा नाम रोहन है, आज मैं आप को अपनी माँ के सेक्सी चूत से निकलते पेशाब की story सुनाने जा रहा हू। मेरी माँ का नाम प्रिया गुप्ता है, वो दिखने में बहोत हॉट और सेक्सी है। उसकी उम्र अभी ४३ है, जब मैं छोटा था तब मैंने माँ और पापा को सेक्स करते देखो था और उनकी चुदाई देख कर मैं ज्यादा कुछ समझ नहीं पाया था उस समय मैं बहोत छोटा था, जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया मुझे सेक्स की फीलिंग आने लगी और मैं भी पापा की तरह माँ को चोदने का सपना देखने लगा।

वैसे मैं आप लोगों को बताना भूल गया मेरी फैमिली में मैं मेरी माँ और पापा सिर्फ तीन लोग है, पापा को काम की वजह से ज्यादातर बहार ही रहना पड़ता है और ऐसे में घर पर मैं और मेरी माँ ही होती है। अब मैं सुरु करता हु मेरे और माँ की सेक्स कहानी। पाप काम से कुछ दिनों के लिए बहार गए हुए थे। मुझे कुछ दिन पहले ही पापा ने नया स्मार्टफोन दिलाया था मैं इस पर सेक्स वीडियो देखता और मुट्ठे मरता था।

लेकिन मुट्ठ मार कर मुझे मजा नहीं आता था क्युकी मुझे तो वही पापा मम्मी जैसे चुदाई करनी थी वो मेरा सपना भी था। मैं दिन रात यही सोच कर निकल देता की माँ को कैसे चोदा जाये फिर मैं प्लान बनाया और सुरुवात की माँ को पेशाब करते देखने से, एक दिन माँ जैसे ही पेशाब करने बाथरूम गयी मैं डोर के निचे से देखने लगा माँ बाथरूम की फर्श पर बैठ कर मूत रही थी और उसका मुँह दूसरी तरफ था इसलिए मुझे सिर्फ उसकी गांड दिखी और निचे गिरता हुआ पेशाब का धार।

जिसे देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैं लन्ड को बहार निकल कर हिलने लगा, माँ की क्या मस्त मोटी और चिकनी गांड थी मन हो रहा था जा कर उसकी गांड चाट लू इतने में ही माँ उठी और मैं जल्दी से वह से भाग गया।
मेरी आँखों के सामने सिर्फ माँ की गांड का वो सीन ही बार बार नजर आ रहा था, मैं पहली बार किसी औरत की नंगी जिस्म को देखा था वो भी थोड़ा सा, मैं यही सोच रहा था कैसे भी कर के माँ की चूत और उस से निकलता मूत देख सकू। उसी दिन रात को खाना खान के बाद जैसे ही माँ सोने से पहले पेशाब करने गयी मैं फिर से बाथरूम के निचे डोर की छेद से देखने लगा दोस्तों मैं आप को बता नहीं सकता क्या नजारा था इस बार माँ मेरी तरफ ही मुँह कर के मूतने बैठी थी और मुझे उसकी चूत से निकलता पेशाब दिखाई दे रहा था।

मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैं ऊपर से ही उसको सहलाने लगा इतने में माँ उठी और मैं अपने रूम में जा कर सो गया और माँ को कैसे चोदू यही सोच रहा था डर भी लग रहा था की कही कुछ गलत न हो जाये मैं कुछ ऐसा करना चाहता था की माँ अपनी मर्जी से मेरे साथ चुदाई करें और मुझ से वैसे ही चुदे जैसे वो पापा से चुदती है।

दूसरे दिन मैं उठा और उस दिन फिर से तीन बार माँ की चुत और उस से निकलता पेशाब देखा और चुदाई के लिए पागल होता गया रात हुई तब मैंने सोचा आज तो चुदाई करनी ही है।

रात को माँ और मैं खाना खाया कुछ देर टीवी देखने के बाद मैं उठा और बाथरूम की तरफ गया और अब टाइम था मेरे प्लान को पूरा करने की, मैंने बाथरूम को डोर लॉक नहीं किया और मैं जोर से चिल्लाया और बाथरूम में गिरने का नाटक किया और मैंने अपनी लोअर से अपना लन्ड बहार निकला हुआ था जिससे माँ को लगे मैं पेशाब करते हुए गिर गया हु, मैं ऐसे ही गिरा हुआ चिल्ला रहा जैसे मुझे बहोत दर्द हो रहा हो जैसे ही माँ आयी मैं उल्टा हो गया और अपने लण्ड को हाथ से छुपा कर दर्द का नाटक करने लगा और माँ को यही लगा की गिरने से मेरे लण्ड पर चोट लग गयी है

माँ ने मुझे हाथ दे कर उठाया और मैं जैसे ही उठा मेरा ६ इंच का लंड लटकने लगा जिसे देख कर पहले तो माँ थोड़ा शर्मा गयी क्यों की उस समय मैं १९ साल का था और माँ ने मुझे ऐसे देखा था।

फिर मैं दर्द का नाटक किया और माँ वैसे ही मुझे सहारा दे कर वह से अपने बैडरूम में ले गयी और मुझे बेड पर भैठा दिया और बोली क्या हुआ कहा चोट आयी है मैंने अपनी लण्ड की ओर इशारा किया और बोला मुझे यहाँ चोट लगी है।

माँ बोली अरे बीटा नुनु में चोट लग गयी है और वो बोली थोड़ा देर में ठीक हो जायेगा जा अपने रूम में सो जा कल तक ठीक हो जायेगा, मैं वह से उठा और ऐसे ही लटकते हुए लण्ड को ले कर वह से चला गया।

अपने रूम में मैं थोड़ा देर बैठा रहा और माँ कुछ देर बाद सो गयी होगी मैं उठा और माँ की रूम की तरफ गया और माँ को जगा कर बोला मम्मी दर्द बहोत हो रहा था डॉक्टर के पास चलो ना इतने में माँ बोली बेटा इतने रात में 

कोई डॉक्टर कहा मिलेगा और उसने मुझे अपने बेड पर बैठने को कहा।
मैं बैठा और माँ उठ गयी और बोली दिखा मैं देखु कही तेरा नुनु सूज तो नहीं गया। माँ अभी भी मुझे बच्चा समझती थी और मेरे लंड को नुनु पुकार रही थी।
माँ के बोलने पर मैंने लण्ड बहार निकला और माँ पहले लाइट चालू की फिर मेरे लंड को देखने लगी मेरा लण्ड बिलकुल नार्मल था क्यों की मैं तो ड्रामा कर रहा था , इतने में माँ बोली बेटा नुनु के ऊपर की चमड़ी को पीछे करो अंदर देख लेती हु कही वहां तो चोट नहीं लग गयी।

अभी तक माँ ने मेरे लण्ड को छुआ नहीं था वो सिर्फ दूर से ही देख रही थी , जैसे ही मैंने सुपाड़ा खोला माँ उसको पास से देखि और बोली ठीक तो दिख रहा है हो सकता है अंदरूनी चोट आयी होगी मैं तेल दे रही हु अपने रूम में जाओ और बैठ कर मालिश कर लो कुछ आराम मिलेगा।

मैं बोलै माँ मुझ से नहीं होगा बहोत दर्द हो रहा है आप डॉक्टर से पास चलो मुझे ले कर, माँ कुछ टाइम खड़े खड़े कुछ सोची और बोली चलो मैं ही मालिश कर देती हु।

अब मैं बेड पर लेट गया और अपनी लोअर पूरा उतार दिया निचे से पूरा नंगा हो चूका था मम्मी बेड पर बैठ कर हाथ में तेल लगा कर जैसे ही मेरे लंड को टच की मेरे पूरी बॉडी में करंट जैसा लगा , ये पहली बार था जब किसी औरत ने मुझे ऐसे देखा और छुआ था। अब माँ मेरे लण्ड में तेल डाल कर ऊपर निचे कर के मालिश करने लगी धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा और टाइट हो कर पूरा खडा हो गया अब मेरा मोटा और लम्बा लंड माँ की हाथ में था वो अभी भी शर्मा रही थी।

मेरे लंड की मालिश करते करते अब माँ का सरमाना काम हो गया और वो जोर जोर से लंड हिला हिला कर ऊपर निचे करने लगी मुझे बहोत मजा आ रहा था मुझ से रुका नहीं गया और मेरे लंड का पानी जोर से निकला और माँ के मुँह और उसके बाल में जा कर गिरा मेरी पूरी बॉडी एक बार जोर से अकड़ ही गयी जैसे ही लुंड से वीर्य की धार निकली।

माँ उठी और कपडा ले कर वीर्य मेरे लंड और अपने मुँह से साफ़ की और बोली बेटा अब तू बड़ा हो गया है। मैं बोला माँ ये पानी जैसा क्या निकला तो वो बोली ये वीर्य है इस से बच्चा पैदा होता है मैं पूछा अब मेरा बच्चा पैदा हो जायेगा क्या ? मैं पूरा नाटक कर रहता था जब की मुझे तो सब पता था और माँ को चोदने का पूरा प्लान ठीक जा रहा था।

माँ बोली नहीं मेरे लाल बच्चा सेक्स करने से होता है, मैं बोला सेक्स कैसे होता है तो वो बोली तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या ? मैंने कहा नहीं है.

तब वो बोली जब तेरी गर्लफ्रेंड होगी तब तू सब समझ जायेगा और पूछने लगी अभी दर्द कम हुआ क्या ?
मैं बोला हा थोड़ा कम हुआ है, माँ मेरे लंड की मालिश करते हुए थोड़ी गर्म हो चुकी थी और मेरे लंड की तरफ बार बार देख रही थी, फिर बोली तेरा लंड तो तेरे पापा से बड़ा और मोटा है।

इस बार माँ ने नुनु नहीं बोला ये सुन कर मैं खुस हो गया और माँ को गले लगा कर आई लव यू बोला माँ ने मुझे आई लव यू टू बोल कर गाल पर किश दिया।

अभी माँ की साँसें तेज और गरम हो चुकी थी क्यों की एक जवान लड़का उनके सामने नंगे लंड लिए बैठा था। मेरा लंड ढीला पड़ चूका था इतने में माँ बोली एक बार और मालिश कर देती हु पूरा दर्द चला जायेगा और मैं हाँ बोल कर फिर से लेट गया और माँ फिर से लंड की मालिश करने लगी और बोली बेटा मैं तेरे लंड की और अच्छे से मालिश कर देती हु और वो जोर जोर से रगड़ कर मालिश करने लगी इतने में मेरा लुंड फिर से खड़ा हो गया।
दोस्तों आगे की स्टोरी स्टोरी पढ़ने के लिए इन्तजार करे मैं जल्दी ही आगे की स्टोरी ले कर आ रहा हूँ और प्लीज कमैंट्स कर के बताये आप को यहाँ तक की कहानी कैसे लगी ?

पिज़्ज़ा वाले ने पिज़्ज़ा मेरी चूत में और लंड मुँह में डाला pizza wale ne pizza meri chut me or lund muh me dala

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मेरा नाम रेशमा शर्मा है मेरी उम्र १८ साल है, मैं उत्तर प्रदेश के छोटे से गाँव की रहने वाली हु 12th की पढाई पूरी करने के बाद मैं लखनऊ आ गयी आगे कॉलेज के पढाई करने के लिए मैंने बी ए में एडमिशन लिया है। जब मैं यहाँ आयी तो पापा मेरे साथ आये थे और मुझे गर्ल्स हॉस्टल की जगह प्राइवेट एक कमरे का रूम किराये से दिलवा दिया।

मैं कॉलेज जाना शुरू की और वहाँ मैं देखी सभी लड़कियों के बॉय फ्रेंड्स है वहाँ जल्दी ही मेरी कुछ सहेलियां बन गयी और ऐसे ही एक सप्ताह निकल गया मुझे कॉलेज में बहोत मजा आ रहा था नया शहर मुझे बहोत अच्छा लगा क्यों की मैं यहाँ आजाद थी, घर पर मुझे कही भी जाने की इजाजत नहीं मिलती पापा मम्मी हमेशा मुझ पर नजर रखते थे इसलिए मेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं था।

मैं घर पर मम्मी पापा को बहोत बार सेक्स करते देख चुकी थी और मेरी भी चुदाई की इक्षा होती थी लेकिन पापा से डर से मुझे किसी से चुदवाने की हिम्मत नहीं हुई, पापा ने मुझे यहाँ लखनऊ में अलग रूम इसलिए दिलवाया था ता की मैं गर्ल्स हॉस्टल की लड़कियों के साथ बिगड़ न जाऊ। 

यहाँ उन्होंने मकान मालिक को मेरा ध्यान रखने को कहा था और मकान मालिक आते जाते मुझ पर नजर रखता था मेरा मकान मालिक यही कोई ५५ साल का था जिसे मैं ताऊ जी बुलाती थी।

कॉलेज से निकलने के बाद मैं कुछ टाइम अपने सहेलियों के साथ पार्क में जाती थी, वहाँ मेरी एक सहेली में मुझे बताया की वो कैसे अपने बॉय फ्रेंड से चुदवाती है और उसे कितना मजा आता है, ये सब सुन कर मेरी चुदवाने की खुजली और बढ़ गयी लेकिन मैं डर की वजह से कुछ कर नहीं सकती थी। 

फिर मैं सोचने लगी जैसे लड़के लोग रंडियों को पैसा दे कर चोदते है ऐसे ही कोई पैसे ले कर चोदन वाला लड़का मिल जाये तो मैं भी चुदवा लेती।

रविवार का दिन था कॉलेज की छुट्टी थी मैं घर पर थी मकान मालिक अपने फॅमिली को लेकर बहार घूमने गए हुए थे, मैं घर पर बैठे ऊब रही थी तभी मेरे मेरे मोबाइल पर पिज़्ज़ा कंपनी का मैसेज आया ५०% डिस्काउंट का और मैं सोची आज खाना नहीं बनती और पिज़्ज़ा आर्डर कर दी। तभी मुझे याद आया पिज़्ज़ा देने तो कोई लड़का आएगा अगर मैं पिज़्ज़ा डिलीवरी वाले को पटा कर चुदवा लू तो मजा आ जायेगा आज मौका भी है।

पिज़्ज़ा आने में ३० मिनट का समय था मैं सोचने लगी कैसे करू की वो पिज़्ज़ा वाला लड़का मुझे चोदने को तैयार हो जाये और मुझे एक आईडिया आ गया। मैं पूरी नंगी हो कर टॉवल लपेट कर बैठ गयी और इन्तजार करने लगी कुछ देर बाद डोर बेल बजी मैं समझ गयी पिज़्ज़ा वाला आया है और मैं दरवाजा खोली तो देखी एक पतला दुबला सा लड़का यही कोई २२ या २३ साल का होगा पिज़्ज़ा लेकर खड़ा है मैं उसको अंदर आने को बोली वो जैसे अंदर आया मैं पिज़्ज़ा लेकर टेबल पर रख दी और उसको बैठने को बोली पहले वो मना करने लगा फिर बैठ गया मैं उसको बोली अभी रुको मैं पैसा निकल कर देती हु। वो लड़का नजरें चुरा कर मुझ और मेरी नंगी टांगों को देखे जा रहा था तभी मैंने टॉवल गिरा दिया और टॉवल गिर जाने का नाटक कर के नंगी हो गयी वो मुझे नंगी देख कर खड़ा हो गया और मुझे घूरते हुए नज़ारे घुमा लिया मैं जल्दी से टॉवल उठा कर फिर से लपेट ली।

मेरी नजर उसके पेन्ट पर गयी उसका लंड खड़ा हो गया था और ऊपर से फुला हुआ दिख रहा था मैं समझ गयी मेरा काम हो चूका है और मैं जा कर दरवाजा लॉक कर दी वो चुपचाप खड़ा था। मैं उसको लिपट गयी और किस करने लगी अभी भी वो वैसे ही चुपचाप खड़ा था। मैं अपना टॉवल खोली और बोली क्या हुआ मैं अच्छी नहीं लगी क्या ?

वो लड़का बोला नहीं मैडम आप बहोत सुन्दर हो मैं बोली सिर्फ मैं सुन्दर हु और कुछ नहीं ?
उसने कहा मैडम आप का सब कुछ सुन्दर है और आकर मुझे पकड़ लिया और मेरे बूब्स चूसने लगा मैं पुरे जोश में आ गयी और मेरी चुत से पानी आने लगा।

मैं जल्दी से उसके कपडे उतारने लगी जैसे ही मैं उसका चड्डी उतारी एक मस्त मोटा लम्बा सा पूरा खड़ा हुआ लंड मेरे सामने था वो लड़का जितना पतला था उसका लंड उतना ही मोटा था मैं थोड़ा डर गयी इतने मोटे लंड से कही मेरी चुत फट ना जाये, लेकिन आज मुझे चुदना ही था। इसलिए मैं उसका लंड चूसने लगी और वो मेरे बूब्स मसल रहा था इसके बाद मैं लेट गयी और उसको मेरी चूत चाटने को बोली वो उठा और पिज़्ज़ा का बॉक्स ओपन कर के के पिज़्ज़ा का टुकड़ा ले कर मेरी चूत पर रख दिया और पिज़्ज़ा का क्रीम अपने लण्ड पर लगा कर बोला ६९ पोजीशन में करते है मैं समझ गयी वो मेरे ऊपर आ गया और मेरे मुँह में क्रीम लगा हुआ लंड डाल दिया और मेरी चुत के ऊपर रखा हुआ पिज़्ज़ा खाते हुए मेरी चूत चाटने लगा।

मैं पहली बार चुदने वाली थी इसलिए डर भी लग रहा था और मजा भी आ रहा था। ५ मिनट तक हम एक दूसरे का चूसते रहे उसके बाद वो उठा और बोलै मैडम आप लेट जाओ आज मैं आप को चोद कर आप को खुश कर दूंगा मैं बोली मैं अभी कुवारी हूँ आराम से करना वो बोला मैडम आप डरो मत मैंने पहले भी कुवारी लड़कियों को चोदा है आज आप के चूत की पूरी खुजली मिटा दूंगा और वो मेरे ऊपर आ गया मेरे चूत में उसने थूक लगाया और मेरे ऊपर चढ़ कर लन्ड चूत पर रख कर जोर का एक धक्का दिया उसका मोटा लंड आधा मेरी चूत में चला गया और दर्द से मेरे आँसू निकलने लगा वो रुक गया और मेरे बूब्स को चूसने लगा २ मिनट बाद मुझे दर्द काम हुआ तब तक वो मेरे बूब्स चूसे जा रहता था मुझे मजा आने लगा और मैं बोली अब चोदो मुझे और उसने एक और जोर का झटका दिया इस बार उसक पूरा लंड मेरी चूत में था और वो धीरे धीरे मुझे चोद रहा था अब मुझे मजा आने लगा।
आह आह आह उह इस आउच और जोर से चोदो और जोर से आह मजा आ रहा है। 

वो लड़का मुझे जोर जोर से चोदने लगा और ५ मिनट बाद उसने लंड बहार निकाला और मेरी चूत के ऊपर लंड का पानी निकाल दिया लेकिन अभी भी मेरी प्यास अधूरी थी मैं बोली मेरा अभी हुआ नहीं और मैं फिर से उसका लंड चूसने लगी उसके लंड पर वीर्य लगा हुआ था जिसका टेस्ट पहले मुझे अच्छा नहीं लगा बाद में मजा आने लगा और मैं उसका लंड चूसती रही उसका लंड ५ मिनट में फिर से खड़ा होने लगा और वो बोला मैडम आप घोड़ी बन जाओ।

मैं घोड़ी बन गयी पहले तो वो मेरी गांड को चाटने लगा और फिर उसने मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया और मुझे फुल स्पीड से चोदने लगा इस बार मुझे और ज्यादा मजा आने लगा मैं भी साथ में धक्के देने लगी और १० मिनट की चुदाई हुई होगी मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैं उसको लंड बाहर निकालने को बोली और उसका लंड चूसने लगी इस बार मैं उसके लंड का पूरा माल पीना चाहती थी २ मिनट में उसने लन्ड का सारा माल मेरे मुँह में छोड़ दिया और मैं पूरा गटक गयी।

आज मेरी पहली चुदाई हुई थी मुझे बहोत मजा आया और मैं खुश थी वो लड़का भी बहोत खुश नजर आ रहा था। मैं उसका नाम पूछी तो उसने अपना नाम राकेश बताया और बोला उसने पहली बार पिज़्ज़ा देते हुआ किसी को चोदा है। मैं उठ कर पैसे निकालने लगी और उसको पिज़्ज़ा का १५० रूपए दे दी वो लड़का बोला मैडम आप को कभी भी मेरी जरुरत हो तो बता देना उसने मुझे अपना नंबर दिया और कपडे पहन कर चला गया, मैं अभी भी नंगी थी और चुदाई को याद कर के खुश हो रही थी।

उसके बाद जब भी मैं घर पर होती और मकान मालिक अपनी फॅमिली के साथ बाहर होता, मैं राकेश को बुला कर खूब चुदती थी। एक दिन मैं राकेश से चुदवा रही थी तभी मकान मालिक आ गया और आगे की स्टोरी अगले पार्ट में।

दोस्तों आगे मैं आप को बताउंगी कैसे उस बुड्ढ़े ताऊजी ने मुझे चोदा और अपने बुड्ढे दोस्तों से मुझे चुदवाया तब तक के लिए बाय बाय।

दोस्त की सेक्सी माल ने मेरा बड़ा लंड लिया Dost ki sexy maal ne mera bada lund liya

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हैलो दोस्तो, आज मैं आपको अपनी और अपने दोस्त की गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ.

मैं समीर हूँ; यह नाम बदला हुआ है; मेरा कद साढ़े पांच फुट का है और मेरे लंड का साइज़ भी मस्त है; मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ; मैं उम्मीद करता हूँ कि ये किस्सा आपको पसंद आएगा; ये कहानी बिलकुल रियल है;; बस नाम और जगह बदली गई है.

ये बात आज से दो साल पहले की है, उस टाइम ‘हेट स्टोरी-2’ लगी थी; मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड वो फिल्म देखने के लिए बोल रही थी; चूँकि वो मुझसे भी बात करती थी, तो उसने मुझसे भी बोला- समीर, मुझे ये फिल्म दिखा दो.

मैं उसकी बात सुनकर तैयार हो गया; उसे फिल्म दिखाने की एक वजह ये भी थी कि मैं भी उससे प्यार करने लगा था; ये बात मैंने उसको बोला भी था; मगर उसने बोला कि हम सिर्फ दोस्त हैं; इसलिए मैं आगे नहीं बढ़ पाया;

सॉरी दोस्तो, मैं उसका नाम बताना भूल गया; उसका नाम जूली खान (नाम बदला हुआ) है.

मैं और जूली फिल्म देखने गए; मैंने लखनऊ के एक हॉल में बालकनी की टिकट ली और हम दोनों फिल्म देखने हॉल में पहुँच गए; फिल्म स्टार्ट हुई और कुछ देर में उसमें वो गाना आ गया ‘आज फिर तुम पर प्यार आया है..

वो गाना इतना गरमागरम है कि देख कर ही जूली को कुछ होने लगा; मैं समझ गया कि इसको चुदास चढ़ गई है.

क्योंकि वो पहले से चुदी हुई थी;; मेरे दोस्त ने भी उसको बहुत चोदा था, जो मुझे भी मालूम था; वो जब उसकी चुदाई करता तो हम दोस्तों से सब बताता था, जिसको सुन कर मैं भी गर्म हो जाता था.

मेरी नज़र पहले से ही जूली पर ख़राब थी; उसकी मटकती हुई गांड कोई बूढ़ा भी देख ले, तो उसका लंड भी पानी छोड़ दे; उसके 38 साइज के चुचे क्या मस्त लगते थे, सच में मुठ मारने का मन करने लगता था.

आज वो मेरे साथ मेरे बगल में बैठी थी; मैं उसको तिरछी नज़रों से देख रहा था; वो कभी अपने होंठ काटती तो कभी अपने ही हाथ से अपनी चूची मसलती, मैं भी उसको देखा कर बहुत ज़्यादा गर्म हो गया था, मगर मैं खुद कर कण्ट्रोल करे हुए था; मैं चाहता था कि पहल वो करे.

फिर कुछ देर में वो पल भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था; जूली का हाथ धीरे से मेरे लंड को छूने लगा; मेरा लंड पहले ही खड़ा था, उसके छूने से और ज़्यादा खड़ा हो गया.

इस बात का उसको भी एहसास हो गया; फिर उसने धीरे से मेरे लंड को मुठ्ठी में ले लिया और सहलाने लगी.

अब मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैं बोला- जूली ये क्या कर रही हो?

जूली- क्या करूँ समीर;; अब बर्दाश्त नहीं हो रहा; मुझे नीचे कुछ हो रहा है.

मैं- मगर ये सब ठीक नहीं है यार; मैं अपने दोस्त को क्या मुँह दिखाऊंगा?

जूली- मैं कुछ नहीं जानती; अभी मेरे साथ कुछ करो!

मैं- मगर मैं ये कैसे कर सकता हूँ?

जूली- अगर तुमने अभी कुछ नहीं किया, तो मैं हॉल में किसी के भी पास चली जाऊँगी;; फिर दिखाना अपने दोस्त को मुँह.

मैं उसको ये एहसास नहीं दिलाना चाह रहा था कि मैं उसको चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ; दरअसल मैं उसको और तड़पाना चाह रहा था.

फिर उसने जबरदस्ती मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए और चूसने लगी; कुछ ही देर में मैं भी उसका साथ देने लगा.

अब वो मस्ती से मेरे होंठ चूम रही थी और मैं उसकी दोनों चूचियों को दबा रहा था; लगभग दस मिनट होंठ चूमने के बाद उसने मुझे खुद से अलग किया और अपना जम्पर ऊपर करके चूची बाहर निकाली; मैं उसकी ब्रा के ऊपर से ही चूची दबाने लगा; फिर ब्रा भी ऊपर कर दी और नंगी चूची को हाथ में लेकर दबाने और चूसने लगा.

वो और ज़्यादा गर्म हो गई, उसने पूरी ब्रा खोल कर कुरते से खींच कर निकाल दी और मेरे मुंह में अपने हाथ चूची पकड़ कर घुसा दी; उसकी 38 साइज की चूची में मेरा मुँह दब गया; मेरा अब सांस लेना भी मुश्किल हो गया था; मैंने किसी तरह अपना मुंह हटाया तो उसने झट से अपनी लैग्गी नीचे को सरका दी और सीट के नीचे बैठ कर मेरी पैंट खोलने लगी; ये तो अच्छा हुआ हॉल में ज़्यादा लोग नहीं थे, वरना सबको फ्री में लाइव ब्लू-फिल्म देखने को मिल जाती.

मेरी पैंट खोल कर उसने मेरे लंड बाहर निकाल लिया; कुछ देर लंड को सहलाने के बाद उसने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी; उसका लंड चूसने का अंदाज़ बता रहा था कि वो लंड चूसने में माहिर है.

अब मेरी हालत बहुत ज़्यादा ख़राब होने लगी थी;; मेरे मुंह से सिसकारी निकलने लगी थी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

मैं जाने क्या-क्या बड़बड़ा रहा था मगर वो लंड छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी.

मैंने जब नीचे देखा तो वो साथ में अपनी चूत में उंगली डाल कर हिला रही थी; मैंने उसको बोला भी- अह; मेरा तुम्हारे मुँह में निकल जाएगा; हट जा!

मगर वो नहीं मानी, बोली- मुझे तुम्हारा पानी पीना है.

मैंने बोला- मैं तुम्हारी चूत में उंगली कर देता हूँ.

मगर वो बोली- नहीं, तुमसे तो मैं चुदवाऊंगी; लेकिन अभी खुद ही उंगली कर लूँगी.

वो फिर से लवड़ा चूसने लगी; क्या बताऊँ दोस्तो, उस टाइम मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं हवा में उड़ रहा होऊँ.

फिर उसका और मेरा दोनों का पानी एक साथ निकल गया; उसने चाट कर मेरा लंड साफ़ कर दिया.

दस मिनट बाद हम दोनों फिल्म छोड़ कर बाहर निकल आए और वहाँ से सीधे एक होटल में पहुँच गए; वहाँ हमने एक रूम 2 घंटे के लिए ले लिया, उधर इस तरह की सुविधा थी, ये मुझे मालूम था.

जैसे ही हम दोनों कमरे में पहुँचे, जूली ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मुझे किस करने लगी, मैं भी उसको किस करने लगा.

फिर धीरे-धीरे हम दोनों के कपड़े उतरने लगे और कुछ ही पलों में हम दोनों नंगे खड़े थे; एक-दूसरे से लिपट गए और मैं उसकी चुची चूसने लगा साथ ही उसकी चूत में उंगली करने लगा.

वो भी बहुत गर्म हो चुकी थी; उसके मुंह से मादक सिसकारियां निकलने लगी थीं ‘ऊऊह इसस्स; आआह्ह; वो बोलने लगी- समीर प्लीज़ अब मुझे चोद दो; अब रहा नहीं जा रहा.

फिर मैंने एक बार उससे लंड चुसवाया और उसको बिस्तर पर ले कर गया; मैंने देखा कि उसकी चूत बहुत ज़्यादा गीली थी; मैंने चुत में दो उंगली डाल दीं, अब वो मचलने लगी और मुझे अपने ऊपर खींचने लगी; मुझसे भी बर्दाश्त नहीं हो रहा था;; तो मैंने भी लंड का सुपारा चुत के मुँह पर रखा और एक जोर का धक्का मार दिया.

मेरा लंड सरसराता हुआ चुत में घुसता चला गया और सीधा उसकी बच्चेदानी से टकराया; वो इस अचानक हुए हमले से चिल्ला उठी; मैंने उसका मुँह बंद किया ‘चुप रह भैन की लौड़ी; मरवाएगी क्या?’

वो सिसया कर रह गई और मेरे लंड को अपनी चुत में लीलने लगी, मैं धीरे-धीरे धक्के मारने लगा.

कुछ देर ऐसे ही धक्के मारने के बाद वो भी नीचे से गांड उठा-उठा के मेरा साथ देने लगी.

अब वो बोलने लगी- समीर प्लीज़ मुझे जोर-जोर से चोद ना!

मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी और उसको जोर-जोर से चोदने लगा, वो भी गांड उठा-उठा कर मेरा साथ दे रही थी.

कुछ देर उसको ऐसे ही चोदने के बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को कहा तो वो डॉगी स्टाइल में हो गई.

फिर मैंने लंड उसकी गांड के छेद पर रखा और एक झटके में अन्दर डाल दिया.

वो पहले से ही गांड मरवा चुकी थी तो उसे ज़्यादा तकलीफ नहीं हुई; मैं उसकी गांड मारता रहा;; वो भी पूरा साथ दे रही थी; जब मैं लंड गांड से बाहर को खींचता, तो वो अपनी गांड पीछे को कर लेती; इस तरह चुदाई करने में बहुत मजा आ रहा था.

वो बोल रही थी- समीर आज तक मेरे बॉयफ्रेंड ने भी मुझे इस तरह नहीं चोदा; आज पता चला कि बड़े लंड से चुदने में कितना मजा आता है.

मैंने घड़ी देखी तो हम दोनों को चुदाई करते बहुत ज़्यादा वक्त हो गया था; अब मेरा भी पानी निकलने वाला था; तो मैंने फिर से उसे लिटा कर उसकी चूत में लंड पेल दिया और जोरदार चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में भर दिया.

इस चुदाई से हम दोनों बहुत थक गए थे, तो कुछ देर ऐसे ही लेटने के बाद मैंने उसको फिर से चोदा.

इस बार उसने मेरे लंड का पानी अपने मुँह में लिया और मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया.

दोस्तो, उसके बाद भी हमको जब भी मौका मिलता है हम दोनों खूब चुदाई करते हैं.

विधवा कामवाली की और मेरी अतृप्त वासना शांत हुई vidhva kamwali ki or meri atrupt vasna shant hui

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मेरी उम्र अभी 18 साल हे लेकिन लंड कुछ ज्यादा ही खड़ा होता हे मेरा. रोज रात को पोर्न देख के लंड हिलाना मेरी आदत हे. कितनी बार भी पोर्न देख के अपने लंड को हिला लूँ लेकिन मेरी प्यास बूझती ही नहीं हे. इसलिए मैंने सोचा की पोर्न देखना और लंड हिलाना बंद कर देता हु. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पोर्न की अर्ज होती रही और मैं देख के लंड को हिलाता रहा. मेरी आँखों में हवस ही होती थी किसी भी औरत के लिए. मैं औरतो के पास होता तो होर्नी ही होता था.

मैं अपनी माँ को देख के भी लंड के अंदर अकड महसूस करता था. लेकिन मैं जानता था की वो कभी काम नहीं करेगा! लेकिन भगवान ने आखिर मेरी सुन ही ली. हुआ यु की हमारी कामवाली ने अपना काम छोड़ दिया. और मम्मी ने एक नयी कामवाली रख ली. वो गोरी थी. बॉडी भी सही थी. उम्र करीब 35 की होगी, नुकीले बूब्स, सेक्सी लिप्स थे उसके. और वो एक मस्त मिल्फ़ थी. वैसे कामवालियां काम में इतनी बीजी रहती हे की वो कभी मोटी होती ही नहीं हे.

अक्सर कामवालियां अपने बदन का ध्यान नहीं रखती हे और दिखने में गन्दी होती हे. लेकिन हमारी नयी कामवाली ऐसी नहीं थी. वो साफ़ सुथरी थी और कम ही बोलती थी. अगर मैं किसी को कहूँ की वो मेरी माँ की बहन हे तो भी अनजान आदमी मान ले वैसी थी वो.

वो मोर्निंग में आती थी. फिर दोपहर तक काम करती थी. वो हमारे घर में कपडे धोने का, बर्तन मांजने का और घर मर झाड़ू पोछा करने का काम देखती थी. मम्मी अगर उसे जरा भी एक्स्ट्रा काम करवाए तो उसके एक्स्ट्रा पैसे दे दिया करती थी. जब उसका पहला दिन था तभी से मेरी नजर उसके ऊपर थी.

उसका भरा गदराया हुआ बड़ा, उसके मोड़, उसके होंठो, उसकी मचलती और मटकती हुई गांड, उसका क्लीवेज सब कुछ मुझे चुदासी बना रही थी. और उन दिनों में मैं मुठ भी कम ही मारता था इसलिए एक्साइटमेंट कुछ ज्यादा ही रहता था. जब भी उसे देखता था तो मेरी चड्डी के अंदर प्रीकम की बूंद निकल जाती थी. मुझे उसकी गांड देखने में मजा आता था. अक्सर मैं अपने लंड को जानबूझ के उसकी गांड से लड़ा देता था. और तब चड्डी के फेब्रिक के घिसने से लंड का पानी छुट सा जाता था. ऐसे ही चलता रहा कुछ दिन और फिर उसे चोदने की लालसा सर पर चढ़ी थी.

मुझे अक्सर रातों में कामवाली की चुदाई के स्वप्नदोष होते थे. मैं सच में उसकी चूत का अहसास कर लेना चाहता था. उसके बुर के मसल अपने लंड के ऊपर प्रेशर बनाए ऐसी मेरी चाह थी. और एक औरत जब झडती हे तो मर्द को क्या फिलिंग होती हे वो मैं जानना चाहता था. मैं उसके बड़े देसी बूब्स को अपने चहरे के ऊपर घिसना चाहता था और उसके निपल्स से दूध पीना चाहता था. मुझे ऐसे भी होता था की मैं उसकी चूत को चाट के उसकी बुर के ज्यूस को चख लूँ. और ये सब सोच के मेरे लंड में जो हलचल होती थी उसे कंट्रोल करना बड़ा मुश्किल था!

और फिर करीब एक महीने के बाद में वो दिन आ गया! हमारे रिश्तेदार के वहां पर शादी थी. और मेरे पेरेंट्स शादी अटेंड करने के लिए वो दो दिन के लिए वहां चले गए. वो लोग मोर्निंग में जल्दी ही निकल गए. और मैं दरवाजे को लोक कर के वापस सो गया. करीब 2 घंटे के बाद मुझे दरवाजे के ऊपर नोक सुनाई दी. और मैं समझ गया की मेरी चूत आ गई!

मैंने जा के दरवाजा खोला, वो वही खड़ी हुई मेरे बरमुडे के अन्दर बने हुए त्रिकोण को देख रही थी. वैसे भी साला लंड सुबह सुबह खड़ा होता हे और आज तो चोदने का प्लान था अपना! मेरालोडा पुरे 7 इंच का हे और वो किसी भी औरत को खुश करने के लिए काफी हे. मेरी कामवाली वैसे विधवा भी और वो भी शायद अपनी चूत में लंड लेने के लिए बेताब ही थी.

मैंने अपना खड़ा लंड उसको दिखा के अपनी पहली चाल चल दी थी. और उसके चहरे को देखा तो समझ गया की वो भी खुश थी लंड का उभार देख के. मैं उसके बर्तन मांजने के और कपडे धोने की वेट करने लगा. और फिर मैंने उसे मेरे लिए नाश्ता बनाने को कहा. जब वो किचन में गई तो मैं भी उसके पीछे चला गया. मेरा लंड मेरे शॉर्ट्स में खड़ा हुआ था. उसके चहरे के एक्सप्रेसन को देख के मेरी हिम्मत खुली हुई थी. मैं उसके बदन के सेक्सी कर्व और उसकी बिग गांड को देख रहा था. मैंने बिना कुछ सोचे अपने शोर्ट को निचे सरका दिया और उसके पास में खड़ा हो गया.

उसको भी पता ही था की मैं वहां पर हूँ. मैंने धीरे से अपने लंड को उसकी गांड की फांक पर घिसना चालू कर दिया. धीरे धीरे से मैं उसकी गांड की सॉफ्टनेस अपने लंड को फिल करवा रहा था. मैं उसके इतने करीब था की उसके माथे में से मुझे चिक शेम्पू की सुगंध भी आ रही थी. मैं एकदम क्रेजी था. मैं लंड को घिस रहा था लेकिन वो कुछ भी रिएक्ट नहीं कर रही थी. वो जोर जोर से साँसे ले रहा था और मैंने उसकी कमीज को ऊपर कर दिया और उसके पजामे के ऊपर से मैं लंड को टच करवाने लगा.

उसने अंदर एक पतली सी पेंटी पहनी हुई थी. मैं उसके ऊपर लंड घिसने का मजा ले रहा था. फिर मैंने अपनी कमर को हिलाई और उसके पजामे को चोदने लगा. बहुत ही मस्त फिलिंग थी वो और मेरा लंड प्रीकम उसके पजामे के ऊपर निकालने लगा.

उसने अपने हाथ मेरी कमर के ऊपर रखा और अपनी तरफ खिंच लिया. मैंने अपने हाथ उसकी कमर के ऊपर से उसके बूब्स के ऊपर रख दिए. मैंने उन्हें जोर जोर से दबा रहा था. उसके बूब्स ब्रा में से जैसे चिभने लगे थे. मैंने उसकी कमीज में हाथ डाल के उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया और फिर उन्हें जोर जोर से हिलाने लगा. वो जोर से मोअन कर रही थी और उसकी साँसे भी तेज हो चुकी थी.

वो बोली, अह्ह्ह बेटे दबा उन्हें, घिस अपने लौड़े को मेरी गांड के ऊपर, तेरा लंड जब से देखा हे मेरी तो चूत पागल हो चुकी हे.

मैंने कहा, आंटी आप को देख के मैं भी पागल ही हुआ था, आप बहुत सुंदर हो!

मैंने उसके पजामे के ऊपर अपना माल निकालना नहीं चाहता था इसलिए मैंने उसके पजामे की नोट को खोला और उसे निचे कर दिया. उसकी पिंक पेंटी उसकी गांड के ऊपर मस्त लग रही थी. मुझे लगा की मैं जन्नत में हूँ. मैंने उसे झुकने के लिए कहा और वो मान गई. मैंने उसकी पेंटी को साइड में कर दिया और अपने लंड को उसकी गांड की फांक के ऊपर घिसने लगा.

वो बोली, अह्ह्ह डाल दो अंदर, इतनी तो गीली हुई हे, जल्दी कर दो उसको अंदर.

मैंने अपने लंड को अन्दर कर दिया. लंड जैसे कोई गरम गुफा में घुस रहा था. मैं हम्प कर के उसे चोदने लगा. वो फिलिंग बड़ी ही सेक्सी और अलग थी. वो 2 मिनिट के धक्को ही मेरे लंड के ऊपर झड़ गई और उसके ज्यूस मुझे लंड के ऊपर फिल होने लगे. मैं तो सातवें आसमान के उपर था जैसे!

मेरे टट्टे उसकी जांघो से टकरा के बड़ा ही सेक्सी साउंड बना रहे थे. और मैं उसके बूब्स मसल के उसे पेल रहा था. वो बोली, और जोर से बेटा अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उईई अह्ह्ह्ह और जोर से!

जब भी मेरा लंड उसकी चूत में पूरा घुसता था तो मैं भी जैसे कराह उठता था. कुछ देर ऐसे ही मस्त झटको के बाद मैं उसकी चूत के अन्दर ही झड़ गया. वो भी जोर जोर से मोअन कर रही थी और मैं भी. मेरे पाँव में कम्पन आ रहा था उत्तेजना की वजह से. मैं थक सा गया था. मैंने अपने माथे को कामवाली की पीठ के ऊपर रख दिया. ये मेरी पहली चुदाई थी जो बड़ी हो मजेदार रही थी.

मैंने अपने लंड को धीरे से बहार खिंचा. उसकी चूत में से कुछ वीर्य की बुँदे बहार आ निकली. कुछ वीर्य उसकी जांघो के ऊपर भी बह निकला था. शायद बहुत सब वीर्य मैंने उसकी चूत में छोड़ा था जो बहार आ रहा था.

कामवाली ने कहा, बेटा तू सच में बड़ा चोदु हे. तेरा लंड भी कितना गरम हे.

उसने मुझे ये भी बताया की ऐसी चुदाई और ओर्गास्म उसने अपनी लाइफ में कभी भी फिल नहीं किया था. उसने अपनी चूत के ऊपर उंगलिया घिसी और मेरे वीर्य की फिल्म सी बनाई और मेरे सामने देख के बड़े सेक्सी ढंग से उसे चाट लिया. और फिर उसने कहा, तेरे मम्मी पापा दो दिन नहीं हे और तुझे दोनों दिन मुझे ऐसे ही चोदना हे!

मैं भी उसके लिए एकदम रेडी ही था. मैं नाहा के मेडिकल गया और आंटी के लिए गर्भपात की गोली और अपने लिए वायेग्रा ले आया. मैंने कामवाली को कहा आप फटाक से घर का काम निपटा लो फिर हम सेक्स की फिल्म देख के चोदेंगे. वो काम कर रही थी तो मैंने उसके साथ बैठ के देखने के एक लॉन्ग मल्लू पोर्न मूवी डाऊनलोड कर ली.

अपनी सगी माँ को घर में ही पटक के चोदा Apni sagi maa ko ghar me patak ke choda

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मैं पिछले कई सालों से sex kahani का नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती तब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ नही पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सूना रहा हूँ। मैं उम्मीद करता हूँ कि यह कहानी सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी जिन्दगी की सच्ची घटना है।

मैं कई दिनों से रात में रोज अपनी माँ को चुदते हुए देख रहा था। मैं २० साल का जवान मर्द हो गया था और मेरी ३६ साल की बड़ी खूबसूरत औरत थी। उसका जिस्म भरा हुआ था और फिगर 38 32 38 का था। मेरी माँ को सेक्स करना और चुदवाना बहुत पसंद था। मेरे पापा की जब कैंसर से मौत हो गयी थी तो माँ ने पास के शराबी को अपना दोस्त बना लिया था। वो रोज रात में मेरे घर आता है, शराब पीता था, खाना खाता था और मेरी माँ की चूत कसके मारता था। रोज माँ के कमरे से “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाजे आती थी। मुझे ये चुदाई वाली बाते बहुत देर में मालुम हुई। कई बार मेरी माँ का आशिक उसे गाल पर चांटे मार मारकर उसकी चूत मारता था, कभी दीवाल के सहारे खड़ा करके पीछे से माँ की चूत में लंड डालकर चोदता था। कभी तो वो माँ को गोद में बिठाकर चोदता था। धीरे धीरे ये बात सारे मोहल्ले में फ़ैल गयी थी और मेरी बदनामी होने लगी थी।

“तेरी माँ के तो ऐश है। तेरे बाप के ना होने के बाद भी खूब रात में चुदती है और मोटा लंड खाती है!!” मेरे दोस्त मुझसे कहने लगी। मुझे बहुत शर्म आती थी। मैंने माँ से कहा की ऐसा कोई काम ना करे जिससे समाज में बदनामी हो, पर माँ ने मेरी एक बात नही सुनी। रात में १० बजे तो पडोस वाला आदमी मेरे घर आ जाता था। शराब पीने के बाद वो माँ को बाहों में भरकर चुम्मा लेने लगा जाता था। फिर उसके होठ पीने लगा जाता था। फिर धीरे धीरे मेरी माँ की साड़ी उतार देता था। ब्लाउस और पेटीकोट खोलकर माँ के दोनों पैर खोलकर अपना १२” का लौड़ा माँ की चूत में डाल देता था और फिर चुदाई शुरू कर देता था। वो माँ को नंगा करके २ घंटे नॉन स्टॉप चोदता था फिर माँ उनकी चूत में गिरा देता था। फिर माँ से घंटो अपना लंड चुसाया करता था।

६ महीने तक यही सिलसिला चला। मेरी माँ अब एक रंडी राड़ आवारा औरत की तरह बर्ताव करने लगी थी। उसकी शर्म ह्या मर चुकी थी। माँ ने उस पड़ोस वाले मर्द से चुदने के लिए सारे व्यावहार खत्म कर दिए थे। क्यूंकि पास पड़ोस वाली औरतों ने माँ से सब बोलचाल बंद कर दी थी। जब ६ महीने तक माँ उसका लौड़ा खाती रही और कसके चुदवाती रही तो एक दिन मुझे गुस्सा आ गया। रात में जैसे ही वो मेरा माँ का आशिक आया मैंने एक डंडे से उसे मारना शुरू कर दिया और उसका सिर फट गया। वो अपनी जान बचा कर किसी तरह से भागा। पर मुझे अपनी माँ को भी सबक सिखाना जरूरी था। मैंने डंडे से माँ को खूब मारा। फिर चांटे मार मारकर अपनी माँ के गाल फुला दिए। तभी मारपीट के दौरान मेरी माँ का ब्लाउस फट गया और उनके गोरे गोरे मम्मे मुझे दिख गये। माँ कभी भी ब्रा नही पहनती थी सिर्फ ब्लाउस पहनती थी।

अब मेरा अपनी सगी माँ को चोदने का बड़ा मन कर रहा था। मैंने उनका हाथ पकड़कर उनको कमरे में ले गया। मैं बहुत गुस्सा था। क्यूंकि मेरी माँ की वजह से मेरी पुरे मोहल्ले में बहुत बदनामी हुई थी। मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए। मैं नंगा हो गया था। फिर मैंने माँ के साड़ी, ब्लाउस और पेटीकोट का हाथ से खीचकर फाड़ दिया और उसे पूरी तरह से नंगा कर दिया।

“छिनाल! तुझे लंड खाना बहुत पसंद है ना। आज मैंने तुजे खूब लंड खिलाऊंगा!!” मैंने कहा और उसे ५ ६ चांटे मैंने फिर से उसके गाल पर मार दिए। फिर मैंने ८ १० लाते उसे मार पी। मैं गुस्से से जल और उबल रहा था। मेरी माँ की वजह से लोग आज हमारे पूरे खानदान पर कलंक लगाने लग गये थे। इसलिए मैं बहुत जादा क्रोधित था। अब माँ अब मेरे सामने नंगी हो गयी थी। वो बहुत खूबसूरत और गोरी माँ थी। अगर मेरी माँ इस तरह रात में नंगी होकर सड़क पर चली जाती तो उसका गैंगरेप हो गया होता। सब लोग उसे कसके चोद लेते।

मैंने अपनी माँ की बाल से पकड़ लिया और उसके गाल पर किस करने लगा। वो मुझसे डर रही थी। काँप रही थी क्यूंकि मैंने उसे आधे घंटे से पीट रहा था। फिर मैंने माँ को बिस्तर पर धकेल दिया। वो लड़खड़ाकर बिस्तर पर गिर पड़ी। मैंने भी उसके पास चला गया था। मैंने उसे २ चांटे और मार दिए। उसके बावजूद भी वो अपनी गलती नही मार रही थी। फिर मैंने अपनी सगी अल्टर और चुदकक्ड के रसीले होठ चूसना शुरू कर दिया। मेरी माँ का जिस्म भरा हुआ था। वो चोदने लायक मस्त माल लग रही थी। माँ की चूचियां 38” की बहुत ही खूबसूरत थी। 

क्या सफ़ेद सफ़ेद संगमरमर जैसे मम्मे थे। कोई मुर्दा भी अगर माँ को देख लेता तो उसका लंड खड़ा हो जाता और वो माँ को चोद लेता। दोस्तों मेरी माँ इतनी मस्त आइटम थी। आज मैं माँ को कसके चोदने वाला था क्यूंकि वो बहुत हरमपन दिखा रही थी। उसे रात में चाहे खाना ना मिले पर लंड जरुर मिल जाए वो इस तरह से छिनाल और रंडी बन गयी थी। ये सब गुस्सा दिलाने वाली बाते मुझे बार बार याद आ रही थी और मेरा खून का पारा बढ़ जाता था।

मैं बड़ी देर तक माँ के रसीले और गुलाबी होठो को चूसता रहा। फिर मैंने उस रंडी के दूध पीने लगा। 38” के दूध कितने बड़े बड़े होते है आप लोगो को तो पता ही होगा। मैं हाथ से माँ के मम्मो को दबा रहा था। वो “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” बोल बोलकर चिल्ला रही थी। मैंने अपने हाथो से उसकी रसीली चूचियों को मींज रहा था। वो कसकसा रही थी और तडप रही थी। फिर मैं उसकी काली काली निपल्स को अपने ऊँगली से पकड़कर घुमाने लगा। वो अपनी गांड उठाने लगी।

“रंडी आज मैं तुजे इतना चोदूंगा की तेरी सारी चुदास आज खत्म हो जाएगा। दुबारा तू बाहरी मर्द से लौड़ा नही मांगेगी!!” मैने कहा। उसके बाद मैं जोर जोर से अपनी सगी चुदक्कड़ माँ के दूध को खूब कस कसके दबा रहा था। वो उसकी रंडी की जान निकाले दे रहा था क्यूंकि वो बहुत बड़ी अल्टर थी और सेक्स और चुदाई करना उसकी कमजोरी थी। मैं माँ पर लेट गया और उसके रसीले होठ फिर से चूसने लगा। वो मुझसे डरी हुई थी और काँप रही थी। फिर मैं उसकी चूचियों को मुंह में लेकर पीने लगा। और जोर जोर से दांत उसने गड़ाने लगा। 

वो “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..” बोल बोलकर चीख रही थी। मैं उसकी चूचियों को मुंह से काट रहा था। वो तडप रही थी और सिसकियाँ ले रही थी। फिर २ ३ चांटे मैंने फिर से उसके गाल पर जड़ दिए। और फिर से उसके मैं दूध पीने लगा। फिर मैंने रात में १ घंटे तक उसकी चूचियां को मजे लेकर पिया। कुछ देर में मेरी माँ चुदने को तैयार हो गयी थी।

उसकी चूचियों का आकार अब और जादा बढ़ गया था। उसकी रसीली चूचियां अब और भी जादा टाईट और कड़ी लग रही थी। मैंने अपनी माँ की दोनों टाँगे खोल दी और उसकी रसीली चूत चाटने लगा। ना जाने कितने मर्दों ने मेरी माँ को चोदा था। कितने मोटे मोटे लंड उसकी चूत से खाए थे। आज मैं उसी चूत को जीभ लगाकर चाट रहा था। मैं किसी चूत के प्यासे कुत्ते की तरह अपनी माँ की गुलाबी चूत को पी रहा था। उसकी बुर बहुत गुलाबी और लाल लाल थी। मैं १५ मिनट तक अपनी माँ की चूत की पीया और भरपूर मजा लिया। उसके बाद मैंने अपना मोटा था १०” का लौड़ा हाथ में ले लिया और जल्दी जल्दी फेटने लगा। दोस्तों कुछ देर में मेरा लंड खूब टाईट हो गया। फिर मैं अपने लौड़े से माँ के चेहरे को मारने लगा। मैं कस कसके उसे गाल पर लंड से मार रहा था जैसे स्कूल में छोटे बच्चों की पिटाई डंडे से की जाती है। ऐसा ही लग रहा था।

loading... मैं काफी देर तक अपने १०” के लौड़े से माँ के चेहरे को पीटा और मारा। फिर मैंने उसके मुंह में लंड खोस दिया।

“ले राड़ आज जी भरकर चूस ले!!” मैंने कहा और जबरन अपना लौड़ा माँ के मुंह में डाल दिया। आज वो अल्टर बहुत सीधी बन रही थी। पर धीरे धीरे वो मेरा लंड चूसने लगी। आज मैं अपनी चुदासी माँ को चोदने जा रहा था। जिससे वो कभी भविष्य में किसी आस पास के मर्द से ना चुदवाए और जब उसे लौड़े की तलब लगे तो सिर्फ मुझसे ही चुदवाए। मैंने माँ के बाल वहशी अंदाज में पकड़ लिए और जल्दी जल्दी उसका मुंह चोदने लगा। मेरा लंड ३ इंच मोटा था। जैसे ही मैं इसे माँ के मुंह में घुसेड़ता था माँ को साँस आना बंद हो जाती थी। वो तड़पने लग जाती थी। मुझे अच्छा लग रहा था। जी तो कर रहा था की उसका गला दबाकर उसे जान से मार दूँ वरना वो जिन्दा रहेगी तो फिर से पड़ोस के मर्दों को बुलाकर चुदवा लेगी। पर मैं अपनी हसीन माँ को कसके चोदना भी चाहता था। इसलिए मैंने उसे नही मारा। और बड़ी बदतमीजी से उसके बाल पकड़कर मैं जल्दी जल्दी उसका मुंह अपने लौड़े से चोदने लगा।

मेरी माँ बड़ी चालू आइटम थी। बार बार कह रही थी की वो दुबारा ऐसा काण्ड नही करेगी पर कुछ ही दिन में वो फिर से किसी न किसी मर्द को बुलवाकर चुदवा लेती थी। मैंने अपनी सेक्सी चुदक्कड़ माँ के सिर को पकड़ लिया और बहुत जल्दी जल्दी अपने लौड़े पर धकेलने लगा। अपने आप उसका मुंह जल्दी जल्दी चुदने लगा।

“बेटा!! मुझे छोड़ दो, मैं दुबारा ऐसा काम नही करूंगी। अब मैं किसी मर्द को रात में घर पर नही बुलाऊंगी और ना ही चुदवाउंगी!!” वो बार बार कह रही थी। पर ये सब उसका एक नाटक था। हर बार वो कुछ ही दिन में बदल जाती थी और किसी न किसी मर्द को घर में बुला लेती थी और अपनी चूत चुदवा लेती थी। पर मैंने उसकी कोई बात नही सुनी और बार बार मैंने उसके मुंह में अपना सांप जैसा लंड डाल देता था और अपनी सगी अल्टर माँ से चुसवा रहा था। बड़ी देर तक ये चलता रहा। फिर मैंने जल्दी से उसके गोरे गोरे पैर खोल दिए और अपना लंड मैंने उसकी चूत के छेद पर लगा दिया और अंदर डाल दिया और जल्दी जल्दी उसे चोदने लगा। आज मैं अपनी माँ की चूत को बेदर्दी से पेल रहा था। जिस चूत से मेरा जन्म हुआ था मैं उसी बुर को आज फाड़ रहा था। मेरी माँ को सेक्स का नशा एक बार फिर से चढ़ गया था। वो जल्दी जल्दी मुझसे चुदाने लगी और “आई…..आई….आई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” की आवाजे वो निकाल रही थी।

मैं जल्दी जल्दी उसे बजाने लगा। मेरी माँ आज अपने बेटे से ही चुद रही थी। आज उसे जरुर मजा आ रहा होगा। मैं हचक हचक के गहरे धक्के उसकी चूत में मार रहा था। मेरी छिनाल अल्टर माँ मजे लेकर चुद रही थी। मैंने उसके होठ को फिर से चूसने लगा। फिर मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और जल्दी जल्दी अपनी आवारा सगी माँ की चूत में अपने लौड़े से साईकिल चलाने लगा। लगा की मैं किसी खेत को जोत रहा था। कुछ देर बाद मेरी माँ जल्दी जल्दी अपनी सेक्सी पतली कमर उछाल रही थी। उसका चेहरा बता रहा था की उसे बहुत मजा मिल रहा था। वो बार बार अपने मुंह से गर्म हवा निकाल रही थी। मेरी कमर गोल गोल नाच रही थी और माँ की चूत मार रही थी। मैं अब भी उसकी चूची की निपल्स को अंगूठे से घुमा रहा था। माँ “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सेक्सी आवाजे निकाल रही थी।

“ले आज मेरा लंड जी भरकर खा ले!!” मैंने अपनी लंड की प्यासी माँ से कहा और उसे जल्दी जल्दी लेने लगा। कुछ देर में मेरी माँ बिलकुल मस्त हो गयी थी। उसकी गर्म गर्म आवाजे, सिस्कारियां मुझे और जादा उतेज्जित कर रही थी। मेरी माँ चुदवाते हुए बहुत ही सुंदर सेक्सी माल लग रही थी। उसका जिस्म तो अब और जादा गोरा और सफ़ेद लग रहा था। मैं जल्दी जल्दी माँ की चूत में साइकिल चला रहा था। उसका जिस्म मेरे लौड़े की गमक पर हिल रहा था और झूम रहा था। मैं बिना रुके नॉन स्टॉप अपनी अल्टर माँ को चोद रहा था। उसकी चूत से जैसे पॉपकॉर्न चट चट की आवाज के साथ फूट रहे थे। उसकी दोनों ३८” की विशालकाय चूचियां भी जल्दी जल्दी हिल रही थी। दोस्तों मेरे लंड की गोलियां तो सेक्स की उतेज्जना में बहुत बड़ी बड़ी हो गयी थी।

मैं माँ की चूत को गहराई तक लेकर चोद रहा था। उसे किसी बाजारू रंडी की तरह जल्दी जल्दी मैं पेल रहा था। वो “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की आवाज निकाल रही थी। बड़ी देर मैंने अपनी माँ की चूत का बाजा बजाया और फिर उसकी बुर में ही मैंने पानी छोड़ दिया। मेरी माँ अब हांफ रही थी। वो कुछ देर आराम करना चाहती थी। पर आज मैं बहुत गुस्सा था। 

आज मैंने उसे एक सबक देना चाहता था की बाहर के मर्दों को वो घर में ना बुलाए। इसलिए तुरंत मैंने अपनी माँ को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी गांड चाटने लगा। वो डर रही थी। कुछ देर में मैंने उसकी गांड में अपनी २ ऊँगली खोस दी और जल्दी जल्दी ऊँगली घुमाने लगा। मेरी चुदक्कड़ माँ को बहुत दर्द हो रहा था। पर मैं नही रुका और जल्दी जल्दी उसकी गांड में ऊँगली करना रहा। 

फिर मैंने अपना 8” लंड डालकर २ घंटे उसकी गांड चोदी। मेरी माँ रोने लगी पर मैं नही रुका। मैं उसकी गांड में लंड डालकर २ घंटे तक बजाता रहा। उसके बाद मैंने अपना माल गिरा दिया। दोस्तों अब मेरी माँ सुधर गयी है। जब भी उसे सेक्स की तलब लगती है मुझे मुझसे बुलाकर चुदा लेती है पर घर के बाहर शरीफ औरत की तरह पेस आती है।
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